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बड़ी चुदक्कड़ है मेरी जेठानी की चुदाई करो चोदो - Meri chudkkad jethani ki chudai sabne choda
बड़ी चुदक्कड़ है मेरी जेठानी की चुदाई करो चोदो - Meri chudkkad jethani ki chudai sabne choda.
मेरा नाम साजिदा है। मैं एक अच्छे और उच्च खानदान को बिलोंग करती हूँ। मैं २६ साल की एक खूबसूरत, हॉट सेक्सी और बोल्ड लड़की हूँ। पढ़ी लिखी हूँ और फर्राटेदार इंग्लिश बोलती हूँ। कभी कभी तो इतना बोलती हूँ की लोगों की बोलती बंद हो जाती है। मैं जब कॉलेज में थी तो बोलने के लिए ही बहुत मशहूर थी। लड़के मुझसे बहस नहीं कर पाते थे। बहस करने से कतराते थे। मैं भी लड़कों को खूब चिढ़ाया करती थी और उनकी गांड मारा करती थी। बड़ा मज़ा आता था। मैं जब उन दिनों की याद करती हूँ तो मेरे तन बदन में गुद गुदी होने लगती है।
मैं जब बोलना शुरू करती हूँ तो धारा प्रवाह बोलती रहती हूँ। चाहे इंग्लिश हो या हिंदी। मुझे दोनों भाषाओँ में महारथ हांसिल है।मैं रूकती नहीं हूँ। मैं किसी भी विषय पर बोल सकती हूँ पर सेक्स पर बोलना मुझे बड़ा अच्छा लगता है। मैं अश्लील बातें भी खूब करती हूँ, हंसी मजाक करती हूँ, गंदे और नॉन वेज चुटकुले भी खूब सुनाती हूँ। हां जब गालियां देने की नौबतआती है तो फिर मेरा मुकाबला कोई नहीं कर सकता। मैं गालियां मुंह से गोलियों की तरह निकालती हूँ। एक से एक नयी नयी गालियों का इस्तेमाल करती हूँ मैं ?
मेरी शादी अभी ३ महीने पहले ही हुई है। शादी के बाद मैं सुहागरात मनाने विदेश गयी थी। वहां खूब एन्जॉय किया। खूब घूमी फिरी और खूब चुदाई भी करवाई। वहां पर मैंने कुछ दोस्त बना लिया उसने साथ ग्रुप में भी चुदाई की। विदेशी लोगों से चुदवाया। विदेशी लण्ड का मज़ा लिया और मेरे शौहर ने भी विदशी बीवियां चोदीं। मैंने अपना ट्रिप एक हफ्ते बढ़वा लिया था। खूब अच्छी तरह चुदवा कर वहां से आई। वहीँ से मुझे गैर मर्दों से चुदवाने का चस्का लग गया। मेरे मियां को भी गैर बीवियां चोदने की आदत लग गयी। मैं जब लौट कर आई तो ससुराल के मर्दों के लण्ड पर मेरी नज़रें टिकने लगी। मैं सबके लण्ड पकड़ने की कोशिश करने लगी। पहले किसी न किसी तरह से लण्ड का दीदार करती हूँ और फिर मौक़ा पाकर लण्ड पकड़ लेती हूँ । इस तरह मैंने अपने दोनों देवरों के लण्ड पकड़े और उनसे धकाधक चुदवाया। अब तो जब भी मौका मिलता है मैं उनके लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ लेती हूँ।
एक दिन की बात है. मेरा शौहर बाहर गया था। मैं अपने कमरे में अकेली थी और करवटें बदल रही थी। तभी मुझे बाथ रूम जाने की जरुरत पड़ी तो में वहां चली गयी। मैं जब लौट रही थी तो देखा की मेरी जेठानी के कमरे की लाइट धीमी धीमी जल रही है। मैंने सोंचा की मेरे जेठ जी तो बाहर गये हैं तो फिर जेठानी के पास कौन है ? मैं कमरे में झाँक कर देखने लगी। मैंने जो देखा वो हैरान करने वाला था। मैंने देखा की मेरी जेठानी बिलकुल नंगी लेटी हुई है। उसकी मस्त मस्त बड़ी बड़ी चूचियाँ उछल रहीं हैं। उसकी मस्त चिकनी चूत भी देखी और यह भी देखा कि वह किसी से गचागच चुदवा रही है। चोदने वाला भी नंगा है लेकिन न उसका मुंह दिखाई पड़ा और न उसका लण्ड। लण्ड तो जेठानी की चूत में घुसा था और मुंह नीचे था। मैं जानने की कोशिश करती रही की जेठानी किससे चुदवा रही है ? इतने में उस आदमी ने मुंह उठाया तो मैं मन में बोली हाय दईया ये तो मेरा खालू है। तो क्या जेठानी मेरे खालू से चुदवा रही है ? तब तक लण्ड चूत से बाहर निकल आया। अब तो पक्का हो गया की मेरा खालू ही उसे चोद रहा है।
मैं बाहर ही खड़ी खड़ी चुदाई देखती रही। फिर अचानक मैं अपने कमरे मे गई और मोबाइल उठा लायी। मैं चुदाई का वीडियो बनाने लगी। उस समय जेठानी मेरे खालू का लण्ड चूस रही थी। लण्ड अपनी चूचियों के बीच डाल डाल कर उसका सुपाड़ा चाट रही थी। थोड़ी देर में वह खालू के लण्ड पर बैठ गयी और अपने चूतड़ उठा उठा कर लण्ड पर पटकने लगी। उसकी इस तरह की चुदाई भी बड़ी मस्त थी। मेरी चूत का क्या हाल होगा यह आप लोग समझ ही सकतें हैं। उसके बाद जेठानी पीछे से चुदवाने लगी। लण्ड का बार बार अंदर आना जाना और उसकी मस्त मस्त चूचियों का हिलना सब मैंने वीडियो में कैद कर लिया। मैं मन ही मन कहने लगी की अब मैं मारुंगी इस मादर चोद जेठानी की गांड ? भोसड़ी वाली को मेरे ही खालू का लण्ड मिला है इसे अपनी बुर में घुसेड़ने को ? बड़ी हरामजादी है बुर चोदी मेरी जेठानी ? मैं किसी दिन इसकी माँ चोदूँगी। मैं मन ही मन खूब गालियां दे रही थी।
