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आंटी के झलकते बूब्स - Aunty ki chut gand chudai
आंटी के झलकते बूब्स , आंटी की चुदाई , आंटी को चोदा , - Aunty ki chut gand chudai , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
दोस्तों मेरा नाम राजीव है और आज में आप आपके लिए अपनी उस घटना को लेकर आया हूँ जो मेरा सबसे पहला सेक्स अनुभव होने के साथ ही सबसे अच्छा अनुभव भी था। दोस्तों वैसे तो मुझे सेक्स की तडप बचपन से ही है यह मेरी सच्ची घटना है जिसमें मैंने अपने पड़ोस में रहने वाली बड़े बूब्स की आंटी के साथ पहली बार वो सब किया जिसके बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं था और उसके बाद मेरी हिम्मत बहुत ज्यादा बढ़ गई अब आप सभी को ज्यादा बोर ना करते हुए सीधे पॉइंट पर आता हूँ। दोस्तों में जब छोटा था तब में अपने पड़ोस वाले एक घर में हमेशा जाता था और वहीं पर एक शादीशुदा औरत थी जिसको में हमेशा आंटी कहता था।
दोस्तों उसके बूब्स आकार में बहुत बड़े थे और वो अपने ब्लाउज के ऊपर वाले दो बटन हमेशा खुले रखती थी और अपने उस ब्लाउज के अंदर वो ब्रा भी नहीं पहनती थी और वो हर समय मुझे अपने बूब्स को दिखाती रहती थी। दोस्तों उसके दो छोटे छोटे बच्चे थे, एक पांच साल का था और दूसरा लड़का एक साल का था और वो अपने दोनों लड़को को अपना दूध पिलाती थी और वो जब भी अपने बच्चो को अपना दूध पिलाती तो वो मेरे पास आ जाती और अपने दोनों बूब्स को खोलकर अपने दोनों बच्चो के मुहं में अपनी बड़ी आकार की उठी हुई निप्पल को डाल देती थी। दोस्तों उसके बूब्स बिल्कुल सफेद रंग के थे और निप्पल गुलाबी रंग के थे और में अक्सर उसके घर जाया करता था और जब भी में उसके घर जाता था आंटी अपने किसी भी काम में कितना भी व्यस्त क्यों ना रहती हो वो तुरंत मुझे देखकर अपना वो काम वहीं छोड़ देती।
फिर वो मेरे पास आकर बैठ जाती और उसके बाद अपने दोनों बच्चो को अपने पास बुलाती और फिर अपने ब्लाउज को झट से खोलकर अपने दोनों बूब्स को पकड़कर बाहर निकालती और अपने दोनों बच्चो के मुँह में दे देती और में पास बैठकर उसके बूब्स को चकित होकर देखता रहता। फिर वो भी मुझसे बातें करते रहती और अपने बच्चो को अपना दूध पिलाती रहती और वो यह भी देखती कि में उसके बूब्स को देख रहा हूँ और इस तरह से में उसके गोरे बड़े आकार के बूब्स को देखते हुए बड़ा हो गया। एक बार में उसके घर गया तब मैंने देखा कि वो उस समय चारपाई पर सो रही थी, वो एकदम चित होकर लेटी हुई थी उस समय उसने सिर्फ़ पेटिकोट पहना हुआ था और वो ऊपर से बिल्कुल नंगी थी उस के दोनों बड़े आकार के बूब्स बाहर बिल्कुल नंगे मेरी आँखों के सामने थे और उसका एक बच्चा दूध भी पी रहा था और दूसरा बच्चा सो चुका था।
फिर में उनके पास पहुँचा और मैंने पास से बूब्स को देखा तो वो बहुत आकर्षक थे और उसके बिल्कुल गुलाबी निप्पल खड़े हुए थे और मैंने थोड़ा सा नीचे झुककर देखा तो वो उस समय गहरी नींद में सो रही थी। अब में उसके बूब्स देखकर अपने आपे से बाहर हो गया और अब में उसका एक बूब्स अपने हाथ में लेकर उसको दबाने लगा था और उसके निप्पल को खींचने भी लगा था, जिसकी वजह से अब उस निप्पल से दूध भी निकलकर बहने लगा। अब मैंने तुरंत ही अपने मुँह को नीचे झुकाकर मैंने उसका वो पूरा निप्पल और बूब्स अपने मुँह में भर