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मुझे तेरे लण्ड से प्यार हो गया, बाबू जी - Mujhe tere lund se pyar ho gayaa hai baabu ji
मुझे तेरे लण्ड से प्यार हो गया, बाबू जी - Mujhe tere lund se pyar ho gayaa hai baabu ji , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मैं जालंधर का रहने वाला एक पंजाबी आदमी हूँ। मेरी उम्र लग भाग २८ साल की है और मैं इस समय कोलकाता में काम कर रहा हूँ। वहीं पर एक फ्लैट में रहता हूँ. मुझे यहाँ दो साल हो गएँ हैं। पहले मैं समझता था की पंजाब की लड़कियां सबसे ज्यादा खूबसूरत होतीं हैं पर जब मैं यहाँ आया तो ऐसा लग रहा है की कोलकाता की लड़कियां ज्यादा खूबसूरत हैं। इनकी बड़ी बड़ी आँखें, बड़े बड़े बाल और बड़ी बड़ी चूँचियाँ मेरे दिलो दिमांग में छा गयीं। गोरी गोरी गदराये बदन और गोल गोल मुंह वाली इन लड़कियों को देख कर मन करता था की बस यहीं अपना लण्ड इनके मुंह में घुसेड़ दूँ। इनकी चूँचियों के बीच में पेल दूँ अपना लण्ड। मेरे घर में छमिया नाम की एक काम करने वाली लड़की थी। वह जवान थी और अच्छे नाक नक्श वाली थी। उसकी भी चूँचियाँ बड़ी बड़ी थीं और बड़ी अच्छी अच्छी सेक्सी बातें करती थी। वह बिहार की रहने वाली थी। मुझे नहीं मालूम था की बिहार का भी माल इतना अच्छा होता है।
वह रोज़ सवेरे काम करने आती थी और चली जाती थी। धीरे धीरे मेरी नियत उस पर ख़राब होने लगी और वह भी धीरे धीरे मेरे नजदीक भी आने लगी। मैं जितनी बार उसकी चूँचियाँ देखता उतनी ही बार वह अपनी चूँचियाँ सँभालने लगती। थोड़ी देर में फिर उसकी चूँचियाँ खुल जाती। मैं यह समझ नहीं पाता था की चूँचियाँ अपने आप खुल जातीं हैं की वह स्वयं खोल देती है। लेकिन सच्चाई यह है की मेरी निगाहें उसकी चूँचियों पर लगीं रहतीं थीं। उसका मुस्कराना और तिरछीं निगाहों से देखना भी मुझे बड़ा अच्छा लगता था।
एक दिन मैं काफी थका हुआ था। मैंने उससे ज़िकर किया तो वह बोली बाबू जी अगर थक गये हो तो मैं पाँव दबा दूँ मालिस कर दूँ. मालिस करने से दर्द गायब हो जायेगा। मैंने हां कर दी। बस वह जल्दी से काम ख़तम करके मुझे चटाई पर लिटा कर मालिस करने लगी। मैंने उस समय केवल लुंगी पहनी रखी थी। वह तेल लगा कर मालिस करने लगी और मुझे अच्छा भी लगने लगा। मेरी आँखों के सामने उसकी चूँचियाँ आधे से अधिक दिखाई पड़ रही थीं। मैं बार बार नज़रें वहां से हटाता लेकिन नज़रें फिर वहीँ पहुँच जातीं थी। वह बोली बाबू जी लुंगी थोड़ा ऊपर करो बल्कि समेत लो नहीं तो उसमे तेल लग जायेगा। मैंने लुंगी ऊपर समेट ली। वह मेरी जाँघों तक पहुंच गयी और तेल लगा कर जांघें मसलने लगी। वह बोली बाबू जी कैसा लग रहा है ? मैंने कहा बहुत अच्छा लग रहा है छमिया। मुझे नहीं मालूम था की तुम इतनी अच्छी मालिस कर लेती हो ? वह बोली अभी क्या अभी और देखते जाओ बाबू जी।
वह बड़ी मस्ती से मेरा लण्ड चाटने चूसने लगी। उसके हाथ तेल से सने हुए थे और मेरा लण्ड भी तेल से भीगा हुआ था। वह मुझे बाथ रूम ले गई और साबुन लगा कर पहले मेरा लण्ड धोया और फिर अपने हाथ। वह मुझे फिर वहीँ ले आई और मेरा लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। उसने कहा बाबू जी मैं जहाँ जहाँ काम करती हूँ वहाँ वहाँ के लोगों के लण्ड चाटती हूँ। वो सब मुझे लण्ड पकड़ा देते हैं पर तभी पकड़ाते हैं जब उनकी बीवियां घर पर नहीं होती ? मैं भी उन लोगों के लण्ड तभी पकड़ती हूँ जब मेम साहिबा घर पर नहीं होतीं। मैंने कहा सिर्फ लण्ड ही पकड़ती हो की और भी कुछ करती हो ? वह बोली हाय दईया जब एक जवान लड़की के हाथ में टन टनाता हुआ लण्ड होगा तो वह बुर चोदी बिना चुदवाये रह कैसे सकती है बाबू जी ? लण्ड चूसने के बाद मैं मजे से चुदवाती हूँ और फिर चली जाती हूँ। पर बाबू जी तेरे लण्ड जैसा मोटा लण्ड किसी भोसड़ी वाले का नहीं है। मैंने पूंछा अगर उनकी बीवियों को मालूम हो जाए तो ?
