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गैर मर्दों के लण्ड से मेरी चूत को चोदो - Meri bur gand ki karo chudai
गैर मर्दों के लण्ड से मेरी चूत को चोदो - Meri bur gand ki karo chudai , मुझे चुदना है आप आ जाओ प्लीज.
अम्मी ने कहा - देखो बेटी, समीना, तेरी शादी के ६ महीने हो गये हैं। अब तो तू पराये मर्दों के लण्ड चोदना शुरू कर दे। एक बात तू अच्छी तरह समझ ले बेटी की जो मज़ा पराये मर्दों के लण्ड चोदने में है वो मज़ा अपने मर्दों के लण्ड चोदने में कहाँ ? अब धकाधक पराये मर्दों के लण्ड का मज़ा लेना शुरू कर दे। जो भी लण्ड मिले उसे अपने कब्जे में ले लो। अपने मुंह में डालो लण्ड और अपनी बुर में डालो। खूब जम कर हिलाओ लण्ड और खूब जम कर चुदाओ। इस तरह खूब लूटो जवानी का मज़ा ?
मैंने कहा - अरे अम्मी ऐसे में मेरे शौहर को कोई ऐतराज़ हुआ तो ? क्या उसे बुरा नहीं लगेगा ?
अम्मी बोली - अरी मेरी प्यारी बेटी यह तू क्या कह रही है ? पहली बात तो यह की तेरे शौहर का लण्ड सबके लिए गैर मर्द का लण्ड है। तो तेरी तरह सब पराये मर्दों के लण्ड चोदेगीं तो तेरे मरद का लण्ड चोदने वाली बहुत होगीं। दूसरी बात यह की तेरे मरद को भी सबकी बुर चोदने को मिलेगी तो वह ऐतराज़ क्यों करेगा ? वह तो और खुश होगा ? और उससे ज्यादा खुश होगा उसका लण्ड ? मैं यही चाहती हूँ। एक बात और नोट कर लो बेटी जवानी में चूत ज्वाला मुखी की तरह धधकती रहती हैं। उसकी आग एक लण्ड के पानी से नहीं बुझती ? एक लण्ड का पानी तो चूत में पड़ते ही छन्न की आवाज़ के साथ खत्म हो जाता है। जब तक उसमे २/३ लण्ड अपना अपना पानी एक साथ न डाले तब तक उसकी आग ठंढी नहीं होती। इसलिए बेटी धकाधक पेलो पराये मर्दों के लण्ड अपनी चूत में ? एक साथ २/३ लण्ड से चुदवाना कोई बड़ी बात नहीं है। मुंह है, चूत है, गांड हैं, दो हाथ हैं, दो चूचियाँ हैं. इतनी जगहें है एक औरत के शरीर में की २/३ लण्ड भोसड़ी के कहाँ गुम हो गए यह पता ही नहीं चलेगा, बेटी।
मेरे प्यारे दोस्तों, आप सोंच रहे होंगें की मेरी अम्मी मुझसे इस तरह की खुल्लम खुल्ला बातें कैसे कर सकती हैं ? तो मैं आपको बता दूँ की अब मैं २५ साल की हूँ। मेरी शादी के ६ महीने हो गए हैं। मैं हनीमून मनाकर आई हूँ। इस समय माईके में हूँ अम्मी के साथ। अम्मी से मैं उस समय खुल गयी थी जब मैं २१ साल की थी। मेरे ऊपर जवानी बुरी तरह सवार थी। मेरा जिस्म पूरी तरह तैयार हो चुका था। मैं थोड़ा बहक भी गयी थी। मुझे लण्ड बहुत अच्छे लगने लगे थे। मैं चोरी छिपे लड़कों के लण्ड पकड़ने लगी थी। फिर चुदवाने भी लगी। मैं एकदम रंडी बन जाने की कगार पर पहुँच गयी थी. अगर अम्मी ने मुझे संभाल न लिया होता तो आज मैं किसी कोठे पर बैठी हुई धंधा कर रही होती ? मैं कहीं की न रहती और मेरी ज़िन्दगी बर्बाद हो गयी होती।
हुआ ये किसी तरह अम्मी को पता चल गया की मैं चोदने और चुदाने के खेल में बुरी तरह फंस चुकी हूँ। तब अम्मी मुझसे खुल कर बातें करने लगीं, मेरे सामने लोगों को गालियां देने लगीं, लण्ड, बुर, चूत, गांड, भोसड़ा सब कुछ मेरे सामने बोलने लगी। मुझसे भी कहा समीना अब तुम जवान हो खूब मस्ती से गालियां दिया करो। मैं भी गालियां देने लगी। मैंने देखा की गालियां देने से मेरी चूत की गर्मी थोड़ा शांत होने लगी। फिर अम्मी ने एक रात को मुझे अपने कमरे में बुलाया। मैं पहुंची तो देखा की अम्मी किसी का लण्ड हिला रही हैं ? मुझे देखते ही अम्मी ने कहा अरी समीना सुना है तुझे लण्ड बहुत अच्छे लगते हैं। तो फिर ले पकड़ के बता की यह लण्ड कैसा है ? शर्माने की कोई जरुरत नहीं है ? ठीक से पकड़ ले। मैंने लण्ड पकड़ कर कहा हां अम्मी अच्छा तो है ? तब वह बोली बेटी तुझे जितने लण्ड चाहिए मुझे बता मैं तुझे उतने लण्ड दूँगी। मेरे पास लण्ड की कमी नहीं है लेकिन तू बाहर के गलत लोगों का साथ छोड़ दे ?
