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क्या मुझे बड़े लण्ड से चुदवाने का मौका मिलेगा - Mujhe lambe aur mote lund se chudwana hai
क्या मुझे बड़े लण्ड से चुदवाने का मौका मिलेगा - Mujhe lambe aur mote lund se chudwana hai.
उस दिन मेरी अम्मी बहुत मूड में थीं। मैं जैसे ही घर में घुसी वैसे ही अम्मी बोली - महक, आज मैं तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी।
मैंने भी उसी अंदाज़ में जबाब दिया - अम्मी आज मैं तेरी बिटिया की बुर चोदूँगी।
बस फिर हम दोनों एक दूसरे को देख कर बड़ी जोर से ठहाका लगाया।
अब तो आप जान ही गये होंगें की मेरी अम्मी से किस तरह की दोस्ती है, किस तरह का सम्बन्ध है और किस तरह का व्यवहार है। मैं आपको बता दूँ की मैं इस समय २५ साल की हूँ। एक साल पहले मेरी शादी हो चुकी है। मेरी अम्मी ज़ाहिरा ४५ साल की हैं और अभी भी मस्त जवान है। उसके चाहने वाले आज भी उसके आगे पीछे घूमते हैं। शादी के पहले मैं जब १९ साल की हुई तब अम्मी ने मुझे सेक्स के बारे में खुल कर बता दिया था। बल्कि एक दिन उसने मुझे लण्ड भी पकड़ा दिया था। वह यह जानना चाहती थी की मैं वाकई पूरी तरह जवां हो गयी हूँ की नहीं ? मुझे लण्ड का मज़ा लेना आ गया है की नहीं ? मेरे अंदर कोई शारीरिक कमी तो नहीं है। मैंने उसी दिन अम्मी के सामने लण्ड के साथ कई कारनामे दिखाये। उससे अम्मी को मालूम हो गया की मेरी बेटी किसी भी तरह का लण्ड लेने की काबिल है। लण्ड चाटने चूसने और चुदवाने के लिए पूरी तरह तैयार है। अम्मी ने मुझे गालियों से सेक्स का मज़ा लेना भी सिखा दिया। बस तभी से हम दोनों इसी तरह गालियों से बात चीत करके मज़ा लूटतीं हैं। शादी के बाद जब मैं अपने माईकेआई तो अम्मी मुझसे और खुल गईं। मेरी सुहागरात की बातें भी पूँछी और खूब मज़ा लिया। उसके बाद हम दोनों साथ साथ चुदवाने लगीं।
एक दिन अम्मी बोली बेटी आज मेरा मन तेरी माँ चोदने का है। में भी कहा हां अम्मी मेरा भी मन तेरी बेटी चोदने का हो रहा है। हम दोनों कुछ सोंचने लगी की किसी ने डोर बेल बजा दी। मैं फ़ौरन उठी और दरवाजा खोला। मैंने देखा की मेरे सामने मेरा ससुर खड़ा है और उसके बगल मेरा नंदोई। मैं तो दोनों को देख कर खुश हो गयी। उन्हें अंदर बुला कर बैठा लिया और अम्मी को आवाज़ लगायी। अम्मी आई और बोली हाय अरबाज़ तुम कब आये। वह बोला ज़ाहिरा भाभी यहाँ मेरे दामाद का कुछ काम था इसलिए आया था अब काम हो गया है तो मैंने सोंचा चलो बहू से मिलते चलें इसलिए हम दोनों यहाँ चले आये। अम्मी ने कहा अरे आपने बड़ा अच्छा किया। मेरा नसीब खुल गया। मैंने तो आपको अपनी बेटी की शादी के बाद देखा ही नहीं। आज ही दीदार हो रहें है आपके। आपके दामाद को तो मैं पहली बार देख रही हूँ। कितना स्मार्ट और हैंडसम हैं ? मैंने कहा हां अम्मी मैं भी इससे इसकी शादी में ही मिली थी। मेरी नन्द ने भी कभी बाद में इससे नहीं मिलवाया । वह बोला अरे महक भाभी मैं इधर पहले कभी आया भी नहीं। मैं आज अपनी शादी के बाद आपको देख रहा हूँ। माशा अल्ला, आप तो बहुत खूबसूरत हैं और आपकी अम्मी भी बहुत खूबसूरत हैं।
तब तक अम्मी अंदर गईं कुछ नास्ता पानी का इंतज़ाम करने। मैं भी उसके पीछे पीछे चली गयी। अंदर जाकर अम्मी बोली अरी महक आज मैं तेरी माँ चोदूँगी। लण्ड मेरे सामने है। खुदा ने मेरी सुन ली। मैंने कहा अम्मी मैं भी तेरी बेटी चोदूँगी। लण्ड मुझे दिख रहा है। अम्मी ने कहा हां देख महक आज ये दोनों कहीं और जाने न पाएं। इन्ही के लण्ड हम दोनों एक दूसरे की चूत में घुसेडेगीं। मैंने कहा अम्मी मैंने अपने ससुर का लण्ड न कभी देखा और न कभी पकड़ा ? अपने नंदोई का भी लण्ड कभी नहीं देखा मैंने. अम्मी ने बताया देख महक तेरा ससुर मेरा देवर लगता है और देवर से चुदवाना बड़े नसीब की बात होती है,अपने ससुर से चुदवाना तो फक्र की बात होती है बेटी और अपने नंदोई से चुदवाना तो तेरा हक़ है पगली ? तू तो लपक कर पकड़ ले उसका लण्ड ? शर्म करने की कोई जरुरत नहीं है।
बस हम दोनों नास्ता लेकर कमरे में आ गईं । मैंने नास्ता मेज पर रखते हुएअपनी चूचियों की गहराई दिखा दी। वे दोनों आँखे फाड़ फाड़ कर मेरी चूचियों का अंदाज़ लगते रहे। थोड़ी देर में अम्मी बोली हाय दईया महक तू ड्रिंक्स का इंतज़ाम कर ले। मुझे याद आ गया अरबाज़ तो दारू पीता है ? तब तक अरबाज़ बोला नहीं भाभी मैं पीता था लेकिन जब से मैं ससुर बना हूँ तबसे दारू छोड़ दी ? अम्मी ने कहा हाय अल्ला, चोदना तो नहीं छोड़ा तूने मेरे देवर राजा ? वह अम्मी की बात पर मुस्करा पड़ा। अम्मी ने फिर कहा चलो आज पी लो कल से छोड़ देना ? हम चारों लोग दारू पीने लगे। थोड़ा नशा चढ़ा तो बातें गहरी होने लगीं।
अम्मी - अरबाज़ तेरी बचपन की लड़कियों को लण्ड पकड़ाने की आदत है की छूट गयी ?