वह बोली अरे बाबू जी बीवियों तो बहन चोद उनसे ज्यादा हरामजादी हैं। जब साहेब ऑफिस चले जातें हैं तो वो सब पराये मर्दों से चुदवाती हैं और पराये मर्दों का इंतज़ाम मैं ही तो करती हूँ। इसके मियां का लण्ड उसकी बीवी की बुर में पेल देती हूँ और उसके मियां का लण्ड इसकी बीवी की बुर में पेल देती हूँ। अब देखो बाबू जी मैं तो कहती हूँ तुम भी बीवियां चोदना शुरू कर दो ? मैंने कहा नहीं छमिया मेरी अभी शादी नहीं हुई है। मैं कैसे किसी की बीवी चोद सकता हूँ ? वह बोली अरे बाबू जी किसी के लण्ड में लिखा है क्या की उसकी शादी हुई है की नहीं हुई है ? यह तो केवल मैं ही जानती हूँ। मैं कहूँगी की बाबू जी की शादी हो चुकी है और इसकी बीवी अभी बाहर गयी है। बस काम बन जायेगा। अरे बाबू जी इन चुदक्कड़ बीवियों को चूतिया बनाना मैं खूब जानती हूँ। इन मादर चोदियों को पराये मरद का लण्ड चाहिए बस और कुछ भी नहीं ?
फिर मुझे ताव आ गया और मैंने एक धक्का मारा तो मेरा लण्ड उसकी चूत में गच गचा के पूरा घुस गया। मैं पूरे जोर शोर से चोदने लगा और वह भी मन लगा कर चुदवाने लगी और बोलने लगी हाय दईया बड़ा अच्छा लग रहा है बाबू जी और चोदो मुझे। हचक हचक के चोदो मुझे। फाड़ डालो मेरी बुर चोदी बुर ? चीथड़े उड़ा दो मेरी इस मादर चोद चूत के। ये ससुरी मुझे बहुत तंग करती है। मुझे रंडी की तरह चोदो। फाड् डालो मेरी चूत की गांड ? मेरी चूत की माँ का भोसड़ा भी फाड़ डालो बाबू जी। आज मुझे मिला है कोई मरदाना लण्ड ? ये लण्ड अगर लाल कोठी वाली की बुर में घुस जाए तो उसकी माँ चुद जाएगी बाबू जी। मैं तो कहती हूँ की कल ही उसकी बुर ले लो बाबू जी। बड़ी मस्त बीवी है माँ की लौड़ी खूब जम कर चुदवायेगी। मैंने कहा ठीक है छमिया मैं तेरी इच्छा पूरी करूंगा और कल ही तेरे साथ चलूँगा फिर उसकी बुर तेरे सामने ही चोदूंगा।
उसकी मस्त मस्त गालियां मेरे लण्ड में जोश भर रहीं थीं। उसके मुंह से गालियां बहुत अच्छी लग रही थीं मुझे। इसके बाद तो वह मेरे ऊपर चढ़ बैठी। मेरे लण्ड पर बैठ गयी और लण्ड उसकी चूत में घुस गया। वह मेरी ओर थोड़ा झुक कर अपनी गांड उठा उठा के मेरे लण्ड पर पटकने लगी और बोली देखो बाबू जी अब मैं तेरा लण्ड चोद रही हूँ। मुझे भी चोदना आता है। मैं बहुत बड़ी छिनार हूँ बाबू जी। मुझे मर्दों को चोदने में खूब मज़ा आता है और उससे ज्यादा मज़ा आता है उनकी गांड मारने में। मैंने कहा बाप रे बाप छमिया तुम मेरी तो गांड नहीं मारोगी न ? वह बोली अरे नहीं बाबू जी मैं तो उनकी गांड मारती हूँ जो मुझे धोखा देने की कोशिश करते हैं। थोड़ी देर में मैं उसे पीछे से चोदने लगा। वह बोली अरे हां बाबू जी इस तरह की चुदाई मैंने ब्लू फिल्म में देखी है। अब मुझे पीछे से और चोदो। मैंने महसूस किया उसकी चूत बोल गयी है तो मैंने कहा छमिया अब मैं निकलने वाला हूँ। वह घूम गयी और मेरा लण्ड मुठ्ठी में लेकर ऊपर नीचे करने लगी। मैं झड़ गया और वह मजे से मेरा झड़ता हुआ लण्ड एक कॉल गर्ल की तरह पीने लगी।
दूसरे दिन वह मुझे अपनी लाल कोठी के मालकिन के पास ले गयी। मैं बाहर ही था और वह अंदर चली गई। मेम साहेब उसे देखते ही बोली अरी छमिया तू इतनी देर से क्यों आई ? मैं दो घंटे से तेरा इंतज़ार कर रही हूँ। उसने जबाब दिया मेम साहेब मैं जान बूझ कर देर से आयी ताकि साहेब काम पर चले जाए ! मेम ने बताया अरे तेरे साहेब तो दो दिन के लिए टूर पर चले गए हैं। छमिया यह सुनकर बड़ी खुश हुई और धीरे से बोली मेम साहेब मैं तुम्हे एकअच्छी खबर दे रही हूँ। मैं तेरे लिए एक बढ़िया लण्ड लेकर आयी हूँ। मेम तो यह सुनकर उछल पड़ी उसने पूंछा कहाँ है वो ? दिखाओ न मुझे ? तब छमिया ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे मेम के आगे खड़ा कर दिया। वह मुझे देख कर मस्त हो गयी और बोली छोरा तो बढ़िया है छमिया। वह मेम के कान में बोली इसका लण्ड भी बढ़िया है मेम ? तेरी चूत का बाजा बजा देगा। वह बोली चल हट तू बहुत बद्तमीज हो गयी है। हरदम गन्दी गन्दी
