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मैं सांवला लण्ड बहुत पसंद करती हूँ - Main sanvla lund bahut pasand karti hun
मैं सांवला लण्ड बहुत पसंद करती हूँ - Main sanvla lund bahut pasand karti hun , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
किरायेदार का लण्ड और मकान मालिक का लण्ड बड़ी आसानी से हर समय मिल जाता है।
एक दिन मेरा एक बॉय फ्रेंड मेरे घर आया। उसका नाम था ज़मीर। मैंने उसे अंदर बैठाया। मैं सामने अम्मी के साथ बैठी हुई थी। वह बोली साइमा ये आपकी बड़ी बहन है क्या ? मेरे मुंह से निकला भोसड़ी के ये मेरी बहन नहीं मेरी माँ हैं। she is my mom ! . अम्मी मेरे मुंह से गाली सुनकर अंदर ही अंदर मुस्करा पड़ी। वह बोला यार साइमा तब तो आपकी मॉम सच में जवान हैं ? मैंने फिर गाली दे दी और बड़े प्यार से कहा तेरा दिल आ गया क्या मेरी माँ पर, मादर चोद ? वह थोड़ा सहम गया।
किरायेदार का लण्ड और मकान मालिक का लण्ड बड़ी आसानी से हर समय मिल जाता है।
- अम्मी ने कहा - अरे बेटी साइमा यह क्या करने जा रही है तू ? तुम्हे उसके बारे में मालूम भी है कुछ ? बिना सोंचे समझे कोई ऐसा कदम न उठा लेना की बाद में तुम्हे पछताना पड़े ?
- मैंने कहा - ऐसा क्यों कह रही हो अम्मी ? मैं ऐसा कौन का कदम उठाने जा रही हूँ जिससे मुझे पछताना पड़ेगा ?
- मैंने सुना है की तू अपने किरायेदार से चुदवाने जा रही है ?
- अरे अम्मी किसने तुझे यह सब बता दिया ? मैंने तो ऐसा कुछ सोंचा नहीं अम्मी ?
- मुझे तो बहू रानी ने बताया की सासू जी, नन्द रानी तो शायद किरायेदार से चुदवाने की सोंच रहीं हैं। अब पता नहीं क्या होगा ? मुझे तो उसके बारे में कुछ् मालूम नहीं ? मैंने कहा बहू मुझे तो उसके बारे में सब मालूम है। मैं साइमा से पछूँगी। मैं आज इसीलिए तुझसे पूँछ रही हूँ। सच सच बताना मुझे और साफ़ साफ़ भी ? इधर उधर घुमाने की कोई जरुरत नहीं है, बेटी।
- मुझे तो ये सब बातें कुछ समझ में नहीं आ रही हैं, अम्मी ।
- समझ में नहीं आ रही है तो अच्छी बात है, बेटी ? एक बात जान लो किरायेदार का लण्ड ९" का है बेटी ? अगर ये तेरी चूत में घुस गया तो तेरी चूत में लेने के देने पड़ जायेंगें। एक दी दिन में तेरी चूत बुर चोदी बन जाएगी भोसड़ा ?
- तो क्या हुआ अम्मी एक दिन तो चूत को भोसड़ा बनना ही है ? तो फिर आज ही क्यों न बन जाने दो। अगर उसका लण्ड ९" का है तो मैं अब जरूर चुदवाऊंगी ? और फिर अब तो मेरी शादी हो गयी है अब काहे का डर ?
- नहीं बेटी नहीं, ये कोई राघव, आरिफ, सफी या टोनी का लण्ड नहीं है जिसे तू आसानी से अपनी चूत में घुसेड़ लेती है। ये किरायेदार अब्बास का लण्ड है बेटी ? इसका लण्ड ९" लंबा और ५ १/२" मोटा है। सख्त भी बहुत है और बड़ी देर तक चोदता रहता है। पहले चूत की धज्जियाँ उड़ा देता है और उसे ढीली कर देता है फिर कहीं जाकर ठंढा होता है। कभी कभी तो उसे ठंढा करने के लिए उसका सड़का मारना पड़ता है, बेटी। जाने कितनी लड़कियां बेहोश हो चुकी हैं इसका लण्ड अपनी चूत में पेलवा कर ?