ससुर - अरे भाभी वो सब छूट गया ?
अम्मी - तो फिर अब क्या करता है तू ? मुठ्ठ मारता है की किसी की बुर लेता है ?
ससुर - अरे भाभी मेरी बहू के आगे ये सब बातें अच्छी नहीं है। वह क्या सोंचेगी मेरे बारे में ?
अम्मी - तेरी बहू अब बच्ची नहीं हैं। उसकी शादी हो चुकी है। सुहागरात मना कर आई है वह।
ससुर - फिर भी भाभी ऐसी बातें उसके आगे ,,,,,,,,,,,,?
अम्मी - अच्छा मालूम है तुझे ? अपनी माँ चुदवाती है तेरी बहू ?
ससुर - माँ तो मेरी बेटी भी चुदवाती है अपनी ?
नंदोई - हां यह बात बिलकुल सही है।
मैंने कहा - हाय दईया तो फिर किस बात की शर्म ससुर जी।
ससुर - मैं सोंचता हूँ की कहीं तुम बुरा न मान जाओ बहू ?
अम्मी - यार अरबाज़ तू अपनी बहू को कम न समझ। जवानी का पूरा मज़ा लेना और देना जानती है वो ?
ससुर - फिर तो ठीक है भाभी। मैं भी कम नहीं हूँ।
अम्मी - तो फिर दिखा दे न अपनी बहू को अपना लण्ड ? और मुझे भी दिखा दो अपनी बेटी के मियां का लण्ड ? अभी दारु का नशा चढ़ा है। अब लण्ड का नशा चढ़ जायेगा तो और मज़ा आएगा। तुझे मालूम है आज मैं अपनी बेटी की माँ चोदूँगी .
अम्मी ने ऐसा कह कर माहौल को सेक्सी बना दिया। उसने अपना हाथ बढ़ाया और ससुर के पोैजामे का नाड़ा खोलने लगीं। वह बोला अरे भाभी मुझे अपनी बहू के आगे नंगा न करो ? अम्मी बोली अरबाज़ मैं सब जानती हूँ। अपनी बेटी के आगे नंगा होता है तू ? अपनी साली की बेटी को लण्ड पकड़ाता है तू ? अपने दोस्तों की बेटियों की बुर लेता है तू और यहाँ अपनी बहू के आगे नंगा होने में तुझे शर्म आ रही है ? अम्मी ने तेजी से उसका नाड़ा खोला और लौड़ा बाहर निकाल लिया। अम्मी फिर बोली तुझसे अच्छा तो तेरा लण्ड है, यार शर्माता तो नहीं है । देख, कैसे मेरे आगे तन कर खड़ा हो गया है तेरा लण्ड ? मैंने जब उसका लौड़ा देखा तो मेरे तो होश उड़ गये ? मैंने कहा ससुर जी अब मुझे मालूम हुआ की लड़कियां और औरतें तेरे पीछे क्यों भागती हैं ? इतना बड़ा मोटा और मस्ताना लण्ड मैंने आजतक नहीं देखा ?
अम्मी ने कहा अरबाज़ तेरा लौड़ा वाकई इधर बहुत बड़ा हो गया है। इसे क्या खिलाते हो जो इतना मोटा हो गया है। तब तक मैं बोली अरे अम्मी लौड़ा या तो बुर खाता है यार फिर चूचियों के बीच घुस कर दूध पीता है। मेरी इस बात पर उसका लण्ड और मस्ती से सिर हिलाने लगा। उधर तब तक मैं नंदोई को नंगा कर चुकी थी। उसका भी लौड़ा फनफना कर मेरे सामने आ गया। मैंने देखा की लौड़ा उसका भी कम नहीं है। बड़ा मोटा और खूंखार लग रहा था उसका लण्ड। मैं तो उसे जबान निकाल कर चाटने लगी। उसका टोपा साला बिलकुल तोप का गोला लग रहा था। झांटें उसकी भी नहीं थीं। मैंने कहा यार तेरी झाँटें कौन बनाता है ? वह बोला जिसके हाथ में मेरा लण्ड जाता है वही मेरी झाँटें बना देती हैं। कल मेरी भाभी ने मेरी झाँटें छील दीं। मैंने कहा अच्छा तो तुम अपनी भाभी की बुर चोद कर आये हो ? वह बोला अरे यार हर दिन कोई न कोई मेरा लण्ड पकड़ ही लेती है तो फिर लण्ड बुर चोदेगा नहीं तो क्या करेगा ? फिर मैं लण्ड चूसने लगी।
लण्ड तो मैं अपने नंदोई का चूस रही थी लेकिन नज़र मेरी ससुर के लण्ड पर थी। मुझे सच बताऊँ ससुर का लण्ड ज्यादा सेक्सी दिखाई पड़ रहा था। उधर अम्मी चूस तो मेरे ससुर का लण्ड रही थी पर उसकी निगाह मेरे नंदोई का लण्ड देख रही थी। नंगी मैं भी थी और मेरी अम्मी भी। नंगा मेरा ससुर भी था और नंदोई भी। कमरे में चार लोग और चरों एकदम नंग धडंग। किसी के बदन पर कोई कपड़ा नहीं था। मुझे तो मर्दों के आगे नंगी होने में मज़ा आता है और अपने सामने मर्दों को नंगा करने में मज़ा आता है। मुझे जब भी कोई अकेले में मिलता है मैं उसे नंगा कर देती हूँ। मैं जब १९ साल की थी तब मैंने एक दिन अपने खालू की लुंगी खींच कर उसे नंगा कर दिया था और फ़ौरन हाथ बढ़ाकर उसका लण्ड पकड़ लिया था। बस उसी दिन से मैं खालू से भचाभच चुदवाने लगी। आज भी वह बड़े प्यार से मुझे चोदता है। यह बात अम्मी को मालूम है। अम्मी भी उसका लण्ड अपनी चूत में लेतीं हैं। जवानी में यही सब होता है।