लिया और में धीरे धीरे उसको चूसने लगा। फिर कुछ देर बाद मैंने अपनी आँखों को ऊपर उठाकर देखा तो वो अब भी सो रही थी, में ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स को चूसने लगा था, जिसकी वजह से उसका गरम गरम दूध मेरे मुहं में भरने लगा में उसको पीने लगा था। अब में उसके पूरे बड़े आकार के बूब्स को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और उनका दूध पीने लगा था, मैंने अब करीब बहुत सारा दूध पी लिया और डरते हुए कि कहीं वो उठ ना जाए, मैंने उसके बूब्स को अब छोड़ दिया और में वहां से चला आया। दोस्तों अपने घर आकर मैंने देखा कि मेरा लंड जो अब एकदम तनकर खड़ा हो चुका था। फिर मैंने बाथरूम में जाकर मुठ मारना शुरू किया और फिर कुछ देर हिलाने के बाद मेरे लंड का पानी तेज गति के साथ दूर जाकर गिरा। फिर उस दिन के बाद मुझे चस्का लग चुका था, इसलिए में अब सुबह शाम अपनी आंटी के घर जाने लगा था।
एक बार शाम में उनके घर गया, तब मैंने देखा कि वो उस समय सिर्फ़ साड़ी पहनी हुई है और उसके दोनों बड़े आकार के बूब्स दोनों तरफ से लटक रहे है। फिर में गया तो मुझे देखकर तुरंत ही वो भी मेरे पास आकर बैठ गई और तुरंत ही उसके दोनों बच्चे भी उसके पास आ गये और उसकी साड़ी का पल्लू उन्होंने खींच खींचकर अलग कर दिया और वो दोनों बच्चे दोनों बूब्स को अपने मुहं में भरकर खींचकर उसका दूध पीने लगे और वो मुझसे इधर उधर की बातें कर रही थी। दोस्तों वो मुझसे इतना करीब थी कि उसके बूब्स और निप्पल को में साफ देख रहा था और फिर कुछ देर बाद बच्चे दूध पीते पीते सो गए। अब उसने मुझसे कहा कि प्लीज राजीव तुम एक बच्चे को ज़रा उठा लो और इसके मुँह से मेरा यह बूब्स बाहर निकाल दो। फिर मैंने उसके कहते ही तुरंत अपने हाथ से उसके एक बूब्स को पकड़कर उस निप्पल को खींचकर बच्चे के मुहं से बाहर निकाल दिया।
दोस्तों उस काम को करने की वजह से मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया और उसने भी मेरे खड़े लंड को देख लिया तभी वो मुझसे कहने लगी कि यह दूसरा वाला बूब्स भी इसके मुहं से बाहर खींच लो प्लीज अब मैंने उसके निप्पल को अपने दोनों हाथों से पकड़कर खींच लिया और अलग कर दिया और अपने दोनों बच्चो को सुला देने के बाद वो मुझसे कहने लगी कि मेरी छाती में बहुत सारा दूध भरा हुआ है, क्या इसको तुम पीना चाहते हो? अब मुझे उनके मुहं से यह बात सुनकर शरम आने लगी थी, इसलिए मैंने अपनी गर्दन को नीचे झुका लिया। अब वो मुझसे कहने लगी इसमे इतना शरमाने की क्या बात है? तुम आज भी पी लो जैसे उस दिन पी रहे थे। दोस्तों में तो अब उसके मुहं से यह बात सुनकर एकदम से घबरा गया और मन ही मन में सोचने लगा कि इसका मतलब यह था कि उस दिन भी यह जाग रही थी, जब में अपनी आंटी के उस दिन बड़े आकार के बूब्स को अपने मुहं में भरकर बड़े मज़े से उनका सर चूस रहा था अब उसने अपने सारे कपड़े खोल दिए और वो सिर्फ़ पेटीकोट पहने हुए थी।