- तो इसका मतलब यह हैअम्मी, की किरायेदार तेरा भोसड़ा कई बार ले चुका है। और अभी भी लेता है।
- हां हां मैं तो खुलकर कहती हूँ की वह मेरी बुर लेता है। मुझे भी उससे चुदवाने में बड़ा मज़ा आता है। और देख साइमा अब तेरी शादी के बाद इस नए रिश्ते में मैं तेरी नन्द हो गई हूँ और तू मेरी भाभी ? तू मेरे सबसे छोटे भाई जान से शादी कर चुकी है। मेरी ६ बहने और ६ भाई हैं। मैं अपने माँ बाप की पहली औलाद हूँ। मेरा सबसे छोटा भाई तो तुमसे बस दो साल ही बड़ा है। अब शादी के रिश्ते से मैं तेरी बुर चोद सकती हूँ साइमा भाभी ?
- तो फिर मैं भी तेरी बुर चोद सकती हूँ नन्द रानी।
- इतने में मेरी हुमा भाभी आ गईं। उसे हमारी बातें सुन ली थी। वह जानती थी की मैं उसकी सास के छोटे भाई की बीवी हूँ। वह बोली तो मैं भी अपनी नन्द की बुर चोदूँगी।
- मैंने मुस्काराते हुए कहा अरे हुमा भाभी मैं रिश्ते में तेरी सास लगती हूँ। ज़रा जबान संभाल कर बात करना मुझसे नहीं तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी।
- वह बोली यार साइमा, अजीब बात है। जब मेरी नन्द अपनी नन्द की बुर चोद सकती है तो फिर मैं अपनी नन्द की बुर क्यों नहीं चोद सकती ?
- अम्मी ने कहा - अरे यार बात कहाँ से कहाँ चली गयी। अब तुम लोग पुराने रिश्ते पर आ जाओ। मैं किरायेदार के लण्ड की बात कर रही थी। साइमा भोसड़ी की मैं तुझे आगाह करती हूँ की तू किरायेदार से मत चुदवा नहीं तो तेरी चूत एक ही बार में फट जाएगी बहन चोद ?
- अरे अम्मी जब वह मेरी माँ का भोसड़ा चोद सकता है तो फिर उसे बिटिया की बुर भी चोदने दो ? मैं देखूंगी की उस मादर चोद के लण्ड में कितनी दम है ?
एक दिन मेरा एक बॉय फ्रेंड मेरे घर आया। उसका नाम था ज़मीर। मैंने उसे अंदर बैठाया। मैं सामने अम्मी के साथ बैठी हुई थी। वह बोली साइमा ये आपकी बड़ी बहन है क्या ? मेरे मुंह से निकला भोसड़ी के ये मेरी बहन नहीं मेरी माँ हैं। she is my mom ! . अम्मी मेरे मुंह से गाली सुनकर अंदर ही अंदर मुस्करा पड़ी। वह बोला यार साइमा तब तो आपकी मॉम सच में जवान हैं ? मैंने फिर गाली दे दी और बड़े प्यार से कहा तेरा दिल आ गया क्या मेरी माँ पर, मादर चोद ? वह थोड़ा सहम गया।
तब अम्मी बोली नहीं बेटा कोई बात नहीं। तुम पहले लड़के नहीं हो ऐसा कहने वाले। मुझे जाने कितने लोग साइमा की बड़ी बहन ही कहतें हैं। और हां अगर तेरा दिल मुझ पर आ गया तो कोई बड़ी बात नहीं है यहाँ जाने कितने लोग अपना दिल देकर जातें हैं मुझे ? अम्मी अंदर चली गयी और मैं उससे बातें करने लगी।
थोड़ा नशा चढ़ा तो अम्मी बोली देखो बेटी साइमा तेरी माँ का भोसड़ा साला बड़ा मजबूत है। इसमें जितनी ठोकर मारो यह उतना ही खुश होता है। मैंने तुम लोगों की बात चीत सुन ली है। तूने किसी न किसी दिन लण्ड पकड़ना शुरू किया होगा, लण्ड चाटना, चूसना और लण्ड पीना शुरू किया होगा, किसी दिन तूने लण्ड अपनी चूत में पेलना शुरू किया होगा तभी तो ये ज़मीर आज तुम्हे चोदने आया है। तो फिर आज तू अपनी माँ चुदाना क्यों नहीं शुरू कर सकती ? अम्मी की बातें सुनकर मैं थोड़ा शर्मा भी गयी और आँखें नीची कर लीं। अम्मी फिर बोली - तेरी माँ की चूत बुर चोदी साइमा। तू इतना शर्मा क्यों रही है ? शर्माएगी तो ज़िन्दगी में एक झांट भी नहीं उखाड़ पायेगी। शर्माना छोड़ और भकाभक चुदवा ले अपनी माँ का भोसड़ा ? आज मौक़ा है मैं भी देखूं की तेरे दोस्त के लण्ड में कितना दम है ? तू तो इसका लण्ड पकड़ कर देख ही चुकी है। अब तू मुझे इसका लण्ड पकड़ा के दिखा। मैं तेरी माँ नहीं हूँ भोसड़ी की साइमा तेरी दोस्त हूँ ?
