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बुर चुदाने की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई - Chut chudai ki uttejna aur bhi jyada badh gayi
मैं जब अपने हॉस्टल से आयी तो दो दिन बाद ही अम्मी ने देखा की घर का माहौल कुछ बदला बदला सा है। घर में चहल पहल बढ़ गयी है। लोग आने जाने लगे हैं। बाते होने लगीं हैं। हंसी मजाक भी खूब होने लगी है और कहीं कहीं तो गन्दी गन्दी बातों के साथ प्यार से गाली गलौज भी सुनाई पड़ रही है। हंसी के ठहाके भी सुनाई पड़ रहें हैं। मेरी अम्मी जान यह सब देख कर खुश भी हुई और हैरान भी।
- वह बोली - ये क्या हो रहा है बेटी सरारा ? जब से तू हॉस्टल से आयी है तबसे ये लड़के बहुत ज्यादा आने जाने लगें हैं। पहले तो कोई नहीं आता था और अब तो इनकी लाइन लगी रहती है। गली मोहल्ले के लड़के आने लगे हैं। नाते रिश्तेदारों के लड़के आने लगे हैं। अभी कल ही तेरी खाला का लड़का आया था। आज सवेरे तेरी फूफी का बेटा भी आ गया और अब देखो तेरे मामू जान का लड़का तुम्हे ढूंढ रहा है। और तो और तेरे कॉलेज के कुछ लड़के भी आने लगे हैं। मुझे कुछ माज़रा समझ में नहीं आ रहा है बेटी ?
- मैंने कहा - अरे अम्मी यह तो सब मेरे कॉलेज में भी होता है। वहां भी लड़के मेरे आगे पीछे घूमते रहतें हैं।
- तू तो वहां हॉस्टल में रहती है ? तो फिर हॉस्टल में क्या करती है ?
- हॉस्टल में तो लण्ड पीती हूँ अम्मी लण्ड ? मेरे लिए कुछ भी नया नहीं है।
- पर बेटी मेरे लिए तो नया है। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है ? कहीं कोई ख़तरा तो नहीं है बेटी ?
- नहीं अम्मी, कोई ख़तरा नहीं है। दरसअल के सब लड़के मुझे अपना अपना लण्ड पकड़ाने के चक्कर में आतें हैं। मेरे आगे पीछे घूमते हैं। मुझसे बात करने के लिए बेताब रहतें हैं। उन्हें मालूम है की सरारा बड़ी आसानी से लड़कों के लण्ड पकड़ लेती है।
- हाय अल्ला, तू लड़कों के लण्ड पकड़ती है ? और इतने लड़कों के लण्ड ? पागल तो नहीं हो गयी है तू ?
- नहीं अम्मी, पागल तो ये भोसड़ी वाले लड़के हो गये हैं। ४/५ मिनट तक अपना लण्ड पकड़ाने के चक्कर में ये साले घंटों मेरे आगे पीछे घूमा करतें हैं।
- तू करती क्या है इनके लण्ड पकड़ कर , सरारा ?
- मैं लड़कों के लण्ड पीती हूँ, अम्मी। मुझे लण्ड पीना बहुत अच्छा लगता है। जबसे मैं लण्ड पी रही हूँ तबसे मेरे चेहरे पर चमक आ गयी है। मेरी चूचियां बहन चोद दूनी हो गयीं हैं। मेरी जाँघे मोटी मोटी हो गयीं हैं और मेरी गांड भी मोटी हो गई है। मेरी खूबसूरती में चार चाँद लग गये है, अम्मी जान। सबसे अच्छी बात यह है की जबसे मैं लण्ड पी रही हूँ तबसे मुझे कभी शर्दी ज़ुखाम बुखार तक नहीं हुआ। मैं एकदम भली चंगी हूँ।
- हां यह तो मैं देख ही रही हूँ। लेकिन तू तो गालियां भी देने लगी है, तुझे शर्म नहीं आती ?
