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मैं पैंट खोल कर सबके लण्ड निकाल लेती हूँ - Main Pent kholkar sabke lund nikal leti hun
मैं पैंट खोल कर सबके लण्ड निकाल लेती हूँ - Main Pent kholkar sabke lund nikal leti hun , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मैं कसम से कहती हूँ की यहाँ जितने लोग हैं उनमे से मेरा हसबैंड कोई नहीं है. इसलिए मुझे चोदो ? मैं तुम सबसे चुदवाने आयी हूँ। मैं यह जानती हूँ की यहाँ सब लोग ऐसी बीवियों को चोदने आते हैं जिनका हसबैंड यहाँ इस महफ़िल में न हैं ? मैं फिर कसम खा कर कहती हूँ की यहाँ मेरा हसबैंड नहीं है, मुझे चोदो। मैं ऐसी ही महफ़िल की तलास बहुत दिनों से कर रही थी जिसमे मैं अपने हसबैंड की ग़ैर हाज़िरी में ग़ैर मर्दों से चुदवा सकूं। आज मेरी तमन्ना पूरी हुई है। आज मैं तुम सबसे चुदवाऊंगी, मुझे चोदो, खूब जम कर चोदो। एक नहीं कई लोग मिलकर चोदो। दिन भर चोदो, रात भर चोदो। बिना रुके चोदो और सबके सामने चोदो। मैं चुदाने में किसी बुर चोदी से कम नहीं हूँ। ये सब बातें मिसेज निधि चावला कह रही थीं।
मेरा नाम है मिसेज निधि चावला हैं. मैं एक शादी शुदा औरत हूँ २८ साल की हूँ और बेहद खूबसूरत हूँ। सेक्सी हूँ बिंदास हूँ और हॉट हूँ। मैं आपको सच बताती हूँ की मैं जितनी खूबसूरत हूँ उतनी ही चुदक्कड़ भी हूँ। मैं डंके की चोट पर पराये मर्दों से चुदवाती हूँ। मुझे न कोई भोसड़ी वाला रोक सकता है और न कोई कुछ कह सकता है। और अगर कोई कहता है तो मैं उसकी माँ बहन चोद दूँगी। मुंबई एक बहुत बड़ा शहर है यहाँ सब कुछ होता है। जहां जो होता है मैं वह जगह जानती हूँ। सच्चाई यह है कि मैं एक भी दिन बिना लण्ड के रह नहीं सकती। लण्ड के लिए मैं किसी भी हद तक जा सकती हूँ। किसी के सामने नंगी खड़ी हो सकती हूँ, माँ बहन चुदवा सकती हूँ यहाँ तक की अपनी गांड भी मरवा सकती हूँ। मुझे लण्ड चाहिए तो चाहिए बस ?
मैं पता लगा कर यहाँ आयी हूँ की यहाँ जो लोग आतें हैं वो सब दूसरों की बीवियां चोदते हैं। उनकी बीवियां यहाँ नहीं आतीं बल्कि कहीं और चुदवाने चली जातीं हैं। दूसरी बात यह की यहाँ वही लोग आतें हैं जिनके लण्ड बड़े मोटे तगड़े और दमदार होते हैं।
मैं पैंट खोल कर सबके लण्ड निकाल लेती हूँ
इतने में एक आवाज़ आयी - तुमने बिलकुल ठीक कहा मिसेज निधि चावला। मुझे लगा की यह आवाज़ कुछ जानी पहचानी है। मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो ख़ुशी के मारे उछाल पड़ी।
हमारे आस पास और भी कई बीवियां बैठी हुई शराब पी रहीं थीं। मुझे यह समझने में देर नहीं लगी की ये सब यहाँ भोसड़ी की चुदवाने आईं हैं। इतने में एक मस्त, जवान, बिंदास औरत एकदम नंगी नंगी हमारे सामने स्टेज पर आ गयी। वह बोली मैं आप सबका तहे दिल से वेलकम करती हूँ। मैं यहाँ पर मौजूद सभी बीवियों का दिल से स्वागत करती हूँ जो अपनी अपनी इच्छा पूरी करने यहाँ आयीं हैं। हर बीवी की इच्छा होती है की वह पराये मर्दों से चुदवाये और यह इच्छा मैं पूरी करती हूँ। इस क्लब का बेसिक उद्देश्य यही है की हम उन बीवियों की सेवा करें जो पराये मर्दों से चुदवाने की इच्छा रखतीं हैं। यह फोरम आपको ऐसे ऐसे मर्द मुहैया करवाता है जिनके लण्ड बड़े मोटे, तगड़े और परखे हुए हैं। मैं अपनी टीम के साथ इन सब लोगों के लण्ड का इम्तिहान लेतीं हूँ और जब ये इम्तिहान में पास हो जातें है तो इन्हे मैदान में उतारती हूँ। आप खुद सब लोगों के लण्ड पकड़ कर देख लें और मज़ा लें।
आप जिस तरह चाहें उस तरह लण्ड का इस्तेमाल कर सकतीं हैं। आप चाहे इन्हे मुंह में में डालें, अपनी चूत में घुसेड़ें, अपनी गांड में ठोंकें, अपनी चूँचियों के बीच पेलें और चाहे मुठ्ठ मार कर लण्ड पियें। आपको पूरी आज़ादी है जो चाहे करें ? चाहें तो एक दूसरे की बुर चोदें, चाहें तो एक दूसरे की गांड मारें , और चाहें तो एक दूसरे के मुंह में लण्ड पेलें ? खूब एन्जॉय करें और दूसरों को भी एन्जॉय करने दें। अगर लण्ड की कमी हो तो मुझे बताईये हमारे स्टॉक में अभी बहुत एक से एक बेहतरीन लण्ड हैं ?
