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इन रिश्तों के साथ चुदाई करने में बड़ा मज़ा आता है - In rishton mein chudai karni chahiye
ये रिश्ते भी अजीब होतें हैं ? एक तरफ तो यह कहा जाता है की जब चूत में आग लगी तो फिर कोई रिस्ता नहीं देखा जाता। जिसका लण्ड मिले उसी का लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ लेना चाहिए। और जब लण्ड साला खड़ा हो जाए तो भी कोई रिस्ता नहीं देखा जाता बस जिसकी चूत मिले उसी में लण्ड पेल देना चाहिए। दूसरी
तरफ कुछ ऐसे रिश्ते होतें है जिनके साथ चुदाई करने में बड़ा अच्छा लगता है, बड़ा मज़ा आता है और उसमें कोई बुराई भी नज़र नहीं आती ? जैसे देवर भाभी का रिस्ता, जीजा साली का रिस्ता, नन्द भौजाई का रिस्ता, समधी समधिन का रिस्ता आदि आदि। ये सारे रिश्ते चोदा चोदी वाले होतें हैं। मज़ा तो तब आता है जब एक ही व्यक्ति से दोहरे रिश्ते बन जातें हैं। जैसे मेरे रिश्ते मेरी बेटी के शौहर से बन गये हैं। मेरी बेटी का शौहर मेरा देवर लगता हैं। तो एक तरफ वह मेरा दामाद है और दूसरी तरफ वह मेरा देवर ?
इसी तरह मेरे कई लोगों से रिश्ते हैं। मैं बहन चोद इतनी हरामजादी हूँ की मैं चोदा चोदी वाले रिश्ते ही मानती हूँ क्यों की उससे मुझे चोदने और चुदाने में खूब मज़ा आता है। अब देखो न मेरी बेटी का मियां मेरा देवर है तो फिर मैं क्यों न उसका लण्ड चोदूँ ? क्यों न उसका लण्ड अपनी चूत में पेलूं ? इसी रिश्ते से मेरी बेटी मेरी देवरानी लगती है। मैं देवरानी की माँ भी चोद सकती हूँ और मेरी देवरानी अपनी जेठानी की बुर में भी लौड़ा पेल सकती है। मैं तो मादर चोद ऐसे ही रिश्ते ढूंढ ढूंढ कर सबके लण्ड का मज़ा लूटती हूँ। हमारे मुस्लिम समाज में बड़ी नजदीकी रिश्ते दारी में शादियां हो जातीं हैं इसलिए दोहरे तिहरे रिश्ते अपने आप बन जातें हैं। अब आप ही बताइए मेरी बेटी अगर मेरी देवरानी है तो मेरा मियां उसका जेठ हुआ ? अब देवरानी अपने जेठ का लण्ड तो मुंह में ले ही सकती है। इसका मतलब की मेरी बेटी अगर अपने अब्बू का लण्ड अपने मुंह में ले ले तो कोई हर्ज़ नहीं है। देवरानी जेठानी मिलकर अगर एक दूसरे की चूत में लण्ड पेलें तो कोई हर्ज़ नहीं है। इसमें अगर और भी रिश्ते शामिल हो जायें तो यही चुदाई एक महा चुदाई में तब्दील हो जाएगी और तब सामूहिक चुदाई का मज़ा सबको मिलेगा।
अभी मैं आपको अपनी बहन की बात बता रही हूँ। उसकी बेटी की शादी अभी दो महीने पहले ही हुई है। वह मुझसे कहने लगी दीदी इस नए रिश्ते से मैं अपनी ही बेटी की नन्द हो गयी हूँ और वह मेरी भौजाई। अब बताओ अगर भौजाई अपनी नन्द की बुर में लण्ड नहीं पेलेगी तो किसकी बुर में पेलेगी और नन्द अपनी भौजाई की बुर नहीं चोदेगी तो किसकी बुर चोदेगी ? इतना ही नहीं मेरा मियां तो मेरी बेटी का नंदोई हो गया है। अब