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इधर भी चुदाओ उधर भी चुदाओ सब जगह चुदाई - Idhar bhi chudaao udhar bhi chudaao
उस समय गर्मी के दिन थे। घर के सबसे बड़े कमरे में गद्दे बिछे उठे हुए थे। सफ़ेद चादरे भी बिछी हुई थीं। गिरदे पड़े हुए थे और बड़ी बड़ी तकियाँ लगीं हुई थीं। उसी में मेरी सास अपने सारे कपड़े उतार कर टाँगे फैलाये हुए लेटी हुई थी। उसका मस्ताना भोसड़ा सबको दिख रहा था। उसके पास मेरी नन्द भी बुर चोदी अपने कपड़े खोल कर एकदम नंगी नंगी लेटी हुई थी। उसकी सेक्सी चूत का दीदार सबको हो रहा था। उसकी खुली हुई चूँचियाँ हिल रहीं थीं जिसे देख कर सबको मज़ा आ रहा था। इसी बीच मैंने भी अपने कपड़े उतार पर सबके साथ लेटी हुई थी।
सच यह है की अभी थोड़ी देर पहले मेरी भाभी का भाई जान आया हुआ था। मैं उससे बातें कररही थी तभी मेरी सास आ गयीं। वह भी उससे बातें करने लगीं। तब तक मैं चाय बनाने चली गयी और जब वापस आई तो देखा की सासू ही उसके पैजामे में हाथ घुसेड़ कर उसका लौड़ा सहला रहीं हैं। मैंने पूंछा अरे सासू जी यह क्या कर ही हो ? वह बोली बहू रानी, मेरा मन तो अचानक तेरी भाभी के भाई जान का लौड़ा देखने का हो गया। इस २३ साले के लड़के का लण्ड तो बिलकुल नया ताज़ा होगा ? बस इसी ख़याल ने मेरा हाथ उसके पैजामें में घुसेड़ दिया। अब मैं लण्ड अंदर अंदर ही हिला रही हूँ और मज़ा ले रही हूँ क्योंकि लण्ड एकदम तन कर खड़ा हुआ है। तभी मेरी नन्द एक अधेड़ आदमी का लण्ड पकडे हुए कमरे में आ गयी और खुद नंगी नंगी लेट कर उसका लण्ड चाटने लगी। फिर मुझे यह मालूम हुआ की मेरी नन्द अपने खालू का लण्ड चाट रही है। इसी बीच मेरे हाथ में मेरी नन्द के देवर का लण्ड आ गया। मैं भी नंगी नंगी उसका लण्ड बड़ी बेशर्मी से चाटने लगी।
इधर माईके वालों से चुदवाओ - उधर ससुराल वालों से चुदवाओ
मेरी सास का नाम फरहा बेगम है। वह ४५ साल की हैं। बड़ी मस्त हैं खूब हंसी मजाक करतीं हैं और अपनी बेटी बहू से पूरी तरह खुलीं हुई हैं। मेरी नन्द रजिया भी उसी के नक्शों कदम पर चल रही है। वह २४ साल की है और शादी शुदा है। खुल्लम खुल्ला बात करती है और खुल कर बहुत ही गन्दी गन्दी बातें करती है। उसे न अपनी अम्मी की परवाह है और न अब्बू की। वह उनके सामने खूब खोल कर अश्लील बातें करती है और गालियां भी देती है। उसकी बेशर्मी कभी कभी हम सबको सच में मस्त कर देती है। इन दोनों के बीच मैं भी मादर चोद बड़ी बेशर्म और बेहाया हो चुकी हूँ. मेरा नाम सबीरा है और मैं २५ साल की हूँ। इस घर की बहू हूँ और लण्ड की उतनी ही शौक़ीन हूँ जितनी मेरी नन्द और सास ? मेरी नज़र सबके लण्ड पर पड़ी तो मैं मस्त हो गयी।
इतने में सास ने कहा - बहू, रानी तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा, बहन चोद, तूने मभी मुझे बताया नहीं की तेरी भाभी के भाई का लण्ड इतना बड़ा है ? इतनी छोटी उम्र में इतना बड़ा लण्ड पाकर मेरा तो भोसड़ा साला गद गद हो गया है। ये तो आज तेरी माँ का भोसड़ा खूब धकाधक चोदेगा।
मैंने कहा - सासू जी तेरी बिटिया की बुर, बहन चोद ? उस भोसड़ी वाली ने भी कभी मुझे बताया नहीं की उसके देवर का लण्ड इतना मोटा और सख्त है। ये तो बड़ी बड़ी औरतों की बुर का भरता बना देगा, सासू जी ?