यह औरत है मिसेज महिमा थरेजा। यही है इस क्लब की मालकिन। इसने ने यह क्लब खोला है क्योंकि इसको ग़ैर मर्दों से चुदवाने का जबरदस्त नशा है। इसकी बातों ने हम सबकी चूत में आग लगा दी है। उधर मर्दों के लण्ड में उथल पुथल मचने लगी। इसी उथल पुथल में मेरे पास एक लड़का आ गया। उसने कहा मैं बलबीर हूँ एक पंजाबी छोरा। मुझे परायी बीवियों के साथ का नशा है। मैंने उसे ऊपर तक देखा। लड़का बड़ा हैंडसम था। इसका लौड़ा भी बढ़िया होगा क्योंकि महिमा यह बात तो बात ही चुकी हैं। बस मैंने उसकी तरफ अपना हाथ बढ़ा दिया। उधर सिमरन की तरफ सूरज आगे बढ़ा उसने अपना परिचय दिया और सिमरन उसकी बाहों में झूल गयी। सूरज उसकी चूँचियाँ मसलने लगा और सिमरन उसका लण्ड टटोलने लगी। इधर मैं भी बलबीर के लण्ड तक पहुँच गयी।
एक बात तो सच है दोस्तों, की मुझे ग़ैर मर्दों के आगे नंगी होने में बड़ा मज़ा आता है। इसलिए मैंने अपने कपड़े खोल कर फेंक दिया और नंगी नंगी बलबीर की बाहों में समा गयी। उसने फिर मुझे पलंग पर लिटा दिया और खुद नंगा नंगा मेरे ऊपर चढ़ बैठा। चढ़ने के बाद वह घूम गया तो उसका तना हुआ लण्ड मेरे मुंह में घुस गया और उसका मुंह मेरी चूत में। मैं उसका लण्ड चाटने लगी और वह मेरी चूत चाटने लगा। मेरे आगे सिमरन भी सूरज का लण्ड चाटने में जुटी थी। सूरज उसकी चूत और गांड सहलाने लगा। मेरी ही तरह वहां और भी कई बीवियां लण्ड चाटने और चूसने में जुटीं थीं। मुझे यह समझने में देर नहीं लगी की ये सब पराये मर्दों के लण्ड चूस रहीं है और अभी ये सब चुदवाना शुरू कर देंगीं। कोई लेटे लेटे लण्ड चाट रही थी, कोई बैठी हुई लण्ड चाट रही थी, कोई 69 बनी हुई लण्ड चाट रहीं थी और कोई टांगों के बीच बैठ कर पेल्हड़ थामे हुए लण्ड चाट रहीं थीं। मेरी नज़र सबके लण्ड पर पड़ी तो मालूम हुआ की महिमा ठीक ही कह रही थी की यहाँ के लण्ड बड़े भी होतें हैं और मोटे भी। इसीलिए यहाँ हर रोज़ कई बीवियां लोगों से चुदवाने आतीं हैं।
मैं भी बलबीर का लण्ड चाटने में जुटी थी इतने में किसी ने मेरे कंधे पर अपना लण्ड रख दिया। मैंने कनखियों से देखा तो लण्ड बहन चोद बड़ा सुन्दर लगा। उसका सुपाड़ा साला बड़ा ही खूबसूरत था। तब तक वह बोला अरे निधि भाभी जान मैं साहिर हूँ। आपका देवर हूँ मेरा भी लण्ड चाटो न भाभी ? मैंने कहा हां देवर राजा चाटूँगी, मुंह में लूंगी चूसूंगी और फिर अपनी चूत में भी पेलूँगी तेरा लण्ड। वह बोला भाभी मैं मुस्लिम हूँ। मैंने कहा यार मुस्लिम हो चाहे नॉन मुस्लिम ? इससे क्या होता है ? मुझे तो बस लण्ड चाहिए लण्ड ? मैं तो लण्ड की दीवानी हूँ। और फिर लण्ड जब खड़ा होता है तो मालूम नहीं पड़ता की यह मुस्लिम लण्ड है की नॉन मुस्लिम ? हां जिस लण्ड का सुपाड़ा नहीं खुलता वो तो साफ मालूम हो जाता है की यह नॉन मुस्लिम लण्ड है। एक बात है साहिर जिसके लण्ड का सुपाड़ा नहीं खुलता वो लण्ड मुझे बिलकुल पसंद नहीं ? मैं ऐसे लण्ड को झांट नहीं पसंद करती ? तब तक किसी ने सिमरन को भी अपना मुस्लिम लण्ड पकड़ा दिया और वह था वसीम। उसका भी लण्ड मुझे बड़ा प्यारा लग रहा था। तब तक बलबीर ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और चोदने लगा। उधर वसीम ने सिमरन की बुर चोदना शुरू कर दिया।
