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लण्ड पर किसी का नाम थोड़े लिखा होता है - Lund par kisi ka naam likha huaa nahi hota
लण्ड पर किसी का नाम थोड़े लिखा होता है - Lund par kisi ka naam likha huaa nahi hota , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
उस दिन रात में मैं अपने कमरे से "sex " की कहानियां पढ़ कर निकली थी। कहानी बहन चोद "sex" की ही कहानियां पढ़ रहीं हैं। कपड़े उसके भी अस्त व्यस्त हैं। एक हाथ अंदर है और दूसरा उसके बड़े बड़े स्तन पर।सास बहू और नन्द के बीच की थी। तीनो की आपस में भकाभक चुदाई की कहानी पढ़ कर मेरी चूत की माँ चुद गयी थी। मैं बुरी तरह गरम हो गयी। वैसे मैं हिंदी की सेक्स स्टोरीज बहुत पढ़ती हूँ पर इतनी गरम गरम कहानियां पहली बार पढ़ी तो मेरी चूत की आग ससुरी बुरी तरह से भड़क गयी. मुझे एक तरफ लण्ड की जरुरत महसूस होने लगी तो दूसरी तरफ सबको गालियां देने की भी इच्छा जाग उठी। मैं अपने आपको रोक नहीं सकी। मैं बाहर आते ही अम्मी के कमरे में घुस गयी। मैंने देखा की वह भी लैपटॉप पर
मुझे देखते ही वह बोली :- बेटी, तेरी भाभी की सास का भोसड़ा ?
मैं मुस्करा पड़ी क्योंकि वहअपने ही भोसड़ा को गाली दे रही थीं। मैंने भी उसी लहज़े में कहा :- अम्मी, तेरी बहू की नन्द की चूत ? मैंने भी अपनी ही चूत को गाली देते हुए कहा। तब तक पीछे से मेरी भाभी आ गयीं। उसने हम दोनों की गालियां सुन ली थीं।
वह बोली :- नन्द रानी, तेरी माँ की बहू की बुर ?
यह सुनकर हम तीनो खुश भी हुईं और जोर से हंसी भी। क्योंकि मेरी भाभी भी हमारी ही तरह गाली देने में माहिर निकली। अम्मी की मस्ती ने फिर जोर मारा।
वह बोली - बेटी, तेरी भाभी की नन्द बुर । इस बार अम्मी ने मेरी चूत को गाली दी।
मुझसे पहले मेरी भाभी बोली :- सासू जी, तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा। भाभी ने अपनी सास के भोसड़ा को गाली दी।
मैंने कहा :- अम्मी बहुत नाराज़ होगीं खाला जान ?
खाला बोली :- तेरी अम्मी क्या क्या किसी से कम हैं ? वह मेरे नंदोई से बगल के कमरे में चुदवा रहीं हैं ? और मेरी नन्द बुर चोदी अपने चचा के लड़के से चुदवा रही है। चुदाई में कोई रिस्ता नहीं देखा जाता, रेशमा ?
इतने में अब्बू ने खुद अपना खड़ा लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया। मेरी भी शर्म ख़तम हो गयी और मैं एक मस्त मोटा चाटने चूसने लगी। खाला ने एकाएक चुदवाते चुदवाते लण्ड मेरी चूत में पेल दिया तो फिर मैं चुदवाने भी लगी। यह बात मेरी अम्मी को हो गयी। तो वह बोली रेशमा तेरी माँ का भोसड़ा बहन चोद मुझे अब मालूम हो गया की तू जवान हो गयी है। और तेरी माँ की बहन की बुर ? उसी ने तुझे बताया की लण्ड का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए। अब पीछे मत हटना ? लण्ड किसी का भी हो उसे अपनी चूत में घुसा लेना। लण्ड सिर्फ लण्ड होता है बेटी वह किसी का बाप, भाई, चचा, ताऊ, दामाद नहीं होता ? समझ गयी न तू बुर चोदी रेशमा। आज से मैं भी तेरी सहेली हूँ माँ नहीं ? मैंने कहा अम्मी तेरी बिटिया की बुर मैं अब समझ गयी।
एक दिन मुझे शकीला आंटी की बेटी मिल गयी।
मैंने कहा :- मुम्मु की बच्ची, तू भोसड़ी की बहुत बदचलन लड़की है। तूने चुपके चुपके मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ लिया और मुझे बताया भी नहीं ? फिर तू चुदवाने भी लगी और आजतक किसी को पता नहीं चला।
