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मैं खुलेआम सबके सामने चुदवाती रहूंगी - Mujhe sareaam sabhi ke samne chodo
मैं खुलेआम सबके सामने चुदवाती रहूंगी - Mujhe sareaam sabhi ke samne chodo , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
मेरी नन्द ने जब मुझसे कहा भाभी मैं तेरी नन्द की माँ चोदूंगी तो मैं समझ गयी की मेरी नन्द अपनी माँ चोदेगी। और अगर वह अपनी माँ का भोसड़ा चोदती है तो मेरे लिए इससे और अच्छी बात क्या हो सकती है ? फिर तो वह मेरी भी चूत चोदेगी और मैं उसकी चूत चोदूंगी ?
भाभी तुम नहीं जानती हो की तेरी नन्द की माँ कितनी बदचलन, कितनी आवारा और कितनी छिनार है। हां मैं मानती हूँ की वह तेरी सास है। लेकिन सास को सास की तरह रहना चाहिए की नन्द की तरह ? वह तुमसे इस तरह क्या व्यबहार करती है जैसे की मैं नहीं वह तेरी नन्द है ? मैंने कई बार उसे तुमसे बात करते हुए सुना है। उस दिन उसने तुमसे पूंछा बहू तुमने अपने कॉलेज के दिनों में तो लन्ड पकड़े ही होंगें ? अब बताओ ये बात कोई सास अपनी बहू से कैसे पूंछ सकती है ? ये सब पूंछने का हक़ केवल नन्द को है सास को नहीं ?
फिर एक दिन बोली बहू तुम्हे किस तरह का लन्ड पसंद है ? मोटा की लंबा लन्ड ? भला बताओ यह भी कोई पूंछने की बात है ? कल तो हद ही हो गयी जब उसने तुमसे यह पूंछ लिया की बहू तूने कभी किसी पराये मरद का लन्ड पकड़ा है ? हालांकि भाभी तुमने बड़ी चालाकी और सफाई से जबाब तो दे दिया पर मेरे ख्याल से तेरी सास को ऐसे सवाल पूंछने नहीं चाहिए ? तुम्हारी जगह कोई और बहू होती तो अब तक गांड मार देती अपनी सास की ? झांटें उखाड़ लेती अपनी सास की ?
भाभी बोली :- अरे मेरी नन्द रानी, इसमें बुरा मानने की क्या जरुरत है। मेरी सास हैं उसे मेरे बारे में सब कुछ जानने का हक़ है। वो जो भी पूँछेगी मैं उन सबका माकूल जबाब दूँगी। वह भी अभी जवान है। उसके पास भी चूत है, चूत में आग है तो फिर इस तरह के सवाल तो उठते ही रहतें हैं। मैं भी एक दिन पूँछूँगी सासू जी तुमको किस तरह के लन्ड पसंद हैं ? अगर उसने अपनी पसंद बता दी तो मैं फिर रुकने वाली नहीं हूँ। मैं उसी तरह का लन्ड तेरी माँ की चूत में घुसेड़ दूँगी नन्द रानी ?
मैंने कहा :- भाभी मैं तो और आगे की सोंचती हूँ। अगर तेरी सास का यही रवैया रहा तो मैं किसी दिन तेरी नन्द की माँ चोदूँगी।
थोड़ी देर बाद मेरी सास आ गयी।
वह बोली :- अरे बहू ये मैं क्या सुन रही हूँ। तेरी नन्द बुर चोदी बड़ी बड़ी गन्दी गन्दी बातें तुमसे करती है। ऐसा तो मैंने कभी सोंचा नहीं था। मेरे कानों में उसकी कुछ बातें गूँज रही हैं। जब तेरी सुहागरात थी तो तेरी नन्द कह रही थी की भाभी जान आज मेरे शौहर से भी चुदवा लो ? उसका लौड़ा भी बड़ा मस्त है। अब बताओ बहू भला कोई ऐसा कैसे कह सकती है ? वह भी सुहागरात में ? तेरी नन्द इस कदर बदतमीज हो गयी है। एक दिन और वह तुमसे बोल रही थी की भाभी मेरी झांटे बना दो ? वह अपने आप को समझती क्या है भोसड़ी वाली ? अरे बताओ वो खुद अपनी झांटें नहीं बना सकती क्या ? और अगर नहीं बना सकती तो फिर पार्लर क्यों नहीं चली जाती ? आजकल लड़कियां वहां जाकर लड़कों से अपनी झांटें बनवातीं हैं। तुमसे अपनी झांटें बनवाने का क्या मतलब ? और फिर उस दिन ? उस दिन तो तेरी नन्द ने हद ही कर दी जब वह बोली भाभी किसी जवान मर्द का लन्ड मेरी भी चूत में पेल दो ? उसकी यह बात सुनकर मेरी झांटें सुलग गयीं। अरे तू अगर पराये मर्दों से चुदवाती है तो चुदवा ? दूसरों से क्यों कहती है ? दूसरों को क्यों उकसाती है। असली बात यह है की तेरी नन्द की जबसे शादी हुई है तबसे वह बहुत ज्यादा ही उत्पात करने लगी है। मुझे लगता है की अब उसके पर कतरने पड़ेगें मुझे। इसलिए मैं किसी दिन तेरी सास की बिटिया की बुर चोदूंगी , बहू।
मैं इस घर की बहू हूँ। मेरा नाम समीना है और मैं २५ साल की एक खूबसूरत बीवी हूँ। मुझे भी लन्ड से बहुत मोहब्बत है। लन्ड तो लन्ड है वो किसी का भी हो ? मैं लन्ड देखती हूँ लन्ड वाले का मुंह नहीं। अब तुम देखो दोस्तों यहाँ मेरी ससुराल में क्या हो रहा है। मेरी नन्द कहती है भाभी मैं तेरी सास का भोसड़ा चोदूँगी। उधर मेरी सास कहती है की बहू मैं तेरी सास की बिटिया की बुर चोदूंगी। सास मेरी नन्द की बुर चोदने में तुली हुई है और नन्द मेरी सास की बुर। यहाँ बहन चोद मेरी बुर का किसी को ख्याल ही नहीं है। आखिर कौन मेरी बुर चोदेगी ? कौन घुसेड़ेगी मेरी बुर में लन्ड ?
मेरी सास का नाम है हर्जाना बेगम. मेरी नन्द है २४ साल की शीबा।
दूसरे दिन सवेरे सवेरे मेरी सास आयी और बोली बहू तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? अब मैं कुछ और बर्दास्त नहीं करने वाली। माँ चोद दूँगी मैं तेरी नन्द की ? ऐसा कह कर वह चली गयी। तभी थोड़ी देर में मेरी नन्द आ गयी। वह बोली भाभी तेरी सास की बिटिया की बुर ? अब मैं तेरी सास को नहीं छोड़ूंगी। उसकी गांड में दम कर दूँगी मैं। तेरी सास की बेटी की बुर ? मेरी एक झांट भी नहीं उखाड़ पायेगी वो।
मैं समझ गयी की आज माँ बेटी में कुछ खट पट हो गयी है। माँ अपनी बेटी को गाली दे रही है और बेटी अपनी माँ को ? मज़ा मुझे जरूर आ रहा है लेकिन मैं यह जानना चाहती हूँ की माज़रा क्या है ? मैंने बहुत जासूसी की लेकिन मेरे हाथ में कुछ नहीं आया। एक दिन दोनों मेरे सामने बैठी थीं।
तब मैंने पूंछा :- सासू जी तुम दोनों आप में लड़ रही थीं। एक दूसरे को गाली दे रही थीं। ऐसी कौन सी बात हो गयी जिससे आपस में मनमुटाव पैदा हो गया।
सास बोली :- अरी बहू , तुम नहीं जानती हो की तेरी नन्द मादर चोद कितनी धोकेबाज है ? इससे मैंने कहा था की बेटी शीबा अबकी बार जब अपनी ससुराल से आना तो एक कोई बड़ा घोड़े या गधे के जैसा लन्ड लेकर आना और उसे अपनी माँ के भोसड़ा में पेलना ? ये भोसड़ी की खाली हाथ आ गयी। गधे के जैसा लन्ड कौन कहे ये तो बन्दर की नूनी भी लेकर नहीं आयी। इसने मुझे धोखा दिया।
तब नन्द बोली :- अरे भाभी धोखे बाज मैं नहीं हूँ। ये मेरी अम्मी जान है। तुम नहीं जानती हो की तेरी सास कितनी हरामजादी है। मैंने इससे कहा था की अम्मी इस बार मेरे लिए कोई मरदाना ८" - ९" का लौड़ा ढूंढ कर रखना और उसे अपनी बेटी की बुर में घुसाना। इस बुर चोदी ने मेरे आने पर कुछ नहीं किया। लौड़ा क्या लौड़े का बच्चा भी नहीं मिला मुझे ? इसलिए मैंने इसे गाली दी की तेरी बिटिया की बुर।
मैंने कहा :- वाओ, बस इतनी सी बात और इतना मनमुटाव ? आजकल तो लन्ड की सब जगह भरमार है। जहाँ चाहो वहां लन्ड ले लो ? जिसका चाहो उसका लन्ड ले लो ?
