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लन्ड बदले महफ़िल में नया जोश आ गया - Land badal kar chut ki chudai sabko choda
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एक दिन मैं अपनी बहू के साथ बैठी हुई बियर पी रही थी. गर्मी के दिन। बड़ी भयानक गर्मी थी। ए सी से बाहर जाने का मन ही नहीं हो रहा था। हम दोनों गप्प लड़ाने में व्यस्त थीं। बातें खूब गहरी हो रहीं थी। सेक्स की बाते होने लगीं। चोदा चोदी की बातें होने लगीं। मैं उसे किस्से सुनाने लगी वह मुझे। धीरे धीरे मस्ती छाने लगी। बीच बीच में लन्ड, बुर, चूत जैसे शब्द मुंह से निकलने लगे। मैंने कहा - बहू देख मैं तो १५ साल की उम्र से लन्ड पकड़ती आ रही हूँ। शादी के पहले भी मैं लन्ड चूसती थी और शादी के बाद भी। मेरा मन कभी भी एक लन्ड से नहीं भरा। मैं इधर उधर मौक़ा पाकर किसी का भी लन्ड पकड़ लेती थी। धीरे धीरे लड़कों के लन्ड का मुठ्ठ मारने लगी। फिर मुठ्ठ मार कर पीने लगी लन्ड और १८ + के होते ही लन्ड अपनी चूत में घुसाने लगी। मैं शादी के २ साल बाद गैर मर्दों से चुदाने लगी थी और आज तक चुदा रही हूँ। हमारे यहाँ औरत को लोग एन्जॉय करने की चीज समझते हैं तो मैं भी मर्दों को एन्जॉय करने की चीज समझती हूँ। अब तक सैकड़ों लन्ड का मज़ा ले चुकी हूँ मैं ? मेरी बेटी जब १८+ की हुई तो मैं उससे भी खुल गयी। मैंने खुद एक दिन लन्ड उसके हाथ में रख दिया और अपनी सारी बातें उसे बता दीं। मैं उसे लन्ड पकड़ने का हौसला बढ़ाया ?
बहू देखो, अब जवान लड़की लन्ड नहीं पकड़ेगी तो क्या पकड़ेगी ? मैंने उसे गालियां देने के लिए उकसाया और उसे बोल्ड बनाया। अब हाल यह है की मेरी बेटी समाज में किसी से नहीं डरती। वह अकेले ही अपनी परिस्थितियों का मुकाबला करती है. पढ़ी लिखी है इंग्लिश बोलती है। खुले आम किसी की भी माँ बहन चोद देती है। इस माँ बहन चोदने के तरीके से कई काम अपने आप हो जातें हैं। अब तो वह २४ साल की हो गयी है । उसकी शादी भी हो गयी है।
बहू मेरी बातें बड़े इत्मीनान से सुन रही थी। अचानक मेरी बेटी भी आ गयी और वह भी हमारे साथ बियर पीने लगी। पीते पीते मैंने कहा बहू ये है तेरी हरामजादी नन्द जिसके बारे में मैं अभी तुम्हे बता रही थी।
इतने में वह बोली - अम्मी क्या बता रहीं थीं तुम अपनी बहू को मेरे बारे में ? अरे मैंने क्या कोई ऐसा काम किया है जिसका तुम्हे ढिंढोरा पीटना है।
मैंने कहा :- नहीं बेटी ऐसी बात नहीं है। मैं तो तेरी अच्छाइयां बता रही थी।
वह बोली :- तब तो अच्छी बात है अम्मी। भाभी को तुम मेरी जैसी क्यों नहीं बना लेती अम्मी ?
मैंने कहा :- बिलकुल बना लूंगी तेरी जैसी। जैसे तू अपनी माँ चुदवाती है वैसे मेरी बहू भी अपनी सास चुदवायेगी। अपनी नन्द चुदवायेगी ? तेरी जैसी बनाने के लिए ही उससे बातें कर रहीं थीं। तू क्या समझती ही की मैं किसी की माँ बहन चोद रही थी ?
वह बोली :- तेरी बहू अपनी नन्द चुदवायेगी तो नन्द भी तेरी बहू की बुर में लन्ड पेलेगी। तेरी बहू की सास का भोसड़ा। तेरी बहू की नन्द की चूत अम्मी ?
मेरी बेटी के मुंह स गालियां निकलती ही रहतीं हैं।
तब तक बहू बोली :- हाय मेरी नन्द रानी तुम तो बड़ी मस्त चीज हो। तुम्हे चोदने में मुझे बड़ा मज़ा आएगा ?
