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दुल्हन के चहेते लंड सुहागरात में - Dulhan ke chahete lund suhagraat mein
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दुल्हन के मन का लण्ड |
हमारे देश में इतनी प्रथायें हैं, इतनी परम्परायें है जिनकी शायद गिनती भी नहीं की जा सकती ? उन्ही परम्पराओं में एक ऐसी परंपरा है जो बहुत ही शानदार, मजेदार और मसालेदार है। जी हाँ यह परंपरा है की दुल्हन अपने मन के लण्ड के साथ अपनी सुहागरात मनाती है । सबसे पहले वह अपने शौहर से चुदवाकर अपनी सुहागरात मनाती है। फिर वह उन लोगों से चुदवाती है जिनके लण्ड उसकी पसंद के होतें हैं। इस तरह वह अपने मन के लण्ड के साथ बाकी की सुहागरात मनाती है । उसके मन के लण्ड का इंतज़ाम उसकी नन्द करती है , नन्द पहले दुल्हन से पूंछती है की उसे किस तरह के लौड़े पसंद है ? कितने बड़े और कितने मोटे लौड़ों के साथ वह अपनी सुहागरात मनाना चाहती है ? उसी तरह के लण्ड उसकी नन्द उसके सामने पेश करती है। अगर किसी कारण बस नन्द ऐसे लौड़ों का इंतज़ाम नहीं कर पाती तो फिर दुल्हन खुद ही ऐसे लौड़ों का इंतज़ाम कर लेती है। वह फ़ौरन ऐसे लोगों को बुला लेती है जिनके लण्ड उसे पसंद हैं। फिर दुल्हन उनसे चुदवा कर मजे से मनाती है अपनी सुहागरात ? वह जितने लौड़ों से चाहे उतने लौड़ों से चुदवाकर अपनी सुहागरात मना सकती है।
मेरा नाम नफीसा है। मैं २५ साल की जवान लड़की हूँ। मेरा निकाह अभी अभी ज़हीर खान से हुआ है। मेरी सुहागरात की तैयारी हो रही है। मेरी नन्द अफरीन जी जान से मुझे खुश करने के लिए लगी है। मेरी सुहागरात की पूरी जिम्मेदारी उसी की है। सुहागरात मनाने का मतलब है अपने शौहर से चुदवाना। मुझे भी एक नये लण्ड से चुदवाने की बड़ी तमन्ना है। मैं बड़ी बेकरारी से उसका इंतज़ार कर रही हूँ।
मैं पहले आपको थोड़ा अपने बारे में बता दूँ। मैं जब १५ साल की थी तब एक लौड़ा पकड़ा था। पहले ही दिन मैंने उसे चाटा और मुंह में डाल कर चूसा था। मुझे मालूम था की लौड़ा कैसे चाटा और चूसा जाता है क्योंकि मैं अपनी सहेलियों के साथ कई ब्लू फिल्म देख चुकी थी। मेरी सहेलियां भोसड़ी वाली बड़ी तेज थीं। वे हर दिन लण्ड बुर चूत गांड चूंची भोसड़ा चोदना चुदाना की बातें करती थीं। गालियां खूब देती थीं और लड़कों से तो खुल कर बातें करती थीं। मैं भी उन्हीं के साथ सब कुछ सीख गयी। धीरे धीरे लड़कियां माँ चुदाने की बातें करने लगीं। उस समय मैं १७ साल की हो गयी थी।
मुझे ब्लू फिल्म देखने में मज़ा आने लगा और मैं अक्सर अपनी सहेलियों के साथ ब्लू फ़िल्में देखा करती थी।
मुझे लण्ड का मुठ्ठ मारना आ गया था लण्ड का सड़का भी बहुत बढ़िया लगाती थी और लौड़ा पीना भी अच्छी तरह सीख लिया था। आगे चल कर मैंने अपनी सहेली के कहने पर उसके मियां से अपनी बुर चुदवा ली। फिर उसने एक बार नहीं कई बार चोदा मुझे। मुझे भी मज़ा आने लगा तो मैं २/३ लड़कों से और चुदाने लगी। एक दिन उसकी लड़की ने कहा नफीसा तूने अपने मामू जान का लौड़ा पकड़ा है ? मैंने कहा नहीं यार अभी तो नहीं पकड़ा ? वह बोली अपने खालू का लौड़ा पकड़ा है ? मैंने कहा नहीं यार उसे भी नहीं पकड़ा ? उसने फिर पूंछा अपने जीजू या फिर फूफा आदि का लौड़ा पकड़ा है कभी ?