नयी नवेली दुल्हन अपने नंदोई के लण्ड के साथ नहीं खेलेगी तो किसके लण्ड के साथ खेलेगी ? इसलिए मेरी बेटी अगर अपने अब्बू का लण्ड पकड़ ले तो क्या हर्ज़ है ? ये तो सब चोदा चोदी के ही रिस्तें हैं। मैं तो इसी चोदा चोदी के रिश्ते मानती हूँ और सबके लण्ड का मज़ा लेती हूँ। यही हाल मेरी बेटी का भी है। वह भी बुर चोदी सबके लण्ड का मज़ा ले रही है। अभी दो महीने में ही अपने देवरों के लण्ड, अपने जेठ का लण्ड और अपने खाला ससुर का लण्ड चोद कर आयी है।
मैंने कहा तू ठीक कह रही है। इसका एक और मतलब है। तू अपनी बेटी की नन्द है तो मैं भी तेरी बेटी की नन्द हुई। तेरी बेटी मेरी भी भौजाई हुई । मैं तो तेरी बिटिया की बुर चोदूँगी ? तेरी बेटी के मियां का लण्ड चोदूँगी। मुझे चोदने और चुदाने का एक और रिस्ता मिल गया है। तब तक मेरी बेटी आई और बोली अम्मी तेरी बेटी की माँ की चूत ? मैंने भी जड़ दिया और कहा बेटी, तेरी माँ की बिटिया की बुर ? मेरी बेटी आला बहुत खूबसूरत है, पढ़ी लिखी है और बोल्ड है। मुझे तो वह अपनी सहेली मानती है। जब से वह १८ + की हुई तब से मैं भी उससे खुल कर बातें करने लगी।
मैं चाहती थी की मेरी बेटी दुनिया का हर तरह का सुख भोगे। जवानी में सबसे बड़ा सुख होता है लण्ड का सुख। अगर जवानी में लड़की को लण्ड मिलता रहे। हर रोज़ कोई न कोई उसे चोदता रहे तो वह हर तरह का दुःख बर्दास्त कर लेती है। उससे कहा जाए की तुम पैसा लोगी की लण्ड तो वह कहेगी पैसा बाद में पहले लण्ड लूंगी ? मेरी भी बेटी का यही हाल है। वह कहती है तुम मुझे हर तरह की गुलामी करवा लो लेकिन मेरी बुर चोदते रहो और चुदवाते रहो ? उसका कहना है की मैं एक ऐसे लड़के से निकाह करूंगी जो अपनी बीवी की बुर ग़ैर मर्दों से चुदवाता रहे।
मैंने इसीलिए अपनी बेटी को बोल्ड बनाया। उसे गालियां देना सिखाया। अब देखो वह भोसड़ी वाली इतनी एक्सपर्ट हो गयी है की कोई उसके आगे टिक नहीं सकती। जहाँ मौक़ा पाती है वहीँ लोगों की माँ बहन चोद देती है। लण्ड पकड़ने में तो मुझसे आगे निकल गयी है। लण्ड चोदना मैंने अपनी बेटी से ही सीखा। जब रिश्तों की बात चल रही थी और मेरी बहन यानी मेरी बेटी की खाला यहीं थी तो वह बोली अम्मी जान रिश्तों की माँ का भोसड़ा ? रिश्तों की बहन की बुर ? मैं तो सिर्फ इतना जानती हूँ की रिस्ता तो एक ही है जो खुदा ने बनाया है। आदमी और औरत का रिस्ता ? लण्ड और चूत का रिस्ता ? अगर तुम इस रिश्ते को मानो तो फिर किसी का भी लण्ड अपनी चूत में घुसा सकती हो। किसी भी चूत में अपना लण्ड पेल सकते हो ? चूत में जब आग लगी होती है तो कौन बुर चोदी रिश्ते की बात करती है उसे तो बस लण्ड चाहिए लण्ड ? और लण्ड जब खड़ा होता है तो उसे चाहिए चूत। वह रिश्ते की झांट परवाह नहीं करता ? इसीलिए मैं कहती हूँ की मेरा शौहर ऐसा हो जो अपनी बीवी सबसे चुदवाये।