सास ने कहा :- नहीं बहू ऐसी बात नहीं है। सच यह है की न मैंने कोई लन्ड की बात कही और न इसने। ये सब सफ़ेद झूंठ है। असली बात यह है की हम दोनों इसी तरह की झूंठी बातें करके एक दूसरे का मनोरंजन करतीं हैं। देखो घर में हम दो ही थीं। मैं भी जवान और मेरी बेटी भी जवान। मुझे भी लन्ड की जरुरत और मेरी बेटी को भी लन्ड की जरुरत ? तब हमने एक प्लान बनाया और कहा की शीबा आज से तुम मेरी बेटी नहीं, मेरी बुर चोदी दोस्त हो। मैं तेरी माँ नहीं, तेरी भोसड़ी वाली दोस्त हूँ। आज से हम दोनों गालियों से बात किया करेगीं और साथ साथ ब्लू फिल्म भी देखेंगी। इतना ही नहीं हम दोनों साथ साथ चुदवाया भी करेंगी ? एक दूसरे की चूत में लन्ड घुसाया करेगीं। एक दूसरे का नाम ले ले कर गालियां देगीं और खूब एन्जॉय किया करेगीं। वह मेरी बात मान गयी और उसी दिन से हम दोनों दोस्त की तरह रहने लगीं। एक साथ लन्ड चूसने लगी। एक साथ बुर चुदवाने लगीं।
जब तुम आयी बहू तो हमने सोंचा की क्यों न हम तुमको भी इसी माहौल में ढाल लें। ताकि हम तीनो मिलकर जवानी का मज़ा लूटें। इसीलिए हम दोनों इतने दिनों से नाटक कर रही थीं। हमारे बीच में कोई मनमुटाव नहीं हैं बहू। मैं चाहती हूँ की तुम भी आज से हम दोनों से खूब गालियों से बात करो और मिलकर चोदा चोदी का मज़ा लूटो।
मैंने कहा :- हाय दईया तो यह बात है ? सासू जी तेरी बहू की बुर बहन चोद। मैं तुम दोनों को पूरा साथ दूँगी। तेरी बेटी की भाभी की बुर चोदूंगी और शीबा तू भी सुन मैं तेरी माँ की बहू की बुर में लन्ड पेलूंगी।
बस हम तीनो मिलकर खूब खिलखिलाकर हँसने लगीं .
दूसरे दिन मैंने अपने मामू जान और जीजू को बुला लिया। उन्हें फोन पर सारी कहानी बता दी और कहा की आने में देर न करना। मैं बैठी हुई चाय पे रही थी। तभी मेरी सास आयीं और बोली बहू आज मेरा मन तेरी नन्द की बुर चोदने का हो रहा है। बोलो तुम मेरा साथ दोगी बहू। मैंने कहा हां जरूर साथ दूँगी सासू जी और मैं भी तेरी बिटिया की बुर में लौड़ा पेलूंगी। उसके जाने के बाद मेरी नन्द आ गयी वह बोली भाभी आज मैं तेरी सास का भोसड़ा चोदूंगी। मैंने कहा हां जरूर चोदो। मैं तेरे साथ हूँ। और सुन आज मैं भी तेरी माँ की बुर चोदूंगी। दोनों चली गयीं तो मेरी समझ में नहीं आया की यह सब मजाक था की हकीकत। मैं बड़ी देर तक यही सोंचती रही। अचानक मेरी सास ने मुझे कमरे में बुलाया। मैं जब पहुंची तो वहां का सीन देख कर हैरान रह गयी। मैंने देखा की मेरी सास एकदम नंगी नंगी दो लन्ड हिला रही हैं। मेरी नज़र जब दोनों लन्ड पर पड़ी तो मेरी चूत की आग धधक उठी। वह बोली देख बहू ये है बहनोई सफीक और ये है मेरा नंदोई रफीक। मैं सफीक का लन्ड तेरी चूत में पेलूंगी और रफीक का लन्ड तेरी नन्द की चूत में ? उसने मुझे सफीक का लन्ड पकड़ा दिया। तब तक उसकी बेटी आ गयी। सासू ने कहा ले शीबा भोसड़ी की ले पकड़ रफीक का लन्ड ?
