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जो मुझे मेरी माँ के सामने चोदेगा वही सिंकदर है - Meri aur meri maa ki chudai karo masti se chodo
जो मुझे मेरी माँ के सामने चोदेगा वही सिंकदर है - Meri aur meri maa ki chudai karo masti se chodo.
मेरा नाम मिस अदा है। मैं १९ साल की हूँ। अभी अभी मैंने एक डिग्री कॉलेज ने एडमिशन लिया है। मेरा ग्रेजुएशन का पहला साल है। नया उत्साह है नयी उमंग है। नए नए लोग मिल रहे हैं। नयी नयी दोस्ती हो रही है लड़कियों से भी और लड़कों से भी। कॉलेज में जहाँ एक तरफ लड़कियां एक से एक फैशन बनाकर आतीं हैं वहीँ दूसरी तरफ लड़के भी नयी नयी स्टाइल मारते रहतें हैं। बड़ा अच्छा लग रहा है। चारों तरफ हलचल मची हुई है। जिधर देखो उधर लड़के लड़कियां खड़ी हुई आपस में बातें कर रही है। कई गुट इधर उधर तैयार हो गए हैं। सब अपनी अपनी सुना रहीं हैं। हंसी के ठहाके लग रहे हैं। तालियां बज रहीं हैं। हंसी मजाक हो रही है। किसी की खिंचाई हो रही है। किसी की खिल्ली उड़ाई जा रही है। किसी की टांग खींची जा रही है। खुल कर बातें हो रहीं हैं। शोर गुल हो रहा है। छुट्टी हो जाने के बाद भी घर जाने का मन नहीं करता। ऐसा लगता है की बस यहीं रहूं और खूब मौज मस्ती करती रहूं।
'कुछ दिन के बाद मैंने यह नोट किया की लड़कियां अक्सर दो बिषय पर बातें ज्यादा करती है। एक तो 'लण्ड' पर। हर लड़की 'लण्ड' पर बोलती है. 'लण्ड' के साइज पर बोलती है। 'लण्ड' ऐसा होता है। 'लण्ड' वैसा होता है। इतना मोटा होता है 'लण्ड'। इतना लंबा होता है 'लण्ड' . 'लण्ड' का टोपा ऐसा होता है. 'लण्ड' ऐसे घुसता है. मुंह में चला जाता है 'लण्ड' . चूत में घुस जाता है 'लण्ड'. गांड में घुस जाता है 'लण्ड' वगैरह वगैरह और दूसरी बात 'माँ चुदाने' की होती है। 'माँ चुदा के आ रही हूँ' 'माँ चुदाने जाऊंगी' 'कल माँ चुदाने गयी थी' 'दो महीने से माँ चुदा रही हूँ' 'वो क्या माँ चुदा के आएगी' 'जा पहले माँ चुदा के आ' 'कभी माँ चुदाई है तूने' ? 'तू कब शुरू करेगी माँ चुदाना' 'पहले अपनी माँ चुदाना सीख' 'माँ चुदाया कर अपनी' वगैरह वगैरह।
अभी जब से कुछ दोस्त बन गए हैं। नजदीकियां बढ़ गयी हैं। आपस में मेल जोल बढ़ गया है। एक दूसरे पर भरोषा बढ़ गया है तब से गालियां भी खूब सुनाई पड़ने लगीं हैं। लड़के और लड़कियों के मुंह से दनादन्न निकल रही हैं गालियां। बहन चोद, मादर चोद, भोसड़ी का, गांडू, माँ का लौड़ा, बहन का लण्ड, सब कुछ बाहर आने लगा है। धीरे धीरे पता चल रहा है की लड़कियां ज्यादा गालियां दने लगीं है। और लड़के बहन चोद लड़कियों के मुंह से गालियां सुनकर बड़ी मस्ती करते हैं। खूब तालियां बजाते है और एन्जॉय करते हैं। यह देख कर कुछ लड़कियां ज्यादा गालियां बकने लगीं हैं। मुझे यह भी मालूम हुआ की लड़के 'लण्ड' की गालियां खूब पसंद करते हैं। लड़कियों के मुंह से 'लण्ड' सुनने के लिए बेताब रहते हैं लड़के। मैं भी इस माहौल में समाती जा रही हूँ। मैं भी खुल कर बातें करने लगी हूँ। गालियां देने लगी हूँ। कभी कभी लण्ड की बातें भी कर लेती हूँ हालांकि मैंने अभी तक कोई लण्ड देखा नहीं है। पकड़ना तो दूर की बात है। मैं माँ चुदाने के बारे में बिलकुल नहीं बोल पाती। बस सबकी सुनती रहती हूँ।
मैं पूरी तरह जवान हो चुकी थी। मेरे बूब्स बड़े बड़े हो गए थे । मेरी कमर पतली पर जांघें मोटी मोटी हो गयी थीं। मेरे चूतड़ उभर आये थे। मेरी गांड मस्त निकल आई थी। मेरी मस्तानी चूत तो अपने शबाब पर थी। उसकी काली काली और घनी घनी झाँटें बड़ी मस्त और सेक्सी लगने लगीं थीं. मैंने कभी अपनी झाँटें नहीं बनायीं। हां कैंची से ट्रिम कर लेती हूँ। अब मेरी इच्छा लण्ड देखने की और लण्ड पकड़ने की बढ़ती जा रही थी। मैं अब दिन रात इसी फिराक में रहती की मुझे कहीं कोई लण्ड दिख जाये। एक दिन रात में मैं बाथ रूम के लिए उठी तो देखा की अम्मी के कमरे से धीमी धीमी रौशनीआ रही है। मैं चुपचाप झांक कर देखने लगी। मैंने देखा की अम्मी टी वी पर एक ब्लू फिल्म देख रही हैं। उसमे एक लड़की नंगी नंगी तीन तीन लण्ड से खेल रही हैं। मैंने अपनी लाइफ में पहली बार देखा की लण्ड खड़ा होता है और खड़ा होने पर इतना बड़ा हो जाता है। लण्ड देख कर मेरी चूत गीली हो गयी। मेरी लार टपकने लगी, मैं ललचा गयी। मैं सोंचने लगी हाय दईया अगर यह सच मुच का लण्ड मेरे सामने होता तो मैं दौड़ कर पकड़ लेती।
अम्मी के बूब्स खुले थे। उसकी गांड भी खुली थी लेकिन मैं उसकी चूत नहीं देख पाई। हां मैं जान गयी की अम्मी इन चीजों की शौक़ीन हैं। मैंने पूरी फिल्म देखी। मेरी उंगली चूत में जरूर घुसी रही। अम्मी के उठने के पहले ही मैं फ़ौरन अपने बिस्तर पर जाकर लेट गयी। उस दिन से मैं अम्मी पर कड़ी नज़र रखने लगी। दो दूसरे दिन फिर रात में मुझे अम्मी के कमरे में रौशनी दिखाई पड़ी। मैं फिर झाँक कर देखने लगी। मैंने फिर ब्लू फिल्म देखी। इस बार दो नंगी लड़कियां चार नंगे लड़कों का लण्ड पकड़ कर चूस रही हैं। मेरी चूत फिर चुलबुला उठी। मैं बड़ी मस्ती से फिल्म देखने लगी। अचानक अम्मी की नज़र मुझ पर पड़ गयी। उसने अपनी चूचियाँ संभाली और मुझे इशारा करके अंदर बुलाया। मैं डरते डरते उनके पास गयी। पर वह मुस्कराकर बोली अरी बेटी अदा अब तुम जवां हो गयी हो। तुम्हे लण्ड की बहुत जरुरत है बेटी। अब तुम मेरे साथ खुल कर देखो ब्लू फिल्म । इसमें कोई हर्ज़ नहीं है कोई शर्माने की जरुरत नहीं हैं। बेटी जब सायानी हो जाती है तो वह अम्मी की सहेली बन जाती है। अब तुम मेरी सहेली हो।
थोड़ी देर में अम्मी बोली :- अदा, बेटी ये बताओ की इन चारों लण्ड में तुम्हे किसका लण्ड सबसे ज्यादा अच्छा लगता है ? कौन सा लण्ड तुम्हे पसंद है बेटी ?
