Home
» Hindi adult story Sex Stories चुदने वाली लड़की की कहानी Chudai ki majedar stories
» मुझे मर्द नंगे ही अच्छे लगते हैं - Mujhe chodna chahte ho to ghar se nange aao
मुझे मर्द नंगे ही अच्छे लगते हैं - Mujhe chodna chahte ho to ghar se nange aao
मुझे मर्द नंगे ही अच्छे लगते हैं - Mujhe chodna chahte ho to ghar se nange aao , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
एक दिन सवेरे सवेरे मैं मौसी के साथ आँगन के वारंडे में बैठी हुई थी। हम दोनों ऐसे ही गप्प सप्प कर रही थीं, इतने में मेरा जीजा एकदम नंगे बदन सिर्फ एक तौलिया लपेटे हुए बाथ रूम जाने लगा । मौसी बोली अरे मुकुल कहाँ जा रहे हो तुम ? वह बोला मैं बाथ रूम नहाने जा रहा हूँ। मौसी ने उसे इशारे से बुलाया और कहा अच्छा ज़रा इधर तो आओ। वह मौसी के सामने आकर खड़ा हो गया। मौसी ने कहा मैंने तेरी तौलिया देखने के लिए नहीं बुलाया है। मैंने तुझे तेरा लण्ड देखने के लिए बुलाया है लण्ड ? ऐसा कह कर मौसी ने उसकी तौलिया खींच ली। वह नंगा हो गया और नीचे बैठ गया। मैं हंसने लगी। मौसी फिर बोली अरे तू बैठ क्यों गया ? दिखाओ न मुझे अपना लण्ड ? मैंने तेरा लण्ड देखूँगी। मुझे मर्दों के लण्ड देखने का बड़ा शौक है। मुझे मर्द हमेशा नंगे नंगे ही अच्छे लगते हैं। मैं तुझे देखना चाहती हूँ की तुम नंगे नंगे कितने अच्छे लगते हो और तेरा नंगा नंगा लण्ड कितना अच्छा लगता है ? डरो नहीं भोसड़ी के मैं तेरा लण्ड काट कर नहीं ले जाऊंगी।
मौसी ने उसे अपने हाथों से उठाया और उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। वह बोली देखो मुकुल मैं तो तेरी मौसेरी सास हूँ मगर ये तुलसी तो तेरी साली है। अपनी साली को नहीं पकड़ाओगे अपना लण्ड ? अरे माँ का लौड़ा तू अगर अपनी साली को नहीं पकड़ायेगा लण्ड तो फिर किसको पकड़ायेगा ? अपनी साली की बुर नहीं लेगा तो फिर किसकी बुर लेगा ? मौसी ने ऐसा कह कर मुझे लण्ड पकड़ा दिया और मैं भी उसे प्यार से सहलाने लगी। मौसी उसके पेलहड़ सहलाने लगीं।
मेरी मौसी का नाम है रूपा वह ३० साल की हैं मुझसे सिर्फ ४ साल बड़ी। उसने शादी नहीं की है। वह यहाँ मुम्बई में एक बड़ी कंपनी में काम करती हैं। मैं यहाँ एक डिग्री कॉलेज में असिस्टेन्ट प्रोफेसर हूँ। मेरे कॉलेज में लड़के लड़कियां सब साथ साथ पढ़तें हैं। मैं मुम्बई में अपनी मौसी के साथ ही रहती हूँ। न मौसी ने शादी की है और न मेरा शादी करने का कोई इरादा है। मौसी कहती हैं की अभी मैं २/३ लन्ड रोज़ लेती हूँ। शादी के बाद सिर्फ एक लन्ड और वही एक लन्ड ज़िन्दगी भर ? न बाबा न ? मेरे से ऐसा नहीं होगा ? यहाँ तो जब तक मेरी आँखों के सामने 2/3 लन्ड नंगे नंगे नहीं घूमते तब तक मेरा मन किसी काम में नहीं लगता। अभी कल ही मेरा जीजा आया है और आज मौसी ने उसका भी लौड़ा पकड़ लिया और मुझे भी पकड़ा दिया ?
