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लंड चूसने वाली लड़कियां यहाँ मुफ्त मिलती है - Yahan lund chusne ka koi paisa nahi lagta hai
लंड चूसने वाली लड़कियां यहाँ मुफ्त मिलती है - Yahan lund chusne ka koi paisa nahi lagta hai.
उस दिन जब मैं शाम को मिसेज सुनीता के घर पहुंची तो वह मुझे देख कर बहुत खुश हो गयी। उसने मुझे बड़े प्यार से अंदर बैठाया और हाल चाल पूंछे। फिर वह अंदर गयी और एक व्हिस्की की बोतल लेकर आ गयी बोली यार गुंजन आज बहुत दिनों के बाद तुम्हे देखा तो पुरानी यादें ताज़ा हो गयी। बस मेरा मन हुआ की आज मैं तेरे साथ बैठ कर दारू पियूं और खूब ढेर सारी बातें करूँ। मैंने कहा हां यार मेरा भी मन यही कह रहा था की आज हम दोनों बैठ कर मस्ती करें। बस फिर क्या सुनीता ने दो पैग बनाए और हम दोनों चियर्स कह कर पीना शुरू कर दिया व्हिस्की। अपने कॉलेज के दिन किसको याद नहीं रहते और उन्हें याद करके कौन नहीं खुश होता ? कभी कभी अतीत बड़ा अच्छा लगता है और बड़ा शुकून देता है। हम दोनों बस उन्ही दिनों को याद करने लगीं।
मैंने कहा - उस समय चढ़ती जवानी थी, मन में मस्ती थी और शरीर में स्फूर्ति थी। कुछ भी करने का मन करता था।
वह बोली हां यार बड़ा अच्छा लगता था कॉलेज आना और पढ़ाई के साथ साथ मौज मस्ती की बातें करना। हंसी मजाक करना, चुटकुले सुनाना, किसी को चिढ़ाना, किसी की टांग खींचना सब याद आता है यार।
मुझे तो वह भी याद आता है जब हम लोग खुल कर लड़कों को गालियां देती थी। कुछ लड़कों को तो उनके नाम से नहीं बल्कि 'लौड़ा' कह कर बुलाती थी। माँ का लौड़ा, बहन का लौड़ा, कहा करती थी। बहन चोद, मादर चोद, तो बड़ा कॉमन था। म
हां यार और भोसड़ी के, माँ का भोसड़ा, बहन का लण्ड, गांडू और जाने क्या क्या बोला करती थीं हम लोग। अब लगता है की जैसे सब खत्म हो गया।
और हां याद है न तुझे जब मैंने एक बार लड़कों को अपनी झाँटें दिखा दी थीं। म
हां यार वह बहुत बढ़िया माहौल था ? उसके बाद जब हमने सिनेमा हाल में एक लड़के का लण्ड पकड़ा था तो कितना मज़ा आया था। क्या मस्त लौड़ा था भोसड़ी वाले का यार ?
हां हां याद है वह बीच में बैठा था और हम दोनों अगल बगल। लौड़ा तो मोटा और मस्त था ही । बारी बारी से हम दोनों पूरे ३ घंटे तक लण्ड पकड़ती रहीं और हिला हिला कर मज़ा लेती रहीं। म
लण्ड तो मुझे रॉकी का भी पसंद आया था जब हम दोनों ने मिलकर चूसा था। बाद में एक दिन चुदवाया भी था। हां यार चोरी चोरी चुदवाना कितना अच्छा लगता था ?
हां यार गोपी का लण्ड, राहुल का लण्ड, किशन का लण्ड, साहिर का लण्ड सब याद आता है। कितने बढ़िया बढ़िया लण्ड थे यार और हम लोग कितनी मस्ती से उन लौंडों से खेलती थीं । म
अच्छा अब बता गुंजन ? हमारी भले ही शादी हो चुकी हो, पर हमारी मस्ती में, हमारी जवानी में कोई कमी तो नहीं आई न ? मैं तो अब और एन्जॉय करती हूँ, और ज्यादा एन्जॉय करना चाहती हूँ।
यार एन्जॉय तो मैं भी करना चाहती हूँ। मगर अब तो मेरे साथ मेरा हसबैंड है न ? म
हसबैंड है तो और अच्छा है यार ? तुम मेरे हसबैंड का लण्ड पकड़ लो मैं तेरे हसबैंड का लण्ड पकड़ लेती हूँ। तुम मेरे पति से चुदवाओ मैं तेरे पति से चुदवा लेती हूँ।
अरे यार यह सब इतना आसान होता है क्या ? क्या तेरा हसबैंड मुझे चोदने के लिए तैयार हो जायेगा ? म
मेरा हसबैंड तो तुम्हे अभी चोद देगा। हां तुम अपने हसबैंड के बारे में बताओ ? क्या वह मुझे चोदेगा ?
