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बेटियां माँ को चुदवाती है और मम्मी अपनी ही लड़की - Beti apni Maa ko chudwati hai
बेटियां चुदवायें अपनी माँ - माँ चुदवायें अपनी बेटियां , बेटियां माँ को चुदवाती है और मम्मी अपनी ही लड़की - Beti apni Maa ko chudwati hai.
एक दिन मैं हिना, मेरी खाला की बेटी सबा और मेरी फूफी की बेटी फ़ना तीनो बैठी हुई बातें कर रही थीं। चूँकि हम तीनो बहुत दिनों बाद मिली थी इसलिए बातें खूब गहरी होती गयी और बीच बीच में हंसी मजाक भी। वैसे भी हम तीनो हम उम्र है। मैं २२ साल की हूँ सबा २३ साल की और फ़ना २१ साल की। कुछ चुटकुले भी होने लगे . पहले तो वेज चुटकुले लेकिन फिर धीरे धीरे नॉन- वेज चुटकुले भी। मस्ती बढ़ने लगी। फिर बातें खुल्लम खुल्ला होने लगीं। थोड़ा समय और गुज़रा तो लण्ड, चूत, गांड, बुर, भोसड़ा सब मुंह से निकलने लगा। चोदा चोदी की बातें होने लगीं। पकड़ा पकड़ी, पेला पेली, ठोंका ठोंकी की बातें भी।
तभी अचानक हमारे बीच हमारी फूफी आ गयी। उसने शायद हमारी कुछ बातें सुन लीं थी। वह आते ही बोली अरे तुम सब यहाँ बैठी बैठी क्या अपनी माँ चुदा रही हो ? मैं आपको पहले बता दूँ की मेरी फूफी को गाली बकने की आदत है। वह बिना गाली के किसी से भी बात नहीं कर सकती। यहाँ तक की अपनी बेटी से भी मादर चोद बहन चोद कह कर बात करतीं हैं। वैसे मेरी अम्मी गाली नहीं बकती है और न ही खाला जान। लेकिन जब फूफी आतीं हैं तो वो दोनों भी मस्ती से गालियां देने लगती हैं। मैंने जबाब दिया और कहा नहीं फूफी जान ऐसी कोई बात नहीं है। हम लोग इतने दिनों के बाद मिलीं हैं इसलिए बातें खूब हो रहीं हैं। वह बोली अब तू मुझे चूतिया न बना ? मैं सब जानती हूँ की तुम लोग क्या क्या बातें कर रही हो ? बिना मतलब इसमें अपना समय बर्बाद कर रही हो। अरे इतने समय में तो तुम लोग अपनी अपनी माँ चुदवा लेती ? मैं मन ही मन सोंचने लगी की फूफी जान माँ चुदाने पर इतना जोर क्यों दे रही हैं ? क्या वह वाकई हम लोगों की माँ चुदवाना चाहती हैं ? उसके जाने के बाद मैंने फ़ना से पूंछा यार फूफी जान क्या सही में हम लोगों से माँ चुदवाना चाहती हैं ? वह बोली नहीं यार ऐसी कोई बात नहीं है। मेरी अम्मी मुझसे भी इसी तरह की बातें करती है, जैसे "माँ चुदा केआई है तू" "माँ चुदाने जा रही है तू अपनी" "कितनी देर तक चुदवायेगी तू अपनी माँ" वगैरह वगैरह ?
उसकी बात सुन कर हम लोग फिर अपनी बातों में जुट गईं। जबसे हमने फूफी की बात सुनी और फ़ना ने बताया की फूफी किस तरह की गालियां देतीं है तबसे हमारी बातें और हॉट होने लगीं। हम सब बड़ी बेशर्मी से बातें करने लगी। बात फिर लण्ड के साइज़ पर आ गयी। मैंने कहा यार मुझे तो मोटा लण्ड पसंद है। मेरी सहेलियां कहतीं है की मोटे लण्ड से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है। सबा ने कहा यार मोटा लण्ड तो चूत फाड़ देता है। बड़ी तकलीफ होती है। फ़ना बोली तकलीफ थोड़ी देर की ही होती है फिर तो मज़ा ही मज़ा आता है। सबा बोली यार मुझे तो किसी भी तरह का लण्ड पसंद है। मैं तो हर तरह का लण्ड लेने को तैयार हूँ। तब तक मेरी खाला जान कुछ नास्ता लेकरआ गईं. नास्ता रखते हुए बोली सबसे ज्यादा मज़ा मोटा लण्ड ही देता है। साला चारों तरफ से चिपक कर घुसता है चूत में । वह चली गयी तो हम सब एक दूसरे का मुंह देखने लगीं। मैंने कहा यार खाला को भी हमारी बातों में मज़ा आ रहा है।
तब तक खाला जान चाय लेकर आ गईं। चाय रखते हुए बोली हाय अल्ला, तुम लोगों ने तो नास्ता लिया ही नहीं। क्या कर रही हो बैठी बैठी ? फ़ना को मस्ती सूझी तो वह बोल पड़ी मामी जान ये लोग चुदाई की बातें कर रहीं है। तब खाला ने जबाब दिया चुदाना है तो अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चुदाओ
वह ऐसा कह कर चली गईं। मैंने कहा यार अभी फूफी भी माँ चुदाने की बात कर गयी हैं और अब खाला जान भी माँ चुदाने के बात कर रहीं है। इसका मतलब की कहीं कुछ पक रहा है। कुछ अंदर ही अंदर चल रहा है। चलो हम सब चुप चाप उनकी बातें सुनें ? हम तीनो छुप कर उनकी बातें सुनने लगीं। मेरी खाला का नाम है नज़मा बेगम, मेरी फूफी हैं रेहाना बेगम और मेरीअम्मी हैं आसिया। हम सब चुपचाप कान लगा कर सुनने लगीं हमने सुना की अम्मी कह रही हैं की जब हमारी बेटियां लण्ड की बातें कर रही हैं तो हम लोग भी लण्ड की बात करें न ? मैं शुरू करती हूँ। देखो भई, मुझे तो फ़ना के अब्बू का लण्ड बहुत पसंद है। क्या लौड़ा है उसका साला मोटा तगड़ा मैं जब भी उससे चुदवाती हूँ तो मुझे मज़ा आ जाता है। खाला जान बोली हाय दीदी मुझे अपने जीजू का लौड़ा बहुत अच्छा लगता है। हां हां दीदी तेरे मियां का लण्ड ? तेरे मियां के लण्ड का टोपा तो इतना जबरदस्त है की वही चूत के छक्के छुड़ा देता है। फूफी ने कहा हां मैं भी इन दोनों के लण्ड पसंद करती हूँ। मगर मेरे देवर का लौड़ा भी बड़ा शानदार है। अंदर तक घुसे के चोदता है मेरी बुर।
