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» जवानी में चुदने जैसी गलतियां हो ही जातीं हैं - Jawani mein naa chahte huye bhi chud gayi
जवानी में चुदने जैसी गलतियां हो ही जातीं हैं - Jawani mein naa chahte huye bhi chud gayi
जवानी में चुदने जैसी गलतियां हो ही जातीं हैं - Jawani mein naa chahte huye bhi chud gayi , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
बड़ी हरामजादी हैं इस घर की बीवियां अम्मी जान ? पहले मैं समझती थी की लड़की की जब तक शादी नहीं होती तब तक वह किसी से चुदवाती नहीं है। और अगर चुदवा भी लेती है तो कोई बात नहीं ? उसे बुरा नहीं माना जाता क्योंकि जवानी में ऐसी गलतियां हो ही जातीं हैं। लेकिन शादी हो जाने के बाद बीवी अपने शौहर से ही चुदवाती है और किस से नहीं। उसे अपने शौहर के अलावा किसी और से चुदवाना भी नहीं चाहिए ? लेकिन होता कुछ उलटा ही है अम्मी जान ? अब मेरी शादी हो गयी है और अब मुझे मालूम हो रहा है की ये बुर चोदी बीवियां सबसे ज्यादा पराये मर्दों से ही चुदवाती हैं. ग़ैर मर्दों के लण्ड अपने मुंह में और अपनी चूत में घुसेड़ती हैं। कुछ तो उनसे अपनी गांड भी मरवातीं हैं। कितनी हरामजादी और बदचलन होतीं हैं ये भोसड़ी वाली बीवियां अम्मी जान ? अरे मुझे अभी तक कोई ऐसी बीवी नहीं मिली जो मादर चोद ग़ैर मर्दों से चुदवाती न हो ? मैं ऐसी ऐसी लड़कियों को जानती हूँ जिन्हे शादी के पहले किसी का लण्ड पकड़ना कतई मंजूर नहीं था वो सब बुर चोदी शादी हो जाने के बाद पराये मरदों के लण्ड पकड़ रही हैं, लण्ड अपनी चूत में पेलवा रही हैं और खुल्लम खुल्ला लोगों से धकाधक चुदवा रहीं हैं ? ये सब क्या हो रहा है अम्मी जान ?
अपनी शादी के बाद मैं यहाँ रात में उठ उठ कर देखने लगी क्या यह सब सही है की नहीं ? मैंने एक दिन खाला को अब्बू से चुदवाते हुए देखा, खाला की बेटी को अपने देवर से चुदवाते हुए देखा, फूफी को मामू जान से चुदवाते हुए देखा और फूफी की बेटी को खालू का लण्ड पीते हुए देखा ? बुरा न मानना अम्मी जान, मैंने तुम्हे भी फूफा का लौड़ा अपने भोसड़ा में घुसेड़ते हुए देखा है। तुम्हे चचा जान का लण्ड चूसते हुए देखा है। क्या यह सब जायज़ है ? और अगर जायज़ है तो फिर हम लोग यह खेल छुप छुप कर क्यों खेलतीं हैं। सबके सामने क्यों नहीं खेलतीं ? अगर जायज़ है तो फिर मैं भी सबसे चुदवान शुरू कर दूँ और मेरा शौहर भी सबकी बीवियां चोदना शुरू कर दे ?
अम्मी ने कहा - बेटी साइमा तेरी माँ का भोसड़ा ? तेरी माँ की चूत बहन चोद ? तो तू भी शुरू कर दे न सबसे चुदवाना तुझे किसी भोसड़ी वाली ने मना किया है क्या ? जवानी में कोई किसी से भी चुदवा ले इसमें दोष किसी का नहीं होता है बेटी ? ये बुर चोदी बुर है न ? यही सब करने के लिए मजबूर कर देती है। जवानी की आग किसी के संभाले नहीं संभालती बेटी साइमा ? मर्दों के लण्ड भी साले बड़े हरामजादे होतें हैं। लण्ड जब खड़ा हो जाता है तो वह चूत में घुसता है। चूत किसकी है लण्ड उसकी बिलकुल परवाह नहीं करता ? एक बात सुन ले तू माँ की लौड़ी साइमा लण्ड तो बस लण्ड होता है ? तेरे शौहर का लण्ड और किसी और के शौहर के लण्ड में क्या फरक है बता मुझे ? क्या किसी के लण्ड पे किसी का नाम लिखा है। क्या किसी बीवी का नाम उसकी चूत पर लिखा है ? सच्चाई तो यह है की हर चूत को चाहिए लण्ड और हर लण्ड को चाहिए चूत ? बस इतनी सी कहानी है। हां अगर कोई अपनी चूत मे लण्ड के अलावा कुछ और पेले तो वह गलत है। अब मेरी चूत मे चाहे तेरे मरद का लण्ड घुसे चाहे किसी और के मरद का लण्ड ? घुसेगा तो लण्ड ही न ? कुछ और तो नहीं ?
अम्मी की बात सुन कर मैं उसे कोई जबाब नहीं दे सकी ?
वह फिर बोली बेटी अगर जवानी का मज़ा लेना है तो पहले गालियां देना सीख, बेशर्म बन कर देख, और फिर बिना हिचक सबके लण्ड अपनी चूत में घुसा के देख तब तुझे मालूम होगा की जवानी कितनी मजेदार चीज है। ये जवानी ज़िन्दगी में केवल एक ही बार आती है बेटी दुबारा नहीं। और जवानी जाने के बाद वापस कभी नहीं आती ? अब अगर तुझे मज़ा लेना है तो ग़ैर मरदों से चुदाने में जुट जा नहीं तो ज़िन्दगी भर पछताएगी तू। तुझे गालियां देना तो आता ही है। अपनी माँ चुदाना और अपनी चूत में ग़ैरों के लण्ड पेलना और सीख ले फिर तू ज़िन्दगी भर मज़ा करेगी मेरी बेटी।
अम्मी की बात में दम तो था ही और मैंने उसकी बात की गाँठ बाँध ली।
मैं दूसरे दिन खाला के घर चली गयी। खाला तो नहीं मिली पर उसकी बेटी नाज़ मिल गई। मैं उसी से बातें करने लगी। मैंने सीधे सीधे एक सवाल कर दिया।
बड़ी हरामजादी हैं इस घर की बीवियां अम्मी जान ? पहले मैं समझती थी की लड़की की जब तक शादी नहीं होती तब तक वह किसी से चुदवाती नहीं है। और अगर चुदवा भी लेती है तो कोई बात नहीं ? उसे बुरा नहीं माना जाता क्योंकि जवानी में ऐसी गलतियां हो ही जातीं हैं। लेकिन शादी हो जाने के बाद बीवी अपने शौहर से ही चुदवाती है और किस से नहीं। उसे अपने शौहर के अलावा किसी और से चुदवाना भी नहीं चाहिए ? लेकिन होता कुछ उलटा ही है अम्मी जान ? अब मेरी शादी हो गयी है और अब मुझे मालूम हो रहा है की ये बुर चोदी बीवियां सबसे ज्यादा पराये मर्दों से ही चुदवाती हैं. ग़ैर मर्दों के लण्ड अपने मुंह में और अपनी चूत में घुसेड़ती हैं। कुछ तो उनसे अपनी गांड भी मरवातीं हैं। कितनी हरामजादी और बदचलन होतीं हैं ये भोसड़ी वाली बीवियां अम्मी जान ? अरे मुझे अभी तक कोई ऐसी बीवी नहीं मिली जो मादर चोद ग़ैर मर्दों से चुदवाती न हो ? मैं ऐसी ऐसी लड़कियों को जानती हूँ जिन्हे शादी के पहले किसी का लण्ड पकड़ना कतई मंजूर नहीं था वो सब बुर चोदी शादी हो जाने के बाद पराये मरदों के लण्ड पकड़ रही हैं, लण्ड अपनी चूत में पेलवा रही हैं और खुल्लम खुल्ला लोगों से धकाधक चुदवा रहीं हैं ? ये सब क्या हो रहा है अम्मी जान ?