क्यों नहीं चोदेगा ? तुम तो मुझसे ज्यादा खूबसूरत हो, तेरे बूब्स मुझसे ज्यादा बड़े हैं, तू मुझसे ज्यादा अच्छी तरह लण्ड चूस लेती है। वो तो दौड़ कर तुम्हे चोदेगा। म
अब हम दोनों की चूत की आग सुलगने लगी। मेरा मन तो हुआ की मैं इसके पति से अभी यहीं चुदवा लूँ पर बार बार यही सोंचती रही की अगर मेरे पति को मालूम हो गया तो वह क्या सोंचेगा ? क्या यह पति को धोखा देना नहीं होगा ? सुनीता ने शायद मेरे मन की बात सुन ली। वह बोली देख गुंजन तू भोसड़ी की ज्यादा न सोंच ? आज तू मेरे पति से चुदवा ले। जब तेरा पति आएगा तो मैं उससे चुदवा लूंगी हिसाब बराबर हो जायेगा। मैेने कहा लेकिन जब मेरे पति को मालूम होगा तब ? वह बोली तब क्या ? तब तक तो वह मुझे चोदे बैठा होगा ? फिर वह किस मुंह से मना करेगा तुम्हे ? तू सब कुछ मुझ पर छोड़ दे। आज रात को यही रुक जा। तेरा पति वैसे भी यहाँ नहीं है। टूर पर गया है। सवेरे तुमको मेरा पति तेरे घर छोड़ देगा ? अब चलो ये पैग भी बॉटम अप करो ? उसके कहने पर मैंने शराब एक ही सांस में पी डाली। इतने मे उसका पति कुणाल आ गया। वह मुझे देख कर बोला अरे गुंजन भाभी आप ? आप कब आईं ? मैंने कहा मैं अभी कुछ देर पहले ही आई हूँ। सुनीता से बैठी हुई पुरानी यादें ताज़ा कर रही थी। वह बोला अच्छा आप लोग बात कीजिये मैं अभी चेंज करके आता हूँ। मुझे कुणाल आज बहुत स्मार्ट और हॉट लग रहा था।
मेरी चूत की आग और धधकने लगी। तब तक सुनीता आई और बोली देख गुंजन मैंने कुणाल को बता दिया है। वह तैयार हो गया है। अब तू ना नुकुर न कर और मन बना ले। समझ ले की हम लोग अभी कॉलेज में ही हैं। मज़ा आएगा। मैंने कहा हां यार मैंने मन बना लिया है। बस वह मुझे अपने बेड रूम में ले गयी और मैं उसके पति कुणाल के बगल में बैठ गयी। कुणाल बोला भाभी मेरे साथ भी एक एक पैग हो जाए। फिर हम तीनो ने एक एक पैग शराब और पी। नशा भी चढ़ने लगा। पूरे बदन में सुरसुरी होने लगी। अचानक सुनीता ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने पति के लण्ड पर रख दिया और उसका हाथ पकड़ कर मेरी चूचियों पर रख दिया। उसने मेरी चूचियाँ मुस्कराकर दबा दीं तो मैंने भी मुस्कराकर उसका लण्ड दबा दिया। संकेत दोनों तरफ से हो गया। दिल की धड़कने बढ़ने लगीं। मैंने मन में सोंचा की आज बहुत दिनों के बाद किसी पराये पुरुष के लण्ड के दर्शन होने जा रहें हैं। मैं मन ही मन बड़ी खुश हो रही थी। तब तक सुनीता में चुपके से मेरा ब्लाउज़ खोल दिया और हौले से मेरी ब्रा भी। मेरी दोनों चूचियाँ कुणाल के सामने छलक पड़ीं। कुणाल उन्हें देख कर मस्त हो गया। उसने हाथ बढ़ाया और मेरी दोनों चूचियाँ पकड़ कर चूमने लगा।
मेरी साड़ी तो पहले ही उतर चुकी थी। अब मैं केवल पेटीकोट में आ गयी। उधर कुणाल की पैंट खुल गयी थी। उसकी कमीज बनियाइन उतर चुकी थी। उसकी चौड़ी और घने बालों वाली छाती मुझे बड़ी सेक्सी लग रही थी। वह अब कच्छे में आ गया। उसके लण्ड का उभार कच्छे के ऊपर से साफ झलक रहा था। वह लेटा था। मैंने उसकी नेकर के दोनों तरफ उंगली फंसाई और उसने भी अपनी गांड उचकाई तो मैंने कच्छा नीचे खींच दिया। मेरे खींचते ही लण्ड मेरा नाक पर लगा। मैं मुस्कराई और लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। उसका टोपा पूरा बाहर कर लिया और उसकी प्यार से चुम्मी ली। मेरा अंदाज़ा सही निकला। लण्ड लगभग ७" से ८" का होगा। उसकी झांटे छोटी छोटी थी। पेलहड़ बिलकुल चिकने थे। तब तक सुनीता ने मुझे नंगी कर दिया। मेरी छांटें उसकी झाटों के बराबर ही थी। मुझे लण्ड बड़ा हॉट और सेक्सी लगा। मैं लौड़ा चाटने लगी बिलकुल वैसे ही जैसे मैं कॉलेज के दिनों में चाटा करती थी। सुनीता भी मेरा साथ देने लगी।
सुनीता भी बुर चोदी बिलकुल नंगी हो चुकी थी। वह मेरे चूतड़ों पर हाथ फिराने लगी और मेरी चूत सहलाने लगी। कुणाल मेरी चूचियाँ मसलने लगा। मैं तो वासना डूब चुकी थी। मेरी नज़र लण्ड से हट ही नहीं रही थी। मैंने लौड़ा मुंह में लिया और उसे चूसने लगी। मुझे लण्ड चूसने का बड़ा शौक है। सुनीता ने कहा यार गुंजन आज मेरे पति का लण्ड तेरे हाथों के जाकर ज्यादा ही बड़ा और मोटा हो गया है। मैंने हां यार ये तो देखो कैसे दहाड़ रहा है। मैंने प्यार से लौड़ा फ़िर चूमा और उसके पेलहड़ भी। सुनीता ने मेरी चूत में उंगली डाली और बोली हाय दईया भठ्ठी हो गयी है तेरी बुर, गुंजन ? बस उसने अपने पति का लण्ड मुझसे लिया और मेरी चूत पर टिका दिया। कुणाल ने एक जोर का धक्का मारा तो लण्ड गचगचा कर मेरी चूत में पूरा घुस गया। मेरे मुंह से उफ़ निकला और कहा हाय सुनीता तेरे मियां का लण्ड बहन चोद बड़ा बेरहम है। फिर वह मस्ती से चोदने लगा और मैं मस्ती से चुदवाने लगी।
