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मैं अपने देवर के लण्ड पर बैठी हूँ - Main apne devar ke lund par bathti hun aur chudti hun
मैं अपने देवर के लण्ड पर बैठी हूँ - Main apne devar ke lund par bathti hun aur chudti hun , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
रात में बीवियां हो जातीं है रंडियां
सबके लण्ड पर बैठती हैं बीवियां
जी हां मेरा नाम ज़ारा खान है मेरी शादी अभी अभी हुई है और मैं अपनी सुहागरात मनाने आपने कमरे में दुल्हन बनी बैठी हूँ। मेरा शौहर आने वाला है मैं उसी का इंतज़ार का रही हूँ। मैं खुदा से यही दुआ कर रही हूँ की मेरे शौहर का लण्ड मोटा हो और सख्त हो भले ही वह थोड़ा छोटा हो ? मुझे पतला लण्ड बिलकुल पसंद नहीं है चाहे वह कितना ही बड़ा क्यों न हो ? मैं मन ही मन यही सब सोंच रही हूँ। मैं यह भी समझ रही हूँ की मेरा शौहर भी मेरे बारे में कुछ खायलात बनाये होंगें। वह शायद यह सोंच रहा होगा की मेरी बीवी की चूँचियाँ बड़ी बड़ी हों और उसकी चूत बिलकुल टाइट हो। तो मैं उसे बता सकती हूँ की मेरी चूँचियाँ औसत चूँचियों से बड़ी हैं और मेरी चूत भी टाइट है पर हां मैं कुंवारी नहीं हूँ चुदी हुई हूँ। लेकिन मेरी चूत अभी टाइट है। मेरे मन में यही सब चल ही रहा था की कमरे का दरवाजा खुल गया और मेरा शौहर ने अंदर इंट्री ले ली । उसने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया।मैं सहमी सहमी बैठी हुई थी। वह मेरे पास आया और बड़े प्यार से मेरा घूँघट उठाने लगा। हमारी एक दूसरे से नज़रें मिलीं और हम लोग आगे बढ़ने लगे। उसने जब मेरी चूँचियाँ प्यार से दबायीं तो उसकी मुकराहट बता रही थी की उसे मेरी चूँचियाँ पसंद आ गयीं हैं।
मेरा घूँघट उठा चुका था। वह मेरा बलाउज खोलने लगा था और फिर उसने मस्ती से मेरी ब्रा भी खोल दी। मेरी दोनों चूँचियाँ उसकी आँखों के सामने नंगी हो गयीं और वह मजे से उन्हें सहलाने लगा। उसने कहा यार तेरे बूब्स तो बहुत बड़े बड़े हैं। आज मैं पहली बार इतने बड़े बड़े बूब्स देख रहा हूँ। मैं समझ गयी की इसने पहले भी लड़कियों के बूब्स देखें हैं। लेकिन मैं कुछ बोली नहीं। तब तक मेरी साड़ी भी उतर गयी। फिर मैंने भी उसके कपड़े उतार डाले। हां उसके बदन पर सिर्फ एक चड्ढी बची थी। उसके ऊपर का उभार कुछ बयां तो कर रहा था पर उसके लण्ड की मोटाई का सही अंदाज़ा नहीं लग पा रहा था। अचानक उसने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खींच लिया तो पेटीकोट नीचे गिर पड़ा और मैं उसके सामने एकदम नंगी हो गयी। उसका हाथ फ़ौरन मेरी चूत पर चला गया। मेरी चूत चिकनी थी झांटें बिलकुल साफ थीं। वह बोला हाय मेरी जान तुम सच से अंदर से भी उतनी ही खूबसूरत हो जितनी की बाहर से खूबसूरत। उसकी इस बात में मेरे अंदर एक मस्ती का रस घोल दिया और मेरे बदन की आग में इज़ाफ़ा कर दिया।
फिर मैंने भी खुदा का नाम लेकर उसकी चड्ढी नीचे खींच दी। उसका लण्ड एकदम नंगा नंगा मेरी आँखों के सामने आ गया। वह आधा ही खड़ा था। मैंने उसे मुस्कराते हुए पकड़ा और प्यार से। लण्ड बढ़ने लगा और उस मंजिल तक पहुँच गया जिस मंजिल कि मुझे तलाश थी। हां दोस्तों, मेरे शौहर का लण्ड निकला और साख भी। मैंने खुदा का शुक्रिया अदा किया और कहा आदाब लण्ड मियां ? मैं तुझे सलाम करती हूँ। मैं तेरा खैरमकदम करती हूँ। मैंने झुक कर लण्ड की कई बार चुम्मी ली, पेल्हड़ की चुम्मी ली और जबान निकाल कर लण्ड का टोपा चाटने लगी। मेरी ऐसा करने से उसके अंदर जोश भर गया और तब लण्ड बहन चोद और सख्त हो गया। वह भी मेरी चूँचियाँ दबाता रहा और कभी मेरी गांड पर और मेरी पीठ पर हाथ फेरता रहा। फिर उसने मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया। मैं भी पूरी समर्पित भावना से चिपक गयी। उसने बाद उसने बड़ी बेरहमी से पेल दिया अपना ८" का लण्ड मेरी चूत में। मैं चिल्ला पड़ी उई माँ मर गयी मैं। फाड़ डाला इसने मेरी चूत बहन चोद। बड़ा मोटा है इसका लण्ड भोसड़ी का। मेरी गालियों से लण्ड साला और फूल गया और तब मुझे चुदवाने में ज़न्नत का मज़ा आने लगा।
उसके बाद उसने मुझे नीचे से चोदा, पीछे से चोदा, ऊपर चढ़ कर चोदा और लण्ड पर बैठा कर चोदा। मेरी सुआगरात बड़ी हसीं बन गयीऔर मैं मन ही मन बड़ी खुश हुई। एक बार चुदवाने के बाद मैं थोड़ी देर के लिए नंगी नंगी ही नींद में चली गई। करीब दो घंटे के बाद मैं उठी तो देखा की मेरा शौहर पलंग पर नहीं है। मैं समझ नहीं पाई की वह मुझे चोद कर कहाँ चला गया। इतने में मेरी नन्द सकीरा मेरे कमरे में आ गयी।
वह मुझे आधे घंटे तक लगातार चोदता रहा ? मैंने ऐसे ही पूंछा मुनीर तुम इसके पहले किसकी बुर चोद कर आये हो ? वह बोला भाभी मैं अपनी फूफी का भोसड़ा चोद कर आया हूँ। वह जब भी मुझसे मिलती है तो सीधे मेरा लण्ड पकड़ लेती हैं। फिर मुझे चोदना ही पड़ता है। मैंने कहा मुनीर उसकी बेटी तो तेरी उम्र की होगी ? वह कुछ नहीं कहती ? वह बोला अरे भाभी उसकी बेटी मुझसे एक साल बड़ी है। वह तो मेरा लण्ड पीती है। रात को मेरे चादर में घुस जाती है और लण्ड पीती रहती है फिर मौक़ा पाकर चुदवा भी लेती है। यह बात फूफी को मालूम है लेकिन वह मना नहीं करती। मैंने बोली तो तुम माँ बेटी दोनों की बुर लेते हो ? वह बोला हां भाभी जब आसानी से दोनों की बुर मिलती है तो फिर मैं क्यों न लूँ ? मेरा लण्ड जब खड़ा होता है तो वह बिना बुर चोदे बैठता ही नहीं ? मैं क्या करूं, भाभी ?
