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» ये लण्ड बड़ा है या मेरे चुचे - सही जवाब देकर मुझे चोदने का मौका पाओ - Boobs big or penis
ये लण्ड बड़ा है या मेरे चुचे - सही जवाब देकर मुझे चोदने का मौका पाओ - Boobs big or penis
ये लण्ड बड़ा है या मेरे चुचे - सही जवाब देकर मुझे चोदने का मौका पाओ - Boobs big or penis.
अरे अम्मी मैंने तुम्हे कई बार भाभी की गांड मारते हुए देखा है। कई बार उसकी गांड में उंगली करते हुए देखा है। कभी किसी मतलब से और कभी बिना मतलब ही गांड में उंगली घुसाते हुए देखा है। ये तो मेरी भाभी हैं जो बिचारी सब कुछ बर्दास्त किये हुए चली जा रही है। अगर भाभी की जगह कोई मेरी जैसे तेरी बहू होती तो उलटे तेरी गांड में उंगली घुसेड़ देती। ऊँगली क्या लण्ड पेल देती तेरी गांड में अम्मी ? गांड क्या तेरी चूत में लौड़ा घुसेड़ देती ? मैं तो किसी सूरत में इतना बर्दास्त नहीं कर सकती, जितना भाभी बर्दास्त करती हैं ? अरे कभी तुमने सोंचा है की तेरी बहू के पास एक मस्तानी चूत है। उस चूत को एक मस्ताना लण्ड चाहिए। अब भाई जान तो विदेश में रहतें हैं। यहाँ इसकी चूत का कौन ख्याल रखेगा ? एक तू है जिसे भाभी की चूत का ख्याल ही नहीं है बस उसकी गांड में उंगली करने के अलावा आजतक तूने कुछ किया ही नहीं अम्मी। अरे कभी प्यार से अपनी बहू की बुर चुदवाई होती, कभी कोई मोटा ताज़ा लण्ड अपनी बहू की बुर में पेला होता तो बात ही कुछ और होती ? उसको भी लगता की हां कोई मेरी चूत की देख भाल करने वाली है।
अम्मी बोली :- हाय अल्ला, मैंने तो कभी इस तरह सोंचा ही नहीं बेटी सना। तूने तो मेरी आँखें खोल दी।
मैंने कहा :- तो फिर आज ही अपनी बहू की बुर चोद के देखो न अम्मी ?
अम्मी बोली :- अरी सना लण्ड कहाँ है लण्ड ? बिना लण्ड के मैं कैसे चोदूँगी अपनी बहू की बुर ?
मैंने कहा :- हाय दईया रोज़ रोज़ तो चुदवाया करती है तू अपना भोसड़ा और लण्ड के लिए मुझसे पूंछ रही है। अम्मी ने कहा :- अरे वह बात सही है लेकिन अब मेरे पास किसी मरद का पता लो लिखा नहीं है। तू बुला ले न। तेरे पास तो बहुत लोग है चोदने वाले।
मैंने कहा :- ठीक है मैं ही बुला लेती हूँ। फिर कुछ मत कहना ?
अम्मी से बात करके मैं सीधे कमरे में भाभी के पास गयी और कहा सायरा भाभी आज तुम मस्ती से चुदवाना अपनी बुर। अपनी चूत की पूरी आग बुझा लेना . रात भर चुदवाना मैं भी रहूंगी तेरे साथ। मैं दो लड़कों को अम्मी के गांड के पीछे लगा दूँगी। वो दोनों मारेगें अम्मी की गांड तब अम्मी को पता चलेगा की किसी की गांड मारने से क्या होता है ? उसके बाद चुदवाऊँगी उसका भोसड़ा। गरमागरम लण्ड एक के बाद एक पेलूँगी उसके भोसड़ा में ? उसके भोसड़ा की भी मारुंगी गांड। मैं जानती हूँ भाभी की तुमने कितना बर्दास्त किया है अम्मी की हर बात पर टोका टोकी । अम्मी का हर बात पर गांड में उंगली करना। मैं तो यह सब सहन नहीं कर सकती ? मैं तो अपनी सास की गांड मारने लगी हूँ। गालियों से भी मारती हूँ उसकी गांड और लण्ड पेल कर भी। उसका भोसड़ा मैं खुद चोदती हूँ भाभी। एक लण्ड नहीं कभी दो दो लण्ड पेल देती हूँ उसकी चूत में।
मैं फिर वहां से अम्मी एक पास गयी और कहा अम्मी देखो भाभी बहुत दिनों से चुदासी हैं। उसे बड़े बड़े और मोटे लण्ड चाहिए। तुम बड़े बड़े और मोटे जानती हो। उन्ही को बुलाओ और उनके लण्ड पेलो अपनी बहू की बुर में तब उसकी आग ठंढी होगी। अम्मी तुरंत बोली अच्छा तो फिर अब्दुल और माइकल को बुला लेती हूँ। दोनों के लौड़े साले जबरदस्त हैं। मेरे भी भोसड़ा के छक्के छुड़ा देते है दोनों लण्ड। उधर अम्मी ने उन दोनों को बुलाया इधर मैंने भी दो जवान लड़के बुला लिया। शाम को सब लोग इकठ्ठा हो गए , एक बात थी न मैं अम्मी के दोस्तों को जानती थी और न अम्मी मेरे दोस्तों को। मैंने जब माइकल और अब्दुल को देखा तो समझ गयी की इनके लौड़े वाकई बड़े दमदार होगें। भाभी भी उन्हें देख कर खुश हो गयी। इधर मैंने जब अपने दोस्त साहिल और साजन से मिलवाया तो अम्मी ने आँख मार कर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर की। मैंने भाभी की तरफ देखा तो उसका भी चेहरा चमक रहा था। मैं तो इन दोनों से चुदवाती हूँ और इनके लण्ड का पूरा मज़ा लेती हूँ। आज ये दोनों मेरी माँ चोदेगें। उसकी गांड मारेगें और भाभी की भी बुर चोदेगें।
मैंने एक तरफ अम्मी से कहा की अम्मी आज तुम अपनी बहू की बुर अच्छी तरह चोदना दूसरी तरफ भाभी से कहां भाभी आज मौका है आज तुम झमाझम मारना अपनी सास की गांड ?