सुनीता की ख़ुशी देखने वाली थी। सुनीता दिल खोल कर मेरी चुदाई में इंटरेस्ट ले रही थी। लण्ड जब भी फिसल कर बाहर निकलता तो वह उसे मेरी चूत में घुसा देती थी। उसने मेरी बुर पीछे से चुदवाई , मुझे अपने मियां के लण्ड पर बैठा कर चुदवाई। मेरी चूचियों में उसका लण्ड पेल कर चूचियाँ चुदवाई । मेरे पूरा बदन पर उसका लण्ड घुमाया और खूब मस्ती की। आखिर में जब लौड़ा वीर्य उगलने लगा तो सुनीता ने लौड़ा मेरे मुंह में घुसेड़ दिया और मैंने उसे बड़े प्यार से चाटा। मैं रात भर उसके पति के बिस्तर पर नंगी नंगी लेटी रही। सुबह होते ही एक बार फिर कुणाल ने मुझे सुनीता के सामने चोदा। इस बार उसका लौड़ा बड़ा खूंखार नज़र आ रहा था। उसके बाद कुणाल ने जिस मस्ती से मुझे चोदा वह मैं ज़िन्दगी में कभी भूल नहीं सकती। फिर उसने मुझे अपने घर छोड़ दिया।
दूसरे दिन मेरा हसबैंड सूरज आ गया। रात को मैं जब उसके साथ बिस्तर पे नंगी बैठी हुई उसका लण्ड हिला रही थी तो मन में सुनीता की यार आ रही थी और कुणाल के लण्ड की भी। मैंने फिर प्यार से पूंछा अच्छा यह बताओ सूरज मेरे राजा तुम्हे सुनीता पसंद है ? वह बोला अरे ये एकदम से सुनीता का नाम क्यों आ गया गुंजन ? मैंने कहा बस ऐसे ही। वह मेरी पक्की दोस्त है यह तुम जानते हो। तुम उससे कई बार मिल भी चुके हो। वह तुम्हे पूंछा करती है। वह बोला हां वैसे तो वह बहुत अच्छी है, सुन्दर है, हंसमुख है। बातें भी बढ़िया करती है। मैंने कहा वह कल मेरे पास आई थी और हम दोनों में खूब बातें की । बातों बातों में वह पूंछ बैठी गुंजन तेरे पति का लौड़ा कैसा है ? मेरे मुंह से भी निकल गया तू मुझसे क्यों पूंछती है। खुद ही पकड़ कर देख ले न किसी दिन ? अब तुम बताओ अगर वह किसी दिन तेरा लौड़ा पकड़ने आ जाये तो क्या तुम उसे अपना लण्ड पकड़ा दोगे ? वह हंस कर बोला तुम कहोगी तो पकड़ा दूंगा।
मैंने इसी तरह की बातें कर कर के उसे सुनीता की बुर चोदने के लिए तैयार कर लिया। इत्तिफाक से कुणाल दो दिन के लिए शहर के बाहर चल गया। सुनीता अकेली थी घर में। मैंने उसे बताया की मेरा पति मान गया है। तू आज शाम को आ जा मेरे घर। वह शाम को सज धज कर पहुँच गयी। मैंने ड्रिंक्स का इंतज़ाम किया था। हम तीनो ड्रिंक्स लेने लगे। उस दिन सुनीता को मेरा पति सूरज बहुतअच्छा लग रहा था। थोड़ा नशा चढ़ा तो मैंने कहा चलो यार अब बेड रूम चलें। बेड रूम में ही सूरज सोफे पर बैठ गया। सुनीता उसके बगल में और दूसरी तरफ मैं। मैंने सुनीता से कहा यार मेरा हसबैंड तो तुम्हे बहुत चाहता है ? वह बोली वाओ, ऐसी बात है ? मैं भी तेरे हसबैंड को बहुत चाहती हूँ गुंजन ? मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने पति के लण्ड पर रखा और कहा अब इसे खोल कर देखो और बताओ क्या तुम इसे भी चाहती हो ? वह बोली हाय राम तू क्या कर रही है गुंजन ? भाई साहेब कहीं बुरा मान गए तो मैं कहीं की न रहूंगी ? तब तक सूरज बोला नहीं सुनीता भाभी मैं किसी बात का बुरा नहीं मानता ? तब सुनीता ने हाथ उसके लण्ड पर रख कर थोड़ा दबाया। उधर मैंने अपने मियां का हाथ सुनीता की चूचियों पर रख कर कहा अब क्या इन्हे भी खोल कर देखो न मेरे पति देव। इसे अपनी बीवी की चूचियाँ ही समझो ? उसकी हिम्मत बढ़ी और वह चूचियाँ मसलने लगा।
उसके बाद मैंने सुनीता की बुर अपने पति से उसी तरह चुदवाई जिस तरह उसने मेरी बुर अपने पति से चुदवाई थी। रात भर मैं अपने पति का लण्ड सुनीता की बुर में पेलती रही और वह पेलवाती रही। सवेरे उठ कर मेरा पति उसे उसके घर छोड़ कर आ गया।
दो दिन बाद मैं सुनीता से मिली और कहा यार अब क्या होगा ? अगर मेरे पति को पता चल गया की मैंने तेरे पति से चुदवा लिया है तो बड़ा ख़राब हो जायेगा। सुनीता ने कहा यार घबराओ नहीं। तेरा पति भी तो किसी और की बीवी चोदे बैठा है। बस उससे रात में प्यार से बात करो। उसका मन टटोलो की वह चाहता क्या है ? उसकी सलाह मुझे अच्छी लगी और मैं उसी रात को अपने पति से प्यार से बातें करने लगी। मैं बिस्तर पर नंगी नंगी लेटी हुई उसका लण्ड चूम कर बोली:-
एक बात बताओ जी, तुम्हे उस दिन सुनीता को चोद कर कैसा लगा ?
