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खूबसूरत लड़कियां गांड भी आसानी से मरवा लेतीं हैं - Sunder ladkiyan gand bahut marvati hai
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तुम मेरे घर में चोदो मेरी बीवी,
मैं तेरे घर में चोदूं तेरी बीवी,
फिर एक ही कमरे में
मैं चोदूंगा तेरी बीवी,
तुम चोदोगे मेरी बीवी,
घंटी बजते ही मैंने दरवाजा खोला तो देखा की मेरे सामने सूरज खड़ा है। मैंने उसे जल्दी से अंदर किया और सिटकिनी बंद कर दी। मैंने अपनी चादर खोल कर फेंक दी। मैं बिलकुल नंगी हो गयी। मैं सूरज से लिपट गयी और बोली यार मैं तेरा इंतज़ार ही कर रही थी। उसने मेरे पूरे नंगे बदन पर हाथ फिराना शुरू कर दिया। मेरी पीठ पर मेरे चूतड़ों पर मेरी गांड पर और फिर उसके हाथ मेरी चूँचियों पर आ पहुंचे। मैं एक हाथ नीचे किये उसका लौड़ा टटोलने लगी। मैंने कहा यार मैं तेरे लन्ड के लिए तड़प रही हूँ। आज बहुत दिनों के बाद मेरी तमन्ना पूरी होने जा रही है। मैं जाने कितने दिनों से तेरे लन्ड के सपने देख रही थी । आज सच मुच तेरा लन्ड देखूँगी। तेरा लन्ड चाटूँगी तेरा लन्ड चूसूंगी तेरा लन्ड पियूँगी तो कितना मज़ा आएगा। हाय सूरज आज मुझे खूब जम कर चोदना ? मैं बहुत चुदासी हूँ। मेरी चूत जल रही है। सच्ची सच्ची बताऊँ आग लगी हुई है मेरी बुर चोदी बुर में ? मेरी बुर में लन्ड घुसेड़ दो प्लीज ? मुझे आज धकाधक चोदो।
दोस्तों, मेरा नाम मिताली है। मैं शादी शुदा हूँ। मेरे पति का नाम है मयंक। मैं २७ साल की हूँ मस्त हूँ, सेक्सी हूँ और हॉट हूँ। मुझे लन्ड पकड़ने की आदत १५ साल की उम्र में ही पड़ चुकी थी और आज भी है। मैं किसी का भी लन्ड पकड़ने का मौक़ा हाथ से जाने नहीं देती। शादी के बाद मैं एक लन्ड में ही बंध कर रह गयी। मैं बहुत छटपटा रही थी की क्या किया जाए की मुझे और लोगों के लन्ड पकड़ने का मौक़ा मिले। मैं दिन रात यही सोंचा करती थी । एक दिन जब मैं अपने पति का लन्ड हिला रही थी तो मेरे मुंह से निकला हाय दईया कितना प्यारा लौड़ा है आपका ? ऐसा ही लौड़ा एक और भगवान् बना देता तो कितना अच्छा होता ? मेरा पति भी मूड में था। वह बोला तो तेरे लिए एक और लौड़े का इंतज़ाम कर दूं ? मैंने कहा अरे यह आप क्या कह रहे हैं ? मैं तो मजाक कर रही हूँ। अब एक और लौड़ा कैसे बन जायेगा इसमें ? वह बोला बन तो नहीं जायगा पर बना बनाया मिल तो जायेगा न ? मैं बोली सही पकड़े हैं ? बना बनाया तो मिल सकता है पर किसका लौड़ा मिलेगा मेरे राजा ? वह मुझे चूमते हुए बोला तुम्हे लौड़ा से मतलब की लौड़े के खानदान से ?
सच बताऊँ दोस्तों, मुझे उस दिन अपने पति से चुदवाने में सबसे ज्यादा मज़ा आया। इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया। मुझे उसकी बात याद रही और उसे मेरी बात। एक दिन उसने कहा मिताली मेरा एक दोस्त है सूरज और उसकी बीवी मेनका। क्यों न हम उन्हें डिनर पर बुला लें। मैंने कहा है बिलकुल बुला लो। वो लोग तो बहुत अच्छे हैं। बस मेरे पति से उसे फोन कर दिया और शनिवार को शाम को वो दोनों आ गए। वैसे मैं सूरज से पहले मिल चुकी थी लेकिन आज मैं उसे दूसरी नज़रों से देख रही थी। मेरा पति भी उसकी बीवी मेनका को सेक्सी नज़रों से देख रहा था। बस थोड़ी देर में हमने ड्रिंक्स शुरू कर दी। मैंने महसूस किया की वो दोनों भी हमारी तरफ आकर्षित हैं। सूरज की नज़रें मेरे बदन पर थिरक रही थी और मयंक की नज़रें मेनका के बदन पर . एक बात तो तय थी की सबके मन में कुछ न कुछ खुराफात चल रही थी। नशा चढ़ने लगा था और एक दूसरे के प्रति खिंचाव बढ़ने लगा था।
मयंक बोला यार सूरज इधर तुम बहुत दिनों के बाद आये हो।
उसने जबाब दिया ऐसी कोई बात नहीं यार बस ऐसे ही हो गया होगा। वैसे मैं आप लोगों को बहुत याद करता हूँ।
मैंने कहा सही पकड़ें हैं। आप तो याद करते है पर ये आपके दोस्त आपकी याद नहीं करते। देखो न डिनर पर कितने दिनों के बाद बुलाया है तुम्हें सूरज ?
