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चुदास लड़कियों की माँ का भोसड़ा - Chudas ladkiyon ki maa ka bhosda
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एक दिन मेरी अम्मी, मेरी खाला, मेरी फूफी और मामी बैठी हुई बातें कर रही थीं। बातें कुछ खुली खुली और चोदा चोदी पर हो रहीं थी। आपस में प्यार से गाली गलौज भी हो रहा था।साथ में शराब भी पी जा रही थी और उनके बदन के पकड़े भी अस्त व्यस्त हो रहे थे। किसी की चूंचियां खुली थीं तो किसी की गांड ? किसी की चूत दिख रही थी तो किसी की झांटें ? लेकिन किसी को इसकी कोई परवाह नहीं थी। परवाह थी तो बस अपना अपना भोसड़ा चुदवाने की ? मैं चुप चाप सबको कान लगा कर सुन रही थी।
इतने में फूफी ने बेटियों की बात छेड़ दी।
इत्तिफ़ाक़ से सबकी बेटियां जवान है और सब भोसड़ी वाली २२ से २४ साल के बीच की हैं। मैं भी २३ साल की हूँ मेरा नाम नूर है। मेरी अम्मी का नाम है साजिदा बेगम ? वे सब मिल कर अपनी अपनी बेटियों के बार में भी बातें करने लगी। इतने में मैंने अपनी खाला आबिदा बेगम की बेटी हूर को भी बुला। अब हम दोनों मिलकर उनकी बातें सुनने लगीं। वे कह रहीं थी :-
मेरी बेटी बहन चोद बड़ी आवारा है लेकिन मुझसे अभी तक क्यों खुली नहीं है भोसड़ी वाली - मेरी बेटी बुर चोदी बड़ी बड़ी चूंचियों वाली है और मुझे तो लगता है की लण्ड तो खूब पकड़ती होगी मगर अभी भी मुझसे खुल कर बातें नहीं करती हैं - मेरी बेटी हरामजादी गालियां देती है लेकिन मेरे सामने शर्माती है। उसकी भी चूंचियां इधर बढ़ गयीं है मुझे भी शक है की वह लण्ड चाटने लगी होगी - मेरी लड़की तो हो सकता है की चुदवाती भी हो क्योंकि वह भोसड़ी की बड़ी बेशरम है और बेहाया भी ?
तभी खाला के मुंह से निकला - लड़कियों की माँ का भोसड़ा ? माँ चुदायें अपनी हमारी लड़कियां ?
अम्मी ने कहा हां तू बिलकुल ठीक कह रही है। अब तो बेटियां खुद आगे बढ़कर अपनी अपनी माँ चुदायें ? फूफी जान बोली यार मैं तो कहती हूँ मेरी बेटी किसी का भी लौड़ा पेल दे मेरी चूत में तो मज़ा आ जाये ? मैं तो ख़ुशी ख़ुशी चुदवा लूंगी। लेकिन वह भोसड़ी की कुछ ध्यान ही नहीं देती ? मामी जान बोली हां तेरी बात तो सही है। देखो एक बात तो पक्की है की हमारी बेटियां लड़कों से चुदवातीं जरूर होंगीं ? अगर वो चाहें तो अपनी माँ भी चुदाना शुरू कर सकती हैं. वैसे अभी भी समय है अगर वो हमारा भोसड़ा चुदवायें तो हम भी बड़े बड़े लण्ड से उनकी बुर चुदवा सकतीं हैं। खाला हंस कर बोली हां यार तेरी तो बड़े बड़े लौड़ों से बड़े अच्छे तालुकात है। दो चार लण्ड मेरी भी चूत में घुसेड़ दे भोसड़ी की ? उसकी बात पर सब हंसने लगीं।
मेरी अम्मी बोली :- अच्छा साफ़ साफ़ बताओ की तुम लोग अपनी बेटियों से क्या चाहती हो ?
खाला (आबिदा) बोलीं :- अरे मैं चाहती हूँ की मेरी जवान हो गयी है वह जवानी का पूरा मज़ा लुटे। और देखो जवानी का मज़ा तो लण्ड में है। मैं चाहती हूँ की मेरी बेटी लण्ड पकड़े एक नहीं कई लण्ड पकड़े ? कई लण्ड चूसे, कई लोगों से चुदवाये और अपनी माँ भी चुदवाये ?
फूफी (समशाद ) बोलीं :- मैं तो चाहती हूँ की मेरी बेटी मुझसे खुल जाए। मुझसे खूब गालियों से बात करे। मुझसे कहे अम्मी तेरा भोसड़ा बहन चोद ? मैं भी उससे कहूँ बेटी तेरी बुर चोदी बुर ? जब तक वह खुलेगी नहीं तब तक जवानी का मज़ा कैसे लूटेगी। मैं तो एक एक दिन का इंतज़ार कर रही हूँ।
मामी जान (नज़मा) बोली :- हां मैं भी चाहती हूँ की मैं अपनी बेटी से कहूँ - बेटी तेरी माँ का भोसड़ा ? बेटी मुझसे कहे अम्मी - तेरी बिटिया की बुर ? इस तरह का खुलापन हो ? मैं उसके सामने लण्ड पकडूँ और मैं उसके सामने ? मैं उसके सामने चुदवाऊँ वो मेरे सामने ? जब तक वह बेशरम नहीं तब तक जवानी का मज़ा लूट नहीं सकती ?