अम्मी ने कहा अरी रेहाना मेरी नन्द रानी यह बता क्या तेरी बेटी अपनी माँ चुदवाती है ? फूफी बोली अरे भाभी यही तो रोना है। वह भोसड़ी की जवान हो गयी है मेरी बेटी । अपने दोस्तों के लण्ड पकड़ती है लेकिन आजतक उसने कोई लौड़ा मेरी चूत में नहीं पेला।अल्ला जाने कब चुदवायेगी वो अपनी माँ का भोसड़ा ? खाला जान बोली यार मैं तो अभी अभी सभी बेटियों से कह कर आईं हूँ की चुदाना है तो तुम लोग अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चुदाओ। अब देखो शायद लड़कियां शुरू कर दें अपनी माँ चुदाना। मेरा तो मन मस्त जवान लड़कों से चुदवाने का हो रहा है। अम्मी बोली हां यार लड़कों के लण्ड तो मुझे भी बहुत अच्छे लगते हैं। मैं सोंचती हूँ की एक दिन मैं अपनी बेटी से खुल कर कह दूँ ? जब तक वह मुझसे खुलेगी नहीं तब तक वह अपनी माँ चुदायेगी नहीं ? खाला बोली हां यार यह बात सही है। हम लोग अपनी अपनी बेटियों से खुलकर चुदाई की बातें करें तो अच्छा है ? फूफी बोली तो चलो न फिर हम लोग भी उनकी बातों में शामिल हो जाएँ ? वे सब उठने लगीं तो हम तीनो भाग खड़ी हूँ।
हम सब अपनी अपनी जगह आकर बैठ गयी। उनकेअंदर की कहानी हमें मालूम हो चुकी थी। अचानक अम्मी खाला और फूफी जान तीनो हमारे कमरे में आ गयी। फूफी बोली अरी लड़कियों तुम लोग क्या बातें कर रही हो ? मैंने कह कुछ नहीं फूफी बस ऐसे ही ,,,,,,,,,,,? वह बोली अच्छा मुझे चूतिया बना रही है तू। मैंने सुना है तुम लोग चोदा चोदी की बातें कर रही हो न ? फना ने जबाब दिया नहीं अम्मी हम लग बस इधर उधर की ही बातें कर रही है। फूफी ने तुरंत जबाब दिया तेरो माँ की चूत फना तू सबसे ज्यादा हरामीपना करती है। तब तक मैंने कहा अरे फूफी इसमें कोई हरमीपना नहीं है। बीच में खाला बोल पड़ी अरी तुम लोग वो लण्ड वंड बातें कर रही न ? किसको किस तरह का लण्ड पसंद है। मैं बोली हां वो सब ऐसे ही ,,,,,,,,,,,? फूफी फिर बोलीं हां तभी मैंने कहां था की चुदाना है तो अपनी माँ का भोसडा चुदाओ।
अम्मी ने बीच में कहा हां ठीक ही तो कह रही है नज़मा अपनी माँ चुदाने में हर्ज़ ही क्या है ? अब तुम लोग जवां हो, शादी शुदा हो, सुहागरात मना चुकी हो, लण्ड का मज़ा लूट चुकी हो अब माँ चुदाने से परहेज़ क्यों ? चुदाओ न भोसड़ी वालियों अपनी अपनी माँ ? बेटियों की शादी के बाद बेटियां अपनी माँ की सहेलियां बन जाती है और सहेलियों से पर्दा कैसा ?
सबा बोली - हाय खालाअब मैं आपकी बात समझ गयी। तुम लोग हमारे शौहरों से चुदवाना चाहती हो ?
फ़ना बोली :- हां हां बिलकुल यही बात है। मुझे भी यही लग रहा है।
तब खाला बोली :- हाय दईया, सौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज़ को चली ? तुम सब बहन चोद हमारे शौहरों के लण्ड पिये बैठी हो ? भकाभक हमारे मियों के लण्ड चूसती हो और अब अपने मियों के लण्ड हमे चुसाने में तुम्हारी फट रही है ? है न यहीं बात ?
मैंने कहा :- सबा फ़ना अब तुम लोग तैयार हो जाओ मैं तुम दोनों की माँ चुदाने जा रही हूँ।
सबा बोली :- हिना, मैं भी तुम दोनों की माँ चुदवाऊँगी। मैं तो अपने मियां का लण्ड पेलूंगी तुम दोनों की माँ की चूत में ? अब मैं रुक नहीं सकती ?
अम्मी बोली :- तो फिर ठीक है मैं भी अपने मियां का लण्ड तेरी चूत में पेलूंगी सबा ?
ये सब मस्त मस्त बातें हो ही रहीं थी की इतने में हमारे हसबैंड आ गए। मेरा मियां असद, सबा का मियां रज्जाक और फ़ना का मियां कुल्लू। गर्मी के दिन थे किसी मर्द ने भी ऊपर कोई कपड़ा नहीं पहना था। बस कोई लुंगी तो कोई पैजामा। मैं सबा के मियां के पास बैठ गयी, सबा फना के मियां के पास और फ़ना मेरे मियां के बगल में . सब एक दूसरे के मियां के पैजामे में हाथ घुसेड़ कर लण्ड सहलाने लगीं। लण्ड किसी का बाहर नहीं निकला था। इतने में अब्बू खालू और फूफा भी आ गए। उन लोगों ने जब यहाँ का मस्त माहौल देखा तो उनके बदन में भी आग लग गयी। अम्मी खालू का लण्ड ऊपर से ही दबाने लगीं, खाला फूफा का लण्ड उसकी लुंगी के अंदर हाथ डाल कर सहलाने लगीं। और फूफी अब्बू का लण्ड उसके पैजामे में हाथ घुसेड़ कर हिलाने लगी। सारे के सारे लण्ड धीरे धीरे उठ खड़े हो गए और टन टनाने लगे। सबके लण्ड लुंगी और पैजामे के अंदर तम्बू बना कर खड़े हो गए।
तब तक फूफी बोलीं हाय अल्ला, भाई जान तेरा लौड़ा तो साला बहुत मोटा हो गया है, देखो न कैसे खड़ा होकर गुर्राने लगा है। तब तक उधर से खाला बोली रेहाना (फूफी का नाम) यही लण्ड आज तेरी बिटिया की बुर चोदेगा ? इतने में सबा बोली चोदने दो न ? लण्ड बहन चोद बुर नहीं चोदेगा तो करेगा क्या ? अम्मी ने कहा हां बिलकुल ठीक कहा तुमने सबा और बुर अगर लण्ड नहीं खायेगी तो क्या घास खायेगी ? इसी बात पर सब लोग खिलखिलाकर हंस पड़े। अचानक सबने लण्ड बाहर निकाल लिया। सबकी लुंगी और पैजामा खोल खोल कर नीचे फेंक दिया। कमरे में ६ लण्ड टन टना कर नंगे नंगे सबके सामने खड़े हो गए। सभी लड़कियां सबके लण्ड देख कर मस्त हो गईं और अम्मियां भोसड़ी की अपने अपने दामादों के लण्ड देख कर ख़ुशी से झूमने लगीं। लड़कियां अपनी माँ का भोसड़ा भी देख रही थी और अब्बू लण्ड भी। अब यहाँ केवल लण्ड और चूत का रिस्ता बन गया। न कोई किसी की माँ और न कोई किसी का अब्बू। न कोई किसी की बेटी न कोई किसी का दामाद ? बिटिया की बुर हो चाहे माँ का भोसड़ा, मर्दों का लौड़ा हो चाहे दामादों के लण्ड ? सबके सब बहन चोद एक बराबर हैं। अब तो लण्ड चोदेगा सबकी बुर और बुर खायेगी सबके लण्ड ?