वह बोली :- मैंने उसका लण्ड नहीं पकड़ा था रेशमा। तेरे अब्बू ने खुद मुझे अपना लण्ड पकड़ा दिया था। हां यह बात जरूर है इतना मोटा तगड़ा लण्ड देख कर मैं सुध बुध खो बैठी थी और लण्ड हाथ बढाकर पकड़ लिया। लण्ड पकड़ते ही मेरी चूत मेरे काबू के बाहर हो गयी। इसी का फायदा उठा कर तेरे अब्बू ने लौड़ा घुसा दिया मेरी चूत में तो मैं चुदवाने लगी।
कुछ दिन बाद मेरी भी शादी हो गयी और मैं ससुराल चली गयी।
सुहागरात के दूसरे ही दिन मेरी नन्द मेरे पास आयी और बोली भाभी आपको किस तरह के लण्ड पसंद हैं ? मैंने कहा यार मुझे तो मोटे लण्ड पसंद हैं और अगर मोटे होने के साथ साथ वो लम्बे भी हो तो सोने पे सुहागा हो जाता है ? पर तुम क्यों पूंछ रही हो मेरी नन्द रानी ? यह बोली अरे भाभी मेरी भी यही पसंद है। मुझे तो मोटे लण्ड के बिना मज़ा ही नहीं आता। और यही हाल मेरी अम्मी का भी है। वह मोटा लण्ड बहुत पसंद करती है। मैंने कहा यह बात तुम्हे कैसे मालूम है ? उसने बताया अरे भाभी वो तो बहन चोद मेरे सामने ही चुदवाती है। यहाँ रात में कोई पर्दा तो होता नहीं ? सबको सब पता होता है की कौन किसको चोद रहा है और कौन किससे चुदवा रही है। मेरी अम्मी तो चोदा चोदी में बड़ी हरामजादी है। उसे कोई शर्म नहीं है। वह मेरी भी चूत में लण्ड पेल देती है। मैंने कहा तो फिर तुम भी पेलती होगी अपनी माँ की चूत में लण्ड ? उसने कहा मैं तो माँ की चूत में ही नहीं बड़ी भाभी की बुर में घुसा देती हूँ लण्ड ? मैं भी मादर चोद बड़ी हरामजादी हूँ। मैंने फिर पूंछा तो क्या यहाँ मरद अपनी बीवी के अलावा भी किसी और को चोदते हैं ?
वह बोली अरे भाभी यहाँ रात में चुदाई खुल कर होती है। ये भोसड़ी के मरद अपनी बीवी तो चोदते ही नहीं बस दूसरों की ही बीवियां चोदते रहतें हैं। मैं अंदर ही अंदर बड़ी खुश हो रही थी की अब तो मुझे ग़ैर मर्दों से चुदवाने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
अगले दिन रात में मेरी नन्द मेरे पास आयी और बोली भाभी मेरा देवर आया है। उसका लण्ड तुम्हे पसंद जरूर आएगा यह मुझे यकीन है। वह तुम्हे चोदने के लिए बेकरार है। मुझसे कई बार कह चुका है की भाभी मुझे अपनी भाभी की बुर दिलवाओ । आज तुम उससे चुदवा लो भाभी ? मैंने कहा तो तुम क्या करोगी ? वह बोली मैं उसके दोस्त से चुदवाऊंगी। वह अपने दोस्त के साथ ही आया है। मैंने कहा नाज़ तो फिर तुम भी यहीं मेरे सामने चुदवाओ न ? मैं भी चोदूँगी तेरी बुर ? उसने कहा हाय दईया तूने तो मेरी चूत की आग भड़का दी है भाभी ? वह थोड़ी देर में दो लड़कों को लेकर मेरे सामने आ गयी। बोली ये है आसिक मेरा देवर और ये है नदीम इसका दोस्त ? नन्द तो आधी नंगी थी। उसकी चूँचियाँ खुलीं थीं। मैंने देखा की उसकी चूँचियाँ लगभग मेरी चूँचियों के बराबर ही थीं। वह आगे बढ़ी और आसिक के कपड़े खोलने लगी। आखिर में उसके पैजामे का नाड़ा खोल दिया। मैं उसे बड़े गौर से देख रही थी। वह एकदम नंगा हो गया और उसका लण्ड टन टना कर मेरे सामने खड़ा हो गया।
उसने मेरा हाथ पकड़ कर उसके लण्ड पर रख दिया और कहा भाभी लो संभालो मेरे देवर का लण्ड ? मैंने चुपके से उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और कहा पहले अपनी बुर तो सबको दिखाओ मेरी नन्द रानी ? वह नंगी हुई तो मुझे भी नंगी कर दिया। फिर उसने नदीम को भी नंगा किया और लण्ड हिलाने लगी। लण्ड भी साला टन्ना गया। मेरी नज़र उस पर पड़ी तो तबियत मस्त हो गयी। मैं भी खुल कर सामने आ गयी और आसिक का लण्ड की चुम्मियाँ लेने लगी। पेल्हड़ चूमने लगी और स सुपाड़ा चाटने लगी। वह भी मेरे बूब्स दबाने लगा और मेरी चूत सहलाने लगा। उधर मेरी नन्द नदीम का लौड़ा हिला हिला कर मस्ती करने लगी। वह बोली नदीम तुम्हे मर्दों के आगे नंगे होने में कोई शर्म तो नहीं आती. वह बोला नहीं भाभी जी नही आती। आसिक के सामने तो बिलकुल भी नहीं आती। वह बोली तो ऐसी कौन सी बात जिससे तुम्हे शर्म नहीं आती। उसने जबाब दिया की आसिक मेरे सामने मेरी बीवी चोदता है और मैं आसिक के आमने उसकी बीवी चोदता हूँ। या यूं कहें की मैं अपनी बीवी उससे चुदवाता हूँ और वह अपनी बीवी मुझसे चुदवाता है।