तब मैंने देखा की सारी बीवियां धकाधक चुदवाने लगीं हैं। चारों तरफ चुदाई ही चुदाई हो रही है। सारी बीवियां चोदी जा रहीं हैं। दृश्य बड़ा रंगीन हो गया जिसे देख कर चुदवाने का जोश बढ़ने लगा। मैंने कहा मैं यहाँ किसी भोसड़ी वाले की बीवी नहीं हूँ, मुझे चोदो ? मैं एक रंडी हूँ मुझे चोदो , मैं छिनार हूँ, मुझे चोदो, मैं बेशरम हूँ निर्लज्ज हूँ, मुझे चोदो, लौड़ा पेल पेल के मुझे चोदो, दो तीन लोग मिल के मुझे चोदो, फाड़ डाली मेरी चूत, चीथड़े उड़ा मेरी बुर चोदी बुर के ? मेरी माँ चोद लो, मेरी बहन लो, मेरी भाभी की बुर ले लो, लेकिन पहले मुझे चोदो, खूब झमाझम चोदो। मैं अपनी गांड उठा उठा के चुदवा भी रही थी और यही सब बके भी जा रही थी। मुझे जब चुदवाने में मज़ा आता है तो मैं यही सब बोलती हूँ। जिसको न सुनना हो उसकी माँ का भोसड़ा ? उसकी बहन की बुर। मैं तो चुदवाऊंगी भी और बोलूंगी भी। मेरी कोई एक झांट भी नहीं उखाड़ सकता ?
इतने में साहिर ने लण्ड पीछे से मेरी चूत में घुसेड़ दिया . मैं डॉगी स्टाइल में चुदवाने लगी और सामने से बलबीर का लौड़ा चूसने भी लगी। मुझे देख कर सिमरन भी इसी तरह चुदवाने लगी। हम दोनों चुदाई का इतना मज़ा पहले कभी नहीं लिया। थोड़ी देर में मेरी चूत ढीली पड़ने लगी और सिमरन की भी। उधर ेल एक करके लण्ड भी झड़ने लगे। मुझे झड़ते हुए लण्ड पीने में बड़ा अच्छा लगता है। लण्ड पीने से सेहत अच्छी रहती है। चेहरे की चमक बनी रहती है और चूँचियाँ बड़ी बड़ी हो जातीं हैं। सिमरन भी लण्ड पीने में मुझसे कम नहीं है। मैं उसे अच्छी तरह जानती हूँ वह बुर चोदी चपर चपर करके पूरा लण्ड चाट जाती है।
दो दिन बाद संडे था। छुट्टी का दिन था। मैं घर पर ही थी। करीब ११ बजे किसी ने डोर बेल बजाई। मैं दरवाजा खोला तो सामने दो अनजान लोग खड़े थे। मैं उन्हें पहचानती नहीं थी। एक बोला निधि भाभी मैं सनी हूँ और यह मेरा दोस्त विक्रम है। हम लोग मिसेज महिमा थरेजा की पार्टी में थे। वहां मैंने आपको देखा था। मैं सच में आपसे वहीँ मिलना चाहता था लेकिन मैं मिल न सका इसलिए यहाँ मिलने आया हूँ। मैंने उसे अंदर बैठाया और ड्रिंक्स ऑफर कर दी। मैं बातें करने लगी।
मैंने अपने दोनों हाथों में एक एक लण्ड लिया और वो दोनों मेरी एक एक चूँची चूसने और चाटने लगे। दोनों लण्ड बिना झांट के थे चिकने थे और मेरी भी चूत चिकनी थी। लण्ड भी खूबसूरत थे और चूत भी खूबसूरत ? मैं झुक कर दोनों लण्ड बारी बारी से चाटने लगी। लण्ड सुपाड़ा तो वाकई गज़ब का था। मेरी मस्ती बढ़ने लगी और उनके लण्ड बहन चोद मोटे होने लगे। फिर मैंने दोनों को अपने सामने खड़ा कर दिया और दोनों लण्ड बारी चूसने लगी। मैं अपने आप को ब्लू फिल्म की हीरोइन समझने लगी। थोड़ी देर बाद सनी ने मुझे पलंग पर लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ बैठा। लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया और एक धक्का मारा। लण्ड साला गचाक से अंदर घुस गया और वह मजे से चोदने लगा। सनी ने कहा भाभी मैं यह सब वहां आपके साथ नहीं कर पाया। आपकी चूत जैसी चूत बहुत कम बीवियों की होती है , मैं तो आपका गुलाम हो गया हूँ और मेरा लण्ड भी आपका गुलाम हो गया भाभी। मैं उधर सामने विक्रम का लण्ड मुंह में लिए चूस रही थी। उसका लण्ड मुझे बहुत बढ़िया लगा। थोड़ी देर में वह मुझे चोदने लगा और मैं सनी का लौड़ा चूसने लगी। लण्ड की अदला बदली हुई तो सबको मज़ा आने लगा और मैं उसे पूरी तरह एन्जॉय करने लगी। मैं मन ही मन सोंच रही थी की अगर मैंने पराये मर्दों से चुदवान न शुरू किया होता तो इतने बढ़िया बढ़िया लण्ड से चुदवाने का मौक़ा न मिला होता। अगर मैं एक ही लण्ड के सहारे रहती तो मुझे इतना मज़ा कहाँ मिल पाता ? मैं तो अभी और नये नये मर्दों से चुदवाऊंगी । मैं बुरी तरह वासना में डूबी हुई थी। मुझे हर बार चुदवाने मे एक नया मज़ा मिलता है तो मैं फिर क्यों न चुदवाऊँ ?
