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हम सबने मिलकर खूब घमाशान चुदाई की - Ham sabne milkar ghamasan chudai ki
हम सबने मिलकर खूब घमाशान चुदाई की - Ham sabne milkar ghamasan chudai ki , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
अम्मी ने कहा :- मैं तेरी बुर चोदी माँ चुदा रही हूँ, बेटी। देख न लण्ड पूरा का पूरा घुस गया है तेरी माँ के भोसड़ा में, बहन चोद ?
मैंने भी जबाब दिया :- मैं भी तेरी बिटिया की बुर चुदा रही हूँ, अम्मी। देखो न, ८" का लण्ड एक ही बार में घुसेड़ दिया भोसड़ी वाले ने, मेरी चूत में ?
उस दिन जब फोन बजा तो मैंने फ़ौरन उठा लिया। उधर से आवाज़ आयी तो पर मैं समझ नहीं पाई की आवाज़
किसकी है ?
अम्मी ने कहा :- मैं तेरी बुर चोदी माँ चुदा रही हूँ, बेटी। देख न लण्ड पूरा का पूरा घुस गया है तेरी माँ के भोसड़ा में, बहन चोद ?
मैंने भी जबाब दिया :- मैं भी तेरी बिटिया की बुर चुदा रही हूँ, अम्मी। देखो न, ८" का लण्ड एक ही बार में घुसेड़ दिया भोसड़ी वाले ने, मेरी चूत में ?
उस दिन जब फोन बजा तो मैंने फ़ौरन उठा लिया। उधर से आवाज़ आयी तो पर मैं समझ नहीं पाई की आवाज़
- तो मैंने पूंछा - कौन बोल रही हैं आप ?
- तो उत्तर मिला - मैं तेरी बुर चोदी माँ मिसेज सुनीता घोष बोल रही हूँ। तू कौन बोल रही है माँ की लौड़ी ?
- मैं तेरी बुर चोदी बेटी पूजा बोल रही हूँ।
- हाय दईया तू तो बड़ी हरामजादी हो गयी है भोसड़ी की ? तुमसे अभी कम ही हूँ बहन चोद, मम्मी।
- तू कहाँ से बोल रही है ?
- मैं तो घर से बोल रही हूँ लेकिन पहले तू बता की तू कहाँ गई थीं ?
- तेरी बुर चोदी माँ चुदाने गई थी, पूजा बेटी। आजकल तेरी माँ का भोसड़ा बहुत चुदासा रहता है न ? पर तू बता की तू कहाँ गई थी ?
- मैं तेरी बिटिया की बुर चुदाने गयी थी, मम्मी। लड़कों से अपनी बुर चटवाने गयी थी। आजकल के लड़के बुर ज्यादा चाटने लगे हैं. तेरी बिटिया को भी आजकल लण्ड का बड़ा चस्का लग गया है। लण्ड पीछे भागती रहती है।
- बाप रे बाप अभी से लण्ड की शौक़ीन हो गयी है वो बहन चोद ? उसकी माँ की चूत ?
- अरे वह तो कई महीनो से लण्ड पी रही है भोसड़ी वाली ? उसे कौन रोकने वाला है ?
- रोकने वाला तो तेरी माँ का भोसड़ा भी कोई नहीं है, बेटी ?
- फिर तो तू उसे कभी रोक ही नहीं पायेगी। तेरी बिटिया की बुर सुनीता, तेरी बहन का भोसड़ा भी इसी तरह लण्ड का दीवाना हो गया है ?