तुझे चुदाने की आदत है तो तू खूब चुदवा अपनी बुर। मैं तेरी दोस्त हूँ बेटी। मेरे सामने चुदवा, खुल कर चुदवा, एक नहीं कई लण्ड से चुदवा ? मैं तेरी तमन्ना पूरी करुँगी। मैं तो कहती हूँ की अपनी माँ चुदवा, अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा। तू भी चुदवा मैं भी चुदवाती हूँ। मैं इसमें तेरी खाला की बेटी, तेरी फूफी की बेटी, तेरे जीजू की बहन सबको शामिल कर लूंगी। फिर एक साथ होगी घमाशान चोदा चोदी। तेरे चारों तरफ लण्ड ही लण्ड इकठ्ठा कर दूँगी बेटी ? फिर आएगा जवानी का असली मज़ा ? वैसे आजकल लड़कियां लण्ड चोदने लगीं हैं । मैं तो कहती हूँ की आज से तू लण्ड चोदना शुरू कर दे । मैं आज रात को ही एक पार्टी रख लेती हूँ। रात भर चोदो लण्ड ? यहाँ बहुत लड़के हैं जिनके लण्ड बड़े आराम से चोदने को मिल जायेंगें । बस उसी दिन अम्मी ने मुझे लण्ड चोदना सिखा दिया। मैंने कहा हां अम्मी मैं रास्ता भटक गयी थीं। अब मैं वही करुंगी जो तुम कहोगी ? मैं बाहर कहीं नहीं जाऊंगी ?
कुछ दिन में मेरे भाई जान का निकाह होने वाला था। समय नजदीक आता गया। सब लोग इस बात के इंतज़ार में थे की इस बार किस तरह जश्न मनाया जाता है। हमारे यहां जश्न कई तरीक से मनाया जाता है। शादी के करीब करीब एक हफ्ते पहले से चहल पहल शुरू हो जाती है। हर दिन कोई न कोई प्रोग्राम होने लगता है। नाते रिस्तेदार, भाई बंधू, गली मोाहल्ले के लोग इकठ्ठा होने लगते हैं। बड़ी धूम धाम रहती है। दिन में अलग तरह के प्रोग्राम होतें है और रात में अलग तरह के ? सभी कार्यक्रमों में सेक्स हॉबी रहता है. आपस में खूब हंसी मजाक होती हैं, अश्लील बातें होतीं हैं, प्यार मोहब्बत में गाली गलौज भी होता है, हां एक बात है की मर्द गाली नहीं दे सकते। वो अपने मुंह से गालियां नहीं निकाल सकते। औरतें और लड़कियों को ही यह छूट मिली है। फिर खुल कर बातें की जातीं हैं, किसी पर कोई पाबन्दी नहीं होती। लड़कियों को, बेटियों को, बहुओं को खुली छूट होती हैं वो किसी को कुछ भी कह सकतीं हैं। किसी को भी किसी तरह की गाली दे सकतीं है सब लोग उसे एन्जॉय करते हैं। बेटियां कह देतीं है अब्बू तेरी बहन का लण्ड। अम्मी तेरी नन्द की बुर। अम्मी तेरा बेटी चोद भोसड़ा, अम्मी भी कहतीं है तेरी माँ की चूत, बेटी. तेरे ससुर का लण्ड बहन चोद। बहू कह देती है सासू तेरी बिटिया की बुर ? सास भी कहती है बहू तेरी माँ का भोसड़ा, तेरा भोसड़ी का अब्बू आदि आदी ? सभी ऐसी बातों का, ऐसी गालियों का मज़ा लेते हैं। कोई बुरा नहीं मांनता।
फिर सब लड़कियों और बहुओं ने बैठ कर चार दिन का प्रोग्राम बनाया। प्रोग्राम को सही ढंग से पेश करने के लिए मुझे और मेरी खाला की बेटी हया को चुन गया।
बुर चाटो और चाटो लण्ड