आज मैं बहू की बुर चुदवाऊँगी और दूसरी तरफ अपनी बेटी की चूत ? तब तक मेरी नन्द शीबा भी दो दो लन्ड पकडे हुए कमरे में दाखिल हो गयी। वह बोली हरज़ाना बेगम आज मैं एक लन्ड से चोदूंगी तेरा भोसड़ा और दूसरे लन्ड से तेरी बहू की बुर ? उसने भी मुझे एक लन्ड पकड़ा दिया। अब मैं दो दो लन्ड हिला हिला कर मज़ा लेने लगी। मेरी सास के हाथ में लन्ड पहुंचा तो वह गद गद हो गयीं। नन्द भी एक लन्ड पाकर खुश हो गयी और उसे चूम चूम कर हिलाने लगी। तब तक किसी ने दरवाजा खटखटा दिया। मैं उठी और दरवाजा खोलने लगी। मेरे सामने मेरा मामू और मेरा जीजू खड़ा था। मैंने दोनों को अंदर किया और अपनी चादर उतार कर फेंक दी। मैं बिलकुल नंगी हो गयी। मामू बोला अरे शीबा तू बहन चोद एकदम नंगी है।
मैंने कहा यार अंदर यही सब चल रहा है। अब तुम लोग पकड़े खोल कर नंगे हो जाओ। फिर तो मैं भी नंगी नंगी दो दो लन्ड पकड़े हुए सबके सामने आ गयी। मेरे इस कारनामे की किसी को खबर नहीं थी। मुझे इस तरह लन्ड पकड़े हुए देख कर सब लोग दंग रह गए। तब मैं बोली सासू जी ये है मेरे मादर चोद मामू का लन्ड ? और ये है मेरे भोसड़ी वाले जीजू का लन्ड ? आज मैं चोदूंगी अपनी नन्द की बुर और नन्द की माँ का भोसड़ा ? वो दोनों मेरी बात सुनकर मुस्कराने लगीं। मैंने मामू का लन्ड सास को पकड़ा दिया और जीजू का लन्ड नन्द को। अब हम तीनो के पास दो दो लन्ड हो गये।
शीबा बोली :- अम्मी, देखो भाभी तो हमारे रंग में अच्छी तरह रंग गयीं हैं। अपनी नन्द की बुर चुदाने जा रही हैं और अपनी सास का भोसड़ा भी।
सास बोली :- अरे बेटी शीबा, मेरी बहू तो हम दोनों से आगे निकल गयी है । मैं बड़ी नसीबवाली हूँ जिसे इतनी अच्छी बहू मिली। अपनी सास का भोसड़ा चुदाने वाली और अपनी नन्द की बुर चुदाने वाली बहू मिली। अब तो ज़िंदगी भर मज़ा ही मज़ा आएगा।
तब तक मैं बोली :- सासू जी मैं भी बहुत नसीब वाली हूँ। मुझे एक चुदक्कड़ नन्द मिली और महा चुदक्कड़ सास मिली। अब तो मैं हमेशा अपनी सास की बुर और नन्द की चूत चोदा करूंगी।
शीबा बोली :- और मैं भी अपनी माँ का भोसड़ा और अपनी भाभी की बुर चोदा करुँगी।
फिर हम तीनो दो दो लन्ड चाटने लगी। एक लन्ड मेरी चूत में घुस गया। मेरे सामने मेरी नन्द भी लन्ड अपनी चूत में पेले हुए छुड़वाने लगी। मेरी सास तो बिलकुल मेरे बगल में ही थीं। उसकी चूत में हुआ था। हाय दईया पूरा लौड़ा पेल दे भोसड़ी के। मुझे अच्छी तरह से चोदो मेरे राजा। बस वह अपनी गांड उठा उठा के छुड़वाने लगीं। और एक लौड़ा मुंह में डाल कर चूसने भी लगी। यही हाल मेरी नन्द का भी था। को इतनी मस्ती से चुदवाते देख कर बड़ी खुश हो रही थी। मुझे भी सबके साथ चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है। मैं अपने मायके में भी अपनी माँ और भाभी के साथ चुदवाती थी तो मज़ा ही मज़ा आता था। यही हाल यहाँ भी हो गया है।
इतने में मेरी सास बोली :- अरी बुर चोदी शीबा देख तेरी माँ का कितनी मस्ती से चुद रहा है भोसड़ा ?
शीबा उधर से बोली :- हां मेरी भोसड़ी की अम्मी मैं देख रही हूँ। और तू भी इधर देख की कैसे चुद रही है तेरी बिटिया की बुर। आज मुझे तेरी बहू के सामने चुदवाने में ज्यादा मज़ा आ रहा है।
सास बोली :- हां शीबा, मेरी बहू भी ससुरी बड़ी मस्ती से चुदवाती है। देखो न कैसे दनादन लौड़ा घुसा रही है अपनी चूत में।
मैंने कहा :- हां सासू जी यह है तेरी बहू की बुर और तेरी बेटी की भाभी की चूत जो लन्ड खाने में कोई शर्म नहीं करती। अगर मेरी नन्द अपनी माँ चुदवा सकती है तो मैं भी अपनी सास चुदवा सकती हूँ। दूसरी तरफ अपनी सास की बहू की बुर में और अपनी नन्द की चूत में लन्ड पेल सकती हूँ,
इसी तरह की बातें करती हुई हम तीनो लन्ड की अदला बदली करने लगीं। एक दूसरे की चूत में लन्ड घुसेड़ने लगीं। एक दूसरे के मुंह में लौड़ा ठूसने लगीं। एक दूसरे की बुर चुदवाने लगीं।
मैं मन ही मन सोंच रही थी की अब तो मुझे हमेशा ऐय्यासी करने का मौक़ा मिल गया है। यहाँ तो मुझे लन्ड मिलते ही रहेगें और मैं खुलेआम सबके सामने चुदवाती रहूंगी।
मेरी नन्द ने जब मुझसे कहा भाभी मैं तेरी नन्द की माँ चोदूंगी तो मैं समझ गयी की मेरी नन्द अपनी माँ चोदेगी। और अगर वह अपनी माँ का भोसड़ा चोदती है तो मेरे लिए इससे और अच्छी बात क्या हो सकती है ? फिर तो वह मेरी भी चूत चोदेगी और मैं उसकी चूत चोदूंगी ?