इतने में मैंने हाथ बढ़ाया और ससुर का लण्ड अम्मी के हाथ से छीन लिया। अम्मी ने मेरे हाथ से नंदोई का लण्ड ले लिया। अपने ससुर का लण्ड पाकर मैं गनगना उठी। मैं उसे मस्ती से घुमाघुमा कर देखने लगी और हिला हिला कर मज़ा लेने लगी। मुझे लण्ड वाकई मज़ा दे रहा था। मैंने सोंचा की यह लण्ड ज़िन्दगी भर मेरा साथ देगा। मेरा शौहर तो फौज में काम करता है और बहुत दिनों में आता है। तब तक मैं चुदासी कैसे रह सकती हूँ ? बस मैं तो यही लण्ड पेला करुँगी अपनी चूत में ? वैसे भी जब मेरा मरद आता है तो वह दूसरों की बुर चोदने में लग जाता है। अपनी भाभी की बुर लेता है, अपनी बहन की भी चोद लेता है बुर ? अपनी साली की बुर तो वह कई बार लेता है। मेरी माँ का भोसड़ा भी चोदता है वो। अपनी खाला का भोसड़ा चोदना तो वह कभी नहीं भूलता। उसकी बेटी को लण्ड पकड़ाता है अपना। कहने का मतलब की मेरे शौहर का लण्ड हमेशा बिजी रहता है ऐसे में मेरे ससुर का लण्ड ही मेरे काम आएगा। यही लण्ड मेरी चूत की आग बुझाएगा। यही सोंच कर मेरा प्यार ससुर के लण्ड पर और उमड़ने लगा।
लण्ड का सुपाड़ा तो गज़ब का खूबसूरत था। मैं जबान निकाल कर उसी पर फिराने लगी। बीच बीच में लण्ड अपनी चूचियों पर रगड़ने लगी और निपल्स से लड़ाने लगी लण्ड का टोपा। लण्ड से बातें करने लगी और उसकी चुम्मियां लेने लगी। इतना बढ़िया लण्ड पाकर मैं बुरी तरह मस्ती के मूड में आ गयी। उधर अम्मी भी मेरे नंदोई के लण्ड से खुश थीं। उसका नये नये लण्ड का शौक अभी भी उसी तरह बरकरार है जैसा कीआज से २० साल पहले था।
अम्मी बोली :- अरी बुर चोदी महक देख, मैं तेरी माँ का भोसड़ा चोदने जा रही हूँ।
इधर मैंने भी ससुर का लण्ड अपनी चूत में टिका कर कहा :- हां हां मैं देख रही हूँ भोसड़ी की ज़ाहिरा, तू भी देख ले मैं तेरी बिटिया की बुर चोदने जा रही हूँ।
उधर अम्मी के भोसड़ा में लण्ड घुसा तो इधर मेरी चूत में लण्ड घुसा। ससुर ने जैसे ही लण्ड पेला मेरी चूत में वैसे ही मेरी चीख निकल पड़ी। मैंने बोली हाय अल्ला, कितना मोटा है लण्ड तेरा। मेरी तो बुर फाड़ दी इसने।उई माँ मैं मर गयी हरामजादे ने लण्ड पूरा पेल दिया, अम्मी ? हाय रे कितना गज़ब का लौड़ा है मेरे ससुर का ? देखो साला कैसे धकाधक चोद रहा है मेरी बुर ? तब तक अम्मी मजाक करते हुए बोली अरी महक देख न कैसे चुद रहा है तेरी माँ का भोसड़ा ? मैं भी मजाक के मूड में थी। मैंने कहा हां और इधर भी देखो न कैसे चुद रही है तेरी बेटी की बुर अम्मी। चोदने वाला साला उसी का ससुर है। ये साले आजकल के ससुर अपनी बहू की बुर भी नहीं छोड़ते ? उसमे भी लण्ड पेल देते हैं अपना ? तब तक ससुर बोला और आजकल की बहुयें भी अपने ससुर का लण्ड भी नहीं छोड़ती। उसे भी पकड़ कर अपनी चूत में घुसेड़ लेतीं हैं। अपने ससुर से चुदवाने का एक फैसन चल पड़ा है। मेरी बेटी भी अपने ससुर से चुदवाती है।
इसी तरह की गन्दी गन्दी बातें करके हम दोनों भकाभक चुदवाने में जुटीं थी, दोस्तों। ससुर ने चोदने की तफ्तार बढ़ा दी। मेरी चूत का कबाड़ा हुआ जा रह था लेकिन मज़ा भी खूब आ रहा था। मैं भी गांड से जोर लगा कर चुदवा रही थी। मेरी चूचियाँ उछल रहीं थी और अम्मी की भी। ये दोनों मर्द उछलती हुई चूचियाँ देख देख कर और तेजी से चोदने लगे। बस ५ मिनट में मैं तो खलास हो गयी। मेरी चूत ढीली हो गयी और उधर अम्मी का भोसड़ा भी। इतने में ससुर बोला लो महक बहू मैं तो निकलने वाला हूँ। उसने लौड़ा मेरे मुंह के सामने कर दिया और गिरा दिया सारा सीमेन मेरी चूचियों पर और मेरे मुंह में भी। मैं लौड़ा मुंह में लेकर चाटने लगी। उधर अम्मी भी झड़ता हुआ लण्ड चूसने में लग गयी।
एक दिन मैं अपनी फूफी के घर चली गयी। फूफी की बेटी शमीमा मेरी उम्र की हैं। उसकी भी शादी हो चुकी है। मेरी अच्छी दोस्त भी है और रिस्तेदार भी। मेरी उससे बहुत पटती है। लेकिन आज मैं बहुत दिनों के बाद मिल रही हूँ। पहला दिन तो मौज मस्ती में निकला गया। दूसरे दिन शाम को मैं फूफी के साथ बैठी थी। शमीमा सुबह से कहीं बाहर गयी थी।
जब वह शाम को घर आई तो फूफी बोली शमीमा आज तू भोसड़ी की किसका लण्ड हिलाने गयी थी ?
वह बोली नहीं अम्मी मैं तो बहन चोद बस ऐसे ही अपनी सहेली के घर गयी थी।
तब फूफी दुबारा बोली अच्छा सुन शमीमा आज रात को मैं तेरी माँ चोदूँगी।
शमीमा न तुरंत जबाब दिया ठीक है फिर मैं भी तेरी बेटी चोदूँगी।
मैंने कहा हाय दईया शमीमा तू अपनी अम्मी से इस तरह गालियों से बात करती है।
वह बोली अरे महक दीदी, अम्मी भी तो मुझसे गालियों से बात करतीं हैं। और फिर इसमें गलत क्या है यार ? मैं अब जवां हो गयी हूँ। मेरी शादी हो चुकी है मैं सुहागरात मना कर आई हूँ। अब क्या मैं हमेशा शर्माती ही रहूंगी ? मैं भी लण्ड बुर चूत भोसड़ा की खुली खुली बातें कर सकती हूँ। गालियां दे सकती हूँ, किसी की भी माँ बहन चोद सकती हूँ। अब मैं बच्ची नहीं जवान औरत बन चुकी हूँ। किसी की मस्त चुदवाने वाली बीवी हूँ मैं ?