बातें करती रहती है।
मेम साहेब का नाम था मिसेज बबली चोपड़ा। वह भी पंजाबी थी और मैं भी। जब यह बात उसे मालूम हुई तो वह मुझसे खुल कर बातें करने लगी. तब तक छमिया के ड्रिंक्स बना दी। हम तीनो दारू पीने लगे।तब मुझे मालूम हुआ की छमिया शराब पीती है और बबली मेम भी। थोड़ा नशा चढ़ा तो छमिया में मेम का हाथ पकड़ कर मेरे लण्ड पर रख दिया और कहा मेम साहेब पकड़ के देखो न बाबू जी का लण्ड ? बबली भी मस्ती में आ गयी और उसने मेरी पैंट खोल दी। लण्ड जब बाहर आया तो मेम उसे पकड़ कर बोली वाओ, लौड़ा तो वाकई बड़ा जबरदस्त है छमिया। पिछली बार वाले लण्ड से तो इसका लण्ड बड़ा भी है और मोटा भी ? अच्छा यह बता की तूने इससे अपनी माँ चुदवाई की नहीं ? पिछली बार तो तू अपनी माँ चुदवाकर आई थी। वह बोली अरे मेम साहेब बाबू जी का लण्ड पकड़ कर मुझे लगा की मैं पहले इसे मेम साहेब की बुर में पेलूँगी फिर अपनी माँ का भोसड़ा में ? मेम ने कहा हां छमिया मुझे मालूम है की तुम मेरा कितना ख्याल रखती हो ? छमिया ने मेम के सारे कपड़े उतार कर उसे नंगी कर दिया। फिर उसने मुझे भी नंगा किया।
बबली भाभी को नंगी देख कर मेरा लण्ड काबू के बाहर हो गया। भाभी उसे मुंह में लेकर चूसने लगी और मैं उसकी चूँचियाँ मसलने लगा। तब तक वह बोली अरी छमिया तू बुर चोदी कपड़े पहने हुए क्यों घूम रही है ? तू भी नंगी हो जा भोसड़ी की और ले मेरी चूत चाटना शुरू कर ? तब मुझे मालूम हुआ की बबली भाभी की बुर लेने में बड़ा मज़ा आएगा। ये भी गालियां देती है और खूब एन्जॉय करती है। बबली मेरा लण्ड चूसने लगी, छमियाँ उसकी चूत चाटने लगी और मैं बबली के पूरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा। मुझे उसकी चूत और गांड दोनों बहुत अच्छी लगी। वैसे मुझे गांड मारने का कोई इरादा नहीं था। लेकिन अगर मैं गांड मारने का शौक़ीन होता तो बबली की गांड जरूर मारता। फिर धीरे से छमिया ने मेरा लण्ड पकड़ा और बबली बूर में घुसाने लगी। वह बोली बाबू जी अब देर न करो। अब तो इसकी बुर चोद डालो। बिचारी इतने बढ़िया लण्ड से चुदवाने के लिए बहुत दिनों से तड़प रही है। हालांकि मैंने इसकी बुर चुदवाई पर लण्ड इतने बढ़िया नहीं थे। बस मैंने गच्च से पेल दिया लण्ड और चोदने लगा।
बबली भाभी की उम्र ३० + थी लेकिन मुझे सबसे ज्यादा मज़ा चोदने में आया। इसका कारण यह था की वह मन लगाकर चुदवा रही थीं। उसे लण्ड से बेहद मोहब्बत है। वह पराये मरदों के लण्ड की दीवानी है। उसने यह बात खुल कर मुझसे कही। कुछ देर में मुझे मालूम हुआ की भाभी की बुर ढीली हो गई है। मैं भी किनारे आ गया था। तब मैंने कहा भाभी मैं निकलने वाला हूँ। बस भाभी ने लण्ड मुठ्ठी में लिया और सड़का लगाने लगी। मुझे उसका सड़का लगाना बहुत ही अच्छा लगा और जब मेरे लण्ड ने वीर्य उसके मुंह में उगला तो उसने हंस कर पी लिया और लण्ड का टोपा चाटने लगी।
दो दिन बाद एक दिन वह मुझे इसी तरह कॉलेज वाले साहेब के घर ले गयी और मुझे उसकी बीवी मिसेज मेनका