अम्मी ने दारू का इंतज़ाम कर रखा था और फिर हम सब शराब पीने लगे। शराब पीना भी मुझे अम्मी ने ही सिखाया था और कहा था की बेटी दारू पीने के बाद चोदा चोदी में ज्यादा मज़ा आता है। क्योंकि नशे में जो भी करोगी वह खुल के करोगी और वो सब जायज़ होता है। मैंने भी यह अनुभव किया की थोड़ा नशा हो तो चुदाने में ज्यादा मज़ा आता है। तब तक अम्मी ने भाभी का हाथ पकड़ कर अब्दुल अंकल के लण्ड पर रख दिया और कहा ले बहू पकड़ कर देख इसका लण्ड ? भाभी उसका पैजामा खोलने लगी। इतने में अम्मी ने मेरा हाथ माइकल के लण्ड पर रख दिया और बोली तू भी पकड़ ले न माइकल का लण्ड ? तू भोसड़ी वाली क्या अपनी भाभी से पीछे रहेगी ? मैंने भी फ़टाफ़ट खोलना शुरू किया माइकल का लण्ड। अब इधर मैंने माइकल का लण्ड हिलाया और उधर भाभी ने अब्दुल का लण्ड। दोनों लण्ड साले तन कर खड़े हो गए। तब मैंने साहिल और साजन की तरफ इशारा करके कहा अरे भोसड़ी वालों अब तुम लोग अपने अपने लण्ड खोल कर पकड़ा दो मेरी हरामजादी अम्मी को। उन लोगों ने ऐसा ही किया। अम्मी दो नए लण्ड पाकर मस्त हो गईं।
मैंने देखा की भाभी अब्दुल का लण्ड बड़ी मस्ती से चाट रही हैं। लण्ड भी साला बड़ा हक्कानी था। उसका सुपाड़ा ही ३" से कम न होगा। इधर मेरे पास जो माइकल का लण्ड था वह भी बहन चोद ८" से बड़ा था। मोटा भी और सख्त भी। मैं सोंचने लगी की ये दोनों लण्ड साले मेरी माँ का भोसड़ा चोदते हैं। तो मेरी माँ बड़ा मज़ा करती होगी। वैसे भी उसे नए नए लोगों से चुदाने में बहुत अच्छा लगता है। यही आदत मेरी भी हो गयी हैं। मैं अपने मियां से कम चुदवाती हूँ दूसरों के मियों से ज्यादा। उधर अम्मी भी दोनों लण्ड चूसने चाटने में बिजी हो गईं। धीरे धीरे सब के कपडे उतरने लगे। मैं भी एकदम नंगी हो गयी और मेरी भाभी भी। अम्मी ने तो पहले ही कपडे उतार रखे थे। चार लण्ड और तीन चूत एकदम साफ़ साफ़ दिख रही थीं। कमरे का माहौल गरम हो गया। हम सब चोदा चोदी में मूड में बुरी तरह से आ चुके थे।
भाभी ने अपनी चूत फैला दी। तब अम्मी बोली अरे अब्दुल चोद ले मेरी बहू की बुर ? पेल दे अपना लण्ड। अब्दुल ने लण्ड टिका दिया। तो लण्ड बहन चोद सटाक से अंदर घुस गया। भाभी के मुंह से निकला उफ़ कितना मोटा है लण्ड मादर चोद ? फिर वह मस्ती से चुदवाने लगी। इधर मैंने इशारा किया तो साहिल ने लण्ड अम्मी की गांड पर टिका दिया। वह अपनी गांड उठा कर साजन लण्ड चूस रही थी। साहिल ने एक धक्का मारा तो लण्ड गांड में घुस गया। वह चोदने लगा अम्मी की गांड। अम्मी बोली अरे साले तू तो मेरी गांड मार रहा है। मैंने कहा अम्मी मार लेने दो इस तेरी गांड। आज तुझे मालूम होगा की गांड मराने में क्या होता है ? तू तो हमेशा भाभी की गांड मारती है आज कोई तेरी गांड मार रहा है तो फिर दर्द काहे का ? अरी सना बुर चोदी मैं लण्ड से उसकी गांड नहीं मारती हूँ। मैं तो बातों से गालियों से उसकी गांड मारती हूँ। मैंने कहा अम्मी लण्ड से गांड मराना अच्छा होता है लेकिन बातें सुन कर ताने सुन करऔर गालियां सुनकर गांड मराना कठिन होता है। अब तेरी बहू मारेगी तेरी गांड अम्मी।
