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अपने ससुर का लण्ड चाट रही हूँ - Apne sasur ka lund chat rahi hun - Sasur se Chudai
अपने ससुर का लण्ड चाट रही हूँ - Apne sasur ka lund chat rahi hun - Sasur se Chudai , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
एक दिन मेरी नन्द मेरे साथ बैठी हुई हंसी मजाक करने लगी।
वह बोली :- भाभी जान अब तुम्हे कौन चोदेगा क्योंकि मेरा भाई जान तो विदेश चला गया है।
एक दिन मेरी नन्द मेरे साथ बैठी हुई हंसी मजाक करने लगी।
वह बोली :- भाभी जान अब तुम्हे कौन चोदेगा क्योंकि मेरा भाई जान तो विदेश चला गया है।
मैंने जबाब दिया :- तू अपनी बात कर। मुझे तो तेरा बाप चोदेगा नन्द रानी ?
वह बोली :- मुझे भी तेरा बाप चोदेगा भाभी जान ? और मुझे ही नहीं तेरा बाप तो मेरी माँ भी चोदेगा।
मैंने कहा :- तेरा बाप भी मेरी माँ चोदेगा क्योंकि तेरा बाप रिश्ते में मेरी माँ का देवर लगता है नन्द रानी ?
फिर हम दोनों खिलखिलाकर हंसने लगीं।
दोस्तों, मैं बात उस समय की कर रही हूँ जब मैं ताज़ी ताज़ी जवान हुई थी। मैं १८ + की हो गयी थी और मेरा पूरा बदन गदरा गया था। चूचियां बड़ी बड़ी हो गयीं थीं। कमर पतली पर चूतड़ बड़े बड़े हो गये थे। मेरी जाँघे मोटी मोटी हो गयीं थी। बाहें खूबसूरत निकल आयी थीं। सब कहती थी की तेरी बाहें बहुत सुन्दर है इसलिए तू स्लीवलेस कपडे ही पहना कर। मेरी चूत पर काली काली झांटें मुझे बड़ी अच्छी लगती थीं। इसलिए मैं झांटें कभी साफ़ नहीं करती थी बल्कि थोड़ा ट्रिम कर लेती थी। मुझे जवान लड़के बड़े अच्छे लगने लगे। मैं अंकल लोगों को पसंद करने लगी थीं। मुझे अंकल की गोद में बैठना अच्छा लगता था। मैं पोर्न फिल्म लैपटॉप पर देखने लगी और सेक्स की कहानियां भी पढ़ने लगी। अपनी चूत में ऊँगली डालने लगी, कभी मूली, कभी बैगन, कभी गाजर सब घुसेड़ने लगी।
एक बात है मेरी अम्मी का रवैया मेरी तरफ बड़ा नरम हो गया था। वह मुझसे खुल कर बातें करने लगीं थीं। गन्दी गन्दी बातें भी करने लगीं थीं। एक दिन तो वह खुल कर पूछ बैठी की रेहाना तू बुर चोदी लण्ड पकड़ने लगी है की नहीं। मैं तो तेरी उम्र में लण्ड अपनी चूत में पेलने लगी थी। अम्मी की बातों ने मेरे बदन में जादू कर दिया। मेरे बदन में गुदगुदी होने लगी। मैं सोंचने लगी की अम्मी मुझसे बिलकुल मेरी दोस्तों की तरह बातें कर रहीं हैं वह भी मुस्कराकर। अब तो मैं भी खुल कर बातें कर सकती हूँ अम्मी से। फिर जाने क्यों रुक गयी और झूंठ बोल बैठी। मैंने कहा नहीं अम्मी मैंने अभी तक कोई लण्ड नहीं पकड़ा ? वह हंस कर बोली हाय दईया तो क्या तू अभी तक गांड मरा रही थी अपनी ? तेरी माँ का भोसड़ा बहन चोद तेरी उम्र की लड़कियां तो अपनी माँ की चूत में लण्ड पेलने लगती है। तेरी चूत में आग है की नहीं ? तुझे कभी लण्ड की जरुरत ही नहीं महसूस हुई ? अगर हुई है तो शर्माती क्यों है भोसड़ी वाली ?
अम्मी की गालियां मुझे बड़ी अच्छी लग रही थीं। मैं तो हर रोज़ अपनी सहेलियों से ऐसी ही बातें करती हूँ। तो क्या अम्मी मेरी सहेली हो गयीं ? दूसरे दिन दोपहर को जब मैं कॉलेज से आयी तो अम्मी ने मुझे अपने कमरे में बुला लिया। मैं ढीले वाले कपड़े पहन हर अम्मी केकमरे में घुस गयी। मैंने देखा की अम्मी अपनी चूँचियाँ खोले हुए बैठी हैं। मैं थोड़ा झिझकी तो वह बोली चली आ अंदर शर्माने की जरुरत नहीं है। मैं और नजदीक चली गयी। मुझे लगा की अम्मी के बगल में कोई लेटा है। मैं जब तक उसे जान पाती तब तक अम्मी ने चादर हटा कर मुझे एक टन टनाता हुआ खड़ा लण्ड दिखाती हुई बोली ले माँ की लौड़ी रेहाना अब तुम अंकल का लण्ड पकड़ कर मुझे दिखा ? मैं देखना चाहती हूँ की तुझे लण्ड पकड़ना आता है की नहीं ? मैंने हाथ जरूर बढ़ाया और लण्ड पकड़ भी लिया लेकिन अच्छी तरह से नहीं ?
