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लण्ड अदल बदल कर खूब चुदवाया - Lund badal kar chudwaya
लण्ड अदल बदल कर खूब चुदवाया - Lund badal kar chudwaya , हसबैंड बदल कर चुदाई , लंड खूब चूसा , सात आठ इंच लंबा लिंग बाहर निकाल लिया , उसका लण्ड वाकई टन टनाने लगा , Do Biwiyon Ne Ek Dusri Ke Pati Se Choot Chudwai , Adal Badal Kar Masti , पति को बदलकर मजा किया - Best Hindi sex stories.
मैंने बड़े प्यार से कहा - भोसड़ी की कामिनी मौसी तेरी चूत में ठोंक दूँ लण्ड ?
वह बोली - अंजना, तेरी माँ का भोसड़ा, बहन चोद ? बड़ी मस्ती सवार है न आजकल तेरे पर, माँ की लौड़ी ? तू बुर चोदी अगर मेरी चूत में ठोंकेगी लण्ड तो मै क्या देखती रहूंगी ? मुझे चूतिया समझ रखा है क्या तूने। अरे मैं तो ठोंक दूँगी कई लण्ड तेरी चूत में भोसड़ी की, अंजना ? मेरे पास भी कई मोटे मोटे तगड़े तगड़े लण्ड हैं ? तेरी चूत का कबाड़ा बना देंगे मादर चोद ?
मैंने कहा :- अरी जा जा मौसी, तेरी बुर में मैं भी २/३ लण्ड एक साथ घुसा दूँगी। तब तेरी बुर क्या तेरी गांड भी फट जाएगी, बहन चोद ? तब तुझे मालूम होगा की लण्ड क्या होता है ?
मैं मौसी के साथ इसी तरह से बात करती हूँ और इसी तरह मिलकर चोदा चोदी करती हूँ। वह मेरे सामने चुदवाती है और मैं उसके सामने चुदवाती हूँ। वह मेरी चूत में लण्ड पेलती है और मैं उसकी चूत में ? हम दोनों आजकल बड़ी ऐय्याशी कर रहीं है और मस्ती से ज़िन्दगी का आनंद ले रहीं हैं। यह सब कैसे हुआ, मैं आप सबको बताना चाहती हूँ :-
मैं अंजना हूँ दोस्तों। मैं २५ साल की हूँ, मद मस्त, बिंदास और हंसमुख मिज़ाज़ की हूँ। मैं आजकल मुंबई में अपनी मौसी कामिनी के साथ रह रही हूँ। मेरी मौसी भी काम करती हैं। वास्तव में मेरी नौकरी मुंबई में लग गयी है और मौसी ने ही मुझे अपने पास बुला लिया। आजकल मैं मौसी के साथ अपनी लाइफ एन्जॉय कर रही हूँ। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है।
मेरी मौसी मुझसे केवल ५ साल बड़ी हैं। उसका स्वाभाव मेरे स्वाभाव की तरह ही है इसलिए हम दोनों की पटती भी अच्छी है ? उसकी बड़ी बड़ी आँखें है और बड़ी बड़ी चूंचियां हैं। मेरी भी आँखें बड़ी हैं और चूंचियां भी उसी टक्कर की हैं। उसे हंसी मजाक पसंद है और मुझे भी। वह भी बड़े बड़े चूतड़ों वाली है और मैं भी। अब मुझे किसी दिन यह देखना है की उसकी चूत कैसी है ? मेरी तो चूत बड़ी मस्त है और मैं छोटी छोटी झांटें रखती हूँ। कभी कभी पार्लर से झांटों की डिजाइन भी बनवा लेती हूँ। मुझे एकदम चिकनी चूत या एकदम चिकना लण्ड बिलकुल पसंद नहीं है। छोटी छोटी झांटों वाला लौड़ा मुझे बड़ा सेक्सी लगता है। हां पेल्हड़ तो मैं बिलकुल चिकने ही पसंद करती हूँ। और मेरी जान तो हमेशा लण्ड के सुपाड़े पर अटकी रहती है, बहन चोद ? मैं उसे बड़े मन से चाटती हूँ और चूसती हूँ।
