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इस लंड को चूसने के 5000 रूपए लुंगी - Ye lund sabse jyada khatarnaak hota hai
इस लंड को चूसने के 5000 रूपए लुंगी - Ye lund sabse jyada khatarnaak hota hai.
दोस्तों, मैं २८ साल की एक मद मस्त शादी शुदा महिला हूँ। मेरा नाम माधुरी है। मैं खूबसूरत हूँ, हॉट हूँ और सेक्सी हूँ। मेरा चेहरा गोल है, आँखे कजरारी और बड़ी बड़ी हैं, बड़े बड़े बूब्स हैं मेरे, कमर पतली और जांघें मोटी मोटी हैं. चूतड़ उभरे हुए हैं, रंग गोरा है और कद ५' ५" है। मेरी काली काली घनी झाँटें हैं और अपनी चूत के बारे में क्या कहूं, जब आप देखेगें तब जान ही जायेगें। मैं जितनी खूबसूरत हूँ उतनी ही हरामजादी भी हूँ, थोड़ा बदचलन हूँ, बेशरम और खुली हुई औरत हूँ। मुझे हंसी मजाक, गंदे चुटकुले, गन्दी गन्दी बातें, गन्दी सेक्स की कहानियां और ब्लू फ़िल्में अच्छी लगतीं हैं। मैं प्यार से गालियां देना भी खूब पसंद करती हूँ और दूसरों की गालियां एन्जॉय भी करती हूँ। स्वाभाव से शोख़ और चंचल हूँ। हां एक बात है की मैं लण्ड की बहुत शौक़ीन हूँ। लण्ड ही मेरी जान है। बिना लण्ड के मैं कुछ भी नहीं और बिना लण्ड के मैं रह भी नहीं सकती। कहतें है की जो लड़की जितनी खूबसूरत होती है वो उतनी ही लण्ड की शौकीन होती है। यह बात मेरे ऊपर बिलकुल सही साबित होती है। मुझे दुनिया की धन दौलत कुछ नहीं चाहिए। मुझे हर रोज़ चाहिए सिर्फ दो वख्त की रोटी और कम से कम दो लण्ड ?
मुझे मोटे और बड़े लण्ड से बेहद प्यार है, मोहब्बत है। मुझे जब पता चल जाता है की इसका लण्ड मोटा होगा और लंबा होगा तो फिर मैं उसे हांसिल करके ही दम लेती हूँ। मेरी यह आदत १८ साल की उम्र से लगी हुई है। शादी के पहले मैं कई लण्ड पकड़ चुकी थी। लण्ड पकड़ कर चाटती थी, चूसती थी, मुठ्ठ मार कर लण्ड पीती थी। चुदवाती भी थी लेकिन बहुत कम क्योंकी चुदवाने के लिए उपयुक्त जगह नहीं मिलती थी। एक बार मेरी दोस्ती एक मुस्लिम लड़की सना से हो गयी। वह भी मेरी तरह खूबसूरत और लण्ड की दीवानी थी। उसके साथ मैंने कई लण्ड पकड़े, कई लण्ड चूसे और कई लण्ड मुंह में लिया। यहाँ तक की मौका पाकर चुदवाया भी। मुझे मुस्लिम लण्ड लेने का मौक़ा उसी ने दिया। मैंने उसके भाई जान से चुदवाया, उसके मामू जान का लौड़ा पकड़ा, उसके खालू का लण्डअपनी चूत में पेला और उसकी सहेली के मियां का लौड़ा भी खूब चूसा और उससे हम दोनों ने मिलकर चुदवाया। वह भोसड़ी की लड़कों को बुरखा पहना कर अपने घर बुला लेती थी और फिर घर में ही लण्ड की पकड़ा पकड़ी और चोदा चोदी होती थी। ये सब मैंने अपनी शादी के पहले कर चुकी थी।
मेरी शादी मिस्टर मुकुल से हो गयी , मुकुल एक हट्टा कट्टा तगड़ा तन्दुरुस्त आदमी है। कद ५' १०" है और उसकी चौड़ी छाती वह भी घने घने बालों वाली बड़ी सेक्सी लगती है। मैं अक्सर उस पर अपनी उंगलियां फिराया करती हूँ। वह भी मेरे नंगे बदन पर उंगलियां फिराना बहुत एन्जॉय करता है। उसके लण्ड का साइज ८" x ५" है। लण्ड का तोप अंडा कार है और लण्ड ऊपर से नीचे तक बराबर है। खड़ा होने पर ८० डिग्री का कोण बन लेता है। पेलहड़ एवरेज साइज के हैं। लण्ड चोदने में बड़ा मस्त है , पीने में बड़ा स्वादिस्ट है और देखने में बड़ा खूबसूरत है। ऐसा सेक्सी लौड़ा बहुत कम लोगों का होता है। मैं ५ साल तक इसके लण्ड का मज़ा लूटती रही हूँ। एक दिन मुझे एक पुराणी दोस्त गयी मिसेज रागिनी दीक्षित। वह मुझे अपने घर ले गयी और फिर बड़ी देर तक बातें होतीं रहीं।
होते करते बात 'लण्ड' पर आ गयी। वह अपने पति के लण्ड का बखान करने लगी और मैं अपने पति के लण्ड का बखान। मैंने कहा यार रागिनी मुझे कैसे मालूम होगा की तुम अपने पति के लण्ड का जो बखान कर रही हो वह सही है। वह बोली तुम्हे अगर कोई शक है तो तू पकड़ कर देख ले मेरे पति का लण्ड ? मैंने कहा मैं जरूर देख लूंगी पर तू अपनी बात से मुकुर मत जाना। वादा खिलाफी न करना। मुझे कोई शर्म नहीं है। मैं उसके पेंट के अंदर हाथ डाल कर लण्ड निकाल लूंगी। वह बोली अरी माँ की लौड़ी माधुरी तू बस हां कर दे, लण्ड तो मैं उसका तेरे हाथ में रख दूँगी। मैंने कहा अगर तू लण्ड मेरे हाथ में रख देगी तो मैं पहले उसकी नाप जोख कर लूंगी ? और उसके बाद जो मैं करुँगी वह सब तुम्हे बर्दास्त करना पड़ेगा। वह बोली हां कर लूंगी यार। तू मुझे कमजोर दिल वाली बीवी समझती है क्या ? मैं लण्ड बहुत मजबूत दिल वाली हूँ। तुझे लण्ड का जो करना है वो कर लेना मैं कुछ नहीं कहूँगी पर इतना जानती हूँ की तू मेरे पति का लण्ड काट कर अपने घर तो नहीं ले जाएगी। जो कुछ करेगी तू भोसड़ी वाली यहीं करेगी।