सूरज की बीवी मेनका बोली अरे यार मिताली अब तो मुझे भी आप लोगों को बुलाना चाहिए।
मैं बोली हां सही पकड़ें है। आप भी हमें कभी बुलाइये।
मेरा पति बोला मिताली ये क्या मजाक कर रही हो। देखो दो दो पैग ख़तम हो गया। तीसरा बनाओ न प्लीज। मैंने तीसरा पैग बना कर सबको पकड़ा दिया। इसी बीच मेरी चूंचियां खुल गयीं तो सूरज के बदन में आग लग गयी। मुझे देख कर मेनका ने भी अपनी चूंचियां खोल दीं तो मेरे पति की नज़रें वहीं टिक गयीं। वो एकटक देखने लगा मेनका के बूब्स।
इतने में अचानक दोनों बीवियां अंदर किचेन में चली गयीं। बाहर दोनों मरद रह गए।
मयंक :- यार सूरज एक बात बताओ। देखो शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। न ही झिझकने की। मैं तुमसे खुल कर बात कर रहा हूँ। तुम्हे मेरी बीवी कैसी लगती है ?
सूरज :- यार मयंक मुझे तो मिताली भाभी बहुत अच्छी लगतीं हैं। इसमें कोई शक नहीं है।
मयंक :- यार मुझे तो मेनका भाभी बहुत अच्छी लगती हैं।
सूरज :- सच कह रहे हो मयंक ?
मयंक :- बाई गॉड सच कह रहा हूँ। और मैं अब एक बात और कहने जा रहा हूँ। अगर हम दोनों की पसंद एक दूसरे की बीवी है तो फिर क्यों न हम एक दूसरे की बीवी ले लें ?
सूरज :- यही तो मैं कहने जा रहा था यार ?
मयंक :- तो फिर ऐसा करो यार ? कल तुम मेरे घर में चोदो मेरी बीवी, मैं तेरे घर में चोदूं तेरी बीवी।
सूरज :- यार मेरी बीवी तो मान जाएगी मैं उससे कह दूंगा। अब तुम बताओ क्या तेरी बीवी मान जाएगी ? मिताली भाभी मान जाएँगी ?
मयंक :- बिलकुल मान जाएगी। वह तो समझो की मनी मनाई ही बैठी है। चिंता न करो। वह मन ही मन तुम्हे चाहने लगी है. देखो कल छुट्टी है। कल तुम मेरे घर आ जाना और मैं तेरे घर चला जाऊंगा। मैं अपनी बीवी से तेरे आने की बात कह दूंगा बस मैं कहाँ जा रहा हूँ यह नहीं बताऊंगा। तुम भी अपनी बीवी से मेरे आने की बात कह देना लेकिन तुम कहाँ जा रहे हो यह नहीं बताना। फिर तुम उधर चोदो मेरी बीवी मैं इधर चोदूं तेरी बीवी।
सूरज :- डन !
उस दिन डिनर के बाद सूरज अपनी बीवी मेनका के साथ चला गया। मैं रात भर सूरज के बारे में सोचती रही। उसके लन्ड के बाते में सोंचती रही। दूसरे दिन मेरे पति मयंक मुझसे बोला देखो मैं बाहर जा रहा हूँ। अभी शायद सूरज आएगा। तुम उसका ख्याल रखना। फिर वह धीरे से बोला देखो मिताली अगर उसका लन्ड पकड़ने का कोई मौका मिले तो पकड़ लेना, संकोच न करना। तुमको दूसरा लन्ड चाहिए न ? अगर सूरज का लन्ड मिल जाए तो अच्छा होगा न ? उसकी बात सुन कर मेरे मन में लडडू फूटने लगे। मैंने मुंह बना कर कहा पर आपके सामने पकड़ती तो अच्छा होता ? मैं तो दो दो लन्ड एक साथ देखना चाहती हूँ न ? उसने कहा अरे शुरू तो करो फिर कभी एक साथ भी देख लेना ? वैसे तो मैं चाहती ही थी की मैं पहले सूरज से अकेले में चुदवाऊँ और आज शायद मेरी यह तमन्न पूरी हो जाएगी। तभी तो उसके जाने के बाद मैं अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगी नंगी बैठ गयी सूरज के इंतज़ार में ?
फिर सूरज आया तो क्या हुआ वो अपने ऊपर पढ़ा। मैं सूरज को उसका लन्ड पकडे हुए अपने मन की बातें सुना रही थी।मैंने आगे कहा यार कल जब तुम आये थे तो मेरी नज़र तेरा लन्ड ढूंढ रही थी . मेरा मन था की मैं वही सबके सामने तेरा लन्ड पकड़ लूँ। पर मैं अपने आप को रोके रही और आज जब मुझे मौक़ा मिला तो फिर सबर का बाँध टूट गया। अब मैं बड़े प्यार से पेलूँगी तेरा लन्ड अपनी चूत में। ऐसा कह कर मैंने एक हाथ से पेल्हड़ थामे और दूसरे हाथ से लन्ड पकड़ कर चूसने लगी। मैं पूरी तरह मस्ती में आ गयी थी। मेरी चूत अब लन्ड मांग रही थी। मैंने फिर लौड़ा अपनी चूत पर टिकाया तो सूरज ने एक ही धक्के में पेल दिया अंदर और चोदने लगा। ८/१० बार लौड़ा अंदर बाहर किया तो वह बोला मिताली भाभी मैं आज पहली बार किसी और की बीवी चोद रहा हूँ।मैंने कहा नहीं यार तुम किसी और की बीवी नहीं अपनी ही बीवी चोद रहे हो। मैं तुम्हारी बीवी हूँ। तुम मेरे पति हो। तेरा लन्ड मेरा पति है यार मुझे चोदो। जो मुझे चोदे वही मेरा पति है। मैं उसी की बीवी हूँ। तेरा हक़ है मेरी चूत पर। मेरी बुर चोदो मेरे राजा ?
