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मैंने कई लड़कों के लण्ड पकड़े और चूत चुदाई - Maine kai ladkon ke lund pakde chut chudai
मैंने कई लड़कों के लण्ड पकड़े और चूत चुदाई - Maine kai ladkon ke lund pakde chut chudai , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरी सास भी मेरी तरह बहुत नटखट, चुलबुली और चंचल स्वाभाव की हैं। मैंने मन में कहा की अब तो हम दोनों की खूब बनेगी ? मैं भी घुल मिल कर और हंस हंस कर बाते करने लगी। उसकी बेटी यानी मेरी नन्द भी इसी तरह की थी। वह हर बात में मेरी हां में हां मिलाने लगी। मेरी ही पक्ष की बातें करने लगी और मेरी हर बात में सहयोग करने लगी।
एक दिन मैं अपनी सास के साथ बैठी हुई थी। अचानक मेरी नन्द आ गयी और बोली मम्मी, आज मैं तेरी बहू की बुर चोदूँगी। उसकी यह बात सुन कर मेरे अंदर कई सवाल पैदा हो गए। पहला यह की क्या ये दोनों माँ बेटी आपस में गाली गलौज से बातें करतीं हैं ? दूसरा यह की क्या ये दोनों आपस में एक दूसरे के सामने लण्ड पकड़ती हैं ? तीसरा यह की क्या ये लोग आमने सामने चोदा चोदा करतीं हैं ? चौथे यह की क्या मेरी नन्द कुछ गुस्से में बात कर रही है ? पांचवा यह की ये दोनों मुझे गालियां सुनाकर मुझे भी गाली देने के लिए उकसा रहीं हैं। मैं ये सब सोंच ही रही थी की मेरी सास बोली - बहू, तेरी सास की बिटिया की बुर । आजकल वह बहुत उड़ने लगी है और उसकी बुर भी बहुत उड़ने लगी है। बड़ी आवारा हो गयी है तेरी बुर चोदी नन्द की बुर समझी बहू रानी ? यह सुनकर मुझे कई सवालों का जबाब मिल भी गया। वो दोनों मेरी तरफ देखने लगीं। मुझे लगा की वो मेरे मुंह से भी कुछ ऐसा ही सुनना चाहती हैं ।
तो फिर मैं भी बोल पड़ी - सासू जी, तेरी बहू की चूत और तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ? उसकी भी बुर बहन चोद बड़ी आवारा है। किसी दिन उसकी चूत की ठुकाई करनी पड़ेगी मुझे, सासू जी।
मेरे मुंह से निकली यह पहली गाली सुनकर वो दोनों बहुत खुश हुईं और मुझे गले लगा लिया। मेरी नन्द तो ख़ुशी के मारे उछलने लगी।
मेरा नाम ललिता है। मैं इकहरे बदन की एक बहुत सुन्दर बीवी हूँ। गोरी हूँ, अच्छे नाक नक्श वाली हूँ और बड़े बड़े बूब्स वाली और बड़े बड़े चूतड़ों वाली हूँ। मेरी जांघें मोटी मोटी हैं और मेरी काली काली घुंघराली झांटें मेरी चूत की खूबसूरती बढ़ाने वाली हैं। मैं अपनी झांटें कभी साफ़ नहीं करती बस ट्रिम करवाती रहती हूँ। मेरी सास का नाम है मिसेज सुनीता और वह ४६ साल की हैं। बहुत सुन्दर हैं और उसको चाहने वाले अभी भी हैं। मैंने मन में सोंच रखा है की मैं एक दिन अपनी सास के भोसड़ा में लण्ड जरूर पेलूँगी। मेरी नन्द का नाम है मिसेज आरती। वह २४ साल की है उसकी शादी अभी एक साल पहले ही हुई ैहै। वह तो बड़ी खूबसूरत है और इसीलिए वह मेरी तरह बदचलन भी हैं। मैं किसी दिन अपनी नन्द की बुर जरूर चोदूँगी। क्योंकि मैं बड़ी बदचलन हूँ शादी के पहले मैं कई लोगों के लण्ड पकड़ चुकी हूँ और कई लोगों से चुदवा चुकी हूँ। लण्ड पकड़ने का चस्का मुझे उसी समय लग गया था जब मैं १५ साल की थी। मेरे पड़ोस में एक विमला नाम की भाभी थीं। वह भी बहुत खूबसूरत थी और बड़ी हंसमुख थी। उसने मुझे एक ब्लू फिल्म दिखा दी। एक के बाद दूसरी फिल्म, और दूसरी के बाद तीसरी फिल्म देखी तो मेरी चूत बहन चोद गनगना उठी। उसमे मैंने लड़कियों को को दो दो / तीन तीन लण्ड एक साथ चूसते हुए देखा। उन्हें लण्ड पीते हुए देखा बस तभी से मेरे मन में आ गया की मैं लण्ड पकड़ूँ, लण्ड चाटूँ, लण्ड चूसूं और फिर अपनी चूत में घुसेड़ कर चुदवाऊँ। खैर मैं चुदवा तो नहीं पायी लेकिन मैं भाभी के साथ लण्ड पकड़ना सीख गयी।
मैं जब भाभी के साथ ब्लू फिल्म देखती थी तब भाभी मेरी चूँचियाँ मेरी चूत सहलाया करती थी। मेरी झांटों पर अपनी उंगलियां फिराया करती थीं। मेरी गांड भी सहलाती थी और चूत भी चाटती थी। मैं उसकी चूत चाटती थी। वह मुझसे खुल कर लण्ड, चूत, बुर, भोसड़ा आदि की बातें करती थीं और गालियां भी खूब मुंह से निकालतीं थीं। मैं उससे बहुत कुछ सीख चुकी थी। मैं भी गालियां निकालती थी। गालियां मैंने विमला भाभी से ही सीखीं। एक दिन उसने मुझे चुपचाप बुलाया और जब मैं कमरे में घुसी तो देखा वह नंगी नंगी बैठी हुई किसी का लण्ड हिला रहीं हैं। वह बोली ललिता देखो ये मेरा जीजा है। मैं इसका लण्ड पीती हूँ। आज तुम भी मेरे साथ इसका लण्ड पियो। तुमने कभी कोई लण्ड नहीं पकड़ा आज मैं तुम्हे सिखाऊंगी की कैसे पकड़ा जाता है लण्ड ? कैसे पिया जाता है लण्ड ? और कैसे पेला जाता है चूत मे लण्ड ? ऐसा कह कर उसने मुझे लण्ड पकड़ा दिया और मैं उसे पकड़ कर मस्ती से हिलाने लगी। इतने में उसने मुझे एकदम नंगी कर दिया। वह पहला मौक़ा था जब मैं किसी मर्द के आगे नंगी हुई थी।