तब तक पीछे आवाज़ आयी अरे दीदी ये बुर चोदी रेहाना लण्ड पकड़ना अच्छी तरह जानती है। मुठ्ठ मार कर लण्ड पीना भी अच्छी तरह जानती है। इसे लण्ड चूत में पेलना भी आता है दीदी। ये तो हरामजादी तेरे सामने नाटक कर रही है। इसी ने मेरी बेटी सबा को लण्ड पकड़ना सिखाया है। अब सबा मेरी चूत में लण्ड पेल देती है दीदी ।अम्मी ने कहा हाय अल्ला, तो तूने अभी तक मुझे क्यों नहीं बताया शबाना ? तेरी बहन की बुर तू भी मुझसे छिपाने लगी ? वह बोली अरे दीदी यह बात आज की है। इसीलिए मैं दौड़ी दौड़ी आयी तुम्हे बताने ? मुझे क्या मालूम था की यहाँ मुझे रेहाना मिल जाएगी।
मैंने कहा अम्मी ये मेरी खाला है न। इसकी बेटी ने इसे एक दिन रंगे हाथों पकड़ लिया था जब ये अपने देवर से चुदवा रही थी। तब खाला ने खुद अपने देवर का लण्ड अपनी बेटी को पकड़ा दिया था। उस दिन से सबा लण्ड पकड़ने लगी। हां मेरे दोस्तों के भी लण्ड पकड़े हैं उसने। और अम्मी मैं भी लण्ड एक साल से पकड़ रही हूँ पर आपसे बताने की मेरी हिम्मत कभी नहीं हुई। अम्मी ने कहा अब तो हिम्मत हो रही है न ? मैंने कहा हां अब हो रही है। वह बोली तो फिर पेल दे न अंकल का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में। मैंने भी बेशर्मी से लण्ड अम्मी की चूत में घुसेड़ दिया। अम्मी ने कहा तेरी माँ का भोसड़ा रेहाना अब हो गयी न तू बेशर्म ? मैंने कहा हां हो गई मादर चोद मैं बड़ी बेशर्म। अम्मी तेरी बिटिया की बुर , तेरी बहन का भोसड़ा अब मैं माँ चुदाने में शरमाऊँगी नहीं बल्कि मैं सबा की भी माँ चोद दूँगी।
इस तरह मैं बिंदास अपनी माँ चुदाने लगी साथ ही साथ अपनी खाला का भोसड़ा और फूफी की बुर चुदाने लगी। फिर उन दोनों बेटियां भी हमारे साथ चोदा चोदी करने लगीं। पास पड़ोस की लड़कियां शामिल हमने लगी। हम एक दूसरे की चूत में लण्ड पेल पेल कर एन्जॉय करने लगीं और ज़िन्दगी का लुत्फ़ उठाने लगीं। हमारे यहाँ लण्ड की कमी बिलकुल नहीं है। जाने कितने अब्बू हैं, चाचू हैं, मामू हैं, खालू हैं, उनके दोस्त हैं, उनके लड़के हैं, जीजू हैं, बहनोई हैं, देवर हैं, ससुर हैं, जाने कितने लोग अपने लण्ड खड़ा किये हुए चोदने के लिए तैयार रहते हैं। बस चुदाई ही चुदाई और मज़ा ही मज़ा ?
ऐसा करते करते मैं २३ साल की हो गयी और मेरी शादी हो गयी। ताहिरा बेगम मेरी अम्मी जान तब तक ४५ साल की हो गयी। पर वह अभी भी एकदम मस्त जवान थीं और तारो ताज़ा लगती थीं। शादी के बाद मैं सुहागरात के लिए विदेश चली गयी। जब वापस आयी तो घर पर अपने शौहर से हाथ एक महीना रही। फिर शौहर विदेश काम पर चला गया। मैं बिस्तर पर अकेली हो गयी। तभी एक दिन मेरी नन्द मुझसे बातें करने लगी जो आपने सबसे ऊपर पढ़ा। वह मुझसे पूंछ रही की भाभी अब तुम्हे कौन चोदेगा क्योंकि तेरा तो शौहर विदेश चला गया ? तो मैंने जबाब दिया की मुझे तेरा बाप चोदेगा ? मेरी नन्द बोली भाभी जान मुझे भी तेरा बाप चोदेगा और मेरी माँ भी चोदेगा। सुना है तेरे बाप का लण्ड बड़ा मोटा है. मुझे मोटे लण्ड बहुत पसंद हैं भाभी और मेरी माँ को भी। मैं समझ गयी की मेरी नन्द बुर चोदी मेरे अब्बू से जरूर चुदवायेगी और अपनी माँ भी चुदवायेगी। उसे मेरे अब्बू के लण्ड के सपने जरूर आते होंगें। चलो अच्छा है फिर तो मेरी सास का भोसड़ा और नन्द की बुर मेरे कब्जे में रहेगी ?