मैंने कहा नहीं यार मैंने किसी का लौड़ा नहीं पकड़ा। वह छूटते ही बोली गांड मरा रही है तू इतने दिनों से अपनी ? माँ चुदा रही है तू अपनी, नफीसा ? झांटें उखाड़ रही है तू अपनी ?इतनी बड़ी हो गयी तू और अपने घर में किसी का लौड़ा नहीं पकड़ा तूने कभी ? सब लोग क्या समझते होंगें तेरे बारे में ? तेरी चूत में आग है की नहीं ? तेरी चूत गरम होती है की नहीं ? मैंने कहा यार यह सब कुछ होता है तभी तो मैं लड़कों से चुदवाती हूँ। वह बोली पहले अपने घर वालों से चुदवा भोसड़ी की ? अपने नाते रिश्तेदारों से चुदवा ? उसने मेरी आँखें खोल दी तो मैंने फिर एक एक करके सबसे चुदवाना शुरू कर दिया। मामू जान से , खालू जान से जीजू से और सबसे चुदवाने लगी। सबको खबर हो गयी की मैं कितनी हॉट हूँ और कितनी मस्ती से लण्ड का तेल निकाल लेती हूँ ?
तब तक मेरी अम्मी को भी खबर हो गयी। उसने मुझे एक बार गाली बकते हुए सुन लिया तो मेरे पास आईऔर बोली नफीसा आज मैं बहुत खुश हूँ की तू जवानी का मज़ा लेने लगी है ? मैंने कहा अरे अम्मी ये मरद लोग समझते क्या है अपने आपको ? इनकी माँ का भोसड़ा, इनकी बिटिया की बुर, इनकी बहन का लण्ड ? मैं सबकी माँ चोद दूँगी किसी दिन ? अम्मी मुस्कराती हुई चली गयीं। एक दिन मैंने देखा की अम्मी मेरी खाला जान की बेटी नाज़ से कुछ बातें कर रहीं हैं। मैं उनके नजदीक चली गयीं और बातें सुनने लगी।
- अम्मी बोल रही थी नाज़ सुना है तू लड़कों के लण्ड पीती है ?
- वह बोली हां खालाअब तुमसे क्या छुपाना पीती तो हूँ लण्ड ?
- अगर तू लण्ड पीती है तो फिर चुदवाती भी होगी तू ?
- सबसे तो नहीं चुदवाती खाला ? हां किसी किसी से चुदवा लेती हूँ।
- नहीं मुझे तेरे चुदवाने पर कोई ऐतराज़ नहीं है। अब तू जवान है तुझे चुदवाने का हक़ है। जिससे चाहो उससे चुदवाओ लेकिन कभी कभी अपनी माँ भी चुदवाया करो बेटी नाज़ ?
- अरे खाला मैंने कई बार माँ चुदाने के लिए सोंचा लेकिन कभी हिम्मत नहीं हुई ?
- अच्छा आज रात को मेरे पास आना मैं तुझे माँ चुदाने की हिकमत बताऊँगी ।
उसकी अम्मी ने उसे लौड़ा दिखाते हुए कहा तो फिर ले ये लौड़ा और पेल दे अपनी माँ के भोसड़ा में ? नाज़ ने हाथ बढ़ा कर पकड़ लिया लण्ड और धीरे से घुसेड़ दिया अपनी माँ की चूत में। उसी दिन से नाज़ अपनी माँ चुदाने लगी। मैंने सोंचा यार यह तो बहुत बढ़िया तरकीब है। दूसरे दिन मैंने अपने बॉय फ्रेंड को बुलाया और उसे अपनी अम्मी से मिलवाया। मैंने कहाअम्मी ये साला मेरा दोस्त रकीब मेरी माँ चोदना चाहता है ? इसे भोसड़ा चोदने में बड़ा मज़ा आता है। मैं इसका लौड़ा पेलो दूँ अम्मी तेरे भोसड़ा में ? अम्मी ने हँसते हुए कहा नफीसा तेरी माँ का भोसड़ा ? पेल दे बुर चोदी लण्ड मेरे भोसड़ा में लेकिन फिर मैं भी पेलूँगी तेरी चूत में लण्ड ? एक नहीं कई लण्ड पेलूँगी मैं तेरी चूत में ? बस उस दिन से मैं भी माँ चुदाने लगी।
अबआईये मेरी सुहागरात पर ? मेरी नन्द फिर पूछने लगी की भाभी आपको कैसे लण्ड पसंद हैं ? मैंने बताया की देखो नन्द रानी मुझे मोटेऔर सख्त लण्ड पसंद हैं। पतला लण्ड मैं बिलकुल पसंद नहीं करती ? लण्ड चाहे जिस रंग का हो पर वह गचागच चोदने वाला हो ? अब तुम बताओ की तुम्हे किस तरह के लण्ड पसंद हैं नन्द रानी ? तुम नहीं चुदवाओगी क्या ? वह बोली अरे भाभी सुहागरात आपकी है। इसमें पहला लण्ड शौहर पेलता है बाद में नन्द अपनी भाभी की बुर ऐसे लोगों से चुदवाती है जिसके लण्ड दुल्हन को पसंद हों। इसलिए मैंने कई लण्ड इकठ्ठा किया है आपके लिए। तुम सुहागरात शुरू होने के पहले उन सभी लौड़ों को एक बार देख लो भाभी ? मैंने कहा मैं नहीं देखूँगी कोई भी लण्ड । अगर देख लूंगी तो सुहागरात का मज़ा किरकिरा हो जायेगा। मैंने अपनी बात बता दी है बाकी तेरी मर्जी ?