अम्मी ने ऐसा कह कर मेरा हाथ ज़मीर के लण्ड पर रख दिया। बस मेरी हिम्मत खुल गयी और मैंने ज़मीर को नंगा करना शुरू कर दिया। उसका लण्ड तो खड़ा ही था। मैंने उसे पकड़ा और हिलाया। लण्ड तन कर और सख्त हो गया। मैंने लण्ड अम्मी को पकड़ा दिया और वह मस्ती से लण्ड पकड़ कर चूमने लगी. अम्मी ने कहा वाओ, कितना प्यारा लौड़ा है साइमा तेरे दोस्त का ? अगर इसने तेरी बुर ली है तो तू बहुत नसीबवाली है। इतना बड़ा और मोटा लौड़ा मिलना ज़रा मुश्किल होता है। तब तक अम्मी के कपड़े खुलने लगे थे और मैं भी एक एक कपड़ा उतार कर नंगी होने लगी थी। अम्मी की बड़ी बड़ी चूँचियाँ देख कर ज़मीर का लण्ड आसमान ताकने लगा। फिर मैं भी पूरी नंगी हो गयी। ज़मीर हम दोनों की चूँचियाँ मसलने लगा। अम्मी के सारे कपड़े उतर गये और मेरे भी। मस्ती बढ़ने लगी। अम्मी बोली साइमा तेरी बुर चोदी माँ का भोसड़ा। आज तेरे सामने चुदेगा तेरी माँ का भोसड़ा। फिर मुझे भी मजाक करने का मूड हुआ मैं भी बोली अम्मी तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर। आज तेरे सामने चुदेगी तेरी बिटिया की बुर।
फिर हम दोनों खिलखिलाकर हंसने लगीं।
उस दिन हम दोनों एक दूसरे की दोस्त बन गयीं और एक दोस्त की तरह मस्ती से एक दूसरे की बुर में लण्ड पेल पेल कर मज़ा किया। उसके बाद कई मौके आये जहाँ हम दोनों ने साथ साथ एन्जॉय किया। फिर मेरी हुमा भाभी भी आ गयीं। मैंने देखा की मेरी भाभी भी माँ की लौड़ी बड़ी मजाकियां और चुदक्कड़ किस्म की लड़की है इसलिए हम सब बीच में वह सोने में सुहागा हो गई।
एक दिन मैं अकेली बैठी हुई "sex" की कहानियां पढ़ रही थी। कहानियां मादर चोद बहुत ही गरम गरम थीं। पढ़ कर मनेरी चूत में आग लग गयी। कुछ कहानियां ऐसी थीं जिन्हे पढ़ कर ऐसा लकग रहा था की ये मेरे घर की कहानियां हैं। मेरे कपड़े अस्त व्यस्त थे। कभी चूँचियाँ खुली थीं तो कहीं चूत कहीं से झांटें दिख रहीं थी तो कहीं से गांड ? तब तक मेरी भाभी आ गई। मैंने उसे भी कहानियां पढ़ा दी तो वह भी गर्म हो गयी। उसमे मुझे से गन्दी गन्दी बातें निकलने लगीं। तब तक अम्मी भी घुस आईं कमरे में। आते ही बोली - बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा. बड़ा हरामजादा है तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा बहू। इस पर कण्ट्रोल रखो नहीं तो ये सारे मोहल्ले के लण्ड खा जायेगा। भाभी के मुंह से निकला सासू जी, तेरी बेटी की भाभी की बुर ? वह भी ससुरी लण्ड खान में बड़ी तेज है। फिर क्या मैं भी बोल पड़ी अम्मी, तेरी बहू की नन्द की चूत। जानती हो तेरी बहू की नन्द की चूत कबसे लण्ड खा रही है और खाती ही चली जा रही है। उसकी माँ का भोसड़ा पता नहीं और कितने लण्ड खायेगी और किस किस के लण्ड खायेगी। इस तरह हम तीनो खूब हंसी मजाक करती हुई अपनी अपनी ज़िन्दगी एन्जॉय कर रहीं थीं।
इसी बीच मेरी शादी हो गयी और मैं अपनी सुहागरात मना कर वापस अपने माईके आ गई।
