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ट्रेन में पतियों की अदला बदली - Rel mein aadmiyon ko badal kar chudai
ट्रेन में पतियों की अदला बदली - Rel mein aadmiyon ko badal kar chudai , ट्रेन में बीवियों की अदला बदली , बीवियों ने की पतियों को दिलवाई दूसरी औरतों की चूत गांड , अपने पार्टनर बदल कर सेक्स , Antarvasna Biwi ki adla badli , बम्बई वाली ट्रेन में चोदा चादी , अनजाने आदमियों से की चुदाई , गैर आदमियों से चुदी सेक्स कहानी.
हो सकता है की आपको मेरी बातों पर यकीन न हो लेकिन है यह बात बिलकुल सही ? यह मेरी अपनी कहानी है, सच्ची कहानी है और मैं इसे बिना नमक मिर्च लगाए आपको सुनाने जा रही हूँ। मेरा नाम वैशाली है मैं एक बंगाली लड़की हूँ और कोलकाता में रहती हूँ। मेरी उम्र २५ साल की है शादी शुदा हूँ और मस्ती से अपनी लाइफ जी रही हूँ। मेरे पति मिस्टर देव नाथ है इन्हे लोग देव के नाम से ज्यादा जानते हैं। वह ५' १०" के है देखने में स्मार्ट और हैंडसम हैं। मैं भी खूबसूरत हूँ अच्छे कद काठी वाली हूँ बड़ी बड़ी आँखे और बड़ी बड़ी चूंचियों वाली हूँ। पतली कमर और गुन्दाज़ बाहों वाली हूँ। बड़े बाड़े बाल हैं मेरे और गोरा गोरा गोल चेहरा ? लेकिन मैं बड़ी सेक्सी होने के साथ सेक्स एन्जॉय करने वाली लड़की हूँ। अब तो मैं किसी की बीवी हूँ। लेकिन सेक्स करने में कोई कसर नहीं छोड़ती। इसमें मेरा पति भी मुझे पूरा साथ देता है। हम दोनों इससे बहुत खुश थे और हैं।
२/३ साल इसी तरह बीत गये पता ही नहीं चला लेकिन फिर धीरे धीरे सेक्स में रूचि कम होने लगी। कभी मेरा मन नहीं तो कभी मेरे पति का मन नहीं ? इसका असर मेरे काम कर भी होने लगा। हम दोनों धीरे धीरे निराशा की तरफ बढ़ने लगे। कारण क्या है इसका ख्याल न मुझे रहा और न मेरे पति को। कभी कभी अकेले बैठी हुई सोंचा करती की ऐसा क्यों हो रहा है ? अभी तो पूरी ज़िन्दगी पड़ी है ? अभी से इतनी उदासीनता क्यों ? अभी से ही सेक्स से मोह भंग क्यों हो रहा है ? एक बात तो आपको बताना भूल ही गयी। कहतें है की Kolkata is a city of joy इसलिए मैं कॉलेज के दिनों में ही सिगरेट और शराब पीना सीख गयी थी। संयोग से मेरे पति भी इन दोनों चीज के शौकीन है। इसलिए करीब करीब हर शाम को हम दोनों शराब और सिगरेट का लुत्फ़ ले लेतें हैं।
एक बार मुझे कोलकाता से मुंबई जाना था। मेरा रिजर्वेशन 1st A / C में था। हम दोनों सही समय पर ट्रैन पर पहुँच गये। अपना सामान जमा लिया और अपने लोअर बर्थ पर बैठ गयी। मेरे हसबैंड कुछ सामान लेने के लिए ट्रैन के बाहर उतर गए। इतने में मैंने देखा की मेरी कॉलेज की एक सहेली नेहा हमारे कूपे में घुस आई और अपना बर्थ नंबर ढूंढने लगी। मैंने उसे देख कर बोली हां भई हां यही है तेरा बर्थ नेहा। वह बोली वाओ, वैशाली तू यहाँ ? यार क्या इत्तिफ़ाक़ है ? लो इनसे मिलो यह है मेरा हसबैंड मिस्टर अतुल ? मैं उसे मिली तो मुझे बहुत अच्छा लगा। उन लोगों ने भी सामान वगैरह रख लिया। तब तक मेरा पति आ गया। मैंने कहा अरे देखो यह है नेहा मेरी क्लास फेलो। हम दोनों एक ही कॉलेज के और एक ही क्लास के पढ़तीं थीं। वह भी नेहा सी मिलकर खुश हुआ और नेहा भी उससे मिलकर। ट्रेन चल पड़ी तो थोड़ी देर में टी टी आ गया। उसने टिकट चेक किया और बोला एन्जॉय योर जर्नी। अब आपको रात में कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा। ऐसा कह कर वह चला गया। शाम के ८ बजे थे। मैंने धीरे से व्हिस्की निकाली और कहा नेहा चलो आज हो जाए बहुत दिनों के बाद ? वह भी खुश हो गयी और इस तरह हम चारों शराब चुप चाप पीने लगे। नशा चढ़ने लगा और मस्ती छाने लगी।
नेहा बोली ;- यार वैशाली वह भी क्या दिन थे यार ? कितनी मस्ती आती थी लड़कों को चिढ़ाने में ? उन की टांग खीचने में ?