- शर्म बुर चोदी को लेकर क्या चाटूँगी ? देखो अम्मी, अब मैं २१ साल की हो गयी हूँ। इस उम्र में लण्ड नहीं पकड़ूँगी तो कब पकड़ूँगी ? लण्ड नहीं पियूँगी तो क्या जवानी में भी दूध ही पीती रहूंगी। मेरे साथ २ और सहलियां भी है वो भी मेरी तरह लण्ड पीने में अव्वल हैं और गालियां देने में भी। एक दिन एक के घर गयी थी मैं। उसने तो मुझे अपने अब्बा का ही लण्ड पकड़ा दिया। मुझे लण्ड पकड़ कर खूब मज़ा आया और मैंने फिर उसके सामने उसके अब्बा का लण्ड पिया। ऐसे ही दूसरी सहेली के घर गयी। रात हो गई थी मुझे इसलिए मैं वापस नहीं आ सकी तो रुक गयी। रात में उसने अपने बॉय फ्रेंड का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में मेरे सामने पेला। मैं यह सब देख कर दंग रह गयी और फिर उसकी माँ ने अपने देवर का लण्ड मेरी सहेली की चूत में घुसेड़ दिया। वह बोली यार सरारा तू यह सब देख कर हैरान मत होना । ये मेरी अम्मी बुर चोदी मेरी अम्मी नहीं मेरी सहेली है। मैं अम्मी से बुरी तरह खुली हुई हूँ। वह भी जवान हैं और मैं भी। इसलिए आपस में मिलजुल कर चोदा चोदी करतीं हैं
- हाय दईया, सरारा तू तो बहन चोद बहुत बेशरम हो गयी है। तेरी माँ की चूत सरारा, तेरी माँ का भोसड़ा। मैं जब तेरी उम्र की थी तो लण्ड पीने का इतना खुला रिवाज़ नहीं था. अगर होता तो मैं भी पीने लगती। मैं जानती हूँ की जवानी में यह सब तो होता ही है। लेकिन मैं भी कोई बहुत पुराने ज़माने की नहीं हूँ। आज की बीवी हूँ और आज की माँ भी हूँ। अब तो मैं भी लण्ड पीती हूँ, मुझे तेरी फूफी की बेटी ने लण्ड पीना सिखा दिया ?
- हाय अम्मी जान, हां मैं बेशरम हो गयी हूँ. अब न तो तेरी बिटिया रुकने वाली है और न तेरी बिटिया की बुर। फूफी की बेटी अपनी माँ चुदवाने लगी है. ये तो और अच्छा हुआ अम्मी जान ? वह भी बड़ी बेशर्म हो गयी है। जो अपनी माँ चुदवायेगी वो तो बहुत बड़ी हरामजादी भी होगी और बेशरम भी होगी।
तब वह बोला सरारा अब मैं सच में खुल कर तुम्हे बताता हूँ। मैं अपनी भाभी के सामने नंगा हो जाता हूँ। वह बड़े प्यार से मेरा लण्ड पकड़तीं हैं और मुझसे चुदवाती भी हैं। एक दिन भाभी ने मेरे सामने असद का लण्ड पकड़ लिया। वह भी मूड में थी। उसके पकड़ते ही असद का लौड़ा खड़ा हो गया। फिर भाभी ने हम दोनों से एक साथ चुदवाया।
इस बात ने मेरी चूत में आग लगा दी। मैं सोंचने लगी की जब इसकी भाभी इन दोनों से चुदवाती है तो इनके लण्ड में दम जरूर होगी। यही सोंच कर मैं मुस्करा पड़ी और कहा तो फिर आने दोस्त असद को अंदर बुला लो। वह आ गया और मैंने उसे ललचाई आँखों से देखा। मैं उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगी। तभी अचानक मेरा हाथ अमन के लण्ड पर चला गया। मैंने उसके लण्ड पर हाथ मार कर कहा ये साला भोसड़ी का अंदर ही अंदर क्या कर रहा है ? फिर मैंने असद के लण्ड पर भी हाथ मार दिया। मुझे महसूस हुआ की उसका भी लण्ड खड़ा है। फिर मैं थड़ा बेशर्म हो गयी और अमन की कमीज उतार दी। उसके पैजामे का नाड़ा खोल डाला तो पैजामा नीचे गिर पड़ा और उसका लण्ड मेरे सामने तन कर खड़ा हो गया। मैंने उसे पकड़ा और बोली वाओ, बड़ा मोटा है बहन चोद तेरा लण्ड भाई जान ?
मैंने उसे प्यार से सहलाने लगी। फिर मैंने असद का पैजामा खोला तो वह भी नंगा हो गया और मैं उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। मेरे मुंह से निकला हाय रे इसका भी लौड़ा बड़ा जबरदस्त है मादर चोद। तभी तुम दोनों मिलकर मेरी भाभी की बुर चोदते हो। मुझे भी तुम लोगों के लण्ड पसंद आ गए हैं। मेरी बात सुनकर दोनों लण्ड साले और सख्त हो गए। अमन मेरे कपड़े उतारने लगा और मैंने भी मना नहीं किया। दोनों ने मुझे पूरी तरह नंगी कर दिया। मैं सोफा पर बैठ गयी और अपने दोनों हाथों से एक एक लण्ड पकड़ कर बारी बारी से चूमने चाटने लगी। वे दोनों मेरी एक एक चूंचीं मसलने लगे और मेरे निपल्स चाटने लगे। फिर मैंने दोनों को अपने सामने खड़ा कर दिया। मैंने एक हाथ से अमन का लण्ड पकड़ा और दूसरे हाथ से असद का लण्ड। मैं दोनों लण्ड चाटने चूसने लगी क्योंकि मुझे तो लण्ड पीने की आदत है। मैं जब भी कोई नया लण्ड पकड़ती हूँ तो उसका मुट्ठ मारती हूँ और मुठ्ठ मार कर लण्ड पीती हूँ।
मैं लण्ड चूस ही रही थी मुठ्ठ मार ही रही थी तभी अचानक मेरी खाला आ गयीं।
आते ही वह बोली - सरारा, तू बुर चोदी ये क्या कर रही है ? तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? तू यहाँ खुले आम लड़कों के लण्ड चूस रही है। अरे दरवाजा तो बंद कर लिया होता ? और फिर तू अकेले ही अकेले लण्ड चूस रही है। तेरी माँ की बिटिया की बुर ? यहाँ और भी हैं लण्ड पीने वाली लड़कियां हैं।
मैंने कहा - अरे खाला जान मैं जान लण्ड पीने निकली हूँ तो छुप छुप कर क्यों पियूं ? खुले आम क्यों न पियूं लण्ड ? मैं किसी भोसड़ी वाली से नहीं डरती ?