यह सुन कर उसने चोदने की रफ़्तार बढ़ा दी। तब मुझे अहसास हुआ की वाकई पराये मरद से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है। आगे की कहानी अब आप मेरे पति मयंक से सुनिये :-
यह तो मुझे मालूम था की सूरज मेरी चोदने मेरे घर गया है और उसे मालूम था की मैं उसकी बीवी चोदने उसके घर गया हूँ। पर मेरी बीवी को यह नहीं मालूम था की मैं सूरज की बीवी चोदने जा रहा हूँ। उधर सूरज की बीवी को भी नहीं मालूम था की वह मेरी बीवी चोदने मेरे घर जा रहा है। शाम को हम दोनों मिले और एक दूसरे को देख कर बहुत खुश हुए क्योंकि दोनों के चेहरे खिले हुए थे। हम लोग एक पार्क में बैठ कर बातें करने लगे।
मैंने कहा :- यार सूरज मुझे तेरी बीवी चोद कर बड़ा मज़ा आया। सच कहूँ मुझे आज मालूम हुआ की पाये की बीवी की बुर चोदना कितना अच्छा होता है।
सूरज बोला :- यार तुमने तो मेरे मुंह की बात छीन ली। मैं भी यही कहने वाला था। मुझे तो तेरी बीवी बहुत अछि लगी, उसकी बुर बहुत अच्छी लगी और उसकी बातें भी। मज़ा आगया। मिताली भाभी ने बड़े मजे से और बड़ी मस्ती से चुदवाया ?
मैंने कहा :- अच्छा अब बता आगे क्या किया जाए।
वह बोला :- एक बात तो है यार की यह तो पक्का हो गया की दोनों बीवियां पराये मर्दों से चुदवाने में बहुत इंटरेस्ट रखती हैं। उन्हें किसी बात की झिझक नहीं है। चाहे मेरी बीवी हो या तेरी बीवी अब तो वो किसी भी मरद से चुदवा लेगीं । अब यह बात उन्हें मालूम होना चाहिए की हम लोग भी पराये बीवियां चोदना पसंद करतें हैं।
मैंने कहा :- तो फिर जो हो गया वो हो गया। इसे एक राज़ ही रहने दो। हम लोग यह ज़ाहिर नहीं करेगें की हम एक दूसरे की बीवी चोद चुके हैं। अब हम यह कहेगें की तुम लोग अपने अपने पति के सामने एक दूसरे के पति से चुदवाओ। यानी मेरी बीवी मेरे सामने तुमसे चुदवाये और तेरी बीवी तेरे सामने मुझसे चुदवाये। ज़ाहिर है की वो दोनों फ़ौरन तैयार हो जायेंगीं। बस फिर हमारा रास्ता खुल जायेगा। फिर एक ही कमरे मैं मैं तेरी बीवी चोदूंगा और तुम मेरी बीवी चोदना। सूरज ने हां कर दी। फिर हम लोग अपने अपने घर चले गये।
रात में जब मैं अपनी बीवी के साथ नंगा लेटा था तो मैंने पूंछा मिताली तुम्हे मेरे दोस्त का लन्ड कैसा लगा ? वह बोली वाओ, क्या लौड़ा है उसका यार ? मज़ा आ गया उससे चुदवाकर। फिर उसने मेरे लन्ड की चुम्मी ली और बोली सब इसी लन्ड का कमाल है। इसी लन्ड ने अपना एक दोस्त ढूंढ लिया जो मुझे चोद कर गया। मैंने कहा अच्छा यह बताओ मिताली अगर यही लन्ड सूरज की बीवी के हाथ में चला जाए तो,,,,,,,,,,,,,,,? वह बोली तब तो बहुतअच्छा हो। मैं तो चाहती हूँ की यह लौड़ा कई बीवियों के हाथ में जाए। तभी तो कई बीवियों के लौड़े मेरे हाथ में आयेंगें। मैंने फिर पूंछा अगर सूरज की बीवी तेरे सामने मेरा लौड़ा पकड़ ले तो ,,,,,,,,, ? वह बोली मैं तो चाहती हूँ की वह लौड़ा सिर्फ पकड़े ही नहीं बल्कि उसे अपनी बुर में पेल ले ? सच बताऊँ मेरी इच्छा है की तुम मेरे सामने सूरज की बीवी चोदो और सूरज तेरे सामने तेरी बीवी चोदे ? मैंने मुस्कराकर कहा एव मस्तु ! दूसरे दिन मैंने सूरज को फोन कर सारी बात बता दी तो बहुत खुश हुआ और बोला यार मेरी बीवी तो बिलकुल तैयार है। वह कहती है आज ही रात को तुम मेरे सामने मयंक की बीवी चोदो।