चुदाई खत्म होने के बाद जब मैं लौट रही थी तभी मुझे लगा की चलो लगे हाथ अपनी सास का भी कमरा देख लेती हूँ। क्योंकि मुझे किसी ने बताया था की साजिदा तेरी सास ससुरी लण्ड की बहुत बड़ी दीवानी है। जहाँ लण्ड देखती है वही डेरा डाल देती है। मैं जब कमरे के नजदीक पहुंची तो मेरी सास बोल रही थी हाय मेरे राजा पूरा लौड़ा पेल दो मेरी चूत में ? तेरा लौड़ा तो बड़ा मोटा है यार। ऐसा ही लौड़ा मेरी बुर चोद पाता है। मैं तोअब तुमसे खुल चुकी हूँ। अब क्या जब चाहो तब चोदो मेरी बुर ? हाय रे जैसे तुम अपनी बहू की बुर चोदते हो वैसे ही चोदो अपनी बहू की माँ का भोसड़ा ? तब मुझे लगा की मेरी सास अपनी बेटी के ससुर से चुदवा रही है। मतलब की वह अपने समधी का लण्ड अपनी चूत में पेले हुए चुदवा रही है। मेरी सास को यह भी मालूम है की उसकी बेटी अपने ससुर से चुदवाती है। मैंने मन में कहा साली मेरी जेठानी भी चुदक्कड़, मेरी सास भी चुदक्कड़ और मेरी नन्द भी बुर चोदी बड़ी चुदक्कड़ है।
मैंने सास की चुदाई का भी वीडियो बना लिया। तब मेरे मन में आया क्यों न अपनी नन्द की भी करतूत देख लूँ। मैं उसकी तरफ जाने लगी तभी नन्द ससुरी एकदम नंगी नंगी मेरे सामने आकर खड़ी हो गयी। वह बोली हाय भाभी तेरी बुर तो चुदासी होगी। तेरे पास तो अभी कोई लौड़ा नहीं है। चलो आज मैं तेरी चूत में लौड़ा पेलती हूँ। मैंने कहा अरी भोसड़ी की नन्द रानी तेरे पास भी तो लौड़ा नहीं है तू पेलेगी क्या ? वह बोली लौड़ा है भाभी तुम चलो तो अपने कमरे में ? मैं लौड़ा लेकर आती हूँ। मैं अपने कमरे में आ गयी। तभी मेरे पीछे से वह नंगी नंगी ही आई और अपने साथ दो लड़के भी नंगे नंगे लेआई। दोनों के खड़े लण्ड देख कर मेरी चूत की आग भड़क उठी। बोली भाभी ये है मेरा मामू जान और यह है इसका दोस्त ? मैंने इन्हें चोदने के लिए बुलाया है। अब बताओ कौन सा लौड़ा तेरी बुर में पेल दूँ भाभी ? मैंने कहा बुर में बाद में पेलना पहले मुंह में पेलो लण्ड । मैं लण्ड चूसने के लिए तरस रही हूँ। उसने मामू का लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया और उसके दोस्त का लण्ड खुद मेरे सामने चूसने लगी। फिर वह बोली भाभी आज मैं चोदूँगी तेरी बुर ?
मैं तो लण्ड पर टूट पड़ी। मुझे कोई लाज़ शर्म तो थी नहीं। जब मेरी जेठानी चुदवा रही हैं, मेरी सास चुदवा रही है मेरी नन्द चुदाने के लिए नंगी नंगी घूम रही है तो फिर मुझे चुदाने में क्या हर्ज़ है ? मुझे कौन भोसड़ी वाली मना कर सकती है। थोड़ी देर लण्ड चूसने के बाद मैं नन्द के मामू से बिंदास चुदवाने लगी। नन्द भी मेरे सामने टाँगे फैलाकर भकाभक चुदवाने लगी। रेशमा मेरी नन्द जिस तरह से चुदवा रही थी उससे मालूम हो रहा था की वह चुदवाने में कोई कसर नहीं उठा रखेगी। रंडी भी इस तरह नहीं चुदवाती होगी। उसे देख कर मेरा भी जोश बढ़ रहा था। मैं इस बात से और खुश थी की मेरी ससुराल में चोदा चोदी एकदम बिंदास होती है। कहीं भी किसी की भी चोद लो बुर। किसी भी बुर में पेल दो लण्ड। किसी का भी लौड़ा घुसा लो अपनी चूत में ? सब कुछ जायज़ है। यही सोंच कर मैं भी और गांड से जोर लगा कर चुदवाने लगी। थोड़ी देर में रेशमा ने लण्ड की अदला बदली कर दी। अब मुझे मामू के दोस्त का लौड़ा ठीक से चोदने लगा । ५ मिनट चोदने के बाद वह झड़ने लगा। तब मैंने झड़ता हुआ लण्ड चाटा। रेशमा भी जबान निकाल कर झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी। वह बोली भाभी अच्छा लगा इन दोनों के लण्ड ? मैंने कहा हां यार बड़ा मज़ा आया।
चुदाने के बाद हम लोग नंगी नंगी ही सो गए। सवेरे जब मैं ६ बजे उठी तो मन हुआ की जेठानी की कमरे में फिर एक बार देख लूँ। मैं उठी और वहां जाकर देखने लगी। मैंने देखा की जेठानी रेशमा के ससुर से चुदवा रही है। यानी रेशमा का ससुर जो पहले रेशमा की माँ का भोसड़ा चोद रहा था अब वह रेशमा की भाभी की बुर चोद रहा है। मैंने मन में कहा जेठानी भी बड़ी मस्त चुदक्कड़ है ? मैं फिर सास की तरफ लपक कर पहुँच गयी। वहां झाँक कर देखा तो मालूम हुआ की वह मेरे खालू से चुदवा रही है। मेरे खालू का पूरा लौड़ा अंदर घुसा कर सासू धकाधक चुदवा रही है। मतलब जो लण्ड पहले मेरी जेठानी की बुर चोद रहा था अब वह मेरी सास का भोसड़ा चोद रहा है। बात बिलकुल साफ़ है की मेरी सास और जेठानी दोनों मिलजुल कर लण्ड अदल बदल कर चुदवा रही हैं। फिर मैंने सोंचा चलो अच्छा है इधर हम दोनों (मैं और मेरी नन्द) भी तो लण्ड अदल बदल कर चुदवा रहीं हैं। हम भी तो रंडी से कम नहीं है।
थोड़ी देर में मुझे मालूम हुआ की मेरा खालू तो चल गया पर रेशमा ने अपने ससुर को रोक लिया। करीब करीब ८ बजे सुबह मैं जेठानी रेशमा और मेरी सास सब लोग बैठ कर नास्ता करने लगीं और बातें भी
रेशमा बोली - हाय हया भाभी, कल रात को तो बहुत मज़ा आया होगा ?
जेठानी - हां मज़ा तो वाकई खूब आया।
मैे - जेठानी जी मैंने सुना है की तुम्हे मेरे खालू का लण्ड बहुत पसंद है ?
वह बोली - हाय दईया साजिदा तुम्हे कैसे मालूम है ? पर यह बात तो सच है। मैं तेरे खालू का लौड़ा बहुत पसंद करती हूँ।
मैं - अच्छा पसंद है तो मुझे पहले बताया क्यों नहीं ?
