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अब्बू मेरे सामने मेरी जेठानी की बुर चोदने लगा - Abbu ne ki mere samne jethani ki chudai
अब्बू मेरे सामने मेरी जेठानी की बुर चोदने लगा - Abbu ne ki mere samne jethani ki chudai , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरी जब शादी हुई और मैं ससुराल गयी तो सबसे पहले जिससे मुलकात हुई वह मेरी जेठानी थीं। मैं उसे देख कर दंग रह गयी क्योंकि वह बिलकुल मेरी जैसी ही लग रहीं थीं। उसकी भी चूँचियाँ मेरी जैसी बड़ी बड़ी हैं. उसका भी गोरा चिट्टा रंग है जैसा की मेरा हैं। वह गोल चेहरे वाली और बड़ी बड़ी आँखों वाली है जैसे की मैं हूँ। उसकी गांड भी मेरी गांड से मिलती जुलती थी। मैंने मन में कहा अब अगर इसकी चूत भी मेरी जैसी चूत हो तो मैं रात में किसी भी दिन अपने जेठ से चुदवा सकती हूँ। मैंने ठान लिया की अब मैं किसी दिन अपने जेठ से चुदवा कर ही दम लूंगी। हालांकि मेरी ससुराल में और भी कई मरद थे जैसे की मेरे दो देवर, मेरे दो नंदोई, मेरा खाला ससुर, ममियां ससुर, मेरा ससुर और २/३ चचिया ससुर। मैं उनके लण्ड का भी मज़ा लेना चाहती थी पर सबसे पहले मेरी नज़र अपने जेठ के लण्ड पर टिकी थी। मैंने सोंचा की अगर मैं जेठ से चुदवाने में कामयाब हो गयी तो फिर बाकी सबसे मैं बड़ी आसानी से चुदवा लूंगी। अब मैं दिन रात जेठ के लण्ड के बारे में सोंचने लगी। लण्ड के साइज का अनुमान लगाने लगी।
मैं जेठ के बारे में और भी बहुत कुछ जानना चाहती थी इसलिए मैं अक्सर अपनी जेठानी के आगे पीछे घूमने लगी। छुप छुप कर उसकी बातें सुनाने लगी।
एक दिन इत्तिफाक से मैं जेठानी के बेड रूम में चली गयी। जेठानी कहीं पड़ोस में गयी हुई थीं। जेठ बाथ रूम में नहा रहा था। उसकी तौलिया उसके बिस्तर पर रखी थी। मैं समझ गयी की जेठ जी शायद तौलिया अंदर ले जाना भूल गए हैं। वह इसे लेने बाहर जरूर आएगा। बस मैं छुप गयी। हुआ वही जो मैंने सोंचा था। जेठ नंगा नंगा नंगा बाहर आया और तौलिये से अपना बदन वहीँ पोंछने लगा। मुझे उसके लण्ड का अच्छी तरह दीदार हुआ। लण्ड आधा खड़ा था। लण्ड का सुपाड़ा एकदम बाहर निकला हुआ था। झांटें बिलकुल साफ़ थीं और पेल्हड़ एकदम चिकने थे। मेरे हिसाब से लण्ड ८ + " होगा और मोटा भी मजे का था। मेरी तो चूत एकदम से गरमा उठी। इतने में उसे मेरी झलक मिल गयी। वह समझा की मैं उसकी बीवी हूँ तो बोला बेगम आज मैं अपने दोस्त करीम की बीवी चोदने जा रहा हूँ। कल वह आ जायेगा तब तुम्हारे पास भी आएगा। तुम उससे चुदवा लेना जैसा की पिछले हफ्ते हुआ था। मैं इमरान की बीवी चोदने गया था और बाद में तुमने इमरान से चुदवाया था। करीम के साथ कोई और हो तो उससे भी चुदवा लेना।