एक दिन भाभी ने अम्मी से कहा - सासू जी, मेरी नन्द किरायेदार अब्बास का लण्ड अपनी चूत में पेलने वाली हैं। अम्मी ने उससे कहा - नहीं ऐसा नहीं होगा ? मैं ऐसा नहीं होने दूँगी नहीं तो उसकी चूत एक ही बार में फट जाएगी। मैं जा केअभी रोकती हूँ उसे।
उसके बाद मेरी अम्मी की बात चीत आपने ऊपर पढ़ा। जबकि असली बात यह है की मैंने अभी तक किरायेदार का लण्ड देखा ही नहीं और न देखने का कोई इरादा था। लेकिन जब अम्मी ने बताया की उसका लण्ड ९" का है तो मेरा मन उसे अपनी चूत में घुसेड़ने का हो गया। अम्मी से बात चीत के बाद मैंने उसका पता लगाया तो मालूम हुआ की वह अभी आपने गाँव गया हुआ है। बस मैं उसके आने का इंतज़ार करने लगी। दो दिन बाद वह आ भी गया और मैं उसे देख कर खुश हुई। उस दिन इत्तिफाक से मैं घर में अकेली थी। मैंने उसे नीचे अपंने कमरे में बुलाया और बात चीत करने लगी। हमारे बीच में ड्रिंक्स थी। उसने कुर्ता और पैजामा पहना हुआ था और मैं केवल सलवार में थी। ऊपर अपनी चुन्नी डाल रखी थी। गर्मी के दिन थे कपड़ा बदन पर बर्दास्त नहीं हो रहा था।
मैंने ऐसा कह कर उसके पैजामे का नाड़ा खोल डाला, फिर कुर्ता उतार कर फेंक दिया और हाथ पैजामे के अंदर घुसेड़ दिया। मेरा हाथ जब लण्ड से टकराया तब मज़ा आ गया. मुझे लगा की आज तो मेरी चूत को भर पेट भोजन मिलेगा। मैंने मुस्कराते हुए पैजामा खोल कर बाहर फेंक दिया। उसने भी मेरी चुन्नी खींच कर फेंक दिया। इसका मतलब उसे भी मज़ा आने लगा। उसने मेरे मस्त मस्त बूब्स चाटे और चूमे। फिर उसने मेरा सलवार भी खोल डाला। मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गयी। मेरी चिकनी चूत उसकी आँखों के सामने आ गयी और उसका लण्ड मेरी आँखों के सामने हिनहिनाने लगा। मेरा मन ने कहा लण्ड तो सच में भोसड़ा फाड़ने वाला है। अम्मी जान सही कह रहीं थीं। मैंने लण्ड चूमा, कई बार चूमा और फिर जबान निकाल कर लण्ड का टोपा चाटा। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। मैंने पेल्हड़ भी चाटना शुरू कर दिया। तभी अचानक मुझे एक इंची टेप दिख गया , मैं उसे उठा आकर लण्ड की लम्बाई चौड़ाई नापने लगी। लण्ड बहन चोद ९" + निकला और मोटाई ५ १/२ " + निकला . मैंने कहा अंकल क्या तेरी माँ ने किसी नीग्रो से चुदवाया था जो तेरा लण्ड इतना बड़ा है ? वह बोला हां हो सकता है। मेरी माँ विदेश बहुत जाया करतीं थीं। मैं उसका लण्ड चाटने में जुट गयी और वह मेरी बुर चाटने में।
मैं अंकल के ऊपर चढ़ी हुई थी और अपनी चूत उसके मुंह पर रख दिया था , मैंने अपना मुंह उसकी दोनों टांगों के बीच घुसेड़ कर लण्ड चूस रही थी। थोड़ी देर बाद मैं उठी और उसके लण्ड पर बैठ गयी। मेरा मुंह उसके मुंह की तरफ था और मैं अपनी गांड उठा उठा कर पटक रही थी। लण्ड साला पूरा का पूरा मेरी चूत में घुसा था। दर्द मुझे भी हो रहा था लेकिन यह मजे का दर्द था। आज मुझे एहसास हो रहा था की लण्ड क्या होता है। अंकल मेरी उछलती हुई चूँचियाँ का मज़ा ले रहा था। थोड़ी देर बाद वह मेरे ऊपर चढ़ बैठा और पूरा लण्ड