जेठानी - क्यों यह जरुरी था क्या ? अरी भोसड़ी की साजिदा तेरा खालू मेरा जीजू लगता है। मैं उसकी साली हूँ। साली का जीजू से चुदवाना हक़ होता है। मैं तो तेरी शादी के पहले से ही तेरे खालू से चुदवा रही हूँ। तेरे खालू का एक दोस्त है साजिद, वह भी मुझे चोदता है।
सास - हाय दईया, तो फिर उससे मेरा भोसड़ा क्यों नहीं चुदवाया तूने बड़ी बहू ? मैंने तो अभी तक साजिद का लौड़ा देखा की नहीं ?
नन्द - तूने मेरे ससुर का लौड़ा देख लिया न अम्मी ? आज पहली बार वह मेरे माँइके में रुका और तूने पहले ही बार में ही दिखा दिया उसे अपना भोसड़ा ? चुदवा लिया न मेरे ससुर से ? मैं जानती थी की तू चूकने वाली नहीं है। तूने ही हाथ बढ़ा कर लण्ड पकड़ लिया होगा मेरे ससुर का ? तेरा भोसड़ा कितना आवारा है मैं यह जानती हूँ अम्मी ?
सास - अब घर में जब कोई मस्त लौड़ा होगा तो रात में बुर नहीं चोदेगा तो क्या करेगा ? उसने तो तेरी बड़ी भाभी की भी बुर चोदा है रेशमा ? और फिर तू क्या बड़ी दूध की धोई हुई है भोसड़ी वाली। तू तो ससुराल पहुंचते ही अपने ससुर का लण्ड पकड़ लिया। सिर्फ पकड़ा ही नहीं बल्कि धकाधक चुदवाने भी लगी। तेरे ससुर ने मुझे सब कुछ खोल कर बता दिया।
नन्द - वाओ, बता दिया तो क्या हुआ अम्मी। वह मादर चोद खुद बहुत बड़ा चोदू है। घर की सारी बहुओं की बुर लेता है मेरा ससुर ? मेरी सुहागरात के दिन से उसकी नियत मेरे पर ख़राब हो चुकी थी। एक दिन उसने लुंगी पहनते समय मुझे अपना लौड़ा खोल कर दिखा दिया था। लौड़ा देख कर मेरी चूत साली मचल उठी। बस फिर मैंने एक दिन मौका देख कर पकड़ लिया लण्ड। उसको तो चोदना ही था और मुझे भी चुदवाना था। बस हो गयी लण्ड और चूत की भिड़ंत। अब यहाँ देखो न साला मेरी माँ का भोसड़ा चोदा और फिर मेरी भाभी की बुर ? मेरे ससुर को छोडो अम्मी, मेरी बड़ी भाभी भी तो बहुत बड़ी चुदक्कड़ है। सबके लण्ड गप्प से घुसा लेती है अपनी चूत में ?
जेठानी - अच्छा रेशमा तू बहन चोद अपने ससुर से चुदवाती है और चुदक्कड़ मुझे कह रही है।
रेशमा - हां कह रही हूँ। ससुर मेरा है लेकिन चुदवाती तो तू है अपनी बुर ।
हम सब इसी बात पर हंस पड़ी।
दूसरे दिन मेरी सास, मेरी नन्द और उसका ससुर तीनो दिन भर के लिए कहीं चले गए। मैं और मेरी जेठानी घर पर रह गईं। मैं समझ गई की आज तो बड़ा अच्छा मौका है आज मेरी जेठानी जरूर किसी न किसी से दिन में चुदवायेगी। मैंने सोंचा की उसे मौक़ा देने के लिए मैं भी बाहर चली जाती हूँ। बस मैं तैयार हुई और कहा जेठानी जी मैं अपनी सहेली के घर जा रही हूँ शाम तक आऊंगी। मैं बाहर गयी और आधे घंटे में वापस आ गयी। मैं ताला खोल कर सीधे ऊपर चली गयी। जेठानी को मालूम ही नहीं हुआ की मैं वापस आ गयी हूँ। १५ मिनट के बाद मैंने सोंचा मैं चुपके से देखती हूँ की मेरी जेठानी क्या कर रही है ? मैं उसके कमरे की तरफ मुड़ी तो मुझे कुछ आवाज़ सुनाई पड़ी ,,,,, भोसड़ी के तेरा लण्ड तो आज कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा है यार ,,,,,,, और तेरे दोस्त का लण्ड तो तेरे लण्ड की ही तरह है बहन चोद ,,,,,, . तुम लोगों की बीवियां कैसे पहचानती है अपने अपने शौहर का लण्ड ,,,,,,? अरे हया भाभी मेरी बीवी इसका लण्ड खूब पहचानती है। इसी से चुदवाती है वो मुझसे नहीं,,,,,,,,,,,और हां भाभी ये भी तो मेरी बीवी चोदता है अपनी बीवी नहीं ,,,,,,,,, इसका मतलब तुम दोनों एक दूसरे की बीवी चोदते हो ,,,,,,, हां भाभी दूसरे की बीवी चोदने में ज्यादा मज़ा आता है।
मैंने जेठानी की आवाज़ पहचान ली और झाँक कर उनकी बात चीत सुन ली। मैंने देखा की मेरी जेठानी एकदम नंगी नंगी दो लण्ड अपने दोनों हाथ में लिए हुए बारी बारी से चाट रही है और बातें भी कर रही हैं। मैं यह जानकार हैरान थी की इतनी जल्दी जेठानी ने कैसे दो लण्ड का इंतज़ाम कर लिया ? मैंने जब दोनों लण्ड बड़े गौर से देखा तो मेरी चूत गनगना उठी। लण्ड भोसड़ी के दोनों मेरे खालू के लण्ड से बेहतर थे। मेरा मन हुआ की मैं भी घुस जाऊं और भकाभक चुदवा लूँ। तब तक जेठानी बोली अरे यार साजिद आज तेरा लण्ड वाकई बड़ा सख्त हो गाय है। और तेरे दोस्त लण्ड भी बड़ा सॉलिड है। तूने ठीक ही कहा था की भाभी एक बार मेरे दोस्त से चुदवा कर देखो। आज मैं वाकई देख रही हूँ। मैंने सोंचने लगी की अगर मेरी जेठानी इसकी भाभी हैं तो फिर मैं भी इसकी भाभी हुई। ये मेरा देवर हुआ। देवर का दोस्त भी देवर। तब तो मेरा भी हक़ है इन दोनों लण्ड पर। मैं भी इन दोनों से चुदवाऊँगी।
तब तक उधर जेठानी ने साजिद का लण्ड अपनी बुर में घुसेड़ा और चुदवाने लगी। वह साहिल का लण्ड मुंह में लेकर चूसने भी लगी।
थोड़ी देर में जेठानी बोली :- यार साजिद, मेरी देवरानी की बुर मेरी बुर से ज्यादा टाइट है। उसकी चूचियाँ भी मेरी चूचियों से ज्यादा बड़ी हैं और सुडौल भी। आज वह अगर मेरे पास होती तो मैं तेरा लण्ड उसकी चूत की घुसेड़ देती ? तुझे भी नयी चूत मिलती और उसे भी नया लण्ड ? दो दो लण्ड से चुदवाने का लुत्फ़ वह भी उठाती और मैं भी। मैं उसकी बुर में लौड़ा पेलती वह मेरी बुर में ? कितना मज़ा आता ?