वह फिर बाथ रूम में घुस गया और मैं वहां से वापस चली आयी. मैं मन ही मन बहुत खुश हो रही थी। एक बात तो पक्की हो गयी की मेरा जेठ दूसरों की बीवियां चोदता है और अपनी बीवी दूसरों से चुदवाता है। इसका मतलब मेरी जेठानी भी गैर मर्दों से अच्छी तरह चुदवाती है। मैं यही तो चाहती थी। दूसरे दिन मैं घात लगाये करीम का इंतज़ार करने लगी। थोड़ी देर में किसी ने दरवाजा खटखटाया तो जेठानी ने ही दरवाजा खोला। वह बोली वाओ, करीम तुम अंदर आओ और बैठो। कहो कैसे आना हुआ ? वह बोला अरे साहिर ने तुम्हे बताया नहीं ? वह बोली नहीं मुझे तो कुछ नहीं बताया। वह बोला कल तेरा शौहर मेरी बीवी चोदने गया था। तो आज मैं ,,,,,,,,,,,,,? जेठानी हंस कर बोली अच्छा तो आज तुम उसकी बीवी चोदने आये हो ? ठीक है अंदर चलो और चोदो । वह करीम को अंदर ले गयी। करीम ने कहा जमाला भाभी मेरा एक दोस्त भी है वह भी ,,,,, ? जेठानी ने कहा हां हां ठीक है उसे भी अंदर ले आओ। कोई तीसरा हो तो उसे भी ले आओ। करीम में कहां नहीं भाभी तीसरा कोई नहीं। फिर जेठानी करीम से लिपट गईं और बोली यार तुम बहुत दिनों के बाद आये हो। मुझे तुम्हारे लण्ड की बहुत याद आती है।
तब तक उसका दोस्त रहीम भी आ गया। जेठानी ने उसके पैजामे में हाथ घुसेड़ कर कहा हाय दईया मैं देख रही थी की तुम लण्ड अपने साथ लाये हो की घर में ही भूल आये हो। फिर कहा अरे वाह लण्ड तो तेरे पास ही है यार और देखो साला खड़ा हो गया है। जेठानी ने उसे पहले नंगा किया। उसका लण्ड पकड़ कर हिलाया तो लण्ड तन कर हिनहिनाने लगा। फिर उसने करीम को भी नंगा कर दिया और उसका लण्ड भी हिलाने लगी। तब तक जेठानी भी पूरी तरह नंगी हो चुकी थी। मैं दोनों लण्ड देख कर ललचा गयी। मेरी लार टपकने लगी और मैं अपनी चूत में ऊँगली घुसेड़ने लगी। उधर जेठानी दोनों लण्ड बारी बारी से चूसने लगीं। मुझे जलन तो रही थी लेकिन मैंने ठान लिया की मैं किसी दिन इन दोनों से एक साथ चुदवाऊंगी।
जेठानी ने जबाब दिया तो फिर अपनी बीवी मेरे देवर से चुदवाने के लिए तैयार हो जा। मेरे देवर का लण्ड भी बड़ा हक्कानी है। जब भी मेरी चूत में घुसता है तो चूत बुर चोदी चरमरा जाती है। तब मुझे समझ में आया की मेरी जेठानी तो बुर चोदी मेरे शौहर से भी चुदवाती है। इसलिए मुझे इसके शौहर से चुदवाने में कोई शर्म नहीं होगी। तब तक रहीम का लण्ड घुस गया जेठानी की बुर में और करीम का लण्ड उसके मुंह में। दोनों लण्ड ने अपनी अपनी जगह बदल ली। जेठानी की मस्ती और बढ़ गयी। वह बोली यार तुम्हारे और भी दोस्त होंगें उनके भी लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ा करो। मैं तुम्हारे जैसे लण्ड और भी अपनी चूत में घुसेड़ना चाहती हूँ। जेठानी चुदवाते हुए अपनी ही पोल खोल रही थीं। उसने फिर कहा अरे यार तुम किसी दिन मेरे सामने मेरी नन्द की बुर ले लो। वह भी चुदवाने में बड़ी मस्त लड़की है। और उसकी माँ यानी मेरी सास भी लण्ड की बड़ी शौक़ीन है। उस दिन मेरा अब्बू आया था और मेरी सास का भोसड़ा चोद कर गया।