वह बोला अरे गुंजन मेरी रानी, मुझे तो वास्तव में बहुत अच्छा लगा। असल बात यह है की उसे चोदने की इच्छा मेरे अंदर बहुत दिनों से थी पर मैं तुमसे कभी कह नहीं सका और न ही सुनीता भाभी से। बस मन में सोंच कर रह जाता था ? तुमने तो मेरी तमन्ना पूरी कर दी, गुंजन ?
अच्छा एक बात पूंछूं बुरा तो नहीं मानोगे ?
नहीं मानूंगा पूंछो।
जिस तरह तरह तुमने अपने दोस्त की बीवी चोदी, उसी तरह अगर तुम्हारा दोस्त तुम्हारी बीवी चोदे तो ?
तो क्या ? वो तो चोदेगा ही। भला बिना मतलब कोई क्यों अपनी बीवी चुदवायेगा ?
तो क्या तुम उससे अपनी बीवी चुदवा लोगे ?
क्यों नहीं चुदवा लूंगा। मैं तो ख़ुशी ख़ुशी चुदवा लूँगा। बस मेरी बीवी उससे चुदवाने के लिए राज़ी हो जाए ?
और अगर वह राज़ी हो जाए तो ?
तो फिर मैं अपने सामने ही अपनी बीवी उससे चुदवा लूंगा क्योंकि मैं उसकी बीवी चोदूँगा ?
और अगर तुम्हारी बीवी न माने तो ?
तो मैं अपने दोस्त की बीवी चोदने के लिए अपनी बीवी को अपने दोस्त से चुदवाने के लिए मना लूंगा ? और मुझे यकीन है की मेरी बीवी मान जाएगी।
ऐसा कह कर मेरे पति सूरज ने मुझे गले लगा लिया। मैंने यह बात सुनीता को बताई तो बहुत खुश हो गयी। बस उसने एक प्लान बना लिया। उसने हम दोनों को डिनर पर बुला लिया। हम दोनों जब पहुंचे तो वह पूरी तैयारी कर चुकी थी। अब मुझे तो मालूम था की सुनीता का पति मुझे चोद चुका है। सुनीता को मालूम था की मेरा पति उसे चोद चुका है। हां सूरज को नहीं मालूम था की कुणाल मेरी बीवी चोद चुका है और कुणाल को नहीं मालूम था की सूरज मेरी बीवी चोद चुका है। मैंने मौका पाकर कुणाल से कहा यार मेरे पति को यह मत बताना की मैं तुमसे चुदवा चुकी हूँ। इसी तरह सुनीता ने चुपचाप मेरे पति से कहा यार सूरज मेरे पति को यह मत बताना की मैं तुमसे चुदवा चुकी हूँ। यानी इन दोनों मर्दों को यह नहीं मालूम था की मेरी बीवी मेरे दोस्त से चुदवा चुकी है। बस दारू चालू हो गयी। हम लोग मस्ती से शराब पीने में जुत गए। आज कुछ ज्यादा ही मज़ा आ रहा था शराब पीने में। कुछ ज्यादा ही नशा सवार होने लगा था।
सुनीता बोली :- गुंजन आज मैं अपने दिल की बात कहने जा रही हूँ। बुरा मत मानना।
मैंने कहा :- हां बोलो मैं बुर बिलकुल नहीं मानूंगी।
वह बोली :- यार आज तुम मेरे सामने मेरे पति का लण्ड पकड़ लो।
मैंने कहा :- ठीक है मैं पकड़ लूंगी। पर तुम भी मेरे सामने मेरे पति का लण्ड पकड़ लो।
इतने में वह उठी और मेरा हाथ पकड़ कर अपने पति के लण्ड पर रख दिया। और फिर बिना कुछ कहे उसने मेरे पति के लण्ड पर अपना हाथ रख दिया। मैं उसके पति का लण्ड खोल कर निकालने लगी और वह मेरे पति का लण्ड ? दोनों लण्ड आमने सामने आ गए। इसी तरह हम दोनों की चूचियाँ खुल गईं। कुणाल मेरी चूचियाँ मसलने लगा और सूरज उसकी चूचियाँ। सूरज ने फिर सुनीता का पेटीकोट भी खोल डाला। उसकी मस्तानी चूत सबके सामने आ गयी। कुणाल ने भी मुझे नंगी कर दिया और मेरी बुर चूमने लगा। हम चारों नंगे हो गए। नशा कुछ ज्यादा ही चढ़ चुका था। हम दोनों मस्ती से एक दूसरे के हसबैंड का लण्ड चूसने लगीं।
थोड़ी देर बाद मेरे पति ने सुनीता की बुर में लण्ड पेल ही दिया। उसने झमाझम चोदना शुरू कर दिया। उसे देख कर कुणाल ने भी लौड़ा मेरी चूत में एक ही धक्के में पूरा अंदर घुसेड़ दिया। वह मस्ती से चोदने लगा। दोनों की ख़ुशी उनके चेहरे से झलक रही थी।
कुणाल बोला :- यार सूरज मुझे तो तेरी बीवी चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है। अब मैं इसे अक्सर चोदा करूँगा।
सूरज बोला :- हां हां बिलकुल चोदो मेरी बीवी। मुझे भी तेरी बीवी चोदने में खूब मज़ा आ रहा है। यार अगर मुझे मालूम होता की दोस्त की बीवी चोदने में इतना मज़ा आता है तो मैं बहुत पहले से ही चोदने लगता।
