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मियां बदल के चुदवाया करो - Miya badal kar chudai karvaya karo
मियां बदल के चुदवाया करो - Miya badal kar chudai karvaya karo, हसबैंड बदल कर चुदाई - नयी कहानियाँ, मुझसे चुदवाया करो अपनी बीवी, मेरी बीवी की गैर मर्द के साथ, सवेरे भी पति बदल के चुदाया, हसबैंड अदल बदल कर खूब चुदवाया, तू मेरी बीवी चोद, मैंने तेरी बीवी चोदुं.
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मेरा मियां अपनी बीवी चुदा रहा है |
मेरी जब शादी हुई तो अम्मी ने मुझसे साफ साफ कहा देखो बेटी फ़िरोज़ा अपने मियां से चुदवाया तो क्या चुदवाया ? मज़ा तो तब है जब तुम खुल्लमखुल्ला दूसरों के मियों से चुदवाओ। अपनी ससुराल जाकर वहां मियों की खूब अदला बदली करना और अपने मियां के सामने ही दूसरों के मियां से चुदवाना। गैर मर्दों के लण्ड बड़े प्यारे होतें हैं, बेटी ? गैर मर्दों से चुदवाना बड़े फक्र की बात होती है बुर चोदी, फ़िरोज़ा ? है। अब मुझे देखो मैं तो आये दिन गैर मर्दों से चुदवाती रहती हूँ। मेरी खाला भी वही बैठी थी वह भी बोली हां फ़िरोज़ा देख आजकल मियां भी अगर सिर्फ अपनी बीवी चोदे तो क्या चोदे ? मज़ा तो तब है जब वह दूसरे की बीवियां चोदे। अब देखो न तेरा खालू भोसड़ी का कितनी बीवियां चोदता है और मैं भी मादर चोद कितने मर्दों से चुदवाती रहती हूँ। मेरी फूफी भी बोल पड़ी हां फ़िरोज़ा एक बात मैं भी तुझे बता रही हूँ की आजकल बीवियां भी आगे बढ़ कर गैर मर्दों से चुदवाने लगीं हैं । अब मेरी ही बेटी को देखो, ससुराल जाते ही पहले अपने देवर से चुदवाया, फिर एक दिन अपने जेठ से चुदवा लिया और अब किसी दिन अपने ससुर से चुदवाने वाली है। जिस दिन उसका लण्ड अपनी चूत में पेलेगी उसी दिन वह मुझे फोन पर बताएगी। इस तरह चुदवाने से वह बड़ी खुश रहती है और घर के सारे मर्दों को भी खुश रखती है। सारे मर्द उसकी गांड के पीछे पीछे लगे रहते हैं।
मैंने कहा हां फूफी तूने यह बड़ी अच्छी बात बताई है। यही बात मेरी सहेली खुशबू की अम्मी भी कह रही थी। और इसीलिए आज उसके माईके में और उसकी ससुराल में भी कोई ऐसा मर्द नहीं है जिससे खुशबू चुदवाती न हो ? मैं यह भी जानती हूँ की मेरी अम्मी, मेरी खाला मेरी फूफी सब की सब भोसड़ी वाली गैर मर्दों से चुदवाती है तो फिर मैं कैसे पीछे रह सकती हूँ। मैं एक बात का वादा करती हूँ की जल्दी ही मैं अपनी ससुराल के सारे मर्दों के लण्ड तुम लोगों के भोसड़ा में भी पेलूँगी।
शादी के बाद जब मेरी सुहागरात का मौक़ा आया तो मैं समझ नहीं पा रही थी की मेरे मियां का क्या प्लान है ? सुहागरात यहाँ होगी की किसी दूसरे शहर में ? देश में होगी की विदेश में ? घर में होगी की बाहर ? तब तक मेरी नन्द बुर चोदी आ गयी। वह बोली फ़िरोज़ा भाभी यह बताओ की तुम अपनी सुहागरात में किस किस से चुदवाना चाहोगी ? मैं यह सवाल सुनकर चौक पड़ी। हैरान रह गयी मैं। मैंने कहा यार सुहागरात में तो अपने मियां से चुदवाऊँगी और किससे ? यह भी कोई पूंछने की बात है। उसने मजाक में कहा नहीं भाभी मेरा मतलब यह था की तुम लण्ड से चुदवाओगी या फिर किसी और से ? मैंने कहा अच्छा तूने क्या अपनी सुहागरात में किसी डंडे से चुदवाया था। अरे यार लण्ड तो घोड़े और गधे का भी होता है तो मैं घोड़े और गधे से चुदवाऊँगी क्या ?