मेरी तरह मेरी बेटी भी सिर्फ चोदा चोदी के रिश्ते ही मानती है बाकी वह किसी की परवाह नहीं करती। मैंने उसकी शादी कर दी और उसे ससुराल भी अच्छी मिल गयी। शौहर भी अच्छा मिल गया। रिश्ते भी दोहरे निकल आये। अब आप इसे अच्छा कहें या बुरा मेरी इच्छा थी की मैं अपनी बेटी के शौहर का लण्ड पकड़ कर देखूं। एक बार उससे चुदवाकर कर देखूं ? मैं जानना चाहती थी कि वह मेरी बेटी की बुर ठीक से ले पाता है की नहीं ? कहीं उसे गांड का तो शौक नहीं है ? उसके लण्ड में तो कोई कमी नहीं है ? मेरी एक सहेली है उसकी बेटी का शौहर बहन चोद गांडू निकला। उसे बुर चोदने से ज्यादा गांड मारने मराने में इंटरेस्ट था। हालांकि इसका एक फायदा भी हुआ उसकी बेटी को। वह अपने मियां के सामने ही ग़ैर मर्दों से बेहिचक भकाभक चुदवाने लगी। इसीलिए मैं थोड़ा डरी हुई थी। मैंअपने बेटीआला के शौहर का लण्ड पकड़ने की कोशिश करने लगी।
आखिर कार एक दिन मेरी कोशिश रंग लाई। उस दिन मेरी बेटी बाहर गई थी। घर में मैं थी और मेरी बहन की बेटी अदा ? इतने में अदा की ससुराल से उसका नंदोई आ गया। उसे कुछ काम था तो वह दो दिन के लिए आया था। उसके आधे घंटे के बाद मेरी बेटी का मियां बसीर भी आ गया। उसे सरकारी नौकरी के लिए जाना था। दोनों रात में रुके और बड़ी देर तक हम लोगों की बातें होतीं रहीं। मेरी नियत अपने दामाद पर ख़राब हो गई। मैंने सोंच लिया की आज तो मैं इसका लण्ड चोदूँगी जरूर ? हम चारों एक ही साथ बैठे हुए बातें करने लगी और हंसी मजाक करने लगीं। धीरे धीरे खुल कर और गन्दी गन्दी बातें करने लगीं। इतने में अदा ने कहा - मैं आपको एक शायरी सुनाती हूँ :-
पकड़ो तो किसी का हाथ पकड़ो
बात बात पे लण्ड पकड़ती क्यों हो ?
सबने खूब एन्जॉय किया।
मैंने कहा अब मैं भी कुछ सुनाऊँगी :-
लण्ड ने कहा मैं तो पैदाईशी हूँ मजबूत
मिल गई तो तेरी चूत नहीं तो तेरी माँ की चूत.
इस बार सबने खूब तालियां बजाई और मज़ा लिया। इससे माहौल एकदम से गरम हो गया। तब तक मेरे बड़े बड़े स्तन खुल कर सबके सामनेआ गए। अदा भी माँ की लौड़ी अपनी चूँचियाँ खोल कर बैठ गई। उसे देख कर दोनों के लण्ड में गज़ब का तनाव आ गया। मैंने हाथ बढ़ाया और अपने दामाद बसीर के पैजामे का नाड़ा खोलने लगी। नाड़ा खुला तो मैंने घुसेड़ दिया। उधर अदा भी अपने नंदोई सुहैल का नाड़ा खोला और हाथ अंदर घुसा दिया। हम दोनों अंदर ही अंदर लण्ड सहलाने लगी। फिर मैंने एक ही झटके से बसीर का पैजामा खोल कर फेंक दिया और वह एकदम नंगा हो गया। उसे देख कर सुहैल भी नंगा हो गया। दोनों लण्ड बहन चोद खड़े होकर आसमान ताकने लगे। मैं मुस्कराते हुए लण्ड का मज़ा लेने लगी और अदा भी।
अदा बोली - आफरीन (मेरा नाम) खाला जान तेरे दामाद का लौड़ा तो बड़ा हक्कानी है भोसड़ी का। तेरी बेटी आला तो बड़ा मज़ा करती होगी बुर चोदी ?