मैंने कहा :- अम्मी, मुझे तो लण्ड सभी अच्छे लग रहें हैं।
अम्मी बोली :- नहीं बेटी फिर भी सबकी अपनी अपनी पसंद होती है। सच बताओ न मुझे ?
मैंने कहा :- हां ये इधर से दूसरा वाला लण्ड। यही मुझे कुछ ज्यादा अच्छा लग रहा है।
अम्मी बोली :- हां तुमने सही कहा। मुझे भी यही लण्ड पसंद है अदा।
उसके बाद मैं अम्मी के साथ बैठ कर पूरी फिल्म देखी। एक दिन मैंने अम्मी का मोबाइल टेबल से उठा लिया और जैसे ही ऑन किया तो उसमे एक लण्ड की फोटो आ गयी। लण्ड की फोटो देख कर मेरे बदन में आग लग गयी। मैंने स्क्रॉल किया तो दो तीन और लण्ड की फोटो मिली। लण्ड साले बड़े मोठे तगड़े थे। मैंने उन्हें देख ही रही थी तभी अम्मी आ आगईं।मैंने फ़ौरन मोबाइल रख दिया और सॉरी बोला। तब अम्मी ने कहा अरे अदा देखो न। अच्छी तरह देखो। लण्ड ही तो हैं। उसने मुझे सोफा पर बैठाया और एक एक करके सारे लण्ड दिखाने लगीं। मैं भी मस्ती से देखने लगी।
अम्मी ने कहा देखो बेटी अदा, ये साहिर का लण्ड है, ये माइकल का लण्ड है, ये थामस का लण्ड है, ये तेरे खालू का लण्ड है, ये तेरे जीजू का लण्ड है, ये तेरी दीदी के ससुर का लण्ड है और ये पड़ोस के हनीफ अंकल का लण्ड है, बेटी।
मैं सोंचने लगी की अम्मी इतने लण्ड जानती हैं। इसका मतलब अम्मी इतने लोगों से चुदवाती हैं और किसी को कानों कान खबर नहीं। कुछ भी हो लेकिन इससे मुझे लण्ड पर बात करने के ताकत मिल गयी। अब मैं कॉलेज में अपनी सहेलियों से खुल कर लण्ड पर बात करने लगी। एक दिन अम्मी मेरे सामने ही किसी से फोन पर बात करने लगीं।
वह बोल रहीं थी -- अरी भोसड़ी की तो तू क्या कर रही थी ,,,,,,,,,,,,,,,, अपनी माँ चुदा रही थी तू ,,,,,,,,,,चलो कोई बात नहीं पर अपनी चूत का ख्याल रखा कर ,,,,,,,,,,,,हां हां लौड़ा ऐसा ही होता है ,,,,,,, मोटा है न। हर लड़की को मोटा लण्ड अच्छा लगता है ,,,,,,,,,,,,,उसकी माँ की चूत ,,,,,,,,, हां हां ठीक है कह दिया ,,, ओके ,,,,,उसकी बिटिया की बुर ,,,,,,,,,,वो माँ की लौड़ी मेरा क्या उखाड़ लेगी ,,,,,,,,,,,,अरे एक झांट भी नहीं उखाड़ पायेगी वो मेरी ,,,,,,,,, उसका लौड़ा तो वाकई खूबसूरत है यार ,,,,,,, हां देखती हूँ , बाय !
फोन बंद करके मुझसे बोली अरे ये ससुरी बड़ी हरामजादी है। पहले अपनी माँ चुदवाती है फिर किस्सा मुझे बताती है। एक दिन इत्तिफाक से मैं फोन पर बात कर रही थी।
मैं भी बोलने लगी ,,,,,,,, तू बिलकुल गांडू है ,,,,,,,,,,देख तू बता रही है मेरी झाँटें सुलग रही हैं ,,,,, उसकी माँ का भोसड़ा ,,,,,, हाय दईया कैसा लौड़ा था उसका ,,,,,,, आरिफ के लण्ड से भी मोटा ,,,, ,,, अच्छा तारिक के लण्ड की तरह था ,,,,,,, तूने मुंह में लिया था ,,,,,,,हां लण्ड चूसने में तो मज़ा है ,,,,,,मैं भी कभी कभी पी लेती हूँ लण्ड ,,,,,,वो तो बुर चोदी अपनी माँ चुदवाती है ,,,,,उसने बताया मुझे ,,,,,,,,पता नहीं की सच है की झूंठ ,,,,,, वह भी लण्ड पेलती होगी ,,,,,,,,,,,बाय
मैं पीछे मुड़ी तो देखा की अम्मी खड़ी हैं। वह मुस्कराकर बोली हां बेटी अदा अब लगता है की तू जवान हो गयी है। मुझे तुम पर फक्र है। वह चली गयी और मैं मन ही मन खुश होने लगी।
एक दिन मैं जब घर आई तो देखा की अम्मी कमरे में बैठी हुई रमजाना आंटी से बातें कर रही हैं। मैं छुप कर उनकी बातें सुनने लगी.