मैंने कहा :- यार टांग खींचने में नहीं उनकी माँ बहन एक करने में मज़ा आता था। मैं तो खूब गालियां सुनाती थी लड़कों को ? और तू भी तो खूब गालियां देती थी और गन्दी गन्दी बातें भी सुनाती थी तू।
नेहा बोली :- और एक दिन तो हद ही हो गयी थी जब तूने अपनी झांटें लड़कों को दिखा दी थीं।
मेरा पति बोला :- वाओ, क्या ऐसा भी हुआ था। मेरी बीवी ने किसी को अपनी झांटें दिखा दीं थीं।
नेहा बोली :- हां यार बिलकुल सही बात है और तब लड़के भी खूब तालियां बजा बजा कर मज़ा लेने लगे थे।
मैंने कहा :- और तूने जब उस लड़के से कहा था की मर्द है तू तो अपना लण्ड दिखा भोसड़ी के ? उसके बाद तूने जब तक उसका लण्ड देख नहीं लिया तब तक उसे जाने नहीं दिया।
अतुल बोला :- वाओ, तो तूने नेहा उस लड़के का लण्ड देखा था ? दूर से देखा था की पकड़ कर देखा था लण्ड ?
नेहा बोली :- अरे यार लण्ड बहन चोद बिलकुल ठंडा था उसे पकड़ने की क्या जरुरत थी। बस दूर से देख लिया। वह तो एक मजाक था ?
अतुल बोला :- तो उसके बाद किसी और का खड़ा लण्ड पकड़ा तूने कभी, नेहा ?
नेहा बोली :- हां पकड़ा अपने पति एक खड़ा लण्ड पकड़ा और अब किसी का और भी खड़ा लण्ड पकड़ूंगी वह भी तेरे सामने ? (यह बात नेहा ने मुझे आँख मारते हुए कही)
हम सब हंस पड़े
मेरा पति बोला :- देखो जब इतना बता दिया है तो फिर सब सच बता दो न वैशाली ? तुम भी लड़कों के लण्ड पकड़ती होगी ?
मैंने जबाब दिया :- हां बिलकुल पकड़ती थी। लेकिन मस्ती के लिए। मैंने लण्ड पकड़ा भी है हिलाया भी और चूसा चाटा भी है।
नेहा बोली :- हां और एक बार हम दोनों ने एक एक लण्ड पकड़ कर मुठ्ठ भी मारी है और मुठ्ठ मार कर लण्ड कर पीया भी है। पर हां टच वुड हम दोनों ने कभी चुदवाया नहीं ?
मेरा पति हंस कर बोला :- अब तो चुदवा रही हो न अपने पति से नेहा भाभी ?
नेहा बोली :- तो क्या तेरा मतलब मैं अपने पति से भी न चुदवाऊँ ? क्या मैं तुमसे चुदवाऊँ ?
उसकी बात पर एक बार फिर हम सब हंस पड़े।
नेहा फिर बोली :- देखो भोसड़ी वालों अब हमने अपनी पूरी बात बता दी अब तुम लोग बताओ की कितनी लड़कियां चोदी है तुम लोगों ने ? मेरा पति बोला ;- हां जरूर चोदी हैं लेकिन २ लड़कियां बस वह भी २/३ बार बस ?
अतुल बोला :- मैंने लण्ड पकड़ाया तो जरूर है कई लड़कियों को पर चोदा किसी को नहीं।
इतने में अचानक स्टेशन आ गया। ट्रेन रुक गयी। मेरा पति और नेहा का पति दोनों ट्रेन के नीचे उतर गए।
तब मैंने नेहा से कहा यार तेरे पति ने कई लड़कियों को अपना लण्ड पकड़ाया है तो फिर उससे कहो न की आज मुझे पकड़ा दे अपना लण्ड। यहाँ ट्रेन में इस कूपे न कोई और आने वाला है और न कोई जाने वाला ? हम दोनों ही हैं और यात्रा बड़ी लम्बी है। इतने समय में तो बहुत अच्छा काम हो जायेगा। यार मैं तेरे पति का लण्ड पकड़ना चाहती हूँ। नेहा बोली हां बात तो तेरी सही है वैशाली। मैं सोंच रही हूँ की हम एक दूसरे के पति का लण्ड पकड़ें तो कितना मज़ा आएगा ? और सिर्फ लण्ड ही क्यों पकड़ें ? एक दूसरे के पति से चुदवा ले तो और भी ठीक रहेगा ? यार मैंने आज तक कभी किसी से ट्रेन में नहीं चुदवाया । आज अगर मैं तेरे पति से चुदवाती हूँ तो बड़ा मज़ा आएगा ? मैं कहा हां यार मैं तेरे पति से तेरे सामने चुदवाऊँ और तुम मेरे पति से मेरे सामने चुदवाओ। तब देखो कितना मज़ा आता है ? नेहा पलट कर बोली तो फिर ऐसा करो तुम अपने पति से बात कर लो। मैं भी अपने पति से बात लेती हूँ।
इतने में ट्रेन चल पड़ी और वे दोनों कूपे में वापस आ गए।
हम दोनों ने आँखों आँखों में इशारे से बात करने के लिए कहा ?