मुझे वास्तव में कई दिनों के बाद कोई लन्ड मिला तो मैं उसी में खो गयी। हाथ में पेलहड़ और मुंह में लन्ड। मैं तो बिलकुल मस्ती में आ गयी। मेरी चूंचियां भी खुल गयी और मेरी चूत भी अस्त व्यस्त होने लगी। मौसी मुझे देखने लगीं और बोली हाय तुलसी तू तो बड़ी एक्सपर्ट है लौड़ा चाटने में ? सच बता कितने लन्ड चाट चुकी है तू ? मैंने कहा मौसी आजकल बड़ी मुश्किल से मिलता कोई लन्ड चाटने को। हां जब मैं कॉलेज में स्टूडेंट थी तब कुछ लन्ड जरूर मिल जाते थे। पर अब तो बस लन्ड के लिए तरस रही हूँ मैं ? मौसी ने कहा अच्छा तू तो ऐसे कॉलेज में पढ़ाती है जहाँ लन्ड ही लन्ड हैं चारों तरफ। थोड़ा खुल जा फिर देख लन्ड की तो लाइन लग जाएगी। मैंने जबाब दिया हां मौसी अभी तो मुझे ६ महीने ही हुए है कॉलेज में। मैं कुछ दिनों में ही लड़कों पटा लूंगी। फिर मैं भी आपकी तरह लड़कों को घर में नंगा घुमाया करूंगी। मर्द नंगे नंगे मुझे भी अच्छे लगते है मौसी।
तब तक मौसी ने मुझे नंगी कर दिया और खुद भी नंगी हो गयीं। हम तीनो लोग एकदम नंगे ? मौसी भी मेरे साथ जीजा का लन्ड चाटने लगीं। मैं लन्ड उसके मुंह में घुसेड़ती और वह मेरे मुंह में ? फिर हम दोनों बारी बारी से लन्ड मुंह में लेकर चूसने लगीं। जीजा भी मस्ती में आ गया। थोड़ी देर में वह बोला हाय तुलसी मैं निकलने वाला हूँ। यह सुनकर मौसी बोली अब तू इसका सड़का मार दे तुलसी और लन्ड का मक्खन मेरे मुंह में गिरा दे। मैंने लन्ड मुठ्ठी में लिया और सटासट मारने लगी सड़का। उसका टोपा एक दम लाल हो गया और फूलने लगा। वह बोला और जोर जोर से मारो,,,, हां,,,, और तेज तेज करो ,,, हां,, ओ,, ओ हो,, हां,, और जल्दी जल्दी मारों मुठ्ठी,,, हां तुलसी,,, तू बहुत अच्छी है यार ,,,, तेरे हाथ में जादू है ,,,,, हां और ,,, और ओ,, हूँ,, उफ़,, हो ओ, उई,, आ,, ही हूँ,, ही,, हे हे,, आ,, लो,, बस लन्ड ने उगल दिया वीर्य मौसी के मुंह में और मेरे भी मुंह में। हम दोनों ने मिलकर झड़ता हुआ लन्ड खूब चाटा और साथ में पेलहड़ भी।
रात में फिर हम दोनों खूब मस्ती से चुदवाया। सवेरे वह चला गया।
दूसरे दिन मैं सवेरे सवेरे बगल के कमरे में गयी तो देखा की वहां दो लड़के एकदम नंगे सो रहे हैं। दोनों के लन्ड भी सो रहें है। झांटें उनकी बिलकुल साफ़ हैं इसलिए लन्ड बड़े खूबसूरत लग रहे हैं । मेरा मन हुआ की लन्ड मुंह में भर लूँ। लेकिन मैं मौसी को ढूंढने लगी। बस दूसरे कमरे में मैंने देखा की मौसी किसी का लन्ड पीने में जुटी हुई हैं। वह बोली तुलसी सवेरे सवेरे लन्ड पिया करो। जाओ देखो बगल के कमरे में दो लड़के नंगे लेटे हैं उनके लन्ड पियो। सवेरे का लन्ड बड़ा चुस्त और दुरुस्त होता है। सवेरे सवेरे लन्ड पीने से सेहत अच्छी रहती है बेटी। मैंने कहा हां मौसी मैं अभी जाती हूँ लन्ड पीने। मैं फ़ौरन वापस आयी और दोनों लन्ड आहिस्ते से पकड़ा और थोड़ा हिलाया तो वो जग गए। उधर लन्ड भी खड़े हो गए। मैं बीच में बैठ गयी और दोनों लन्ड बारी बारी से पीने लगी। फिर मुझसे रहा न गया। और मैंने एक लन्ड अपनी चूत में पेल लिया। मुझे चुदवाने में मज़ा आने लगा। तब तक मौसी भी लन्ड पकड़े पकड़े मेरे पास आ गयी। फिर हम दोनों ने मिलकर तीनो के लन्ड पिये और खूब मस्ती से लन्ड अदल बदल कर चुदवाया भी।
एक दिन मैं ड्राइंग रूम में मौसी के साथ शॉल ओढ़े बैठी थी। वह शाल ओढ़े थी। अंदर से हम दोनों नंगी ही थीं अंदर २/३ लड़के नंगे घूम रहे थे। मैं बीच बीच में जा जा कर उनके लन्ड हिला हिला कर चली आती। कभी अपनी चूंचियां मसलवाकर चली आती तो कभी लौड़ा थोड़ा चूस चाट कर चली आती। इतने में किसी ने दरवाजा खटखटाया। मैंने दरवाजा खोला तो सामने एक मस्त जवान लड़का खड़ा था। वह बोला मैं रोहित हूँ मुझे रूपा मेम से मिलना है। मैंने मौसी से कहा कोई रोहित नाम का लड़का आया है। वह बोली ठीक है उसे यहीं बुला लो।मैंने उसे अंदर बैठाया लिया।
मौसी बोली अरे तू रोहित कहाँ था तू इतने दिनों तक ?
वह बोला मेम ,,,,,,,,,,,,?
मौसी बीच में ही बोल पड़ीअच्छा तुम मरद हो न ?
वह बोला हां मेम बिलकुल मरद हूँ। मैं २५ साल का हो गया हूँ .
मौसी ने कहा तो फिर पहले अपने कपड़े खोलो। मेरे घर में मर्दों का कपड़ा पहनना सख्त मना है। यहाँ सारे मरद नंगे ही रहतें हैं। नंगे होकर ही बात करते हैं। तुम नंगे नंगे बात करो मुझसे अन्यथा चले जाओ।
उसने कहा मुझे जरुरी बात करना है मेम ? मैं बिना बात किये जा नहीं सकता ?
