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मेरे कपड़े उतार कर मुझे नंगी कर दिया - Mere kapde utarkar mujhe nangi kar diya aur choda
मेरे कपड़े उतार कर मुझे नंगी कर दिया - Mere kapde utarkar mujhe nangi kar diya aur choda ; Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.
उन दिनों मेरी उम्र २१ साल की हो गयी थी और मैं भर पूरा जवानी पर सवार थी. मेरा बदन गदराया हुआ था। मेरे बूब्स दिन पर दिन बढ़ते जा रहे थे। मैं महीने में दो बार अपनी ब्रा बदलती थी क्यंकि जो भी ब्रा बाज़ार से खरीद कर लाती वह १५ दिन में ही छोटी हो जाती थी। मेरी जांघें मोटी मोटी हो गयीं थी। उसके बीच की चूत मस्त हो चुकी थी। मेरी काली काली झांटें इस बात का सबूत थीं की मैं अपने पूरे शबाब पर हूँ। मेरे चूतड़ उभर आये थे और मेरी गांड वाकई देखने वाली हो गयी थी। मैं अक्सर जींस और टॉप पहनती थी। चलने पर आगे से मेरी चूँचियाँ हिलती थी और पीछे से मेरी गांड मटकती थी। रास्ते में देखने वाले लोग मुझे देख कर अपना लण्ड सहलाने लगते थे और मैं मन ही मन मंद मंद मुस्कराती हुई चली जाती थी। मैं एक धनी परिवार की लड़की हूँ। हमारे यहाँ पैसों की कमी नहीं है। घर में भी खूब आज़ादी रहती है। बिना मतलब की कोई टोका टोकी नहीं होती। सब लोग एक दूसरे से खुल कर बातें करतें हैं, खूब मस्ती और प्यार से गालियां बकतें है और एन्जॉय करतें हैं। ऐसा होने से किसी को झूंठ बोलने की कोई जररत नहीं पड़ती।
एक बार अम्मी ने कहा था की ज़िन्दगी को खुश हाल बनाने का एक ही तरीका है ज़िन्दगी को अच्छी तरह से जियो ? इसलिए ज़िन्दगी को जीना सीखो बेटी। जैसे बचपन को जिया है वैसे ही जवानी को जियो। बचपन में बचपन के खेल खेलें हैं तोअब जवान में जवानी के खेल खेलो। जब बुढ़ापा आये तो बुढ़ापे के खेल खेल लेना ? अम्मी की इन बातों मुझे बहुत कुछ सिखा दिया।
मेरा नाम तमन्ना है मैं एक चंचल और शोख लड़की हूँ। पढ़ने मेंअच्छी हूँ, बात करने में बोल्ड हूँ और गालियां बकने में बिंदास हूँ। मैं कॉलेज में इन्ही सब बातों के लिए मशहूर थी। एक दिन कॉलेज में कुछ लड़कों ने कहा अच्छा तमन्ना अगर तुम बोल्ड हो तो यह पत्र पढ़ कर सुनाओ। मैंने मन में ही पत्र पढ़ना शुरू किया। उसमे गन्दी गन्दी बातें और बहुत सी गालियां लिखीं थीं . मैं लड़कों की मंशा समझ गयी। वो सब भोसड़ी के मेरे मुंह से वो सब सुनना चाहते थे जो उसमे लिखा था। मैंने भी सोंचा की आज मैं इन्हे सुना ही देती हूँ। मैं पढ़ने लगी। उसमे लिखा था :-
"सुनो भोसड़ी वालों, मादर चोदों मैं एक बिंदास और बोल्ड लड़की हूँ। सबकी माँ बहन चोद देती हूँ. गांड मारती हूँ मैं सबकी, तेरी माँ का भोसड़ा, बहन का लण्ड , साले गांडू कहीं के , तेरी बहन की बुर, माँ की चूत, भोसड़ी के, तेरी गांड में पेल दूँगी लण्ड, उखाड़ लूंगी तेरी झांटें, नोच के फेंक दूँगी तेरा लण्ड ? साले भड़ुए, कुत्ते, कमीने, तुम लोग सिर्फ अपना लौड़ा हिलाना ही जानते हो बाकी तुम्हे कुछ नहीं आता ? चोदना आता है तुम्हे ? लण्ड तो खड़ा होता नहीं तेरा और चला है बुर चोदने ? अब तो मैं लौड़ा तेरी गांड में घुसेड़ दूंगी। और तू भोसड़ी की बुर चोदी इतनी देर से अपनी माँ चुदा रही थी ? लण्ड पेल रही थी तू अपनी माँ की चूत में, तेरी तो ,,,,,,,,,,,,,,,,,?