इधर मेरी नज़र अपने ससुर के लण्ड पर थी। एक दिन मैंने चुपके से बाथ रूम में उसके लण्ड का दीदार कर लिया था। तभी से मेरी चूत उसे पाने के लिए तड़प रही है और मेरे मुंह में पानी आ रहा है। मैं उसका लौड़ा जल्दी से जल्दी अपने मुंह में लेना चाहती थी। मैं धीरे धीरे ससुर के नजदीक जाने लगी। अपनी चूँचियाँ उसे दिखाने लगी और बड़ी सेक्सी अंदाज़ में बातें करने लगी।
एक दिन सास बोली बहू तेरी बुर चोदी नन्द कहाँ गयी है ? दिख नहीं रही है। मैंने कहा मुझे नहीं मालूम सासू जी। मुझसे बता कर तो गयी नहीं। वह बोली अरे वह ससुरी गयी होगी किसी का लण्ड हिलाने। उसे लड़कों के लण्ड हिलाने में बड़ा मज़ा आता है। मैं जानती हूँ। तब तक मेरी खाला सास आ गयीं। वह बोली अरे रहीमा (मेरी सास का नाम) दीदी तेरी बहू आजकल बिना लण्ड के दिन गुज़ार रही है। उसके बारे में कुछ सोंचा तुमने ? बहू जवान है उसे लण्ड चाहिये और तुम कुछ कर नहीं रही हो दीदी ? सास बोली अरे कुनबे में तो कई मरद है किसी का भी लण्ड पकड़ ले भोसड़ी वाली मेरी बहू। किसी ने मना तो किया नहीं ? मुझे दो बातों से बड़ी ख़ुशी हुई। एक तो मेरा ससुर और सास दोनों गालियां देती है बिलकुल मेरी तरह ? और दूसरे यह की मैं कुनबे में किसी का भी लण्ड पकड़ सकती हूँ।
मैं मन ही मन बड़ी खुश हो रही थी। तभी मेरा ससुर आ गया। मेरी खाला सास बोली अरे जीजू तुम ही पकड़ा दो न अपना लण्ड अपनी बहू को ? चोद डालो अपनी बहू की बुर। बिचारी जाने कितने दिनों से चुदासी बैठी है। तेरी बेटी जिसकी अभी शादी नहीं हुई वह हर दिन लण्ड पकड़ती है। मेरी बेटी भी मादर चोद सबके लण्ड पकड़ती रहती है और अक्सर अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेल देती है। यह काम तो बहू भी कर सकती है न ? यह सुनकर मैं समझ गयी की मेरा काम अब आसान हो गया है। दूसरे दिन रात में मुझे नींद नहीं आ रही थी। मेरे मन में ससुर का लण्ड ही घूम रहा था। खाला ने यह नहीं बताया की उसके जीजू का लण्ड है कैसा ? कितना बड़ा और कितना मोटा है ? मैं बस अनुमान लगा लगा कर करवटें बदल रही थी। तभी मैं बाथ रूम के लिए उठी और जब वास् आ रही थी तो मेरे ससुर की गाह मेरे ऊपर पड़ गयी। उसने मुझे इशारे से बुलाया। रात में १२. ३० बज चुके थे। मैं जब उसके पास गयी तो कहा जी ससुर जी ,,,,,,,? वह बोला बहू मेरे सामने बैठो। मैं बैठ गयी। वह बोला आजकल तुम्हे नींद नहीं आती है क्या बहू ?
मैंने कहा हां ससुर जी कभी आती है, कभी नहीं आती। कभी कभी तो मैं रात भर जगती रहती हूँ। उसने कहा तेरी नन्द मादर चोद तेरे लिए कुछ नहीं करती ? वह तो मेरे दोस्तों के लण्ड पकड़ा करती है। तुझे आज तक कोई भी लण्ड नहीं पकड़ाया। मैंने सिर हिला कर ना कह दिया। तब वह बोला अच्छा लो तुम मेरा लण्ड पकड़ लो बहू। पसंद आये तो पकड़े रहना वरना छोड़ देना। उसने मेरे सामने अपनी लुंगी खोल कर मुझे लण्ड दिखा दिया। लण्ड देख कर मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी। मैंने कहा हाय अल्ला, इतना बड़ा लण्ड ससुर जी ! इतना मोटा लण्ड ! मैंने तो अभी तक इतना बेहतरीन लण्ड नहीं देखा ? मैंने हाथ बढाकर उसका लण्ड पकड़ लिया और हिलाने लगी। मैं झुक कर लण्ड की चुम्मी ली और कई बार ली। मैंने लण्ड का सुपाड़ा कई बार चूमा। लण्ड के पेल्हड़ भी कई बारे चूमे। आज मुझे बहुत दिनों के बाद लण्ड मिला तो मैं पागल हो गयी। मुझे अपने तन बदन का होश नहीं रहा। मैं कब पूरी तरह नंगी हो गयी यह भी मुझे मालूम नहीं हुआ। ससुर मेरी चूँचियाँ दबाने लगा और मेरी चूत पर हाथ फिराने लगा।