इस तरह दोनों मिलकर मुझे धकाधक चोदने लगे। मैं भी दोनों लण्ड का पूरा मज़ा लेने लगी। थोड़ी देर बाद मैं सनी के लण्ड पर सनी की तरफ पीठ करके बैठ गयी और लण्ड पर ही कूदने लगी। फिर विक्रम का लण्ड हाथ से हिलाने लगी। कुछ देर के बाद विक्रम बोला भाभी अब मेरे लण्ड पर बैठो। मैं उसके लण्ड पर बैठ लण्ड हिलाने लगी। सनी बोलै भाभी अब मैं निकलने वाला हूँ तो मैं उसके लण्ड का सड़का मारने लगी। लण्ड जब झड़ने लगा तो मैं उसका वीर्य पी गयी। उसके बाद विक्रम के लण्ड का सड़का मारा और लण्ड पिया।
फिर अचानक मेरे फोन पर एक मैसेज आया। मैंने देखा तो वह महिमा का था। उसमे लिखा था :-
"यार निधि मुझे सबसे अच्छी तुम्हारी चुदाई लगी।
कल शाम को एक बड़े होटल में कुछ विदेशी लण्ड चोदने का प्रोग्राम है।
मैं चाहती हूँ की तुम मेरे साथ चलो और लण्ड चोदो।
अगर चल सकती हो तो 'yes' लिखो नहीं तो 'no' लिख कर भेज दो"
मैंने 'yes' लिख कर भेज दिया।
मैं कसम से कहती हूँ की यहाँ जितने लोग हैं उनमे से मेरा हसबैंड कोई नहीं है. इसलिए मुझे चोदो ? मैं तुम सबसे चुदवाने आयी हूँ। मैं यह जानती हूँ की यहाँ सब लोग ऐसी बीवियों को चोदने आते हैं जिनका हसबैंड यहाँ इस महफ़िल में न हैं ? मैं फिर कसम खा कर कहती हूँ की यहाँ मेरा हसबैंड नहीं है, मुझे चोदो। मैं ऐसी ही महफ़िल की तलास बहुत दिनों से कर रही थी जिसमे मैं अपने हसबैंड की ग़ैर हाज़िरी में ग़ैर मर्दों से चुदवा सकूं। आज मेरी तमन्ना पूरी हुई है। आज मैं तुम सबसे चुदवाऊंगी, मुझे चोदो, खूब जम कर चोदो। एक नहीं कई लोग मिलकर चोदो। दिन भर चोदो, रात भर चोदो। बिना रुके चोदो और सबके सामने चोदो। मैं चुदाने में किसी बुर चोदी से कम नहीं हूँ। ये सब बातें मिसेज निधि चावला कह रही थीं।
मेरा नाम है मिसेज निधि चावला हैं. मैं एक शादी शुदा औरत हूँ २८ साल की हूँ और बेहद खूबसूरत हूँ। सेक्सी हूँ बिंदास हूँ और हॉट हूँ। मैं आपको सच बताती हूँ की मैं जितनी खूबसूरत हूँ उतनी ही चुदक्कड़ भी हूँ। मैं डंके की चोट पर पराये मर्दों से चुदवाती हूँ। मुझे न कोई भोसड़ी वाला रोक सकता है और न कोई कुछ कह सकता है। और अगर कोई कहता है तो मैं उसकी माँ बहन चोद दूँगी। मुंबई एक बहुत बड़ा शहर है यहाँ सब कुछ होता है। जहां जो होता है मैं वह जगह जानती हूँ। सच्चाई यह है कि मैं एक भी दिन बिना लण्ड के रह नहीं सकती। लण्ड के लिए मैं किसी भी हद तक जा सकती हूँ। किसी के सामने नंगी खड़ी हो सकती हूँ, माँ बहन चुदवा सकती हूँ यहाँ तक की अपनी गांड भी मरवा सकती हूँ। मुझे लण्ड चाहिए तो चाहिए बस ?