अपनी शादी के बाद मैं यहाँ रात में उठ उठ कर देखने लगी क्या यह सब सही है की नहीं ? मैंने एक दिन खाला को अब्बू से चुदवाते हुए देखा, खाला की बेटी को अपने देवर से चुदवाते हुए देखा, फूफी को मामू जान से चुदवाते हुए देखा और फूफी की बेटी को खालू का लण्ड पीते हुए देखा ? बुरा न मानना अम्मी जान, मैंने तुम्हे भी फूफा का लौड़ा अपने भोसड़ा में घुसेड़ते हुए देखा है। तुम्हे चचा जान का लण्ड चूसते हुए देखा है। क्या यह सब जायज़ है ? और अगर जायज़ है तो फिर हम लोग यह खेल छुप छुप कर क्यों खेलतीं हैं। सबके सामने क्यों नहीं खेलतीं ? अगर जायज़ है तो फिर मैं भी सबसे चुदवान शुरू कर दूँ और मेरा शौहर भी सबकी बीवियां चोदना शुरू कर दे ?
अम्मी ने कहा - बेटी साइमा तेरी माँ का भोसड़ा ? तेरी माँ की चूत बहन चोद ? तो तू भी शुरू कर दे न सबसे चुदवाना तुझे किसी भोसड़ी वाली ने मना किया है क्या ? जवानी में कोई किसी से भी चुदवा ले इसमें दोष किसी का नहीं होता है बेटी ? ये बुर चोदी बुर है न ? यही सब करने के लिए मजबूर कर देती है। जवानी की आग किसी के संभाले नहीं संभालती बेटी साइमा ? मर्दों के लण्ड भी साले बड़े हरामजादे होतें हैं। लण्ड जब खड़ा हो जाता है तो वह चूत में घुसता है। चूत किसकी है लण्ड उसकी बिलकुल परवाह नहीं करता ? एक बात सुन ले तू माँ की लौड़ी साइमा लण्ड तो बस लण्ड होता है ? तेरे शौहर का लण्ड और किसी और के शौहर के लण्ड में क्या फरक है बता मुझे ? क्या किसी के लण्ड पे किसी का नाम लिखा है। क्या किसी बीवी का नाम उसकी चूत पर लिखा है ? सच्चाई तो यह है की हर चूत को चाहिए लण्ड और हर लण्ड को चाहिए चूत ? बस इतनी सी कहानी है। हां अगर कोई अपनी चूत मे लण्ड के अलावा कुछ और पेले तो वह गलत है। अब मेरी चूत मे चाहे तेरे मरद का लण्ड घुसे चाहे किसी और के मरद का लण्ड ? घुसेगा तो लण्ड ही न ? कुछ और तो नहीं ?
अम्मी की बात सुन कर मैं उसे कोई जबाब नहीं दे सकी ?
वह फिर बोली बेटी अगर जवानी का मज़ा लेना है तो पहले गालियां देना सीख, बेशर्म बन कर देख, और फिर बिना हिचक सबके लण्ड अपनी चूत में घुसा के देख तब तुझे मालूम होगा की जवानी कितनी मजेदार चीज है। ये जवानी ज़िन्दगी में केवल एक ही बार आती है बेटी दुबारा नहीं। और जवानी जाने के बाद वापस कभी नहीं आती ? अब अगर तुझे मज़ा लेना है तो ग़ैर मरदों से चुदाने में जुट जा नहीं तो ज़िन्दगी भर पछताएगी तू। तुझे गालियां देना तो आता ही है। अपनी माँ चुदाना और अपनी चूत में ग़ैरों के लण्ड पेलना और सीख ले फिर तू ज़िन्दगी भर मज़ा करेगी मेरी बेटी।
अम्मी की बात में दम तो था ही और मैंने उसकी बात की गाँठ बाँध ली।
मैं दूसरे दिन खाला के घर चली गयी। खाला तो नहीं मिली पर उसकी बेटी नाज़ मिल गई। मैं उसी से बातें करने लगी। मैंने सीधे सीधे एक सवाल कर दिया।
- मैंने पूंछा नाज़ यह बता तूने अपनी शादी के बाद कितने लोगों से चुदवाया है ?
- वह बोली यार चोदने वालों की गिनती नहीं की जाती ? बस जो मौके से मिला उसी से चुदवा लिया। जब चूत की आग धधकती है तो उसे बुझाने के लिए किसी का भी लण्ड मैं अपनी चूत में घुसेड़ लेती हूँ।
- फिर कुछ तो अंदाज़ होगी की कितने लोगों ने चोदा तुझे अब तक ?
- हां हां यही कोई ५/६ लोगों ने जरूर चोदा होगा अब तक ?
- सुना है तू अपनी माँ भी चुदवाती है ?
- हां चुदवाती हूँ। इसमें कौन सी खास बात है। हर लड़की जब पूरी तरह जवान हो जाती है तो अपनी माँ चुदाने लगती है। जवानी का मज़ा लेना वह घर से सीखती है यार ? क्यों तू क्या अपनी माँ नहीं चुदवाती ?
- नहीं यार मैंने तो कभी नहीं चुदवाया अपनी माँ ?
- अच्छा बच्ची है क्या तू अभी भोसड़ी वाली ? तेरी चूत की आग एक ही लण्ड से ठंढी हो जाती है क्या ? जहाँ तक मैं समझती हूँ तेरी माँ का भोसड़ा एक नहीं कई लण्ड खाता है। किसी दिन पूंछना अपनी माँ से तब तुझे पता चलेगा ?
- पूंछना क्या है मैंने अपनी आंखों से देखा है यार अम्मी जान को दूसरों से चुदवाते हुए ?
- तो फिर तू अपनी माँ से खुल क्यों नहीं जाती ? अपनी माँ का भोसड़ा अपने सामने चुदवा क्यों नहीं लेती ?