अब जिसके पास जो भी लण्ड था वह लण्ड चाटने लगीं। मुंह में डाल कर लण्ड। उधर मर्द भी उसकी चूचियाँ दबाने लगे, चूत मस्ती से सहलाने लगे। पूरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगे। मस्तियाँ छाने लगीं और चुदाई का माहौल गरमाने लगा। इतने में सबा उठी और फ़ना के मियां कुल्लू का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा पर रख दिया। फिर कुल्लू के चूतड़ों को दबा दिया तो लण्ड उसकी माँ के भोसड़ा में सट्ट से घुस गया। वह बोली देख हिना मैं तो अपनी माँ चुदवा रही हूँ। उसे देख कर फना ने भी अपनी माँ के भोसड़ा में मेरे मियां का लौड़ा पेल दिया। वह बोली लो मैंने भी अपनी माँ चुदाना धुरु कर दिया है। अभी तक तो मैं गालियों से ही अपनी माँ चोदती थी आज सच में लण्ड पेल कर अपनी माँ चोदने लगीं हूँ। यह देख कर मुझे भी ताव आ गया। मैं कहाँ पीछे रहने वाली थी। मैंने सबा के मियां रज्जाक का लौड़ा अपनी अम्मी की बुर में घुसा दिया। अम्मी ने भी बड़े प्यार से लण्ड घुसेड़वा लिया। मैंने कहा लो मादर चोदियों देखो मैं भी अपनी माँ चुदा रही हूँ।
फिर मैंने फूफी की तरफ मुखातिब होकर कहा फूफी जान देखो जैसा तुम कह रही थी न वैसे ही हम सब अपनी अपनी माँ चुदा रही हैं। अब तो कोई कमी नहीं है नं ? तेरी बेटी भी अपनी माँ चुदा रही है फूफी जान ? वह बोली हां यारअब मालूम हो रहा है की तुम लोगअपनी माँ अच्छी तरह चुदवा लेती हो। इसका मतलब की अब तुम सब जवानी का मज़ा भर पूर लूट सकती हो। थी और यही मैं खुदा से दुआ करती थी की हमारी बेटियां जवानी का मज़ा खूब लूटें। किसी भी लण्ड से परहेज न करें ? सबके लण्ड का मज़ा लें और बड़ी बेशर्मी से, लाज़ शर्म को दरकिनार कर भकाभक चुदवायें।
आदमी हो या औरत हम सब सेक्स में बुरी तरह डूब चुके थे। चुदाई के आगे हमें कोई नेता रिस्ता याद न रहा. मैंने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ा और उसे थोड़ा हिला कर सबा की चूत में घुसेड़ दिया। सबा ने अपने अब्बू का लण्ड फ़ना की बुर में पेल दिया और फना ने अपने अब्बू का लौड़ा मेरी चूत में ठोंक दिया। हम सब भी एक दूसरे केअब्बू से खुल्लम खुल्ला चुदवाने लगीं। आज जाने क्यों मुझे फूफा का लौड़ा बड़ा प्यारा लग रहा था। मैं मस्ती से चुदा रही थी। तब तक सबा बोली हाय हिना मुझे तेरे अब्बू का लौड़ा बहुत मज़ा दे रहा है यार। पूरा घुस गया है लण्ड और मेरी चूत फाड़े दे रहा है यार मुझे नहीं मालूम था की तेरे अब्बू का लण्ड इतना खूंखार होगा ? तब तक फना बोली हाय सबा तेरे अब्बू का लण्ड भी मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा रहा है। साला ऐसे चोद रहा है जैसे यह मेरी चूत नहीं किसी रंडी की चूत है। मगर मैं भी बराबर धक्के लगा रही हूँ उसके लण्ड पर। इस तरह बातें कर कर के हम सब चुदवाने में मशगूल हो गईं।
एक तरफ बेटियां चुदवा रहीं थीं तो दूसरी तरफ उसी कमरे में अम्मियां भी चुदवा रही थी। किसी की भी चूत में अपने मियां का लण्ड नहीं था। सबकी चूत में गैर मर्दों के लण्ड घुसे हुए थे। सब की सब भोसड़ी वालियां पराये मर्दों से चुदवा रहीं थी। जवानी के जोश में सब कुछ जायज़ है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। ये तो जिस्म की आग है। लण्ड की आग चूत से बुझती है और चूत की आग लण्ड से ? इसलिए इस लण्ड चूत के खेल में कुछ भी हो सकता है। वैसे भी हमारे यहाँ इस पर कोई पाबन्दी नहीं है। जिसका चाहो उसका लण्ड अपनी बुर में पेलो और चाहे जिसकी बुर में पेलो। हमारा तो कहना है की चोदो बुर चुदाओ बुर। बेटियां अपनी माँ चुदा रहीं है तो माँ अपनी बेटियां चुदा रही हैं। हम लोग इस तरह रात भर एक दूसरे से चुदवाती रहीं और मर्द साले सभी सबकी बुर चोदते रहे।
कुछ दिन बाद मैं अपनी ससुराल चली गयी। मेरी वहां पहली ही रात थी
रात में ११ बजे मेरी नन्द फ़िरोज़ा आई और बोली भाभी क्या तुम चुदाओगी नहीं ?
मैंने कहा अरे यार किससे चुदवाऊं ? मेरा शौहर तो है नहीं।
वह बोली चुदवाने के लिए शौहर नहीं चाहिए भाभी लण्ड चाहिए लण्ड ? शौहर तो मेरा भी नहीं है इसका मतलब यह नहीं की मैं चुदवाती नहीं हूँ ? मैं तो खूब चुदवाती हूँ। यहाँ लण्ड बहुत मिल जातें है भाभी। कोई न कोई तो चोदने वाला मिल ही जाता है भाभी ?