उस दिन हम तीनो ने मिलकर उन चारों लण्ड अदल बदल कर खूब चुदवाया । अम्मी की गांड भी खूब मरवाई ताकि वह बात बात पर भाभी की गांड मारना छोड़ दे। इसका असर भी हुआ। अम्मी ने उसी दिन से अपनी बहू से प्यार करना चालू कर दिया। उसकी बुर चुदवाना शुरू कर दिया। उन दोनों का हिसाब किताब बराबर हो गया और इधर मैं भी अपनी ससुराल चली गयी।
एक दिन अम्मी का फोन आ गया।
वह बोली हाय सना क्या कर रही है तू।
मैंने बड़ी बेबाकी से जबाब दिया - लण्ड हिला रही हूँ सबके, अम्मी।
हाय दईया कितने लोगों के लण्ड हिला रही है तू ?
बस तीन लोगों के लण्ड, अम्मी। एक मेरा देवर का लण्ड है, एक मेरे नंदोई का लण्ड है और एक मेरे फुफिया ससुर का लण्ड। तीनो साले भोसड़ी के रात में ही मेरे कमरे में घुस आये वह भी नंगे नंगे अपना अपना लण्ड खड़ा किये हुए।
अरे बेटी, ये साले मादर चोद लण्ड रात में खड़े होकर किसी के भी सामने दहाड़ने लगते हैं।
हां अम्मी, सही कह रही हो तुम, और फिर एक नयी नवेली दुल्हन के सामने तो और दहाड़ते हैं लण्ड। यही हो रहा है यहाँ मेरे घर में, बहन चोद ? पर तुम क्या कर रही हो, अम्मी इतनी रात में।
मैं भी लण्ड हिला रही हूँ बेटी ?
किसके लण्ड हिला रही हो अम्मी इतनी रात में ?
एक तो मेरे नंदोई का लण्ड है साला यानी तेरे फूफा का लण्ड। दूसरा मेरे पड़ोसी का लण्ड है और तीसरा मेरी एक सहेली के मियां का लण्ड है। उसे तो मैंने आज अपनी बुर चुदवाने के लिए बुलाया था। मैं उसकी का लौड़ा हिला रही थी। तब तक भोसड़ी का मेरा पड़ोसी आ गया वह बोला लो मेरा भी लण्ड हिलाओ भाभी ? मैं उसका लण्ड हिलाने लगी। तब तक डोर बेल बज उठी। मैंने दरवाजा खोला तो सामने तेरा फूफा खड़ा था। मैंने जैसे ही उसे अंदर किया वैसे ही वह बोला मेरा लण्ड चूस लो भाभी। फिर मैं उसे भी वहीँ ले गयी जहाँ वो दोनों नंगे लेटे थे। मैंने एक लण्ड दाएं हाथ में लिया दूसरा लण्ड बाएं हाथ में लिया और तेरे फूफा का लण्ड मुंह में ले लिया। और मस्ती से लण्ड हिला हिला कर उसका लण्ड चूसने लगी। तेरा फूफा तो भोसड़ी का झड़ गया। अब इन दोनों से चुदवाने जा रही हूँ। फिर अचानक तभी तेरी याद आ गयी। मैंने सोंचा की चलो तुमसे बात कर लेती हूँ बेटी।
अच्छा किया अम्मी आपने। मैं इधर फुफिया ससुर के लण्ड पर बैठी हूँ , देवर का लण्ड दाहिने हाथ में लिया है और बाएं हाथ में नंदोई का लण्ड। दोनों नन्द बारी बारी से मुंह में ले रही हूँ। चुदवा भी रही हूँ और लण्ड चूस भी रही हूँ।
तू तो भोसड़ी की बिलकुल ब्लू फिल्म की हीरोइन हो गयी है।
मैंने ये सब ब्लू फिल्म देख देख कर ही सिखा है अम्मी। मैं तो ४/५ लण्ड एक साथ लेकर चुदवा सकती हूँ।
तू बुर चोदी मुझसे आगे निकल गयी है।