ऐसा बोल कर उसने लण्ड मेरी नन्द की चूत में पेल दिया। मैं भी नन्द को चुदवाते हुए देख कर आसिक से चुदवाने लगी। उसका मोटा तगड़ा लण्ड मैंने अपनी चूत में पेलवा लिया। आसिक बोला बड़ी टाइट है आपकी बुर रेशमा भाभी। आपकी बुर मेरी खाला जान की बेटी की बुर की तरह है, एकदम झकास ? मैंने कहा तो क्या तुम उसकी बुर चोदते हो। वह बोला हां भाभी मुझे उसकी बुर चोदने मे बड़ा मज़ा आता है। और उसकी माँ का भोसड़ा चोदना मुझे बहुत अच्छा लगता है। मैंने कहा अच्छा तो तुम अपनी खाला जान का भोसड़ा भी चोदते हो ? उसने बताया की नहीं भाभी जान, खाला जान खुद मुझसे चुदवाती है। पहले मेरा लण्ड उसी ने पकड़ा और पेला अपनी चूत में फिर एक दिन उसी ने मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी बिटिया की बुर में घुसेड़ दिया और कहा अब तुम मेरी मेरी बेटी की बुर चोदो। मुझे भी जोश आ गया तो मैं गचागच चोदने लगा। उसकी बातों ने मेरी चूत की आग और भड़का दी। थोड़ी देर में नाज़ ने नदीम का लण्ड मेरी बुर में घुसेड़ दिया और कहा भाभी अब तुम इससे चुदवाओ।
उस दिन मुझे नन्द के साथ चुदाई करने में बहुत अच्छा लगा। फिर उसने कहा भाभी एक बात बताऊँ तेरी बुर सास भी बहुत बड़ी चुदक्कड़ है। मैं कुछ बोलने वाली थी ही की मेरी सास कमरे में आ गयी। उसने हमको नंगी देख लिया और उन दोनों के लण्ड देख लिया। वह बोली हाय अल्ला, तू भोसड़ी की नाज़ की बच्ची अपनी भाभी की बुर चुदवा रही है। तुझे शर्म नहीं आती ? तेरी माँ की चूत ? सास ऐसा बोल कर दोनों लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। फिर लण्ड देख कर बोली बेटी नाज़ लण्ड तो बहुत बड़े बड़े हैं ये तो तेरी माँ का भोसड़ा चोद डालेगें। वह भी बड़ी मस्ती से बोली अरे अम्मी जान जब इन लोगों ने तेरी बिटिया की बुर चोदी है और तेरी बहू की चूत में लण्ड पेला है तो फिर तेरा भोसड़ा कहाँ बच कर जायेगा। मैंने पहली बार अपनी आँखों के सामने अपनी सास को
इन दोनों से चुदवाते हुए देखा। सास अपनी बेटी से ज्यादा चुदक्कड़ होगी ,मैंने ऐसा कभी सोंचा भी न था। लेकिन इससे मुझे यह मालूम हो गया की मैं मैं यहाँ किसी से भी चुदवा सकती हूँ और सास मुझे कतई मना नहीं कर सकती। मैं तो सोंचने लगी हूँ अब मैं सास की गांड मारना शुरू कर दूँ। शायद उसने अभी तक अपनी गांड नहीं मरवाई। एक बार मरवा लेगी तो फिर बार बार मरवायेगी।
एक दिन मेरी ससुराल मेरा अब्बू आ गया। उसके हाथ मेरा जीजू भी था। वह बोला बेटी रेशमा मैं यहाँ इस शहर में किसी काम से आया था तो सोंचा की तेरे घर भी होता चलूँ। तेरा जीजू मेरे साथ था। इसलिए हम लोग यहाँ आ गए। मैंने कहा अब्बू आपने अच्छा किया। उसने पूंछा रेशमा तू अच्छी तरह से तो है न, बेटी ? कोई दिक्कत तो नहीं है। मैंने कहा मैं यहाँ बहुत खुश हूँ, अब्बू । मैं जो चाहती हूँ वह सब मिलता है। अब्बू मेरा संकेत समझ गया। वो दोनों मेरी नन्द से भी मिले।
कुछ देर बाद जीजू ने मुझसे कहा - रेशमा तेरी नन्द तो बहुत बढ़िया माल है। इसकी बुर दिलवा दो न मुझे ?
मैंने कहा :- अच्छा, तो क्या मेरी बुर लेते लेते तुम बोर हो गए हो ?