वह बोली अरे भाभी घोड़े का लण्ड बड़ा मस्त होता है और गधे के लण्ड के बारे में तो सुना ही होगा। जब उसका लण्ड खड़ा होता है तो वह उसकी टांगों से भी बड़ा हो जाता है, बहन चोद ? गधी से ज्यादा दुनिया में कोई नसीबवाली नहीं है जो इतने बड़े लण्ड का मज़ा लेती है ? मैं असली बात बता रही हूँ तुम्हे भाभी, की मेरी सुहागरात में तीन लड़को ने चोदा था मुझे ? एक तो मेरा मियां और दो उसके दोस्त। मैंने कहा तो फिर तू अपने भाई जान से पूँछ ले न वो किस किस से चुदवायेगा अपनी बीवी ? वह बोली मुझे कुछ तो मालूम है पर तुम अपने मियां के अलावा किसी और से चुदवाना पसंद करोगी भाभी ? मैंने कहा देख मेरी नन्द, मेरा मियां अपना लण्ड तो पेलेगा ही और वो खुद जिसका लण्ड पेल देगा मैं पेलवा लूंगी। मैं किसी भी सूरत में अपने मियां को नाराज़ नहीं करूंगी। बीवी उसकी है, वो जिससे चाहे चुदवाये ? जिसका चाहे उसका लण्ड पेले ? मुझे तो पेलवाने से मतलब ?
वह बोली thank you भाभी जी मुझे यही पता करना था ? क्योंकि कल मुझे ही तेरी सुहागरात का इंतज़ाम करना है। ऐसा कह कर वह चली गयी। मैं समझ गयी की सुहागरात यहीं होना हैं। मैं चुपके से फोन उठाया और अम्मी से बातें करने लगी। मैंने कहा अम्मी मेरी सुहागरात घर पर ही होगी और मुझे मेरे शौहर के अलावा कोई और भी चोदेगा ? वह बोली अरे बेटी तब तो और अच्छा है तेरा गैर मर्दों से चुदवाने का रास्ता सुहागरात से ही खुल जायेगा और फिर तुझे कभी लण्ड की कमी महसूस नहीं होगी ? देख बुर चोदी फ़िरोज़ा तुझे जो भी चोदने आये उससे अच्छी तरह चुदवाना और उन्हें खुश कर देना। फिर तो सारी ज़िन्दगी मज़ा ही मज़ा। अम्मी की बात मुझे बहुत अच्छी लगी।
रात में जब मेरा शौहर आया तो मैं अल्ला से यही दुआ कर रही थी की इसका लौड़ा बढ़िया हो ? मोटा हो और लंबा भी। और जब उसने मेरे कपड़े उतारे तो मैं अंदर से गनगना उठी।
उसने मुझे नंगी देखा तो बड़ी तारीफ करने लगा। फिर धीरे से बला देखो बेगम एक बात कहता हूँ। मेरा एक दोस्त है आज वह भी मेरे साथ मेरी सुहागरात मानेगा ? तुम्हे कोई ऐतराज़ तो नहीं है। मैंने कहा जब आप कह रहें है तो मैं आपका कहना टाल नहीं सकती। मैं वही करूंगी जो आप कहेंगें ? वह बड़ा खुश हो गया और मुझे गले से लगा लिया। मैंने जब उसका लण्ड पकड़ा तो मज़ा आ गया। लण्ड मरे मन का निकला। मैंने फिर मस्ती स चुदवाया अपने मियां से। उसके बाद उसका दोस्त आ गया। मैं तो नंगी थी ही। मैंने उसे नंगा कर दिया और बड़े प्यार से बोली आओ भोसड़ी के तुम भी मुझे चोदो। घुसेड़ो अपना लण्ड मेरी चूत में ? लेकिन मैं पहले इसे चूस कर देखूँगी। मैं उसका लण्ड चूसने लगी। लण्ड मुझे बेहद पसंद आया। फिर मुझे भी खूब मस्ती चढ़ी और मैंने हर तरफ से उससे चुदवाया। वह मुझे मस्ती से चोद कर गया।
एक घंटा के बाद एक और अडका मेरे कमरे में घुसा। मैं उसे पहचानती नहीं थी लेकिन वह करीब करीब नंगा ही था बहन चोद ? मैंने कहा अरे मादर चोद तुम तो अपना लण्ड पहले से ही खोल कर आये हो। किसे चोद कर आया है तू अपनी बहन की बुर या फिर अपनी माँ का भोसड़ा ? मेरी गाली सुनकर वह मस्त हो गया और मेरे ऊपर चढ़ बैठा। मैं उसका लण्ड चाटने लगी और वह मेरी बुर। थोड़ी देर में उसने भी भकाभक चोदना शुरू कर दिया। वह भोसड़ी का बड़ी देर तक चोदता रहा। मुझे उससे भी चुदवाने में मज़ा आया। मैं अपनी सुहागरात में तीन तीन लण्ड से चुदवाकर बहुत खुश थी। मैं जान गयी की अब मुझे कभी भी किसी से भी चुदवाने में कोई शर्म नहीं होगी। अब मैं पराये मर्दों के लण्ड का खूब मज़ा लूंगी।