तब मेरे मन में आया अगर ऐसा है तो एक दिन मेरा भी अब्बू चोदेगा मेरी सास का भोसड़ा और चोदेगा मेरी नन्द की बुर ? तब तक जेठानी रहीम से पीछे से चुदवाने लगीं। वह एकदम कुतिया बन चुकी थी। उसकी चूत मे लौड़ा पूरा घुस कर चोदने लगा। उसकी दोनों चूँचियाँ नीचे भैंस के थन की तरह हिल रहीं थीं। उसके मुंह के सामने करीम अपना लण्ड खड़ा किये हुए लेटा था। जेठानी बार बार लण्ड में ले ले कर मस्ती कर रही थीं। मुझे देख कर लगा की जेठानी माँ की लौड़ी चुदवाने के बहुत तरीके जानती है। फिर करीम ने उसे पीछे से चोदा और रहीम ने अपना लण्ड उसके मुंह में पेला। थोड़ी देर में दोनों लण्ड एक एक करके झड़ने लगेऔर जेठानी ने दोनों लण्ड बड़े प्यार से चाटे।
एक दिन इत्तिफाक से जेठ घर पर था। जेठानी ऊपर थीं और मेरी नन्द बगल के कमरे में थी। मेरा मियां अपनी माँ के साथ कहीं बाहर गया था। रात में १२ बजे थे। मैं करवटें बदल रही थी। तभी मेरे मन में आया की चल कर देखूं जेठ क्या कर रहा है ? मैंने उसके कमरे में झाँक कर देखा की वह केवल लुंगी लगाए हुए लेटा है। नंगा बदन है। लुंगी कुछ उठी हुई है। मैं समझ गयी की उसका लण्ड शायद खड़ा है। मैं बेधड़क अंदर घुस गयी। यह तो पक्का था की वह मुझे चोदना चाहता था और मैं उससे चुदवाना चाहती थी फिर दर काहे का ? मैं अंदर गयी और उसके लण्ड से लुंगी हटा दी। मैं बोली जेठ जी इसे छुपा कर क्यों रखा है ? मैंने बेशर्मी से लण्ड पकड़ लिआ। वह कुछ बोला नहीं बल्कि मुझे अपनी खींच और मेरी चुम्मी ले ली। मेरी चूँचियाँ एकदम नंगी थीं। वह बस चूँचियाँ दबाने लगा। तब ताल मेरी चूत भी खुल गयी। मैंने फिर उसकी लुंगी खोल कर नीचे फेंक दी।
बाद में जब वह झड़ने लगा तो मैं सारा वीर्य पी गयी। दोस्तों, मैं तो खड़े लण्ड का पेशाब भी पी जाती हूँ वीर्य की क्या बात है। जब मुझे लण्ड अच्छा लगता है तो लण्ड की हर चीज अच्छी लगती है। चुदवाने के बाद मैं सीधे जेठानी के पास पहुँच गयी। मैंने देखा की वह अपने जीजा से चुदवा रही है और उसके बगल मेरी नन्द बुर चोदी अपने देवर से चुदवा रही है। मुझे नन्द की चूत बड़ी टाइट दिख रही थी। तब जेठानी बोली अरे नन्द रानी अब तुम मेरे जीजा से चुदवा लो और मैं तेरे देवर से चुदवा लूं ? मैं सोंचने लगी की मेरी ससुराल भी बड़ी मजेदार है। यहाँ तो चुदाई का कारखाना खुला हुआ है।