घुसेड़ दिया। मेरे मुंह से निकला उई माँ मर गयी मैं। फाड़ डाला इस भोस्दै वाले ने मेरी चूत अम्मी जान ? अंकल यार ज़रा धीरे धीरे चोदो, मजे से चोदो। मैं तेरे माकन मालकिन की बेटी हूँ। ठीक से नहीं चोदोगे तो मैं तेरी गांड मार दूंगी। फिर सच में यह मुझे बड़े प्यार से चोदने लगा। मुझे चुदाई की आवाज़ें बहुत अच्छी लग रहीं थीं। मेरा जोश बढ़ता जा रहा था और उसके चोदने की स्पीड। मैं सोंचने लगी की अंकल बहुत दिनो से मेरे घर में रह रहा है और इसका इतना बड़ा लण्ड है इसकी जानकारी मुझे क्यों नहीं हुई ? ये तो अच्छा हुआ की उस दिन अम्मी से खुल कर बात चीत हो गयी।
फिर अचानक मेरी हुमा भाभी कमरे में आ गयी।
वह बोली :- हाय दईया, तू बुर चोदी अब्बास अंकल से अपनी बुर चुदवा रही है। फट जाएगी तेरी चूत नन्द रानी। मैंने कहा - अरे भाभी जान, तू भी आ जा भोसड़ी की ? आज मैं फाड़ दूँगी तेरी भी चूत।
मैंने एक हाथ से भाभी को अपनी तरफ खींच लिया और उसे नंगी कर दिया। उसको नंगी देख कर लण्ड साला और सख्त हो गया। फिर मैंने लण्ड अपनी चूत से निकाल कर भाभी की चूत में घुसेड़ दिया।
हम दोनों ने एक दूसरे की चूत में लण्ड पेल पेल कर खूब मजे से चुदवाया।
- मैंने कहा अबे साले तू मुझे चोदने आया है की मेरी माँ चोदने आया है ?
- वह बोला आया तो मैं तुम्हे चोदने हूँ साइमा पर जब तेरी अम्मी घर पर हैं तो मैंने कैसे तुझे चोदूंगा ?
- अरे यार अम्मी का आज बाहर जाने का प्लान था इसलिए मैंने तुझे बुलाया था। पर वह गईं नहीं तो मैं क्या करूँ ? मैं खुद समझ नहीं पा रही हूँ।
- वैसे अगर तुम मौक़ा दो तो मैं तेरी माँ भी चोद सकता हूँ।
- तू भोसड़ी का बड़ा हरामजादा है ? लगता है की तेरा दिल मेरे माँ पर सच में आ गया है।
- हां यार, बात यह है की मेरा लण्ड तो तेरी माँ को देख कर खड़ा हो गया है।
- मैंने कहा यार मैंने कभी अपनी माँ नहीं चुदवाई ?
- तो फिर आज चुदवा ले न ? मना ले अपनी माँ को चुदवाने के लिए।
थोड़ा नशा चढ़ा तो अम्मी बोली देखो बेटी साइमा तेरी माँ का भोसड़ा साला बड़ा मजबूत है। इसमें जितनी ठोकर मारो यह उतना ही खुश होता है। मैंने तुम लोगों की बात चीत सुन ली है। तूने किसी न किसी दिन लण्ड पकड़ना शुरू किया होगा, लण्ड चाटना, चूसना और लण्ड पीना शुरू किया होगा, किसी दिन तूने लण्ड अपनी चूत में पेलना शुरू किया होगा तभी तो ये ज़मीर आज तुम्हे चोदने आया है। तो फिर आज तू अपनी माँ चुदाना क्यों नहीं शुरू कर सकती ? अम्मी की बातें सुनकर मैं थोड़ा शर्मा भी गयी और आँखें नीची कर लीं। अम्मी फिर बोली - तेरी माँ की चूत बुर चोदी साइमा। तू इतना शर्मा क्यों रही है ? शर्माएगी तो ज़िन्दगी में एक झांट भी नहीं उखाड़ पायेगी। शर्माना छोड़ और भकाभक चुदवा ले अपनी माँ का भोसड़ा ? आज मौक़ा है मैं भी देखूं की तेरे दोस्त के लण्ड में कितना दम है ? तू तो इसका लण्ड पकड़ कर देख ही चुकी है। अब तू मुझे इसका लण्ड पकड़ा के दिखा। मैं तेरी माँ नहीं हूँ भोसड़ी की साइमा तेरी दोस्त हूँ ?