तो फिर देर मत करो और खोलो कपड़े। वह खड़ा हो गया और अपनी कमीज उतार दी। मौसी फिर बोली मैंने कहा न सारे कपड़े खोलो ? उसने पैंट उतार दी। बस एक चड्ढी बची। मौसी बोली हां इसे भी उतारो। वह थोड़ा शर्माने लगा। तब मौसी उठी और अपनी शाल उतार कर फेंक दी और कहा देख भोसड़ी के मैं लड़की होकर तेरे सामने नंगी खड़ी हूँ और तू मरद होकर शर्मा रहा है।
मौसी मेरी तरफ देख कर बोली तुलसी तुम इसकी चड्ढी खोल दो।
मैं उठी और शाल फेंक कर आगे बढ़ी। मुझे नंगी देख कर उसका लौड़ा साला टन टनाने लगा। मैंने चड्ढी एक ही झटके में खोल दिया और तब उसका लौड़ा दन्न से मेरे गाल पर लगा। मैंने लन्ड पकड़ा और उसे प्यार से हिलाने लगी। लन्ड बढ़ने लगा। मौसी बोली रोहित अब तुम बैठ जाओ तुलसी तेरा लन्ड हिलाती रहेगी। अब तुम बोलो क्या कहना चाहते हो ? वह बोला अरे मेम अब कहने का तो मन ही नहीं हो रहा है। मौसी ने कहा तो फिर किस चीज का मन हो रहा है। वह बोला अब तो ये सब करने का मन हो रहा है । ऐसा कह कर उसने मेरी चूंचियां दबा दी। मौसी बोली अच्छा तो अब तू चोदने के मूड में आ गया है। वह बोला हां मेम अब तो पहले चोदूंगा फिर बात करूँगा। ऐसा कह कर उसने मुझे चिपका लिया और मेरे पूरे बदन पर हाथ फेरने लगा। मैं भी मस्ताने लगी। लौड़ा मुंह ले लिया और चूसने लगी। मौसी बैठी बैठी सब देखने लगी। तब तक अंदर से एक लड़का नंगा नंगा आया तो मौसी ने उसे बुलाया और कहा बेटा नकुल तुम तुलसी की चूत में लन्ड पेल दो। उसने अपना खड़ा लन्ड मेरी बुर में घुसेड़ दिया और चोदने लगा।
तब तक मौसी उठी और बोली रोहित माँ का लौड़ा तू मेरी बुर चोद ले। पेल दे लौड़ा मेरी चूत में। वह मूड में था ही। उसने मौसी को अपनी तरफ घसीटा और दन्न से घुसा दिया लन्ड। चूत तो उसकी गीली थी ही। लौड़ा सनसनाता हुआ घुस गया। रोहित बड़े मजे से चोदने लगा। इतने में मौसी बोली रोहित तेरा तो लौड़ा बड़ा मोटा है यार। चूत में चिपक कर घुस रहा है। लगता है की तुम अक्सर किसी न किसी की बुर लेते हो ? वह बोला हां मेम मेरी कुछ गर्ल्स फ्रेंड्स है जो मुझे अपनी बुर देती रहती हैं। उन्हें मेरा लन्ड बहुत पसंद है। वो अपनी सहेलियों की बुर भी मुझसे चुदवाती हैं। कुछ तो मुझसे अपनी बहन, अपनी माँ, अपनी भाभी और बुआ की बुर में भी चुदवाती हैं। इसलिए मुझे चोदने का बड़ा अनुभव हो गया है।
मैं मौसी के बगल में लेटी हुई चुदवा रही थी। इतने में अचानक रोहित ने लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और नकुल ने लन्ड मौसी की चूत में। नकुल मौसी की बुर चोदने लगा और रोहित मेरी बुर। लन्ड बदल गए तो मज़ा भी बदल गया। मुझे अब पहले से कुछ ज्यादा मज़ा आने लगा। तब मैं समझी की लन्ड बदलने से मज़ा भी बदल जाता है और इसीलिए मौसी मर्दों को घर में नंगा रखती हैं की जब चाहो इसका लन्ड पेलो और जब चाहो उसका लन्ड पेलो। मैंने मन में कहा मौसी तो बुर चोदी चुदवाने में बड़ी उस्ताद है। शादी न करके ये तो ज़िन्दगी का पूरा मज़ा लूट रही है भोसड़ी वाली। उधर मौसी के मन में भी कुछ चल रहा था। वह सोंच रही थी की इस मादर चोद तुलसी को भी लन्ड का चस्का लग गया है। देखो न माँ की लौड़ी कितनी मस्ती से अपनी बुर चुदवा रही है। मैं तो कहती हूँ की ये इसी तरह चुदवाती रहे। फिर इसके चाहने वाले भी घर आयेंगें। और तब मैं उन्हें भी नंगा रखूंगी और उनके भी लन्ड पेला करूंगी अपनी चूत में।