मैं अपनी सुहागरात में अपने देवर से चुदवाकर मस्त हो गयी।
दूसरे दिन मुझे मालूम हुआ की मेरा मियां कभी अपने दोस्त के घर गया है वह अब कल आएगा। मैं चुप हो गयी और सोंचने लगी की मियां नहीं तो कोई बात नहीं। रात में कोई न कोई मुझे चोदने आ ही जायेगा। शाम को मेरी नन्द अपनी अम्मी ले बात करने लगी । मैं चुपचाप कान लगाकर सुनने लगी। मेरी सास का नाम है नाजिया बेगम। वह ४५ साल की हैं, खूबसूरत और सेक्सी हैं। सास बोली - अरी बुर चोदी सकीरा तूने कल अपनी भाभी की बुर ठीक से चुदवा दी न ? वह बोली - हां अम्मी मैंने ठीक से चुदवा दी। भाभी बड़ी खुश हो गयीं थी। सास ने पूंछा - तो फिर तूने किससे चुदवाया अपनी भाभी की बुर ? नन्द ने जबाब दिया - मुनीर से चुदवा दिया था अम्मी ? सास बोली - अच्छा किया बेटी, उसका लण्ड मोटा है। तेरी भाभी को जरूर पसंद आया होगा। वह बोली - हां अम्मी भाभी को खूब पसंद आया। सास बोली - तो फिर आज रात का प्लान बता देना उसे। नन्द बोली - अरे अम्मी जान आज का प्लान तुम अपनी बहू को बताओ तो ज्यादा अच्छा होगा। सास ने कहा - अच्छा फिर मैं बताने जा रही हूँ। पर तुम मेरे साथ चल। मैं उन दोनों की बातें बड़े ध्यान से सुन रही थी। इतना तो मालूम हो गया की मेरी सास भी भोसड़ी की मुनीर के लण्ड से चुदवाती है और सास नन्द दोनों आपस में गालियों से बात करतीं हैं। इसका मतलब दोनों बुर चोदी साथ साथ चुदवाती होंगीं।
मेरी सास और नन्द दोनों मेरे कमरे में आ गयीं। मैंने कहा - आदाब सासू जी। वह खुश हुई और बोली बहू रानी तुम खुश हो न ? मैंने कहा - हां सासू जी मैं खुश हूँ। वह बोली - देखो बहू रानी ये तेरी नन्द हैं न मैंने इसी को तेरे सुहागरात की जिम्मेदारी सौंपीं थी। अब ये बताओ इस भोसड़ी वाली ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाई ? मैंने कहा - हां सासू जी, नन्द ने बहुत अच्छी तरह से निभायी।
सास बोली - मैं तुम्हे बता रही हूँ बहू, देखो तुंम अब इस घर की हो गयी हो। एक बात नोट कर लो बहू, मियां दिन का राजा होता है तो बीवी रात की रानी। दिन में मियां की चलती है तो रात में बीवी की चलती है। रात में बीवी वही करती है जो वह चाहती है। हमारे यहाँ रात ने बीवियां बुर चोदी सबके लण्ड पर बैठतीं हैं। कोई उन्हें मना नहीं कर सकता ? आज रात में भी यही होने वाला है। यहाँ सबको यह बात मालूम है। तुम नई हो इसलिए मैं तुम्हे बता रही हूँ। तुम आज़ाद हो बहू जिसके लण्ड पर चाहो उसके लण्ड पर बैठो ? जिसका लण्ड चाहो उसका लण्ड चोदो। जिसका लण्ड चाहो उसका लण्ड पियो। यह सब खुल्लम खुल्ला होता है चोरी छिपे नहीं ? देखो तुम अपनी नन्द के कहने पर नहीं आना ? तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? और अपनी बुर चोदी सास की भी कोई बात न सुनना ? तेरी सास की बिटिया की बुर ? बस तेरे मन में जो आये वो करना ? एक बात और सुनो, लण्ड पर बैठ कर यहाँ बीवियां खूब प्यार से गालियां देतीं हैं, झमाझम चुदवाती हैं और मज़ा करतीं हैं। तुम्हे भी ऐसा ही करना है।
सास जी ऐसा कह कर मुस्कराती हुई चली गयीं। मुझे उनकी बातें अंदर ही अंदर गुद गुदाने लगीं। शाम को नन्द मुझे पीछे वाले कमरे में ले गयी और मुझे वह जगह दिखाई जहाँ घर की और नाते रिश्ते की सभी बीवियां लण्ड पर बैठेंगीं। मैं सोंचने लगी की हाय अल्ला, ये सब कैसे होता होगा ? क्या इन बीवियों को कोई शर्म नहीं आती सबके सामने सबके लण्ड पर बैठने में ? मैंने इस तरह की चुदाई कभी देखी नहीं इसलिए मैं बड़ी एक्साइटेड थी, उत्साहित थी और अपनी ससुराल की बीवियों को नंगी नंगी लण्ड पर बैठी हुई देखना चाहती थी। सेक्स का एक तरह का नया मज़ा, एक नया तरीका और एक नए आयाम का मज़ा लेना चाहती थी ? क्या यह सच है सास ससुर के आगे बहुयें भी नंगी नंगी लण्ड पर बैठ जातीं हैं ? फिर मैं नन्द के साथ अपने कमरे में वापस चली गयी। उधर धीरे धीरे घर में चहल पहल बढ़ने लगी। लोग आने लगे और मस्ती छाने लगी।