से मिलवाया। वह बहुत ही खूबसूरत थीं और बड़ी बड़ी चूँचियों वाली थी। मेरा भी दिल उस पर एक ही नज़र में आ गया। छमिया ने उसे पूरी बात बता दी। वह भी समझ गयी की मैं उसे चोदने आया हूँ। इतने में छमिया ने ड्रिंक्स का सेट लगा दिया। मैं मेनका भाभी के साथ शराब पीने लगा। छमिया भी मेरे साथ थी। मेरी नज़र बार बार मेनका की चूँचियों पर ही जा रही थी। वह समझ भी गयी और बोली छमिया तेरे बाबू जी तो बहुत स्मार्ट और हैंडसम हैं। छमिया बड़ी अदा से बोली हाय मेम साहेब मैं तो तुम्हारे पास ऐसे ही स्मार्ट और हैंडसम लाती हूँ। अच्छा यह बताओ मेम की कल वाला लड़का कैसा था ? उसका लण्ड कैसा था और वह चोदने में कैसा था ? लड़का बढ़िया था और उसका लण्ड भी बड़ा था लेकिन वह देर तक ठहर न सका। जल्दी ही झड़ गया पर मैंने उसे कल फिर बुलाया है। तब तक उसका मोबाइल बज उठा और मेनका बात करने लगी : -
हां बोल सुनीता क्या हुआ तेरा ,,,,,,,,,,? वाओ, उसने तेरी गांड भी मारी ,,,,,,,,,,,,,? अच्छा अच्छा चोदने के बाद दूसरी पार में गांड मारी,,,,,,,,,,,,, ओ, दो दिन पहले वाला न ,,,,,,,,,? उसकी माँ की चूत ,,,,,,,,,, वो बुर चोदी तेरा क्या मुकाबला कर पायेगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,? उसके दोस्त का लौड़ा कैसा था ? कितना बड़ा था ,,,,,,,,,,,? हाय दईया इतना मोटा था लण्ड बहन चोद ,,,,,,,,,,? आज रात को अपनी चूत को शराब पिला देना तो सब ठीक हो जायेगा ,,,,,,,? अच्छा लम्बा ६" - ७" का ही था,,,,,,,,,? इससे क्या होता है। लण्ड मोटा होना चाहिए भले ही वह थोड़ा छोटा हो तो चलेगा ,,,,,,,, ? ओ के किसी का इंतज़ार कर रही हो। ठीक है चुदवाकर फिर मुझे फोन करना ,,,,,,,,,,,? हां हां लण्ड तो मेरे सामने ही बैठा है,,,,,,,,,,,,,,,, अरे मैंने तो अभी तक खोल कर देखा ही नहीं है यार ,,,,,,,,? हां हां जरूर बताऊंगी। मैं समझ गया की मेनका मेरे लण्ड के बारे में बात कर रही हैं। पर एक बात ने मेरा हौसला बढ़ा किया की मेनका भी मस्त बातें करती है और प्यारी प्यारी गालियां मुंह से निकालती है। इसे चोदने में तो वाकई बड़ा मज़ा आएगा।
फिर छमिया उठी और मेनका भाभी के कपड़े खोल कर उसे बिलकुल नंगी कर दिया। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ और छोटी छोटी झाटों वाली चूत देख कर मेरा लण्ड साला आप से बाहर हो गया। तब तक छमिया घूम कर आयी और मुझे भी नंगी कर दिया। मेरा लण्ड मेनका भाभी को दिखाने लगी और बोली मेम साहिबा देखो न कितना हलब्बी लण्ड है इसका ? बस मेनका ने हाथ बढ़ा कर लण्ड पकड़ लिया। वह बोली हाय छमिया ये तो कल वाले लण्ड का बाप है यार ? उसने मेरा लण्ड कई बार चूमा और पेल्हड़ की भी खूब चुम्मी ली। लण्ड का सुपाड़ा चाट कर बोली वाओ, ये है मादर चोद मरदाना लण्ड। आज यह मेरी चूत का सच में बाजा बजा देगा ? छमिया याद है न तुम्हे, एक बार तूने मुझे इब्राहिम का लण्ड पकड़ाया था जिसने बाद में तेरी माँ का भोसड़ा भी चोदा था। तेरे बाबू जी का लण्ड बिलकुल उसी लण्ड की तरह है। मेनका ने लण्ड अपने मुंह में घुसेड़ लिया और मजे से चूसने लगी।
छमिया ने लण्ड पकड़ कर मेनका चूत में पेल दिया और बोली बाबू जी अब खूब कस कस के चोदो मेरी मेम साहेब की बुर। मेनका मेम बड़े अच्छी तरह से चुदवाती हैं। तब तक लण्ड पूरा घुस चुका था। वह चिचिहा उठी बोली भोसड़ी के तेरी बीवी की चूत नहीं है जो एकदम से घुसेड़ दिया। तेरा लण्ड इतना मोटा है की मेरी चूत चरमारा गयी यार ? इस बुर चोदी छमिया की बुर चोद कर हो न ? अब ज़रा मुझे मजे से चोदो और खूब चोदो। भकाभक चोदो। अब क्या अब तुम मुझे तुफान मेल की तरह चोदो। मैंने स्पीड बढ़ा दी तो वह और चिल्लाने लगी। कितना मस्त लौड़ा है बहन चोद तेरा ?