मैंने उसी रात को प्रोग्राम बना लिया और उन दोनों को डिनर पर इनवाइट कर लिया। मेनका भाभी सज धज कर आयीं थीं । इधर मेरी बीवी मिताली भी मेक उप करके बैठ गयीं। हमने ड्रिंक्स चालू कर दी। साथ में नॉन वेज स्नैक्स भी । बातें होने लगीं और नशा चढ़ने लगा। मस्ती में हम चारों लोग झूमने लगे। मैं तो मेनका भाभी को चोद चुका था। सूरज मेरी बीवी चोद चुका था। यह बात बीवियों को नहीं मालूम थी। इसलिए हम दोनों अंदर ही अंदर उस माहौल का मज़ा उठाने लगे। इतने में मेरी बीवी ने पहल की और मेनका का हाथ पकड़ कर मेरे लन्ड पर रख दिया और बोली यार लो इसे पकड़ो। अब शर्माने की कोई जरुरत नहीं है. तब मेनका भाभी ने मेरी बीवी से कहा तुम भी पकड़ो मेरे पति का लन्ड ? उसने मिताली का हाथ सूरज के लन्ड पर रख दिया। इधर लन्ड की बात हुई तो उधर चूंचियां खुल गयीं। मैंने सूरज की बीवी की चूंचियां पकड़ लीं और सूरज ने मेरी बीवी की चूंचियां। शराब के नशे में गाड़ी चल पड़ी।
फिर क्या हम सबके कपड़े धेरे धीरे उतरने लगे और २ मिनट में ही हम चारों लोग नंग हो गए। मुझे अपनी बीवी के सामने किसी पराई बीवी के आगे नंगे होने में मज़ा आने लगा। मेरी बीवी को भी मेरे आगे किसी पराये पुरुष के सामने नंगी होने का मज़ा आने लगा। यही हाल सूरज और उसकी बीवी का था। इतने में मेरी बीवी ने लपक कर सूरज का लन्ड पकड़ लिया और उसकी बीवी ने मेरा लन्ड। दोनों बीवियां एक दूसरे के मरद का लन्ड हिलाने लगी, चाटने लगी और चूसने लगीं। हम लोग तो यही चाहते ही थे और हमारी बीवियां भी इसी दिन का इंतज़ार कर रहीं थीं। उन्हें तो पराये मरद से चुदवाने की बड़ी जल्दी थी। मैंने देखा की मेरी बीवी कितनी मस्ती से सूरज का लन्ड चाट रही है ? मेनका भाभी भी मेरा लन्ड बड़े मन से चाटने में जुटी थीं। इसका मतलब है की इन बीवियों को पराये मर्दों के लन्ड बहुत अच्छे लगतें हैं।
फिर मैंने पेल दिया लन्ड मेनका भ्भी की चूत में और चोदने लगा. आज मुझे उसे चोदने में ज्यादा मज़ा आ रहा था क्योंकि मैं अपनी बीवी के आमने उसकी बीवी चोद रहा था। सूरज भी मेरी बीवी चोदने का लुत्फ़ उठा रहा था। मजे की बात है बीवियां भी अपने मियां के सामने पराये मरद से चुदवाने का मज़ा लूट रहीं थीं। उन्हें तो अब पराये मरद से चुदवाने का लाईसेन्स मिल गया। दोनों बीवियां अपनी अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाने में मस्त हो गयीं।
मिताली बोली :- हाय मेनका, आज मुझे तेरे मियां से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आ रहा है। यार तेरे मियां का लन्ड मुझे बहुत पसंद आ गया है। अब तो मैं इसे अक्सर पेला करूंगी अपनी चूत में।
मेनका बोली :- हां हां बिलकुल पेलो मेरे मियां का लन्ड अपनी चूत में। मैं भी पेलूँगी तेरे मियां का लन्ड अपनी चूत में ? मुझे भी तेरे मियां का लन्ड ज्यादा मज़ा दे रहा है। आज मुझे पता चला की गैर मरद से चुदवाने में कितना मज़ा है ? अब तो मैं और कपल से बात करके इस खेल में शामिल करुँगी।
तो दोस्तों, बीवियों की अदला बदली का सिलसिला चालू हो गया।
बस अगले ही हफ्ते मेरी बीवी अपनी सहेली प्रेमा को लेकर आ गयी और उसे अपना पूरा किस्सा सुना दिया। वह भी तैयार हो गयी। उधर मेनका भाभी ने भी एक कपल सीमा और शरद का ढूंढ लिया। इस बार मेनका ने हम सबको डिनर पर बुलाया। शाम को मैं अपनी बीवी मिताली के साथ पहुँच गया। उधर से शरद और उसकी बीवी सीमा, अनिल अपनी बीवी प्रेमा भी आ गए। सूरज और उसकी बीवी मेनका तो होस्ट थे ही। ड्रिंक्स होनेके बाद उतरने लगे सबके कपड़े। पल भर में हम सब लोग नंगे हो गए। मेरी बीवी ने अनिल का लन्ड पकड़ लिया, अनिल की बीवी ने शरद का लन्ड पकड़ लिया, शरद की बीवी ने मेरा लन्ड अपने हाथ में लिया और मेरी बीवी ने सूरज का लन्ड हिलाना शुरू कर दिया। फिर क्या हम सबने खूब जम कर चोदा एक दूसरे की बीवियां और बीवियों ने भी खूब चुदवाया पराये मर्दों से अपनी अपनी चूत।

तुम मेरे घर में चोदो मेरी बीवी,
मैं तेरे घर में चोदूं तेरी बीवी,