भाभी तुम नहीं जानती हो की तेरी नन्द की माँ कितनी बदचलन, कितनी आवारा और कितनी छिनार है। हां मैं मानती हूँ की वह तेरी सास है। लेकिन सास को सास की तरह रहना चाहिए की नन्द की तरह ? वह तुमसे इस तरह क्या व्यबहार करती है जैसे की मैं नहीं वह तेरी नन्द है ? मैंने कई बार उसे तुमसे बात करते हुए सुना है। उस दिन उसने तुमसे पूंछा बहू तुमने अपने कॉलेज के दिनों में तो लन्ड पकड़े ही होंगें ? अब बताओ ये बात कोई सास अपनी बहू से कैसे पूंछ सकती है ? ये सब पूंछने का हक़ केवल नन्द को है सास को नहीं ?
फिर एक दिन बोली बहू तुम्हे किस तरह का लन्ड पसंद है ? मोटा की लंबा लन्ड ? भला बताओ यह भी कोई पूंछने की बात है ? कल तो हद ही हो गयी जब उसने तुमसे यह पूंछ लिया की बहू तूने कभी किसी पराये मरद का लन्ड पकड़ा है ? हालांकि भाभी तुमने बड़ी चालाकी और सफाई से जबाब तो दे दिया पर मेरे ख्याल से तेरी सास को ऐसे सवाल पूंछने नहीं चाहिए ? तुम्हारी जगह कोई और बहू होती तो अब तक गांड मार देती अपनी सास की ? झांटें उखाड़ लेती अपनी सास की ?
भाभी बोली :- अरे मेरी नन्द रानी, इसमें बुरा मानने की क्या जरुरत है। मेरी सास हैं उसे मेरे बारे में सब कुछ जानने का हक़ है। वो जो भी पूँछेगी मैं उन सबका माकूल जबाब दूँगी। वह भी अभी जवान है। उसके पास भी चूत है, चूत में आग है तो फिर इस तरह के सवाल तो उठते ही रहतें हैं। मैं भी एक दिन पूँछूँगी सासू जी तुमको किस तरह के लन्ड पसंद हैं ? अगर उसने अपनी पसंद बता दी तो मैं फिर रुकने वाली नहीं हूँ। मैं उसी तरह का लन्ड तेरी माँ की चूत में घुसेड़ दूँगी नन्द रानी ?
मैंने कहा :- भाभी मैं तो और आगे की सोंचती हूँ। अगर तेरी सास का यही रवैया रहा तो मैं किसी दिन तेरी नन्द की माँ चोदूँगी।
थोड़ी देर बाद मेरी सास आ गयी।
वह बोली :- अरे बहू ये मैं क्या सुन रही हूँ। तेरी नन्द बुर चोदी बड़ी बड़ी गन्दी गन्दी बातें तुमसे करती है। ऐसा तो मैंने कभी सोंचा नहीं था। मेरे कानों में उसकी कुछ बातें गूँज रही हैं। जब तेरी सुहागरात थी तो तेरी नन्द कह रही थी की भाभी जान आज मेरे शौहर से भी चुदवा लो ? उसका लौड़ा भी बड़ा मस्त है। अब बताओ बहू भला कोई ऐसा कैसे कह सकती है ? वह भी सुहागरात में ? तेरी नन्द इस कदर बदतमीज हो गयी है। एक दिन और वह तुमसे बोल रही थी की भाभी मेरी झांटे बना दो ? वह अपने आप को समझती क्या है भोसड़ी वाली ? अरे बताओ वो खुद अपनी झांटें नहीं बना सकती क्या ? और अगर नहीं बना सकती तो फिर पार्लर क्यों नहीं चली जाती ? आजकल लड़कियां वहां जाकर लड़कों से अपनी झांटें बनवातीं हैं। तुमसे अपनी झांटें बनवाने का क्या मतलब ? और फिर उस दिन ? उस दिन तो तेरी नन्द ने हद ही कर दी जब वह बोली भाभी किसी जवान मर्द का लन्ड मेरी भी चूत में पेल दो ? उसकी यह बात सुनकर मेरी झांटें सुलग गयीं। अरे तू अगर पराये मर्दों से चुदवाती है तो चुदवा ? दूसरों से क्यों कहती है ? दूसरों को क्यों उकसाती है। असली बात यह है की तेरी नन्द की जबसे शादी हुई है तबसे वह बहुत ज्यादा ही उत्पात करने लगी है। मुझे लगता है की अब उसके पर कतरने पड़ेगें मुझे। इसलिए मैं किसी दिन तेरी सास की बिटिया की बुर चोदूंगी , बहू।
मैं इस घर की बहू हूँ। मेरा नाम समीना है और मैं २५ साल की एक खूबसूरत बीवी हूँ। मुझे भी लन्ड से बहुत मोहब्बत है। लन्ड तो लन्ड है वो किसी का भी हो ? मैं लन्ड देखती हूँ लन्ड वाले का मुंह नहीं। अब तुम देखो दोस्तों यहाँ मेरी ससुराल में क्या हो रहा है। मेरी नन्द कहती है भाभी मैं तेरी सास का भोसड़ा चोदूँगी। उधर मेरी सास कहती है की बहू मैं तेरी सास की बिटिया की बुर चोदूंगी। सास मेरी नन्द की बुर चोदने में तुली हुई है और नन्द मेरी सास की बुर। यहाँ बहन चोद मेरी बुर का किसी को ख्याल ही नहीं है। आखिर कौन मेरी बुर चोदेगी ? कौन घुसेड़ेगी मेरी बुर में लन्ड ?