आंटी बोली अरी ज़ाहिरा (मेरी अम्मी) अब बता तेरी बेटी की बात कहाँ तक पहुंची ?
पहले तो मैंने खिड़की खोल कर ब्लू फिल्म देखना शुरू किया। वह पहले दिन आई और देख कर चली गयी। मैंने भी नहीं बुलाया। फिर वह दूसरे दिन भी छुप कर देखने लगी तब मैंने उसे बुलाया और अपने पास बैठाकर उसे भी ब्लू फिल्म दिखाया। फिर एक दिन उसे अपने मोबाइल की सब लण्ड की फोटो दिखा दीं। फिर एक दिन मैंने उसके सामने अपनी दोस्त को गालियां दीं। उसने भी दूसरे दिन किसी को फोन पर गालियां दी जो मैंने सुन लीं। अब तो बहुत खुल गयी है वो मुझसे।
अब एक दिन तू कोई बढ़िया लण्ड उसे पकड़ा दे।
अरे हां वह जब बात कर रही थी तब मुझे मालूम हुआ की अदा भोसड़ी की लण्ड चूसती है, लण्ड पीती है यार ? इसका मतलब चुदवाती भी होगी लड़कों से ?
हां यार आजकल लड़कियां सब कर लेती हैं।अब मेरी बेटी को देखो माँ की लौड़ी अपनी माँ चुदाने लगी है। लण्ड पेलती है वो मेरी चूत में ?
पता नहीं यार अदा कब चुदायेगी अपनी माँ ?
अरे यार जिस दिन तू उसे अपने हाथ से लौड़ा पकड़ा देगी बस उसके बाद से ही वह भी चुदाने लगेगी अपनी माँ ? अब तो वह बड़ी तेजी से माँ चुदाने की तरफ बढ़ रही है।
इन दोनों की बातें सुनकर मेरी आँखे खुल गयी। मैं समझ गयी की अम्मी मेरे साथ यह सब जानबूझ कर रही थी।अम्मी चाहती हैं की मैं उसकी चूत चुदवाने लगूं। कॉलेज में मेरी सहेलियां जो माँ चुदाने की बातें करती हैं वह सब वाकई सही है। अम्मी मुझे अपनी दोस्त बनाकर सेक्स का मज़ा लूटना चाहती हैं। मेरे बॉय फ्रेंड्स के लण्ड पकड़ना चाहती हैं और उसे अपनी चूत में पेलना चाहती है। फिर मैंने सोंचा यार इसमें हर्ज़ ही क्या है ? मेरी और अम्मी की चाहत तो एक ही हैं न ? उसे भी लण्ड चाहिए और मुझे भी लण्ड चाहिए। अगर मैं अपने बॉय फ्रेंड्स के लण्ड अम्मी की चूत में डालूंगी तो अम्मी भी तो अंकल लोगों के लण्ड मेरी चूत में डालेगी। तब तो वास्तव में बड़ा मज़ा आएगा। बस मैं इसी तरह सोंचने लगी।
दूसरे दिन कॉलेज में मैं भी 'माँ चुदाने' की बातें करने लगी। मेरी एक सहेली थी सबीना। मैंने उससे कहां यार तू तो अपनी माँ चुदाती है न ? यह बोली हां बिल्कुल चुदाती हूँ। मैंने कहा तो फिर मुझे भी सिखा दे माँ चुदाना। बातों ही बातों में वह मुझे अपने घर ले गयी। उसने मुझे अपनी अम्मी से मिलवाया। उसकी अम्मी तो बिलकुल चकाचक थीं। बड़ी खूबसूरत और मद मस्त। पहले उसने मुझे नास्ता कराया। फिर वह मुझे अपने बेड रूम ले गयी। मैंने देखा की वहां दो जवां लड़के बैठे हैं। सबीना ने उनसे मेरा परिचय करवाया। तब तक उसकी अम्मी भी आ गईं। सबीना बड़ी बेशर्मी से अपने कपड़े उतारने लगी। उसके बूब्स खुले मैं दंग रह गयी देख कर। इतने मस्त और सुडौल बूब्स बहुत कम लड़कियों के होतें हैं। फिर उसने अपनी अम्मी के स्तन खोल डाले। उसका सलवार खोल कर उसे नंगी कर दिया। उसकी चूत बाहर आ गयी। उसके बाद उसने एक एक करके दोनों लड़कों को नंगा कर दिया। उनके लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लण्ड बढ़ने लगे। तब तक मैं भी नंगी हो चुकी थी। मैं भी एक लण्ड हिलाने लगी। आंटी जी लण्ड चूसने लगीं और सबीना उसका भोसड़ा सहलाने लगी। मेरा भी एक हाथ सबीना की चूत पर चला गया।
थोड़ी देर में सबीना बोली देख अदा ये है लण्ड और ये है माँ की चूत ? और अब मैंने लण्ड अपनी माँ की चूत पर टिका दिया है। अब मैं मारूंगी इसकी गांड पर एक धक्का तो लण्ड सट्ट से माँ की चूत में घुस जायेगा। हुआ भी यही। लौड़ा पूरा एक ही बार में घुस गया। बस फिर क्या वह भकाभक चोदने लगा और सबीना उसके पेलहड़ सहलाने लगी। लण्ड जब जब चूत के बाहर फिसल कर आ जाता तब तब सबीना उसे अंदर घुसेड़ देती। वह बोली देखा अदा इसे कहतें है माँ चुदाना। मैंने कहा हां सबीना अब मैं समझ गयी अब मैं तेरी बुर चुदाती हूँ। मैंने दूसरा लण्ड सबीना की बुर में घुसेड़ दिया और चुदाने लगी। वह बोली हाय अल्ला, तू तो बहुत जल्दी सीख गयी अपनी बुर चुदाना और अपनी माँ चुदाना । वह बोली अदा अब तू यही रुक जा और अपनी बुर चुदवा कर जा। अब तू मस्त जवान लड़की हो गयी है। तुझे चोदने के लिए तो कोई भी लड़का तैयार हो जायेगा।
