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बेटी धकाधक लण्ड पेलती है माँ की चूत में - Beti karvati hai apni hi maa ki chut ki chudai
बेटी धकाधक लण्ड पेलती है माँ की चूत में - Beti karvati hai apni hi maa ki chut ki chudai , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
उस समय मैं १७ साल की हो चुकी थी। कहने को तो मुझे जवान होने के लिए एक साल और इंतज़ार करना था पर सच्चाई वह है की मैं पूरी तरह जवान हो चुकी थी। मेरा कद ५ ४" का हो गया था. मैं औसत बदन वाली लड़की थी न मोटी और न पतली। मेरा रंग गोरा हैं, लोग कहतें हैं की मैं खूबसूरत हूँ और मुझ में सेक्स अपील है। मैं पढ़ने लिखने में बहुत तेज हूँ और अपने कॉलेज में दो बातों के लिए मशहूर हूँ। पहला की मैं पढ़ाई में अव्वल रहती हूँ और दूसरा यह की मैं बेधड़क गालियां खूब अच्छी तरह से देती हूँ। लड़के मेरी गालियों को खूब एन्जॉय करते हैं। मैं गन्दी से गन्दी गालियां देती हूँ। मेरे मुंह से लण्ड, बुर, चूत, गांड, भोसड़ा, बहन चोद, मादर चोद, भोसड़ी के, गांडू सब धड़ाधड़ निकलता है। मैं तो कभी कभी नयी नयी गालियां भी इज़ात कर लेती हूँ। मैं किसी की भी खुले आम माँ बहन चोद देती हूँ। मुझे लड़कों की गांड मारने का बड़ा शौक है।
मेरा नाम रफ़ा है और मेरी अम्मी का नाम सबरीना। मेरी अम्मी सच में बहुत खूबसूरत हैं और खुले दिल वाली हैं। हंसमुख हैं खूब हंसी मजाक करतीं हैं और जम कर ज़िन्दगी एन्जॉय करती हैं। मैंने उनको प्यार से गालियां देते हुए भी सुना है और लोगों को गंदे गंदे चुटकुले सुनाते हुए भी सुना है।जैसे जैसे मेरी उम्र बढाती गयी वैसे वैसे अम्मी भी मेरे सामने ही दूसरों को गालियां देती गयीं। उसे मालूम था की मैं उसकी गालियां सुन रही हूँ पर उसे कोई परवाह नहीं थी। वह शायद अपनी बेटी को जवान होने का इंतज़ार कर रहीं थीं। इन्ही सब बातो का प्रभाव मेरे ऊपर पड़ा।
समय के साथ साथ मेरी उम्र भी बढ़ रही थी। बस २ महीने ही बचे थे मेरे बालिग होने में। एक दिन मैंने उनको पड़ोस की आंटी रहीमा से बात करते हुए चुपके चुपके सुन लिया।
दो दिन बाद आंटी की बेटी रिया ने दोपहर में छत से मुझे इशारे से बुलाया। मैं चुपचाप उसके पास चली गयी तो बोली रफ़ा आओ मैं तुम्हे एक तमाशा दिखाती हूँ . वह मुझे एक खिड़की के पास ले गयी जिसमे एक सुराख़ था। वह बोली ये सुराख़ बड़े बड़े राज़ खोलता है रफ़ा। इससे मैंने अम्मी को अब्बू से चुदवाते हुए देखा है, दीदी को जीजू से चुदवाते हुए देखा है और सबसे बड़ी बात की एक दिन मैंने अम्मी को जीजू का लण्ड पीते हुए देखा है और दीदी को अपने डावर से चुदवाते हुए भी देखा। आज तू भी एक खूबसूरत नज़ारा देख ले। तेरी तबियत मस्त हो जाएगी। मैंने झाँक कर देखा तो सन्न रह गयी। मैंने देखा की मेरी अम्मी अपने बड़े बड़े स्तन खोले हुए सोफा पर बैठीं हैं और उसके सामने रिया का अब्बू एकदम नंगा खड़ा है। मेरी अम्मी उसका लण्ड मुंह में लिए हुए चूस रहीं हैं। मेरी चूत में बहन चोद आग लग गयी। मैं समझ गयी की आज तो अम्मी रिया के अब्बू से चुदवाकर कर ही जाएगी। मैं एकटक उनकी यह करतूत देखती रही और थोड़ी देर बाद वही होने भी लगा। अंकल मेरी माँ का भोसड़ा धकाधक चोदने लगा। हम दोनों आँखें गड़ा कर सब कुछ देखने लगीं।
अब मेरे अंदर लण्ड पकड़ने की इच्छा जोर पकड़ने लगी। मैं कॉलेज गयी और अपने एक हैंडसम दोस्त के साथ सिनेमा देखने चली गयी। हाल के पीछे वाली कोने की सीट ली और जैसे ही फिल्म तो चालू हुए १० मिनट हुआ वैसे मैंने उसके लण्ड पर हाथ रख दिया। मैंने उसके कान में कहा मैं तेरा लण्ड पकड़ने आयी हूँ सिनेमा देखने नहीं। मेरी इस बात उसका लण्ड और साला टन्ना गया। मैंने पैंट की जिप खोल कर लण्ड बाहर निकाल लिया और उसे बड़े प्यार से सहलाने लगी। बीच बीच में झुक कर चुम्मी लेने लगी। उसकी छोटी छोटी झांटों पर ऊँगली फिराने लगी। वह भी मेरी चूँचियाँ दबाने लगा और हाथ सलवार के अंदर घुसेड़ कर मेरी चूत पर ऊगलियॉँ फिराने लगा। मैंने फिर कान में कहा तेरा लण्ड तो बड़ा मोटा है, यार । मुझे बहुत पसंद है। उसका जोश और बढ़ गया। फिर मौक़ा पाकर मैंने झुक कर लण्ड का टोपा मुंह में भर लिया और चूसने लगी। नतीजा यह हुआ की फिल्म ख़तम होने के पहले ही वह झड़ गया।
फिर मैंने दूसरे दिन एक दूसरे के साथ फिल्म देखने गयी और उसका लण्ड भी पकड़ा। उससे वही कहा जो मैंने पहले वाले से कहा था। तीसरे दिन मैं तीसरे लड़के के साथ फिल्म देखने लगी और उसका भी लण्ड पकड़ा। मुझे तीनो लण्ड जबरदस्त लगे। मैंने उससे भी वही कहा जो उन दोनों से कहा था। मेरा लण्ड पकड़ने का दायरा बढ़ता गया। खूबसूरत लड़की को सब लोग मादर चोद लण्ड पकड़ाना चाहते हैं। फिर एक दिन मैंने मौक़ा पाकर चुदवा भी लिया। इसी बीच मैं घर में नेट पर चुपके चुपके पोर्न फिल्म भी देखने लगी और उनसे बहुत सीखने भी लगीं। लण्ड का वीर्य पीना मैंने पोर्न से ही सीखा और/२ -२ / ३ - ३ लड़कों से एक साथ चुदवाना भी मैंने पोर्न फिल्म से ही जाना। इधर जबसे से मैंने अम्मी का कारनामा देखा तबसे मैं और बोल्ड हो गयी। डर और शर्म तो बिलकुल ख़तम ही हो गयी। मैंने सोंच लिया की जब अम्मी ऐसा कर सकतीं हैं तो फिर मैं क्यों नहीं ? मेरी हिम्मत खुल गयी .