प्रोग्राम तो ८ बजे शुरू को गया था लेकिन नन्द मुझे करीब ९ बजे लेकर गयी। मैं तो नई नवेली दुल्हन थी। सब लोग मेरा ही इंतज़ार कर रहे थे और सब के सब मरद साले मुझे अपने अपने लण्ड पर बैठाना चाह रहे थे। मैं जब पहुंची तो पूरा कमरा लोगों से खचाखच भरा था। मैंने वैसे तो कई लोगों को जानती थी पर मुझे नन्द ने सबसे मिलवाया। मैं सबसे मिलकर खुश भी हुई। मैंने देखा की मेरी अपनी सास, खाला सास, फुफिया सास, ममिया सा, इन सबकी शादी शुदा बेटियां, बहुएं सब भोसड़ी की बीवियां ही तो हैं। इसीलिए यहाँ लण्ड पर बैठने के लिए जमा हुई हैं। जैसे जैसे समय बीतने लगा वैसे वैसे ही लोगों के कपड़े उतरने लगे। मरद तो बहन चोद सब के सब ऊपर से नंगे बदन थे ही क्योंकि गर्मी का मौसम था। बीवियां भी आधे से ज्यादा नंगी थीं। किसी की चूँचियाँ खुली थीं तो किसी की गाड़ ? किसी की चूत दिखाई पड़ रही थी तो किसी की झांटें ? वैसे कपड़े तो मैं भी ज्यादा नहीं पहने थी । बस चोली और घाघरा ही था।
इतने में मेरी नन्द ने अपने ससुर का लण्ड पैजामे के ऊपर से दबा कर बोली - भोसड़ी के ससुर तेरा लण्ड तो साला नई नवेली बहू को देख कर उछलने लगा है जैसे एक दिन मुझे देख कर उछल पड़ा था। तो अब इसे छिपा कर क्यों रखा है ? खोलो न अपने इस मादर चोद लण्ड को। ऐसा बोलकर नन्द ने अपने ही ससुर के पैजामे का नाड़ा खींच लिया तो पैजामा नीचे गिर पड़ा और उसका खड़ा लण्ड सबके सामने नंगा हो गया। मैं लण्ड देख कर मुस्कराने लगी और नन्द उसे पकड़ कर हिलाने लगी। ऐसे ही फुफिया सास की बेटी नैना मेरे खालू ससुर की लुंगी में हाथ घुसेड़ दिया और बोली हाय मामू जान तेरा लौड़ा क्या लुंगी में अपनी गांड मरायेगा ? अब इसे बाहर निकालो और नई दुल्हन को दिखाओ। उसने फटाक से लुंगी खींच कर बाहर फेंकी दी। मेरा खालू ससुर सबसे सामने नंगा हो गया और उसका खड़ा लण्ड हिनहिनाने लगा। नैना लण्ड पकड़ कर चूमने लगी, चाटने लगी. तब तक खाला सास की बेटी सबीना उठी और बोली - सकीरा, तेरी माँ का भोसड़ा ? आज मैं तेरी माँ को अपने मियां के लण्ड पर बैठाऊंगी। उसके भोसड़ा में पेल दूँगी अपने मियां का लण्ड। ऐसा बोल कर उसने सच में अपने मियां का लण्ड नंगा करके मेरी सास को पकड़ा दिया। सास में भी प्यार से लण्ड पकड़ा, चूमा और जबान निकाल कर चाटा। दूसरे हाथ से अपने कपड़े उतार कर फेंका और नंगी नंगी उसके लण्ड पर चढ़ बैठी। सबने उसे देख कर तालियां बजाईं।
तब मुझे मालूम हो गया की मेरी सास तो बुर चोदी अपनी बेटी बहू से ज्यादा चुदक्कड़ है। मेरी जेठानी अपनी गांड मटकाती हुई और अपनी बड़ी बड़ी चूँचियाँ हिलाती हुई मेरे ससुर के पास प[अहुँछ गयीं। मेरा ससुर और उसका ससुर एक ही है। वह ससुर के सामने पहुँच कर उसकी लुंगी झर्र से खींच ली। वह नंगा हो गया। जेठानी बोली हाय दईया तेरा लण्ड तो बेटी पहले से ही खड़ा है ससुर जी। जेठानी ने लण्ड पकड़ा, प्यार से सहलाया और चूम चूम कर लण्ड गीला कर दिया। फिर उसने उसे लिटा दिया और उसके ऊपर एकदम नंगी नंगी बैठ गयी। वह बोली मैं तो सबसे पहले अपने ससुर का लण्ड चोदूँगी। इतने में फुफिया सास को जोश आ गया वह अपने बड़े बड़े स्तन और अपना भोसड़ा खोल कर सबके सामने आ गयीं। उसको कोई और नहीं दिखा तो वह अपने ही दामाद का लण्ड हाथ बढ़ा कर पकड़ लिया। उधर से फूफी की बेटी बोली मुझे मालूम था की मेरी अम्मी मेरे मियां के लण्ड पर सबसे पहले बैठेगी। उसे मोटा लण्ड पसंद है और मेरे मियां का लण्ड मोटा है। उसका सुपाड़ा अंडाकार है, लण्ड खड़ा होने पर टेढ़ा हो जाता है और खूबसूरत लगता है
तब खाला सास की बेटी सबीना बहन चोद अपने सारे कपड़े खोल कर सामने आ गयी। उसकी मस्त मस्त चूँचियाँ और कसी हुई टाइट चूत सब लोग आँखें फाड़ फाड़ कर देखने लगे। उसने फूफी के मियां यानी मेरे फुफिया ससुर का लण्ड पकड़ा और उसे झुक कर प्यार चाटा। थोड़ी देर तक लण्ड चाटने के बाद सबीना उसके लण्ड पर बैठ गयी। चूत उसकी गीली थी इसलिए लण्ड गच्च से उसकी चूत में घुस गया। अब बची मैं मेरी नज़र जेठानी के भाई जान के ऊपर पड़ी। मैं बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी। मेरी भी चूत गीली हो गयी थी। मुझे लण्ड की ऐसे में सख्त जरुरत थी। मैंने हाथ बढ़ाया और जेठानी के भाई जान का लण्ड लपक कर पकड़ लिया। सबने मुझे देख कर तालियां बजाई। सब लोग यही देख रहे थे की आज नई नवेली दुल्हन सबसे पहले किसके लण्ड पर बैठेगी ?