फूफी ने कह देखो महक बेटी हम दो ही लोग घर में हैं। मैं भी जवां हूँ और मेरी बेटी भी। अब मैं कब तक लण्ड छुप छुप कर पकड़ती रहूंगी ? मुझे भी लण्ड की जरुरत है और इसे भी लण्ड की जरुरत है। बिना लण्ड के न मेरा काम चलने वाला और न इसका। तो इससे बेहतर है की दोस्ती कर लो और मिल कर चोदा चोदी करो ?
मैंने कहा तो फूफी क्या तुम शमीमा की माँ चोदोगी ?
वह बोली हां इसकी माँ बहुत मस्त है, हंसमुख है, लण्ड की दीवानी है और चुदवाने में मस्त है इसलिए चोदूँगी।
तब तक शमीमा बोली और इसकी बेटी भी लण्ड की बड़ी शौक़ीन है महक। मैं इसकी बेटी चोदूँगी क्योंकि उसकी टाइट चूत में मुझे लण्ड पेलने में बड़ा मज़ा आता है।
मैंने कहा तो फिर लण्ड कहाँ है जो तुम पेलोगी ?
वह बोली अभी आतें होंगें ?
मैंने कहा वाओ, तुम बिलकुल मेरी तरह हो यार। मैं भी अपनी माँ की बिटिया बुर चोदती हूँ और अम्मी भी मेरी माँ का भोसड़ा चोदती है।
फूफी बोली हाय अल्ला, तब तो बड़ा मज़ा आएगा। शमीमा एक लण्ड का और इंतज़ाम कर लेना। आज मैं अपनी भाभी की बेटी भी चोदूँगी ?
रात को एक आदमी आया तो फूफी ने मुझे उससे मिलवाया और कहा महक यह मेरा पड़ोसी था रहीम जब मैं दिल्ली में रहती थी। तब तक दो लड़के और आ गये। शमीमा बोली महक दीदी इससे मिलो यह है मेरा बॉय फ्रेंड सफीक और यह है रफ़ी सफीक का दोस्त। २४ / २५ की होगी। तब तक ड्रिंक्स का इंतज़ाम फूफी ने कर दिया और हम सब लोग उसका मज़ा लेने लगे। थोड़ा नशा चढ़ा तो फूफी बोली देखो रहीम आज मैं शमीमा की माँ चोदूँगी तेरा लण्ड पेल कर। उसकी बात सुनकर सफीक और रफ़ी दोनों हैरान हो गए क्योंकि उन्हें नहीं मालूम था की शमीमा ने उन्हें किसलिए बुलाया है ? तब तक शमीमा बोली अरे यार तुम लोग हैरान परेशान क्यों हो ? मैंने तुम लोगों को चोदने के लिए ही बुलाया है। मेरी अम्मी से शर्म न करो। मैं तो तुम दोनों के लण्ड पीती हूँ। आज मेरी दीदी महक भी तुम्हारे लण्ड पियेगी। और हां सबसे बड़ी बात यह है की आज तुम लोग मेरी माँ चोदोगे। यह समझ लो की आज मेरे घर में चुदाई की पार्टी है। ये रहीम अंकल है न, अम्मी उससे बहुत दिनों से चुदवा रहीं हैं। आज मैं उसकी बेटी चोदूँगी। रहीम अंकल का लण्ड उसकी बेटी की बुर में घुसेडूंगी। इतनी खुली खुली मस्त बातें सुनकर माहौल बिलकुल गरम हो गया। लण्ड सबके खड़े हो गए। चूचियाँ सबकी तन गयी। और कपड़े सबके उतरने लगे।
शराब का नशा सर चढ़ कर बोलने लगा। देखते ही देखते सब लोग नंगे हो गये। फूफी ने रहीम का लौड़ा पकड़ कर कहा हाय दईया ये तो पहले से बड़ा मोटा हो गया है यार ? शमीमा बोली अरे अम्मी लौड़ा साला बुर खा खा कर मोटा हो ही जाता है। तब तक शमीमा ने सफीक का लण्ड मुझे पकड़ा दिया और खुद रफ़ी का लण्ड लेकर हिलाने लगी। मैंने भी लौड़ा लिया उसे देखा और उसकी चुम्मी ली। फिर उसका सुपाड़ा चाटना किया। एक बात बता दूँ दोस्तों की अब मैं ग्रुप में ही चुदवाती हूँ। मुझे अकेले चुदवाने में कतई मज़ा नहीं आता। मैंने लण्ड पूरा मुंह में डाला और चूसने लगी। मेरे सामने शमीमा भी लौड़ा चूस रही थी। फूफी ने लण्ड अपने भोसड़ा में घुसा लिया और चुदवाने लगी। वह मजाक में बोली देख शमीमा मैं तेरी माँ का भोसड़ा चोद रही हूँ। शमीमा भी ताव में आ गयी। उसने रफ़ी का लौड़ा अपनी चूत में घुसेड़ा और चुदवाने लगी। फिर वह भी बोली देख अम्मी मैं भी तेरी बेटी की बुर चोद रही हूँ।
फिर मुझसे भी न रहा गया। मैंने भी अपनी चूत फैलाकर सफीक का लौड़ा पेल लिया और चुदवाने लगी। अब तक मैं चुदवाने में एक्सपर्ट हो गयी थी। मैंने बारी बारी से रफ़ी से भी चुदवायाऔर रहीम अंकल से भी। रात भर होती झमाझम चुदाई। सवेरे फूफी बोली अरी भोसड़ी की महक तू भी अपनी माँ शमीमा की तरह चुदवाती है ? मैंने जबाब दिया हां फूफी मेरी अम्मी भी बिलकुल तुम्हारी तरह हैं। वह मेरी माँ का भोसड़ा चोदती है और मैं उसकी बेटी की बुर चोदती हूँ। बड़ा मज़ा आता है फूफी इस तरह चुदवाने में ? अब अगली बार आना तो अपनी अम्मी को लेकर आना। तुम अपनी माँ का भोसड़ा चोदना और वह अपनी बिटिया की बुर चोदेगी। मैं अगले हफ्ते एक बहुत बड़ी सेक्स पार्टी करने वाली हूँ। जिसमे हर तरह लण्ड होंगे और हर तरह की चूत ? हर एक को हर एक लण्ड से चुदवाने का मौका मिलेगा। तेरी माँ का भोसड़ा मैं भी चोदूँगी। और तुम भी शमीमा की माँ भोसड़ा चोदना।
दोस्तों, सेक्स की कोई सीमा नहीं है। जितना करो उतना और करने का मन करता है।