मैंने देखा कि उसके बड़े आकार के रस भरे बूब्स एकदम नीचे लटक रहे थे और वो द्रश्य देखकर मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया था। अब उसने भी मेरे लंड को देख लिया था, वो तुरंत नीचे बैठ गई और मुझे उसने अपनी गोद में लेटने के लिए कहा और में तुरंत लेट गया और अब उसके 38 इंच के बड़े आकार के बूब्स मेरे मुँह से टकरा रहे थे। फिर मैंने तुरंत ही उसके बूब्स के निप्पल को अपने मुँह में भर लिया और में उसको ज़ोर ज़ोर से चूसते हुए उसका रस पीने लगा और में ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स को खींचकर दूध पीने लगा था। फिर उसी समय उसने अपना एक हाथ आगे बढ़ाकर मेरा लंड पकड़ लिया। अब में और भी जोश में आ गया और में ज़ोर ज़ोर से खींचकर उसका दूध पीने लगा। अब उसने मुझसे कहा कि में भी तुम्हारा दूध पीना चाहती हूँ। फिर मैंने वो बात उसके मुहं से सुनकर एकदम चकित होकर उसको पूछा कि मेरा दूध कहाँ है, आप कौन से दूध की बात कर रही है, में समझा नहीं? अब उसने मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़कर उसकी तरफ इशारा करके कहा कि यह है तुम्हारा वो दूध जिसको में अब पीना चाहती हूँ।
फिर मैंने कहा कि नहीं अभी में तुम्हारे बूब्स को नहीं छोड़ सकता, मुझे इसको चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा है और में कुछ इसको ऐसे ही पीता रहूँगा। अब उसने कहा कि हाँ ठीक है बाबा, तुम मेरे बूब्स को मत छोड़ना और पीते रहना बस तुम ज़रा और ऊपर की तरफ सरक जाओ। फिर में ऊपर सरककर दूध पीने लगा और वो मेरे खड़े लंड को पकड़कर अपने दूसरे बूब्स की निप्पल से लगाकर दबाने लगी और उसके निप्पल का दूध मेरे लंड के टोपे पर गिरने लगा। फिर मैंने कुछ देर बाद अपने सर को उठाकर देखा तब वो अपने दूसरे बड़े आकार के बूब्स की निप्पल को जो दूध से भरी थी मेरे लंड के टोपे पर लाकर दबा रही थी और एक हाथ से मेरे दोनों आंड को दबा भी रही थी। दोस्तों कुछ भी कहो, लेकिन मुझे बहुत मस्त मज़ा आने लगा था और में अब पहले से भी ज्यादा ज़ोर ज़ोर से खींचकर उसका दूध पीने लगा था। अब वो मेरे आंड को दबा रही थी और अपने बड़े बूब्स से मेरे लंड को भी दबा रही थी। उसने अपने निप्पल से मेरे लंड पर और भी दूध गिराया और फिर तुरंत ही लपककर धीरे से मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थी।
दोस्तों उसके यह सब करने की वजह से में तो जोश मस्ती की वजह से एकदम पागल हो चुका था और अब उसके बड़े आकार के दूध से भरे बूब्स मेरे मुँह में थे। अब वो मेरे लंड की तरफ झुककर मेरा पूरा लंड अपने मुहं में लेकर उसको मज़े से चूसने लगी थी और अपने दोनों हाथों से मेरे आंड को दबाने भी लगी थी। दोस्तों इस तरह से हम दोनों अपने अपने काम में बहुत व्यस्त थे और जब से वो मेरा लंड अपने मुहं से भरकर चूस रही थी तो मेरे मुहं में उसके बूब्स और गरम गरम दूध देने लगा था और में गटागट उसके मस्त स्वादिष्ट दूध को पीने लगा था। अब वो भी ज़ोर से चीखकर मेरा लंड चूसने लगी थी और कुछ देर बाद उठकर उसने मुझसे कहा कि वाह क्या बात है? जितना मेरे यह बूब्स तुम्हे दूध पिला रहे है उतना ही तुम्हारा लंड मुझे अपना दूध पिला रहा है। मुझे ऐसा लगता है कि जैसे मेरे निप्पल का दूध तुम्हारे मुँह से होते हुए तुम्हारे लंड में आ रहा है, जो में धीरे धीरे पी रही हूँ। फिर यह सब कहकर वो एक बार फिर से मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और मेरे आंड को भी हल्के हल्के दबाती जा रही थी, जिसकी वजह से मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था और अब मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई चीज़ मेरे आंड से निकलकर उसके मुहं में जा रही है। दोस्तों मुझे अब बिल्कुल ऐसा लग रहा था कि जैसे में भी एक गाय हूँ और में उसको अपना दूध पिला रहा हूँ।