एक दिन मैं घर में ही एक लड़के को बुला कर उसका लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी। मैं भी मादर चोद पूरी तरह नंगी थी और वह लड़का भी नंगा था।अम्मी कहीं बाहर गयी हुई थीं। मैं तो लण्ड चूसने में इतनी मस्त हो गयी की मुझे दीन दुनिया की कोई खबर ही नहीं रही। अचानक अम्मी कमरे में आ गयीं लेकिन मैंने उसे देखा नहीं, मेरे दोस्त ने भी नहीं देखा क्योंकि वह आंखें बंद किये हुए लण्ड चुसवा रहा था। मैं भी मजे से लण्ड चूसती रही।
अचानक अम्मी बोली - हाय रफ़ा, तू बहन चोद छिप छिप कर लड़कों के लण्ड चूसती है ?
मैंने कहा - तो क्या हुआ अम्मी जान ? अब तो मैं जवान हो रही हूँ ? कोई गुनाह तो नहीं कर रही हूँ।
अम्मी ने कहा - गुनाह तो नहीं है, बेटी। पर अभी तू इन सब चीजों से अनजान है। कहीं कोई गलती हो गयी तो लेने के देने पड़ जायेगें ?
मैंने कहा - नहीं अम्मी जान, कुछ नहीं होगा। मैं पढ़ी लिखी हूँ सब जानती हूँ।
अम्मी बोली - नहीं बेटी, तू अभी इन चीजों को नहीं जानती है। इतनी भी जल्दी क्या है ?
मैंने कहा - अब तो एक महीना ही रह गया है मुझे जवान होने में ?
अम्मी ने कहा - तेरी माँ की चूत, बेटी रफा. तू मेरी बात समझ ही नहीं रही है। तू अभी कुवांरी है ?
मैंने कहा - मैं कुवांरी नहीं हूँ, अम्मी ?
अम्मी बोली - हाय दईया, क्या कह रही तू माँ की लौड़ी रफ़ा ?
मैंने कहा - हां मैं कुवांरी नहीं हूँ, मैं चुदी हुई हूँ, अम्मी जान ?
अम्मी बोली - हाय अल्ला, तू सच कह रही है। तूने कब चुदवाया ? और कितने लोगों से चुदवाया ?
मैंने कहा - मैं पिछले महीने से ही चुदवा रही हूँ। जब से मैंने तुम्हे रिया के अब्बू से चुदवाते हुए देखा ? अभी तक तीन लड़कों से चुदवा चुकी हूँ।
अम्मी बोली - तो फिर तूने भोसड़ी की अपनी माँ क्यों नहीं चुदवाई ? उसमे क्यों देर कर रही है ? जब तूने मुझे देखा था, उसी समय अगर तू आ जाती तो मैं तुझे खुद ही लण्ड पकड़ा देती ?
