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दूसरों की बीवियों को लण्ड दिखा के पटाया - Dusron ki Biwiyon ko lund dikha ke pataya
दूसरों की बीवियों को लण्ड दिखा के पटाया - Dusron ki Biwiyon ko lund dikha ke pataya , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मैं जब कॉलेज में पढता था तो लड़कियों से खूब बातें किया करता था। उसके दो कारन थे। पहला यह की मैं स्मार्ट था, हैंडसम था और अच्छी कद काठी का था और दूसरा यह की मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा था। सारे टीचर्स मुझे बहुत चाहते थे। इसलिए हमारे क्लास की लड़कियां भी मेरे आगे पीछे घूमा करती थीं। मैं लड़कियों को कभी छेड़ता नहीं था। कभी उनसे गन्दी मजाक नहीं करता था हां हलकी फुलकी मजाक जरूर कर लिया करता था। मुझे २/३ लड़कियां बहुत ही अच्छी लगती थीं। मुझे उनसे बात करने में बड़ा अच्छा लगता था । वो खूबसूरत भी थीं और बड़ी बड़ी चूँचियों वाली भी थीं। वो जब मुस्कराकर तिरछीं नज़रों से मुझसे बात करतीं थीं तो मेरे लण्ड में हलचल होने लगती थी। हां यह बात सच है की मैं उनके नाम का सड़का मारा करता था। उनके सामने नंगा होना चाहता था। उन्हें अपना लण्ड दिखाना चाहता था और उन्हें नंगी देखना चाहता था। मुझे नंगे नंगे ब्लू फिल्म देखने का शौक था और आज भी है। कुछ समय से मैं नेट पर कुछ चुनिंदा हिंदी सेक्स की कहानियां भी पढ़ने लगा।
जिन लड़कियों पर मैं मरता था वो थी मिस मोनिका, मिस मेघना और मिस प्रेमा। मेरा एम बी ए का पहला साल था। मैं इन तीनो लड़कियों के आगे पीछे घूमता था और उन्हें चुपचाप देखा करता था। धीरे धीरे मैं उनसे बात करने लगा और फिर बार करते करते मेरी झिझक भी कुछ दिनों में ख़तम हो गयी। एक दिन मैं मोनिका के साथ सिनेमा देखने चला गया। सिनेमा हाल में मोनिका ने अपना हाथ मेरे हाथ में रख दिया। मैंने भी उसे अपनी तरफ खींच लिया। उसने मेरे गाल चूम लिए तो मेरा भी हाथ उसकी चूँची पर चला गया। वह मेरे कान में बोली अमित तुम मेरे बूब्स मजे से दबाओ। बस मेरी हिम्मत बढ़ गयी। उसने फिर धीरे से अपना हाथ मेरे लण्ड पर रख दिया। वह मेरे कान में बोली वाओ, तेरा लण्ड तो खड़ा है यार ? उसके मुंह से 'लण्ड' सुनकर मेरे पूरे बदन में आग लग गयी। मेरा लण्ड सच में उछल पड़ा। मेरा मन हुआ की मैं खोल कर दिखा दूँ उसे अपना लण्ड पर मजबूरी थी मैं कुछ कर न सका। वह लण्ड ऊपर से दबा दबा कर मज़ा लेने लगी।
दूसरे दिन वह मुझे फिर सिनेमा हाल में ले गयी और सबसे पीछे वाली सीट पर हम दोनों बैठ गए। हाल में अंधेरा हो गया तो उसने हाथ मेरे लण्ड पर रख दिया और मैंने भी उसकी चूँचियाँ पकड़ लीं। उस दिन मैं पैंट में नीचे चड्ढी पहन कर नहीं आया था। उसने मेरी जीप खोली और हाथ अंदर घुसेड़ दिया। उसने लण्ड पकड़ लिया और फिर मेरे कान में बोली अमित तेरा लण्ड तो बहुत मोटा है यार ? वह लण्ड के साथ पेल्हड़ सहलाने लगी। वह भी ब्रा पहन कर नहीं आयी और मैंने भी हाथ अंदर घुसेड़ कर उसकी चूँचियाँ दबाने लगा। फिल्म देखने में हमर कोई रूचि नहीं थी। मैं तो मोनिका की चूँचियाँ दबाने आया था और वह मेरा लण्ड पकड़ने आयी थी। वापस जाते हुए उसने कहा यार किसी दिन मैं तुम्हे पूरा नंगा देखूंगी। उधर मैंने यही प्लान मेघना के साथ बनाया और उसने भी मेरा लण्ड उसी तरह पकड़ा और कई बार पकड़ा। मैं प्रेमा को भी इसी तरह फ़ांसना चाहता था और वह भी धीरे धीरे मेरे चंगुल में आ रही थी।
अचानक एक दिन जब मैंने मोनिका की मांग में सिन्दूर देखा तो मालूम हुआ की उसकी शादी हो गयी है। मैं थोड़ा चुप हो गया तो वह मेरे कान में बोली - मेरी शादी हो गयी तो क्या हुआ अमित ? मैं तेरा लण्ड पकड़ती रहूंगी। उसके अगले दिन संडे था। किसी ने डोर बेल बजाई। मैं बाथ रूम से नहाकर निकला ही था। मैंने एक तौलिया लपेट ली और दरवाजा खोला तो सामने मोनिका खड़ी थी। सवेरे के ११ बजे थे। मैंने कहा wow, you are here Monika . come on and sit inside , मैंने उसे फौरन अंदर कमरे में बैठाया और दरवाजा बंद कर दिया। वह बैठी नहीं बल्कि मुझसे लिपट गयी और बोली i love you Amit . मैंने भी उसे बड़े प्यार से चिपका लिया और कहा i love you too . उसने मेरी छाती पर हाथ फिराया। मेरी छाती पर घने घने बाल थे वह उन पर उंगलियां फिराने लगी और फिर धीरे से हाथ नीचे ले गयी और बोली आज मैं तुम्हे नंगा करूंगी अमित। लेकिन मैं उससे पहले खुद नंगी हो जाऊगी। उसने अपने कपड़े उतारना शुरू किया। उसकी जब चूँचियाँ खुलीं तो मैं उन्हें देख कर पागल हो गया। आज मैं पहली बार किसी लड़की की नंगी चूँचियाँ देख रहा था। बाद में उसने जब अपनी जींस खोल कर फेंक दी तो उसकी नंगी चूत मेरे सामने आ गयी। मोटी मोटी जाँघों के बीच हलकी हलकी झांटों वाली चूत बड़ी सेक्सी और हॉट लग रही थी।
