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जीजा मेरी चूत चोदे देवर ने मारी गांड - Jija meri chut chode devar ne mari gand
मेरा जीजा बड़ा रंगीन मिज़ाज़ का है। मैं उसकी इकलौती साली हूँ। वह मुझ पर नज़र रखता है और जब भी आता है तो मेरे आगे पीछे घूमा करता है। मैं २२ साल की हूँ, खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ और हॉट हूँ। गोरी चिट्टी हूँ, बड़ी बड़ी आँखों वाली हूँ, बड़े बड़े चूतड़ों वाली हूँ और बड़ी बड़ी सुडौल चूँचियों वाली हूँ। यह तो अपने सुना ही होगा की जो लड़की जितनी खूबसूरत होती है वह उतनी ही अय्यास होती है। जी हां मैं अय्यास हूँ। मेरे पास हुश्न है, खूबसरती है, जवानी है और गदराया हुआ बदन। साथ ही साथ धन दौलत है तो फिर मैं अय्यासी क्यों न करूँ ? मैं तो करूंगी और डंके की चोट पर करूंगी।
मेरा नाम स्वाति है। हूँ मैं बंगालिन लेकिन मुंबई में रहती हूँ। यही पैदा हुई और पढ़ी लिखी। अब मैं जवान हो गयी हूँ। मेरी मम्मी हैं मिसेज अनामिका घोष। एक बात तो आप मानेगें की बंगाली की लड़कियां न केवल खूबसूरत होतीं है बल्कि बड़ी बोल्ड होतीं है, खुली खुली बातें करती हैं, शराब पीती हैं, सिगरेट पीतीं हैं और लण्ड पीती हैं। लण्ड पीने में बंगाल की लड़कियां बड़ी एक्सपर्ट होती हैं जो मैं हूँ। मैं बुर से ज्यादा लण्ड मुंह में रखती हूँ।एक बात आपको बता दूँ की मैं अपनी माँ से खुली हुई हूँ। वह मेरी आदतों से परिचित हैं। उसे मालूम है की मैं लड़कों के लण्ड पीती हूँ। लड़कों के साथ घूमती हूँ, पिकनिक पर जाती हूँ, उनके साथ होटलों में रहती हूँ और अब उसे पूरा यकीन हो गया है की मैं चुदवाती भी हूँ। लेकिन उसने कुछ खास नहीं कहा मुझसे। हां यह जरूर कहा की बेटी ज़रा सोंच समझ कर चुदवाना और अपनी पूरी सुरक्षा रखना।
मेरे पापा बहुत बड़े बिजनेस मैन हैं, विदेशों के अक्सर आते जातें हैं। मेरी एक बड़ी बहन है जिसकी शादी हो गयी है। वह अपनी ससुराल में रहती है। एक दिन जब मैं रात में उठी तो मुझे मम्मी के कमरे से कुछ आवाज़ सुनाई पड़ी। रात का 1.00 बजा था। मैं समझ नहीं पा रही थी की इतनी रात को मम्मी के कमरे में क्या हो रहा होगा ? मैं अंदर झाँक कर देखने लगी। मैंने जो देखा उसे देख कर दंग रह गयी। मम्मी एकदम नंगीं थी। मैं आज उसे पहली बार नंगी देख रही थी जबकि वह मुझे २/३ बार नंगी और लण्ड पीते हुए देख चुकीं हैं। मम्मी की चूँचियाँ सच में बड़ी बड़ी थीं और बहुत ही सेक्सी थीं। उसकी मस्तानी चूत तो सच में देखने लायक थी। मैं अगर लड़का होती तो उसके ऊपर चढ़ कर पहले उसकी चूँचियाँ चोदती और फिर उसकी चूत ? खैर मैं आँखें फाड् फाड़ कर देखने लगी और कान लगा कर सुनने भी लगी। इतने में मम्मी का फोन बज उठा और वह बात करने लगी। वह बोली ---