अब वो धीरे धीरे खीच खींचकर मेरे दूध को पीने लगी और अपने बड़े आकार के रसभरे बूब्स से इतना ज्यादा दूध मेरे मुहं में निकालने लगी थी, जिसको में बड़े ही मज़े लेकर पीने लगा था। फिर कुछ देर बाद ही अचानक से वो अपने बूब्स को मेरे मुँह से बाहर खींचकर चिल्लाने लगी। अब मैंने उसको कहा कि अरे नहीं, तुम मुझे अपने रसभरे बूब्स दो, मुझे इनको चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा है। फिर उसने कहा कि बस एक मिनट ठहर जाओ और अपना मुँह मेरे मुँह से लगाकर मेरा मुहं खोलकर अपने मुहं में भरा पूरा गरम गरम दूध मेरे मुहं में डाल दिया और फिर मुझसे कहा कि तुम इसको गटक जाओ, यह वही दूध है जो में तुम्हारे लंड से पी रही हूँ। दोस्तों मुझे वो बहुत मज़ेदार लगा, गरम गरम नमकीन सा में तुरंत उसको पूरा पी गया।
फिर उसके बाद उसने अपने बड़े बूब्स को दोबारा मेरे मुँह में घुसा दिया और दोबारा में उसका दूध पीने लगा जो कि इस बार और भी ज्यादा गरम मज़ेदार दूध था, जिसको वो मेरे मुहं में देने लगी और कुछ देर बाद उसने दोबारा नीचे झुककर एक बार फिर से मेरे लंड को अपने मुहं में भरकर उसका दूध पीना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से हम दोनों को बहुत मस्त मज़ा आ रहा था। अब में उसके बड़े ही मुलायम रसभरे बूब्स से दूध पी रहा था और वो मेरे लंड से एक ही वक़्त में दूध पी रही थी। हम दोनों के मुहं से चुप चुप चुप चुप की आवाज़ें आ रही थी और हम दोनों ही एक दूसरे के दूध को पीने में एकदम गुम थे। फिर कुछ देर उनके साथ मज़े लेकर वापस में हंसी खुशी अपने घर वापस चला आया लेकिन उसके बाद भी हम दोनों ने कई बार बहुत कुछ किया
दोस्तों मेरा नाम राजीव है और आज में आप आपके लिए अपनी उस घटना को लेकर आया हूँ जो मेरा सबसे पहला सेक्स अनुभव होने के साथ ही सबसे अच्छा अनुभव भी था। दोस्तों वैसे तो मुझे सेक्स की तडप बचपन से ही है यह मेरी सच्ची घटना है जिसमें मैंने अपने पड़ोस में रहने वाली बड़े बूब्स की आंटी के साथ पहली बार वो सब किया जिसके बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं था और उसके बाद मेरी हिम्मत बहुत ज्यादा बढ़ गई अब आप सभी को ज्यादा बोर ना करते हुए सीधे पॉइंट पर आता हूँ। दोस्तों में जब छोटा था तब में अपने पड़ोस वाले एक घर में हमेशा जाता था और वहीं पर एक शादीशुदा औरत थी जिसको में हमेशा आंटी कहता था।
दोस्तों उसके बूब्स आकार में बहुत बड़े थे और वो अपने ब्लाउज के ऊपर वाले दो बटन हमेशा खुले रखती थी और अपने उस ब्लाउज के अंदर वो ब्रा भी नहीं पहनती थी और वो हर समय मुझे अपने बूब्स को दिखाती रहती थी। दोस्तों उसके दो छोटे छोटे बच्चे थे, एक पांच साल का था और दूसरा लड़का एक साल का था और वो अपने दोनों लड़को को अपना दूध पिलाती थी और वो जब भी अपने बच्चो को अपना दूध पिलाती तो वो मेरे पास आ जाती और अपने दोनों बूब्स को खोलकर अपने दोनों बच्चो के मुहं में अपनी बड़ी आकार की उठी हुई निप्पल को डाल देती थी। दोस्तों उसके बूब्स बिल्कुल सफेद रंग के थे और निप्पल गुलाबी रंग के थे और में अक्सर उसके घर जाया करता था और जब भी में उसके घर जाता था आंटी अपने किसी भी काम में कितना भी व्यस्त क्यों ना रहती हो वो तुरंत मुझे देखकर अपना वो काम वहीं छोड़ देती।