अम्मी ने कहा :- मैं तुम सब लोगों से सहमत हूँ। मैं भी यही चाहती हूँ। मैं भी उससे गालियां दे कर बातें करना चाहती हूँ। तेरी माँ की चूत बेटी, तेरी खाला का भोसड़ा, तेरी फूफी की चोदूंगी बुर। वह भी मुझसे कहे तेरी बेटी अपनी माँ चुदवाती है अम्मी ? मैं भी उससे कहूँ तेरी माँ अपनी बेटी चुदवाती है। तब कितना मज़ा आये परन्तु इसकी पहल कौन करेगा ? तुम या फिर तेरी बेटी ? मैं तो कहती हूँ की कल से हम सब लोग अपनी बेटियों से खुल कर बातें करें, गालियों से बातें करे और उन्हें अपनी माँ चुदाने के लिए उकसाएं ? तब मालूम होगा की किसी बेटी कितना ज्यादा जवानी का मज़ा लूटती है ?
मैंने कहा देखा हूर ऐसी हैं हमारी अम्मियाँ बहन चोद ? हूर बोली हाय दईया मुझे नहीं मालूम था की मेरी अम्मी अपनी बेटी से अपना भोसड़ा चुदवाना चाहती है। अगर उसने ज़रा सा भी इशारा किया होता तो मैं जाने कितने लण्ड पेल देती उसके भोसड़ा में ? मैंने कहा आओ अब यह बात हम शन्नो और बन्नो को भी बता दें। बस फिर मैंने चारों को इकठ्ठा किया और छत पर चली गयी। मैं नूर, खाला की बेटी हूर, फूफी की बेटी शन्नो और मामी की बेटी बन्नो ? मैंने पूरी बात उन्हें बता दी। शन्नो बन्नो भी बड़ी हैरान हो गयीं। बन्नो बोली हाय अल्ला, अगर हमारी अम्मी लोग ऐसा चाहती है तो हमें ऐसा करने में कोई हर्ज़ नहीं है। हमारी अम्मियाँ भी बुर चोदी अभी जवान हैं ? मैंने कहा एक प्लान है मेरे पास ? हम सब लोग कल से ही एक दूसरे को सरे आम अम्मियों को सुनाती हुई गालियां देना शुरू कर दें। शन्नो बोली क्यों न हम अपनी अम्मी को भी गालियां दें। वो चाहती हैं न ऐसा ? हूर ने कहा हां यह मशविरा अच्छा है। कल से सब लोग गालियों से ही माँ का भोसड़ा चोदना शुरू कर दो।
हम लोगों की गालियां सुन कर सबकी अम्मी दातों तले उंगलियां दबाने लगीं ? सब अपनी बेटियों की इतनी खुली खुली गालियां सुनकर सन्न रह गयीं। कोई यह समझ नहीं पा रही थी की इतनी जल्दी इतना परिवर्तन आ कैसे गया ? लड़कियां खुल कर एक दूसरे को गाली कैसे देने लगीं ? अम्मी खाला फूफी मामी सब एक दूसरे को देखने लगीं। तब तक हम चारों दूसरे कमरे में चली गयीं। वो चारों भी आपस में बातें करने लगीं । तभी मैंने इशारे से कहा चलो हम छुप कर अम्मियों की बातें सुने ?
मेरी अम्मी जान - यार कुछ भी हो आज तो मज़ा आ गया। मुझे यकीन हो गया है की हमारी बेटियां किसी से कम नहीं हैं। वो सब जवानी का मज़ा लूट सकती है। खाला जान - लूट तो सकती हैं मगर लूटती हैं की नहीं वह सोंचने की बात है ? फूफी जान - जब इतनी खुल कर गालियां दे रही हैं तो लण्ड भी ये लड़कियों पकड़ती होंगीं और उसका मज़ा भी लेती होंगीं। खाला जान - तेरा मतलब चुदवातीं हैं ये चारों लड़कियां ? मामी जान - हां मुझे भी लगता है की चुदवातीं जरूर हैं भला इतनी उम्र तक कौन लड़की अपनी चूत को रोक कर रख सकती है ? और अगर नहीं चुदवाती तो लण्ड तो जरूर चूसती हैं। सड़का भी मारती होंगी और लण्ड पीती भी होंगी ? फूफी जान - अरे यार जो लड़की लण्ड पियेगी वह लण्ड अपनी बुर में भी पेलेगी ? खाला जान - मैं तो चाहती हूँ की वो अपनी बुर चुदवायें तभी तो हमारा भोसड़ा चुदवाएँगीं ? अम्मी जान - तो फिर ऐसा क्यों न करें की कल से हम भी इन लड़कियों के सामने ही एक दूसरे को खूब गालियां दें। एक दूसरे की माँ बहन चोदें। खाला जान - हां मैं बिलकुल राज़ी हूँ। बल्कि क्यों हम इन लड़कियों को भी गालियां दे ? फूफी जान - हां यह बिलकुल सही रहेगा।
अम्मियों की बातें सुनकर हम लोग बहुत खुश हो गयीं। इसीलिए दूसरे दिन सवेर सवेरे हम सब उठ गयी और उनकी बातें सुनने के लिए आँगन में इधर उधर घूमने लगीं
दूसरे दिन सवेरे से ही काम चालू हो गया।
अम्मी जान ने कहा - अरी भोसड़ी की आबिदा मैं यहाँ चाय बनाकर बैठी हूँ तू कहाँ लण्ड हिलाती हुई घूम रही है ? जल्दी आ न नहीं तो चाय ठंडी हो जाएगी।
खाला ने जबाब दिया - लण्ड बहन चोद यहाँ कहाँ रखा है जो हिलाऊँगी ? यहाँ तो सब चूत ही चूत हैं।
अम्मी जान फिर बोली - अच्छा अब मुझे बताना पडेगा क्या ? मैं जानती हूँ तू बुर चोदी मेरे मियां का लण्ड हिलाती है की नहीं ?