भाभी ने मेरी चूत में ऊँगली घुसेड़ रखी थी। उधर मैं लण्ड मुंह में लेकर चूस रही थी। भाभी भी मेरे साथ लण्ड चूसने लगी। कभी वह मेरे मुंह में लण्ड घुसा देती कभी मैं उसके मुंह में ? कभी वह पेल्हड़ चाटती और कभी मैं पेल्हड़ चाटती। मैं तो लण्ड में बुरी तरह खो चुकी थी और सारी दुनिया भूल चुकी थी। तभी भाभी ने आहिस्ते से लण्ड मेरी चूत घुसाया। मैं पहले जोर से चिल्लाई पर धीरे धीरे मैं उसका मज़ा भी लेने लगी। भाभी अपने जीजा के चूतड़ों पर हाथ फिराने लगी और वह मस्ती से मुझे चोदने लगा। थोड़ी देर में भाभी बोली ललिता अब तुम लण्ड घुसेड़ कर मेरी बुर चोदो। मैं उसकी बुर चोदने लगी और पेल्हड़ सहलाने लगी। वह बोली ललिता तुम बीच बीच में लण्ड मेरी चूत से निकाल चाट लिया करो। ऐसा कई बार करो। मैं बस वही करने लगी। कुछ देर बाद उसने दुबारा लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और बीच बीच में लण्ड निकाल निकाल कर चाटने लगी। उसके जीजा ने मुझे खूब मस्ती से चोदा और मैं खलास होने लगी। बस तभी भाभी ने घूम कर लण्ड मुझे पकड़ा दिया और सड़का मारना सिखा दिया। लण्ड ने जब वीर्य उगला तो भाभी ने उसे अपने मुंह में लिया और फिर मेरे मुंह में भी गिरा दिया। मैंने उसे वीर्य गटकते हुए देखा तो मैं भी गटक गयी पर मुझे उसका स्वाद बड़ा ख़राब लग रहा था। वह बोली अरी मेरी बुर चोदी ललिता २/३ लण्ड पीयेगी तो अच्छा लगने लगेगा।
दो दिन बाद भाभी ने फिर मुझे फोन करके बुला लिया। मैं जब गयी तो देखा वह अपने देवर का लण्ड चाट रहीं हैं। मैं उस लड़के को जानती थीं। भाभी ने कहा लो यार ललिता मेरे देवर का लण्ड पकड़ो। मैंने मुस्कराकर पकड़ लिया लण्ड। मेरे पकड़ते ही लण्ड और तन कर खड़ा हो गया। फिर भाभी ने मेरे कपड़े उतार दिया। कमरा अंदर से बंद था तो मुझे भी कोई डर नहीं था। तभी मेरी आँखों के सामने एक और टन टनाता हुआ लण्ड आ गया। मैंने उसकी तरफ देखा तो भाभी बोली ये मेरे देवर का दोस्त है और अभी अभी बाथ रूम से निकला है। उसका भी लण्ड साला बड़ा मस्त लगा मुझे। भाभी ने कहा यार ललिता ये दोनों बिचारे तुम्हारी बुर लेना चाहतें हैंलेकिन इनकी हिम्मत नहीं हो रही थी। तब मैंने कहा मैं तुम्हे ललिता की बुर दिला दूँगी बशर्ते तुम इसका किसी से ज़िकर न करो। वह बोला नहीं भाभी मैं किसी को नहीं बताऊंगा पर मेरा एक दोस्त है मैं उसे भी ललिता की बुर दिलाना चाहता हूँ, तब मैंने उसे भी बुला लिया।
अब तुम्हारी मर्जी पर है ललिता। तुम चाहो तो एक से चुदवाओ चाहे दोनों से चुदवाओ। मैंने कहा मैं चुदवाऊंगी तो दोनों से पर दोनों लण्ड मैं अपने हाथ से तेरी बुर में भी पेलूँगी भाभी। वह मान गयी। उसके बाद तो हम दोनों की हुई घमाशान चुदाई। इस तरह मैंने कई लड़कों के लण्ड पकड़े और कई लड़कों से चुदवाया। अब मेरी शादी हो गयी है और मैं अपनी ससुराल आ गयी हूँ। यहाँ मुझे मेरी सास भी मेरे मन की मिल गयी है और मेरी नन्द भी बुर चोदी मेरे मन की है। अब मैं अपनी जेठानी का इंतज़ार कर रही हूँ। मुझे उसकी भी बुर चोदने का मौक़ा मिल जाये तो मज़ा आ जाये ?
दूसरे दिन मेरी जेठानी आ गयीं। उसका नाम है मिसेज रोली। अच्छे कद और काठी वाली हैं मेरी जेठानी। खूबसूरत भी है और हंसी मजाक करने वाली भी हैं। आते ही सबसे पहले उसके सामने सास जी पड़ गयीं। पहले उसने सासू जी के पैर छुए फिर बोली आप तो आज बहुत चमक रहीं हैं सासू जी। कोई ख़ास है क्या ? सास ने मुस्कराते हुए कहा ख़ास बात तो अब होगी जब मैं तेरी झांटें उखाडूँगी, बहू। वह बोली अरे सासू जी अब तो झांट उखाड़ने के लिए तेरी एक और बहू आ गयी है न ? उसकी उखाड़ो न झांटें ? वह बोली नहीं पुरानी बहू की झांटें उखाड़ने में जो मज़ा है तो नयी बहू की झांटों में कहाँ ? तब जेठानी ने अपनी पर्श से लकड़ी का बना एक १२" का लण्ड निकाला और उसे दिखाती हुई बोली देखो ये है लण्ड का बाप इसे मैं अपनी नन्द की माँ के भोसड़ा में पेलूँगी ?