मैं उसके पूरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा। फिर उसने एक ही झटके में मेरी तौलिया खींच ली और मैं बहन चोद पूरा नंगा हो गया। मेरा लण्ड खड़ा था। उसने लण्ड मुठ्ठी में लिया और हिलाने लगी बोली वाओ, कितना बड़ा और किता खूबसूरत है तेरा लण्ड यार। उसने ताबड़तोड़ कई चुम्मियाँ लीं मेरे लण्ड की। इत्तिफाक से मैंने नहाते समय अपनी झांटें भी साफ़ कर लीं थी। तो लण्ड बड़ा भी लग रहा था और सुन्दर भी. वह घुटनो के बल बैठ कर मेरी आँखों से आँखें मिलाकर मेरे लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। वह बोली यार तेरा लण्ड मेरे पति के लण्ड से बड़ा है और मोटा भी। i love your LUND Amit. ऐसा कह कर वह मेरा लण्ड चाटने चूसने लगी। थोड़ी देर में मैंने उसे बेड पर लिटा दिया। मैं उसके बूब्स मसलने लगा और वह मेरे लण्ड को पकड़ कर सहलाने लगी। मुझे पहली बार किसी लड़की का मंगा जिस्म मज़ा दे रहा था। मैंने अपने आप को बड़ा लकी समझ रहा था की आज एक शादी शुदा लड़की मुझ पर फ़िदा है और मुझसे खुल कर चुदवाना चाहती है। वह बोली यार अमित अब मुझे कोई डर नहीं है क्योंकि मेरी शादी हो चुकी है।
इतने में उसने अपनी पर्श से एक इंची टेप निकाला और मेरे लण्ड का साइज नापने लगी। लण्ड 8" लम्बा और 5.5 " मोटा निकला तो वह उछल पड़ी। वह बोली बाप रे बाप इतना बड़ा और मोटा तगड़ा लण्ड तो बड़े बड़े लोगों का भी नहीं होता। न मेरे जीजू का लण्ड इतना बड़ा है और न मेरे मौसा का लण्ड ? यार मैं तो दीवानी हो गयी हूँ अमित तेरे लण्ड की। मैंने पूंछा तो तुम इन दोनों का लण्ड पकड़ चुकी हो न मोनिका ? वह बोली हां पकड़ भी चुकी हूँ और चुदवा भी चुकी हूँ यार। अब तो और चुदवाऊंगी। मुझे लण्ड पकड़ने का जबरदस्त शौक है। शादी के बाद यह शौक और बढ़ गया है। फिर उसने मुझे नीचे लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ बैठी। अपनी चूत मेरे मुंह पर रख दी और मेरा लण्ड अपने मुंह में घुसेड़ लिया। वह मेरा लण्ड पीने लगी और मैं उसकी चूत चाटने लगा। हमारी 69 को पोजीशन बन गयी।
मोनिका का लण्ड चाटना और चूसना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मुझे उसकी बुर भी बहुत अच्छी लग रही थी। मेरा लंडसाला सख्त होता जा रहा था। तभी मैंने घूम कर लण्ड उसकी चूत पर टिका दिया। वह भी समझ गायिकी अब मेरी चूत बचने वाली नहीं है। अब तो वह चोदी जाएगी। लण्ड जैसे ही चूत के मुंह पर आया वैसे ही मैंने एक जोर का धक्का मारा तो लौड़ा पूरा एक ही बार में घुस गया। वह चिल्ला उठी अरे यार फाड़ डालोगे क्या मेरी चूत ? ज़रा मजे से चोदो यार। मैं कभी भागी नहीं जा रही हूँ। चुदवाकर ही जाउंगी यहाँ से। फिर मैंने चुदाई की स्पीड थोड़ी धीमी की और फिर तेज कर दी। वह एन्जॉय करने लगी और अपनी गांड से जोर लगाने लगी। मुझे उम्मीद नहीं थी की मैं इतनी जल्दी मोनिका की बुर चोदने लगूंगा ? लेकिन मुझे इस बात का एहसास हो गया की लड़कों से ज्यादा लड़कियां चोदा चोदी के खेल में इंटरेस्ट लेतीं हैं। अब मोनिका एक मंजी हुई रंडी की तरह मुझसे चुदवाने लगी।
एक दिन मैंने देखा की मेघना भी सिंदूर का टीका लगाए हुए है। उसको मैं एक बार सिनेमा हाल ले गया था। उसने भी मेरा लण्ड पकड़ा था और मैंने भी उसकी चूँचियाँ पूरे दबायीं थीं पर कभी चोदने का मौक़ा मिला नहीं। अब शायद मिकेगा भी नहीं क्योंकि उसकी शादी हो चुकी है। मैं यही सब सोंच रहा था की वह मेरे पास आयी और बोली अमित आज सिनेमा देखने चलोगे ? मैं तो फ़ौरन तैयार हो गया। हाल में जैसे ही अँधेरे हुआ उसने मेरे लण्ड पर हाथ रखा और दबा दिया। वह मेरे कान में बोली मैं सिनेमा देखने नहीं आयी हूँ। मैं तो तेरा लण्ड पकड़ने आयी हूँ। इस बार उसने लण्ड खोल कर पकड़ा और बड़ी मस्ती से पकड़ा। बीच बीच में झुक कर सुपाड़ा भी चाटा। मैं समझ गया की मौक़ा पाते ही मेघना मुझसे चुदवा भी लेगी। दूसरे दिन संडे था मैंने उसे फोन किया और अपने घर बुलाया । वह एक घंटे में बन ठन कर जींस और टॉप पहन कर आ भी गयी। आते ही मुझसे लिपट गयी औअर बोली यार मुझे तेरा लण्ड बहुत पसंद है। आज मुझे चोदो खूब चोदो। आज मैं बिना चुदवाये यहाँ से जाऊंगी नहीं।