एक दिन मैं ऑफिस गयी तो किसी कारण बस छुट्टी हो गयी तो मैं चुपचाप घर लौट आई। मौसी को पता ही नहीं चला की मैं घर पर हूँ। इतने में किसी ने घंटी बजायी। मौसी ने दरवाजा खोला और बोली वाओ, अवनी तू ? मौसी ने उसे अंदर बैठाया और दरवाजा बंद करके बोली तू भोसड़ी की इतने दिनों से क्या अपनी माँ चुदा रही थी ? तुझे मेरे ख्याल कभी नहीं आया। उसने कहा नहीं यार मैं बाहर चली गयी थी। पर तूने भी तो कभी फोन नहीं किया माँ की लौड़ी। तू क्या घर में बैठी बैठी झांटें उखाड़ रही थी अपनी ? मैं समझ गयी की ये दोनों पक्की दोस्त है और इनकी बातें बड़ी मजेदार होंगी। इसलिए मैं वही बैठ कर इतनी बातें सुनने लगी और मोबाइल ऑन कर दिया तो बातें भी रिकॉर्ड होने लगीं। मौसी ने फिर ड्रिंक्स बनाया और वो दोनों पीने लगीं शराब। थोड़ी देर में दोनों सिगरेट भी पीने लगीं। मेरा मन हुआ की मैं भी शामिल हो जाऊं क्योंकि मुझे भी दारू और सिगरेट पीने का शौक है लेकिन मैंने सोंचा की फिर ये लोग खुल कर बातें नहीं कर पाएंगीं। इसलिए मैं मन मार कर बैठी रही।
अवनी ने कहा :- कामिनी, आज इसे लौड़ा पकड़ा दो बुर चोदी को ? फिर मेरी तरफ होकर बोली तुझे किसी तरह का लौड़ा पसंद है अंजना ?
मैंने भी आँख मटका कर कहा :- मुझे तो मोटे लण्ड पसंद है ?
अवनी बोली :- तो फिरआज एक पार्टी रख लो न कामिनी। बड़े बड़े और मोटे मोटे लण्ड वाले कुछ लड़के मैं बुला लेती हूँ और कुछ तुम बुला लो ?
मौसी ने कहा :- ठीक है आज शाम को ८ बजे से पार्टी शुरू हो जाएगी। देख भोसड़ी की अवनी टाइम से आ जाना। कहीं किसी की माँ न चोदने लगना ?
मैंने मन में सोंच लिया की आज मैं चोदूंगी मौसी का भोसड़ा ? मौसी पूरे नशे में थी और मैं भी। अवनी भी नशे में धुत्त थी। अचानक मौसी बोली :- अंजना माँ की लौड़ी लगता है की तू पहले से ही शराब पी रही है। तेरी माँ का भोसड़ा सच सच बता मुझे ?
मैंने कहा :- हां भोसड़ी की मौसी मैं बहुत पहले से शराब पी रही हूँ। मैं तो लौड़ा भी पीती हूँ बहन चोद ? तू मेरा क्या करेगी ? मेरी झांटें उखाड़ेगी मादर चोद ? तेरी तो बहन की बुर, हरामजादी कामिनी ?
मेरी बातें सुनकर उन दोनों ने तालियां बजायी और अवनी बोली कामिनी अब ये तेरी अच्छी सहेली बन गयी है। मैं भी हंस पड़ी।
शाम को अवनी आ गयी उसके पीछे दो लड़के भी थे। वे दोनों बैठ गए। अवनी ने बताया की यह है भोसड़ी का जैकब और यह है माँ का लौड़ा रीतेश। मैंने भी दोनों से हाथ मिलाया। मौसी भी उन लोगों से मिली। लड़के तो बहुत बढ़िया ढूंढ कर लायी है अवनी मैंने मन में कहा। तब तक दो लड़केऔर आ गए। मौसी ने कहा ये है मादर चोद वरुण और यह है बहन का लण्ड बल्लू। ये दोनों भी मुझे बहुत अच्छे लगे। मेरी चूत ख़ुशी के मारे गनगना उठी। बस फिर हम सब दारु पीने में तल्लीन हो गए.