- यार मैं कैसे शुरू करूँ मुझे कुछ आता भी नहीं है।
- अच्छा आज रात तू यहां मेरे घर में रुक जा ? मैं तुझे सब सिखा दूँगी ?
खाला बोली - साइमा वैसे तू तो बहुत ही खूबसूरत सेक्सी और हॉट लड़की है। ऐसी खूबसूरत लड़कियां तो बहुत बड़ी मादर चोद हरामजादी और लण्ड की शौक़ीन होतीं हैं। तेरी शादी भी हो गयी है।अब तो तू बीवी बन चुकी हैऔर खूबसूरत बीवियां बहन चोद ग़ैर मर्दों के लण्ड की जबरदस्त शौक़ीन होतीं हैं। तूने अभी तक किसी ग़ैर मरद से चुदवाया की नहीं ? तूने कभी अपनी माँ नहीं चुदवाई यह तो मैं मान सकती हूँ पर तूने पराये मरद का लण्ड अपनी बुर में कभी नहीं पेला यह मैं नहीं मान सकती ? मैं मुस्कराने लगी और कहा खाला जान यहाँ मैं नाज़ से अपनी माँ चुदाना सीखने आयी हूँ।
खाला बोली - नाज़ की माँ की चूत ? तेरी खाला की बहन का भोसड़ा साइमा ? तू मुझे सच सच बता की तू अपनी शादी के बाद कितने लण्ड अपनी चूत में घुसा चुकी है ? मुझे चूतिया न बना। मैं तेरी नस नस जानती हूँ। सच नहीं बोलेगी तो मैं तेरी गांड में घुसा दूँगी हाथ भर का लण्ड ?
मैंने कहा - अच्छा मैं सच सच बता रही हूँ खाला जान, शादी के बाद मैंने २/३ लण्ड ही अपनी चूत में पेलें हैं पर वो मज़ा नहीं आया जो आना चाहिए ? पर माँ कसम मैंने अपनी माँ कभी नहीं चुदवाई ? नाज़ मेरी खाला की बेटी है इसलिए वह मेरी अम्मी को खाला कहती है और मैं उसकी अम्मी को खाला कहती हूँ। शाम को मैं साइमा, नाज़ और उसकी माँ आतिफ़ा बैठी हुई बातें करने लगीं। इतने में एक अधेड़ उम्र का आदमी आ गया। खाला ने बताया की यह नाज़ का ससुर है कासिम मियां और उसके पीछे जो लड़का खड़ा है वह नाज़ का नंदोई है। इसका नाम है रफ़ी। मैंने दोनों पर नज़र दौड़ाई और मुझे दोनों एक ही नज़र में भा गए। वो भी मुझे घूर घूर कर देखने लगे। हमने उन्हें भी अपनी बात चीत में शामिल कर लिया।
फिर अचानक दोनों अपनी गाड़ी पार्क करने के लिए बाहर गए तब नाज़ ने पूंछा अम्मी तुमने कभी मेरे ससुर का लण्ड पकड़ा है ? वह बोली नहीं बेटी अभी तक तो नहीं पकड़ा है पर हां सुना है की उसका लौड़ा बड़ा मोटा तगड़ा है। नाज़ मुस्कराने लगी तो खाला ने पूंछा अब तू बता क्या तूने अपने नंदोई का लौड़ा देखा है ? वह बोली देखने की कोशिश तो की थी लेकिन देख नहीं पाई ? खाला ने कहा अरे तू इतना शर्माती क्यों है। जब भी मौक़ा मिले तो लपक कर लौड़ा पकड़ लेना चाहिए ? तब तक वो दोनों आ गए।
खाला ने कहा - बेटा रफ़ी मेरी बेटी अपनी नन्द की बड़ी तारीफ करती है ? वो तो तुम्हारी बीवी है। तुम्हे वह कैसी लगती है ?
रफ़ी ने कहा - अच्छी तो लगती है मुझे लेकिन मुझसे ज्यादा मेरे दोस्तों को अच्छी लगती है।
खाला बोली - क्या मतलब बेटा ज़रा साफ साफ़ कहो ?
वह बोला - आंटी जी मेरी बीवी को मेरे दोस्त मुझसे ज्यादा अच्छे लगतें हैं ?
खाला ने कहा - बेटा अब मैं तुमसे खुल कर पूँछ रही हूँ बुरा मत मानना ? तुम अपनी बीवी की बुर ज्यादा लेते हो या किसी और की ?
वह बोला - अरे आंटी मैं उसकी बुर ज्यादा कहा ले पाता हूँ ? मेरे दोस्त उसकी बुर ज्यादा लेते हैं ?
तो फिर तुम क्या करते हो बेटा रफ़ी ? खाला का अगला सवाल था।
वह बोला - मैं भी अपने दोस्तों की बीवियों की बुर लेता हूँ।
खाला बोली - हाय दईया तुम तो बड़े काम के आदमी हो, बेटा। आज तुम मेरी बेटी की बुर ले लो ? फिर मेरी बहन की बेटी की बुर ले लो ?
तब तक नाज़ बोली - बाद में तुम मेरी माँ की बुर लेकर घर चले जाना ?