हां मेघना बोल कैसे याद किया ,,,,,,,? अच्छा यह बात है ,,,,,,,,,,,,,,? उसकी माँ की चूत भोसड़ी वाले की ,,,,,,,,,,,,,,अच्छा कोई और था ,,,,,,,,,,,, अरे यार उसका लौड़ा तो बहुत छोटा है कुछ पता ही चलता की घुसा है की बाहर ही है ,,,,,,,,,,,,,,,, उसकी बिटिया की बुर ,,,,,,,,,,,,हां हां मेरी बेटी लण्ड पीती तो क्या हुआ ,,,,,,,,,,,? वह जवान है उसकी भी चूत और चूत में आग है जो लण्ड पीयेगी ही ,,,,,,,,,,, हां यार उसका लण्ड तो बड़ा मोटा था चुदाने में बड़ा मज़ा आया ,,,,,,,,,,,,,,,मेरी बेटी स्वाति की बात कर रही हो ,,,,,,,, स्वाति की माँ का भोसड़ा ,,,,, स्वाति की बहन की बुर ,,,,,,,,,, स्वाति तो मुझसे ज्यादा मोटे लण्ड ले सकती है ,,,,,,,,,,,,, वाओ, मुबारक हो, तेरी बेटी माँ चुदाने लगी है ,,,,,,, नहीं अभी नहीं, मेरी बेटी ने माँ चुदाना शुरू नहीं किया ,,,,,,,,,,,,, अरे यार कर लेगी अभी जल्दी क्या है,,,,,,,,,,,,,,,,वो मेरी एक झांट भी नहीं टेढ़ी कर पायेगी ,,,,,,,वो तो साला गांडू है मादर चोद ,,,,,,, मैं बुर चोदी नंगी बैठी हूँ ,,,,,,,,,,,,,रात भर चुदवाऊंगी,,,,,,,,,,वो तो मुझे कल चोद कर गया ,,,,,,,, उसके दोस्त का लण्ड साला 8.5" का था ,,,,,,, रात में हर औरत भोसड़ी की रंडी हो जाती हूँ ,,, मैं भी रंडी हूँ सबके लण्ड लेती हूँ ,,,,,, जवानी में लण्ड नही लूंगी तो क्या झांटे उखाडूँगी अपनी ?
मम्मी की बातों ने मेरे बदन में गुद गुदी कर दी और आग भी लगा दी। मेरी चूत बहन चोद चुदासी हो गई। लेकिन मैं वहां से हिली नहीं और चुपचाप पूरा खेल देखने लगी।
मम्मी ने अपना दाहिना हाथ आगे बढ़ाया तो मैं भी थोड़ा झुक कर देखने लगी। उसका हाथ एक खड़े लण्ड से टकरा गया। लण्ड देख कर तो मेरे बदन में करंट लग गया। मम्मी ने लण्ड पकड़ा और बोली वाओ, आज तो तेरा लण्ड भोसड़ी का बड़ा मोटा लग रहा है बेटा, कैरो ? अम्मी ने उसे बेटा कहा तो वह साला मेरी ही उम्र का होगा। तब तक बाथ रूम से एक और लड़का निकला आया। उसका भी लौड़ा तन कर खड़ा हुआ था। मम्मी ने उसे दूसरे हाथ से पकड़ा और बोली O' MY GOD ? कैरो आज तो तेरे दोस्त ब्रिक का लौड़ा भी मोटा हो गया है। वह दोनों लण्ड अपने दोनों हाथ में लेकर बारी बारी से चाटने और चूसने लगीं। मजे की बात यह थी की मम्मी बिलकुल उसी तरह लण्ड पी रहीं थी जैसे मैं लण्ड पीती हूँ। मेरी दो उंगलियां मेरी चूत में घुस गयीं। मैं दूसरे हाथ से अपनी चूँचियाँ दबाने लगी। मैं इस बात से खुश थी की मम्मी ने मुझे २/३ बार लण्ड चूसते हुए देखा था आज मैं उसे दो दो लण्ड चूसते हुए देख रही हूँ।