ऐसा बोल कर अम्मी ने लण्ड मेरे हाथ से छीन लिया और खुद उसे प्यार से सहलाने लगीं। उधर उसकी चूँचियाँ खुल गयीं। शेरू (मेरा दोस्त) चूँचियाँ एकटक देखने लगा। लण्ड जो पहले सिकुड़ गया था वह अब सर उठा कर टना टन खड़ा हो गया। अम्मी बोली बेटी रफ़ा तेरे दोस्त का लण्ड तो एकदम मरदाना है और मोटा तगड़ा है। मैं ऐसे ही लण्ड पसन्द करती हूँ। उसने लण्ड कई बार चूमा और कहा अब मैं लण्ड चूस कर तुम्हे बताऊंगी की कैसे चूसा जाता है लण्ड ? अम्मी की बातों ने मेरे अंदर जोश भर दिया। फिर जैसा अम्मी ने बताया मैं भी उसी तरह लण्ड चूसने लगी। मज़ा आ गया मुझे भी और शेरू को भी। तब तक अम्मी के सारे कपड़े उतर चुके थे। शेरू बोला हाय रफ़ा तेरी अम्मी तो गज़ब की खूबसूरत हैं और बड़ी मस्त जवान हैं। मैंने मजाक किया अच्छा शेरू लगता है की तेरा दिल मेरी माँ के भोसड़ा पर आ गया है। वह बोला बात यह है रफ़ा की मेरी खाला का भोसड़ा भी ऐसा ही है जिसे मैं चोदता हूँ।
इस बात को सुनकर मैंने लण्ड चूसने की स्पीड बढ़ा दी। नतीजा यह हुआ की वह झड़ गया। मैं उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी। मैं वीर्य सारा पी गयी। अम्मी ने कहा हाय दईया तू बुर चोदी बहुत बड़ी हरामजादी हो गई है। तूने लण्ड पीना कहाँ से सीखा ? मैंने कहा नेट पर पोर्न फिल्म देख देख कर मैं सब सीख गयी, अम्मी । फिर तो वह मेरे साथ चाटने लगीं लण्ड। फिर हम तीनो एक साथ बाथ रूम गयी। मैंने लण्ड को खूब साबुन लगा कर नहलाया और अम्मी ने उसमे मेरा साथ दिया। उसने मेरी चूत में साबुन लगाया और चूँचियों पर भी। अम्मी की चूँचियाँ धोयीं और चूत पर साबुन लगाया। हम तीनो ने खूब मस्ती की और फिर बाहर निकल आयीं। मैंने उसका नंगा बदन तौलिये से पोंछा और मजे से लण्ड भी पोंछा। हम लोग नंगे ही थे। अम्मी ने किसी को कपड़े नहीं पहनने दिया। उसके बाद हम सबने नंगे नंगे ही खाना खया और खूब मसालेदार बातें की। करीब घंटा आधा घंटा के बाद लण्ड फिर करवटें बदलने लगा। मैंने कहा अम्मी ये तो साला फिर खड़ा हो गया। अब ये क्या करेगा बहन चोद
अम्मी बोली :- अब ये तेरी माँ का भोसड़ा चोदेगा, बेटी।
मैंने कहा - और ये तेरी बिटिया की बुर भी चोदेगा, अम्मी जान .
तब तक किसी ने पीछे से कहा - मैं भी तेरी बिटिया की बुर चोदूंगा, भाभी ?
मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो मालूम हुआ की वह जुम्मन अंकल हैं। जो कभी हमारा किरायेदार था। वह बोलै भाभी जान मैं आपके घर में रहता था तो आपकी बुर लेकर चला जाता था। क्योंकि रफ़ा छोटी थी। लेकिन अब यह कवन हो गयी है भाभी तो अब मैं इसकी भी बुर लूंगा ? अम्मी के कहा तू भोसड़ी का अपनी बीवी किसी और से चुदवाता है, अपनी बेटी किसी और से चुदवाता है और यहाँ मेरी बेटी चोदने आया है ? वह बोला तुम भी तो मेरी बेटी के मियां से चुदवाती हो भाभी जान ? फिर मुझे अम्मी की कहानी मालूम हो गयी। मैं आगे बढ़ी और उसके पैजामे में हाथ डाल कर बोली अच्छा ठीक हैं अंकल ? पर मुझे दिखा तो की कितना बड़ा है तेरा बेटी चोद लण्ड ? मेरा हाथ उसके लण्ड से टकरा गया। मैं समझ गई की लण्ड साला दमदार है। मैंने सोंचा की जब हम तीनो नंगे हैं तो इसको भी क्यों न नंगा किया जाए। मैंने उसका पैजामा झर्र से खोल डाला और वह भी मार चोद नंगा हो गया । मैं जब लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी तो तन कर खड़ा हो गया। इसका लण्ड शेरू के लण्ड कुछ बड़ा था।
अब मैं यह सोंचने लगी की मैं अंकल का लण्ड अम्मी के भोसड़ा में पेलूं की शेरू का लण्ड ? फिर मन में आया की अम्मी तो जुम्मन से चुदवा चुकी हैं तो क्यों न मैं शेरू का लण्ड अम्मी की चूत में घुसेड़ दूँ। मैं धीरे धीरे आगे बढ़ी और लण्ड अम्मी की चूत पर टिका दिया। मैंने उसे इशारा किया तो उसने जोर लगा एक धक्का मारा तो पूरा लण्ड अंदर घुस गया। अम्मी बोली हाय दईया रफ़ा आज तू अपनी माँ चुदवा कर ही मानेगी। मैंने मजाक में कहा अम्मी, तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा। अम्मी ने भी देर नहीं लगायी। उसने अंकल का लण्ड पकड़ा और मेरी चूत पर रख दिया। चूत गीली थी ही। एक ही धक्के में लण्ड अंदर हो गया। अम्मी मस्ती में बोली - रफा बेटी, तेरी माँ की बिटिया की बुर ? हम दोनों फिर लण्ड अदल बदल कर चुदवाने लगीं। यह मेरा माँ चुदाने का पहला मौक़ा था। उसके बाद मैंने मुड़ कर नहीं देखा। मैं खालू से चुदवाने लगी, मामू मेरी बुर चोदने लगा, फूफी का बेटा भी मेरी चूत में लण्ड पेलने लगा वगैरह वगैरह ,, .