पहले तो मैं समझी की रागिनी मजाक कर रही है पर बाद में मालूम हुआ की वह वाकई सीरियसली कह रही है। तो फिर मेरी भी लण्ड देखने की इच्छा बढ़ गयी। मैंने कहा यार अब तुम मुझे अपने पति का लण्ड पकड़ा ही दो। वह मुझे अंदर अपने बेड रूम में ले गयी जहाँ उसका पति लेटा हुआ था। मैं उससे मिली तो खुश हो गयी क्योंकि वह नंगे बदन ही लेटा था। मैं उसे जानती थी। उससे कई बार मिल भी चुकी थी। पर हां उसे न कभी नंगे बदन देखा और न कभी पूरा नंगा देखा। आज रागिनी ने मेरी इच्छा बढ़ा दी की मैं उसे पूरा नंगा देखूं, उसका लण्ड पकड़ कर देखूं और जो चाहूँ करूँ ? इतने में उसका पति रजत बाथ रूम चला गया। रागिनी भी उसके पीछे पीछे गयी। थोड़ी देर में दोनों मेरे पास आ गए। रजत सोफे पर बैठ गया. रागिनी ने मुझे आँख मारी और मेरी साड़ी का पल्लू गिरा दिया। मेरे ब्लाउज़ से मेरी बड़ी बड़ी चूंचियां झाँकने लगीं। रागिनी ने ब्लाउज़ की दो बटन खोल कर कहा पहले ज़रा अपना जलवा दिखाओ न माधुरी फिर देखो मेरे पति का लण्ड ? फिर धीरे से उसने मेरा ब्लाउज़ ही खोल डाला।
रजत का हाथ मेरी चूंचियों पर चला गया। उधर रागिनी ने मेरी ब्रा भी खोल दी। अब मेरे बूब्स बिलकुल नंगे हो गए। मैंने पराये मरद के आगे अपनी नंगी चूचियाँ खोल कर बैठ गयी। फिर उसने मेरा हाथ पकड़ कर रजत के लण्ड पर रख दिया और बोली ले अब खोल के देख ले न मेरे पति का लण्ड। मैं भी मस्ती में आ गयी थी। मैंने उसकी नेकर में हाथ घुसेड़ दिया। मेरा हाथ लण्ड से टकरा गया। मुझे महसूस हुआ की लण्ड वाकई मोटा तगड़ा है। मैंने फिर बेशर्मी से नेकर उतर कर फेंक दी। वह मेरे सामने नंगा हो गया और उसका लण्ड मेरे गाल पर लगा। मैं मुस्करा पड़ी और बोली वाओ, तेरे पति का लौड़ा तो वास्तव में बड़ा जबरदस्त है रागिनी ? मैं लण्ड को हिला हिला कर चारों तरफ से देखने लगी। फिर मैंने लण्ड का टोपा जबान निकाल कर चाटा। तो लण्ड और फनफना उठा। मैंने अपनी पर्श से इंची टेप निकाला और लण्ड नापने लगी। लण्ड साला ८" x ५" का निकला। लगभग मेरे पति के लण्ड के बराबर। मैं बहुत खुश हो गयी। मैंने कहा रागिनी तू बड़ी लकी है यार। इतने बड़े लण्ड की मालकिन है तू। वह बोली अभी तो तू लकी है माधुरी क्योंकि इसका लण्ड तेरे हाथ में हैं। तू जो चाहे करे। मैं लण्ड चाटने लगी और साथ में पेलहड़ भी। सुपाड़े के चारों तरफ जबान घुमाने लगी। फिर उसे मुंह में भर कर चूसने लगी। आधे से अधिक लण्ड मुंह में घुसेड़ कर मज़ा लेने लगी। उसे भी मज़ा आने लगा और रागिनी यह सब देख देख कर खुश होने लगी।
मैं अपनी चूचियाँ खोले हुए सोफे पर बैठी थी। रजत मेरे सामने नंगा खड़ा था। उसका लण्ड मेरे मुंह में था और रागिनी मेरे बगल में बैठी थी। रजत बार बार लण्ड मेरे मुंह से अंदर बहार करने लगा। थोड़ी देर में वह मेरा मुंह छूट समझ कर चोदने लगा। उसका हाथ मेरे सर पर था। उसकी स्पीड बढ़ती गयी और मैं भी मस्त होती गयी। फिर बोला माधुरी भाभी अब मैं निकल जाऊंगा। मैंने कहां ऐसे कैसे निकल जाओगे ,. मैं तुम्हे निकलूंगी। मैंने लौड़ा पूरा मुंह से निकाल लिया और मुठ्ठी में पकड़ कर मैं लण्ड का सड़का मारने लगी। पेलहड़ दूसरे हाथ से थाम लिया। सटासट, गचागच मुठ्ठ मारने से लण्ड की चपर चपर पच्च पच्च आवाज़ आने लगी। वह बोला वाओ, भाभी और तेज करो, जल्दी जल्दी करो, हां,,, हो, हो,,, ओ,,,, और तेज तेज मारो सड़का,,,मज़ा आ रहा है,,, हां,, हां,,, और,, और,, भाभी तेरे हाथ में जादू है,,, और ,ओ, हो, हो, आ,,, हां,, हा ओहो,,, लो,, हां मैं खलास हो गया। ऐसा कह कर उसने लण्ड की सारी पिचकारी मेरे मुंह में मार दीं ।
मैं झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी। मैंने कहा रागिनी तेरे पति का लण्ड बड़ा स्वादिस्ट भी है। आज का काम इतना ही था। अब मैं तेरे पति का लण्ड तुझे वापस करती हूँ। दो दिन बाद रागिनी फिर मुझसे मिली। हम दोनों फिर बैठ कर बातें करने लगीं।
वह बोली माधुरी कैसा लगा तुम्हे मेरे पति का लण्ड ?
बड़ा मस्त, मोटा तगड़ा और बहुत सेक्सी लगा मुझे तेरे पति का लण्ड ? मेरी तो चूत ससुरी चुदासी थी।
तो फिर चुदवाया क्यों नहीं तूने ? मैंने तो लण्ड साफ़ साफ़ कहा था जो मन हो वो कर मेरे पति के लण्ड के साथ। तब फिर क्यों नहीं पेल लिया लण्ड अपनी चूत में तूने ?
यार मैंने सोंच लिया है की मैं उस दिन तेरे पति का लण्ड अपनी चूत में पेलूंगी जिस दिन तू मेरे पति का लण्ड अपनी चूत में पलेगी।
वाओ, तो यह बात है ? अब मैं लण्ड समझी ? तो बता कब तू अपने पति का लण्ड मेरी चूत में पेलेगी ?
जब तू अपने पति का लण्ड मेरी चूत मे पेलेगी।
तो फिर एक दिन तय कर ले न ? मेरा पति तो तैयार है तेरी बुर में लण्ड पेलने को ? अब तू अपने पति से पुंछ ले क्या वह मेरी बुर में अपना लण्ड पेलेगा ?
अरे वह भोसड़ी का वही करेगा जो मैं कहूँगी ?