वह बोला :- नहीं यार, मैं तेरी भी बुर लूंगा पर पहले मैं तेरी नन्द की बुर चोदना चाहता हूँ। शादी के बाद तो मैंने तेरी बुर को अभी तक हाथ नहीं लगाया।
उसके जाने के बाद मेरी नन्द आ गयी।
वह बोली :- भाभी तेरे जीजू का लण्ड कैसा है ? लण्ड का साइज क्या है ?
मैंने कहा :- तू भोसड़ी की हमेशा लण्ड की ही बाते करती है। अब मैं अगर बता दूँगी तो तेरा मज़ा किरकिरा हो जायगा। आज रात को तुम खुद उसका लण्ड पकड़ कर देख लेना।
रात को दोनों मेरे कमरे में आ गए। मैंने अपनी नन्द को इशारा किया तो उसने जीजू के पैजामे का नाड़ा खोल दिया। पैजामा साला नीचे गिर पड़ा और लण्ड फनफनाकर खड़ा हो गया। नन्द उसे पकड़ कर बोली हाय भाभी ये तो बहुत बड़ा है बहन चोद ?
मैंने कहा - हां तभी तो मेरी बहन की बुर चोदता है। अब यह मेरी नन्द की बुर चोदेगा। ऐसा कह कर मैंने नन्द को नंगी कर दिया। वह लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। नंगी मैंने भी हो गयी। फिर हम तीनो ने मिलकर खूब चोदा चोदी की।
फिर मैं एक चुन्नी डाल कर बाथ रूम गयी। मेरी चूँचियाँ जरूर ढक गयीं लेकिन मेरी चूत नीचे से बिलकुल नंगी थी और वह दिख भी रही थी। मैंने देखा की मेरी सास के कमरे की लाइट हलकी हलकी जल रही है। मैं झाँकने लगी तो देखा की मेरा अब्बू मादर चोद नंगा नंगा मेरी सास पर चढ़ा हुआ उसका भोसड़ा चोद रहा है। फिर मैं बेशर्मी से कमरे के अंदर घुस गयी। मैंने नंगी चूत की परवाह नहीं की।
मैंने कहा :- मेरी नन्द की माँ चोद रहे हो, अब्बू ?
उसने कहा :- अब तेरी सास ने मेरा लण्ड पकड़ लिया बेटी रेशमा तो मैं क्या करता ? मेरा लण्ड साला अपने आप खड़ा हो गया और इसकी चूत में घुस गया।
मैंने कहा :- हां हां मैं सब जानती हूँ, अब्बू ? तुम मजे से मेरी सास का भोसड़ा चोदो लेकिन उसके बाद मेरी नन्द की बुर भी चोदना।
तब तक सास बोली :- अरे बहू, अपने जीजू से कह देना की वह मुझे बिना चोदे न जाए...
उस दिन रात में मैं अपने कमरे से "sex " की कहानियां पढ़ कर निकली थी। कहानी बहन चोद "sex" की ही कहानियां पढ़ रहीं हैं। कपड़े उसके भी अस्त व्यस्त हैं। एक हाथ अंदर है और दूसरा उसके बड़े बड़े स्तन पर।सास बहू और नन्द के बीच की थी। तीनो की आपस में भकाभक चुदाई की कहानी पढ़ कर मेरी चूत की माँ चुद गयी थी। मैं बुरी तरह गरम हो गयी। वैसे मैं हिंदी की सेक्स स्टोरीज बहुत पढ़ती हूँ पर इतनी गरम गरम कहानियां पहली बार पढ़ी तो मेरी चूत की आग ससुरी बुरी तरह से भड़क गयी. मुझे एक तरफ लण्ड की जरुरत महसूस होने लगी तो दूसरी तरफ सबको गालियां देने की भी इच्छा जाग उठी। मैं अपने आपको रोक नहीं सकी। मैं बाहर आते ही अम्मी के कमरे में घुस गयी। मैंने देखा की वह भी लैपटॉप पर
मुझे देखते ही वह बोली :- बेटी, तेरी भाभी की सास का भोसड़ा ?
मैं मुस्करा पड़ी क्योंकि वहअपने ही भोसड़ा को गाली दे रही थीं। मैंने भी उसी लहज़े में कहा :- अम्मी, तेरी बहू की नन्द की चूत ? मैंने भी अपनी ही चूत को गाली देते हुए कहा। तब तक पीछे से मेरी भाभी आ गयीं। उसने हम दोनों की गालियां सुन ली थीं।
वह बोली :- नन्द रानी, तेरी माँ की बहू की बुर ?
