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सुहागरात में हुई एक साथ तीन लंडों से चुदाई - 3 landon se chudkar manayi suhagraat
सुहागरात में हुई एक साथ तीन लंडों से चुदाई - 3 landon se chudkar manayi suhagraat , suhagraat me 3 landon se chudai , tin ne ek ladki ko choda , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
रेहाना आंटी मेरी अम्मी से कह रही थी :- अरे यार सायरा अब वो हमारा ज़माना नहीं रहा। अब तो सब कुछ बदल गया है। सब तरीके बदल गए हैं। रहन सहन बदल गया है। रस्मों रिवाज़ बदल गये हैं। यहाँ तक की चुदाई का तरीका भी बदल गया है। अब तो लड़के लड़कियां खड़े खड़े चोदा चोदी कर लेते हैं। ट्रेन में चुदाई कर लेते हैं। बस में चलते चलते लन्ड चूंची की पकड़ा पकड़ी कर लकतें हैं। आजकल तो लड़कियां लन्ड पहले मुंह में लेतीं हैं फिर बुर में ? पहले लन्ड मुंह में लेने का रिवाज़ ही नहीं था । मरद तो सीधे लौड़ा बुर में घुसेड़ दिया करते थे। अब तो लन्ड बिना मुंह में लिए कोई लड़की आगे बढ़ती ही नहीं ? लौड़ा देखते ही लड़कियों का मुंह खुल जाता है।
अम्मी ने कहा :- और हां अब तो बुर चाटने का भी रिवाज़ चल पड़ा है। पहले तो कोई मरद साला बुर चाटता ही नहीं था। लेकिन अब तो मरद बिना बुर चाटे चोदना शुरू ही नहीं करते ?
रेहाना आंटी बोली :- अरे हां एक बात बताना ही भूल गयी। आजकल लड़कियां सुहागरात एक लन्ड से नहीं मनाती ? कहतीं हैं की एक लन्ड तो ऐसा ही है जैसे ऊँट के मुंह का जीरा ? एक लन्ड से तो चूत को कुछ पता ही नहीं चलता ? उसे मज़ा ही नहीं आता। जब तक २/३ लन्ड धकापेल लगातार न चोदें तब तक किसी भी दुल्हन को मज़ा नहीं आता। अब मेरी ही बेटी को देखिये। उसने अपनी सुहागरात में कह दिया मैं ३ लन्ड से चुदवाऊँगी। जब तक मेरे सामने ३ लन्ड नहीं होंगें तब तक मैं अपने मियां के लन्ड पर हाथ भी नहीं लगाऊंगी। तीनो लन्ड से एक साथ चुदवा कर सुहागरात मनाऊंगी।
अम्मी ने पूंछा :- तो फिर क्या हुआ ?
आंटी ने बताया :- हुआ क्या ? फिर उसकी नन्द ने ३ लन्ड का इंतज़ाम किया। अपने सामने उसकी नन्द ने तीनो लन्ड पेले, एक लन्ड दुल्हन के मुंह में, एक उसकी बुर में और एक लन्ड कभी उसके हाथ में कभी उसकी चूँचियों के बीच और कभी गांड में पेला । इस तरह मेरी बेटी ने अपनी सुहागरात मनाई। तीन तीन मर्दों ने जब उसे अच्छी तरह चोदा तब उसकी गर्मी शांत हुई।
मैं दूर बैठी हुई उन दोनों की बातें सुन रही थी। मैंने तभी सोंच लिया की मैं भी अपनी सुहागरात ३ - ३ लन्ड से चुदवा कर मनाऊंगी। लेकिन मैंने सोंचा की क्यों न मैं पहले आंटी की बेटी से पूंछ लूँ की कैसे उसने अपने शौहर को मनाया और वो तीन लन्ड किसके थे जिससे उसने अपनी सुहागरात में चुदवाया। आंटी की बेटी शीबा मेरी ही उम्र की है। उसकी शादी हो चुकी और मेरी शादी होने वाली है. मैंने दूसरे दिन सीधे आंटी के घर चली गयी। इत्तिफाक से आंटी नहीं थीं और सुकी बेटी शीबा से मेरी मुलाक़ात हो गयी। उसने मुझे बड़े प्यार से बैठाया और बातें करने लगी। मुझे मालूम हुआ की वह अकेली है और उसकी अम्मी दिन भर ले लिए कहीं बाहर गयीं हैं।
वह बोली यार गर्मी बहुत है क्यों न हम लोग थोड़ा बियर पियें ? मैंने हां कर दी तब वह बोली यार मेरे पास व्हिस्की भी है बोलो पियोगी ?
मैंने कहा हां जरूर पियूँगी क्योंकि मैं तो लड़कों के साथ अक्सर पीती हूँ।
उसने मजाक करते हुए कहा तब तो व्हिस्की के साथ लड़कों के लन्ड भी पीती होगी तुम ?