मैंने कहा :- ले देख ले मेरी बहू को ? मेरी बहू तुमसे कम नहीं है ? बेटी, तेरी माँ चोदेगी किसी दिन मेरी बहू ?
वह मुस्कराकर बोली :- अरे अम्मी, तब तो वह किसी दिन तेरी बिटिया की बुर भी चोदेगी ?
बेटी ने कहा :- अरे अम्मी, तेरी बहू तो बिलकुल हमारी जैसी बन गई हैं। अब हम तीनो इसी तरह की बातें करने लगीं और खूब एन्जॉय करने लगी। जब से घर में बहू आयी है तबसे घर की रौनक बढ़ गयी है। दो दिन बाद फिर हम तीनो व्हिस्की पर बैठ गयी क्योंकि हम सबका मन शराब पीने का हो गया। फिर मस्त बातें होने लगी और जल्दी ही हम लोग गन्दी गन्दी बातें और गाली गलौज का मज़ा लेने लगीं। मेरी बेटी बोली चलो एक खेल खेलें ? हम तीनो एक एक गाली दूसरे को दें लेकिन गाली का मतलब खुद अपनी चूत हो और सुनने में ऐसा लगे की हम किसी और को गाली दे रही हैं। पहले मैं बोलती हूँ।
मेरी बेटी बोली :- अम्मी, तेरी बहू की नन्द की बुर ?
मैंने कहा :- बेटी, तेरी भाभी की सास का भोसड़ा ?
बहू ने कहा :- सासू जी, तेरी बेटी की भाभी की चूत ?
फिर हम खूब मस्ती से हंसने लगीं।
फिर वह बोली अम्मी अब हम दो लोग एक दूसरे को गाली दें लेकिन गाली तीसरे के लिए हो।
मेरी बेटी बोली :- अम्मी, तेरी बहू की बुर में घुसेड़ दूँगी लन्ड ?
मैंने कहा :- बेटी, मैं तेरी भाभी की बुर में पेलूंगी लन्ड ?
बहू ने कहा :- सासू जी, मैं अभी तेरी बेटी की चूत में ठोंक दूँगी लन्ड ?
बेटी ने फिर कहा :- भाभी, तेरी सास का भोसड़ा ?
बहू ने कहा :- नन्द रानी, तेरी माँ की चूत ?
मैंने कहा :- बहू, तेरी नन्द की बुर ?
इस बार तो हम सब हँसते हँसते लोट पोट हो गयीं।
दोस्तों, मेरा नाम है नाज़नीन मेरी बेटी है हिना और बहू सूफिया।
मैं ४५ साल की हूँ मस्त जवान हूँ मुझे लन्ड पकड़ने का और चुदवाने का बड़ा शौक है। मेरी बेटी का भी यही शौक है। हम दोनों एक साथ कई मर्दों से चुदवाने का मज़ा लेतीं हैं। एक लन्ड से न मेरी बेटी को मज़ा आता है और न मुझे। जबसे मेरी बहू आयी है तबसे मैं इसी फिराक मेथी की वह हमारी तरह सबसे एक साथ चुदवाने लगे। बात चीत करने से मालूम हो गया की वह भी हमारी तरह ही कई लौड़ों से एक साथ चुदवाती है। बड़ी बेशर्म है मेरी बुर चोदी बहू। वह भी मेरी बेटी की तरह अपनी माँ चुदवाती है। यह जानकार मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा ? मेरा शौहर और मेरा बेटा दोनों दुबई के काम करते हैं। इसलिए हमारे पास पैसों की कमी नहीं है। इधर मेरी बेटी का शौहर भी सऊदी में काम करता है। वह भी खूब पैसे भेजता है। इसलिए हम तीनो मिलकर खूब ऐय्यासी करतीं हैं। अब बिना लन्ड के तो ऐय्यासी होती नहीं ? और अकेले ही भी ऐय्यासी नहीं होती ? अकेले अकेले चुदवाने में भी ज्यादा मज़ा नही आता। एक लन्ड तो मेरे लिए ऊँट के मुंह का जीरा है. मैं तो हर रोज़ २/३ लन्ड लेती हूँ। मेरी यह आदत बहुत पुरानी है।