मेरी सास का नाम है हर्जाना बेगम. मेरी नन्द है २४ साल की शीबा।
दूसरे दिन सवेरे सवेरे मेरी सास आयी और बोली बहू तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? अब मैं कुछ और बर्दास्त नहीं करने वाली। माँ चोद दूँगी मैं तेरी नन्द की ? ऐसा कह कर वह चली गयी। तभी थोड़ी देर में मेरी नन्द आ गयी। वह बोली भाभी तेरी सास की बिटिया की बुर ? अब मैं तेरी सास को नहीं छोड़ूंगी। उसकी गांड में दम कर दूँगी मैं। तेरी सास की बेटी की बुर ? मेरी एक झांट भी नहीं उखाड़ पायेगी वो।
मैं समझ गयी की आज माँ बेटी में कुछ खट पट हो गयी है। माँ अपनी बेटी को गाली दे रही है और बेटी अपनी माँ को ? मज़ा मुझे जरूर आ रहा है लेकिन मैं यह जानना चाहती हूँ की माज़रा क्या है ? मैंने बहुत जासूसी की लेकिन मेरे हाथ में कुछ नहीं आया। एक दिन दोनों मेरे सामने बैठी थीं।
तब मैंने पूंछा :- सासू जी तुम दोनों आप में लड़ रही थीं। एक दूसरे को गाली दे रही थीं। ऐसी कौन सी बात हो गयी जिससे आपस में मनमुटाव पैदा हो गया।
सास बोली :- अरी बहू , तुम नहीं जानती हो की तेरी नन्द मादर चोद कितनी धोकेबाज है ? इससे मैंने कहा था की बेटी शीबा अबकी बार जब अपनी ससुराल से आना तो एक कोई बड़ा घोड़े या गधे के जैसा लन्ड लेकर आना और उसे अपनी माँ के भोसड़ा में पेलना ? ये भोसड़ी की खाली हाथ आ गयी। गधे के जैसा लन्ड कौन कहे ये तो बन्दर की नूनी भी लेकर नहीं आयी। इसने मुझे धोखा दिया।
तब नन्द बोली :- अरे भाभी धोखे बाज मैं नहीं हूँ। ये मेरी अम्मी जान है। तुम नहीं जानती हो की तेरी सास कितनी हरामजादी है। मैंने इससे कहा था की अम्मी इस बार मेरे लिए कोई मरदाना ८" - ९" का लौड़ा ढूंढ कर रखना और उसे अपनी बेटी की बुर में घुसाना। इस बुर चोदी ने मेरे आने पर कुछ नहीं किया। लौड़ा क्या लौड़े का बच्चा भी नहीं मिला मुझे ? इसलिए मैंने इसे गाली दी की तेरी बिटिया की बुर।
मैंने कहा :- वाओ, बस इतनी सी बात और इतना मनमुटाव ? आजकल तो लन्ड की सब जगह भरमार है। जहाँ चाहो वहां लन्ड ले लो ? जिसका चाहो उसका लन्ड ले लो ?