सवेरा हुआ तो सबसे पहले मेरी नन्द कमरे में आई और बोली रात भर चुदवाने में मज़ा आया, फ़िरोज़ा भाभी ? मैंने कहा हां मज़ा तो आया पर वो थे कौन जो मुझे चोद गये ? उसने बताया की पहला तो तेरा शौहर था दूसरा उसका दोस्त था और तीसरा मेरे शौहर था जिसने तुम्हे चोदा। मैंने पूंछा तो फिर तू भोसड़ी की क्या कर रही थी ? उसने जबाब दिया मैं उस समय अपने देवर से चुदवा रही थी। मेरी अम्मी मेरे ससुर से चुदवा रही थी। मेरी खाला मेरे अब्बू से चुदवा रही थीं और मेरा खालू भोसड़ी का मेरी नन्द की बुर ले रहा था। मैंने कहा हाय रब्बा, रात भर लोग जाने किस किस को चोदते रहे ? वह बोली अरे भाभी हमारे घर में ऐसे ख़ुशी के मौके पर दूसरों की बीवियां चोदना बड़ा अच्छा माना जाता है।
फिर मैंने अम्मी को फोन पर सारी बातें बतायीं तो वह बोली अरी माँ की लौड़ी फ़िरोज़ा अपनी माँ के भोसड़ा का भी ख्याल रखना ? मैंने कहा अम्मी तुम चिंता न करो। अब तो मैं अपनी माँ का भोसड़ा अक्सर चुदवाती रहूंगी। सुहागरात के बाद भी मैंने देखा की कुछ लड़के मेरे पीछे पड़े हुए थे। उनमे एक लड़का मेरा देवर था फज़ल , दूसरा मेरी खाला सास का लड़का हसन और तीसरा शायद मेरी फुफिया सास का लड़का ज़फर था। इन तीनो ने मुझसे मजाक करना भी शुरू कर दिया और छुप छूप कर मुझे देखना भी। मैं मन ही मन सोंचने लगी क्यों न इन भोसड़ी वालों के भी लण्ड पकड़ देखूं। और अगर कोई मस्त लौड़ा हो तो उसे अपनी माँ के भोसड़ा में पेलूँ। मैं इसी तरह के खयाली पुलाव पका रही थी।
एक दिन मैं घर पर अकेली थी तो इतने में हसन और ज़फर दोनों आ गये । मुझसे हंसी मजाक करने लगे ? फिर मैं खुल कर बोली। मैंने कहा तुम दोनों मादर चोदों अभी तक किसी की बुर देखी है। ज़फर बोला अरे भाभी दिखाओगी तभी तो देखूंगा। मैंने कहा इसका मतलब तुमने कुछ नही देखा। तुम लोग अनाड़ी हो और मैं अनादि को घास नहीं डालती। हसन बोला अरे भाभी एक बार तो आजमाकर देख लो हमें ? मैंने कहा क्या देख लू बाबा जी का लण्ड ? जब तुमको यह मालूम ही नहीं की बुर क्या होती है तो फिर तुम्हे बुलाने का क्या फायदा। मैं क्सिस मोटे लण्ड वाले मर्द को बलाऊँगी। ज़फर बोला अरे भाभी पहले एक बार पकड़ कर देख तो लो। न पसंद आये तो भगा देना ? मैंने मुस्कराते हुए कहा अच्छा तुझे अपने लण्ड पर इतना नाज़ है ? तो फिर दिखाओ अपना लण्ड ? वह बोला भाभी पहले तुम दिखाओ न अपनी चूंचियां ? मैंने मन में सोंचा की अगर इसे चूंचियां दिखा दूँ तो इसका लण्ड और तन कर खड़ा हो जायेगा। बस मैंने अपनी ब्रा खोली और एक झलक दिखा दी चूंचियां।
दोनों बड़े खुश हो गये और बोले भाभी थोड़ी देर तक खोले ही रखो न चूंचियां। मैंने खोले रखा तो वो मस्त होने लगे। फिर मैंने उन दोनों की लुंगी खींच ली। दोनों भोसड़ी के एक साथ ही नंगी हो गये । मैंने दोनों लण्ड पकड़ लिया और उन्हें हिलाने लगी। लौड़े साले मखड़े हो गये। मैंने कहा हाय दतिता तुम दोनों तो मर्द हो गये हो ? तुम्हारा लण्ड बुर चोदने वाला हो गया है। वह बोला तो फिर चुदवा लो न प्लीज भाभी। मैंने कहा नहीं मैं पहले दोनों लण्ड से खेलूंगी, दोनों लण्ड चाटूंगी चूसूंगी और फिर मुठ्ठ मर कर पियूंगी। चुदवाऊँगी मैं बाद में ? इतनी जल्दी मैं अपनी बुर नहीं देने वाली तुम लोगों को ? तब तक लण्ड और मोटे हो गये। मैंने कहा यार लण्ड तो तुम्हारे बड़े बड़े हो गये है।