थोड़ी देर में सबके बदन से सारे कपड़े उतर गए। सब की सब बीवियां नंगी हो गयी और सारे मरद नंगे हो गए। जहाँ एक तरफ बीवियों की चूँचियाँ तनी हुई थीं वही दूसरी तरफ सब मर्दों के लण्ड टन टना कर खड़े हुए थे। माहौल एकदम गरमागरम हो चुका था. मैंने देखा की सात की सातों बीवियां किसी न किसी के लण्ड पर एकदम नंगी नंगी बैठी हुई हैं। लेकिन मजे की बात यह है की कोई भी बुर चोदी अपने शौहर के लण्ड पर नहीं बैठी थी। वो तो ग़ैर मर्दों के लण्ड पर बैठी हुई हैं जिससे माहौल में बहुत गर्मी आ गयी। मैं जेठानी के भाई जान के लण्ड पर बैठी थी, मेरी नन्द भोसड़ी की अपने ससुर के लण्ड पर बैठी थी, मेरी हरामजादी सास अपनी बहन के दामाद के लण्ड पर बैठी थी, मेरी जेठानी तो अपने ससुर के मस्ताने लण्ड पर बैठी हुई थीं। मैंने मन में कहा अगली बार मैं भी अपने ससुर के लण्ड पर बैठूंगी। मेरी फुफिया सास बुर चोदी अपने ही दामाद के लण्ड पर बैठ गयी थी, खाला की बेटी सबीना फूफिया ससुर के लण्ड पर चढ़ कर बैठ गयी और फूफी की बेटी भोसड़ी की बड़ी बेशर्मी से मेरे खालू ससुर के लण्ड पर ऐसे बैठी थी जैसे की लण्ड उसके बाप की जागीर है।
चुदाई शुरू हो गयी , कोई आगे झुक कर लण्ड चोदने लगी, कोई अपने दोनों हाथ पीछे तक अपने चूतड़ उठा था कर लण्ड चोदने लगी, कोई लण्ड पर धच्च धच्च कूद कूद कर लण्ड चोदने लगी, और कोई बगल वाले लण्ड के पेल्हड़ सहलाते हुए लण्ड चोदने लगी. सब एक दूसरे को देख देख लण्ड चोदने लगी और फिर कहीं भी शर्म, झिझक या डर नाम की कोई चीज नहीं रह गयी। मैं भी मस्ती से जेठानी के भाई जान का लण्ड चोदने लगी। इतने में जेठानी बोली - अरी मेरी बुर चोदी देवरानी, तेरी जेठानी की बुर , तेरी सास का भोसड़ा ? तू तो पहले ही दिन से गैर मर्दों के लण्ड का मज़ा लूटने लगी। उधर से मेरी नन्द बोली - अम्मी तेरी बहू की नन्द की बुर , तेरी बहू की सास का भोसड़ा ? आज तेरी बहू की बुर अच्छी तरह चोदी जाएगी। फूफी बोली मेरी सास से बोली - हाय भाभी तेरी बहन की बिटिया की चूत बड़े मजे से चुद रही है ? सास ने कहा - तू तो अपनी ही बेटी के मियां का लण्ड पेले पड़ी हुई है। तुझे शर्म नहीं आती ? फूफी बोली - मेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ? उसको तो अपनी माँ चुदाने में कोई शर्म नहीं आती तो मुझे क्यों आये ? मेरी नन्द बोली - माँ का भोसड़ा तो मैं भी चुदवाती हूँ फूफी जान ?
इन सब मस्त मस्त, अश्लील बातों से और गाली गलौज से मुझे भी जोश आ गया तो मैंने कहा - नन्द रानी, तेरी माँ की बहू की बुर. तेरी बेटी की भाभी का भोसड़ा ? तेरे अब्बू का मादर चोद लण्ड। मेरी गालियां सुनकर सबने तालियां बजाई। पूरा कमरा तालियों की गड़गड़ाहट से भर गया। फिर सास से न रहा गया। वह भी बोली - बहू, तेरी बुर चोदी नन्द की माँ की चूत। तेरी भोसड़ी वाली सास की बिटिया की बुर। मैं तुम्हे पाकर बहुत खुश हुई बहू. तू तो हमारी ही तरह बहुत बड़ी बुर चोदी है। आज तू जिस तरह से लण्ड चोद रही है उससे मालूम होता है की तू लण्ड चोदने में बड़ी एक्सपर्ट है और यहाँ सभी भोसड़ी वाले तुमसे अपना अपना लण्ड चुदवाने के लिए तैयार बैठे हैं। बहू रानी आज मौक़ा है, चोदो इन सब मादर चोदों के लण्ड। मेरे सामने चोदो, मुझे देखने में बड़ा मज़ा आएगा ? भून डालो इन सब लोगों के लण्ड अपनी चूत में डाल पर ?