उस दिन मेरी अम्मी बहुत मूड में थीं। मैं जैसे ही घर में घुसी वैसे ही अम्मी बोली - महक, आज मैं तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी।
मैंने भी उसी अंदाज़ में जबाब दिया - अम्मी आज मैं तेरी बिटिया की बुर चोदूँगी।
बस फिर हम दोनों एक दूसरे को देख कर बड़ी जोर से ठहाका लगाया।
अब तो आप जान ही गये होंगें की मेरी अम्मी से किस तरह की दोस्ती है, किस तरह का सम्बन्ध है और किस तरह का व्यवहार है। मैं आपको बता दूँ की मैं इस समय २५ साल की हूँ। एक साल पहले मेरी शादी हो चुकी है। मेरी अम्मी ज़ाहिरा ४५ साल की हैं और अभी भी मस्त जवान है। उसके चाहने वाले आज भी उसके आगे पीछे घूमते हैं। शादी के पहले मैं जब १९ साल की हुई तब अम्मी ने मुझे सेक्स के बारे में खुल कर बता दिया था। बल्कि एक दिन उसने मुझे लण्ड भी पकड़ा दिया था। वह यह जानना चाहती थी की मैं वाकई पूरी तरह जवां हो गयी हूँ की नहीं ? मुझे लण्ड का मज़ा लेना आ गया है की नहीं ? मेरे अंदर कोई शारीरिक कमी तो नहीं है। मैंने उसी दिन अम्मी के सामने लण्ड के साथ कई कारनामे दिखाये। उससे अम्मी को मालूम हो गया की मेरी बेटी किसी भी तरह का लण्ड लेने की काबिल है। लण्ड चाटने चूसने और चुदवाने के लिए पूरी तरह तैयार है। अम्मी ने मुझे गालियों से सेक्स का मज़ा लेना भी सिखा दिया। बस तभी से हम दोनों इसी तरह गालियों से बात चीत करके मज़ा लूटतीं हैं। शादी के बाद जब मैं अपने माईकेआई तो अम्मी मुझसे और खुल गईं। मेरी सुहागरात की बातें भी पूँछी और खूब मज़ा लिया। उसके बाद हम दोनों साथ साथ चुदवाने लगीं।
एक दिन अम्मी बोली बेटी आज मेरा मन तेरी माँ चोदने का है। में भी कहा हां अम्मी मेरा भी मन तेरी बेटी चोदने का हो रहा है। हम दोनों कुछ सोंचने लगी की किसी ने डोर बेल बजा दी। मैं फ़ौरन उठी और दरवाजा खोला। मैंने देखा की मेरे सामने मेरा ससुर खड़ा है और उसके बगल मेरा नंदोई। मैं तो दोनों को देख कर खुश हो गयी। उन्हें अंदर बुला कर बैठा लिया और अम्मी को आवाज़ लगायी। अम्मी आई और बोली हाय अरबाज़ तुम कब आये। वह बोला ज़ाहिरा भाभी यहाँ मेरे दामाद का कुछ काम था इसलिए आया था अब काम हो गया है तो मैंने सोंचा चलो बहू से मिलते चलें इसलिए हम दोनों यहाँ चले आये। अम्मी ने कहा अरे आपने बड़ा अच्छा किया। मेरा नसीब खुल गया। मैंने तो आपको अपनी बेटी की शादी के बाद देखा ही नहीं। आज ही दीदार हो रहें है आपके। आपके दामाद को तो मैं पहली बार देख रही हूँ। कितना स्मार्ट और हैंडसम हैं ? मैंने कहा हां अम्मी मैं भी इससे इसकी शादी में ही मिली थी। मेरी नन्द ने भी कभी बाद में इससे नहीं मिलवाया । वह बोला अरे महक भाभी मैं इधर पहले कभी आया भी नहीं। मैं आज अपनी शादी के बाद आपको देख रहा हूँ। माशा अल्ला, आप तो बहुत खूबसूरत हैं और आपकी अम्मी भी बहुत खूबसूरत हैं।
तब तक अम्मी अंदर गईं कुछ नास्ता पानी का इंतज़ाम करने। मैं भी उसके पीछे पीछे चली गयी। अंदर जाकर अम्मी बोली अरी महक आज मैं तेरी माँ चोदूँगी। लण्ड मेरे सामने है। खुदा ने मेरी सुन ली। मैंने कहा अम्मी मैं भी तेरी बेटी चोदूँगी। लण्ड मुझे दिख रहा है। अम्मी ने कहा हां देख महक आज ये दोनों कहीं और जाने न पाएं। इन्ही के लण्ड हम दोनों एक दूसरे की चूत में घुसेडेगीं। मैंने कहा अम्मी मैंने अपने ससुर का लण्ड न कभी देखा और न कभी पकड़ा ? अपने नंदोई का भी लण्ड कभी नहीं देखा मैंने. अम्मी ने बताया देख महक तेरा ससुर मेरा देवर लगता है और देवर से चुदवाना बड़े नसीब की बात होती है,अपने ससुर से चुदवाना तो फक्र की बात होती है बेटी और अपने नंदोई से चुदवाना तो तेरा हक़ है पगली ? तू तो लपक कर पकड़ ले उसका लण्ड ? शर्म करने की कोई जरुरत नहीं है।
बस हम दोनों नास्ता लेकर कमरे में आ गईं । मैंने नास्ता मेज पर रखते हुएअपनी चूचियों की गहराई दिखा दी। वे दोनों आँखे फाड़ फाड़ कर मेरी चूचियों का अंदाज़ लगते रहे। थोड़ी देर में अम्मी बोली हाय दईया महक तू ड्रिंक्स का इंतज़ाम कर ले। मुझे याद आ गया अरबाज़ तो दारू पीता है ? तब तक अरबाज़ बोला नहीं भाभी मैं पीता था लेकिन जब से मैं ससुर बना हूँ तबसे दारू छोड़ दी ? अम्मी ने कहा हाय अल्ला, चोदना तो नहीं छोड़ा तूने मेरे देवर राजा ? वह अम्मी की बात पर मुस्करा पड़ा। अम्मी ने फिर कहा चलो आज पी लो कल से छोड़ देना ? हम चारों लोग दारू पीने लगे। थोड़ा नशा चढ़ा तो बातें गहरी होने लगीं।
अम्मी - अरबाज़ तेरी बचपन की लड़कियों को लण्ड पकड़ाने की आदत है की छूट गयी ?