हम दोनों यही सोंच सोंच कर भकाभक चुदवाने का मज़ा लेने लगीं । फिर उन दोनों ने हमें पीछे से चोदना शुरू कर दिया। मैं कुतिया बन गयी और मौसी भी। मैंने कहा रोहित पूरा लौड़ा पेल के चोदो। जल्दी जल्दी चोदो। मुझे अपनी बीवी समझ के चोदो, मैं तेरी रंडी हूँ यार, मुझे खूब चोदो, चोदो भोसड़ी के मेरी बुर चोदो ? मैं इसी तरह कुछ न कुछ बके जा रही थी क्योंकि मुझे चुदवाने में मज़ा आ रहा था। उधर मौसी बोल रही थी हां यार नकुल तू भोसड़ी का आज ज्यादा अच्छी तरह चोद रहा है। हां इसी तरह चोदो, धकाधक चोदो जैसे तुम रूबी की बुर चोदते हो। और हां तू तो उस दिन रूबी की माँ का भोसड़ा भी चोद कर आया था न ? वह बोला हां चोद कर आया था। मैं क्या करता ? रूबी ने ही कहा था की नकुल आज तुम मेरी माँ की बुर ले के देखो। मेरा लन्ड उसके हाथ में था। वह भी नंगी थी। उसकी माँ भी अंदर से किसी से चुदवा कर आयी थी वह भी बिलकुल नंगी थी। तभी रूबी ने मेरा लन्ड अपनी माँ की बुर में पेलते हुए कहा था की अब तुम मेरी माँ की चूत चोदो नकुल। तो मैं चोदने लगा। उस दिन वाकई बड़ा मज़ा आया।
इस तरह की सेक्सी बातें करते हुई हम दोनों ने खूब चुदवाया। फिर नकुल मौसी की बुर चोद कर अंदर चला गया और रोहित मेरी बुर चोद कर अपने घर चला गया। शाम को मैं और मौसी दोनों नंगी ही बैठी थी। फिर किसी ने दरवाजा पीटा तो मौसी ने शाल ओढ़ कर दरवाजा खोला। वह बोली हाय कामिनी तू। वह बोली हां यार मैं अपने साथ दो लड़के लेकर आयी हूँ। मौसी ने तीनो को अंदर कर लिया। मेरे बगल में शाल पड़ी थी मैंने वह अपने बदन पर डाल लिया। अंदर आते ही मौसी ने कहा देखो कामिनी ये मेरी भांजी है तुलसी। और हां तुलसी यह कामिनी है मेरी दोस्त। मैंने देखा की कामनी जल्दी जल्दी अपने कपड़े खोल रही थी। उधर वो दोनों लड़के भी कपड़े उतार रहे थे। कामिनी बिलकुल हमारी तरह नंगी हो गयी और वो लड़के भी नंगे हो गए। उनके लटकते हुए लन्ड देख कर मैं मुस्करा पड़ी। कामिनी बोली हाय रूपा आज मैं ये दोनों लड़के तेरे पास छोड़ कर जाऊंगी और नकुल सुरेश को अपने साथ ले जाऊंगी। ये दोनों मेरे घर में नंगे नंगे रहेगें। तेरे पास गोपी और राधे नंगे नंगे रहेगें।
मौसी ने मुझे इशारा किया तो मैं दोनों लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी। फिर वो दोनों बैठी हुई बात करती रहीं और मैं दोनों से चुदवाती रही। कभी गोपी का लन्ड मुंह में कभी सुरेश का लन्ड ? कभी सुरेश का लन्ड बुर में कभी गोपी का लन्ड बुर में लती रही। मौसी और कामिनी मुझे देख कर मुस्कराती भी रहीं और बातें भी करती रहीं। मुझे दोनों लन्ड अच्छे लगे और सबसे ज्यादा अच्छा लगा पूरी आज़ादी से खुल कर चुदवाना। तब तक मैं भी कुछ लड़कों से सम्बन्ध बना चुकी थी। पहले एक लड़के पिक्चर हॉल में ले गयी और उसका लन्ड पकड़ा। फिर दूसरा लड़का ले गयी और उसका भी लन्ड पकड़ा। जाने से पहले मैंने कहा था देखो नीचे चड्ढी पहन कर मत आना। पैंट के नीचे सिर्फ लौड़ा होना चाहिए और कुछ नहीं। तब मुझे हॉल में बैठ कर लन्ड पकड़ने में आसानी होने लगी। इस तरह मैंने कई लड़के फांस लिए. सब भोसड़ी के मुझे चोदने के लिए तैयार हो गए।
अगले दिन संडे था। मौसी बोली आज तो बड़ी भीड़ होगी तुलसी। मैंने कई लड़के बुलाएं हैं।मैंने कहा हां मौसी मेरे भी ३ लड़के आयेंगें। सवेरे ९ बजे से ही लड़के आने लगे और अपने अपने पकड़े उतार कर नंगे होने लगे। सबके लन्ड खुलने लगे। मैं तो नंगी थी ही और मौसी भी। जब मेरे ३ लड़के आये तो मुझे नंगी देख कर बड़े दंग रह गए। मैंने कहा यार मैं घर में नंगी ही रहती हूँ। और अब तुम लोग भी नंगे हो जाओ। देखो यहाँ सब मादर चोद नंगे हैं। तब तक कामिनी भी आ गयी। मेरी सहेली रुबिया भी। वह अपनी अम्मी को लेकर आ गयी। बोली यार मेरी अम्मी भी ऐसे माहौल का मज़ा लेगीं जहाँ चारों तरफ लन्ड ही लन्ड हों ? मौसी मजाक में बोली अच्छा तो तू अपनी माँ चुदवाएगी रुबिया ? रुबिया बोली मौसी माँ नहीं माँ का भोसड़ा चुदवाऊँगी ? बस माहौल गरम होने लगा। हम लोगों ने दो दो लन्ड अपने कब्जे में कर लिया। कामिनी और मौसी ने तीन तीन लन्ड पर कब्जा जमा लिया।