अचानक मुझे बाथ रूम जाना पड़ा तो मैं धीरे से उठी और बाथ रूम गयी। मैं जब वापस आ रही थी तो मम्मी को इसकी भनक लग गयी। वह बोली स्वाति तू बुर चोदी जग गयी है क्या ? जग गयी है तो इधर मेरे कमरे में आ जा।मैंने पहली बार मम्मी के मुंह से अपने लिए गाली सुनी। मुझे अच्छा लगा। मुझे मालूम था की कमरे में क्या हो रहा है। मेरे बदन में सनसनी फ़ैल गयी और मम्मी के कमरे में घुस गयी। मैं खड़ी रही और मम्मी दोनों लण्ड चूसती रही। फिर उसने सर उठा कर कहा स्वाती बेटी इधर आ शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। मैं जानती हूँ बेटी की लण्ड मुझे भी चाहिए और तुम्हे भी। लो पकड़ो लण्ड और मेरे साथ पियो लण्ड। मैं जानती हूँ तू लण्ड पीती है। मैं यह भी जानती हूँ की तू लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ती है। आज मौका है आज से तू माँ चुदाना शुरू कर दे अपनी ? घुसेड़ दे लण्ड अपनी माँ की चूत में ? ऐसा बोल कर मम्मी ने कैरो का लण्ड मुझे पकड़ा दिया। मैंने भी बड़ी बेशर्मी से लौड़ा पकड़ लिया और उसे घुमा घुमा के देखने लगी।
मम्मी का यह रूप आज मैं पहली बार देख रही थी। वह बोली बेटी स्वाति रात में हर औरत एक रंडी हो जाती है। जैसे मैं हो गयी हूँ जैसे तू होने जा रही है। औरत की ज़िन्दगी में लण्ड नहीं तो कुछ नहीं ?
मम्मी ने पूंछा - स्वाति मुझे सच सच बता की तू कब से ले रही है लण्ड अपनी चूत मे ?
मैंने कहा - दो साल से ले रही हूँ लण्ड अपनी चूत में, मम्मी ?
मम्मी कोशिश कर रही थी की आज मैं पूरी तरह उससे खुल जाऊं और गालियां देने लगूं । अब उसे क्या मालूम की मैं उससे ज्यादा गालियां बकती हूँ। उधर तब तक कैरो ने मुझे नंगी कर दिया और मैंने मना भी नहीं किया। मम्मी बोली - बेटी स्वाति तेरी बुर चोदी माँ का भोसड़ा ?
फिर मुझसे न रहा गया।
मैं भी बोली - मम्मी तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर ? अब मैं भी अपनी औकात पे आ गयी और भूल गयी की वह मेरी माँ है। वह लौड़ा मुंह से निकाल कर फिर बोली ;- बेटी, तेरी मौसी की बहन की बुर ? मैंने भी लौड़ा मुंह से निकाला और जबाब दिया - मम्मी - तेरी बेटी की बहन का लण्ड ? अब मम्मी को मालूम हो गया की मैं पूरे मूड में आ गयी हूँ। वह कहने लगी बेटी आज तू चोद ले अपनी माँ का भोसड़ा ? मैंने भी कहा मम्मी आज तू भी चोद ले अपनी बिटिया की बुर। जैसे ही मैंने यह कहा वैसे ही मम्मी ने कैरो का लण्ड मेरी चूत में पेल दिया। मैंने भी फिर ब्रिक का लण्ड मम्मी की चूत में घुसेड़ दिया। मैं अपनी माँ चुदवाने लगी और मम्मी अपनी बेटी चुदवाने लगी। अगले दिन जब मैं कॉलेज गयी तो कई लड़कियों के बीच खड़ी खड़ी बातें करने लगी।
- पायल बोली - हाय स्वाति आज तू कुछ ज्यादा ही बहन चोद खिली खिली लग रही है ? बात क्या है ?
- मैंने कहा - आज मैं अपनी माँ चुदा के आ रही हूँ।
- प्रेमा - क्यों झूंठ बोल रही है सवेरे सवेरे भोसड़ी की स्वाति। तू अपनी माँ चुदायेगी ? नामुमकिन ? हमें चूतिया समझती है तू ? तेरी जैसी भोली भाली लड़की माँ चुदवा ही नहीं सकती। माँ चुदाने के लिए गांड में दम होनी चाहिए ?