वह पूरा नंगा होकर बोला बहू तेरी चूत तो बड़ी टाइट है बहन चोद । बिलकुल तेरी नन्द की चूत की तरह है और तेरी खाला सास की बेटी की चूत की तरह है ? मैं समझ गयी की मेरा ससुर अपनी बिटिया की बुर लेता है और अपनी साली की बिटिया की भी बुर लेता है। बड़ा हरामजादा है मेरा ससुर। ये तो किसी की भी माँ बेटी चोदने वाला आदमी है। इसे किसी की भी बुर चोदने में कोई शर्म नहीं है ? ख़ैर कुछ भी हो मुझे तो लण्ड मिला मैं इसलिए मैं बहुत खुश हो गयी। फिर मैंने पूंछ ही लिया ससुर जी तुम अपनी बिटिया की बुर लेते हो क्या ? वह बोला हां लेता हूँ और क्यों न लूं जब मेरी बेटी आधी रात को खुद मेरा खड़ा लण्ड पकड़ लेगी तो कौन भोसड़ी का उसकी बुर नहीं लेगा ? पहल उसी बुर चोदी ने की. उसे अगर बुर नहीं देना था तो मेरा लण्ड पकड़ा ही क्यों ? लण्ड पकड़ा इसका मतलब वह मुझे अपनी बुर देने को तैयार थी। लण्ड को तो घुसने के लिए बुर चाहिए बहू बुर ? वह बुर चाहे जिसकी हो ? लण्ड उसे नहीं पहचानता ? ऐसा बोल कर ससुर ने लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया और मैं मजे से चुसंवे लगी उसका लण्ड। वह चाटने लगा मेरी बुर।
मैं बड़े प्यार से एक हाथ से पेल्हड़ थामे हुए उसके लण्ड का मज़ा ले रही थी। मन ही मन बड़ी खुश थी की मुझे आज बहुत बढ़िया लण्ड मिला है। आज मेरी चूत की प्यास बुझेगी। थोड़ी देर में ससुर चोदो न प्लीज मेरी बुर. उसको भी चोदने की जल्दी थी। उसने गाछक से पेल दिया लण्ड मेरी चूत। में मैं चिल्ला पड़ी हाय मेरी माँ ? इस मादर चोद ने फाड़ डाली मेरी बुर अम्मी। एकदम से पेल दिया इतना मोटा लण्ड। मेरी तो जान ही निकल गयी बहन चोद। ससुर जी, मेरी तो गांड फट रही है तुझसे चुदवाने में ? जहाँ ८/१० बार लण्ड अंदर बाहर हुआ वहीँ मैं बोलने लगी अरे भोसड़ी के ससुर पूरा पेल के चोदो लण्ड ? अब क्या अब तो धकाधक चोदो मेरी चूत ? मुझे जी भर के चोदो मेरे राजा। तूने तो सबको रंडी बना दिया है अपने कुनबे में ? मैं भी तेरे लिए एक नई रंडी हूँ। खूब झमाझम चोदो मुझे। हाय कितना मज़ा आ रहा है चुदवाने में ? यार अब तुम मुझे हर दिन चोदना। मेरी माँ भी चोदना। मेरी बहन की बुर ले लेना पर मुझे चोदते रहना ?
इतने में मेरी नन्द कमरे में आ गयी।
वह बोली :- हाय, अब्बू यह क्या हो रहा है ?
उसके बोलने के पहले मैं बोली :- देख बुर चोदी नन्द रानी, तेरा बाप मुझे चोद रहा है। मैंने तुझसे कहा था न की तेरा मुझे तेरा बाप चोदेगा ?
वह मुस्कराकर बोली :- अरे मेरी भाभी जान, मैंने भी कहा था की तेरा बाप मुझे चोदेगा। इसलिए आज रात को तेरा बाप भी मुझे चोदने आ रहा है। मेरी अम्मी ने उससे बात कर ली है। वह मेरी माँ भी चोदेगा और मुझे भी.
ऐसा कह कर वह चली गयी और तब तक मेरा ससुर भोसड़ी का मुझे पीछे से चोदने लगा। मैं भी बहन चोद
कुतिया की तरह चुदवाने लगी। उसके मोटे लण्ड का पूरा फायदा उठा रही थी हैं। उसके बाद मैंने उसे नीचे लिटा दिया और उसके खड़े लण्ड पर मैं बैठ गयी। लण्ड पूरा मेरी चूत में घुस गया और मैं थोड़ा आगे झुक कर उसका लण्ड मर्दों की तरह चोदने लगी। मैंने कहा ससुर जी अब मैं तेरा मादर चोद लण्ड चोदूँगी। मैं अपनी गांड उठा उठा के लण्ड पर पटकने लगी। वह बोला अरे वाह बहू, तेरी नन्द की सास भी इसी तरह मेरा लण्ड चोदती है और तेरी खाला सास की बेटी भी मुझ पर इसी तरह चढ़ कर मेरा लण्ड चोदती है। मुझे तो सच में बड़ा मज़ा आता है अपना लण्ड चुदवाकर। मैं चोदने की स्पीड बढ़ा दी और उसने भी पूरा साथ दिया। वह भी नीचे से अपनी गांड उचकाने लगा। हम दोनों तूफ़ान मेल की तरह चुदाई में जुट गए। थोड़ी देर बाद वह बोला बहू रानी अब मैं निकलने वाला हूँ। बस मैं फ़ौरन नीचे उतर गयी और लण्ड मुठ्ठी में लेकर सड़का मारने लगी। फिर उसके लण्ड ने छोड़ दी पिचकारी मेरे मुंह में और मैं मस्ती से अपने ससुर का लण्ड पीने लगी।
उसी दिन रात में मैंअपनी नन्द के कमरे में चली गयी। मैंने देखा की वह अपनी चूँचियाँ खोले हुए बैठी है और मेरा अब्बू भी नंगा बैठा है। मेरी नन्द का हाथ मेरे अब्बू के लण्ड पर है और मेरे अब्बू का हाथ नन्द की चूँचियों पर है। लण्ड मेरी नन्द के मुंह के बिलकुल सामने है।
मैंने कहा :- हाय मेरी बुर चोदी नन्द रानी क्या कर रही हो ?