साजिद ने कहा :- तो फिर बुला लो न अपनी देवरानी को, भाभी ?
जेठानी ने कहा :- जानते हो क्या हुआ ? जब तेरा फोन आया तो वह जा चुकी थी। मैंने सोंचा था की तुम अपने दोस्त के साथ आ रहे हो तो मैं अपनी देवरानी की बुर चुदवा लूंगी। उसके साथ चुदवाने का मज़ा लूंगी। यही सोंच कर मैंने उसे तुरंत फोन लगाया। पर घंटी जाती रही उस बुर चोदी ने फोन उठाया ही नहीं ? दुबारा फोन लगाया तब भी उसने नहीं उठाया। पता नहीं कहाँ माँ चुदा रही थी अपनी ? कितना बढ़िया मौका था एक साथ चुदवाने का। सब गांड में घुस गया बहन चोद।
यह सुनकर मैं बहुत खुश हुई। मैं अपना फोन घर में ही भूल गयी थी। उसमे देखा तो दो मिस्ड कॉल थे। मैंने मन में कहा वाओ, मेरी जेठानी मेरा कितना ख्याल रखतीं हैं। मेरी चूत का कितना ख्याल रखती है। मैं बिना मतलब ही उसे गालियां दे रही थी। वह तो मेरे लिए कुछ भी कर सकती है। मेरा जेठानी के प्रति प्यार उमड़ने लगा। दूसरी बात मुझे यहअच्छी लगी की मेरी जेठानी भी मेरी तरह अच्छी अच्छी गालियां दे लेती हैं। मैं एक बार फिर अपनी जेठानी की मस्त चुदाई देखने लगी और उसका वीडियो बनाने लगी। मैंने सोंचा की इस बार वह मस्ती से इन दोनों से चुदवा ले मैं फिर उसके सामने दूसरी पारी में चुदवाऊँगी। जेठानी कभी साजिद का लण्ड अपनी बुर में पेलती कभी साहिल का लण्ड। कभी इसका लण्ड चूसती कभी उसका लण्ड। कभी पीछे से चुदवाती कभी आगे से। कभी लण्ड पर बैठ कर चुदवाती और कभी अपनी चूचियों पर बैठा कर। उस दिन मुझे यकीन हो गया की मेरी जेठानी किसी भी मंजी हुई रंडी के कम नहीं हैं।
बाद में मैंने उसे दोनों झड़ते हुए लण्ड चाटते हुए मजे से देखा। चुदाई के बाद वो सब खाना खाने लगे। तभी मैंने जेठानी को फोन लगा दिया और बोली अरी जीजी आपका फोन आया था। मैंने अभी मिस्ड कॉल देखी। उस समय उठा नहीं पाई सॉरी। वह बोली कोई बात नहीं लेकिन तू कहाँ है जल्दी आ जा न ? तेरे लिए गिफ्ट लायी हूँ। मैंने कहा मैं बस ५ मिनट में पहुँच रही हूँ। मैं तो ऊपर से देख ही रही थी। यह सुनते ही साजिद और साहिल दोनों कपडे पहनने लगे। तब जेठानी बोली अरे मादर चोदो मेरी देवरानी से तुम्हारी गांड फट रही है क्या ? नंगे नंगे ही रहो। वो तेरा लण्ड पकड़ने ही आ रही है। बस मैं पर्श लेकर वही कपड़े कर जेठानी की कमरे में घुस गयी। वह बोली देख साजिदा ये दोनों लण्ड हैं तेरा गिफ्ट ? तू चाहे इन्हे अपने मुंह में ले, चाहे अपनी बुर में ले और चाहे अपनी गांड में ? मैंने लण्ड पकड़ कर कहा वाओ, जीजी आप मेरा ख्याल बहुत रखती हैं। वह बोली मैं तेरा ख्याल नहीं तेरी चूत का ख्याल रखती हूँ।
फिर मैंने मस्ती से जेठानी के सामने ही दोनों से झमाझम चुदवाया।
शाम को मेरी सास नन्द और उसका ससुर लौट आये। नास्ता वगैरह होने के बाद हम सब लोग एक ही जगह बैठे थे। तब तक मेरी नन्द मेरे कान में बोली भाभी आज रात को मैं तेरी चूत में अपने ससुर का लण्ड पेलूंगी। देखो वह मेरी माँ चोद चुका है, मेरी बड़ी भाभी की बुर ले चुका है। मैं तो उससे चुदवाती ही हूँ। अब तो बस तेरी ही चूत बची है साजिदा भाभी ? मैंने कहा तो फिर तू मेरे कान में क्यों कह रही है ? सबके सामने कह न ? किसी से कोई शर्म है क्या ? वह बोली मैं कहूँगी नहीं करुँगी। उसने सबके सामने मेरा हाथ पकड़ कर अपने ससुर के लण्ड पर रख दिया। मैंने कहा ऐसे नहीं नन्द रानी लौड़ा खोल कर पकड़ाओ मुझे ? फिर मैं उठी और टी वी ऑन करके अपने मोबाइल से कनेक्ट कर दिया। टी वी पर मेरा वीडियो चलने लगा। जैसे ही जेठानी नंगी नंगी दिखीं उसकी चूत और चूचियाँ दिखी, वह चुदवाते हुए दिखी वैसे ही सबने तालियां बजानी शुरू कर दी। फिर आ गया मेरे खालू का लण्ड जो मेरी जेठानी की बुर चोद रहा था। जेठानी बोली हाय दईया, साजिदा तू भोसड़ी की बड़ी हरामी चीज है। चोरी चोरी तूने मेरी ब्लू फिल्म बना ली।
दूसरी फिल्म जब मैंने शुरू की तो उसमे मेरी सास का भोसड़ा दिखाई पड़ा और भोसड़ा में मेरी नन्द के ससुर का लण्ड ? मेरी सास तो मस्त हो गयी फिल्म देख कर। सबने खूब एन्जॉय किया। फिर मैंने तीसरी फिल्म भी दिखाई जिसमे मेरी जेठानी साजिद और साहिल दोनों से एक साथ चुदवा रहीं हैं। जेठानी बोली हाय अल्ला, तू बुर चोदी यहीं बैठी थी ऊपर ? तेरी माँ की चूत साजिदा तेरी बहन का लण्ड, तू बड़ी कुत्ती चीज है। मेरी भी ब्लू फिल्म बना ली तूने। लेकिन यार आज मुझे पता चला की मैं बड़ी अच्छी तरह चुदवा लेती हूँ। मैंने चुपचाप ये तीनो फिल्में विदेशी व्यापारियों को बेंच दी। विदेशो में इंडियन ब्लू फिल्म की बहुत डिमांड है। मुझे अच्छे खासे पैसे मिल गए यानी लाखों रुपये मिल गये। मेरी नन्द बोली वाओ, अम्मी देखा भाभी का कमाल ? पैसे का पैसा और मज़ा का मज़ा ? यानी पैसे भी लो और लण्ड का मज़ा भी लो...