सुहागरात शुरू हुई। सबसे पहले मेरा शौहरआया। उसने मेरा घूंघट उठाया, प्यारी प्यारी बातें की, गले से लगाया और फिर मेरे कपड़े उतारने लगा। मैं भी उसके कपड़े खोलने लगी। हम दोनों नंगे हो गये। मैंने उसका लौड़ा पकड़ा और उसने मेरी चूंची ? लौड़ा थोड़ी देर में खड़ा हो गया। मुझे तसल्ली हुई की चलो लौड़ा ठीक ठाक है। मैंने उसे चूमा चाटा और मुंह में लेकर चूसा। मुझे अच्छा लगा। मैंने अनुमान लगाया लौड़ा लगभग ८" का है और मोटा है। फिर उसने लौड़ा मेरी चूत में घुसेड़ा और चोदने लगा। मैं भी मस्त होकर चुदवाने लगी। थोड़ी देर में वह खलास हो गया और फिर चला गया।
उसके जान के बाद मेरी नन्द आ गयी। मैंने मुस्कराकर कहा अफरीन मुझे तेरे भाई जान का लौड़ा पसंद आया। वह बोली हाय अल्ला बड़ा अच्छा हुआ ? जानती हो भाभी भाई जान एक लौड़ा बहुत लोगों को पसंद है। मैंने मजाक किया और कहा तुम्हे भी पसंद है न उसका लौड़ा ? वह बोली हां भाभी ? आफरीन ने पूंछा भाभी एक एक करके लण्ड आपके पास भेजूं की सबको एक साथ। मैंने कहा सबको एक साथ भेज दोऔर तुम मेरे साथ रहो ? बस तीन मस्त जवान लड़के मेरे सामने आकर खड़े हो गए। मैं उन्हें देख कर बहुत खुश हुई। अब मेरी निगाह उनके लण्ड पर पड़ने लगी। मैं उठी और नन्द के कपड़े उतारने लगी। वह बोली अरे भाभी मुझे क्यों नंगी कर रही हो ? मैंने कहा जब मैं नंगी हूँ तो तुझे भी नंगी होना पड़ेगा। मैंने जब नन्द का नंगी नंगी देखा तो कहा यार अफरीन मैं अगर लड़का होती तो अभी मैं तेरे ऊपर चढ़ बैठती और खूब धकाधक चोद डालती तेरी बुर ? वह मेरी बात पर हंसने लगी।
इतने में वह आगे बढ़ी और एक लड़के के कपड़े खोल कर उसका लौड़ा हिलाती हुई बोली देखो भाभी यह है मादर चोद हसन ? इसका लौड़ा मुझे भी बहुत पसंद है ? उसने लौड़ा मुझे पकड़ा दिया। वह फिर दूसरे लड़के को ननग करने लगी। उसका लौड़ा नन्द ने हाथ में लिया और हिला हिला कर उसे खड़ा कर दिया। वह बोली भाभी उअह है भोसड़ी का फज़ल ? इसका लौड़ा मेरी अम्मी भी पसंद करतीं हैं। मैंने कहा हाय दईया तू अपनी अम्मी के भोसड़ा में लण्ड पेलती है ? वह बोली तो क्या हुआ अम्मी भी तो मेरी बुर में लौड़ा घुसेड़ देती है। फिर टीआरए का नंबर आया। उसे नंगा किया और लौड़ा मुझे दिखाती हुई हिलाने लगी। उसने कहा भाभी ये माँ का लौड़ा ज़फर है। इसका लण्ड मेरी खाला बहुत पीती हैं। वह कहती है की मुझे ज़फर के लण्ड का स्वाद बहुत पसंद है। एक एक बूँद पी जाती है भोसड़ी वाली मेरी खाला ? खाला की बिटिया भी बुर चोदी खूब लण्ड पीती है।
मैं तीनो लण्ड पकड़ कर बहुत खुश हुई। तीनो मेरे मन के लण्ड निकले।