वह बोला :- यार असली बात यह है की अपने दोस्त से अपनी बीवी चुदवा कर उसकी बीवी चोदने में ज्यादा मज़ा आता है।
तो दोस्तों, उसके बाद हम दोनों ने कई बार एक दूसरे के पति से चुदवाया। इतना ही नहीं, हमने एक ग्रुप बनाया जो लोग अपनी बीवी चुदवा कर दूसरे की बीवी चोदे। आज इस ग्रुप में १० कपल ऐसे है जो अपनी बीवी चुदवा कर सबकी बीवियां चोदते हैं। हम सब जवानी का मज़ा खूब मस्ती से लूट रहीं हैं।
उस दिन जब मैं शाम को मिसेज सुनीता के घर पहुंची तो वह मुझे देख कर बहुत खुश हो गयी। उसने मुझे बड़े प्यार से अंदर बैठाया और हाल चाल पूंछे। फिर वह अंदर गयी और एक व्हिस्की की बोतल लेकर आ गयी बोली यार गुंजन आज बहुत दिनों के बाद तुम्हे देखा तो पुरानी यादें ताज़ा हो गयी। बस मेरा मन हुआ की आज मैं तेरे साथ बैठ कर दारू पियूं और खूब ढेर सारी बातें करूँ। मैंने कहा हां यार मेरा भी मन यही कह रहा था की आज हम दोनों बैठ कर मस्ती करें। बस फिर क्या सुनीता ने दो पैग बनाए और हम दोनों चियर्स कह कर पीना शुरू कर दिया व्हिस्की। अपने कॉलेज के दिन किसको याद नहीं रहते और उन्हें याद करके कौन नहीं खुश होता ? कभी कभी अतीत बड़ा अच्छा लगता है और बड़ा शुकून देता है। हम दोनों बस उन्ही दिनों को याद करने लगीं।
मैंने कहा - उस समय चढ़ती जवानी थी, मन में मस्ती थी और शरीर में स्फूर्ति थी। कुछ भी करने का मन करता था।
वह बोली हां यार बड़ा अच्छा लगता था कॉलेज आना और पढ़ाई के साथ साथ मौज मस्ती की बातें करना। हंसी मजाक करना, चुटकुले सुनाना, किसी को चिढ़ाना, किसी की टांग खींचना सब याद आता है यार।
मुझे तो वह भी याद आता है जब हम लोग खुल कर लड़कों को गालियां देती थी। कुछ लड़कों को तो उनके नाम से नहीं बल्कि 'लौड़ा' कह कर बुलाती थी। माँ का लौड़ा, बहन का लौड़ा, कहा करती थी। बहन चोद, मादर चोद, तो बड़ा कॉमन था। म
हां यार और भोसड़ी के, माँ का भोसड़ा, बहन का लण्ड, गांडू और जाने क्या क्या बोला करती थीं हम लोग। अब लगता है की जैसे सब खत्म हो गया।
और हां याद है न तुझे जब मैंने एक बार लड़कों को अपनी झाँटें दिखा दी थीं। म
हां यार वह बहुत बढ़िया माहौल था ? उसके बाद जब हमने सिनेमा हाल में एक लड़के का लण्ड पकड़ा था तो कितना मज़ा आया था। क्या मस्त लौड़ा था भोसड़ी वाले का यार ?
हां हां याद है वह बीच में बैठा था और हम दोनों अगल बगल। लौड़ा तो मोटा और मस्त था ही । बारी बारी से हम दोनों पूरे ३ घंटे तक लण्ड पकड़ती रहीं और हिला हिला कर मज़ा लेती रहीं। म
लण्ड तो मुझे रॉकी का भी पसंद आया था जब हम दोनों ने मिलकर चूसा था। बाद में एक दिन चुदवाया भी था। हां यार चोरी चोरी चुदवाना कितना अच्छा लगता था ?
हां यार गोपी का लण्ड, राहुल का लण्ड, किशन का लण्ड, साहिर का लण्ड सब याद आता है। कितने बढ़िया बढ़िया लण्ड थे यार और हम लोग कितनी मस्ती से उन लौंडों से खेलती थीं । म
अच्छा अब बता गुंजन ? हमारी भले ही शादी हो चुकी हो, पर हमारी मस्ती में, हमारी जवानी में कोई कमी तो नहीं आई न ? मैं तो अब और एन्जॉय करती हूँ, और ज्यादा एन्जॉय करना चाहती हूँ।
यार एन्जॉय तो मैं भी करना चाहती हूँ। मगर अब तो मेरे साथ मेरा हसबैंड है न ? म
हसबैंड है तो और अच्छा है यार ? तुम मेरे हसबैंड का लण्ड पकड़ लो मैं तेरे हसबैंड का लण्ड पकड़ लेती हूँ। तुम मेरे पति से चुदवाओ मैं तेरे पति से चुदवा लेती हूँ।
अरे यार यह सब इतना आसान होता है क्या ? क्या तेरा हसबैंड मुझे चोदने के लिए तैयार हो जायेगा ? म
मेरा हसबैंड तो तुम्हे अभी चोद देगा। हां तुम अपने हसबैंड के बारे में बताओ ? क्या वह मुझे चोदेगा ?