ससुर - अरे भाभी वो सब छूट गया ?
अम्मी - तो फिर अब क्या करता है तू ? मुठ्ठ मारता है की किसी की बुर लेता है ?
ससुर - अरे भाभी मेरी बहू के आगे ये सब बातें अच्छी नहीं है। वह क्या सोंचेगी मेरे बारे में ?
अम्मी - तेरी बहू अब बच्ची नहीं हैं। उसकी शादी हो चुकी है। सुहागरात मना कर आई है वह।
ससुर - फिर भी भाभी ऐसी बातें उसके आगे ,,,,,,,,,,,,?
अम्मी - अच्छा मालूम है तुझे ? अपनी माँ चुदवाती है तेरी बहू ?
ससुर - माँ तो मेरी बेटी भी चुदवाती है अपनी ?
नंदोई - हां यह बात बिलकुल सही है।
मैंने कहा - हाय दईया तो फिर किस बात की शर्म ससुर जी।
ससुर - मैं सोंचता हूँ की कहीं तुम बुरा न मान जाओ बहू ?
अम्मी - यार अरबाज़ तू अपनी बहू को कम न समझ। जवानी का पूरा मज़ा लेना और देना जानती है वो ?
ससुर - फिर तो ठीक है भाभी। मैं भी कम नहीं हूँ।
अम्मी - तो फिर दिखा दे न अपनी बहू को अपना लण्ड ? और मुझे भी दिखा दो अपनी बेटी के मियां का लण्ड ? अभी दारु का नशा चढ़ा है। अब लण्ड का नशा चढ़ जायेगा तो और मज़ा आएगा। तुझे मालूम है आज मैं अपनी बेटी की माँ चोदूँगी .
अम्मी ने ऐसा कह कर माहौल को सेक्सी बना दिया। उसने अपना हाथ बढ़ाया और ससुर के पोैजामे का नाड़ा खोलने लगीं। वह बोला अरे भाभी मुझे अपनी बहू के आगे नंगा न करो ? अम्मी बोली अरबाज़ मैं सब जानती हूँ। अपनी बेटी के आगे नंगा होता है तू ? अपनी साली की बेटी को लण्ड पकड़ाता है तू ? अपने दोस्तों की बेटियों की बुर लेता है तू और यहाँ अपनी बहू के आगे नंगा होने में तुझे शर्म आ रही है ? अम्मी ने तेजी से उसका नाड़ा खोला और लौड़ा बाहर निकाल लिया। अम्मी फिर बोली तुझसे अच्छा तो तेरा लण्ड है, यार शर्माता तो नहीं है । देख, कैसे मेरे आगे तन कर खड़ा हो गया है तेरा लण्ड ? मैंने जब उसका लौड़ा देखा तो मेरे तो होश उड़ गये ? मैंने कहा ससुर जी अब मुझे मालूम हुआ की लड़कियां और औरतें तेरे पीछे क्यों भागती हैं ? इतना बड़ा मोटा और मस्ताना लण्ड मैंने आजतक नहीं देखा ?
अम्मी ने कहा अरबाज़ तेरा लौड़ा वाकई इधर बहुत बड़ा हो गया है। इसे क्या खिलाते हो जो इतना मोटा हो गया है। तब तक मैं बोली अरे अम्मी लौड़ा या तो बुर खाता है यार फिर चूचियों के बीच घुस कर दूध पीता है। मेरी इस बात पर उसका लण्ड और मस्ती से सिर हिलाने लगा। उधर तब तक मैं नंदोई को नंगा कर चुकी थी। उसका भी लौड़ा फनफना कर मेरे सामने आ गया। मैंने देखा की लौड़ा उसका भी कम नहीं है। बड़ा मोटा और खूंखार लग रहा था उसका लण्ड। मैं तो उसे जबान निकाल कर चाटने लगी। उसका टोपा साला बिलकुल तोप का गोला लग रहा था। झांटें उसकी भी नहीं थीं। मैंने कहा यार तेरी झाँटें कौन बनाता है ? वह बोला जिसके हाथ में मेरा लण्ड जाता है वही मेरी झाँटें बना देती हैं। कल मेरी भाभी ने मेरी झाँटें छील दीं। मैंने कहा अच्छा तो तुम अपनी भाभी की बुर चोद कर आये हो ? वह बोला अरे यार हर दिन कोई न कोई मेरा लण्ड पकड़ ही लेती है तो फिर लण्ड बुर चोदेगा नहीं तो क्या करेगा ? फिर मैं लण्ड चूसने लगी।
लण्ड तो मैं अपने नंदोई का चूस रही थी लेकिन नज़र मेरी ससुर के लण्ड पर थी। मुझे सच बताऊँ ससुर का लण्ड ज्यादा सेक्सी दिखाई पड़ रहा था। उधर अम्मी चूस तो मेरे ससुर का लण्ड रही थी पर उसकी निगाह मेरे नंदोई का लण्ड देख रही थी। नंगी मैं भी थी और मेरी अम्मी भी। नंगा मेरा ससुर भी था और नंदोई भी। कमरे में चार लोग और चरों एकदम नंग धडंग। किसी के बदन पर कोई कपड़ा नहीं था। मुझे तो मर्दों के आगे नंगी होने में मज़ा आता है और अपने सामने मर्दों को नंगा करने में मज़ा आता है। मुझे जब भी कोई अकेले में मिलता है मैं उसे नंगा कर देती हूँ। मैं जब १९ साल की थी तब मैंने एक दिन अपने खालू की लुंगी खींच कर उसे नंगा कर दिया था और फ़ौरन हाथ बढ़ाकर उसका लण्ड पकड़ लिया था। बस उसी दिन से मैं खालू से भचाभच चुदवाने लगी। आज भी वह बड़े प्यार से मुझे चोदता है। यह बात अम्मी को मालूम है। अम्मी भी उसका लण्ड अपनी चूत में लेतीं हैं। जवानी में यही सब होता है।