वह बोली - मैं डरने की बात नहीं कर रही हूँ। मैं तो कह रही हूँ की यहाँ और भी लण्ड पीने वाली अवतरें हैं। तू बहन चोद अकेली नहीं है। मैं भी लण्ड पीती हूँ। मेरी बेटी भी लण्ड पीती है। तुझे न तो मेरा ख्याल है और न मेरी बेटी का ?
मैंने कहा - खाला जान सच बात तो यह है की तुझे भी मेरा ख्याल नहीं है। कल रात को तूने फूफी जान के लड़के से भकाभक चुदवाया। वह मेरी उम्र का है। उसका लौड़ा मस्त जवान है और तूने उसका पूरा पूरा फायदा उठाया और न मुझे पूंछा और न किसी और को ?
वह बोली - हाय दईया, अगर तू मुझे चुदवाते हुए देख रही थी तो मेरे आपस आई क्यों नहीं ? अगर तू आ जाती तो मैं लण्ड तेरे मुंह में ठूंस देती। मैं तो चाहती हूँ की कोई मेरे साथ लण्ड पिये, लण्ड चूत में पेले और चुदवाये ? अब ला एक लण्ड मुझे दे मैं भी तेरे साथ पियूँगी लण्ड।
मैंने असद का लौड़ा खाला को पकड़ा दिया। फिर खाला ने मेरे साथ लण्ड अदल बदल कर खूब मजे से चुदवाया। मेरा यह पहला मौक़ा था जब मैंने खाला की चूत में लण्ड पेला और उसने मेरी चूत में। मुझ सच में बड़ा मज़ा आया। मैं तो लड़कों के लण्ड पीती हूँ और कभी कभी कुछ लड़कों से चुदवा भी लेती हूँ। कुछ भी हो मैं जवानी का पूरा मज़ा लेती हूँ बाकी मैं किसी भी चीज की परवाह नहीं करती।
एक दिन मैं सोंचने लगी की क्यों न कुछ लड़कों को बुलाकर यहाँ एक लण्ड पार्टी की जाये। जिसमे अम्मी जान भी हो, खाला जान, फूफी जान भी हो और इनकी बेट्याँ भी हों। एक बात तो है यहाँ कोई ऐसी नहीं है जो ग़ैर मर्दों के लण्ड नहीं पकड़ती ? ग़ैर मर्दों से नहीं चुदवाती ? अगर ऐसा है तो फिर सबको नये नए लण्ड का मज़ा क्यों न दिया जाए ? मेरे मन में यही सब चल रहा था तभी मेरी फूफी की बेटी रफ़ा आ गयी जिसने मेरी अम्मी को लण्ड पीना सिखाया। रफ़ा से मेरी अम्मी ने किसका लण्ड पीकर लण्ड पीना सीखा यह तो पता लगाने की बात है। मैं उससे बातें करने लगी।
फिर क्या हम तीनो अपने अपने काम में लग गयीं।
अगले दिन लोग इकठ्ठा होने शुरू हो गये। अम्मी फ़िरोज़ा अब्बू खालिद, खाला ज़ाहिरा खालू मुराद, फूफी शबाना फूफा नियाज़, मैं सरारा मेरा शौहर हमीद, खाला की बेटी रफ़ा उसका शौहर हैदर, फूफी की बेटी निदा उसका शौहर अंजुम। यानी ६ बीवियां और ६ मियां।
अभी तक कोई भी बाहर का लण्ड नहीं आया तो सबकी निगाहें वहीँ लगीं थी। सब देखना चाहती थी की बाहर के लण्ड कैसे होंगें और लण्ड वाले कैसे होंगें ? बस थोड़ी देर में एक एक करके लड़के आने शुरू हो गए। पहला लड़का आया तो मैंने सबको बताया की यह राका है। दूसरा आया तो बताया की यह जॉन है। उसके बाद और भी आते गए और मैं बताती चली गयी। शेख, कोकी, पीटर, और रॉबर्ट। ये सब नॉन मुस्लिम लड़के हैं। इनमे कोई हिन्दू है तो कोई क्रिश्चियन। इनके लण्ड कटे नहीं हैं, समूचे हैं। अभी तक हम सबने कटे लण्ड ही देखें हैं आज मौक़ा है जब आप सब समूचे लण्ड देखेंगीं। मेरी बात सुन कर सब बीवियां खुश हो गयीं। ड्रिंक्स चालू हो गयी और सब उसका लुत्फ़ उठाने लगे।
इसी बीच मैंने कहा - आज का प्रोग्राम लण्ड पीने का और लण्ड चोदने का है। यहाँ पर सभी बीवियां हैं और उनके मियां हैं। यह मियों और बीवियों की पार्टी है। याहं न कोई माँ है और न कोई बेटी। न कोई बेटी और न कोई बाप ? वहां केवल हैं मियांऔर मियों के लण्ड, बीवियां और बीवियों की चूत बस ? वैसे भी यहाँ के भोसड़ी के मरद अपनी बीवी नहीं चोदते है दूसरे की चोदते हैं। आज यहाँ कोई भी अपनी बीवी नहीं चोदेगा दूसरे की बीवी चोदेगा और सबकी बीवी चोदेगा। इसी तरह कोई भी बुर चोदी बीवी अपने मरद से नहीं चुदवायेगी। सब ग़ैर मरद से चुदवावेंगीं और सबके मरद से चुदवायेंगीं।