अचानक फोन कट गया तो मैंने फुफिया ससुर का लण्ड चोदने के स्पीड बढ़ा दी। मैं और तेजी से उसके लण्ड पर कूदने लगी। अपनी गांड जल्दी जल्दी उठा कर उसके लण्ड पर पटकने लगी। बस थोड़ी देर में ही वह बोला बहू अब मैं खलास हो जाऊंगा। मैंने कहा हां तो हो जा। खलास करने के लिए ही मैं तेरा लौड़ा चोद रही हूँ। मैं तो इसका तेल निकाल कर ही दम लूंगी। मेरा ऐसा कहना हुआ की उसके लण्ड ने उगल दिया माल मेरी चूत में। मैं बोली बस इतना ही दम था तेरे लण्ड में। तू तो माँ का लौड़ा बड़ी देर तक मेरी सास का भोसड़ा चोदता रहता है। वह बोली अरी बहू तेरी चूत बहुत है टाइट उसका भोसड़ा तो ढीला हो गया है न ? मैं उसके लण्ड से उतर पड़ी और अपने देवर के लण्ड पर बैठ गयी। मैं देवर का लौड़ा चोदने लगी और नंदोई का लौड़ा चूसने लगी।
मेरे देवर का लण्ड मुझे बड़ा मज़ा दे रहा है। इसका भी लौड़ा बड़ा मोटा है। बड़े वाले देवर का लौड़ा मोटा है तो मैं समझी की छोटे वाले का लण्ड कहीं छोटा न हो। लेकिन जब लौड़ा खड़ा होकर मेरे सामने आया तो मैं उसे देख कर दंग रह गयी। साला ५" से भी ज्यादा मोटा होगा उसका लण्ड। मेरी चूत उससे चुदवा कर बड़ी मस्त हो रही है। वह भी साला भका बक चोदने में लगा है। वह बोला सना भाभी तेरी चूत बड़ी भाभी की चूत से ज्यादा टाइट है। और फिर जब तुम लण्ड मुंह में लती हो बड़ा मज़ा आता है। बड़ी भाभी बस थोड़ी देर तो लण्ड मुंह में लेतीं हैं लेकिन फिर सीधे बुर में घुसेड़वा लेतीं है लण्ड ? चुदवाने में तो वह भी अच्छी हैं पर मुझे तुम्हे चोदने में ज्यादा मज़ा आ रहा है। मैंने कहा तो फिर लोअब तुम मुझे पीछे से चोदो। मैं आगे से नंदोई का लण्ड चूसूंगी। मैं मस्ती में चूर थी और चुदवाने में सारी दुनिया भूल गयी। अचानक मेरे कमरे में मेरी नन्द अपनी चूचियाँ खोले हुए आ गयी।
मुझे देखते ही बोली आये हाय मेरी हरामजादी भाभी दो दो लण्ड से चुदवा रही हो अपनी बुर वह भी एकदम खुल्लम खुल्ला ? तुझे बहन चोद कोई शर्म नहीं आती ? मैनें कहा अच्छा तू बोल रही है माँ की लौड़ी ? तू जब अपने ससुर का लण्ड अपनी बुर में पेलती है तो तुझे शर्म आती है क्या ? जो खुद इतनी चुदक्कड़ है वो मुझसे क्या कहेगी ? वह बोली मैं देख रही हूँ की एक तरफ तू मेरे भाई जान से चुदवा रही है और दूसरी तरफ तू मेरे जीजू का लण्ड चूस रही है। लाओ मुझे दे दो जीजू का लण्ड मैं इस पर बैठ कर चुदवाऊँगी ? मैंने कहां जीजू का लण्ड क्यों दे दूँ ? वो देख पीछे, तेरे फूफा का लण्ड खड़ा हो गया है। तू उसके लण्ड पर बैठ जा भोसड़ी की और चुदवा ले। जीजू का लण्ड अब मैं अपनी बुर में पेलने जा रही हूँ, और देवर का लण्ड मुंह में। मेरी नन्द वाकई अपना पेटीकोट खोल के फूफा के लण्ड पर बैठ गयी।
मैंने देखा की मेरी नन्द भी बड़ी मस्ती से चुदवाती है। उसकी चूत भी बड़ी टाइट है और उसकी चूचियाँ तो बड़ी भी हैं और सुडौल भी। वह भी अपनी ससुराल में चुदवाने के लिए जानी जाती है। यहाँ माईके में अपनी माँ चुदवाती है और ससुराल में अपनी सास का भोसड़ा चुदवाती है।
इतने में मेरी अम्मी का फोन आ गया। वह बोली सना बेटी तेरी चुदाई पूरी हो गयी ? मैंने कहा नहीं अम्मी अभी चल रही है। अब तो मेरी नन्द भी मेरे साथ चुदवा रही है। वह बोली मैं तो चुदवा चुकी हूँ बेटी लेकिन तेरी बड़ी भाभी एक मोटा लण्ड मेरे भोसड़ा में ठोंकने जा रही है। वह कहती है की मैं अपनी सास का भोसड़ा चुदवाने के बाद ही चुदवाऊँगी ?