नन्द ने हसन का लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और फज़ल का लण्ड मेरे मुंह में ? तब मैंने कहा अरी अफरीन बुर चोदी अब तीसरा लण्ड तू अपनी चूत में घुसा ले ? इधर मैं तेरे सामने चुदवा रही हूँ उधर तू मेरे सामने चुदवा भोसड़ी की ? मैं भी देखूँगी की तू कैसे चुदवाती है अपनी बुर ? वह बोली तो फिर मैं भी देखूँगी भाभी की तू कैसे चुदवाती है अपनी बुर ? इस तरह हम दोनों एक दूसरे के सामने चुदवाने लगीं। मैंने देखा की मेरी नन्द भी बुर चोदी चुदवाने में बड़ी एक्सपर्ट है। मैंने पूंछा अफरीन तूने अपनी सुहागरात में अपनी नन्द की बुर इसी तरह चुदवाई थी ? वह बोली हाय भाभी आपने सही कहा। हालांकि वह भोसड़ी की चुदवा नहीं रही थी। लेकिन मैंने जबरदस्ती लण्ड उसकी चूत में पेल दिया था। उसका नतीजा यह हुआ की वह मेरी बुर में बड़े अच्छे अच्छे लण्ड पेलने लगी और मैं मस्ती से भकाभक चुदवाने लगी। मेरी ससुराल का कोई भी ऐसा लौड़ा नहीं है जिसने मुझे चोदा न हो ? यहाँ तक की अब तो मैं खुल्लम खुल्ला अपने ससुर से भी चुदवाती हूँ।
मैंने कहा तो फिर तू मेरे ससुर का लण्ड पेलेगी मेरी चूत में ? वह बोली हा जरूर पेलूँगी, भाभी । मेरेअब्बू का लौड़ा बड़ा मोटा भी है और मस्त भी। भाभी, तुम्हे तो एक ही नज़र में पसंद आ जायेगा उसका भोसड़ी का लण्ड ?
थोड़ी देर में अफरीन ने अपनी बुर में ज़फर का लण्ड निकाल कर मेरी बुर में घुसा दिया। मेरी बुर से फज़ल का लण्ड निकाल कर मेरे मुंह में घुसा दिया और मेरे मुंह का लण्ड पकड़ कर अपनी चूत में घुसा लिया। मैं समझ गयी की मेरी नन्द लण्ड अच्छी तरह बदल लेती है। मैंने कहा यार तुम तो लौड़ा बदलने में बड़ी माहिर हो ? वह बोली हां भाभी मैं तो अक्सर ऐसा करती हूँ।
मैं यहाँ अम्मी की चूत का लण्ड खाला की चूत में घुसेड़ देती हूँ, खाला की चूत का लण्ड फूफी की बुर में पेल देती हूँ और फूफी की बुर का लण्ड अम्मी के भोसड़ा में घुसेड़ देती हूँ। ये सब बुर चोदी मुझसे ही लण्ड की अदला बदली करवातीं हैं। यही काम मैं अपनी ससुराल में भी करती हूँ। नन्द की बुर का लण्ड सास के भोसड़ा में घुसा देती हूँ, सास के भोसड़ा का लण्ड अपनी चूत में पेल लेती हूँ और अपनी चूत का लण्ड नन्द की बुर में घुसेड़ देती हूँ।
हम दोनों इसी तरह की बातें करती हुई धकापेल चुदवाने में जुटी थी। अपने मन के लण्ड जब मिल जातें है तो चुदवाने का मज़ा दूना हो जाता है। मेरी सुहागरात में मुझे पराये मर्दों के तीन तीन लण्ड चोदेंगें इसका मुझे इल्म बिलकुल नहीं था। लेकिन आज मुझे अपनी ससुराल परऔरअपनी नन्द पर नाज़ है। मैंने फिर चुदवाते हुए पूंछा अफरीन यहाँ बता की तेरीअम्मी भी तेरी तरह चोदा चोदी करतीं हैं ? इसी तरह से एन्जॉय करतीं हैं की नहीं ? वह बोली अरे भाभी तेरी सास भोसड़ी वाली बड़ी चुदक्कड़ है भाभी ? वो तो बिना लण्ड के एक मिनट भी नहीं रह सकती। वो तो खुले आम अपना भी भोसड़ा चुदवायेगी और तेरी भी बुर चुदवायेगी। जब वह अपनी बिटिया की बुर खुले आम चुदवाती है तो अपनी बहू की बुर तो चुदवायेगी ही ? मेरी अम्मी मादर चोद दिल की बड़ी साफ़ हैं। बड़ी हंसमुख और मस्त हैं। तुमसे घुलमिल कर रहेगी। वह तुम्हे हमेशा खुश रखेगी। बस तुम उसकी चूत में लण्ड पेलती रहना और वह तुम्हारी चूत में लण्ड पेलती रहेगी।
उसके बाद तीनो लण्ड एक एक करके उगलने लगे मक्खन।
हम दोनों ने मिलकर तीनो झड़ते हुए लण्ड मस्ती से चाटे।
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