थोड़ी देर में मैंने नेहा को आँखों से बताया की मेरा पति तैयार है। उसने भी इशारा करके बताया की मेरा भी पति तैयार है। बस फिर हम सबने एक एक पैग शराब पी। पीने के बाद मेरा पति सामने वाली बर्थ पर नेहा के पास बैठ गया और उसका पति अतुल मेरे बगल में आकर बैठ गया। बैठते ही वह मेरी चूंचियां टटोलने लगा। उधर मेरे पति ने नेहा की चूनियों को दबाना शुरू कर दिया। उसने नेहा की चुम्मी भी ली और उसे अपनी बाहों में भी भर लिया। इधर मैं भी अतुल की बाहों में समा गयी और उसने भी मेरी खूब चुम्मी ली। वह तो मेरे ब्लाउज़ के अंदर हाथ घुसेड़ कर मेरी चूंचियां मसलने लगा। मैंने कहा अरे यार रुको न थोड़ा मैं तेरे लिए ये बुर चोदी चूंचियां खोल कर बाहर कर देती हूँ। तब तक नेहा अपनी चूंचियां खोल चुकी थी। अब दोनों मरद एक दूसरे की बीवी की चूंचियां चाटने लगे। चूसने लगे चूंचियां और कमर के हाथ डाल कर मज़ा लेने लगे।
मैं नेहा के मियां का लण्ड ऊपर से ही दबाने लगी और नेहा भी मेरे मियां का लौड़ा ऊपर से ही सहलाने लगी। मुझे आभाष हुआ की लण्ड में दम है और इससे चुदवाने में मज़ा आ जायेगा। मैं चुदाने के लिए बड़ी बेताब हो रही थी। यही हाल बुर चोदी नेहा का भी था। तब तक मैंने अपनी साड़ी उतार कर फेंक दी और नेहा ने भी। हम दोनों की चूंचियां लगभग बराबर थीं। साइज़ में एक जैसी दिखने वाली चूंचियां बनावट में अलग अलग थीं। इसी कारन दोनों मर्दों को खूब मज़ा आ रहा था। मेरे ऊपर वासना और गर्मी दोनों ही बुरी तरह सवार थीं। मैं उठी और अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलने लगी। देखते ही देखते मेरा पेटीकोट धड़ाम से नीचे गिर पड़ा और मैं पूरी तरह नंगी हो गयी। अतुल का हाथ सीधे मेरी चूत पर चला गया। वह बोला वाओ, वैशाली भाभी आपकी चूत तो बड़ी मस्त और सेक्सी है ? मेरी चूत की झांटें बिलकुल साफ थीं। उधर तब तक नेहा भी बिलकुल नंगी हो चुकी थी। मेरा पति उसकी चूत देख कर मस्त हो गया। वह चूत पर हाथ फेरने लगा। वह बोला हाय नेहा भाभी तेरी छोटी छोटी झांटों वाली चूत मुझे बहुत ही हॉट और सेक्सी लग रही है। उसने झुक कर चूत की कई बार चुम्मी ली। नेहा भोसड़ी की मस्त होने लगी।
फिर मैंने अतुल को अपने सामने खड़ा किया और मैं बर्थ पर बैठ गयी। मैं उसके कपड़े उतारने लगी। जब उसकी चड्ढी बची तो मैं समझ गयी की लण्ड तमतमाया हुआ है। बस मैंने दोनों तरफ अपनी उंगलियां फँसायीं और झर्र से चड्ढी नीचे घसीट दी तो लण्ड टन्न से मेरे मुंह पर लगा। मुझे लगा की जैसे लण्ड ने मेरे गाल पर तमाचा जड़ दिया। मैंने लण्ड मुठ्ठी में लिया और हिलाने लगी। लण्ड साला अज़गर की तरह फ़ुफ़कारने लगा। तब तक नेहा भी मेरे पति का लण्ड पकड़ चुकी थी। मेरे कुछ कहने के पहले ही वह बोली हाय वैशाली तेरे मियां का लण्ड तो मादर चोद मेरी चूत के चीथड़े उड़ा देगा। देखो न माँ का लौड़ा कितना मोटा है तेरे मियां का लण्ड ? इसे अब तक क्यों छुपा के रखा तूने ? पहले बताया होता तो जाने कितनी बार मैं इसे अपनी चूत में पेल चुकी होती ? हाय दईया कितना मस्त मौला है तेरे मरद का लण्ड ? मैंने कहा अरे यार तेरे मियां का लण्ड भी जबरदस्त है ? देखो भोसड़ी का किस तरह से मेरे सामने टन टना कर खड़ा हुआ है। लण्ड का सुपाड़ा तो बहन चोद बड़ा सेक्सी है यार ?
मैंने उसे बर्थ पर लिटा दिया और उसकी टांगों के बीच बैठ कर लण्ड पकड़ कर मुठियाने लगी। उधर मेरे सामने वाली बर्थ पर नेहा बैठ कर मेरे पति का लण्ड मुठियाने लगी। मैं उसे देख रही थी वह मुझे ? उसका मियां मेरे मियां को देख रहा था और मेरा मियां उसके मियां को। दोनों खूब मुस्करा रहे थे। बस मैं झुक कर नेहा के मियां का लण्ड चाटने चुसने लगी और नेहा मेरे मियां का लण्ड ?