इतने में सब लोग हंसने लगे। इन बातों से माहौल एकदम गरम हो गया. एक तरफ सबके लण्ड उछलने लगे और सबकी चूत चुलबुलाने लगी। सबकी नियत सब पर ख़राब हो गयी। अब तो हम सब सबके लण्ड देखना चाहती थी और वो सब हमें नंगी देखना चाहतें थे। खाला का देवर सफी आ गया। मैं उसे जानती थी। वह नाज़ के चचा जान हैं। अब मुझे यह नहीं मालूम की नाज़ और खाला का सफी से कैसा रिस्ता है ? तभी खाला मजाक करती हुई बोली देवर जी किसकी बीवी चोद कर आ रहे हो ? अब सफी अंकल को इस बात का एहसास हो गया की यहाँ खुल कर बातें की जा सकतीं हैं। वह बोला अरे भाभी जान मैं अभी तो अपने दोस्त की बीवी चोद कर आ रहा हूँ। चोदने की नियत से मैं उसके घर नहीं गया था लेकिन उसकी बीवी ने जब मेरा लण्ड पकड़ लिया तो मैं उस पर चढ़ बैठा ? खाला बोली अच्छा तो अगर मेरी बेटी तेरा लण्ड पकड़ ले तो तुम उस पर भी चढ़ बैठोगे ? वह बोला भाभी जान लण्ड जब कोई लड़की पकड़ लेती है तो इसका मतलब की वह मुझसे चुदवाना चाहती है और ऐसे में मैं उसे निराश नहीं करता हूँ।
फिर खाला ने अपना हाथ उसकी पैजामे में घुसा दिया और अंदर ही अंदर उसका लण्ड सहलाने लगी। उसे देख कर नाज़ अपने नंदोई का लण्ड ऊपर से ही रगड़ने लगी। मैं भी आगे बढ़ी और नाज़ के ससुर का लण्ड टटोलने लगी। मुझे लण्ड मिला तो मैंने कहा हाय ये तो खड़ा ही है ? तो फिर इसे बाहर निकालो न ? मैंने ऐसा बोल कर उसके पैजामे का नाड़ा खोल डाला। पैजामा नीचे गिरा तो लौड़ा बहन चोद नंगा हो गया। मैंने उसे पकड़ कर हिलाने लगी। मेरे मुंह से निकला हाय नाज़ तेरे ससुर का लौड़ा तो साला वाकई बड़ा जबरदस्त है ? देखो न कितना बड़ा है मादर चोद और कितना मोटा है ? लण्ड की झांटें एकदम साफ़ थी इसलिए लण्ड ज्यादा खूबसूरत लग रहा था। एक बात बता दूँ दोस्तों, मुझे खड़े लण्ड से ज्यादा खूबसूरत चीज दुनियां में कुछ भी नहीं लगती ? तब तक नाज़ का नंदोई भी नंगा हो चुका था और खाला का देवर भी। हम तीनो बीवियां भी नंगी हो चुकी थी और अपना अपना लण्ड मुंह में डालकर चूसने लगीं।
मेरी नज़र खाला के भोसड़ा पर थी। भोसड़ा सच में बड़ा सेक्सी और हॉट लग रहा था। तब तक नाज़ ने अपने नंदोई का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा पर टिका दिया और उसके चूतड़ ऊपर से दबा दिया तो लण्ड सरसराता हुआ भोसड़ा में घुस गया। नाज़ बोली ले मेरे नंदोई राजा आज तू चोद ले मेरी माँ का भोसड़ा ? लण्ड अंदर घुसा तो नाज़ उसके पेल्हड़ सहलाने लगी। नाज़ ने अपने ससुर का लण्ड मुझसे छीन कर मेरी ही चूत पर रख दिया और बोली भोसड़ी के ससुर तू घुसा दे अपना लण्ड मेरी खाला की बिटिया की बुर में ? लण्ड फ़ौरन मेरी चूत में घुस गया खाला जान की तरह चूतड़ उठा उठा के चुदवाने लगी। तब तक नाज़ के चचा जान ने लण्ड नाज़ की बुर में पेल दिया और बोला बेटी नाज़ अब तू ले ले मेरा लण्ड अपनी चूत में ? मैंने तेरी माँ कई बार चोदी है आज तुझे चोदने का मौक़ा मिला है तो फिर अच्छी तरह चोदूंगा।
खाला बोली - देखा साइमा, नाज़ किस तरह अपनी माँ चुदवा रही है, बुर चोदी ?
नाज़ बोली - साइमा, तेरी खाला भी बहन चोद बड़ी मस्ती से अपनी बेटी की बुर चुदवा रही है।
मैंने कहा - साइमा, तेरी माँ की बहन की चूत ? अब मैं जान गयी हूँ कैसे चुदवाया जाता है माँ का भोसड़ा ? नाज़ अब न तो तेरी खाला का भोसड़ा बचेगा और न तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ?
नाज़ बोली - हां हां यार घुसेड़ देना लण्ड अपनी माँ की चूत में ? लेकिन पहले तू यहाँ अच्छी तरह चुदवा ले न ? अभी तो मेरा ससुर तेरी बुर ले रहा है, अभी मेरा नंदोई तेरी बुर तुझे चोदेगा और फिर मेरा चचा जान भी अपना लौड़ा तेरी बुर में पेलेगा। आज तो रात भर यही होगा। और हुआ भी ?
फिर मैं अपने घर आ गयी और अम्मी को सारा किस्सा सुनाया।
उस दिन से मैं खुल कर अपनी माँ चुदाने लगी और अम्मी भी खूब एन्जॉय करने लगीं।
एक दिन मैंने कहा - अम्मी जान यह सह है की हम सब ग़ैर मर्दों से चुदवाती हैं पर कोई भी मरद अनजाना नहीं होता। या तो वह कुनबे का होता है या फिर नाते रिश्ते में होता है और या फिर गाँव घर पास पड़ोस का होता हैं। यानी जान पहचान का ही होता है। क्या आपने कभी किसी अनजान मरद से चुदवाया है अम्मी जान ? जिसको हम इंग्लिश में stranger कहतें हैं। वह बोली नहीं बेटी ऐसे किसी मरद से मैंने नहीं चुदवाया और शायद किसी ने भी नहीं चुदवाया होगा ?
मैंने कहा - अगर ऐसे लोगों से चुदवाया जाए तो मज़ा ज्यादा आएगा न अम्मी जान ?
वह बोली - हां बात तो सही है बेटी मज़ा तो ज्यादा आएगा ? यहाँ तो सब एक दूसरे के मरद के लण्ड के बारे में जानती हैं अगर कोई अनजान लण्ड हो और बढ़िया लण्ड हो तो मज़ा तो सच में बहुत आएगा ?
इत्तिफाक से दूसरे दिन घर के सारे मरद किसी काम बाहर चले गए। अब घर में हम लोग रह गयीं। मतलब यह की मैं मेरी अम्मी, खाला उसकी बेटी और फूफी उसकी बेटी। मैंने सोंचा क्यों न इस मौके का फायदा उठाया जाए। मैंने अपने कुछ बॉय फ्रैंड्स से बात करने लगी। उसमे एक विदेशी भी था। उसक नाम फ्रैंक था। वह लगभग २६ का होगा। वह आधा काला और आधा गोरा था। मैंने उसे एक रेस्टोरेंट में बुलाया और उससे बात करने लगी।
मैंने उन्हें अंदर बुलाया और सबसे मिलवाया, वे थे मिस्टर फ्रैंक और उसके दो दोस्त गोगी और मार्क। मैं उसके दोनों दोस्तों को देख कर बेहद खुश हुई। फिर मैं अंदर गई तो सोहा भी मेरे साथ अंदर आ गयी। वह बोली यार साइमा अभी तो एक भी लण्ड नहीं था और अब तीन तीन लण्ड सामने दिख रहे हैं। यार इन्ही के लण्ड पेल दे न मेरी चूत में बड़ा मज़ा आएगा। मैंने कहा अच्छा तो क्या ये लोग तेरी बुर लेने आयें हैं ? अरे ये लोग तेरी माँ चोदने आये हैं बुर चोदी सोहा ? तब तक नाज़ पीछे से बोली नहीं यार इनसे पहले हम लोगों की बुर चुदवा दो प्लीज ? बाद में माँ का भोसड़ा चुदवा देना। तेरी जेब से क्या जाता है। मैंने कहा यार ये मेरे दोस्त के दोस्त हैं। पता नहीं इनके लण्ड कैसे हैं ? और ये बुर चोदेंगें भी की नहीं ? सोहा बोली यार मैं नंगी होकर इनके लण्ड पकड़ लेती हूँ। अगर ये सच में मरद होगें तो इनके लण्ड खड़े हो जायेंगें और तब मैं एक लौड़ा घुसेड़ लूंगी अपनी चूत में। एक तेरी चूत में पेल दूँगी और एक नाज़ की बुर में घुसा दूँगी।
मैंने कहा चल अभी मैं देखती हूँ क्या होता है ? तुझे बड़ी जल्दी है अपनी बुर चुदवाने की ? इतने में ३ लड़के और आ गए, अब्दुल, अली और बाली। इन लोगों के आने से सबके चेहरे खल उठे। सोहा मेरे कान में बोली बोली यार अब तो हम सब बेटियों की बुर चुदवा दे और हमारी अम्मियों का भोसड़ा ? मैंने फिर खुल कर बताया अरे मैंने इन लोगों को एक होटल से बुलवाया है। ये तीनो भोसड़ी के "professional fuckers" हैं यानी लोग पेशेवर चोदू हैं। चोदना इनका पेशा है ? वह चाहे बुर हो, चूत हो या भोसड़ा ? ये सब चोदतें हैं। मुंह चूँची गांड ये सब चोदतें हैं। जो चाहो वो चुदवा लो। अब तो सबको मालूम हुआ की आज रात को गज़ब की चोदा चोदी होने वाली है। सबने मन ही मन में अपना अपना मर्द चुन लिया। मैंने कहा - देखो आपने अभी तक अपने घर के लोगों से चुदवाया। नाते रिश्तेदारों से चुदवाया। पास पड़ोस के लोगों से चुदवाया लेकिन कभी कामने अनजान लोगों से नहीं चुदवाया। आज जितने मरद है वो सब हमारे लिए अनजान हैं। ये सब मिलकर हमें चोदेंगें। लेकिन चुदाई शुरू होने के पहले थोड़ा दारू सारू हो जाए ?