खाला बोलीं - लण्ड तो तू भी हिलाती है भोसड़ी की साजिदा (मेरी अम्मी) वह भी मेरे मियां का ?
फफूं ने कहा - यहाँ कौन भोसड़ी वाली अपने मियां का लण्ड हिलाती है ? सब की सब मादर चोद पराये मर्दों के लण्ड हिलाया करतीं हैं। लण्ड चाहे घर के हों चाहे बाहर के ?
अम्मी ने कहा - तू तो सबसे ज्यादा चुदवाती है गैर मर्दों से ? मैं सब जानती हूँ तेरे बारे में समशाद बेगम मेरी नन्द रानी ?
फूफी ने महा - अरे साजिदा तू तो मेरे मियां से चुदवाती है यार ? मैंने कई बार देखा है तुम्हे उससे चुदवाते हुए भी और उसका लण्ड चूसते हुए भी।
खाला बोली - तेरी बिटिया की बुर समशाद, अरे साजिदा दीदी का तेरे मियां से चुदवाने का रिस्ता है पगली। वह दीदी का नंदोई है। मेरा भी नंदोई है। मैं उसका लण्ड पेलती हूँ अपनी बुर में ? अब अगर हम लोग उसे चुदवातीं हैं तो तेरी गांड क्यों फटती है माँ की लौड़ी समशाद ?
मामी बोली - देखो यार इसमें कोई बहस नहीं होनी चाहिए। हम सब मादर चोद गैर मर्दों के लण्ड की दीवानी हैं। तो फिर मुंह क्यों छुपाती हो। मैं तो अपनी बुर भी चुदवाने को तैयार हूँ।
अम्मी ने कहा - तू चिंता न कर नज़मा तेरी बेटी किसी दिन अपनी माँ का भोसड़ा चुदायेगी।
खाला ने कहा - अरे यार मेरी बेटी माँ की लौड़ी पता नहीं कब चुदायेगी अपनी माँ का भोसड़ा ?
फूफी बोली - पहले तू चुदा अपनी बिटिया की बुर ? तब सोचना ? पहले अपनी गांड देख भोसड़ी की तब दूसरे की गांड देखना ?
खाला बोली - तेरी बहन का लण्ड नज़मा तेरी बेटी तो लण्ड पीती है तो फिर तू भी पिया कर उसके सामने लण्ड ?
मामी (नज़मा) ने कहा - हां हा बिलकुल पियूंगी पर तेरी गांड में दर्द क्यों हो रहा है, मादर चोद ?
हम लड़कियों के सामने ही इस तरह की बातें अम्मी लोग कर रहीं थीं। न हम लोग वहां से हटीं और न ही अम्मी लोग। इसका मतलब अब हम दोनों के बीच कोई शर्म नहीं रही बहन चोद। हम भी अम्मियों के सामने हो गयीं बेशरम और वो भी हो गयीं बेशरम हमारे आगे।
एक दिन ऐसे ही खाला बोली - अरी वो भोसड़ी की नूर इधर आ मेरे सामने ? मैं उसके सामने जाकर खड़ी हो गयी। वह बोली तू मादर चोद बड़ी सायानी बनती है । सबके सामने गालियां बकती है और सबको गालियां सिखाती है तेरी माँ की चूत ? तेरे खाला का भोसड़ा । तू अपने आप को बड़ी खूबसूरत समझती है। बोल कितने लण्ड पेलें है अभी तक तूने अपनी बुर में बुर चोदी नूर ?
मैंने कहा :- मेरी हरामजादी खाला मैं तेरी तरह लण्ड गिन गिन के नहीं पेलती हूँ अपनी बुर में ? गिना तो तूने होगा लण्ड ? बता तूने कितने लण्ड पेले हैं अपने भोसड़ा में ? और कितने लण्ड पेलें है तूने अपनी बिटिया की बुर में ?
खाला ने जबाब दिया :- तू बता तूने कितनी बार चुदवाया है अपनी माँ का भोसड़ा ? तेरी चूत में तो आग है ही नहीं ? आग अगर होती तो अब तक अपनी माँ का भोसड़ा चुदाना शुरू कर देती ? तू क्या, इस घर सारी लड़कियां बहन चोदी ठंढी हैं। किसी की बुर में कोई आग नहीं है। तेरी उम्र की जब मैं थी तो रोज़ लण्ड पेलती थी अपनी बुर में और अपनी माँ की चूत में ? अब मैं चोदूंगी तेरी बुर, नूर ? मैं दिखाऊँगी की मेरी चूत में कितनी आग है ।
बस उसने एक ताली बजाई तो बाथ रूम से एक आदमी एकदम नंगा नंगा अपना लण्ड खड़ा किये हुए आया और मेरे सामने खड़ा हो गया। खाला बोली असद भोसड़ी के पेल दे अपना लण्ड इस बुर चोदी नूर में मुंह में ? लण्ड देख कर तो मैं ललचा गई। मेरे मुंह में पानी आ गया। मेरी चूत बहन चोद गीली हो गयी। मेरा मुंह अपने आप लण्ड के सामने खुल गया और लण्ड उसमे घुस गया। मैं चूसने लगी लण्ड। इतने में खाला ने मेरे कपड़े उतारे और कर दिया मुझे पूरी नंगी। थोड़ी देर में असद भोसड़ी वाले ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया। मैं तो पहले भी कई बार चुदवा चुकी थी इसलिए दर्द वगैरह तो हुआ नहीं बल्कि मैं भी मस्ती से चुदवाने लगी। मेरे लिए नया लण्ड था और मैं मज़ा लेने लगी। इतने में मैने देखा की मेरी अम्मी हूर का हाथ पकड़ कर कमरे में आ गयीं। हूर बुर चोदी बिलकुल नंगी थी और वह भी एक आदमी का खड़ा लण्ड पकड़े हुए थी। अम्मी बोली अरी आबिदा तू मेरी बेटी चुदवा रही है देख मैं तेरी बेटी चुदवा रही हूँ। अम्मी ने उस आदमी का लण्ड हूर की बुर में घुसा दिया।