सब लोग इकठ्ठा हो गए तो मैंने सबसे पहले ड्रिंक्स चालू कर दी। एक एक पैग जब सबने पी ली तब मैंने कहा देखो भोसड़ी वालों और भोसड़ी वालियों आज का प्रोग्राम है चाटो बुर और चाटो लण्ड। तुम सब लोग किसी की भी बुर चाट सकते हो और लड़कियां / औरतें भी किसी का भी लण्ड चाट सकतीं हैं लेकिन न कोई अपनी बीवी की बुर चाटेगा और न अपने मियां का लण्ड ? अर्थात पराये मर्दों के लण्ड और पराई बीवी की बुर चाटी जाएगी। मर्द नंगे हो कर ही बुर चाटेंगे और औरतें नंगी होकर लण्ड चाटेंगी। बेटी हो, बीवी हो, बहू हो, सास हो, नन्द हो, साली हो, सबकी बुर चाटी जाएगी। इसी तरह अब्बू हो, खालू हो, मामू हो, जीजा हो, फूफा हो, नंदोई हो, बहनोई हो सबके लण्ड चाटे जायेंगे। आगे हया ने बताया की यह खेल ऐसा है की इसमें बुर किसी और की चाटी जाएगी और लण्ड किसी और का । जैसे मैं लण्ड किसी और का चाटूँगी मेरी बुर कोई और चाटेगा।
मैंने कहा इस खेल में जो आज मौजूद है मैं उनके नाम बता देती हूँ।
मैं समीना मेरा मियां साहिर
मेरी अम्मी आयसा मेरा अब्बू अमजद
खाला शबाना और खालू अजमल
खाला की बेटी हया और उसका मियां हनीफ
फूफी नगमा फूफा नियाज़,
फूफी की बेटी हिना उसका मियां लतीफ़,
मेरी सास रहीमा ससुर अल्ताफ
मेरी नन्द रेशमा नंदोई आरिफ
इस तरह ८ जोड़े है इस खेल में। अब मैं इसमें दो ग्रुप बना देती हूँ।
पहले ग्रुप में - मैं समीना, आयसा, शबाना, हया, नियाज़, लतीफ़, अल्ताफ और आरिफ
दूसरे ग्रुप में - साहिर, अमजद, अजमल. हनीफ, नगमा, हिना, रहीमा और रेशमा
अब आप लोग अपने अपने कपड़े उतार कर एकदम नंगे हो जाइए और अपने अपने ग्रुप में बुर चाटना और लण्ड चाटना शुरू कर दीजिये। बीच बीच में बुर और लण्ड के साथ शराब भी पीते रहिये। सबसे पहले मैंने अपना गोल गोल ग्रुप बना लिया।
मैंने फूफा नियाज़ का लण्ड पकड़ लिया और उसे हिलाने लगी। लण्ड खड़ा हुआ तो मैंने उसे चाटना शुरू कर दिया, फूफा मेरी अम्मी की बुर चाटने लगा , अम्मी हिना के मियां लतीफ़ का लण्ड चाटने लगी, लतीफ़ शबाना यानी मेरी खाला की बुर चाटने लगा, खाला ने मेरे ससुर का लण्ड चाटना शुरू कर दिया, मेरा ससुर हया की चूत कुत्ते की तरह चाटने लगा, हया मेरे नंदाई आरिफ का लण्ड चाटने लगी, आरिफ इधर मेरी बुर चाटने में जुट गया। तो देखा आपने दोस्तों, कितना मजेदार ग्रुप बन गया। इसमें बीवियां पराये मरद का लण्ड चाट रही हैं सारे मरद पराई बीवी की बुर चाट रहें है। यही इस खेल की खूबी है।
अब चलिए आपको दूसरे ग्रुप का हाल बता दूँ। यहां फूफी साहिर यानी मेरे मियां का लण्ड पकड़ कर सहला रही हैं। जबान से उसका सुपाड़ा बार बार चाट रही हैं, मेरा मियां हिना की बुर चाटने में लगा है। हिना फूफी की बेटी है। हिना मेरे अब्बू का लौड़ा चाट रही है। मेरा अब्बू मेरी सास की चूत में मुंह घुसेड़े हुए है। मेरी सास मेरा खालू का लौड़ा पी रही है। उसने खालू का लण्ड पूरा मुंह में घुसेड़ लिया है। खालू मेरी नन्द रेशमा की बुर चाट रहा है। रेशमा हनीफ (हया का मियां) का लौड़ा चूस रही है। और हनी फूफी की बुर चाट रहा है। यहाँ भी वही हाल है। लौड़ा किसी और का पियो और बुर किसी और की चाटो। यह सीन देख कर सबके नद उछल सबकी चूत थी। इतना ही नहीं जब राउंड खत्म हो गाय तो मैंने कहा देखो भई अब यहाँ सब बीवियों को ७ ७ लण्ड चाटने हैं। और सब मर्दों को ७ ७ बुर चटनी है। एक एक लण्ड और एक एक बुर हो गयी। पर अभी सबको ६ ६ लण्ड और चाटना हैं और ६ ६ चूत ? यह काम रात भर चलेगा। कोई यह न कहने पाये की उसने मेरा लण्ड नहीं चाटा या उसने मेरी बुर नहीं चाटी ?