मैं पता लगा कर यहाँ आयी हूँ की यहाँ जो लोग आतें हैं वो सब दूसरों की बीवियां चोदते हैं। उनकी बीवियां यहाँ नहीं आतीं बल्कि कहीं और चुदवाने चली जातीं हैं। दूसरी बात यह की यहाँ वही लोग आतें हैं जिनके लण्ड बड़े मोटे तगड़े और दमदार होते हैं।
मैं पैंट खोल कर सबके लण्ड निकाल लेती हूँ
इतने में एक आवाज़ आयी - तुमने बिलकुल ठीक कहा मिसेज निधि चावला। मुझे लगा की यह आवाज़ कुछ जानी पहचानी है। मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो ख़ुशी के मारे उछाल पड़ी।
- मैंने कहा अरे भोसड़ी की तू सिमरन वालिया ? तू यहाँ कहाँ से आ गयी ? ये जगह तो उन लोगों के लिए है जो अव्वल दर्जे की छिनार हैं।
- वह बोली तो क्या तुम मुझे अव्वल दर्जे की छिनार नहीं समझती ? अरे मैं फर्स्ट क्लास फर्स्ट दर्जे की छिनार हूँ। और मुझे अपने छिनार होने पर गर्व है क्योंकि मैं जितने लण्ड का मज़ा ले चुकी हूँ उतने लण्ड का मज़ा आजतक किसी बुर चोदी ने नहीं लिया होगा ?
- हाय दईया तू तो मुझसे भी आगे निकल रही है माँ की लौड़ी। म
- क्यों न निकलूं ? मैं तुम्हारी बात से पूरी तरह सहमत हूँ। यहाँ छिनार भी आतीं हैं और वो लोग भी आतें हैं जिनके लण्ड मोटे तगड़े और दमदार होतें हैं क्योंकि मैं तो अक्सर ऐसे ही लोगों से ही चुदवाने यहाँ आती हूँ। कोई अपना लण्ड मुझे दिखाए या न दिखाए मैं तो खुद ही पैंट खोल कर सबके लण्ड निकाल लेती हूँ और तब तक नहीं छोड़ती जब तक की उसका एक एक बूँद रस निचोड़ नहीं लेती हूँ।
- O' MY GOD ! तू तो एक मद मस्त जवान, बेहद खूबसूरत, सेक्सी और हॉट बीवी हो गयी है । तू तो पहले से कहीं ज्यादा खूबसूरत हो गई है। खूबसूरत बीवियों को तो लण्ड आसानी से मिल ही जातें हैं।
- हां हां मैं भी किसी की बीवी हूँ, यार ? लेकिन मुझे पराये मर्दों से चुदवाने का जबरदस्त शौक है और मैं यह शौक किसी भी हालत में पूरा करती हूँ। अब अगर कोई मुझे छिनार कहे, रंडी कहे, बदचलन कहे, तो भोसड़ी वाला कहता रहे, मैं झांट किसी की परवाह नहीं करती ?
- आये हाय तू तो बिलकुल मेरी ही तरह है और मैं बिलकुल तेरी ही तरह हूँ। म
- क्यों नहीं ? याद है न तुम्हे जब हम कॉलेज के धमाल मचाया करतीं थीं। सबकी माँ बहन चोदा करतीं थीं। लड़कों की गांड मारा करतीं थीं। बड़ा मज़ा आता था यार ?
- और हां और लड़कों के लण्ड भी पकड़ा करती थी न ? म
- हां यार खूब पकड़ती थी और वहीँ से लण्ड पकड़ने की आदत पड़ गयी। मैं तो आज भी लड़कों के लण्ड, बड़े लोगों के लण्ड, यहाँ तक 60 / 70 साल के लोगों के भी लण्ड पकड़ती हूँ। मैं तो लण्ड देखती हूँ, लण्ड वाले की उम्र नहीं ? लण्ड अगर ताकतवार है वह मेरे लिए २० साल का लड़का है और मैं उसे अपना देवर बना लेती हूँ।
- हां यार मेरा भी यही कहना है। मैं भी सिर्फ लण्ड देखती हूँ और लण्ड से मोहब्बत करती हूँ।
हमारे आस पास और भी कई बीवियां बैठी हुई शराब पी रहीं थीं। मुझे यह समझने में देर नहीं लगी की ये सब यहाँ भोसड़ी की चुदवाने आईं हैं। इतने में एक मस्त, जवान, बिंदास औरत एकदम नंगी नंगी हमारे सामने स्टेज पर आ गयी। वह बोली मैं आप सबका तहे दिल से वेलकम करती हूँ। मैं यहाँ पर मौजूद सभी बीवियों का दिल से स्वागत करती हूँ जो अपनी अपनी इच्छा पूरी करने यहाँ आयीं हैं। हर बीवी की इच्छा होती है की वह पराये मर्दों से चुदवाये और यह इच्छा मैं पूरी करती हूँ। इस क्लब का बेसिक उद्देश्य यही है की हम उन बीवियों की सेवा करें जो पराये मर्दों से चुदवाने की इच्छा रखतीं हैं। यह फोरम आपको ऐसे ऐसे मर्द मुहैया करवाता है जिनके लण्ड बड़े मोटे, तगड़े और परखे हुए हैं। मैं अपनी टीम के साथ इन सब लोगों के लण्ड का इम्तिहान लेतीं हूँ और जब ये इम्तिहान में पास हो जातें है तो इन्हे मैदान में उतारती हूँ। आप खुद सब लोगों के लण्ड पकड़ कर देख लें और मज़ा लें।
आप जिस तरह चाहें उस तरह लण्ड का इस्तेमाल कर सकतीं हैं। आप चाहे इन्हे मुंह में में डालें, अपनी चूत में घुसेड़ें, अपनी गांड में ठोंकें, अपनी चूँचियों के बीच पेलें और चाहे मुठ्ठ मार कर लण्ड पियें। आपको पूरी आज़ादी है जो चाहे करें ? चाहें तो एक दूसरे की बुर चोदें, चाहें तो एक दूसरे की गांड मारें , और चाहें तो एक दूसरे के मुंह में लण्ड पेलें ? खूब एन्जॉय करें और दूसरों को भी एन्जॉय करने दें। अगर लण्ड की कमी हो तो मुझे बताईये हमारे स्टॉक में अभी बहुत एक से एक बेहतरीन लण्ड हैं ?