उस दिन मुझे मेनका भाभी को चोदने में ज्यादा मज़ा आया।
मैं जालंधर का रहने वाला एक पंजाबी आदमी हूँ। मेरी उम्र लग भाग २८ साल की है और मैं इस समय कोलकाता में काम कर रहा हूँ। वहीं पर एक फ्लैट में रहता हूँ. मुझे यहाँ दो साल हो गएँ हैं। पहले मैं समझता था की पंजाब की लड़कियां सबसे ज्यादा खूबसूरत होतीं हैं पर जब मैं यहाँ आया तो ऐसा लग रहा है की कोलकाता की लड़कियां ज्यादा खूबसूरत हैं। इनकी बड़ी बड़ी आँखें, बड़े बड़े बाल और बड़ी बड़ी चूँचियाँ मेरे दिलो दिमांग में छा गयीं। गोरी गोरी गदराये बदन और गोल गोल मुंह वाली इन लड़कियों को देख कर मन करता था की बस यहीं अपना लण्ड इनके मुंह में घुसेड़ दूँ। इनकी चूँचियों के बीच में पेल दूँ अपना लण्ड। मेरे घर में छमिया नाम की एक काम करने वाली लड़की थी। वह जवान थी और अच्छे नाक नक्श वाली थी। उसकी भी चूँचियाँ बड़ी बड़ी थीं और बड़ी अच्छी अच्छी सेक्सी बातें करती थी। वह बिहार की रहने वाली थी। मुझे नहीं मालूम था की बिहार का भी माल इतना अच्छा होता है।
वह रोज़ सवेरे काम करने आती थी और चली जाती थी। धीरे धीरे मेरी नियत उस पर ख़राब होने लगी और वह भी धीरे धीरे मेरे नजदीक भी आने लगी। मैं जितनी बार उसकी चूँचियाँ देखता उतनी ही बार वह अपनी चूँचियाँ सँभालने लगती। थोड़ी देर में फिर उसकी चूँचियाँ खुल जाती। मैं यह समझ नहीं पाता था की चूँचियाँ अपने आप खुल जातीं हैं की वह स्वयं खोल देती है। लेकिन सच्चाई यह है की मेरी निगाहें उसकी चूँचियों पर लगीं रहतीं थीं। उसका मुस्कराना और तिरछीं निगाहों से देखना भी मुझे बड़ा अच्छा लगता था।
एक दिन मैं काफी थका हुआ था। मैंने उससे ज़िकर किया तो वह बोली बाबू जी अगर थक गये हो तो मैं पाँव दबा दूँ मालिस कर दूँ. मालिस करने से दर्द गायब हो जायेगा। मैंने हां कर दी। बस वह जल्दी से काम ख़तम करके मुझे चटाई पर लिटा कर मालिस करने लगी। मैंने उस समय केवल लुंगी पहनी रखी थी। वह तेल लगा कर मालिस करने लगी और मुझे अच्छा भी लगने लगा। मेरी आँखों के सामने उसकी चूँचियाँ आधे से अधिक दिखाई पड़ रही थीं। मैं बार बार नज़रें वहां से हटाता लेकिन नज़रें फिर वहीँ पहुँच जातीं थी। वह बोली बाबू जी लुंगी थोड़ा ऊपर करो बल्कि समेत लो नहीं तो उसमे तेल लग जायेगा। मैंने लुंगी ऊपर समेट ली। वह मेरी जाँघों तक पहुंच गयी और तेल लगा कर जांघें मसलने लगी। वह बोली बाबू जी कैसा लग रहा है ? मैंने कहा बहुत अच्छा लग रहा है छमिया। मुझे नहीं मालूम था की तुम इतनी अच्छी मालिस कर लेती हो ? वह बोली अभी क्या अभी और देखते जाओ बाबू जी।
- उसने फिर एकदम से मेरी लुंगी पकड़ी और ऊपर खसकाती हुई बोली बाबू जी ज़रा इसे ऊपर ही रखो न, मुझे अच्छी तरह से मालिस करने दो।
- मैंने कहा अब और कितना ऊपर करूं छमिया ?
- वह बोली अगर ऊपर नहीं होती तो खोल कर रख दो न इसे।
- अरे यार मैंने क्या नंगा हो जाऊं ? नीचे कुछ नहीं पहना है मैंने।
- वह मुस्काराकर बोली तो हो जाओ न नंगे। लाल कोठी वाले बाबू जी तो नंगे होकर ही मालिस करवाते हैं।
- मैने कहा क्या कह रही है तू ? भला ऐसा कोई करता है ? तुम्हारे सामने कोई नंगा हो जायेगा क्या ? मुझे चूतिया बना रही है तू।
- उसने कहा नहीं बाबू जी मैं चूतिया नहीं बना रही हूँ। यह सच है। वो कॉलेज वाले बाबू जी तो मुझसे अपनी झांटें भी बनवाते हैं और मैं मजे से बना भी देती हूँ।
- उसकी बात सुनकर मेरे लण्ड में जबरदस्त उछाल आ गया। मैंने कहा फिर तुम झूठ बोल रही हूँ। भला अपनी बीवी के सामने कोई किसी और लड़की से झांटें कैसे बनवा सकता है ?
- वह बोली नहीं बाबू जी, जब उसकी बीवी कहीं और चली जाती है तब वह मुझसे झांटें बनवाता है।
- झांटें बनवाने के बाद वह क्या करता है ?
- वह तो कुछ नहीं करता है। सब मुझे ही करना पड़ता है बाबू जी ?
- तो तुम क्या करती हूँ ?
- उसने मेरी लुंगी के अंदर हाथ घुसेड़ कर मेरा लण्ड पकड़ते हुए कहा - बाबू जी मैं बस इसी तरह उसका लण्ड पकड़ लेती हूँ और चाटने लगती हूँ।
- मैं अरे ,,,,,,,अरे ,,,,,,ही करता रहा।
- वह बोली हाय दईया बाबू जी, लण्ड तो तुम्हारा उसके लण्ड से बड़ा है। बाप रे कितना खूबसूरत और कितना मोटा है तेरा लण्ड, बाबू जी ! अगर ये लण्ड उसकी बीवी को मिल जाए न तो वह आपका ज़िन्दगी भर एहसान मानेगी। वह बिचारी ऐसे मोटे तगड़े लण्ड के लिए तड़पती रहती है।
- अरे ये तो बताओ की तुम अपने कपड़े पहने पहने ही उसका लण्ड पकड़ती हो या फिर ,,,,,,,,,,,,,?
