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केवल दो सौ रुपए में एक बार चुदाई करो - Ek 100 rupye me lund chusao 200 rupees me chodo
केवल दो सौ रुपए में एक बार चुदाई करो - Ek 100 rupye me lund chusao 200 rupees me chodo.
जीजू आज तेरा लण्ड कुछ ज्यादा ही मस्ती के मूड में है। देखो न कैसे फुफकार मार रहा है। दहाड़ रहा है साला मुझे नंगी देख कर। मैं तो कहती हूँ ये साला मेरी चूत को ललकार रहा है। जब भी तेरा लण्ड मेरी चूत देखता है तो कभी भी चुप चाप बैठ कर नहीं देखता ? फ़ौरन खड़े होकर देखने लगता है। फिर और मस्ती में अपना सिर हिलाने लगता है। मैं तो कहती हूँ यार तू बैठ जा चुपचाप मेरे लण्ड राजा, मेरी चूत कहीं भागी नहीं जा रही है। मैं इसे जितना समझाती हूँ यह मुझे उतनी हीआँखे दिखाता है। थप्पड़ मारती हूँ तो घोड़े की तरफ हिनहिनाने लगता है। वैसे कुछ भी हो जीजू मुझे तेरा लौड़ा बहुत अच्छा लगता है। मैं तो इसे अपना दिल दे बैठी हूँ। और अब तो बुर भी देने लगी हूँ इसे ? मुझे इससे मोहब्बत हो गयी है।
मैं लण्ड का चुम्मा बार बार लेते हुए ये सब बातें अपनी जीजू से कर रही थी। जीजू कुछ बोला नहीं। चुपचाप मज़ा लेकर सुनता रहा पर उसका लण्ड उछल उछल कर शोर मचा रहा था । मैं समझ गयी की जीजू को भी मज़ा आया मेरी बातों में। वह घूम गया और मेरी चूत पर अपना मुंह रख दिया। मैं जान गयी की यह मेरी बुर चाटेगा . फिर हमने 69 का पोज़ बना लिया। मैं उसका लण्ड चाटने लगी और वह मेरी चूत। मैं चाहती भी यही थी। वैसे आज यह पहला मौक़ा नहीं है। मैे पहले भी जीजू का लौड़ा चूस चुकी हूँ. उससे चुदवा चुकी हूँ क्योंकि मुझे इसका लण्ड बहुत अच्छा लगता है।
मेरी जेठानी का नाम है इशिता। वह मुझसे सिर्फ एक साल बड़ी हैं। मेरी उससे बहुत पटती है। एक दिन उसका जीजू आया था तो जेठानी ने मुझे भी उसका लौड़ा पकड़ाया था। जेठानी ने मुझसे कहा था रेनू जब मैं अपने जीजू से चुदवा सकती हूँ तो तू क्यों नहीं ? आज मौका है। तेरा पति यानी मेरा देवर है नहीं। तो रात में तुझे लण्ड चाहिए न ? बिना लण्ड के रात कैसे कटेगी तेरी ? तो आज रात को मेरे जीजू का लण्ड ले लो और चुदवा लो रेनू ? मैं उसकी बात मान गयी। आग मेरी भी चूत में लगी थी। इसलिए मैंने हाथ बढ़ा कर लण्ड पकड़ लिया। मेरे पकड़ते ही लण्ड और कड़क होने लगा। बस मुझे संकेत मिल गया की जीजू मेरी बुर चोदना चाहता है। फिर जेठानी ने खुद मेरे बगल में बैठ कर मेरी बुर चुदवाई ? मैं आज अपने जीजू का लण्ड चूसते हुए यही सोंच रही थी की आज क्यों मैं अपनी जेठानी की बुर चुदवा लूँ ? यही लण्ड उसकी चूत में पेल दूँ जैसे उसने अपने जीजू का लण्ड मेरी चूत में पेला था।
मैंने कहा - मेरी जेठानी की बुर लोगो जीजू ?
वह बोला - क्यों नहीं रेनू ? मैं तो कई दिनों से उसकी बुर लेने की सोंच रहा हूँ।
मेरी दीदी को पता चलेगा तो ,,,,,,,,? वह तो मेरी गांड मारना शुरू कर देगी।
नहीं ऐसा नहीं होगा। वह तेरी गांड नहीं मारेगी । बल्कि खुश होगी । जानती हो क्यों ?
हां क्यों खुश होगी वो ? यह बात मुझे समझ नहीं आई।
अरे रेनू तेरी दीदी मेरे दोस्तों से चुदवाती है। उनके लण्ड पेलती है अपनी चूत में ? तो फिर वह मुझे कैसे मना कर सकती है ?
वाओ, तो यह बात है। इसका मतलब तुम भी अपने दोस्तों की बीवियां चोदते होगे ?