मैं मजे से चुदवा कर घर चली आई। इंटर लॉक खोल कर मैं अंदर घुसी तो देखा की अम्मी के कमरे से कुछ आवाज़ आ रही है। मैंने फ़ौरन अपने कपड़े चेंज किया और झांक कर देखने लगी। मैंने देखा अम्मी तो किसी आदमी का लण्ड हिल रही हैं। लण्ड साला बड़ा मोटा तगड़ा था। उसका सुपाड़ा तो बड़ा चमक रहा था। अम्मी दूसरे हाथ से उसकी जांघें सहला रही थीं। उसकी नज़र मुझ पर पड़ी तो वह वहीँ से बोली अरी अदा जल्दी से अंदर आ न। मैं तेरा ही इंतज़ार कर रही थी। देख ये है तेरा शब्बीर अंकल।आज ही गाँव से आया है। मैं चाहती थी की तुम इसे नंगा करके इसका लण्ड पकड़ कर देखो पर तुझे देर हो गयी तो मैंने खोल कर पकड़ लिया लण्ड। अब तुम आ गयी हो तो पकड़ कर बताओ की ये लण्ड तुम्हे पसंद है की नहीं ? मैं बेशरम हो ही चुकी थी। मैंने हाथ बढ़ा कर लण्ड पकड़ लिया। मेरे पकड़ते ही लण्ड फनफनाकर और तन गया। मुझे भी मज़ा आया। मैं उसे हिला हिला कर चारों तरफ से देखने लगी।
मैंने कहा :- अम्मी लौड़ा तो बड़ा मोटा तगड़ा है और सख्त है।
वह बोली :- तो फिर लण्ड मुंह में लेकर देखो बेटी। मैं तो चाहती यही थी। मैं झुक कर लण्ड चाटने लगी और मुंह में सुपाड़ा भर कर चूसने लगी। लण्ड मेरी जबरदस्त तरीके से मेरी पकड़ में आ गया। अम्मी ने मेरे कपडे उतारे और मेरी चूत सहलाया फिर बोली हाय अदा तेरी चूत तो बहुत गरम हो गयी है। कहो तो लौड़ा पेल दूँ तेरी चूत में। मैंने कहा अरे नहीं अम्मी मेरी चूत इसे बर्दास्त नहीं कर पायेगी। फट जाएगी मेरी चूत। तेरी चूत में घुसेड़ देती हूँ। वह बोली हाय दईया तो तू आज से अपनी माँ चुदाना शुरू कर देगी क्या ? मैंने कहा अब इतना बड़ा लण्ड आखिर तेरे भोसड़ा में नहीं जायेगा तो फिर कहाँ जायेगा अम्मी ? तेरा भोसड़ा ही इसे बर्दास्त कर सकता है। वह बोली अरे मेरा भोसड़ा तो ऐसे कई लण्ड बर्दास्त कर चूका है बेटी ? में मौके का फायदा उठाया और लौड़ा अम्मी की बुर में ठोंक दिया।
लण्ड पूरा का पूरा घुस गया बहन चोद। अंकल भी मस्ती से चोदने लगा। मैं उसके पेलहड़ सहलाने लगी। मैं अपनी माँ उसी तरह चुदाने लगी जैसे सबीना अपनी माँ चुदवा रही थी।
अम्मी बोली :- हाय अदा तू तो बुर चोदी बड़ी अच्छी तरह माँ चुदा लेती है।
मैंने कहा :- जब लौड़ा बढ़िया हो, बड़ा मोटा तगड़ा हो, तो माँ चुदाने में और मज़ा आता है।
लौड़ा जब जब फिशल कर इधर उधर होता तो मैं उसे अंदर घुसेड़ देती। मन तो मेरा भी चुदाने का हो रहा था। मेरी भी चूत इतना बड़ा लण्ड ले सकती है लेकिन मैं तो माँ चुदाने के चक्कर में थी। मैं तो अपनी अम्मी को खुश करना चाहती थी। मैंने उस दिन नहीं चुदवाया। दूसरी पारी में भी मैंने माँ की चूत ही चुदवाई। अम्मी ने फ़ौरन फोन उठाया और रमजाना आंटी से कहा अरी सुनो यार आज से मेरी बेटी भी अपनी माँ चुदाने लगी है। आंटी ने अम्मी को मुबारकबाद दी और बोली मैं किसी दिन आकर देखूँगी कैसे तेरी बेटी चुदवाती है अपनी माँ का भोसड़ा ? कितनी देर तक और किस तारह से चुदवाती हैअपनी माँ का भोसड़ा ? और हां सुन अब तू भी अच्छे अच्छे लण्ड अपनी बिटिया की बुर में पेलना शुरू कर दे। उस दिन से माँ चुदाने का काम शुरू हो गया और एक दिन माँ ने अपनी बेटी चुदवा दी तो बेटी चुदाने का काम भी शुरू हो गया।
हम दोनों की मिलकर चोदा चोदी होने लगी।
एक दिन अम्मी कमरे में बैठे बैठे ही चिल्ला कर बोली अरी वो बुर चोदी अदा देख कोई तेरी माँ चोदने आया है ? मैं फटाफट ऊपर से उतर कर कमरे में आ गयी। मैे देखा की एक आदमी अम्मी के पास बैठा है। उसे देख कर मेरे मुंह से निकला अरे भोसड़ी के अब्बास तू मेरी माँ चोदेगा ? तू मादर चोद कब से लड़कियों की माँ चोदने लगा ? वह बोला अरे यार तुम शायद यह नहीं जानती हो की तेरी अम्मी मेरी भाभी लगतीं हैं। भाभी की बुर चोदना तो देवर का हक़ है अदा ? दरअसल मैं कल आया था। मुझे तभी मालूम हुआ की भाभी की बेटी मेरी दोस्त है। तेरी फोटो भाभी के साथ यहाँ रखी थी । मैंने पूंछा भाभी यह तो मेरी दोस्त है अदा। वह बोली अरे यह तो मेरी बेटी है। और जानते हो अब्बास अब मेरी बेटी अपनी माँ चुदाने लगी है। अब्बास ने कहा देखो भाभी मैं सच कहा रहा हूँ की मैं अदा की भी बुर लेता हूँ। अदा मुझसे चुदवाती है। मुझे नहीं मालूम था की अदा आपकी बेटी है भाभी। मुझे माफ़ कर देना। मैंने कहा नहीं नहीं अब्बास तुम्हे माफ़ी मांगने की कोई जरुरत नहीं है। अब तुम कल आना और अदा के सामने ही अदा की माँ चोदना ?
इसलिए अब्बास आज यहां आ गया बेटी । मैंने कहा अब आ गए हो अब्बास मियां तो फिर शौक से मेरे सामने मेरी चोदो मेरी माँ और मेरी माँ के सामने चोदो मुझे ? आज तो तेरी चांदी ही चांदी है...