तो फिर मेरा भी पति माँ का लौड़ा वही करेगा जो मैं कहूँगी।
आखिर में यह तय हुआ की मैं अपने घर में एक डिनर पार्टी रखूंगी और फिर उसके बाद होगी चोदा चोदी। रागिनी ने पूंछा अच्छा यह बताओ माधुरी तेरे पति को चूत की झाँटें अच्छी लगती हैं या फिर मैं साफ करके आऊं ? मैंने कहा वह छोटी छोटी झाँटें पसंद करता है लेकिन चूत की ऊपर की सतह पर चूत पर नहीं। और हां सुनो उसे चूत चाटने का भी शौक है। वह बोली अरे वाह चूत चाटने का शौक तो मेरे पति को भी हैं। फिर मैं मुस्कराती हूँ चली आई।
दूसरे दिन मैंने अपने घर में एक पार्टी रख ली। शाम को रागिनी अपने पति रजत के साथ आ गयी। मैं रजत का लण्ड पकड़ चुकी थी पर रागिनी ने मेरे पति के लण्ड का दर्शन भी नहीं किया था। वह बड़ी उतावली हो रही थी लण्ड देखने के लिए। मैंने उसे अपने पति के लण्ड का साइज भी नहीं बताया। इतने में मैंने ड्रिंक्स चालू कर दी। हम चारों लोग शराब पीने में मस्त होने लगे। शराब मैं भी पीती हूँ और रागिनी भी। आजकल की लड़कियों में और नयी नयी बीवियों में यह सब कॉमन हो गया है। हां लोग लड़कियों को शराब पीते हुए देखते हैं तो खूब मज़ा लेते हैं। तजत मुझे देख कर मज़ा लेने लगा और मुकुल रागिनी को शराब पीते हुए देख कर। बात चीत शुरू हुई। रागिनी बोली यार मैं बिंदास बीवी हूँ और अपनी ज़िंदगी जीती हूँ मैं लण्ड किसी की परवाह नहीं करती। उसके मुंह से लण्ड सुनकर मेरा पति दंग रह गया। मैे कहा अरे रागिनी को मस्ती में लण्ड कहने की आदत है। वह हर बात में लण्ड कह देती है। मेरे मुंह से लण्ड सुनकर रजत और भी मस्ती में आ गया।
तब तक दूसरा पैग बन गया।
नशा चढ़ने लगा और मज़ा आने लगा . मैंने अपनी मैक्सी का फीता ढीला किया तो मेरी चूचियाँ दिखने लगीं। उधर रागिनी ने भी अपनी चूचियों का नज़ारा मेरे पति को दिखाना शुरू किया। दो मर्द पैंट पहने हुए थे। इतने में रजत ने मेरी चूचियों पर हाथ रख दिया। तब फिर मेरे पति मुकुल ने भी रागिनी की चूचियाँ पकड़ लीं। वह तो चूचियाँ चूमने लगा और निपल्स चूसने लगा। इधर रजत भी मेरी चूचियाँ पीने में जुट गया। तब हम दोनों ने अपनी अपनी चूचियाँ खोल कर नंगी कर दीं। रागिनी की साड़ी और ब्लाउज़ उतर चुका था। मेरी भी मैक्सी खुल चुकी थी। मैं तो चूत खोल कर नंगी भी हो गयी थी। उधर मेरे पति ने रागिनी का पेटीकोट खोल डाला। वह मेरी तरह नंगी हो गयी। वह बोली हाय माधुरी मुझे तो पराये मर्दों के आगे लण्ड नंगी होने में खूब मज़ा आता है। मैं तो मस्त एन्जॉय करती हूँ यार ?
मैंने कहा वाओ, तो क्या तू पराये मर्दों से चुदवाती है ? वह बोली हां मैं लण्ड चुदवाती हूँ, यार । मेरे पति के दो दोस्त मुझे चोदते हैं और मेरा पति उन दोनों की बीवियां चोदता है। तेरा पति आज मेरा तीसरा मर्द है जिससे मैं चुदवाने जा रही हूँ। मैंने कहा यार तू तो बहन चोद बड़ी चालू है। तेरा पति तो मेरा पहला पराया मरद है जिससे मैं चुदवाने जा रही हूँ। तब तक रागिनी ने मेरे पति की पैंट खोल डाली। उसकी कमीज उतारी और बनियाइन भी। उसका नंगा कसरती बदन देख कर मस्त हो गयी। छाती के बालों पर उंगलियां फिराने लगी। उसकी चड्ढी के ऊपर से उसका लण्ड सहलाने लगी। फिर उससे रहा न गया। उसने चड्ढी बड़ी बेशर्मी ने उतार दी तो लौड़ा फनफनाकर बाहर आ गया। उसका टन टनाता हुआ लण्ड देख कर रागिनी की ख़ुशी का ठिकाना न था। उसने लण्ड हिलाना शुरू किया। उसकी कई बार चुम्मी ली। उसे पुचकारा और उससे प्यार करने लगी। तब तक मैं भी रजत का लौड़ा खोल चुकी थी। मैं उसका लण्ड चाटते हुए रागिनी को देखने लगी की वह किस तरह मेरे पति के लण्ड के साथ खेल रही है। अब तक हम चारों नंगे हो चुके थे। मुझे अपने पति का लण्ड किसी और की बीवी के हाथ में देख कर मज़ा आ रहा था और उसे मुझे देख कर मज़ा आ रहा था की मैं किस तरह पराये मरद के लण्ड के साथ मज़ा कर रही हूँ। इस तरह मैं रागिनी के पति रजत का लण्ड चूसने लगी और रागिनी मेरे पति मुकुल का लण्ड।
तब तक हम दोनों की चूत भठ्ठी की तरह जलने लगी थी। मेरे पति ने रागिनी की चूत पर लण्ड रखा और एक धक्का मार कर चोदने लगा। मैं अपने पति को आज पहली बार किसी और की बीवी चोदते हुए देख रही थी। तब तक रजत ने भी लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया। मैं भी पहली बार अपने पति के आगे किसी और के पति से चुदवा रही थी। मस्ती हम दोनों में छाई हुई थी। हमें नहीं मालूम था की बीवियों की अदला बदली में इतना मज़ा आता है। एक दूसरे के पति से चुदवाने में इतना मज़ा आता है ?
कहते हैं की हर औरत के अंदर एक रंडी छिपी होती है। मेरा रंडीपन बाहर आ गया था। मुझे पराये मरद का लण्ड अपने मरद के लण्ड से ज्यादा अच्छा लग रहा था।
रागिनी को तो पराये मरद के लण्ड चस्का पहले ही लग चुका था। आज मुझे भी लग गया। अब तो मैं कोशिश करुँगी की अधिक सेअधिक पराये मर्दों से चुदवाऊँ ?
रागिनी ने कहा :- माधुरी तेरा हसबैंड तो बहुत बढ़िया चोदता है यार ? और इसका लौड़ा भी बड़ा सॉलिड है।
मैंने कहा :- हां बात तो सही है रागिनी मगर देखो न तेरा हसबैंड भी कितनी अच्छी तरह चोद रहा है मेरी बुर। मैं तो बहुत एन्जॉय कर रही हूँ।
मैं बोली हाय दईया पूरा लौड़ा पेल के चोदो रजत बाबू। क्या मस्त लौड़ा है तेरा। हाय रे मज़ा आ रहा है। मेरी चूत फाड़ दो। इसके चीथड़े उड़ा दो। तब तक रागिनी बोली हाय मेरे राजा मुकुल बाबू तेरा लौड़ा बड़ा मस्त है पूरा घुसेड़ कर देखो कितनी मस्ती से चोद रहा है मेरी बुर। वाओ, खूब चोदो, मैं तेरी ही बीवी हूँ मुकुल बाबू मुझे कस कस के चोदो। आ,, हो हाय रे, हे, ओ, हो मेरी चूत के छक्के छुड़ा दो। मेरी चूत बुर चोदी बड़ी चुदक्कड़ हो गयी है। हाय रे मुझे पीछे से चोदो । मुझे कुतिया बना के चोदो। मेरी चूत तेरा लण्ड भून डालेगी ससुरी मुकुल बाबू। इस तरह हम दोनों की चुदाई धकापेल चल रही थी। तभी रजत बोल भाभी अब मैं खलास हो जाऊंगा। बस मैं फिर उसका सड़का मारने लगी और रागिनी भी मेरे पति के लण्ड का सड़का मारने लगी। दोनों लण्ड साले झड़ने लगे और हम दोनों झड़ते हुए लण्ड पीने लगीं।
एक दिन मैं अकेली बैठी हुई थी। बोर हो रही थी तो बियर पीने लगी। गर्मी के दिन थे। मैंने एक मैक्सी पहन रखी थी और अंदर से बिलकुल नंगी थी। इतने में किसी ने डोर बेल बजा दी। मैंने दरवाजा खोला तो मुंह से निकला अरे तू कामिनी बहन चोद कितने दिनों के बाद तुझे मेरी याद आई। आ अंदर आ जा। मैंने उसे अंदर ए /सी कमरे में बैठाया। उसे भी राहत मिली। फिर मैंने उसे एक गिलास ठंडा पानी दिया और फिर व्हिस्की बना कर ले आई। मैं जानती थी की वह दारू पीने की बड़ी शौक़ीन है।
मैंने कहा यार तू तो बड़ी खूबसूरत हो गयी है माँ की लौड़ी । तेरी चूचियाँ तो बहुत बड़ी हो गयी हैं। तेरी गांड भी मस्त हो गयी है।
वह बोली मस्त तो तेरी भी गांड हो गयी है, बहन चोद माधुरी ? तेरी भी चूचियाँ बड़ी हो गईं हैं।
सच बता आजकल क्या पीती है तू जो इतनी खूबसूरत हो गयी है।
लण्ड पीती हूँ मैं आजकल लण्ड । जब से शादी हुई है तबसे ज्यादा पीने लगी हूँ लण्ड।
दारू भी तो पीती है तू मादर चोद कामिनी।
दारू से ज्यादा लण्ड पीती हूँ यार ? एक नहीं कई लण्ड पीती हूँ।
इतने लण्ड लाती कहाँ से है तू ?