मैंने कहा तो फिर तू किससे चुदवाने जा रही है।
वह बोली आज मैं चचा जान से चुदवाने जा रही हूँ। तुम बोलो किसका लण्ड लोगों तुम ?
मुझे क्या मालूम किसका कैसा लण्ड है ?
अपनी पसंद तो बता सकती हो भाभी। तुम कैसा लण्ड पसंद करती हो ?
लण्ड तो सभी एक जैसे ही होते है मगर मैं मोटा लण्ड ज्यादा पसंद करती हूँ।
तो फिर तुम मेरे अब्बू का लण्ड ले लो भाभी ? बड़ा मोटा और मस्त लौड़ा है उसका ?
हाय दईया मैं अपने ससुर से चुदवाऊँगी क्या ?
तो क्या हुआ मैं तो अपने ससुर से खूब चुदवाती हूँ। अब तो वह भोसड़ी का मुझे बिना कहे चोदने लगता है ? वैसे मुझे उसका लौड़ा बहुत पसंद है भाभी। अच्छा भाभी तुम बैठो मैं अभी आती हूँ।
मेरी नन्द इतना कह कर चली गयी। मैंने सोंचने लगी की क्या आज वाकई मुझे अपने ससुर के लण्ड के दीदार होंगें ? क्या वो मुझे चोदने के लिए राज़ी हो जायेगा ? क्या वह अपनी बहू की बुर चोदेगा ? क्या मुझे इतने मोटे लण्ड से चुदवाने का मौक़ा मिलेगा ? थोड़ी देर में वह आई और बोली चलो भाभी मैं तुम्हे अब्बू के कमरे में छोड़ कर आती हूँ। मैंने कहा हाय अल्ला, ऐसे कैसे ? वह बुरा मान जाएंगें तो ? वह गाली देती हुई बोली उसकी बिटिया की बुर। वो क्या बुरा मानेगा वह तो खुद लड़कियों की और बहुयों की बुर लेता रहता है। बड़ा जबरदस्त चोदू है मेरा अब्बू भाभी। तुम चलो तो सही मेरे साथ। वह मेरा हाथ पकड़ कर वहां ले गयी। अपने अब्बू से बोली देखो अब्बू भाभी अभी बिलकुल नयी ताज़ी हैं। ज़रा ठीक से चोदना ? मुझे उसके पास बैठा कर वह चली गयी। मैं चुपचाप बैठ भी गयी।
तब तक उसने मेरे बूब्स पर हाथ फेरा और कहा बहू तेरी तो बड़ी सख्त हैं। बड़ा मज़ा आएगा मुझे। उसने मेरी चूचियाँ दबाना शुरू कर दिया। मैं थोड़ा शर्माने लगी। थोड़ा लजाने लगी। लेकिन वह और बेशर्म होता गया। उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रख लिया और बोला लो बहू इसे पकड़ कर देखो। मैं तो मन ही मन चाहती यही थी लेकिन शर्माने का नाटक कर रही थी। वह बोला हिना देख और बता की मेरा तुझे पसंद है की नहीं ? मैंने पूंछा क्या ससुर जी ? वह बोला यही जो तेरे हाथ में है। जानती हो इसे क्या कहते हैं ? मैंने कहा नहीं ससुर जी मैं इसका नाम नहीं जानती ? वह बोला अरे अभी तक तुम इसका नाम भी नहीं जानती हो ? ऐसे कैसे हो सकता है? तुम तो अब जवान हो मद मस्त हो। मैंने कहा मुझे शर्म आती है ससुर जी। वह बोला अरे शर्माने की क्या जरूरत है यहाँ कोई ऐसी लड़की नहीं है जिसने इसे पकड़ा न हो ? बोलो क्या है ये ? मैंने कहा इसे शायद 'लण्ड' कहते हैं ससुर जी ? उसने कहा हां अब तुमने सही बताया। पर इसका एकऔर नाम है ? मैंने कहा मुझे तो मालूम नहीं है। वह बोला याद करो कहीं तो सुना होगा तुमने ? तब मैं बोली हां एक बार सुना है शायद 'लौड़ा ' भी कहते हैं। बस ससुर जी का लौड़ा साला टन टना उठा। वह अपनी लुंगी खोल कर मेरे आगे बिलकुल नंगा खड़ा हो गया और खड़ा हो गया उसका मादर चोद लण्ड ?
मैंने लण्ड मुठ्ठी में ले लिया और सहलाने लगी। तब तक उसने मुझे पूरी नंगी कर दिया। मेरी चूत पर हाथ फेर ने लगा और कहा वाऔ , कितनी मस्तानी बुर है तेरी हिना ? आज मेरा लण्ड बड़ा मस्त हो जायेगा। मैंने मन में कहा भोसड़ी के मैं तेरे लण्ड से छक्के छुड़ा दूँगी। भून डालूंगी तेरा लण्ड अपनी चूत में डाल के। मैं झुक कर लण्ड चाटने लगी और वह मस्त होने लगा। मैं मोटा लण्ड पाकर बहुत खुश हो गयी। मैं १० मिनट तक लण्ड में मुंह में डाल कर चूसती रही। फिर उसने लण्ड मेरी चूत पर टिकाया और एक धक्का मारा। लण्ड दूर तक अनादर घुस गया। मैं चिल्ला पड़ी। ऊ ई माँ मेरी तो चूत फट गयी। मेरे ससुर में फाड़ दी मेरी बुर, अम्मी। अब मैं क्या करूंगी। हाय रे ऊ हो हां हां हाय अम्मी हाय अल्ला कितना मोटा लण्ड है तेरा ? साला चोदे चला जा रहा है। तू बड़ा हरामी है। तेरा लौड़ा भी बड़ा हरामी है ससुर जी। मुझे नहीं मालूम था की तू अपनी बहू की बुर चोदेगा ? तू तो बड़ा हरामजादा निकला ?