इतने में मैंने हाथ बढ़ाया और ससुर का लण्ड अम्मी के हाथ से छीन लिया। अम्मी ने मेरे हाथ से नंदोई का लण्ड ले लिया। अपने ससुर का लण्ड पाकर मैं गनगना उठी। मैं उसे मस्ती से घुमाघुमा कर देखने लगी और हिला हिला कर मज़ा लेने लगी। मुझे लण्ड वाकई मज़ा दे रहा था। मैंने सोंचा की यह लण्ड ज़िन्दगी भर मेरा साथ देगा। मेरा शौहर तो फौज में काम करता है और बहुत दिनों में आता है। तब तक मैं चुदासी कैसे रह सकती हूँ ? बस मैं तो यही लण्ड पेला करुँगी अपनी चूत में ? वैसे भी जब मेरा मरद आता है तो वह दूसरों की बुर चोदने में लग जाता है। अपनी भाभी की बुर लेता है, अपनी बहन की भी चोद लेता है बुर ? अपनी साली की बुर तो वह कई बार लेता है। मेरी माँ का भोसड़ा भी चोदता है वो। अपनी खाला का भोसड़ा चोदना तो वह कभी नहीं भूलता। उसकी बेटी को लण्ड पकड़ाता है अपना। कहने का मतलब की मेरे शौहर का लण्ड हमेशा बिजी रहता है ऐसे में मेरे ससुर का लण्ड ही मेरे काम आएगा। यही लण्ड मेरी चूत की आग बुझाएगा। यही सोंच कर मेरा प्यार ससुर के लण्ड पर और उमड़ने लगा।
लण्ड का सुपाड़ा तो गज़ब का खूबसूरत था। मैं जबान निकाल कर उसी पर फिराने लगी। बीच बीच में लण्ड अपनी चूचियों पर रगड़ने लगी और निपल्स से लड़ाने लगी लण्ड का टोपा। लण्ड से बातें करने लगी और उसकी चुम्मियां लेने लगी। इतना बढ़िया लण्ड पाकर मैं बुरी तरह मस्ती के मूड में आ गयी। उधर अम्मी भी मेरे नंदोई के लण्ड से खुश थीं। उसका नये नये लण्ड का शौक अभी भी उसी तरह बरकरार है जैसा कीआज से २० साल पहले था।
अम्मी बोली :- अरी बुर चोदी महक देख, मैं तेरी माँ का भोसड़ा चोदने जा रही हूँ।
इधर मैंने भी ससुर का लण्ड अपनी चूत में टिका कर कहा :- हां हां मैं देख रही हूँ भोसड़ी की ज़ाहिरा, तू भी देख ले मैं तेरी बिटिया की बुर चोदने जा रही हूँ।
उधर अम्मी के भोसड़ा में लण्ड घुसा तो इधर मेरी चूत में लण्ड घुसा। ससुर ने जैसे ही लण्ड पेला मेरी चूत में वैसे ही मेरी चीख निकल पड़ी। मैंने बोली हाय अल्ला, कितना मोटा है लण्ड तेरा। मेरी तो बुर फाड़ दी इसने।उई माँ मैं मर गयी हरामजादे ने लण्ड पूरा पेल दिया, अम्मी ? हाय रे कितना गज़ब का लौड़ा है मेरे ससुर का ? देखो साला कैसे धकाधक चोद रहा है मेरी बुर ? तब तक अम्मी मजाक करते हुए बोली अरी महक देख न कैसे चुद रहा है तेरी माँ का भोसड़ा ? मैं भी मजाक के मूड में थी। मैंने कहा हां और इधर भी देखो न कैसे चुद रही है तेरी बेटी की बुर अम्मी। चोदने वाला साला उसी का ससुर है। ये साले आजकल के ससुर अपनी बहू की बुर भी नहीं छोड़ते ? उसमे भी लण्ड पेल देते हैं अपना ? तब तक ससुर बोला और आजकल की बहुयें भी अपने ससुर का लण्ड भी नहीं छोड़ती। उसे भी पकड़ कर अपनी चूत में घुसेड़ लेतीं हैं। अपने ससुर से चुदवाने का एक फैसन चल पड़ा है। मेरी बेटी भी अपने ससुर से चुदवाती है।
इसी तरह की गन्दी गन्दी बातें करके हम दोनों भकाभक चुदवाने में जुटीं थी, दोस्तों। ससुर ने चोदने की तफ्तार बढ़ा दी। मेरी चूत का कबाड़ा हुआ जा रह था लेकिन मज़ा भी खूब आ रहा था। मैं भी गांड से जोर लगा कर चुदवा रही थी। मेरी चूचियाँ उछल रहीं थी और अम्मी की भी। ये दोनों मर्द उछलती हुई चूचियाँ देख देख कर और तेजी से चोदने लगे। बस ५ मिनट में मैं तो खलास हो गयी। मेरी चूत ढीली हो गयी और उधर अम्मी का भोसड़ा भी। इतने में ससुर बोला लो महक बहू मैं तो निकलने वाला हूँ। उसने लौड़ा मेरे मुंह के सामने कर दिया और गिरा दिया सारा सीमेन मेरी चूचियों पर और मेरे मुंह में भी। मैं लौड़ा मुंह में लेकर चाटने लगी। उधर अम्मी भी झड़ता हुआ लण्ड चूसने में लग गयी।
एक दिन मैं अपनी फूफी के घर चली गयी। फूफी की बेटी शमीमा मेरी उम्र की हैं। उसकी भी शादी हो चुकी है। मेरी अच्छी दोस्त भी है और रिस्तेदार भी। मेरी उससे बहुत पटती है। लेकिन आज मैं बहुत दिनों के बाद मिल रही हूँ। पहला दिन तो मौज मस्ती में निकला गया। दूसरे दिन शाम को मैं फूफी के साथ बैठी थी। शमीमा सुबह से कहीं बाहर गयी थी।
जब वह शाम को घर आई तो फूफी बोली शमीमा आज तू भोसड़ी की किसका लण्ड हिलाने गयी थी ?
वह बोली नहीं अम्मी मैं तो बहन चोद बस ऐसे ही अपनी सहेली के घर गयी थी।
तब फूफी दुबारा बोली अच्छा सुन शमीमा आज रात को मैं तेरी माँ चोदूँगी।
शमीमा न तुरंत जबाब दिया ठीक है फिर मैं भी तेरी बेटी चोदूँगी।
मैंने कहा हाय दईया शमीमा तू अपनी अम्मी से इस तरह गालियों से बात करती है।
वह बोली अरे महक दीदी, अम्मी भी तो मुझसे गालियों से बात करतीं हैं। और फिर इसमें गलत क्या है यार ? मैं अब जवां हो गयी हूँ। मेरी शादी हो चुकी है मैं सुहागरात मना कर आई हूँ। अब क्या मैं हमेशा शर्माती ही रहूंगी ? मैं भी लण्ड बुर चूत भोसड़ा की खुली खुली बातें कर सकती हूँ। गालियां दे सकती हूँ, किसी की भी माँ बहन चोद सकती हूँ। अब मैं बच्ची नहीं जवान औरत बन चुकी हूँ। किसी की मस्त चुदवाने वाली बीवी हूँ मैं ?