लण्ड की फसल कभी कम नहीं होती भोसड़ी की माधुरी समझी। बस थोड़ा ढूँढ़ने की जरुरत है।
लण्ड सिर्फ पीती है तू की कुछ और भी करती है।
अरे यार मेरी चूत भी लण्ड पीती है।
क्या मतलब ?
मतलब यह की मैं लण्ड चूत में पेल कर चुदवाती हूँ।
तो यहाँ क्या करेगी तू।
तेरे पति का लण्ड चोदूँगी लण्ड।
हाय दईया तुझे कैसे मालूम की मैं अपने पति का लण्ड तुमसे चुदवा लूंगी।
अच्छा रागिनी से चुदवा लेती है तू अपने पति का लण्ड और मुझसे चुदवाने में तेरी गांड फट रही है।
तू अगर मेरे पति का लण्ड चोदेगी तो मैं भी तेरे पति का लण्ड चोदूँगी।
तो चोद न मेरे पति का लण्ड। मैंने कब मना किया है ?
कामिनी ने कहा अब मैं जाती हूँ कल शाम को आऊंगी तेरे पति का लण्ड चोदने। हां उससे कहना की वह अपनी झाँटें वगैरह बना कर रखे क्योंकि मैं लौड़ा और पेलहड़ दोनों मस्ती से चाटती हूँ। मैं मन में सोंचने लगी कामिनी तो लगता है की बहुत दिनों से पराये मर्दों से चुदवा रही है। कॉलेज के दिनों में भी वह भोसड़ी वाली बड़ा मज़ा करती थी और लड़कों के लण्ड फटाफट पकड़ लेती थी। अब तो शादी के बाद वह और चालू हो गयी होगी ? खैर मैं अपने काम में लग गयी और दूसरे दिन का इंतज़ार करने लगी। इसी बेच मैंने सारी बात बता दी। वह भी तैयार हो गया।
दूसरे दिन शाम को कामिनी अपने पति कमल के साथ आ गयी। कामिनी मुझसे ज्यादा सुन्दर थी इसलिए मेरा पति उसे देख कर गद गद हो गया। उसकी चूचियाँ तो वाकई बड़ी भी थी और सेक्सी भी। हम चारों लोग एक दूसरे से मिले और फिर बैठ कर बातें शुरू हो गयी। इतने में मैंने ड्रिंक्स का सेट लगा दिया। मुझे मालूम हुआ की कामिनी आजकल कुछ ज्यादा ही शराब पीने लगी है। थोड़ा नशा चढ़ा तो वह बोली जानती हो माधुरी मैं शादी के बाद हनीमून मनाने बैंकाक गयी थी। पहले दो दिन तो मैंने अपने हसबैंड से चुदवाया और फिर बाकि दिनो मैं अपने हसबैंड के सामने पराये मर्दों से चुदवाती रही और मेरा हसबैंड मेरे सामने परायी बीवियां चोदता रहा। मैंने कहा वाओ, तो तू अपनी सुहागरात से ही पतियों की अदला बदली करके चुदवा रही हो ? वह बोली हां यार बिलकुल। इसमें हर्ज़ ही क्या है ? मैं भी खुश और मेरा हसबैंड भी खुश ? यार जवानी में ये सब चलता है, अब जवानी में लण्ड का मज़ा नहीं लूंगी तो कब ,,,,, ?
ऐसा कह कर उसने अपना हाथ मेरे पति के लण्ड पर दे मारा। लण्ड ऊपर से ही दबाकर कहा आज तेरे पति के लण्ड की बारी है माधुरी। आज मैं तेरे सामने तेरे पति का लण्ड चोदूँगी। उसकी सेक्सी बातें सुनकर मेरे पति का लण्ड भनभना उठा। तब मैंने भी उसके पति के लण्ड पर हाथ मारा और कहा मैं भी तेरे पति का लण्ड चोदूँगी,माँ की लौड़ी कामिनी ? इसी बात पर सब लोग खिलखिलाकर हंसने लगे। तब तक तीसरा पैग आ चुका था। कामिनी उसे उठा कर एक ही बार में पी गयी। फिर वह उठी और एक एक करके अपने कपड़े खोलने लगी। उसकी जब चूचियाँ खुली तो मेरा पति उन्हें आँखे फाड़ फाड़ कर देखने लगा। इतनी बड़ी और मस्त गदराई हुई चूंचियां वह पहली बार देख रहा था। उसके बाद जब उसकी चिकनी और बिना झांट वाली चूत सबके सामने प्रकट हुई तो कमरे में मस्ती का आलम बन गया। मेरा पति उसके नंगे बदन पर टूट पड़ा। तब तक मैं भी नंगी हो चुकी थी। उसका पति कमल उठाऔर मुझे अपनी गोद में बैठा लिया। वह मेरी चूचियाँ सहलाने लगा उसका लण्ड।
मुझे उसका लण्ड देखने की बड़ी जल्दी थी। मैं फटाफट उसके कपड़े खोलने लगी और जब उसका नंगा लण्ड मेरे सामने आया तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा। मैंने पहले तो लण्ड की कई बार चुम्मी ली। फिर उसे प्यार किया और प्यार से पुचकारा। उसे मुठ्ठी में लेकर ऊपर नीचे करने लगी। मुझे लगा की लण्ड ८१/२" से कम नहीं है। मोटा भी गज़ब का था। मैंने मन में कहा आज मेरी चूत को अच्छी ख़ुराक मिलेगी। उधर कामिनी मेरे पति का लण्ड चूसने लगी और मैं उसके पति का लण्ड ? हम चारों लोग बेड पर ही थे। मुकुल नंगा लेट गया उसके बगल में उल्टी तरफ मुंह करके कमल नंगा लेट गया । कामिनी मुकुल के लण्ड पर बैठ गयी और मैं कमल के लण्ड पर बैठ गयी। हम दोनों के मुंह आमने सामने हो गए। कामिनी मेरे पति के लण्ड पर कूदने लगी और मैं उसके पति के लण्ड पर।
कामिनी थोड़ा झुक कर अपने चूतड़ उठा उठा पर बार बार मेरे पति के लण्ड पर पटकने लगी।
फिर वह बोली :- देख माधुरी, मैं तेरे पति का लण्ड चोद रही हूँ लण्ड ?