मैंने जबाब दिया यार अब जवानी में तो यह सब हो ही जाता है। जवान लड़का साथ में हो तो हाथ अपने आप उसके लन्ड पर चला ही जाता है। तू ठीक कह रही है मुझे जब भी मौक़ा मिलता है मैं व्हिस्की के साथ लन्ड पीती हूँ।
तब तो तू मेरे टक्कर की लड़की है। मैं तो बिंदास पीती हूँ लन्ड ? मैं न शर्माती हूँ, न झिझकती हूँ और न किसी मादर चोद से डरती हूँ।
मैंने तो अपनी सुहागरात में ही अपने शौहर से कह दिया था की मुझे आज की रात में कम के कम ३ लन्ड चाहिए। सिर्फ तेरे एक लन्ड से काम नहीं चलेगा ? आज मेरी सुहागरात है तो मैं जम कर चुदवाऊँगी ?
तो फिर तेरा शौहर क्या बोला ? उसकी तो गांड फट गयी होगी ?
नहीं यार वह भी बहन चोद बड़ा हरामी निकला ? वह बोला मैं भी आज तीन तीन बीवियों के साथ सुहागरात मनाऊंगा ? मुझे इस जबाब की बिलकुल उम्मीद नहीं थी। लेकिन मैं फंस गयी। मैंने कहा ठीक है तुम ३ बीवियों के साथ मनाओ सुहागरात। मैं तीन मर्दों के साथ मनाती हूँ सुहागरात जिसमे एक तुम हो ? दो और मर्द होंगें ?
वह बोला ठीक है एक बीवी तुम हो और मैं दो बीवियां और लाता हूँ।
ऐसा कह कर वह बाहर चला गया। मैंने मन में कहा शीबा भोसड़ी की अब तेरी माँ चुदने लगीं न ? तूने कह तो दिया की ३ लन्ड से मनाऊंगी सुहागरात पर तू ३ लन्ड लाएगी कहाँ से ? इसके बार में तो कुछ सोंचा नहीं । तू क्या समझती है की तेरा शौहर ला कर देगा लन्ड और कहेगा हां ले मेरी बीवी जान तू चुदवा ले इन लोगों से ? मैं यहाँ अपनी बीवी के साथ सुहागरात मनाने नहीं आया हूँ. मैं तो अपनी बीवी चुदवाने आया हूँ ? यह सब सोंच कर मैं थोड़ा परेशान हो गयी। तब तक कमरे में मेरी नन्द उमरा आ गयी। मैंने उसे बिना किसी झिझक के सारी बात बता दी। वह बोली अरे भाभी तुम चिंता न करो। मैं लाकर दूँगी तुम्हे लन्ड ? वैसे मैं जानती हूँ की मेरा भाई जान आज किस किस की बुर चोद कर अपनी सुहागरात मनाना चाहता है। मैंने कहा अरे वाह ? तुम जानती हो नन्द रानी ? तुमने तो मेरी सारी परेशानी दूर कर दी। बताओ आज रात मेरा शौहर किस किस को चोदेगा ? वह बोली अरे भाभी मेरा भाई जान आज रात को अपनी बड़ी भाभी की बहन की बुर लेगा ? और दूसरी बुर उसके दोस्त की बीवी की होगी। वह अपनी सुहागरात में अपने दोस्त की बीवी चोदेगा। ऐसा मुझे मालूम हो गया है। मैंने पूंछा तुम्हे यह सब कैसे मालूम है नन्द रानी ? तो वह बोली अरे भाभी मैं उसके दोस्त का लन्ड पीती हूँ। उसका लन्ड अपनी बुर में लेती हूँ और चुदवाती हूँ। उसी ने मुझे बताया की तेरा भाई जान आज रात को मेरी बीवी की बुर चोदेगा ? मैंने नन्द के गाल चुम लिये और बोली तू तो बड़ी मस्तानी नन्द है मेरी ? अब तू जल्दी से मेरे लिए दोनों लन्ड का इंतज़ाम कर दे ? वह हां कह कर चली गयी।
रात को मेरा शौहर आया और मेरे पास बैठ कर प्यारी प्यारी बातें करने लगा। उसने मेरे कपड़े उतारना शुरू किया और मैंने उसके। मैं ऊपर से नंगी हो गयी और वह भी। वह मेरी चूंचियां मसलने लगा। मैं उसका लन्ड टटोलने लगी। थोड़ी देर में मैं उसका लौड़ा खोल कर हिलाने लगी। खुदा का शुक्र है की लौड़ा मेरे मन का निकला ? तब तक उसने भी मुझे नीचे से नंगी कर दिया। मेरी चूत पर हाथ फेरने लगा और मेरी गांड पर भी। मैं इधर लन्ड मुंह में भर कर चूसने लगी। थोड़ा समय और गुज़रा तो फिर उसने लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और चोदने लगा। मैं भी मस्त होकर चुदवाने लगी। सुहागरात की चुदाई किसे अच्छी नहीं लगती ? चुदाई जैसे ही ख़तम हुई वैसे ही एक औरत लगभग मेरी उम्र की कमरे में दाखिल हुई। मेरा मियां बोला शीबा यह है मेरे दोस्त की बीवी जिसे मैं आज तेरे सामने चोदूंगा।
तब तक एक आदमी कमरे में घुस आया। मेरा मियां बोला अरे यार साहिद तुम यहाँ ? वह बोला हां यार मुझे मालूम हुआ की तुम अपनी सुहागरात में मेरी बीवी चोदोगे।अगर ऐसा है तो मैं तेरी सुहागरात में तेरी बीवी चोदूंगा। अब मेरे मियां एक पास कोई जबाब न था ? वह रंगे हाथों पकड़ा गया। तब वह बोला हां हां बिलकुल चोदो मेरी बीवी ? मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है ? यह सुनकर मैं मन ही मन बहुत खुश हुई की चलो एक से दो लन्ड तो हुए ? मेरे मियां ने अपने दोस्त की बीवी आरा को अपनी बाहों में भर लिया तो इधर साहिद ने मुझे चिपका लिया। मैं तो नंगी थी ही। मैंने साहिद की लुंगी खोली तो उसका लौड़ा फनफना कर मेरे सामने खड़ा हो गया। उसका लौड़ा साला मेरे मियां के लौड़े से मोटा था। फिर क्या मैंने झमाझम खूब मस्ती से चुदवाया और मेरे मियां ने भी उसकी बीवी कोअच्छी तरह से चोदा ?