उसे देख कर सास के होश उड़ गए. वह साला एकदम असली लण्ड लग रहा था। नीचे पेल्हड़ भी बने थे। मैं उसे देख कर एकदम से चुदासी हो गयी। मेरी चूत में पानी आ गया। सास ने उसे पकड़ा और बोली हाय दईया ऐसा लण्ड कहाँ बनता है बहू रानी ? कहाँ से लाई हो इसे ? वह बोली लाई नहीं हूँ मंगवाया है। ये लण्ड फिलीपींस के राजधानी मनीला में मिलता है। मैंने इसे एयर पोर्ट पर खरीदा था। वहां कई तरह के लकड़ी के बने हुए लण्ड खुले आम बिकते हैं। लम्बा लण्ड, मोटा लण्ड, काला लण्ड, गोरा लण्ड, सीधा लण्ड, टेढ़ा लण्ड, हर तरह के लण्ड मिलते हैं। मुझे यह पसंद आया तो मैंने इसे ले आयी। अब मैं इसका भरपूर इस्तेमाल करुँगी। मैंने कहा जेठानी जी मैं भी इसे इस्तेमाल करुँगी। मेरी नन्द बोली इस्तेमाल तो मैं करूंगी इसे अपनी भाभियों की चूत में पेल पेल कर ?
इतने में हम सब लोग खिलखिला कर हंसने लगी।
इतने में फिर घंटी बजी। तब भी आरती ने दरवाजा खोला। वह बोली मम्मी लो ये दोनों मेरे मेरी ससुराल के लोग हैं। यह मेरा देवर है गोलू और यह इसका दोस्त है गोपी। मैं इनका इंतज़ार ही कर रही थी। मैंने फिर आरती के कान में कहा ये दोनों बड़े मस्त लड़के हैं। तूने अपने देवर से जरूर चुदवाया होगा। उसने मेरे कान में ही जबाब दिया हां भाभी मैं अपने देवर से खूब चुदवाती हूँ पर आज तुम चुदवाओगी। इसका लण्ड तेरी चूत में पेलूँगी भाभी। और मैं इसके दोस्त से चुदवाऊंगी क्योंकि मैंने आज तक इसका लण्ड नहीं देखा। जेठानी बोली तुम आपस में खुसुर फुसुर क्यों कर रही हो खुल कर बोलो न बात क्या है ? नन्द बोली बात कुछ नहीं आज हम दोनों मिलकर तुम्हारी चूत का मज़ा लेंगीं। जेठानी ने मुस्काराकर कहा मज़ा लेने में मैं कुछ कम नहीं हूँ। मैं भी तुम सबकी चूत का बाजा बजा कर मज़ा लूंगी। वहां के सारे मरद इन लोगों की बातों का आनंद लेकर हंसने लगे।
आरती ने फ़टाफ़ट दारू का इंतज़ाम कर दिया। शाम के समय अगर अपने ग्रुप में दारू पीने का मौका मिल जाए तो इससे बढ़िया क्या है ? सब लोग मस्ती में आने लगे। हम सबके कपड़े भी अस्त व्यस्त होने लगे। बदन का कुछ हिस्सा खुल जाए तो खुल जाए परवाह कौन करता है और कौन करती है ? धीरे धीरे किसी की चूँचियाँ दिखने लगीं किसी की गाड़, किसी की जांघें, तो किसी की झांटें। लोग देख देख और मस्ताने लगे। तब सास ने अपना हाथ भीमा अंकल के लण्ड पर रख दिया। सब सास की तरफ देखने लगीं. सास ने देर नहीं लगायी और उसके कपड़े उतारने लगीं. वह बोली भीमा भोसड़ी के मेरे देवर राजा अब देर क्यों कर रहा है. पहले तू मुझे एक दोस्त की हैसियत से चोदता था। आज मैं तुझे अपना देवर बना लेती हूँ। आज तुम सबके सामने अपनी भाभी की बुर चोदोगे। सास की खुली खुली बातों ने माहौल में वासना का रंग घोल दिया। आरती ने भी अपने देवर गोलू के लण्ड पर हाथ रख कहा अब तुम तो खोल कर दिखा दो अपना लण्ड ? अब क्या शर्माना ? उसने थोड़ा आना कानी की तो आरती बोली हाय दईया क्या तुम अपने दोस्त से ही शर्मा रहे हो ?
वह बोला नहीं भाभी मैं अपने दोस्त के सामने तो बिलकुल ही नहीं शर्माता। मैं तो इसकी बीवी इसके सामने चोदता हूँ और यह मेरी बीवी मेरे सामने चोदता है। मेरी नन्द बोली वाओ, तो मेरी देवरानी पराये मर्दों से चुदवाने लगी हैं। वह बोला अरे भाभी वह तो अपनी सुहागरात से ही मेरे दोस्तों से चुदवा रही है। मैं भी अपने दोस्तों की बीवियां उनके सुहातरात में ही चोदता हूँ। हमने यह सब आपस में तय कर लिया था की जिसकी शादी होगी वह अपनी सुहागरात गोवा में मनाएगा और हम सब मिलकर उसकी बीवी चोदेंगें। तब से मैं ३/४ दोस्तों की बीवियां उनकी सुहागरात में ही चोद चुका हूँ। और इन सब लोगों ने मेरी बीवी मेरी सुहागरात में चोदी है। मैंने पूंछा अच्छा तो किसी बीवी ने मना नहीं किया ? वह बोला अरे भाभी आजकल कौन लड़की अपनी शादी के बाद पराये मरद से चुदवाना नहीं चाहती ? इस मामले में तो आजकल बीवियां सबसे आगे रहती हैं। मना करने को कौन कहे भाभी वो सब हमसे ज्यादा एन्जॉय करतीं हैं। लण्ड पे लण्ड पेलवा लेतीं हैं अपनी सुहागरात में ?