हां पहले तो नहीं चोदता था लेकिन जब मुझे मालुम हुआ की मेरी बीवी मेरे दोस्तों से चुदवाती है तो फिर मैं भी उनकी बीवियां चोदने लगा। अब तो मुझे दूसरों की बीवियां चोदने में ज्यादा मज़ा आता है, रेनू।
अच्छा इसीलिए तुम अक्सर मुझे चोदने आ जाते हो।
वह खिलखिला कर हंस पड़ा।
मैंने बड़े प्यार से कहा तो फिर आज तुम मेरी जेठानी की बुर चोद लो, जीजू । मैं अभी उसे बुला कर लाती हूँ। मैंने एक शाल ओढ़ ली और जेठानी के कमरे में घुस गयी। मैे देखा की जेठानी किसी जवान लड़के के साथ बैठी हैं और उसके गाल चूम रहीं हैं। लड़का साल बड़ा हैंडसम था। मुझे लगा की आज जेठानी शायद इसी से चुदवायेगी। लेकिन मैं कुछ बोली नहीं। मुझे देखते ही वह बोली आओ रेनू देखो ये मेरे जीजू का दोस्त है भोलू। जीजू ने मुझे फोन करके बोला था की आज मेरा दोस्त भोलू आएगा और एक रात तेरे पास रुक कर फिर दूसरे दिन अपना काम करके वापस आ जायेगा। उसने भोलू से कहा देखो यह है मेरी देवरानी रेनू। इतने में भोलू उठा और बाथ रूम चला गया। तब मैंने चुपके से कहा सुनो जेठानी जी मेरा जीजू मेरे कमरे में नंगा बैठा है। तुम चलो आज उससे चुदवा लो ? उसने कहा हाय दईया तो फिर ऐसा करो तुम भोलू से चुदवा लो। मैंने कहा हां ठीक है। मैं अपने कमरे में जाती हूँ तुम भोलू को लेकर आ जाओ।
१० मिनट के बाद मैंने देखा की जेठानी एकदम नंगी नंगी भोलू का लण्ड पकड़े हुए मेरे कमरे में आ गयीं और बोली लो रेनू पकड़ो मेरे जीजू के दोस्त का लण्ड। पेलो इसे अपनी चूत में। मैंने भी उसी जोश में कहा तो तुम भी पकड़ो मेरे जीजू का लण्ड और पेलो अपनी चूत में। मैंने भोलू का लण्ड पकड़ लिया और उसने मेरे जीजू अंकित का लण्ड। नया लण्ड हमेशा नया जोश पैदा करता है। मैं भोलू का लण्ड पाकर बड़ी खुश हुई और जेठानी भी मेरे जीजू के लण्ड से खेलने लगी। हम दोनों अगल बगल ही लेटी थीं। मैं उसे देख रही थी और वह मुझे। मैं बड़ी मस्ती से लण्ड चाटती हूँ पर मेरी जेठानी भी लण्ड चाटने में बड़ी एक्सपर्ट लगीं मुझे। मैंने पूंछा जीजी तुम तो बड़ी अच्छी तरह से लण्ड चाटती हो। वह बोली अरी मेरी देवरानी रेनू मैं १५ साल की उम्र से लण्ड चाट रही हूँ। और जो लण्ड चाटती हूँ वह लण्ड बुर में जरूर लेती हूँ।
मैंने कहा - तो क्या तुम १५ साल की उम्र में ही चुदवाने लगी थी ?
वह बोली - पहले तो थोड़ा डरती थी लेकिन फिर सहेलियों ने हौसला बढ़ाया और सबसे ज्यादा मेरी मौसी ने मुझे उकसाया। एक दिन उसी ने लण्ड पेल दिया मेरी चूत में। पहले तो बहुत दर्द हुआ लेकिन फिर मज़ा आने लगा। मैंने कहा - तो इसका मतलब तेरी मौसी ने तुम्हे चुदवाना सिखाया ?
वह बोली - हां बिलकुल उसी ने सिखाया और आज मैं उसी का फायदा उठा रही हूँ।
इतने में मेरे जीजू ने जेठानी की बुर में लौड़ा घुसा दिया। भोलू ने इधर मेरी बुर चोदना शुरू कर दिया। हम दोनों रंडी की तरह भकर भकर चुदवाने लगी। जेठानी की गांड की तरफ मेरा मुंह था और मेरी गांड की तरफ जेठानी का मुंह था। मैं जीजू का लण्ड उसकी बुर में घुसता हुआ देख रही थी और वह मेरी बुर में भोलू का लण्ड घुसता हुआ देख रही थी। फिर मैं हाथ बढाकर मैं जीजू के पेलहड़ सहलाने लगी और जेठानी भोलू के पेलहड़। मेरी नज़र जेठानी की गांड पर चली गयी। / मैंने सोंचा की क्यों न किसी दिन जेठानी की गांड मारी जाए। इसकी गांड में लौड़ा पेला जाए। जेठानी तब तकल चुदवाने में मस्त हो रही थीं। वह बोली हाय अंकित भोसड़ी के मैं भी तेरी साली हूँ। मुझे खूब चोदो। पूरा लौड़ा घुसेड़ के चोदो। जैसे तुम रेनू की बुर चोदते हो वैसे ही मेरी बुर चोदो। ये बुर मादर चोद बड़ी चुदक्कड़ हो गयी है।
मैं भी बोलने लगी यार भोलू तुम अपनी दोस्त की बीवी चोदते हो। तो तेरा दोस्त भी तेरी बीवी चोदता होगा। वह बोला हां सीमा (जेठानी) का पति गोपी मेरी बीवी की बुर लेता है। मेरी बीवी उसका लण्ड बहुत पसंद करती है। आज मैं इसे यहाँ चोदने आया हूँ वह वहां मेरी बीवी चोद रहा होगा। हम चार दोस्त है और चारों एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। बल्कि बीवियां खुद मुझे बुलाती है चुदवाने के लिए ? ऐसा बोल कर भालू मुझे और जोर जोर से चोदने लगा। मेरे मुंह से निकला वाऔ, और चोदो, खूब चोदो , अपनी भाभी सीमा की बुर समझ कर चोदो, मैं रंडी हूँ यार मुझे गचा गच्च चोदो। फाड़ डालो मेरी बुर। अच्छी तरह लेलो मेरी बुर। पूरा लौड़ा पेल दो इस बुर चोदी बुर में ? देखो न मेरी जेठानी कैसे भकाभक चुदवा रही है।
तब तकजेठानी बोली :- तो क्या हुआ ? रेनू तेरी माँ की चूत ? तू भी तो मस्ती से चुदवा रही है ?
मैंने कहा :- तेरी बहन का लण्ड, जेठानी ? तू भी तो पूरी चूत खोल के चुदवा रही है।
जेठानी बोली - तेरी सास का भोसड़ा, देवरानी ?
मैंने कहा - तेरी नन्द की बुर, जेठानी ?
हमने जब गालियां देना शुरू किया तो दोनों मर्दों को और जोश आ गया। वो साले खूब उछल उछल कर चोदने लगे। मेरा मकसद यही था। थोड़ी देर में दोनों लण्ड झड़ने लगे और हमने दोनों लण्ड खूब चाटे।
मैं एक दिन शॉपिंग के लिए मॉल चली गयी। मुझे वहां मेरी दोस्त मिल गयी। वह थी रोली, मेरे कॉलेज की दोस्त। वह मुझे ख़ुशी ख़ुशी अपने घर ले गयी। उसने मुझे बड़े सम्मान से बैठाया और चाय पिलाया। थोड़ी देर में बोली यार रेनू क्या तुम अभी भी व्हिस्की पीती हो ? मैंने कहा अरे यार जब कभी तेरे जैसे दोस्त मिल जाती है तो पी लेती हूँ। वह ड्रिंक्स का पूरा सामान ले आकर आ गयी। मैंने वैसे ही पूंछ लिया तेरा पति कहाँ है ? वह बोली यार वह दो दिन के लिए टूर पर गया है। मैं फिलहाल घर में अकेली हूँ। हम दोनों शराब पीने लगीं। थोड़ी देर में मैंने किसी को घर में आते जाते देखा तो पूंछ लिया यार रोली ये अंदर कौन है ? वह मुस्कराकर बोली हां अंदर दो लड़के हैं। वो दोनों मेरे यार हैं ? मैंने कहा क्या मतलब ? वह बोली सच बात तो यह है की लण्ड पकड़ने की आदत जो मेरी कॉलेज के दिनों में पड़ गयी थी वह आजतक नहीं छूटी। आज भी मैं मौक़ा पाकर लड़कों के लण्ड पकड़ लेती हूँ। ये दोनों लड़के वहीँ है जिनके लण्ड मैं पकड़ती हूँ और फिर दोनों से चुदवाती हूँ। मैंने कहा यार लण्ड पकड़ने की आदत तो मेरी भी नहीं गयी। मैं भी मौक़ा पाकर गैर मर्दों के लण्ड पकड़ती हूँ। कल मैंने अपनी जीजू से चुदवाया और अपनी जेठ के दोस्त से चुदवाया। अब तुम बताओ क्या तुम चुपके चुपके पराये मर्दों से चुदवाती हो ?
वह बोली यार आजकल सब चलता है। सच तो यह है की मेरी ऐसी कोई सहेली नहीं है, कोई ऐसी मोहल्ले में औरत नहीं है, कोई ऐसी मेरी जानने वाली नहीं है जो पराये मर्दों से चुदवाती न हो ? मेरी जेठानी, मेरी देवरानी, मेरी अपनी भाभी, मेरी मौसी, मेरी मामी सब की सब बुर चोदी किसी न किसी मरद से चुदवाती हैं। तो फिर मैं न क्यों न चुदवाऊँ ? तब तक नशा काफी चढ़ चुका था। वह बोलती गयी यार तू भी यहां आज रात भर रुक और मेरे साथ इन लोगों से चुदवा ? दुनिया की परवाह न कर ? अपनी चूत की परवाह कर बाकी दुनिया की माँ का भोसड़ा ? मैंने कहा नहीं यार रात भर तो नहीं रुक सकती। मेरी जेठानी मेरा इंतज़ार करती होंगी। पर तेरी बात भी खाली नहीं जाने दूँगी। मैं एक बार तो दोनों से चुदवा लेती हूँ। मुझे भी इन दोनों के लण्ड का मज़ा लेना है। अब लण्ड सामने हो तो कौन भोसड़ी वाली मना कर सकती है ? कौन माँ की लौड़ी अपनी चूत की आग नहीं बुझाना चाहेगी ?