थोड़ी देर बाद इस तरह चुदाई होती रही और फिर फ्री स्टाइल चुदाई होने लगी। लण्ड बदलने लगे, बीवी बदलने लगी, चूत बदलने लगी। मैंने सबसे पहले अपने ससुर के लण्ड पर हमला बोला। मैंने प्यार से लण्ड पकड़ा और कहा हाय ससुर जी कितना मोटा है लण्ड ? तूने अभी मेरी बुर चोदी जेठानी की बुर ली है। अब तू उसकी देवरानी की बुर ले ले. आज मैं तेरे लण्ड की चटनी बना दूँगी। उधर नन्द बोली भोसड़ी के खालू अब तू पेल दे अपना लण्ड मेरी चूत में और चोद ले मेरी बुर ? मुझे चोदने के बाद ही तुझे नई दुल्हन की बुर मिलेगी। उधर मेरी सास फूफी की बेटी से बोली - बेटी नैना तू अपने मियां का लण्ड मेरी चूत में घुसा दे, वह बोली - हां मैं अभी घुसाती हूँ, मैं अपने अब्बू का लण्ड तेरी बेटी की चूत में पेल कर आती हूँ। इस तरह सभी बीवियां एक दूसरे की चूत में लण्ड पेल पेल कर चुदवाने लगीं।
रात भर ऐसी ही चोदा चोदी होती रही और सब लोग खूब एन्जॉय करते रहे।
रात में बीवियां हो जातीं है रंडियां
सबके लण्ड पर बैठती हैं बीवियां
जी हां मेरा नाम ज़ारा खान है मेरी शादी अभी अभी हुई है और मैं अपनी सुहागरात मनाने आपने कमरे में दुल्हन बनी बैठी हूँ। मेरा शौहर आने वाला है मैं उसी का इंतज़ार का रही हूँ। मैं खुदा से यही दुआ कर रही हूँ की मेरे शौहर का लण्ड मोटा हो और सख्त हो भले ही वह थोड़ा छोटा हो ? मुझे पतला लण्ड बिलकुल पसंद नहीं है चाहे वह कितना ही बड़ा क्यों न हो ? मैं मन ही मन यही सब सोंच रही हूँ। मैं यह भी समझ रही हूँ की मेरा शौहर भी मेरे बारे में कुछ खायलात बनाये होंगें। वह शायद यह सोंच रहा होगा की मेरी बीवी की चूँचियाँ बड़ी बड़ी हों और उसकी चूत बिलकुल टाइट हो। तो मैं उसे बता सकती हूँ की मेरी चूँचियाँ औसत चूँचियों से बड़ी हैं और मेरी चूत भी टाइट है पर हां मैं कुंवारी नहीं हूँ चुदी हुई हूँ। लेकिन मेरी चूत अभी टाइट है। मेरे मन में यही सब चल ही रहा था की कमरे का दरवाजा खुल गया और मेरा शौहर ने अंदर इंट्री ले ली । उसने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया।मैं सहमी सहमी बैठी हुई थी। वह मेरे पास आया और बड़े प्यार से मेरा घूँघट उठाने लगा। हमारी एक दूसरे से नज़रें मिलीं और हम लोग आगे बढ़ने लगे। उसने जब मेरी चूँचियाँ प्यार से दबायीं तो उसकी मुकराहट बता रही थी की उसे मेरी चूँचियाँ पसंद आ गयीं हैं।
मेरा घूँघट उठा चुका था। वह मेरा बलाउज खोलने लगा था और फिर उसने मस्ती से मेरी ब्रा भी खोल दी। मेरी दोनों चूँचियाँ उसकी आँखों के सामने नंगी हो गयीं और वह मजे से उन्हें सहलाने लगा। उसने कहा यार तेरे बूब्स तो बहुत बड़े बड़े हैं। आज मैं पहली बार इतने बड़े बड़े बूब्स देख रहा हूँ। मैं समझ गयी की इसने पहले भी लड़कियों के बूब्स देखें हैं। लेकिन मैं कुछ बोली नहीं। तब तक मेरी साड़ी भी उतर गयी। फिर मैंने भी उसके कपड़े उतार डाले। हां उसके बदन पर सिर्फ एक चड्ढी बची थी। उसके ऊपर का उभार कुछ बयां तो कर रहा था पर उसके लण्ड की मोटाई का सही अंदाज़ा नहीं लग पा रहा था। अचानक उसने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खींच लिया तो पेटीकोट नीचे गिर पड़ा और मैं उसके सामने एकदम नंगी हो गयी। उसका हाथ फ़ौरन मेरी चूत पर चला गया। मेरी चूत चिकनी थी झांटें बिलकुल साफ थीं। वह बोला हाय मेरी जान तुम सच से अंदर से भी उतनी ही खूबसूरत हो जितनी की बाहर से खूबसूरत। उसकी इस बात में मेरे अंदर एक मस्ती का रस घोल दिया और मेरे बदन की आग में इज़ाफ़ा कर दिया।
फिर मैंने भी खुदा का नाम लेकर उसकी चड्ढी नीचे खींच दी। उसका लण्ड एकदम नंगा नंगा मेरी आँखों के सामने आ गया। वह आधा ही खड़ा था। मैंने उसे मुस्कराते हुए पकड़ा और प्यार से। लण्ड बढ़ने लगा और उस मंजिल तक पहुँच गया जिस मंजिल कि मुझे तलाश थी। हां दोस्तों, मेरे शौहर का लण्ड निकला और साख भी। मैंने खुदा का शुक्रिया अदा किया और कहा आदाब लण्ड मियां ? मैं तुझे सलाम करती हूँ। मैं तेरा खैरमकदम करती हूँ। मैंने झुक कर लण्ड की कई बार चुम्मी ली, पेल्हड़ की चुम्मी ली और जबान निकाल कर लण्ड का टोपा चाटने लगी। मेरी ऐसा करने से उसके अंदर जोश भर गया और तब लण्ड बहन चोद और सख्त हो गया। वह भी मेरी चूँचियाँ दबाता रहा और कभी मेरी गांड पर और मेरी पीठ पर हाथ फेरता रहा। फिर उसने मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया। मैं भी पूरी समर्पित भावना से चिपक गयी। उसने बाद उसने बड़ी बेरहमी से पेल दिया अपना ८" का लण्ड मेरी चूत में। मैं चिल्ला पड़ी उई माँ मर गयी मैं। फाड़ डाला इसने मेरी चूत बहन चोद। बड़ा मोटा है इसका लण्ड भोसड़ी का। मेरी गालियों से लण्ड साला और फूल गया और तब मुझे चुदवाने में ज़न्नत का मज़ा आने लगा।
उसके बाद उसने मुझे नीचे से चोदा, पीछे से चोदा, ऊपर चढ़ कर चोदा और लण्ड पर बैठा कर चोदा। मेरी सुआगरात बड़ी हसीं बन गयीऔर मैं मन ही मन बड़ी खुश हुई। एक बार चुदवाने के बाद मैं थोड़ी देर के लिए नंगी नंगी ही नींद में चली गई। करीब दो घंटे के बाद मैं उठी तो देखा की मेरा शौहर पलंग पर नहीं है। मैं समझ नहीं पाई की वह मुझे चोद कर कहाँ चला गया। इतने में मेरी नन्द सकीरा मेरे कमरे में आ गयी।
- नन्द ने पूंछा - भाभी कैसी रही आपकी सुहागरात ?
- मैंने कहा - अच्छी रही। जैसी मैं चाहती थी वैसी ही रही।
- अच्छा यह बताओ भाभी की भाई जान का लण्ड तुम्हे पसंद आया की नहीं ?
- हां बिलकुल पसंद आया उसका लण्ड नन्द रानी पर वह मुझे चोदने के बाद गया कहाँ ?
- अरे भाभी आज आपकी सुहागरात है पर यह सुहागरात कमरे के अंदर है। बाहर एक और सुहागरात हो रही है। मैं तो बस यह पूंछने आयी की अब तुम किससे चुदवाना चाहती हो ?
- क्या मेरी सुहागरात में मुझे कोई भी चोद सकता है ?
- क्यों नहीं भाभी ? बिलकुल चोद सकता है। एक बार अपने शौहर ने तुझे चोद लिया तो सुहागरात पूरी हो गयी अब तुम किसी से भी चुदवा सकती हो भाभी ? मुझे बस इतना बताओ की आपको किस तरह का लण्ड पसंद है ?