ट्रेन अपनी पूरी रफ़्तार से चली जा रही थी।
थोड़ी तक तो मैं मस्ती से अतुल का लण्ड चूसती रही उसके पेल्हड़ चाटती रही। लेकिन फिर अचानक वह उठा और मुझे नीचे लिटा दिया और खुद मेरे ऊपर चढ़ बैठा। उसने लण्ड मेरी चूत पर टिकाया और एक जोर का धक्का मारा लण्ड बहन चोद गप्प से अंदर घुस गया और पपुरा घुस गया। मेरी चीख निकल पड़ी भोसड़ी के, पूरा लण्ड एक ही बार में पेल दिया ? फिर जब उसने ३/४ बार लण्ड अंदर बाहर किया तो मज़ा आने लगा। मैं मजे से चुदवाने लगी। उधर मेरे सामने मेरे मियां ने नेहा की बुर में लण्ड घुसेड़ दिया। नेहा बोली मादर चोद कितना बड़ा है रे तेरा लण्ड साला अंदर घुसता ही जा रहा है। हाय दईया आज मुझे चुदाने में एक अलग तरीके का मज़ा आ रहा है। फिर क्या हम दोनों एक दूसरे के मरद से भकाभक चुदवाने लगीं ?
मेरा मियां बोला :- यार अतुल, मुझे तेरी बीवी चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है। और अहा तेरी बीवी बहुत अच्छी तरह से चुदवा रही है ?
उसका मियां बोला :- हां यार मुझे भी तेरी बीवी की बुर चोदने में ज़न्नत का मज़ा आ रहा है। वैशाली भाभी भी बहुत मस्ती से बुर चुदवा रही हैं। यार मुझे पहले नहीं मालूम था की दोस्त की बीवी चोदने में इतना मज़ा आता है। मैं तो अब दोस्तों की बीवियां चोदा करूंगा।
मेरा मियां बोला :- मैं तो अपने दोस्तों की बीवियां भी चोदूंगा और तेरे दोस्तों की बीवियां भी चोदूंगा, अतुल ?
फिर दोनों लोग हमें पीछे से चोदने लगे। उसके बाद मैं अतुल के लण्ड पर बैठ गयी और नेहा मेरे पति के लण्ड पर। हम दोनों कूद कूद कर चुदवाने लगीं। तब तक अतुल बोला हाय भाभी अब मैं निकल जाऊंगा। मैं फ़ौरन लण्ड से उतरी और लण्ड मुठ्ठी में लेकर सड़का मारने लगी। दनादन्न लण्ड ऊपर नीचे करने लगी लण्ड ? तब तक नेहा भी मेरे पति का लण्ड पकड़ कर सड़का लगाने लगी। हम दोनों लण्ड का सड़का मारने में जुट गयी और दोनों मरद बहन चोद सिसियाने लगे। हमारी रफ़्तार तेज होने लगी और वे दोनों सी सी,,, हूँ हूँ,,,, चूँ चीं ,,,,, हाय और तेज,,, हु हूँ,,,,, हा हो ही,,,, अ ओ,,,,, हाय रे,,, हूँ,, आ ,,,,ऊ,,, करने लगे और फिर लगभग दोनों लण्ड एक साथ झड़ गए। मैं अतुल का झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी और नेहा मेरे मरद का झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी।
उसके बाद हम चारों ने नंगे नंगे ही खाना खाया और खूब ढेर सारी बातें की। नेहा के मियां का लण्ड मेरे हाथ में था और मेरे मियां का लण्ड नेहा के हाथ में। मेरा मियां नेहा की चूंचियां मसल रहा था और उसका पति मेरी चूंचियां। थोड़ी देर में फिर शुरू हो गयी चुदाई। इस बार और तेजी से चोदा चोदी हुई । मैंने कहा बुर चोदी नेहा तू भोसड़ी की बड़ी चुदासी थी क्या ? वह बोली चुदासी तो तू भी थी माँ की लौड़ी ? मेरे मरद का लण्ड देखा तो तेरी चूत ससुरी गरम हो गयी न ? मैंने कहा अरी नेहा तेरी माँ की चूत बहन चोद मेरे मियां का लण्ड देख कर पहले तू गरम हो गयी। वह बोली तेरी बहन का लण्ड वैशाली, आज मैं दिखा दूँगी की कैसे चुदवायी जाती है पराये मर्दों से चूत ? मैंने कहा तू भोसड़ी की मानेगी नहीं। ज्यादा बोलेगी तो मैं तेरी गांड में घुसा दूँगी अपने मरद का लण्ड ?