सास ने कहा अरी मेरी बहू बेटियों एक बात गौर से सुन लो। ऐसी कोई बीवी नहीं हुई है जिसने पराये मरद का लण्ड पकड़ा न हो और पराये मरद से चुदवाया न हो। न कोई ऐसी बीवी आज के ज़माने में है और न आगे होगी। इसीलिए कहा गया है की त्रिया का चरित्र मनुष्य क्या देवता भी नहीं जानते। जो बीवी ऐसा कहती है की उसने कभी पराये मरद का लण्ड न पकड़ा न चुदवाया तो समझो की वह भोसड़ी वाली सरासर झूंठ बोल रही है। चूतिया बना रही है सबको। हां एक बात है की पहले यह काम चोरी छुपे होता था आजकल खुले आम होता है। अब देखो न अधिक से अधिक लोग बीवियों की अदला बदली करने लगें हैं और हसबैंड की अदला बदली करने लगी हैं बीवियां।
बातें हो ही रहीं थी इसी बीच आरती ने उन दोनों को नंगा कर दिया और उनके लण्ड पकड़ कर हिलाने लगीं। उधर सास ने भीमा अंकल का लण्ड मुझे और मेरी जेठानी को पकड़ा दिया। हम दोनों मिलकर उसका लण्ड चाटने चूसने लगीं। सास इधर उधर घूम कर सबके लण्ड में हाथ लगाने लगी। कभी इसका लण्ड चूम चाट लेती कभी उसका लण्ड। नंगी हम सब हो चुकीं थी और तीनो मरद भी एकदम नंग धडंग हो चुके थे। अचानक जेठानी के फोन की घंटी बजने लगी। उसने देखा तो बोली हाय सासू जी मेरे जीजू आ गया है। सास बोली उसे कमरे में बैठा ले फिर बताती हूँ। जेठानी ने चादर ओढ़ी और दरवाजा खोल दिया। फिर उसे कमरे में बैठा आकर आ गयी और बोली सासू जी अब क्या करूं ? सासू ने पूंछा रोली बहू पहले तू यह बता की तूने कभी इसका लण्ड पकड़ा है ? जेठानी ने जबाब दिया हां सासू जी पकड़ा तो है। लण्ड तो बहुत बढ़िया है।
सास ने कहा - हाय दईया, तेरी माँ की चूत. तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? तेरी देवरानी की नन्द की बुर ? तब तू क्या सोंच रही है। सबके सामने उसका लण्ड पकड़ कर दिखा दे हमें ? उसे वहीँ नंगा कर दे और तू भी चादर फेंक कर नंगी हो जा और उसका लण्ड पकड़े पकड़े यहाँ हमारे पास आ जा। अगर तू शर्माएगी तो मैं तेरी गांड में लण्ड ठोंक दूंगी। जेठानी तो यही चाहती थी। बस ५ मिनट वह अपने जीजू का लण्ड पकड़े पकड़े हमारे सामने आ गयी। सबसे पहले मैं उठी और उसके हाथ से जीजू का लण्ड छीन लिया और कहा जेठानी तेरा जीजू है तो फिर मेरा भी जीजू है। आज मैं इसका लण्ड चोदूंगी और सबके सामने चोदूँगी। जेठानी ने गोलू का लण्ड अपने हाथ में ले लिया और सूए चूसने लगी।
हम सबके हाथ में एक एक लण्ड आ गया। मैं जेठानी के जीजू सोहन से चुदवाने लगी. जेठानी ने गोलू का लण्ड अपनी चूत में पेला, मेरी नन्द आरती भीम अंकल से चुदवाने लगी और गोपी ने अपना लौड़ा सास के भोसड़ा में घुसा दिया। आरती को अपनी माँ का भोसड़ा चुदाने में मज़ा आने लगा। मस्ती सबके अहन में छाई हुई। किसी को दीन दुनिया की खबर नहीं थी।
अचानक सास को मजाक करने का मूड हुआ तो वह बोली :- अरी भोसड़ी की ललिता बहू तू बुर चोदी तेरी जेठानी बुर चोदी।
थोड़ी देर में वह मेरी जेठानी से बोली :- रोली बहू, तू बुर चोदी तेरी देवरानी बुर चोदी ? तब तक मेरी नन्द बोल पड़ी :- मम्मी, तू बर चोदी तेरी बहुएं बुर चोदी ?
सास ने उसे भी जबाब दिया :- बेटी आरती, तू बुर चोदी तेरी भाभियाँ बुर चोदी ? फिर मुझसे न रहा गया।
मैंने कहा :- सासू जी, तू बुर चोदी तेरी बिटिया बुर चोदी ?
उधर से जेठानी ने कहा :- आरती तू बुर चोदी तेरी माँ बुर चोदी ?