जब मेरी बेटी बड़ी हो गयी, जवान हो गयी तो फिर छिप छिप कर कहाँ तक चुदवाती रहती ? और फिर जवान लड़की को भी लन्ड चाहिए न ? मैंने सोंचा की हम दोनों मिलकर चुदवायें तो और मज़ा आएगा। इसलिए मैंने पहले अपनी बेटी को ऐय्यास बना दिया। उसे मैंने अपने ही रंग में रंग डाला। उसे लन्ड पकड़ना, लन्ड चाटना चूसना सिखाया, लन्ड चूत में पेलना सिखाया और माँ चुदवाना सिखाया। अब तो वह मुझसे ज्यादा लन्ड हर रोज़ लेती है। इधर तो मेरी बहू भी मेरे मन की आ गयी है। वो तो पहले से ही मेरे रंग में रंगी हुई थी। वह भी ऐय्यासी करना अच्छी तरह जानती है।
तो देखो दोस्तों, हमारे पास पैसा है, जवानी है और अपना तीन का एक ग्रुप बन गया है तो फिर हम सब ऐय्यासी क्यों न करें ? एक साथ सबके साथ चुदवाने का मज़ा क्यों न लें ? सबकी बुर में लन्ड पेलने का मज़ा क्यों न लूँ ? सबकी बुर चुदवाने का और गांड मराने का मज़ा क्यों न लूटूं ? एक दूसरे को प्यार से गालियां दे दे कर चुदवाने का लुत्फ़ क्यों न उठाऊं ? तब तक मेरी बेटी बोली अम्मी आज होगी धुआंधार चोदा चोदी। तुम भी लन्ड का इंतज़ाम करो मैं भी लन्ड का इंतज़ाम करती हूँ। मैं आज अपनी भाभी की बुर अच्छी तरह चोदूँगी। तब तक बहू बोली मैं भी आज नन्द की बुर चोदूँगी और सास का भोसड़ा भी ?
बस उसके बाद तो "चुदाई पार्टी" का इंतज़ाम होने लगा। मैंने कहा अब आज से हम तीनो पक्की दोस्त हैं। बुर चोदी मैं और बुर चोदी तुम दोनों भी ? आज से हम आपस में एक दूसरे को उसके नाम से बुलायेंगी। यहाँ न कोई माँ है, न कोई बहू, न कोई सास, न कोई नन्द ? हम हैं नाज़नीन हिना और सूफिया बस ? फिर क्या हम सबने मिलकर व्हिस्की से लगाकर कंडोम तक सारा चुदाई का इंतज़ाम कर लिया। शाम को जब ड्रिंक्स टेबल पर लगी थी तभी किसी ने डोर बेल बजायी। मैंने दरवाजा खोला तो सामने तीन मस्त जवान लड़के खड़े थे। मैं उन्हें देख कर ललचा गयी। तब तक एक बोला मुझे हिना से मिलना है ? मैं कहा हां हां जरूर मिलो। आओ अंदर बैठो। मेरे उन्हें बैठा कर हिना को आवाज़ दी।
वह आयी और बोली हाय रज़ा तुम आ गये और रॉकी तुम भी। ये बताओ की तुम दोनों आपस में दोस्त हो न ? रज़ा बोला हां पक्का दोस्त है ये मेरा ? अब एक और दोस्त से मिलो ये है वीरू। यह भी मेरे टक्कर का दोस्त है। अब बताओ हमें क्या करना है ? हिना बोली तुम्हे मेरी माँ चोदनी है बोलो चोदोगे ? तुम्हे मेरी भाभी की बुर लेनी है बोलो लोगे ? देखो ये है नाज़नीन मेरी अम्मी लेकिन मैं इसे नाज़नीन ही बुलाती हूँ। ये है मेरी सूफिया भाभी लेकिन मैं इसे सिर्फ सूफिया ही कहती हूँ। अब तुम लोग चोदने के पहले थोड़ा व्हिस्की तो पी लो। फिर हम सब लोग शराब पीने में जुट गये। एकआधे घंटे में सूफिया का मामू आ गया। सूफिया बोली मैं तुम सबको अपने मामू से मिलवाती हूँ। ये है अरम। मेरा इसके साथ का रिस्ता लन्ड और चूत का है ?