अम्मी ने ऐसा कह कर मेरा हाथ ज़मीर के लण्ड पर रख दिया। बस मेरी हिम्मत खुल गयी और मैंने ज़मीर को नंगा करना शुरू कर दिया। उसका लण्ड तो खड़ा ही था। मैंने उसे पकड़ा और हिलाया। लण्ड तन कर और सख्त हो गया। मैंने लण्ड अम्मी को पकड़ा दिया और वह मस्ती से लण्ड पकड़ कर चूमने लगी. अम्मी ने कहा वाओ, कितना प्यारा लौड़ा है साइमा तेरे दोस्त का ? अगर इसने तेरी बुर ली है तो तू बहुत नसीबवाली है। इतना बड़ा और मोटा लौड़ा मिलना ज़रा मुश्किल होता है। तब तक अम्मी के कपड़े खुलने लगे थे और मैं भी एक एक कपड़ा उतार कर नंगी होने लगी थी। अम्मी की बड़ी बड़ी चूँचियाँ देख कर ज़मीर का लण्ड आसमान ताकने लगा। फिर मैं भी पूरी नंगी हो गयी। ज़मीर हम दोनों की चूँचियाँ मसलने लगा। अम्मी के सारे कपड़े उतर गये और मेरे भी। मस्ती बढ़ने लगी। अम्मी बोली साइमा तेरी बुर चोदी माँ का भोसड़ा। आज तेरे सामने चुदेगा तेरी माँ का भोसड़ा। फिर मुझे भी मजाक करने का मूड हुआ मैं भी बोली अम्मी तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर। आज तेरे सामने चुदेगी तेरी बिटिया की बुर।
फिर हम दोनों खिलखिलाकर हंसने लगीं।
उस दिन हम दोनों एक दूसरे की दोस्त बन गयीं और एक दोस्त की तरह मस्ती से एक दूसरे की बुर में लण्ड पेल पेल कर मज़ा किया। उसके बाद कई मौके आये जहाँ हम दोनों ने साथ साथ एन्जॉय किया। फिर मेरी हुमा भाभी भी आ गयीं। मैंने देखा की मेरी भाभी भी माँ की लौड़ी बड़ी मजाकियां और चुदक्कड़ किस्म की लड़की है इसलिए हम सब बीच में वह सोने में सुहागा हो गई।
एक दिन मैं अकेली बैठी हुई "sex" की कहानियां पढ़ रही थी। कहानियां मादर चोद बहुत ही गरम गरम थीं। पढ़ कर मनेरी चूत में आग लग गयी। कुछ कहानियां ऐसी थीं जिन्हे पढ़ कर ऐसा लकग रहा था की ये मेरे घर की कहानियां हैं। मेरे कपड़े अस्त व्यस्त थे। कभी चूँचियाँ खुली थीं तो कहीं चूत कहीं से झांटें दिख रहीं थी तो कहीं से गांड ? तब तक मेरी भाभी आ गई। मैंने उसे भी कहानियां पढ़ा दी तो वह भी गर्म हो गयी। उसमे मुझे से गन्दी गन्दी बातें निकलने लगीं। तब तक अम्मी भी घुस आईं कमरे में। आते ही बोली - बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा. बड़ा हरामजादा है तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा बहू। इस पर कण्ट्रोल रखो नहीं तो ये सारे मोहल्ले के लण्ड खा जायेगा। भाभी के मुंह से निकला सासू जी, तेरी बेटी की भाभी की बुर ? वह भी ससुरी लण्ड खान में बड़ी तेज है। फिर क्या मैं भी बोल पड़ी अम्मी, तेरी बहू की नन्द की चूत। जानती हो तेरी बहू की नन्द की चूत कबसे लण्ड खा रही है और खाती ही चली जा रही है। उसकी माँ का भोसड़ा पता नहीं और कितने लण्ड खायेगी और किस किस के लण्ड खायेगी। इस तरह हम तीनो खूब हंसी मजाक करती हुई अपनी अपनी ज़िन्दगी एन्जॉय कर रहीं थीं।