फिर एक ही कमरे में
मैं चोदूंगा तेरी बीवी,
तुम चोदोगे मेरी बीवी,
घंटी बजते ही मैंने दरवाजा खोला तो देखा की मेरे सामने सूरज खड़ा है। मैंने उसे जल्दी से अंदर किया और सिटकिनी बंद कर दी। मैंने अपनी चादर खोल कर फेंक दी। मैं बिलकुल नंगी हो गयी। मैं सूरज से लिपट गयी और बोली यार मैं तेरा इंतज़ार ही कर रही थी। उसने मेरे पूरे नंगे बदन पर हाथ फिराना शुरू कर दिया। मेरी पीठ पर मेरे चूतड़ों पर मेरी गांड पर और फिर उसके हाथ मेरी चूँचियों पर आ पहुंचे। मैं एक हाथ नीचे किये उसका लौड़ा टटोलने लगी। मैंने कहा यार मैं तेरे लन्ड के लिए तड़प रही हूँ। आज बहुत दिनों के बाद मेरी तमन्ना पूरी होने जा रही है। मैं जाने कितने दिनों से तेरे लन्ड के सपने देख रही थी । आज सच मुच तेरा लन्ड देखूँगी। तेरा लन्ड चाटूँगी तेरा लन्ड चूसूंगी तेरा लन्ड पियूँगी तो कितना मज़ा आएगा। हाय सूरज आज मुझे खूब जम कर चोदना ? मैं बहुत चुदासी हूँ। मेरी चूत जल रही है। सच्ची सच्ची बताऊँ आग लगी हुई है मेरी बुर चोदी बुर में ? मेरी बुर में लन्ड घुसेड़ दो प्लीज ? मुझे आज धकाधक चोदो।
दोस्तों, मेरा नाम मिताली है। मैं शादी शुदा हूँ। मेरे पति का नाम है मयंक। मैं २७ साल की हूँ मस्त हूँ, सेक्सी हूँ और हॉट हूँ। मुझे लन्ड पकड़ने की आदत १५ साल की उम्र में ही पड़ चुकी थी और आज भी है। मैं किसी का भी लन्ड पकड़ने का मौक़ा हाथ से जाने नहीं देती। शादी के बाद मैं एक लन्ड में ही बंध कर रह गयी। मैं बहुत छटपटा रही थी की क्या किया जाए की मुझे और लोगों के लन्ड पकड़ने का मौक़ा मिले। मैं दिन रात यही सोंचा करती थी । एक दिन जब मैं अपने पति का लन्ड हिला रही थी तो मेरे मुंह से निकला हाय दईया कितना प्यारा लौड़ा है आपका ? ऐसा ही लौड़ा एक और भगवान् बना देता तो कितना अच्छा होता ? मेरा पति भी मूड में था। वह बोला तो तेरे लिए एक और लौड़े का इंतज़ाम कर दूं ? मैंने कहा अरे यह आप क्या कह रहे हैं ? मैं तो मजाक कर रही हूँ। अब एक और लौड़ा कैसे बन जायेगा इसमें ? वह बोला बन तो नहीं जायगा पर बना बनाया मिल तो जायेगा न ? मैं बोली सही पकड़े हैं ? बना बनाया तो मिल सकता है पर किसका लौड़ा मिलेगा मेरे राजा ? वह मुझे चूमते हुए बोला तुम्हे लौड़ा से मतलब की लौड़े के खानदान से ?
सच बताऊँ दोस्तों, मुझे उस दिन अपने पति से चुदवाने में सबसे ज्यादा मज़ा आया। इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया। मुझे उसकी बात याद रही और उसे मेरी बात। एक दिन उसने कहा मिताली मेरा एक दोस्त है सूरज और उसकी बीवी मेनका। क्यों न हम उन्हें डिनर पर बुला लें। मैंने कहा है बिलकुल बुला लो। वो लोग तो बहुत अच्छे हैं। बस मेरे पति से उसे फोन कर दिया और शनिवार को शाम को वो दोनों आ गए। वैसे मैं सूरज से पहले मिल चुकी थी लेकिन आज मैं उसे दूसरी नज़रों से देख रही थी। मेरा पति भी उसकी बीवी मेनका को सेक्सी नज़रों से देख रहा था। बस थोड़ी देर में हमने ड्रिंक्स शुरू कर दी। मैंने महसूस किया की वो दोनों भी हमारी तरफ आकर्षित हैं। सूरज की नज़रें मेरे बदन पर थिरक रही थी और मयंक की नज़रें मेनका के बदन पर . एक बात तो तय थी की सबके मन में कुछ न कुछ खुराफात चल रही थी। नशा चढ़ने लगा था और एक दूसरे के प्रति खिंचाव बढ़ने लगा था।
मयंक बोला यार सूरज इधर तुम बहुत दिनों के बाद आये हो।
उसने जबाब दिया ऐसी कोई बात नहीं यार बस ऐसे ही हो गया होगा। वैसे मैं आप लोगों को बहुत याद करता हूँ।
मैंने कहा सही पकड़ें हैं। आप तो याद करते है पर ये आपके दोस्त आपकी याद नहीं करते। देखो न डिनर पर कितने दिनों के बाद बुलाया है तुम्हें सूरज ?