हम दोनों ने एक दूसरे को आँख मारी और चुदवाने लगीं। चुदाई जब खत्म हुई तो मैं फूफी के कमरे में चली गयी। वहां का सीन देख कर दंग रह गयी। मैंने देखा की फूफी मामी की बेटी बन्नो की बुर चुदवा रही है और मामी फूफी की बेटी शन्नो की बुर। मैंने कहा वाओ, यहाँ भी ये दोनों एक दूसरे की बिटिया की बुर चुदवा रहीं हैं। इसमें कोई साजिस है। इन बुर चोदी अम्मियों का बेटी चुदाने का कोई प्लान था। खैर चुदाई के बाद हम चारों इकठ्ठा हो गयी। सबने एक बात तो कही की हां चुदवाने में मज़ा तो बहुत आया। मगर यह कोई सोंची समझी चाल है ? इन लोगों ने अपनी बेटी चुदवाई है तो क्यों न हम लोग भी अपनी अपनी माँ चुदवाये ? या फिर एक दूसरे की माँ चुदवायें ? यह बात सबको भा गयी और फिर उसी पर काम होने लगा।
फिर हम लोगों ने भी प्लान बनाया। अगले दिन इतवार था। गर्मी के दिन थे। मैं सवेरे ६ बजे उठी और सीधे खाला के कमरे में चली गयी। मैंने बड़े प्यार से कहा खाला जान देखो कोई तुमसे मिलने आया है ? वह उठ कर इधर उधर झाँकने लगीं ? मैंने कहा भोसड़ी की खाला बुर चोदी अपने पीछे तो देख ? वह जैसे पीछे मुड़ी तो उसने देखा की दो मस्त जवान लड़के एकदम नंगे नंगे अपना अपना लण्ड खड़ा किये खड़े हैं। खाला बोलीं हाय अल्ला, ये क्या नूर ? मैंने बड़े प्यार से कहा अरे खाला ये लण्ड हैं लण्ड । ये अभी तेरी चूंचियों में घुसेंगें, तेरे मुंह में घुसेंगें, तेरे भोसड़ा में घुसेंगें। इन्हे पकड़ कर तो देख ज़रा ? वह बोली हाय नूर तू तो बड़ी चालक निकली। मैंने तुझे एक लण्ड दिया था और तू दो दो लण्ड पेलेगी मेरी बुर में ? मैंने कहा हरामजादी खाला तेरा भोसड़ा भी तो मेरी चूत से दुगुना है। मैंने कहा हसन पेल दे लण्ड मेरी खाला के मुंह में ? और अमन तू घुसेड़ दे लण्ड खाला की चूंचियों में ? अब खाला जान के पास कोई जबाब नहीं था। वह बोली तेरी अम्म,,,,,,,,? मैंने कहा मेरी अम्मी का भोसड़ा। अम्मी की बहन की बुर ? मैं अभी चोदूंगी तेरा भोसड़ा ? थोड़ी देर में मैंने हसन का लण्ड खाला के भोसड़ा में पेल दिया। तब तक मैंने देखा की हूर मेरी अम्मी को लेकर कमरे में आ गयी। अम्मी बिलकुल नंगी थी। उसके एक हाथ में लण्ड था और हूर भी एक लण्ड पकड़ेहुए थी। हूर ने मेरे सामने ही अम्मी के भोसड़ा में लण्ड घुसेड़ दिया। वह बोली नूर तू मेरी माँ का भोसड़ा चुदा रही है अब मैं तेरी माँ का भोसड़ा चुदाऊंगी।
बस फिर क्या दोनों भोसड़ा भकाभक चुदने लगे।
फिर मैंने कहा यार हूर अब तू अपनी माँ का भोसड़ा चुदा । मैं अपनी माँ का भोसड़ा चुदाऊंगी। ताकि इन भोसड़ी वालियों को मालूम हो जाए की इनकी बेटियां भी अपनी माँ का भोसड़ा चुदाना जानतीं हैं। इनकी बेटियों की चूत में भी आग है।
तब तक मुझे मालूम हुआ की शन्नो और बन्नो भी दो दो लड़कों से अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चुदा रहीं हैं। थोड़ी देर में फूफी जान और मामी जान दोनों आयीं और बोली हाय अल्ला, हमारी बेटियां तो बहुत अच्छी तरह से चुदवातीं हैं अपनी माँ का भोसड़ा ? देखो न कैसे दो दो लण्ड पेल कर मेरे भोसड़ा का कीमा बना दिया मेरी बेटी ने ? ये बुर चोदी बेटियां बड़ी हरामजादी हो गयीं है।
मैंने कहा मादर चोद फूफी, मामी खाला और अम्मी सबने कहा था न की - माँ चुदायें अपनी हमारी बेटियां ? इसलिए हम सबने अपनी अपनी माँ चुदवाई।
इतने में फूफी ने बेटियों की बात छेड़ दी।
इत्तिफ़ाक़ से सबकी बेटियां जवान है और सब भोसड़ी वाली २२ से २४ साल के बीच की हैं। मैं भी २३ साल की हूँ मेरा नाम नूर है। मेरी अम्मी का नाम है साजिदा बेगम ? वे सब मिल कर अपनी अपनी बेटियों के बार में भी बातें करने लगी। इतने में मैंने अपनी खाला आबिदा बेगम की बेटी हूर को भी बुला। अब हम दोनों मिलकर उनकी बातें सुनने लगीं। वे कह रहीं थी :-
मेरी बेटी बहन चोद बड़ी आवारा है लेकिन मुझसे अभी तक क्यों खुली नहीं है भोसड़ी वाली - मेरी बेटी बुर चोदी बड़ी बड़ी चूंचियों वाली है और मुझे तो लगता है की लण्ड तो खूब पकड़ती होगी मगर अभी भी मुझसे खुल कर बातें नहीं करती हैं - मेरी बेटी हरामजादी गालियां देती है लेकिन मेरे सामने शर्माती है। उसकी भी चूंचियां इधर बढ़ गयीं है मुझे भी शक है की वह लण्ड चाटने लगी होगी - मेरी लड़की तो हो सकता है की चुदवाती भी हो क्योंकि वह भोसड़ी की बड़ी बेशरम है और बेहाया भी ?