सबसे पहले निदा उठी और अपने सारे कपड़े एक एक करके उतार दिया। वह दो पैग शराब एक ही झटके में पी गयी थी। वह आगे बढ़ी और मेरे अब्बू के लण्ड पर धावा बोल दिया। उसे नंगा किया और लण्ड बड़े प्यार से पकड़ कर चूमने चाटने लगी। उसे देख कर सबका जोश बढ़ गया। फिर रफ़ा उठी और निदा के अब्बू का लण्ड पकड़ लिया। लण्ड तो साला पहले से ही खड़ा था। उसने झुक कर लण्ड चूमा और फिर सुपाड़ा सुपाड़ा चाटने लगी। फिर मैंने भी हाथ बढ़ाकर रफ़ा के अब्बू का लण्ड धर दबोचा और उसे प्यार से हिला हिलाकर चूमने लगी। हम तीनो एक दूसरे के अब्बू का लण्ड चूसने लगीं। एक दूसरे की अममी के मियां का लण्ड चूसने लगीं। उधर मेरी अम्मी ने निदा के मियां का लण्ड पकड़ लिया। खाला ने फूफी की बेटी रफा के मियां का लण्ड पकड़ लिया और फूफी ने मेरे मियां हमीद का लण्ड अपने कब्जे में किया। इन तीनो के बदन पर भी कोई कपड़ा नहीं था। सब की सब लण्ड ऐसे चूसने लगीं जैसे की उन्हें पहली बार कोई लण्ड मिला है चूसने को। इस तरह बेटियों के पकड़ा बड़े लोगों के लण्ड और अम्मियों के पकड़े मस्त जवान लड़कों के लण्ड जिससे माहौल में उत्तेजना और फ़ैल गयी। सबको अपने अपने हाथ का लौड़ा अच्छा लगने लगा और सब की सब बीवियां पराये मरद का लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगीं। सुपाड़ा चाटने लगी और पेल्हड़ चूमने लगीं। तभी मैंने बाहर से ए हुए लड़कों को बुला लिया। उनको इशारा तो वो अपने अपने कपड़े उतार कर एकदम नंगे हो गये। इधर सब नंगी बीवियों को देख कर और उन्हें लण्ड चाटती हुई देख कर लड़कों के लण्ड टन्ना गयेऔर आसमान ताकने लगे। मैंने इशारा किया तो रॉबर्ट ने अपना लण्ड फूफी के कंधे पर रख दिया। उसने मुड़ कर देखा तो बोली हाय दईया एक और लण्ड मेरे लिए ! उसने लण्ड दूसरे हाथ से पकड़ा और उसका टोपा चाटने लगी, तभी खाला के सामने भी पीटर का लौड़ा पहुँच गया। उसने लण्ड पकड़ा और बोली हाय सरारा तू वाकई बहुत बड़ी बुर चोदी है। तूने मुझे एक और लण्ड पकड़ा कर मेरा दिल जीत लिया है। तब अम्मी के सामने भी कोकी का लण्ड दहाड़ने लगा। अम्मी ने उस पर एक थप्पड़ मारा और चूमने लगीं लण्ड।
जॉन ने अपने लण्ड निदा की चूँचियों पर फिराना शुरू कर दिया। शेखर रफ़ा के पूरे नंगे बदन पर अपना लण्ड फिराने लगा। मेरे समें राका अपना लण्ड खड़ा किये हुए आ गया। मैंने उसे प्यार से दूसरे हाथ से पकड़ा और मस्ती से चाटने लगी। हम सबके पास दो दो लण्ड हो गये और हम सब बारी बारी से दोनों लण्ड चाटने चूसने लगीं।
तब मैंने देखा की निदा तो मजे से जॉन के लण्ड का सड़का मार रही है। फिर मैंने रफ़ा को देखा वह भी खालू का लण्ड तो मुंह में डाले हुए दूसरे हाथ से शेखर के लण्ड का सड़का मार रही है। फिर क्या मैं भी राका के लण्ड का सड़का मारने लगी। इतने में निदा बोली ये मेरे लिए नया लण्ड है इसलिए मैं पहले मुठ्ठ मार कर लण्ड पियूँगी और फिर दूसरी पारी में चुदवाऊंगी। फिर हम सब लण्ड मुठ्ठ मार कर पीने लगीं. मैंने देखा की उधर खाला, फूफी और अम्मी भी नये का मुठ्ठ मार रहीं हैं। हम सबने मुठ्ठ मार कर लण्ड पिया तो बुर चुदाने की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गयी।
खाला बोली - सरारा तू भोसड़ी की बहुत बड़ी मादर चोद हो गयी है। तूने आज बहुत बढ़िया प्रोग्राम बनाया। तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ?