मैं तो यही चाहता ही था। सच बताओ दोस्तों, मेघना ने मुझसे बड़ी मस्ती से और बड़े प्यार से चुदवाया और मेरे लण्ड की कई फोटो भी खींचीं। जाते समय उसने कहा यार अमित मैं जब जब यहाँ आऊंगी तब तब तुमसे चुदवाऊंगी। मैंने कहा यार तेरा हसबैंड तुझे रोकेगा नहीं ? वह बोली उसकी माँ की चूत ? वो कुछ नहीं बोलेगा मैं उसका इंतज़ाम कर दूंगी। एक बार अपनी सहेली की बुर उसे दिलवा दूँगी फिर मैं तुमसे चुदवाती रहूंगी और तुम मुझे चोदते रहना। फिर मैंने प्रेमा को भी इसी तरह फंसाया और वह भी शादी के बाद मुझसे चुदवाने लगी। वह लौड़ा बुर में कम मुंह में ज्यादा लेती थी। उसे चुदवाने से ज्यादा शौक लण्ड पीने का था और मुझे भी उससे सड़का मरवाने में मज़ा आता था। मैं उससे सड़का मरवाने लगा और उसके मुंह में झड़ने लगा। इस तरह मैं समझ गया की बीवियां तो लड़कियों से ज्यादा मजेदार होतीं हैं। इन्हे चोदने में ज्यादा मज़ा आता है। ये लण्ड निडर होकर पीती भी खूब हैं और चुदवाती भी खूब हैं। मेरे लण्ड में दम है जिसे देख कर बीवियां ललचा जातीं हैं। अब मुझे इसका फायदा उठाना चाहिए।
मेरी कॉलोनी में नेहा भाभी रह्तीं थीं . मैं उसके घर आता जाता था लेकिन मैंने पहले उसे कभी गलत निगाहों से नहीं देखा। लेकिन इधर जब मैंने मोनिका, मेघना और प्रेमा की बुर चोदी और उनके मुंह में लौड़ा पेला तो मैंने नेहा भाभी को एक दिन उसी निगाह से देखा। मन में ख्याल आते ही मेरा लौड़ा उछलने लगा। बस मेरी नियत उस पर ख़राब हो गयी। मैं उसके मुंह में लौड़ा पेलने का सपना देखना लगा। एक दिन वह इत्तिफाक से मेरे घर आ गयी। छुट्टी का दिन था। मैं नहाने जा रहा था। मैं नंगे बदन था और एक तौलिया लपेट रखी थी, तभी नेहा भाभी ने दरवाजा खटखटा दिया , मैंने दरवाजा खोला तो देखा की वह बाहर खड़ीं हैं। मैंने उसे बड़े आदर से अंदर कमरे में बैठाया। वह मुझे पहली बार नंगे बदन देख रहीं थीं और बड़ी सेक्सी निगाहों से देख रहीं थीं। वह साड़ी पहने थी और डीप नेक का स्लीवलेस ब्लाउज़। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ झाँक रहीं थीं। मेरा लण्ड बहन चोद खड़ा हो गया। मैं बात करते करते अपना लण्ड खुजलाने लगा। मैंने धीरे से अपने लण्ड का टोपा दिखा दिया। मैं भाभी को लण्ड दिखा कर पटाने की कोशिश करने लगा।
भाभी मुस्कराकर बोलीं अमित ज़रा मेरे पास आओ। मैं थोड़ा उसके पास गया तो वह बोली ये जो दिख रहा है न इसे पूरा दिखाओ। छुपाने की क्या जरुरत है ? मैं तेरी भाभी हूँ मुझे तेरा सब कुछ देखने का हक़ है। ऐसा कह कर भाभी ने अचानक मेरी तौलिया खींच ली और मैं नंगा हो गया। मैंने अपने दोनों हाथों से अपना लण्ड छुपाना चाहा तो वह बोली छुपाने की कोई जरुरत नहीं है अब तो मैं तेरा लण्ड पकड़ कर ही दम लूँगी। भाभी ने लण्ड पकड़ भी लिया और उसे हिला हिला कर चारों तरफ से देखने लगी फिर बोलीं बाप रे बाप क्या लौड़ा है तेरा अमित ! कितना बड़ा और मोटा है तेरा लौड़ा अमित ! मैं तो इसे अपना दिल दे बैठी यार। ऐसा प्यारा लौड़ा बहुत कम लोगों का होता है। उसने लण्ड कई बार चूमा और फिर जबान निकाल कर चाटा। फिर मेरा भी हाथ उसकी चूँचियों पर चला गया। मैं चूँचियाँ दबाने लगा और उसकी साड़ी उतार कर फेंक दी। उसका ब्लाऊज़ खोल डाला और उसके पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया। मैंने भाभी को नंगी कर दिया और कहा तुम मेरी भाभी हो तो मुझे भी तुम्हे नंगी करने का हक़ है।
मैं फिर उसे अपने बेड रूम में ले गया। बेड में उसने मुझे चित लिटा दिया और मेरी टांगों के बीच बैठ गयी। मेरा लण्ड पकड़ कर बोली हाय मेरे देवर राजा तेरा ये भोसड़ी का लण्ड आज तेरी बुर चोदी भाभी की बुर में घुसेगा ? नेहा भाभी के मुंह से गालियां मुझे बहुत अच्छी लग रहीं थीं। मेरा जोश बढ़ता जा रहा था। भाभी मेरा लण्ड मुंह में लेकर चाटने चूसने लगी और मैं मस्ती में चूर होने लगा। मैंने सोंचा की लण्ड दिखा कर मैंने नेहा भाभी को पटा लिया। तब तक वह घूम गयी और अपनी चूत मेरे मुंह पर रख दी। मैं उसकी बुर चाटने लगा और वह मेरे ऊपर चढ़ कर मेरा लण्ड चाटने लगी। मेरी झांटें बिलकुल साफ़ थीं। पेल्हड़ भी चिकने थे तो भाभी ने कहा अमित तेरा चिकना लण्ड बहुत ही खूबसूरत है। मेरे पति के लण्ड से बड़ा है तेरा लण्ड। भाभी आधे से अधिक लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगीं।