मेरा नाम मिस अदा है। मैं १९ साल की हूँ। अभी अभी मैंने एक डिग्री कॉलेज ने एडमिशन लिया है। मेरा ग्रेजुएशन का पहला साल है। नया उत्साह है नयी उमंग है। नए नए लोग मिल रहे हैं। नयी नयी दोस्ती हो रही है लड़कियों से भी और लड़कों से भी। कॉलेज में जहाँ एक तरफ लड़कियां एक से एक फैशन बनाकर आतीं हैं वहीँ दूसरी तरफ लड़के भी नयी नयी स्टाइल मारते रहतें हैं। बड़ा अच्छा लग रहा है। चारों तरफ हलचल मची हुई है। जिधर देखो उधर लड़के लड़कियां खड़ी हुई आपस में बातें कर रही है। कई गुट इधर उधर तैयार हो गए हैं। सब अपनी अपनी सुना रहीं हैं। हंसी के ठहाके लग रहे हैं। तालियां बज रहीं हैं। हंसी मजाक हो रही है। किसी की खिंचाई हो रही है। किसी की खिल्ली उड़ाई जा रही है। किसी की टांग खींची जा रही है। खुल कर बातें हो रहीं हैं। शोर गुल हो रहा है। छुट्टी हो जाने के बाद भी घर जाने का मन नहीं करता। ऐसा लगता है की बस यहीं रहूं और खूब मौज मस्ती करती रहूं।
'कुछ दिन के बाद मैंने यह नोट किया की लड़कियां अक्सर दो बिषय पर बातें ज्यादा करती है। एक तो 'लण्ड' पर। हर लड़की 'लण्ड' पर बोलती है. 'लण्ड' के साइज पर बोलती है। 'लण्ड' ऐसा होता है। 'लण्ड' वैसा होता है। इतना मोटा होता है 'लण्ड'। इतना लंबा होता है 'लण्ड' . 'लण्ड' का टोपा ऐसा होता है. 'लण्ड' ऐसे घुसता है. मुंह में चला जाता है 'लण्ड' . चूत में घुस जाता है 'लण्ड'. गांड में घुस जाता है 'लण्ड' वगैरह वगैरह और दूसरी बात 'माँ चुदाने' की होती है। 'माँ चुदा के आ रही हूँ' 'माँ चुदाने जाऊंगी' 'कल माँ चुदाने गयी थी' 'दो महीने से माँ चुदा रही हूँ' 'वो क्या माँ चुदा के आएगी' 'जा पहले माँ चुदा के आ' 'कभी माँ चुदाई है तूने' ? 'तू कब शुरू करेगी माँ चुदाना' 'पहले अपनी माँ चुदाना सीख' 'माँ चुदाया कर अपनी' वगैरह वगैरह।
अभी जब से कुछ दोस्त बन गए हैं। नजदीकियां बढ़ गयी हैं। आपस में मेल जोल बढ़ गया है। एक दूसरे पर भरोषा बढ़ गया है तब से गालियां भी खूब सुनाई पड़ने लगीं हैं। लड़के और लड़कियों के मुंह से दनादन्न निकल रही हैं गालियां। बहन चोद, मादर चोद, भोसड़ी का, गांडू, माँ का लौड़ा, बहन का लण्ड, सब कुछ बाहर आने लगा है। धीरे धीरे पता चल रहा है की लड़कियां ज्यादा गालियां दने लगीं है। और लड़के बहन चोद लड़कियों के मुंह से गालियां सुनकर बड़ी मस्ती करते हैं। खूब तालियां बजाते है और एन्जॉय करते हैं। यह देख कर कुछ लड़कियां ज्यादा गालियां बकने लगीं हैं। मुझे यह भी मालूम हुआ की लड़के 'लण्ड' की गालियां खूब पसंद करते हैं। लड़कियों के मुंह से 'लण्ड' सुनने के लिए बेताब रहते हैं लड़के। मैं भी इस माहौल में समाती जा रही हूँ। मैं भी खुल कर बातें करने लगी हूँ। गालियां देने लगी हूँ। कभी कभी लण्ड की बातें भी कर लेती हूँ हालांकि मैंने अभी तक कोई लण्ड देखा नहीं है। पकड़ना तो दूर की बात है। मैं माँ चुदाने के बारे में बिलकुल नहीं बोल पाती। बस सबकी सुनती रहती हूँ।
मैं पूरी तरह जवान हो चुकी थी। मेरे बूब्स बड़े बड़े हो गए थे । मेरी कमर पतली पर जांघें मोटी मोटी हो गयी थीं। मेरे चूतड़ उभर आये थे। मेरी गांड मस्त निकल आई थी। मेरी मस्तानी चूत तो अपने शबाब पर थी। उसकी काली काली और घनी घनी झाँटें बड़ी मस्त और सेक्सी लगने लगीं थीं. मैंने कभी अपनी झाँटें नहीं बनायीं। हां कैंची से ट्रिम कर लेती हूँ। अब मेरी इच्छा लण्ड देखने की और लण्ड पकड़ने की बढ़ती जा रही थी। मैं अब दिन रात इसी फिराक में रहती की मुझे कहीं कोई लण्ड दिख जाये। एक दिन रात में मैं बाथ रूम के लिए उठी तो देखा की अम्मी के कमरे से धीमी धीमी रौशनीआ रही है। मैं चुपचाप झांक कर देखने लगी। मैंने देखा की अम्मी टी वी पर एक ब्लू फिल्म देख रही हैं। उसमे एक लड़की नंगी नंगी तीन तीन लण्ड से खेल रही हैं। मैंने अपनी लाइफ में पहली बार देखा की लण्ड खड़ा होता है और खड़ा होने पर इतना बड़ा हो जाता है। लण्ड देख कर मेरी चूत गीली हो गयी। मेरी लार टपकने लगी, मैं ललचा गयी। मैं सोंचने लगी हाय दईया अगर यह सच मुच का लण्ड मेरे सामने होता तो मैं दौड़ कर पकड़ लेती।
अम्मी के बूब्स खुले थे। उसकी गांड भी खुली थी लेकिन मैं उसकी चूत नहीं देख पाई। हां मैं जान गयी की अम्मी इन चीजों की शौक़ीन हैं। मैंने पूरी फिल्म देखी। मेरी उंगली चूत में जरूर घुसी रही। अम्मी के उठने के पहले ही मैं फ़ौरन अपने बिस्तर पर जाकर लेट गयी। उस दिन से मैं अम्मी पर कड़ी नज़र रखने लगी। दो दूसरे दिन फिर रात में मुझे अम्मी के कमरे में रौशनी दिखाई पड़ी। मैं फिर झाँक कर देखने लगी। मैंने फिर ब्लू फिल्म देखी। इस बार दो नंगी लड़कियां चार नंगे लड़कों का लण्ड पकड़ कर चूस रही हैं। मेरी चूत फिर चुलबुला उठी। मैं बड़ी मस्ती से फिल्म देखने लगी। अचानक अम्मी की नज़र मुझ पर पड़ गयी। उसने अपनी चूचियाँ संभाली और मुझे इशारा करके अंदर बुलाया। मैं डरते डरते उनके पास गयी। पर वह मुस्कराकर बोली अरी बेटी अदा अब तुम जवां हो गयी हो। तुम्हे लण्ड की बहुत जरुरत है बेटी। अब तुम मेरे साथ खुल कर देखो ब्लू फिल्म । इसमें कोई हर्ज़ नहीं है कोई शर्माने की जरुरत नहीं हैं। बेटी जब सायानी हो जाती है तो वह अम्मी की सहेली बन जाती है। अब तुम मेरी सहेली हो।
थोड़ी देर में अम्मी बोली :- अदा, बेटी ये बताओ की इन चारों लण्ड में तुम्हे किसका लण्ड सबसे ज्यादा अच्छा लगता है ? कौन सा लण्ड तुम्हे पसंद है बेटी ?