मैंने भी मस्ती से जबाब दिया :- देख कामिनी, मैं भी तेरे पति का लण्ड चोद रही हूँ लण्ड...
दोस्तों, मैं २८ साल की एक मद मस्त शादी शुदा महिला हूँ। मेरा नाम माधुरी है। मैं खूबसूरत हूँ, हॉट हूँ और सेक्सी हूँ। मेरा चेहरा गोल है, आँखे कजरारी और बड़ी बड़ी हैं, बड़े बड़े बूब्स हैं मेरे, कमर पतली और जांघें मोटी मोटी हैं. चूतड़ उभरे हुए हैं, रंग गोरा है और कद ५' ५" है। मेरी काली काली घनी झाँटें हैं और अपनी चूत के बारे में क्या कहूं, जब आप देखेगें तब जान ही जायेगें। मैं जितनी खूबसूरत हूँ उतनी ही हरामजादी भी हूँ, थोड़ा बदचलन हूँ, बेशरम और खुली हुई औरत हूँ। मुझे हंसी मजाक, गंदे चुटकुले, गन्दी गन्दी बातें, गन्दी सेक्स की कहानियां और ब्लू फ़िल्में अच्छी लगतीं हैं। मैं प्यार से गालियां देना भी खूब पसंद करती हूँ और दूसरों की गालियां एन्जॉय भी करती हूँ। स्वाभाव से शोख़ और चंचल हूँ। हां एक बात है की मैं लण्ड की बहुत शौक़ीन हूँ। लण्ड ही मेरी जान है। बिना लण्ड के मैं कुछ भी नहीं और बिना लण्ड के मैं रह भी नहीं सकती। कहतें है की जो लड़की जितनी खूबसूरत होती है वो उतनी ही लण्ड की शौकीन होती है। यह बात मेरे ऊपर बिलकुल सही साबित होती है। मुझे दुनिया की धन दौलत कुछ नहीं चाहिए। मुझे हर रोज़ चाहिए सिर्फ दो वख्त की रोटी और कम से कम दो लण्ड ?
मुझे मोटे और बड़े लण्ड से बेहद प्यार है, मोहब्बत है। मुझे जब पता चल जाता है की इसका लण्ड मोटा होगा और लंबा होगा तो फिर मैं उसे हांसिल करके ही दम लेती हूँ। मेरी यह आदत १८ साल की उम्र से लगी हुई है। शादी के पहले मैं कई लण्ड पकड़ चुकी थी। लण्ड पकड़ कर चाटती थी, चूसती थी, मुठ्ठ मार कर लण्ड पीती थी। चुदवाती भी थी लेकिन बहुत कम क्योंकी चुदवाने के लिए उपयुक्त जगह नहीं मिलती थी। एक बार मेरी दोस्ती एक मुस्लिम लड़की सना से हो गयी। वह भी मेरी तरह खूबसूरत और लण्ड की दीवानी थी। उसके साथ मैंने कई लण्ड पकड़े, कई लण्ड चूसे और कई लण्ड मुंह में लिया। यहाँ तक की मौका पाकर चुदवाया भी। मुझे मुस्लिम लण्ड लेने का मौक़ा उसी ने दिया। मैंने उसके भाई जान से चुदवाया, उसके मामू जान का लौड़ा पकड़ा, उसके खालू का लण्डअपनी चूत में पेला और उसकी सहेली के मियां का लौड़ा भी खूब चूसा और उससे हम दोनों ने मिलकर चुदवाया। वह भोसड़ी की लड़कों को बुरखा पहना कर अपने घर बुला लेती थी और फिर घर में ही लण्ड की पकड़ा पकड़ी और चोदा चोदी होती थी। ये सब मैंने अपनी शादी के पहले कर चुकी थी।
मेरी शादी मिस्टर मुकुल से हो गयी , मुकुल एक हट्टा कट्टा तगड़ा तन्दुरुस्त आदमी है। कद ५' १०" है और उसकी चौड़ी छाती वह भी घने घने बालों वाली बड़ी सेक्सी लगती है। मैं अक्सर उस पर अपनी उंगलियां फिराया करती हूँ। वह भी मेरे नंगे बदन पर उंगलियां फिराना बहुत एन्जॉय करता है। उसके लण्ड का साइज ८" x ५" है। लण्ड का तोप अंडा कार है और लण्ड ऊपर से नीचे तक बराबर है। खड़ा होने पर ८० डिग्री का कोण बन लेता है। पेलहड़ एवरेज साइज के हैं। लण्ड चोदने में बड़ा मस्त है , पीने में बड़ा स्वादिस्ट है और देखने में बड़ा खूबसूरत है। ऐसा सेक्सी लौड़ा बहुत कम लोगों का होता है। मैं ५ साल तक इसके लण्ड का मज़ा लूटती रही हूँ। एक दिन मुझे एक पुराणी दोस्त गयी मिसेज रागिनी दीक्षित। वह मुझे अपने घर ले गयी और फिर बड़ी देर तक बातें होतीं रहीं।
होते करते बात 'लण्ड' पर आ गयी। वह अपने पति के लण्ड का बखान करने लगी और मैं अपने पति के लण्ड का बखान। मैंने कहा यार रागिनी मुझे कैसे मालूम होगा की तुम अपने पति के लण्ड का जो बखान कर रही हो वह सही है। वह बोली तुम्हे अगर कोई शक है तो तू पकड़ कर देख ले मेरे पति का लण्ड ? मैंने कहा मैं जरूर देख लूंगी पर तू अपनी बात से मुकुर मत जाना। वादा खिलाफी न करना। मुझे कोई शर्म नहीं है। मैं उसके पेंट के अंदर हाथ डाल कर लण्ड निकाल लूंगी। वह बोली अरी माँ की लौड़ी माधुरी तू बस हां कर दे, लण्ड तो मैं उसका तेरे हाथ में रख दूँगी। मैंने कहा अगर तू लण्ड मेरे हाथ में रख देगी तो मैं पहले उसकी नाप जोख कर लूंगी ? और उसके बाद जो मैं करुँगी वह सब तुम्हे बर्दास्त करना पड़ेगा। वह बोली हां कर लूंगी यार। तू मुझे कमजोर दिल वाली बीवी समझती है क्या ? मैं लण्ड बहुत मजबूत दिल वाली हूँ। तुझे लण्ड का जो करना है वो कर लेना मैं कुछ नहीं कहूँगी पर इतना जानती हूँ की तू मेरे पति का लण्ड काट कर अपने घर तो नहीं ले जाएगी। जो कुछ करेगी तू भोसड़ी वाली यहीं करेगी।