तब तक एक और आदमी ने दस्तक दी। तब मैं बोली अरे सुनो तुम लोग ये मेरी सहेली का शौहर है रहीम ? इसके लन्ड की चर्चा बहुत होती है आजकल। मैंने भी इसका लौड़ा अभी तक देखा नहीं है। इसलिए आज इसे यहाँ बुलाया है। आज हम सब साथ मिलकर देखेंगीं इसका लन्ड ? सब लोग शराब का आनंद उठा रहे थे। लग भग दो दो पैग सबने पी रखी थी। तब तक हिना बोली अरे नाज़नीन शराब के साथ लन्ड नहीं पियोगी क्या ? तब तक सूफिया बोली हाय अल्ला मैं तो बातों बातों में लन्ड पीना भूल ही गयी। मैंने कहा तो अब पी ले न भोसड़ी वाली ? लन्ड कहीं भागे जा रहें हैं क्या ? तब तक हिना ने मेरा हाथ पकड़ कर रॉकी के लन्ड पर रख दिया और कहा नाज़नीन ले पहले तू संभाल मेरे बॉय फ्रेंड का लन्ड ? तब तक उसने वीरू को इशारा किया तो वह अपना लन्ड खोल कर मेरे सामने खड़ा हो गया। मेरा मुंह खुला और लन्ड अंदर घुस गया। मैं एक लन्ड सहलाने लगी और दूसरा लन्ड शराब में डुबो डुबो कर चूसने लगी।
हिना ने फिर रहीम का लन्ड सूफिया को पकड़ाया और उसने रज़ा से कहा अरे यार पकड़ो न सूफिया की चूंचियां और दिखा दे उसे अपना लन्ड ? अब सूफिया दोनों लन्ड शराब के साथ साथ पीने लगी। बाद में हिना ने सूफिया के मामू का लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी और उसे शराब में भिगो भिगो कर चाटने लगी। हम तीनो की मस्ती बाहरआने लगी। हिना बोली भोसड़ी की नाज़नीन तुझे कैसे लग रहें है मेरे दोस्तों के लन्ड ? मैंने कहा यार बहुत बढ़िया और मसाले दार हैं तेरे दोस्तों के लन्ड ? माँ की लौड़ी तूने पहले क्यों नहीं पकड़ाया इतने मस्ताने लन्ड ? तब तक सूफिया बोली हाय नाज़नीन तेरी सहेली के मियां का लौड़ा तो बहुत मोटा तगड़ा है रे ? तूने अभी तक इससे चुदवाया क्यों नहीं ? हिना ने कहा हाय सूफ़ीया बुर चोदी तेरे मामू का लन्ड तो मुझे बहुत पसंद आ गया है। अब तो मैं इसका लन्ड सरे आम चोदूँगी। हम तीनो मस्ती से बड़ी देर तक लन्ड चाटती और चूसती रहीं। लन्ड के साथ साथ पेल्हड़ भी खूब चाटे।
फिर मैंने रॉकी का लन्ड अपनी चूत में घुसा लिया और भकाभक चुदवाने लगी। मेरे हाथ में वीरू का लन्ड था जिसे मैं कभी सहलाती कभी हिलाती और कभी मुंह में लेकर चूसती। मेरे सामने हिना अरम से अपनी चूत फैलाकर चुदवाने लगी। उसके बगल में सूफिया तो रहीम के लन्ड पर बैठ कर उसका लन्ड ही चोदने लगी। कई दिनों के बाद यह सुनहरा मौका आया है जब की हम तीनो मिल कर चुदवा रही हैं। वासना तो जबरदस्त सवार थी हम सब पर। शराब का नशा भी काम कर रहा था। तब मैं बोली हाय हिना तू भोसड़ी की अपना माँ चुदा रही है ? तुझे कैसा लग रहा है अपनी माँ चुदवाकर ? वह बोली हाय नाज़नीन मुझे अपनी बुर चुदाने में उतना मज़ा नहीं आ रहा है जितना मज़ा मुझे अपनी माँ चुदाने में आ रहा है। और तू भी अपनी बेटी की बुर चुदा चुदा कर मज़ा ले रही है ? तब मैंने कहा सूफिया तुझे भी मज़ा आ रहा है न अपनी सास का भोसड़ा चुदाने में ? वह बोली हां यार खूब मज़ा आ रहा है। अपनी सास का बुर चुदाने में और उससे ज्यादा मज़ा आ रहा है अपनी नन्द की बुर चुदाने में ? लेकिन ये बुर चोदी नाज़नीन अपनी बहू की बुर चुदवाकर बड़ा मज़ा लूट रही है और इसकी बेटी अपनी भाभी की चूत में लन्ड पेल पेल कर मज़ा ले रही है।