- इसका मतलब तू कल भी कहीं गयी थी।
- हां कल भी तेरी बेटी चुदवाने गयी थी, मम्मी ? लेकिन वहां तेरी बहन का भोसड़ा पहले से ही चुद रहा था। फिर तेरी बहन ने ही तेरी बिटिया की बुर में लण्ड पेल दिया।
- तो फिर मेरी बिटिया ने भी मेरी बहन की बुर में लण्ड पेला होगा।
- हां हां बिलकुल पेला। तेरी बिटिया मादर चोद कहाँ पीछे रहने वाली है।
- तब तो आज मैं तेरी माँ चोदूँगी, पूजा बेटी।
- मैं भी आज तेरी बेटी चोदूँगी, सुनीता और चोदूँगी तेरी बहन का भोसड़ा भी।
उस दिन मेरा कॉलेज किसी कारण बस बंद हो गया था तो मैं समय से पहले ही घर वापस आ गयी। मैं जब अंदर
घुसी तो मुझे मम्मी के कैमरे से कुछ आवाज़ें सुनाई पड़ी। खैर मैंने उसकी परवाह नहीं की और अपने कपड़े बदलने लगी। मैं जब कपड़े बदल कर बाहर आयी तो आवाज़ें कुछ तेज हो गयीं। एक मर्दानी आवाज़ भी थी। मैं
समझ नहीं पा रही थी की यह मर्दानी आवाज़ किसकी है। इसलिए मैं बेहिचक सीधे कमरे में घुस गयी। मैंने देखा की मम्मी सोफा पर बैठी हुई किसी आदमी के साथ शराब पी रहीं हैं। मम्मी के ऊपर के कपड़े बिलकुल खुले हुए थे और उस आदमी के नीचे के कपड़े खुले हुए थे। मतलब यह की मम्मी के बूब्स एकदम नंगे थे और आदमी का लण्ड बिलकुल नंगा था। लण्ड खड़ा था। मेरी नज़र उसी पर टिक गयी तो मेरी चूत की आग भड़क गयी। मजे की बात यह थी की उस आदमी का हाथ मम्मी की चूँचियों पर था और मम्मी का हाथ उसके लण्ड पर था।
मम्मी मजाक में बोली :- पूजा, देख तेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है और तू मजे से अपनी माँ चुदवा रही है बुर चोदी। तुझे शर्म नहीं आती ?
मैंने कहा :- शर्म की माँ का भोसड़ा मम्मी। जब मेरे सामने तुझे लण्ड पीने में कोई शर्म नहीं आती तो मुझे अपनी माँ चुदाने में शर्म क्यों आये ? अंकल ने तो धकाधक चोदना शुरू कर दिया . फिर एकाएक मम्मी ने वही लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया लण्ड साला मोटा तो था की उसका चेहरा देख कर मेरी तो गांड फट गई। ख़ैर अंकल ने आहिस्ते से लण्ड पूरा घुसेड़ दिया मेरी चूत में। मैं तो अपनी चूत की तारीफ करती हूँ। वह इतना मोटा लण्ड एक ही बार में खा गयी। अंकल से उसी तरह चोदना शुरू कर दिया। मम्मी मेरी जांघों पर हाथ फेरने लगी और अंकल के चूतड़ों पर भी हाथ फिराने लगीं।
मैंने मजाक में कहा :- वाओ, मम्मी तुझे अपनी बिटिया की बुर चुदाने में शर्म नहीं आती ? देखो न एक मोटा तगड़ा तेरी बेटी की चूत में बिना इज़ाज़त के घुस गया है और तू चुपचाप बैठी है। तुझे भी अपनी बेटी की बुर चुदाने में मज़ा आ रहा है क्या ?