सूरज की बीवी मेनका बोली अरे यार मिताली अब तो मुझे भी आप लोगों को बुलाना चाहिए।
मैं बोली हां सही पकड़ें है। आप भी हमें कभी बुलाइये।
मेरा पति बोला मिताली ये क्या मजाक कर रही हो। देखो दो दो पैग ख़तम हो गया। तीसरा बनाओ न प्लीज। मैंने तीसरा पैग बना कर सबको पकड़ा दिया। इसी बीच मेरी चूंचियां खुल गयीं तो सूरज के बदन में आग लग गयी। मुझे देख कर मेनका ने भी अपनी चूंचियां खोल दीं तो मेरे पति की नज़रें वहीं टिक गयीं। वो एकटक देखने लगा मेनका के बूब्स।
इतने में अचानक दोनों बीवियां अंदर किचेन में चली गयीं। बाहर दोनों मरद रह गए।
मयंक :- यार सूरज एक बात बताओ। देखो शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। न ही झिझकने की। मैं तुमसे खुल कर बात कर रहा हूँ। तुम्हे मेरी बीवी कैसी लगती है ?
सूरज :- यार मयंक मुझे तो मिताली भाभी बहुत अच्छी लगतीं हैं। इसमें कोई शक नहीं है।
मयंक :- यार मुझे तो मेनका भाभी बहुत अच्छी लगती हैं।
सूरज :- सच कह रहे हो मयंक ?
मयंक :- बाई गॉड सच कह रहा हूँ। और मैं अब एक बात और कहने जा रहा हूँ। अगर हम दोनों की पसंद एक दूसरे की बीवी है तो फिर क्यों न हम एक दूसरे की बीवी ले लें ?
सूरज :- यही तो मैं कहने जा रहा था यार ?
मयंक :- तो फिर ऐसा करो यार ? कल तुम मेरे घर में चोदो मेरी बीवी, मैं तेरे घर में चोदूं तेरी बीवी।
सूरज :- यार मेरी बीवी तो मान जाएगी मैं उससे कह दूंगा। अब तुम बताओ क्या तेरी बीवी मान जाएगी ? मिताली भाभी मान जाएँगी ?
मयंक :- बिलकुल मान जाएगी। वह तो समझो की मनी मनाई ही बैठी है। चिंता न करो। वह मन ही मन तुम्हे चाहने लगी है. देखो कल छुट्टी है। कल तुम मेरे घर आ जाना और मैं तेरे घर चला जाऊंगा। मैं अपनी बीवी से तेरे आने की बात कह दूंगा बस मैं कहाँ जा रहा हूँ यह नहीं बताऊंगा। तुम भी अपनी बीवी से मेरे आने की बात कह देना लेकिन तुम कहाँ जा रहे हो यह नहीं बताना। फिर तुम उधर चोदो मेरी बीवी मैं इधर चोदूं तेरी बीवी।
सूरज :- डन !
उस दिन डिनर के बाद सूरज अपनी बीवी मेनका के साथ चला गया। मैं रात भर सूरज के बारे में सोचती रही। उसके लन्ड के बाते में सोंचती रही। दूसरे दिन मेरे पति मयंक मुझसे बोला देखो मैं बाहर जा रहा हूँ। अभी शायद सूरज आएगा। तुम उसका ख्याल रखना। फिर वह धीरे से बोला देखो मिताली अगर उसका लन्ड पकड़ने का कोई मौका मिले तो पकड़ लेना, संकोच न करना। तुमको दूसरा लन्ड चाहिए न ? अगर सूरज का लन्ड मिल जाए तो अच्छा होगा न ? उसकी बात सुन कर मेरे मन में लडडू फूटने लगे। मैंने मुंह बना कर कहा पर आपके सामने पकड़ती तो अच्छा होता ? मैं तो दो दो लन्ड एक साथ देखना चाहती हूँ न ? उसने कहा अरे शुरू तो करो फिर कभी एक साथ भी देख लेना ? वैसे तो मैं चाहती ही थी की मैं पहले सूरज से अकेले में चुदवाऊँ और आज शायद मेरी यह तमन्न पूरी हो जाएगी। तभी तो उसके जाने के बाद मैं अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगी नंगी बैठ गयी सूरज के इंतज़ार में ?
फिर सूरज आया तो क्या हुआ वो अपने ऊपर पढ़ा। मैं सूरज को उसका लन्ड पकडे हुए अपने मन की बातें सुना रही थी।मैंने आगे कहा यार कल जब तुम आये थे तो मेरी नज़र तेरा लन्ड ढूंढ रही थी . मेरा मन था की मैं वही सबके सामने तेरा लन्ड पकड़ लूँ। पर मैं अपने आप को रोके रही और आज जब मुझे मौक़ा मिला तो फिर सबर का बाँध टूट गया। अब मैं बड़े प्यार से पेलूँगी तेरा लन्ड अपनी चूत में। ऐसा कह कर मैंने एक हाथ से पेल्हड़ थामे और दूसरे हाथ से लन्ड पकड़ कर चूसने लगी। मैं पूरी तरह मस्ती में आ गयी थी। मेरी चूत अब लन्ड मांग रही थी। मैंने फिर लौड़ा अपनी चूत पर टिकाया तो सूरज ने एक ही धक्के में पेल दिया अंदर और चोदने लगा। ८/१० बार लौड़ा अंदर बाहर किया तो वह बोला मिताली भाभी मैं आज पहली बार किसी और की बीवी चोद रहा हूँ।मैंने कहा नहीं यार तुम किसी और की बीवी नहीं अपनी ही बीवी चोद रहे हो। मैं तुम्हारी बीवी हूँ। तुम मेरे पति हो। तेरा लन्ड मेरा पति है यार मुझे चोदो। जो मुझे चोदे वही मेरा पति है। मैं उसी की बीवी हूँ। तेरा हक़ है मेरी चूत पर। मेरी बुर चोदो मेरे राजा ?