कुछ देर बाद मैं उठा, पलंग के नीचे खड़ा हो गया और भाभी को अपनी तरफ घसीट लिया। उसकी गांड के नीचे दो तकिया लगा दी तो उसकी चूत ऊपर उठ गयी। मैंने उसकी दोनों टाँगे अपने कंधे पर रख लीं और लण्ड उसकी चूत पर टिका दिया। मैंने एक धक्का दिया तो लण्ड सरसराता हुआ चूत के अंदर घुस गया। मैं मस्ती से चोदने लगा नेहा भाभी की बुर। मुझे उसकी उछलती हुई चूँचियाँ देखने में मज़ा आने लगा। वह बोली हाय अमित तुमने अब तक अपना लौड़ा मुझसे छुपा कर क्यों रखा ? पहले क्यों नहीं चोदा मुझे यार ? अपना लौड़ा पहले क्यों नहीं पेला मेरी चूत में ? मेरी बुर तूने क्यों नहीं ली पहले ? मेरी बुर चोदी बुर तूने पहले क्यों नहीं चाटी ? यार बड़ा गज़ब का लौड़ा है तेरा। बड़ा मज़ा दे रहा है तेरा लौड़ा मुझे। भाभी मस्ती में कुछ भी कहती जा रहीं थीं और मुझे यह सब सुन सुन कर अच्छा लग रहा था। मैं और उत्तेजित होता जा रहा था। मैं चोदने की स्पीड बढ़ाने लगा और चुदाई की आवाज़ों से कमरा गूंजने लगा। मुझे नेहा भाभी की बुर लेने में बड़ा मज़ा आ रहा था। तकरीबन वही मज़ा जो मुझे मोनिका की बुर लेने में आता था।
एक दिन जब मैं अपने दोस्त अमर के घर पहुँच गया। अमर इत्तिफाक से बाहर टूर पर गया हुआ था। उसकी बीवी काजल घर पर थीं। मैंने काजल भाभी को पहले देखा भी था और कई बार मिला भी था। मैंने कहा अच्छा भाभी अमर तो है नहीं तो मैं जाता हूँ। वह बोली नहीं अमित नहीं है तो क्या हुआ ? मैं तो हूँ। बैठो न ? इतनी भी जल्दी क्या है जाने की ? तुम मेरे लिए कोई अपरिचित आदमी तो हो नहीं। मैं तुम्हे अच्छी तरह जानती हूँ। मैं तेरी भाभी हूँ और भाभी से क्या शर्माना और क्या झिझकना ? भाभी के ऐसा कहने पर मैं बैठ गया। वह बोली अमित अच्छा यह बताओ तुम चाय लोगे की ड्रिंक्स ? मैंने कहा भाभी जी मैं वही लूंगा जिसमे तुम साथ दे सको। थोड़ी देर में वह ड्रिंक्स लेकर आ गयीं और मेरे साथ बैठ कर शराब पीने लगीं। मैं मन ही मन बड़ा खुश हुआ। थोड़ा नशा चढ़ा तो मेरी नियत भाभी पर ख़राब हो गयी। भाभी भी खुल कर बातें करने लगीं और मैं भी खुलने लगा। भाभी ने कहा देखो अमित जब अमर बाहर जाया करे तो तुम इसी तरह मेरे पास आ जाया करो, मैं अकेली बोर हो जाती हूँ। तुम रहोगे तो मन लगा रहेगा।
मेरा लण्ड खड़ा हो गया था। मैं भाभी को लण्ड दिखाने का तरीका सोंचने लगा। इतने में मैं बाथ रूम चला गया। वहां से आया तो मैंने नशे में होने की कोशिश की अपनी पैंट की जिप खोल कर आधा लण्ड बाहर निकाल कर भाभी के सामने ही आ गया। मैंने ऐसे बिहैव किया जैसे मुझे खुले लण्ड के बारे में कुछ मालूम ही नहीं। भाभी ने लण्ड देखा तो हंसने लगीं बोली वोवो, बहुत बड़ा है रे तेरा लण्ड अमित देखो न भोसड़ी का बाहर निकल आया है। इसे अच्छी तरह निकाल दो न ? मैंने जल्दी से जिप बंद की और कहा सॉरी भाभी जी। माफ़ करना ? भाभी ने कहा सॉरी नहीं अब तो पूरा लण्ड दिखाओ मुझे। तूने मेरी भूंख बढ़ा दी है। अब मैं तेरा लण्ड बिना पकड़े रह नहीं सकती। काजल भाभी ने हाथ बढ़ाया और पैंट खोलने लगी। मैंने भी मना नहीं किया। भाभी ने लण्ड नंगा करके पकड़ लिया और हिलाने लगीं। मैं तो यही चाहता था। फिर मैंने कहा भाभी तुम भी तो दिखाओ अपनी ? वह उठी और
अपने कपड़े खोल कर फेंक दिया और पूरी नंगी हो गयीं मेरे सामने। उसे नंगी देख कर मैं तो पागल हो गया। मेरा लण्ड साला खम्भे की तरह खड़ा हो गया। मैंने उसे चिपका लिया और वह भी मुझसे बुरी तरह चिपक गयी बोली हाय अमित आज मुझे अपना बना लो प्लीज आज मुझे खूब कस कस के चोदो। मैं बहुत चुदासी हूँ. मुझे कोई बढ़िया चोदने वाला मरद अभी तक नहीं मिला। मैं लण्ड की प्यासी हूँ। मुझे तेरे जैसे लण्ड की बहुत जरुरत है। उसकी बातों ने मुझे और उत्तेजित कर दिया। मैं उसकी चूँचियाँ चाटने लगा। निपल्स मुंह में डाल कर चूसने लगा और उसकी पीठ और गांड सहलाने लगा। मैं पूरी मस्ती में आ गया था। मैंने उसे सोफा पर बैठाया और उसकी चूँचियों के बीच अपना लण्ड घुसेड़ दिया। मैं मजे से उसकी चूँचियाँ चोदने लगा। मेरा लण्ड उसकी चूँचियों में घुस गया और मैं लण्ड बार बार अंदर बाहर करने लगा। वह भी गर्दन नीची करके और अपनी जबान निकाल कर बार बार लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। मुझे उसकी मस्त मस्त और बड़ी बड़ी चूँचियाँ चोदने में मज़ा आने लगा। वह बोली हाय अमित तेरा लौड़ा बड़ा जबरदस्त है यार। आज मेरी सारी गर्मी निकाल दो। चोद डालो मेरी बुर चोदी बुर ? चाहो तो मार लो मेरी गांड ? आज मुझे अपने लण्ड का पूरा मज़ा दे दो मेरे राजा अमित। बदले में जो तुम कहो मैं वह करूंगी। मैं तेरी गुलामी करूंगी लेकिन मेरी चूत में चीथड़े उदा दो आज। मैं समझ गया की भाभी को मेरा लण्ड पसंद आ गया है और वह आज तो बड़े मजे से मुझे अपनी बुर देगी। वह बड़ी देर तक मेरा लण्ड चूसती रही और मैं उसकी बुर चाटता रहा ,