मम्मी ने कहा :- पूजा तूने अपनी माँ चुदाने का मज़ा लूटा तो मैं अब अपनी बेटी चुदाने का मज़ा लूट रही हूँ। एक बात सुन ले भोसड़ी वाली। जब जब तेरी माँ चुदेगी तब तब उसकी बेटी भी चुदेगी।
इतने में एक आवाज़ आयी - और बेटी की माँ की बहन भी चुदेगी। पूजा तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? मैंने कहा - हां मेरी माँ की बहन की बुर मेरी मौसी की बुर है। मौसी जी तू भी आजा अपनी बुर खोल कर। मैं लौड़ा अपनी बुर से निकाल कर तेरी बुर में घुसेड़ दूँगी।
वह बोली :- अरी मौसी की बुर चोदी भांजी लौड़ा मैं अपने साथ लायी हूँ। मैंने देखा की उसके पीछे एक नौजवान लड़का नंगा नंगा खड़ा है। और खड़ा है उसका लण्ड ? लण्ड देख कर मेरी चूत की आग दूनी हो गयी।
मौसी ने बताया की यह कल्लू है मेरी दोस्त का बेटा। इसकी उम्र अभी केवल २० साल है। एक दिन मैं इसके घर गयी थी। इसकी माँ नहीं थी लेकिन कमरे का दरवाजा खुला था। मैं झाँक कर देखा तो यह नंगा नंगा अपनी दोनों टाँगे फैलाये हुए बैठा था। इसका लण्ड खड़ा था और यह अपना लण्ड सहला रहा था। लण्ड देख कर मैं हैरान हो गयी की इतनी कम उम्र में इसका इतना बड़ा लण्ड ? फिर यह अपने ही लण्ड का सड़का मारने लगा। मैंने सोंचा की इस बिचारे के पास कोई लड़की नहीं है जो इसका लण्ड पकड़ सके। चलो मैं ही इसका लण्ड पकड़ लेती हूँ। मैंने अपनी चूँचियाँ खोलीं, चुपचाप आगे बढ़ी और लण्ड पकड़ लिया।
वह बोला - अरे आंटी जी आप ?
मैंने कहा - नहीं बेटा मैं आंटी नहीं तेरी दोस्त हूँ। मैं तेरे लण्ड का सड़का मारूंगी। तेरा लण्ड बड़ा मोटा है और कड़क भी। तुम तो किसी की बुर चोद सकते हो।
वह बोला - आंटी जी मुझे चोदना नहीं आता।
मैंने कहा - चलो मैं तुम्हे आज सिखा देती हूँ की कैसे चोदी जाती है बुर ?
फिर मैंने उसे बुर चोदना सिखाया और २/३ लड़कियों की बुर इससे चुदवाई। अब तो यह मस्ती से बुर क्या भोसड़ा भी चोद लेता है, पूजा ?
मैंने कहा :- तो फिर मेरी माँ का भोसड़ा चुदवाओ , मौसी
मम्मी बोली :- नहीं पहले मेरी बेटी की बुर चुदवाओ। मैं लगातार कल्लू का लण्ड देख रही थी। बात ख़तम होते ही मैंने हाथ बढाकर कल्लू का लण्ड पकड़ लिया और अंकल का लण्ड मौसी को पकड़ा दिया। अंकल को तो मज़ा आ गया। उसने मौसी की चोदने का मन बना लिया और मैं कल्लू से चुदवाने के लिए तैयार हो गयी। मम्मी हम दोनों की चुदाई देखने का मन बना रही थीं। चुदाई शुरू भी हो गयी. मुझे कल्लू का लण्ड पसंद आ गया और मैं धकाधक चुदवाने लगी। मुझे मौसी का भोसड़ा भी चुदते हुए देखने में मज़ा आ रहा था। हम दोनों की चुदाई की आवाज़ें कमरे में गूंज रही थीं।
एक दिन मेरी रेनू बुआ आ गयीं। बुआ के साथ एक और आदमी था। मैं उसे पहचानती नहीं थी। मैंने पूंछा बुआ ये कौन है आपके साथ ? वह बोली यह मेरा देवर है अशोक। मैंने कहा फूफा के साथ नहीं आई हो बुआ ? वह बोली अपने मरद के साथ कौन बुर चोदी चलती है ? मैं तो उसके साथ चलती हूँ जो मुझे चोदता है ? मैंने कहा हाय दईया तो इसका मतलब अशोक अंकल तुम्हे चोदता है। तेरी बुर लेता है बुआ। वह बोली हां हां मैं इससे चुदवाती हूँ। मुझे इसका लण्ड पसंद है।
मैंने कहा :- तो फिर तू बहुत बड़ी चुदक्कड़ है।
बुआ बोली :- वाओ, तू तो मुझसे भी ज्यादा चुड़क्कड़ है पूजा तेरी माँ की चूत।
मम्मी बोली :- पूजा, तेरी माँ की नन्द का भोसड़ा। तू चाहे तो देख ले मेरी नन्द का भोसड़ा ?