अब मैं २२ साल की हो गयी तो अम्मी मेरी शादी के बारे में सोंचने लगीं। इधर मैं सोंचने लगी की मेरा शौहर ऐसा हो जिसका लण्ड बड़ा भी हो और मोटा भी। इसके कई फायदे होंगें। पहला यह की मुझे चुदवाने में मज़ा आएगा। दूसरा यह की वह मेरी माँ भी चोदेगा, खाला की बुर भी लेगा, खाला की बिटिया चोदेगा, फूफी का भी भोसड़ा फाड़ेगा और उसकी बेटी को भी चोदेगा। इससे यह होगा की मैं इन सबके शौहरों से बेधड़क चुदवाती रहूंगी। इसके अलावा जिसकी भी बीवी वक बार उससे चुदवा लेगी वह बार बार चुदवाने आएगी और दूसरों को भी साथ लाएगी। इससे मैं उन लोगों के मर्दों से भी धकाधक चुदवाती रहूंगी। बस मैं ऐसे ही लण्ड की तलास में जुट गयी। मैंने अपनी सभी सहेलियों से भी लण्ड की तलास के लिए कह रखा था। एक दिन मेरी दोस्त सलमा ने बातों बातों में कहा यार बसीर का लण्ड बड़ा मोटा है बहन चोद ? लंबा भी इतना है की लगता है की मुंह से निकल आएगा। मैंने कहा तू सच कह रही है ? वह बोली बिलकुल सच कह रही हूँ। फिर मैंने बसीर से दोस्ती बनाई और एक दिन मैंने अपने दिल की बात कह दी।
मैंने उसे एक बड़े से पार्क में ले गयी और एक जगह एकांत में बैठ कर बातें करने लगी।
फिर तो मैं रात भर उसके लण्ड से खेलती रही और मस्ती से मैंने रात में तीन बार चुदवाया। दूसरे दिन भी मैंने उससे रात भर चुदवाया और तीसरे दिन भी। फिर वह अपने काम पर विदेश चला गया।
एक दिन मेरा बड़ा देवर जो मेरे मियां से एक साल छोटा है घर पर इधर उधर घूम रहा था। मैंने उसे अकेला देखा। मैं भी मूड में थी। मैंने उसे बुलाया और प्यार से बातें करने लगी और फिर गन्दी गन्दी बातें करने लगी। मैंने यह भी पूंछ लिया की तुम किस किस की बुर लेते हो ? उसने साफ़ साफ तो नहीं बताया बल्कि शर्म से आँखें नीची कर ली। मैंने कहा अरे देवर जी अगर तुम इस तरह शर्माओगे तो अपनी नई भाभी की बुर कैसे लोगे ? बस वह मुझसे लिपट गया बोला रफ़ा भाभी तुम बहुत अच्छी हो ? मैंने उसका लण्ड ऊपर से दबा दिया। फिर पैजामे का नाड़ा खोल कर लण्ड बाहर निकाल लिया। मैं बोली हाय दईया कितना बड़ा है लण्ड तेरा ? कितना मोटा है यार ? ये तो तेरी भाभी की बुर चीर कर रख देगा। मैं लण्ड बड़े प्यार से कई बार चूमा और पेल्हड़ भी चूमा। उसकी मस्ती बढ़ गयी और उसने मेरी चूँचियाँ पकड़ लीं। फिर हम दोनों के कपड़े भी खुलने लगे। पल भर में हम दोनों नंगे हो गए। मैं उससे चिपट गयी और वह मुझसे। उसके बाद तो वह मुझे भकाभक चोद कर ही बाहर गया.
एक दिन मेरी नन्द अपने मियां के साथ आ गयी। मेरी नन्द बहुत मजाकिया स्वभाव की है। वह बोली भाभी तुम्हे मेरे भाई जान का लौड़ा पसंद आया की नहीं ? उसने ठीक से तेरी बुर चोदी की नहीं ? तेरे मुंह में लौड़ा घुसेड़ा की नहीं ? मैंने कहा यार तुम्हे यह सब कैसे मालूम है ? वह बोली अरे भाभी मेरा भाई जान मेरी सहेलियों की बुर लेता है। सबकी बुर चोदता है वो। उन्हीं सहेलियों ने मुझे बताया। उसी दिन रात के १२ बजे मैं जब अकेली अपने कमरे में लेटी थी तो वह मेरे पास आ गयी। मैंने देखा की वह एकदम नंगी है। मैंने कहा हाय दईया नन्द रानी तुम एकदम नंगी ? वह बोली अरे भाभी लो मेरे शौहर का लण्ड पकड़ो। उसने मुझे अपने मियां का लौड़ा पकड़ा दिया और कहा भाभी आज रात भर इससे चुदवाओ। एक नया लौड़ा पाकर मैं तो मस्त हो गयी और लौड़ा हिलाने लगी। मैंने कहा तो तुम क्या करोगी ?
वह बोली मैं अम्मी के साथ खालू और जीजू से चुदवाने जा रही हूँ। यहाँ रात में लोग अपनी बीवी नहीं दूसरे की बीवी चोदते हैं। बीवियां अपने मियां का लौड़ा नहीं दूसरे के मियां का लौड़ा चोदतीं हैं। तुम भी चोदो मेरे मियां का लण्ड, भाभी।
माईके आकर मैंने अम्मी को सारा किस्सा सुनाया तो बहुत खुश हुई। मैंने अपने शौहर के लण्ड की फोटो, देवर के लण्ड की फोटो और अपने नंदोई के लण्ड की फोटो दिखाई तो वह बड़े प्यार से मेरे गाल थपथपाती हुई बोली रफ़ा तू तो बिलकुल अपनी माँ ही तरह बहुत बड़ी बुर चोदी हो गयी है।
उस समय मैं १७ साल की हो चुकी थी। कहने को तो मुझे जवान होने के लिए एक साल और इंतज़ार करना था पर सच्चाई वह है की मैं पूरी तरह जवान हो चुकी थी। मेरा कद ५ ४" का हो गया था. मैं औसत बदन वाली लड़की थी न मोटी और न पतली। मेरा रंग गोरा हैं, लोग कहतें हैं की मैं खूबसूरत हूँ और मुझ में सेक्स अपील है। मैं पढ़ने लिखने में बहुत तेज हूँ और अपने कॉलेज में दो बातों के लिए मशहूर हूँ। पहला की मैं पढ़ाई में अव्वल रहती हूँ और दूसरा यह की मैं बेधड़क गालियां खूब अच्छी तरह से देती हूँ। लड़के मेरी गालियों को खूब एन्जॉय करते हैं। मैं गन्दी से गन्दी गालियां देती हूँ। मेरे मुंह से लण्ड, बुर, चूत, गांड, भोसड़ा, बहन चोद, मादर चोद, भोसड़ी के, गांडू सब धड़ाधड़ निकलता है। मैं तो कभी कभी नयी नयी गालियां भी इज़ात कर लेती हूँ। मैं किसी की भी खुले आम माँ बहन चोद देती हूँ। मुझे लड़कों की गांड मारने का बड़ा शौक है।
मेरा नाम रफ़ा है और मेरी अम्मी का नाम सबरीना। मेरी अम्मी सच में बहुत खूबसूरत हैं और खुले दिल वाली हैं। हंसमुख हैं खूब हंसी मजाक करतीं हैं और जम कर ज़िन्दगी एन्जॉय करती हैं। मैंने उनको प्यार से गालियां देते हुए भी सुना है और लोगों को गंदे गंदे चुटकुले सुनाते हुए भी सुना है।जैसे जैसे मेरी उम्र बढाती गयी वैसे वैसे अम्मी भी मेरे सामने ही दूसरों को गालियां देती गयीं। उसे मालूम था की मैं उसकी गालियां सुन रही हूँ पर उसे कोई परवाह नहीं थी। वह शायद अपनी बेटी को जवान होने का इंतज़ार कर रहीं थीं। इन्ही सब बातो का प्रभाव मेरे ऊपर पड़ा।
समय के साथ साथ मेरी उम्र भी बढ़ रही थी। बस २ महीने ही बचे थे मेरे बालिग होने में। एक दिन मैंने उनको पड़ोस की आंटी रहीमा से बात करते हुए चुपके चुपके सुन लिया।
- आंटी बोली - अरी सबरीना, अब तो तेरी बेटी जवान हो गईं है अब तो तू उससे खुल जा। जैसे मैं अपनी बेटी से खुल गयी हूँ। इससे तुझे बड़ी आसानी हो जाएगी।
- अम्मी ने कहा - नहीं यार अभी दो महीने बाकी हैं। मैं कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। दो महीने बहुत जल्दी ही निकल जायेगें।
- अच्छा तो फिर दो महीने के बाद तू क्या करेगी ?