- हाय दईया ऐसी बात है तो मैं मोटा लण्ड पसंद करती हूँ।
- ठीक है मैं अभी आती हूँ।
वह मुझे आधे घंटे तक लगातार चोदता रहा ? मैंने ऐसे ही पूंछा मुनीर तुम इसके पहले किसकी बुर चोद कर आये हो ? वह बोला भाभी मैं अपनी फूफी का भोसड़ा चोद कर आया हूँ। वह जब भी मुझसे मिलती है तो सीधे मेरा लण्ड पकड़ लेती हैं। फिर मुझे चोदना ही पड़ता है। मैंने कहा मुनीर उसकी बेटी तो तेरी उम्र की होगी ? वह कुछ नहीं कहती ? वह बोला अरे भाभी उसकी बेटी मुझसे एक साल बड़ी है। वह तो मेरा लण्ड पीती है। रात को मेरे चादर में घुस जाती है और लण्ड पीती रहती है फिर मौक़ा पाकर चुदवा भी लेती है। यह बात फूफी को मालूम है लेकिन वह मना नहीं करती। मैंने बोली तो तुम माँ बेटी दोनों की बुर लेते हो ? वह बोला हां भाभी जब आसानी से दोनों की बुर मिलती है तो फिर मैं क्यों न लूँ ? मेरा लण्ड जब खड़ा होता है तो वह बिना बुर चोदे बैठता ही नहीं ? मैं क्या करूं, भाभी ?
मैं अपनी सुहागरात में अपने देवर से चुदवाकर मस्त हो गयी।
दूसरे दिन मुझे मालूम हुआ की मेरा मियां कभी अपने दोस्त के घर गया है वह अब कल आएगा। मैं चुप हो गयी और सोंचने लगी की मियां नहीं तो कोई बात नहीं। रात में कोई न कोई मुझे चोदने आ ही जायेगा। शाम को मेरी नन्द अपनी अम्मी ले बात करने लगी । मैं चुपचाप कान लगाकर सुनने लगी। मेरी सास का नाम है नाजिया बेगम। वह ४५ साल की हैं, खूबसूरत और सेक्सी हैं। सास बोली - अरी बुर चोदी सकीरा तूने कल अपनी भाभी की बुर ठीक से चुदवा दी न ? वह बोली - हां अम्मी मैंने ठीक से चुदवा दी। भाभी बड़ी खुश हो गयीं थी। सास ने पूंछा - तो फिर तूने किससे चुदवाया अपनी भाभी की बुर ? नन्द ने जबाब दिया - मुनीर से चुदवा दिया था अम्मी ? सास बोली - अच्छा किया बेटी, उसका लण्ड मोटा है। तेरी भाभी को जरूर पसंद आया होगा। वह बोली - हां अम्मी भाभी को खूब पसंद आया। सास बोली - तो फिर आज रात का प्लान बता देना उसे। नन्द बोली - अरे अम्मी जान आज का प्लान तुम अपनी बहू को बताओ तो ज्यादा अच्छा होगा। सास ने कहा - अच्छा फिर मैं बताने जा रही हूँ। पर तुम मेरे साथ चल। मैं उन दोनों की बातें बड़े ध्यान से सुन रही थी। इतना तो मालूम हो गया की मेरी सास भी भोसड़ी की मुनीर के लण्ड से चुदवाती है और सास नन्द दोनों आपस में गालियों से बात करतीं हैं। इसका मतलब दोनों बुर चोदी साथ साथ चुदवाती होंगीं।
मेरी सास और नन्द दोनों मेरे कमरे में आ गयीं। मैंने कहा - आदाब सासू जी। वह खुश हुई और बोली बहू रानी तुम खुश हो न ? मैंने कहा - हां सासू जी मैं खुश हूँ। वह बोली - देखो बहू रानी ये तेरी नन्द हैं न मैंने इसी को तेरे सुहागरात की जिम्मेदारी सौंपीं थी। अब ये बताओ इस भोसड़ी वाली ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाई ? मैंने कहा - हां सासू जी, नन्द ने बहुत अच्छी तरह से निभायी।
सास बोली - मैं तुम्हे बता रही हूँ बहू, देखो तुंम अब इस घर की हो गयी हो। एक बात नोट कर लो बहू, मियां दिन का राजा होता है तो बीवी रात की रानी। दिन में मियां की चलती है तो रात में बीवी की चलती है। रात में बीवी वही करती है जो वह चाहती है। हमारे यहाँ रात ने बीवियां बुर चोदी सबके लण्ड पर बैठतीं हैं। कोई उन्हें मना नहीं कर सकता ? आज रात में भी यही होने वाला है। यहाँ सबको यह बात मालूम है। तुम नई हो इसलिए मैं तुम्हे बता रही हूँ। तुम आज़ाद हो बहू जिसके लण्ड पर चाहो उसके लण्ड पर बैठो ? जिसका लण्ड चाहो उसका लण्ड चोदो। जिसका लण्ड चाहो उसका लण्ड पियो। यह सब खुल्लम खुल्ला होता है चोरी छिपे नहीं ? देखो तुम अपनी नन्द के कहने पर नहीं आना ? तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? और अपनी बुर चोदी सास की भी कोई बात न सुनना ? तेरी सास की बिटिया की बुर ? बस तेरे मन में जो आये वो करना ? एक बात और सुनो, लण्ड पर बैठ कर यहाँ बीवियां खूब प्यार से गालियां देतीं हैं, झमाझम चुदवाती हैं और मज़ा करतीं हैं। तुम्हे भी ऐसा ही करना है।
सास जी ऐसा कह कर मुस्कराती हुई चली गयीं। मुझे उनकी बातें अंदर ही अंदर गुद गुदाने लगीं। शाम को नन्द मुझे पीछे वाले कमरे में ले गयी और मुझे वह जगह दिखाई जहाँ घर की और नाते रिश्ते की सभी बीवियां लण्ड पर बैठेंगीं। मैं सोंचने लगी की हाय अल्ला, ये सब कैसे होता होगा ? क्या इन बीवियों को कोई शर्म नहीं आती सबके सामने सबके लण्ड पर बैठने में ? मैंने इस तरह की चुदाई कभी देखी नहीं इसलिए मैं बड़ी एक्साइटेड थी, उत्साहित थी और अपनी ससुराल की बीवियों को नंगी नंगी लण्ड पर बैठी हुई देखना चाहती थी। सेक्स का एक तरह का नया मज़ा, एक नया तरीका और एक नए आयाम का मज़ा लेना चाहती थी ? क्या यह सच है सास ससुर के आगे बहुयें भी नंगी नंगी लण्ड पर बैठ जातीं हैं ? फिर मैं नन्द के साथ अपने कमरे में वापस चली गयी। उधर धीरे धीरे घर में चहल पहल बढ़ने लगी। लोग आने लगे और मस्ती छाने लगी।