यह सुन कर उसने चोदने की रफ़्तार बढ़ा दी। तब मुझे अहसास हुआ की वाकई पराये मरद से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है। आगे की कहानी अब आप मेरे पति मयंक से सुनिये :-
यह तो मुझे मालूम था की सूरज मेरी चोदने मेरे घर गया है और उसे मालूम था की मैं उसकी बीवी चोदने उसके घर गया हूँ। पर मेरी बीवी को यह नहीं मालूम था की मैं सूरज की बीवी चोदने जा रहा हूँ। उधर सूरज की बीवी को भी नहीं मालूम था की वह मेरी बीवी चोदने मेरे घर जा रहा है। शाम को हम दोनों मिले और एक दूसरे को देख कर बहुत खुश हुए क्योंकि दोनों के चेहरे खिले हुए थे। हम लोग एक पार्क में बैठ कर बातें करने लगे।
मैंने कहा :- यार सूरज मुझे तेरी बीवी चोद कर बड़ा मज़ा आया। सच कहूँ मुझे आज मालूम हुआ की पाये की बीवी की बुर चोदना कितना अच्छा होता है।
सूरज बोला :- यार तुमने तो मेरे मुंह की बात छीन ली। मैं भी यही कहने वाला था। मुझे तो तेरी बीवी बहुत अछि लगी, उसकी बुर बहुत अच्छी लगी और उसकी बातें भी। मज़ा आगया। मिताली भाभी ने बड़े मजे से और बड़ी मस्ती से चुदवाया ?
मैंने कहा :- अच्छा अब बता आगे क्या किया जाए।
वह बोला :- एक बात तो है यार की यह तो पक्का हो गया की दोनों बीवियां पराये मर्दों से चुदवाने में बहुत इंटरेस्ट रखती हैं। उन्हें किसी बात की झिझक नहीं है। चाहे मेरी बीवी हो या तेरी बीवी अब तो वो किसी भी मरद से चुदवा लेगीं । अब यह बात उन्हें मालूम होना चाहिए की हम लोग भी पराये बीवियां चोदना पसंद करतें हैं।
मैंने कहा :- तो फिर जो हो गया वो हो गया। इसे एक राज़ ही रहने दो। हम लोग यह ज़ाहिर नहीं करेगें की हम एक दूसरे की बीवी चोद चुके हैं। अब हम यह कहेगें की तुम लोग अपने अपने पति के सामने एक दूसरे के पति से चुदवाओ। यानी मेरी बीवी मेरे सामने तुमसे चुदवाये और तेरी बीवी तेरे सामने मुझसे चुदवाये। ज़ाहिर है की वो दोनों फ़ौरन तैयार हो जायेंगीं। बस फिर हमारा रास्ता खुल जायेगा। फिर एक ही कमरे मैं मैं तेरी बीवी चोदूंगा और तुम मेरी बीवी चोदना। सूरज ने हां कर दी। फिर हम लोग अपने अपने घर चले गये।
रात में जब मैं अपनी बीवी के साथ नंगा लेटा था तो मैंने पूंछा मिताली तुम्हे मेरे दोस्त का लन्ड कैसा लगा ? वह बोली वाओ, क्या लौड़ा है उसका यार ? मज़ा आ गया उससे चुदवाकर। फिर उसने मेरे लन्ड की चुम्मी ली और बोली सब इसी लन्ड का कमाल है। इसी लन्ड ने अपना एक दोस्त ढूंढ लिया जो मुझे चोद कर गया। मैंने कहा अच्छा यह बताओ मिताली अगर यही लन्ड सूरज की बीवी के हाथ में चला जाए तो,,,,,,,,,,,,,,,? वह बोली तब तो बहुतअच्छा हो। मैं तो चाहती हूँ की यह लौड़ा कई बीवियों के हाथ में जाए। तभी तो कई बीवियों के लौड़े मेरे हाथ में आयेंगें। मैंने फिर पूंछा अगर सूरज की बीवी तेरे सामने मेरा लौड़ा पकड़ ले तो ,,,,,,,,, ? वह बोली मैं तो चाहती हूँ की वह लौड़ा सिर्फ पकड़े ही नहीं बल्कि उसे अपनी बुर में पेल ले ? सच बताऊँ मेरी इच्छा है की तुम मेरे सामने सूरज की बीवी चोदो और सूरज तेरे सामने तेरी बीवी चोदे ? मैंने मुस्कराकर कहा एव मस्तु ! दूसरे दिन मैंने सूरज को फोन कर सारी बात बता दी तो बहुत खुश हुआ और बोला यार मेरी बीवी तो बिलकुल तैयार है। वह कहती है आज ही रात को तुम मेरे सामने मयंक की बीवी चोदो।