फिर उसके बाद हुई धकापेल भकाभक चुदाई।
एक दिन सवेरे सवेरे मैं मौसी के साथ आँगन के वारंडे में बैठी हुई थी। हम दोनों ऐसे ही गप्प सप्प कर रही थीं, इतने में मेरा जीजा एकदम नंगे बदन सिर्फ एक तौलिया लपेटे हुए बाथ रूम जाने लगा । मौसी बोली अरे मुकुल कहाँ जा रहे हो तुम ? वह बोला मैं बाथ रूम नहाने जा रहा हूँ। मौसी ने उसे इशारे से बुलाया और कहा अच्छा ज़रा इधर तो आओ। वह मौसी के सामने आकर खड़ा हो गया। मौसी ने कहा मैंने तेरी तौलिया देखने के लिए नहीं बुलाया है। मैंने तुझे तेरा लण्ड देखने के लिए बुलाया है लण्ड ? ऐसा कह कर मौसी ने उसकी तौलिया खींच ली। वह नंगा हो गया और नीचे बैठ गया। मैं हंसने लगी। मौसी फिर बोली अरे तू बैठ क्यों गया ? दिखाओ न मुझे अपना लण्ड ? मैंने तेरा लण्ड देखूँगी। मुझे मर्दों के लण्ड देखने का बड़ा शौक है। मुझे मर्द हमेशा नंगे नंगे ही अच्छे लगते हैं। मैं तुझे देखना चाहती हूँ की तुम नंगे नंगे कितने अच्छे लगते हो और तेरा नंगा नंगा लण्ड कितना अच्छा लगता है ? डरो नहीं भोसड़ी के मैं तेरा लण्ड काट कर नहीं ले जाऊंगी।
मौसी ने उसे अपने हाथों से उठाया और उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। वह बोली देखो मुकुल मैं तो तेरी मौसेरी सास हूँ मगर ये तुलसी तो तेरी साली है। अपनी साली को नहीं पकड़ाओगे अपना लण्ड ? अरे माँ का लौड़ा तू अगर अपनी साली को नहीं पकड़ायेगा लण्ड तो फिर किसको पकड़ायेगा ? अपनी साली की बुर नहीं लेगा तो फिर किसकी बुर लेगा ? मौसी ने ऐसा कह कर मुझे लण्ड पकड़ा दिया और मैं भी उसे प्यार से सहलाने लगी। मौसी उसके पेलहड़ सहलाने लगीं।
मेरी मौसी का नाम है रूपा वह ३० साल की हैं मुझसे सिर्फ ४ साल बड़ी। उसने शादी नहीं की है। वह यहाँ मुम्बई में एक बड़ी कंपनी में काम करती हैं। मैं यहाँ एक डिग्री कॉलेज में असिस्टेन्ट प्रोफेसर हूँ। मेरे कॉलेज में लड़के लड़कियां सब साथ साथ पढ़तें हैं। मैं मुम्बई में अपनी मौसी के साथ ही रहती हूँ। न मौसी ने शादी की है और न मेरा शादी करने का कोई इरादा है। मौसी कहती हैं की अभी मैं २/३ लन्ड रोज़ लेती हूँ। शादी के बाद सिर्फ एक लन्ड और वही एक लन्ड ज़िन्दगी भर ? न बाबा न ? मेरे से ऐसा नहीं होगा ? यहाँ तो जब तक मेरी आँखों के सामने 2/3 लन्ड नंगे नंगे नहीं घूमते तब तक मेरा मन किसी काम में नहीं लगता। अभी कल ही मेरा जीजा आया है और आज मौसी ने उसका भी लौड़ा पकड़ लिया और मुझे भी पकड़ा दिया ?
मुझे वास्तव में कई दिनों के बाद कोई लन्ड मिला तो मैं उसी में खो गयी। हाथ में पेलहड़ और मुंह में लन्ड। मैं तो बिलकुल मस्ती में आ गयी। मेरी चूंचियां भी खुल गयी और मेरी चूत भी अस्त व्यस्त होने लगी। मौसी मुझे देखने लगीं और बोली हाय तुलसी तू तो बड़ी एक्सपर्ट है लौड़ा चाटने में ? सच बता कितने लन्ड चाट चुकी है तू ? मैंने कहा मौसी आजकल बड़ी मुश्किल से मिलता कोई लन्ड चाटने को। हां जब मैं कॉलेज में स्टूडेंट थी तब कुछ लन्ड जरूर मिल जाते थे। पर अब तो बस लन्ड के लिए तरस रही हूँ मैं ? मौसी ने कहा अच्छा तू तो ऐसे कॉलेज में पढ़ाती है जहाँ लन्ड ही लन्ड हैं चारों तरफ। थोड़ा खुल जा फिर देख लन्ड की तो लाइन लग जाएगी। मैंने जबाब दिया हां मौसी अभी तो मुझे ६ महीने ही हुए है कॉलेज में। मैं कुछ दिनों में ही लड़कों पटा लूंगी। फिर मैं भी आपकी तरह लड़कों को घर में नंगा घुमाया करूंगी। मर्द नंगे नंगे मुझे भी अच्छे लगते है मौसी।