फूफी ने कहा - सारा तेरी "लण्ड पार्टी" ज़िंदाबाद ! तेरी माँ की नन्द की बुर, बहन चोद ? आज तो ज़न्नत का मज़ा आ रहा है।
अम्मी ने कहा - बेटी तेरी माँ की बिटिया की बुर, तेरी खाला की बहन का भोसड़ा ? तेरी माँ की नन्द की बुर आज की जैस चुदाई की पार्टी मेरी ज़िन्दगी में पहले कभी हुई ही नहीं। आज तो मैं सबकी बुर में लौड़ा पेलूँगी।
निदा बोली - आज तो मैं तेरी माँ चोदूँगी, सरारा।
रफ़ा बोली - तो फिर, मैं तेरी माँ चोदूँगी निदा ? इस तरह की गाली गलौज करते हुए सब पराये मरद से चुदवाने लगी और एक दूसरे की चूत में लण्ड घुसाने लगीं।
तो दोस्तों, आज की यह "लण्ड पार्टी" सबके लिए यादगार बन गयी।
मैंने उसे प्यार से सहलाने लगी। फिर मैंने असद का पैजामा खोला तो वह भी नंगा हो गया और मैं उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। मेरे मुंह से निकला हाय रे इसका भी लौड़ा बड़ा जबरदस्त है मादर चोद। तभी तुम दोनों मिलकर मेरी भाभी की बुर चोदते हो। मुझे भी तुम लोगों के लण्ड पसंद आ गए हैं। मेरी बात सुनकर दोनों लण्ड साले और सख्त हो गए। अमन मेरे कपड़े उतारने लगा और मैंने भी मना नहीं किया। दोनों ने मुझे पूरी तरह नंगी कर दिया। मैं सोफा पर बैठ गयी और अपने दोनों हाथों से एक एक लण्ड पकड़ कर बारी बारी से चूमने चाटने लगी। वे दोनों मेरी एक एक चूंचीं मसलने लगे और मेरे निपल्स चाटने लगे। फिर मैंने दोनों को अपने सामने खड़ा कर दिया। मैंने एक हाथ से अमन का लण्ड पकड़ा और दूसरे हाथ से असद का लण्ड। मैं दोनों लण्ड चाटने चूसने लगी क्योंकि मुझे तो लण्ड पीने की आदत है। मैं जब भी कोई नया लण्ड पकड़ती हूँ तो उसका मुट्ठ मारती हूँ और मुठ्ठ मार कर लण्ड पीती हूँ।
मैं लण्ड चूस ही रही थी मुठ्ठ मार ही रही थी तभी अचानक मेरी खाला आ गयीं।
आते ही वह बोली - सरारा, तू बुर चोदी ये क्या कर रही है ? तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? तू यहाँ खुले आम लड़कों के लण्ड चूस रही है। अरे दरवाजा तो बंद कर लिया होता ? और फिर तू अकेले ही अकेले लण्ड चूस रही है। तेरी माँ की बिटिया की बुर ? यहाँ और भी हैं लण्ड पीने वाली लड़कियां हैं।
मैंने कहा - अरे खाला जान मैं जान लण्ड पीने निकली हूँ तो छुप छुप कर क्यों पियूं ? खुले आम क्यों न पियूं लण्ड ? मैं किसी भोसड़ी वाली से नहीं डरती ?