इसी तरह गाली बक बक के हम दोनों ने रात भर चुदवाया।
एक दिन मैं अपने पति के साथ बैठी हुई शराब पी रही थी। तभी मेरी सहेली शिल्पा अपने पति साहिल के साथ अचानक आ गयी। मैंने उसे अपने पति से मिलवाया। मैं भी उसके पति से पहली बार मिली। हमने उसे शराब पीने में शामिल कर लिया। मैंने देखा की शिल्पा को देखते ही मेरे पति की लार टपकने लगी। वह शिल्पा की चूंचियां बड़े गौर से देखने लगा। मैं भी साहिल के लण्ड का अंदाज़ा लगाने लगी। दो दो पैग शराब पीने के बाद नशा अपना काम करने लगा। अचानक मैं बाथ रूम के लिए उठी तो शिल्पा भी मेरे पीछे आ गयी। पेशाब करने के बाद वह बोली यार वैशाली मैं तेरे हसबैंड का लण्ड चूसना चाहती हूँ। बोलो दोगी तुम मुझे अपने हसबैंड का लण्ड ? मैंने कहा हां दूँगी। तेरे मुंह में भी दूँगी और तेरी चूत में भी दूँगी अपने हसबैंड का लण्ड ? वह मुझसे लिपट गयी और बोली यार तुम भी मरे हसबैंड का लण्ड ले लो ? मुंह में भी ले लो और अपनी चूत में भी। उसका लण्ड मोटा भी है और लंबा भी ? सच में आज मैं तेरे साथ पति अदल बदल कर चुदवाने आई हूँ।
मैंने फिर अपने पति को इशारे से अंदर बुलवाया । मैंने कहा देखो मेरी सहेली शिल्पा आज तुमसे चुदवाने आई है। तुम्हे इसे खूब चोदो। मैं भी इसके पति से चुदवाऊँगी ? मेरा हसबैंड तो फूल कर कुप्पा हो गया। उसके चेहरे पर चमक आ गयी। तब तक शिल्पा अपने पति के पास जाकर बोली देखा मैंने कहा था न की मेरी सहेली वैशाली तुमसे चुदवाने के लिए तैयार हो जाएगी ? अब चलो तुम चोदो वैशाली की बुर और उसका हसबैंड चोदेगा मेरी बुर ? तब तक हम दोनों भी उसके सामने आ गये ।
फिर तो रात भर हम दोनों एक दूसरे के मरद से चुदवाती रहीं।
२/३ साल इसी तरह बीत गये पता ही नहीं चला लेकिन फिर धीरे धीरे सेक्स में रूचि कम होने लगी। कभी मेरा मन नहीं तो कभी मेरे पति का मन नहीं ? इसका असर मेरे काम कर भी होने लगा। हम दोनों धीरे धीरे निराशा की तरफ बढ़ने लगे। कारण क्या है इसका ख्याल न मुझे रहा और न मेरे पति को। कभी कभी अकेले बैठी हुई सोंचा करती की ऐसा क्यों हो रहा है ? अभी तो पूरी ज़िन्दगी पड़ी है ? अभी से इतनी उदासीनता क्यों ? अभी से ही सेक्स से मोह भंग क्यों हो रहा है ? एक बात तो आपको बताना भूल ही गयी। कहतें है की Kolkata is a city of joy इसलिए मैं कॉलेज के दिनों में ही सिगरेट और शराब पीना सीख गयी थी। संयोग से मेरे पति भी इन दोनों चीज के शौकीन है। इसलिए करीब करीब हर शाम को हम दोनों शराब और सिगरेट का लुत्फ़ ले लेतें हैं।
एक बार मुझे कोलकाता से मुंबई जाना था। मेरा रिजर्वेशन 1st A / C में था। हम दोनों सही समय पर ट्रैन पर पहुँच गये। अपना सामान जमा लिया और अपने लोअर बर्थ पर बैठ गयी। मेरे हसबैंड कुछ सामान लेने के लिए ट्रैन के बाहर उतर गए। इतने में मैंने देखा की मेरी कॉलेज की एक सहेली नेहा हमारे कूपे में घुस आई और अपना बर्थ नंबर ढूंढने लगी। मैंने उसे देख कर बोली हां भई हां यही है तेरा बर्थ नेहा। वह बोली वाओ, वैशाली तू यहाँ ? यार क्या इत्तिफ़ाक़ है ? लो इनसे मिलो यह है मेरा हसबैंड मिस्टर अतुल ? मैं उसे मिली तो मुझे बहुत अच्छा लगा। उन लोगों ने भी सामान वगैरह रख लिया। तब तक मेरा पति आ गया। मैंने कहा अरे देखो यह है नेहा मेरी क्लास फेलो। हम दोनों एक ही कॉलेज के और एक ही क्लास के पढ़तीं थीं। वह भी नेहा सी मिलकर खुश हुआ और नेहा भी उससे मिलकर। ट्रेन चल पड़ी तो थोड़ी देर में टी टी आ गया। उसने टिकट चेक किया और बोला एन्जॉय योर जर्नी। अब आपको रात में कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा। ऐसा कह कर वह चला गया। शाम के ८ बजे थे। मैंने धीरे से व्हिस्की निकाली और कहा नेहा चलो आज हो जाए बहुत दिनों के बाद ? वह भी खुश हो गयी और इस तरह हम चारों शराब चुप चाप पीने लगे। नशा चढ़ने लगा और मस्ती छाने लगी।
नेहा बोली ;- यार वैशाली वह भी क्या दिन थे यार ? कितनी मस्ती आती थी लड़कों को चिढ़ाने में ? उन की टांग खीचने में ?
मैंने कहा :- यार टांग खींचने में नहीं उनकी माँ बहन एक करने में मज़ा आता था। मैं तो खूब गालियां सुनाती थी लड़कों को ? और तू भी तो खूब गालियां देती थी और गन्दी गन्दी बातें भी सुनाती थी तू।
नेहा बोली :- और एक दिन तो हद ही हो गयी थी जब तूने अपनी झांटें लड़कों को दिखा दी थीं।
मेरा पति बोला :- वाओ, क्या ऐसा भी हुआ था। मेरी बीवी ने किसी को अपनी झांटें दिखा दीं थीं।
नेहा बोली :- हां यार बिलकुल सही बात है और तब लड़के भी खूब तालियां बजा बजा कर मज़ा लेने लगे थे।
मैंने कहा :- और तूने जब उस लड़के से कहा था की मर्द है तू तो अपना लण्ड दिखा भोसड़ी के ? उसके बाद तूने जब तक उसका लण्ड देख नहीं लिया तब तक उसे जाने नहीं दिया।
अतुल बोला :- वाओ, तो तूने नेहा उस लड़के का लण्ड देखा था ? दूर से देखा था की पकड़ कर देखा था लण्ड ?