मैंने कहा :- वाह यह तो बड़ी अच्छी बात है अम्मी। बहू हो तो ऐसी...
अरे अम्मी मैंने तुम्हे कई बार भाभी की गांड मारते हुए देखा है। कई बार उसकी गांड में उंगली करते हुए देखा है। कभी किसी मतलब से और कभी बिना मतलब ही गांड में उंगली घुसाते हुए देखा है। ये तो मेरी भाभी हैं जो बिचारी सब कुछ बर्दास्त किये हुए चली जा रही है। अगर भाभी की जगह कोई मेरी जैसे तेरी बहू होती तो उलटे तेरी गांड में उंगली घुसेड़ देती। ऊँगली क्या लण्ड पेल देती तेरी गांड में अम्मी ? गांड क्या तेरी चूत में लौड़ा घुसेड़ देती ? मैं तो किसी सूरत में इतना बर्दास्त नहीं कर सकती, जितना भाभी बर्दास्त करती हैं ? अरे कभी तुमने सोंचा है की तेरी बहू के पास एक मस्तानी चूत है। उस चूत को एक मस्ताना लण्ड चाहिए। अब भाई जान तो विदेश में रहतें हैं। यहाँ इसकी चूत का कौन ख्याल रखेगा ? एक तू है जिसे भाभी की चूत का ख्याल ही नहीं है बस उसकी गांड में उंगली करने के अलावा आजतक तूने कुछ किया ही नहीं अम्मी। अरे कभी प्यार से अपनी बहू की बुर चुदवाई होती, कभी कोई मोटा ताज़ा लण्ड अपनी बहू की बुर में पेला होता तो बात ही कुछ और होती ? उसको भी लगता की हां कोई मेरी चूत की देख भाल करने वाली है।
अम्मी बोली :- हाय अल्ला, मैंने तो कभी इस तरह सोंचा ही नहीं बेटी सना। तूने तो मेरी आँखें खोल दी।
मैंने कहा :- तो फिर आज ही अपनी बहू की बुर चोद के देखो न अम्मी ?
अम्मी बोली :- अरी सना लण्ड कहाँ है लण्ड ? बिना लण्ड के मैं कैसे चोदूँगी अपनी बहू की बुर ?
मैंने कहा :- हाय दईया रोज़ रोज़ तो चुदवाया करती है तू अपना भोसड़ा और लण्ड के लिए मुझसे पूंछ रही है। अम्मी ने कहा :- अरे वह बात सही है लेकिन अब मेरे पास किसी मरद का पता लो लिखा नहीं है। तू बुला ले न। तेरे पास तो बहुत लोग है चोदने वाले।
मैंने कहा :- ठीक है मैं ही बुला लेती हूँ। फिर कुछ मत कहना ?
अम्मी से बात करके मैं सीधे कमरे में भाभी के पास गयी और कहा सायरा भाभी आज तुम मस्ती से चुदवाना अपनी बुर। अपनी चूत की पूरी आग बुझा लेना . रात भर चुदवाना मैं भी रहूंगी तेरे साथ। मैं दो लड़कों को अम्मी के गांड के पीछे लगा दूँगी। वो दोनों मारेगें अम्मी की गांड तब अम्मी को पता चलेगा की किसी की गांड मारने से क्या होता है ? उसके बाद चुदवाऊँगी उसका भोसड़ा। गरमागरम लण्ड एक के बाद एक पेलूँगी उसके भोसड़ा में ? उसके भोसड़ा की भी मारुंगी गांड। मैं जानती हूँ भाभी की तुमने कितना बर्दास्त किया है अम्मी की हर बात पर टोका टोकी । अम्मी का हर बात पर गांड में उंगली करना। मैं तो यह सब सहन नहीं कर सकती ? मैं तो अपनी सास की गांड मारने लगी हूँ। गालियों से भी मारती हूँ उसकी गांड और लण्ड पेल कर भी। उसका भोसड़ा मैं खुद चोदती हूँ भाभी। एक लण्ड नहीं कभी दो दो लण्ड पेल देती हूँ उसकी चूत में।
मैं फिर वहां से अम्मी एक पास गयी और कहा अम्मी देखो भाभी बहुत दिनों से चुदासी हैं। उसे बड़े बड़े और मोटे लण्ड चाहिए। तुम बड़े बड़े और मोटे जानती हो। उन्ही को बुलाओ और उनके लण्ड पेलो अपनी बहू की बुर में तब उसकी आग ठंढी होगी। अम्मी तुरंत बोली अच्छा तो फिर अब्दुल और माइकल को बुला लेती हूँ। दोनों के लौड़े साले जबरदस्त हैं। मेरे भी भोसड़ा के छक्के छुड़ा देते है दोनों लण्ड। उधर अम्मी ने उन दोनों को बुलाया इधर मैंने भी दो जवान लड़के बुला लिया। शाम को सब लोग इकठ्ठा हो गए , एक बात थी न मैं अम्मी के दोस्तों को जानती थी और न अम्मी मेरे दोस्तों को। मैंने जब माइकल और अब्दुल को देखा तो समझ गयी की इनके लौड़े वाकई बड़े दमदार होगें। भाभी भी उन्हें देख कर खुश हो गयी। इधर मैंने जब अपने दोस्त साहिल और साजन से मिलवाया तो अम्मी ने आँख मार कर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर की। मैंने भाभी की तरफ देखा तो उसका भी चेहरा चमक रहा था। मैं तो इन दोनों से चुदवाती हूँ और इनके लण्ड का पूरा मज़ा लेती हूँ। आज ये दोनों मेरी माँ चोदेगें। उसकी गांड मारेगें और भाभी की भी बुर चोदेगें।
मैंने एक तरफ अम्मी से कहा की अम्मी आज तुम अपनी बहू की बुर अच्छी तरह चोदना दूसरी तरफ भाभी से कहां भाभी आज मौका है आज तुम झमाझम मारना अपनी सास की गांड ?