बातें होने लगी और उधर नशा चढ़ने लगा। इतने में मौसी रीतेश की जाँघों पर हाथ फेरने लगी। अवनी ने वरुण के गले में अपनी बाहों डाल दी और मैं जैकब के बदन पर हाथ फिराने लगी और वह मेरे बदन पर। उधर मौसी ने एक हाथ बल्लू पर भी बढ़ा दिया। मौसी बल्लू और रीतेश दोनों की अपनी ओर खींचने लगीं। धीरे धीरे मस्ती बढ़ने लगी। अवनी उठीऔर अपने कपडे खोलने लगी। उधर मौसी भी कपड़े उतारने लगी। अवनी नंगी हुई तो उसकी मस्त चूंचियां देख कर लोगों के लण्ड टन तनाउथे। मौसी की चूंचियां देख कर लौड़े हिनहिना उठे। दोनों की चूत भी तब तक खुल चुकी थी। उनकी गांड भी नंगी नंगी सबको दिखने लगी थी। अवनी बोली अरी अंजना क्या तू माँ चुदाने में बाद अपने कपड़े उतारेगी ? फिर क्या मैं भी सबके सामने नंगी हो गयी।
मुझे यह सीन बड़ा अच्छा लग रहा था। मेरी नज़र मौसी के भोसड़ा पर टिक गयी। मैंने कहा वाह क्या मस्त भोसड़ा है मौसी तेरा ? वह बोली अंजना तेरी चूत भी बुर चोदी बड़ी मस्तानी है। इधर हमारी बातें हुई तो उधर वो चारों लड़के भी नंगी हो गए। मैं जैकब का लौड़ा हिलाने लगी। अवनी वरुण के लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी और मौसी के हाथ में दो दो लण्ड आ गए। रीतेश और बल्लू का लौड़ा पाकर मौसी अपने आप को बड़ी लकी समझ रहीं थी। चारों लण्ड बहन चोद तन कर खड़े हो गए। कमरा लण्ड और चूत की महक से गूंजने लगा। नशा और चढ़ने लगा। मैं जेबाक का लण्ड चूसने लगी, अवनी वरुण का लण्ड मुंह में लिए हुए थी और मौसी रीतेश और बल्लू दोनों का लण्ड बारी बारी से चूसने लगीं। मौसी मेरे बगल में ही थीं इसलिए मेरा एक हाथ उसके भोसड़ा तक पहुँच गया। मैं उसे सहलाने लगी। भोसड़ा एकदम गीला था। मैंने जैकब का लौड़ा मौसी के भोसड़ा में घुसेड़ दिया और उसके हाथ में बल्लू का लौड़ा ले लिया। वह रीतेश का लौड़ा चाटते हुए जैकब से चुदवाने लगी. तब तक अवनी भी वरुण से चुदाने लगी।
मौसी बोली :- भोसड़ी की अंजना, अपनी मौसी की बुर चुदा रही हो तुम ?
मैंने कहा :- बहुत दिनी के बाद मिला है तेरी बुर चुदाने का मौक़ा, मौसी।
मौसी ने हाथ बढाकर बल्लू का लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। मैं भी मस्ती से रंडी की तरह चुदवाने में जुट गयी।
मौसी बोली :- अब मज़ा आया न लौड़ा अपनी बुर में लेने का अंजना ? अब तो मैं तेरी बुर हर रोज़ किसी न किसी को दिया करूंगी। यहाँ तेरी जैसी बुर के दीवाने बहुत लड़के है अंजना ?
मैंने कहा :- मेरे पास बहुत लड़के हैं तेरे भोसड़ा के दीवाने, बुर चोदी मौसी ?
तब तक अवनी बोली :- अरी भोसड़ी वालियों मादर चोदियों कहीं मेरी बुर न भूल जाना तुम दोनों ?