हसन बोला अरे भाभी फज़ल का लण्ड तो हम दोनों के लण्ड से बड़ा है ? मैंने मन में ठान लिया की मैं फज़ल से अपनी माँ भी चुदवाऊँगी। अब मैं उन दोनों के लण्ड चूसने लगी। मैं भी पूरी नंगी थी और वो दोनों भी। मगर देर तक वो दोनों रुक न सके और हसन पहले झड़ गया और बाद में ज़फर भी। मैंने दोनों लण्ड मस्ती से पिया . उन दोनों के जाने के बाद खाला सास की बेटी ज़ारा आ गयी ।
मेरा ससुर भोसड़ी का अपनी साली का भोसड़ा चोदता है और उसकी बिटिया की बुर चोदता है। आज रात को तुम मेरे ससुर से चुदवा कर मज़ा लो। मैं इधर अपने देवर फज़ल से चुदवाती हूँ। उसके बाद सवेरे तुम मेरे देवर से चुदवाना और मैं अपने ससुर से चुदवाऊँगी।
मैंने कहा हां फूफी तूने यह बड़ी अच्छी बात बताई है। यही बात मेरी सहेली खुशबू की अम्मी भी कह रही थी। और इसीलिए आज उसके माईके में और उसकी ससुराल में भी कोई ऐसा मर्द नहीं है जिससे खुशबू चुदवाती न हो ? मैं यह भी जानती हूँ की मेरी अम्मी, मेरी खाला मेरी फूफी सब की सब भोसड़ी वाली गैर मर्दों से चुदवाती है तो फिर मैं कैसे पीछे रह सकती हूँ। मैं एक बात का वादा करती हूँ की जल्दी ही मैं अपनी ससुराल के सारे मर्दों के लण्ड तुम लोगों के भोसड़ा में भी पेलूँगी।
शादी के बाद जब मेरी सुहागरात का मौक़ा आया तो मैं समझ नहीं पा रही थी की मेरे मियां का क्या प्लान है ? सुहागरात यहाँ होगी की किसी दूसरे शहर में ? देश में होगी की विदेश में ? घर में होगी की बाहर ? तब तक मेरी नन्द बुर चोदी आ गयी। वह बोली फ़िरोज़ा भाभी यह बताओ की तुम अपनी सुहागरात में किस किस से चुदवाना चाहोगी ? मैं यह सवाल सुनकर चौक पड़ी। हैरान रह गयी मैं। मैंने कहा यार सुहागरात में तो अपने मियां से चुदवाऊँगी और किससे ? यह भी कोई पूंछने की बात है। उसने मजाक में कहा नहीं भाभी मेरा मतलब यह था की तुम लण्ड से चुदवाओगी या फिर किसी और से ? मैंने कहा अच्छा तूने क्या अपनी सुहागरात में किसी डंडे से चुदवाया था। अरे यार लण्ड तो घोड़े और गधे का भी होता है तो मैं घोड़े और गधे से चुदवाऊँगी क्या ?
वह बोली अरे भाभी घोड़े का लण्ड बड़ा मस्त होता है और गधे के लण्ड के बारे में तो सुना ही होगा। जब उसका लण्ड खड़ा होता है तो वह उसकी टांगों से भी बड़ा हो जाता है, बहन चोद ? गधी से ज्यादा दुनिया में कोई नसीबवाली नहीं है जो इतने बड़े लण्ड का मज़ा लेती है ? मैं असली बात बता रही हूँ तुम्हे भाभी, की मेरी सुहागरात में तीन लड़को ने चोदा था मुझे ? एक तो मेरा मियां और दो उसके दोस्त। मैंने कहा तो फिर तू अपने भाई जान से पूँछ ले न वो किस किस से चुदवायेगा अपनी बीवी ? वह बोली मुझे कुछ तो मालूम है पर तुम अपने मियां के अलावा किसी और से चुदवाना पसंद करोगी भाभी ? मैंने कहा देख मेरी नन्द, मेरा मियां अपना लण्ड तो पेलेगा ही और वो खुद जिसका लण्ड पेल देगा मैं पेलवा लूंगी। मैं किसी भी सूरत में अपने मियां को नाराज़ नहीं करूंगी। बीवी उसकी है, वो जिससे चाहे चुदवाये ? जिसका चाहे उसका लण्ड पेले ? मुझे तो पेलवाने से मतलब ?