वह बोली :- हाय मेरी भाभी जान, देखती नहीं हो, मैं तेरे अब्बू का लण्ड चाट रही हूँ। तभी मेरी सास भी अपनी चूँचियाँ खोले हुए आ गयी और यह झुक कर पेल्हड़ चाटने लगी। उसने मुझसे कहा देखो बहू रानी मैं तेरे अब्बू के पेल्हड़ चाट रही हूँ। तेरा अब्बू मेरा देवर है। आज मैं इसके लण्ड का पूरा मज़ा लूंगी। आज यह मेरी बुर चोदेगा और मेरी बिटिया की भी बुर चोदेगा।
तब तक नन्द बोली :- भाभी जान, तूने मेरे अब्बू से चुदवाया है, अब मैं तेरे अब्बू से चुदवाऊंगी।
दोस्तों, मैं बात उस समय की कर रही हूँ जब मैं ताज़ी ताज़ी जवान हुई थी। मैं १८ + की हो गयी थी और मेरा पूरा बदन गदरा गया था। चूचियां बड़ी बड़ी हो गयीं थीं। कमर पतली पर चूतड़ बड़े बड़े हो गये थे। मेरी जाँघे मोटी मोटी हो गयीं थी। बाहें खूबसूरत निकल आयी थीं। सब कहती थी की तेरी बाहें बहुत सुन्दर है इसलिए तू स्लीवलेस कपडे ही पहना कर। मेरी चूत पर काली काली झांटें मुझे बड़ी अच्छी लगती थीं। इसलिए मैं झांटें कभी साफ़ नहीं करती थी बल्कि थोड़ा ट्रिम कर लेती थी। मुझे जवान लड़के बड़े अच्छे लगने लगे। मैं अंकल लोगों को पसंद करने लगी थीं। मुझे अंकल की गोद में बैठना अच्छा लगता था। मैं पोर्न फिल्म लैपटॉप पर देखने लगी और सेक्स की कहानियां भी पढ़ने लगी। अपनी चूत में ऊँगली डालने लगी, कभी मूली, कभी बैगन, कभी गाजर सब घुसेड़ने लगी।
एक बात है मेरी अम्मी का रवैया मेरी तरफ बड़ा नरम हो गया था। वह मुझसे खुल कर बातें करने लगीं थीं। गन्दी गन्दी बातें भी करने लगीं थीं। एक दिन तो वह खुल कर पूछ बैठी की रेहाना तू बुर चोदी लण्ड पकड़ने लगी है की नहीं। मैं तो तेरी उम्र में लण्ड अपनी चूत में पेलने लगी थी। अम्मी की बातों ने मेरे बदन में जादू कर दिया। मेरे बदन में गुदगुदी होने लगी। मैं सोंचने लगी की अम्मी मुझसे बिलकुल मेरी दोस्तों की तरह बातें कर रहीं हैं वह भी मुस्कराकर। अब तो मैं भी खुल कर बातें कर सकती हूँ अम्मी से। फिर जाने क्यों रुक गयी और झूंठ बोल बैठी। मैंने कहा नहीं अम्मी मैंने अभी तक कोई लण्ड नहीं पकड़ा ? वह हंस कर बोली हाय दईया तो क्या तू अभी तक गांड मरा रही थी अपनी ? तेरी माँ का भोसड़ा बहन चोद तेरी उम्र की लड़कियां तो अपनी माँ की चूत में लण्ड पेलने लगती है। तेरी चूत में आग है की नहीं ? तुझे कभी लण्ड की जरुरत ही नहीं महसूस हुई ? अगर हुई है तो शर्माती क्यों है भोसड़ी वाली ?
अम्मी की गालियां मुझे बड़ी अच्छी लग रही थीं। मैं तो हर रोज़ अपनी सहेलियों से ऐसी ही बातें करती हूँ। तो क्या अम्मी मेरी सहेली हो गयीं ? दूसरे दिन दोपहर को जब मैं कॉलेज से आयी तो अम्मी ने मुझे अपने कमरे में बुला लिया। मैं ढीले वाले कपड़े पहन हर अम्मी केकमरे में घुस गयी। मैंने देखा की अम्मी अपनी चूँचियाँ खोले हुए बैठी हैं। मैं थोड़ा झिझकी तो वह बोली चली आ अंदर शर्माने की जरुरत नहीं है। मैं और नजदीक चली गयी। मुझे लगा की अम्मी के बगल में कोई लेटा है। मैं जब तक उसे जान पाती तब तक अम्मी ने चादर हटा कर मुझे एक टन टनाता हुआ खड़ा लण्ड दिखाती हुई बोली ले माँ की लौड़ी रेहाना अब तुम अंकल का लण्ड पकड़ कर मुझे दिखा ? मैं देखना चाहती हूँ की तुझे लण्ड पकड़ना आता है की नहीं ? मैंने हाथ जरूर बढ़ाया और लण्ड पकड़ भी लिया लेकिन अच्छी तरह से नहीं ?