बस हम तीनो इसी तरह की गन्दी गन्दी बातें कर कर के चुदाई में मस्ती का रंग घोल रहीं थीं। थोड़ी देर में हमने लन्ड बदल लिया। हिना रहीम और रज़ा से चुदवाने लगी। सूफिया ने मेरे हाथ से रॉकी का लन्ड और वीरू का लन्ड ले लिया। एक अपने मुंह में डाला और दूसरा बुर में। मैंने अरम का लन्ड हाथ बढाकर पकड़ लिया और उसे चूमने लगी। लन्ड बदले तो महफ़िल में फिर एक नया जोश आ गया। इसी तरह हम सभी लौड़े अपनी चूत में घुसा घुसा कर और एक दूसरे की चूत में घुसा घुसा कर चुदवाती रहीं।
एक दिन मैं अपनी बहू के साथ बैठी हुई बियर पी रही थी. गर्मी के दिन। बड़ी भयानक गर्मी थी। ए सी से बाहर जाने का मन ही नहीं हो रहा था। हम दोनों गप्प लड़ाने में व्यस्त थीं। बातें खूब गहरी हो रहीं थी। सेक्स की बाते होने लगीं। चोदा चोदी की बातें होने लगीं। मैं उसे किस्से सुनाने लगी वह मुझे। धीरे धीरे मस्ती छाने लगी। बीच बीच में लन्ड, बुर, चूत जैसे शब्द मुंह से निकलने लगे। मैंने कहा - बहू देख मैं तो १५ साल की उम्र से लन्ड पकड़ती आ रही हूँ। शादी के पहले भी मैं लन्ड चूसती थी और शादी के बाद भी। मेरा मन कभी भी एक लन्ड से नहीं भरा। मैं इधर उधर मौक़ा पाकर किसी का भी लन्ड पकड़ लेती थी। धीरे धीरे लड़कों के लन्ड का मुठ्ठ मारने लगी। फिर मुठ्ठ मार कर पीने लगी लन्ड और १८ + के होते ही लन्ड अपनी चूत में घुसाने लगी। मैं शादी के २ साल बाद गैर मर्दों से चुदाने लगी थी और आज तक चुदा रही हूँ। हमारे यहाँ औरत को लोग एन्जॉय करने की चीज समझते हैं तो मैं भी मर्दों को एन्जॉय करने की चीज समझती हूँ। अब तक सैकड़ों लन्ड का मज़ा ले चुकी हूँ मैं ? मेरी बेटी जब १८+ की हुई तो मैं उससे भी खुल गयी। मैंने खुद एक दिन लन्ड उसके हाथ में रख दिया और अपनी सारी बातें उसे बता दीं। मैं उसे लन्ड पकड़ने का हौसला बढ़ाया ?
बहू देखो, अब जवान लड़की लन्ड नहीं पकड़ेगी तो क्या पकड़ेगी ? मैंने उसे गालियां देने के लिए उकसाया और उसे बोल्ड बनाया। अब हाल यह है की मेरी बेटी समाज में किसी से नहीं डरती। वह अकेले ही अपनी परिस्थितियों का मुकाबला करती है. पढ़ी लिखी है इंग्लिश बोलती है। खुले आम किसी की भी माँ बहन चोद देती है। इस माँ बहन चोदने के तरीके से कई काम अपने आप हो जातें हैं। अब तो वह २४ साल की हो गयी है । उसकी शादी भी हो गयी है।
बहू मेरी बातें बड़े इत्मीनान से सुन रही थी। अचानक मेरी बेटी भी आ गयी और वह भी हमारे साथ बियर पीने लगी। पीते पीते मैंने कहा बहू ये है तेरी हरामजादी नन्द जिसके बारे में मैं अभी तुम्हे बता रही थी।
इतने में वह बोली - अम्मी क्या बता रहीं थीं तुम अपनी बहू को मेरे बारे में ? अरे मैंने क्या कोई ऐसा काम किया है जिसका तुम्हे ढिंढोरा पीटना है।
मैंने कहा :- नहीं बेटी ऐसी बात नहीं है। मैं तो तेरी अच्छाइयां बता रही थी।
वह बोली :- तब तो अच्छी बात है अम्मी। भाभी को तुम मेरी जैसी क्यों नहीं बना लेती अम्मी ?
मैंने कहा :- बिलकुल बना लूंगी तेरी जैसी। जैसे तू अपनी माँ चुदवाती है वैसे मेरी बहू भी अपनी सास चुदवायेगी। अपनी नन्द चुदवायेगी ? तेरी जैसी बनाने के लिए ही उससे बातें कर रहीं थीं। तू क्या समझती ही की मैं किसी की माँ बहन चोद रही थी ?
वह बोली :- तेरी बहू अपनी नन्द चुदवायेगी तो नन्द भी तेरी बहू की बुर में लन्ड पेलेगी। तेरी बहू की सास का भोसड़ा। तेरी बहू की नन्द की चूत अम्मी ?
मेरी बेटी के मुंह स गालियां निकलती ही रहतीं हैं।
तब तक बहू बोली :- हाय मेरी नन्द रानी तुम तो बड़ी मस्त चीज हो। तुम्हे चोदने में मुझे बड़ा मज़ा आएगा ?
मैंने कहा :- ले देख ले मेरी बहू को ? मेरी बहू तुमसे कम नहीं है ? बेटी, तेरी माँ चोदेगी किसी दिन मेरी बहू ?