वह बोली thank you भाभी जी मुझे यही पता करना था ? क्योंकि कल मुझे ही तेरी सुहागरात का इंतज़ाम करना है। ऐसा कह कर वह चली गयी। मैं समझ गयी की सुहागरात यहीं होना हैं। मैं चुपके से फोन उठाया और अम्मी से बातें करने लगी। मैंने कहा अम्मी मेरी सुहागरात घर पर ही होगी और मुझे मेरे शौहर के अलावा कोई और भी चोदेगा ? वह बोली अरे बेटी तब तो और अच्छा है तेरा गैर मर्दों से चुदवाने का रास्ता सुहागरात से ही खुल जायेगा और फिर तुझे कभी लण्ड की कमी महसूस नहीं होगी ? देख बुर चोदी फ़िरोज़ा तुझे जो भी चोदने आये उससे अच्छी तरह चुदवाना और उन्हें खुश कर देना। फिर तो सारी ज़िन्दगी मज़ा ही मज़ा। अम्मी की बात मुझे बहुत अच्छी लगी।
रात में जब मेरा शौहर आया तो मैं अल्ला से यही दुआ कर रही थी की इसका लौड़ा बढ़िया हो ? मोटा हो और लंबा भी। और जब उसने मेरे कपड़े उतारे तो मैं अंदर से गनगना उठी।
उसने मुझे नंगी देखा तो बड़ी तारीफ करने लगा। फिर धीरे से बला देखो बेगम एक बात कहता हूँ। मेरा एक दोस्त है आज वह भी मेरे साथ मेरी सुहागरात मानेगा ? तुम्हे कोई ऐतराज़ तो नहीं है। मैंने कहा जब आप कह रहें है तो मैं आपका कहना टाल नहीं सकती। मैं वही करूंगी जो आप कहेंगें ? वह बड़ा खुश हो गया और मुझे गले से लगा लिया। मैंने जब उसका लण्ड पकड़ा तो मज़ा आ गया। लण्ड मरे मन का निकला। मैंने फिर मस्ती स चुदवाया अपने मियां से। उसके बाद उसका दोस्त आ गया। मैं तो नंगी थी ही। मैंने उसे नंगा कर दिया और बड़े प्यार से बोली आओ भोसड़ी के तुम भी मुझे चोदो। घुसेड़ो अपना लण्ड मेरी चूत में ? लेकिन मैं पहले इसे चूस कर देखूँगी। मैं उसका लण्ड चूसने लगी। लण्ड मुझे बेहद पसंद आया। फिर मुझे भी खूब मस्ती चढ़ी और मैंने हर तरफ से उससे चुदवाया। वह मुझे मस्ती से चोद कर गया।
एक घंटा के बाद एक और अडका मेरे कमरे में घुसा। मैं उसे पहचानती नहीं थी लेकिन वह करीब करीब नंगा ही था बहन चोद ? मैंने कहा अरे मादर चोद तुम तो अपना लण्ड पहले से ही खोल कर आये हो। किसे चोद कर आया है तू अपनी बहन की बुर या फिर अपनी माँ का भोसड़ा ? मेरी गाली सुनकर वह मस्त हो गया और मेरे ऊपर चढ़ बैठा। मैं उसका लण्ड चाटने लगी और वह मेरी बुर। थोड़ी देर में उसने भी भकाभक चोदना शुरू कर दिया। वह भोसड़ी का बड़ी देर तक चोदता रहा। मुझे उससे भी चुदवाने में मज़ा आया। मैं अपनी सुहागरात में तीन तीन लण्ड से चुदवाकर बहुत खुश थी। मैं जान गयी की अब मुझे कभी भी किसी से भी चुदवाने में कोई शर्म नहीं होगी। अब मैं पराये मर्दों के लण्ड का खूब मज़ा लूंगी।
सवेरा हुआ तो सबसे पहले मेरी नन्द कमरे में आई और बोली रात भर चुदवाने में मज़ा आया, फ़िरोज़ा भाभी ? मैंने कहा हां मज़ा तो आया पर वो थे कौन जो मुझे चोद गये ? उसने बताया की पहला तो तेरा शौहर था दूसरा उसका दोस्त था और तीसरा मेरे शौहर था जिसने तुम्हे चोदा। मैंने पूंछा तो फिर तू भोसड़ी की क्या कर रही थी ? उसने जबाब दिया मैं उस समय अपने देवर से चुदवा रही थी। मेरी अम्मी मेरे ससुर से चुदवा रही थी। मेरी खाला मेरे अब्बू से चुदवा रही थीं और मेरा खालू भोसड़ी का मेरी नन्द की बुर ले रहा था। मैंने कहा हाय रब्बा, रात भर लोग जाने किस किस को चोदते रहे ? वह बोली अरे भाभी हमारे घर में ऐसे ख़ुशी के मौके पर दूसरों की बीवियां चोदना बड़ा अच्छा माना जाता है।