माँ का चोदो भोसड़ा बेटी की चोदो बुर
दूसरे दिन जब हम लोग इकठ्ठा हुए तो मैंने कहा यहाँ भी गैर मर्दों से चुदाने का पूरा इंतज़ाम है। बेटियां चुदायेगीं माँ और माँ चुदायेगीं बेटियां। यानी अब्बा का लण्ड किसी और की बेटी की बुर में। किसी बेटी के मियां का लण्ड किसी और की माँ की चूत में ? अब आप लोग शुरू हो जाइए। सबसे पहले मैंने लतीफ़ हिना का मियां का लण्ड पकड़ा। उसे प्यार से सहलाया तो वह खड़ा हो गया। फिर मैंने उसे उसे अम्मी की चूत पर रखा और उसके चूतड़ दबा कर बोली लो यार तुम मेरी माँ का चोदो भोसड़ा ? वह वाकई मस्ती से चोदने लगा। हिना बोली हाय दईया तू समीना अपनी माँ चुदा रही है। मैं भी माँ चुदाने जा रही हूँ। वह उठी और मेरे मियां का लण्ड पकड़ कर अपनी माँ की चूत में घुसेड़ दिया। यानी मेरा मियां हिना की माँ चोदने लगा। फिर हया न रुक सकी वह आगे बढ़ी और मेरे नंदोई आरिफ का लौड़ा खूब मजे से हिलाया उसे चूमा और उसे खूब प्यार करते हुए अपनी माँ के भोसड़ा में पेल दिया। वह बोली अरी समीना देख तेरा नंदोई मेरी माँ चोद रहा है साला अब मैं किसी दिन इसकी माँ चोदूँगी। सब लोग यह सुनकर हंसने लगे।
तब तक मेरी नन्द उठी और उसने हनीफ का लौड़ा थामा उसे हिला हिला कर मस्ती से खजदा किया फिर वह अपनी माँ यानी मेरी सास की तरफ बढ़ी और उसकी बुर में घुसा दिया। वह बोली अम्मी देखो कितना मोटा लण्ड है तेरे भोसड़ा के लिए। ये हया के मियां का लण्ड है अम्मी। अब न कहना की मेरी बेटी ने अपनी माँ नहीं चुदवाई। हम सब बेटियाँ अपनी अपनी माँ के पास बैठ कर माँ का भोसड़ा चुदवाने लगी बाकी लोग अगल बगल बैठ कर माँ की चुदाई देखने लगे। उन्हें ऐसा लग रहा था जैसे वो कोई लाइव ब्लू फिल्म देख रहे हो । एक साथ चार चार चार माँ का चुदता हुआ भोसड़ा देखना बड़े नसीब की बात होती है। लोग ऐसा सीन कहाँ देख पाते हैं ? लण्ड जब भी फिसल कर इधर उधर चला जाता तब उनकी बेटियां लण्ड फिर अपनी अपनी माँ के भोसड़ा में घुसेड़ देतीं । फिर वह वहीँ नंगी नंगी बैठी हुई चोदने वालों के पेलहड़ सहलाने लगतीं और उनकी गांड पर हाथ फेरने लगती । माँ चुदाना बड़े फक्र की बात है ऐसा बेटियों की सोंच है।
इस तरह हम चारों लड़कियों ने गैर मर्दों के लण्ड पेल पेल कर अपनी माँ चुदाने का पहला राउंड खत्म किया। इसके बाद तो रात में कई और राउंड हुए । इन सभी अम्मियों ने तीन तीन लौंडों से और चुदवाया।
अब बारी आईअम्मियों की जो अपनी अपनी बेटी की बुर चुदाने के लिए तैयार हो गईं हैं।
सबसे पहले मेरी अम्मी आयसा उठी और मेरे ससुर के पास जाकर उसका लौड़ा हिलाने लगीं। ससुर भी भोसड़ी का वहीँ नंगा नंगा बैठा था। उसने मेरी माँ की चुदाई का पूरा मज़ा लिया और अपनी बिटिया को सबके लण्ड चाटते हुए देखा। मजे की बात यह थी की मेरी नन्द ने भी अपने अब्बूा का लण्ड मस्ती से चाटा। चुदाई में न कोई बाप है और न कोई बेटी हैं। यहां तो बस लण्ड है और चूत। अम्मी ने जैसे ससुर का लौड़ा हिलाया वह साला फनफना कर खड़ा हो गया। वह फिर मेरे आस आईं और लण्ड मेरी चूत पर रख दिया। चूत तो गीली थी ही। लण्ड सटाक से घुस गया। मेरे मुंह से चीख तो निकली लेकिन फिर मैं अपने ससुर से चुदवाने का लुत्फ़ उठाने लगी। मुझे वाकई बड़ा मज़ा आने लगा। तब तक मैंने देखा की हया की अम्मी मेरे मियां का लण्ड पकड़े पकड़े हया के पास पहुँच गयी। खाला जान (हया की अम्मी)ने हया की बुर टटोली, उसमे उंगली डाल कर बुर का जायज़ा लिया और मेरे मियां का लण्ड उस पर रख दिया। मेरा मियां साहिर तो इसी की तलास में था। उसने एक ही बार में पूरा लौड़ा पेल दिया। हया बोली हाय भोसड़ी के जीजू पूरा घुसेड़ दिया लण्ड। अरे मेरी चूत कहीं भाग जाएगी क्या ? आहिस्ते आहिस्ते चोदो न ?
उसकी अम्मी अपनी बेटी की बुर बैठी बैठी चुदवाने लगीं। तब तक मेरी फूफी आगे आई और और मेरे खालू अजमल पकड़ा। लौड़ा थो पहले से ही आधा खड़ा था। उसके पकड़ते ही पूरा खड़ा हो गया। फूफी ने लण्ड चूमा तो वह दहाड़ने लगा। फूफी उसे पकडे पकडे हिना के पास चली गयी और हिना की बुर पर टका दिया लण्ड। फिर उसने खालू की गांड पर हाथ रख कर दबा दिया तो लण्ड फटाक से हिना की चूत में घुस गया। हिना चुदवाने लगी और फूफी उसके पेलहड़ सहलाने लगी। वह भी अपनी बेटी की बुर चुदवाने का मज़ा लेने लगी। अब नंबर मेरी सास का आ गया। वह भी सबकी तरह उठी और मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ कर मुठियाने लगी। सास ने मेराअब्बू का कल चाटा ही था। वह तो मेरे अब्बू का लण्ड मस्ती से पीती है यह मैंने खुद देखा है। अब वह यही लण्ड अपनी बेटी की बुर में घुसेड़ने जा रही है। मेरी नन्द रेशमा बुर चोदी अपनी चूत खोले हुए बैठी ही थी।
जैसे ही मेरी सास ने अपनी बिटिया की बुर पे अब्बू का लण्ड टिकाया वैसे ही अब्बू ने एक गज़ब का धक्का मारा। लण्ड साला पूरा एक ही बार में घुस गया। रेशमा के मुंह से उफ़ तो निकला लेकिन वह फिर मस्ती से चुदवाने लगी। इस तरह पहले माँ चुदी अब बेटियां चुद रहीं है। सब लोग इसका मज़ा लूट रहें हैं। बेटियां चुदाना भी बड़े गर्व की बात है। जवानी में सेक्स का मज़ा लेना है तो फिर यही सब करना होता है और इससे माँ बेटी के तालुकात दोस्ती और याराना के बने रहतें है।
मैंने कहा - अरे अम्मी ऐसे में मेरे शौहर को कोई ऐतराज़ हुआ तो ? क्या उसे बुरा नहीं लगेगा ?