बस इसी तरह की मस्ती से बातें करती हुई हम तीनो ने रात बाहर लण्ड अदल बदल कर खूब चुदवाया।
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
वह बोली - अंजना, तेरी माँ का भोसड़ा, बहन चोद ? बड़ी मस्ती सवार है न आजकल तेरे पर, माँ की लौड़ी ? तू बुर चोदी अगर मेरी चूत में ठोंकेगी लण्ड तो मै क्या देखती रहूंगी ? मुझे चूतिया समझ रखा है क्या तूने। अरे मैं तो ठोंक दूँगी कई लण्ड तेरी चूत में भोसड़ी की, अंजना ? मेरे पास भी कई मोटे मोटे तगड़े तगड़े लण्ड हैं ? तेरी चूत का कबाड़ा बना देंगे मादर चोद ?
मैंने कहा :- अरी जा जा मौसी, तेरी बुर में मैं भी २/३ लण्ड एक साथ घुसा दूँगी। तब तेरी बुर क्या तेरी गांड भी फट जाएगी, बहन चोद ? तब तुझे मालूम होगा की लण्ड क्या होता है ?
मैं मौसी के साथ इसी तरह से बात करती हूँ और इसी तरह मिलकर चोदा चोदी करती हूँ। वह मेरे सामने चुदवाती है और मैं उसके सामने चुदवाती हूँ। वह मेरी चूत में लण्ड पेलती है और मैं उसकी चूत में ? हम दोनों आजकल बड़ी ऐय्याशी कर रहीं है और मस्ती से ज़िन्दगी का आनंद ले रहीं हैं। यह सब कैसे हुआ, मैं आप सबको बताना चाहती हूँ :-
मैं अंजना हूँ दोस्तों। मैं २५ साल की हूँ, मद मस्त, बिंदास और हंसमुख मिज़ाज़ की हूँ। मैं आजकल मुंबई में अपनी मौसी कामिनी के साथ रह रही हूँ। मेरी मौसी भी काम करती हैं। वास्तव में मेरी नौकरी मुंबई में लग गयी है और मौसी ने ही मुझे अपने पास बुला लिया। आजकल मैं मौसी के साथ अपनी लाइफ एन्जॉय कर रही हूँ। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है।
मेरी मौसी मुझसे केवल ५ साल बड़ी हैं। उसका स्वाभाव मेरे स्वाभाव की तरह ही है इसलिए हम दोनों की पटती भी अच्छी है ? उसकी बड़ी बड़ी आँखें है और बड़ी बड़ी चूंचियां हैं। मेरी भी आँखें बड़ी हैं और चूंचियां भी उसी टक्कर की हैं। उसे हंसी मजाक पसंद है और मुझे भी। वह भी बड़े बड़े चूतड़ों वाली है और मैं भी। अब मुझे किसी दिन यह देखना है की उसकी चूत कैसी है ? मेरी तो चूत बड़ी मस्त है और मैं छोटी छोटी झांटें रखती हूँ। कभी कभी पार्लर से झांटों की डिजाइन भी बनवा लेती हूँ। मुझे एकदम चिकनी चूत या एकदम चिकना लण्ड बिलकुल पसंद नहीं है। छोटी छोटी झांटों वाला लौड़ा मुझे बड़ा सेक्सी लगता है। हां पेल्हड़ तो मैं बिलकुल चिकने ही पसंद करती हूँ। और मेरी जान तो हमेशा लण्ड के सुपाड़े पर अटकी रहती है, बहन चोद ? मैं उसे बड़े मन से चाटती हूँ और चूसती हूँ।
एक दिन मैं ऑफिस गयी तो किसी कारण बस छुट्टी हो गयी तो मैं चुपचाप घर लौट आई। मौसी को पता ही नहीं चला की मैं घर पर हूँ। इतने में किसी ने घंटी बजायी। मौसी ने दरवाजा खोला और बोली वाओ, अवनी तू ? मौसी ने उसे अंदर बैठाया और दरवाजा बंद करके बोली तू भोसड़ी की इतने दिनों से क्या अपनी माँ चुदा रही थी ? तुझे मेरे ख्याल कभी नहीं आया। उसने कहा नहीं यार मैं बाहर चली गयी थी। पर तूने भी तो कभी फोन नहीं किया माँ की लौड़ी। तू क्या घर में बैठी बैठी झांटें उखाड़ रही थी अपनी ? मैं समझ गयी की ये दोनों पक्की दोस्त है और इनकी बातें बड़ी मजेदार होंगी। इसलिए मैं वही बैठ कर इतनी बातें सुनने लगी और मोबाइल ऑन कर दिया तो बातें भी रिकॉर्ड होने लगीं। मौसी ने फिर ड्रिंक्स बनाया और वो दोनों पीने लगीं शराब। थोड़ी देर में दोनों सिगरेट भी पीने लगीं। मेरा मन हुआ की मैं भी शामिल हो जाऊं क्योंकि मुझे भी दारू और सिगरेट पीने का शौक है लेकिन मैंने सोंचा की फिर ये लोग खुल कर बातें नहीं कर पाएंगीं। इसलिए मैं मन मार कर बैठी रही।
- मौसी ने कहा अब बता कहाँ कहाँ से गांड मरा केआई है तू ?