फिर वो मेरे पास आकर बैठ जाती और उसके बाद अपने दोनों बच्चो को अपने पास बुलाती और फिर अपने ब्लाउज को झट से खोलकर अपने दोनों बूब्स को पकड़कर बाहर निकालती और अपने दोनों बच्चो के मुँह में दे देती और में पास बैठकर उसके बूब्स को चकित होकर देखता रहता। फिर वो भी मुझसे बातें करते रहती और अपने बच्चो को अपना दूध पिलाती रहती और वो यह भी देखती कि में उसके बूब्स को देख रहा हूँ और इस तरह से में उसके गोरे बड़े आकार के बूब्स को देखते हुए बड़ा हो गया। एक बार में उसके घर गया तब मैंने देखा कि वो उस समय चारपाई पर सो रही थी, वो एकदम चित होकर लेटी हुई थी उस समय उसने सिर्फ़ पेटिकोट पहना हुआ था और वो ऊपर से बिल्कुल नंगी थी उस के दोनों बड़े आकार के बूब्स बाहर बिल्कुल नंगे मेरी आँखों के सामने थे और उसका एक बच्चा दूध भी पी रहा था और दूसरा बच्चा सो चुका था।
फिर में उनके पास पहुँचा और मैंने पास से बूब्स को देखा तो वो बहुत आकर्षक थे और उसके बिल्कुल गुलाबी निप्पल खड़े हुए थे और मैंने थोड़ा सा नीचे झुककर देखा तो वो उस समय गहरी नींद में सो रही थी। अब में उसके बूब्स देखकर अपने आपे से बाहर हो गया और अब में उसका एक बूब्स अपने हाथ में लेकर उसको दबाने लगा था और उसके निप्पल को खींचने भी लगा था, जिसकी वजह से अब उस निप्पल से दूध भी निकलकर बहने लगा। अब मैंने तुरंत ही अपने मुँह को नीचे झुकाकर मैंने उसका वो पूरा निप्पल और बूब्स अपने मुँह में भर लिया और में धीरे धीरे उसको चूसने लगा। फिर कुछ देर बाद मैंने अपनी आँखों को ऊपर उठाकर देखा तो वो अब भी सो रही थी, में ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स को चूसने लगा था, जिसकी वजह से उसका गरम गरम दूध मेरे मुहं में भरने लगा में उसको पीने लगा था। अब में उसके पूरे बड़े आकार के बूब्स को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और उनका दूध पीने लगा था, मैंने अब करीब बहुत सारा दूध पी लिया और डरते हुए कि कहीं वो उठ ना जाए, मैंने उसके बूब्स को अब छोड़ दिया और में वहां से चला आया। दोस्तों अपने घर आकर मैंने देखा कि मेरा लंड जो अब एकदम तनकर खड़ा हो चुका था। फिर मैंने बाथरूम में जाकर मुठ मारना शुरू किया और फिर कुछ देर हिलाने के बाद मेरे लंड का पानी तेज गति के साथ दूर जाकर गिरा। फिर उस दिन के बाद मुझे चस्का लग चुका था, इसलिए में अब सुबह शाम अपनी आंटी के घर जाने लगा था।
एक बार शाम में उनके घर गया, तब मैंने देखा कि वो उस समय सिर्फ़ साड़ी पहनी हुई है और उसके दोनों बड़े आकार के बूब्स दोनों तरफ से लटक रहे है। फिर में गया तो मुझे देखकर तुरंत ही वो भी मेरे पास आकर बैठ गई और तुरंत ही उसके दोनों बच्चे भी उसके पास आ गये और उसकी साड़ी का पल्लू उन्होंने खींच खींचकर अलग कर दिया और वो दोनों बच्चे दोनों बूब्स को अपने मुहं में भरकर खींचकर उसका दूध पीने लगे और वो मुझसे इधर उधर की बातें कर रही थी। दोस्तों वो मुझसे इतना करीब थी कि उसके बूब्स और निप्पल को में साफ देख रहा था और फिर कुछ देर बाद बच्चे दूध पीते पीते सो गए। अब उसने मुझसे कहा कि प्लीज राजीव तुम एक बच्चे को ज़रा उठा लो और इसके मुँह से मेरा यह बूब्स बाहर निकाल दो। फिर मैंने उसके कहते ही तुरंत अपने हाथ से उसके एक बूब्स को पकड़कर उस निप्पल को खींचकर बच्चे के मुहं से बाहर निकाल दिया।