फिर मैंने उसे लिटा कर उसकी चूत में गचगचा के पेल दिया पूरा लण्ड। वह भी चिल्ला पड़ी बोली उई माँ फट गयी मेरी चूत। इतना मोटा लण्ड पेल दिया तूने भोसड़ी के ? थोड़ी देर में फिर बोली वाओ, बड़ा मज़ा आ रहा है अमित। और चोदो मुझे, पूरा लण्ड पेल दो, फाड़ डालो मेरी बुर तेरा लौड़ा बड़ा हक्कानी है यार। मेरी बुर ले लो, मुझे अपनी बीवी समझ के चोदो, मैं तेरी भाभी हूँ, भाभी की बुर पर तेरा पूरा हक़ है यार , चोदो मेरे राजा हचक हचक के चोदो। अभी तक मुझे इस तरह किसी ने भी नहीं चोदा। तुम बहुत बढ़िया बुर चोद लेते हो। हाय रे बड़ा अच्छा लग रहा है।
काजल भाभी इसी तरह की मस्त मस्त बातें करती जा रहीं थीं और मैं तूफ़ान मेल की तरह चोदे चला जा रहा था। , आज मुझे भी सच में किसी और बीवी की चोदने में ज़न्नत का मज़ा आ रहा था। मैंने फिर रितिका भाभी, पूजा भाभी और सुनीता को भी अपना लण्ड दिखा दिखा के पटाया और खूब मजे से एक एक करके तीनो को चोदा। यह कमाल मेरा नहीं है दोस्तों बल्कि मेरे लण्ड का है।
मैं जब कॉलेज में पढता था तो लड़कियों से खूब बातें किया करता था। उसके दो कारन थे। पहला यह की मैं स्मार्ट था, हैंडसम था और अच्छी कद काठी का था और दूसरा यह की मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा था। सारे टीचर्स मुझे बहुत चाहते थे। इसलिए हमारे क्लास की लड़कियां भी मेरे आगे पीछे घूमा करती थीं। मैं लड़कियों को कभी छेड़ता नहीं था। कभी उनसे गन्दी मजाक नहीं करता था हां हलकी फुलकी मजाक जरूर कर लिया करता था। मुझे २/३ लड़कियां बहुत ही अच्छी लगती थीं। मुझे उनसे बात करने में बड़ा अच्छा लगता था । वो खूबसूरत भी थीं और बड़ी बड़ी चूँचियों वाली भी थीं। वो जब मुस्कराकर तिरछीं नज़रों से मुझसे बात करतीं थीं तो मेरे लण्ड में हलचल होने लगती थी। हां यह बात सच है की मैं उनके नाम का सड़का मारा करता था। उनके सामने नंगा होना चाहता था। उन्हें अपना लण्ड दिखाना चाहता था और उन्हें नंगी देखना चाहता था। मुझे नंगे नंगे ब्लू फिल्म देखने का शौक था और आज भी है। कुछ समय से मैं नेट पर कुछ चुनिंदा हिंदी सेक्स की कहानियां भी पढ़ने लगा।
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दूसरे दिन वह मुझे फिर सिनेमा हाल में ले गयी और सबसे पीछे वाली सीट पर हम दोनों बैठ गए। हाल में अंधेरा हो गया तो उसने हाथ मेरे लण्ड पर रख दिया और मैंने भी उसकी चूँचियाँ पकड़ लीं। उस दिन मैं पैंट में नीचे चड्ढी पहन कर नहीं आया था। उसने मेरी जीप खोली और हाथ अंदर घुसेड़ दिया। उसने लण्ड पकड़ लिया और फिर मेरे कान में बोली अमित तेरा लण्ड तो बहुत मोटा है यार ? वह लण्ड के साथ पेल्हड़ सहलाने लगी। वह भी ब्रा पहन कर नहीं आयी और मैंने भी हाथ अंदर घुसेड़ कर उसकी चूँचियाँ दबाने लगा। फिल्म देखने में हमर कोई रूचि नहीं थी। मैं तो मोनिका की चूँचियाँ दबाने आया था और वह मेरा लण्ड पकड़ने आयी थी। वापस जाते हुए उसने कहा यार किसी दिन मैं तुम्हे पूरा नंगा देखूंगी। उधर मैंने यही प्लान मेघना के साथ बनाया और उसने भी मेरा लण्ड उसी तरह पकड़ा और कई बार पकड़ा। मैं प्रेमा को भी इसी तरह फ़ांसना चाहता था और वह भी धीरे धीरे मेरे चंगुल में आ रही थी।
अचानक एक दिन जब मैंने मोनिका की मांग में सिन्दूर देखा तो मालूम हुआ की उसकी शादी हो गयी है। मैं थोड़ा चुप हो गया तो वह मेरे कान में बोली - मेरी शादी हो गयी तो क्या हुआ अमित ? मैं तेरा लण्ड पकड़ती रहूंगी। उसके अगले दिन संडे था। किसी ने डोर बेल बजाई। मैं बाथ रूम से नहाकर निकला ही था। मैंने एक तौलिया लपेट ली और दरवाजा खोला तो सामने मोनिका खड़ी थी। सवेरे के ११ बजे थे। मैंने कहा wow, you are here Monika . come on and sit inside , मैंने उसे फौरन अंदर कमरे में बैठाया और दरवाजा बंद कर दिया। वह बैठी नहीं बल्कि मुझसे लिपट गयी और बोली i love you Amit . मैंने भी उसे बड़े प्यार से चिपका लिया और कहा i love you too . उसने मेरी छाती पर हाथ फिराया। मेरी छाती पर घने घने बाल थे वह उन पर उंगलियां फिराने लगी और फिर धीरे से हाथ नीचे ले गयी और बोली आज मैं तुम्हे नंगा करूंगी अमित। लेकिन मैं उससे पहले खुद नंगी हो जाऊगी। उसने अपने कपड़े उतारना शुरू किया। उसकी जब चूँचियाँ खुलीं तो मैं उन्हें देख कर पागल हो गया। आज मैं पहली बार किसी लड़की की नंगी चूँचियाँ देख रहा था। बाद में उसने जब अपनी जींस खोल कर फेंक दी तो उसकी नंगी चूत मेरे सामने आ गयी। मोटी मोटी जाँघों के बीच हलकी हलकी झांटों वाली चूत बड़ी सेक्सी और हॉट लग रही थी।