- मैंने कहा - मेरी गांड में दम है यार ? मैं मजाक नहीं कर रही हूँ सच कह रही हूँ कल रात में मैंने अपनी माँ की चूत में दो दो लण्ड पेला।
- सना - लण्ड तो मैं पेलती हूँ अपनी माँ की चूत में। एक नहीं २/३ लण्ड रोज़ पेलती हूँ। वह भी पेलती है लण्ड मेरी चूत में। माँ तो मैं हर दिन चुदवाती हूँ स्वाति। इसमें कौन सी बड़ी बात है ?
- समीना - अरे यार हमारे यहाँ चुदाई की पूरी आज़ादी होती है। रात में सभी जवान लड़कियां और औरतें एकदम नंगी नंगी घूमती रहती हैं। मरद भी सब भोसड़ी के नंगे नंगे अपना अपना लण्ड हिलाते रहते हैं। फिर कोई भी किसी की बुर ले लेता है। किसी के भी भोसड़ा में लौड़ा पेल देता है। मैं भी अपनी माँ खूब चुदवाती हूँ। हम लोग तो खूब गालियां भी सुनातीं हैं और एन्जॉय भी करतीं हैं।
- सीमा - मैं भी रोज़ रात में २/३ लण्ड पीती हूँ।
- साइमा - मैं तो अपने अब्बा का लण्ड चूसती हूँ। मेरी अम्मी मेरे मियां का लण्ड चूसती है।
- मैंडी - मैं भी अपनी माँ चुदवाती हूँ यार ? मैं तो बुर चुदाने के साथ साथ कभी कभी गांड भी मरवा लेती हूँ। मुझे अच्छा लगता है।
- रोली - अरे छोड़ो यार इन बातों को। यहाँ किसी ने थामस सर का लौड़ा पकड़ा है ? थामस का लौड़ा जैकब सर के लौड़े से मोटा है ?
- आरती - मैं तो शेखर सर से चुदवाती हूँ। उसका लौड़ा मुझे बहुत पसंद है।
- पूजा - मैं तो रोज़ कॉलेज में ही किसी न किसी लड़के के लण्ड का मुठ्ठ मारती हूँ, फिर लण्ड पीती हूँ तब घर जाती हूँ।
एक दिन मैं अपने देवर के साथ अपने माईके आ गयी। यहाँ मुझे चोदने वाले कई लोग थे। मैं एक एक करके सबसे चुदवाने लगी। मम्मी के चाहने वाले भी मुझे चोदने लगे। फिर मुझे अच्छा लगने लगा। मैंने देवर को २/४ दिन के लिए रोक लिया था। मैंने मन बना लिया था की मैं इसका लण्ड अपनी चूत में पेलूँगी और अपनी माँ की चूत में भी पेलूँगी। बस इसी सोंच से रात में मैं देवर के पलंग पर बैठ गयी। उससे बातें करने लगी। हंसी मजाक करने लगी. इसी बीच मैंने अपना हाथ उसके लण्ड पर रख दिया। मैंने मजाक में कहा देवर जी सुना है तेरा लण्ड बहुत छोटा है ? बन्दर की नूनी जैसा लण्ड है तेरा ? वह बोला नहीं भाभी ऐसा नहीं है ? किसने बता दिया तुम्हे ? यह सब झूंठ है। मैंने कहा तो फिर सच क्या है ? कितना बड़ा है तेरा लण्ड ? मोटा है पतला ? वह बोला अब मैं यह कैसे बता सकता हूँ भाभी जी। मैंने कहा बताओ नहीं तो मैं पकड़ कर देख लूंगी। दिखाओ मुझे अपना लण्ड।आज तो मैं बिना तेरा लण्ड देखे जाऊंगी नहीं। मैं जान बूझ कर बार बार 'लण्ड' कह रही थी। मैं जानती हूँ की लड़कों को लड़कियों के मुंह से लण्ड सुनना बड़ा अच्छा लगता है। सच तो यह है की लड़कियों के मुंह 'लण्ड' सुनकर लड़कों के लण्ड खड़े हो जातें हैं।