तब रोली ने दोनों को बुला लिया। देख रेनू ये है मादर चोद रोहन और ये है माँ का लौड़ा सुरेश। दोनों मेरी चूत के प्यासे हैं और मैं इनके लण्ड की प्यासी ? वो दोनों भी हमारे साथ दारू पीने लगे। थोड़ी देर में रोली ने मेरा हाथ पकड़ कर रोहन के लण्ड पर रख दिया और बोली यार रेनू अब तू ही निकाल कर देख ले इसका लण्ड ? तब तक मैं इन दोनों को तेरी चूचियाँ और चूत दिखाती हूँ। ऐसा कह कर वह मेरे कपड़े उतारने लगी , मुझे भी जोश आया तो मैंने रोहन का लौड़ा ऊपर से दबा दिया और सकी तरफ मुस्कराकर कहा वाओ, 'लौड़ा' तो लगता है बहुत बड़ा है यार ? वो दोनों मेरे मुंह से 'लौड़ा' सुनकर मस्त हो गये। तब तक मेरी चूचियाँ खुल चुकी थीं। उसके बाद जैसे ही मेरी चूत खुली तो मैं बिलकुल नंगी हो गयी। वो दोनों मुझे आँखें फाड़ फाड़ कर देखने लगे। मैं भी रोहन की पैंट खोल चुकी थी। उसकी कमीज बनियाइन सब उतार चुकी थी। आखिर में जब मैंने उसकी नेकर खोली तो उसकेअंदर से निकला उसका फनफनाता हुआ लण्ड ?
मैंने कहा अरे रोली यार बड़ा गज़ब का लौड़ा है बहन चोद ? मैंने लण्ड की कई बार चुम्मी ली और फिर जबान निकाल कर चाटने लगी। तब तक रोली सुरेश का लण्ड भी निकाल चुकी थी। वह बोली लो रेनू इसे भी पकड़ कर देखो। मैंने उसका भी लण्ड पकड़ा ? अब मेरे दोनों हाथों में एक एक लण्ड आ गया। उधर रोली भी पूरी नंगी हो चुकी थी। रोली का एक हाथ मेरी चूत पर था और दूसरा लण्ड के पेलहड़ पर। वो दोनों मेरी चूचियाँ मसल रहे थे। मैं दोनों लण्ड बारी बारी से चाट भी रही थी और चूस भी रही थी। मेरी चूत हो गयी थी। रोली ने उस में दो उंगली घुसेड़ दी। फिर धीरे से उसने रोहन का लौड़ा पेल दिया। मैं उफ़ करके रह गयी और वह चोदने लगा। रोली ने सुरेश का लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया और बोली लो यार एक लण्ड पियो भी। एक लण्ड पीते हुए दूसरे लण्ड से चुदवाने का मज़ा कुछऔर ही होता है ?
थोड़ी देर में रोली ने रोहन का लण्ड निकाल कर सुरेश का लण्ड पेल दिया मेरी बुर में और रोहन का लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया। मैंने कहा यार तुम क्यों नहीं चुदवा रही हो रोली ? उसने कहा नहीं आज मुझे तेरी बुर चुदवाने में ज्यादा मज़ा आ रहा है। सच बताऊँ दोस्तों मैं बहुत दिनी के बाद आज दो दो लण्ड से चुदवा रही हूँ। मेरी इच्छा पूरी हो रही है। इस तरह मैं रोली के घर से चुदवा कर निकली तो अपने घर रात के १० बजे पहुंची। जेठानी मेरा इंतज़ार कर रही थीं। वह बोली अरे रेनू इतनी देर से कहाँ तू अपनी माँ चुदा रही थी ? मैं जाने कब से तेरा इंतज़ार कर रही हूँ। मैंने कहा अरे जीजी मैं अपनी दोस्त रोली के घर चली गयी थी।
उसने कहा अच्छा सुन कल मेरी भाभी का भाईआ रहा है। सुना है की वह बड़ा हैंडसम है और उसका लण्ड उससे ज्यादा हैंडसम है ? मैंने पूंछा आपको कैसे मालूम जेठानी जी ? वह बोली अरी मुझे मेरी भाभी ने बताया। और भाभी को उसकी बीवी ने बताया। तब मुझे मालूम हुआ। मैं तो भाभी की नन्द हूँ न ? मेरी भाभी मुझसे खुल कर बातें करती हैं। अब कल के लिए झाँटें वगैरह बना कर तैयार हो जा तू। उसे पटाना है और फिर उसका लौड़ा पेल कर बुर चुदाना है।