सास ने कहा :- नहीं बहू ऐसी बात नहीं है। सच यह है की न मैंने कोई लन्ड की बात कही और न इसने। ये सब सफ़ेद झूंठ है। असली बात यह है की हम दोनों इसी तरह की झूंठी बातें करके एक दूसरे का मनोरंजन करतीं हैं। देखो घर में हम दो ही थीं। मैं भी जवान और मेरी बेटी भी जवान। मुझे भी लन्ड की जरुरत और मेरी बेटी को भी लन्ड की जरुरत ? तब हमने एक प्लान बनाया और कहा की शीबा आज से तुम मेरी बेटी नहीं, मेरी बुर चोदी दोस्त हो। मैं तेरी माँ नहीं, तेरी भोसड़ी वाली दोस्त हूँ। आज से हम दोनों गालियों से बात किया करेगीं और साथ साथ ब्लू फिल्म भी देखेंगी। इतना ही नहीं हम दोनों साथ साथ चुदवाया भी करेंगी ? एक दूसरे की चूत में लन्ड घुसाया करेगीं। एक दूसरे का नाम ले ले कर गालियां देगीं और खूब एन्जॉय किया करेगीं। वह मेरी बात मान गयी और उसी दिन से हम दोनों दोस्त की तरह रहने लगीं। एक साथ लन्ड चूसने लगी। एक साथ बुर चुदवाने लगीं।
जब तुम आयी बहू तो हमने सोंचा की क्यों न हम तुमको भी इसी माहौल में ढाल लें। ताकि हम तीनो मिलकर जवानी का मज़ा लूटें। इसीलिए हम दोनों इतने दिनों से नाटक कर रही थीं। हमारे बीच में कोई मनमुटाव नहीं हैं बहू। मैं चाहती हूँ की तुम भी आज से हम दोनों से खूब गालियों से बात करो और मिलकर चोदा चोदी का मज़ा लूटो।
मैंने कहा :- हाय दईया तो यह बात है ? सासू जी तेरी बहू की बुर बहन चोद। मैं तुम दोनों को पूरा साथ दूँगी। तेरी बेटी की भाभी की बुर चोदूंगी और शीबा तू भी सुन मैं तेरी माँ की बहू की बुर में लन्ड पेलूंगी।
बस हम तीनो मिलकर खूब खिलखिलाकर हँसने लगीं .
दूसरे दिन मैंने अपने मामू जान और जीजू को बुला लिया। उन्हें फोन पर सारी कहानी बता दी और कहा की आने में देर न करना। मैं बैठी हुई चाय पे रही थी। तभी मेरी सास आयीं और बोली बहू आज मेरा मन तेरी नन्द की बुर चोदने का हो रहा है। बोलो तुम मेरा साथ दोगी बहू। मैंने कहा हां जरूर साथ दूँगी सासू जी और मैं भी तेरी बिटिया की बुर में लौड़ा पेलूंगी। उसके जाने के बाद मेरी नन्द आ गयी वह बोली भाभी आज मैं तेरी सास का भोसड़ा चोदूंगी। मैंने कहा हां जरूर चोदो। मैं तेरे साथ हूँ। और सुन आज मैं भी तेरी माँ की बुर चोदूंगी। दोनों चली गयीं तो मेरी समझ में नहीं आया की यह सब मजाक था की हकीकत। मैं बड़ी देर तक यही सोंचती रही। अचानक मेरी सास ने मुझे कमरे में बुलाया। मैं जब पहुंची तो वहां का सीन देख कर हैरान रह गयी। मैंने देखा की मेरी सास एकदम नंगी नंगी दो लन्ड हिला रही हैं। मेरी नज़र जब दोनों लन्ड पर पड़ी तो मेरी चूत की आग धधक उठी। वह बोली देख बहू ये है बहनोई सफीक और ये है मेरा नंदोई रफीक। मैं सफीक का लन्ड तेरी चूत में पेलूंगी और रफीक का लन्ड तेरी नन्द की चूत में ? उसने मुझे सफीक का लन्ड पकड़ा दिया। तब तक उसकी बेटी आ गयी। सासू ने कहा ले शीबा भोसड़ी की ले पकड़ रफीक का लन्ड ?