फिर मैंने अम्मी को फोन पर सारी बातें बतायीं तो वह बोली अरी माँ की लौड़ी फ़िरोज़ा अपनी माँ के भोसड़ा का भी ख्याल रखना ? मैंने कहा अम्मी तुम चिंता न करो। अब तो मैं अपनी माँ का भोसड़ा अक्सर चुदवाती रहूंगी। सुहागरात के बाद भी मैंने देखा की कुछ लड़के मेरे पीछे पड़े हुए थे। उनमे एक लड़का मेरा देवर था फज़ल , दूसरा मेरी खाला सास का लड़का हसन और तीसरा शायद मेरी फुफिया सास का लड़का ज़फर था। इन तीनो ने मुझसे मजाक करना भी शुरू कर दिया और छुप छूप कर मुझे देखना भी। मैं मन ही मन सोंचने लगी क्यों न इन भोसड़ी वालों के भी लण्ड पकड़ देखूं। और अगर कोई मस्त लौड़ा हो तो उसे अपनी माँ के भोसड़ा में पेलूँ। मैं इसी तरह के खयाली पुलाव पका रही थी।
एक दिन मैं घर पर अकेली थी तो इतने में हसन और ज़फर दोनों आ गये । मुझसे हंसी मजाक करने लगे ? फिर मैं खुल कर बोली। मैंने कहा तुम दोनों मादर चोदों अभी तक किसी की बुर देखी है। ज़फर बोला अरे भाभी दिखाओगी तभी तो देखूंगा। मैंने कहा इसका मतलब तुमने कुछ नही देखा। तुम लोग अनाड़ी हो और मैं अनादि को घास नहीं डालती। हसन बोला अरे भाभी एक बार तो आजमाकर देख लो हमें ? मैंने कहा क्या देख लू बाबा जी का लण्ड ? जब तुमको यह मालूम ही नहीं की बुर क्या होती है तो फिर तुम्हे बुलाने का क्या फायदा। मैं क्सिस मोटे लण्ड वाले मर्द को बलाऊँगी। ज़फर बोला अरे भाभी पहले एक बार पकड़ कर देख तो लो। न पसंद आये तो भगा देना ? मैंने मुस्कराते हुए कहा अच्छा तुझे अपने लण्ड पर इतना नाज़ है ? तो फिर दिखाओ अपना लण्ड ? वह बोला भाभी पहले तुम दिखाओ न अपनी चूंचियां ? मैंने मन में सोंचा की अगर इसे चूंचियां दिखा दूँ तो इसका लण्ड और तन कर खड़ा हो जायेगा। बस मैंने अपनी ब्रा खोली और एक झलक दिखा दी चूंचियां।
दोनों बड़े खुश हो गये और बोले भाभी थोड़ी देर तक खोले ही रखो न चूंचियां। मैंने खोले रखा तो वो मस्त होने लगे। फिर मैंने उन दोनों की लुंगी खींच ली। दोनों भोसड़ी के एक साथ ही नंगी हो गये । मैंने दोनों लण्ड पकड़ लिया और उन्हें हिलाने लगी। लौड़े साले मखड़े हो गये। मैंने कहा हाय दतिता तुम दोनों तो मर्द हो गये हो ? तुम्हारा लण्ड बुर चोदने वाला हो गया है। वह बोला तो फिर चुदवा लो न प्लीज भाभी। मैंने कहा नहीं मैं पहले दोनों लण्ड से खेलूंगी, दोनों लण्ड चाटूंगी चूसूंगी और फिर मुठ्ठ मर कर पियूंगी। चुदवाऊँगी मैं बाद में ? इतनी जल्दी मैं अपनी बुर नहीं देने वाली तुम लोगों को ? तब तक लण्ड और मोटे हो गये। मैंने कहा यार लण्ड तो तुम्हारे बड़े बड़े हो गये है।
हसन बोला अरे भाभी फज़ल का लण्ड तो हम दोनों के लण्ड से बड़ा है ? मैंने मन में ठान लिया की मैं फज़ल से अपनी माँ भी चुदवाऊँगी। अब मैं उन दोनों के लण्ड चूसने लगी। मैं भी पूरी नंगी थी और वो दोनों भी। मगर देर तक वो दोनों रुक न सके और हसन पहले झड़ गया और बाद में ज़फर भी। मैंने दोनों लण्ड मस्ती से पिया . उन दोनों के जाने के बाद खाला सास की बेटी ज़ारा आ गयी ।
- वह मुझसे बातें करने लगी बोली भाभी सुहागरात में मज़ा आया की नहीं।
- मैंने कहा मुझे तो आया पर तू बता तूने उस रात में क्या किया था ?