अब मेरा मियां और उसका दोस्त दोनों कमरे के बाहर चले गए। थोड़ी देर में उसकी बीवी भी चली गयी। मैं अकेली रह गयी कमरे में। आधे घंटे के बाद मेरी नन्द आयी और बोली भाभी कैसी रही चुदाई ? मैनें कहा यार बड़ा मस्त लौड़ा है साहिद का ? वह बोली हां भाभी तभी तो मैं उससे चुदवाती हूँ। और अब जिसकी बीवी लेकर तेरा मियां चोदने आ रहा है उसका मियां तेरे पास पहले हीआ जायेगा। उसके आते ही तुम शर्माना नहीं भाभी। मैं उसे नंगा करके ही लायी हूँ। तुम उसका लन्ड चूसने लगना ? मैं चाहती हूँ की तेरा मियां तुझे उसका लन्ड चूसते हुए देखे ? वह घूमी और एक लन्ड पकड़ कर मुझे पकड़ाते हुए कहा लो भाभी यही है वो लन्ड ? मैं नंगी नंगी लन्ड चूसने लगी। नन्द चली गयी। तब तक मेरा मियां किसी की बीवी लेकर कमरे में घुसा ? वह मुझे देख कर हैरान हुआ और बोला अरे यार अनीस तुम मेरी बीवी चोदने आये हो ? अनीस बोला यार तुम भी तो मेरी बीवी चोदने के लिए यहाँ लाये हो। तुम मेरी बीवी चोदो मैं तेरी बीवी चोदूंगा। फिर हुआ भी यही। मैंने अनीस से जी भर के चुदवाया। मेरी तमन्ना पूरी हुई।
मैंने कहा :- वाह वाह शीबा, एरी तो कहानी बड़ी रोमाटिक है बहन चोद। इस पर तो एक बहुत बढ़या ब्लू फिल्म बन सकती है।
शीबा बोली :- अरे यार कहानी यहीं ख़तम नहीं होती ? उसी दिन सवेरे सवेरे मेरी नन्द अपने मियां को लेकर मेरे पास आयी और बोली लो भाभी अब पकड़ो मेरे मियां का लन्ड।अब मैं इसी लन्ड से तेरी बुर चोदूँगी भाभी ? और फिर उसने वाकई खूब मस्ती से चोदा मेरी बुर ?
मैंने कहा :- वाओ, शीबा तेरी कहानी सुनकर मेरी चूत बुरी तरह चुदासी हो गयी है।
मैंने ठान लिया की मैं भी अपनी सुहागरात ३ - ३ लन्ड के साथ मनाऊंगी।
कुछ दिन बाद मेरी शादी हनीफ नाम के आदमी से हो गयी। वह भी देखने सुनने में अच्छा था। मुझे बस एक ही बात की चिंता थी की उसका लन्ड कैसा होगा ? सुहागरात का बड़ी बेकरारी से इंतज़ार करने लगी। लेकिन उसके पहले ही मेरी नन्द मेरे पास आकर मुझेसे बातें करने लगी। मेरी नन्द साबिया थी। उसकी शादी एक साल पहले हो चुकी थी। वह भी काफी खूबसूरत थी। बातों बातों में उसने अपनी सुहागरात की बात बता दी। बोली भाभी जान मेरी सुहागरात तो बड़ी मजेदार निकली। मैंने जो कभी सोंचा न था वो सब हो गया। पहले तो मुझे मेरे शौहर ने चोदा। उसका लौड़ा मुझे अच्छा लगा। उसके जाने के बाद मेरी नन्द आ गयी और बोली प्लीज अब मेरे शौहर से चुदवा लो, भाभी ? मैंने कहा अरे यार मेरी सास बुरा मान गयी तो ? वह बोली भाभी तेरी सास का भोसड़ा ? तेरी सास बुर चोदी खुद मेरे ससुर से चुदवा रही है। यह सुनकर मेरी तो आँखें खुल गयी। फिर मैं भी बेशर्म हो गयी और अपने नंदोई का लन्ड पकड़ लिया। मैंने अपनी नन्द के सामने ही उसके मियां से चुदवाया।
मैंने कहा :- साबिया तू तो बड़ी चालू है यार ?