मैं उसके पूरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा। फिर उसने एक ही झटके में मेरी तौलिया खींच ली और मैं बहन चोद पूरा नंगा हो गया। मेरा लण्ड खड़ा था। उसने लण्ड मुठ्ठी में लिया और हिलाने लगी बोली वाओ, कितना बड़ा और किता खूबसूरत है तेरा लण्ड यार। उसने ताबड़तोड़ कई चुम्मियाँ लीं मेरे लण्ड की। इत्तिफाक से मैंने नहाते समय अपनी झांटें भी साफ़ कर लीं थी। तो लण्ड बड़ा भी लग रहा था और सुन्दर भी. वह घुटनो के बल बैठ कर मेरी आँखों से आँखें मिलाकर मेरे लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। वह बोली यार तेरा लण्ड मेरे पति के लण्ड से बड़ा है और मोटा भी। i love your LUND Amit. ऐसा कह कर वह मेरा लण्ड चाटने चूसने लगी। थोड़ी देर में मैंने उसे बेड पर लिटा दिया। मैं उसके बूब्स मसलने लगा और वह मेरे लण्ड को पकड़ कर सहलाने लगी। मुझे पहली बार किसी लड़की का मंगा जिस्म मज़ा दे रहा था। मैंने अपने आप को बड़ा लकी समझ रहा था की आज एक शादी शुदा लड़की मुझ पर फ़िदा है और मुझसे खुल कर चुदवाना चाहती है। वह बोली यार अमित अब मुझे कोई डर नहीं है क्योंकि मेरी शादी हो चुकी है।
इतने में उसने अपनी पर्श से एक इंची टेप निकाला और मेरे लण्ड का साइज नापने लगी। लण्ड 8" लम्बा और 5.5 " मोटा निकला तो वह उछल पड़ी। वह बोली बाप रे बाप इतना बड़ा और मोटा तगड़ा लण्ड तो बड़े बड़े लोगों का भी नहीं होता। न मेरे जीजू का लण्ड इतना बड़ा है और न मेरे मौसा का लण्ड ? यार मैं तो दीवानी हो गयी हूँ अमित तेरे लण्ड की। मैंने पूंछा तो तुम इन दोनों का लण्ड पकड़ चुकी हो न मोनिका ? वह बोली हां पकड़ भी चुकी हूँ और चुदवा भी चुकी हूँ यार। अब तो और चुदवाऊंगी। मुझे लण्ड पकड़ने का जबरदस्त शौक है। शादी के बाद यह शौक और बढ़ गया है। फिर उसने मुझे नीचे लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ बैठी। अपनी चूत मेरे मुंह पर रख दी और मेरा लण्ड अपने मुंह में घुसेड़ लिया। वह मेरा लण्ड पीने लगी और मैं उसकी चूत चाटने लगा। हमारी 69 को पोजीशन बन गयी।
मोनिका का लण्ड चाटना और चूसना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मुझे उसकी बुर भी बहुत अच्छी लग रही थी। मेरा लंडसाला सख्त होता जा रहा था। तभी मैंने घूम कर लण्ड उसकी चूत पर टिका दिया। वह भी समझ गायिकी अब मेरी चूत बचने वाली नहीं है। अब तो वह चोदी जाएगी। लण्ड जैसे ही चूत के मुंह पर आया वैसे ही मैंने एक जोर का धक्का मारा तो लौड़ा पूरा एक ही बार में घुस गया। वह चिल्ला उठी अरे यार फाड़ डालोगे क्या मेरी चूत ? ज़रा मजे से चोदो यार। मैं कभी भागी नहीं जा रही हूँ। चुदवाकर ही जाउंगी यहाँ से। फिर मैंने चुदाई की स्पीड थोड़ी धीमी की और फिर तेज कर दी। वह एन्जॉय करने लगी और अपनी गांड से जोर लगाने लगी। मुझे उम्मीद नहीं थी की मैं इतनी जल्दी मोनिका की बुर चोदने लगूंगा ? लेकिन मुझे इस बात का एहसास हो गया की लड़कों से ज्यादा लड़कियां चोदा चोदी के खेल में इंटरेस्ट लेतीं हैं। अब मोनिका एक मंजी हुई रंडी की तरह मुझसे चुदवाने लगी।
एक दिन मैंने देखा की मेघना भी सिंदूर का टीका लगाए हुए है। उसको मैं एक बार सिनेमा हाल ले गया था। उसने भी मेरा लण्ड पकड़ा था और मैंने भी उसकी चूँचियाँ पूरे दबायीं थीं पर कभी चोदने का मौक़ा मिला नहीं। अब शायद मिकेगा भी नहीं क्योंकि उसकी शादी हो चुकी है। मैं यही सब सोंच रहा था की वह मेरे पास आयी और बोली अमित आज सिनेमा देखने चलोगे ? मैं तो फ़ौरन तैयार हो गया। हाल में जैसे ही अँधेरे हुआ उसने मेरे लण्ड पर हाथ रखा और दबा दिया। वह मेरे कान में बोली मैं सिनेमा देखने नहीं आयी हूँ। मैं तो तेरा लण्ड पकड़ने आयी हूँ। इस बार उसने लण्ड खोल कर पकड़ा और बड़ी मस्ती से पकड़ा। बीच बीच में झुक कर सुपाड़ा भी चाटा। मैं समझ गया की मौक़ा पाते ही मेघना मुझसे चुदवा भी लेगी। दूसरे दिन संडे था मैंने उसे फोन किया और अपने घर बुलाया । वह एक घंटे में बन ठन कर जींस और टॉप पहन कर आ भी गयी। आते ही मुझसे लिपट गयी औअर बोली यार मुझे तेरा लण्ड बहुत पसंद है। आज मुझे चोदो खूब चोदो। आज मैं बिना चुदवाये यहाँ से जाऊंगी नहीं।