तब तक पीछे आवाज़ आयी अरे दीदी ये बुर चोदी रेहाना लण्ड पकड़ना अच्छी तरह जानती है। मुठ्ठ मार कर लण्ड पीना भी अच्छी तरह जानती है। इसे लण्ड चूत में पेलना भी आता है दीदी। ये तो हरामजादी तेरे सामने नाटक कर रही है। इसी ने मेरी बेटी सबा को लण्ड पकड़ना सिखाया है। अब सबा मेरी चूत में लण्ड पेल देती है दीदी ।अम्मी ने कहा हाय अल्ला, तो तूने अभी तक मुझे क्यों नहीं बताया शबाना ? तेरी बहन की बुर तू भी मुझसे छिपाने लगी ? वह बोली अरे दीदी यह बात आज की है। इसीलिए मैं दौड़ी दौड़ी आयी तुम्हे बताने ? मुझे क्या मालूम था की यहाँ मुझे रेहाना मिल जाएगी।
मैंने कहा अम्मी ये मेरी खाला है न। इसकी बेटी ने इसे एक दिन रंगे हाथों पकड़ लिया था जब ये अपने देवर से चुदवा रही थी। तब खाला ने खुद अपने देवर का लण्ड अपनी बेटी को पकड़ा दिया था। उस दिन से सबा लण्ड पकड़ने लगी। हां मेरे दोस्तों के भी लण्ड पकड़े हैं उसने। और अम्मी मैं भी लण्ड एक साल से पकड़ रही हूँ पर आपसे बताने की मेरी हिम्मत कभी नहीं हुई। अम्मी ने कहा अब तो हिम्मत हो रही है न ? मैंने कहा हां अब हो रही है। वह बोली तो फिर पेल दे न अंकल का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में। मैंने भी बेशर्मी से लण्ड अम्मी की चूत में घुसेड़ दिया। अम्मी ने कहा तेरी माँ का भोसड़ा रेहाना अब हो गयी न तू बेशर्म ? मैंने कहा हां हो गई मादर चोद मैं बड़ी बेशर्म। अम्मी तेरी बिटिया की बुर , तेरी बहन का भोसड़ा अब मैं माँ चुदाने में शरमाऊँगी नहीं बल्कि मैं सबा की भी माँ चोद दूँगी।
इस तरह मैं बिंदास अपनी माँ चुदाने लगी साथ ही साथ अपनी खाला का भोसड़ा और फूफी की बुर चुदाने लगी। फिर उन दोनों बेटियां भी हमारे साथ चोदा चोदी करने लगीं। पास पड़ोस की लड़कियां शामिल हमने लगी। हम एक दूसरे की चूत में लण्ड पेल पेल कर एन्जॉय करने लगीं और ज़िन्दगी का लुत्फ़ उठाने लगीं। हमारे यहाँ लण्ड की कमी बिलकुल नहीं है। जाने कितने अब्बू हैं, चाचू हैं, मामू हैं, खालू हैं, उनके दोस्त हैं, उनके लड़के हैं, जीजू हैं, बहनोई हैं, देवर हैं, ससुर हैं, जाने कितने लोग अपने लण्ड खड़ा किये हुए चोदने के लिए तैयार रहते हैं। बस चुदाई ही चुदाई और मज़ा ही मज़ा ?
ऐसा करते करते मैं २३ साल की हो गयी और मेरी शादी हो गयी। ताहिरा बेगम मेरी अम्मी जान तब तक ४५ साल की हो गयी। पर वह अभी भी एकदम मस्त जवान थीं और तारो ताज़ा लगती थीं। शादी के बाद मैं सुहागरात के लिए विदेश चली गयी। जब वापस आयी तो घर पर अपने शौहर से हाथ एक महीना रही। फिर शौहर विदेश काम पर चला गया। मैं बिस्तर पर अकेली हो गयी। तभी एक दिन मेरी नन्द मुझसे बातें करने लगी जो आपने सबसे ऊपर पढ़ा। वह मुझसे पूंछ रही की भाभी अब तुम्हे कौन चोदेगा क्योंकि तेरा तो शौहर विदेश चला गया ? तो मैंने जबाब दिया की मुझे तेरा बाप चोदेगा ? मेरी नन्द बोली भाभी जान मुझे भी तेरा बाप चोदेगा और मेरी माँ भी चोदेगा। सुना है तेरे बाप का लण्ड बड़ा मोटा है. मुझे मोटे लण्ड बहुत पसंद हैं भाभी और मेरी माँ को भी। मैं समझ गयी की मेरी नन्द बुर चोदी मेरे अब्बू से जरूर चुदवायेगी और अपनी माँ भी चुदवायेगी। उसे मेरे अब्बू के लण्ड के सपने जरूर आते होंगें। चलो अच्छा है फिर तो मेरी सास का भोसड़ा और नन्द की बुर मेरे कब्जे में रहेगी ?