सब लोगों ने खूब तालियां बजाई और उस दिन से मैं और मशहूर हो गयी।
एक दिन अम्मी जाने किस मूड में थीं।
बस मैं भी बेशर्म हो गयी और नंगी नंगी लण्ड चाटने लगी। उन लोगों ने मुझे नंगी देखा तो उसके लण्ड और टन टना उठे। उनमे से एक लड़का मेरी बुर चाटने लगा। मेरी चिकनी चूत उसे पसंद आ गयी। मुझे लण्ड का टोपा बड़ा मज़ा दे रहा था। तब तक शीबा ने लण्ड बदल दिया। अपना लण्ड मुझे दे दिया और मेरा लण्ड खुद ले लिया। मुझे यह भी लण्ड बड़ा अच्छा लगा। लेकिन मैं समझ नहीं पा रही थी की ये दोनों लण्ड हैं किसके ? शीबा ने कुछ बताया ही नहीं। तब तक कमरे में शीबा की अम्मी यानी मेरी खाला आ गयी।
वह मुझे देखते ही बोली :- तमन्ना तेरी माँ की चूत भोसड़ी वाली तू अकेले ही आयी है ?
मैंने कहा :- हां खाला जान मैं तो अकेले ही आयी हूँ। घर में केवल अम्मी हैं और अब्बू कहीं गया है ।
खाला बोली :- तेरे अब्बू की बहन का भोसड़ा तमन्ना ? मैं जानती हूँ की तेरे अब्बू का लण्ड बड़ा मशहूर है। जो एक बार चुदवाकर जाती है उससे वह बार बार चुदवाने आती है।
मैंने पूंछा :- खाला तुम मेरे अब्बू का लण्ड जानती हो ?
खाला बोली :- हां हां बिलकुल जानती हूँ। मैं भी जानती हूँ तेरे अब्बू का लण्ड और मेरी चूत भी जानती है उसका लण्ड। मैं तो अँधेरे में भी तेरे बाप का लण्ड पहचान लूंगी तमन्ना ?
खाला जान चूँकि नंगी नंगी आयी थीं तो मैं समझ गयी की शीबा अपनी माँ चुदवाती है। और खाला भी शीबा की चूत में लण्ड पेलती है।
तब तक शीबा बोली :- लो अम्मी तुम भी पकड़ के देखो लण्ड ? खाला ने हाथ बढ़ा कर लण्ड पकड़ लिया। अब एक लण्ड मेरे हाथ में था और एक लण्ड खाला के हाथ में। शीबा हम दोनों की चूत सहलाने लगी।
मेरा ससुर साला दूसरों की बीवियां चोदता है। लड़कियों की बुर लेता है। उनकी माँ के भोसड़ा में अपना लण्ड पेलता है। यार तमन्ना जानती हो मेरे ससुर का लण्ड बड़ा मोटा तगड़ा है। मैं भी उसके लण्ड की दीवानी हूँ। इतने में हम दोनों पीछे से चुदवाने लगी। इस बार आमिर मुझे चोदने लगा और साहिर खाला को। खाला को मुझे चुदवाते हुए देख कर मस्ती आने लगी। मुझे भी खाला की चुदती हुई बुर देख कर मज़ा आने लगा। शीबा भी अपनी माँ चुदवाकर खुश हो रही थी।
शीबा बोली - तमन्ना, तेरी माँ की बहन की बुर ? खाला समझ गयी की शीबा मेरी बुर की बात कर रही है। तब खाला ने जबाब दिया :- तमन्ना, तेरी खाला की बिटिया की बुर ? मैंने भी कहा - खाला तेरी बहन की बिटिया की चूत ? ऐसा कह कर मैंने लण्ड अपनी चूत से निकाल कर शीबा की चूत में घुसेड़ दिया। शीबा बुर चोदी रंडी की तरह चुदवाने लगी। मुझे इतना मज़ा आ रहा था दोस्तों, की मैं उसे वयान नहीं कर सकती ? ३/४ लोगों के साथ एक साथ चुदवाना वास्तव में बड़ा मजेदार होता है। एक दूसरे की चूत में लण्ड पेलना वाकई बड़ा मज़ा देता है। मैं तो अकेले कभी नहीं चुदवाती हूँ। मुझे जब चुदवाना होता है तो मैं अपने साथ किसी को ले लेती हूँ। वो चाहे माँ हो, बहन हो, खाला हों, चची हों, फूफी हों, नन्द हो, भाभी हो, सास हो, जेठानी हो, देवरानी हो, चाहे पड़ोसन ही क्यों न हो ? कोई न कोई साथ में चुदवाने वाली चाहिए। मस्त गालियां बकने वाली और लण्ड पीने वाली चाहिए। तब आता है मज़ा ?