वह मुस्कराकर बोली :- अरे अम्मी, तब तो वह किसी दिन तेरी बिटिया की बुर भी चोदेगी ?
बेटी ने कहा :- अरे अम्मी, तेरी बहू तो बिलकुल हमारी जैसी बन गई हैं। अब हम तीनो इसी तरह की बातें करने लगीं और खूब एन्जॉय करने लगी। जब से घर में बहू आयी है तबसे घर की रौनक बढ़ गयी है। दो दिन बाद फिर हम तीनो व्हिस्की पर बैठ गयी क्योंकि हम सबका मन शराब पीने का हो गया। फिर मस्त बातें होने लगी और जल्दी ही हम लोग गन्दी गन्दी बातें और गाली गलौज का मज़ा लेने लगीं। मेरी बेटी बोली चलो एक खेल खेलें ? हम तीनो एक एक गाली दूसरे को दें लेकिन गाली का मतलब खुद अपनी चूत हो और सुनने में ऐसा लगे की हम किसी और को गाली दे रही हैं। पहले मैं बोलती हूँ।
मेरी बेटी बोली :- अम्मी, तेरी बहू की नन्द की बुर ?
मैंने कहा :- बेटी, तेरी भाभी की सास का भोसड़ा ?
बहू ने कहा :- सासू जी, तेरी बेटी की भाभी की चूत ?
फिर हम खूब मस्ती से हंसने लगीं।
फिर वह बोली अम्मी अब हम दो लोग एक दूसरे को गाली दें लेकिन गाली तीसरे के लिए हो।
मेरी बेटी बोली :- अम्मी, तेरी बहू की बुर में घुसेड़ दूँगी लन्ड ?
मैंने कहा :- बेटी, मैं तेरी भाभी की बुर में पेलूंगी लन्ड ?
बहू ने कहा :- सासू जी, मैं अभी तेरी बेटी की चूत में ठोंक दूँगी लन्ड ?
बेटी ने फिर कहा :- भाभी, तेरी सास का भोसड़ा ?
बहू ने कहा :- नन्द रानी, तेरी माँ की चूत ?
मैंने कहा :- बहू, तेरी नन्द की बुर ?
इस बार तो हम सब हँसते हँसते लोट पोट हो गयीं।
दोस्तों, मेरा नाम है नाज़नीन मेरी बेटी है हिना और बहू सूफिया।
मैं ४५ साल की हूँ मस्त जवान हूँ मुझे लन्ड पकड़ने का और चुदवाने का बड़ा शौक है। मेरी बेटी का भी यही शौक है। हम दोनों एक साथ कई मर्दों से चुदवाने का मज़ा लेतीं हैं। एक लन्ड से न मेरी बेटी को मज़ा आता है और न मुझे। जबसे मेरी बहू आयी है तबसे मैं इसी फिराक मेथी की वह हमारी तरह सबसे एक साथ चुदवाने लगे। बात चीत करने से मालूम हो गया की वह भी हमारी तरह ही कई लौड़ों से एक साथ चुदवाती है। बड़ी बेशर्म है मेरी बुर चोदी बहू। वह भी मेरी बेटी की तरह अपनी माँ चुदवाती है। यह जानकार मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा ? मेरा शौहर और मेरा बेटा दोनों दुबई के काम करते हैं। इसलिए हमारे पास पैसों की कमी नहीं है। इधर मेरी बेटी का शौहर भी सऊदी में काम करता है। वह भी खूब पैसे भेजता है। इसलिए हम तीनो मिलकर खूब ऐय्यासी करतीं हैं। अब बिना लन्ड के तो ऐय्यासी होती नहीं ? और अकेले ही भी ऐय्यासी नहीं होती ? अकेले अकेले चुदवाने में भी ज्यादा मज़ा नही आता। एक लन्ड तो मेरे लिए ऊँट के मुंह का जीरा है. मैं तो हर रोज़ २/३ लन्ड लेती हूँ। मेरी यह आदत बहुत पुरानी है।