पहले तो मैं समझी की रागिनी मजाक कर रही है पर बाद में मालूम हुआ की वह वाकई सीरियसली कह रही है। तो फिर मेरी भी लण्ड देखने की इच्छा बढ़ गयी। मैंने कहा यार अब तुम मुझे अपने पति का लण्ड पकड़ा ही दो। वह मुझे अंदर अपने बेड रूम में ले गयी जहाँ उसका पति लेटा हुआ था। मैं उससे मिली तो खुश हो गयी क्योंकि वह नंगे बदन ही लेटा था। मैं उसे जानती थी। उससे कई बार मिल भी चुकी थी। पर हां उसे न कभी नंगे बदन देखा और न कभी पूरा नंगा देखा। आज रागिनी ने मेरी इच्छा बढ़ा दी की मैं उसे पूरा नंगा देखूं, उसका लण्ड पकड़ कर देखूं और जो चाहूँ करूँ ? इतने में उसका पति रजत बाथ रूम चला गया। रागिनी भी उसके पीछे पीछे गयी। थोड़ी देर में दोनों मेरे पास आ गए। रजत सोफे पर बैठ गया. रागिनी ने मुझे आँख मारी और मेरी साड़ी का पल्लू गिरा दिया। मेरे ब्लाउज़ से मेरी बड़ी बड़ी चूंचियां झाँकने लगीं। रागिनी ने ब्लाउज़ की दो बटन खोल कर कहा पहले ज़रा अपना जलवा दिखाओ न माधुरी फिर देखो मेरे पति का लण्ड ? फिर धीरे से उसने मेरा ब्लाउज़ ही खोल डाला।
रजत का हाथ मेरी चूंचियों पर चला गया। उधर रागिनी ने मेरी ब्रा भी खोल दी। अब मेरे बूब्स बिलकुल नंगे हो गए। मैंने पराये मरद के आगे अपनी नंगी चूचियाँ खोल कर बैठ गयी। फिर उसने मेरा हाथ पकड़ कर रजत के लण्ड पर रख दिया और बोली ले अब खोल के देख ले न मेरे पति का लण्ड। मैं भी मस्ती में आ गयी थी। मैंने उसकी नेकर में हाथ घुसेड़ दिया। मेरा हाथ लण्ड से टकरा गया। मुझे महसूस हुआ की लण्ड वाकई मोटा तगड़ा है। मैंने फिर बेशर्मी से नेकर उतर कर फेंक दी। वह मेरे सामने नंगा हो गया और उसका लण्ड मेरे गाल पर लगा। मैं मुस्करा पड़ी और बोली वाओ, तेरे पति का लौड़ा तो वास्तव में बड़ा जबरदस्त है रागिनी ? मैं लण्ड को हिला हिला कर चारों तरफ से देखने लगी। फिर मैंने लण्ड का टोपा जबान निकाल कर चाटा। तो लण्ड और फनफना उठा। मैंने अपनी पर्श से इंची टेप निकाला और लण्ड नापने लगी। लण्ड साला ८" x ५" का निकला। लगभग मेरे पति के लण्ड के बराबर। मैं बहुत खुश हो गयी। मैंने कहा रागिनी तू बड़ी लकी है यार। इतने बड़े लण्ड की मालकिन है तू। वह बोली अभी तो तू लकी है माधुरी क्योंकि इसका लण्ड तेरे हाथ में हैं। तू जो चाहे करे। मैं लण्ड चाटने लगी और साथ में पेलहड़ भी। सुपाड़े के चारों तरफ जबान घुमाने लगी। फिर उसे मुंह में भर कर चूसने लगी। आधे से अधिक लण्ड मुंह में घुसेड़ कर मज़ा लेने लगी। उसे भी मज़ा आने लगा और रागिनी यह सब देख देख कर खुश होने लगी।
मैं अपनी चूचियाँ खोले हुए सोफे पर बैठी थी। रजत मेरे सामने नंगा खड़ा था। उसका लण्ड मेरे मुंह में था और रागिनी मेरे बगल में बैठी थी। रजत बार बार लण्ड मेरे मुंह से अंदर बहार करने लगा। थोड़ी देर में वह मेरा मुंह छूट समझ कर चोदने लगा। उसका हाथ मेरे सर पर था। उसकी स्पीड बढ़ती गयी और मैं भी मस्त होती गयी। फिर बोला माधुरी भाभी अब मैं निकल जाऊंगा। मैंने कहां ऐसे कैसे निकल जाओगे ,. मैं तुम्हे निकलूंगी। मैंने लौड़ा पूरा मुंह से निकाल लिया और मुठ्ठी में पकड़ कर मैं लण्ड का सड़का मारने लगी। पेलहड़ दूसरे हाथ से थाम लिया। सटासट, गचागच मुठ्ठ मारने से लण्ड की चपर चपर पच्च पच्च आवाज़ आने लगी। वह बोला वाओ, भाभी और तेज करो, जल्दी जल्दी करो, हां,,, हो, हो,,, ओ,,,, और तेज तेज मारो सड़का,,,मज़ा आ रहा है,,, हां,, हां,,, और,, और,, भाभी तेरे हाथ में जादू है,,, और ,ओ, हो, हो, आ,,, हां,, हा ओहो,,, लो,, हां मैं खलास हो गया। ऐसा कह कर उसने लण्ड की सारी पिचकारी मेरे मुंह में मार दीं ।
मैं झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी। मैंने कहा रागिनी तेरे पति का लण्ड बड़ा स्वादिस्ट भी है। आज का काम इतना ही था। अब मैं तेरे पति का लण्ड तुझे वापस करती हूँ। दो दिन बाद रागिनी फिर मुझसे मिली। हम दोनों फिर बैठ कर बातें करने लगीं।
वह बोली माधुरी कैसा लगा तुम्हे मेरे पति का लण्ड ?
बड़ा मस्त, मोटा तगड़ा और बहुत सेक्सी लगा मुझे तेरे पति का लण्ड ? मेरी तो चूत ससुरी चुदासी थी।
तो फिर चुदवाया क्यों नहीं तूने ? मैंने तो लण्ड साफ़ साफ़ कहा था जो मन हो वो कर मेरे पति के लण्ड के साथ। तब फिर क्यों नहीं पेल लिया लण्ड अपनी चूत में तूने ?
यार मैंने सोंच लिया है की मैं उस दिन तेरे पति का लण्ड अपनी चूत में पेलूंगी जिस दिन तू मेरे पति का लण्ड अपनी चूत में पलेगी।
वाओ, तो यह बात है ? अब मैं लण्ड समझी ? तो बता कब तू अपने पति का लण्ड मेरी चूत में पेलेगी ?
जब तू अपने पति का लण्ड मेरी चूत मे पेलेगी।
तो फिर एक दिन तय कर ले न ? मेरा पति तो तैयार है तेरी बुर में लण्ड पेलने को ? अब तू अपने पति से पुंछ ले क्या वह मेरी बुर में अपना लण्ड पेलेगा ?
अरे वह भोसड़ी का वही करेगा जो मैं कहूँगी ?