मेरा नाम साजिदा है। मैं एक अच्छे और उच्च खानदान को बिलोंग करती हूँ। मैं २६ साल की एक खूबसूरत, हॉट सेक्सी और बोल्ड लड़की हूँ। पढ़ी लिखी हूँ और फर्राटेदार इंग्लिश बोलती हूँ। कभी कभी तो इतना बोलती हूँ की लोगों की बोलती बंद हो जाती है। मैं जब कॉलेज में थी तो बोलने के लिए ही बहुत मशहूर थी। लड़के मुझसे बहस नहीं कर पाते थे। बहस करने से कतराते थे। मैं भी लड़कों को खूब चिढ़ाया करती थी और उनकी गांड मारा करती थी। बड़ा मज़ा आता था। मैं जब उन दिनों की याद करती हूँ तो मेरे तन बदन में गुद गुदी होने लगती है।
मैं जब बोलना शुरू करती हूँ तो धारा प्रवाह बोलती रहती हूँ। चाहे इंग्लिश हो या हिंदी। मुझे दोनों भाषाओँ में महारथ हांसिल है।मैं रूकती नहीं हूँ। मैं किसी भी विषय पर बोल सकती हूँ पर सेक्स पर बोलना मुझे बड़ा अच्छा लगता है। मैं अश्लील बातें भी खूब करती हूँ, हंसी मजाक करती हूँ, गंदे और नॉन वेज चुटकुले भी खूब सुनाती हूँ। हां जब गालियां देने की नौबतआती है तो फिर मेरा मुकाबला कोई नहीं कर सकता। मैं गालियां मुंह से गोलियों की तरह निकालती हूँ। एक से एक नयी नयी गालियों का इस्तेमाल करती हूँ मैं ?
मेरी शादी अभी ३ महीने पहले ही हुई है। शादी के बाद मैं सुहागरात मनाने विदेश गयी थी। वहां खूब एन्जॉय किया। खूब घूमी फिरी और खूब चुदाई भी करवाई। वहां पर मैंने कुछ दोस्त बना लिया उसने साथ ग्रुप में भी चुदाई की। विदेशी लोगों से चुदवाया। विदेशी लण्ड का मज़ा लिया और मेरे शौहर ने भी विदशी बीवियां चोदीं। मैंने अपना ट्रिप एक हफ्ते बढ़वा लिया था। खूब अच्छी तरह चुदवा कर वहां से आई। वहीँ से मुझे गैर मर्दों से चुदवाने का चस्का लग गया। मेरे मियां को भी गैर बीवियां चोदने की आदत लग गयी। मैं जब लौट कर आई तो ससुराल के मर्दों के लण्ड पर मेरी नज़रें टिकने लगी। मैं सबके लण्ड पकड़ने की कोशिश करने लगी। पहले किसी न किसी तरह से लण्ड का दीदार करती हूँ और फिर मौक़ा पाकर लण्ड पकड़ लेती हूँ । इस तरह मैंने अपने दोनों देवरों के लण्ड पकड़े और उनसे धकाधक चुदवाया। अब तो जब भी मौका मिलता है मैं उनके लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ लेती हूँ।
एक दिन की बात है. मेरा शौहर बाहर गया था। मैं अपने कमरे में अकेली थी और करवटें बदल रही थी। तभी मुझे बाथ रूम जाने की जरुरत पड़ी तो में वहां चली गयी। मैं जब लौट रही थी तो देखा की मेरी जेठानी के कमरे की लाइट धीमी धीमी जल रही है। मैंने सोंचा की मेरे जेठ जी तो बाहर गये हैं तो फिर जेठानी के पास कौन है ? मैं कमरे में झाँक कर देखने लगी। मैंने जो देखा वो हैरान करने वाला था। मैंने देखा की मेरी जेठानी बिलकुल नंगी लेटी हुई है। उसकी मस्त मस्त बड़ी बड़ी चूचियाँ उछल रहीं हैं। उसकी मस्त चिकनी चूत भी देखी और यह भी देखा कि वह किसी से गचागच चुदवा रही है। चोदने वाला भी नंगा है लेकिन न उसका मुंह दिखाई पड़ा और न उसका लण्ड। लण्ड तो जेठानी की चूत में घुसा था और मुंह नीचे था। मैं जानने की कोशिश करती रही की जेठानी किससे चुदवा रही है ? इतने में उस आदमी ने मुंह उठाया तो मैं मन में बोली हाय दईया ये तो मेरा खालू है। तो क्या जेठानी मेरे खालू से चुदवा रही है ? तब तक लण्ड चूत से बाहर निकल आया। अब तो पक्का हो गया की मेरा खालू ही उसे चोद रहा है।
मैं बाहर ही खड़ी खड़ी चुदाई देखती रही। फिर अचानक मैं अपने कमरे मे गई और मोबाइल उठा लायी। मैं चुदाई का वीडियो बनाने लगी। उस समय जेठानी मेरे खालू का लण्ड चूस रही थी। लण्ड अपनी चूचियों के बीच डाल डाल कर उसका सुपाड़ा चाट रही थी। थोड़ी देर में वह खालू के लण्ड पर बैठ गयी और अपने चूतड़ उठा उठा कर लण्ड पर पटकने लगी। उसकी इस तरह की चुदाई भी बड़ी मस्त थी। मेरी चूत का क्या हाल होगा यह आप लोग समझ ही सकतें हैं। उसके बाद जेठानी पीछे से चुदवाने लगी। लण्ड का बार बार अंदर आना जाना और उसकी मस्त मस्त चूचियों का हिलना सब मैंने वीडियो में कैद कर लिया। मैं मन ही मन कहने लगी की अब मैं मारुंगी इस मादर चोद जेठानी की गांड ? भोसड़ी वाली को मेरे ही खालू का लण्ड मिला है इसे अपनी बुर में घुसेड़ने को ? बड़ी हरामजादी है बुर चोदी मेरी जेठानी ? मैं किसी दिन इसकी माँ चोदूँगी। मैं मन ही मन खूब गालियां दे रही थी।
चुदाई खत्म होने के बाद जब मैं लौट रही थी तभी मुझे लगा की चलो लगे हाथ अपनी सास का भी कमरा देख लेती हूँ। क्योंकि मुझे किसी ने बताया था की साजिदा तेरी सास ससुरी लण्ड की बहुत बड़ी दीवानी है। जहाँ लण्ड देखती है वही डेरा डाल देती है। मैं जब कमरे के नजदीक पहुंची तो मेरी सास बोल रही थी हाय मेरे राजा पूरा लौड़ा पेल दो मेरी चूत में ? तेरा लौड़ा तो बड़ा मोटा है यार। ऐसा ही लौड़ा मेरी बुर चोद पाता है। मैं तोअब तुमसे खुल चुकी हूँ। अब क्या जब चाहो तब चोदो मेरी बुर ? हाय रे जैसे तुम अपनी बहू की बुर चोदते हो वैसे ही चोदो अपनी बहू की माँ का भोसड़ा ? तब मुझे लगा की मेरी सास अपनी बेटी के ससुर से चुदवा रही है। मतलब की वह अपने समधी का लण्ड अपनी चूत में पेले हुए चुदवा रही है। मेरी सास को यह भी मालूम है की उसकी बेटी अपने ससुर से चुदवाती है। मैंने मन में कहा साली मेरी जेठानी भी चुदक्कड़, मेरी सास भी चुदक्कड़ और मेरी नन्द भी बुर चोदी बड़ी चुदक्कड़ है।