वह बोली - मैं डरने की बात नहीं कर रही हूँ। मैं तो कह रही हूँ की यहाँ और भी लण्ड पीने वाली अवतरें हैं। तू बहन चोद अकेली नहीं है। मैं भी लण्ड पीती हूँ। मेरी बेटी भी लण्ड पीती है। तुझे न तो मेरा ख्याल है और न मेरी बेटी का ?
मैंने कहा - खाला जान सच बात तो यह है की तुझे भी मेरा ख्याल नहीं है। कल रात को तूने फूफी जान के लड़के से भकाभक चुदवाया। वह मेरी उम्र का है। उसका लौड़ा मस्त जवान है और तूने उसका पूरा पूरा फायदा उठाया और न मुझे पूंछा और न किसी और को ?
वह बोली - हाय दईया, अगर तू मुझे चुदवाते हुए देख रही थी तो मेरे आपस आई क्यों नहीं ? अगर तू आ जाती तो मैं लण्ड तेरे मुंह में ठूंस देती। मैं तो चाहती हूँ की कोई मेरे साथ लण्ड पिये, लण्ड चूत में पेले और चुदवाये ? अब ला एक लण्ड मुझे दे मैं भी तेरे साथ पियूँगी लण्ड।
मैंने असद का लौड़ा खाला को पकड़ा दिया। फिर खाला ने मेरे साथ लण्ड अदल बदल कर खूब मजे से चुदवाया। मेरा यह पहला मौक़ा था जब मैंने खाला की चूत में लण्ड पेला और उसने मेरी चूत में। मुझ सच में बड़ा मज़ा आया। मैं तो लड़कों के लण्ड पीती हूँ और कभी कभी कुछ लड़कों से चुदवा भी लेती हूँ। कुछ भी हो मैं जवानी का पूरा मज़ा लेती हूँ बाकी मैं किसी भी चीज की परवाह नहीं करती।
एक दिन मैं सोंचने लगी की क्यों न कुछ लड़कों को बुलाकर यहाँ एक लण्ड पार्टी की जाये। जिसमे अम्मी जान भी हो, खाला जान, फूफी जान भी हो और इनकी बेट्याँ भी हों। एक बात तो है यहाँ कोई ऐसी नहीं है जो ग़ैर मर्दों के लण्ड नहीं पकड़ती ? ग़ैर मर्दों से नहीं चुदवाती ? अगर ऐसा है तो फिर सबको नये नए लण्ड का मज़ा क्यों न दिया जाए ? मेरे मन में यही सब चल रहा था तभी मेरी फूफी की बेटी रफ़ा आ गयी जिसने मेरी अम्मी को लण्ड पीना सिखाया। रफ़ा से मेरी अम्मी ने किसका लण्ड पीकर लण्ड पीना सीखा यह तो पता लगाने की बात है। मैं उससे बातें करने लगी।
- मैंने कहा - रफ़ा तू तो बहन चोद बहुत बड़ी बुर चोदी निकली ?
- वह बोली - क्या मतलब ? वैसे तो मैं बुर चोदी हूँ पर बहुत बड़ी बुरचोदी तो नहीं हूँ।
- तूने मेरी अम्मी जान को लण्ड पीना सीखा दिया ?
- वह बड़ी जोर से हंसी और बोली हाय दईया तुम फ़िरोज़ा मामी की बात कर रही हो। यह बात जरूर है की मैंने तेरी अम्मी को लण्ड पीना सिखाया पर असली बात यह हैं की अब वह मुझसे भी ज्यादा अच्छी तरह लण्ड पीती हैं। उसके मुकाबले तो कोई भी लण्ड पीने वाली लड़की नहीं हैं. लण्ड पीने में तेरी अम्मी जान अव्वल हो गयीं हैं, सरारा ।
- तेरी माँ की चूत, रफ़ा ? इसका मतलब तेरी अम्मी भी लण्ड पीती होंगी।
- हां हां बिलकुल पीती हैं मेरे सामने लण्ड पीती है मेरी अम्मी। इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है यार , मेरी अम्मी तो मेरे शौहर का भी लण्ड पीती हैं.
- वाओ, इसका मतलब तेरा मियां तेरी माँ का भोसड़ा भी चोदता होगा।
- हां हां चोदता है मेरे सामने चोदता है। वह तो तेरी माँ का भी भोसड़ा चोदता है। देखो रात में सब बीवियां बुर चोदी रंडी बन जातीं हैं। मैं भी रंडी बन जाती हूँ और सबसे चुदवाती हूँ। मेरी अम्मी भी रंडी बन जातीं है और सबसे चुदवाती हैं और तेरी अम्मी भी ? वो कहतीं है की औरत का हक़ है सबके लण्ड पीना और सबसे चुदवाना।
- यार तूने यह बात सच कही , मैं इसीलिए एक पार्टी रखना चाहती हूँ। इसका नाम होगा "लण्ड पार्टी"। इसमें चारों तरफ लण्ड ही लण्ड होंगें। कई सारे लड़के बुलाये जायेंगें और फिर हम सब लोग घूम घूम कर सबके लण्ड पियेगीं और जम कर एन्जॉय करेगीं।
- वाओ, यार तब तो मज़ा ही आ जायेगा। मैं तैयार हूँ। मैं सबके लण्ड पियूँगी, मेरी माँ भी सबके लण्ड पीयेगी और तेरी माँ भी सबके लण्ड पीयेगी बाकी तुम देख लेना।
- लेकिन यह बताओ सरारा लण्ड कहाँ से आयेगें ? और कितने लण्ड आयेंगें ?