यह सुनकर हम तीनो खुश भी हुईं और जोर से हंसी भी। क्योंकि मेरी भाभी भी हमारी ही तरह गाली देने में माहिर निकली। अम्मी की मस्ती ने फिर जोर मारा।
वह बोली - बेटी, तेरी भाभी की नन्द बुर । इस बार अम्मी ने मेरी चूत को गाली दी।
मुझसे पहले मेरी भाभी बोली :- सासू जी, तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा। भाभी ने अपनी सास के भोसड़ा को गाली दी।
फिर मैं बोली :- भाभी, तेरी सास की बहू की चूत ? मैंने भी भाभी से उसकी ही बुर को गाली दी। ये सब प्यार की गालियां हैं। मौज़ मस्ती की गालियां है। एन्जॉय करने की गालियां हैं।
मैं इस कहानी के पात्रों से आपका परिचय करवा दूँ।
- मेरा नाम है रेशमा। मैं २५ साल की, एक खूबसूरत, सेक्सी और हॉट बीवी हूँ. आधुनिक विचारों की हूँ और सेक्स में खुल कर भाग लेती हूँ। चोदा चोदी में बेहद बेशर्म हूँ, मैं सबके लण्ड को दिलोजान से चाहती हूँ। गैर मर्दों के लण्ड की जबरदस्त दीवानी हूँ। फिलहाल मैं अपने माईके में हूँ।
- मेरी अम्मी है ४६ साल की रहीमा बेगम। बेहद खूबसूरत, हंसमुख और दिलचस्प बातें करती हैं। बेटियों और बहुओं को अपनी दोस्त बनाकर रखतीं हैं। उसे सबके साथ मिलकर चोदा चोदी करने का शौक है। खूब गालियां देतीं हैं और हम सबको गालियों से बात करने के लिए हौसला बढ़ातीं हैं। उसका पसंदीदा गालियां भी अजीब है। वह मुझसे बात करेगी तो 'तेरी माँ की चूत' बोलेगी।। अपनी बहू से करेगी तो उसे 'तेरी सास का भोसड़ा' कहेगी, खाला से बात करेगी तो उसे 'तेरी बहन की बुर' बोलेगी, अपनी भाभी से कहेगी 'तेरी नन्द का भोसड़ा' भाभी ?
- मेरी भाभी यानी मेरी माँ की बहू है रूफी बेगम। वह २४ साल की एक हसीन और बड़ी बड़ी चूँचियों वाली गोरी चिट्टी और बिंदास बहू हैं। अपनी सुहागरात में ही मुझसे बोली रेशमा मेरी नन्द रानी मुझे बताओ की यहाँ किस किस के लण्ड मोटे हैं। मुझे मोटे मोटे लण्ड से बेहद प्यार है और मैं मोटे लण्ड से बेतहासा चुदवाती हूँ।
- मेरी भी शादी हो चुकी है जैसा की आप जान गए हैं। मेरी नन्द का नाम है नाज़। वह बुर चोदी लगभग मेरी ही उम्र की है। उसे लण्ड पीने का बेहद शौक है। गालियां भी खूब देती है और मस्ती भी खूब करती है। उसे ग्रुप में चुदवाना बहुत अच्छा लगता है। वह अपनी १९ साल की उम्र से अपनी माँ चुदवा रही है। उसे गैर मर्दों से चुदवाने में कोई परहेज नहीं है।
- मेरी सास का नाम है शकीला बानो। वह ४५ साल की है और बहुत ही मिलनसार स्वाभाव की हैं। उसे अपने बेटी और बहू के साथ चोदा चोदी करने में बड़ा मज़ा आता है। वह चाहती है की रात में सब लोग मिलकर मस्ती से चुदाई करें और मज़ा लूटें। मरद सबकी चूत का मज़ा लें और बीवियां सबके लण्ड का मज़ा ?
- अब हम आपको अपने अब्बू के बारे में बताती हूँ। इसका नाम है सफीक मियां ? ५० साल की उम्र है इस की, पर दिल अभी २० साल के लड़के जैसा है जो बुर चोदने के लिए इधर उधर घूमा करता है। मेरा अब्बू है तो सरल स्वभाव का पर अय्यास गज़ब का है। इसके दो ही शौक है एक तो दारू पीना और दूसरा बुर चोदना ? चोदने में तो इतना माहिर है की यह न तो किसी की बेटी देखता है, न ही किसी की बीवी देखता और न ही किसी की माँ। इसे तो बस सबकी चूत ही दिखाई पड़ती है। जहां पाता है जिसकी भी पाता है, उसी की चूत में लण्ड देता है। इसने मेरी सहेलियों को भी नहीं छोड़ा। सबकी चूत में लौड़ा घुसेड़ चुका है। मेरी कुछ सहेलियों की माँ भी चोद चुका है, मेरा अब्बू। कल पड़ोस की शकीला आंटी का भोसड़ा भी चोद डाला इसने । उसकी बेटी की बुर तो दो महीने से ले रहा है। आप सोंचते होंगें की कोई ऐतराज़ क्यों नहीं करती ? अरे मेरे डोडों, जब सबको एक लंबा, चौड़ा, मोटा तगड़ा लण्ड मिल जाता है तो कोई क्यों ऐतराज़ करे ? सब बुर चोदी एन्जॉय करती हैं क्योंकि लण्ड तो सबको प्रिय है न ?
मैंने कहा :- अम्मी बहुत नाराज़ होगीं खाला जान ?