बुआ ने जबाब दिया :- पूजा, तेरी माँ की चूत में लौड़ा पेलने आयी हूँ मैं ? तेरी बुर चोदी माँ चुदाने आई हूँ मैं । तू कहे तो तेरी भी चूत में भी घुसेड़ दूं लण्ड ?
फिर हम सबने मिलकर खूब घमाशान चुदाई की।
समझ नहीं पा रही थी की यह मर्दानी आवाज़ किसकी है। इसलिए मैं बेहिचक सीधे कमरे में घुस गयी। मैंने देखा की मम्मी सोफा पर बैठी हुई किसी आदमी के साथ शराब पी रहीं हैं। मम्मी के ऊपर के कपड़े बिलकुल खुले हुए थे और उस आदमी के नीचे के कपड़े खुले हुए थे। मतलब यह की मम्मी के बूब्स एकदम नंगे थे और आदमी का लण्ड बिलकुल नंगा था। लण्ड खड़ा था। मेरी नज़र उसी पर टिक गयी तो मेरी चूत की आग भड़क गयी। मजे की बात यह थी की उस आदमी का हाथ मम्मी की चूँचियों पर था और मम्मी का हाथ उसके लण्ड पर था।
मुझे देख कर मम्मी बोली :- वाओ, पूजा तू इतनी जल्दी आ गयी कॉलेज से ? क्या हुआ ?
मैंने कहा :- कुछ नहीं मम्मी कॉलेज बंद हो गया तो मैं आ गयी।
वह बोली :- ठीक है आ गयी हो तो लो शराब पियो।
मैं मम्मी के साथ शराब अपनी १५ साल की उम्र से पी रही हूँ। मैंने गिलास लिया और शराब पीने लगी।
मैं मम्मी के साथ शराब अपनी १५ साल की उम्र से पी रही हूँ। मैंने गिलास लिया और शराब पीने लगी।
तभी मम्मी ने मुझे लण्ड दिखाते हुए कहा :- लो बेटी, इब्राहिम अंकल का लण्ड पियो। मैं थोड़ा शर्मायी और थोड़ा झिझकने लगी तो वह बोली - आ जाओ न पूजा, शर्माने की कोई जरुरत नहीं बहन चोद। अब तुम बच्ची नहीं हो बेटी पूजा । बड़ी हो गयी हो। जवान हो गयी हो। लो पकड़ो लण्ड ? देखो न कितना प्यारा और कितना खूबसूरत लौड़ा है अंकल का ? कितना मोटा और बड़ा है साला ? ऐसे लौंड़ों से खेलना सीखो बेटी। तुम्हारी उम्र लण्ड से खेलने की हो गयी है। शराब भी पियो और लण्ड भी पियो ? बेटी एक बात का ख्याल रखो शराब का नशा तो उतर जाता है पर लण्ड का नशा कभी नहीं उतरता, बेटी पूजा। लण्ड से मोहब्बत हमेशा बनी रहती है। जवानी में तुम्हे बस लण्ड चाहिए लण्ड और लण्ड ?