मैंने सास की चुदाई का भी वीडियो बना लिया। तब मेरे मन में आया क्यों न अपनी नन्द की भी करतूत देख लूँ। मैं उसकी तरफ जाने लगी तभी नन्द ससुरी एकदम नंगी नंगी मेरे सामने आकर खड़ी हो गयी। वह बोली हाय भाभी तेरी बुर तो चुदासी होगी। तेरे पास तो अभी कोई लौड़ा नहीं है। चलो आज मैं तेरी चूत में लौड़ा पेलती हूँ। मैंने कहा अरी भोसड़ी की नन्द रानी तेरे पास भी तो लौड़ा नहीं है तू पेलेगी क्या ? वह बोली लौड़ा है भाभी तुम चलो तो अपने कमरे में ? मैं लौड़ा लेकर आती हूँ। मैं अपने कमरे में आ गयी। तभी मेरे पीछे से वह नंगी नंगी ही आई और अपने साथ दो लड़के भी नंगे नंगे लेआई। दोनों के खड़े लण्ड देख कर मेरी चूत की आग भड़क उठी। बोली भाभी ये है मेरा मामू जान और यह है इसका दोस्त ? मैंने इन्हें चोदने के लिए बुलाया है। अब बताओ कौन सा लौड़ा तेरी बुर में पेल दूँ भाभी ? मैंने कहा बुर में बाद में पेलना पहले मुंह में पेलो लण्ड । मैं लण्ड चूसने के लिए तरस रही हूँ। उसने मामू का लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया और उसके दोस्त का लण्ड खुद मेरे सामने चूसने लगी। फिर वह बोली भाभी आज मैं चोदूँगी तेरी बुर ?
मैं तो लण्ड पर टूट पड़ी। मुझे कोई लाज़ शर्म तो थी नहीं। जब मेरी जेठानी चुदवा रही हैं, मेरी सास चुदवा रही है मेरी नन्द चुदाने के लिए नंगी नंगी घूम रही है तो फिर मुझे चुदाने में क्या हर्ज़ है ? मुझे कौन भोसड़ी वाली मना कर सकती है। थोड़ी देर लण्ड चूसने के बाद मैं नन्द के मामू से बिंदास चुदवाने लगी। नन्द भी मेरे सामने टाँगे फैलाकर भकाभक चुदवाने लगी। रेशमा मेरी नन्द जिस तरह से चुदवा रही थी उससे मालूम हो रहा था की वह चुदवाने में कोई कसर नहीं उठा रखेगी। रंडी भी इस तरह नहीं चुदवाती होगी। उसे देख कर मेरा भी जोश बढ़ रहा था। मैं इस बात से और खुश थी की मेरी ससुराल में चोदा चोदी एकदम बिंदास होती है। कहीं भी किसी की भी चोद लो बुर। किसी भी बुर में पेल दो लण्ड। किसी का भी लौड़ा घुसा लो अपनी चूत में ? सब कुछ जायज़ है। यही सोंच कर मैं भी और गांड से जोर लगा कर चुदवाने लगी। थोड़ी देर में रेशमा ने लण्ड की अदला बदली कर दी। अब मुझे मामू के दोस्त का लौड़ा ठीक से चोदने लगा । ५ मिनट चोदने के बाद वह झड़ने लगा। तब मैंने झड़ता हुआ लण्ड चाटा। रेशमा भी जबान निकाल कर झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी। वह बोली भाभी अच्छा लगा इन दोनों के लण्ड ? मैंने कहा हां यार बड़ा मज़ा आया।
चुदाने के बाद हम लोग नंगी नंगी ही सो गए। सवेरे जब मैं ६ बजे उठी तो मन हुआ की जेठानी की कमरे में फिर एक बार देख लूँ। मैं उठी और वहां जाकर देखने लगी। मैंने देखा की जेठानी रेशमा के ससुर से चुदवा रही है। यानी रेशमा का ससुर जो पहले रेशमा की माँ का भोसड़ा चोद रहा था अब वह रेशमा की भाभी की बुर चोद रहा है। मैंने मन में कहा जेठानी भी बड़ी मस्त चुदक्कड़ है ? मैं फिर सास की तरफ लपक कर पहुँच गयी। वहां झाँक कर देखा तो मालूम हुआ की वह मेरे खालू से चुदवा रही है। मेरे खालू का पूरा लौड़ा अंदर घुसा कर सासू धकाधक चुदवा रही है। मतलब जो लण्ड पहले मेरी जेठानी की बुर चोद रहा था अब वह मेरी सास का भोसड़ा चोद रहा है। बात बिलकुल साफ़ है की मेरी सास और जेठानी दोनों मिलजुल कर लण्ड अदल बदल कर चुदवा रही हैं। फिर मैंने सोंचा चलो अच्छा है इधर हम दोनों (मैं और मेरी नन्द) भी तो लण्ड अदल बदल कर चुदवा रहीं हैं। हम भी तो रंडी से कम नहीं है।
थोड़ी देर में मुझे मालूम हुआ की मेरा खालू तो चल गया पर रेशमा ने अपने ससुर को रोक लिया। करीब करीब ८ बजे सुबह मैं जेठानी रेशमा और मेरी सास सब लोग बैठ कर नास्ता करने लगीं और बातें भी
रेशमा बोली - हाय हया भाभी, कल रात को तो बहुत मज़ा आया होगा ?
जेठानी - हां मज़ा तो वाकई खूब आया।
मैे - जेठानी जी मैंने सुना है की तुम्हे मेरे खालू का लण्ड बहुत पसंद है ?
वह बोली - हाय दईया साजिदा तुम्हे कैसे मालूम है ? पर यह बात तो सच है। मैं तेरे खालू का लौड़ा बहुत पसंद करती हूँ।
मैं - अच्छा पसंद है तो मुझे पहले बताया क्यों नहीं ?
जेठानी - क्यों यह जरुरी था क्या ? अरी भोसड़ी की साजिदा तेरा खालू मेरा जीजू लगता है। मैं उसकी साली हूँ। साली का जीजू से चुदवाना हक़ होता है। मैं तो तेरी शादी के पहले से ही तेरे खालू से चुदवा रही हूँ। तेरे खालू का एक दोस्त है साजिद, वह भी मुझे चोदता है।
सास - हाय दईया, तो फिर उससे मेरा भोसड़ा क्यों नहीं चुदवाया तूने बड़ी बहू ? मैंने तो अभी तक साजिद का लौड़ा देखा की नहीं ?