यह औरत है मिसेज महिमा थरेजा। यही है इस क्लब की मालकिन। इसने ने यह क्लब खोला है क्योंकि इसको ग़ैर मर्दों से चुदवाने का जबरदस्त नशा है। इसकी बातों ने हम सबकी चूत में आग लगा दी है। उधर मर्दों के लण्ड में उथल पुथल मचने लगी। इसी उथल पुथल में मेरे पास एक लड़का आ गया। उसने कहा मैं बलबीर हूँ एक पंजाबी छोरा। मुझे परायी बीवियों के साथ का नशा है। मैंने उसे ऊपर तक देखा। लड़का बड़ा हैंडसम था। इसका लौड़ा भी बढ़िया होगा क्योंकि महिमा यह बात तो बात ही चुकी हैं। बस मैंने उसकी तरफ अपना हाथ बढ़ा दिया। उधर सिमरन की तरफ सूरज आगे बढ़ा उसने अपना परिचय दिया और सिमरन उसकी बाहों में झूल गयी। सूरज उसकी चूँचियाँ मसलने लगा और सिमरन उसका लण्ड टटोलने लगी। इधर मैं भी बलबीर के लण्ड तक पहुँच गयी।
एक बात तो सच है दोस्तों, की मुझे ग़ैर मर्दों के आगे नंगी होने में बड़ा मज़ा आता है। इसलिए मैंने अपने कपड़े खोल कर फेंक दिया और नंगी नंगी बलबीर की बाहों में समा गयी। उसने फिर मुझे पलंग पर लिटा दिया और खुद नंगा नंगा मेरे ऊपर चढ़ बैठा। चढ़ने के बाद वह घूम गया तो उसका तना हुआ लण्ड मेरे मुंह में घुस गया और उसका मुंह मेरी चूत में। मैं उसका लण्ड चाटने लगी और वह मेरी चूत चाटने लगा। मेरे आगे सिमरन भी सूरज का लण्ड चाटने में जुटी थी। सूरज उसकी चूत और गांड सहलाने लगा। मेरी ही तरह वहां और भी कई बीवियां लण्ड चाटने और चूसने में जुटीं थीं। मुझे यह समझने में देर नहीं लगी की ये सब पराये मर्दों के लण्ड चूस रहीं है और अभी ये सब चुदवाना शुरू कर देंगीं। कोई लेटे लेटे लण्ड चाट रही थी, कोई बैठी हुई लण्ड चाट रही थी, कोई 69 बनी हुई लण्ड चाट रहीं थी और कोई टांगों के बीच बैठ कर पेल्हड़ थामे हुए लण्ड चाट रहीं थीं। मेरी नज़र सबके लण्ड पर पड़ी तो मालूम हुआ की महिमा ठीक ही कह रही थी की यहाँ के लण्ड बड़े भी होतें हैं और मोटे भी। इसीलिए यहाँ हर रोज़ कई बीवियां लोगों से चुदवाने आतीं हैं।
मैं भी बलबीर का लण्ड चाटने में जुटी थी इतने में किसी ने मेरे कंधे पर अपना लण्ड रख दिया। मैंने कनखियों से देखा तो लण्ड बहन चोद बड़ा सुन्दर लगा। उसका सुपाड़ा साला बड़ा ही खूबसूरत था। तब तक वह बोला अरे निधि भाभी जान मैं साहिर हूँ। आपका देवर हूँ मेरा भी लण्ड चाटो न भाभी ? मैंने कहा हां देवर राजा चाटूँगी, मुंह में लूंगी चूसूंगी और फिर अपनी चूत में भी पेलूँगी तेरा लण्ड। वह बोला भाभी मैं मुस्लिम हूँ। मैंने कहा यार मुस्लिम हो चाहे नॉन मुस्लिम ? इससे क्या होता है ? मुझे तो बस लण्ड चाहिए लण्ड ? मैं तो लण्ड की दीवानी हूँ। और फिर लण्ड जब खड़ा होता है तो मालूम नहीं पड़ता की यह मुस्लिम लण्ड है की नॉन मुस्लिम ? हां जिस लण्ड का सुपाड़ा नहीं खुलता वो तो साफ मालूम हो जाता है की यह नॉन मुस्लिम लण्ड है। एक बात है साहिर जिसके लण्ड का सुपाड़ा नहीं खुलता वो लण्ड मुझे बिलकुल पसंद नहीं ? मैं ऐसे लण्ड को झांट नहीं पसंद करती ? तब तक किसी ने सिमरन को भी अपना मुस्लिम लण्ड पकड़ा दिया और वह था वसीम। उसका भी लण्ड मुझे बड़ा प्यारा लग रहा था। तब तक बलबीर ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और चोदने लगा। उधर वसीम ने सिमरन की बुर चोदना शुरू कर दिया।