कुछ दिन बाद मैं अपने जेठानी के साथ अपने मायके आ गयी। मेरी जेठानी पहली बार मेरे माईके आई थी। मेरी अम्मी उसे देख कर बोली बेटी रबा तेरी जेठानी तो भोसड़ी की बड़ी खूबसूरत है। इसे तो देख कर लड़कों के लण्ड खड़े हो जाते होंगें ? मैंने कहा अरे अम्मी मैं औरों की बात तो नहीं कर सकती पर मेरी ससुराल के लण्ड तो जरूर खड़े हो जातें हैं। जो भी उसे देखता है वह उसे चोदने के सपने देखने लगता है । हालांकि मेरी जेठानी भी बुर चोदी लण्ड पकड़ने में बड़ी माहिर है। वह लण्ड के आगे किसी रिश्ते की परवाह नहीं करती।
अपने अब्बू का लण्ड पकड़ चुकी है और अपने ससुर से भी चुदवाती है। रात को जब वह मेरे साथ नंगी लेटी थी तो वह लण्ड की ही बातें कर रही थी। मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा और कहा हाय दईया तेरी चूत तो बड़ी गरम है यार। तभी मुझे वहां अब्बू दिख गया। वह मेरे सामने आकर बैठ गया।
अब्बू बोला :- रबा कहाँ है तेरी जेठानी ? ज़रा मुझसे मिलवाओ न ?
मैंने जेठानी को आगे कर दिया। उस समय उसकी चूँचियाँ आधे से अधिक खुली हुई थीं।
अब्बू का दिल उस पर आ गया।
वह अपना लण्ड खुजाते हुए बोला :- माशा अल्ला, तेरी जेठानी तो बड़ी खूबसूरत है, बहन चोद ?
मैंने कहा :- तो फिर , मेरी जेठानी की बुर चोदो, अब्बू।
मैंने अपनी जेठानी का हाथ पकड़ कर अब्बू के लण्ड पर रख दिया। जेठानी तो बेशर्म थी ही। उसने अब्बू के पैजामे के अंदर हाथ घुसेड़ दिया और अंदर ही अंदर लण्ड मुठ्ठी में लेकर सहलाने लगी। फिर उसने पैजामा खोल कर अब्बू को नंगा कर दिया। जेठानी अब्बू का लण्ड चाटने लगी तो मैंने उसे नंगी कर दिया। अब्बू मेरे ही सामने मेरी जेठानी की बुर चोदने लगा.
उसे देख कर मैं भी गरमा गयी। मैं बाहर गयी और अपने खालू का लण्ड पकड़ कर वहीँ आ गयी। मैं अपनी जेठानी के साथ ही अपने खालू से चुदवाने लगी।
मेरी जब शादी हुई और मैं ससुराल गयी तो सबसे पहले जिससे मुलकात हुई वह मेरी जेठानी थीं। मैं उसे देख कर दंग रह गयी क्योंकि वह बिलकुल मेरी जैसी ही लग रहीं थीं। उसकी भी चूँचियाँ मेरी जैसी बड़ी बड़ी हैं. उसका भी गोरा चिट्टा रंग है जैसा की मेरा हैं। वह गोल चेहरे वाली और बड़ी बड़ी आँखों वाली है जैसे की मैं हूँ। उसकी गांड भी मेरी गांड से मिलती जुलती थी। मैंने मन में कहा अब अगर इसकी चूत भी मेरी जैसी चूत हो तो मैं रात में किसी भी दिन अपने जेठ से चुदवा सकती हूँ। मैंने ठान लिया की अब मैं किसी दिन अपने जेठ से चुदवा कर ही दम लूंगी। हालांकि मेरी ससुराल में और भी कई मरद थे जैसे की मेरे दो देवर, मेरे दो नंदोई, मेरा खाला ससुर, ममियां ससुर, मेरा ससुर और २/३ चचिया ससुर। मैं उनके लण्ड का भी मज़ा लेना चाहती थी पर सबसे पहले मेरी नज़र अपने जेठ के लण्ड पर टिकी थी। मैंने सोंचा की अगर मैं जेठ से चुदवाने में कामयाब हो गयी तो फिर बाकी सबसे मैं बड़ी आसानी से चुदवा लूंगी। अब मैं दिन रात जेठ के लण्ड के बारे में सोंचने लगी। लण्ड के साइज का अनुमान लगाने लगी।