नेहा बोली :- अरे यार लण्ड बहन चोद बिलकुल ठंडा था उसे पकड़ने की क्या जरुरत थी। बस दूर से देख लिया। वह तो एक मजाक था ?
अतुल बोला :- तो उसके बाद किसी और का खड़ा लण्ड पकड़ा तूने कभी, नेहा ?
नेहा बोली :- हां पकड़ा अपने पति एक खड़ा लण्ड पकड़ा और अब किसी का और भी खड़ा लण्ड पकड़ूंगी वह भी तेरे सामने ? (यह बात नेहा ने मुझे आँख मारते हुए कही)
हम सब हंस पड़े
मेरा पति बोला :- देखो जब इतना बता दिया है तो फिर सब सच बता दो न वैशाली ? तुम भी लड़कों के लण्ड पकड़ती होगी ?
मैंने जबाब दिया :- हां बिलकुल पकड़ती थी। लेकिन मस्ती के लिए। मैंने लण्ड पकड़ा भी है हिलाया भी और चूसा चाटा भी है।
नेहा बोली :- हां और एक बार हम दोनों ने एक एक लण्ड पकड़ कर मुठ्ठ भी मारी है और मुठ्ठ मार कर लण्ड कर पीया भी है। पर हां टच वुड हम दोनों ने कभी चुदवाया नहीं ?
मेरा पति हंस कर बोला :- अब तो चुदवा रही हो न अपने पति से नेहा भाभी ?
नेहा बोली :- तो क्या तेरा मतलब मैं अपने पति से भी न चुदवाऊँ ? क्या मैं तुमसे चुदवाऊँ ?
उसकी बात पर एक बार फिर हम सब हंस पड़े।
नेहा फिर बोली :- देखो भोसड़ी वालों अब हमने अपनी पूरी बात बता दी अब तुम लोग बताओ की कितनी लड़कियां चोदी है तुम लोगों ने ? मेरा पति बोला ;- हां जरूर चोदी हैं लेकिन २ लड़कियां बस वह भी २/३ बार बस ?
अतुल बोला :- मैंने लण्ड पकड़ाया तो जरूर है कई लड़कियों को पर चोदा किसी को नहीं।
इतने में अचानक स्टेशन आ गया। ट्रेन रुक गयी। मेरा पति और नेहा का पति दोनों ट्रेन के नीचे उतर गए।
तब मैंने नेहा से कहा यार तेरे पति ने कई लड़कियों को अपना लण्ड पकड़ाया है तो फिर उससे कहो न की आज मुझे पकड़ा दे अपना लण्ड। यहाँ ट्रेन में इस कूपे न कोई और आने वाला है और न कोई जाने वाला ? हम दोनों ही हैं और यात्रा बड़ी लम्बी है। इतने समय में तो बहुत अच्छा काम हो जायेगा। यार मैं तेरे पति का लण्ड पकड़ना चाहती हूँ। नेहा बोली हां बात तो तेरी सही है वैशाली। मैं सोंच रही हूँ की हम एक दूसरे के पति का लण्ड पकड़ें तो कितना मज़ा आएगा ? और सिर्फ लण्ड ही क्यों पकड़ें ? एक दूसरे के पति से चुदवा ले तो और भी ठीक रहेगा ? यार मैंने आज तक कभी किसी से ट्रेन में नहीं चुदवाया । आज अगर मैं तेरे पति से चुदवाती हूँ तो बड़ा मज़ा आएगा ? मैं कहा हां यार मैं तेरे पति से तेरे सामने चुदवाऊँ और तुम मेरे पति से मेरे सामने चुदवाओ। तब देखो कितना मज़ा आता है ? नेहा पलट कर बोली तो फिर ऐसा करो तुम अपने पति से बात कर लो। मैं भी अपने पति से बात लेती हूँ।
इतने में ट्रेन चल पड़ी और वे दोनों कूपे में वापस आ गए।
हम दोनों ने आँखों आँखों में इशारे से बात करने के लिए कहा ?