- गांड मराऊंगी मैं अपनी बेटी के आगे और क्या ? अम्मी हंस कर बड़े मजाकिया अंदाज़ में बोली।
- गांड मराने से क्या फायदा ? पहले उसे लण्ड पकड़ना सिखा। इसके लिए तुझे कोई लण्ड पकड़ाना होगा उसे, फिर लण्ड चाटना, लण्ड चूसना और लण्ड पीना सिखा और फिर ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,?
- अम्मी बीच में ही बोल पड़ी, मेरी बेटी बड़ी तेज है आगे क्या करना है वह सब अपने आप सीख लेगी।
- अच्छा तुझे इतना यकीन है अपनी बेटी रफ़ा पर।
- हां बिलकुल ? रफ़ा की माँ की चूत, रफ़ा की माँ का भोसड़ा वह बुर चोदी इतना भी सीख नहीं पायेगी की लण्ड पकड़ने के बाद उसे अपनी चूत में पेला जाता है ? अरे उसकी उम्र की लड़कियां तो लण्ड अपनी माँ की चूत में घुसेड़देतीं हैं।
- यही तो मैं कहने जा रही थी। अब मेरी ही बेटी को देखो धकाधक लण्ड पेलती है मेरी चूत में।
दो दिन बाद आंटी की बेटी रिया ने दोपहर में छत से मुझे इशारे से बुलाया। मैं चुपचाप उसके पास चली गयी तो बोली रफ़ा आओ मैं तुम्हे एक तमाशा दिखाती हूँ . वह मुझे एक खिड़की के पास ले गयी जिसमे एक सुराख़ था। वह बोली ये सुराख़ बड़े बड़े राज़ खोलता है रफ़ा। इससे मैंने अम्मी को अब्बू से चुदवाते हुए देखा है, दीदी को जीजू से चुदवाते हुए देखा है और सबसे बड़ी बात की एक दिन मैंने अम्मी को जीजू का लण्ड पीते हुए देखा है और दीदी को अपने डावर से चुदवाते हुए भी देखा। आज तू भी एक खूबसूरत नज़ारा देख ले। तेरी तबियत मस्त हो जाएगी। मैंने झाँक कर देखा तो सन्न रह गयी। मैंने देखा की मेरी अम्मी अपने बड़े बड़े स्तन खोले हुए सोफा पर बैठीं हैं और उसके सामने रिया का अब्बू एकदम नंगा खड़ा है। मेरी अम्मी उसका लण्ड मुंह में लिए हुए चूस रहीं हैं। मेरी चूत में बहन चोद आग लग गयी। मैं समझ गयी की आज तो अम्मी रिया के अब्बू से चुदवाकर कर ही जाएगी। मैं एकटक उनकी यह करतूत देखती रही और थोड़ी देर बाद वही होने भी लगा। अंकल मेरी माँ का भोसड़ा धकाधक चोदने लगा। हम दोनों आँखें गड़ा कर सब कुछ देखने लगीं।
अब मेरे अंदर लण्ड पकड़ने की इच्छा जोर पकड़ने लगी। मैं कॉलेज गयी और अपने एक हैंडसम दोस्त के साथ सिनेमा देखने चली गयी। हाल के पीछे वाली कोने की सीट ली और जैसे ही फिल्म तो चालू हुए १० मिनट हुआ वैसे मैंने उसके लण्ड पर हाथ रख दिया। मैंने उसके कान में कहा मैं तेरा लण्ड पकड़ने आयी हूँ सिनेमा देखने नहीं। मेरी इस बात उसका लण्ड और साला टन्ना गया। मैंने पैंट की जिप खोल कर लण्ड बाहर निकाल लिया और उसे बड़े प्यार से सहलाने लगी। बीच बीच में झुक कर चुम्मी लेने लगी। उसकी छोटी छोटी झांटों पर ऊँगली फिराने लगी। वह भी मेरी चूँचियाँ दबाने लगा और हाथ सलवार के अंदर घुसेड़ कर मेरी चूत पर ऊगलियॉँ फिराने लगा। मैंने फिर कान में कहा तेरा लण्ड तो बड़ा मोटा है, यार । मुझे बहुत पसंद है। उसका जोश और बढ़ गया। फिर मौक़ा पाकर मैंने झुक कर लण्ड का टोपा मुंह में भर लिया और चूसने लगी। नतीजा यह हुआ की फिल्म ख़तम होने के पहले ही वह झड़ गया।
फिर मैंने दूसरे दिन एक दूसरे के साथ फिल्म देखने गयी और उसका लण्ड भी पकड़ा। उससे वही कहा जो मैंने पहले वाले से कहा था। तीसरे दिन मैं तीसरे लड़के के साथ फिल्म देखने लगी और उसका भी लण्ड पकड़ा। मुझे तीनो लण्ड जबरदस्त लगे। मैंने उससे भी वही कहा जो उन दोनों से कहा था। मेरा लण्ड पकड़ने का दायरा बढ़ता गया। खूबसूरत लड़की को सब लोग मादर चोद लण्ड पकड़ाना चाहते हैं। फिर एक दिन मैंने मौक़ा पाकर चुदवा भी लिया। इसी बीच मैं घर में नेट पर चुपके चुपके पोर्न फिल्म भी देखने लगी और उनसे बहुत सीखने भी लगीं। लण्ड का वीर्य पीना मैंने पोर्न से ही सीखा और/२ -२ / ३ - ३ लड़कों से एक साथ चुदवाना भी मैंने पोर्न फिल्म से ही जाना। इधर जबसे से मैंने अम्मी का कारनामा देखा तबसे मैं और बोल्ड हो गयी। डर और शर्म तो बिलकुल ख़तम ही हो गयी। मैंने सोंच लिया की जब अम्मी ऐसा कर सकतीं हैं तो फिर मैं क्यों नहीं ? मेरी हिम्मत खुल गयी .