तभी खाला के मुंह से निकला - लड़कियों की माँ का भोसड़ा ? माँ चुदायें अपनी हमारी लड़कियां ?
अम्मी ने कहा हां तू बिलकुल ठीक कह रही है। अब तो बेटियां खुद आगे बढ़कर अपनी अपनी माँ चुदायें ? फूफी जान बोली यार मैं तो कहती हूँ मेरी बेटी किसी का भी लौड़ा पेल दे मेरी चूत में तो मज़ा आ जाये ? मैं तो ख़ुशी ख़ुशी चुदवा लूंगी। लेकिन वह भोसड़ी की कुछ ध्यान ही नहीं देती ? मामी जान बोली हां तेरी बात तो सही है। देखो एक बात तो पक्की है की हमारी बेटियां लड़कों से चुदवातीं जरूर होंगीं ? अगर वो चाहें तो अपनी माँ भी चुदाना शुरू कर सकती हैं. वैसे अभी भी समय है अगर वो हमारा भोसड़ा चुदवायें तो हम भी बड़े बड़े लण्ड से उनकी बुर चुदवा सकतीं हैं। खाला हंस कर बोली हां यार तेरी तो बड़े बड़े लौड़ों से बड़े अच्छे तालुकात है। दो चार लण्ड मेरी भी चूत में घुसेड़ दे भोसड़ी की ? उसकी बात पर सब हंसने लगीं।
मेरी अम्मी बोली :- अच्छा साफ़ साफ़ बताओ की तुम लोग अपनी बेटियों से क्या चाहती हो ?
खाला (आबिदा) बोलीं :- अरे मैं चाहती हूँ की मेरी जवान हो गयी है वह जवानी का पूरा मज़ा लुटे। और देखो जवानी का मज़ा तो लण्ड में है। मैं चाहती हूँ की मेरी बेटी लण्ड पकड़े एक नहीं कई लण्ड पकड़े ? कई लण्ड चूसे, कई लोगों से चुदवाये और अपनी माँ भी चुदवाये ?
फूफी (समशाद ) बोलीं :- मैं तो चाहती हूँ की मेरी बेटी मुझसे खुल जाए। मुझसे खूब गालियों से बात करे। मुझसे कहे अम्मी तेरा भोसड़ा बहन चोद ? मैं भी उससे कहूँ बेटी तेरी बुर चोदी बुर ? जब तक वह खुलेगी नहीं तब तक जवानी का मज़ा कैसे लूटेगी। मैं तो एक एक दिन का इंतज़ार कर रही हूँ।
मामी जान (नज़मा) बोली :- हां मैं भी चाहती हूँ की मैं अपनी बेटी से कहूँ - बेटी तेरी माँ का भोसड़ा ? बेटी मुझसे कहे अम्मी - तेरी बिटिया की बुर ? इस तरह का खुलापन हो ? मैं उसके सामने लण्ड पकडूँ और मैं उसके सामने ? मैं उसके सामने चुदवाऊँ वो मेरे सामने ? जब तक वह बेशरम नहीं तब तक जवानी का मज़ा लूट नहीं सकती ?
अम्मी ने कहा :- मैं तुम सब लोगों से सहमत हूँ। मैं भी यही चाहती हूँ। मैं भी उससे गालियां दे कर बातें करना चाहती हूँ। तेरी माँ की चूत बेटी, तेरी खाला का भोसड़ा, तेरी फूफी की चोदूंगी बुर। वह भी मुझसे कहे तेरी बेटी अपनी माँ चुदवाती है अम्मी ? मैं भी उससे कहूँ तेरी माँ अपनी बेटी चुदवाती है। तब कितना मज़ा आये परन्तु इसकी पहल कौन करेगा ? तुम या फिर तेरी बेटी ? मैं तो कहती हूँ की कल से हम सब लोग अपनी बेटियों से खुल कर बातें करें, गालियों से बातें करे और उन्हें अपनी माँ चुदाने के लिए उकसाएं ? तब मालूम होगा की किसी बेटी कितना ज्यादा जवानी का मज़ा लूटती है ?