वह बोली :- अरे भाभी इतना ही नहीं ? मैं चुदवाने के बाद सो गयी और सवेरे करीब ६ बजे उठी। तब भी मेरी नन्द मेरे पास आयी और बोली भाभी देखो ये है मेरा देवर ? इसे भी खुश कर दो प्लीज। ये बिचारा बड़े देर से तुम्हे चोदने का इंतज़ार कर रहा है। तब मैंने उसका भी लन्ड हाथ में लिया। मुझे लगा की इसका लौड़ा तो सबसे ज्यादा मोटा है। मेरे कहा साबिया इसका लन्ड तो बड़ा तगड़ा है।
वह बोली :- हां भाभी तभी तो यह मेरे सबसे चहेता देवर है। मैं इससे अक्सर चुदवाती हूँ। मैंने फिर उससे भी मस्ती से चुदवाया। अब देखो हसीना भाभी आज तेरी सुहागरात है। आज तुम मज़ा करो ?
ऐसा कह कर वह चली गयी। थोड़ी देर में मेरा शौहर आ गया।
वह बोला हसीना मैं एक बात कहना चाहता हूँ। बुरा मत मानना ?
मैंने कहा :- मैं भी एक बात कहना चाहती हूँ। बुरा न मानना ?
अच्छा तुम पहले कह लो मैं बाद में कहूँगा ?
नहीं तुम पहले कह लो मैं बाद में कहूँगी।
देखो मेरी जान ? लेडीज फर्स्ट ? बोलो क्या चाहिए तुम्हे ? तुम जो कहोगी वो मैं दूंगा ?
आज मैं एक नहीं तीन लन्ड लूंगी ?
उसने मुझे चिपका लिया और बोला जाने मन यही तो मैं कहने वाला था। देखो सच बात तो यह है की मैं अपने दोस्तों की बीवियां चोदता हूँ। आज वही दोस्त मेरी बीवी चोदना चाहते हैं। बस तुम हां कह दो तो मेरी इज़्ज़त बच जाए ? तो कहाँ है वो भोसड़ी के लोग जिनकी बीवियां तुम चोदते हो। मैं उन सबसे चुदवाने के लिए तैयार हूँ।
बस उसने इशारा किया तो उसके २ दोस्त कमरे में आ गए। उन्हें देख कर मेरी चूत चुचुहा उठी। दोस्त साले सब के सब मस्त जवान लड़के थे। मैंने एक एक करके सबके लन्ड पर हाथ रख दिया। तब मेरे शौहर ने मुझे चूमा मेरे बदन पर हाथ फेरा और मुझे गिफ्ट दिया। फिर उसने मेरी चूंचियां दबाईं और ब्लाउज़ खोलने लगा। मेरी ब्रा खोल दी तो मेरी नंगी चूंचियां उसके आगे फड़फड़ा उठीं। मैं भी उसके कपड़े उतारने लगी। आखिर में मैं इधर पेटीकोट में आ गयी और वह नेकर में। उसने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोला तो मैं पूरी नंगी हो गयी। मैंने भी बेशर्मी से उसकी नेकर उतार दी लन्ड साला तन कर मेरे आगे खड़ा हो गया। उसका लन्ड भी बड़ा मोटा तगड़ा था। तब तक वो दोनों भी नंगे हो गए। उनके लन्ड भी टन टनाने लगे। लन्ड मादर चोद बड़े जबरदस्त निकले। मेरी तमन्ना पूरी हो गयी। मैंने एक लन्ड मुंह में लिया एक दाहिने हाथ में और एक बाएं हाथ में लन्ड ?