फिर हम सब दारू पीने लगे। बीवियां तो शराब पी कर मस्त होने लगीं। सबके मन में था की आज तो नये नये लण्ड के दीदार होंगें। ऐसे लण्ड देखने को मिलेंगें जिनको पहले कभी देखा नहीं और जिनके बार में कभी कुछ सुना नहीं ? सब की सब बड़ी उत्तेजित थीं और ख़ुशी का तो ठिकाना न था। इतने में नाज़, सोहा ने तो एक झटके में शराब का गिलास खाली कर दिया। फूफी और खाला ने भी गट गट करती हुई पूरी शराब पी गयीं। नशा अपना काम दिखाने लगा। सब बीवियां नशे में झूमने लगी और सभी मरद भी मस्त होने लगे। यह एक अजीब सा सीन बन गया। माहौल बहुत ही गरम हो गया।
इतने में सोहा उठी और बड़ी बेशर्मी से अपने कपड़े खोलने लगी। उसकी चूँचियाँ खुली ही थी की नाज़ भी अपने कपड़े उतारने लगी। तब तक फूफी ने भी एक एक करके कपड़े खोलना शुरू किया। माहौल में आग बुरी तरह लग चुकी थी। जैसे ही सोहा और नाज़ दोनों एकदम नंगी हुई तो मर्दों के लण्ड में एक नई ऊर्जा आ गयी। एक नई ताकत आ गई। एक नया जोश पैदा हो गया। देखते ही देखते सभी बीवियां नंगी हो गयी और तब तक मैंने धीमी आवाज़ में म्यूजिक चला दिया तो वो सब उसी धुन पर नंगी नंगी अपनी अपनी चूँचियाँ हिलाती हुई नाचने लगीं और अपना मादक जिस्म घूम घूम कर दिखाने लगी।
हमारी उत्तेजना इतनी बढ़ गयी की हम लोग उन सब मर्दों पर टूट पड़ी। जिसको जो मिला वह उसी के ऊपर चढ़ बैठी। सोहा अब्दुल के कपड़े फाड़ने लगी, फूफी मार्क के कपड़े खोलाने लगी, नाज़ ने फ़टाफ़ट गोगी के कपडे खोल कर उसे नंगा कर दिया, खाला फ्रैंक को नंगा करने लगीं, अम्मी बाली का लौड़ा पकड़ने के लिए कोशिश करने लगी और मैंने अली के पैजामे में हाथ डाल कर उसका लण्ड पकड़ लिया। बस ५ मिनट में ही सारे मरद नंगे हो गए और सबके लण्ड टन टनाकर खड़े हो गए। सबने लण्ड में लिया और बड़े प्यार से उसे चूसने चाटने लगीं। सबको एक नया मज़ा मिलाने लगा। सबकी नज़र सबके लण्ड पर थी। आज सब सच में बड़ी खुश थी की आज पहला दिन है जब हम सब अनजाने लण्ड का मज़ा लूट रही हैं। अभी तक जाने पहचाने लण्ड से ही खेला करतीं थीं, अगर जान पहचान का लण्ड नहीं होता तो उसके बारे में कोई न कोई बता देता था। लेकिन आज तो सबके लिए बिलकुल नये लण्ड थे। यानी नये मर्द नये लण्ड ?
फिर मैंने देखा की नाज़ ने गोगी का लण्ड अपनी चूत में पेल लिया और चुदवाने लगी। फिर फूफी ने भी अपनी चूत फैलाई और मार्क का लौड़ा घुसेड़ लिया। वह भी चुदवाने में बड़ी एक्सपर्ट है। सोहा तो सबसे तेज निकली। वह तो अब्दुल के लण्ड पर ही बैठ गयी। मैंने अली का लौड़ा अपनी बुर में घुसा लिया और अम्मी ने बाली का लौड़ा। हम दू भी आमने सामने लेट कर चुदवाने लगीं खाला ने फ्रैंक का लौड़ा अपने भोसड़ा में घुसेड़ा और भकाभक चुदवाने लगीं। कहीं किसी को भी कोई शर्म नहीं थी। बल्कि एक दूसरे को दिखा दिखा आकर चुदवाने की होड़ लग गयी। सब की सब यह दिखाने लगीं की मैं तुमसे अच्छा चुदवा लेती हूँ।
फूफी ने कहा - भोसड़ी की साइमा तू बुर चोदी बहुत इंटेलिजेंट है। आज तुम हम सबको एक नया रास्ता दिखाया है।
खाला बोली - साइमा अब तू इस तरह चुदाई एक नए नए खेल निकला कर ?
नाज़ बोली - हाय साइमा मुझे तो तेरी माँ का भोसड़ा चुदते हुए देख कर बड़ा अच्छा लग रहा है।
सोहा बोली - चुद तो तेरी माँ का भोसड़ा भी रहा है नाज़ ? न चुद रहा हो तो बता मुझसे मैं चोद दूँगी तेरी माँ का भोसड़ा ?