मैंने कहा देखा हूर ऐसी हैं हमारी अम्मियाँ बहन चोद ? हूर बोली हाय दईया मुझे नहीं मालूम था की मेरी अम्मी अपनी बेटी से अपना भोसड़ा चुदवाना चाहती है। अगर उसने ज़रा सा भी इशारा किया होता तो मैं जाने कितने लण्ड पेल देती उसके भोसड़ा में ? मैंने कहा आओ अब यह बात हम शन्नो और बन्नो को भी बता दें। बस फिर मैंने चारों को इकठ्ठा किया और छत पर चली गयी। मैं नूर, खाला की बेटी हूर, फूफी की बेटी शन्नो और मामी की बेटी बन्नो ? मैंने पूरी बात उन्हें बता दी। शन्नो बन्नो भी बड़ी हैरान हो गयीं। बन्नो बोली हाय अल्ला, अगर हमारी अम्मी लोग ऐसा चाहती है तो हमें ऐसा करने में कोई हर्ज़ नहीं है। हमारी अम्मियाँ भी बुर चोदी अभी जवान हैं ? मैंने कहा एक प्लान है मेरे पास ? हम सब लोग कल से ही एक दूसरे को सरे आम अम्मियों को सुनाती हुई गालियां देना शुरू कर दें। शन्नो बोली क्यों न हम अपनी अम्मी को भी गालियां दें। वो चाहती हैं न ऐसा ? हूर ने कहा हां यह मशविरा अच्छा है। कल से सब लोग गालियों से ही माँ का भोसड़ा चोदना शुरू कर दो।
- दूसरे दिन जैसे मैं उठ कर आई वैसे ही हूर बोली - अरी भोसड़ी की नूर, इतनी देर से माँ चुदा रही थी तू अपनी ?
- मैंने जबाब दिया - हाय दईया, थोड़ी देर क्या हुई मुझे, तू तो मेरी गांड मारने लगी, माँ की लौड़ी, हूर ?
- शन्नो तब तक आ गयी वह बोली - हूर की तो माँ का भोसड़ा ? आज सवेरे सवेरे ही पता नहीं इसे क्या हो गया ?
- बन्नो बोली - इसकी चूत कुछ ज्यादा ही गरम हो गयी है मादर चोद ? इसकी बुर में लण्ड पेलो तब इसके होश ठिकाने होंगें ?
- मैंने कहा - तू ठीक कह रही है बन्नो की किसी दिन मैं हूर की माँ चोद दूँगी।
- हूर बोली - अब ज्यादा बक बक न करो नहीं तो फिर मैं सबकी पोल खोल दूँगी। गांड फट जाएगी सबकी जब मैं बोलना शुरू करूंगी ?
- शन्नो ने कहा - गांड क्या तू तो मेरी एक झांट भी टेढ़ी नहीं कर पायेगी बुर चोदी, हूर ?
- मैंने कहा - शन्नो, तेरी माँ की बिटिया की बुर ? इतना बढ़ चढ़ न बोल नहीं तो माँ चुदायेगी तू अपनी।
- हूर बोली - बन्नो, तेरी तो मैं झांटें उखाड़ लूंगी भोसड़ी की ?
- बन्नो ने कहा - मेरी तो झांटें है ही नहीं मैं तो अभी बना कर आई हूँ। तू क्या उखाड़ेगी बाबा जी का 'लण्ड' ?
हम लोगों की गालियां सुन कर सबकी अम्मी दातों तले उंगलियां दबाने लगीं ? सब अपनी बेटियों की इतनी खुली खुली गालियां सुनकर सन्न रह गयीं। कोई यह समझ नहीं पा रही थी की इतनी जल्दी इतना परिवर्तन आ कैसे गया ? लड़कियां खुल कर एक दूसरे को गाली कैसे देने लगीं ? अम्मी खाला फूफी मामी सब एक दूसरे को देखने लगीं। तब तक हम चारों दूसरे कमरे में चली गयीं। वो चारों भी आपस में बातें करने लगीं । तभी मैंने इशारे से कहा चलो हम छुप कर अम्मियों की बातें सुने ?
मेरी अम्मी जान - यार कुछ भी हो आज तो मज़ा आ गया। मुझे यकीन हो गया है की हमारी बेटियां किसी से कम नहीं हैं। वो सब जवानी का मज़ा लूट सकती है। खाला जान - लूट तो सकती हैं मगर लूटती हैं की नहीं वह सोंचने की बात है ? फूफी जान - जब इतनी खुल कर गालियां दे रही हैं तो लण्ड भी ये लड़कियों पकड़ती होंगीं और उसका मज़ा भी लेती होंगीं। खाला जान - तेरा मतलब चुदवातीं हैं ये चारों लड़कियां ? मामी जान - हां मुझे भी लगता है की चुदवातीं जरूर हैं भला इतनी उम्र तक कौन लड़की अपनी चूत को रोक कर रख सकती है ? और अगर नहीं चुदवाती तो लण्ड तो जरूर चूसती हैं। सड़का भी मारती होंगी और लण्ड पीती भी होंगी ? फूफी जान - अरे यार जो लड़की लण्ड पियेगी वह लण्ड अपनी बुर में भी पेलेगी ? खाला जान - मैं तो चाहती हूँ की वो अपनी बुर चुदवायें तभी तो हमारा भोसड़ा चुदवाएँगीं ? अम्मी जान - तो फिर ऐसा क्यों न करें की कल से हम भी इन लड़कियों के सामने ही एक दूसरे को खूब गालियां दें। एक दूसरे की माँ बहन चोदें। खाला जान - हां मैं बिलकुल राज़ी हूँ। बल्कि क्यों हम इन लड़कियों को भी गालियां दे ? फूफी जान - हां यह बिलकुल सही रहेगा।
अम्मियों की बातें सुनकर हम लोग बहुत खुश हो गयीं। इसीलिए दूसरे दिन सवेर सवेरे हम सब उठ गयी और उनकी बातें सुनने के लिए आँगन में इधर उधर घूमने लगीं
दूसरे दिन सवेरे से ही काम चालू हो गया।
अम्मी जान ने कहा - अरी भोसड़ी की आबिदा मैं यहाँ चाय बनाकर बैठी हूँ तू कहाँ लण्ड हिलाती हुई घूम रही है ? जल्दी आ न नहीं तो चाय ठंडी हो जाएगी।
खाला ने जबाब दिया - लण्ड बहन चोद यहाँ कहाँ रखा है जो हिलाऊँगी ? यहाँ तो सब चूत ही चूत हैं।
अम्मी जान फिर बोली - अच्छा अब मुझे बताना पडेगा क्या ? मैं जानती हूँ तू बुर चोदी मेरे मियां का लण्ड हिलाती है की नहीं ?