दूसरे दिन हम दोनों ने उसके लण्ड का खूब मज़ा लिया।
जीजू आज तेरा लण्ड कुछ ज्यादा ही मस्ती के मूड में है। देखो न कैसे फुफकार मार रहा है। दहाड़ रहा है साला मुझे नंगी देख कर। मैं तो कहती हूँ ये साला मेरी चूत को ललकार रहा है। जब भी तेरा लण्ड मेरी चूत देखता है तो कभी भी चुप चाप बैठ कर नहीं देखता ? फ़ौरन खड़े होकर देखने लगता है। फिर और मस्ती में अपना सिर हिलाने लगता है। मैं तो कहती हूँ यार तू बैठ जा चुपचाप मेरे लण्ड राजा, मेरी चूत कहीं भागी नहीं जा रही है। मैं इसे जितना समझाती हूँ यह मुझे उतनी हीआँखे दिखाता है। थप्पड़ मारती हूँ तो घोड़े की तरफ हिनहिनाने लगता है। वैसे कुछ भी हो जीजू मुझे तेरा लौड़ा बहुत अच्छा लगता है। मैं तो इसे अपना दिल दे बैठी हूँ। और अब तो बुर भी देने लगी हूँ इसे ? मुझे इससे मोहब्बत हो गयी है।
मैं लण्ड का चुम्मा बार बार लेते हुए ये सब बातें अपनी जीजू से कर रही थी। जीजू कुछ बोला नहीं। चुपचाप मज़ा लेकर सुनता रहा पर उसका लण्ड उछल उछल कर शोर मचा रहा था । मैं समझ गयी की जीजू को भी मज़ा आया मेरी बातों में। वह घूम गया और मेरी चूत पर अपना मुंह रख दिया। मैं जान गयी की यह मेरी बुर चाटेगा . फिर हमने 69 का पोज़ बना लिया। मैं उसका लण्ड चाटने लगी और वह मेरी चूत। मैं चाहती भी यही थी। वैसे आज यह पहला मौक़ा नहीं है। मैे पहले भी जीजू का लौड़ा चूस चुकी हूँ. उससे चुदवा चुकी हूँ क्योंकि मुझे इसका लण्ड बहुत अच्छा लगता है।
मेरी जेठानी का नाम है इशिता। वह मुझसे सिर्फ एक साल बड़ी हैं। मेरी उससे बहुत पटती है। एक दिन उसका जीजू आया था तो जेठानी ने मुझे भी उसका लौड़ा पकड़ाया था। जेठानी ने मुझसे कहा था रेनू जब मैं अपने जीजू से चुदवा सकती हूँ तो तू क्यों नहीं ? आज मौका है। तेरा पति यानी मेरा देवर है नहीं। तो रात में तुझे लण्ड चाहिए न ? बिना लण्ड के रात कैसे कटेगी तेरी ? तो आज रात को मेरे जीजू का लण्ड ले लो और चुदवा लो रेनू ? मैं उसकी बात मान गयी। आग मेरी भी चूत में लगी थी। इसलिए मैंने हाथ बढ़ा कर लण्ड पकड़ लिया। मेरे पकड़ते ही लण्ड और कड़क होने लगा। बस मुझे संकेत मिल गया की जीजू मेरी बुर चोदना चाहता है। फिर जेठानी ने खुद मेरे बगल में बैठ कर मेरी बुर चुदवाई ? मैं आज अपने जीजू का लण्ड चूसते हुए यही सोंच रही थी की आज क्यों मैं अपनी जेठानी की बुर चुदवा लूँ ? यही लण्ड उसकी चूत में पेल दूँ जैसे उसने अपने जीजू का लण्ड मेरी चूत में पेला था।
मैंने कहा - मेरी जेठानी की बुर लोगो जीजू ?
वह बोला - क्यों नहीं रेनू ? मैं तो कई दिनों से उसकी बुर लेने की सोंच रहा हूँ।
मेरी दीदी को पता चलेगा तो ,,,,,,,,? वह तो मेरी गांड मारना शुरू कर देगी।
नहीं ऐसा नहीं होगा। वह तेरी गांड नहीं मारेगी । बल्कि खुश होगी । जानती हो क्यों ?
हां क्यों खुश होगी वो ? यह बात मुझे समझ नहीं आई।
अरे रेनू तेरी दीदी मेरे दोस्तों से चुदवाती है। उनके लण्ड पेलती है अपनी चूत में ? तो फिर वह मुझे कैसे मना कर सकती है ?
वाओ, तो यह बात है। इसका मतलब तुम भी अपने दोस्तों की बीवियां चोदते होगे ?