इधर मेरी नज़र अपने ससुर के लण्ड पर थी। एक दिन मैंने चुपके से बाथ रूम में उसके लण्ड का दीदार कर लिया था। तभी से मेरी चूत उसे पाने के लिए तड़प रही है और मेरे मुंह में पानी आ रहा है। मैं उसका लौड़ा जल्दी से जल्दी अपने मुंह में लेना चाहती थी। मैं धीरे धीरे ससुर के नजदीक जाने लगी। अपनी चूँचियाँ उसे दिखाने लगी और बड़ी सेक्सी अंदाज़ में बातें करने लगी।
एक दिन सास बोली बहू तेरी बुर चोदी नन्द कहाँ गयी है ? दिख नहीं रही है। मैंने कहा मुझे नहीं मालूम सासू जी। मुझसे बता कर तो गयी नहीं। वह बोली अरे वह ससुरी गयी होगी किसी का लण्ड हिलाने। उसे लड़कों के लण्ड हिलाने में बड़ा मज़ा आता है। मैं जानती हूँ। तब तक मेरी खाला सास आ गयीं। वह बोली अरे रहीमा (मेरी सास का नाम) दीदी तेरी बहू आजकल बिना लण्ड के दिन गुज़ार रही है। उसके बारे में कुछ सोंचा तुमने ? बहू जवान है उसे लण्ड चाहिये और तुम कुछ कर नहीं रही हो दीदी ? सास बोली अरे कुनबे में तो कई मरद है किसी का भी लण्ड पकड़ ले भोसड़ी वाली मेरी बहू। किसी ने मना तो किया नहीं ? मुझे दो बातों से बड़ी ख़ुशी हुई। एक तो मेरा ससुर और सास दोनों गालियां देती है बिलकुल मेरी तरह ? और दूसरे यह की मैं कुनबे में किसी का भी लण्ड पकड़ सकती हूँ।
मैं मन ही मन बड़ी खुश हो रही थी। तभी मेरा ससुर आ गया। मेरी खाला सास बोली अरे जीजू तुम ही पकड़ा दो न अपना लण्ड अपनी बहू को ? चोद डालो अपनी बहू की बुर। बिचारी जाने कितने दिनों से चुदासी बैठी है। तेरी बेटी जिसकी अभी शादी नहीं हुई वह हर दिन लण्ड पकड़ती है। मेरी बेटी भी मादर चोद सबके लण्ड पकड़ती रहती है और अक्सर अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेल देती है। यह काम तो बहू भी कर सकती है न ? यह सुनकर मैं समझ गयी की मेरा काम अब आसान हो गया है। दूसरे दिन रात में मुझे नींद नहीं आ रही थी। मेरे मन में ससुर का लण्ड ही घूम रहा था। खाला ने यह नहीं बताया की उसके जीजू का लण्ड है कैसा ? कितना बड़ा और कितना मोटा है ? मैं बस अनुमान लगा लगा कर करवटें बदल रही थी। तभी मैं बाथ रूम के लिए उठी और जब वास् आ रही थी तो मेरे ससुर की गाह मेरे ऊपर पड़ गयी। उसने मुझे इशारे से बुलाया। रात में १२. ३० बज चुके थे। मैं जब उसके पास गयी तो कहा जी ससुर जी ,,,,,,,? वह बोला बहू मेरे सामने बैठो। मैं बैठ गयी। वह बोला आजकल तुम्हे नींद नहीं आती है क्या बहू ?
मैंने कहा हां ससुर जी कभी आती है, कभी नहीं आती। कभी कभी तो मैं रात भर जगती रहती हूँ। उसने कहा तेरी नन्द मादर चोद तेरे लिए कुछ नहीं करती ? वह तो मेरे दोस्तों के लण्ड पकड़ा करती है। तुझे आज तक कोई भी लण्ड नहीं पकड़ाया। मैंने सिर हिला कर ना कह दिया। तब वह बोला अच्छा लो तुम मेरा लण्ड पकड़ लो बहू। पसंद आये तो पकड़े रहना वरना छोड़ देना। उसने मेरे सामने अपनी लुंगी खोल कर मुझे लण्ड दिखा दिया। लण्ड देख कर मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी। मैंने कहा हाय अल्ला, इतना बड़ा लण्ड ससुर जी ! इतना मोटा लण्ड ! मैंने तो अभी तक इतना बेहतरीन लण्ड नहीं देखा ? मैंने हाथ बढाकर उसका लण्ड पकड़ लिया और हिलाने लगी। मैं झुक कर लण्ड की चुम्मी ली और कई बार ली। मैंने लण्ड का सुपाड़ा कई बार चूमा। लण्ड के पेल्हड़ भी कई बारे चूमे। आज मुझे बहुत दिनों के बाद लण्ड मिला तो मैं पागल हो गयी। मुझे अपने तन बदन का होश नहीं रहा। मैं कब पूरी तरह नंगी हो गयी यह भी मुझे मालूम नहीं हुआ। ससुर मेरी चूँचियाँ दबाने लगा और मेरी चूत पर हाथ फिराने लगा।