- वह बोली सच बताऊँ भाभी मैं तो छुप छुप कर सबकी चुदाई देख रही थी।
- मैंने मजाक में पूंछा तो फिर तूने अपनी माँ का भोसड़ा चुदते हुए देखा ?
- हां भाभी बिलकुल देखा और तब मुझे मालूम हुआ की मेरी अम्मी बुर चोदी बड़ी मस्त चुदवाने वाली औरत है। अरे भाभी वह तो ब्लू फिल्म की हीरोइन की तरह चुदवा रही थी भोसड़ी वाली।
- अरे ज़रा तू अपनी माँ को गाली देती है।
- तो क्या हुआ वह भी मुझे गाली देती है। रोज़ ही मेरी माँ बहन चोदती रहती हैं। बिना गाली के मुंह नहीं खोलती अपना।
- तो फिर तेरी माँ कौन चोद रहा था ?
- अरे वही मेरा खालू यानी तेरा ससुर भाभी।
- तो उसका लौड़ा तुम्हे कैसा लगा, ज़रा ?
- अरे भाभी क्या मस्त लौड़ा है उसका बहन चोद ? बड़ा मोटा है साला और लंबा भी है। मैंने जब पहली बार पकड़ा था भाभी तो मेरी गांड फट गयी थी।
- तो अब नहीं फटती क्या तेरी गांड ज़ारा ?
- अरे अब तो मैं बड़े बड़े लण्ड लेने लगीं हूँ भाभी अपनी बुर में, भाभी ? अब तो उसके ऐसे लण्ड दो दो / तीन तीन से सकती हूँ।
मेरा ससुर भोसड़ी का अपनी साली का भोसड़ा चोदता है और उसकी बिटिया की बुर चोदता है। आज रात को तुम मेरे ससुर से चुदवा कर मज़ा लो। मैं इधर अपने देवर फज़ल से चुदवाती हूँ। उसके बाद सवेरे तुम मेरे देवर से चुदवाना और मैं अपने ससुर से चुदवाऊँगी।
मैं रात को फज़ल को अपने कमरे में पकड़ ले गयी और बोली सुना है भोसड़ी के तेरा लौड़ा बहुत बड़ा है । मुझे भी दिखाओ न अपना लण्ड। यह कहते हुए मैंने उसकी लुंगी घसीट ली तो वह चड्ढी में आ गया फिर तुरंत चड्ढी भी खोल दी लौड़ा बाहर जवानी का मज़ा लूटो। आ गया। हालांकि वह खड़ा नहीं था। मैं उसे पकड़ कर हिलाने लगी। ऊपर नीचे करने लगी तो वह खड़ा होने लगा। इधर मुझे जब उसने पूरी नंगी देखा तो लण्ड टन्ना गया। मैं उसे मुंह में लेकर चूसने लगी। लंड वाकई उन दोनों के लण्ड से बड़ा था। मैंने पूंछा तुम किसी किस ही बुर चोद चुके हो फज़ल। वह बोला भाभी सब लड़कियां मेरा लण्ड पकड़ और मजे चुदवाती हैं। मेरी खाला मेरी बुआ मेरी मामी जान अब अपना अपना भोसड़ा चुदवाती हैं।
मैंने कहा तो फिर आज तुम अपनी भाभी की बुर चोदो। मैंने चूत खोल कर कहा और वह भूंखे भेड़िये की तरह चोदने लगा मुझे। बड़ा मज़ा आया मुझे। मैंने रात में एक बार फिर चुदवाया। सवेरे जब अम्मी मिली तो बोली हाय फ़िरोज़ा बड़ा मस्त लौड़ा है तेरे ससुर का, बेटी। उसने मेरे भोसड़ा की गांड मार दी। दो बार चोद कर उसने मुझे मस्त कर दिया अब तू भी चुदवा कर देख ले बुर चोदी फिरोज़ा । मैंने कहा और तू भोसड़ी की मेरे देवर से चुदवाकर देख ले। बड़ा सख्त लौड़ा है इसका। फिर मैंने अपने ससुर से चुदवाया और अम्मी ने मेरे देवर से।
एक दिन मैं बैठी थी मेरे साथ खुशबू थी और मेरी खाला की लड़की ज़ोया।