मैंने कहा - मज़ा तो तू करती है मादर चोद अदा। तेरे भी हाथ में पराये मरद का लण्ड झूम रहा है। मज़ा तो तेरी माँ भी करती होगी ?
वह बोली - मेरी माँ की बिटिया की बुर खाला जान। तुम नहीं जानती हो की मेरी माँ कितनी बदचलन औरत है ? वह जहाँ लौड़ा देखती है वहीँ अपनी चूत खोल कर खड़ी हो जाती है। मेरे बॉय फ्रेंड्स आतें है तो उनसे कहती है की तुम अदा की बुर चोदते हो अब उसकी का माँ भोसड़ा चोदो । ऐसा बोल कर उनके लण्ड पकड़ लेती है और फिर मजे से चुदवाती है। ऐसी है तेरी बुर चोदी बहन और तेरी बहन का भोसड़ा खाला जान ? मैं उसकी बातें सुनकर मुस्कराने लगी क्योंकि मुझे तो सब मालूम ही था । मैं अपनी बेटी के शौहर का लण्ड चूसने लगी और अदा अपने नंदोई का लण्ड। मेरी भी चूत खुल चुकी थी और अदा की भी। बसीर के लण्ड का साइज लगभग 8" x 5.5" था। इतना मोटा और सख्त लण्ड पकड़ कर मैं बहुत खुश हुई की मेरी बेटी को एक मरदाना और मस्त लौड़ा मिला है। मैंने लण्ड की कई चुम्मियाँ लीं। उसके पेल्हड़ चूमे और फिर लण्ड का सुपाड़ा मुंह में भर कर चूसने लगी।
अदा भी सुहैल के लण्ड पर फ़िदा हो गयी और उसे प्यार से चाटने चूसने लगी। बसीर मेरी चूत सहलाते हुए मेरी चूँचियाँ दबाने लगा। वह बोला सासू जी तेरी चूत तो बिलकुल मेरी भाभी की जैसी है और तेरी बड़ी बड़ी खुंचियाँ भी मेरी खाला जान की चूँचियों से मिलती जुलतीं हैं। मैंने कहा वाओ, तो तुम अपनी खाला का भोसड़ा चोदते हो न ? और अपनी भाबी की बुर तो लेते ही होंगे। उसने कहा हां सासू जी मैं दोनो की बुर चोदता हूँ। मुझे मालूम हुआ है की तुम अपनी खाला की बिटिया की भी बुर चोदते हो। वह बोला हां सासू जी आपने ठीक सुना है। एक दिन उसकी बेटी ने मेरा लण्ड बाथ रूम में पकड़ लिया था। बस मैं उसी दिन से उसे भी चोदने लगा। अब तो कभी कभी माँ बेटी दोनों मुझसे एक साथ चुदवाती हैं। मुझे बड़ा मज़ा आता है दोनों को चोदने में ? मैंने पूंछा अच्छा बेटा यह बताओ की अगर कोई तेरी बीवी चोदे तो तुम चुदवा लोगे ? ऐतराज़ तो नहीं करोगे ? वह बोला हां बिलकुल चुदवा लूंगा और कोई ऐतराज़ नहीं करूंगा। जब मैं किसी और की बीवी चोद सकता हूँ तो कोई और भी मेरी बीवी चोद सकता है। एक बात और जब मैं दूसरों की बीवियां चोदता हूँ तो मेरी बीवी को भी दूसरों से चुदवाने का हक़ है। मैं तो कहता हूँ की मेरी मेरे सामने अगर दूसरे लोगों से चुदवाये तो मुझे ज्यादा ख़ुशी होगी। उसकी बात सुन कर मैं गद गद हो गयी। इतने में उसका लौड़ा और तन कर खड़ा हो गया। फिर मैं उसके लण्ड पर बैठ गयी और एक मरद की तरह लण्ड चोदने लगी। मैं अपनी गांड उठा उठा के लण्ड पर पटक रही थी। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। तभी अचानक मेरी बेटी का फोन आ गया।
- वह बोली - क्या कर रही हो अम्मी जान ?