अम्मी ने दारू का इंतज़ाम कर रखा था और फिर हम सब शराब पीने लगे। शराब पीना भी मुझे अम्मी ने ही सिखाया था और कहा था की बेटी दारू पीने के बाद चोदा चोदी में ज्यादा मज़ा आता है। क्योंकि नशे में जो भी करोगी वह खुल के करोगी और वो सब जायज़ होता है। मैंने भी यह अनुभव किया की थोड़ा नशा हो तो चुदाने में ज्यादा मज़ा आता है। तब तक अम्मी ने भाभी का हाथ पकड़ कर अब्दुल अंकल के लण्ड पर रख दिया और कहा ले बहू पकड़ कर देख इसका लण्ड ? भाभी उसका पैजामा खोलने लगी। इतने में अम्मी ने मेरा हाथ माइकल के लण्ड पर रख दिया और बोली तू भी पकड़ ले न माइकल का लण्ड ? तू भोसड़ी वाली क्या अपनी भाभी से पीछे रहेगी ? मैंने भी फ़टाफ़ट खोलना शुरू किया माइकल का लण्ड। अब इधर मैंने माइकल का लण्ड हिलाया और उधर भाभी ने अब्दुल का लण्ड। दोनों लण्ड साले तन कर खड़े हो गए। तब मैंने साहिल और साजन की तरफ इशारा करके कहा अरे भोसड़ी वालों अब तुम लोग अपने अपने लण्ड खोल कर पकड़ा दो मेरी हरामजादी अम्मी को। उन लोगों ने ऐसा ही किया। अम्मी दो नए लण्ड पाकर मस्त हो गईं।
मैंने देखा की भाभी अब्दुल का लण्ड बड़ी मस्ती से चाट रही हैं। लण्ड भी साला बड़ा हक्कानी था। उसका सुपाड़ा ही ३" से कम न होगा। इधर मेरे पास जो माइकल का लण्ड था वह भी बहन चोद ८" से बड़ा था। मोटा भी और सख्त भी। मैं सोंचने लगी की ये दोनों लण्ड साले मेरी माँ का भोसड़ा चोदते हैं। तो मेरी माँ बड़ा मज़ा करती होगी। वैसे भी उसे नए नए लोगों से चुदाने में बहुत अच्छा लगता है। यही आदत मेरी भी हो गयी हैं। मैं अपने मियां से कम चुदवाती हूँ दूसरों के मियों से ज्यादा। उधर अम्मी भी दोनों लण्ड चूसने चाटने में बिजी हो गईं। धीरे धीरे सब के कपडे उतरने लगे। मैं भी एकदम नंगी हो गयी और मेरी भाभी भी। अम्मी ने तो पहले ही कपडे उतार रखे थे। चार लण्ड और तीन चूत एकदम साफ़ साफ़ दिख रही थीं। कमरे का माहौल गरम हो गया। हम सब चोदा चोदी में मूड में बुरी तरह से आ चुके थे।
भाभी ने अपनी चूत फैला दी। तब अम्मी बोली अरे अब्दुल चोद ले मेरी बहू की बुर ? पेल दे अपना लण्ड। अब्दुल ने लण्ड टिका दिया। तो लण्ड बहन चोद सटाक से अंदर घुस गया। भाभी के मुंह से निकला उफ़ कितना मोटा है लण्ड मादर चोद ? फिर वह मस्ती से चुदवाने लगी। इधर मैंने इशारा किया तो साहिल ने लण्ड अम्मी की गांड पर टिका दिया। वह अपनी गांड उठा कर साजन लण्ड चूस रही थी। साहिल ने एक धक्का मारा तो लण्ड गांड में घुस गया। वह चोदने लगा अम्मी की गांड। अम्मी बोली अरे साले तू तो मेरी गांड मार रहा है। मैंने कहा अम्मी मार लेने दो इस तेरी गांड। आज तुझे मालूम होगा की गांड मराने में क्या होता है ? तू तो हमेशा भाभी की गांड मारती है आज कोई तेरी गांड मार रहा है तो फिर दर्द काहे का ? अरी सना बुर चोदी मैं लण्ड से उसकी गांड नहीं मारती हूँ। मैं तो बातों से गालियों से उसकी गांड मारती हूँ। मैंने कहा अम्मी लण्ड से गांड मराना अच्छा होता है लेकिन बातें सुन कर ताने सुन करऔर गालियां सुनकर गांड मराना कठिन होता है। अब तेरी बहू मारेगी तेरी गांड अम्मी।