हमारे बीच खूब गन्दी गन्दी बाते हो रही थीं। इतने में अम्मी आ गयीं वह बोली तुम लोग यहाँ बैठी बैठी अपनी अपनी माँ चुदा रही हो क्या ? वख़्त बर्बाद कर रही हो भोसड़ी वालियों। तुम सबकी शादी हो गयी है तो फिर एक दूसरे के मियां से क्यों नहीं चुदवाती हो ? एक दूसरे के मियां का लण्ड चूसो और फिर उसे अपनी अपनी चूत में घुसा कर चुदवाओ। जवानी का मज़ा लूटो। खुशबू बोली यार फ़िरोज़ा आंटी तो सही बात कह रही हैं। मैं तो अपने मियां तो बुला लेती हूँ। तुम दोनों आज रात उसी से चुदवाओ मेरे सामने। ज़ोया बोली यार मेरा मियां तो मेरे साथ ही आया है। मैंने कहा और मेरा मियां भी आ गया है यार। मेरा मियां शैफ ज़ोया का लमियां ज़हीर और खुश बू का मियां अख्तर तीनो एक दूसरे से मिले। हमने ड्रिंक्स शुरू कर दी। तीनो मर्द एक से बढ़ कर एक थे।
मैंने कहा आज दुनियां बदल गयी है। लोग अपनी अपनी ज़िन्दगी खून एन्जॉय करते है। मैंने सुना है लोग आजकल एक दूसरे बीवियां खूब चोद रहें हैं। मैंने तुम तीनो को एक दूसरे की बीवियां चोदने के लिए बुलाया है। अब किसी को अगर ऐतराज़ हो तो वह बता दे। मेरी अम्मी, मेरी खाला, मेरी फूफी मेरी मामी सब की सब बुर चोदी आज भी मरद अदल बदल कर चुदवाती हैं। हम भी चाहती हैं की मरद बदले और खूब चुदवायें ? बोलो ज़हीर और अख्तर क्या तुम लोग मुझे चोदने के लिए तैयार हो ? वो एक स्वर में बोले अरे भाभी जब आप जैसी खूबसूरत बीवी चुदवाने को तैयार हो तो कौन भोसड़ा का मना करेगा ? मैंने एक हाथ अख्तर के लण्ड पर रखा और दूसरा हाथ ज़हीर के लण्ड पर और कहा तो फिर खोलो न अपना अपना मादर चोद लण्ड और चोदो परायी बीवी की बुर ?
खुशबू और ज़ोया अपने कपडे खोलने लगी। और जब वे दोनों नंगी हो गयी तो इन सालों की आँखें खुली की खुली रह गयीं। इन सालो ने कभी इतनी खूबसूरत लड़की देखी ही नहीं थी। मैं तो बस नंगी नंगी ज़ोया के मियां ज़हीर के लण्ड पर टूट पड़ी। ज़ोया खुशबू के मियां अख्तर का लण्ड हिलाने लगी और खुशबू मेरे मियां शैफ का लण्ड ? हम तीनो एक दूसरे के मियां का लण्ड पाकर मस्त हो गयीं। थोड़ी देर तक इस तरह से लण्ड चाटने के बाद मेरी नज़र खुशबू के मियां के लण्ड पर पड़ी। मेरा मन हुआ की मैं उसे भी चूसूँ। बस मैं हाथ बढाकर उसका लण्ड पकड़ लिया। तब ज़ोया ने मेरे मियां का लण्ड चीन लिया और और खुशबू ने मेरे हाथ से ज़ोया के मियां ज़हीर का लण्ड ले लिया। हम तीनो के लण्ड फिर बदल गये तो मस्ती बहन चोद दूनी हो गयी। मेरी चूत तो बुर चोदी पहले से ही गीली थी।
मैं खुशबू के मियां से चुदवाने लगी।
ज़ोया मेरे मियां से चुदवाने लगी और
खुशबू ज़ोया के मियां से चुदवाने लगी।
मैं मन ही मन सोंच रही थी की अम्मी ने ठीक ही कहा था की मज़ा तो पराये मर्दों से चुदवाने में है। तब ताकि कमरे में अम्मी खाला के साथ आ गयी। वो दोनों हम सबको पराये मर्दों से चुदवाते हुए देख कर बहुत खुश हुई। खाला बड़ी मस्ती से बोली अरी फ़िरोज़ा भोसड़ी की तुम लोग इसी तरह अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाया करो। तब खुशबू ने जबाब दिया हां आंटी और तुम लोग भी इसी तरह अपनी अपनी बिटिया की बुर चढ़वाया करो।
इसी बात पर सब लोग हंसने लगे। हंसी सुनकर मेरी फूफी भी कमरे में आ गयीं वह भी हमारी चुदाई देखने लगीं ? फिर वह बोली हाय फ़िरोज़ा इसी तरह तुम लोग अपने अपने मियां का लण्ड अपनी अपनी माँ के भोसड़ा में पेलो और चोदो अपनी अपनी माँ का भोसड़ा ?
मैंने कहा फूफी मैं तो सबसे पहले अपने मियां का लण्ड तेरे भोसड़ा में पेलूँगी।
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