तो फिर मेरा भी पति माँ का लौड़ा वही करेगा जो मैं कहूँगी।
आखिर में यह तय हुआ की मैं अपने घर में एक डिनर पार्टी रखूंगी और फिर उसके बाद होगी चोदा चोदी। रागिनी ने पूंछा अच्छा यह बताओ माधुरी तेरे पति को चूत की झाँटें अच्छी लगती हैं या फिर मैं साफ करके आऊं ? मैंने कहा वह छोटी छोटी झाँटें पसंद करता है लेकिन चूत की ऊपर की सतह पर चूत पर नहीं। और हां सुनो उसे चूत चाटने का भी शौक है। वह बोली अरे वाह चूत चाटने का शौक तो मेरे पति को भी हैं। फिर मैं मुस्कराती हूँ चली आई।
दूसरे दिन मैंने अपने घर में एक पार्टी रख ली। शाम को रागिनी अपने पति रजत के साथ आ गयी। मैं रजत का लण्ड पकड़ चुकी थी पर रागिनी ने मेरे पति के लण्ड का दर्शन भी नहीं किया था। वह बड़ी उतावली हो रही थी लण्ड देखने के लिए। मैंने उसे अपने पति के लण्ड का साइज भी नहीं बताया। इतने में मैंने ड्रिंक्स चालू कर दी। हम चारों लोग शराब पीने में मस्त होने लगे। शराब मैं भी पीती हूँ और रागिनी भी। आजकल की लड़कियों में और नयी नयी बीवियों में यह सब कॉमन हो गया है। हां लोग लड़कियों को शराब पीते हुए देखते हैं तो खूब मज़ा लेते हैं। तजत मुझे देख कर मज़ा लेने लगा और मुकुल रागिनी को शराब पीते हुए देख कर। बात चीत शुरू हुई। रागिनी बोली यार मैं बिंदास बीवी हूँ और अपनी ज़िंदगी जीती हूँ मैं लण्ड किसी की परवाह नहीं करती। उसके मुंह से लण्ड सुनकर मेरा पति दंग रह गया। मैे कहा अरे रागिनी को मस्ती में लण्ड कहने की आदत है। वह हर बात में लण्ड कह देती है। मेरे मुंह से लण्ड सुनकर रजत और भी मस्ती में आ गया।
तब तक दूसरा पैग बन गया।
नशा चढ़ने लगा और मज़ा आने लगा . मैंने अपनी मैक्सी का फीता ढीला किया तो मेरी चूचियाँ दिखने लगीं। उधर रागिनी ने भी अपनी चूचियों का नज़ारा मेरे पति को दिखाना शुरू किया। दो मर्द पैंट पहने हुए थे। इतने में रजत ने मेरी चूचियों पर हाथ रख दिया। तब फिर मेरे पति मुकुल ने भी रागिनी की चूचियाँ पकड़ लीं। वह तो चूचियाँ चूमने लगा और निपल्स चूसने लगा। इधर रजत भी मेरी चूचियाँ पीने में जुट गया। तब हम दोनों ने अपनी अपनी चूचियाँ खोल कर नंगी कर दीं। रागिनी की साड़ी और ब्लाउज़ उतर चुका था। मेरी भी मैक्सी खुल चुकी थी। मैं तो चूत खोल कर नंगी भी हो गयी थी। उधर मेरे पति ने रागिनी का पेटीकोट खोल डाला। वह मेरी तरह नंगी हो गयी। वह बोली हाय माधुरी मुझे तो पराये मर्दों के आगे लण्ड नंगी होने में खूब मज़ा आता है। मैं तो मस्त एन्जॉय करती हूँ यार ?
मैंने कहा वाओ, तो क्या तू पराये मर्दों से चुदवाती है ? वह बोली हां मैं लण्ड चुदवाती हूँ, यार । मेरे पति के दो दोस्त मुझे चोदते हैं और मेरा पति उन दोनों की बीवियां चोदता है। तेरा पति आज मेरा तीसरा मर्द है जिससे मैं चुदवाने जा रही हूँ। मैंने कहा यार तू तो बहन चोद बड़ी चालू है। तेरा पति तो मेरा पहला पराया मरद है जिससे मैं चुदवाने जा रही हूँ। तब तक रागिनी ने मेरे पति की पैंट खोल डाली। उसकी कमीज उतारी और बनियाइन भी। उसका नंगा कसरती बदन देख कर मस्त हो गयी। छाती के बालों पर उंगलियां फिराने लगी। उसकी चड्ढी के ऊपर से उसका लण्ड सहलाने लगी। फिर उससे रहा न गया। उसने चड्ढी बड़ी बेशर्मी ने उतार दी तो लौड़ा फनफनाकर बाहर आ गया। उसका टन टनाता हुआ लण्ड देख कर रागिनी की ख़ुशी का ठिकाना न था। उसने लण्ड हिलाना शुरू किया। उसकी कई बार चुम्मी ली। उसे पुचकारा और उससे प्यार करने लगी। तब तक मैं भी रजत का लौड़ा खोल चुकी थी। मैं उसका लण्ड चाटते हुए रागिनी को देखने लगी की वह किस तरह मेरे पति के लण्ड के साथ खेल रही है। अब तक हम चारों नंगे हो चुके थे। मुझे अपने पति का लण्ड किसी और की बीवी के हाथ में देख कर मज़ा आ रहा था और उसे मुझे देख कर मज़ा आ रहा था की मैं किस तरह पराये मरद के लण्ड के साथ मज़ा कर रही हूँ। इस तरह मैं रागिनी के पति रजत का लण्ड चूसने लगी और रागिनी मेरे पति मुकुल का लण्ड।
तब तक हम दोनों की चूत भठ्ठी की तरह जलने लगी थी। मेरे पति ने रागिनी की चूत पर लण्ड रखा और एक धक्का मार कर चोदने लगा। मैं अपने पति को आज पहली बार किसी और की बीवी चोदते हुए देख रही थी। तब तक रजत ने भी लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया। मैं भी पहली बार अपने पति के आगे किसी और के पति से चुदवा रही थी। मस्ती हम दोनों में छाई हुई थी। हमें नहीं मालूम था की बीवियों की अदला बदली में इतना मज़ा आता है। एक दूसरे के पति से चुदवाने में इतना मज़ा आता है ?
कहते हैं की हर औरत के अंदर एक रंडी छिपी होती है। मेरा रंडीपन बाहर आ गया था। मुझे पराये मरद का लण्ड अपने मरद के लण्ड से ज्यादा अच्छा लग रहा था।
रागिनी को तो पराये मरद के लण्ड चस्का पहले ही लग चुका था। आज मुझे भी लग गया। अब तो मैं कोशिश करुँगी की अधिक सेअधिक पराये मर्दों से चुदवाऊँ ?
रागिनी ने कहा :- माधुरी तेरा हसबैंड तो बहुत बढ़िया चोदता है यार ? और इसका लौड़ा भी बड़ा सॉलिड है।
मैंने कहा :- हां बात तो सही है रागिनी मगर देखो न तेरा हसबैंड भी कितनी अच्छी तरह चोद रहा है मेरी बुर। मैं तो बहुत एन्जॉय कर रही हूँ।
मैं बोली हाय दईया पूरा लौड़ा पेल के चोदो रजत बाबू। क्या मस्त लौड़ा है तेरा। हाय रे मज़ा आ रहा है। मेरी चूत फाड़ दो। इसके चीथड़े उड़ा दो। तब तक रागिनी बोली हाय मेरे राजा मुकुल बाबू तेरा लौड़ा बड़ा मस्त है पूरा घुसेड़ कर देखो कितनी मस्ती से चोद रहा है मेरी बुर। वाओ, खूब चोदो, मैं तेरी ही बीवी हूँ मुकुल बाबू मुझे कस कस के चोदो। आ,, हो हाय रे, हे, ओ, हो मेरी चूत के छक्के छुड़ा दो। मेरी चूत बुर चोदी बड़ी चुदक्कड़ हो गयी है। हाय रे मुझे पीछे से चोदो । मुझे कुतिया बना के चोदो। मेरी चूत तेरा लण्ड भून डालेगी ससुरी मुकुल बाबू। इस तरह हम दोनों की चुदाई धकापेल चल रही थी। तभी रजत बोल भाभी अब मैं खलास हो जाऊंगा। बस मैं फिर उसका सड़का मारने लगी और रागिनी भी मेरे पति के लण्ड का सड़का मारने लगी। दोनों लण्ड साले झड़ने लगे और हम दोनों झड़ते हुए लण्ड पीने लगीं।
एक दिन मैं अकेली बैठी हुई थी। बोर हो रही थी तो बियर पीने लगी। गर्मी के दिन थे। मैंने एक मैक्सी पहन रखी थी और अंदर से बिलकुल नंगी थी। इतने में किसी ने डोर बेल बजा दी। मैंने दरवाजा खोला तो मुंह से निकला अरे तू कामिनी बहन चोद कितने दिनों के बाद तुझे मेरी याद आई। आ अंदर आ जा। मैंने उसे अंदर ए /सी कमरे में बैठाया। उसे भी राहत मिली। फिर मैंने उसे एक गिलास ठंडा पानी दिया और फिर व्हिस्की बना कर ले आई। मैं जानती थी की वह दारू पीने की बड़ी शौक़ीन है।
मैंने कहा यार तू तो बड़ी खूबसूरत हो गयी है माँ की लौड़ी । तेरी चूचियाँ तो बहुत बड़ी हो गयी हैं। तेरी गांड भी मस्त हो गयी है।
वह बोली मस्त तो तेरी भी गांड हो गयी है, बहन चोद माधुरी ? तेरी भी चूचियाँ बड़ी हो गईं हैं।
सच बता आजकल क्या पीती है तू जो इतनी खूबसूरत हो गयी है।
लण्ड पीती हूँ मैं आजकल लण्ड । जब से शादी हुई है तबसे ज्यादा पीने लगी हूँ लण्ड।
दारू भी तो पीती है तू मादर चोद कामिनी।
दारू से ज्यादा लण्ड पीती हूँ यार ? एक नहीं कई लण्ड पीती हूँ।
इतने लण्ड लाती कहाँ से है तू ?