इसी बीच मेरी शादी हो गयी और मैं अपनी सुहागरात मना कर वापस अपने माईके आ गई।
एक दिन भाभी ने अम्मी से कहा - सासू जी, मेरी नन्द किरायेदार अब्बास का लण्ड अपनी चूत में पेलने वाली हैं। अम्मी ने उससे कहा - नहीं ऐसा नहीं होगा ? मैं ऐसा नहीं होने दूँगी नहीं तो उसकी चूत एक ही बार में फट जाएगी। मैं जा केअभी रोकती हूँ उसे।
उसके बाद मेरी अम्मी की बात चीत आपने ऊपर पढ़ा। जबकि असली बात यह है की मैंने अभी तक किरायेदार का लण्ड देखा ही नहीं और न देखने का कोई इरादा था। लेकिन जब अम्मी ने बताया की उसका लण्ड ९" का है तो मेरा मन उसे अपनी चूत में घुसेड़ने का हो गया। अम्मी से बात चीत के बाद मैंने उसका पता लगाया तो मालूम हुआ की वह अभी आपने गाँव गया हुआ है। बस मैं उसके आने का इंतज़ार करने लगी। दो दिन बाद वह आ भी गया और मैं उसे देख कर खुश हुई। उस दिन इत्तिफाक से मैं घर में अकेली थी। मैंने उसे नीचे अपंने कमरे में बुलाया और बात चीत करने लगी। हमारे बीच में ड्रिंक्स थी। उसने कुर्ता और पैजामा पहना हुआ था और मैं केवल सलवार में थी। ऊपर अपनी चुन्नी डाल रखी थी। गर्मी के दिन थे कपड़ा बदन पर बर्दास्त नहीं हो रहा था।
- मैंने कहा - अंकल, तुम्हारे गाँव में कौन कौन है ?
- वह बोला - बेटी साइमा मेरे गाँव में मेरा बहुत बड़ा कुनबा है। अगल बगल के गावों में हमारे नाते दार रिश्ते दार भी हैं।
- अच्छा, पर मैंने कभी आंटी को यहाँ नहीं देखा ?
- वह शहर में आना नहीं पसंद करतीं। उसे गाँव ही बड़ा अच्छा लगता है।
- अभी तुम मस्त जवान हो अंकल तो आंटी भी जवान होंगीं। जब तुम यहाँ होते हो तो वह वहां रात कैसे गुज़ारतीं हैं ?
- अरे बिटिया साइमा, हमारे यहाँ कोई किसी के भी साथ रात गुज़ार लेती है। रात में सब बराबर होतें हैं ऐसा हम लोग मानते हैं।
- तो इसका मतलब है अंकल, की तेरी बीवी चोदने वाले गाँव के बहुत हैं।
- हां बिलकुल हैं इसीलिए मुझे कोई चिंता नहीं।
- सुना है तेरी दो बेटियां भी हैं।
- हां हैं और दोनों जवान हैं। अब मुझे उनकी शादी करनी हैं।
- तो बेटियां भी किसी के साथ रात गुज़ारती होगीं ?
- हां करती हैं। अच्छा है. जब वो जवान हैं तो फिर उन्हें कौन कण्ट्रोल कर सकता है ? हमारी तरफ से सब छूट है।
- सुना है तुम मेरी माँ का भोसड़ा चोदते हो ?
- वाओ, ये किसने तुम्हे बता दिया साइमा ? अब अगर कोई मेरे पास आ जाये तो मैं उसे मना नहीं करता ?
- अच्छा ऐसी बात है। तो तुम आज मुझे भी नहीं मना करोगे। मैं तेरे पास हूँ।
- अब तुमने तो अपनी दलील से मेरी जबान ही बंद कर दी।
- तो फिर दिखाओ न मुझे अपना लण्ड, अंकल ?