प्रोग्राम तो ८ बजे शुरू को गया था लेकिन नन्द मुझे करीब ९ बजे लेकर गयी। मैं तो नई नवेली दुल्हन थी। सब लोग मेरा ही इंतज़ार कर रहे थे और सब के सब मरद साले मुझे अपने अपने लण्ड पर बैठाना चाह रहे थे। मैं जब पहुंची तो पूरा कमरा लोगों से खचाखच भरा था। मैंने वैसे तो कई लोगों को जानती थी पर मुझे नन्द ने सबसे मिलवाया। मैं सबसे मिलकर खुश भी हुई। मैंने देखा की मेरी अपनी सास, खाला सास, फुफिया सास, ममिया सा, इन सबकी शादी शुदा बेटियां, बहुएं सब भोसड़ी की बीवियां ही तो हैं। इसीलिए यहाँ लण्ड पर बैठने के लिए जमा हुई हैं। जैसे जैसे समय बीतने लगा वैसे वैसे ही लोगों के कपड़े उतरने लगे। मरद तो बहन चोद सब के सब ऊपर से नंगे बदन थे ही क्योंकि गर्मी का मौसम था। बीवियां भी आधे से ज्यादा नंगी थीं। किसी की चूँचियाँ खुली थीं तो किसी की गाड़ ? किसी की चूत दिखाई पड़ रही थी तो किसी की झांटें ? वैसे कपड़े तो मैं भी ज्यादा नहीं पहने थी । बस चोली और घाघरा ही था।
इतने में मेरी नन्द ने अपने ससुर का लण्ड पैजामे के ऊपर से दबा कर बोली - भोसड़ी के ससुर तेरा लण्ड तो साला नई नवेली बहू को देख कर उछलने लगा है जैसे एक दिन मुझे देख कर उछल पड़ा था। तो अब इसे छिपा कर क्यों रखा है ? खोलो न अपने इस मादर चोद लण्ड को। ऐसा बोलकर नन्द ने अपने ही ससुर के पैजामे का नाड़ा खींच लिया तो पैजामा नीचे गिर पड़ा और उसका खड़ा लण्ड सबके सामने नंगा हो गया। मैं लण्ड देख कर मुस्कराने लगी और नन्द उसे पकड़ कर हिलाने लगी। ऐसे ही फुफिया सास की बेटी नैना मेरे खालू ससुर की लुंगी में हाथ घुसेड़ दिया और बोली हाय मामू जान तेरा लौड़ा क्या लुंगी में अपनी गांड मरायेगा ? अब इसे बाहर निकालो और नई दुल्हन को दिखाओ। उसने फटाक से लुंगी खींच कर बाहर फेंकी दी। मेरा खालू ससुर सबसे सामने नंगा हो गया और उसका खड़ा लण्ड हिनहिनाने लगा। नैना लण्ड पकड़ कर चूमने लगी, चाटने लगी. तब तक खाला सास की बेटी सबीना उठी और बोली - सकीरा, तेरी माँ का भोसड़ा ? आज मैं तेरी माँ को अपने मियां के लण्ड पर बैठाऊंगी। उसके भोसड़ा में पेल दूँगी अपने मियां का लण्ड। ऐसा बोल कर उसने सच में अपने मियां का लण्ड नंगा करके मेरी सास को पकड़ा दिया। सास में भी प्यार से लण्ड पकड़ा, चूमा और जबान निकाल कर चाटा। दूसरे हाथ से अपने कपड़े उतार कर फेंका और नंगी नंगी उसके लण्ड पर चढ़ बैठी। सबने उसे देख कर तालियां बजाईं।
तब मुझे मालूम हो गया की मेरी सास तो बुर चोदी अपनी बेटी बहू से ज्यादा चुदक्कड़ है। मेरी जेठानी अपनी गांड मटकाती हुई और अपनी बड़ी बड़ी चूँचियाँ हिलाती हुई मेरे ससुर के पास प[अहुँछ गयीं। मेरा ससुर और उसका ससुर एक ही है। वह ससुर के सामने पहुँच कर उसकी लुंगी झर्र से खींच ली। वह नंगा हो गया। जेठानी बोली हाय दईया तेरा लण्ड तो बेटी पहले से ही खड़ा है ससुर जी। जेठानी ने लण्ड पकड़ा, प्यार से सहलाया और चूम चूम कर लण्ड गीला कर दिया। फिर उसने उसे लिटा दिया और उसके ऊपर एकदम नंगी नंगी बैठ गयी। वह बोली मैं तो सबसे पहले अपने ससुर का लण्ड चोदूँगी। इतने में फुफिया सास को जोश आ गया वह अपने बड़े बड़े स्तन और अपना भोसड़ा खोल कर सबके सामने आ गयीं। उसको कोई और नहीं दिखा तो वह अपने ही दामाद का लण्ड हाथ बढ़ा कर पकड़ लिया। उधर से फूफी की बेटी बोली मुझे मालूम था की मेरी अम्मी मेरे मियां के लण्ड पर सबसे पहले बैठेगी। उसे मोटा लण्ड पसंद है और मेरे मियां का लण्ड मोटा है। उसका सुपाड़ा अंडाकार है, लण्ड खड़ा होने पर टेढ़ा हो जाता है और खूबसूरत लगता है
तब खाला सास की बेटी सबीना बहन चोद अपने सारे कपड़े खोल कर सामने आ गयी। उसकी मस्त मस्त चूँचियाँ और कसी हुई टाइट चूत सब लोग आँखें फाड़ फाड़ कर देखने लगे। उसने फूफी के मियां यानी मेरे फुफिया ससुर का लण्ड पकड़ा और उसे झुक कर प्यार चाटा। थोड़ी देर तक लण्ड चाटने के बाद सबीना उसके लण्ड पर बैठ गयी। चूत उसकी गीली थी इसलिए लण्ड गच्च से उसकी चूत में घुस गया। अब बची मैं मेरी नज़र जेठानी के भाई जान के ऊपर पड़ी। मैं बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी। मेरी भी चूत गीली हो गयी थी। मुझे लण्ड की ऐसे में सख्त जरुरत थी। मैंने हाथ बढ़ाया और जेठानी के भाई जान का लण्ड लपक कर पकड़ लिया। सबने मुझे देख कर तालियां बजाई। सब लोग यही देख रहे थे की आज नई नवेली दुल्हन सबसे पहले किसके लण्ड पर बैठेगी ?