आज मैं बहू की बुर चुदवाऊँगी और दूसरी तरफ अपनी बेटी की चूत ? तब तक मेरी नन्द शीबा भी दो दो लन्ड पकडे हुए कमरे में दाखिल हो गयी। वह बोली हरज़ाना बेगम आज मैं एक लन्ड से चोदूंगी तेरा भोसड़ा और दूसरे लन्ड से तेरी बहू की बुर ? उसने भी मुझे एक लन्ड पकड़ा दिया। अब मैं दो दो लन्ड हिला हिला कर मज़ा लेने लगी। मेरी सास के हाथ में लन्ड पहुंचा तो वह गद गद हो गयीं। नन्द भी एक लन्ड पाकर खुश हो गयी और उसे चूम चूम कर हिलाने लगी। तब तक किसी ने दरवाजा खटखटा दिया। मैं उठी और दरवाजा खोलने लगी। मेरे सामने मेरा मामू और मेरा जीजू खड़ा था। मैंने दोनों को अंदर किया और अपनी चादर उतार कर फेंक दी। मैं बिलकुल नंगी हो गयी। मामू बोला अरे शीबा तू बहन चोद एकदम नंगी है।
मैंने कहा यार अंदर यही सब चल रहा है। अब तुम लोग पकड़े खोल कर नंगे हो जाओ। फिर तो मैं भी नंगी नंगी दो दो लन्ड पकड़े हुए सबके सामने आ गयी। मेरे इस कारनामे की किसी को खबर नहीं थी। मुझे इस तरह लन्ड पकड़े हुए देख कर सब लोग दंग रह गए। तब मैं बोली सासू जी ये है मेरे मादर चोद मामू का लन्ड ? और ये है मेरे भोसड़ी वाले जीजू का लन्ड ? आज मैं चोदूंगी अपनी नन्द की बुर और नन्द की माँ का भोसड़ा ? वो दोनों मेरी बात सुनकर मुस्कराने लगीं। मैंने मामू का लन्ड सास को पकड़ा दिया और जीजू का लन्ड नन्द को। अब हम तीनो के पास दो दो लन्ड हो गये।
शीबा बोली :- अम्मी, देखो भाभी तो हमारे रंग में अच्छी तरह रंग गयीं हैं। अपनी नन्द की बुर चुदाने जा रही हैं और अपनी सास का भोसड़ा भी।
सास बोली :- अरे बेटी शीबा, मेरी बहू तो हम दोनों से आगे निकल गयी है । मैं बड़ी नसीबवाली हूँ जिसे इतनी अच्छी बहू मिली। अपनी सास का भोसड़ा चुदाने वाली और अपनी नन्द की बुर चुदाने वाली बहू मिली। अब तो ज़िंदगी भर मज़ा ही मज़ा आएगा।
तब तक मैं बोली :- सासू जी मैं भी बहुत नसीब वाली हूँ। मुझे एक चुदक्कड़ नन्द मिली और महा चुदक्कड़ सास मिली। अब तो मैं हमेशा अपनी सास की बुर और नन्द की चूत चोदा करूंगी।
शीबा बोली :- और मैं भी अपनी माँ का भोसड़ा और अपनी भाभी की बुर चोदा करुँगी।
फिर हम तीनो दो दो लन्ड चाटने लगी। एक लन्ड मेरी चूत में घुस गया। मेरे सामने मेरी नन्द भी लन्ड अपनी चूत में पेले हुए छुड़वाने लगी। मेरी सास तो बिलकुल मेरे बगल में ही थीं। उसकी चूत में हुआ था। हाय दईया पूरा लौड़ा पेल दे भोसड़ी के। मुझे अच्छी तरह से चोदो मेरे राजा। बस वह अपनी गांड उठा उठा के छुड़वाने लगीं। और एक लौड़ा मुंह में डाल कर चूसने भी लगी। यही हाल मेरी नन्द का भी था। को इतनी मस्ती से चुदवाते देख कर बड़ी खुश हो रही थी। मुझे भी सबके साथ चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है। मैं अपने मायके में भी अपनी माँ और भाभी के साथ चुदवाती थी तो मज़ा ही मज़ा आता था। यही हाल यहाँ भी हो गया है।
इतने में मेरी सास बोली :- अरी बुर चोदी शीबा देख तेरी माँ का कितनी मस्ती से चुद रहा है भोसड़ा ?
शीबा उधर से बोली :- हां मेरी भोसड़ी की अम्मी मैं देख रही हूँ। और तू भी इधर देख की कैसे चुद रही है तेरी बिटिया की बुर। आज मुझे तेरी बहू के सामने चुदवाने में ज्यादा मज़ा आ रहा है।
सास बोली :- हां शीबा, मेरी बहू भी ससुरी बड़ी मस्ती से चुदवाती है। देखो न कैसे दनादन लौड़ा घुसा रही है अपनी चूत में।
मैंने कहा :- हां सासू जी यह है तेरी बहू की बुर और तेरी बेटी की भाभी की चूत जो लन्ड खाने में कोई शर्म नहीं करती। अगर मेरी नन्द अपनी माँ चुदवा सकती है तो मैं भी अपनी सास चुदवा सकती हूँ। दूसरी तरफ अपनी सास की बहू की बुर में और अपनी नन्द की चूत में लन्ड पेल सकती हूँ,
इसी तरह की बातें करती हुई हम तीनो लन्ड की अदला बदली करने लगीं। एक दूसरे की चूत में लन्ड घुसेड़ने लगीं। एक दूसरे के मुंह में लौड़ा ठूसने लगीं। एक दूसरे की बुर चुदवाने लगीं।
मैं मन ही मन सोंच रही थी की अब तो मुझे हमेशा ऐय्यासी करने का मौक़ा मिल गया है। यहाँ तो मुझे लन्ड मिलते ही रहेगें और मैं खुलेआम सबके सामने चुदवाती रहूंगी।
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