- मैंने कहा - तेरे मियां का लण्ड चोद रही हूँ बेटी।
- हाय दईया तू भोसड़ी की बहुत बड़ी हरामजादी है। तुझे मेरे ही मियां का लण्ड मिला है चोदने को ? किसी और का लण्ड नहीं चोद सकती थी तू ?
- बेटी आला मैं तो यह देखना चाहती थी की मेरी बेटी के शौहर का लौड़ा कैसा है ? उसका साइज क्या है ? वह चोदने में कैसा है ? कहीं वह गांडू तो नहीं है ? अब मैं बड़ी खुश हूँ बेटी की तेरे शौहर का लण्ड बड़ा जबरदस्त है। वो तो तेरी माँ का भोसड़ा भी फाड़ डालेगा।
- तो फिर फड़वा ले न अपना भोसड़ा मेरी मियां से, अम्मी जान ? मैं भी कम नहीं हूँ। मैं भी तेरे बहनोई का लण्ड चोद रही हूँ।
- हाय अल्ला, तू भी बुर चोदी बहुत बड़ी मादर चोद है। मेरे बहनोई का लण्ड चोद रही है तू ? उसका लण्ड चोद खड़ा होने पर थोड़ा टेढ़ा हो जाता है और ऐसे लण्ड से चुदवाने में बड़ा मज़ा आता है बेटी। जानती हो तुम ? वह भोसड़ी का तेरी माँ की बुर लेता है, बेटी ?
- हां तो ठीक है न। मेरी माँ की बुर लेता है तो अब माँ की बिटिया की भी बुर लेगा ?
- तब अदा के फोन की घंटी बज उठी। वह बोली हां अम्मी जान बोलो क्या बात है ?
- वह बोली - बेटी अदा तुम क्या कर रही हो ?
- अदा ने कहा - मैं अपने नंदोई का लण्ड पी रही हूँ अम्मी ?
- वह बोली - हाय दईया, मैं तेरे ससुर का लण्ड पी रही हूँ बेटी। इतना मोटा तगड़ा लण्ड है तेरे ससुर का बेटी की मुझे तो बड़ा मज़ा आ रहा है। मैंने यह पूंछने के लिए फोन किया की क्या तूने कभी अपने ससुर से चुदवाया ? कभी उसका लण्ड पेला अपनी चूत में बेटी अदा ?
- अदा बोली - नहीं अम्मी अभी तक तो नहीं चुदवाया ? हां उसका लण्ड जरूर देखा है ?
- उसकी अम्मी बोली - चुदवाया नहीं तो लण्ड कैसे देख लिया तूने पगली ?
- अदा ने बताया - एक दिन वह मेरी जेठानी की बुर चोद रहा था और मैं दूर से बैठी बैठी उसकी पूरी चुदाई देखी थी।
- उसकी अम्मी बोली - हाय अल्ला, तो तू उसी वख्त क्यों यही घुस गईं कमरे में ? तुझे तो लपक कर लण्ड पकड़ लेना चाहिए था लण्ड ? दूर बैठी बैठी क्या तू अपनी माँ चुदा रही थी बुर चोदी अदा ?