नन्द - तूने मेरे ससुर का लौड़ा देख लिया न अम्मी ? आज पहली बार वह मेरे माँइके में रुका और तूने पहले ही बार में ही दिखा दिया उसे अपना भोसड़ा ? चुदवा लिया न मेरे ससुर से ? मैं जानती थी की तू चूकने वाली नहीं है। तूने ही हाथ बढ़ा कर लण्ड पकड़ लिया होगा मेरे ससुर का ? तेरा भोसड़ा कितना आवारा है मैं यह जानती हूँ अम्मी ?
सास - अब घर में जब कोई मस्त लौड़ा होगा तो रात में बुर नहीं चोदेगा तो क्या करेगा ? उसने तो तेरी बड़ी भाभी की भी बुर चोदा है रेशमा ? और फिर तू क्या बड़ी दूध की धोई हुई है भोसड़ी वाली। तू तो ससुराल पहुंचते ही अपने ससुर का लण्ड पकड़ लिया। सिर्फ पकड़ा ही नहीं बल्कि धकाधक चुदवाने भी लगी। तेरे ससुर ने मुझे सब कुछ खोल कर बता दिया।
नन्द - वाओ, बता दिया तो क्या हुआ अम्मी। वह मादर चोद खुद बहुत बड़ा चोदू है। घर की सारी बहुओं की बुर लेता है मेरा ससुर ? मेरी सुहागरात के दिन से उसकी नियत मेरे पर ख़राब हो चुकी थी। एक दिन उसने लुंगी पहनते समय मुझे अपना लौड़ा खोल कर दिखा दिया था। लौड़ा देख कर मेरी चूत साली मचल उठी। बस फिर मैंने एक दिन मौका देख कर पकड़ लिया लण्ड। उसको तो चोदना ही था और मुझे भी चुदवाना था। बस हो गयी लण्ड और चूत की भिड़ंत। अब यहाँ देखो न साला मेरी माँ का भोसड़ा चोदा और फिर मेरी भाभी की बुर ? मेरे ससुर को छोडो अम्मी, मेरी बड़ी भाभी भी तो बहुत बड़ी चुदक्कड़ है। सबके लण्ड गप्प से घुसा लेती है अपनी चूत में ?
जेठानी - अच्छा रेशमा तू बहन चोद अपने ससुर से चुदवाती है और चुदक्कड़ मुझे कह रही है।
रेशमा - हां कह रही हूँ। ससुर मेरा है लेकिन चुदवाती तो तू है अपनी बुर ।
हम सब इसी बात पर हंस पड़ी।
दूसरे दिन मेरी सास, मेरी नन्द और उसका ससुर तीनो दिन भर के लिए कहीं चले गए। मैं और मेरी जेठानी घर पर रह गईं। मैं समझ गई की आज तो बड़ा अच्छा मौका है आज मेरी जेठानी जरूर किसी न किसी से दिन में चुदवायेगी। मैंने सोंचा की उसे मौक़ा देने के लिए मैं भी बाहर चली जाती हूँ। बस मैं तैयार हुई और कहा जेठानी जी मैं अपनी सहेली के घर जा रही हूँ शाम तक आऊंगी। मैं बाहर गयी और आधे घंटे में वापस आ गयी। मैं ताला खोल कर सीधे ऊपर चली गयी। जेठानी को मालूम ही नहीं हुआ की मैं वापस आ गयी हूँ। १५ मिनट के बाद मैंने सोंचा मैं चुपके से देखती हूँ की मेरी जेठानी क्या कर रही है ? मैं उसके कमरे की तरफ मुड़ी तो मुझे कुछ आवाज़ सुनाई पड़ी ,,,,, भोसड़ी के तेरा लण्ड तो आज कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा है यार ,,,,,,, और तेरे दोस्त का लण्ड तो तेरे लण्ड की ही तरह है बहन चोद ,,,,,, . तुम लोगों की बीवियां कैसे पहचानती है अपने अपने शौहर का लण्ड ,,,,,,? अरे हया भाभी मेरी बीवी इसका लण्ड खूब पहचानती है। इसी से चुदवाती है वो मुझसे नहीं,,,,,,,,,,,और हां भाभी ये भी तो मेरी बीवी चोदता है अपनी बीवी नहीं ,,,,,,,,, इसका मतलब तुम दोनों एक दूसरे की बीवी चोदते हो ,,,,,,, हां भाभी दूसरे की बीवी चोदने में ज्यादा मज़ा आता है।
मैंने जेठानी की आवाज़ पहचान ली और झाँक कर उनकी बात चीत सुन ली। मैंने देखा की मेरी जेठानी एकदम नंगी नंगी दो लण्ड अपने दोनों हाथ में लिए हुए बारी बारी से चाट रही है और बातें भी कर रही हैं। मैं यह जानकार हैरान थी की इतनी जल्दी जेठानी ने कैसे दो लण्ड का इंतज़ाम कर लिया ? मैंने जब दोनों लण्ड बड़े गौर से देखा तो मेरी चूत गनगना उठी। लण्ड भोसड़ी के दोनों मेरे खालू के लण्ड से बेहतर थे। मेरा मन हुआ की मैं भी घुस जाऊं और भकाभक चुदवा लूँ। तब तक जेठानी बोली अरे यार साजिद आज तेरा लण्ड वाकई बड़ा सख्त हो गाय है। और तेरे दोस्त लण्ड भी बड़ा सॉलिड है। तूने ठीक ही कहा था की भाभी एक बार मेरे दोस्त से चुदवा कर देखो। आज मैं वाकई देख रही हूँ। मैंने सोंचने लगी की अगर मेरी जेठानी इसकी भाभी हैं तो फिर मैं भी इसकी भाभी हुई। ये मेरा देवर हुआ। देवर का दोस्त भी देवर। तब तो मेरा भी हक़ है इन दोनों लण्ड पर। मैं भी इन दोनों से चुदवाऊँगी।
तब तक उधर जेठानी ने साजिद का लण्ड अपनी बुर में घुसेड़ा और चुदवाने लगी। वह साहिल का लण्ड मुंह में लेकर चूसने भी लगी।
थोड़ी देर में जेठानी बोली :- यार साजिद, मेरी देवरानी की बुर मेरी बुर से ज्यादा टाइट है। उसकी चूचियाँ भी मेरी चूचियों से ज्यादा बड़ी हैं और सुडौल भी। आज वह अगर मेरे पास होती तो मैं तेरा लण्ड उसकी चूत की घुसेड़ देती ? तुझे भी नयी चूत मिलती और उसे भी नया लण्ड ? दो दो लण्ड से चुदवाने का लुत्फ़ वह भी उठाती और मैं भी। मैं उसकी बुर में लौड़ा पेलती वह मेरी बुर में ? कितना मज़ा आता ?