मैं पूरे जोश में थी। मैं लन्ड अदल बदल कर चूसने लगी। हाथ वाला लन्ड मुंह में, मुंह वाला लन्ड हाथ में ? यही बड़ी देर तक करती रही। वो सब भी मेरे पूरे बदन पर हाथ फिराते रहे और मेरी चूंचियां दबाते रहे। फिर मैंने एक लन्ड अपनी बुर में पेला और चुदवाने लगी। एक लन्ड एक हाथ में और दूसरा लन्ड दूसरे हाथ में लेकर चूसने लगी। मैंने इस तरह के कई ब्लू फिल्म देखीं है। मैं बस उसकी तरह तीनो लन्ड का मज़ा लेने लगी। एक एक करके मैंने तीनो लन्ड अपनी चूत में पेला और खूब मन से चुदवाया। फिर मैं पीछे से चुदवाने लगी। सबने मुझे पीछे से भी चोदा। फिर मैंने अपने मिया को लिटा दिया उसके लन्ड पर बैठ गयी और अपने चूतड़ ऊपर उठा दिया। मैंने एक से कहा यार तुम लन्ड मेरी गांड में घुसेड़ दो। मैं बुर चुदाने के साथ साथ गांड भी मराउंगी। उसने वाकई लन्ड पेल दिया गांड में ? मैं पहले भी गांड मरवा चुकी थी। मैंने एक एक करके तीनो से गांड मरवाई। जब मस्ती चढ़ती है तो फिर कहीं भी पेलो लन्ड कोई फर्क नहीं पड़ता ? आखिर में मैने तीनो झड़ते हुए लन्ड खूब प्यार से चाटा और चूसा।
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
रेहाना आंटी मेरी अम्मी से कह रही थी :- अरे यार सायरा अब वो हमारा ज़माना नहीं रहा। अब तो सब कुछ बदल गया है। सब तरीके बदल गए हैं। रहन सहन बदल गया है। रस्मों रिवाज़ बदल गये हैं। यहाँ तक की चुदाई का तरीका भी बदल गया है। अब तो लड़के लड़कियां खड़े खड़े चोदा चोदी कर लेते हैं। ट्रेन में चुदाई कर लेते हैं। बस में चलते चलते लन्ड चूंची की पकड़ा पकड़ी कर लकतें हैं। आजकल तो लड़कियां लन्ड पहले मुंह में लेतीं हैं फिर बुर में ? पहले लन्ड मुंह में लेने का रिवाज़ ही नहीं था । मरद तो सीधे लौड़ा बुर में घुसेड़ दिया करते थे। अब तो लन्ड बिना मुंह में लिए कोई लड़की आगे बढ़ती ही नहीं ? लौड़ा देखते ही लड़कियों का मुंह खुल जाता है।
अम्मी ने कहा :- और हां अब तो बुर चाटने का भी रिवाज़ चल पड़ा है। पहले तो कोई मरद साला बुर चाटता ही नहीं था। लेकिन अब तो मरद बिना बुर चाटे चोदना शुरू ही नहीं करते ?
रेहाना आंटी बोली :- अरे हां एक बात बताना ही भूल गयी। आजकल लड़कियां सुहागरात एक लन्ड से नहीं मनाती ? कहतीं हैं की एक लन्ड तो ऐसा ही है जैसे ऊँट के मुंह का जीरा ? एक लन्ड से तो चूत को कुछ पता ही नहीं चलता ? उसे मज़ा ही नहीं आता। जब तक २/३ लन्ड धकापेल लगातार न चोदें तब तक किसी भी दुल्हन को मज़ा नहीं आता। अब मेरी ही बेटी को देखिये। उसने अपनी सुहागरात में कह दिया मैं ३ लन्ड से चुदवाऊँगी। जब तक मेरे सामने ३ लन्ड नहीं होंगें तब तक मैं अपने मियां के लन्ड पर हाथ भी नहीं लगाऊंगी। तीनो लन्ड से एक साथ चुदवा कर सुहागरात मनाऊंगी।
अम्मी ने पूंछा :- तो फिर क्या हुआ ?
आंटी ने बताया :- हुआ क्या ? फिर उसकी नन्द ने ३ लन्ड का इंतज़ाम किया। अपने सामने उसकी नन्द ने तीनो लन्ड पेले, एक लन्ड दुल्हन के मुंह में, एक उसकी बुर में और एक लन्ड कभी उसके हाथ में कभी उसकी चूँचियों के बीच और कभी गांड में पेला । इस तरह मेरी बेटी ने अपनी सुहागरात मनाई। तीन तीन मर्दों ने जब उसे अच्छी तरह चोदा तब उसकी गर्मी शांत हुई।
मैं दूर बैठी हुई उन दोनों की बातें सुन रही थी। मैंने तभी सोंच लिया की मैं भी अपनी सुहागरात ३ - ३ लन्ड से चुदवा कर मनाऊंगी। लेकिन मैंने सोंचा की क्यों न मैं पहले आंटी की बेटी से पूंछ लूँ की कैसे उसने अपने शौहर को मनाया और वो तीन लन्ड किसके थे जिससे उसने अपनी सुहागरात में चुदवाया। आंटी की बेटी शीबा मेरी ही उम्र की है। उसकी शादी हो चुकी और मेरी शादी होने वाली है. मैंने दूसरे दिन सीधे आंटी के घर चली गयी। इत्तिफाक से आंटी नहीं थीं और सुकी बेटी शीबा से मेरी मुलाक़ात हो गयी। उसने मुझे बड़े प्यार से बैठाया और बातें करने लगी। मुझे मालूम हुआ की वह अकेली है और उसकी अम्मी दिन भर ले लिए कहीं बाहर गयीं हैं।
वह बोली यार गर्मी बहुत है क्यों न हम लोग थोड़ा बियर पियें ? मैंने हां कर दी तब वह बोली यार मेरे पास व्हिस्की भी है बोलो पियोगी ?
मैंने कहा हां जरूर पियूँगी क्योंकि मैं तो लड़कों के साथ अक्सर पीती हूँ।
उसने मजाक करते हुए कहा तब तो व्हिस्की के साथ लड़कों के लन्ड भी पीती होगी तुम ?
मैंने जबाब दिया यार अब जवानी में तो यह सब हो ही जाता है। जवान लड़का साथ में हो तो हाथ अपने आप उसके लन्ड पर चला ही जाता है। तू ठीक कह रही है मुझे जब भी मौक़ा मिलता है मैं व्हिस्की के साथ लन्ड पीती हूँ।
तब तो तू मेरे टक्कर की लड़की है। मैं तो बिंदास पीती हूँ लन्ड ? मैं न शर्माती हूँ, न झिझकती हूँ और न किसी मादर चोद से डरती हूँ।
मैंने तो अपनी सुहागरात में ही अपने शौहर से कह दिया था की मुझे आज की रात में कम के कम ३ लन्ड चाहिए। सिर्फ तेरे एक लन्ड से काम नहीं चलेगा ? आज मेरी सुहागरात है तो मैं जम कर चुदवाऊँगी ?