मैं जेठ के बारे में और भी बहुत कुछ जानना चाहती थी इसलिए मैं अक्सर अपनी जेठानी के आगे पीछे घूमने लगी। छुप छुप कर उसकी बातें सुनाने लगी।
एक दिन इत्तिफाक से मैं जेठानी के बेड रूम में चली गयी। जेठानी कहीं पड़ोस में गयी हुई थीं। जेठ बाथ रूम में नहा रहा था। उसकी तौलिया उसके बिस्तर पर रखी थी। मैं समझ गयी की जेठ जी शायद तौलिया अंदर ले जाना भूल गए हैं। वह इसे लेने बाहर जरूर आएगा। बस मैं छुप गयी। हुआ वही जो मैंने सोंचा था। जेठ नंगा नंगा नंगा बाहर आया और तौलिये से अपना बदन वहीँ पोंछने लगा। मुझे उसके लण्ड का अच्छी तरह दीदार हुआ। लण्ड आधा खड़ा था। लण्ड का सुपाड़ा एकदम बाहर निकला हुआ था। झांटें बिलकुल साफ़ थीं और पेल्हड़ एकदम चिकने थे। मेरे हिसाब से लण्ड ८ + " होगा और मोटा भी मजे का था। मेरी तो चूत एकदम से गरमा उठी। इतने में उसे मेरी झलक मिल गयी। वह समझा की मैं उसकी बीवी हूँ तो बोला बेगम आज मैं अपने दोस्त करीम की बीवी चोदने जा रहा हूँ। कल वह आ जायेगा तब तुम्हारे पास भी आएगा। तुम उससे चुदवा लेना जैसा की पिछले हफ्ते हुआ था। मैं इमरान की बीवी चोदने गया था और बाद में तुमने इमरान से चुदवाया था। करीम के साथ कोई और हो तो उससे भी चुदवा लेना।
वह फिर बाथ रूम में घुस गया और मैं वहां से वापस चली आयी. मैं मन ही मन बहुत खुश हो रही थी। एक बात तो पक्की हो गयी की मेरा जेठ दूसरों की बीवियां चोदता है और अपनी बीवी दूसरों से चुदवाता है। इसका मतलब मेरी जेठानी भी गैर मर्दों से अच्छी तरह चुदवाती है। मैं यही तो चाहती थी। दूसरे दिन मैं घात लगाये करीम का इंतज़ार करने लगी। थोड़ी देर में किसी ने दरवाजा खटखटाया तो जेठानी ने ही दरवाजा खोला। वह बोली वाओ, करीम तुम अंदर आओ और बैठो। कहो कैसे आना हुआ ? वह बोला अरे साहिर ने तुम्हे बताया नहीं ? वह बोली नहीं मुझे तो कुछ नहीं बताया। वह बोला कल तेरा शौहर मेरी बीवी चोदने गया था। तो आज मैं ,,,,,,,,,,,,,? जेठानी हंस कर बोली अच्छा तो आज तुम उसकी बीवी चोदने आये हो ? ठीक है अंदर चलो और चोदो । वह करीम को अंदर ले गयी। करीम ने कहा जमाला भाभी मेरा एक दोस्त भी है वह भी ,,,,, ? जेठानी ने कहा हां हां ठीक है उसे भी अंदर ले आओ। कोई तीसरा हो तो उसे भी ले आओ। करीम में कहां नहीं भाभी तीसरा कोई नहीं। फिर जेठानी करीम से लिपट गईं और बोली यार तुम बहुत दिनों के बाद आये हो। मुझे तुम्हारे लण्ड की बहुत याद आती है।