मेरी नन्द बोली - हाय अम्मी जान, तेरी बेटी की माँ की चूत ? तूने भी कभी मुझे अपने बहनोई का लौड़ा नहीं पकड़ाया ? देखो न साला मेरी बुर चोदने के लिए कैसे अपना फन उठा कर खड़ा है इसका लण्ड ?
हम तीनो यही सब बोल बोल कर लण्ड बड़ी मस्ती से चाट्ने चूसने लगीं। मेरा हाथ अचानक सास के भोसड़ा तक पहुँच गया और उसे सहलाने लगी। एक हाथ में लण्ड दूसरे हाथ में सास का भोसड़ा देख कर सास बोली हाय बहू रानी लगता है तू पहले अपनी सास का भोसड़ा चोदेगी। मैंने कहा हां इरादा तो कुछ ऐसा ही है। फिर मैंने नन्द के देवर कबीर का लण्ड सास के भोसड़ा में घुसा दिया। मैंने कह ले बुर चोदी सास अपनी बेटी के देवर का लण्ड संभाल। अब ये चोदेगा तेरी बुर ? सास बोली बहू तू तो बहुत ज्यादा बेशरम निकली। पहले बार में ही अपनी सास का भोसड़ा चुदवाने लगी। मैंने कहा सास का भोसड़ा चुदेगा तभी तो चुदेगी उसकी बिटिया की बुर और बहो की चूत। सासू तो बड़े मजे से अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। चुदवाते हुए उसने पूंछा बेटा कबीर तुम अपनी भाभी की बुर लेते हो न ? यानी मेरी बेटी की बुर चोदते हो न ? उसने कहा हां आंटी जी मैंने तो भाभी की बुर उसकी सुहागरात के दूसरे ही दिन ले ली थी। सच बात तो यह है की भाभी ने ही मेरा लण्ड पकड़ लिया था फिर मैं कहा बिना चोदे जाने वाला था ?
सास ने बेटा तेरी भाभी की चूत तेरी भाभी की माँ की चूत, दोनों ही तेरे लण्ड के लिए हैं। तूने अपनी भाभी की बुर चोदी है अब उसकी माँ की बुर चोदो। इस तरह सास का भोसड़ा धकाधक चुदने लगा। तब तक नन्द ने अपने खालू का लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और बोली खालू लो अब तुम अपनी बहू की बुर चोदो। अभी तक तूने अपनी बेटी की बुर चोदी है अब तुम अपनी बहू की बुर चोदो।
मैंने कहा भोसड़ी के खालू ससुर तुम अपनी ही बिटिया की बुर लेते हो। तुम्हे कोई शर्म नहीं आती ? वह बोला जब उसको मेरा लण्ड पकड़ने में कोई शर्म नहीं आती तो मुझे चोदने में शर्म क्यों आये ? मैं तो उन सभी बेटियों की और बहुओं की बुर लेता हूँ जो मेरा लण्ड पकड़ लेतीं हैं। और किसी का भी लण्ड पकड़ने की छूट इन बहू बेटियों को होती है। वो अपनी चूत की आग बुझाने के लिए किसी का भी लण्ड पकड़ सकतीं हैं। मैं इसी बात का फायदा उठाता हूँ और खूब जम कर चोदता हूँ।
ऐसा बोल कर खालू मादर चोद मेरी बुर चोदने लगा। इतने में सास ने मेरी भाभी के भाई जान सफी का लण्ड नन्द की बुर में घुसेड़ दिया। वह बोली बेटी तू भोसड़ी की अपनी माँ चुदवा रही है, अपनी भाभी की बुर में लण्ड पेल रही है तो अब मैं तेरी बुर में लण्ड पेलूँगी। सफी का लण्ड पूरा का पूरा नन्द की बुर में घुस गया। अब सास ही अपनी बिटिया की बुर मेरे सामने चुदवाये और नन्द भी मेरे सामने अपनी माँ की चूत चुदवाये इससे बढ़िया बात और क्या हो सकती है मेरे लिया। मैं उन दोनों की चुदाई बड़े मन से देखने लगी और वो दोनों मेरी चुदाई बड़ी मस्ती से देखने लगी। चुदाई की आवाज़ें बढ़ने लगीं, मज़ा सबको बेतहासा आने लगा। सब मिलकर अगर एक साथ बड़ी बेशर्मी से चुदवायें तो सच में बड़ा अच्छा लगता है। सास का भोसड़ा चुद रहा है, नन्द की चूत चुद रही है और बहू की बुर चुद रही है, यह सब एक साथ हो रहा है और इसे देखने में सबको ज़न्नत का मज़ा आ रहा है। ऐसा सीन बहुत कम देखने को मिलता है।
सास मस्ती में बोली - बहू, तू बहुत बड़ी बुर चोदी हो गई है और तेरी नन्द भी बहुत बड़ी बुरचोदी है। तू अपनी सास चुदवा रही है और वह अपनी माँ चुदवा रही है। बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा
मैंने कहा - हां सासू जी, अब ज़माना बदल गया है अब तो सबको बुर चोदी होना पड़ता है। अब देखो न तू भी बहुत बड़ी बुर चोदी है और तेरी बिटिया की बहुत बड़ी बुर चोदी है। तू अपनी बहु की बुर चुदवा रही है तो तेरी बेटी अपनी भाभी का भोसड़ा ? सासू जी, तेरी बहू की नन्द की बुर ?
नन्द बोली - तो क्या हुआ अब मिलजुल कर चुदाई का मज़ा लूटने का समय है, भाभी ? मेरी माँ बहन चोद बहुत बड़ी बुर चोदी है। और तुम भी बहुत बड़ी बुर चोदी हो भाभी। तुम अपनी नन्द की बुर चुदवा रही हो और मेरी माँ अपनी बिटिया की बुर चुदवा रही है। जवानी में क्या नहीं हो सकता भाभी ? अम्मी, तेरी बेटी की भाभी की चूत ? सबकी चूत धीरे धीरेढीली होने लगी थी क्योंकि धक्के पे धक्के लगाए जा रहे थे आखिर कार कहाँ तक चूत बिचारी धक्के सहती ? उधर लण्ड भी अपनी आखिरी मुकाम पर पहुँचने वाले थे। सबसे पहले नन्द का देवर बोला अब मैं झड़ने वाला हूँ। तो सास ने घूम कर उसका सड़का मारने लगी और फिर उसके लण्ड ने पिचकारी छोड़ दी। मैं बड़े प्यार से सास को झड़ता हुआ लण्ड चाटते हुए देखने लगी। यही हाल नन्द का भी हुआ उसने भी सफी का लण्ड चाटना शुरू कर दिया और अंत में मैं भी खालू ससुर का झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी और साथ पेल्हड़ भी चूमने लगी।
माईके में खाला की चूत, फूफी की बुर और अम्मी का भोसड़ा
कुछ दिन बाद मैं माईके चली आयी। यहाँ मुझे सबसे पहले अम्मी मिली, फिर खाला और फिर फूफी भी मिली। मेरी खाला और फूफी मेरी अम्मी की ही उम्र की हैं। यहाँ मैं आपको बताना चाहूंगी की मैं अपनी अम्मी से खुली हुई हूँ। अम्मी ने मुझ पर १८ साल की उम्र तक खूब गज़ब का कण्ट्रोल किया। मुझे मुछ भी करने नहीं दिया। एक भी गाली मुंहे से नहीं सकती थी। अश्लील शब्द तो कभी मेरे मुंह से निकला ही नहीं। अम्मी मुझे पर कड़ी निगाह राक्जतीं थीं। लेकिन जसी ही मैं १८ + की हुई तो अम्मी ने कहा सबीरा अब तुम जवान हो गई हो। अब तुम सच में लण्ड पकड़ने वाली हो गयी हो, लण्ड चूसने और चाटने वाली हो गयी हूँ और लण्ड पीने वाली भी हो गयी हो। इसलिए अब तुम निडर होकर लण्ड पकड़ो और उसे एन्जॉय करो। प्यार से गालियां देना सेक्स एन्जॉय करने में चार चाँद लगा देता है। अब तुम खूब गालियां दो और दूसरों की गालियां सुनकर मज़ा लो। पूरी औरत बनो और अपनी जवानी का मज़ा लूटो।