हां पहले तो नहीं चोदता था लेकिन जब मुझे मालुम हुआ की मेरी बीवी मेरे दोस्तों से चुदवाती है तो फिर मैं भी उनकी बीवियां चोदने लगा। अब तो मुझे दूसरों की बीवियां चोदने में ज्यादा मज़ा आता है, रेनू।
अच्छा इसीलिए तुम अक्सर मुझे चोदने आ जाते हो।
वह खिलखिला कर हंस पड़ा।
मैंने बड़े प्यार से कहा तो फिर आज तुम मेरी जेठानी की बुर चोद लो, जीजू । मैं अभी उसे बुला कर लाती हूँ। मैंने एक शाल ओढ़ ली और जेठानी के कमरे में घुस गयी। मैे देखा की जेठानी किसी जवान लड़के के साथ बैठी हैं और उसके गाल चूम रहीं हैं। लड़का साल बड़ा हैंडसम था। मुझे लगा की आज जेठानी शायद इसी से चुदवायेगी। लेकिन मैं कुछ बोली नहीं। मुझे देखते ही वह बोली आओ रेनू देखो ये मेरे जीजू का दोस्त है भोलू। जीजू ने मुझे फोन करके बोला था की आज मेरा दोस्त भोलू आएगा और एक रात तेरे पास रुक कर फिर दूसरे दिन अपना काम करके वापस आ जायेगा। उसने भोलू से कहा देखो यह है मेरी देवरानी रेनू। इतने में भोलू उठा और बाथ रूम चला गया। तब मैंने चुपके से कहा सुनो जेठानी जी मेरा जीजू मेरे कमरे में नंगा बैठा है। तुम चलो आज उससे चुदवा लो ? उसने कहा हाय दईया तो फिर ऐसा करो तुम भोलू से चुदवा लो। मैंने कहा हां ठीक है। मैं अपने कमरे में जाती हूँ तुम भोलू को लेकर आ जाओ।
१० मिनट के बाद मैंने देखा की जेठानी एकदम नंगी नंगी भोलू का लण्ड पकड़े हुए मेरे कमरे में आ गयीं और बोली लो रेनू पकड़ो मेरे जीजू के दोस्त का लण्ड। पेलो इसे अपनी चूत में। मैंने भी उसी जोश में कहा तो तुम भी पकड़ो मेरे जीजू का लण्ड और पेलो अपनी चूत में। मैंने भोलू का लण्ड पकड़ लिया और उसने मेरे जीजू अंकित का लण्ड। नया लण्ड हमेशा नया जोश पैदा करता है। मैं भोलू का लण्ड पाकर बड़ी खुश हुई और जेठानी भी मेरे जीजू के लण्ड से खेलने लगी। हम दोनों अगल बगल ही लेटी थीं। मैं उसे देख रही थी और वह मुझे। मैं बड़ी मस्ती से लण्ड चाटती हूँ पर मेरी जेठानी भी लण्ड चाटने में बड़ी एक्सपर्ट लगीं मुझे। मैंने पूंछा जीजी तुम तो बड़ी अच्छी तरह से लण्ड चाटती हो। वह बोली अरी मेरी देवरानी रेनू मैं १५ साल की उम्र से लण्ड चाट रही हूँ। और जो लण्ड चाटती हूँ वह लण्ड बुर में जरूर लेती हूँ।
मैंने कहा - तो क्या तुम १५ साल की उम्र में ही चुदवाने लगी थी ?
वह बोली - पहले तो थोड़ा डरती थी लेकिन फिर सहेलियों ने हौसला बढ़ाया और सबसे ज्यादा मेरी मौसी ने मुझे उकसाया। एक दिन उसी ने लण्ड पेल दिया मेरी चूत में। पहले तो बहुत दर्द हुआ लेकिन फिर मज़ा आने लगा। मैंने कहा - तो इसका मतलब तेरी मौसी ने तुम्हे चुदवाना सिखाया ?
वह बोली - हां बिलकुल उसी ने सिखाया और आज मैं उसी का फायदा उठा रही हूँ।
इतने में मेरे जीजू ने जेठानी की बुर में लौड़ा घुसा दिया। भोलू ने इधर मेरी बुर चोदना शुरू कर दिया। हम दोनों रंडी की तरह भकर भकर चुदवाने लगी। जेठानी की गांड की तरफ मेरा मुंह था और मेरी गांड की तरफ जेठानी का मुंह था। मैं जीजू का लण्ड उसकी बुर में घुसता हुआ देख रही थी और वह मेरी बुर में भोलू का लण्ड घुसता हुआ देख रही थी। फिर मैं हाथ बढाकर मैं जीजू के पेलहड़ सहलाने लगी और जेठानी भोलू के पेलहड़। मेरी नज़र जेठानी की गांड पर चली गयी। / मैंने सोंचा की क्यों न किसी दिन जेठानी की गांड मारी जाए। इसकी गांड में लौड़ा पेला जाए। जेठानी तब तकल चुदवाने में मस्त हो रही थीं। वह बोली हाय अंकित भोसड़ी के मैं भी तेरी साली हूँ। मुझे खूब चोदो। पूरा लौड़ा घुसेड़ के चोदो। जैसे तुम रेनू की बुर चोदते हो वैसे ही मेरी बुर चोदो। ये बुर मादर चोद बड़ी चुदक्कड़ हो गयी है।
मैं भी बोलने लगी यार भोलू तुम अपनी दोस्त की बीवी चोदते हो। तो तेरा दोस्त भी तेरी बीवी चोदता होगा। वह बोला हां सीमा (जेठानी) का पति गोपी मेरी बीवी की बुर लेता है। मेरी बीवी उसका लण्ड बहुत पसंद करती है। आज मैं इसे यहाँ चोदने आया हूँ वह वहां मेरी बीवी चोद रहा होगा। हम चार दोस्त है और चारों एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। बल्कि बीवियां खुद मुझे बुलाती है चुदवाने के लिए ? ऐसा बोल कर भालू मुझे और जोर जोर से चोदने लगा। मेरे मुंह से निकला वाऔ, और चोदो, खूब चोदो , अपनी भाभी सीमा की बुर समझ कर चोदो, मैं रंडी हूँ यार मुझे गचा गच्च चोदो। फाड़ डालो मेरी बुर। अच्छी तरह लेलो मेरी बुर। पूरा लौड़ा पेल दो इस बुर चोदी बुर में ? देखो न मेरी जेठानी कैसे भकाभक चुदवा रही है।
तब तकजेठानी बोली :- तो क्या हुआ ? रेनू तेरी माँ की चूत ? तू भी तो मस्ती से चुदवा रही है ?