खाला बोलीं - लण्ड तो तू भी हिलाती है भोसड़ी की साजिदा (मेरी अम्मी) वह भी मेरे मियां का ?
फफूं ने कहा - यहाँ कौन भोसड़ी वाली अपने मियां का लण्ड हिलाती है ? सब की सब मादर चोद पराये मर्दों के लण्ड हिलाया करतीं हैं। लण्ड चाहे घर के हों चाहे बाहर के ?
अम्मी ने कहा - तू तो सबसे ज्यादा चुदवाती है गैर मर्दों से ? मैं सब जानती हूँ तेरे बारे में समशाद बेगम मेरी नन्द रानी ?
फूफी ने महा - अरे साजिदा तू तो मेरे मियां से चुदवाती है यार ? मैंने कई बार देखा है तुम्हे उससे चुदवाते हुए भी और उसका लण्ड चूसते हुए भी।
खाला बोली - तेरी बिटिया की बुर समशाद, अरे साजिदा दीदी का तेरे मियां से चुदवाने का रिस्ता है पगली। वह दीदी का नंदोई है। मेरा भी नंदोई है। मैं उसका लण्ड पेलती हूँ अपनी बुर में ? अब अगर हम लोग उसे चुदवातीं हैं तो तेरी गांड क्यों फटती है माँ की लौड़ी समशाद ?
मामी बोली - देखो यार इसमें कोई बहस नहीं होनी चाहिए। हम सब मादर चोद गैर मर्दों के लण्ड की दीवानी हैं। तो फिर मुंह क्यों छुपाती हो। मैं तो अपनी बुर भी चुदवाने को तैयार हूँ।
अम्मी ने कहा - तू चिंता न कर नज़मा तेरी बेटी किसी दिन अपनी माँ का भोसड़ा चुदायेगी।
खाला ने कहा - अरे यार मेरी बेटी माँ की लौड़ी पता नहीं कब चुदायेगी अपनी माँ का भोसड़ा ?
फूफी बोली - पहले तू चुदा अपनी बिटिया की बुर ? तब सोचना ? पहले अपनी गांड देख भोसड़ी की तब दूसरे की गांड देखना ?
खाला बोली - तेरी बहन का लण्ड नज़मा तेरी बेटी तो लण्ड पीती है तो फिर तू भी पिया कर उसके सामने लण्ड ?
मामी (नज़मा) ने कहा - हां हा बिलकुल पियूंगी पर तेरी गांड में दर्द क्यों हो रहा है, मादर चोद ?
हम लड़कियों के सामने ही इस तरह की बातें अम्मी लोग कर रहीं थीं। न हम लोग वहां से हटीं और न ही अम्मी लोग। इसका मतलब अब हम दोनों के बीच कोई शर्म नहीं रही बहन चोद। हम भी अम्मियों के सामने हो गयीं बेशरम और वो भी हो गयीं बेशरम हमारे आगे।
एक दिन ऐसे ही खाला बोली - अरी वो भोसड़ी की नूर इधर आ मेरे सामने ? मैं उसके सामने जाकर खड़ी हो गयी। वह बोली तू मादर चोद बड़ी सायानी बनती है । सबके सामने गालियां बकती है और सबको गालियां सिखाती है तेरी माँ की चूत ? तेरे खाला का भोसड़ा । तू अपने आप को बड़ी खूबसूरत समझती है। बोल कितने लण्ड पेलें है अभी तक तूने अपनी बुर में बुर चोदी नूर ?
मैंने कहा :- मेरी हरामजादी खाला मैं तेरी तरह लण्ड गिन गिन के नहीं पेलती हूँ अपनी बुर में ? गिना तो तूने होगा लण्ड ? बता तूने कितने लण्ड पेले हैं अपने भोसड़ा में ? और कितने लण्ड पेलें है तूने अपनी बिटिया की बुर में ?