दूसरे ही दिन जब मैं थोड़ा देर से आयी तो अम्मी बोली तू भोसड़ी की सबीरा इतनी देर से तू कहाँ अपनी माँ चुदा रही थी ? मैंने कहा नहीं अम्मी मैं माँ चुदा नहीं रही थी ,,,,,,,? इससे पहले की मैं कुछ और कहती वह बोली नहीं चुदा रही थी तो फिर कब चुदवायेगी तू अपनी माँ ? एक दिन जब मैं घरआयी तो देखा की अम्मी एक अंकल का लण्ड चूस रहीं हैं। अम्मी बोली बुर चोदी सबीरा ले पकड़ अंकल का लण्ड और आज से अपनी माँ चुदाना शुरू कर दे। उसी दिन से मैं अपनी माँ चुदाने लगी और अम्मी अपनी बेटी ? फिर हम दोनों के बीच शर्म नाम की कोई चीज बाकी नहीं रही। मेरी अम्मी आयशा बेगम ४५ साल की हैं मस्त जवान है और खुल कर मजाक करतीं हैं मज़ा लेटिन हैं। मेरी खाला समीना बेगम हैं वह मेरी अम्मी ही जैसी हैं। वह अपनी बेटी को अपनी सहेली मानती हैं और दोनों मिलकर लण्ड चुसतीं हैं। यही हाल फूफी जान का भी है। उसका नाम रहीमा बेगम है। वह भी अपनी बेटी से खुली हुई हैं। वह तो कहती हैं की मेरी बेटी बुर चोदी अपनी माँ चुदवाती है और माँ अपनी बेटी। उसका कहना है की जब हम दोनों मिलकर रहतीं हैं, मिलकर खाना खाती हैं और मिलकर घूमती हैं तो फिर मिलकर चुदवा क्यों नहीं सकती ? मैं तो चुदवाती हूँ।
- मुझे देख कर फूफी बोली - आ गयी तू अपनी माँ चुदवाकर ससुराल से सबीरा ?
- नहीं फूफी जान अपनी माँ चुदवाकर नहीं आयी हूँ अपनी बुर चुदवाकर कर आयी हूँ।
- खाला जान ने कहा - तो फिर किस किस से चुदवाकर आई है तू अपनी ससुराल से ? कितने लण्ड पेल कर आई है तू अपनी चूत में ? किस किस ने चोदा तुझे ?
- पहले तो शौहर से चोदा वह भी सुहागरात में, फिर दूसरे दिन बड़े देवर ने चोदा और फिर तीसरे दिन छोटे देवर ने चोदा ? मेरे खालू ससुर ने मुझे खुले आम चोदा, मेरी नन्द के देवर ने भी मुझे खुले आम चोदा।
- अम्मी ने पूंछा - ये खुले आम चोदने का क्या मतलब ?
- अरे अम्मी जान, मेरी भोसड़ी की सास और बुर चोदी नन्द दोनों ही मेरे साथ चुदवा रहीं थीं।
- खाला बोली - हाय दईया, तू तो पहली ही बार में अपनी सास का भोसड़ा चोदने लगी ?
- सास का भोसड़ा ही नहीं खाला जान, नन्द की बुर भी चोदने लगी हूँ मैं।
- खाला बोली - तो फिर क्या तू यहाँ अपनी माँ का भोसड़ा चोदेगी ?
- मैं माँ का भोसड़ा ही नहीं, खाला का भोसड़ा और फूफी का भोसड़ा भी चोदूँगी।
- खाला - तेरी माँ की चूत, सबीरा ? तू तो बहुत बड़ी चुदक्कड़ हो गयी है ससुराल जाकर ?