साजिद ने कहा :- तो फिर बुला लो न अपनी देवरानी को, भाभी ?
जेठानी ने कहा :- जानते हो क्या हुआ ? जब तेरा फोन आया तो वह जा चुकी थी। मैंने सोंचा था की तुम अपने दोस्त के साथ आ रहे हो तो मैं अपनी देवरानी की बुर चुदवा लूंगी। उसके साथ चुदवाने का मज़ा लूंगी। यही सोंच कर मैंने उसे तुरंत फोन लगाया। पर घंटी जाती रही उस बुर चोदी ने फोन उठाया ही नहीं ? दुबारा फोन लगाया तब भी उसने नहीं उठाया। पता नहीं कहाँ माँ चुदा रही थी अपनी ? कितना बढ़िया मौका था एक साथ चुदवाने का। सब गांड में घुस गया बहन चोद।
यह सुनकर मैं बहुत खुश हुई। मैं अपना फोन घर में ही भूल गयी थी। उसमे देखा तो दो मिस्ड कॉल थे। मैंने मन में कहा वाओ, मेरी जेठानी मेरा कितना ख्याल रखतीं हैं। मेरी चूत का कितना ख्याल रखती है। मैं बिना मतलब ही उसे गालियां दे रही थी। वह तो मेरे लिए कुछ भी कर सकती है। मेरा जेठानी के प्रति प्यार उमड़ने लगा। दूसरी बात मुझे यहअच्छी लगी की मेरी जेठानी भी मेरी तरह अच्छी अच्छी गालियां दे लेती हैं। मैं एक बार फिर अपनी जेठानी की मस्त चुदाई देखने लगी और उसका वीडियो बनाने लगी। मैंने सोंचा की इस बार वह मस्ती से इन दोनों से चुदवा ले मैं फिर उसके सामने दूसरी पारी में चुदवाऊँगी। जेठानी कभी साजिद का लण्ड अपनी बुर में पेलती कभी साहिल का लण्ड। कभी इसका लण्ड चूसती कभी उसका लण्ड। कभी पीछे से चुदवाती कभी आगे से। कभी लण्ड पर बैठ कर चुदवाती और कभी अपनी चूचियों पर बैठा कर। उस दिन मुझे यकीन हो गया की मेरी जेठानी किसी भी मंजी हुई रंडी के कम नहीं हैं।
बाद में मैंने उसे दोनों झड़ते हुए लण्ड चाटते हुए मजे से देखा। चुदाई के बाद वो सब खाना खाने लगे। तभी मैंने जेठानी को फोन लगा दिया और बोली अरी जीजी आपका फोन आया था। मैंने अभी मिस्ड कॉल देखी। उस समय उठा नहीं पाई सॉरी। वह बोली कोई बात नहीं लेकिन तू कहाँ है जल्दी आ जा न ? तेरे लिए गिफ्ट लायी हूँ। मैंने कहा मैं बस ५ मिनट में पहुँच रही हूँ। मैं तो ऊपर से देख ही रही थी। यह सुनते ही साजिद और साहिल दोनों कपडे पहनने लगे। तब जेठानी बोली अरे मादर चोदो मेरी देवरानी से तुम्हारी गांड फट रही है क्या ? नंगे नंगे ही रहो। वो तेरा लण्ड पकड़ने ही आ रही है। बस मैं पर्श लेकर वही कपड़े कर जेठानी की कमरे में घुस गयी। वह बोली देख साजिदा ये दोनों लण्ड हैं तेरा गिफ्ट ? तू चाहे इन्हे अपने मुंह में ले, चाहे अपनी बुर में ले और चाहे अपनी गांड में ? मैंने लण्ड पकड़ कर कहा वाओ, जीजी आप मेरा ख्याल बहुत रखती हैं। वह बोली मैं तेरा ख्याल नहीं तेरी चूत का ख्याल रखती हूँ।
फिर मैंने मस्ती से जेठानी के सामने ही दोनों से झमाझम चुदवाया।
शाम को मेरी सास नन्द और उसका ससुर लौट आये। नास्ता वगैरह होने के बाद हम सब लोग एक ही जगह बैठे थे। तब तक मेरी नन्द मेरे कान में बोली भाभी आज रात को मैं तेरी चूत में अपने ससुर का लण्ड पेलूंगी। देखो वह मेरी माँ चोद चुका है, मेरी बड़ी भाभी की बुर ले चुका है। मैं तो उससे चुदवाती ही हूँ। अब तो बस तेरी ही चूत बची है साजिदा भाभी ? मैंने कहा तो फिर तू मेरे कान में क्यों कह रही है ? सबके सामने कह न ? किसी से कोई शर्म है क्या ? वह बोली मैं कहूँगी नहीं करुँगी। उसने सबके सामने मेरा हाथ पकड़ कर अपने ससुर के लण्ड पर रख दिया। मैंने कहा ऐसे नहीं नन्द रानी लौड़ा खोल कर पकड़ाओ मुझे ? फिर मैं उठी और टी वी ऑन करके अपने मोबाइल से कनेक्ट कर दिया। टी वी पर मेरा वीडियो चलने लगा। जैसे ही जेठानी नंगी नंगी दिखीं उसकी चूत और चूचियाँ दिखी, वह चुदवाते हुए दिखी वैसे ही सबने तालियां बजानी शुरू कर दी। फिर आ गया मेरे खालू का लण्ड जो मेरी जेठानी की बुर चोद रहा था। जेठानी बोली हाय दईया, साजिदा तू भोसड़ी की बड़ी हरामी चीज है। चोरी चोरी तूने मेरी ब्लू फिल्म बना ली।
दूसरी फिल्म जब मैंने शुरू की तो उसमे मेरी सास का भोसड़ा दिखाई पड़ा और भोसड़ा में मेरी नन्द के ससुर का लण्ड ? मेरी सास तो मस्त हो गयी फिल्म देख कर। सबने खूब एन्जॉय किया। फिर मैंने तीसरी फिल्म भी दिखाई जिसमे मेरी जेठानी साजिद और साहिल दोनों से एक साथ चुदवा रहीं हैं। जेठानी बोली हाय अल्ला, तू बुर चोदी यहीं बैठी थी ऊपर ? तेरी माँ की चूत साजिदा तेरी बहन का लण्ड, तू बड़ी कुत्ती चीज है। मेरी भी ब्लू फिल्म बना ली तूने। लेकिन यार आज मुझे पता चला की मैं बड़ी अच्छी तरह चुदवा लेती हूँ। मैंने चुपचाप ये तीनो फिल्में विदेशी व्यापारियों को बेंच दी। विदेशो में इंडियन ब्लू फिल्म की बहुत डिमांड है। मुझे अच्छे खासे पैसे मिल गए यानी लाखों रुपये मिल गये। मेरी नन्द बोली वाओ, अम्मी देखा भाभी का कमाल ? पैसे का पैसा और मज़ा का मज़ा ? यानी पैसे भी लो और लण्ड का मज़ा भी लो...
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