मैंने मम्मी को पहली बार इतनी बेशर्मी से बात करते हुए देखा। वह बोली आज से तुम मेरी फ्रेंड हो। आज से तुम मुझसे गालियों से बात किया करो। समझ गयी न। तेरी माँ की चूत बहन चोद पूजा। अब जवानी का मज़ा लेना सीख ले।
मम्मी के इतना कुछ कहने पर मैंने हाथ बढाकर लण्ड पकड़ लिया। मैं लण्ड का टोपा चाट रही थी तभी मम्मी ने उस पर नीट शराब डाल दी मैं टोपा और मस्ती से चाटने लगी। मेरे मन में आया की जब मम्मी को कोई शर्म नहीं है तो फिर मुझे क्यों शर्म आये ? मैं और जबान निकाल निकाल लण्ड चाटने लगी। वह बोली ले बुर चोदी और मस्ती से चाट ले लण्ड पर गिरी हुई शराब। वह शराब डालती गयी और मैं लण्ड का सुपाड़ा चाटती गयी। जब वह रुकी तो मैंने कहा और डालो शराब भोसड़ी की सुनीता ? बड़ा मज़ा आ रहा है मुझे इस मादर चोद का लण्ड चाटने में ? मम्मी उठी तो उसका पेटीकोट नीचे गिर पड़ा। वह एकदम नंगी हो गयी। इधर मेंने भी अपना गाउन खोल दिया और भी नंगी हो गई।
अंकल बोला :- भाभी तेरी बेटी तो बहुत अच्छी तरह से लण्ड चाटती है।
मम्मी ने कहा :- बिलकुल अच्छी तरह चाट रही है। इसने बताया नहीं पर मुझे मालूम है ये तो बहुत दिनों से लण्ड चाट रही है। इसकी फ्रेंड्स कहती है की पूजा तो सड़का मार कर लण्ड पीती है। एक नहीं कई लड़कों के लण्ड पीती है पूजा । पर आज मैं पहली बार इसे लण्ड पीते हुए देख रही हूँ। इसकी माँ की चूत बहन चोद ! अब ये मुझसे कुछ भी नहीं छुपा पायेगी।
मैंने कहां :- हाय मम्मी, तुमने भी तो खूब छुपाया मुझसे। मुझे मालूम है की तुम जिस पार्टी में जाती हो वहां से सबसे चुदवा कर आती हो। कविता आंटी बता रही थी की पूजा तेरी मम्मी सबसे ज्यादा लोगों से चुदवाती है। सबके लण्ड घुसा लेती है अपनी चूत में ?
तब तक अंकल मेरी बुर चाटने लगा और मम्मी मेरी बुर पर शराब उड़ेलने लगीं। अंकल मेरी बुर चाट रहा था और मैं उसका लण्ड। मम्मी दोनों तरफ शराब उड़ेल रहीं थीं। थोड़ी देर बाद मम्मी लण्ड चाटने लगी और अंकल उसकी बुर। फिर मैं दोनों तरफ शराब उड़ेलने लगी। मुझे इतना मज़ा आया की मैंने अंकल का लण्ड पकड़ा और उसका मुठ्ठ मारने लगी। मैं लण्ड पकड़ कर जल्दी जल्दी ऊपर नीचे करने लगी। लण्ड सख्त होता गया कर सुपाड़ा फूलता गया। मम्मी मेरा साथ दे रहीं थी और पेल्हड़ भी चाट रहीं थीं। थोड़ी देर में लण्ड उगलने लगा वीर्य जिसे मैंने मुंह में ले लिया . फिर हम दोनों ने मिलकर झड़ता हुआ लण्ड चाटा।
मम्मी ने कहा :- देखो बेटी एक बात नोट कर लो। हम लोग उच्च घराने की हैं। हमें शराब पीना और डांस करना बचपन में ही सिखाया जाता है और जब हम जवान हो जातीं हैं तो लण्ड पीने लगतीं हैं। ऐय्यासी करने लगती हैं। नशा दोनों में होता है शराब में भी और लण्ड में भी। फरक इतना है बेटी की शराब का नशा तो थोड़ी देर में उतर जाता है पर लण्ड का नशा जब एक बार चढ़ता है तो फिर कभी नहीं उतरता। जितने लण्ड पियोगी उतने और लण्ड पीने की इच्छा बढती जाएगी ? मैंने १५ साल की उम्र से लण्ड पीना शुरू किया था और आज जब की मैं ४५ साल की हो गयी हूँ मुझमें लण्ड का नशा बहुत ज्यादा चढ़ा हुआ है। मैं एक दिन भी बिना लण्ड के नहीं रह सकती बेटी। तेरा भी यही हाल होगा। तो फिर हम लोग मिलकर क्यों न लण्ड एन्जॉय करें । और एक दूसरे की चूत में पेलें लण्ड ।
मम्मी ने कहा :- अभी तो मैंने तेरी चूत में लण्ड पेला ही नहीं बुर चोदी पूजा ?