- माँ की चूत ही नहीं खाला, मैं तो माँ की बहन की बुर और माँ की नन्द का भोसड़ा भी चोदूँगी।
दूसरे दिन मैंने कहा खाला जान लो देखो तेरा देवर अतीक आ गया है। अब तो तेरी चूत की बल्ले बल्ले हो गयी है। तभी अचानक अम्मी आ गयी वह बोली नन्द रानी (मेरी फूफी जान) देख तेरा देवर कदम आया है। फूफी ने उसे अंदर बुलाया और बातें करने लगीं। मैं सोंचने लगी की ये दोनों अपने अपने देवर से जरूर चुदवाती होंगी। लेकिन मैं मन ही मन ये सब सोंचते हुए भी उनकी खातिरदारी में लग गयी। नास्ता पानी सब हो ही रहा था तब तक गाँव से अम्मी जान का भी देवर आ गया। मैं उसे जानती हूँ वह तो मेरा चचा जान है जिसका नाम है रफ़ी। मैं भी उससे बातें करने लगी। मैंने देखा तो नहीं था कभी पर यह जानती हूँ की अम्मी मेरे चचा जान का लौड़ा पीती हैं। यह बात एक दिन मेरी चचा जान की बेटी ही मुझसे बता रही थी। उसने साफ़ साफ़ कहा अरे यार सबीरा एक दिन रात को मैंने अपनी आंखों से देखा की तेरी अम्मी मेरे अब्बू का लण्ड मुंह में लिए हुए चूस रहीं हैं। तेरी अम्मी भी बिलकुल नंगी थी और मेरे अब्बू भी बिलकुल नंगा ? अब यह तो पक्का हो गया की मेरी अम्मी चचा जान से चुदवाती हैं।
बात चीत से मुझे यह तो बात तो मालूम हो गयी की तीनो देवर अपनी अपनी भाभी की बुर चोदते हैं और हो सकता है की ये तीनों आज रात को भी अपनी अपनी भाभी की बुर चोदें ? अगर ऐसा होता है तो फिर मैं क्या करूंगी ? मेरा तो देवर यहाँ है नहीं ? मैं किससे चुदवाऊंगी ? और मैं बिना चुदे रह भी नहीं सकती ? इसलिए मैंने सोंचा की मैं आज रात को सबको एक साथ चुदवाने की सलाह दूँगी। इससे मैं सबके लण्ड देखूंगी भी पकडूँगी भी और मौक़ा पाकर किसी का लण्ड अपनी चूत में घुसा भी लूंगी। मैं रात होने का इंतज़ार करने लगी और मन ही मन प्लान भी बनाने लगी। अचानक मेरी खाला बोली अरी सबीरा क्या सोंच रही है तू ? मैंने कहा मैं सोंच रही हूँ की काश ! मेरा भी देवर यहाँ होता ? तो एकदम से फूफी बोल पड़ी - साबिरा तेरा देवर नहीं है तो तू मेरा देवर ले ले लेकिन उदास होकर मत बैठ ? मैंने कहा फूफी तुम अगर अपना देवर न देती तो भी मैं ले लेती। मैं बहुत बेशर्म हो गयी हूँ।
खाला बोली - हाय दईया तो फिर मुझे अपना देवर संभाल कर रखना पड़ेगा ? तू तो बुर चोदी बड़ी खतरनाक हो गयी है सबीरा। तेरी माँ का भोसड़ा, लगता है की तू कुछ खुराफात करेगी जरूर ?
मैंने कहा - सबीरा की माँ की बहन की बुर खाला जान ? मैं शादी के बाद बड़ी हरामजादी हो गयी हूँ। और ससुराल में इतने लोगों से चुदवाने के बाद तो मैं सच में बहुत बड़ी बेशरम, बेहाया और हरामजादी हो गयी हूँ। अब तो मैं झांट किसी की परवाह नहीं करती ? अब तो मैं खुलकर सबके सामने सब भोसड़ी वालों के लण्ड चोदती हूँ और चोदा करूंगी।
मेरी बातें सुनकर तीनो देवरों के लण्ड में खल भली मचने लगी।