मैंने कहा :- अम्मी, मुझे तो लण्ड सभी अच्छे लग रहें हैं।
अम्मी बोली :- नहीं बेटी फिर भी सबकी अपनी अपनी पसंद होती है। सच बताओ न मुझे ?
मैंने कहा :- हां ये इधर से दूसरा वाला लण्ड। यही मुझे कुछ ज्यादा अच्छा लग रहा है।
अम्मी बोली :- हां तुमने सही कहा। मुझे भी यही लण्ड पसंद है अदा।
उसके बाद मैं अम्मी के साथ बैठ कर पूरी फिल्म देखी। एक दिन मैंने अम्मी का मोबाइल टेबल से उठा लिया और जैसे ही ऑन किया तो उसमे एक लण्ड की फोटो आ गयी। लण्ड की फोटो देख कर मेरे बदन में आग लग गयी। मैंने स्क्रॉल किया तो दो तीन और लण्ड की फोटो मिली। लण्ड साले बड़े मोठे तगड़े थे। मैंने उन्हें देख ही रही थी तभी अम्मी आ आगईं।मैंने फ़ौरन मोबाइल रख दिया और सॉरी बोला। तब अम्मी ने कहा अरे अदा देखो न। अच्छी तरह देखो। लण्ड ही तो हैं। उसने मुझे सोफा पर बैठाया और एक एक करके सारे लण्ड दिखाने लगीं। मैं भी मस्ती से देखने लगी।
अम्मी ने कहा देखो बेटी अदा, ये साहिर का लण्ड है, ये माइकल का लण्ड है, ये थामस का लण्ड है, ये तेरे खालू का लण्ड है, ये तेरे जीजू का लण्ड है, ये तेरी दीदी के ससुर का लण्ड है और ये पड़ोस के हनीफ अंकल का लण्ड है, बेटी।
मैं सोंचने लगी की अम्मी इतने लण्ड जानती हैं। इसका मतलब अम्मी इतने लोगों से चुदवाती हैं और किसी को कानों कान खबर नहीं। कुछ भी हो लेकिन इससे मुझे लण्ड पर बात करने के ताकत मिल गयी। अब मैं कॉलेज में अपनी सहेलियों से खुल कर लण्ड पर बात करने लगी। एक दिन अम्मी मेरे सामने ही किसी से फोन पर बात करने लगीं।
वह बोल रहीं थी -- अरी भोसड़ी की तो तू क्या कर रही थी ,,,,,,,,,,,,,,,, अपनी माँ चुदा रही थी तू ,,,,,,,,,,चलो कोई बात नहीं पर अपनी चूत का ख्याल रखा कर ,,,,,,,,,,,,हां हां लौड़ा ऐसा ही होता है ,,,,,,, मोटा है न। हर लड़की को मोटा लण्ड अच्छा लगता है ,,,,,,,,,,,,,उसकी माँ की चूत ,,,,,,,,, हां हां ठीक है कह दिया ,,, ओके ,,,,,उसकी बिटिया की बुर ,,,,,,,,,,वो माँ की लौड़ी मेरा क्या उखाड़ लेगी ,,,,,,,,,,,,अरे एक झांट भी नहीं उखाड़ पायेगी वो मेरी ,,,,,,,,, उसका लौड़ा तो वाकई खूबसूरत है यार ,,,,,,, हां देखती हूँ , बाय !
फोन बंद करके मुझसे बोली अरे ये ससुरी बड़ी हरामजादी है। पहले अपनी माँ चुदवाती है फिर किस्सा मुझे बताती है। एक दिन इत्तिफाक से मैं फोन पर बात कर रही थी।
मैं भी बोलने लगी ,,,,,,,, तू बिलकुल गांडू है ,,,,,,,,,,देख तू बता रही है मेरी झाँटें सुलग रही हैं ,,,,, उसकी माँ का भोसड़ा ,,,,,, हाय दईया कैसा लौड़ा था उसका ,,,,,,, आरिफ के लण्ड से भी मोटा ,,,, ,,, अच्छा तारिक के लण्ड की तरह था ,,,,,,, तूने मुंह में लिया था ,,,,,,,हां लण्ड चूसने में तो मज़ा है ,,,,,,मैं भी कभी कभी पी लेती हूँ लण्ड ,,,,,,वो तो बुर चोदी अपनी माँ चुदवाती है ,,,,,उसने बताया मुझे ,,,,,,,,पता नहीं की सच है की झूंठ ,,,,,, वह भी लण्ड पेलती होगी ,,,,,,,,,,,बाय
मैं पीछे मुड़ी तो देखा की अम्मी खड़ी हैं। वह मुस्कराकर बोली हां बेटी अदा अब लगता है की तू जवान हो गयी है। मुझे तुम पर फक्र है। वह चली गयी और मैं मन ही मन खुश होने लगी।
एक दिन मैं जब घर आई तो देखा की अम्मी कमरे में बैठी हुई रमजाना आंटी से बातें कर रही हैं। मैं छुप कर उनकी बातें सुनने लगी.