हकीकत यह थी की मैं मस्ती चुदवाने लगी। आगे से भी, पीछे से भी और लण्ड पर बैठ कर भी। मैं आखिर में जब झड़ता हुआ लण्ड चैट रही थी तब फ़िरोज़ा अंदर आ गयी। थोड़ी देर तक वह मुझे देखती रही। मैं जब ससुर के कमरे से अपने कमरे में आई तो फ़िरोज़ा मेरे पीछे पीछे आ गयी। वह बोली हिना भाभी सुनो मेरा देवर आया है। तुम मेरे कमरे में चलो और उससे मेरे सामने चुदवाओ। मैं तेरे सामने अपने नंदोई से चुदवाऊँगी ? फिर तो रात भर मैंने उसके देवर से भी चुदवाया और उसके नंदोई से भी।
एक दिन मैं हिना, मेरी खाला की बेटी सबा और मेरी फूफी की बेटी फ़ना तीनो बैठी हुई बातें कर रही थीं। चूँकि हम तीनो बहुत दिनों बाद मिली थी इसलिए बातें खूब गहरी होती गयी और बीच बीच में हंसी मजाक भी। वैसे भी हम तीनो हम उम्र है। मैं २२ साल की हूँ सबा २३ साल की और फ़ना २१ साल की। कुछ चुटकुले भी होने लगे . पहले तो वेज चुटकुले लेकिन फिर धीरे धीरे नॉन- वेज चुटकुले भी। मस्ती बढ़ने लगी। फिर बातें खुल्लम खुल्ला होने लगीं। थोड़ा समय और गुज़रा तो लण्ड, चूत, गांड, बुर, भोसड़ा सब मुंह से निकलने लगा। चोदा चोदी की बातें होने लगीं। पकड़ा पकड़ी, पेला पेली, ठोंका ठोंकी की बातें भी।
तभी अचानक हमारे बीच हमारी फूफी आ गयी। उसने शायद हमारी कुछ बातें सुन लीं थी। वह आते ही बोली अरे तुम सब यहाँ बैठी बैठी क्या अपनी माँ चुदा रही हो ? मैं आपको पहले बता दूँ की मेरी फूफी को गाली बकने की आदत है। वह बिना गाली के किसी से भी बात नहीं कर सकती। यहाँ तक की अपनी बेटी से भी मादर चोद बहन चोद कह कर बात करतीं हैं। वैसे मेरी अम्मी गाली नहीं बकती है और न ही खाला जान। लेकिन जब फूफी आतीं हैं तो वो दोनों भी मस्ती से गालियां देने लगती हैं। मैंने जबाब दिया और कहा नहीं फूफी जान ऐसी कोई बात नहीं है। हम लोग इतने दिनों के बाद मिलीं हैं इसलिए बातें खूब हो रहीं हैं। वह बोली अब तू मुझे चूतिया न बना ? मैं सब जानती हूँ की तुम लोग क्या क्या बातें कर रही हो ? बिना मतलब इसमें अपना समय बर्बाद कर रही हो। अरे इतने समय में तो तुम लोग अपनी अपनी माँ चुदवा लेती ? मैं मन ही मन सोंचने लगी की फूफी जान माँ चुदाने पर इतना जोर क्यों दे रही हैं ? क्या वह वाकई हम लोगों की माँ चुदवाना चाहती हैं ? उसके जाने के बाद मैंने फ़ना से पूंछा यार फूफी जान क्या सही में हम लोगों से माँ चुदवाना चाहती हैं ? वह बोली नहीं यार ऐसी कोई बात नहीं है। मेरी अम्मी मुझसे भी इसी तरह की बातें करती है, जैसे "माँ चुदा केआई है तू" "माँ चुदाने जा रही है तू अपनी" "कितनी देर तक चुदवायेगी तू अपनी माँ" वगैरह वगैरह ?
उसकी बात सुन कर हम लोग फिर अपनी बातों में जुट गईं। जबसे हमने फूफी की बात सुनी और फ़ना ने बताया की फूफी किस तरह की गालियां देतीं है तबसे हमारी बातें और हॉट होने लगीं। हम सब बड़ी बेशर्मी से बातें करने लगी। बात फिर लण्ड के साइज़ पर आ गयी। मैंने कहा यार मुझे तो मोटा लण्ड पसंद है। मेरी सहेलियां कहतीं है की मोटे लण्ड से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है। सबा ने कहा यार मोटा लण्ड तो चूत फाड़ देता है। बड़ी तकलीफ होती है। फ़ना बोली तकलीफ थोड़ी देर की ही होती है फिर तो मज़ा ही मज़ा आता है। सबा बोली यार मुझे तो किसी भी तरह का लण्ड पसंद है। मैं तो हर तरह का लण्ड लेने को तैयार हूँ। तब तक मेरी खाला जान कुछ नास्ता लेकरआ गईं. नास्ता रखते हुए बोली सबसे ज्यादा मज़ा मोटा लण्ड ही देता है। साला चारों तरफ से चिपक कर घुसता है चूत में । वह चली गयी तो हम सब एक दूसरे का मुंह देखने लगीं। मैंने कहा यार खाला को भी हमारी बातों में मज़ा आ रहा है।
तब तक खाला जान चाय लेकर आ गईं। चाय रखते हुए बोली हाय अल्ला, तुम लोगों ने तो नास्ता लिया ही नहीं। क्या कर रही हो बैठी बैठी ? फ़ना को मस्ती सूझी तो वह बोल पड़ी मामी जान ये लोग चुदाई की बातें कर रहीं है। तब खाला ने जबाब दिया चुदाना है तो अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चुदाओ
वह ऐसा कह कर चली गईं। मैंने कहा यार अभी फूफी भी माँ चुदाने की बात कर गयी हैं और अब खाला जान भी माँ चुदाने के बात कर रहीं है। इसका मतलब की कहीं कुछ पक रहा है। कुछ अंदर ही अंदर चल रहा है। चलो हम सब चुप चाप उनकी बातें सुनें ? हम तीनो छुप कर उनकी बातें सुनने लगीं। मेरी खाला का नाम है नज़मा बेगम, मेरी फूफी हैं रेहाना बेगम और मेरीअम्मी हैं आसिया। हम सब चुपचाप कान लगा कर सुनने लगीं हमने सुना की अम्मी कह रही हैं की जब हमारी बेटियां लण्ड की बातें कर रही हैं तो हम लोग भी लण्ड की बात करें न ? मैं शुरू करती हूँ। देखो भई, मुझे तो फ़ना के अब्बू का लण्ड बहुत पसंद है। क्या लौड़ा है उसका साला मोटा तगड़ा मैं जब भी उससे चुदवाती हूँ तो मुझे मज़ा आ जाता है। खाला जान बोली हाय दीदी मुझे अपने जीजू का लौड़ा बहुत अच्छा लगता है। हां हां दीदी तेरे मियां का लण्ड ? तेरे मियां के लण्ड का टोपा तो इतना जबरदस्त है की वही चूत के छक्के छुड़ा देता है। फूफी ने कहा हां मैं भी इन दोनों के लण्ड पसंद करती हूँ। मगर मेरे देवर का लौड़ा भी बड़ा शानदार है। अंदर तक घुसे के चोदता है मेरी बुर।