एक दिन मैं घर में ही एक लड़के को बुला कर उसका लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी। मैं भी मादर चोद पूरी तरह नंगी थी और वह लड़का भी नंगा था।अम्मी कहीं बाहर गयी हुई थीं। मैं तो लण्ड चूसने में इतनी मस्त हो गयी की मुझे दीन दुनिया की कोई खबर ही नहीं रही। अचानक अम्मी कमरे में आ गयीं लेकिन मैंने उसे देखा नहीं, मेरे दोस्त ने भी नहीं देखा क्योंकि वह आंखें बंद किये हुए लण्ड चुसवा रहा था। मैं भी मजे से लण्ड चूसती रही।
अचानक अम्मी बोली - हाय रफ़ा, तू बहन चोद छिप छिप कर लड़कों के लण्ड चूसती है ?
मैंने कहा - तो क्या हुआ अम्मी जान ? अब तो मैं जवान हो रही हूँ ? कोई गुनाह तो नहीं कर रही हूँ।
अम्मी ने कहा - गुनाह तो नहीं है, बेटी। पर अभी तू इन सब चीजों से अनजान है। कहीं कोई गलती हो गयी तो लेने के देने पड़ जायेगें ?
मैंने कहा - नहीं अम्मी जान, कुछ नहीं होगा। मैं पढ़ी लिखी हूँ सब जानती हूँ।
अम्मी बोली - नहीं बेटी, तू अभी इन चीजों को नहीं जानती है। इतनी भी जल्दी क्या है ?
मैंने कहा - अब तो एक महीना ही रह गया है मुझे जवान होने में ?
अम्मी ने कहा - तेरी माँ की चूत, बेटी रफा. तू मेरी बात समझ ही नहीं रही है। तू अभी कुवांरी है ?
मैंने कहा - मैं कुवांरी नहीं हूँ, अम्मी ?
अम्मी बोली - हाय दईया, क्या कह रही तू माँ की लौड़ी रफ़ा ?
मैंने कहा - हां मैं कुवांरी नहीं हूँ, मैं चुदी हुई हूँ, अम्मी जान ?
अम्मी बोली - हाय अल्ला, तू सच कह रही है। तूने कब चुदवाया ? और कितने लोगों से चुदवाया ?
मैंने कहा - मैं पिछले महीने से ही चुदवा रही हूँ। जब से मैंने तुम्हे रिया के अब्बू से चुदवाते हुए देखा ? अभी तक तीन लड़कों से चुदवा चुकी हूँ।
अम्मी बोली - तो फिर तूने भोसड़ी की अपनी माँ क्यों नहीं चुदवाई ? उसमे क्यों देर कर रही है ? जब तूने मुझे देखा था, उसी समय अगर तू आ जाती तो मैं तुझे खुद ही लण्ड पकड़ा देती ?