- अदा ने कहा - माँ तो मैं अब चुदवाऊंगी अपने सामने ? सिर्फ ससुर से नहीं बल्कि ससुर के दोस्तों से भी। तब आएगा असली मज़ा माँ चुदाने का अम्मी जान ?
- अदा की अम्मी ने कहा - अदा तू बहुत बड़ी बेशरम और बेहाया हो गयी है बुर चोदी ? अपने ससुर के दोस्तों के लण्ड पेलेगी तू मेरी चूत में ? तेरी माँ का भोसड़ा ? देखती हूँ किस किस से चुदवायेगी तू अपनी माँ ?
इन सब बातों ने आग में घी का काम किया। नतीजा यह हुआ की बसीर ने पूरा लण्ड मेरे भोसड़ा में पेल दिया और मस्ती से चोदने लगा। उधर सुहैल ने भी लौड़ा घुसा दिया अदा की चूत में। वह भी बहकर बहकर चोदने में जुट गया अदा की बुर। हम दोनों की चुदने लगी बुर और हम दोनों एक दूसरे को देख देख कर मजे से चुदवाने लगीं। मेरी नज़र अदा के नंदोई के लण्ड पर थी और अदा की नज़र मेरे दामाद के लण्ड पर। मैं हाथ बढाकर सुहैल के पेल्हड़ सहलाने लगी और अदा मेरे दामाद के पेल्हड़ सहलाने लगी। दूसरे की चूत में लण्ड आता जाता हुआ देख कर सच में बड़ा मज़ा आता है। और यही मज़ा हम दोनों ले रहीं थीं। अदा सोंच रही थी की बुर चोदी सास देखो कितने मजे से अपने दामाद से चुदवा रही है इसे ज़रा सी भी शर्म नहीं है। मैं भी सोंच रही थी की देखो एक बहू कितनी बेशर्मी से अपने नंदोई से चुदवा रही है ऐसे तो इसने कभी अपने ख़सम से भी नहीं चुदवाया होगा।
थोड़ी देर में बसीर ने लण्ड मेरी चूत से निकाला और वही गीला गीला लण्ड अदा की चूत में घुसेड़ दिया। उधर सुहैल ने लण्ड अदा की चूत से निकाला और उसे मेरी चूत में पेल दिया। लण्ड बदला तो हम दोनों का मज़ा दूना हो गया और उन दोनों को भी ऐसा लगा की उन्हें कोई नहीं बुर मिल गयी है चोदने को ? दोनों लड़के धकाधक चोदने में लगे थे और मुझे लड़कों से चुदवाने में ज्यादा ामज़ा आता है। इसलिए मैंने अपनी बेटी को अपनी सहेली बनाकर रखा है। मैं चाहती हूँ उसके सारे ससुराल वाले मुझे भी चोदते रहें ? आखिर में मैंने बसीर और सुहैल दोनों के झड़ते हुए लण्ड अदा के साथ चाटे और अय्यासी की ?
उस दिन जब मैं लौट कर घर आई तो ,,,,,,,,
बेटी ने पूंछा - चोद कर आ गई तू अम्मी जान मेरे मियां का लण्ड ?