मैंने कहा :- तेरी बहन का लण्ड, जेठानी ? तू भी तो पूरी चूत खोल के चुदवा रही है।
जेठानी बोली - तेरी सास का भोसड़ा, देवरानी ?
मैंने कहा - तेरी नन्द की बुर, जेठानी ?
हमने जब गालियां देना शुरू किया तो दोनों मर्दों को और जोश आ गया। वो साले खूब उछल उछल कर चोदने लगे। मेरा मकसद यही था। थोड़ी देर में दोनों लण्ड झड़ने लगे और हमने दोनों लण्ड खूब चाटे।
मैं एक दिन शॉपिंग के लिए मॉल चली गयी। मुझे वहां मेरी दोस्त मिल गयी। वह थी रोली, मेरे कॉलेज की दोस्त। वह मुझे ख़ुशी ख़ुशी अपने घर ले गयी। उसने मुझे बड़े सम्मान से बैठाया और चाय पिलाया। थोड़ी देर में बोली यार रेनू क्या तुम अभी भी व्हिस्की पीती हो ? मैंने कहा अरे यार जब कभी तेरे जैसे दोस्त मिल जाती है तो पी लेती हूँ। वह ड्रिंक्स का पूरा सामान ले आकर आ गयी। मैंने वैसे ही पूंछ लिया तेरा पति कहाँ है ? वह बोली यार वह दो दिन के लिए टूर पर गया है। मैं फिलहाल घर में अकेली हूँ। हम दोनों शराब पीने लगीं। थोड़ी देर में मैंने किसी को घर में आते जाते देखा तो पूंछ लिया यार रोली ये अंदर कौन है ? वह मुस्कराकर बोली हां अंदर दो लड़के हैं। वो दोनों मेरे यार हैं ? मैंने कहा क्या मतलब ? वह बोली सच बात तो यह है की लण्ड पकड़ने की आदत जो मेरी कॉलेज के दिनों में पड़ गयी थी वह आजतक नहीं छूटी। आज भी मैं मौक़ा पाकर लड़कों के लण्ड पकड़ लेती हूँ। ये दोनों लड़के वहीँ है जिनके लण्ड मैं पकड़ती हूँ और फिर दोनों से चुदवाती हूँ। मैंने कहा यार लण्ड पकड़ने की आदत तो मेरी भी नहीं गयी। मैं भी मौक़ा पाकर गैर मर्दों के लण्ड पकड़ती हूँ। कल मैंने अपनी जीजू से चुदवाया और अपनी जेठ के दोस्त से चुदवाया। अब तुम बताओ क्या तुम चुपके चुपके पराये मर्दों से चुदवाती हो ?
वह बोली यार आजकल सब चलता है। सच तो यह है की मेरी ऐसी कोई सहेली नहीं है, कोई ऐसी मोहल्ले में औरत नहीं है, कोई ऐसी मेरी जानने वाली नहीं है जो पराये मर्दों से चुदवाती न हो ? मेरी जेठानी, मेरी देवरानी, मेरी अपनी भाभी, मेरी मौसी, मेरी मामी सब की सब बुर चोदी किसी न किसी मरद से चुदवाती हैं। तो फिर मैं न क्यों न चुदवाऊँ ? तब तक नशा काफी चढ़ चुका था। वह बोलती गयी यार तू भी यहां आज रात भर रुक और मेरे साथ इन लोगों से चुदवा ? दुनिया की परवाह न कर ? अपनी चूत की परवाह कर बाकी दुनिया की माँ का भोसड़ा ? मैंने कहा नहीं यार रात भर तो नहीं रुक सकती। मेरी जेठानी मेरा इंतज़ार करती होंगी। पर तेरी बात भी खाली नहीं जाने दूँगी। मैं एक बार तो दोनों से चुदवा लेती हूँ। मुझे भी इन दोनों के लण्ड का मज़ा लेना है। अब लण्ड सामने हो तो कौन भोसड़ी वाली मना कर सकती है ? कौन माँ की लौड़ी अपनी चूत की आग नहीं बुझाना चाहेगी ?