उस दिन हम तीनो ने मिलकर उन चारों लण्ड अदल बदल कर खूब चुदवाया । अम्मी की गांड भी खूब मरवाई ताकि वह बात बात पर भाभी की गांड मारना छोड़ दे। इसका असर भी हुआ। अम्मी ने उसी दिन से अपनी बहू से प्यार करना चालू कर दिया। उसकी बुर चुदवाना शुरू कर दिया। उन दोनों का हिसाब किताब बराबर हो गया और इधर मैं भी अपनी ससुराल चली गयी।
एक दिन अम्मी का फोन आ गया।
वह बोली हाय सना क्या कर रही है तू।
मैंने बड़ी बेबाकी से जबाब दिया - लण्ड हिला रही हूँ सबके, अम्मी।
हाय दईया कितने लोगों के लण्ड हिला रही है तू ?
बस तीन लोगों के लण्ड, अम्मी। एक मेरा देवर का लण्ड है, एक मेरे नंदोई का लण्ड है और एक मेरे फुफिया ससुर का लण्ड। तीनो साले भोसड़ी के रात में ही मेरे कमरे में घुस आये वह भी नंगे नंगे अपना अपना लण्ड खड़ा किये हुए।
अरे बेटी, ये साले मादर चोद लण्ड रात में खड़े होकर किसी के भी सामने दहाड़ने लगते हैं।
हां अम्मी, सही कह रही हो तुम, और फिर एक नयी नवेली दुल्हन के सामने तो और दहाड़ते हैं लण्ड। यही हो रहा है यहाँ मेरे घर में, बहन चोद ? पर तुम क्या कर रही हो, अम्मी इतनी रात में।
मैं भी लण्ड हिला रही हूँ बेटी ?
किसके लण्ड हिला रही हो अम्मी इतनी रात में ?
एक तो मेरे नंदोई का लण्ड है साला यानी तेरे फूफा का लण्ड। दूसरा मेरे पड़ोसी का लण्ड है और तीसरा मेरी एक सहेली के मियां का लण्ड है। उसे तो मैंने आज अपनी बुर चुदवाने के लिए बुलाया था। मैं उसकी का लौड़ा हिला रही थी। तब तक भोसड़ी का मेरा पड़ोसी आ गया वह बोला लो मेरा भी लण्ड हिलाओ भाभी ? मैं उसका लण्ड हिलाने लगी। तब तक डोर बेल बज उठी। मैंने दरवाजा खोला तो सामने तेरा फूफा खड़ा था। मैंने जैसे ही उसे अंदर किया वैसे ही वह बोला मेरा लण्ड चूस लो भाभी। फिर मैं उसे भी वहीँ ले गयी जहाँ वो दोनों नंगे लेटे थे। मैंने एक लण्ड दाएं हाथ में लिया दूसरा लण्ड बाएं हाथ में लिया और तेरे फूफा का लण्ड मुंह में ले लिया। और मस्ती से लण्ड हिला हिला कर उसका लण्ड चूसने लगी। तेरा फूफा तो भोसड़ी का झड़ गया। अब इन दोनों से चुदवाने जा रही हूँ। फिर अचानक तभी तेरी याद आ गयी। मैंने सोंचा की चलो तुमसे बात कर लेती हूँ बेटी।
अच्छा किया अम्मी आपने। मैं इधर फुफिया ससुर के लण्ड पर बैठी हूँ , देवर का लण्ड दाहिने हाथ में लिया है और बाएं हाथ में नंदोई का लण्ड। दोनों नन्द बारी बारी से मुंह में ले रही हूँ। चुदवा भी रही हूँ और लण्ड चूस भी रही हूँ।
तू तो भोसड़ी की बिलकुल ब्लू फिल्म की हीरोइन हो गयी है।
मैंने ये सब ब्लू फिल्म देख देख कर ही सिखा है अम्मी। मैं तो ४/५ लण्ड एक साथ लेकर चुदवा सकती हूँ।
तू बुर चोदी मुझसे आगे निकल गयी है।
अचानक फोन कट गया तो मैंने फुफिया ससुर का लण्ड चोदने के स्पीड बढ़ा दी। मैं और तेजी से उसके लण्ड पर कूदने लगी। अपनी गांड जल्दी जल्दी उठा कर उसके लण्ड पर पटकने लगी। बस थोड़ी देर में ही वह बोला बहू अब मैं खलास हो जाऊंगा। मैंने कहा हां तो हो जा। खलास करने के लिए ही मैं तेरा लौड़ा चोद रही हूँ। मैं तो इसका तेल निकाल कर ही दम लूंगी। मेरा ऐसा कहना हुआ की उसके लण्ड ने उगल दिया माल मेरी चूत में। मैं बोली बस इतना ही दम था तेरे लण्ड में। तू तो माँ का लौड़ा बड़ी देर तक मेरी सास का भोसड़ा चोदता रहता है। वह बोली अरी बहू तेरी चूत बहुत है टाइट उसका भोसड़ा तो ढीला हो गया है न ? मैं उसके लण्ड से उतर पड़ी और अपने देवर के लण्ड पर बैठ गयी। मैं देवर का लौड़ा चोदने लगी और नंदोई का लौड़ा चूसने लगी।