आंटी बोली अरी ज़ाहिरा (मेरी अम्मी) अब बता तेरी बेटी की बात कहाँ तक पहुंची ?
पहले तो मैंने खिड़की खोल कर ब्लू फिल्म देखना शुरू किया। वह पहले दिन आई और देख कर चली गयी। मैंने भी नहीं बुलाया। फिर वह दूसरे दिन भी छुप कर देखने लगी तब मैंने उसे बुलाया और अपने पास बैठाकर उसे भी ब्लू फिल्म दिखाया। फिर एक दिन उसे अपने मोबाइल की सब लण्ड की फोटो दिखा दीं। फिर एक दिन मैंने उसके सामने अपनी दोस्त को गालियां दीं। उसने भी दूसरे दिन किसी को फोन पर गालियां दी जो मैंने सुन लीं। अब तो बहुत खुल गयी है वो मुझसे।
अब एक दिन तू कोई बढ़िया लण्ड उसे पकड़ा दे।
अरे हां वह जब बात कर रही थी तब मुझे मालूम हुआ की अदा भोसड़ी की लण्ड चूसती है, लण्ड पीती है यार ? इसका मतलब चुदवाती भी होगी लड़कों से ?
हां यार आजकल लड़कियां सब कर लेती हैं।अब मेरी बेटी को देखो माँ की लौड़ी अपनी माँ चुदाने लगी है। लण्ड पेलती है वो मेरी चूत में ?
पता नहीं यार अदा कब चुदायेगी अपनी माँ ?
अरे यार जिस दिन तू उसे अपने हाथ से लौड़ा पकड़ा देगी बस उसके बाद से ही वह भी चुदाने लगेगी अपनी माँ ? अब तो वह बड़ी तेजी से माँ चुदाने की तरफ बढ़ रही है।
इन दोनों की बातें सुनकर मेरी आँखे खुल गयी। मैं समझ गयी की अम्मी मेरे साथ यह सब जानबूझ कर रही थी।अम्मी चाहती हैं की मैं उसकी चूत चुदवाने लगूं। कॉलेज में मेरी सहेलियां जो माँ चुदाने की बातें करती हैं वह सब वाकई सही है। अम्मी मुझे अपनी दोस्त बनाकर सेक्स का मज़ा लूटना चाहती हैं। मेरे बॉय फ्रेंड्स के लण्ड पकड़ना चाहती हैं और उसे अपनी चूत में पेलना चाहती है। फिर मैंने सोंचा यार इसमें हर्ज़ ही क्या है ? मेरी और अम्मी की चाहत तो एक ही हैं न ? उसे भी लण्ड चाहिए और मुझे भी लण्ड चाहिए। अगर मैं अपने बॉय फ्रेंड्स के लण्ड अम्मी की चूत में डालूंगी तो अम्मी भी तो अंकल लोगों के लण्ड मेरी चूत में डालेगी। तब तो वास्तव में बड़ा मज़ा आएगा। बस मैं इसी तरह सोंचने लगी।
दूसरे दिन कॉलेज में मैं भी 'माँ चुदाने' की बातें करने लगी। मेरी एक सहेली थी सबीना। मैंने उससे कहां यार तू तो अपनी माँ चुदाती है न ? यह बोली हां बिल्कुल चुदाती हूँ। मैंने कहा तो फिर मुझे भी सिखा दे माँ चुदाना। बातों ही बातों में वह मुझे अपने घर ले गयी। उसने मुझे अपनी अम्मी से मिलवाया। उसकी अम्मी तो बिलकुल चकाचक थीं। बड़ी खूबसूरत और मद मस्त। पहले उसने मुझे नास्ता कराया। फिर वह मुझे अपने बेड रूम ले गयी। मैंने देखा की वहां दो जवां लड़के बैठे हैं। सबीना ने उनसे मेरा परिचय करवाया। तब तक उसकी अम्मी भी आ गईं। सबीना बड़ी बेशर्मी से अपने कपड़े उतारने लगी। उसके बूब्स खुले मैं दंग रह गयी देख कर। इतने मस्त और सुडौल बूब्स बहुत कम लड़कियों के होतें हैं। फिर उसने अपनी अम्मी के स्तन खोल डाले। उसका सलवार खोल कर उसे नंगी कर दिया। उसकी चूत बाहर आ गयी। उसके बाद उसने एक एक करके दोनों लड़कों को नंगा कर दिया। उनके लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लण्ड बढ़ने लगे। तब तक मैं भी नंगी हो चुकी थी। मैं भी एक लण्ड हिलाने लगी। आंटी जी लण्ड चूसने लगीं और सबीना उसका भोसड़ा सहलाने लगी। मेरा भी एक हाथ सबीना की चूत पर चला गया।
थोड़ी देर में सबीना बोली देख अदा ये है लण्ड और ये है माँ की चूत ? और अब मैंने लण्ड अपनी माँ की चूत पर टिका दिया है। अब मैं मारूंगी इसकी गांड पर एक धक्का तो लण्ड सट्ट से माँ की चूत में घुस जायेगा। हुआ भी यही। लौड़ा पूरा एक ही बार में घुस गया। बस फिर क्या वह भकाभक चोदने लगा और सबीना उसके पेलहड़ सहलाने लगी। लण्ड जब जब चूत के बाहर फिसल कर आ जाता तब तब सबीना उसे अंदर घुसेड़ देती। वह बोली देखा अदा इसे कहतें है माँ चुदाना। मैंने कहा हां सबीना अब मैं समझ गयी अब मैं तेरी बुर चुदाती हूँ। मैंने दूसरा लण्ड सबीना की बुर में घुसेड़ दिया और चुदाने लगी। वह बोली हाय अल्ला, तू तो बहुत जल्दी सीख गयी अपनी बुर चुदाना और अपनी माँ चुदाना । वह बोली अदा अब तू यही रुक जा और अपनी बुर चुदवा कर जा। अब तू मस्त जवान लड़की हो गयी है। तुझे चोदने के लिए तो कोई भी लड़का तैयार हो जायेगा।