एक दिन मैं अचानक अपनी फूफी के घर पहुँच गयी। मैंने बेल बजाई लड़की ने दरवाजा खोला और बोली हाय तमन्ना तू ? अंदर आ जा। मैं उसके साथ अंदर गयी और कमरे में बैठ गयी। वह कपड़ों से कुछ अस्त व्यस्त थी। एक चादर ओढ़े हुए थी। पूंछा फूफी कहाँ है मुम्मू ? उसका नाम है मुमताज़ लेकिन लोग उसे प्यार से मम्मू कहते हैं। वह बोली अम्मी तो बाहर गयीं हैं। मैंने कहा हाय दईया तभी तू मज़ा कर रही है ? वह बोली अरे नहीं यार अगर वह बुर चोदी होती तो और मज़ा करती। शादी के बाद मेरी अम्मी भोसड़ी की मेरी नन्द हो गयी हैं। और मैं उसकी बुर में लण्ड पेलती हूँ। मैं उसकी भाभी हूँ तो वह मेरी बुर लण्ड पेलती है। मैंने पूंछा तो फिर आज क्या हो रहा है ? उसने अपनी चादर उतार कर फेंक दी और अंदर से एकदम नंगी नंगी मेरे सामने खड़ी हो गयी. मुझे अपनी बुर दिखाती हुई बोली यही हो रहा है ?
फिर वह मुझे अंदर कमरे में ले गयी। मैंने वहां देखा की एक लड़की उसी की उम्र की नंगी नंगी बैठी हुई दो लण्ड चाट रही है। मम्मू बोली यार तमन्ना ये है मेरा देवर और ये है मेरी नन्द का देवर। ये जो लड़की नंगी बैठी है ये मेरी नन्द है। इसका देवर मेरी बुर ले रहा है और मेरा देवर इसकी बुर ले रहा है। अब तू आ गयी है तो ये दोनों तेरी बुर लेगें तमन्ना ? मैंने कहा यार लण्ड तो दोनों के बड़े बेहतरीन हैं। मुम्मू बोली लण्ड तो तेरा अब्बू का बड़ा बेहतरीन है तमन्ना ? मैंने कहा हाय अल्ला, तू मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ती है ? मेरे अब्बू से चुदवाती है ? वह बोली हां तो क्या हुआ ? तेरे अब्बू की बहन का भोसड़ा ? मैंने कहा यार मेरी अब्बू की बहन तो तेरी माँ है तो क्या उसका भोसड़ा ? वह बोली हां हां यार मेरी माँ का भोसड़ा ? तेरी फूफी का भोसड़ा ? तेरी माँ का भोसड़ा ? चुदाई में सब चलता है।
देख तमन्ना लड़की जब जवान होती है तो वह सबसे पहले अपने मामू जान का लण्ड पकड़ती है क्योंकि वह सेफ होता है। फिर वह खालू और फूफा का लण्ड पकड़ती है और जीजू का लण्ड पकड़ती है। उसके बाद वह पीछे मुड़ कर नहीं देखती आगे ही आगे बढती जाती है। ऐसा कह कर मुम्मू ने एक लण्ड मुहे पकड़ा दिया और फिर मेरे कपड़े उतार कर मुझे नंगी कर दिया।
मैं भी मस्ती से उन दोनों के साथ भकाभक चुदवाने लगी।