खाला ने जबाब दिया :- तू बता तूने कितनी बार चुदवाया है अपनी माँ का भोसड़ा ? तेरी चूत में तो आग है ही नहीं ? आग अगर होती तो अब तक अपनी माँ का भोसड़ा चुदाना शुरू कर देती ? तू क्या, इस घर सारी लड़कियां बहन चोदी ठंढी हैं। किसी की बुर में कोई आग नहीं है। तेरी उम्र की जब मैं थी तो रोज़ लण्ड पेलती थी अपनी बुर में और अपनी माँ की चूत में ? अब मैं चोदूंगी तेरी बुर, नूर ? मैं दिखाऊँगी की मेरी चूत में कितनी आग है ।
बस उसने एक ताली बजाई तो बाथ रूम से एक आदमी एकदम नंगा नंगा अपना लण्ड खड़ा किये हुए आया और मेरे सामने खड़ा हो गया। खाला बोली असद भोसड़ी के पेल दे अपना लण्ड इस बुर चोदी नूर में मुंह में ? लण्ड देख कर तो मैं ललचा गई। मेरे मुंह में पानी आ गया। मेरी चूत बहन चोद गीली हो गयी। मेरा मुंह अपने आप लण्ड के सामने खुल गया और लण्ड उसमे घुस गया। मैं चूसने लगी लण्ड। इतने में खाला ने मेरे कपड़े उतारे और कर दिया मुझे पूरी नंगी। थोड़ी देर में असद भोसड़ी वाले ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया। मैं तो पहले भी कई बार चुदवा चुकी थी इसलिए दर्द वगैरह तो हुआ नहीं बल्कि मैं भी मस्ती से चुदवाने लगी। मेरे लिए नया लण्ड था और मैं मज़ा लेने लगी। इतने में मैने देखा की मेरी अम्मी हूर का हाथ पकड़ कर कमरे में आ गयीं। हूर बुर चोदी बिलकुल नंगी थी और वह भी एक आदमी का खड़ा लण्ड पकड़े हुए थी। अम्मी बोली अरी आबिदा तू मेरी बेटी चुदवा रही है देख मैं तेरी बेटी चुदवा रही हूँ। अम्मी ने उस आदमी का लण्ड हूर की बुर में घुसा दिया।
हम दोनों ने एक दूसरे को आँख मारी और चुदवाने लगीं। चुदाई जब खत्म हुई तो मैं फूफी के कमरे में चली गयी। वहां का सीन देख कर दंग रह गयी। मैंने देखा की फूफी मामी की बेटी बन्नो की बुर चुदवा रही है और मामी फूफी की बेटी शन्नो की बुर। मैंने कहा वाओ, यहाँ भी ये दोनों एक दूसरे की बिटिया की बुर चुदवा रहीं हैं। इसमें कोई साजिस है। इन बुर चोदी अम्मियों का बेटी चुदाने का कोई प्लान था। खैर चुदाई के बाद हम चारों इकठ्ठा हो गयी। सबने एक बात तो कही की हां चुदवाने में मज़ा तो बहुत आया। मगर यह कोई सोंची समझी चाल है ? इन लोगों ने अपनी बेटी चुदवाई है तो क्यों न हम लोग भी अपनी अपनी माँ चुदवाये ? या फिर एक दूसरे की माँ चुदवायें ? यह बात सबको भा गयी और फिर उसी पर काम होने लगा।
फिर हम लोगों ने भी प्लान बनाया। अगले दिन इतवार था। गर्मी के दिन थे। मैं सवेरे ६ बजे उठी और सीधे खाला के कमरे में चली गयी। मैंने बड़े प्यार से कहा खाला जान देखो कोई तुमसे मिलने आया है ? वह उठ कर इधर उधर झाँकने लगीं ? मैंने कहा भोसड़ी की खाला बुर चोदी अपने पीछे तो देख ? वह जैसे पीछे मुड़ी तो उसने देखा की दो मस्त जवान लड़के एकदम नंगे नंगे अपना अपना लण्ड खड़ा किये खड़े हैं। खाला बोलीं हाय अल्ला, ये क्या नूर ? मैंने बड़े प्यार से कहा अरे खाला ये लण्ड हैं लण्ड । ये अभी तेरी चूंचियों में घुसेंगें, तेरे मुंह में घुसेंगें, तेरे भोसड़ा में घुसेंगें। इन्हे पकड़ कर तो देख ज़रा ? वह बोली हाय नूर तू तो बड़ी चालक निकली। मैंने तुझे एक लण्ड दिया था और तू दो दो लण्ड पेलेगी मेरी बुर में ? मैंने कहा हरामजादी खाला तेरा भोसड़ा भी तो मेरी चूत से दुगुना है। मैंने कहा हसन पेल दे लण्ड मेरी खाला के मुंह में ? और अमन तू घुसेड़ दे लण्ड खाला की चूंचियों में ? अब खाला जान के पास कोई जबाब नहीं था। वह बोली तेरी अम्म,,,,,,,,? मैंने कहा मेरी अम्मी का भोसड़ा। अम्मी की बहन की बुर ? मैं अभी चोदूंगी तेरा भोसड़ा ? थोड़ी देर में मैंने हसन का लण्ड खाला के भोसड़ा में पेल दिया। तब तक मैंने देखा की हूर मेरी अम्मी को लेकर कमरे में आ गयी। अम्मी बिलकुल नंगी थी। उसके एक हाथ में लण्ड था और हूर भी एक लण्ड पकड़ेहुए थी। हूर ने मेरे सामने ही अम्मी के भोसड़ा में लण्ड घुसेड़ दिया। वह बोली नूर तू मेरी माँ का भोसड़ा चुदा रही है अब मैं तेरी माँ का भोसड़ा चुदाऊंगी।
बस फिर क्या दोनों भोसड़ा भकाभक चुदने लगे।
फिर मैंने कहा यार हूर अब तू अपनी माँ का भोसड़ा चुदा । मैं अपनी माँ का भोसड़ा चुदाऊंगी। ताकि इन भोसड़ी वालियों को मालूम हो जाए की इनकी बेटियां भी अपनी माँ का भोसड़ा चुदाना जानतीं हैं। इनकी बेटियों की चूत में भी आग है।
तब तक मुझे मालूम हुआ की शन्नो और बन्नो भी दो दो लड़कों से अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चुदा रहीं हैं। थोड़ी देर में फूफी जान और मामी जान दोनों आयीं और बोली हाय अल्ला, हमारी बेटियां तो बहुत अच्छी तरह से चुदवातीं हैं अपनी माँ का भोसड़ा ? देखो न कैसे दो दो लण्ड पेल कर मेरे भोसड़ा का कीमा बना दिया मेरी बेटी ने ? ये बुर चोदी बेटियां बड़ी हरामजादी हो गयीं है।
मैंने कहा मादर चोद फूफी, मामी खाला और अम्मी सबने कहा था न की - माँ चुदायें अपनी हमारी बेटियां ? इसलिए हम सबने अपनी अपनी माँ चुदवाई।
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