मैंने ऐसा कह कर उसके पैजामे का नाड़ा खोल डाला, फिर कुर्ता उतार कर फेंक दिया और हाथ पैजामे के अंदर घुसेड़ दिया। मेरा हाथ जब लण्ड से टकराया तब मज़ा आ गया. मुझे लगा की आज तो मेरी चूत को भर पेट भोजन मिलेगा। मैंने मुस्कराते हुए पैजामा खोल कर बाहर फेंक दिया। उसने भी मेरी चुन्नी खींच कर फेंक दिया। इसका मतलब उसे भी मज़ा आने लगा। उसने मेरे मस्त मस्त बूब्स चाटे और चूमे। फिर उसने मेरा सलवार भी खोल डाला। मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गयी। मेरी चिकनी चूत उसकी आँखों के सामने आ गयी और उसका लण्ड मेरी आँखों के सामने हिनहिनाने लगा। मेरा मन ने कहा लण्ड तो सच में भोसड़ा फाड़ने वाला है। अम्मी जान सही कह रहीं थीं। मैंने लण्ड चूमा, कई बार चूमा और फिर जबान निकाल कर लण्ड का टोपा चाटा। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। मैंने पेल्हड़ भी चाटना शुरू कर दिया। तभी अचानक मुझे एक इंची टेप दिख गया , मैं उसे उठा आकर लण्ड की लम्बाई चौड़ाई नापने लगी। लण्ड बहन चोद ९" + निकला और मोटाई ५ १/२ " + निकला . मैंने कहा अंकल क्या तेरी माँ ने किसी नीग्रो से चुदवाया था जो तेरा लण्ड इतना बड़ा है ? वह बोला हां हो सकता है। मेरी माँ विदेश बहुत जाया करतीं थीं। मैं उसका लण्ड चाटने में जुट गयी और वह मेरी बुर चाटने में।
मैं अंकल के ऊपर चढ़ी हुई थी और अपनी चूत उसके मुंह पर रख दिया था , मैंने अपना मुंह उसकी दोनों टांगों के बीच घुसेड़ कर लण्ड चूस रही थी। थोड़ी देर बाद मैं उठी और उसके लण्ड पर बैठ गयी। मेरा मुंह उसके मुंह की तरफ था और मैं अपनी गांड उठा उठा कर पटक रही थी। लण्ड साला पूरा का पूरा मेरी चूत में घुसा था। दर्द मुझे भी हो रहा था लेकिन यह मजे का दर्द था। आज मुझे एहसास हो रहा था की लण्ड क्या होता है। अंकल मेरी उछलती हुई चूँचियाँ का मज़ा ले रहा था। थोड़ी देर बाद वह मेरे ऊपर चढ़ बैठा और पूरा लण्ड घुसेड़ दिया। मेरे मुंह से निकला उई माँ मर गयी मैं। फाड़ डाला इस भोस्दै वाले ने मेरी चूत अम्मी जान ? अंकल यार ज़रा धीरे धीरे चोदो, मजे से चोदो। मैं तेरे माकन मालकिन की बेटी हूँ। ठीक से नहीं चोदोगे तो मैं तेरी गांड मार दूंगी। फिर सच में यह मुझे बड़े प्यार से चोदने लगा। मुझे चुदाई की आवाज़ें बहुत अच्छी लग रहीं थीं। मेरा जोश बढ़ता जा रहा था और उसके चोदने की स्पीड। मैं सोंचने लगी की अंकल बहुत दिनो से मेरे घर में रह रहा है और इसका इतना बड़ा लण्ड है इसकी जानकारी मुझे क्यों नहीं हुई ? ये तो अच्छा हुआ की उस दिन अम्मी से खुल कर बात चीत हो गयी।
फिर अचानक मेरी हुमा भाभी कमरे में आ गयी।
वह बोली :- हाय दईया, तू बुर चोदी अब्बास अंकल से अपनी बुर चुदवा रही है। फट जाएगी तेरी चूत नन्द रानी। मैंने कहा - अरे भाभी जान, तू भी आ जा भोसड़ी की ? आज मैं फाड़ दूँगी तेरी भी चूत।
मैंने एक हाथ से भाभी को अपनी तरफ खींच लिया और उसे नंगी कर दिया। उसको नंगी देख कर लण्ड साला और सख्त हो गया। फिर मैंने लण्ड अपनी चूत से निकाल कर भाभी की चूत में घुसेड़ दिया।
हम दोनों ने एक दूसरे की चूत में लण्ड पेल पेल कर खूब मजे से चुदवाया।
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