- अवनी ने कहा अरे यार मैं बैंकाक गयी थी और फिर वहां से पटाया गयी थी। वहां जो देखा तो मज़ा आ गया। वहां स्टेज पर एक दर्जन नंगी लड़कियां नाचती हुई देखा। एकदम नंगी नंगी गोरी गोरी लड़कियों की काली काली झांटें बहुत सेक्सी लगतीं हैं यार ? फिर एक लड़कों का भी शो देखा जहाँ ? लड़के सिर्फ चड्ढी पहने नाच रहे थे और उसकी झांटेंअगल बगल से झाँक रहीं थीं। उनके उभरे हुए लण्ड बड़े अच्छे लग रहे थे। हाल पूरा लोगों से भरा था। फिर एक शो एकदम नंगे लड़कों का भी देखा। फिर देखा की स्टेज पर ५/६ लड़कियां खुले आम लण्ड पी रही हैं। blowjob और handjob खुलेआम हो रहा है। मेरा मन हुआ की मैं स्टेज पर जाकर लण्ड पीना शुरू कर दूँ।
- चुदाई का भी स्टेज शो होता है वहां, अवनी ? म
- हां होता है मैंने वह भी देखा। यार यह सब अपने देश में क्यों नहीं होता, कामिनी ?
- यहाँ भी होता भी भोसड़ी की अंजना पर सब छुप छुप कर चोरी चोरी ? अभी कल मैंने जिस लड़के का लण्ड पिया था वह बड़ा मजेदार था। मैंने उसे रोका और फिर उससे मस्ती से चुदवाया भी ? म
- मुझे तो राजेश का लौड़ा पीने में बड़ा मज़ा आता है कामिनी ?
- हां तू ठीक कह रही है। उसका लौड़ा लड़कियां अक्सर पीती है। और राकेश के लौड़े से चुदवाने में मज़ा आता है। पंकज, राणा, राका और पीटर के लण्ड भी मुझे बहुत पसंद हैं। म
- हां यार उस दिन जब हम दोनों ने एक साथ चुदवाया तो अच्छा लगा था। ये लड़के पहले खुद चोदते हैं और फिर हमें अपने दोस्तों से चुदवातें हैं। इसी तरह हम लोगों को हर बार नए नए लण्ड मिल जातें हैं। अभी उस दिन साहिल और शिवा मुझे चोद कर गया।
- हां उन दोनों के लण्ड भी मोटे हैं। मैं एक दिन ताहिर से चुदवा लिया तब मुझे मालूम हुआ की मुस्लिम लण्ड बुर चोदने में बड़े माहिर होतें है। म
- अच्छा सुना है की तेरी बहन की बेटी तेरे पास रहने लगी है, कामिनी ।
- हां यार सच है। उसका नाम है अंजना। २४ साल की है यहाँ नौकरी करती है।
- तब तो मस्त जवान है उसे भी अपने ग्रुप में शामिल कर लो न ? उसे भी लण्ड की जरुरत होगी। बुर चोदी कब तक बिना लण्ड के रहेगी ?