क्यों नहीं चोदेगा ? तुम तो मुझसे ज्यादा खूबसूरत हो, तेरे बूब्स मुझसे ज्यादा बड़े हैं, तू मुझसे ज्यादा अच्छी तरह लण्ड चूस लेती है। वो तो दौड़ कर तुम्हे चोदेगा। म
अब हम दोनों की चूत की आग सुलगने लगी। मेरा मन तो हुआ की मैं इसके पति से अभी यहीं चुदवा लूँ पर बार बार यही सोंचती रही की अगर मेरे पति को मालूम हो गया तो वह क्या सोंचेगा ? क्या यह पति को धोखा देना नहीं होगा ? सुनीता ने शायद मेरे मन की बात सुन ली। वह बोली देख गुंजन तू भोसड़ी की ज्यादा न सोंच ? आज तू मेरे पति से चुदवा ले। जब तेरा पति आएगा तो मैं उससे चुदवा लूंगी हिसाब बराबर हो जायेगा। मैेने कहा लेकिन जब मेरे पति को मालूम होगा तब ? वह बोली तब क्या ? तब तक तो वह मुझे चोदे बैठा होगा ? फिर वह किस मुंह से मना करेगा तुम्हे ? तू सब कुछ मुझ पर छोड़ दे। आज रात को यही रुक जा। तेरा पति वैसे भी यहाँ नहीं है। टूर पर गया है। सवेरे तुमको मेरा पति तेरे घर छोड़ देगा ? अब चलो ये पैग भी बॉटम अप करो ? उसके कहने पर मैंने शराब एक ही सांस में पी डाली। इतने मे उसका पति कुणाल आ गया। वह मुझे देख कर बोला अरे गुंजन भाभी आप ? आप कब आईं ? मैंने कहा मैं अभी कुछ देर पहले ही आई हूँ। सुनीता से बैठी हुई पुरानी यादें ताज़ा कर रही थी। वह बोला अच्छा आप लोग बात कीजिये मैं अभी चेंज करके आता हूँ। मुझे कुणाल आज बहुत स्मार्ट और हॉट लग रहा था।
मेरी चूत की आग और धधकने लगी। तब तक सुनीता आई और बोली देख गुंजन मैंने कुणाल को बता दिया है। वह तैयार हो गया है। अब तू ना नुकुर न कर और मन बना ले। समझ ले की हम लोग अभी कॉलेज में ही हैं। मज़ा आएगा। मैंने कहा हां यार मैंने मन बना लिया है। बस वह मुझे अपने बेड रूम में ले गयी और मैं उसके पति कुणाल के बगल में बैठ गयी। कुणाल बोला भाभी मेरे साथ भी एक एक पैग हो जाए। फिर हम तीनो ने एक एक पैग शराब और पी। नशा भी चढ़ने लगा। पूरे बदन में सुरसुरी होने लगी। अचानक सुनीता ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने पति के लण्ड पर रख दिया और उसका हाथ पकड़ कर मेरी चूचियों पर रख दिया। उसने मेरी चूचियाँ मुस्कराकर दबा दीं तो मैंने भी मुस्कराकर उसका लण्ड दबा दिया। संकेत दोनों तरफ से हो गया। दिल की धड़कने बढ़ने लगीं। मैंने मन में सोंचा की आज बहुत दिनों के बाद किसी पराये पुरुष के लण्ड के दर्शन होने जा रहें हैं। मैं मन ही मन बड़ी खुश हो रही थी। तब तक सुनीता में चुपके से मेरा ब्लाउज़ खोल दिया और हौले से मेरी ब्रा भी। मेरी दोनों चूचियाँ कुणाल के सामने छलक पड़ीं। कुणाल उन्हें देख कर मस्त हो गया। उसने हाथ बढ़ाया और मेरी दोनों चूचियाँ पकड़ कर चूमने लगा।
मेरी साड़ी तो पहले ही उतर चुकी थी। अब मैं केवल पेटीकोट में आ गयी। उधर कुणाल की पैंट खुल गयी थी। उसकी कमीज बनियाइन उतर चुकी थी। उसकी चौड़ी और घने बालों वाली छाती मुझे बड़ी सेक्सी लग रही थी। वह अब कच्छे में आ गया। उसके लण्ड का उभार कच्छे के ऊपर से साफ झलक रहा था। वह लेटा था। मैंने उसकी नेकर के दोनों तरफ उंगली फंसाई और उसने भी अपनी गांड उचकाई तो मैंने कच्छा नीचे खींच दिया। मेरे खींचते ही लण्ड मेरा नाक पर लगा। मैं मुस्कराई और लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। उसका टोपा पूरा बाहर कर लिया और उसकी प्यार से चुम्मी ली। मेरा अंदाज़ा सही निकला। लण्ड लगभग ७" से ८" का होगा। उसकी झांटे छोटी छोटी थी। पेलहड़ बिलकुल चिकने थे। तब तक सुनीता ने मुझे नंगी कर दिया। मेरी छांटें उसकी झाटों के बराबर ही थी। मुझे लण्ड बड़ा हॉट और सेक्सी लगा। मैं लौड़ा चाटने लगी बिलकुल वैसे ही जैसे मैं कॉलेज के दिनों में चाटा करती थी। सुनीता भी मेरा साथ देने लगी।
सुनीता भी बुर चोदी बिलकुल नंगी हो चुकी थी। वह मेरे चूतड़ों पर हाथ फिराने लगी और मेरी चूत सहलाने लगी। कुणाल मेरी चूचियाँ मसलने लगा। मैं तो वासना डूब चुकी थी। मेरी नज़र लण्ड से हट ही नहीं रही थी। मैंने लौड़ा मुंह में लिया और उसे चूसने लगी। मुझे लण्ड चूसने का बड़ा शौक है। सुनीता ने कहा यार गुंजन आज मेरे पति का लण्ड तेरे हाथों के जाकर ज्यादा ही बड़ा और मोटा हो गया है। मैंने हां यार ये तो देखो कैसे दहाड़ रहा है। मैंने प्यार से लौड़ा फ़िर चूमा और उसके पेलहड़ भी। सुनीता ने मेरी चूत में उंगली डाली और बोली हाय दईया भठ्ठी हो गयी है तेरी बुर, गुंजन ? बस उसने अपने पति का लण्ड मुझसे लिया और मेरी चूत पर टिका दिया। कुणाल ने एक जोर का धक्का मारा तो लण्ड गचगचा कर मेरी चूत में पूरा घुस गया। मेरे मुंह से उफ़ निकला और कहा हाय सुनीता तेरे मियां का लण्ड बहन चोद बड़ा बेरहम है। फिर वह मस्ती से चोदने लगा और मैं मस्ती से चुदवाने लगी।