उन दिनों मेरी उम्र २१ साल की हो गयी थी और मैं भर पूरा जवानी पर सवार थी. मेरा बदन गदराया हुआ था। मेरे बूब्स दिन पर दिन बढ़ते जा रहे थे। मैं महीने में दो बार अपनी ब्रा बदलती थी क्यंकि जो भी ब्रा बाज़ार से खरीद कर लाती वह १५ दिन में ही छोटी हो जाती थी। मेरी जांघें मोटी मोटी हो गयीं थी। उसके बीच की चूत मस्त हो चुकी थी। मेरी काली काली झांटें इस बात का सबूत थीं की मैं अपने पूरे शबाब पर हूँ। मेरे चूतड़ उभर आये थे और मेरी गांड वाकई देखने वाली हो गयी थी। मैं अक्सर जींस और टॉप पहनती थी। चलने पर आगे से मेरी चूँचियाँ हिलती थी और पीछे से मेरी गांड मटकती थी। रास्ते में देखने वाले लोग मुझे देख कर अपना लण्ड सहलाने लगते थे और मैं मन ही मन मंद मंद मुस्कराती हुई चली जाती थी। मैं एक धनी परिवार की लड़की हूँ। हमारे यहाँ पैसों की कमी नहीं है। घर में भी खूब आज़ादी रहती है। बिना मतलब की कोई टोका टोकी नहीं होती। सब लोग एक दूसरे से खुल कर बातें करतें हैं, खूब मस्ती और प्यार से गालियां बकतें है और एन्जॉय करतें हैं। ऐसा होने से किसी को झूंठ बोलने की कोई जररत नहीं पड़ती।
एक बार अम्मी ने कहा था की ज़िन्दगी को खुश हाल बनाने का एक ही तरीका है ज़िन्दगी को अच्छी तरह से जियो ? इसलिए ज़िन्दगी को जीना सीखो बेटी। जैसे बचपन को जिया है वैसे ही जवानी को जियो। बचपन में बचपन के खेल खेलें हैं तोअब जवान में जवानी के खेल खेलो। जब बुढ़ापा आये तो बुढ़ापे के खेल खेल लेना ? अम्मी की इन बातों मुझे बहुत कुछ सिखा दिया।
मेरा नाम तमन्ना है मैं एक चंचल और शोख लड़की हूँ। पढ़ने मेंअच्छी हूँ, बात करने में बोल्ड हूँ और गालियां बकने में बिंदास हूँ। मैं कॉलेज में इन्ही सब बातों के लिए मशहूर थी। एक दिन कॉलेज में कुछ लड़कों ने कहा अच्छा तमन्ना अगर तुम बोल्ड हो तो यह पत्र पढ़ कर सुनाओ। मैंने मन में ही पत्र पढ़ना शुरू किया। उसमे गन्दी गन्दी बातें और बहुत सी गालियां लिखीं थीं . मैं लड़कों की मंशा समझ गयी। वो सब भोसड़ी के मेरे मुंह से वो सब सुनना चाहते थे जो उसमे लिखा था। मैंने भी सोंचा की आज मैं इन्हे सुना ही देती हूँ। मैं पढ़ने लगी। उसमे लिखा था :-
"सुनो भोसड़ी वालों, मादर चोदों मैं एक बिंदास और बोल्ड लड़की हूँ। सबकी माँ बहन चोद देती हूँ. गांड मारती हूँ मैं सबकी, तेरी माँ का भोसड़ा, बहन का लण्ड , साले गांडू कहीं के , तेरी बहन की बुर, माँ की चूत, भोसड़ी के, तेरी गांड में पेल दूँगी लण्ड, उखाड़ लूंगी तेरी झांटें, नोच के फेंक दूँगी तेरा लण्ड ? साले भड़ुए, कुत्ते, कमीने, तुम लोग सिर्फ अपना लौड़ा हिलाना ही जानते हो बाकी तुम्हे कुछ नहीं आता ? चोदना आता है तुम्हे ? लण्ड तो खड़ा होता नहीं तेरा और चला है बुर चोदने ? अब तो मैं लौड़ा तेरी गांड में घुसेड़ दूंगी। और तू भोसड़ी की बुर चोदी इतनी देर से अपनी माँ चुदा रही थी ? लण्ड पेल रही थी तू अपनी माँ की चूत में, तेरी तो ,,,,,,,,,,,,,,,,,?