अम्मी ने कहा अरी रेहाना मेरी नन्द रानी यह बता क्या तेरी बेटी अपनी माँ चुदवाती है ? फूफी बोली अरे भाभी यही तो रोना है। वह भोसड़ी की जवान हो गयी है मेरी बेटी । अपने दोस्तों के लण्ड पकड़ती है लेकिन आजतक उसने कोई लौड़ा मेरी चूत में नहीं पेला।अल्ला जाने कब चुदवायेगी वो अपनी माँ का भोसड़ा ? खाला जान बोली यार मैं तो अभी अभी सभी बेटियों से कह कर आईं हूँ की चुदाना है तो तुम लोग अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चुदाओ। अब देखो शायद लड़कियां शुरू कर दें अपनी माँ चुदाना। मेरा तो मन मस्त जवान लड़कों से चुदवाने का हो रहा है। अम्मी बोली हां यार लड़कों के लण्ड तो मुझे भी बहुत अच्छे लगते हैं। मैं सोंचती हूँ की एक दिन मैं अपनी बेटी से खुल कर कह दूँ ? जब तक वह मुझसे खुलेगी नहीं तब तक वह अपनी माँ चुदायेगी नहीं ? खाला बोली हां यार यह बात सही है। हम लोग अपनी अपनी बेटियों से खुलकर चुदाई की बातें करें तो अच्छा है ? फूफी बोली तो चलो न फिर हम लोग भी उनकी बातों में शामिल हो जाएँ ? वे सब उठने लगीं तो हम तीनो भाग खड़ी हूँ।
हम सब अपनी अपनी जगह आकर बैठ गयी। उनकेअंदर की कहानी हमें मालूम हो चुकी थी। अचानक अम्मी खाला और फूफी जान तीनो हमारे कमरे में आ गयी। फूफी बोली अरी लड़कियों तुम लोग क्या बातें कर रही हो ? मैंने कह कुछ नहीं फूफी बस ऐसे ही ,,,,,,,,,,,? वह बोली अच्छा मुझे चूतिया बना रही है तू। मैंने सुना है तुम लोग चोदा चोदी की बातें कर रही हो न ? फना ने जबाब दिया नहीं अम्मी हम लग बस इधर उधर की ही बातें कर रही है। फूफी ने तुरंत जबाब दिया तेरो माँ की चूत फना तू सबसे ज्यादा हरामीपना करती है। तब तक मैंने कहा अरे फूफी इसमें कोई हरमीपना नहीं है। बीच में खाला बोल पड़ी अरी तुम लोग वो लण्ड वंड बातें कर रही न ? किसको किस तरह का लण्ड पसंद है। मैं बोली हां वो सब ऐसे ही ,,,,,,,,,,,? फूफी फिर बोलीं हां तभी मैंने कहां था की चुदाना है तो अपनी माँ का भोसडा चुदाओ।
अम्मी ने बीच में कहा हां ठीक ही तो कह रही है नज़मा अपनी माँ चुदाने में हर्ज़ ही क्या है ? अब तुम लोग जवां हो, शादी शुदा हो, सुहागरात मना चुकी हो, लण्ड का मज़ा लूट चुकी हो अब माँ चुदाने से परहेज़ क्यों ? चुदाओ न भोसड़ी वालियों अपनी अपनी माँ ? बेटियों की शादी के बाद बेटियां अपनी माँ की सहेलियां बन जाती है और सहेलियों से पर्दा कैसा ?
सबा बोली - हाय खालाअब मैं आपकी बात समझ गयी। तुम लोग हमारे शौहरों से चुदवाना चाहती हो ?
फ़ना बोली :- हां हां बिलकुल यही बात है। मुझे भी यही लग रहा है।
तब खाला बोली :- हाय दईया, सौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज़ को चली ? तुम सब बहन चोद हमारे शौहरों के लण्ड पिये बैठी हो ? भकाभक हमारे मियों के लण्ड चूसती हो और अब अपने मियों के लण्ड हमे चुसाने में तुम्हारी फट रही है ? है न यहीं बात ?
मैंने कहा :- सबा फ़ना अब तुम लोग तैयार हो जाओ मैं तुम दोनों की माँ चुदाने जा रही हूँ।
सबा बोली :- हिना, मैं भी तुम दोनों की माँ चुदवाऊँगी। मैं तो अपने मियां का लण्ड पेलूंगी तुम दोनों की माँ की चूत में ? अब मैं रुक नहीं सकती ?
अम्मी बोली :- तो फिर ठीक है मैं भी अपने मियां का लण्ड तेरी चूत में पेलूंगी सबा ?
ये सब मस्त मस्त बातें हो ही रहीं थी की इतने में हमारे हसबैंड आ गए। मेरा मियां असद, सबा का मियां रज्जाक और फ़ना का मियां कुल्लू। गर्मी के दिन थे किसी मर्द ने भी ऊपर कोई कपड़ा नहीं पहना था। बस कोई लुंगी तो कोई पैजामा। मैं सबा के मियां के पास बैठ गयी, सबा फना के मियां के पास और फ़ना मेरे मियां के बगल में . सब एक दूसरे के मियां के पैजामे में हाथ घुसेड़ कर लण्ड सहलाने लगीं। लण्ड किसी का बाहर नहीं निकला था। इतने में अब्बू खालू और फूफा भी आ गए। उन लोगों ने जब यहाँ का मस्त माहौल देखा तो उनके बदन में भी आग लग गयी। अम्मी खालू का लण्ड ऊपर से ही दबाने लगीं, खाला फूफा का लण्ड उसकी लुंगी के अंदर हाथ डाल कर सहलाने लगीं। और फूफी अब्बू का लण्ड उसके पैजामे में हाथ घुसेड़ कर हिलाने लगी। सारे के सारे लण्ड धीरे धीरे उठ खड़े हो गए और टन टनाने लगे। सबके लण्ड लुंगी और पैजामे के अंदर तम्बू बना कर खड़े हो गए।
तब तक फूफी बोलीं हाय अल्ला, भाई जान तेरा लौड़ा तो साला बहुत मोटा हो गया है, देखो न कैसे खड़ा होकर गुर्राने लगा है। तब तक उधर से खाला बोली रेहाना (फूफी का नाम) यही लण्ड आज तेरी बिटिया की बुर चोदेगा ? इतने में सबा बोली चोदने दो न ? लण्ड बहन चोद बुर नहीं चोदेगा तो करेगा क्या ? अम्मी ने कहा हां बिलकुल ठीक कहा तुमने सबा और बुर अगर लण्ड नहीं खायेगी तो क्या घास खायेगी ? इसी बात पर सब लोग खिलखिलाकर हंस पड़े। अचानक सबने लण्ड बाहर निकाल लिया। सबकी लुंगी और पैजामा खोल खोल कर नीचे फेंक दिया। कमरे में ६ लण्ड टन टना कर नंगे नंगे सबके सामने खड़े हो गए। सभी लड़कियां सबके लण्ड देख कर मस्त हो गईं और अम्मियां भोसड़ी की अपने अपने दामादों के लण्ड देख कर ख़ुशी से झूमने लगीं। लड़कियां अपनी माँ का भोसड़ा भी देख रही थी और अब्बू लण्ड भी। अब यहाँ केवल लण्ड और चूत का रिस्ता बन गया। न कोई किसी की माँ और न कोई किसी का अब्बू। न कोई किसी की बेटी न कोई किसी का दामाद ? बिटिया की बुर हो चाहे माँ का भोसड़ा, मर्दों का लौड़ा हो चाहे दामादों के लण्ड ? सबके सब बहन चोद एक बराबर हैं। अब तो लण्ड चोदेगा सबकी बुर और बुर खायेगी सबके लण्ड ?