सुनीता की ख़ुशी देखने वाली थी। सुनीता दिल खोल कर मेरी चुदाई में इंटरेस्ट ले रही थी। लण्ड जब भी फिसल कर बाहर निकलता तो वह उसे मेरी चूत में घुसा देती थी। उसने मेरी बुर पीछे से चुदवाई , मुझे अपने मियां के लण्ड पर बैठा कर चुदवाई। मेरी चूचियों में उसका लण्ड पेल कर चूचियाँ चुदवाई । मेरे पूरा बदन पर उसका लण्ड घुमाया और खूब मस्ती की। आखिर में जब लौड़ा वीर्य उगलने लगा तो सुनीता ने लौड़ा मेरे मुंह में घुसेड़ दिया और मैंने उसे बड़े प्यार से चाटा। मैं रात भर उसके पति के बिस्तर पर नंगी नंगी लेटी रही। सुबह होते ही एक बार फिर कुणाल ने मुझे सुनीता के सामने चोदा। इस बार उसका लौड़ा बड़ा खूंखार नज़र आ रहा था। उसके बाद कुणाल ने जिस मस्ती से मुझे चोदा वह मैं ज़िन्दगी में कभी भूल नहीं सकती। फिर उसने मुझे अपने घर छोड़ दिया।
दूसरे दिन मेरा हसबैंड सूरज आ गया। रात को मैं जब उसके साथ बिस्तर पे नंगी बैठी हुई उसका लण्ड हिला रही थी तो मन में सुनीता की यार आ रही थी और कुणाल के लण्ड की भी। मैंने फिर प्यार से पूंछा अच्छा यह बताओ सूरज मेरे राजा तुम्हे सुनीता पसंद है ? वह बोला अरे ये एकदम से सुनीता का नाम क्यों आ गया गुंजन ? मैंने कहा बस ऐसे ही। वह मेरी पक्की दोस्त है यह तुम जानते हो। तुम उससे कई बार मिल भी चुके हो। वह तुम्हे पूंछा करती है। वह बोला हां वैसे तो वह बहुत अच्छी है, सुन्दर है, हंसमुख है। बातें भी बढ़िया करती है। मैंने कहा वह कल मेरे पास आई थी और हम दोनों में खूब बातें की । बातों बातों में वह पूंछ बैठी गुंजन तेरे पति का लौड़ा कैसा है ? मेरे मुंह से भी निकल गया तू मुझसे क्यों पूंछती है। खुद ही पकड़ कर देख ले न किसी दिन ? अब तुम बताओ अगर वह किसी दिन तेरा लौड़ा पकड़ने आ जाये तो क्या तुम उसे अपना लण्ड पकड़ा दोगे ? वह हंस कर बोला तुम कहोगी तो पकड़ा दूंगा।
मैंने इसी तरह की बातें कर कर के उसे सुनीता की बुर चोदने के लिए तैयार कर लिया। इत्तिफाक से कुणाल दो दिन के लिए शहर के बाहर चल गया। सुनीता अकेली थी घर में। मैंने उसे बताया की मेरा पति मान गया है। तू आज शाम को आ जा मेरे घर। वह शाम को सज धज कर पहुँच गयी। मैंने ड्रिंक्स का इंतज़ाम किया था। हम तीनो ड्रिंक्स लेने लगे। उस दिन सुनीता को मेरा पति सूरज बहुतअच्छा लग रहा था। थोड़ा नशा चढ़ा तो मैंने कहा चलो यार अब बेड रूम चलें। बेड रूम में ही सूरज सोफे पर बैठ गया। सुनीता उसके बगल में और दूसरी तरफ मैं। मैंने सुनीता से कहा यार मेरा हसबैंड तो तुम्हे बहुत चाहता है ? वह बोली वाओ, ऐसी बात है ? मैं भी तेरे हसबैंड को बहुत चाहती हूँ गुंजन ? मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने पति के लण्ड पर रखा और कहा अब इसे खोल कर देखो और बताओ क्या तुम इसे भी चाहती हो ? वह बोली हाय राम तू क्या कर रही है गुंजन ? भाई साहेब कहीं बुरा मान गए तो मैं कहीं की न रहूंगी ? तब तक सूरज बोला नहीं सुनीता भाभी मैं किसी बात का बुरा नहीं मानता ? तब सुनीता ने हाथ उसके लण्ड पर रख कर थोड़ा दबाया। उधर मैंने अपने मियां का हाथ सुनीता की चूचियों पर रख कर कहा अब क्या इन्हे भी खोल कर देखो न मेरे पति देव। इसे अपनी बीवी की चूचियाँ ही समझो ? उसकी हिम्मत बढ़ी और वह चूचियाँ मसलने लगा।
उसके बाद मैंने सुनीता की बुर अपने पति से उसी तरह चुदवाई जिस तरह उसने मेरी बुर अपने पति से चुदवाई थी। रात भर मैं अपने पति का लण्ड सुनीता की बुर में पेलती रही और वह पेलवाती रही। सवेरे उठ कर मेरा पति उसे उसके घर छोड़ कर आ गया।
दो दिन बाद मैं सुनीता से मिली और कहा यार अब क्या होगा ? अगर मेरे पति को पता चल गया की मैंने तेरे पति से चुदवा लिया है तो बड़ा ख़राब हो जायेगा। सुनीता ने कहा यार घबराओ नहीं। तेरा पति भी तो किसी और की बीवी चोदे बैठा है। बस उससे रात में प्यार से बात करो। उसका मन टटोलो की वह चाहता क्या है ? उसकी सलाह मुझे अच्छी लगी और मैं उसी रात को अपने पति से प्यार से बातें करने लगी। मैं बिस्तर पर नंगी नंगी लेटी हुई उसका लण्ड चूम कर बोली:-
एक बात बताओ जी, तुम्हे उस दिन सुनीता को चोद कर कैसा लगा ?
वह बोला अरे गुंजन मेरी रानी, मुझे तो वास्तव में बहुत अच्छा लगा। असल बात यह है की उसे चोदने की इच्छा मेरे अंदर बहुत दिनों से थी पर मैं तुमसे कभी कह नहीं सका और न ही सुनीता भाभी से। बस मन में सोंच कर रह जाता था ? तुमने तो मेरी तमन्ना पूरी कर दी, गुंजन ?