सब लोगों ने खूब तालियां बजाई और उस दिन से मैं और मशहूर हो गयी।
एक दिन अम्मी जाने किस मूड में थीं।
- वह मुझसे पूंछ बैठी - तमन्ना बता तूने अभी लण्ड पकड़ना शुरूकिया की नहीं ?
- मैं बड़ी देर तक कुछ बोली नहीं तो वह फिर पूंछने लगी। अच्छा यह बता की मेरे जीजू का लण्ड मोटा है की तेरे जीजू का लण्ड ?
- अब मैं फंस गयी। क्योंकि मैं अपने जीजू लण्ड भी पकड़ चुकी थी और अम्मी के जीजू यानी खालू का लण्ड भी पकड़ चुकी थी। मुझे लगा की यह बात शायद अम्मी को मालूम हो गयी है। तब मेरे मुंह से निकला मेरे जीजू लण्ड मोटा है अम्मी और तेरे जीजू का लण्ड लम्बा है।
- अम्मी मुस्कराकर बोली हाय तो क्या तू दोनों के लण्ड पकड़ कर देख चुकी है बुर चोदी तमन्ना ?
- हां अम्मी देख चुकी हूँ। अब तुमसे क्या छुपाना पकड़ा ही नहीं देखा बल्कि ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,?
- हाय अल्ला, तो तू दोनों से चुदवा चुकी है। एक बार चुदवा चुकी है तो फिर दुबारा, तिबारा और चौबारा भी चुदवाया होगा।
- हां अम्मी चुदवाया है। तुम ठीक कह रही हो ?
- भोसड़ी की तमन्ना, तो फिर तुम्हे अपनी माँ चुदाने का ख्याल क्यों नहीं आया ? कभी किसी दिन लौड़ा अपनी माँ की चूत में पेल देती तो क्या तेरी गांड फट जाती ?
- अब अम्मी मुझे चैलेन्ज करने लगी। तब मैं भी बोली पड़ी- अरी मेरी हरामजादी अम्मी किसी दिन तूने ही लण्ड अपनी बेटी की बुर में पेल दिया होता तो क्या तेरी गांड फट जाती ? तुम्हे तो मालूम है की तेरी बेटी मादर चोद अब जवान हो गयी है।
बस मैं भी बेशर्म हो गयी और नंगी नंगी लण्ड चाटने लगी। उन लोगों ने मुझे नंगी देखा तो उसके लण्ड और टन टना उठे। उनमे से एक लड़का मेरी बुर चाटने लगा। मेरी चिकनी चूत उसे पसंद आ गयी। मुझे लण्ड का टोपा बड़ा मज़ा दे रहा था। तब तक शीबा ने लण्ड बदल दिया। अपना लण्ड मुझे दे दिया और मेरा लण्ड खुद ले लिया। मुझे यह भी लण्ड बड़ा अच्छा लगा। लेकिन मैं समझ नहीं पा रही थी की ये दोनों लण्ड हैं किसके ? शीबा ने कुछ बताया ही नहीं। तब तक कमरे में शीबा की अम्मी यानी मेरी खाला आ गयी।
वह मुझे देखते ही बोली :- तमन्ना तेरी माँ की चूत भोसड़ी वाली तू अकेले ही आयी है ?