अब जिसके पास जो भी लण्ड था वह लण्ड चाटने लगीं। मुंह में डाल कर लण्ड। उधर मर्द भी उसकी चूचियाँ दबाने लगे, चूत मस्ती से सहलाने लगे। पूरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगे। मस्तियाँ छाने लगीं और चुदाई का माहौल गरमाने लगा। इतने में सबा उठी और फ़ना के मियां कुल्लू का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा पर रख दिया। फिर कुल्लू के चूतड़ों को दबा दिया तो लण्ड उसकी माँ के भोसड़ा में सट्ट से घुस गया। वह बोली देख हिना मैं तो अपनी माँ चुदवा रही हूँ। उसे देख कर फना ने भी अपनी माँ के भोसड़ा में मेरे मियां का लौड़ा पेल दिया। वह बोली लो मैंने भी अपनी माँ चुदाना धुरु कर दिया है। अभी तक तो मैं गालियों से ही अपनी माँ चोदती थी आज सच में लण्ड पेल कर अपनी माँ चोदने लगीं हूँ। यह देख कर मुझे भी ताव आ गया। मैं कहाँ पीछे रहने वाली थी। मैंने सबा के मियां रज्जाक का लौड़ा अपनी अम्मी की बुर में घुसा दिया। अम्मी ने भी बड़े प्यार से लण्ड घुसेड़वा लिया। मैंने कहा लो मादर चोदियों देखो मैं भी अपनी माँ चुदा रही हूँ।
फिर मैंने फूफी की तरफ मुखातिब होकर कहा फूफी जान देखो जैसा तुम कह रही थी न वैसे ही हम सब अपनी अपनी माँ चुदा रही हैं। अब तो कोई कमी नहीं है नं ? तेरी बेटी भी अपनी माँ चुदा रही है फूफी जान ? वह बोली हां यारअब मालूम हो रहा है की तुम लोगअपनी माँ अच्छी तरह चुदवा लेती हो। इसका मतलब की अब तुम सब जवानी का मज़ा भर पूर लूट सकती हो। थी और यही मैं खुदा से दुआ करती थी की हमारी बेटियां जवानी का मज़ा खूब लूटें। किसी भी लण्ड से परहेज न करें ? सबके लण्ड का मज़ा लें और बड़ी बेशर्मी से, लाज़ शर्म को दरकिनार कर भकाभक चुदवायें।
आदमी हो या औरत हम सब सेक्स में बुरी तरह डूब चुके थे। चुदाई के आगे हमें कोई नेता रिस्ता याद न रहा. मैंने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ा और उसे थोड़ा हिला कर सबा की चूत में घुसेड़ दिया। सबा ने अपने अब्बू का लण्ड फ़ना की बुर में पेल दिया और फना ने अपने अब्बू का लौड़ा मेरी चूत में ठोंक दिया। हम सब भी एक दूसरे केअब्बू से खुल्लम खुल्ला चुदवाने लगीं। आज जाने क्यों मुझे फूफा का लौड़ा बड़ा प्यारा लग रहा था। मैं मस्ती से चुदा रही थी। तब तक सबा बोली हाय हिना मुझे तेरे अब्बू का लौड़ा बहुत मज़ा दे रहा है यार। पूरा घुस गया है लण्ड और मेरी चूत फाड़े दे रहा है यार मुझे नहीं मालूम था की तेरे अब्बू का लण्ड इतना खूंखार होगा ? तब तक फना बोली हाय सबा तेरे अब्बू का लण्ड भी मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा रहा है। साला ऐसे चोद रहा है जैसे यह मेरी चूत नहीं किसी रंडी की चूत है। मगर मैं भी बराबर धक्के लगा रही हूँ उसके लण्ड पर। इस तरह बातें कर कर के हम सब चुदवाने में मशगूल हो गईं।
एक तरफ बेटियां चुदवा रहीं थीं तो दूसरी तरफ उसी कमरे में अम्मियां भी चुदवा रही थी। किसी की भी चूत में अपने मियां का लण्ड नहीं था। सबकी चूत में गैर मर्दों के लण्ड घुसे हुए थे। सब की सब भोसड़ी वालियां पराये मर्दों से चुदवा रहीं थी। जवानी के जोश में सब कुछ जायज़ है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। ये तो जिस्म की आग है। लण्ड की आग चूत से बुझती है और चूत की आग लण्ड से ? इसलिए इस लण्ड चूत के खेल में कुछ भी हो सकता है। वैसे भी हमारे यहाँ इस पर कोई पाबन्दी नहीं है। जिसका चाहो उसका लण्ड अपनी बुर में पेलो और चाहे जिसकी बुर में पेलो। हमारा तो कहना है की चोदो बुर चुदाओ बुर। बेटियां अपनी माँ चुदा रहीं है तो माँ अपनी बेटियां चुदा रही हैं। हम लोग इस तरह रात भर एक दूसरे से चुदवाती रहीं और मर्द साले सभी सबकी बुर चोदते रहे।
कुछ दिन बाद मैं अपनी ससुराल चली गयी। मेरी वहां पहली ही रात थी
रात में ११ बजे मेरी नन्द फ़िरोज़ा आई और बोली भाभी क्या तुम चुदाओगी नहीं ?
मैंने कहा अरे यार किससे चुदवाऊं ? मेरा शौहर तो है नहीं।
वह बोली चुदवाने के लिए शौहर नहीं चाहिए भाभी लण्ड चाहिए लण्ड ? शौहर तो मेरा भी नहीं है इसका मतलब यह नहीं की मैं चुदवाती नहीं हूँ ? मैं तो खूब चुदवाती हूँ। यहाँ लण्ड बहुत मिल जातें है भाभी। कोई न कोई तो चोदने वाला मिल ही जाता है भाभी ?