अम्मी बोली - अरी मेरी प्यारी बेटी यह तू क्या कह रही है ? पहली बात तो यह की तेरे शौहर का लण्ड सबके लिए गैर मर्द का लण्ड है। तो तेरी तरह सब पराये मर्दों के लण्ड चोदेगीं तो तेरे मरद का लण्ड चोदने वाली बहुत होगीं। दूसरी बात यह की तेरे मरद को भी सबकी बुर चोदने को मिलेगी तो वह ऐतराज़ क्यों करेगा ? वह तो और खुश होगा ? और उससे ज्यादा खुश होगा उसका लण्ड ? मैं यही चाहती हूँ। एक बात और नोट कर लो बेटी जवानी में चूत ज्वाला मुखी की तरह धधकती रहती हैं। उसकी आग एक लण्ड के पानी से नहीं बुझती ? एक लण्ड का पानी तो चूत में पड़ते ही छन्न की आवाज़ के साथ खत्म हो जाता है। जब तक उसमे २/३ लण्ड अपना अपना पानी एक साथ न डाले तब तक उसकी आग ठंढी नहीं होती। इसलिए बेटी धकाधक पेलो पराये मर्दों के लण्ड अपनी चूत में ? एक साथ २/३ लण्ड से चुदवाना कोई बड़ी बात नहीं है। मुंह है, चूत है, गांड हैं, दो हाथ हैं, दो चूचियाँ हैं. इतनी जगहें है एक औरत के शरीर में की २/३ लण्ड भोसड़ी के कहाँ गुम हो गए यह पता ही नहीं चलेगा, बेटी।
मेरे प्यारे दोस्तों, आप सोंच रहे होंगें की मेरी अम्मी मुझसे इस तरह की खुल्लम खुल्ला बातें कैसे कर सकती हैं ? तो मैं आपको बता दूँ की अब मैं २५ साल की हूँ। मेरी शादी के ६ महीने हो गए हैं। मैं हनीमून मनाकर आई हूँ। इस समय माईके में हूँ अम्मी के साथ। अम्मी से मैं उस समय खुल गयी थी जब मैं २१ साल की थी। मेरे ऊपर जवानी बुरी तरह सवार थी। मेरा जिस्म पूरी तरह तैयार हो चुका था। मैं थोड़ा बहक भी गयी थी। मुझे लण्ड बहुत अच्छे लगने लगे थे। मैं चोरी छिपे लड़कों के लण्ड पकड़ने लगी थी। फिर चुदवाने भी लगी। मैं एकदम रंडी बन जाने की कगार पर पहुँच गयी थी. अगर अम्मी ने मुझे संभाल न लिया होता तो आज मैं किसी कोठे पर बैठी हुई धंधा कर रही होती ? मैं कहीं की न रहती और मेरी ज़िन्दगी बर्बाद हो गयी होती।
हुआ ये किसी तरह अम्मी को पता चल गया की मैं चोदने और चुदाने के खेल में बुरी तरह फंस चुकी हूँ। तब अम्मी मुझसे खुल कर बातें करने लगीं, मेरे सामने लोगों को गालियां देने लगीं, लण्ड, बुर, चूत, गांड, भोसड़ा सब कुछ मेरे सामने बोलने लगी। मुझसे भी कहा समीना अब तुम जवान हो खूब मस्ती से गालियां दिया करो। मैं भी गालियां देने लगी। मैंने देखा की गालियां देने से मेरी चूत की गर्मी थोड़ा शांत होने लगी। फिर अम्मी ने एक रात को मुझे अपने कमरे में बुलाया। मैं पहुंची तो देखा की अम्मी किसी का लण्ड हिला रही हैं ? मुझे देखते ही अम्मी ने कहा अरी समीना सुना है तुझे लण्ड बहुत अच्छे लगते हैं। तो फिर ले पकड़ के बता की यह लण्ड कैसा है ? शर्माने की कोई जरुरत नहीं है ? ठीक से पकड़ ले। मैंने लण्ड पकड़ कर कहा हां अम्मी अच्छा तो है ? तब वह बोली बेटी तुझे जितने लण्ड चाहिए मुझे बता मैं तुझे उतने लण्ड दूँगी। मेरे पास लण्ड की कमी नहीं है लेकिन तू बाहर के गलत लोगों का साथ छोड़ दे ?