- हां मैं भी यही सोंच रही हूँ। लेकिन अभी वह मुझसे खुली नहीं है।
- खोलने में कितनी देर लगती है यार। किसी दिन उसे पकड़ा दो कोई लण्ड भोसड़ी वाली को। बस खुल जाएगी माँ की लौड़ी। नहीं तो मुझसे कहो मैं ही घुसा दूँगी लण्ड उसकी चूत में बहन चोद ? गाली वाली देती है न तुम्हे ?
- नहीं यार अभी उसने गाली देना नहीं शुरू किया ?
- कहाँ है बुलाओ उसे मैं उसकी माँ चोदती हूँ अभी। उसकी माँ की चूत ? उसकी बहन की बुर मादर चोद कैसे नहीं खुलेगी। मैं अभी उसकी गांड में घुसड़ दूँगी लण्ड ? उसकी मौसी का भोसड़ा ?
- अभी वह है नहीं यार शायद अपने ऑफिस गयी है। मैं आज ही उससे गालियों से बात करना शुरू कर दूँगी। कब तक मैं उस भोसड़ी वाली से छुपा छुपा लण्ड पकड़ती रहूंगी, अपनी बुर चुदवाती रहूंगी ? मैं बिना चुदवाये रह नहीं सकती ? वह भी शामिल हो जाए तो बेहतर होगा। मैंने बुलाया है उसे इसीलिए।
- हां यार और एक बात है। उसके होने से हमें और अच्छे अच्छे लण्ड मिल सकतें है। देखो, न मैंने शादी की और न तूने। अंजना भी शायद अभी कुवांरी है बहन चोद ? तो हम तीनो को लण्ड की जरुरत है। क्यों न हम मिल कर एक बढ़िया चोदा चोदी का ग्रुप बना लें और खूब ऐय्याशी करें। दुनिया में और रखा ही क्या है ?
अवनी ने कहा :- कामिनी, आज इसे लौड़ा पकड़ा दो बुर चोदी को ? फिर मेरी तरफ होकर बोली तुझे किसी तरह का लौड़ा पसंद है अंजना ?
मैंने भी आँख मटका कर कहा :- मुझे तो मोटे लण्ड पसंद है ?
अवनी बोली :- तो फिरआज एक पार्टी रख लो न कामिनी। बड़े बड़े और मोटे मोटे लण्ड वाले कुछ लड़के मैं बुला लेती हूँ और कुछ तुम बुला लो ?
मौसी ने कहा :- ठीक है आज शाम को ८ बजे से पार्टी शुरू हो जाएगी। देख भोसड़ी की अवनी टाइम से आ जाना। कहीं किसी की माँ न चोदने लगना ?
मैंने मन में सोंच लिया की आज मैं चोदूंगी मौसी का भोसड़ा ? मौसी पूरे नशे में थी और मैं भी। अवनी भी नशे में धुत्त थी। अचानक मौसी बोली :- अंजना माँ की लौड़ी लगता है की तू पहले से ही शराब पी रही है। तेरी माँ का भोसड़ा सच सच बता मुझे ?
मैंने कहा :- हां भोसड़ी की मौसी मैं बहुत पहले से शराब पी रही हूँ। मैं तो लौड़ा भी पीती हूँ बहन चोद ? तू मेरा क्या करेगी ? मेरी झांटें उखाड़ेगी मादर चोद ? तेरी तो बहन की बुर, हरामजादी कामिनी ?
मेरी बातें सुनकर उन दोनों ने तालियां बजायी और अवनी बोली कामिनी अब ये तेरी अच्छी सहेली बन गयी है। मैं भी हंस पड़ी।
शाम को अवनी आ गयी उसके पीछे दो लड़के भी थे। वे दोनों बैठ गए। अवनी ने बताया की यह है भोसड़ी का जैकब और यह है माँ का लौड़ा रीतेश। मैंने भी दोनों से हाथ मिलाया। मौसी भी उन लोगों से मिली। लड़के तो बहुत बढ़िया ढूंढ कर लायी है अवनी मैंने मन में कहा। तब तक दो लड़केऔर आ गए। मौसी ने कहा ये है मादर चोद वरुण और यह है बहन का लण्ड बल्लू। ये दोनों भी मुझे बहुत अच्छे लगे। मेरी चूत ख़ुशी के मारे गनगना उठी। बस फिर हम सब दारु पीने में तल्लीन हो गए.