- उसने फ़ौरन अपने कपड़े उतारे और बोली नहीं बाबू जी, मैं खुद ही नंगी होकर उसका लण्ड पकड़ती हूँ। मुझे मर्दों के आगे नंगी होने में मज़ा आता है।
वह बड़ी मस्ती से मेरा लण्ड चाटने चूसने लगी। उसके हाथ तेल से सने हुए थे और मेरा लण्ड भी तेल से भीगा हुआ था। वह मुझे बाथ रूम ले गई और साबुन लगा कर पहले मेरा लण्ड धोया और फिर अपने हाथ। वह मुझे फिर वहीँ ले आई और मेरा लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। उसने कहा बाबू जी मैं जहाँ जहाँ काम करती हूँ वहाँ वहाँ के लोगों के लण्ड चाटती हूँ। वो सब मुझे लण्ड पकड़ा देते हैं पर तभी पकड़ाते हैं जब उनकी बीवियां घर पर नहीं होती ? मैं भी उन लोगों के लण्ड तभी पकड़ती हूँ जब मेम साहिबा घर पर नहीं होतीं। मैंने कहा सिर्फ लण्ड ही पकड़ती हो की और भी कुछ करती हो ? वह बोली हाय दईया जब एक जवान लड़की के हाथ में टन टनाता हुआ लण्ड होगा तो वह बुर चोदी बिना चुदवाये रह कैसे सकती है बाबू जी ? लण्ड चूसने के बाद मैं मजे से चुदवाती हूँ और फिर चली जाती हूँ। पर बाबू जी तेरे लण्ड जैसा मोटा लण्ड किसी भोसड़ी वाले का नहीं है। मैंने पूंछा अगर उनकी बीवियों को मालूम हो जाए तो ?
वह बोली अरे बाबू जी बीवियों तो बहन चोद उनसे ज्यादा हरामजादी हैं। जब साहेब ऑफिस चले जातें हैं तो वो सब पराये मर्दों से चुदवाती हैं और पराये मर्दों का इंतज़ाम मैं ही तो करती हूँ। इसके मियां का लण्ड उसकी बीवी की बुर में पेल देती हूँ और उसके मियां का लण्ड इसकी बीवी की बुर में पेल देती हूँ। अब देखो बाबू जी मैं तो कहती हूँ तुम भी बीवियां चोदना शुरू कर दो ? मैंने कहा नहीं छमिया मेरी अभी शादी नहीं हुई है। मैं कैसे किसी की बीवी चोद सकता हूँ ? वह बोली अरे बाबू जी किसी के लण्ड में लिखा है क्या की उसकी शादी हुई है की नहीं हुई है ? यह तो केवल मैं ही जानती हूँ। मैं कहूँगी की बाबू जी की शादी हो चुकी है और इसकी बीवी अभी बाहर गयी है। बस काम बन जायेगा। अरे बाबू जी इन चुदक्कड़ बीवियों को चूतिया बनाना मैं खूब जानती हूँ। इन मादर चोदियों को पराये मरद का लण्ड चाहिए बस और कुछ भी नहीं ?
फिर मुझे ताव आ गया और मैंने एक धक्का मारा तो मेरा लण्ड उसकी चूत में गच गचा के पूरा घुस गया। मैं पूरे जोर शोर से चोदने लगा और वह भी मन लगा कर चुदवाने लगी और बोलने लगी हाय दईया बड़ा अच्छा लग रहा है बाबू जी और चोदो मुझे। हचक हचक के चोदो मुझे। फाड़ डालो मेरी बुर चोदी बुर ? चीथड़े उड़ा दो मेरी इस मादर चोद चूत के। ये ससुरी मुझे बहुत तंग करती है। मुझे रंडी की तरह चोदो। फाड् डालो मेरी चूत की गांड ? मेरी चूत की माँ का भोसड़ा भी फाड़ डालो बाबू जी। आज मुझे मिला है कोई मरदाना लण्ड ? ये लण्ड अगर लाल कोठी वाली की बुर में घुस जाए तो उसकी माँ चुद जाएगी बाबू जी। मैं तो कहती हूँ की कल ही उसकी बुर ले लो बाबू जी। बड़ी मस्त बीवी है माँ की लौड़ी खूब जम कर चुदवायेगी। मैंने कहा ठीक है छमिया मैं तेरी इच्छा पूरी करूंगा और कल ही तेरे साथ चलूँगा फिर उसकी बुर तेरे सामने ही चोदूंगा।
उसकी मस्त मस्त गालियां मेरे लण्ड में जोश भर रहीं थीं। उसके मुंह से गालियां बहुत अच्छी लग रही थीं मुझे। इसके बाद तो वह मेरे ऊपर चढ़ बैठी। मेरे लण्ड पर बैठ गयी और लण्ड उसकी चूत में घुस गया। वह मेरी ओर थोड़ा झुक कर अपनी गांड उठा उठा के मेरे लण्ड पर पटकने लगी और बोली देखो बाबू जी अब मैं तेरा लण्ड चोद रही हूँ। मुझे भी चोदना आता है। मैं बहुत बड़ी छिनार हूँ बाबू जी। मुझे मर्दों को चोदने में खूब मज़ा आता है और उससे ज्यादा मज़ा आता है उनकी गांड मारने में। मैंने कहा बाप रे बाप छमिया तुम मेरी तो गांड नहीं मारोगी न ? वह बोली अरे नहीं बाबू जी मैं तो उनकी गांड मारती हूँ जो मुझे धोखा देने की कोशिश करते हैं। थोड़ी देर में मैं उसे पीछे से चोदने लगा। वह बोली अरे हां बाबू जी इस तरह की चुदाई मैंने ब्लू फिल्म में देखी है। अब मुझे पीछे से और चोदो। मैंने महसूस किया उसकी चूत बोल गयी है तो मैंने कहा छमिया अब मैं निकलने वाला हूँ। वह घूम गयी और मेरा लण्ड मुठ्ठी में लेकर ऊपर नीचे करने लगी। मैं झड़ गया और वह मजे से मेरा झड़ता हुआ लण्ड एक कॉल गर्ल की तरह पीने लगी।