तब तक मौसी ने मुझे नंगी कर दिया और खुद भी नंगी हो गयीं। हम तीनो लोग एकदम नंगे ? मौसी भी मेरे साथ जीजा का लन्ड चाटने लगीं। मैं लन्ड उसके मुंह में घुसेड़ती और वह मेरे मुंह में ? फिर हम दोनों बारी बारी से लन्ड मुंह में लेकर चूसने लगीं। जीजा भी मस्ती में आ गया। थोड़ी देर में वह बोला हाय तुलसी मैं निकलने वाला हूँ। यह सुनकर मौसी बोली अब तू इसका सड़का मार दे तुलसी और लन्ड का मक्खन मेरे मुंह में गिरा दे। मैंने लन्ड मुठ्ठी में लिया और सटासट मारने लगी सड़का। उसका टोपा एक दम लाल हो गया और फूलने लगा। वह बोला और जोर जोर से मारो,,,, हां,,,, और तेज तेज करो ,,, हां,, ओ,, ओ हो,, हां,, और जल्दी जल्दी मारों मुठ्ठी,,, हां तुलसी,,, तू बहुत अच्छी है यार ,,,, तेरे हाथ में जादू है ,,,,, हां और ,,, और ओ,, हूँ,, उफ़,, हो ओ, उई,, आ,, ही हूँ,, ही,, हे हे,, आ,, लो,, बस लन्ड ने उगल दिया वीर्य मौसी के मुंह में और मेरे भी मुंह में। हम दोनों ने मिलकर झड़ता हुआ लन्ड खूब चाटा और साथ में पेलहड़ भी।
रात में फिर हम दोनों खूब मस्ती से चुदवाया। सवेरे वह चला गया।
दूसरे दिन मैं सवेरे सवेरे बगल के कमरे में गयी तो देखा की वहां दो लड़के एकदम नंगे सो रहे हैं। दोनों के लन्ड भी सो रहें है। झांटें उनकी बिलकुल साफ़ हैं इसलिए लन्ड बड़े खूबसूरत लग रहे हैं । मेरा मन हुआ की लन्ड मुंह में भर लूँ। लेकिन मैं मौसी को ढूंढने लगी। बस दूसरे कमरे में मैंने देखा की मौसी किसी का लन्ड पीने में जुटी हुई हैं। वह बोली तुलसी सवेरे सवेरे लन्ड पिया करो। जाओ देखो बगल के कमरे में दो लड़के नंगे लेटे हैं उनके लन्ड पियो। सवेरे का लन्ड बड़ा चुस्त और दुरुस्त होता है। सवेरे सवेरे लन्ड पीने से सेहत अच्छी रहती है बेटी। मैंने कहा हां मौसी मैं अभी जाती हूँ लन्ड पीने। मैं फ़ौरन वापस आयी और दोनों लन्ड आहिस्ते से पकड़ा और थोड़ा हिलाया तो वो जग गए। उधर लन्ड भी खड़े हो गए। मैं बीच में बैठ गयी और दोनों लन्ड बारी बारी से पीने लगी। फिर मुझसे रहा न गया। और मैंने एक लन्ड अपनी चूत में पेल लिया। मुझे चुदवाने में मज़ा आने लगा। तब तक मौसी भी लन्ड पकड़े पकड़े मेरे पास आ गयी। फिर हम दोनों ने मिलकर तीनो के लन्ड पिये और खूब मस्ती से लन्ड अदल बदल कर चुदवाया भी।
एक दिन मैं ड्राइंग रूम में मौसी के साथ शॉल ओढ़े बैठी थी। वह शाल ओढ़े थी। अंदर से हम दोनों नंगी ही थीं अंदर २/३ लड़के नंगे घूम रहे थे। मैं बीच बीच में जा जा कर उनके लन्ड हिला हिला कर चली आती। कभी अपनी चूंचियां मसलवाकर चली आती तो कभी लौड़ा थोड़ा चूस चाट कर चली आती। इतने में किसी ने दरवाजा खटखटाया। मैंने दरवाजा खोला तो सामने एक मस्त जवान लड़का खड़ा था। वह बोला मैं रोहित हूँ मुझे रूपा मेम से मिलना है। मैंने मौसी से कहा कोई रोहित नाम का लड़का आया है। वह बोली ठीक है उसे यहीं बुला लो।मैंने उसे अंदर बैठाया लिया।
मौसी बोली अरे तू रोहित कहाँ था तू इतने दिनों तक ?
वह बोला मेम ,,,,,,,,,,,,?
मौसी बीच में ही बोल पड़ीअच्छा तुम मरद हो न ?
वह बोला हां मेम बिलकुल मरद हूँ। मैं २५ साल का हो गया हूँ .
मौसी ने कहा तो फिर पहले अपने कपड़े खोलो। मेरे घर में मर्दों का कपड़ा पहनना सख्त मना है। यहाँ सारे मरद नंगे ही रहतें हैं। नंगे होकर ही बात करते हैं। तुम नंगे नंगे बात करो मुझसे अन्यथा चले जाओ।
उसने कहा मुझे जरुरी बात करना है मेम ? मैं बिना बात किये जा नहीं सकता ?