इसी तरह प्यार भरी गालियां हम सब एक दूसरे को सूना सुना कर चुदवाने लगीं, एन्जॉय करने लगी और मस्ती करने लगीं। थोड़ी देर में सास ने गोपी का लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। मैंने सोहन का लण्ड अपनी नन्द की बुर में पेल दिया। नन्द ने भीम अंकल का लण्ड जेठानी की बुर में घुसा दिया और जेठानी ने गोलू का लण्ड सास के भोसड़ा में ठोंक दिया। लण्ड की अदला बदली से मज़ा बहन चोद दूना हो गया। फिर क्या रात भर हम सबने खूब चुदाई का मज़ा लिया।
मेरी सास भी मेरी तरह बहुत नटखट, चुलबुली और चंचल स्वाभाव की हैं। मैंने मन में कहा की अब तो हम दोनों की खूब बनेगी ? मैं भी घुल मिल कर और हंस हंस कर बाते करने लगी। उसकी बेटी यानी मेरी नन्द भी इसी तरह की थी। वह हर बात में मेरी हां में हां मिलाने लगी। मेरी ही पक्ष की बातें करने लगी और मेरी हर बात में सहयोग करने लगी।
एक दिन मैं अपनी सास के साथ बैठी हुई थी। अचानक मेरी नन्द आ गयी और बोली मम्मी, आज मैं तेरी बहू की बुर चोदूँगी। उसकी यह बात सुन कर मेरे अंदर कई सवाल पैदा हो गए। पहला यह की क्या ये दोनों माँ बेटी आपस में गाली गलौज से बातें करतीं हैं ? दूसरा यह की क्या ये दोनों आपस में एक दूसरे के सामने लण्ड पकड़ती हैं ? तीसरा यह की क्या ये लोग आमने सामने चोदा चोदा करतीं हैं ? चौथे यह की क्या मेरी नन्द कुछ गुस्से में बात कर रही है ? पांचवा यह की ये दोनों मुझे गालियां सुनाकर मुझे भी गाली देने के लिए उकसा रहीं हैं। मैं ये सब सोंच ही रही थी की मेरी सास बोली - बहू, तेरी सास की बिटिया की बुर । आजकल वह बहुत उड़ने लगी है और उसकी बुर भी बहुत उड़ने लगी है। बड़ी आवारा हो गयी है तेरी बुर चोदी नन्द की बुर समझी बहू रानी ? यह सुनकर मुझे कई सवालों का जबाब मिल भी गया। वो दोनों मेरी तरफ देखने लगीं। मुझे लगा की वो मेरे मुंह से भी कुछ ऐसा ही सुनना चाहती हैं ।
तो फिर मैं भी बोल पड़ी - सासू जी, तेरी बहू की चूत और तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ? उसकी भी बुर बहन चोद बड़ी आवारा है। किसी दिन उसकी चूत की ठुकाई करनी पड़ेगी मुझे, सासू जी।
मेरे मुंह से निकली यह पहली गाली सुनकर वो दोनों बहुत खुश हुईं और मुझे गले लगा लिया। मेरी नन्द तो ख़ुशी के मारे उछलने लगी।
मेरा नाम ललिता है। मैं इकहरे बदन की एक बहुत सुन्दर बीवी हूँ। गोरी हूँ, अच्छे नाक नक्श वाली हूँ और बड़े बड़े बूब्स वाली और बड़े बड़े चूतड़ों वाली हूँ। मेरी जांघें मोटी मोटी हैं और मेरी काली काली घुंघराली झांटें मेरी चूत की खूबसूरती बढ़ाने वाली हैं। मैं अपनी झांटें कभी साफ़ नहीं करती बस ट्रिम करवाती रहती हूँ। मेरी सास का नाम है मिसेज सुनीता और वह ४६ साल की हैं। बहुत सुन्दर हैं और उसको चाहने वाले अभी भी हैं। मैंने मन में सोंच रखा है की मैं एक दिन अपनी सास के भोसड़ा में लण्ड जरूर पेलूँगी। मेरी नन्द का नाम है मिसेज आरती। वह २४ साल की है उसकी शादी अभी एक साल पहले ही हुई ैहै। वह तो बड़ी खूबसूरत है और इसीलिए वह मेरी तरह बदचलन भी हैं। मैं किसी दिन अपनी नन्द की बुर जरूर चोदूँगी। क्योंकि मैं बड़ी बदचलन हूँ शादी के पहले मैं कई लोगों के लण्ड पकड़ चुकी हूँ और कई लोगों से चुदवा चुकी हूँ। लण्ड पकड़ने का चस्का मुझे उसी समय लग गया था जब मैं १५ साल की थी। मेरे पड़ोस में एक विमला नाम की भाभी थीं। वह भी बहुत खूबसूरत थी और बड़ी हंसमुख थी। उसने मुझे एक ब्लू फिल्म दिखा दी। एक के बाद दूसरी फिल्म, और दूसरी के बाद तीसरी फिल्म देखी तो मेरी चूत बहन चोद गनगना उठी। उसमे मैंने लड़कियों को को दो दो / तीन तीन लण्ड एक साथ चूसते हुए देखा। उन्हें लण्ड पीते हुए देखा बस तभी से मेरे मन में आ गया की मैं लण्ड पकड़ूँ, लण्ड चाटूँ, लण्ड चूसूं और फिर अपनी चूत में घुसेड़ कर चुदवाऊँ। खैर मैं चुदवा तो नहीं पायी लेकिन मैं भाभी के साथ लण्ड पकड़ना सीख गयी।
मैं जब भाभी के साथ ब्लू फिल्म देखती थी तब भाभी मेरी चूँचियाँ मेरी चूत सहलाया करती थी। मेरी झांटों पर अपनी उंगलियां फिराया करती थीं। मेरी गांड भी सहलाती थी और चूत भी चाटती थी। मैं उसकी चूत चाटती थी। वह मुझसे खुल कर लण्ड, चूत, बुर, भोसड़ा आदि की बातें करती थीं और गालियां भी खूब मुंह से निकालतीं थीं। मैं उससे बहुत कुछ सीख चुकी थी। मैं भी गालियां निकालती थी। गालियां मैंने विमला भाभी से ही सीखीं। एक दिन उसने मुझे चुपचाप बुलाया और जब मैं कमरे में घुसी तो देखा वह नंगी नंगी बैठी हुई किसी का लण्ड हिला रहीं हैं। वह बोली ललिता देखो ये मेरा जीजा है। मैं इसका लण्ड पीती हूँ। आज तुम भी मेरे साथ इसका लण्ड पियो। तुमने कभी कोई लण्ड नहीं पकड़ा आज मैं तुम्हे सिखाऊंगी की कैसे पकड़ा जाता है लण्ड ? कैसे पिया जाता है लण्ड ? और कैसे पेला जाता है चूत मे लण्ड ? ऐसा कह कर उसने मुझे लण्ड पकड़ा दिया और मैं उसे पकड़ कर मस्ती से हिलाने लगी। इतने में उसने मुझे एकदम नंगी कर दिया। वह पहला मौक़ा था जब मैं किसी मर्द के आगे नंगी हुई थी।