तुझे चुदाने की आदत है तो तू खूब चुदवा अपनी बुर। मैं तेरी दोस्त हूँ बेटी। मेरे सामने चुदवा, खुल कर चुदवा, एक नहीं कई लण्ड से चुदवा ? मैं तेरी तमन्ना पूरी करुँगी। मैं तो कहती हूँ की अपनी माँ चुदवा, अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा। तू भी चुदवा मैं भी चुदवाती हूँ। मैं इसमें तेरी खाला की बेटी, तेरी फूफी की बेटी, तेरे जीजू की बहन सबको शामिल कर लूंगी। फिर एक साथ होगी घमाशान चोदा चोदी। तेरे चारों तरफ लण्ड ही लण्ड इकठ्ठा कर दूँगी बेटी ? फिर आएगा जवानी का असली मज़ा ? वैसे आजकल लड़कियां लण्ड चोदने लगीं हैं । मैं तो कहती हूँ की आज से तू लण्ड चोदना शुरू कर दे । मैं आज रात को ही एक पार्टी रख लेती हूँ। रात भर चोदो लण्ड ? यहाँ बहुत लड़के हैं जिनके लण्ड बड़े आराम से चोदने को मिल जायेंगें । बस उसी दिन अम्मी ने मुझे लण्ड चोदना सिखा दिया। मैंने कहा हां अम्मी मैं रास्ता भटक गयी थीं। अब मैं वही करुंगी जो तुम कहोगी ? मैं बाहर कहीं नहीं जाऊंगी ?
कुछ दिन में मेरे भाई जान का निकाह होने वाला था। समय नजदीक आता गया। सब लोग इस बात के इंतज़ार में थे की इस बार किस तरह जश्न मनाया जाता है। हमारे यहां जश्न कई तरीक से मनाया जाता है। शादी के करीब करीब एक हफ्ते पहले से चहल पहल शुरू हो जाती है। हर दिन कोई न कोई प्रोग्राम होने लगता है। नाते रिस्तेदार, भाई बंधू, गली मोाहल्ले के लोग इकठ्ठा होने लगते हैं। बड़ी धूम धाम रहती है। दिन में अलग तरह के प्रोग्राम होतें है और रात में अलग तरह के ? सभी कार्यक्रमों में सेक्स हॉबी रहता है. आपस में खूब हंसी मजाक होती हैं, अश्लील बातें होतीं हैं, प्यार मोहब्बत में गाली गलौज भी होता है, हां एक बात है की मर्द गाली नहीं दे सकते। वो अपने मुंह से गालियां नहीं निकाल सकते। औरतें और लड़कियों को ही यह छूट मिली है। फिर खुल कर बातें की जातीं हैं, किसी पर कोई पाबन्दी नहीं होती। लड़कियों को, बेटियों को, बहुओं को खुली छूट होती हैं वो किसी को कुछ भी कह सकतीं हैं। किसी को भी किसी तरह की गाली दे सकतीं है सब लोग उसे एन्जॉय करते हैं। बेटियां कह देतीं है अब्बू तेरी बहन का लण्ड। अम्मी तेरी नन्द की बुर। अम्मी तेरा बेटी चोद भोसड़ा, अम्मी भी कहतीं है तेरी माँ की चूत, बेटी. तेरे ससुर का लण्ड बहन चोद। बहू कह देती है सासू तेरी बिटिया की बुर ? सास भी कहती है बहू तेरी माँ का भोसड़ा, तेरा भोसड़ी का अब्बू आदि आदी ? सभी ऐसी बातों का, ऐसी गालियों का मज़ा लेते हैं। कोई बुरा नहीं मांनता।
फिर सब लड़कियों और बहुओं ने बैठ कर चार दिन का प्रोग्राम बनाया। प्रोग्राम को सही ढंग से पेश करने के लिए मुझे और मेरी खाला की बेटी हया को चुन गया।
बुर चाटो और चाटो लण्ड
सब लोग इकठ्ठा हो गए तो मैंने सबसे पहले ड्रिंक्स चालू कर दी। एक एक पैग जब सबने पी ली तब मैंने कहा देखो भोसड़ी वालों और भोसड़ी वालियों आज का प्रोग्राम है चाटो बुर और चाटो लण्ड। तुम सब लोग किसी की भी बुर चाट सकते हो और लड़कियां / औरतें भी किसी का भी लण्ड चाट सकतीं हैं लेकिन न कोई अपनी बीवी की बुर चाटेगा और न अपने मियां का लण्ड ? अर्थात पराये मर्दों के लण्ड और पराई बीवी की बुर चाटी जाएगी। मर्द नंगे हो कर ही बुर चाटेंगे और औरतें नंगी होकर लण्ड चाटेंगी। बेटी हो, बीवी हो, बहू हो, सास हो, नन्द हो, साली हो, सबकी बुर चाटी जाएगी। इसी तरह अब्बू हो, खालू हो, मामू हो, जीजा हो, फूफा हो, नंदोई हो, बहनोई हो सबके लण्ड चाटे जायेंगे। आगे हया ने बताया की यह खेल ऐसा है की इसमें बुर किसी और की चाटी जाएगी और लण्ड किसी और का । जैसे मैं लण्ड किसी और का चाटूँगी मेरी बुर कोई और चाटेगा।
मैंने कहा इस खेल में जो आज मौजूद है मैं उनके नाम बता देती हूँ।
मैं समीना मेरा मियां साहिर
मेरी अम्मी आयसा मेरा अब्बू अमजद
खाला शबाना और खालू अजमल