थोड़ी देर में सबके बदन से सारे कपड़े उतर गए। सब की सब बीवियां नंगी हो गयी और सारे मरद नंगे हो गए। जहाँ एक तरफ बीवियों की चूँचियाँ तनी हुई थीं वही दूसरी तरफ सब मर्दों के लण्ड टन टना कर खड़े हुए थे। माहौल एकदम गरमागरम हो चुका था. मैंने देखा की सात की सातों बीवियां किसी न किसी के लण्ड पर एकदम नंगी नंगी बैठी हुई हैं। लेकिन मजे की बात यह है की कोई भी बुर चोदी अपने शौहर के लण्ड पर नहीं बैठी थी। वो तो ग़ैर मर्दों के लण्ड पर बैठी हुई हैं जिससे माहौल में बहुत गर्मी आ गयी। मैं जेठानी के भाई जान के लण्ड पर बैठी थी, मेरी नन्द भोसड़ी की अपने ससुर के लण्ड पर बैठी थी, मेरी हरामजादी सास अपनी बहन के दामाद के लण्ड पर बैठी थी, मेरी जेठानी तो अपने ससुर के मस्ताने लण्ड पर बैठी हुई थीं। मैंने मन में कहा अगली बार मैं भी अपने ससुर के लण्ड पर बैठूंगी। मेरी फुफिया सास बुर चोदी अपने ही दामाद के लण्ड पर बैठ गयी थी, खाला की बेटी सबीना फूफिया ससुर के लण्ड पर चढ़ कर बैठ गयी और फूफी की बेटी भोसड़ी की बड़ी बेशर्मी से मेरे खालू ससुर के लण्ड पर ऐसे बैठी थी जैसे की लण्ड उसके बाप की जागीर है।
चुदाई शुरू हो गयी , कोई आगे झुक कर लण्ड चोदने लगी, कोई अपने दोनों हाथ पीछे तक अपने चूतड़ उठा था कर लण्ड चोदने लगी, कोई लण्ड पर धच्च धच्च कूद कूद कर लण्ड चोदने लगी, और कोई बगल वाले लण्ड के पेल्हड़ सहलाते हुए लण्ड चोदने लगी. सब एक दूसरे को देख देख लण्ड चोदने लगी और फिर कहीं भी शर्म, झिझक या डर नाम की कोई चीज नहीं रह गयी। मैं भी मस्ती से जेठानी के भाई जान का लण्ड चोदने लगी। इतने में जेठानी बोली - अरी मेरी बुर चोदी देवरानी, तेरी जेठानी की बुर , तेरी सास का भोसड़ा ? तू तो पहले ही दिन से गैर मर्दों के लण्ड का मज़ा लूटने लगी। उधर से मेरी नन्द बोली - अम्मी तेरी बहू की नन्द की बुर , तेरी बहू की सास का भोसड़ा ? आज तेरी बहू की बुर अच्छी तरह चोदी जाएगी। फूफी बोली मेरी सास से बोली - हाय भाभी तेरी बहन की बिटिया की चूत बड़े मजे से चुद रही है ? सास ने कहा - तू तो अपनी ही बेटी के मियां का लण्ड पेले पड़ी हुई है। तुझे शर्म नहीं आती ? फूफी बोली - मेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ? उसको तो अपनी माँ चुदाने में कोई शर्म नहीं आती तो मुझे क्यों आये ? मेरी नन्द बोली - माँ का भोसड़ा तो मैं भी चुदवाती हूँ फूफी जान ?
इन सब मस्त मस्त, अश्लील बातों से और गाली गलौज से मुझे भी जोश आ गया तो मैंने कहा - नन्द रानी, तेरी माँ की बहू की बुर. तेरी बेटी की भाभी का भोसड़ा ? तेरे अब्बू का मादर चोद लण्ड। मेरी गालियां सुनकर सबने तालियां बजाई। पूरा कमरा तालियों की गड़गड़ाहट से भर गया। फिर सास से न रहा गया। वह भी बोली - बहू, तेरी बुर चोदी नन्द की माँ की चूत। तेरी भोसड़ी वाली सास की बिटिया की बुर। मैं तुम्हे पाकर बहुत खुश हुई बहू. तू तो हमारी ही तरह बहुत बड़ी बुर चोदी है। आज तू जिस तरह से लण्ड चोद रही है उससे मालूम होता है की तू लण्ड चोदने में बड़ी एक्सपर्ट है और यहाँ सभी भोसड़ी वाले तुमसे अपना अपना लण्ड चुदवाने के लिए तैयार बैठे हैं। बहू रानी आज मौक़ा है, चोदो इन सब मादर चोदों के लण्ड। मेरे सामने चोदो, मुझे देखने में बड़ा मज़ा आएगा ? भून डालो इन सब लोगों के लण्ड अपनी चूत में डाल पर ?
थोड़ी देर बाद इस तरह चुदाई होती रही और फिर फ्री स्टाइल चुदाई होने लगी। लण्ड बदलने लगे, बीवी बदलने लगी, चूत बदलने लगी। मैंने सबसे पहले अपने ससुर के लण्ड पर हमला बोला। मैंने प्यार से लण्ड पकड़ा और कहा हाय ससुर जी कितना मोटा है लण्ड ? तूने अभी मेरी बुर चोदी जेठानी की बुर ली है। अब तू उसकी देवरानी की बुर ले ले. आज मैं तेरे लण्ड की चटनी बना दूँगी। उधर नन्द बोली भोसड़ी के खालू अब तू पेल दे अपना लण्ड मेरी चूत में और चोद ले मेरी बुर ? मुझे चोदने के बाद ही तुझे नई दुल्हन की बुर मिलेगी। उधर मेरी सास फूफी की बेटी से बोली - बेटी नैना तू अपने मियां का लण्ड मेरी चूत में घुसा दे, वह बोली - हां मैं अभी घुसाती हूँ, मैं अपने अब्बू का लण्ड तेरी बेटी की चूत में पेल कर आती हूँ। इस तरह सभी बीवियां एक दूसरे की चूत में लण्ड पेल पेल कर चुदवाने लगीं।
रात भर ऐसी ही चोदा चोदी होती रही और सब लोग खूब एन्जॉय करते रहे।
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