मैंने कहा :- मैंने भी तो अभी कोई लण्ड नहीं पेला तेरी चूत में, भोसड़ी की सुनीता ? अंकल का लण्ड हम दोनों के बीच छलागें मार रह था। सच यह है की मैं भी चुदासी थी और मम्मी भी चुदासी ? मैंने अंकल को आँख मारी तो अंकल ने लण्ड मम्मी की चूत पर टिका दिया। मैंने अंकल के चूतड़ दबा दिया तो लण्ड मम्मी की चूत में घुस गया। अंकल मेरी माँ की चूत चोदने लगा और मेरी चूँचियाँ मसलने लगा। मैं उसके पेल्हड़ हौले हौले सहलाने लगी। यहाँ माँ बेटी दोनों चुदवा रहीं हैं। यह आपको अजीब लग रहा होगा। पर असली बात यह है की जब जवानी का जोश उबलता है तो कुछ भी हो सकता है। चूत की आग जब भड़कती है तो उसे बुझाने के लिए लण्ड चाहिए और तब यह नहीं देखा जाता की लण्ड किसका है। इसी तरह जब लण्ड खड़ा हो जाता है तो उसे घुसने के लिए बुर चाहिए फिर बुर चाहे जिसकी हो ? कोई भी चूत में लण्ड पेले चाहे वह बेटी हो चाहे माँ ? सब जायज़ है।मैंने मम्मी को पहली बार इतनी बेशर्मी से बात करते हुए देखा। वह बोली आज से तुम मेरी फ्रेंड हो। आज से तुम मुझसे गालियों से बात किया करो। समझ गयी न। तेरी माँ की चूत बहन चोद पूजा। अब जवानी का मज़ा लेना सीख ले।
मम्मी के इतना कुछ कहने पर मैंने हाथ बढाकर लण्ड पकड़ लिया। मैं लण्ड का टोपा चाट रही थी तभी मम्मी ने उस पर नीट शराब डाल दी मैं टोपा और मस्ती से चाटने लगी। मेरे मन में आया की जब मम्मी को कोई शर्म नहीं है तो फिर मुझे क्यों शर्म आये ? मैं और जबान निकाल निकाल लण्ड चाटने लगी। वह बोली ले बुर चोदी और मस्ती से चाट ले लण्ड पर गिरी हुई शराब। वह शराब डालती गयी और मैं लण्ड का सुपाड़ा चाटती गयी। जब वह रुकी तो मैंने कहा और डालो शराब भोसड़ी की सुनीता ? बड़ा मज़ा आ रहा है मुझे इस मादर चोद का लण्ड चाटने में ? मम्मी उठी तो उसका पेटीकोट नीचे गिर पड़ा। वह एकदम नंगी हो गयी। इधर मेंने भी अपना गाउन खोल दिया और भी नंगी हो गई।
अंकल बोला :- भाभी तेरी बेटी तो बहुत अच्छी तरह से लण्ड चाटती है।
मम्मी ने कहा :- बिलकुल अच्छी तरह चाट रही है। इसने बताया नहीं पर मुझे मालूम है ये तो बहुत दिनों से लण्ड चाट रही है। इसकी फ्रेंड्स कहती है की पूजा तो सड़का मार कर लण्ड पीती है। एक नहीं कई लड़कों के लण्ड पीती है पूजा । पर आज मैं पहली बार इसे लण्ड पीते हुए देख रही हूँ। इसकी माँ की चूत बहन चोद ! अब ये मुझसे कुछ भी नहीं छुपा पायेगी।
मैंने कहां :- हाय मम्मी, तुमने भी तो खूब छुपाया मुझसे। मुझे मालूम है की तुम जिस पार्टी में जाती हो वहां से सबसे चुदवा कर आती हो। कविता आंटी बता रही थी की पूजा तेरी मम्मी सबसे ज्यादा लोगों से चुदवाती है। सबके लण्ड घुसा लेती है अपनी चूत में ?