तब रोली ने दोनों को बुला लिया। देख रेनू ये है मादर चोद रोहन और ये है माँ का लौड़ा सुरेश। दोनों मेरी चूत के प्यासे हैं और मैं इनके लण्ड की प्यासी ? वो दोनों भी हमारे साथ दारू पीने लगे। थोड़ी देर में रोली ने मेरा हाथ पकड़ कर रोहन के लण्ड पर रख दिया और बोली यार रेनू अब तू ही निकाल कर देख ले इसका लण्ड ? तब तक मैं इन दोनों को तेरी चूचियाँ और चूत दिखाती हूँ। ऐसा कह कर वह मेरे कपड़े उतारने लगी , मुझे भी जोश आया तो मैंने रोहन का लौड़ा ऊपर से दबा दिया और सकी तरफ मुस्कराकर कहा वाओ, 'लौड़ा' तो लगता है बहुत बड़ा है यार ? वो दोनों मेरे मुंह से 'लौड़ा' सुनकर मस्त हो गये। तब तक मेरी चूचियाँ खुल चुकी थीं। उसके बाद जैसे ही मेरी चूत खुली तो मैं बिलकुल नंगी हो गयी। वो दोनों मुझे आँखें फाड़ फाड़ कर देखने लगे। मैं भी रोहन की पैंट खोल चुकी थी। उसकी कमीज बनियाइन सब उतार चुकी थी। आखिर में जब मैंने उसकी नेकर खोली तो उसकेअंदर से निकला उसका फनफनाता हुआ लण्ड ?
मैंने कहा अरे रोली यार बड़ा गज़ब का लौड़ा है बहन चोद ? मैंने लण्ड की कई बार चुम्मी ली और फिर जबान निकाल कर चाटने लगी। तब तक रोली सुरेश का लण्ड भी निकाल चुकी थी। वह बोली लो रेनू इसे भी पकड़ कर देखो। मैंने उसका भी लण्ड पकड़ा ? अब मेरे दोनों हाथों में एक एक लण्ड आ गया। उधर रोली भी पूरी नंगी हो चुकी थी। रोली का एक हाथ मेरी चूत पर था और दूसरा लण्ड के पेलहड़ पर। वो दोनों मेरी चूचियाँ मसल रहे थे। मैं दोनों लण्ड बारी बारी से चाट भी रही थी और चूस भी रही थी। मेरी चूत हो गयी थी। रोली ने उस में दो उंगली घुसेड़ दी। फिर धीरे से उसने रोहन का लौड़ा पेल दिया। मैं उफ़ करके रह गयी और वह चोदने लगा। रोली ने सुरेश का लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया और बोली लो यार एक लण्ड पियो भी। एक लण्ड पीते हुए दूसरे लण्ड से चुदवाने का मज़ा कुछऔर ही होता है ?
थोड़ी देर में रोली ने रोहन का लण्ड निकाल कर सुरेश का लण्ड पेल दिया मेरी बुर में और रोहन का लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया। मैंने कहा यार तुम क्यों नहीं चुदवा रही हो रोली ? उसने कहा नहीं आज मुझे तेरी बुर चुदवाने में ज्यादा मज़ा आ रहा है। सच बताऊँ दोस्तों मैं बहुत दिनी के बाद आज दो दो लण्ड से चुदवा रही हूँ। मेरी इच्छा पूरी हो रही है। इस तरह मैं रोली के घर से चुदवा कर निकली तो अपने घर रात के १० बजे पहुंची। जेठानी मेरा इंतज़ार कर रही थीं। वह बोली अरे रेनू इतनी देर से कहाँ तू अपनी माँ चुदा रही थी ? मैं जाने कब से तेरा इंतज़ार कर रही हूँ। मैंने कहा अरे जीजी मैं अपनी दोस्त रोली के घर चली गयी थी।
उसने कहा अच्छा सुन कल मेरी भाभी का भाईआ रहा है। सुना है की वह बड़ा हैंडसम है और उसका लण्ड उससे ज्यादा हैंडसम है ? मैंने पूंछा आपको कैसे मालूम जेठानी जी ? वह बोली अरी मुझे मेरी भाभी ने बताया। और भाभी को उसकी बीवी ने बताया। तब मुझे मालूम हुआ। मैं तो भाभी की नन्द हूँ न ? मेरी भाभी मुझसे खुल कर बातें करती हैं। अब कल के लिए झाँटें वगैरह बना कर तैयार हो जा तू। उसे पटाना है और फिर उसका लौड़ा पेल कर बुर चुदाना है।
दूसरे दिन हम दोनों ने उसके लण्ड का खूब मज़ा लिया।
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