तब तक उसका दोस्त रहीम भी आ गया। जेठानी ने उसके पैजामे में हाथ घुसेड़ कर कहा हाय दईया मैं देख रही थी की तुम लण्ड अपने साथ लाये हो की घर में ही भूल आये हो। फिर कहा अरे वाह लण्ड तो तेरे पास ही है यार और देखो साला खड़ा हो गया है। जेठानी ने उसे पहले नंगा किया। उसका लण्ड पकड़ कर हिलाया तो लण्ड तन कर हिनहिनाने लगा। फिर उसने करीम को भी नंगा कर दिया और उसका लण्ड भी हिलाने लगी। तब तक जेठानी भी पूरी तरह नंगी हो चुकी थी। मैं दोनों लण्ड देख कर ललचा गयी। मेरी लार टपकने लगी और मैं अपनी चूत में ऊँगली घुसेड़ने लगी। उधर जेठानी दोनों लण्ड बारी बारी से चूसने लगीं। मुझे जलन तो रही थी लेकिन मैंने ठान लिया की मैं किसी दिन इन दोनों से एक साथ चुदवाऊंगी।
- इतने में करीम बोला - भाभी जान क्या आपके घर में कोई नयी दुल्हन आयी है ?
- जेठानी ने जबाब दिया - हां आयी तो है पर तुम्हे कैसे मालूम ? मुझे मेरी बीवी ने बताया। कल जब तेरा मियां उसे चोद रहा था तो उसी ने बताया की मेरे घर में एक नयी दुल्हन आयी है। मेरी नज़र उस पर है।
- और क्या कहा मेरे मियां ने तेरी बीवी से।
- वह कह रह था की मैं जल्दी से जल्दी उस दुल्हन की बुर में लण्ड पेलना चाहता हूँ।
- हाय दईया तो इसका मतलब मेरा मरद मेरी देवरानी की बुर लेना चाहता है। उसे चोदना चाहता है। कोई बात यही चोद लेने दो क्योंकि मैं भी तो उसके मियां से चुदवाती हूँ।
- पर भाभी जान हम लोग भी नयी दुल्हन की बुर लेना चाहते हैं। पहले पुरानी दुल्हन की बुर ठीक से लेकर दिखाओ फिर नयी दुल्हन की बुर लेना। वैसे चिंता न करो मैं खुद तुम लोगों के लण्ड किसी दिन अपनी देवरानी की बुर में घुसेड़ दूँगी। थोड़ा सबर करो ?
जेठानी ने जबाब दिया तो फिर अपनी बीवी मेरे देवर से चुदवाने के लिए तैयार हो जा। मेरे देवर का लण्ड भी बड़ा हक्कानी है। जब भी मेरी चूत में घुसता है तो चूत बुर चोदी चरमरा जाती है। तब मुझे समझ में आया की मेरी जेठानी तो बुर चोदी मेरे शौहर से भी चुदवाती है। इसलिए मुझे इसके शौहर से चुदवाने में कोई शर्म नहीं होगी। तब तक रहीम का लण्ड घुस गया जेठानी की बुर में और करीम का लण्ड उसके मुंह में। दोनों लण्ड ने अपनी अपनी जगह बदल ली। जेठानी की मस्ती और बढ़ गयी। वह बोली यार तुम्हारे और भी दोस्त होंगें उनके भी लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ा करो। मैं तुम्हारे जैसे लण्ड और भी अपनी चूत में घुसेड़ना चाहती हूँ। जेठानी चुदवाते हुए अपनी ही पोल खोल रही थीं। उसने फिर कहा अरे यार तुम किसी दिन मेरे सामने मेरी नन्द की बुर ले लो। वह भी चुदवाने में बड़ी मस्त लड़की है। और उसकी माँ यानी मेरी सास भी लण्ड की बड़ी शौक़ीन है। उस दिन मेरा अब्बू आया था और मेरी सास का भोसड़ा चोद कर गया।