मैं मजे से चुदवा कर घर चली आई। इंटर लॉक खोल कर मैं अंदर घुसी तो देखा की अम्मी के कमरे से कुछ आवाज़ आ रही है। मैंने फ़ौरन अपने कपड़े चेंज किया और झांक कर देखने लगी। मैंने देखा अम्मी तो किसी आदमी का लण्ड हिल रही हैं। लण्ड साला बड़ा मोटा तगड़ा था। उसका सुपाड़ा तो बड़ा चमक रहा था। अम्मी दूसरे हाथ से उसकी जांघें सहला रही थीं। उसकी नज़र मुझ पर पड़ी तो वह वहीँ से बोली अरी अदा जल्दी से अंदर आ न। मैं तेरा ही इंतज़ार कर रही थी। देख ये है तेरा शब्बीर अंकल।आज ही गाँव से आया है। मैं चाहती थी की तुम इसे नंगा करके इसका लण्ड पकड़ कर देखो पर तुझे देर हो गयी तो मैंने खोल कर पकड़ लिया लण्ड। अब तुम आ गयी हो तो पकड़ कर बताओ की ये लण्ड तुम्हे पसंद है की नहीं ? मैं बेशरम हो ही चुकी थी। मैंने हाथ बढ़ा कर लण्ड पकड़ लिया। मेरे पकड़ते ही लण्ड फनफनाकर और तन गया। मुझे भी मज़ा आया। मैं उसे हिला हिला कर चारों तरफ से देखने लगी।
मैंने कहा :- अम्मी लौड़ा तो बड़ा मोटा तगड़ा है और सख्त है।
वह बोली :- तो फिर लण्ड मुंह में लेकर देखो बेटी। मैं तो चाहती यही थी। मैं झुक कर लण्ड चाटने लगी और मुंह में सुपाड़ा भर कर चूसने लगी। लण्ड मेरी जबरदस्त तरीके से मेरी पकड़ में आ गया। अम्मी ने मेरे कपडे उतारे और मेरी चूत सहलाया फिर बोली हाय अदा तेरी चूत तो बहुत गरम हो गयी है। कहो तो लौड़ा पेल दूँ तेरी चूत में। मैंने कहा अरे नहीं अम्मी मेरी चूत इसे बर्दास्त नहीं कर पायेगी। फट जाएगी मेरी चूत। तेरी चूत में घुसेड़ देती हूँ। वह बोली हाय दईया तो तू आज से अपनी माँ चुदाना शुरू कर देगी क्या ? मैंने कहा अब इतना बड़ा लण्ड आखिर तेरे भोसड़ा में नहीं जायेगा तो फिर कहाँ जायेगा अम्मी ? तेरा भोसड़ा ही इसे बर्दास्त कर सकता है। वह बोली अरे मेरा भोसड़ा तो ऐसे कई लण्ड बर्दास्त कर चूका है बेटी ? में मौके का फायदा उठाया और लौड़ा अम्मी की बुर में ठोंक दिया।
लण्ड पूरा का पूरा घुस गया बहन चोद। अंकल भी मस्ती से चोदने लगा। मैं उसके पेलहड़ सहलाने लगी। मैं अपनी माँ उसी तरह चुदाने लगी जैसे सबीना अपनी माँ चुदवा रही थी।
अम्मी बोली :- हाय अदा तू तो बुर चोदी बड़ी अच्छी तरह माँ चुदा लेती है।
मैंने कहा :- जब लौड़ा बढ़िया हो, बड़ा मोटा तगड़ा हो, तो माँ चुदाने में और मज़ा आता है।
लौड़ा जब जब फिशल कर इधर उधर होता तो मैं उसे अंदर घुसेड़ देती। मन तो मेरा भी चुदाने का हो रहा था। मेरी भी चूत इतना बड़ा लण्ड ले सकती है लेकिन मैं तो माँ चुदाने के चक्कर में थी। मैं तो अपनी अम्मी को खुश करना चाहती थी। मैंने उस दिन नहीं चुदवाया। दूसरी पारी में भी मैंने माँ की चूत ही चुदवाई। अम्मी ने फ़ौरन फोन उठाया और रमजाना आंटी से कहा अरी सुनो यार आज से मेरी बेटी भी अपनी माँ चुदाने लगी है। आंटी ने अम्मी को मुबारकबाद दी और बोली मैं किसी दिन आकर देखूँगी कैसे तेरी बेटी चुदवाती है अपनी माँ का भोसड़ा ? कितनी देर तक और किस तारह से चुदवाती हैअपनी माँ का भोसड़ा ? और हां सुन अब तू भी अच्छे अच्छे लण्ड अपनी बिटिया की बुर में पेलना शुरू कर दे। उस दिन से माँ चुदाने का काम शुरू हो गया और एक दिन माँ ने अपनी बेटी चुदवा दी तो बेटी चुदाने का काम भी शुरू हो गया।
हम दोनों की मिलकर चोदा चोदी होने लगी।
एक दिन अम्मी कमरे में बैठे बैठे ही चिल्ला कर बोली अरी वो बुर चोदी अदा देख कोई तेरी माँ चोदने आया है ? मैं फटाफट ऊपर से उतर कर कमरे में आ गयी। मैे देखा की एक आदमी अम्मी के पास बैठा है। उसे देख कर मेरे मुंह से निकला अरे भोसड़ी के अब्बास तू मेरी माँ चोदेगा ? तू मादर चोद कब से लड़कियों की माँ चोदने लगा ? वह बोला अरे यार तुम शायद यह नहीं जानती हो की तेरी अम्मी मेरी भाभी लगतीं हैं। भाभी की बुर चोदना तो देवर का हक़ है अदा ? दरअसल मैं कल आया था। मुझे तभी मालूम हुआ की भाभी की बेटी मेरी दोस्त है। तेरी फोटो भाभी के साथ यहाँ रखी थी । मैंने पूंछा भाभी यह तो मेरी दोस्त है अदा। वह बोली अरे यह तो मेरी बेटी है। और जानते हो अब्बास अब मेरी बेटी अपनी माँ चुदाने लगी है। अब्बास ने कहा देखो भाभी मैं सच कहा रहा हूँ की मैं अदा की भी बुर लेता हूँ। अदा मुझसे चुदवाती है। मुझे नहीं मालूम था की अदा आपकी बेटी है भाभी। मुझे माफ़ कर देना। मैंने कहा नहीं नहीं अब्बास तुम्हे माफ़ी मांगने की कोई जरुरत नहीं है। अब तुम कल आना और अदा के सामने ही अदा की माँ चोदना ?
इसलिए अब्बास आज यहां आ गया बेटी । मैंने कहा अब आ गए हो अब्बास मियां तो फिर शौक से मेरे सामने मेरी चोदो मेरी माँ और मेरी माँ के सामने चोदो मुझे ? आज तो तेरी चांदी ही चांदी है...
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