खाला बोली :- तेरी अम्मी क्या क्या किसी से कम हैं ? वह मेरे नंदोई से बगल के कमरे में चुदवा रहीं हैं ? और मेरी नन्द बुर चोदी अपने चचा के लड़के से चुदवा रही है। चुदाई में कोई रिस्ता नहीं देखा जाता, रेशमा ?
इतने में अब्बू ने खुद अपना खड़ा लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया। मेरी भी शर्म ख़तम हो गयी और मैं एक मस्त मोटा चाटने चूसने लगी। खाला ने एकाएक चुदवाते चुदवाते लण्ड मेरी चूत में पेल दिया तो फिर मैं चुदवाने भी लगी। यह बात मेरी अम्मी को हो गयी। तो वह बोली रेशमा तेरी माँ का भोसड़ा बहन चोद मुझे अब मालूम हो गया की तू जवान हो गयी है। और तेरी माँ की बहन की बुर ? उसी ने तुझे बताया की लण्ड का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए। अब पीछे मत हटना ? लण्ड किसी का भी हो उसे अपनी चूत में घुसा लेना। लण्ड सिर्फ लण्ड होता है बेटी वह किसी का बाप, भाई, चचा, ताऊ, दामाद नहीं होता ? समझ गयी न तू बुर चोदी रेशमा। आज से मैं भी तेरी सहेली हूँ माँ नहीं ? मैंने कहा अम्मी तेरी बिटिया की बुर मैं अब समझ गयी।
एक दिन मुझे शकीला आंटी की बेटी मिल गयी।
मैंने कहा :- मुम्मु की बच्ची, तू भोसड़ी की बहुत बदचलन लड़की है। तूने चुपके चुपके मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ लिया और मुझे बताया भी नहीं ? फिर तू चुदवाने भी लगी और आजतक किसी को पता नहीं चला।
वह बोली :- मैंने उसका लण्ड नहीं पकड़ा था रेशमा। तेरे अब्बू ने खुद मुझे अपना लण्ड पकड़ा दिया था। हां यह बात जरूर है इतना मोटा तगड़ा लण्ड देख कर मैं सुध बुध खो बैठी थी और लण्ड हाथ बढाकर पकड़ लिया। लण्ड पकड़ते ही मेरी चूत मेरे काबू के बाहर हो गयी। इसी का फायदा उठा कर तेरे अब्बू ने लौड़ा घुसा दिया मेरी चूत में तो मैं चुदवाने लगी।
कुछ दिन बाद मेरी भी शादी हो गयी और मैं ससुराल चली गयी।
सुहागरात के दूसरे ही दिन मेरी नन्द मेरे पास आयी और बोली भाभी आपको किस तरह के लण्ड पसंद हैं ? मैंने कहा यार मुझे तो मोटे लण्ड पसंद हैं और अगर मोटे होने के साथ साथ वो लम्बे भी हो तो सोने पे सुहागा हो जाता है ? पर तुम क्यों पूंछ रही हो मेरी नन्द रानी ? यह बोली अरे भाभी मेरी भी यही पसंद है। मुझे तो मोटे लण्ड के बिना मज़ा ही नहीं आता। और यही हाल मेरी अम्मी का भी है। वह मोटा लण्ड बहुत पसंद करती है। मैंने कहा यह बात तुम्हे कैसे मालूम है ? उसने बताया अरे भाभी वो तो बहन चोद मेरे सामने ही चुदवाती है। यहाँ रात में कोई पर्दा तो होता नहीं ? सबको सब पता होता है की कौन किसको चोद रहा है और कौन किससे चुदवा रही है। मेरी अम्मी तो चोदा चोदी में बड़ी हरामजादी है। उसे कोई शर्म नहीं है। वह मेरी भी चूत में लण्ड पेल देती है। मैंने कहा तो फिर तुम भी पेलती होगी अपनी माँ की चूत में लण्ड ? उसने कहा मैं तो माँ की चूत में ही नहीं बड़ी भाभी की बुर में घुसा देती हूँ लण्ड ? मैं भी मादर चोद बड़ी हरामजादी हूँ। मैंने फिर पूंछा तो क्या यहाँ मरद अपनी बीवी के अलावा भी किसी और को चोदते हैं ?