थोड़ी देर में मैंने नेहा को आँखों से बताया की मेरा पति तैयार है। उसने भी इशारा करके बताया की मेरा भी पति तैयार है। बस फिर हम सबने एक एक पैग शराब पी। पीने के बाद मेरा पति सामने वाली बर्थ पर नेहा के पास बैठ गया और उसका पति अतुल मेरे बगल में आकर बैठ गया। बैठते ही वह मेरी चूंचियां टटोलने लगा। उधर मेरे पति ने नेहा की चूनियों को दबाना शुरू कर दिया। उसने नेहा की चुम्मी भी ली और उसे अपनी बाहों में भी भर लिया। इधर मैं भी अतुल की बाहों में समा गयी और उसने भी मेरी खूब चुम्मी ली। वह तो मेरे ब्लाउज़ के अंदर हाथ घुसेड़ कर मेरी चूंचियां मसलने लगा। मैंने कहा अरे यार रुको न थोड़ा मैं तेरे लिए ये बुर चोदी चूंचियां खोल कर बाहर कर देती हूँ। तब तक नेहा अपनी चूंचियां खोल चुकी थी। अब दोनों मरद एक दूसरे की बीवी की चूंचियां चाटने लगे। चूसने लगे चूंचियां और कमर के हाथ डाल कर मज़ा लेने लगे।
मैं नेहा के मियां का लण्ड ऊपर से ही दबाने लगी और नेहा भी मेरे मियां का लौड़ा ऊपर से ही सहलाने लगी। मुझे आभाष हुआ की लण्ड में दम है और इससे चुदवाने में मज़ा आ जायेगा। मैं चुदाने के लिए बड़ी बेताब हो रही थी। यही हाल बुर चोदी नेहा का भी था। तब तक मैंने अपनी साड़ी उतार कर फेंक दी और नेहा ने भी। हम दोनों की चूंचियां लगभग बराबर थीं। साइज़ में एक जैसी दिखने वाली चूंचियां बनावट में अलग अलग थीं। इसी कारन दोनों मर्दों को खूब मज़ा आ रहा था। मेरे ऊपर वासना और गर्मी दोनों ही बुरी तरह सवार थीं। मैं उठी और अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलने लगी। देखते ही देखते मेरा पेटीकोट धड़ाम से नीचे गिर पड़ा और मैं पूरी तरह नंगी हो गयी। अतुल का हाथ सीधे मेरी चूत पर चला गया। वह बोला वाओ, वैशाली भाभी आपकी चूत तो बड़ी मस्त और सेक्सी है ? मेरी चूत की झांटें बिलकुल साफ थीं। उधर तब तक नेहा भी बिलकुल नंगी हो चुकी थी। मेरा पति उसकी चूत देख कर मस्त हो गया। वह चूत पर हाथ फेरने लगा। वह बोला हाय नेहा भाभी तेरी छोटी छोटी झांटों वाली चूत मुझे बहुत ही हॉट और सेक्सी लग रही है। उसने झुक कर चूत की कई बार चुम्मी ली। नेहा भोसड़ी की मस्त होने लगी।
फिर मैंने अतुल को अपने सामने खड़ा किया और मैं बर्थ पर बैठ गयी। मैं उसके कपड़े उतारने लगी। जब उसकी चड्ढी बची तो मैं समझ गयी की लण्ड तमतमाया हुआ है। बस मैंने दोनों तरफ अपनी उंगलियां फँसायीं और झर्र से चड्ढी नीचे घसीट दी तो लण्ड टन्न से मेरे मुंह पर लगा। मुझे लगा की जैसे लण्ड ने मेरे गाल पर तमाचा जड़ दिया। मैंने लण्ड मुठ्ठी में लिया और हिलाने लगी। लण्ड साला अज़गर की तरह फ़ुफ़कारने लगा। तब तक नेहा भी मेरे पति का लण्ड पकड़ चुकी थी। मेरे कुछ कहने के पहले ही वह बोली हाय वैशाली तेरे मियां का लण्ड तो मादर चोद मेरी चूत के चीथड़े उड़ा देगा। देखो न माँ का लौड़ा कितना मोटा है तेरे मियां का लण्ड ? इसे अब तक क्यों छुपा के रखा तूने ? पहले बताया होता तो जाने कितनी बार मैं इसे अपनी चूत में पेल चुकी होती ? हाय दईया कितना मस्त मौला है तेरे मरद का लण्ड ? मैंने कहा अरे यार तेरे मियां का लण्ड भी जबरदस्त है ? देखो भोसड़ी का किस तरह से मेरे सामने टन टना कर खड़ा हुआ है। लण्ड का सुपाड़ा तो बहन चोद बड़ा सेक्सी है यार ?
मैंने उसे बर्थ पर लिटा दिया और उसकी टांगों के बीच बैठ कर लण्ड पकड़ कर मुठियाने लगी। उधर मेरे सामने वाली बर्थ पर नेहा बैठ कर मेरे पति का लण्ड मुठियाने लगी। मैं उसे देख रही थी वह मुझे ? उसका मियां मेरे मियां को देख रहा था और मेरा मियां उसके मियां को। दोनों खूब मुस्करा रहे थे। बस मैं झुक कर नेहा के मियां का लण्ड चाटने चुसने लगी और नेहा मेरे मियां का लण्ड ?
ट्रेन अपनी पूरी रफ़्तार से चली जा रही थी।
थोड़ी तक तो मैं मस्ती से अतुल का लण्ड चूसती रही उसके पेल्हड़ चाटती रही। लेकिन फिर अचानक वह उठा और मुझे नीचे लिटा दिया और खुद मेरे ऊपर चढ़ बैठा। उसने लण्ड मेरी चूत पर टिकाया और एक जोर का धक्का मारा लण्ड बहन चोद गप्प से अंदर घुस गया और पपुरा घुस गया। मेरी चीख निकल पड़ी भोसड़ी के, पूरा लण्ड एक ही बार में पेल दिया ? फिर जब उसने ३/४ बार लण्ड अंदर बाहर किया तो मज़ा आने लगा। मैं मजे से चुदवाने लगी। उधर मेरे सामने मेरे मियां ने नेहा की बुर में लण्ड घुसेड़ दिया। नेहा बोली मादर चोद कितना बड़ा है रे तेरा लण्ड साला अंदर घुसता ही जा रहा है। हाय दईया आज मुझे चुदाने में एक अलग तरीके का मज़ा आ रहा है। फिर क्या हम दोनों एक दूसरे के मरद से भकाभक चुदवाने लगीं ?
मेरा मियां बोला :- यार अतुल, मुझे तेरी बीवी चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है। और अहा तेरी बीवी बहुत अच्छी तरह से चुदवा रही है ?