भाभी ने मेरी चूत में ऊँगली घुसेड़ रखी थी। उधर मैं लण्ड मुंह में लेकर चूस रही थी। भाभी भी मेरे साथ लण्ड चूसने लगी। कभी वह मेरे मुंह में लण्ड घुसा देती कभी मैं उसके मुंह में ? कभी वह पेल्हड़ चाटती और कभी मैं पेल्हड़ चाटती। मैं तो लण्ड में बुरी तरह खो चुकी थी और सारी दुनिया भूल चुकी थी। तभी भाभी ने आहिस्ते से लण्ड मेरी चूत घुसाया। मैं पहले जोर से चिल्लाई पर धीरे धीरे मैं उसका मज़ा भी लेने लगी। भाभी अपने जीजा के चूतड़ों पर हाथ फिराने लगी और वह मस्ती से मुझे चोदने लगा। थोड़ी देर में भाभी बोली ललिता अब तुम लण्ड घुसेड़ कर मेरी बुर चोदो। मैं उसकी बुर चोदने लगी और पेल्हड़ सहलाने लगी। वह बोली ललिता तुम बीच बीच में लण्ड मेरी चूत से निकाल चाट लिया करो। ऐसा कई बार करो। मैं बस वही करने लगी। कुछ देर बाद उसने दुबारा लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और बीच बीच में लण्ड निकाल निकाल कर चाटने लगी। उसके जीजा ने मुझे खूब मस्ती से चोदा और मैं खलास होने लगी। बस तभी भाभी ने घूम कर लण्ड मुझे पकड़ा दिया और सड़का मारना सिखा दिया। लण्ड ने जब वीर्य उगला तो भाभी ने उसे अपने मुंह में लिया और फिर मेरे मुंह में भी गिरा दिया। मैंने उसे वीर्य गटकते हुए देखा तो मैं भी गटक गयी पर मुझे उसका स्वाद बड़ा ख़राब लग रहा था। वह बोली अरी मेरी बुर चोदी ललिता २/३ लण्ड पीयेगी तो अच्छा लगने लगेगा।
दो दिन बाद भाभी ने फिर मुझे फोन करके बुला लिया। मैं जब गयी तो देखा वह अपने देवर का लण्ड चाट रहीं हैं। मैं उस लड़के को जानती थीं। भाभी ने कहा लो यार ललिता मेरे देवर का लण्ड पकड़ो। मैंने मुस्कराकर पकड़ लिया लण्ड। मेरे पकड़ते ही लण्ड और तन कर खड़ा हो गया। फिर भाभी ने मेरे कपड़े उतार दिया। कमरा अंदर से बंद था तो मुझे भी कोई डर नहीं था। तभी मेरी आँखों के सामने एक और टन टनाता हुआ लण्ड आ गया। मैंने उसकी तरफ देखा तो भाभी बोली ये मेरे देवर का दोस्त है और अभी अभी बाथ रूम से निकला है। उसका भी लण्ड साला बड़ा मस्त लगा मुझे। भाभी ने कहा यार ललिता ये दोनों बिचारे तुम्हारी बुर लेना चाहतें हैंलेकिन इनकी हिम्मत नहीं हो रही थी। तब मैंने कहा मैं तुम्हे ललिता की बुर दिला दूँगी बशर्ते तुम इसका किसी से ज़िकर न करो। वह बोला नहीं भाभी मैं किसी को नहीं बताऊंगा पर मेरा एक दोस्त है मैं उसे भी ललिता की बुर दिलाना चाहता हूँ, तब मैंने उसे भी बुला लिया।
अब तुम्हारी मर्जी पर है ललिता। तुम चाहो तो एक से चुदवाओ चाहे दोनों से चुदवाओ। मैंने कहा मैं चुदवाऊंगी तो दोनों से पर दोनों लण्ड मैं अपने हाथ से तेरी बुर में भी पेलूँगी भाभी। वह मान गयी। उसके बाद तो हम दोनों की हुई घमाशान चुदाई। इस तरह मैंने कई लड़कों के लण्ड पकड़े और कई लड़कों से चुदवाया। अब मेरी शादी हो गयी है और मैं अपनी ससुराल आ गयी हूँ। यहाँ मुझे मेरी सास भी मेरे मन की मिल गयी है और मेरी नन्द भी बुर चोदी मेरे मन की है। अब मैं अपनी जेठानी का इंतज़ार कर रही हूँ। मुझे उसकी भी बुर चोदने का मौक़ा मिल जाये तो मज़ा आ जाये ?
दूसरे दिन मेरी जेठानी आ गयीं। उसका नाम है मिसेज रोली। अच्छे कद और काठी वाली हैं मेरी जेठानी। खूबसूरत भी है और हंसी मजाक करने वाली भी हैं। आते ही सबसे पहले उसके सामने सास जी पड़ गयीं। पहले उसने सासू जी के पैर छुए फिर बोली आप तो आज बहुत चमक रहीं हैं सासू जी। कोई ख़ास है क्या ? सास ने मुस्कराते हुए कहा ख़ास बात तो अब होगी जब मैं तेरी झांटें उखाडूँगी, बहू। वह बोली अरे सासू जी अब तो झांट उखाड़ने के लिए तेरी एक और बहू आ गयी है न ? उसकी उखाड़ो न झांटें ? वह बोली नहीं पुरानी बहू की झांटें उखाड़ने में जो मज़ा है तो नयी बहू की झांटों में कहाँ ? तब जेठानी ने अपनी पर्श से लकड़ी का बना एक १२" का लण्ड निकाला और उसे दिखाती हुई बोली देखो ये है लण्ड का बाप इसे मैं अपनी नन्द की माँ के भोसड़ा में पेलूँगी ?
उसे देख कर सास के होश उड़ गए. वह साला एकदम असली लण्ड लग रहा था। नीचे पेल्हड़ भी बने थे। मैं उसे देख कर एकदम से चुदासी हो गयी। मेरी चूत में पानी आ गया। सास ने उसे पकड़ा और बोली हाय दईया ऐसा लण्ड कहाँ बनता है बहू रानी ? कहाँ से लाई हो इसे ? वह बोली लाई नहीं हूँ मंगवाया है। ये लण्ड फिलीपींस के राजधानी मनीला में मिलता है। मैंने इसे एयर पोर्ट पर खरीदा था। वहां कई तरह के लकड़ी के बने हुए लण्ड खुले आम बिकते हैं। लम्बा लण्ड, मोटा लण्ड, काला लण्ड, गोरा लण्ड, सीधा लण्ड, टेढ़ा लण्ड, हर तरह के लण्ड मिलते हैं। मुझे यह पसंद आया तो मैंने इसे ले आयी। अब मैं इसका भरपूर इस्तेमाल करुँगी। मैंने कहा जेठानी जी मैं भी इसे इस्तेमाल करुँगी। मेरी नन्द बोली इस्तेमाल तो मैं करूंगी इसे अपनी भाभियों की चूत में पेल पेल कर ?