तब तक यह खबर आयी की घर सभी मरद अभी दो दिन तक नहीं आयेंगें। यह सुन कर सभी बीवियां और मस्त हो गयीं। हमने कहा अब ये सारे मरद यहीं हमारे घर में रह कर तब तक हमें चोदते रहेंगें जब तक की हमारे घर के मरद वापस नहीं आ जाते ? सब के चेहरे में एक नयी ताज़गी आ गयी। फिर हम सब रात भर लण्ड अदल बदल कर चुदवाती रहीं और एक दूसरे की चूत में लण्ड पेलतीं रहीं।
फिर अचानक दोनों अपनी गाड़ी पार्क करने के लिए बाहर गए तब नाज़ ने पूंछा अम्मी तुमने कभी मेरे ससुर का लण्ड पकड़ा है ? वह बोली नहीं बेटी अभी तक तो नहीं पकड़ा है पर हां सुना है की उसका लौड़ा बड़ा मोटा तगड़ा है। नाज़ मुस्कराने लगी तो खाला ने पूंछा अब तू बता क्या तूने अपने नंदोई का लौड़ा देखा है ? वह बोली देखने की कोशिश तो की थी लेकिन देख नहीं पाई ? खाला ने कहा अरे तू इतना शर्माती क्यों है। जब भी मौक़ा मिले तो लपक कर लौड़ा पकड़ लेना चाहिए ? तब तक वो दोनों आ गए।
खाला ने कहा - बेटा रफ़ी मेरी बेटी अपनी नन्द की बड़ी तारीफ करती है ? वो तो तुम्हारी बीवी है। तुम्हे वह कैसी लगती है ?
रफ़ी ने कहा - अच्छी तो लगती है मुझे लेकिन मुझसे ज्यादा मेरे दोस्तों को अच्छी लगती है।
खाला बोली - क्या मतलब बेटा ज़रा साफ साफ़ कहो ?
वह बोला - आंटी जी मेरी बीवी को मेरे दोस्त मुझसे ज्यादा अच्छे लगतें हैं ?
खाला ने कहा - बेटा अब मैं तुमसे खुल कर पूँछ रही हूँ बुरा मत मानना ? तुम अपनी बीवी की बुर ज्यादा लेते हो या किसी और की ?
वह बोला - अरे आंटी मैं उसकी बुर ज्यादा कहा ले पाता हूँ ? मेरे दोस्त उसकी बुर ज्यादा लेते हैं ?
तो फिर तुम क्या करते हो बेटा रफ़ी ? खाला का अगला सवाल था।
वह बोला - मैं भी अपने दोस्तों की बीवियों की बुर लेता हूँ।
खाला बोली - हाय दईया तुम तो बड़े काम के आदमी हो, बेटा। आज तुम मेरी बेटी की बुर ले लो ? फिर मेरी बहन की बेटी की बुर ले लो ?
तब तक नाज़ बोली - बाद में तुम मेरी माँ की बुर लेकर घर चले जाना ?
इतने में सब लोग हंसने लगे। इन बातों से माहौल एकदम गरम हो गया. एक तरफ सबके लण्ड उछलने लगे और सबकी चूत चुलबुलाने लगी। सबकी नियत सब पर ख़राब हो गयी। अब तो हम सब सबके लण्ड देखना चाहती थी और वो सब हमें नंगी देखना चाहतें थे। खाला का देवर सफी आ गया। मैं उसे जानती थी। वह नाज़ के चचा जान हैं। अब मुझे यह नहीं मालूम की नाज़ और खाला का सफी से कैसा रिस्ता है ? तभी खाला मजाक करती हुई बोली देवर जी किसकी बीवी चोद कर आ रहे हो ? अब सफी अंकल को इस बात का एहसास हो गया की यहाँ खुल कर बातें की जा सकतीं हैं। वह बोला अरे भाभी जान मैं अभी तो अपने दोस्त की बीवी चोद कर आ रहा हूँ। चोदने की नियत से मैं उसके घर नहीं गया था लेकिन उसकी बीवी ने जब मेरा लण्ड पकड़ लिया तो मैं उस पर चढ़ बैठा ? खाला बोली अच्छा तो अगर मेरी बेटी तेरा लण्ड पकड़ ले तो तुम उस पर भी चढ़ बैठोगे ? वह बोला भाभी जान लण्ड जब कोई लड़की पकड़ लेती है तो इसका मतलब की वह मुझसे चुदवाना चाहती है और ऐसे में मैं उसे निराश नहीं करता हूँ।
फिर खाला ने अपना हाथ उसकी पैजामे में घुसा दिया और अंदर ही अंदर उसका लण्ड सहलाने लगी। उसे देख कर नाज़ अपने नंदोई का लण्ड ऊपर से ही रगड़ने लगी। मैं भी आगे बढ़ी और नाज़ के ससुर का लण्ड टटोलने लगी। मुझे लण्ड मिला तो मैंने कहा हाय ये तो खड़ा ही है ? तो फिर इसे बाहर निकालो न ? मैंने ऐसा बोल कर उसके पैजामे का नाड़ा खोल डाला। पैजामा नीचे गिरा तो लौड़ा बहन चोद नंगा हो गया। मैंने उसे पकड़ कर हिलाने लगी। मेरे मुंह से निकला हाय नाज़ तेरे ससुर का लौड़ा तो साला वाकई बड़ा जबरदस्त है ? देखो न कितना बड़ा है मादर चोद और कितना मोटा है ? लण्ड की झांटें एकदम साफ़ थी इसलिए लण्ड ज्यादा खूबसूरत लग रहा था। एक बात बता दूँ दोस्तों, मुझे खड़े लण्ड से ज्यादा खूबसूरत चीज दुनियां में कुछ भी नहीं लगती ? तब तक नाज़ का नंदोई भी नंगा हो चुका था और खाला का देवर भी। हम तीनो बीवियां भी नंगी हो चुकी थी और अपना अपना लण्ड मुंह में डालकर चूसने लगीं।
मेरी नज़र खाला के भोसड़ा पर थी। भोसड़ा सच में बड़ा सेक्सी और हॉट लग रहा था। तब तक नाज़ ने अपने नंदोई का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा पर टिका दिया और उसके चूतड़ ऊपर से दबा दिया तो लण्ड सरसराता हुआ भोसड़ा में घुस गया। नाज़ बोली ले मेरे नंदोई राजा आज तू चोद ले मेरी माँ का भोसड़ा ? लण्ड अंदर घुसा तो नाज़ उसके पेल्हड़ सहलाने लगी। नाज़ ने अपने ससुर का लण्ड मुझसे छीन कर मेरी ही चूत पर रख दिया और बोली भोसड़ी के ससुर तू घुसा दे अपना लण्ड मेरी खाला की बिटिया की बुर में ? लण्ड फ़ौरन मेरी चूत में घुस गया खाला जान की तरह चूतड़ उठा उठा के चुदवाने लगी। तब तक नाज़ के चचा जान ने लण्ड नाज़ की बुर में पेल दिया और बोला बेटी नाज़ अब तू ले ले मेरा लण्ड अपनी चूत में ? मैंने तेरी माँ कई बार चोदी है आज तुझे चोदने का मौक़ा मिला है तो फिर अच्छी तरह चोदूंगा।
खाला बोली - देखा साइमा, नाज़ किस तरह अपनी माँ चुदवा रही है, बुर चोदी ?