तो फिर तेरा शौहर क्या बोला ? उसकी तो गांड फट गयी होगी ?
नहीं यार वह भी बहन चोद बड़ा हरामी निकला ? वह बोला मैं भी आज तीन तीन बीवियों के साथ सुहागरात मनाऊंगा ? मुझे इस जबाब की बिलकुल उम्मीद नहीं थी। लेकिन मैं फंस गयी। मैंने कहा ठीक है तुम ३ बीवियों के साथ मनाओ सुहागरात। मैं तीन मर्दों के साथ मनाती हूँ सुहागरात जिसमे एक तुम हो ? दो और मर्द होंगें ?
वह बोला ठीक है एक बीवी तुम हो और मैं दो बीवियां और लाता हूँ।
ऐसा कह कर वह बाहर चला गया। मैंने मन में कहा शीबा भोसड़ी की अब तेरी माँ चुदने लगीं न ? तूने कह तो दिया की ३ लन्ड से मनाऊंगी सुहागरात पर तू ३ लन्ड लाएगी कहाँ से ? इसके बार में तो कुछ सोंचा नहीं । तू क्या समझती है की तेरा शौहर ला कर देगा लन्ड और कहेगा हां ले मेरी बीवी जान तू चुदवा ले इन लोगों से ? मैं यहाँ अपनी बीवी के साथ सुहागरात मनाने नहीं आया हूँ. मैं तो अपनी बीवी चुदवाने आया हूँ ? यह सब सोंच कर मैं थोड़ा परेशान हो गयी। तब तक कमरे में मेरी नन्द उमरा आ गयी। मैंने उसे बिना किसी झिझक के सारी बात बता दी। वह बोली अरे भाभी तुम चिंता न करो। मैं लाकर दूँगी तुम्हे लन्ड ? वैसे मैं जानती हूँ की मेरा भाई जान आज किस किस की बुर चोद कर अपनी सुहागरात मनाना चाहता है। मैंने कहा अरे वाह ? तुम जानती हो नन्द रानी ? तुमने तो मेरी सारी परेशानी दूर कर दी। बताओ आज रात मेरा शौहर किस किस को चोदेगा ? वह बोली अरे भाभी मेरा भाई जान आज रात को अपनी बड़ी भाभी की बहन की बुर लेगा ? और दूसरी बुर उसके दोस्त की बीवी की होगी। वह अपनी सुहागरात में अपने दोस्त की बीवी चोदेगा। ऐसा मुझे मालूम हो गया है। मैंने पूंछा तुम्हे यह सब कैसे मालूम है नन्द रानी ? तो वह बोली अरे भाभी मैं उसके दोस्त का लन्ड पीती हूँ। उसका लन्ड अपनी बुर में लेती हूँ और चुदवाती हूँ। उसी ने मुझे बताया की तेरा भाई जान आज रात को मेरी बीवी की बुर चोदेगा ? मैंने नन्द के गाल चुम लिये और बोली तू तो बड़ी मस्तानी नन्द है मेरी ? अब तू जल्दी से मेरे लिए दोनों लन्ड का इंतज़ाम कर दे ? वह हां कह कर चली गयी।
रात को मेरा शौहर आया और मेरे पास बैठ कर प्यारी प्यारी बातें करने लगा। उसने मेरे कपड़े उतारना शुरू किया और मैंने उसके। मैं ऊपर से नंगी हो गयी और वह भी। वह मेरी चूंचियां मसलने लगा। मैं उसका लन्ड टटोलने लगी। थोड़ी देर में मैं उसका लौड़ा खोल कर हिलाने लगी। खुदा का शुक्र है की लौड़ा मेरे मन का निकला ? तब तक उसने भी मुझे नीचे से नंगी कर दिया। मेरी चूत पर हाथ फेरने लगा और मेरी गांड पर भी। मैं इधर लन्ड मुंह में भर कर चूसने लगी। थोड़ा समय और गुज़रा तो फिर उसने लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और चोदने लगा। मैं भी मस्त होकर चुदवाने लगी। सुहागरात की चुदाई किसे अच्छी नहीं लगती ? चुदाई जैसे ही ख़तम हुई वैसे ही एक औरत लगभग मेरी उम्र की कमरे में दाखिल हुई। मेरा मियां बोला शीबा यह है मेरे दोस्त की बीवी जिसे मैं आज तेरे सामने चोदूंगा।
तब तक एक आदमी कमरे में घुस आया। मेरा मियां बोला अरे यार साहिद तुम यहाँ ? वह बोला हां यार मुझे मालूम हुआ की तुम अपनी सुहागरात में मेरी बीवी चोदोगे।अगर ऐसा है तो मैं तेरी सुहागरात में तेरी बीवी चोदूंगा। अब मेरे मियां एक पास कोई जबाब न था ? वह रंगे हाथों पकड़ा गया। तब वह बोला हां हां बिलकुल चोदो मेरी बीवी ? मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है ? यह सुनकर मैं मन ही मन बहुत खुश हुई की चलो एक से दो लन्ड तो हुए ? मेरे मियां ने अपने दोस्त की बीवी आरा को अपनी बाहों में भर लिया तो इधर साहिद ने मुझे चिपका लिया। मैं तो नंगी थी ही। मैंने साहिद की लुंगी खोली तो उसका लौड़ा फनफना कर मेरे सामने खड़ा हो गया। उसका लौड़ा साला मेरे मियां के लौड़े से मोटा था। फिर क्या मैंने झमाझम खूब मस्ती से चुदवाया और मेरे मियां ने भी उसकी बीवी कोअच्छी तरह से चोदा ?