बातें होने लगी और उधर नशा चढ़ने लगा। इतने में मौसी रीतेश की जाँघों पर हाथ फेरने लगी। अवनी ने वरुण के गले में अपनी बाहों डाल दी और मैं जैकब के बदन पर हाथ फिराने लगी और वह मेरे बदन पर। उधर मौसी ने एक हाथ बल्लू पर भी बढ़ा दिया। मौसी बल्लू और रीतेश दोनों की अपनी ओर खींचने लगीं। धीरे धीरे मस्ती बढ़ने लगी। अवनी उठीऔर अपने कपडे खोलने लगी। उधर मौसी भी कपड़े उतारने लगी। अवनी नंगी हुई तो उसकी मस्त चूंचियां देख कर लोगों के लण्ड टन तनाउथे। मौसी की चूंचियां देख कर लौड़े हिनहिना उठे। दोनों की चूत भी तब तक खुल चुकी थी। उनकी गांड भी नंगी नंगी सबको दिखने लगी थी। अवनी बोली अरी अंजना क्या तू माँ चुदाने में बाद अपने कपड़े उतारेगी ? फिर क्या मैं भी सबके सामने नंगी हो गयी।
मुझे यह सीन बड़ा अच्छा लग रहा था। मेरी नज़र मौसी के भोसड़ा पर टिक गयी। मैंने कहा वाह क्या मस्त भोसड़ा है मौसी तेरा ? वह बोली अंजना तेरी चूत भी बुर चोदी बड़ी मस्तानी है। इधर हमारी बातें हुई तो उधर वो चारों लड़के भी नंगी हो गए। मैं जैकब का लौड़ा हिलाने लगी। अवनी वरुण के लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी और मौसी के हाथ में दो दो लण्ड आ गए। रीतेश और बल्लू का लौड़ा पाकर मौसी अपने आप को बड़ी लकी समझ रहीं थी। चारों लण्ड बहन चोद तन कर खड़े हो गए। कमरा लण्ड और चूत की महक से गूंजने लगा। नशा और चढ़ने लगा। मैं जेबाक का लण्ड चूसने लगी, अवनी वरुण का लण्ड मुंह में लिए हुए थी और मौसी रीतेश और बल्लू दोनों का लण्ड बारी बारी से चूसने लगीं। मौसी मेरे बगल में ही थीं इसलिए मेरा एक हाथ उसके भोसड़ा तक पहुँच गया। मैं उसे सहलाने लगी। भोसड़ा एकदम गीला था। मैंने जैकब का लौड़ा मौसी के भोसड़ा में घुसेड़ दिया और उसके हाथ में बल्लू का लौड़ा ले लिया। वह रीतेश का लौड़ा चाटते हुए जैकब से चुदवाने लगी. तब तक अवनी भी वरुण से चुदाने लगी।
मौसी बोली :- भोसड़ी की अंजना, अपनी मौसी की बुर चुदा रही हो तुम ?
मैंने कहा :- बहुत दिनी के बाद मिला है तेरी बुर चुदाने का मौक़ा, मौसी।
मौसी ने हाथ बढाकर बल्लू का लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। मैं भी मस्ती से रंडी की तरह चुदवाने में जुट गयी।
मौसी बोली :- अब मज़ा आया न लौड़ा अपनी बुर में लेने का अंजना ? अब तो मैं तेरी बुर हर रोज़ किसी न किसी को दिया करूंगी। यहाँ तेरी जैसी बुर के दीवाने बहुत लड़के है अंजना ?
मैंने कहा :- मेरे पास बहुत लड़के हैं तेरे भोसड़ा के दीवाने, बुर चोदी मौसी ?
तब तक अवनी बोली :- अरी भोसड़ी वालियों मादर चोदियों कहीं मेरी बुर न भूल जाना तुम दोनों ?
बस इसी तरह की मस्ती से बातें करती हुई हम तीनो ने रात बाहर लण्ड अदल बदल कर खूब चुदवाया।
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