मैंने कहा :- हां खाला जान मैं तो अकेले ही आयी हूँ। घर में केवल अम्मी हैं और अब्बू कहीं गया है ।
खाला बोली :- तेरे अब्बू की बहन का भोसड़ा तमन्ना ? मैं जानती हूँ की तेरे अब्बू का लण्ड बड़ा मशहूर है। जो एक बार चुदवाकर जाती है उससे वह बार बार चुदवाने आती है।
मैंने पूंछा :- खाला तुम मेरे अब्बू का लण्ड जानती हो ?
खाला बोली :- हां हां बिलकुल जानती हूँ। मैं भी जानती हूँ तेरे अब्बू का लण्ड और मेरी चूत भी जानती है उसका लण्ड। मैं तो अँधेरे में भी तेरे बाप का लण्ड पहचान लूंगी तमन्ना ?
खाला जान चूँकि नंगी नंगी आयी थीं तो मैं समझ गयी की शीबा अपनी माँ चुदवाती है। और खाला भी शीबा की चूत में लण्ड पेलती है।
तब तक शीबा बोली :- लो अम्मी तुम भी पकड़ के देखो लण्ड ? खाला ने हाथ बढ़ा कर लण्ड पकड़ लिया। अब एक लण्ड मेरे हाथ में था और एक लण्ड खाला के हाथ में। शीबा हम दोनों की चूत सहलाने लगी।
- तब खाला बोली तमन्ना जानती हो ये लण्ड किसके हैं ?
- मैंने कहा नहीं खाला मैं तो बिलकुल नहीं जानती।
- तब खाला ने बताया ये हैं शीबा के मियां के दोस्तों के लण्ड ? इसका नाम है आमिर और जो लण्ड तेरे हाथ में है वह है साहिर। ये दोनों भोसड़ी के मेरी बेटी की बुर लेने आये हैं। शीबा का शौहर इन दोनों की बीवियों की बुर ले रहा है। ये दोनों यहाँ उसकी बीवी चोद रहे हैं और वो वहां इन दोनों की बीवियां चोद रहा है। मेरी बेटी और मेरा दामाद दोनों बीवियों की अदला बदली का खेल खेलते हैं। इन लोगों के पास कई कपल हैं। सब मिलकर एक दूसरे की बीवी चोदते हैं और खूब एन्जॉय करते हैं।
- मैंने कहा अच्छा तो आज ये दोनों शीबा की माँ चोदने आए हैं क्या खाला जान ?
- हां तमन्ना तूने सही कहा आज ये दोनों शीबा की माँ चोदेगें। क्योंकि शीबा की माँ भोसड़ी वाली अभी बड़ी जवान है. (खाला जान अपनी ही तारीफ अपने मुंह से कर रही थीं ) और उधर मेरा दामाद इन दोनों की बीवियों की माँ चोदेगा क्योंकि उनकी भी माँ जवान हैं।
- मैंने पूंछा ये माँ चोदने का सुझाव किसने दिया खाला ?
- खाला ने कहा मैंने ही दिया। एक दिन मुझे मालूम हुआ की मेरी बेटी अपने मियां के दोस्तों से चुदवाती है तो फिर मेरी भी चूत उनके लण्ड के लिए मचलने लगी। मैंने बेटी से कहा तू अगर चुदवा सकती है तो मैं भी चुदवा सकती हूँ यार ? बेटी शीबा तू बुर चोदी अपने मियां के दोस्तों के लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में क्यों नहीं पेल देती ?