मैंने उसी रात को प्रोग्राम बना लिया और उन दोनों को डिनर पर इनवाइट कर लिया। मेनका भाभी सज धज कर आयीं थीं । इधर मेरी बीवी मिताली भी मेक उप करके बैठ गयीं। हमने ड्रिंक्स चालू कर दी। साथ में नॉन वेज स्नैक्स भी । बातें होने लगीं और नशा चढ़ने लगा। मस्ती में हम चारों लोग झूमने लगे। मैं तो मेनका भाभी को चोद चुका था। सूरज मेरी बीवी चोद चुका था। यह बात बीवियों को नहीं मालूम थी। इसलिए हम दोनों अंदर ही अंदर उस माहौल का मज़ा उठाने लगे। इतने में मेरी बीवी ने पहल की और मेनका का हाथ पकड़ कर मेरे लन्ड पर रख दिया और बोली यार लो इसे पकड़ो। अब शर्माने की कोई जरुरत नहीं है. तब मेनका भाभी ने मेरी बीवी से कहा तुम भी पकड़ो मेरे पति का लन्ड ? उसने मिताली का हाथ सूरज के लन्ड पर रख दिया। इधर लन्ड की बात हुई तो उधर चूंचियां खुल गयीं। मैंने सूरज की बीवी की चूंचियां पकड़ लीं और सूरज ने मेरी बीवी की चूंचियां। शराब के नशे में गाड़ी चल पड़ी।
फिर क्या हम सबके कपड़े धेरे धीरे उतरने लगे और २ मिनट में ही हम चारों लोग नंग हो गए। मुझे अपनी बीवी के सामने किसी पराई बीवी के आगे नंगे होने में मज़ा आने लगा। मेरी बीवी को भी मेरे आगे किसी पराये पुरुष के सामने नंगी होने का मज़ा आने लगा। यही हाल सूरज और उसकी बीवी का था। इतने में मेरी बीवी ने लपक कर सूरज का लन्ड पकड़ लिया और उसकी बीवी ने मेरा लन्ड। दोनों बीवियां एक दूसरे के मरद का लन्ड हिलाने लगी, चाटने लगी और चूसने लगीं। हम लोग तो यही चाहते ही थे और हमारी बीवियां भी इसी दिन का इंतज़ार कर रहीं थीं। उन्हें तो पराये मरद से चुदवाने की बड़ी जल्दी थी। मैंने देखा की मेरी बीवी कितनी मस्ती से सूरज का लन्ड चाट रही है ? मेनका भाभी भी मेरा लन्ड बड़े मन से चाटने में जुटी थीं। इसका मतलब है की इन बीवियों को पराये मर्दों के लन्ड बहुत अच्छे लगतें हैं।
फिर मैंने पेल दिया लन्ड मेनका भ्भी की चूत में और चोदने लगा. आज मुझे उसे चोदने में ज्यादा मज़ा आ रहा था क्योंकि मैं अपनी बीवी के आमने उसकी बीवी चोद रहा था। सूरज भी मेरी बीवी चोदने का लुत्फ़ उठा रहा था। मजे की बात है बीवियां भी अपने मियां के सामने पराये मरद से चुदवाने का मज़ा लूट रहीं थीं। उन्हें तो अब पराये मरद से चुदवाने का लाईसेन्स मिल गया। दोनों बीवियां अपनी अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाने में मस्त हो गयीं।
मिताली बोली :- हाय मेनका, आज मुझे तेरे मियां से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आ रहा है। यार तेरे मियां का लन्ड मुझे बहुत पसंद आ गया है। अब तो मैं इसे अक्सर पेला करूंगी अपनी चूत में।
मेनका बोली :- हां हां बिलकुल पेलो मेरे मियां का लन्ड अपनी चूत में। मैं भी पेलूँगी तेरे मियां का लन्ड अपनी चूत में ? मुझे भी तेरे मियां का लन्ड ज्यादा मज़ा दे रहा है। आज मुझे पता चला की गैर मरद से चुदवाने में कितना मज़ा है ? अब तो मैं और कपल से बात करके इस खेल में शामिल करुँगी।
तो दोस्तों, बीवियों की अदला बदली का सिलसिला चालू हो गया।
बस अगले ही हफ्ते मेरी बीवी अपनी सहेली प्रेमा को लेकर आ गयी और उसे अपना पूरा किस्सा सुना दिया। वह भी तैयार हो गयी। उधर मेनका भाभी ने भी एक कपल सीमा और शरद का ढूंढ लिया। इस बार मेनका ने हम सबको डिनर पर बुलाया। शाम को मैं अपनी बीवी मिताली के साथ पहुँच गया। उधर से शरद और उसकी बीवी सीमा, अनिल अपनी बीवी प्रेमा भी आ गए। सूरज और उसकी बीवी मेनका तो होस्ट थे ही। ड्रिंक्स होनेके बाद उतरने लगे सबके कपड़े। पल भर में हम सब लोग नंगे हो गए। मेरी बीवी ने अनिल का लन्ड पकड़ लिया, अनिल की बीवी ने शरद का लन्ड पकड़ लिया, शरद की बीवी ने मेरा लन्ड अपने हाथ में लिया और मेरी बीवी ने सूरज का लन्ड हिलाना शुरू कर दिया। फिर क्या हम सबने खूब जम कर चोदा एक दूसरे की बीवियां और बीवियों ने भी खूब चुदवाया पराये मर्दों से अपनी अपनी चूत।
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