तब तक अंकल मेरी बुर चाटने लगा और मम्मी मेरी बुर पर शराब उड़ेलने लगीं। अंकल मेरी बुर चाट रहा था और मैं उसका लण्ड। मम्मी दोनों तरफ शराब उड़ेल रहीं थीं। थोड़ी देर बाद मम्मी लण्ड चाटने लगी और अंकल उसकी बुर। फिर मैं दोनों तरफ शराब उड़ेलने लगी। मुझे इतना मज़ा आया की मैंने अंकल का लण्ड पकड़ा और उसका मुठ्ठ मारने लगी। मैं लण्ड पकड़ कर जल्दी जल्दी ऊपर नीचे करने लगी। लण्ड सख्त होता गया कर सुपाड़ा फूलता गया। मम्मी मेरा साथ दे रहीं थी और पेल्हड़ भी चाट रहीं थीं। थोड़ी देर में लण्ड उगलने लगा वीर्य जिसे मैंने मुंह में ले लिया . फिर हम दोनों ने मिलकर झड़ता हुआ लण्ड चाटा।
मम्मी ने कहा :- देखो बेटी एक बात नोट कर लो। हम लोग उच्च घराने की हैं। हमें शराब पीना और डांस करना बचपन में ही सिखाया जाता है और जब हम जवान हो जातीं हैं तो लण्ड पीने लगतीं हैं। ऐय्यासी करने लगती हैं। नशा दोनों में होता है शराब में भी और लण्ड में भी। फरक इतना है बेटी की शराब का नशा तो थोड़ी देर में उतर जाता है पर लण्ड का नशा जब एक बार चढ़ता है तो फिर कभी नहीं उतरता। जितने लण्ड पियोगी उतने और लण्ड पीने की इच्छा बढती जाएगी ? मैंने १५ साल की उम्र से लण्ड पीना शुरू किया था और आज जब की मैं ४५ साल की हो गयी हूँ मुझमें लण्ड का नशा बहुत ज्यादा चढ़ा हुआ है। मैं एक दिन भी बिना लण्ड के नहीं रह सकती बेटी। तेरा भी यही हाल होगा। तो फिर हम लोग मिलकर क्यों न लण्ड एन्जॉय करें । और एक दूसरे की चूत में पेलें लण्ड ।
मम्मी ने कहा :- अभी तो मैंने तेरी चूत में लण्ड पेला ही नहीं बुर चोदी पूजा ?
मम्मी मजाक में बोली :- पूजा, देख तेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है और तू मजे से अपनी माँ चुदवा रही है बुर चोदी। तुझे शर्म नहीं आती ?
मैंने कहा :- शर्म की माँ का भोसड़ा मम्मी। जब मेरे सामने तुझे लण्ड पीने में कोई शर्म नहीं आती तो मुझे अपनी माँ चुदाने में शर्म क्यों आये ? अंकल ने तो धकाधक चोदना शुरू कर दिया . फिर एकाएक मम्मी ने वही लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया लण्ड साला मोटा तो था की उसका चेहरा देख कर मेरी तो गांड फट गई। ख़ैर अंकल ने आहिस्ते से लण्ड पूरा घुसेड़ दिया मेरी चूत में। मैं तो अपनी चूत की तारीफ करती हूँ। वह इतना मोटा लण्ड एक ही बार में खा गयी। अंकल से उसी तरह चोदना शुरू कर दिया। मम्मी मेरी जांघों पर हाथ फेरने लगी और अंकल के चूतड़ों पर भी हाथ फिराने लगीं।
मैंने मजाक में कहा :- वाओ, मम्मी तुझे अपनी बिटिया की बुर चुदाने में शर्म नहीं आती ? देखो न एक मोटा तगड़ा तेरी बेटी की चूत में बिना इज़ाज़त के घुस गया है और तू चुपचाप बैठी है। तुझे भी अपनी बेटी की बुर चुदाने में मज़ा आ रहा है क्या ?