तो फिर देर मत करो और खोलो कपड़े। वह खड़ा हो गया और अपनी कमीज उतार दी। मौसी फिर बोली मैंने कहा न सारे कपड़े खोलो ? उसने पैंट उतार दी। बस एक चड्ढी बची। मौसी बोली हां इसे भी उतारो। वह थोड़ा शर्माने लगा। तब मौसी उठी और अपनी शाल उतार कर फेंक दी और कहा देख भोसड़ी के मैं लड़की होकर तेरे सामने नंगी खड़ी हूँ और तू मरद होकर शर्मा रहा है।
मौसी मेरी तरफ देख कर बोली तुलसी तुम इसकी चड्ढी खोल दो।
मैं उठी और शाल फेंक कर आगे बढ़ी। मुझे नंगी देख कर उसका लौड़ा साला टन टनाने लगा। मैंने चड्ढी एक ही झटके में खोल दिया और तब उसका लौड़ा दन्न से मेरे गाल पर लगा। मैंने लन्ड पकड़ा और उसे प्यार से हिलाने लगी। लन्ड बढ़ने लगा। मौसी बोली रोहित अब तुम बैठ जाओ तुलसी तेरा लन्ड हिलाती रहेगी। अब तुम बोलो क्या कहना चाहते हो ? वह बोला अरे मेम अब कहने का तो मन ही नहीं हो रहा है। मौसी ने कहा तो फिर किस चीज का मन हो रहा है। वह बोला अब तो ये सब करने का मन हो रहा है । ऐसा कह कर उसने मेरी चूंचियां दबा दी। मौसी बोली अच्छा तो अब तू चोदने के मूड में आ गया है। वह बोला हां मेम अब तो पहले चोदूंगा फिर बात करूँगा। ऐसा कह कर उसने मुझे चिपका लिया और मेरे पूरे बदन पर हाथ फेरने लगा। मैं भी मस्ताने लगी। लौड़ा मुंह ले लिया और चूसने लगी। मौसी बैठी बैठी सब देखने लगी। तब तक अंदर से एक लड़का नंगा नंगा आया तो मौसी ने उसे बुलाया और कहा बेटा नकुल तुम तुलसी की चूत में लन्ड पेल दो। उसने अपना खड़ा लन्ड मेरी बुर में घुसेड़ दिया और चोदने लगा।
तब तक मौसी उठी और बोली रोहित माँ का लौड़ा तू मेरी बुर चोद ले। पेल दे लौड़ा मेरी चूत में। वह मूड में था ही। उसने मौसी को अपनी तरफ घसीटा और दन्न से घुसा दिया लन्ड। चूत तो उसकी गीली थी ही। लौड़ा सनसनाता हुआ घुस गया। रोहित बड़े मजे से चोदने लगा। इतने में मौसी बोली रोहित तेरा तो लौड़ा बड़ा मोटा है यार। चूत में चिपक कर घुस रहा है। लगता है की तुम अक्सर किसी न किसी की बुर लेते हो ? वह बोला हां मेम मेरी कुछ गर्ल्स फ्रेंड्स है जो मुझे अपनी बुर देती रहती हैं। उन्हें मेरा लन्ड बहुत पसंद है। वो अपनी सहेलियों की बुर भी मुझसे चुदवाती हैं। कुछ तो मुझसे अपनी बहन, अपनी माँ, अपनी भाभी और बुआ की बुर में भी चुदवाती हैं। इसलिए मुझे चोदने का बड़ा अनुभव हो गया है।
मैं मौसी के बगल में लेटी हुई चुदवा रही थी। इतने में अचानक रोहित ने लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और नकुल ने लन्ड मौसी की चूत में। नकुल मौसी की बुर चोदने लगा और रोहित मेरी बुर। लन्ड बदल गए तो मज़ा भी बदल गया। मुझे अब पहले से कुछ ज्यादा मज़ा आने लगा। तब मैं समझी की लन्ड बदलने से मज़ा भी बदल जाता है और इसीलिए मौसी मर्दों को घर में नंगा रखती हैं की जब चाहो इसका लन्ड पेलो और जब चाहो उसका लन्ड पेलो। मैंने मन में कहा मौसी तो बुर चोदी चुदवाने में बड़ी उस्ताद है। शादी न करके ये तो ज़िन्दगी का पूरा मज़ा लूट रही है भोसड़ी वाली। उधर मौसी के मन में भी कुछ चल रहा था। वह सोंच रही थी की इस मादर चोद तुलसी को भी लन्ड का चस्का लग गया है। देखो न माँ की लौड़ी कितनी मस्ती से अपनी बुर चुदवा रही है। मैं तो कहती हूँ की ये इसी तरह चुदवाती रहे। फिर इसके चाहने वाले भी घर आयेंगें। और तब मैं उन्हें भी नंगा रखूंगी और उनके भी लन्ड पेला करूंगी अपनी चूत में।
हम दोनों यही सोंच सोंच कर भकाभक चुदवाने का मज़ा लेने लगीं । फिर उन दोनों ने हमें पीछे से चोदना शुरू कर दिया। मैं कुतिया बन गयी और मौसी भी। मैंने कहा रोहित पूरा लौड़ा पेल के चोदो। जल्दी जल्दी चोदो। मुझे अपनी बीवी समझ के चोदो, मैं तेरी रंडी हूँ यार, मुझे खूब चोदो, चोदो भोसड़ी के मेरी बुर चोदो ? मैं इसी तरह कुछ न कुछ बके जा रही थी क्योंकि मुझे चुदवाने में मज़ा आ रहा था। उधर मौसी बोल रही थी हां यार नकुल तू भोसड़ी का आज ज्यादा अच्छी तरह चोद रहा है। हां इसी तरह चोदो, धकाधक चोदो जैसे तुम रूबी की बुर चोदते हो। और हां तू तो उस दिन रूबी की माँ का भोसड़ा भी चोद कर आया था न ? वह बोला हां चोद कर आया था। मैं क्या करता ? रूबी ने ही कहा था की नकुल आज तुम मेरी माँ की बुर ले के देखो। मेरा लन्ड उसके हाथ में था। वह भी नंगी थी। उसकी माँ भी अंदर से किसी से चुदवा कर आयी थी वह भी बिलकुल नंगी थी। तभी रूबी ने मेरा लन्ड अपनी माँ की बुर में पेलते हुए कहा था की अब तुम मेरी माँ की चूत चोदो नकुल। तो मैं चोदने लगा। उस दिन वाकई बड़ा मज़ा आया।