- वह बोली क्यों नहीं मेरी हरामजादी अम्मी। मैं आज ही उन दोनों के लण्ड तेरी चूत में घुसा दूँगी। और अब देखो तमन्ना मैं तेरे सामने ही लण्ड तेरी खाला के भोसड़ा में घुसाने जा रही हूँ।
मेरा ससुर साला दूसरों की बीवियां चोदता है। लड़कियों की बुर लेता है। उनकी माँ के भोसड़ा में अपना लण्ड पेलता है। यार तमन्ना जानती हो मेरे ससुर का लण्ड बड़ा मोटा तगड़ा है। मैं भी उसके लण्ड की दीवानी हूँ। इतने में हम दोनों पीछे से चुदवाने लगी। इस बार आमिर मुझे चोदने लगा और साहिर खाला को। खाला को मुझे चुदवाते हुए देख कर मस्ती आने लगी। मुझे भी खाला की चुदती हुई बुर देख कर मज़ा आने लगा। शीबा भी अपनी माँ चुदवाकर खुश हो रही थी।
शीबा बोली - तमन्ना, तेरी माँ की बहन की बुर ? खाला समझ गयी की शीबा मेरी बुर की बात कर रही है। तब खाला ने जबाब दिया :- तमन्ना, तेरी खाला की बिटिया की बुर ? मैंने भी कहा - खाला तेरी बहन की बिटिया की चूत ? ऐसा कह कर मैंने लण्ड अपनी चूत से निकाल कर शीबा की चूत में घुसेड़ दिया। शीबा बुर चोदी रंडी की तरह चुदवाने लगी। मुझे इतना मज़ा आ रहा था दोस्तों, की मैं उसे वयान नहीं कर सकती ? ३/४ लोगों के साथ एक साथ चुदवाना वास्तव में बड़ा मजेदार होता है। एक दूसरे की चूत में लण्ड पेलना वाकई बड़ा मज़ा देता है। मैं तो अकेले कभी नहीं चुदवाती हूँ। मुझे जब चुदवाना होता है तो मैं अपने साथ किसी को ले लेती हूँ। वो चाहे माँ हो, बहन हो, खाला हों, चची हों, फूफी हों, नन्द हो, भाभी हो, सास हो, जेठानी हो, देवरानी हो, चाहे पड़ोसन ही क्यों न हो ? कोई न कोई साथ में चुदवाने वाली चाहिए। मस्त गालियां बकने वाली और लण्ड पीने वाली चाहिए। तब आता है मज़ा ?
फिर वह मुझे अंदर कमरे में ले गयी। मैंने वहां देखा की एक लड़की उसी की उम्र की नंगी नंगी बैठी हुई दो लण्ड चाट रही है। मम्मू बोली यार तमन्ना ये है मेरा देवर और ये है मेरी नन्द का देवर। ये जो लड़की नंगी बैठी है ये मेरी नन्द है। इसका देवर मेरी बुर ले रहा है और मेरा देवर इसकी बुर ले रहा है। अब तू आ गयी है तो ये दोनों तेरी बुर लेगें तमन्ना ? मैंने कहा यार लण्ड तो दोनों के बड़े बेहतरीन हैं। मुम्मू बोली लण्ड तो तेरा अब्बू का बड़ा बेहतरीन है तमन्ना ? मैंने कहा हाय अल्ला, तू मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ती है ? मेरे अब्बू से चुदवाती है ? वह बोली हां तो क्या हुआ ? तेरे अब्बू की बहन का भोसड़ा ? मैंने कहा यार मेरी अब्बू की बहन तो तेरी माँ है तो क्या उसका भोसड़ा ? वह बोली हां हां यार मेरी माँ का भोसड़ा ? तेरी फूफी का भोसड़ा ? तेरी माँ का भोसड़ा ? चुदाई में सब चलता है।
देख तमन्ना लड़की जब जवान होती है तो वह सबसे पहले अपने मामू जान का लण्ड पकड़ती है क्योंकि वह सेफ होता है। फिर वह खालू और फूफा का लण्ड पकड़ती है और जीजू का लण्ड पकड़ती है। उसके बाद वह पीछे मुड़ कर नहीं देखती आगे ही आगे बढती जाती है। ऐसा कह कर मुम्मू ने एक लण्ड मुहे पकड़ा दिया और फिर मेरे कपड़े उतार कर मुझे नंगी कर दिया।
मैं भी मस्ती से उन दोनों के साथ भकाभक चुदवाने लगी।
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