मैं तो यही चाहता ही था। सच बताओ दोस्तों, मेघना ने मुझसे बड़ी मस्ती से और बड़े प्यार से चुदवाया और मेरे लण्ड की कई फोटो भी खींचीं। जाते समय उसने कहा यार अमित मैं जब जब यहाँ आऊंगी तब तब तुमसे चुदवाऊंगी। मैंने कहा यार तेरा हसबैंड तुझे रोकेगा नहीं ? वह बोली उसकी माँ की चूत ? वो कुछ नहीं बोलेगा मैं उसका इंतज़ाम कर दूंगी। एक बार अपनी सहेली की बुर उसे दिलवा दूँगी फिर मैं तुमसे चुदवाती रहूंगी और तुम मुझे चोदते रहना। फिर मैंने प्रेमा को भी इसी तरह फंसाया और वह भी शादी के बाद मुझसे चुदवाने लगी। वह लौड़ा बुर में कम मुंह में ज्यादा लेती थी। उसे चुदवाने से ज्यादा शौक लण्ड पीने का था और मुझे भी उससे सड़का मरवाने में मज़ा आता था। मैं उससे सड़का मरवाने लगा और उसके मुंह में झड़ने लगा। इस तरह मैं समझ गया की बीवियां तो लड़कियों से ज्यादा मजेदार होतीं हैं। इन्हे चोदने में ज्यादा मज़ा आता है। ये लण्ड निडर होकर पीती भी खूब हैं और चुदवाती भी खूब हैं। मेरे लण्ड में दम है जिसे देख कर बीवियां ललचा जातीं हैं। अब मुझे इसका फायदा उठाना चाहिए।
मेरी कॉलोनी में नेहा भाभी रह्तीं थीं . मैं उसके घर आता जाता था लेकिन मैंने पहले उसे कभी गलत निगाहों से नहीं देखा। लेकिन इधर जब मैंने मोनिका, मेघना और प्रेमा की बुर चोदी और उनके मुंह में लौड़ा पेला तो मैंने नेहा भाभी को एक दिन उसी निगाह से देखा। मन में ख्याल आते ही मेरा लौड़ा उछलने लगा। बस मेरी नियत उस पर ख़राब हो गयी। मैं उसके मुंह में लौड़ा पेलने का सपना देखना लगा। एक दिन वह इत्तिफाक से मेरे घर आ गयी। छुट्टी का दिन था। मैं नहाने जा रहा था। मैं नंगे बदन था और एक तौलिया लपेट रखी थी, तभी नेहा भाभी ने दरवाजा खटखटा दिया , मैंने दरवाजा खोला तो देखा की वह बाहर खड़ीं हैं। मैंने उसे बड़े आदर से अंदर कमरे में बैठाया। वह मुझे पहली बार नंगे बदन देख रहीं थीं और बड़ी सेक्सी निगाहों से देख रहीं थीं। वह साड़ी पहने थी और डीप नेक का स्लीवलेस ब्लाउज़। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ झाँक रहीं थीं। मेरा लण्ड बहन चोद खड़ा हो गया। मैं बात करते करते अपना लण्ड खुजलाने लगा। मैंने धीरे से अपने लण्ड का टोपा दिखा दिया। मैं भाभी को लण्ड दिखा कर पटाने की कोशिश करने लगा।
भाभी मुस्कराकर बोलीं अमित ज़रा मेरे पास आओ। मैं थोड़ा उसके पास गया तो वह बोली ये जो दिख रहा है न इसे पूरा दिखाओ। छुपाने की क्या जरुरत है ? मैं तेरी भाभी हूँ मुझे तेरा सब कुछ देखने का हक़ है। ऐसा कह कर भाभी ने अचानक मेरी तौलिया खींच ली और मैं नंगा हो गया। मैंने अपने दोनों हाथों से अपना लण्ड छुपाना चाहा तो वह बोली छुपाने की कोई जरुरत नहीं है अब तो मैं तेरा लण्ड पकड़ कर ही दम लूँगी। भाभी ने लण्ड पकड़ भी लिया और उसे हिला हिला कर चारों तरफ से देखने लगी फिर बोलीं बाप रे बाप क्या लौड़ा है तेरा अमित ! कितना बड़ा और मोटा है तेरा लौड़ा अमित ! मैं तो इसे अपना दिल दे बैठी यार। ऐसा प्यारा लौड़ा बहुत कम लोगों का होता है। उसने लण्ड कई बार चूमा और फिर जबान निकाल कर चाटा। फिर मेरा भी हाथ उसकी चूँचियों पर चला गया। मैं चूँचियाँ दबाने लगा और उसकी साड़ी उतार कर फेंक दी। उसका ब्लाऊज़ खोल डाला और उसके पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया। मैंने भाभी को नंगी कर दिया और कहा तुम मेरी भाभी हो तो मुझे भी तुम्हे नंगी करने का हक़ है।
मैं फिर उसे अपने बेड रूम में ले गया। बेड में उसने मुझे चित लिटा दिया और मेरी टांगों के बीच बैठ गयी। मेरा लण्ड पकड़ कर बोली हाय मेरे देवर राजा तेरा ये भोसड़ी का लण्ड आज तेरी बुर चोदी भाभी की बुर में घुसेगा ? नेहा भाभी के मुंह से गालियां मुझे बहुत अच्छी लग रहीं थीं। मेरा जोश बढ़ता जा रहा था। भाभी मेरा लण्ड मुंह में लेकर चाटने चूसने लगी और मैं मस्ती में चूर होने लगा। मैंने सोंचा की लण्ड दिखा कर मैंने नेहा भाभी को पटा लिया। तब तक वह घूम गयी और अपनी चूत मेरे मुंह पर रख दी। मैं उसकी बुर चाटने लगा और वह मेरे ऊपर चढ़ कर मेरा लण्ड चाटने लगी। मेरी झांटें बिलकुल साफ़ थीं। पेल्हड़ भी चिकने थे तो भाभी ने कहा अमित तेरा चिकना लण्ड बहुत ही खूबसूरत है। मेरे पति के लण्ड से बड़ा है तेरा लण्ड। भाभी आधे से अधिक लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगीं।