दूसरे दिन वह मुझे अपनी लाल कोठी के मालकिन के पास ले गयी। मैं बाहर ही था और वह अंदर चली गई। मेम साहेब उसे देखते ही बोली अरी छमिया तू इतनी देर से क्यों आई ? मैं दो घंटे से तेरा इंतज़ार कर रही हूँ। उसने जबाब दिया मेम साहेब मैं जान बूझ कर देर से आयी ताकि साहेब काम पर चले जाए ! मेम ने बताया अरे तेरे साहेब तो दो दिन के लिए टूर पर चले गए हैं। छमिया यह सुनकर बड़ी खुश हुई और धीरे से बोली मेम साहेब मैं तुम्हे एकअच्छी खबर दे रही हूँ। मैं तेरे लिए एक बढ़िया लण्ड लेकर आयी हूँ। मेम तो यह सुनकर उछल पड़ी उसने पूंछा कहाँ है वो ? दिखाओ न मुझे ? तब छमिया ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे मेम के आगे खड़ा कर दिया। वह मुझे देख कर मस्त हो गयी और बोली छोरा तो बढ़िया है छमिया। वह मेम के कान में बोली इसका लण्ड भी बढ़िया है मेम ? तेरी चूत का बाजा बजा देगा। वह बोली चल हट तू बहुत बद्तमीज हो गयी है। हरदम गन्दी गन्दी
बातें करती रहती है।
मेम साहेब का नाम था मिसेज बबली चोपड़ा। वह भी पंजाबी थी और मैं भी। जब यह बात उसे मालूम हुई तो वह मुझसे खुल कर बातें करने लगी. तब तक छमिया के ड्रिंक्स बना दी। हम तीनो दारू पीने लगे।तब मुझे मालूम हुआ की छमिया शराब पीती है और बबली मेम भी। थोड़ा नशा चढ़ा तो छमिया में मेम का हाथ पकड़ कर मेरे लण्ड पर रख दिया और कहा मेम साहेब पकड़ के देखो न बाबू जी का लण्ड ? बबली भी मस्ती में आ गयी और उसने मेरी पैंट खोल दी। लण्ड जब बाहर आया तो मेम उसे पकड़ कर बोली वाओ, लौड़ा तो वाकई बड़ा जबरदस्त है छमिया। पिछली बार वाले लण्ड से तो इसका लण्ड बड़ा भी है और मोटा भी ? अच्छा यह बता की तूने इससे अपनी माँ चुदवाई की नहीं ? पिछली बार तो तू अपनी माँ चुदवाकर आई थी। वह बोली अरे मेम साहेब बाबू जी का लण्ड पकड़ कर मुझे लगा की मैं पहले इसे मेम साहेब की बुर में पेलूँगी फिर अपनी माँ का भोसड़ा में ? मेम ने कहा हां छमिया मुझे मालूम है की तुम मेरा कितना ख्याल रखती हो ? छमिया ने मेम के सारे कपड़े उतार कर उसे नंगी कर दिया। फिर उसने मुझे भी नंगा किया।
बबली भाभी को नंगी देख कर मेरा लण्ड काबू के बाहर हो गया। भाभी उसे मुंह में लेकर चूसने लगी और मैं उसकी चूँचियाँ मसलने लगा। तब तक वह बोली अरी छमिया तू बुर चोदी कपड़े पहने हुए क्यों घूम रही है ? तू भी नंगी हो जा भोसड़ी की और ले मेरी चूत चाटना शुरू कर ? तब मुझे मालूम हुआ की बबली भाभी की बुर लेने में बड़ा मज़ा आएगा। ये भी गालियां देती है और खूब एन्जॉय करती है। बबली मेरा लण्ड चूसने लगी, छमियाँ उसकी चूत चाटने लगी और मैं बबली के पूरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा। मुझे उसकी चूत और गांड दोनों बहुत अच्छी लगी। वैसे मुझे गांड मारने का कोई इरादा नहीं था। लेकिन अगर मैं गांड मारने का शौक़ीन होता तो बबली की गांड जरूर मारता। फिर धीरे से छमिया ने मेरा लण्ड पकड़ा और बबली बूर में घुसाने लगी। वह बोली बाबू जी अब देर न करो। अब तो इसकी बुर चोद डालो। बिचारी इतने बढ़िया लण्ड से चुदवाने के लिए बहुत दिनों से तड़प रही है। हालांकि मैंने इसकी बुर चुदवाई पर लण्ड इतने बढ़िया नहीं थे। बस मैंने गच्च से पेल दिया लण्ड और चोदने लगा।
बबली भाभी की उम्र ३० + थी लेकिन मुझे सबसे ज्यादा मज़ा चोदने में आया। इसका कारण यह था की वह मन लगाकर चुदवा रही थीं। उसे लण्ड से बेहद मोहब्बत है। वह पराये मरदों के लण्ड की दीवानी है। उसने यह बात खुल कर मुझसे कही। कुछ देर में मुझे मालूम हुआ की भाभी की बुर ढीली हो गई है। मैं भी किनारे आ गया था। तब मैंने कहा भाभी मैं निकलने वाला हूँ। बस भाभी ने लण्ड मुठ्ठी में लिया और सड़का लगाने लगी। मुझे उसका सड़का लगाना बहुत ही अच्छा लगा और जब मेरे लण्ड ने वीर्य उसके मुंह में उगला तो उसने हंस कर पी लिया और लण्ड का टोपा चाटने लगी।