ऐसा बोल कर अम्मी ने लण्ड मेरे हाथ से छीन लिया और खुद उसे प्यार से सहलाने लगीं। उधर उसकी चूँचियाँ खुल गयीं। शेरू (मेरा दोस्त) चूँचियाँ एकटक देखने लगा। लण्ड जो पहले सिकुड़ गया था वह अब सर उठा कर टना टन खड़ा हो गया। अम्मी बोली बेटी रफ़ा तेरे दोस्त का लण्ड तो एकदम मरदाना है और मोटा तगड़ा है। मैं ऐसे ही लण्ड पसन्द करती हूँ। उसने लण्ड कई बार चूमा और कहा अब मैं लण्ड चूस कर तुम्हे बताऊंगी की कैसे चूसा जाता है लण्ड ? अम्मी की बातों ने मेरे अंदर जोश भर दिया। फिर जैसा अम्मी ने बताया मैं भी उसी तरह लण्ड चूसने लगी। मज़ा आ गया मुझे भी और शेरू को भी। तब तक अम्मी के सारे कपड़े उतर चुके थे। शेरू बोला हाय रफ़ा तेरी अम्मी तो गज़ब की खूबसूरत हैं और बड़ी मस्त जवान हैं। मैंने मजाक किया अच्छा शेरू लगता है की तेरा दिल मेरी माँ के भोसड़ा पर आ गया है। वह बोला बात यह है रफ़ा की मेरी खाला का भोसड़ा भी ऐसा ही है जिसे मैं चोदता हूँ।
इस बात को सुनकर मैंने लण्ड चूसने की स्पीड बढ़ा दी। नतीजा यह हुआ की वह झड़ गया। मैं उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी। मैं वीर्य सारा पी गयी। अम्मी ने कहा हाय दईया तू बुर चोदी बहुत बड़ी हरामजादी हो गई है। तूने लण्ड पीना कहाँ से सीखा ? मैंने कहा नेट पर पोर्न फिल्म देख देख कर मैं सब सीख गयी, अम्मी । फिर तो वह मेरे साथ चाटने लगीं लण्ड। फिर हम तीनो एक साथ बाथ रूम गयी। मैंने लण्ड को खूब साबुन लगा कर नहलाया और अम्मी ने उसमे मेरा साथ दिया। उसने मेरी चूत में साबुन लगाया और चूँचियों पर भी। अम्मी की चूँचियाँ धोयीं और चूत पर साबुन लगाया। हम तीनो ने खूब मस्ती की और फिर बाहर निकल आयीं। मैंने उसका नंगा बदन तौलिये से पोंछा और मजे से लण्ड भी पोंछा। हम लोग नंगे ही थे। अम्मी ने किसी को कपड़े नहीं पहनने दिया। उसके बाद हम सबने नंगे नंगे ही खाना खया और खूब मसालेदार बातें की। करीब घंटा आधा घंटा के बाद लण्ड फिर करवटें बदलने लगा। मैंने कहा अम्मी ये तो साला फिर खड़ा हो गया। अब ये क्या करेगा बहन चोद
अम्मी बोली :- अब ये तेरी माँ का भोसड़ा चोदेगा, बेटी।
मैंने कहा - और ये तेरी बिटिया की बुर भी चोदेगा, अम्मी जान .
तब तक किसी ने पीछे से कहा - मैं भी तेरी बिटिया की बुर चोदूंगा, भाभी ?
मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो मालूम हुआ की वह जुम्मन अंकल हैं। जो कभी हमारा किरायेदार था। वह बोलै भाभी जान मैं आपके घर में रहता था तो आपकी बुर लेकर चला जाता था। क्योंकि रफ़ा छोटी थी। लेकिन अब यह कवन हो गयी है भाभी तो अब मैं इसकी भी बुर लूंगा ? अम्मी के कहा तू भोसड़ी का अपनी बीवी किसी और से चुदवाता है, अपनी बेटी किसी और से चुदवाता है और यहाँ मेरी बेटी चोदने आया है ? वह बोला तुम भी तो मेरी बेटी के मियां से चुदवाती हो भाभी जान ? फिर मुझे अम्मी की कहानी मालूम हो गयी। मैं आगे बढ़ी और उसके पैजामे में हाथ डाल कर बोली अच्छा ठीक हैं अंकल ? पर मुझे दिखा तो की कितना बड़ा है तेरा बेटी चोद लण्ड ? मेरा हाथ उसके लण्ड से टकरा गया। मैं समझ गई की लण्ड साला दमदार है। मैंने सोंचा की जब हम तीनो नंगे हैं तो इसको भी क्यों न नंगा किया जाए। मैंने उसका पैजामा झर्र से खोल डाला और वह भी मार चोद नंगा हो गया । मैं जब लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी तो तन कर खड़ा हो गया। इसका लण्ड शेरू के लण्ड कुछ बड़ा था।
अब मैं यह सोंचने लगी की मैं अंकल का लण्ड अम्मी के भोसड़ा में पेलूं की शेरू का लण्ड ? फिर मन में आया की अम्मी तो जुम्मन से चुदवा चुकी हैं तो क्यों न मैं शेरू का लण्ड अम्मी की चूत में घुसेड़ दूँ। मैं धीरे धीरे आगे बढ़ी और लण्ड अम्मी की चूत पर टिका दिया। मैंने उसे इशारा किया तो उसने जोर लगा एक धक्का मारा तो पूरा लण्ड अंदर घुस गया। अम्मी बोली हाय दईया रफ़ा आज तू अपनी माँ चुदवा कर ही मानेगी। मैंने मजाक में कहा अम्मी, तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा। अम्मी ने भी देर नहीं लगायी। उसने अंकल का लण्ड पकड़ा और मेरी चूत पर रख दिया। चूत गीली थी ही। एक ही धक्के में लण्ड अंदर हो गया। अम्मी मस्ती में बोली - रफा बेटी, तेरी माँ की बिटिया की बुर ? हम दोनों फिर लण्ड अदल बदल कर चुदवाने लगीं। यह मेरा माँ चुदाने का पहला मौक़ा था। उसके बाद मैंने मुड़ कर नहीं देखा। मैं खालू से चुदवाने लगी, मामू मेरी बुर चोदने लगा, फूफी का बेटा भी मेरी चूत में लण्ड पेलने लगा वगैरह वगैरह ,, .