जब मेरी बेटी बड़ी हो गयी, जवान हो गयी तो फिर छिप छिप कर कहाँ तक चुदवाती रहती ? और फिर जवान लड़की को भी लन्ड चाहिए न ? मैंने सोंचा की हम दोनों मिलकर चुदवायें तो और मज़ा आएगा। इसलिए मैंने पहले अपनी बेटी को ऐय्यास बना दिया। उसे मैंने अपने ही रंग में रंग डाला। उसे लन्ड पकड़ना, लन्ड चाटना चूसना सिखाया, लन्ड चूत में पेलना सिखाया और माँ चुदवाना सिखाया। अब तो वह मुझसे ज्यादा लन्ड हर रोज़ लेती है। इधर तो मेरी बहू भी मेरे मन की आ गयी है। वो तो पहले से ही मेरे रंग में रंगी हुई थी। वह भी ऐय्यासी करना अच्छी तरह जानती है।
तो देखो दोस्तों, हमारे पास पैसा है, जवानी है और अपना तीन का एक ग्रुप बन गया है तो फिर हम सब ऐय्यासी क्यों न करें ? एक साथ सबके साथ चुदवाने का मज़ा क्यों न लें ? सबकी बुर में लन्ड पेलने का मज़ा क्यों न लूँ ? सबकी बुर चुदवाने का और गांड मराने का मज़ा क्यों न लूटूं ? एक दूसरे को प्यार से गालियां दे दे कर चुदवाने का लुत्फ़ क्यों न उठाऊं ? तब तक मेरी बेटी बोली अम्मी आज होगी धुआंधार चोदा चोदी। तुम भी लन्ड का इंतज़ाम करो मैं भी लन्ड का इंतज़ाम करती हूँ। मैं आज अपनी भाभी की बुर अच्छी तरह चोदूँगी। तब तक बहू बोली मैं भी आज नन्द की बुर चोदूँगी और सास का भोसड़ा भी ?
बस उसके बाद तो "चुदाई पार्टी" का इंतज़ाम होने लगा। मैंने कहा अब आज से हम तीनो पक्की दोस्त हैं। बुर चोदी मैं और बुर चोदी तुम दोनों भी ? आज से हम आपस में एक दूसरे को उसके नाम से बुलायेंगी। यहाँ न कोई माँ है, न कोई बहू, न कोई सास, न कोई नन्द ? हम हैं नाज़नीन हिना और सूफिया बस ? फिर क्या हम सबने मिलकर व्हिस्की से लगाकर कंडोम तक सारा चुदाई का इंतज़ाम कर लिया। शाम को जब ड्रिंक्स टेबल पर लगी थी तभी किसी ने डोर बेल बजायी। मैंने दरवाजा खोला तो सामने तीन मस्त जवान लड़के खड़े थे। मैं उन्हें देख कर ललचा गयी। तब तक एक बोला मुझे हिना से मिलना है ? मैं कहा हां हां जरूर मिलो। आओ अंदर बैठो। मेरे उन्हें बैठा कर हिना को आवाज़ दी।
वह आयी और बोली हाय रज़ा तुम आ गये और रॉकी तुम भी। ये बताओ की तुम दोनों आपस में दोस्त हो न ? रज़ा बोला हां पक्का दोस्त है ये मेरा ? अब एक और दोस्त से मिलो ये है वीरू। यह भी मेरे टक्कर का दोस्त है। अब बताओ हमें क्या करना है ? हिना बोली तुम्हे मेरी माँ चोदनी है बोलो चोदोगे ? तुम्हे मेरी भाभी की बुर लेनी है बोलो लोगे ? देखो ये है नाज़नीन मेरी अम्मी लेकिन मैं इसे नाज़नीन ही बुलाती हूँ। ये है मेरी सूफिया भाभी लेकिन मैं इसे सिर्फ सूफिया ही कहती हूँ। अब तुम लोग चोदने के पहले थोड़ा व्हिस्की तो पी लो। फिर हम सब लोग शराब पीने में जुट गये। एकआधे घंटे में सूफिया का मामू आ गया। सूफिया बोली मैं तुम सबको अपने मामू से मिलवाती हूँ। ये है अरम। मेरा इसके साथ का रिस्ता लन्ड और चूत का है ?