नाज़ बोली - साइमा, तेरी खाला भी बहन चोद बड़ी मस्ती से अपनी बेटी की बुर चुदवा रही है।
मैंने कहा - साइमा, तेरी माँ की बहन की चूत ? अब मैं जान गयी हूँ कैसे चुदवाया जाता है माँ का भोसड़ा ? नाज़ अब न तो तेरी खाला का भोसड़ा बचेगा और न तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ?
नाज़ बोली - हां हां यार घुसेड़ देना लण्ड अपनी माँ की चूत में ? लेकिन पहले तू यहाँ अच्छी तरह चुदवा ले न ? अभी तो मेरा ससुर तेरी बुर ले रहा है, अभी मेरा नंदोई तेरी बुर तुझे चोदेगा और फिर मेरा चचा जान भी अपना लौड़ा तेरी बुर में पेलेगा। आज तो रात भर यही होगा। और हुआ भी ?
फिर मैं अपने घर आ गयी और अम्मी को सारा किस्सा सुनाया।
उस दिन से मैं खुल कर अपनी माँ चुदाने लगी और अम्मी भी खूब एन्जॉय करने लगीं।
एक दिन मैंने कहा - अम्मी जान यह सह है की हम सब ग़ैर मर्दों से चुदवाती हैं पर कोई भी मरद अनजाना नहीं होता। या तो वह कुनबे का होता है या फिर नाते रिश्ते में होता है और या फिर गाँव घर पास पड़ोस का होता हैं। यानी जान पहचान का ही होता है। क्या आपने कभी किसी अनजान मरद से चुदवाया है अम्मी जान ? जिसको हम इंग्लिश में stranger कहतें हैं। वह बोली नहीं बेटी ऐसे किसी मरद से मैंने नहीं चुदवाया और शायद किसी ने भी नहीं चुदवाया होगा ?
मैंने कहा - अगर ऐसे लोगों से चुदवाया जाए तो मज़ा ज्यादा आएगा न अम्मी जान ?
वह बोली - हां बात तो सही है बेटी मज़ा तो ज्यादा आएगा ? यहाँ तो सब एक दूसरे के मरद के लण्ड के बारे में जानती हैं अगर कोई अनजान लण्ड हो और बढ़िया लण्ड हो तो मज़ा तो सच में बहुत आएगा ?
इत्तिफाक से दूसरे दिन घर के सारे मरद किसी काम बाहर चले गए। अब घर में हम लोग रह गयीं। मतलब यह की मैं मेरी अम्मी, खाला उसकी बेटी और फूफी उसकी बेटी। मैंने सोंचा क्यों न इस मौके का फायदा उठाया जाए। मैंने अपने कुछ बॉय फ्रैंड्स से बात करने लगी। उसमे एक विदेशी भी था। उसक नाम फ्रैंक था। वह लगभग २६ का होगा। वह आधा काला और आधा गोरा था। मैंने उसे एक रेस्टोरेंट में बुलाया और उससे बात करने लगी।
- मैंने कहा फ्रैंक आज रात तुम मेरे साथ गुज़ार सकते हो ?
- वह बोला हां बिलकुल गुज़ार सकता हूँ पर काम क्या बताओ मुझे।
- काम तो बड़ा आसान है। क्या तेरे दोस्त भी तेरी ही तरह सावलें हैं ?
- हां मेरे दोस्त भी इसी तरह हैं और हम तीन लोग एक साथ ही रहतें हैं। आपको तो मालूम है की हम लोग मलेशियन हैं।
- हां मैं जानती हूँ. अब तुम सच सच बताओ की जब तुम लोग एक साथ रहते हो तो कभी तुमने के दूसरे को नंगे देखा है।
- हां हम रोज़ ही एक दूसरे को नंगे देखते हैं। हम लोग एक साथ दारू पीते हैं और फिर पोर्न फिल्म देखतें हैं। ब्लू फिल्म देखते देखते ही नंगे हो जाते हैं। इसमें कोई शर्म तो है नहीं ?
- तो क्या तुम लोग हमारे सामने नंगे हो सकते हो ?
- अगर तुम कहोगी तो नंगे हो जायेगें। पर फिर तुम करोगी क्या ?
- तेरा लण्ड पकड़ूँगी भोसड़ी के फ्रैंक ? अरे यार जब एक लड़की कहे की तुम मेरे सामने नंगे हो जाओ तो उसका मतलब यही होता ही की वह तुमसे चुदवाना चाहती है। बोलो क्या तुम मुझे चोदोगे ?
- वाओ, तो यह बात है ? हां जरूर चोदेगें। मुझे तो कोई ऑब्जेक्शन नहीं है।
- तो क्या तेरे दोस्त भी हमें चोद सकते हैं ? हां हां बिलकुल चोद सकतें हैं। उन्हें भी कोई आपत्ति नहीं होगी
- तो फिर आज शाम को ८ बजे तुम मेरे घर अपने दोस्तों के साथ आ जाना।
- ओ. के. बाय बाय
मैंने उन्हें अंदर बुलाया और सबसे मिलवाया, वे थे मिस्टर फ्रैंक और उसके दो दोस्त गोगी और मार्क। मैं उसके दोनों दोस्तों को देख कर बेहद खुश हुई। फिर मैं अंदर गई तो सोहा भी मेरे साथ अंदर आ गयी। वह बोली यार साइमा अभी तो एक भी लण्ड नहीं था और अब तीन तीन लण्ड सामने दिख रहे हैं। यार इन्ही के लण्ड पेल दे न मेरी चूत में बड़ा मज़ा आएगा। मैंने कहा अच्छा तो क्या ये लोग तेरी बुर लेने आयें हैं ? अरे ये लोग तेरी माँ चोदने आये हैं बुर चोदी सोहा ? तब तक नाज़ पीछे से बोली नहीं यार इनसे पहले हम लोगों की बुर चुदवा दो प्लीज ? बाद में माँ का भोसड़ा चुदवा देना। तेरी जेब से क्या जाता है। मैंने कहा यार ये मेरे दोस्त के दोस्त हैं। पता नहीं इनके लण्ड कैसे हैं ? और ये बुर चोदेंगें भी की नहीं ? सोहा बोली यार मैं नंगी होकर इनके लण्ड पकड़ लेती हूँ। अगर ये सच में मरद होगें तो इनके लण्ड खड़े हो जायेंगें और तब मैं एक लौड़ा घुसेड़ लूंगी अपनी चूत में। एक तेरी चूत में पेल दूँगी और एक नाज़ की बुर में घुसा दूँगी।
मैंने कहा चल अभी मैं देखती हूँ क्या होता है ? तुझे बड़ी जल्दी है अपनी बुर चुदवाने की ? इतने में ३ लड़के और आ गए, अब्दुल, अली और बाली। इन लोगों के आने से सबके चेहरे खल उठे। सोहा मेरे कान में बोली बोली यार अब तो हम सब बेटियों की बुर चुदवा दे और हमारी अम्मियों का भोसड़ा ? मैंने फिर खुल कर बताया अरे मैंने इन लोगों को एक होटल से बुलवाया है। ये तीनो भोसड़ी के "professional fuckers" हैं यानी लोग पेशेवर चोदू हैं। चोदना इनका पेशा है ? वह चाहे बुर हो, चूत हो या भोसड़ा ? ये सब चोदतें हैं। मुंह चूँची गांड ये सब चोदतें हैं। जो चाहो वो चुदवा लो। अब तो सबको मालूम हुआ की आज रात को गज़ब की चोदा चोदी होने वाली है। सबने मन ही मन में अपना अपना मर्द चुन लिया। मैंने कहा - देखो आपने अभी तक अपने घर के लोगों से चुदवाया। नाते रिश्तेदारों से चुदवाया। पास पड़ोस के लोगों से चुदवाया लेकिन कभी कामने अनजान लोगों से नहीं चुदवाया। आज जितने मरद है वो सब हमारे लिए अनजान हैं। ये सब मिलकर हमें चोदेंगें। लेकिन चुदाई शुरू होने के पहले थोड़ा दारू सारू हो जाए ?