अच्छा एक बात पूंछूं बुरा तो नहीं मानोगे ?
नहीं मानूंगा पूंछो।
जिस तरह तरह तुमने अपने दोस्त की बीवी चोदी, उसी तरह अगर तुम्हारा दोस्त तुम्हारी बीवी चोदे तो ?
तो क्या ? वो तो चोदेगा ही। भला बिना मतलब कोई क्यों अपनी बीवी चुदवायेगा ?
तो क्या तुम उससे अपनी बीवी चुदवा लोगे ?
क्यों नहीं चुदवा लूंगा। मैं तो ख़ुशी ख़ुशी चुदवा लूँगा। बस मेरी बीवी उससे चुदवाने के लिए राज़ी हो जाए ?
और अगर वह राज़ी हो जाए तो ?
तो फिर मैं अपने सामने ही अपनी बीवी उससे चुदवा लूंगा क्योंकि मैं उसकी बीवी चोदूँगा ?
और अगर तुम्हारी बीवी न माने तो ?
तो मैं अपने दोस्त की बीवी चोदने के लिए अपनी बीवी को अपने दोस्त से चुदवाने के लिए मना लूंगा ? और मुझे यकीन है की मेरी बीवी मान जाएगी।
ऐसा कह कर मेरे पति सूरज ने मुझे गले लगा लिया। मैंने यह बात सुनीता को बताई तो बहुत खुश हो गयी। बस उसने एक प्लान बना लिया। उसने हम दोनों को डिनर पर बुला लिया। हम दोनों जब पहुंचे तो वह पूरी तैयारी कर चुकी थी। अब मुझे तो मालूम था की सुनीता का पति मुझे चोद चुका है। सुनीता को मालूम था की मेरा पति उसे चोद चुका है। हां सूरज को नहीं मालूम था की कुणाल मेरी बीवी चोद चुका है और कुणाल को नहीं मालूम था की सूरज मेरी बीवी चोद चुका है। मैंने मौका पाकर कुणाल से कहा यार मेरे पति को यह मत बताना की मैं तुमसे चुदवा चुकी हूँ। इसी तरह सुनीता ने चुपचाप मेरे पति से कहा यार सूरज मेरे पति को यह मत बताना की मैं तुमसे चुदवा चुकी हूँ। यानी इन दोनों मर्दों को यह नहीं मालूम था की मेरी बीवी मेरे दोस्त से चुदवा चुकी है। बस दारू चालू हो गयी। हम लोग मस्ती से शराब पीने में जुत गए। आज कुछ ज्यादा ही मज़ा आ रहा था शराब पीने में। कुछ ज्यादा ही नशा सवार होने लगा था।
सुनीता बोली :- गुंजन आज मैं अपने दिल की बात कहने जा रही हूँ। बुरा मत मानना।
मैंने कहा :- हां बोलो मैं बुर बिलकुल नहीं मानूंगी।
वह बोली :- यार आज तुम मेरे सामने मेरे पति का लण्ड पकड़ लो।
मैंने कहा :- ठीक है मैं पकड़ लूंगी। पर तुम भी मेरे सामने मेरे पति का लण्ड पकड़ लो।
इतने में वह उठी और मेरा हाथ पकड़ कर अपने पति के लण्ड पर रख दिया। और फिर बिना कुछ कहे उसने मेरे पति के लण्ड पर अपना हाथ रख दिया। मैं उसके पति का लण्ड खोल कर निकालने लगी और वह मेरे पति का लण्ड ? दोनों लण्ड आमने सामने आ गए। इसी तरह हम दोनों की चूचियाँ खुल गईं। कुणाल मेरी चूचियाँ मसलने लगा और सूरज उसकी चूचियाँ। सूरज ने फिर सुनीता का पेटीकोट भी खोल डाला। उसकी मस्तानी चूत सबके सामने आ गयी। कुणाल ने भी मुझे नंगी कर दिया और मेरी बुर चूमने लगा। हम चारों नंगे हो गए। नशा कुछ ज्यादा ही चढ़ चुका था। हम दोनों मस्ती से एक दूसरे के हसबैंड का लण्ड चूसने लगीं।
थोड़ी देर बाद मेरे पति ने सुनीता की बुर में लण्ड पेल ही दिया। उसने झमाझम चोदना शुरू कर दिया। उसे देख कर कुणाल ने भी लौड़ा मेरी चूत में एक ही धक्के में पूरा अंदर घुसेड़ दिया। वह मस्ती से चोदने लगा। दोनों की ख़ुशी उनके चेहरे से झलक रही थी।
कुणाल बोला :- यार सूरज मुझे तो तेरी बीवी चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है। अब मैं इसे अक्सर चोदा करूँगा।
सूरज बोला :- हां हां बिलकुल चोदो मेरी बीवी। मुझे भी तेरी बीवी चोदने में खूब मज़ा आ रहा है। यार अगर मुझे मालूम होता की दोस्त की बीवी चोदने में इतना मज़ा आता है तो मैं बहुत पहले से ही चोदने लगता।
वह बोला :- यार असली बात यह है की अपने दोस्त से अपनी बीवी चुदवा कर उसकी बीवी चोदने में ज्यादा मज़ा आता है।
तो दोस्तों, उसके बाद हम दोनों ने कई बार एक दूसरे के पति से चुदवाया। इतना ही नहीं, हमने एक ग्रुप बनाया जो लोग अपनी बीवी चुदवा कर दूसरे की बीवी चोदे। आज इस ग्रुप में १० कपल ऐसे है जो अपनी बीवी चुदवा कर सबकी बीवियां चोदते हैं। हम सब जवानी का मज़ा खूब मस्ती से लूट रहीं हैं।
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