इस तरह की सेक्सी बातें करते हुई हम दोनों ने खूब चुदवाया। फिर नकुल मौसी की बुर चोद कर अंदर चला गया और रोहित मेरी बुर चोद कर अपने घर चला गया। शाम को मैं और मौसी दोनों नंगी ही बैठी थी। फिर किसी ने दरवाजा पीटा तो मौसी ने शाल ओढ़ कर दरवाजा खोला। वह बोली हाय कामिनी तू। वह बोली हां यार मैं अपने साथ दो लड़के लेकर आयी हूँ। मौसी ने तीनो को अंदर कर लिया। मेरे बगल में शाल पड़ी थी मैंने वह अपने बदन पर डाल लिया। अंदर आते ही मौसी ने कहा देखो कामिनी ये मेरी भांजी है तुलसी। और हां तुलसी यह कामिनी है मेरी दोस्त। मैंने देखा की कामनी जल्दी जल्दी अपने कपड़े खोल रही थी। उधर वो दोनों लड़के भी कपड़े उतार रहे थे। कामिनी बिलकुल हमारी तरह नंगी हो गयी और वो लड़के भी नंगे हो गए। उनके लटकते हुए लन्ड देख कर मैं मुस्करा पड़ी। कामिनी बोली हाय रूपा आज मैं ये दोनों लड़के तेरे पास छोड़ कर जाऊंगी और नकुल सुरेश को अपने साथ ले जाऊंगी। ये दोनों मेरे घर में नंगे नंगे रहेगें। तेरे पास गोपी और राधे नंगे नंगे रहेगें।
मौसी ने मुझे इशारा किया तो मैं दोनों लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी। फिर वो दोनों बैठी हुई बात करती रहीं और मैं दोनों से चुदवाती रही। कभी गोपी का लन्ड मुंह में कभी सुरेश का लन्ड ? कभी सुरेश का लन्ड बुर में कभी गोपी का लन्ड बुर में लती रही। मौसी और कामिनी मुझे देख कर मुस्कराती भी रहीं और बातें भी करती रहीं। मुझे दोनों लन्ड अच्छे लगे और सबसे ज्यादा अच्छा लगा पूरी आज़ादी से खुल कर चुदवाना। तब तक मैं भी कुछ लड़कों से सम्बन्ध बना चुकी थी। पहले एक लड़के पिक्चर हॉल में ले गयी और उसका लन्ड पकड़ा। फिर दूसरा लड़का ले गयी और उसका भी लन्ड पकड़ा। जाने से पहले मैंने कहा था देखो नीचे चड्ढी पहन कर मत आना। पैंट के नीचे सिर्फ लौड़ा होना चाहिए और कुछ नहीं। तब मुझे हॉल में बैठ कर लन्ड पकड़ने में आसानी होने लगी। इस तरह मैंने कई लड़के फांस लिए. सब भोसड़ी के मुझे चोदने के लिए तैयार हो गए।
अगले दिन संडे था। मौसी बोली आज तो बड़ी भीड़ होगी तुलसी। मैंने कई लड़के बुलाएं हैं।मैंने कहा हां मौसी मेरे भी ३ लड़के आयेंगें। सवेरे ९ बजे से ही लड़के आने लगे और अपने अपने पकड़े उतार कर नंगे होने लगे। सबके लन्ड खुलने लगे। मैं तो नंगी थी ही और मौसी भी। जब मेरे ३ लड़के आये तो मुझे नंगी देख कर बड़े दंग रह गए। मैंने कहा यार मैं घर में नंगी ही रहती हूँ। और अब तुम लोग भी नंगे हो जाओ। देखो यहाँ सब मादर चोद नंगे हैं। तब तक कामिनी भी आ गयी। मेरी सहेली रुबिया भी। वह अपनी अम्मी को लेकर आ गयी। बोली यार मेरी अम्मी भी ऐसे माहौल का मज़ा लेगीं जहाँ चारों तरफ लन्ड ही लन्ड हों ? मौसी मजाक में बोली अच्छा तो तू अपनी माँ चुदवाएगी रुबिया ? रुबिया बोली मौसी माँ नहीं माँ का भोसड़ा चुदवाऊँगी ? बस माहौल गरम होने लगा। हम लोगों ने दो दो लन्ड अपने कब्जे में कर लिया। कामिनी और मौसी ने तीन तीन लन्ड पर कब्जा जमा लिया।
फिर उसके बाद हुई धकापेल भकाभक चुदाई।
Click on Search Button to search more posts.
आपको ये भी पसंद आएंगें
- muslim sex story hindi - मुस्लिम समाज में चुदाई का मज़ा Muslim samaaj me chudai ka majaa nirala
- 16 साल की बहन की चुदाई की कहानी - भाई ने दीदी को चोदा - Bahan ki chudai bhai ne didi ko choda
- गन्दी बातें कर के चुदवातीं रहीं - Gandi baaten kar ke chudwati rahi
- माँ बेटे की चुदाई की कहानी - मम्मी को चोदा - Maa bete ki chudai ki hindi kahani
- बेटा माँ बहन बीवी बेटी सब चोदो - Hindi Sex story
- गाली दे दे के चाटो लण्ड - Gali dekar lund chatne ka majaa
- बेटी बाप से चुदवाती है माँ बेटे से - Beti ko Baap ne choda aur Maa ki gand bete ne Mari
- घर की बीवियां घर के लण्ड - Parivarik chudai ki kahaniyan
- छोटी उम्र की नादान लड़की की चुदाई - 14 saal ki kunwari ladki ki chudai - Chhoti umar ka sex
- लड़की की गांड कैसे मारें - Ladki ki gand kaise choden