खाला की बेटी हया और उसका मियां हनीफ
फूफी नगमा फूफा नियाज़,
फूफी की बेटी हिना उसका मियां लतीफ़,
मेरी सास रहीमा ससुर अल्ताफ
मेरी नन्द रेशमा नंदोई आरिफ
इस तरह ८ जोड़े है इस खेल में। अब मैं इसमें दो ग्रुप बना देती हूँ।
पहले ग्रुप में - मैं समीना, आयसा, शबाना, हया, नियाज़, लतीफ़, अल्ताफ और आरिफ
दूसरे ग्रुप में - साहिर, अमजद, अजमल. हनीफ, नगमा, हिना, रहीमा और रेशमा
अब आप लोग अपने अपने कपड़े उतार कर एकदम नंगे हो जाइए और अपने अपने ग्रुप में बुर चाटना और लण्ड चाटना शुरू कर दीजिये। बीच बीच में बुर और लण्ड के साथ शराब भी पीते रहिये। सबसे पहले मैंने अपना गोल गोल ग्रुप बना लिया।
मैंने फूफा नियाज़ का लण्ड पकड़ लिया और उसे हिलाने लगी। लण्ड खड़ा हुआ तो मैंने उसे चाटना शुरू कर दिया, फूफा मेरी अम्मी की बुर चाटने लगा , अम्मी हिना के मियां लतीफ़ का लण्ड चाटने लगी, लतीफ़ शबाना यानी मेरी खाला की बुर चाटने लगा, खाला ने मेरे ससुर का लण्ड चाटना शुरू कर दिया, मेरा ससुर हया की चूत कुत्ते की तरह चाटने लगा, हया मेरे नंदाई आरिफ का लण्ड चाटने लगी, आरिफ इधर मेरी बुर चाटने में जुट गया। तो देखा आपने दोस्तों, कितना मजेदार ग्रुप बन गया। इसमें बीवियां पराये मरद का लण्ड चाट रही हैं सारे मरद पराई बीवी की बुर चाट रहें है। यही इस खेल की खूबी है।
अब चलिए आपको दूसरे ग्रुप का हाल बता दूँ। यहां फूफी साहिर यानी मेरे मियां का लण्ड पकड़ कर सहला रही हैं। जबान से उसका सुपाड़ा बार बार चाट रही हैं, मेरा मियां हिना की बुर चाटने में लगा है। हिना फूफी की बेटी है। हिना मेरे अब्बू का लौड़ा चाट रही है। मेरा अब्बू मेरी सास की चूत में मुंह घुसेड़े हुए है। मेरी सास मेरा खालू का लौड़ा पी रही है। उसने खालू का लण्ड पूरा मुंह में घुसेड़ लिया है। खालू मेरी नन्द रेशमा की बुर चाट रहा है। रेशमा हनीफ (हया का मियां) का लौड़ा चूस रही है। और हनी फूफी की बुर चाट रहा है। यहाँ भी वही हाल है। लौड़ा किसी और का पियो और बुर किसी और की चाटो। यह सीन देख कर सबके नद उछल सबकी चूत थी। इतना ही नहीं जब राउंड खत्म हो गाय तो मैंने कहा देखो भई अब यहाँ सब बीवियों को ७ ७ लण्ड चाटने हैं। और सब मर्दों को ७ ७ बुर चटनी है। एक एक लण्ड और एक एक बुर हो गयी। पर अभी सबको ६ ६ लण्ड और चाटना हैं और ६ ६ चूत ? यह काम रात भर चलेगा। कोई यह न कहने पाये की उसने मेरा लण्ड नहीं चाटा या उसने मेरी बुर नहीं चाटी ?
माँ का चोदो भोसड़ा बेटी की चोदो बुर
दूसरे दिन जब हम लोग इकठ्ठा हुए तो मैंने कहा यहाँ भी गैर मर्दों से चुदाने का पूरा इंतज़ाम है। बेटियां चुदायेगीं माँ और माँ चुदायेगीं बेटियां। यानी अब्बा का लण्ड किसी और की बेटी की बुर में। किसी बेटी के मियां का लण्ड किसी और की माँ की चूत में ? अब आप लोग शुरू हो जाइए। सबसे पहले मैंने लतीफ़ हिना का मियां का लण्ड पकड़ा। उसे प्यार से सहलाया तो वह खड़ा हो गया। फिर मैंने उसे उसे अम्मी की चूत पर रखा और उसके चूतड़ दबा कर बोली लो यार तुम मेरी माँ का चोदो भोसड़ा ? वह वाकई मस्ती से चोदने लगा। हिना बोली हाय दईया तू समीना अपनी माँ चुदा रही है। मैं भी माँ चुदाने जा रही हूँ। वह उठी और मेरे मियां का लण्ड पकड़ कर अपनी माँ की चूत में घुसेड़ दिया। यानी मेरा मियां हिना की माँ चोदने लगा। फिर हया न रुक सकी वह आगे बढ़ी और मेरे नंदोई आरिफ का लौड़ा खूब मजे से हिलाया उसे चूमा और उसे खूब प्यार करते हुए अपनी माँ के भोसड़ा में पेल दिया। वह बोली अरी समीना देख तेरा नंदोई मेरी माँ चोद रहा है साला अब मैं किसी दिन इसकी माँ चोदूँगी। सब लोग यह सुनकर हंसने लगे।