दोस्तों उस काम को करने की वजह से मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया और उसने भी मेरे खड़े लंड को देख लिया तभी वो मुझसे कहने लगी कि यह दूसरा वाला बूब्स भी इसके मुहं से बाहर खींच लो प्लीज अब मैंने उसके निप्पल को अपने दोनों हाथों से पकड़कर खींच लिया और अलग कर दिया और अपने दोनों बच्चो को सुला देने के बाद वो मुझसे कहने लगी कि मेरी छाती में बहुत सारा दूध भरा हुआ है, क्या इसको तुम पीना चाहते हो? अब मुझे उनके मुहं से यह बात सुनकर शरम आने लगी थी, इसलिए मैंने अपनी गर्दन को नीचे झुका लिया। अब वो मुझसे कहने लगी इसमे इतना शरमाने की क्या बात है? तुम आज भी पी लो जैसे उस दिन पी रहे थे। दोस्तों में तो अब उसके मुहं से यह बात सुनकर एकदम से घबरा गया और मन ही मन में सोचने लगा कि इसका मतलब यह था कि उस दिन भी यह जाग रही थी, जब में अपनी आंटी के उस दिन बड़े आकार के बूब्स को अपने मुहं में भरकर बड़े मज़े से उनका सर चूस रहा था अब उसने अपने सारे कपड़े खोल दिए और वो सिर्फ़ पेटीकोट पहने हुए थी।
मैंने देखा कि उसके बड़े आकार के रस भरे बूब्स एकदम नीचे लटक रहे थे और वो द्रश्य देखकर मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया था। अब उसने भी मेरे लंड को देख लिया था, वो तुरंत नीचे बैठ गई और मुझे उसने अपनी गोद में लेटने के लिए कहा और में तुरंत लेट गया और अब उसके 38 इंच के बड़े आकार के बूब्स मेरे मुँह से टकरा रहे थे। फिर मैंने तुरंत ही उसके बूब्स के निप्पल को अपने मुँह में भर लिया और में उसको ज़ोर ज़ोर से चूसते हुए उसका रस पीने लगा और में ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स को खींचकर दूध पीने लगा था। फिर उसी समय उसने अपना एक हाथ आगे बढ़ाकर मेरा लंड पकड़ लिया। अब में और भी जोश में आ गया और में ज़ोर ज़ोर से खींचकर उसका दूध पीने लगा। अब उसने मुझसे कहा कि में भी तुम्हारा दूध पीना चाहती हूँ। फिर मैंने वो बात उसके मुहं से सुनकर एकदम चकित होकर उसको पूछा कि मेरा दूध कहाँ है, आप कौन से दूध की बात कर रही है, में समझा नहीं? अब उसने मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़कर उसकी तरफ इशारा करके कहा कि यह है तुम्हारा वो दूध जिसको में अब पीना चाहती हूँ।
फिर मैंने कहा कि नहीं अभी में तुम्हारे बूब्स को नहीं छोड़ सकता, मुझे इसको चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा है और में कुछ इसको ऐसे ही पीता रहूँगा। अब उसने कहा कि हाँ ठीक है बाबा, तुम मेरे बूब्स को मत छोड़ना और पीते रहना बस तुम ज़रा और ऊपर की तरफ सरक जाओ। फिर में ऊपर सरककर दूध पीने लगा और वो मेरे खड़े लंड को पकड़कर अपने दूसरे बूब्स की निप्पल से लगाकर दबाने लगी और उसके निप्पल का दूध मेरे लंड के टोपे पर गिरने लगा। फिर मैंने कुछ देर बाद अपने सर को उठाकर देखा तब वो अपने दूसरे बड़े आकार के बूब्स की निप्पल को जो दूध से भरी थी मेरे लंड के टोपे पर लाकर दबा रही थी और एक हाथ से मेरे दोनों आंड को दबा भी रही थी। दोस्तों कुछ भी कहो, लेकिन मुझे बहुत मस्त मज़ा आने लगा था और में अब पहले से भी ज्यादा ज़ोर ज़ोर से खींचकर उसका दूध पीने लगा था। अब वो मेरे आंड को दबा रही थी और अपने बड़े बूब्स से मेरे लंड को भी दबा रही थी। उसने अपने निप्पल से मेरे लंड पर और भी दूध गिराया और फिर तुरंत ही लपककर धीरे से मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थी।