फूफी ने कह देखो महक बेटी हम दो ही लोग घर में हैं। मैं भी जवां हूँ और मेरी बेटी भी। अब मैं कब तक लण्ड छुप छुप कर पकड़ती रहूंगी ? मुझे भी लण्ड की जरुरत है और इसे भी लण्ड की जरुरत है। बिना लण्ड के न मेरा काम चलने वाला और न इसका। तो इससे बेहतर है की दोस्ती कर लो और मिल कर चोदा चोदी करो ?
मैंने कहा तो फूफी क्या तुम शमीमा की माँ चोदोगी ?
वह बोली हां इसकी माँ बहुत मस्त है, हंसमुख है, लण्ड की दीवानी है और चुदवाने में मस्त है इसलिए चोदूँगी।
तब तक शमीमा बोली और इसकी बेटी भी लण्ड की बड़ी शौक़ीन है महक। मैं इसकी बेटी चोदूँगी क्योंकि उसकी टाइट चूत में मुझे लण्ड पेलने में बड़ा मज़ा आता है।
मैंने कहा तो फिर लण्ड कहाँ है जो तुम पेलोगी ?
वह बोली अभी आतें होंगें ?
मैंने कहा वाओ, तुम बिलकुल मेरी तरह हो यार। मैं भी अपनी माँ की बिटिया बुर चोदती हूँ और अम्मी भी मेरी माँ का भोसड़ा चोदती है।
फूफी बोली हाय अल्ला, तब तो बड़ा मज़ा आएगा। शमीमा एक लण्ड का और इंतज़ाम कर लेना। आज मैं अपनी भाभी की बेटी भी चोदूँगी ?
रात को एक आदमी आया तो फूफी ने मुझे उससे मिलवाया और कहा महक यह मेरा पड़ोसी था रहीम जब मैं दिल्ली में रहती थी। तब तक दो लड़के और आ गये। शमीमा बोली महक दीदी इससे मिलो यह है मेरा बॉय फ्रेंड सफीक और यह है रफ़ी सफीक का दोस्त। २४ / २५ की होगी। तब तक ड्रिंक्स का इंतज़ाम फूफी ने कर दिया और हम सब लोग उसका मज़ा लेने लगे। थोड़ा नशा चढ़ा तो फूफी बोली देखो रहीम आज मैं शमीमा की माँ चोदूँगी तेरा लण्ड पेल कर। उसकी बात सुनकर सफीक और रफ़ी दोनों हैरान हो गए क्योंकि उन्हें नहीं मालूम था की शमीमा ने उन्हें किसलिए बुलाया है ? तब तक शमीमा बोली अरे यार तुम लोग हैरान परेशान क्यों हो ? मैंने तुम लोगों को चोदने के लिए ही बुलाया है। मेरी अम्मी से शर्म न करो। मैं तो तुम दोनों के लण्ड पीती हूँ। आज मेरी दीदी महक भी तुम्हारे लण्ड पियेगी। और हां सबसे बड़ी बात यह है की आज तुम लोग मेरी माँ चोदोगे। यह समझ लो की आज मेरे घर में चुदाई की पार्टी है। ये रहीम अंकल है न, अम्मी उससे बहुत दिनों से चुदवा रहीं हैं। आज मैं उसकी बेटी चोदूँगी। रहीम अंकल का लण्ड उसकी बेटी की बुर में घुसेडूंगी। इतनी खुली खुली मस्त बातें सुनकर माहौल बिलकुल गरम हो गया। लण्ड सबके खड़े हो गए। चूचियाँ सबकी तन गयी। और कपड़े सबके उतरने लगे।
शराब का नशा सर चढ़ कर बोलने लगा। देखते ही देखते सब लोग नंगे हो गये। फूफी ने रहीम का लौड़ा पकड़ कर कहा हाय दईया ये तो पहले से बड़ा मोटा हो गया है यार ? शमीमा बोली अरे अम्मी लौड़ा साला बुर खा खा कर मोटा हो ही जाता है। तब तक शमीमा ने सफीक का लण्ड मुझे पकड़ा दिया और खुद रफ़ी का लण्ड लेकर हिलाने लगी। मैंने भी लौड़ा लिया उसे देखा और उसकी चुम्मी ली। फिर उसका सुपाड़ा चाटना किया। एक बात बता दूँ दोस्तों की अब मैं ग्रुप में ही चुदवाती हूँ। मुझे अकेले चुदवाने में कतई मज़ा नहीं आता। मैंने लण्ड पूरा मुंह में डाला और चूसने लगी। मेरे सामने शमीमा भी लौड़ा चूस रही थी। फूफी ने लण्ड अपने भोसड़ा में घुसा लिया और चुदवाने लगी। वह मजाक में बोली देख शमीमा मैं तेरी माँ का भोसड़ा चोद रही हूँ। शमीमा भी ताव में आ गयी। उसने रफ़ी का लौड़ा अपनी चूत में घुसेड़ा और चुदवाने लगी। फिर वह भी बोली देख अम्मी मैं भी तेरी बेटी की बुर चोद रही हूँ।
फिर मुझसे भी न रहा गया। मैंने भी अपनी चूत फैलाकर सफीक का लौड़ा पेल लिया और चुदवाने लगी। अब तक मैं चुदवाने में एक्सपर्ट हो गयी थी। मैंने बारी बारी से रफ़ी से भी चुदवायाऔर रहीम अंकल से भी। रात भर होती झमाझम चुदाई। सवेरे फूफी बोली अरी भोसड़ी की महक तू भी अपनी माँ शमीमा की तरह चुदवाती है ? मैंने जबाब दिया हां फूफी मेरी अम्मी भी बिलकुल तुम्हारी तरह हैं। वह मेरी माँ का भोसड़ा चोदती है और मैं उसकी बेटी की बुर चोदती हूँ। बड़ा मज़ा आता है फूफी इस तरह चुदवाने में ? अब अगली बार आना तो अपनी अम्मी को लेकर आना। तुम अपनी माँ का भोसड़ा चोदना और वह अपनी बिटिया की बुर चोदेगी। मैं अगले हफ्ते एक बहुत बड़ी सेक्स पार्टी करने वाली हूँ। जिसमे हर तरह लण्ड होंगे और हर तरह की चूत ? हर एक को हर एक लण्ड से चुदवाने का मौका मिलेगा। तेरी माँ का भोसड़ा मैं भी चोदूँगी। और तुम भी शमीमा की माँ भोसड़ा चोदना।
दोस्तों, सेक्स की कोई सीमा नहीं है। जितना करो उतना और करने का मन करता है।
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