- लण्ड तो घर के भी होंगें और बाहर के भी।
- हां यार बात तेरी सही है. कुनबे के लण्ड और घर के लण्ड हम सभी पहचानती हैं। कुछ अनजाने लण्ड भी होंगें तो बड़ा मज़ा आएगा। २/३ अनजाने लण्ड मैं भी ला सकती हूँ।
- तू उन्हें ले आ बाकी लण्ड का इंतज़ाम मैं कर लेती हूँ। और "लण्ड पार्टी" कल ही रख लेती हूँ। तुम यह बात घर की सभी बहू, बेटियों और अम्मियों को बता दो की वो सब लण्ड तैयार हो जायें। हां एक बात याद रखना की यहाँ के मर्दों को इस पार्टी से दूर रखा जायेगा।
फिर क्या हम तीनो अपने अपने काम में लग गयीं।
अगले दिन लोग इकठ्ठा होने शुरू हो गये। अम्मी फ़िरोज़ा अब्बू खालिद, खाला ज़ाहिरा खालू मुराद, फूफी शबाना फूफा नियाज़, मैं सरारा मेरा शौहर हमीद, खाला की बेटी रफ़ा उसका शौहर हैदर, फूफी की बेटी निदा उसका शौहर अंजुम। यानी ६ बीवियां और ६ मियां।
अभी तक कोई भी बाहर का लण्ड नहीं आया तो सबकी निगाहें वहीँ लगीं थी। सब देखना चाहती थी की बाहर के लण्ड कैसे होंगें और लण्ड वाले कैसे होंगें ? बस थोड़ी देर में एक एक करके लड़के आने शुरू हो गए। पहला लड़का आया तो मैंने सबको बताया की यह राका है। दूसरा आया तो बताया की यह जॉन है। उसके बाद और भी आते गए और मैं बताती चली गयी। शेख, कोकी, पीटर, और रॉबर्ट। ये सब नॉन मुस्लिम लड़के हैं। इनमे कोई हिन्दू है तो कोई क्रिश्चियन। इनके लण्ड कटे नहीं हैं, समूचे हैं। अभी तक हम सबने कटे लण्ड ही देखें हैं आज मौक़ा है जब आप सब समूचे लण्ड देखेंगीं। मेरी बात सुन कर सब बीवियां खुश हो गयीं। ड्रिंक्स चालू हो गयी और सब उसका लुत्फ़ उठाने लगे।
इसी बीच मैंने कहा - आज का प्रोग्राम लण्ड पीने का और लण्ड चोदने का है। यहाँ पर सभी बीवियां हैं और उनके मियां हैं। यह मियों और बीवियों की पार्टी है। याहं न कोई माँ है और न कोई बेटी। न कोई बेटी और न कोई बाप ? वहां केवल हैं मियांऔर मियों के लण्ड, बीवियां और बीवियों की चूत बस ? वैसे भी यहाँ के भोसड़ी के मरद अपनी बीवी नहीं चोदते है दूसरे की चोदते हैं। आज यहाँ कोई भी अपनी बीवी नहीं चोदेगा दूसरे की बीवी चोदेगा और सबकी बीवी चोदेगा। इसी तरह कोई भी बुर चोदी बीवी अपने मरद से नहीं चुदवायेगी। सब ग़ैर मरद से चुदवावेंगीं और सबके मरद से चुदवायेंगीं।
सबसे पहले निदा उठी और अपने सारे कपड़े एक एक करके उतार दिया। वह दो पैग शराब एक ही झटके में पी गयी थी। वह आगे बढ़ी और मेरे अब्बू के लण्ड पर धावा बोल दिया। उसे नंगा किया और लण्ड बड़े प्यार से पकड़ कर चूमने चाटने लगी। उसे देख कर सबका जोश बढ़ गया। फिर रफ़ा उठी और निदा के अब्बू का लण्ड पकड़ लिया। लण्ड तो साला पहले से ही खड़ा था। उसने झुक कर लण्ड चूमा और फिर सुपाड़ा सुपाड़ा चाटने लगी। फिर मैंने भी हाथ बढ़ाकर रफ़ा के अब्बू का लण्ड धर दबोचा और उसे प्यार से हिला हिलाकर चूमने लगी। हम तीनो एक दूसरे के अब्बू का लण्ड चूसने लगीं। एक दूसरे की अममी के मियां का लण्ड चूसने लगीं। उधर मेरी अम्मी ने निदा के मियां का लण्ड पकड़ लिया। खाला ने फूफी की बेटी रफा के मियां का लण्ड पकड़ लिया और फूफी ने मेरे मियां हमीद का लण्ड अपने कब्जे में किया। इन तीनो के बदन पर भी कोई कपड़ा नहीं था। सब की