वह पूरा नंगा होकर बोला बहू तेरी चूत तो बड़ी टाइट है बहन चोद । बिलकुल तेरी नन्द की चूत की तरह है और तेरी खाला सास की बेटी की चूत की तरह है ? मैं समझ गयी की मेरा ससुर अपनी बिटिया की बुर लेता है और अपनी साली की बिटिया की भी बुर लेता है। बड़ा हरामजादा है मेरा ससुर। ये तो किसी की भी माँ बेटी चोदने वाला आदमी है। इसे किसी की भी बुर चोदने में कोई शर्म नहीं है ? ख़ैर कुछ भी हो मुझे तो लण्ड मिला मैं इसलिए मैं बहुत खुश हो गयी। फिर मैंने पूंछ ही लिया ससुर जी तुम अपनी बिटिया की बुर लेते हो क्या ? वह बोला हां लेता हूँ और क्यों न लूं जब मेरी बेटी आधी रात को खुद मेरा खड़ा लण्ड पकड़ लेगी तो कौन भोसड़ी का उसकी बुर नहीं लेगा ? पहल उसी बुर चोदी ने की. उसे अगर बुर नहीं देना था तो मेरा लण्ड पकड़ा ही क्यों ? लण्ड पकड़ा इसका मतलब वह मुझे अपनी बुर देने को तैयार थी। लण्ड को तो घुसने के लिए बुर चाहिए बहू बुर ? वह बुर चाहे जिसकी हो ? लण्ड उसे नहीं पहचानता ? ऐसा बोल कर ससुर ने लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया और मैं मजे से चुसंवे लगी उसका लण्ड। वह चाटने लगा मेरी बुर।
मैं बड़े प्यार से एक हाथ से पेल्हड़ थामे हुए उसके लण्ड का मज़ा ले रही थी। मन ही मन बड़ी खुश थी की मुझे आज बहुत बढ़िया लण्ड मिला है। आज मेरी चूत की प्यास बुझेगी। थोड़ी देर में ससुर चोदो न प्लीज मेरी बुर. उसको भी चोदने की जल्दी थी। उसने गाछक से पेल दिया लण्ड मेरी चूत। में मैं चिल्ला पड़ी हाय मेरी माँ ? इस मादर चोद ने फाड़ डाली मेरी बुर अम्मी। एकदम से पेल दिया इतना मोटा लण्ड। मेरी तो जान ही निकल गयी बहन चोद। ससुर जी, मेरी तो गांड फट रही है तुझसे चुदवाने में ? जहाँ ८/१० बार लण्ड अंदर बाहर हुआ वहीँ मैं बोलने लगी अरे भोसड़ी के ससुर पूरा पेल के चोदो लण्ड ? अब क्या अब तो धकाधक चोदो मेरी चूत ? मुझे जी भर के चोदो मेरे राजा। तूने तो सबको रंडी बना दिया है अपने कुनबे में ? मैं भी तेरे लिए एक नई रंडी हूँ। खूब झमाझम चोदो मुझे। हाय कितना मज़ा आ रहा है चुदवाने में ? यार अब तुम मुझे हर दिन चोदना। मेरी माँ भी चोदना। मेरी बहन की बुर ले लेना पर मुझे चोदते रहना ?
इतने में मेरी नन्द कमरे में आ गयी।
वह बोली :- हाय, अब्बू यह क्या हो रहा है ?
उसके बोलने के पहले मैं बोली :- देख बुर चोदी नन्द रानी, तेरा बाप मुझे चोद रहा है। मैंने तुझसे कहा था न की तेरा मुझे तेरा बाप चोदेगा ?
वह मुस्कराकर बोली :- अरे मेरी भाभी जान, मैंने भी कहा था की तेरा बाप मुझे चोदेगा। इसलिए आज रात को तेरा बाप भी मुझे चोदने आ रहा है। मेरी अम्मी ने उससे बात कर ली है। वह मेरी माँ भी चोदेगा और मुझे भी.
ऐसा कह कर वह चली गयी और तब तक मेरा ससुर भोसड़ी का मुझे पीछे से चोदने लगा। मैं भी बहन चोद
उसी दिन रात में मैंअपनी नन्द के कमरे में चली गयी। मैंने देखा की वह अपनी चूँचियाँ खोले हुए बैठी है और मेरा अब्बू भी नंगा बैठा है। मेरी नन्द का हाथ मेरे अब्बू के लण्ड पर है और मेरे अब्बू का हाथ नन्द की चूँचियों पर है। लण्ड मेरी नन्द के मुंह के बिलकुल सामने है।
मैंने कहा :- हाय मेरी बुर चोदी नन्द रानी क्या कर रही हो ?
वह बोली :- हाय मेरी भाभी जान, देखती नहीं हो, मैं तेरे अब्बू का लण्ड चाट रही हूँ। तभी मेरी सास भी अपनी चूँचियाँ खोले हुए आ गयी और यह झुक कर पेल्हड़ चाटने लगी। उसने मुझसे कहा देखो बहू रानी मैं तेरे अब्बू के पेल्हड़ चाट रही हूँ। तेरा अब्बू मेरा देवर है। आज मैं इसके लण्ड का पूरा मज़ा लूंगी। आज यह मेरी बुर चोदेगा और मेरी बिटिया की भी बुर चोदेगा।
तब तक नन्द बोली :- भाभी जान, तूने मेरे अब्बू से चुदवाया है, अब मैं तेरे अब्बू से चुदवाऊंगी।
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