तब मैंने देखा की सारी बीवियां धकाधक चुदवाने लगीं हैं। चारों तरफ चुदाई ही चुदाई हो रही है। सारी बीवियां चोदी जा रहीं हैं। दृश्य बड़ा रंगीन हो गया जिसे देख कर चुदवाने का जोश बढ़ने लगा। मैंने कहा मैं यहाँ किसी भोसड़ी वाले की बीवी नहीं हूँ, मुझे चोदो ? मैं एक रंडी हूँ मुझे चोदो , मैं छिनार हूँ, मुझे चोदो, मैं बेशरम हूँ निर्लज्ज हूँ, मुझे चोदो, लौड़ा पेल पेल के मुझे चोदो, दो तीन लोग मिल के मुझे चोदो, फाड़ डाली मेरी चूत, चीथड़े उड़ा मेरी बुर चोदी बुर के ? मेरी माँ चोद लो, मेरी बहन लो, मेरी भाभी की बुर ले लो, लेकिन पहले मुझे चोदो, खूब झमाझम चोदो। मैं अपनी गांड उठा उठा के चुदवा भी रही थी और यही सब बके भी जा रही थी। मुझे जब चुदवाने में मज़ा आता है तो मैं यही सब बोलती हूँ। जिसको न सुनना हो उसकी माँ का भोसड़ा ? उसकी बहन की बुर। मैं तो चुदवाऊंगी भी और बोलूंगी भी। मेरी कोई एक झांट भी नहीं उखाड़ सकता ?
इतने में साहिर ने लण्ड पीछे से मेरी चूत में घुसेड़ दिया . मैं डॉगी स्टाइल में चुदवाने लगी और सामने से बलबीर का लौड़ा चूसने भी लगी। मुझे देख कर सिमरन भी इसी तरह चुदवाने लगी। हम दोनों चुदाई का इतना मज़ा पहले कभी नहीं लिया। थोड़ी देर में मेरी चूत ढीली पड़ने लगी और सिमरन की भी। उधर ेल एक करके लण्ड भी झड़ने लगे। मुझे झड़ते हुए लण्ड पीने में बड़ा अच्छा लगता है। लण्ड पीने से सेहत अच्छी रहती है। चेहरे की चमक बनी रहती है और चूँचियाँ बड़ी बड़ी हो जातीं हैं। सिमरन भी लण्ड पीने में मुझसे कम नहीं है। मैं उसे अच्छी तरह जानती हूँ वह बुर चोदी चपर चपर करके पूरा लण्ड चाट जाती है।
दो दिन बाद संडे था। छुट्टी का दिन था। मैं घर पर ही थी। करीब ११ बजे किसी ने डोर बेल बजाई। मैं दरवाजा खोला तो सामने दो अनजान लोग खड़े थे। मैं उन्हें पहचानती नहीं थी। एक बोला निधि भाभी मैं सनी हूँ और यह मेरा दोस्त विक्रम है। हम लोग मिसेज महिमा थरेजा की पार्टी में थे। वहां मैंने आपको देखा था। मैं सच में आपसे वहीँ मिलना चाहता था लेकिन मैं मिल न सका इसलिए यहाँ मिलने आया हूँ। मैंने उसे अंदर बैठाया और ड्रिंक्स ऑफर कर दी। मैं बातें करने लगी।
- मैंने कहा तुम उस क्लब की बात कर रहे हो जिसमे सारी बीवियां पराये मर्दों से ,,,,,,,,,,,जातीं हैं ?
- वह बोला जी हां मैं उसी क्लब की बात कर रहा हूँ। मैं भी उस क्लब का मेंबर हूँ और मिसेज महिमा का इम्तिहान पास करके मेम्बर बना हूँ।
- अच्छा अच्छा तुम बीवियों की पराये मर्दों से सामूहिक चुदाई की बात कर रहे हो ?
- जी हां मेम, वही क्लब ,,,,,,,,,?
- तो तुम भी वहां लोगों की बीवियां चोद रहे थे ?
- जी भाभी मैं भी चोदने वालों में से था। ये मेरा दोस्त विक्रम भी वहीँ था। उसने मुझे अपनी फोटो भी दिखाई तो मुझे मानना पड़ा।
- मैं बोली तो फिर आज तुम मुझसे क्या चाहते हो ?