फिर हम सब दारू पीने लगे। बीवियां तो शराब पी कर मस्त होने लगीं। सबके मन में था की आज तो नये नये लण्ड के दीदार होंगें। ऐसे लण्ड देखने को मिलेंगें जिनको पहले कभी देखा नहीं और जिनके बार में कभी कुछ सुना नहीं ? सब की सब बड़ी उत्तेजित थीं और ख़ुशी का तो ठिकाना न था। इतने में नाज़, सोहा ने तो एक झटके में शराब का गिलास खाली कर दिया। फूफी और खाला ने भी गट गट करती हुई पूरी शराब पी गयीं। नशा अपना काम दिखाने लगा। सब बीवियां नशे में झूमने लगी और सभी मरद भी मस्त होने लगे। यह एक अजीब सा सीन बन गया। माहौल बहुत ही गरम हो गया।
इतने में सोहा उठी और बड़ी बेशर्मी से अपने कपड़े खोलने लगी। उसकी चूँचियाँ खुली ही थी की नाज़ भी अपने कपड़े उतारने लगी। तब तक फूफी ने भी एक एक करके कपड़े खोलना शुरू किया। माहौल में आग बुरी तरह लग चुकी थी। जैसे ही सोहा और नाज़ दोनों एकदम नंगी हुई तो मर्दों के लण्ड में एक नई ऊर्जा आ गयी। एक नई ताकत आ गई। एक नया जोश पैदा हो गया। देखते ही देखते सभी बीवियां नंगी हो गयी और तब तक मैंने धीमी आवाज़ में म्यूजिक चला दिया तो वो सब उसी धुन पर नंगी नंगी अपनी अपनी चूँचियाँ हिलाती हुई नाचने लगीं और अपना मादक जिस्म घूम घूम कर दिखाने लगी।
हमारी उत्तेजना इतनी बढ़ गयी की हम लोग उन सब मर्दों पर टूट पड़ी। जिसको जो मिला वह उसी के ऊपर चढ़ बैठी। सोहा अब्दुल के कपड़े फाड़ने लगी, फूफी मार्क के कपड़े खोलाने लगी, नाज़ ने फ़टाफ़ट गोगी के कपडे खोल कर उसे नंगा कर दिया, खाला फ्रैंक को नंगा करने लगीं, अम्मी बाली का लौड़ा पकड़ने के लिए कोशिश करने लगी और मैंने अली के पैजामे में हाथ डाल कर उसका लण्ड पकड़ लिया। बस ५ मिनट में ही सारे मरद नंगे हो गए और सबके लण्ड टन टनाकर खड़े हो गए। सबने लण्ड में लिया और बड़े प्यार से उसे चूसने चाटने लगीं। सबको एक नया मज़ा मिलाने लगा। सबकी नज़र सबके लण्ड पर थी। आज सब सच में बड़ी खुश थी की आज पहला दिन है जब हम सब अनजाने लण्ड का मज़ा लूट रही हैं। अभी तक जाने पहचाने लण्ड से ही खेला करतीं थीं, अगर जान पहचान का लण्ड नहीं होता तो उसके बारे में कोई न कोई बता देता था। लेकिन आज तो सबके लिए बिलकुल नये लण्ड थे। यानी नये मर्द नये लण्ड ?
फिर मैंने देखा की नाज़ ने गोगी का लण्ड अपनी चूत में पेल लिया और चुदवाने लगी। फिर फूफी ने भी अपनी चूत फैलाई और मार्क का लौड़ा घुसेड़ लिया। वह भी चुदवाने में बड़ी एक्सपर्ट है। सोहा तो सबसे तेज निकली। वह तो अब्दुल के लण्ड पर ही बैठ गयी। मैंने अली का लौड़ा अपनी बुर में घुसा लिया और अम्मी ने बाली का लौड़ा। हम दू भी आमने सामने लेट कर चुदवाने लगीं खाला ने फ्रैंक का लौड़ा अपने भोसड़ा में घुसेड़ा और भकाभक चुदवाने लगीं। कहीं किसी को भी कोई शर्म नहीं थी। बल्कि एक दूसरे को दिखा दिखा आकर चुदवाने की होड़ लग गयी। सब की सब यह दिखाने लगीं की मैं तुमसे अच्छा चुदवा लेती हूँ।
फूफी ने कहा - भोसड़ी की साइमा तू बुर चोदी बहुत इंटेलिजेंट है। आज तुम हम सबको एक नया रास्ता दिखाया है।
खाला बोली - साइमा अब तू इस तरह चुदाई एक नए नए खेल निकला कर ?
नाज़ बोली - हाय साइमा मुझे तो तेरी माँ का भोसड़ा चुदते हुए देख कर बड़ा अच्छा लग रहा है।
सोहा बोली - चुद तो तेरी माँ का भोसड़ा भी रहा है नाज़ ? न चुद रहा हो तो बता मुझसे मैं चोद दूँगी तेरी माँ का भोसड़ा ?
तब तक यह खबर आयी की घर सभी मरद अभी दो दिन तक नहीं आयेंगें। यह सुन कर सभी बीवियां और मस्त हो गयीं। हमने कहा अब ये सारे मरद यहीं हमारे घर में रह कर तब तक हमें चोदते रहेंगें जब तक की हमारे घर के मरद वापस नहीं आ जाते ? सब के चेहरे में एक नयी ताज़गी आ गयी। फिर हम सब रात भर लण्ड अदल बदल कर चुदवाती रहीं और एक दूसरे की चूत में लण्ड पेलतीं रहीं।
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