इतने में हम सब लोग खिलखिला कर हंसने लगी।
- अगले दिन सास बोली - ललिता बहू, जब से तेरी जेठानी आई है तब से तेरे रंग ढंग ही बदल गये हैं। तू बड़ा मटक मटक कर चलने लगी है।
- मैंने कहा :- ऐसी तो कोई बात नहीं है सासू जी। अब जेठानी जी मुझे अच्छ लगीं तो मैं खुश हूँ।
- सास - तुझे मालूम है की तेरी जेठानी कितनी हरामजादी है ? कितना बन ठन कर निकलती है बाहर। जब से फिलीपींस होकर आयी है तब से इसके भाव ही कुछ ऊंचे हो गये हैं। किसी को हाथ ही नहीं रखने देती भोसड़ी वाली।
- जेठानी - कौन रखना चाहता है मेरे ऊपर हाथ सासू जी ? मैं तो किसी को मना नहीं करती ? हां अगर मेरी चूँचियों पर कोई हाथ रखें तो कोई बात भी है ?
- सास - हाय दईया, तू खुले आम अपनी चूँचियाँ दबवाना चाहती है ? अरे जो चूँचियाँ दबाएगा वो तेरी चूत में भी ठोंक देगा लण्ड ?
- मैंने कहा :- ठोंक दे लण्ड ? तो क्या हुआ ? चूत बहन चोद है ही ठोंकवाने के लिए ?
- सास - हाय मेरी ललिता बहू, तू तो बहुत बड़ी बुर चोदी निकली। तू भी ठोंकवायेगी क्या अपनी चूत में लण्ड ?
- नन्द - अरे मम्मी, ये अपनी चूत में ठोंकवायेगी नहीं ? मैं इसकी चूत में ठोंकूंगी लण्ड ? तब आएगा मज़ा ?
- जेठानी - तेरी माँ का भोसड़ा नन्द रानी ? मैं तेरी भी बुर चोदना जानती हूँ।
- नन्द - तेरी सास की बिटिया की बुर, भाभी ? तू नहीं चोद पायेगी उसकी बुर। उसके लिए कोई मोटा लण्ड चाहिए ?
- मैंने कहा :- मोटा लण्ड तो मैं तेरी माँ के भोसड़ा में पेलूँगी नन्द रानी ?
- सास - ललिता बहू, बुर चोदी तू और बुर चोदी तेरी जेठानी ? मैं दोनों की चूत का बाजा बजाऊंगी।
- जेठानी - तो फिर मैं तेरी बेटी की चूत का बाजा बजाऊंगी, सासू जी।
इतने में फिर घंटी बजी। तब भी आरती ने दरवाजा खोला। वह बोली मम्मी लो ये दोनों मेरे मेरी ससुराल के लोग हैं। यह मेरा देवर है गोलू और यह इसका दोस्त है गोपी। मैं इनका इंतज़ार ही कर रही थी। मैंने फिर आरती के कान में कहा ये दोनों बड़े मस्त लड़के हैं। तूने अपने देवर से जरूर चुदवाया होगा। उसने मेरे कान में ही जबाब दिया हां भाभी मैं अपने देवर से खूब चुदवाती हूँ पर आज तुम चुदवाओगी। इसका लण्ड तेरी चूत में पेलूँगी भाभी। और मैं इसके दोस्त से चुदवाऊंगी क्योंकि मैंने आज तक इसका लण्ड नहीं देखा। जेठानी बोली तुम आपस में खुसुर फुसुर क्यों कर रही हो खुल कर बोलो न बात क्या है ? नन्द बोली बात कुछ नहीं आज हम दोनों मिलकर तुम्हारी चूत का मज़ा लेंगीं। जेठानी ने मुस्काराकर कहा मज़ा लेने में मैं कुछ कम नहीं हूँ। मैं भी तुम सबकी चूत का बाजा बजा कर मज़ा लूंगी। वहां के सारे मरद इन लोगों की बातों का आनंद लेकर हंसने लगे।
आरती ने फ़टाफ़ट दारू का इंतज़ाम कर दिया। शाम के समय अगर अपने ग्रुप में दारू पीने का मौका मिल जाए तो इससे बढ़िया क्या है ? सब लोग मस्ती में आने लगे। हम सबके कपड़े भी अस्त व्यस्त होने लगे। बदन का कुछ हिस्सा खुल जाए तो खुल जाए परवाह कौन करता है और कौन करती है ? धीरे धीरे किसी की चूँचियाँ दिखने लगीं किसी की गाड़, किसी की जांघें, तो किसी की झांटें। लोग देख देख और मस्ताने लगे। तब सास ने अपना हाथ भीमा अंकल के लण्ड पर रख दिया। सब सास की तरफ देखने लगीं. सास ने देर नहीं लगायी और उसके कपड़े उतारने लगीं. वह बोली भीमा भोसड़ी के मेरे देवर राजा अब देर क्यों कर रहा है. पहले तू मुझे एक दोस्त की हैसियत से चोदता था। आज मैं तुझे अपना देवर बना लेती हूँ। आज तुम सबके सामने अपनी भाभी की बुर चोदोगे। सास की खुली खुली बातों ने माहौल में वासना का रंग घोल दिया। आरती ने भी अपने देवर गोलू के लण्ड पर हाथ रख कहा अब तुम तो खोल कर दिखा दो अपना लण्ड ? अब क्या शर्माना ? उसने थोड़ा आना कानी की तो आरती बोली हाय दईया क्या तुम अपने दोस्त से ही शर्मा रहे हो ?