तब मेरे मन में आया अगर ऐसा है तो एक दिन मेरा भी अब्बू चोदेगा मेरी सास का भोसड़ा और चोदेगा मेरी नन्द की बुर ? तब तक जेठानी रहीम से पीछे से चुदवाने लगीं। वह एकदम कुतिया बन चुकी थी। उसकी चूत मे लौड़ा पूरा घुस कर चोदने लगा। उसकी दोनों चूँचियाँ नीचे भैंस के थन की तरह हिल रहीं थीं। उसके मुंह के सामने करीम अपना लण्ड खड़ा किये हुए लेटा था। जेठानी बार बार लण्ड में ले ले कर मस्ती कर रही थीं। मुझे देख कर लगा की जेठानी माँ की लौड़ी चुदवाने के बहुत तरीके जानती है। फिर करीम ने उसे पीछे से चोदा और रहीम ने अपना लण्ड उसके मुंह में पेला। थोड़ी देर में दोनों लण्ड एक एक करके झड़ने लगेऔर जेठानी ने दोनों लण्ड बड़े प्यार से चाटे।
एक दिन इत्तिफाक से जेठ घर पर था। जेठानी ऊपर थीं और मेरी नन्द बगल के कमरे में थी। मेरा मियां अपनी माँ के साथ कहीं बाहर गया था। रात में १२ बजे थे। मैं करवटें बदल रही थी। तभी मेरे मन में आया की चल कर देखूं जेठ क्या कर रहा है ? मैंने उसके कमरे में झाँक कर देखा की वह केवल लुंगी लगाए हुए लेटा है। नंगा बदन है। लुंगी कुछ उठी हुई है। मैं समझ गयी की उसका लण्ड शायद खड़ा है। मैं बेधड़क अंदर घुस गयी। यह तो पक्का था की वह मुझे चोदना चाहता था और मैं उससे चुदवाना चाहती थी फिर दर काहे का ? मैं अंदर गयी और उसके लण्ड से लुंगी हटा दी। मैं बोली जेठ जी इसे छुपा कर क्यों रखा है ? मैंने बेशर्मी से लण्ड पकड़ लिआ। वह कुछ बोला नहीं बल्कि मुझे अपनी खींच और मेरी चुम्मी ले ली। मेरी चूँचियाँ एकदम नंगी थीं। वह बस चूँचियाँ दबाने लगा। तब ताल मेरी चूत भी खुल गयी। मैंने फिर उसकी लुंगी खोल कर नीचे फेंक दी।
- मैंने कहा जेठ जी, तेरा लण्ड साला बड़ा जबरदस्त है। करीम का लण्ड तो तेरे लण्ड के आगे कहीं ठहरता ही नहीं ?
- वह बोला, अरे रबा (मेरा नाम) तूने उसका लण्ड कब देख लिया ?
- मैंने जबाब दिया जब वह मेरी जेठानी की बुर ले रहा था।
- तो क्या तुमने उसकी चुदाई देख ली ?
- हां बिलकुल देख ली जेठानी तो बड़े मजे से उससे चुदवा रही थीं। उसके साथ उसका दोस्त रहीम भी था।
- अच्छा तो रहीम भी मेरी बीवी चोदने आया था।
- हां दोनों ने मिलकर खूब चोदा जेठानी की बुर, जेठ जी। पर यह बताओ की तुमने रहीम की चोदी है की नहीं ? करीम की बीवी तो उस दिन तुम चोदने गए थे।
- हां मैंने उस दिन करीम की बीवी चोदी और करीम की बहन की बुर भी चोदी । पर रहीम की बीवी अभी तक नहीं चोदी। कल चोदूंगा ? पर यह सब तुम्हे कैसे मालूम रबा ?