- अरे भाभी, उन सब बीवियों में मुझे आप सबसे ज्यादा खूबसूरत लगीं और सबसे अच्छी तरह चुदवाने वाली
- अच्छा तो कोई न कोई तेरा लण्ड पकड़ लेता था ? अरे वाह ! तेरा लण्ड इतना बड़ा और इतना बढ़िया है क्या ?
- भाभी जी, अब मैं अपनी चीज की तारीफ क्या करूं ? आप खुद देख लीजिये।
- अरे मेरे माँ के लौड़े सनी जी, ये लौड़ा आपकी चीज नहीं है। लौड़ा हम बीवियों की चीज है। हां यह है आपके पास ? पर इसका अधिकार हम बीवियों का है।
- सही बात यह है भाभी जी की उस दिन जब से आपका नंगा बदन देखा है तबसे मैं उसे छूने के लिए बहुत बेचैन हूँ। मुझे यह नहीं मालूम की आप क्लब के अगले प्रोग्राम में जायेंगीं की नहीं। लेकिन मैं तब तक इंतज़ार नहीं कर सकता ?
- अच्छा तूने तो मुझे नंगी देख लिया पर मैंने तुझे नंगा नहीं देखा और न ही तेरे दोस्त विक्रम को नंगा देखा। अब तुम लोग मेरे सामने नंगे हो कर दिखाओ तब मैं आगे बढ़ूंगी।
मैंने अपने दोनों हाथों में एक एक लण्ड लिया और वो दोनों मेरी एक एक चूँची चूसने और चाटने लगे। दोनों लण्ड बिना झांट के थे चिकने थे और मेरी भी चूत चिकनी थी। लण्ड भी खूबसूरत थे और चूत भी खूबसूरत ? मैं झुक कर दोनों लण्ड बारी बारी से चाटने लगी। लण्ड सुपाड़ा तो वाकई गज़ब का था। मेरी मस्ती बढ़ने लगी और उनके लण्ड बहन चोद मोटे होने लगे। फिर मैंने दोनों को अपने सामने खड़ा कर दिया और दोनों लण्ड बारी चूसने लगी। मैं अपने आप को ब्लू फिल्म की हीरोइन समझने लगी। थोड़ी देर बाद सनी ने मुझे पलंग पर लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ बैठा। लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया और एक धक्का मारा। लण्ड साला गचाक से अंदर घुस गया और वह मजे से चोदने लगा। सनी ने कहा भाभी मैं यह सब वहां आपके साथ नहीं कर पाया। आपकी चूत जैसी चूत बहुत कम बीवियों की होती है , मैं तो आपका गुलाम हो गया हूँ और मेरा लण्ड भी आपका गुलाम हो गया भाभी। मैं उधर सामने विक्रम का लण्ड मुंह में लिए चूस रही थी। उसका लण्ड मुझे बहुत बढ़िया लगा। थोड़ी देर में वह मुझे चोदने लगा और मैं सनी का लौड़ा चूसने लगी। लण्ड की अदला बदली हुई तो सबको मज़ा आने लगा और मैं उसे पूरी तरह एन्जॉय करने लगी। मैं मन ही मन सोंच रही थी की अगर मैंने पराये मर्दों से चुदवान न शुरू किया होता तो इतने बढ़िया बढ़िया लण्ड से चुदवाने का मौक़ा न मिला होता। अगर मैं एक ही लण्ड के सहारे रहती तो मुझे इतना मज़ा कहाँ मिल पाता ? मैं तो अभी और नये नये मर्दों से चुदवाऊंगी । मैं बुरी तरह वासना में डूबी हुई थी। मुझे हर बार चुदवाने मे एक नया मज़ा मिलता है तो मैं फिर क्यों न चुदवाऊँ ?
इस तरह दोनों मिलकर मुझे धकाधक चोदने लगे। मैं भी दोनों लण्ड का पूरा मज़ा लेने लगी। थोड़ी देर बाद मैं सनी के लण्ड पर सनी की तरफ पीठ करके बैठ गयी और लण्ड पर ही कूदने लगी। फिर विक्रम का लण्ड हाथ से हिलाने लगी। कुछ देर के बाद विक्रम बोला भाभी अब मेरे लण्ड पर बैठो। मैं उसके लण्ड पर बैठ लण्ड हिलाने लगी। सनी बोलै भाभी अब मैं निकलने वाला हूँ तो मैं उसके लण्ड का सड़का मारने लगी। लण्ड जब झड़ने लगा तो मैं उसका वीर्य पी गयी। उसके बाद विक्रम के लण्ड का सड़का मारा और लण्ड पिया।
फिर अचानक मेरे फोन पर एक मैसेज आया। मैंने देखा तो वह महिमा का था। उसमे लिखा था :-
"यार निधि मुझे सबसे अच्छी तुम्हारी चुदाई लगी।
कल शाम को एक बड़े होटल में कुछ विदेशी लण्ड चोदने का प्रोग्राम है।
मैं चाहती हूँ की तुम मेरे साथ चलो और लण्ड चोदो।
अगर चल सकती हो तो 'yes' लिखो नहीं तो 'no' लिख कर भेज दो"
मैंने 'yes' लिख कर भेज दिया।
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