लण्ड की फसल कभी कम नहीं होती भोसड़ी की माधुरी समझी। बस थोड़ा ढूँढ़ने की जरुरत है।
लण्ड सिर्फ पीती है तू की कुछ और भी करती है।
अरे यार मेरी चूत भी लण्ड पीती है।
क्या मतलब ?
मतलब यह की मैं लण्ड चूत में पेल कर चुदवाती हूँ।
तो यहाँ क्या करेगी तू।
तेरे पति का लण्ड चोदूँगी लण्ड।
हाय दईया तुझे कैसे मालूम की मैं अपने पति का लण्ड तुमसे चुदवा लूंगी।
अच्छा रागिनी से चुदवा लेती है तू अपने पति का लण्ड और मुझसे चुदवाने में तेरी गांड फट रही है।
तू अगर मेरे पति का लण्ड चोदेगी तो मैं भी तेरे पति का लण्ड चोदूँगी।
तो चोद न मेरे पति का लण्ड। मैंने कब मना किया है ?
कामिनी ने कहा अब मैं जाती हूँ कल शाम को आऊंगी तेरे पति का लण्ड चोदने। हां उससे कहना की वह अपनी झाँटें वगैरह बना कर रखे क्योंकि मैं लौड़ा और पेलहड़ दोनों मस्ती से चाटती हूँ। मैं मन में सोंचने लगी कामिनी तो लगता है की बहुत दिनों से पराये मर्दों से चुदवा रही है। कॉलेज के दिनों में भी वह भोसड़ी वाली बड़ा मज़ा करती थी और लड़कों के लण्ड फटाफट पकड़ लेती थी। अब तो शादी के बाद वह और चालू हो गयी होगी ? खैर मैं अपने काम में लग गयी और दूसरे दिन का इंतज़ार करने लगी। इसी बेच मैंने सारी बात बता दी। वह भी तैयार हो गया।
दूसरे दिन शाम को कामिनी अपने पति कमल के साथ आ गयी। कामिनी मुझसे ज्यादा सुन्दर थी इसलिए मेरा पति उसे देख कर गद गद हो गया। उसकी चूचियाँ तो वाकई बड़ी भी थी और सेक्सी भी। हम चारों लोग एक दूसरे से मिले और फिर बैठ कर बातें शुरू हो गयी। इतने में मैंने ड्रिंक्स का सेट लगा दिया। मुझे मालूम हुआ की कामिनी आजकल कुछ ज्यादा ही शराब पीने लगी है। थोड़ा नशा चढ़ा तो वह बोली जानती हो माधुरी मैं शादी के बाद हनीमून मनाने बैंकाक गयी थी। पहले दो दिन तो मैंने अपने हसबैंड से चुदवाया और फिर बाकि दिनो मैं अपने हसबैंड के सामने पराये मर्दों से चुदवाती रही और मेरा हसबैंड मेरे सामने परायी बीवियां चोदता रहा। मैंने कहा वाओ, तो तू अपनी सुहागरात से ही पतियों की अदला बदली करके चुदवा रही हो ? वह बोली हां यार बिलकुल। इसमें हर्ज़ ही क्या है ? मैं भी खुश और मेरा हसबैंड भी खुश ? यार जवानी में ये सब चलता है, अब जवानी में लण्ड का मज़ा नहीं लूंगी तो कब ,,,,, ?
ऐसा कह कर उसने अपना हाथ मेरे पति के लण्ड पर दे मारा। लण्ड ऊपर से ही दबाकर कहा आज तेरे पति के लण्ड की बारी है माधुरी। आज मैं तेरे सामने तेरे पति का लण्ड चोदूँगी। उसकी सेक्सी बातें सुनकर मेरे पति का लण्ड भनभना उठा। तब मैंने भी उसके पति के लण्ड पर हाथ मारा और कहा मैं भी तेरे पति का लण्ड चोदूँगी,माँ की लौड़ी कामिनी ? इसी बात पर सब लोग खिलखिलाकर हंसने लगे। तब तक तीसरा पैग आ चुका था। कामिनी उसे उठा कर एक ही बार में पी गयी। फिर वह उठी और एक एक करके अपने कपड़े खोलने लगी। उसकी जब चूचियाँ खुली तो मेरा पति उन्हें आँखे फाड़ फाड़ कर देखने लगा। इतनी बड़ी और मस्त गदराई हुई चूंचियां वह पहली बार देख रहा था। उसके बाद जब उसकी चिकनी और बिना झांट वाली चूत सबके सामने प्रकट हुई तो कमरे में मस्ती का आलम बन गया। मेरा पति उसके नंगे बदन पर टूट पड़ा। तब तक मैं भी नंगी हो चुकी थी। उसका पति कमल उठाऔर मुझे अपनी गोद में बैठा लिया। वह मेरी चूचियाँ सहलाने लगा उसका लण्ड।
मुझे उसका लण्ड देखने की बड़ी जल्दी थी। मैं फटाफट उसके कपड़े खोलने लगी और जब उसका नंगा लण्ड मेरे सामने आया तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा। मैंने पहले तो लण्ड की कई बार चुम्मी ली। फिर उसे प्यार किया और प्यार से पुचकारा। उसे मुठ्ठी में लेकर ऊपर नीचे करने लगी। मुझे लगा की लण्ड ८१/२" से कम नहीं है। मोटा भी गज़ब का था। मैंने मन में कहा आज मेरी चूत को अच्छी ख़ुराक मिलेगी। उधर कामिनी मेरे पति का लण्ड चूसने लगी और मैं उसके पति का लण्ड ? हम चारों लोग बेड पर ही थे। मुकुल नंगा लेट गया उसके बगल में उल्टी तरफ मुंह करके कमल नंगा लेट गया । कामिनी मुकुल के लण्ड पर बैठ गयी और मैं कमल के लण्ड पर बैठ गयी। हम दोनों के मुंह आमने सामने हो गए। कामिनी मेरे पति के लण्ड पर कूदने लगी और मैं उसके पति के लण्ड पर।
कामिनी थोड़ा झुक कर अपने चूतड़ उठा उठा पर बार बार मेरे पति के लण्ड पर पटकने लगी।
फिर वह बोली :- देख माधुरी, मैं तेरे पति का लण्ड चोद रही हूँ लण्ड ?
मैंने भी मस्ती से जबाब दिया :- देख कामिनी, मैं भी तेरे पति का लण्ड चोद रही हूँ लण्ड...
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