तब तक मेरी नन्द उठी और उसने हनीफ का लौड़ा थामा उसे हिला हिला कर मस्ती से खजदा किया फिर वह अपनी माँ यानी मेरी सास की तरफ बढ़ी और उसकी बुर में घुसा दिया। वह बोली अम्मी देखो कितना मोटा लण्ड है तेरे भोसड़ा के लिए। ये हया के मियां का लण्ड है अम्मी। अब न कहना की मेरी बेटी ने अपनी माँ नहीं चुदवाई। हम सब बेटियाँ अपनी अपनी माँ के पास बैठ कर माँ का भोसड़ा चुदवाने लगी बाकी लोग अगल बगल बैठ कर माँ की चुदाई देखने लगे। उन्हें ऐसा लग रहा था जैसे वो कोई लाइव ब्लू फिल्म देख रहे हो । एक साथ चार चार चार माँ का चुदता हुआ भोसड़ा देखना बड़े नसीब की बात होती है। लोग ऐसा सीन कहाँ देख पाते हैं ? लण्ड जब भी फिसल कर इधर उधर चला जाता तब उनकी बेटियां लण्ड फिर अपनी अपनी माँ के भोसड़ा में घुसेड़ देतीं । फिर वह वहीँ नंगी नंगी बैठी हुई चोदने वालों के पेलहड़ सहलाने लगतीं और उनकी गांड पर हाथ फेरने लगती । माँ चुदाना बड़े फक्र की बात है ऐसा बेटियों की सोंच है।
इस तरह हम चारों लड़कियों ने गैर मर्दों के लण्ड पेल पेल कर अपनी माँ चुदाने का पहला राउंड खत्म किया। इसके बाद तो रात में कई और राउंड हुए । इन सभी अम्मियों ने तीन तीन लौंडों से और चुदवाया।
अब बारी आईअम्मियों की जो अपनी अपनी बेटी की बुर चुदाने के लिए तैयार हो गईं हैं।
सबसे पहले मेरी अम्मी आयसा उठी और मेरे ससुर के पास जाकर उसका लौड़ा हिलाने लगीं। ससुर भी भोसड़ी का वहीँ नंगा नंगा बैठा था। उसने मेरी माँ की चुदाई का पूरा मज़ा लिया और अपनी बिटिया को सबके लण्ड चाटते हुए देखा। मजे की बात यह थी की मेरी नन्द ने भी अपने अब्बूा का लण्ड मस्ती से चाटा। चुदाई में न कोई बाप है और न कोई बेटी हैं। यहां तो बस लण्ड है और चूत। अम्मी ने जैसे ससुर का लौड़ा हिलाया वह साला फनफना कर खड़ा हो गया। वह फिर मेरे आस आईं और लण्ड मेरी चूत पर रख दिया। चूत तो गीली थी ही। लण्ड सटाक से घुस गया। मेरे मुंह से चीख तो निकली लेकिन फिर मैं अपने ससुर से चुदवाने का लुत्फ़ उठाने लगी। मुझे वाकई बड़ा मज़ा आने लगा। तब तक मैंने देखा की हया की अम्मी मेरे मियां का लण्ड पकड़े पकड़े हया के पास पहुँच गयी। खाला जान (हया की अम्मी)ने हया की बुर टटोली, उसमे उंगली डाल कर बुर का जायज़ा लिया और मेरे मियां का लण्ड उस पर रख दिया। मेरा मियां साहिर तो इसी की तलास में था। उसने एक ही बार में पूरा लौड़ा पेल दिया। हया बोली हाय भोसड़ी के जीजू पूरा घुसेड़ दिया लण्ड। अरे मेरी चूत कहीं भाग जाएगी क्या ? आहिस्ते आहिस्ते चोदो न ?
उसकी अम्मी अपनी बेटी की बुर बैठी बैठी चुदवाने लगीं। तब तक मेरी फूफी आगे आई और और मेरे खालू अजमल पकड़ा। लौड़ा थो पहले से ही आधा खड़ा था। उसके पकड़ते ही पूरा खड़ा हो गया। फूफी ने लण्ड चूमा तो वह दहाड़ने लगा। फूफी उसे पकडे पकडे हिना के पास चली गयी और हिना की बुर पर टका दिया लण्ड। फिर उसने खालू की गांड पर हाथ रख कर दबा दिया तो लण्ड फटाक से हिना की चूत में घुस गया। हिना चुदवाने लगी और फूफी उसके पेलहड़ सहलाने लगी। वह भी अपनी बेटी की बुर चुदवाने का मज़ा लेने लगी। अब नंबर मेरी सास का आ गया। वह भी सबकी तरह उठी और मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ कर मुठियाने लगी। सास ने मेराअब्बू का कल चाटा ही था। वह तो मेरे अब्बू का लण्ड मस्ती से पीती है यह मैंने खुद देखा है। अब वह यही लण्ड अपनी बेटी की बुर में घुसेड़ने जा रही है। मेरी नन्द रेशमा बुर चोदी अपनी चूत खोले हुए बैठी ही थी।
जैसे ही मेरी सास ने अपनी बिटिया की बुर पे अब्बू का लण्ड टिकाया वैसे ही अब्बू ने एक गज़ब का धक्का मारा। लण्ड साला पूरा एक ही बार में घुस गया। रेशमा के मुंह से उफ़ तो निकला लेकिन वह फिर मस्ती से चुदवाने लगी। इस तरह पहले माँ चुदी अब बेटियां चुद रहीं है। सब लोग इसका मज़ा लूट रहें हैं। बेटियां चुदाना भी बड़े गर्व की बात है। जवानी में सेक्स का मज़ा लेना है तो फिर यही सब करना होता है और इससे माँ बेटी के तालुकात दोस्ती और याराना के बने रहतें है।
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