फिर मैंने उसकी नेकर में हाथ घुसेड़ दिया। मेरा हाथ उसके लण्ड से टकरा गया तो लण्ड और तन गया। मैंने कहा वाओ, तेरा तो लण्ड खड़ा है बहन चोद ? इतना बढ़िया लण्ड मुझसे छुपा क्यों रहे हो देवर जी ? लड़की मैं हूँ की तुम ? मैं अगर तेरी जगह होती तो लण्ड खोल कर खड़ी हो जाती अपनी भाभी के सामने ? मैंने उसे ललकारा तो वह सच में नेकर खोल कर खड़ा हो गया मेरे सामने और खड़ा हो गया उसका लण्ड। कमरा अंदर से बंद था। मैं झुकी और लण्ड की चुम्मी ली। कई बार चुम्मी ली। फिर जबान से उसका सुपाड़ा चाटा तो उसे मज़ा आया। उसने मेरी चूचियां दबाना शुरू कर दिया। तब तक मैं उसके पेल्हड़ भी चाटने लगी। उसकी झांटें एकदम साफ थीं तो लण्ड बड़ा खुबसूरत लग रहा था। मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया और उसने भी मुझे नंगी कर दिया। मेरी छोटी छोटी झांटों वाली चूत देख कर वो बिलकुल पागल हो गया। मेरी चूत सहलाने लगा और बोला भाभी आज मैं पहली बार किसी की चूत देख रहा हूँ। मैंने पहले चूत कभी नहीं देखी। मैंने कहा तो फिर तुम्हे चोदना भी नहीं आता होगा ? वह बोला मैंने कभी किसी को चोदा ही नहीं भाभी। मैंने कहा चिंता न करो देवर जी मैं तुम्हे बुर चोदना सिखा दूँगी।
मैंने कहा लो पहले मेरी चूत चाटो देवर जी. मेरी चूत का नकुवा चाटो। अपनी जबान घुसेड़ दो चूत में। इधर मैं तेरा लण्ड चाटूँगी। मैंने अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी। मैं लण्ड चाटने लगी और वह मेरी चूत। फिर मैं नीचे लेट गयी और अपनी टाँगे फैला दी। मेरी चूत खुल गयी। मैंने कहा तुम चूत पर लण्ड टिका दो फिर एक धक्का मारो। उसने वैसा ही किया तो लण्ड गप्प से अंदर घुस गया। मैंने कहा अब तुम धीरे धीरे लण्ड निकालो फिर डालो, निकालो फिर डालो, ऐसे ही करते हुए रफ़्तार बढ़ाते जाओ। वह वैसा ही करने लगा तब मैंने कहा इसी को चोदना कहतें है मेरे देवर राजा। बुर में डालो तो बुर चोदना, गांड में डालो तो गांड चोदना, चूंचीं में डालो तो चूँची चोदना कहतें हैं। अब तुम इसी तरह अपनी भाभी की बुर चोदते रहो। उसने स्पीड बढ़ाई तो लेकिन जल्दी ही झड़ गया। बोला भाभी मैं जल्दी निकला गया। मैंने कहा कोई बात नहीं ? पहली बार ऐसा ही होता है अगली बार देर से निकलेगा। मैं उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी। मैं खुश थी की चलो आज एक नए लण्ड से चुदाना शुरू तो हुआ।
उसके बाद मैं अपने देवर के साथ अपनी ससुराल वापस चली गयी। ससुराल में मैं देवर से निश्चिन्त होकर चुदवाने लगी। एक दिन मेरा नंदोई आ गया , मैंने उस पर भी डोरे डाले और उसे भी अपने जाल में फंसा लिया। वह जब मेरे आगे पीछे घूमने लगा तो मैंने एक दिन मौक़ा पाकर उसका लौड़ा पकड़ लिया। फिर क्या उससे चुदवाने का सिलसिला चल पड़ा। इधर एक दिन मेरा जीजा आ गया। उसका कुछ काम इस शहर में था। मैं जीजा को पटाने के कोशिश करने लगी और दो दिन में ही मुझे कामयाबी मिल गयी। मैं रात में उठी और उसके कमरे में चली गयी। मैंने अंदर से दरवाजा बंद किया और उसके पलंग पर बैठ कर बातें करने लगी।
- मैंने कहा जीजा तुम तो बहुत बड़े बहन चोद दो।
- वह बोला अरे स्वाति तुम क्या कह रही हो ?