उसका मियां बोला :- हां यार मुझे भी तेरी बीवी की बुर चोदने में ज़न्नत का मज़ा आ रहा है। वैशाली भाभी भी बहुत मस्ती से बुर चुदवा रही हैं। यार मुझे पहले नहीं मालूम था की दोस्त की बीवी चोदने में इतना मज़ा आता है। मैं तो अब दोस्तों की बीवियां चोदा करूंगा।
मेरा मियां बोला :- मैं तो अपने दोस्तों की बीवियां भी चोदूंगा और तेरे दोस्तों की बीवियां भी चोदूंगा, अतुल ?
फिर दोनों लोग हमें पीछे से चोदने लगे। उसके बाद मैं अतुल के लण्ड पर बैठ गयी और नेहा मेरे पति के लण्ड पर। हम दोनों कूद कूद कर चुदवाने लगीं। तब तक अतुल बोला हाय भाभी अब मैं निकल जाऊंगा। मैं फ़ौरन लण्ड से उतरी और लण्ड मुठ्ठी में लेकर सड़का मारने लगी। दनादन्न लण्ड ऊपर नीचे करने लगी लण्ड ? तब तक नेहा भी मेरे पति का लण्ड पकड़ कर सड़का लगाने लगी। हम दोनों लण्ड का सड़का मारने में जुट गयी और दोनों मरद बहन चोद सिसियाने लगे। हमारी रफ़्तार तेज होने लगी और वे दोनों सी सी,,, हूँ हूँ,,,, चूँ चीं ,,,,, हाय और तेज,,, हु हूँ,,,,, हा हो ही,,,, अ ओ,,,,, हाय रे,,, हूँ,, आ ,,,,ऊ,,, करने लगे और फिर लगभग दोनों लण्ड एक साथ झड़ गए। मैं अतुल का झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी और नेहा मेरे मरद का झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी।
उसके बाद हम चारों ने नंगे नंगे ही खाना खाया और खूब ढेर सारी बातें की। नेहा के मियां का लण्ड मेरे हाथ में था और मेरे मियां का लण्ड नेहा के हाथ में। मेरा मियां नेहा की चूंचियां मसल रहा था और उसका पति मेरी चूंचियां। थोड़ी देर में फिर शुरू हो गयी चुदाई। इस बार और तेजी से चोदा चोदी हुई । मैंने कहा बुर चोदी नेहा तू भोसड़ी की बड़ी चुदासी थी क्या ? वह बोली चुदासी तो तू भी थी माँ की लौड़ी ? मेरे मरद का लण्ड देखा तो तेरी चूत ससुरी गरम हो गयी न ? मैंने कहा अरी नेहा तेरी माँ की चूत बहन चोद मेरे मियां का लण्ड देख कर पहले तू गरम हो गयी। वह बोली तेरी बहन का लण्ड वैशाली, आज मैं दिखा दूँगी की कैसे चुदवायी जाती है पराये मर्दों से चूत ? मैंने कहा तू भोसड़ी की मानेगी नहीं। ज्यादा बोलेगी तो मैं तेरी गांड में घुसा दूँगी अपने मरद का लण्ड ?
इसी तरह गाली बक बक के हम दोनों ने रात भर चुदवाया।
एक दिन मैं अपने पति के साथ बैठी हुई शराब पी रही थी। तभी मेरी सहेली शिल्पा अपने पति साहिल के साथ अचानक आ गयी। मैंने उसे अपने पति से मिलवाया। मैं भी उसके पति से पहली बार मिली। हमने उसे शराब पीने में शामिल कर लिया। मैंने देखा की शिल्पा को देखते ही मेरे पति की लार टपकने लगी। वह शिल्पा की चूंचियां बड़े गौर से देखने लगा। मैं भी साहिल के लण्ड का अंदाज़ा लगाने लगी। दो दो पैग शराब पीने के बाद नशा अपना काम करने लगा। अचानक मैं बाथ रूम के लिए उठी तो शिल्पा भी मेरे पीछे आ गयी। पेशाब करने के बाद वह बोली यार वैशाली मैं तेरे हसबैंड का लण्ड चूसना चाहती हूँ। बोलो दोगी तुम मुझे अपने हसबैंड का लण्ड ? मैंने कहा हां दूँगी। तेरे मुंह में भी दूँगी और तेरी चूत में भी दूँगी अपने हसबैंड का लण्ड ? वह मुझसे लिपट गयी और बोली यार तुम भी मरे हसबैंड का लण्ड ले लो ? मुंह में भी ले लो और अपनी चूत में भी। उसका लण्ड मोटा भी है और लंबा भी ? सच में आज मैं तेरे साथ पति अदल बदल कर चुदवाने आई हूँ।
मैंने फिर अपने पति को इशारे से अंदर बुलवाया । मैंने कहा देखो मेरी सहेली शिल्पा आज तुमसे चुदवाने आई है। तुम्हे इसे खूब चोदो। मैं भी इसके पति से चुदवाऊँगी ? मेरा हसबैंड तो फूल कर कुप्पा हो गया। उसके चेहरे पर चमक आ गयी। तब तक शिल्पा अपने पति के पास जाकर बोली देखा मैंने कहा था न की मेरी सहेली वैशाली तुमसे चुदवाने के लिए तैयार हो जाएगी ? अब चलो तुम चोदो वैशाली की बुर और उसका हसबैंड चोदेगा मेरी बुर ? तब तक हम दोनों भी उसके सामने आ गये ।
फिर तो रात भर हम दोनों एक दूसरे के मरद से चुदवाती रहीं।
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