तब तक एक और आदमी ने दस्तक दी। तब मैं बोली अरे सुनो तुम लोग ये मेरी सहेली का शौहर है रहीम ? इसके लन्ड की चर्चा बहुत होती है आजकल। मैंने भी इसका लौड़ा अभी तक देखा नहीं है। इसलिए आज इसे यहाँ बुलाया है। आज हम सब साथ मिलकर देखेंगीं इसका लन्ड ? सब लोग शराब का आनंद उठा रहे थे। लग भग दो दो पैग सबने पी रखी थी। तब तक हिना बोली अरे नाज़नीन शराब के साथ लन्ड नहीं पियोगी क्या ? तब तक सूफिया बोली हाय अल्ला मैं तो बातों बातों में लन्ड पीना भूल ही गयी। मैंने कहा तो अब पी ले न भोसड़ी वाली ? लन्ड कहीं भागे जा रहें हैं क्या ? तब तक हिना ने मेरा हाथ पकड़ कर रॉकी के लन्ड पर रख दिया और कहा नाज़नीन ले पहले तू संभाल मेरे बॉय फ्रेंड का लन्ड ? तब तक उसने वीरू को इशारा किया तो वह अपना लन्ड खोल कर मेरे सामने खड़ा हो गया। मेरा मुंह खुला और लन्ड अंदर घुस गया। मैं एक लन्ड सहलाने लगी और दूसरा लन्ड शराब में डुबो डुबो कर चूसने लगी।
हिना ने फिर रहीम का लन्ड सूफिया को पकड़ाया और उसने रज़ा से कहा अरे यार पकड़ो न सूफिया की चूंचियां और दिखा दे उसे अपना लन्ड ? अब सूफिया दोनों लन्ड शराब के साथ साथ पीने लगी। बाद में हिना ने सूफिया के मामू का लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी और उसे शराब में भिगो भिगो कर चाटने लगी। हम तीनो की मस्ती बाहरआने लगी। हिना बोली भोसड़ी की नाज़नीन तुझे कैसे लग रहें है मेरे दोस्तों के लन्ड ? मैंने कहा यार बहुत बढ़िया और मसाले दार हैं तेरे दोस्तों के लन्ड ? माँ की लौड़ी तूने पहले क्यों नहीं पकड़ाया इतने मस्ताने लन्ड ? तब तक सूफिया बोली हाय नाज़नीन तेरी सहेली के मियां का लौड़ा तो बहुत मोटा तगड़ा है रे ? तूने अभी तक इससे चुदवाया क्यों नहीं ? हिना ने कहा हाय सूफ़ीया बुर चोदी तेरे मामू का लन्ड तो मुझे बहुत पसंद आ गया है। अब तो मैं इसका लन्ड सरे आम चोदूँगी। हम तीनो मस्ती से बड़ी देर तक लन्ड चाटती और चूसती रहीं। लन्ड के साथ साथ पेल्हड़ भी खूब चाटे।
फिर मैंने रॉकी का लन्ड अपनी चूत में घुसा लिया और भकाभक चुदवाने लगी। मेरे हाथ में वीरू का लन्ड था जिसे मैं कभी सहलाती कभी हिलाती और कभी मुंह में लेकर चूसती। मेरे सामने हिना अरम से अपनी चूत फैलाकर चुदवाने लगी। उसके बगल में सूफिया तो रहीम के लन्ड पर बैठ कर उसका लन्ड ही चोदने लगी। कई दिनों के बाद यह सुनहरा मौका आया है जब की हम तीनो मिल कर चुदवा रही हैं। वासना तो जबरदस्त सवार थी हम सब पर। शराब का नशा भी काम कर रहा था। तब मैं बोली हाय हिना तू भोसड़ी की अपना माँ चुदा रही है ? तुझे कैसा लग रहा है अपनी माँ चुदवाकर ? वह बोली हाय नाज़नीन मुझे अपनी बुर चुदाने में उतना मज़ा नहीं आ रहा है जितना मज़ा मुझे अपनी माँ चुदाने में आ रहा है। और तू भी अपनी बेटी की बुर चुदा चुदा कर मज़ा ले रही है ? तब मैंने कहा सूफिया तुझे भी मज़ा आ रहा है न अपनी सास का भोसड़ा चुदाने में ? वह बोली हां यार खूब मज़ा आ रहा है। अपनी सास का बुर चुदाने में और उससे ज्यादा मज़ा आ रहा है अपनी नन्द की बुर चुदाने में ? लेकिन ये बुर चोदी नाज़नीन अपनी बहू की बुर चुदवाकर बड़ा मज़ा लूट रही है और इसकी बेटी अपनी भाभी की चूत में लन्ड पेल पेल कर मज़ा ले रही है।
बस हम तीनो इसी तरह की गन्दी गन्दी बातें कर कर के चुदाई में मस्ती का रंग घोल रहीं थीं। थोड़ी देर में हमने लन्ड बदल लिया। हिना रहीम और रज़ा से चुदवाने लगी। सूफिया ने मेरे हाथ से रॉकी का लन्ड और वीरू का लन्ड ले लिया। एक अपने मुंह में डाला और दूसरा बुर में। मैंने अरम का लन्ड हाथ बढाकर पकड़ लिया और उसे चूमने लगी। लन्ड बदले तो महफ़िल में फिर एक नया जोश आ गया। इसी तरह हम सभी लौड़े अपनी चूत में घुसा घुसा कर और एक दूसरे की चूत में घुसा घुसा कर चुदवाती रहीं।
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