अब मैं २२ साल की हो गयी तो अम्मी मेरी शादी के बारे में सोंचने लगीं। इधर मैं सोंचने लगी की मेरा शौहर ऐसा हो जिसका लण्ड बड़ा भी हो और मोटा भी। इसके कई फायदे होंगें। पहला यह की मुझे चुदवाने में मज़ा आएगा। दूसरा यह की वह मेरी माँ भी चोदेगा, खाला की बुर भी लेगा, खाला की बिटिया चोदेगा, फूफी का भी भोसड़ा फाड़ेगा और उसकी बेटी को भी चोदेगा। इससे यह होगा की मैं इन सबके शौहरों से बेधड़क चुदवाती रहूंगी। इसके अलावा जिसकी भी बीवी वक बार उससे चुदवा लेगी वह बार बार चुदवाने आएगी और दूसरों को भी साथ लाएगी। इससे मैं उन लोगों के मर्दों से भी धकाधक चुदवाती रहूंगी। बस मैं ऐसे ही लण्ड की तलास में जुट गयी। मैंने अपनी सभी सहेलियों से भी लण्ड की तलास के लिए कह रखा था। एक दिन मेरी दोस्त सलमा ने बातों बातों में कहा यार बसीर का लण्ड बड़ा मोटा है बहन चोद ? लंबा भी इतना है की लगता है की मुंह से निकल आएगा। मैंने कहा तू सच कह रही है ? वह बोली बिलकुल सच कह रही हूँ। फिर मैंने बसीर से दोस्ती बनाई और एक दिन मैंने अपने दिल की बात कह दी।
मैंने उसे एक बड़े से पार्क में ले गयी और एक जगह एकांत में बैठ कर बातें करने लगी।
- मैंने कहा - यार, बसीर मैं तुमसे शादी करना चाहती हूँ।
- वह बोला - वाओ, यार तुमने तो मेरे दिल की बात कह दी। मैं तो खुद तुमसे कहने वाला था। पर एक बात है ,,,,,,,,, ?
- मैंने कहा - क्या बात है ? खुल कर कहो।
- वह बोला - मैं तुमसे झूंठ नहीं बोलना चाहता रफ़ा। देखो मैं शादी शुदा नहीं हूँ लेकिन मैं कुवांरा भी नहीं हूँ। मैं कई लड़कियों से साथ शारीरिक सम्बन्ध रखता हूँ। मुझे कुबूल करोगी ?
- मैंने कहा - मैं भी कुवांरी नहीं हूँ, चुदी हुई हूँ और कई लोगों से चुदी हुई हूँ। पर मैं तुमसे मोहब्बत करती हूँ। मुझे कुबूल करोगे ?
- वह बोला - हां करूंगा, बिलकुल करूंगा।
- मैंने कहा - मैं भी तुम्हे कुबूल करूंगी, बिलकुल करूंगी।
फिर तो मैं रात भर उसके लण्ड से खेलती रही और मस्ती से मैंने रात में तीन बार चुदवाया। दूसरे दिन भी मैंने उससे रात भर चुदवाया और तीसरे दिन भी। फिर वह अपने काम पर विदेश चला गया।
एक दिन मेरा बड़ा देवर जो मेरे मियां से एक साल छोटा है घर पर इधर उधर घूम रहा था। मैंने उसे अकेला देखा। मैं भी मूड में थी। मैंने उसे बुलाया और प्यार से बातें करने लगी और फिर गन्दी गन्दी बातें करने लगी। मैंने यह भी पूंछ लिया की तुम किस किस की बुर लेते हो ? उसने साफ़ साफ तो नहीं बताया बल्कि शर्म से आँखें नीची कर ली। मैंने कहा अरे देवर जी अगर तुम इस तरह शर्माओगे तो अपनी नई भाभी की बुर कैसे लोगे ? बस वह मुझसे लिपट गया बोला रफ़ा भाभी तुम बहुत अच्छी हो ? मैंने उसका लण्ड ऊपर से दबा दिया। फिर पैजामे का नाड़ा खोल कर लण्ड बाहर निकाल लिया। मैं बोली हाय दईया कितना बड़ा है लण्ड तेरा ? कितना मोटा है यार ? ये तो तेरी भाभी की बुर चीर कर रख देगा। मैं लण्ड बड़े प्यार से कई बार चूमा और पेल्हड़ भी चूमा। उसकी मस्ती बढ़ गयी और उसने मेरी चूँचियाँ पकड़ लीं। फिर हम दोनों के कपड़े भी खुलने लगे। पल भर में हम दोनों नंगे हो गए। मैं उससे चिपट गयी और वह मुझसे। उसके बाद तो वह मुझे भकाभक चोद कर ही बाहर गया.
एक दिन मेरी नन्द अपने मियां के साथ आ गयी। मेरी नन्द बहुत मजाकिया स्वभाव की है। वह बोली भाभी तुम्हे मेरे भाई जान का लौड़ा पसंद आया की नहीं ? उसने ठीक से तेरी बुर चोदी की नहीं ? तेरे मुंह में लौड़ा घुसेड़ा की नहीं ? मैंने कहा यार तुम्हे यह सब कैसे मालूम है ? वह बोली अरे भाभी मेरा भाई जान मेरी सहेलियों की बुर लेता है। सबकी बुर चोदता है वो। उन्हीं सहेलियों ने मुझे बताया। उसी दिन रात के १२ बजे मैं जब अकेली अपने कमरे में लेटी थी तो वह मेरे पास आ गयी। मैंने देखा की वह एकदम नंगी है। मैंने कहा हाय दईया नन्द रानी तुम एकदम नंगी ? वह बोली अरे भाभी लो मेरे शौहर का लण्ड पकड़ो। उसने मुझे अपने मियां का लौड़ा पकड़ा दिया और कहा भाभी आज रात भर इससे चुदवाओ। एक नया लौड़ा पाकर मैं तो मस्त हो गयी और लौड़ा हिलाने लगी। मैंने कहा तो तुम क्या करोगी ?
वह बोली मैं अम्मी के साथ खालू और जीजू से चुदवाने जा रही हूँ। यहाँ रात में लोग अपनी बीवी नहीं दूसरे की बीवी चोदते हैं। बीवियां अपने मियां का लौड़ा नहीं दूसरे के मियां का लौड़ा चोदतीं हैं। तुम भी चोदो मेरे मियां का लण्ड, भाभी।
माईके आकर मैंने अम्मी को सारा किस्सा सुनाया तो बहुत खुश हुई। मैंने अपने शौहर के लण्ड की फोटो, देवर के लण्ड की फोटो और अपने नंदोई के लण्ड की फोटो दिखाई तो वह बड़े प्यार से मेरे गाल थपथपाती हुई बोली रफ़ा तू तो बिलकुल अपनी माँ ही तरह बहुत बड़ी बुर चोदी हो गयी है।
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