वह बोला नहीं भाभी मैं अपने दोस्त के सामने तो बिलकुल ही नहीं शर्माता। मैं तो इसकी बीवी इसके सामने चोदता हूँ और यह मेरी बीवी मेरे सामने चोदता है। मेरी नन्द बोली वाओ, तो मेरी देवरानी पराये मर्दों से चुदवाने लगी हैं। वह बोला अरे भाभी वह तो अपनी सुहागरात से ही मेरे दोस्तों से चुदवा रही है। मैं भी अपने दोस्तों की बीवियां उनके सुहातरात में ही चोदता हूँ। हमने यह सब आपस में तय कर लिया था की जिसकी शादी होगी वह अपनी सुहागरात गोवा में मनाएगा और हम सब मिलकर उसकी बीवी चोदेंगें। तब से मैं ३/४ दोस्तों की बीवियां उनकी सुहागरात में ही चोद चुका हूँ। और इन सब लोगों ने मेरी बीवी मेरी सुहागरात में चोदी है। मैंने पूंछा अच्छा तो किसी बीवी ने मना नहीं किया ? वह बोला अरे भाभी आजकल कौन लड़की अपनी शादी के बाद पराये मरद से चुदवाना नहीं चाहती ? इस मामले में तो आजकल बीवियां सबसे आगे रहती हैं। मना करने को कौन कहे भाभी वो सब हमसे ज्यादा एन्जॉय करतीं हैं। लण्ड पे लण्ड पेलवा लेतीं हैं अपनी सुहागरात में ?
सास ने कहा अरी मेरी बहू बेटियों एक बात गौर से सुन लो। ऐसी कोई बीवी नहीं हुई है जिसने पराये मरद का लण्ड पकड़ा न हो और पराये मरद से चुदवाया न हो। न कोई ऐसी बीवी आज के ज़माने में है और न आगे होगी। इसीलिए कहा गया है की त्रिया का चरित्र मनुष्य क्या देवता भी नहीं जानते। जो बीवी ऐसा कहती है की उसने कभी पराये मरद का लण्ड न पकड़ा न चुदवाया तो समझो की वह भोसड़ी वाली सरासर झूंठ बोल रही है। चूतिया बना रही है सबको। हां एक बात है की पहले यह काम चोरी छुपे होता था आजकल खुले आम होता है। अब देखो न अधिक से अधिक लोग बीवियों की अदला बदली करने लगें हैं और हसबैंड की अदला बदली करने लगी हैं बीवियां।
बातें हो ही रहीं थी इसी बीच आरती ने उन दोनों को नंगा कर दिया और उनके लण्ड पकड़ कर हिलाने लगीं। उधर सास ने भीमा अंकल का लण्ड मुझे और मेरी जेठानी को पकड़ा दिया। हम दोनों मिलकर उसका लण्ड चाटने चूसने लगीं। सास इधर उधर घूम कर सबके लण्ड में हाथ लगाने लगी। कभी इसका लण्ड चूम चाट लेती कभी उसका लण्ड। नंगी हम सब हो चुकीं थी और तीनो मरद भी एकदम नंग धडंग हो चुके थे। अचानक जेठानी के फोन की घंटी बजने लगी। उसने देखा तो बोली हाय सासू जी मेरे जीजू आ गया है। सास बोली उसे कमरे में बैठा ले फिर बताती हूँ। जेठानी ने चादर ओढ़ी और दरवाजा खोल दिया। फिर उसे कमरे में बैठा आकर आ गयी और बोली सासू जी अब क्या करूं ? सासू ने पूंछा रोली बहू पहले तू यह बता की तूने कभी इसका लण्ड पकड़ा है ? जेठानी ने जबाब दिया हां सासू जी पकड़ा तो है। लण्ड तो बहुत बढ़िया है।
सास ने कहा - हाय दईया, तेरी माँ की चूत. तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? तेरी देवरानी की नन्द की बुर ? तब तू क्या सोंच रही है। सबके सामने उसका लण्ड पकड़ कर दिखा दे हमें ? उसे वहीँ नंगा कर दे और तू भी चादर फेंक कर नंगी हो जा और उसका लण्ड पकड़े पकड़े यहाँ हमारे पास आ जा। अगर तू शर्माएगी तो मैं तेरी गांड में लण्ड ठोंक दूंगी। जेठानी तो यही चाहती थी। बस ५ मिनट वह अपने जीजू का लण्ड पकड़े पकड़े हमारे सामने आ गयी। सबसे पहले मैं उठी और उसके हाथ से जीजू का लण्ड छीन लिया और कहा जेठानी तेरा जीजू है तो फिर मेरा भी जीजू है। आज मैं इसका लण्ड चोदूंगी और सबके सामने चोदूँगी। जेठानी ने गोलू का लण्ड अपने हाथ में ले लिया और सूए चूसने लगी।
हम सबके हाथ में एक एक लण्ड आ गया। मैं जेठानी के जीजू सोहन से चुदवाने लगी. जेठानी ने गोलू का लण्ड अपनी चूत में पेला, मेरी नन्द आरती भीम अंकल से चुदवाने लगी और गोपी ने अपना लौड़ा सास के भोसड़ा में घुसा दिया। आरती को अपनी माँ का भोसड़ा चुदाने में मज़ा आने लगा। मस्ती सबके अहन में छाई हुई। किसी को दीन दुनिया की खबर नहीं थी।
अचानक सास को मजाक करने का मूड हुआ तो वह बोली :- अरी भोसड़ी की ललिता बहू तू बुर चोदी तेरी जेठानी बुर चोदी।
थोड़ी देर में वह मेरी जेठानी से बोली :- रोली बहू, तू बुर चोदी तेरी देवरानी बुर चोदी ? तब तक मेरी नन्द बोल पड़ी :- मम्मी, तू बर चोदी तेरी बहुएं बुर चोदी ?
सास ने उसे भी जबाब दिया :- बेटी आरती, तू बुर चोदी तेरी भाभियाँ बुर चोदी ? फिर मुझसे न रहा गया।
मैंने कहा :- सासू जी, तू बुर चोदी तेरी बिटिया बुर चोदी ?
उधर से जेठानी ने कहा :- आरती तू बुर चोदी तेरी माँ बुर चोदी ?
इसी तरह प्यार भरी गालियां हम सब एक दूसरे को सूना सुना कर चुदवाने लगीं, एन्जॉय करने लगी और मस्ती करने लगीं। थोड़ी देर में सास ने गोपी का लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। मैंने सोहन का लण्ड अपनी नन्द की बुर में पेल दिया। नन्द ने भीम अंकल का लण्ड जेठानी की बुर में घुसा दिया और जेठानी ने गोलू का लण्ड सास के भोसड़ा में ठोंक दिया। लण्ड की अदला बदली से मज़ा बहन चोद दूना हो गया। फिर क्या रात भर हम सबने खूब चुदाई का मज़ा लिया।
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