अब मेरा मियां और उसका दोस्त दोनों कमरे के बाहर चले गए। थोड़ी देर में उसकी बीवी भी चली गयी। मैं अकेली रह गयी कमरे में। आधे घंटे के बाद मेरी नन्द आयी और बोली भाभी कैसी रही चुदाई ? मैनें कहा यार बड़ा मस्त लौड़ा है साहिद का ? वह बोली हां भाभी तभी तो मैं उससे चुदवाती हूँ। और अब जिसकी बीवी लेकर तेरा मियां चोदने आ रहा है उसका मियां तेरे पास पहले हीआ जायेगा। उसके आते ही तुम शर्माना नहीं भाभी। मैं उसे नंगा करके ही लायी हूँ। तुम उसका लन्ड चूसने लगना ? मैं चाहती हूँ की तेरा मियां तुझे उसका लन्ड चूसते हुए देखे ? वह घूमी और एक लन्ड पकड़ कर मुझे पकड़ाते हुए कहा लो भाभी यही है वो लन्ड ? मैं नंगी नंगी लन्ड चूसने लगी। नन्द चली गयी। तब तक मेरा मियां किसी की बीवी लेकर कमरे में घुसा ? वह मुझे देख कर हैरान हुआ और बोला अरे यार अनीस तुम मेरी बीवी चोदने आये हो ? अनीस बोला यार तुम भी तो मेरी बीवी चोदने के लिए यहाँ लाये हो। तुम मेरी बीवी चोदो मैं तेरी बीवी चोदूंगा। फिर हुआ भी यही। मैंने अनीस से जी भर के चुदवाया। मेरी तमन्ना पूरी हुई।
मैंने कहा :- वाह वाह शीबा, एरी तो कहानी बड़ी रोमाटिक है बहन चोद। इस पर तो एक बहुत बढ़या ब्लू फिल्म बन सकती है।
शीबा बोली :- अरे यार कहानी यहीं ख़तम नहीं होती ? उसी दिन सवेरे सवेरे मेरी नन्द अपने मियां को लेकर मेरे पास आयी और बोली लो भाभी अब पकड़ो मेरे मियां का लन्ड।अब मैं इसी लन्ड से तेरी बुर चोदूँगी भाभी ? और फिर उसने वाकई खूब मस्ती से चोदा मेरी बुर ?
मैंने कहा :- वाओ, शीबा तेरी कहानी सुनकर मेरी चूत बुरी तरह चुदासी हो गयी है।
मैंने ठान लिया की मैं भी अपनी सुहागरात ३ - ३ लन्ड के साथ मनाऊंगी।
कुछ दिन बाद मेरी शादी हनीफ नाम के आदमी से हो गयी। वह भी देखने सुनने में अच्छा था। मुझे बस एक ही बात की चिंता थी की उसका लन्ड कैसा होगा ? सुहागरात का बड़ी बेकरारी से इंतज़ार करने लगी। लेकिन उसके पहले ही मेरी नन्द मेरे पास आकर मुझेसे बातें करने लगी। मेरी नन्द साबिया थी। उसकी शादी एक साल पहले हो चुकी थी। वह भी काफी खूबसूरत थी। बातों बातों में उसने अपनी सुहागरात की बात बता दी। बोली भाभी जान मेरी सुहागरात तो बड़ी मजेदार निकली। मैंने जो कभी सोंचा न था वो सब हो गया। पहले तो मुझे मेरे शौहर ने चोदा। उसका लौड़ा मुझे अच्छा लगा। उसके जाने के बाद मेरी नन्द आ गयी और बोली प्लीज अब मेरे शौहर से चुदवा लो, भाभी ? मैंने कहा अरे यार मेरी सास बुरा मान गयी तो ? वह बोली भाभी तेरी सास का भोसड़ा ? तेरी सास बुर चोदी खुद मेरे ससुर से चुदवा रही है। यह सुनकर मेरी तो आँखें खुल गयी। फिर मैं भी बेशर्म हो गयी और अपने नंदोई का लन्ड पकड़ लिया। मैंने अपनी नन्द के सामने ही उसके मियां से चुदवाया।
मैंने कहा :- साबिया तू तो बड़ी चालू है यार ?