- मैं सच कह रही हूँ जीजा। तुम मेरी बहन की बुर लेते हो की नहीं ? मेरी बहन चोदते हो की नहीं ? अगर चोदते हो बहन चोद हुए की नहीं ?
- अरे स्वाति वह मेरी बीवी है। तेरी बहन मेरी बीवी है तो चढूँगा ही।
- जब मेरी बहन चोदते हो तो फिर बहन की बहन भी चोद सकते हो न ?
- तुम्हारा मतलब क्या है स्वाति ?
- मेरा मतलब तुमसे नहीं तुम्हारे लण्ड से है जीजा जी। मैं तुमसे नहीं तुम्हारे लण्ड से पूछ रही हूँ.
एक दिन ऐसा संयोग हुआ की घर में देवर भी था और जीजा भी। अब जीजा को नहीं मालूम की मैं देवर से चुदवाती हूँ और देवर को नहीं मालूम की मैं जीजा से चुदवाती हूँ। मैं अंदर ही अंदर बड़ी उत्तेजित थी क्योंकि आज रात दोनों ही रुकने वाले थे। फिर शाम को मैं बाथ रूम गयी और अपनी झांटें साफ कर दी , मेरी चूत एकदम चिकनी हो गयी। मैंने मन में ठान लिया था की आज मैं दोनों से एक साथ चुदवाऊंगी। मैंने व्हिस्की की बोतल निकाली और ड्रिंक्स का पूरा इंतज़ाम कर लिया। फिर शाम को दोनों को बुलाकर मैं उनके साथ शराब पीने लगी। मैं अध् नंगी बैठी थी। जब थोड़ा नशा चढ़ा तो मैंने कहा - जीजा जी, मुझे जितना मज़ा तेरा लण्ड देता है उतना ही मज़ा मुझे मेरे देवर का लण्ड देता है। अब दोनों मुझे ऑंखें फाड़ फाड़ कर देखने लगे। तब में कहा हां जो मैं कह ततहि हूँ सच कह रहीं हूँ। मैं तुम दोनों से चुदवाती हूँ। फिर मैंने गिलास उठाया और उसकी शराब एक ही झटके में पी गई।
मैंने गिलास टेबल पर रखते हुए कहा - आज मैं तुम दोनों से एक साथ चुदवाऊंगी। ऐसा बोल कर मैंने अपनी चूँचियाँ खोल कर दिखा दीं। फिर अपना पेटीकोट खोल कर अपनी बिना झांट की चूत दिखा दी। मैं मादर चोद एकदम नंगी नंगी खड़ी हो गयी और दोनों के लण्ड ऊपर से ही एक साथ रगड़ने लगी। मैंने एक एक करके दोनों लण्ड खोले और दोनों पकड़ कर एक साथ हिलाने लगी। मैंने कहा मैं ब्लू फिल्म की हीरोइन हूँ और तुम लोग हीरो। अब तुम दोनों मिल के चोदो मुझे। मैं दोनों लण्ड चाटने लगी। जीजा मेरी बुर चाटने लगा और देवर मेरी चूँचियाँ। फिर मैंने दोनों से भकाभक चुदवाया। दोनों के लण्ड खलास किया और झड़ते हुए लण्ड चाटे। इतने में मम्मी का फोन आ गया।
वह बोली - स्वाति क्या कोई आया है, बेटी ?
मैंने कहा - हां मम्मी जीजा आया है और मेरा देवर भी।
मम्मी - तो क्या किया इन दोनों ने ?
मैंने कहा - जीजा ने मेरी बुर ले ली, देवर ने गाड़ ?
वह बोली - तेरी माँ की चूत, भोसड़ी वाली अकेली अकेली ही चुदवा लिया। अब तू बुर चोदी आज रात को चुदवाना उन्हीं से अपनी माँ का भोसड़ा ? मैं भी यहाँ दो लड़कों से चुदवा रही हूँ। मैं यही दोनों लण्ड पेलूँगी तेरी चूत में ? मम्मी की बातों ने आग में घी का काम किया। मैं फिर जबरदस्त चुदासी हो गयी और उन दोनों के लण्ड मेरी माँ चोदने के लिए खड़े होने लगे।
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