दोस्तों उसके यह सब करने की वजह से में तो जोश मस्ती की वजह से एकदम पागल हो चुका था और अब उसके बड़े आकार के दूध से भरे बूब्स मेरे मुँह में थे। अब वो मेरे लंड की तरफ झुककर मेरा पूरा लंड अपने मुहं में लेकर उसको मज़े से चूसने लगी थी और अपने दोनों हाथों से मेरे आंड को दबाने भी लगी थी। दोस्तों इस तरह से हम दोनों अपने अपने काम में बहुत व्यस्त थे और जब से वो मेरा लंड अपने मुहं से भरकर चूस रही थी तो मेरे मुहं में उसके बूब्स और गरम गरम दूध देने लगा था और में गटागट उसके मस्त स्वादिष्ट दूध को पीने लगा था। अब वो भी ज़ोर से चीखकर मेरा लंड चूसने लगी थी और कुछ देर बाद उठकर उसने मुझसे कहा कि वाह क्या बात है? जितना मेरे यह बूब्स तुम्हे दूध पिला रहे है उतना ही तुम्हारा लंड मुझे अपना दूध पिला रहा है। मुझे ऐसा लगता है कि जैसे मेरे निप्पल का दूध तुम्हारे मुँह से होते हुए तुम्हारे लंड में आ रहा है, जो में धीरे धीरे पी रही हूँ। फिर यह सब कहकर वो एक बार फिर से मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और मेरे आंड को भी हल्के हल्के दबाती जा रही थी, जिसकी वजह से मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था और अब मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई चीज़ मेरे आंड से निकलकर उसके मुहं में जा रही है। दोस्तों मुझे अब बिल्कुल ऐसा लग रहा था कि जैसे में भी एक गाय हूँ और में उसको अपना दूध पिला रहा हूँ।
अब वो धीरे धीरे खीच खींचकर मेरे दूध को पीने लगी और अपने बड़े आकार के रसभरे बूब्स से इतना ज्यादा दूध मेरे मुहं में निकालने लगी थी, जिसको में बड़े ही मज़े लेकर पीने लगा था। फिर कुछ देर बाद ही अचानक से वो अपने बूब्स को मेरे मुँह से बाहर खींचकर चिल्लाने लगी। अब मैंने उसको कहा कि अरे नहीं, तुम मुझे अपने रसभरे बूब्स दो, मुझे इनको चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा है। फिर उसने कहा कि बस एक मिनट ठहर जाओ और अपना मुँह मेरे मुँह से लगाकर मेरा मुहं खोलकर अपने मुहं में भरा पूरा गरम गरम दूध मेरे मुहं में डाल दिया और फिर मुझसे कहा कि तुम इसको गटक जाओ, यह वही दूध है जो में तुम्हारे लंड से पी रही हूँ। दोस्तों मुझे वो बहुत मज़ेदार लगा, गरम गरम नमकीन सा में तुरंत उसको पूरा पी गया।
फिर उसके बाद उसने अपने बड़े बूब्स को दोबारा मेरे मुँह में घुसा दिया और दोबारा में उसका दूध पीने लगा जो कि इस बार और भी ज्यादा गरम मज़ेदार दूध था, जिसको वो मेरे मुहं में देने लगी और कुछ देर बाद उसने दोबारा नीचे झुककर एक बार फिर से मेरे लंड को अपने मुहं में भरकर उसका दूध पीना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से हम दोनों को बहुत मस्त मज़ा आ रहा था। अब में उसके बड़े ही मुलायम रसभरे बूब्स से दूध पी रहा था और वो मेरे लंड से एक ही वक़्त में दूध पी रही थी। हम दोनों के मुहं से चुप चुप चुप चुप की आवाज़ें आ रही थी और हम दोनों ही एक दूसरे के दूध को पीने में एकदम गुम थे। फिर कुछ देर उनके साथ मज़े लेकर वापस में हंसी खुशी अपने घर वापस चला आया लेकिन उसके बाद भी हम दोनों ने कई बार बहुत कुछ किया
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