वह बोली अरे भाभी यहाँ रात में चुदाई खुल कर होती है। ये भोसड़ी के मरद अपनी बीवी तो चोदते ही नहीं बस दूसरों की ही बीवियां चोदते रहतें हैं। मैं अंदर ही अंदर बड़ी खुश हो रही थी की अब तो मुझे ग़ैर मर्दों से चुदवाने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
अगले दिन रात में मेरी नन्द मेरे पास आयी और बोली भाभी मेरा देवर आया है। उसका लण्ड तुम्हे पसंद जरूर आएगा यह मुझे यकीन है। वह तुम्हे चोदने के लिए बेकरार है। मुझसे कई बार कह चुका है की भाभी मुझे अपनी भाभी की बुर दिलवाओ । आज तुम उससे चुदवा लो भाभी ? मैंने कहा तो तुम क्या करोगी ? वह बोली मैं उसके दोस्त से चुदवाऊंगी। वह अपने दोस्त के साथ ही आया है। मैंने कहा नाज़ तो फिर तुम भी यहीं मेरे सामने चुदवाओ न ? मैं भी चोदूँगी तेरी बुर ? उसने कहा हाय दईया तूने तो मेरी चूत की आग भड़का दी है भाभी ? वह थोड़ी देर में दो लड़कों को लेकर मेरे सामने आ गयी। बोली ये है आसिक मेरा देवर और ये है नदीम इसका दोस्त ? नन्द तो आधी नंगी थी। उसकी चूँचियाँ खुलीं थीं। मैंने देखा की उसकी चूँचियाँ लगभग मेरी चूँचियों के बराबर ही थीं। वह आगे बढ़ी और आसिक के कपड़े खोलने लगी। आखिर में उसके पैजामे का नाड़ा खोल दिया। मैं उसे बड़े गौर से देख रही थी। वह एकदम नंगा हो गया और उसका लण्ड टन टना कर मेरे सामने खड़ा हो गया।
उसने मेरा हाथ पकड़ कर उसके लण्ड पर रख दिया और कहा भाभी लो संभालो मेरे देवर का लण्ड ? मैंने चुपके से उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और कहा पहले अपनी बुर तो सबको दिखाओ मेरी नन्द रानी ? वह नंगी हुई तो मुझे भी नंगी कर दिया। फिर उसने नदीम को भी नंगा किया और लण्ड हिलाने लगी। लण्ड भी साला टन्ना गया। मेरी नज़र उस पर पड़ी तो तबियत मस्त हो गयी। मैं भी खुल कर सामने आ गयी और आसिक का लण्ड की चुम्मियाँ लेने लगी। पेल्हड़ चूमने लगी और स सुपाड़ा चाटने लगी। वह भी मेरे बूब्स दबाने लगा और मेरी चूत सहलाने लगा। उधर मेरी नन्द नदीम का लौड़ा हिला हिला कर मस्ती करने लगी। वह बोली नदीम तुम्हे मर्दों के आगे नंगे होने में कोई शर्म तो नहीं आती. वह बोला नहीं भाभी जी नही आती। आसिक के सामने तो बिलकुल भी नहीं आती। वह बोली तो ऐसी कौन सी बात जिससे तुम्हे शर्म नहीं आती। उसने जबाब दिया की आसिक मेरे सामने मेरी बीवी चोदता है और मैं आसिक के आमने उसकी बीवी चोदता हूँ। या यूं कहें की मैं अपनी बीवी उससे चुदवाता हूँ और वह अपनी बीवी मुझसे चुदवाता है।
ऐसा बोल कर उसने लण्ड मेरी नन्द की चूत में पेल दिया। मैं भी नन्द को चुदवाते हुए देख कर आसिक से चुदवाने लगी। उसका मोटा तगड़ा लण्ड मैंने अपनी चूत में पेलवा लिया। आसिक बोला बड़ी टाइट है आपकी बुर रेशमा भाभी। आपकी बुर मेरी खाला जान की बेटी की बुर की तरह है, एकदम झकास ? मैंने कहा तो क्या तुम उसकी बुर चोदते हो। वह बोला हां भाभी मुझे उसकी बुर चोदने मे बड़ा मज़ा आता है। और उसकी माँ का भोसड़ा चोदना मुझे बहुत अच्छा लगता है। मैंने कहा अच्छा तो तुम अपनी खाला जान का भोसड़ा भी चोदते हो ? उसने बताया की नहीं भाभी जान, खाला जान खुद मुझसे चुदवाती है। पहले मेरा लण्ड उसी ने पकड़ा और पेला अपनी चूत में फिर एक दिन उसी ने मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी बिटिया की बुर में घुसेड़ दिया और कहा अब तुम मेरी मेरी बेटी की बुर चोदो। मुझे भी जोश आ गया तो मैं गचागच चोदने लगा। उसकी बातों ने मेरी चूत की आग और भड़का दी। थोड़ी देर में नाज़ ने नदीम का लण्ड मेरी बुर में घुसेड़ दिया और कहा भाभी अब तुम इससे चुदवाओ।