कुछ देर बाद मैं उठा, पलंग के नीचे खड़ा हो गया और भाभी को अपनी तरफ घसीट लिया। उसकी गांड के नीचे दो तकिया लगा दी तो उसकी चूत ऊपर उठ गयी। मैंने उसकी दोनों टाँगे अपने कंधे पर रख लीं और लण्ड उसकी चूत पर टिका दिया। मैंने एक धक्का दिया तो लण्ड सरसराता हुआ चूत के अंदर घुस गया। मैं मस्ती से चोदने लगा नेहा भाभी की बुर। मुझे उसकी उछलती हुई चूँचियाँ देखने में मज़ा आने लगा। वह बोली हाय अमित तुमने अब तक अपना लौड़ा मुझसे छुपा कर क्यों रखा ? पहले क्यों नहीं चोदा मुझे यार ? अपना लौड़ा पहले क्यों नहीं पेला मेरी चूत में ? मेरी बुर तूने क्यों नहीं ली पहले ? मेरी बुर चोदी बुर तूने पहले क्यों नहीं चाटी ? यार बड़ा गज़ब का लौड़ा है तेरा। बड़ा मज़ा दे रहा है तेरा लौड़ा मुझे। भाभी मस्ती में कुछ भी कहती जा रहीं थीं और मुझे यह सब सुन सुन कर अच्छा लग रहा था। मैं और उत्तेजित होता जा रहा था। मैं चोदने की स्पीड बढ़ाने लगा और चुदाई की आवाज़ों से कमरा गूंजने लगा। मुझे नेहा भाभी की बुर लेने में बड़ा मज़ा आ रहा था। तकरीबन वही मज़ा जो मुझे मोनिका की बुर लेने में आता था।
एक दिन जब मैं अपने दोस्त अमर के घर पहुँच गया। अमर इत्तिफाक से बाहर टूर पर गया हुआ था। उसकी बीवी काजल घर पर थीं। मैंने काजल भाभी को पहले देखा भी था और कई बार मिला भी था। मैंने कहा अच्छा भाभी अमर तो है नहीं तो मैं जाता हूँ। वह बोली नहीं अमित नहीं है तो क्या हुआ ? मैं तो हूँ। बैठो न ? इतनी भी जल्दी क्या है जाने की ? तुम मेरे लिए कोई अपरिचित आदमी तो हो नहीं। मैं तुम्हे अच्छी तरह जानती हूँ। मैं तेरी भाभी हूँ और भाभी से क्या शर्माना और क्या झिझकना ? भाभी के ऐसा कहने पर मैं बैठ गया। वह बोली अमित अच्छा यह बताओ तुम चाय लोगे की ड्रिंक्स ? मैंने कहा भाभी जी मैं वही लूंगा जिसमे तुम साथ दे सको। थोड़ी देर में वह ड्रिंक्स लेकर आ गयीं और मेरे साथ बैठ कर शराब पीने लगीं। मैं मन ही मन बड़ा खुश हुआ। थोड़ा नशा चढ़ा तो मेरी नियत भाभी पर ख़राब हो गयी। भाभी भी खुल कर बातें करने लगीं और मैं भी खुलने लगा। भाभी ने कहा देखो अमित जब अमर बाहर जाया करे तो तुम इसी तरह मेरे पास आ जाया करो, मैं अकेली बोर हो जाती हूँ। तुम रहोगे तो मन लगा रहेगा।
मेरा लण्ड खड़ा हो गया था। मैं भाभी को लण्ड दिखाने का तरीका सोंचने लगा। इतने में मैं बाथ रूम चला गया। वहां से आया तो मैंने नशे में होने की कोशिश की अपनी पैंट की जिप खोल कर आधा लण्ड बाहर निकाल कर भाभी के सामने ही आ गया। मैंने ऐसे बिहैव किया जैसे मुझे खुले लण्ड के बारे में कुछ मालूम ही नहीं। भाभी ने लण्ड देखा तो हंसने लगीं बोली वोवो, बहुत बड़ा है रे तेरा लण्ड अमित देखो न भोसड़ी का बाहर निकल आया है। इसे अच्छी तरह निकाल दो न ? मैंने जल्दी से जिप बंद की और कहा सॉरी भाभी जी। माफ़ करना ? भाभी ने कहा सॉरी नहीं अब तो पूरा लण्ड दिखाओ मुझे। तूने मेरी भूंख बढ़ा दी है। अब मैं तेरा लण्ड बिना पकड़े रह नहीं सकती। काजल भाभी ने हाथ बढ़ाया और पैंट खोलने लगी। मैंने भी मना नहीं किया। भाभी ने लण्ड नंगा करके पकड़ लिया और हिलाने लगीं। मैं तो यही चाहता था। फिर मैंने कहा भाभी तुम भी तो दिखाओ अपनी ? वह उठी और
फिर मैंने उसे लिटा कर उसकी चूत में गचगचा के पेल दिया पूरा लण्ड। वह भी चिल्ला पड़ी बोली उई माँ फट गयी मेरी चूत। इतना मोटा लण्ड पेल दिया तूने भोसड़ी के ? थोड़ी देर में फिर बोली वाओ, बड़ा मज़ा आ रहा है अमित। और चोदो मुझे, पूरा लण्ड पेल दो, फाड़ डालो मेरी बुर तेरा लौड़ा बड़ा हक्कानी है यार। मेरी बुर ले लो, मुझे अपनी बीवी समझ के चोदो, मैं तेरी भाभी हूँ, भाभी की बुर पर तेरा पूरा हक़ है यार , चोदो मेरे राजा हचक हचक के चोदो। अभी तक मुझे इस तरह किसी ने भी नहीं चोदा। तुम बहुत बढ़िया बुर चोद लेते हो। हाय रे बड़ा अच्छा लग रहा है।
काजल भाभी इसी तरह की मस्त मस्त बातें करती जा रहीं थीं और मैं तूफ़ान मेल की तरह चोदे चला जा रहा था। , आज मुझे भी सच में किसी और बीवी की चोदने में ज़न्नत का मज़ा आ रहा था। मैंने फिर रितिका भाभी, पूजा भाभी और सुनीता को भी अपना लण्ड दिखा दिखा के पटाया और खूब मजे से एक एक करके तीनो को चोदा। यह कमाल मेरा नहीं है दोस्तों बल्कि मेरे लण्ड का है।
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