मैंने कहा तो फिर तू किससे चुदवाने जा रही है।
वह बोली आज मैं चचा जान से चुदवाने जा रही हूँ। तुम बोलो किसका लण्ड लोगों तुम ?
मुझे क्या मालूम किसका कैसा लण्ड है ?
अपनी पसंद तो बता सकती हो भाभी। तुम कैसा लण्ड पसंद करती हो ?
लण्ड तो सभी एक जैसे ही होते है मगर मैं मोटा लण्ड ज्यादा पसंद करती हूँ।
तो फिर तुम मेरे अब्बू का लण्ड ले लो भाभी ? बड़ा मोटा और मस्त लौड़ा है उसका ?
हाय दईया मैं अपने ससुर से चुदवाऊँगी क्या ?
तो क्या हुआ मैं तो अपने ससुर से खूब चुदवाती हूँ। अब तो वह भोसड़ी का मुझे बिना कहे चोदने लगता है ? वैसे मुझे उसका लौड़ा बहुत पसंद है भाभी। अच्छा भाभी तुम बैठो मैं अभी आती हूँ।
मेरी नन्द इतना कह कर चली गयी। मैंने सोंचने लगी की क्या आज वाकई मुझे अपने ससुर के लण्ड के दीदार होंगें ? क्या वो मुझे चोदने के लिए राज़ी हो जायेगा ? क्या वह अपनी बहू की बुर चोदेगा ? क्या मुझे इतने मोटे लण्ड से चुदवाने का मौक़ा मिलेगा ? थोड़ी देर में वह आई और बोली चलो भाभी मैं तुम्हे अब्बू के कमरे में छोड़ कर आती हूँ। मैंने कहा हाय अल्ला, ऐसे कैसे ? वह बुरा मान जाएंगें तो ? वह गाली देती हुई बोली उसकी बिटिया की बुर। वो क्या बुरा मानेगा वह तो खुद लड़कियों की और बहुयों की बुर लेता रहता है। बड़ा जबरदस्त चोदू है मेरा अब्बू भाभी। तुम चलो तो सही मेरे साथ। वह मेरा हाथ पकड़ कर वहां ले गयी। अपने अब्बू से बोली देखो अब्बू भाभी अभी बिलकुल नयी ताज़ी हैं। ज़रा ठीक से चोदना ? मुझे उसके पास बैठा कर वह चली गयी। मैं चुपचाप बैठ भी गयी।
तब तक उसने मेरे बूब्स पर हाथ फेरा और कहा बहू तेरी तो बड़ी सख्त हैं। बड़ा मज़ा आएगा मुझे। उसने मेरी चूचियाँ दबाना शुरू कर दिया। मैं थोड़ा शर्माने लगी। थोड़ा लजाने लगी। लेकिन वह और बेशर्म होता गया। उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रख लिया और बोला लो बहू इसे पकड़ कर देखो। मैं तो मन ही मन चाहती यही थी लेकिन शर्माने का नाटक कर रही थी। वह बोला हिना देख और बता की मेरा तुझे पसंद है की नहीं ? मैंने पूंछा क्या ससुर जी ? वह बोला यही जो तेरे हाथ में है। जानती हो इसे क्या कहते हैं ? मैंने कहा नहीं ससुर जी मैं इसका नाम नहीं जानती ? वह बोला अरे अभी तक तुम इसका नाम भी नहीं जानती हो ? ऐसे कैसे हो सकता है? तुम तो अब जवान हो मद मस्त हो। मैंने कहा मुझे शर्म आती है ससुर जी। वह बोला अरे शर्माने की क्या जरूरत है यहाँ कोई ऐसी लड़की नहीं है जिसने इसे पकड़ा न हो ? बोलो क्या है ये ? मैंने कहा इसे शायद 'लण्ड' कहते हैं ससुर जी ? उसने कहा हां अब तुमने सही बताया। पर इसका एकऔर नाम है ? मैंने कहा मुझे तो मालूम नहीं है। वह बोला याद करो कहीं तो सुना होगा तुमने ? तब मैं बोली हां एक बार सुना है शायद 'लौड़ा ' भी कहते हैं। बस ससुर जी का लौड़ा साला टन टना उठा। वह अपनी लुंगी खोल कर मेरे आगे बिलकुल नंगा खड़ा हो गया और खड़ा हो गया उसका मादर चोद लण्ड ?
मैंने लण्ड मुठ्ठी में ले लिया और सहलाने लगी। तब तक उसने मुझे पूरी नंगी कर दिया। मेरी चूत पर हाथ फेर ने लगा और कहा वाऔ , कितनी मस्तानी बुर है तेरी हिना ? आज मेरा लण्ड बड़ा मस्त हो जायेगा। मैंने मन में कहा भोसड़ी के मैं तेरे लण्ड से छक्के छुड़ा दूँगी। भून डालूंगी तेरा लण्ड अपनी चूत में डाल के। मैं झुक कर लण्ड चाटने लगी और वह मस्त होने लगा। मैं मोटा लण्ड पाकर बहुत खुश हो गयी। मैं १० मिनट तक लण्ड में मुंह में डाल कर चूसती रही। फिर उसने लण्ड मेरी चूत पर टिकाया और एक धक्का मारा। लण्ड दूर तक अनादर घुस गया। मैं चिल्ला पड़ी। ऊ ई माँ मेरी तो चूत फट गयी। मेरे ससुर में फाड़ दी मेरी बुर, अम्मी। अब मैं क्या करूंगी। हाय रे ऊ हो हां हां हाय अम्मी हाय अल्ला कितना मोटा लण्ड है तेरा ? साला चोदे चला जा रहा है। तू बड़ा हरामी है। तेरा लौड़ा भी बड़ा हरामी है ससुर जी। मुझे नहीं मालूम था की तू अपनी बहू की बुर चोदेगा ? तू तो बड़ा हरामजादा निकला ?
हकीकत यह थी की मैं मस्ती चुदवाने लगी। आगे से भी, पीछे से भी और लण्ड पर बैठ कर भी। मैं आखिर में जब झड़ता हुआ लण्ड चैट रही थी तब फ़िरोज़ा अंदर आ गयी। थोड़ी देर तक वह मुझे देखती रही। मैं जब ससुर के कमरे से अपने कमरे में आई तो फ़िरोज़ा मेरे पीछे पीछे आ गयी। वह बोली हिना भाभी सुनो मेरा देवर आया है। तुम मेरे कमरे में चलो और उससे मेरे सामने चुदवाओ। मैं तेरे सामने अपने नंदोई से चुदवाऊँगी ? फिर तो रात भर मैंने उसके देवर से भी चुदवाया और उसके नंदोई से भी।
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