वह बोली :- अरे भाभी इतना ही नहीं ? मैं चुदवाने के बाद सो गयी और सवेरे करीब ६ बजे उठी। तब भी मेरी नन्द मेरे पास आयी और बोली भाभी देखो ये है मेरा देवर ? इसे भी खुश कर दो प्लीज। ये बिचारा बड़े देर से तुम्हे चोदने का इंतज़ार कर रहा है। तब मैंने उसका भी लन्ड हाथ में लिया। मुझे लगा की इसका लौड़ा तो सबसे ज्यादा मोटा है। मेरे कहा साबिया इसका लन्ड तो बड़ा तगड़ा है।
वह बोली :- हां भाभी तभी तो यह मेरे सबसे चहेता देवर है। मैं इससे अक्सर चुदवाती हूँ। मैंने फिर उससे भी मस्ती से चुदवाया। अब देखो हसीना भाभी आज तेरी सुहागरात है। आज तुम मज़ा करो ?
ऐसा कह कर वह चली गयी। थोड़ी देर में मेरा शौहर आ गया।
वह बोला हसीना मैं एक बात कहना चाहता हूँ। बुरा मत मानना ?
मैंने कहा :- मैं भी एक बात कहना चाहती हूँ। बुरा न मानना ?
अच्छा तुम पहले कह लो मैं बाद में कहूँगा ?
नहीं तुम पहले कह लो मैं बाद में कहूँगी।
देखो मेरी जान ? लेडीज फर्स्ट ? बोलो क्या चाहिए तुम्हे ? तुम जो कहोगी वो मैं दूंगा ?
आज मैं एक नहीं तीन लन्ड लूंगी ?
उसने मुझे चिपका लिया और बोला जाने मन यही तो मैं कहने वाला था। देखो सच बात तो यह है की मैं अपने दोस्तों की बीवियां चोदता हूँ। आज वही दोस्त मेरी बीवी चोदना चाहते हैं। बस तुम हां कह दो तो मेरी इज़्ज़त बच जाए ? तो कहाँ है वो भोसड़ी के लोग जिनकी बीवियां तुम चोदते हो। मैं उन सबसे चुदवाने के लिए तैयार हूँ।

बस उसने इशारा किया तो उसके २ दोस्त कमरे में आ गए। उन्हें देख कर मेरी चूत चुचुहा उठी। दोस्त साले सब के सब मस्त जवान लड़के थे। मैंने एक एक करके सबके लन्ड पर हाथ रख दिया। तब मेरे शौहर ने मुझे चूमा मेरे बदन पर हाथ फेरा और मुझे गिफ्ट दिया। फिर उसने मेरी चूंचियां दबाईं और ब्लाउज़ खोलने लगा। मेरी ब्रा खोल दी तो मेरी नंगी चूंचियां उसके आगे फड़फड़ा उठीं। मैं भी उसके कपड़े उतारने लगी। आखिर में मैं इधर पेटीकोट में आ गयी और वह नेकर में। उसने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोला तो मैं पूरी नंगी हो गयी। मैंने भी बेशर्मी से उसकी नेकर उतार दी लन्ड साला तन कर मेरे आगे खड़ा हो गया। उसका लन्ड भी बड़ा मोटा तगड़ा था। तब तक वो दोनों भी नंगे हो गए। उनके लन्ड भी टन टनाने लगे। लन्ड मादर चोद बड़े जबरदस्त निकले। मेरी तमन्ना पूरी हो गयी। मैंने एक लन्ड मुंह में लिया एक दाहिने हाथ में और एक बाएं हाथ में लन्ड ?
मैं पूरे जोश में थी। मैं लन्ड अदल बदल कर चूसने लगी। हाथ वाला लन्ड मुंह में, मुंह वाला लन्ड हाथ में ? यही बड़ी देर तक करती रही। वो सब भी मेरे पूरे बदन पर हाथ फिराते रहे और मेरी चूंचियां दबाते रहे। फिर मैंने एक लन्ड अपनी बुर में पेला और चुदवाने लगी। एक लन्ड एक हाथ में और दूसरा लन्ड दूसरे हाथ में लेकर चूसने लगी। मैंने इस तरह के कई ब्लू फिल्म देखीं है। मैं बस उसकी तरह तीनो लन्ड का मज़ा लेने लगी। एक एक करके मैंने तीनो लन्ड अपनी चूत में पेला और खूब मन से चुदवाया। फिर मैं पीछे से चुदवाने लगी। सबने मुझे पीछे से भी चोदा। फिर मैंने अपने मिया को लिटा दिया उसके लन्ड पर बैठ गयी और अपने चूतड़ ऊपर उठा दिया। मैंने एक से कहा यार तुम लन्ड मेरी गांड में घुसेड़ दो। मैं बुर चुदाने के साथ साथ गांड भी मराउंगी। उसने वाकई लन्ड पेल दिया गांड में ? मैं पहले भी गांड मरवा चुकी थी। मैंने एक एक करके तीनो से गांड मरवाई। जब मस्ती चढ़ती है तो फिर कहीं भी पेलो लन्ड कोई फर्क नहीं पड़ता ? आखिर में मैने तीनो झड़ते हुए लन्ड खूब प्यार से चाटा और चूसा।
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
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