उस दिन मुझे नन्द के साथ चुदाई करने में बहुत अच्छा लगा। फिर उसने कहा भाभी एक बात बताऊँ तेरी बुर सास भी बहुत बड़ी चुदक्कड़ है। मैं कुछ बोलने वाली थी ही की मेरी सास कमरे में आ गयी। उसने हमको नंगी देख लिया और उन दोनों के लण्ड देख लिया। वह बोली हाय अल्ला, तू भोसड़ी की नाज़ की बच्ची अपनी भाभी की बुर चुदवा रही है। तुझे शर्म नहीं आती ? तेरी माँ की चूत ? सास ऐसा बोल कर दोनों लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। फिर लण्ड देख कर बोली बेटी नाज़ लण्ड तो बहुत बड़े बड़े हैं ये तो तेरी माँ का भोसड़ा चोद डालेगें। वह भी बड़ी मस्ती से बोली अरे अम्मी जान जब इन लोगों ने तेरी बिटिया की बुर चोदी है और तेरी बहू की चूत में लण्ड पेला है तो फिर तेरा भोसड़ा कहाँ बच कर जायेगा। मैंने पहली बार अपनी आँखों के सामने अपनी सास को
इन दोनों से चुदवाते हुए देखा। सास अपनी बेटी से ज्यादा चुदक्कड़ होगी ,मैंने ऐसा कभी सोंचा भी न था। लेकिन इससे मुझे यह मालूम हो गया की मैं मैं यहाँ किसी से भी चुदवा सकती हूँ और सास मुझे कतई मना नहीं कर सकती। मैं तो सोंचने लगी हूँ अब मैं सास की गांड मारना शुरू कर दूँ। शायद उसने अभी तक अपनी गांड नहीं मरवाई। एक बार मरवा लेगी तो फिर बार बार मरवायेगी।
एक दिन मेरी ससुराल मेरा अब्बू आ गया। उसके हाथ मेरा जीजू भी था। वह बोला बेटी रेशमा मैं यहाँ इस शहर में किसी काम से आया था तो सोंचा की तेरे घर भी होता चलूँ। तेरा जीजू मेरे साथ था। इसलिए हम लोग यहाँ आ गए। मैंने कहा अब्बू आपने अच्छा किया। उसने पूंछा रेशमा तू अच्छी तरह से तो है न, बेटी ? कोई दिक्कत तो नहीं है। मैंने कहा मैं यहाँ बहुत खुश हूँ, अब्बू । मैं जो चाहती हूँ वह सब मिलता है। अब्बू मेरा संकेत समझ गया। वो दोनों मेरी नन्द से भी मिले।
कुछ देर बाद जीजू ने मुझसे कहा - रेशमा तेरी नन्द तो बहुत बढ़िया माल है। इसकी बुर दिलवा दो न मुझे ?
मैंने कहा :- अच्छा, तो क्या मेरी बुर लेते लेते तुम बोर हो गए हो ?
वह बोला :- नहीं यार, मैं तेरी भी बुर लूंगा पर पहले मैं तेरी नन्द की बुर चोदना चाहता हूँ। शादी के बाद तो मैंने तेरी बुर को अभी तक हाथ नहीं लगाया।
उसके जाने के बाद मेरी नन्द आ गयी।
वह बोली :- भाभी तेरे जीजू का लण्ड कैसा है ? लण्ड का साइज क्या है ?
मैंने कहा :- तू भोसड़ी की हमेशा लण्ड की ही बाते करती है। अब मैं अगर बता दूँगी तो तेरा मज़ा किरकिरा हो जायगा। आज रात को तुम खुद उसका लण्ड पकड़ कर देख लेना।
रात को दोनों मेरे कमरे में आ गए। मैंने अपनी नन्द को इशारा किया तो उसने जीजू के पैजामे का नाड़ा खोल दिया। पैजामा साला नीचे गिर पड़ा और लण्ड फनफनाकर खड़ा हो गया। नन्द उसे पकड़ कर बोली हाय भाभी ये तो बहुत बड़ा है बहन चोद ?
मैंने कहा - हां तभी तो मेरी बहन की बुर चोदता है। अब यह मेरी नन्द की बुर चोदेगा। ऐसा कह कर मैंने नन्द को नंगी कर दिया। वह लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। नंगी मैंने भी हो गयी। फिर हम तीनो ने मिलकर खूब चोदा चोदी की।
फिर मैं एक चुन्नी डाल कर बाथ रूम गयी। मेरी चूँचियाँ जरूर ढक गयीं लेकिन मेरी चूत नीचे से बिलकुल नंगी थी और वह दिख भी रही थी। मैंने देखा की मेरी सास के कमरे की लाइट हलकी हलकी जल रही है। मैं झाँकने लगी तो देखा की मेरा अब्बू मादर चोद नंगा नंगा मेरी सास पर चढ़ा हुआ उसका भोसड़ा चोद रहा है। फिर मैं बेशर्मी से कमरे के अंदर घुस गयी। मैंने नंगी चूत की परवाह नहीं की।
मैंने कहा :- मेरी नन्द की माँ चोद रहे हो, अब्बू ?
उसने कहा :- अब तेरी सास ने मेरा लण्ड पकड़ लिया बेटी रेशमा तो मैं क्या करता ? मेरा लण्ड साला अपने आप खड़ा हो गया और इसकी चूत में घुस गया।
मैंने कहा :- हां हां मैं सब जानती हूँ, अब्बू ? तुम मजे से मेरी सास का भोसड़ा चोदो लेकिन उसके बाद मेरी नन्द की बुर भी चोदना।
तब तक सास बोली :- अरे बहू, अपने जीजू से कह देना की वह मुझे बिना चोदे न जाए...
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