मैंने कहा - हां बेटी आ गयी चोद कर। मुझे सच में बड़ा मज़ा आया तेरे मियां का लण्ड चोदने में ? अगर न चोदती तो ज़िन्दगी भर पछताती रहती की इतना बढ़िया मौक़ा था और फिर भी मैंने नहीं चोदा ? बेटी तू बहुत नसीबवाली है, तेरे मियां का लौड़ा लौड़ा लाखों में एक है। आजकल ऐसे लौड़े मिलते कहाँ हैं बेटी आला ? लड़कियां ऐसे लण्ड के लिए तरसतीं रहतीं हैं।
तब तक मेरे पड़ोस की बेटी जमाला भी आ गयी। उसने शायद मेरी बातें सुन लीं थीं।
आते ही बोली - आंटी जी आजकल की अम्मियों को अपने दामादों के लण्ड पर तब तक भरोषा नहीं होता जब तक वो खुद उसका लण्ड पकड़ कर देख न लें। लण्ड अपनी चूत में घुसा कर देख न लें। लण्ड से अपनी चूँचियाँ चुदवा न लें ? मेरी माँ भी बुर चोदी यही कर चुकी है। मेरी शादी के एक हमीने के अंदर ही उसने मेरे मरद का लण्ड चोद कर देखा था। जब उसे लण्ड पसंद आ गया तो वह भकाभक जब देखो तब चुदवाने लगी। मैंने कहा अम्मी जान तुम तो जब देखो तब मेरे मियां का लण्ड ही चोदती रहती हो। अरे मियां मेरा है की तेरा ? वह हंस कर बोली मियां तो तेरा ही है बेटी जमाला पर उसका लण्ड हम दोनों का है। वह हमारे घर का दामाद है तो उसका लण्ड भी हमारे घर का ही है बेटी जमाला। मैं जानती हूँ तू भोसड़ी की किस किस के लण्ड चोदती है ? तेरी माँ की चूत अब मेरा मुंह न खुलवा नहीं तो मैं सब पोल खोल दूँगी तेरी ? मैंने कहा मैं भी तेरी पोल खोल सकती हूँ अम्मी जान पर खोलूंगी नहीं क्योंकि अभी मैं अपने नंदोई का लण्ड चोदने जा रही हूँ।
उस दिन जब मैं लौट कर घर आई तो ,,,,,,,,
बेटी ने पूंछा - चोद कर आ गई तू अम्मी जान मेरे मियां का लण्ड ?
मैंने कहा - हां बेटी आ गयी चोद कर। मुझे सच में बड़ा मज़ा आया तेरे मियां का लण्ड चोदने में ? अगर न चोदती तो ज़िन्दगी भर पछताती रहती की इतना बढ़िया मौक़ा था और फिर भी मैंने नहीं चोदा ? बेटी तू बहुत नसीबवाली है, तेरे मियां का लौड़ा लौड़ा लाखों में एक है। आजकल ऐसे लौड़े मिलते कहाँ हैं बेटी आला ? लड़कियां ऐसे लण्ड के लिए तरसतीं रहतीं हैं।
तब तक मेरे पड़ोस की बेटी जमाला भी आ गयी। उसने शायद मेरी बातें सुन लीं थीं।
आते ही बोली - आंटी जी आजकल की अम्मियों को अपने दामादों के लण्ड पर तब तक भरोषा नहीं होता जब तक वो खुद उसका लण्ड पकड़ कर देख न लें। लण्ड अपनी चूत में घुसा कर देख न लें। लण्ड से अपनी चूँचियाँ चुदवा न लें ? मेरी माँ भी बुर चोदी यही कर चुकी है। मेरी शादी के एक हमीने के अंदर ही उसने मेरे मरद का लण्ड चोद कर देखा था। जब उसे लण्ड पसंद आ गया तो वह भकाभक जब देखो तब चुदवाने लगी। मैंने कहा अम्मी जान तुम तो जब देखो तब मेरे मियां का लण्ड ही चोदती रहती हो। अरे मियां मेरा है की तेरा ? वह हंस कर बोली मियां तो तेरा ही है बेटी जमाला पर उसका लण्ड हम दोनों का है। वह हमारे घर का दामाद है तो उसका लण्ड भी हमारे घर का ही है बेटी जमाला। मैं जानती हूँ तू भोसड़ी की किस किस के लण्ड चोदती है ? तेरी माँ की चूत अब मेरा मुंह न खुलवा नहीं तो मैं सब पोल खोल दूँगी तेरी ? मैंने कहा मैं भी तेरी पोल खोल सकती हूँ अम्मी जान पर खोलूंगी नहीं क्योंकि अभी मैं अपने नंदोई का लण्ड चोदने जा रही हूँ।
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