सब लण्ड ऐसे चूसने लगीं जैसे की उन्हें पहली बार कोई लण्ड मिला है चूसने को। इस तरह बेटियों के पकड़ा बड़े लोगों के लण्ड और अम्मियों के पकड़े मस्त जवान लड़कों के लण्ड जिससे माहौल में उत्तेजना और फ़ैल गयी। सबको अपने अपने हाथ का लौड़ा अच्छा लगने लगा और सब की सब बीवियां पराये मरद का लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगीं। सुपाड़ा चाटने लगी और पेल्हड़ चूमने लगीं। तभी मैंने बाहर से ए हुए लड़कों को बुला लिया। उनको इशारा तो वो अपने अपने कपड़े उतार कर एकदम नंगे हो गये। इधर सब नंगी बीवियों को देख कर और उन्हें लण्ड चाटती हुई देख कर लड़कों के लण्ड टन्ना गयेऔर आसमान ताकने लगे। मैंने इशारा किया तो रॉबर्ट ने अपना लण्ड फूफी के कंधे पर रख दिया। उसने मुड़ कर देखा तो बोली हाय दईया एक और लण्ड मेरे लिए ! उसने लण्ड दूसरे हाथ से पकड़ा और उसका टोपा चाटने लगी, तभी खाला के सामने भी पीटर का लौड़ा पहुँच गया। उसने लण्ड पकड़ा और बोली हाय सरारा तू वाकई बहुत बड़ी बुर चोदी है। तूने मुझे एक और लण्ड पकड़ा कर मेरा दिल जीत लिया है। तब अम्मी के सामने भी कोकी का लण्ड दहाड़ने लगा। अम्मी ने उस पर एक थप्पड़ मारा और चूमने लगीं लण्ड।
जॉन ने अपने लण्ड निदा की चूँचियों पर फिराना शुरू कर दिया। शेखर रफ़ा के पूरे नंगे बदन पर अपना लण्ड फिराने लगा। मेरे समें राका अपना लण्ड खड़ा किये हुए आ गया। मैंने उसे प्यार से दूसरे हाथ से पकड़ा और मस्ती से चाटने लगी। हम सबके पास दो दो लण्ड हो गये और हम सब बारी बारी से दोनों लण्ड चाटने चूसने लगीं।
तब मैंने देखा की निदा तो मजे से जॉन के लण्ड का सड़का मार रही है। फिर मैंने रफ़ा को देखा वह भी खालू का लण्ड तो मुंह में डाले हुए दूसरे हाथ से शेखर के लण्ड का सड़का मार रही है। फिर क्या मैं भी राका के लण्ड का सड़का मारने लगी। इतने में निदा बोली ये मेरे लिए नया लण्ड है इसलिए मैं पहले मुठ्ठ मार कर लण्ड पियूँगी और फिर दूसरी पारी में चुदवाऊंगी। फिर हम सब लण्ड मुठ्ठ मार कर पीने लगीं. मैंने देखा की उधर खाला, फूफी और अम्मी भी नये का मुठ्ठ मार रहीं हैं। हम सबने मुठ्ठ मार कर लण्ड पिया तो बुर चुदाने की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गयी।
खाला बोली - सरारा तू भोसड़ी की बहुत बड़ी मादर चोद हो गयी है। तूने आज बहुत बढ़िया प्रोग्राम बनाया। तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ?
फूफी ने कहा - सारा तेरी "लण्ड पार्टी" ज़िंदाबाद ! तेरी माँ की नन्द की बुर, बहन चोद ? आज तो ज़न्नत का मज़ा आ रहा है।
अम्मी ने कहा - बेटी तेरी माँ की बिटिया की बुर, तेरी खाला की बहन का भोसड़ा ? तेरी माँ की नन्द की बुर आज की जैस चुदाई की पार्टी मेरी ज़िन्दगी में पहले कभी हुई ही नहीं। आज तो मैं सबकी बुर में लौड़ा पेलूँगी।
निदा बोली - आज तो मैं तेरी माँ चोदूँगी, सरारा।
रफ़ा बोली - तो फिर, मैं तेरी माँ चोदूँगी निदा ? इस तरह की गाली गलौज करते हुए सब पराये मरद से चुदवाने लगी और एक दूसरे की चूत में लण्ड घुसाने लगीं।
तो दोस्तों, आज की यह "लण्ड पार्टी" सबके लिए यादगार बन गयी।
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