रात को ११ बजे मैं फूफी के कमरे में पहुँच गयी। मैं थोड़ा रुकी और उनको देखने लगी। मैंने देखा की फूफी की चूँचियाँ एकदम खुली हुई हैं और उन्हें उसका देवर कदम बड़े प्यार से सहला रहा है। फूफी जान भी उसका लण्ड बड़े मज़े से सहला रहीं हैं। मैंने लौड़ा देखा तो मज़ा आ गया। कदम बोल रहा था - भाभी तेरी चूँचियाँ बड़ी अच्छी लग रही हैं मुझे। बहुत दिनों के बाद आज इनका मज़ा ले रहा हूँ मैं । फूफी ने जबाब दिया मैं भी आज बहुत दिनों के बाद तेरा लण्ड हिला रही हूँ, देवर राजा ? मैं बिंदास अंदर घुस गयी और बोली अरी मेरी बुर चोदी फूफी अपने देवर का लण्ड तो हमेशा हिलाती हो ? आज तो किसी और के देवर का लण्ड हिलाओ ? मेरी खाला के देवर का लण्ड हिलाओ। मेरी अम्मी के देवर का लण्ड हिलाओ तो मज़ा भी आये। फूफी ने कहा हाय दईया तूने सही कहा सबीरा, मैं तो यह बात भूल ही गयी थी। मैं सच में उन दोनों के लण्ड हिलाऊँगी।
बस मैंने कदम का लण्ड पकड़ा और सीधे खाला के कमरे में घुस गयी। वहां मैंने देखा की खाला अपने देवर का लण्ड चाट रहीं हैं और देवर खाला की चूँचियाँ चाट रहा है। मैंने कहा खाला जान अपने देवर का लण्ड छोड़ो लो अपनी नन्द के देवर का लण्ड चाटो। और तुम भी अतीक अंकल मेरी फूफी की चूँचियाँ मसलो तो तुम्हे ज्यादा मज़ा आएगा। खाला ने हाथ बढाकर कदम का लण्ड पकड़ लिया। तो फिर फूफी ने अतीक का लण्ड पकड़ लिया। मैं उधर अम्मी के कमरे में घुस गयीं। वहां भी यही सब हो रहा था। अम्मी अपने देवर का लण्ड पी रहीं थीं और चचा जान अम्मी के भोसड़ा पर हाथ फिरा रहा था। मैंने कहा अरे मेरे भोसड़ी के चचा जान मेरी खाला का भोसड़ा पर हाथ फिराओ न ? मेरी फूफी की चूत सहलाओ न तब तुम्हे ज्यादा मज़ा आएगा। मैं उन दोनों को खाला के कमरे में ले आई। यहाँ मैंने तीनो देवरों को पूरा नंगा कर दिया और तीनो भाभियों को भी। अम्मी खाला के देवर का लण्ड चूसने लगीं, खाला फूफी के देवर का लण्ड और फूफी अम्मी के देवर का लण्ड चाटने लगीं। एक दूसरे के देवर का लण्ड चाटने में सबको मज़ा आने लगा।
मैं सबको बड़े गौर से देख रही थी। मेरी नज़र भी तीनो लण्ड पर थी। मैं बस किसी लण्ड पर झपट्टा मारने ही वाली थी।
थोड़ी देर बाद अम्मी का देवर यानी चचा जान ने अपना लण्ड खाला की चूत में घुसेड़ दिया। पूरा लण्ड घुसा तो खाला की गांड फटने लगी। लेकिन खाला फिर भी धकाचक चुदवाने लगीं। फिर खाला के देवर ने फूफी की बुर में लौड़ा पेल दिया और चोदने लगा। फूफी ने कहा अरे वाह आज तो वाकई मज़ा आने लगा है। इसका लौड़ा बड़ा मस्त है सबीरा। इतने में फूफी का देवर मेरी माँ की बुर लेने लगा। मैं उसका लौड़ा बार बार अम्मी की चूत में आते जाते देखने लगी। तीनो चुदती हुई बुर देखने में मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था। मैं एक एक करके तीनो के पेलहड़ सहलाने लगी। बीच बीच में लण्ड किसी की बुर से निकाल कर चाटने भी लगी। नंगी तो मैं भी थी। मैं उन तीनो को अपनी चूँचियाँ चटवाने लगी और कभी चुसवाने भी लगी। फिर अचानक मैंने खाला की बुर से चचा जान का लण्ड निकाल कर अपनी बुर में घुसेड़ लिया और कहा चचा जान अब तुम मेरी माँ की बिटिया की बुर चोदो। पूरा लण्ड घुसेड़ दो मेरी चूत में ? ठीक से चोदो मेरी बुर नहीं तो मैं तेरा लण्ड चोदूँगी। उसने चोदने की स्पीड बढ़ा दी धच्च धच्च की आवाज़ जल्दी जल्दी आने लगी।
इस तरह मैंने एक एक करके तीनो देवरों से चुदवाया। मुझे सच में बड़ा मज़ा आया। खाला और अम्मी ने भी तीन तीन लण्ड से चुदवा कर मज़ा लिया। मेरी फूफी ने तो खूब मस्ती से और गालियां बक बक के इन तीनो से खूब चुदवाया।
वह बोली - सबीरा, आज तू अगर नहीं होती तो हम सबको चुदाई का मज़ा इतना कतई नहीं आता...
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