- उस दिन जब तुमने कहा बेगम मैं करीम की बीवी चोदने जा रहा हूँ तो कमरे में मैं ही थी जेठानी नहीं। मैंने उस दिन तेरा लण्ड भी देख लिया था। बस तभी इसे अपनी चूत मे पेलने की इच्छा हो गयी थी। आज मेरी इच्छा पूरी होने जा रही है।
बाद में जब वह झड़ने लगा तो मैं सारा वीर्य पी गयी। दोस्तों, मैं तो खड़े लण्ड का पेशाब भी पी जाती हूँ वीर्य की क्या बात है। जब मुझे लण्ड अच्छा लगता है तो लण्ड की हर चीज अच्छी लगती है। चुदवाने के बाद मैं सीधे जेठानी के पास पहुँच गयी। मैंने देखा की वह अपने जीजा से चुदवा रही है और उसके बगल मेरी नन्द बुर चोदी अपने देवर से चुदवा रही है। मुझे नन्द की चूत बड़ी टाइट दिख रही थी। तब जेठानी बोली अरे नन्द रानी अब तुम मेरे जीजा से चुदवा लो और मैं तेरे देवर से चुदवा लूं ? मैं सोंचने लगी की मेरी ससुराल भी बड़ी मजेदार है। यहाँ तो चुदाई का कारखाना खुला हुआ है।
कुछ दिन बाद मैं अपने जेठानी के साथ अपने मायके आ गयी। मेरी जेठानी पहली बार मेरे माईके आई थी। मेरी अम्मी उसे देख कर बोली बेटी रबा तेरी जेठानी तो भोसड़ी की बड़ी खूबसूरत है। इसे तो देख कर लड़कों के लण्ड खड़े हो जाते होंगें ? मैंने कहा अरे अम्मी मैं औरों की बात तो नहीं कर सकती पर मेरी ससुराल के लण्ड तो जरूर खड़े हो जातें हैं। जो भी उसे देखता है वह उसे चोदने के सपने देखने लगता है । हालांकि मेरी जेठानी भी बुर चोदी लण्ड पकड़ने में बड़ी माहिर है। वह लण्ड के आगे किसी रिश्ते की परवाह नहीं करती।
अपने अब्बू का लण्ड पकड़ चुकी है और अपने ससुर से भी चुदवाती है। रात को जब वह मेरे साथ नंगी लेटी थी तो वह लण्ड की ही बातें कर रही थी। मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा और कहा हाय दईया तेरी चूत तो बड़ी गरम है यार। तभी मुझे वहां अब्बू दिख गया। वह मेरे सामने आकर बैठ गया।
अब्बू बोला :- रबा कहाँ है तेरी जेठानी ? ज़रा मुझसे मिलवाओ न ?
मैंने जेठानी को आगे कर दिया। उस समय उसकी चूँचियाँ आधे से अधिक खुली हुई थीं।
अब्बू का दिल उस पर आ गया।
वह अपना लण्ड खुजाते हुए बोला :- माशा अल्ला, तेरी जेठानी तो बड़ी खूबसूरत है, बहन चोद ?
मैंने कहा :- तो फिर , मेरी जेठानी की बुर चोदो, अब्बू।
मैंने अपनी जेठानी का हाथ पकड़ कर अब्बू के लण्ड पर रख दिया। जेठानी तो बेशर्म थी ही। उसने अब्बू के पैजामे के अंदर हाथ घुसेड़ दिया और अंदर ही अंदर लण्ड मुठ्ठी में लेकर सहलाने लगी। फिर उसने पैजामा खोल कर अब्बू को नंगा कर दिया। जेठानी अब्बू का लण्ड चाटने लगी तो मैंने उसे नंगी कर दिया। अब्बू मेरे ही सामने मेरी जेठानी की बुर चोदने लगा.
उसे देख कर मैं भी गरमा गयी। मैं बाहर गयी और अपने खालू का लण्ड पकड़ कर वहीँ आ गयी। मैं अपनी जेठानी के साथ ही अपने खालू से चुदवाने लगी।
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