मेरे देवर का लण्ड मुझे बड़ा मज़ा दे रहा है। इसका भी लौड़ा बड़ा मोटा है। बड़े वाले देवर का लौड़ा मोटा है तो मैं समझी की छोटे वाले का लण्ड कहीं छोटा न हो। लेकिन जब लौड़ा खड़ा होकर मेरे सामने आया तो मैं उसे देख कर दंग रह गयी। साला ५" से भी ज्यादा मोटा होगा उसका लण्ड। मेरी चूत उससे चुदवा कर बड़ी मस्त हो रही है। वह भी साला भका बक चोदने में लगा है। वह बोला सना भाभी तेरी चूत बड़ी भाभी की चूत से ज्यादा टाइट है। और फिर जब तुम लण्ड मुंह में लती हो बड़ा मज़ा आता है। बड़ी भाभी बस थोड़ी देर तो लण्ड मुंह में लेतीं हैं लेकिन फिर सीधे बुर में घुसेड़वा लेतीं है लण्ड ? चुदवाने में तो वह भी अच्छी हैं पर मुझे तुम्हे चोदने में ज्यादा मज़ा आ रहा है। मैंने कहा तो फिर लोअब तुम मुझे पीछे से चोदो। मैं आगे से नंदोई का लण्ड चूसूंगी। मैं मस्ती में चूर थी और चुदवाने में सारी दुनिया भूल गयी। अचानक मेरे कमरे में मेरी नन्द अपनी चूचियाँ खोले हुए आ गयी।
मुझे देखते ही बोली आये हाय मेरी हरामजादी भाभी दो दो लण्ड से चुदवा रही हो अपनी बुर वह भी एकदम खुल्लम खुल्ला ? तुझे बहन चोद कोई शर्म नहीं आती ? मैनें कहा अच्छा तू बोल रही है माँ की लौड़ी ? तू जब अपने ससुर का लण्ड अपनी बुर में पेलती है तो तुझे शर्म आती है क्या ? जो खुद इतनी चुदक्कड़ है वो मुझसे क्या कहेगी ? वह बोली मैं देख रही हूँ की एक तरफ तू मेरे भाई जान से चुदवा रही है और दूसरी तरफ तू मेरे जीजू का लण्ड चूस रही है। लाओ मुझे दे दो जीजू का लण्ड मैं इस पर बैठ कर चुदवाऊँगी ? मैंने कहां जीजू का लण्ड क्यों दे दूँ ? वो देख पीछे, तेरे फूफा का लण्ड खड़ा हो गया है। तू उसके लण्ड पर बैठ जा भोसड़ी की और चुदवा ले। जीजू का लण्ड अब मैं अपनी बुर में पेलने जा रही हूँ, और देवर का लण्ड मुंह में। मेरी नन्द वाकई अपना पेटीकोट खोल के फूफा के लण्ड पर बैठ गयी।
मैंने देखा की मेरी नन्द भी बड़ी मस्ती से चुदवाती है। उसकी चूत भी बड़ी टाइट है और उसकी चूचियाँ तो बड़ी भी हैं और सुडौल भी। वह भी अपनी ससुराल में चुदवाने के लिए जानी जाती है। यहाँ माईके में अपनी माँ चुदवाती है और ससुराल में अपनी सास का भोसड़ा चुदवाती है।
इतने में मेरी अम्मी का फोन आ गया। वह बोली सना बेटी तेरी चुदाई पूरी हो गयी ? मैंने कहा नहीं अम्मी अभी चल रही है। अब तो मेरी नन्द भी मेरे साथ चुदवा रही है। वह बोली मैं तो चुदवा चुकी हूँ बेटी लेकिन तेरी बड़ी भाभी एक मोटा लण्ड मेरे भोसड़ा में ठोंकने जा रही है। वह कहती है की मैं अपनी सास का भोसड़ा चुदवाने के बाद ही चुदवाऊँगी ?
मैंने कहा :- वाह यह तो बड़ी अच्छी बात है अम्मी। बहू हो तो ऐसी...
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