दो दिन बाद एक दिन वह मुझे इसी तरह कॉलेज वाले साहेब के घर ले गयी और मुझे उसकी बीवी मिसेज मेनका
से मिलवाया। वह बहुत ही खूबसूरत थीं और बड़ी बड़ी चूँचियों वाली थी। मेरा भी दिल उस पर एक ही नज़र में आ गया। छमिया ने उसे पूरी बात बता दी। वह भी समझ गयी की मैं उसे चोदने आया हूँ। इतने में छमिया ने ड्रिंक्स का सेट लगा दिया। मैं मेनका भाभी के साथ शराब पीने लगा। छमिया भी मेरे साथ थी। मेरी नज़र बार बार मेनका की चूँचियों पर ही जा रही थी। वह समझ भी गयी और बोली छमिया तेरे बाबू जी तो बहुत स्मार्ट और हैंडसम हैं। छमिया बड़ी अदा से बोली हाय मेम साहेब मैं तो तुम्हारे पास ऐसे ही स्मार्ट और हैंडसम लाती हूँ। अच्छा यह बताओ मेम की कल वाला लड़का कैसा था ? उसका लण्ड कैसा था और वह चोदने में कैसा था ? लड़का बढ़िया था और उसका लण्ड भी बड़ा था लेकिन वह देर तक ठहर न सका। जल्दी ही झड़ गया पर मैंने उसे कल फिर बुलाया है। तब तक उसका मोबाइल बज उठा और मेनका बात करने लगी : -
हां बोल सुनीता क्या हुआ तेरा ,,,,,,,,,,? वाओ, उसने तेरी गांड भी मारी ,,,,,,,,,,,,,? अच्छा अच्छा चोदने के बाद दूसरी पार में गांड मारी,,,,,,,,,,,,, ओ, दो दिन पहले वाला न ,,,,,,,,,? उसकी माँ की चूत ,,,,,,,,,, वो बुर चोदी तेरा क्या मुकाबला कर पायेगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,? उसके दोस्त का लौड़ा कैसा था ? कितना बड़ा था ,,,,,,,,,,,? हाय दईया इतना मोटा था लण्ड बहन चोद ,,,,,,,,,,? आज रात को अपनी चूत को शराब पिला देना तो सब ठीक हो जायेगा ,,,,,,,? अच्छा लम्बा ६" - ७" का ही था,,,,,,,,,? इससे क्या होता है। लण्ड मोटा होना चाहिए भले ही वह थोड़ा छोटा हो तो चलेगा ,,,,,,,, ? ओ के किसी का इंतज़ार कर रही हो। ठीक है चुदवाकर फिर मुझे फोन करना ,,,,,,,,,,,? हां हां लण्ड तो मेरे सामने ही बैठा है,,,,,,,,,,,,,,,, अरे मैंने तो अभी तक खोल कर देखा ही नहीं है यार ,,,,,,,,? हां हां जरूर बताऊंगी। मैं समझ गया की मेनका मेरे लण्ड के बारे में बात कर रही हैं। पर एक बात ने मेरा हौसला बढ़ा किया की मेनका भी मस्त बातें करती है और प्यारी प्यारी गालियां मुंह से निकालती है। इसे चोदने में तो वाकई बड़ा मज़ा आएगा।
फिर छमिया उठी और मेनका भाभी के कपड़े खोल कर उसे बिलकुल नंगी कर दिया। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ और छोटी छोटी झाटों वाली चूत देख कर मेरा लण्ड साला आप से बाहर हो गया। तब तक छमिया घूम कर आयी और मुझे भी नंगी कर दिया। मेरा लण्ड मेनका भाभी को दिखाने लगी और बोली मेम साहिबा देखो न कितना हलब्बी लण्ड है इसका ? बस मेनका ने हाथ बढ़ा कर लण्ड पकड़ लिया। वह बोली हाय छमिया ये तो कल वाले लण्ड का बाप है यार ? उसने मेरा लण्ड कई बार चूमा और पेल्हड़ की भी खूब चुम्मी ली। लण्ड का सुपाड़ा चाट कर बोली वाओ, ये है मादर चोद मरदाना लण्ड। आज यह मेरी चूत का सच में बाजा बजा देगा ? छमिया याद है न तुम्हे, एक बार तूने मुझे इब्राहिम का लण्ड पकड़ाया था जिसने बाद में तेरी माँ का भोसड़ा भी चोदा था। तेरे बाबू जी का लण्ड बिलकुल उसी लण्ड की तरह है। मेनका ने लण्ड अपने मुंह में घुसेड़ लिया और मजे से चूसने लगी।
छमिया ने लण्ड पकड़ कर मेनका चूत में पेल दिया और बोली बाबू जी अब खूब कस कस के चोदो मेरी मेम साहेब की बुर। मेनका मेम बड़े अच्छी तरह से चुदवाती हैं। तब तक लण्ड पूरा घुस चुका था। वह चिचिहा उठी बोली भोसड़ी के तेरी बीवी की चूत नहीं है जो एकदम से घुसेड़ दिया। तेरा लण्ड इतना मोटा है की मेरी चूत चरमारा गयी यार ? इस बुर चोदी छमिया की बुर चोद कर हो न ? अब ज़रा मुझे मजे से चोदो और खूब चोदो। भकाभक चोदो। अब क्या अब तुम मुझे तुफान मेल की तरह चोदो। मैंने स्पीड बढ़ा दी तो वह और चिल्लाने लगी। कितना मस्त लौड़ा है बहन चोद तेरा ?
उस दिन मुझे मेनका भाभी को चोदने में ज्यादा मज़ा आया।
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