मम्मी ने कहा :- पूजा तूने अपनी माँ चुदाने का मज़ा लूटा तो मैं अब अपनी बेटी चुदाने का मज़ा लूट रही हूँ। एक बात सुन ले भोसड़ी वाली। जब जब तेरी माँ चुदेगी तब तब उसकी बेटी भी चुदेगी।
इतने में एक आवाज़ आयी - और बेटी की माँ की बहन भी चुदेगी। पूजा तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? मैंने कहा - हां मेरी माँ की बहन की बुर मेरी मौसी की बुर है। मौसी जी तू भी आजा अपनी बुर खोल कर। मैं लौड़ा अपनी बुर से निकाल कर तेरी बुर में घुसेड़ दूँगी।
वह बोली :- अरी मौसी की बुर चोदी भांजी लौड़ा मैं अपने साथ लायी हूँ। मैंने देखा की उसके पीछे एक नौजवान लड़का नंगा नंगा खड़ा है। और खड़ा है उसका लण्ड ? लण्ड देख कर मेरी चूत की आग दूनी हो गयी।
मौसी ने बताया की यह कल्लू है मेरी दोस्त का बेटा। इसकी उम्र अभी केवल २० साल है। एक दिन मैं इसके घर गयी थी। इसकी माँ नहीं थी लेकिन कमरे का दरवाजा खुला था। मैं झाँक कर देखा तो यह नंगा नंगा अपनी दोनों टाँगे फैलाये हुए बैठा था। इसका लण्ड खड़ा था और यह अपना लण्ड सहला रहा था। लण्ड देख कर मैं हैरान हो गयी की इतनी कम उम्र में इसका इतना बड़ा लण्ड ? फिर यह अपने ही लण्ड का सड़का मारने लगा। मैंने सोंचा की इस बिचारे के पास कोई लड़की नहीं है जो इसका लण्ड पकड़ सके। चलो मैं ही इसका लण्ड पकड़ लेती हूँ। मैंने अपनी चूँचियाँ खोलीं, चुपचाप आगे बढ़ी और लण्ड पकड़ लिया।
वह बोला - अरे आंटी जी आप ?
मैंने कहा - नहीं बेटा मैं आंटी नहीं तेरी दोस्त हूँ। मैं तेरे लण्ड का सड़का मारूंगी। तेरा लण्ड बड़ा मोटा है और कड़क भी। तुम तो किसी की बुर चोद सकते हो।
वह बोला - आंटी जी मुझे चोदना नहीं आता।
मैंने कहा - चलो मैं तुम्हे आज सिखा देती हूँ की कैसे चोदी जाती है बुर ?
फिर मैंने उसे बुर चोदना सिखाया और २/३ लड़कियों की बुर इससे चुदवाई। अब तो यह मस्ती से बुर क्या भोसड़ा भी चोद लेता है, पूजा ?
मैंने कहा :- तो फिर मेरी माँ का भोसड़ा चुदवाओ , मौसी
मम्मी बोली :- नहीं पहले मेरी बेटी की बुर चुदवाओ। मैं लगातार कल्लू का लण्ड देख रही थी। बात ख़तम होते ही मैंने हाथ बढाकर कल्लू का लण्ड पकड़ लिया और अंकल का लण्ड मौसी को पकड़ा दिया। अंकल को तो मज़ा आ गया। उसने मौसी की चोदने का मन बना लिया और मैं कल्लू से चुदवाने के लिए तैयार हो गयी। मम्मी हम दोनों की चुदाई देखने का मन बना रही थीं। चुदाई शुरू भी हो गयी. मुझे कल्लू का लण्ड पसंद आ गया और मैं धकाधक चुदवाने लगी। मुझे मौसी का भोसड़ा भी चुदते हुए देखने में मज़ा आ रहा था। हम दोनों की चुदाई की आवाज़ें कमरे में गूंज रही थीं।
मैंने कहा :- तो फिर तू बहुत बड़ी चुदक्कड़ है।
बुआ बोली :- वाओ, तू तो मुझसे भी ज्यादा चुड़क्कड़ है पूजा तेरी माँ की चूत।
मम्मी बोली :- पूजा, तेरी माँ की नन्द का भोसड़ा। तू चाहे तो देख ले मेरी नन्द का भोसड़ा ?
बुआ ने जबाब दिया :- पूजा, तेरी माँ की चूत में लौड़ा पेलने आयी हूँ मैं ? तेरी बुर चोदी माँ चुदाने आई हूँ मैं । तू कहे तो तेरी भी चूत में भी घुसेड़ दूं लण्ड ?
फिर हम सबने मिलकर खूब घमाशान चुदाई की।
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