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आज मैं जीजा जी का लण्ड पियूँगी - Aaj main mere jija ji se chut chudai karvaungi
आज मैं जीजा जी का लण्ड पियूँगी - Aaj main mere jija ji se chut chudai karvaungi , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
उस दिन तुमने मेरे आगे अपने दोस्त की बीवी चोदी थी। तेरा दोस्त कहीं टूर पर गया था। उसकी बीवी हमारे घर आयी थी। हमने पहले उसे ड्रिंक्स में शामिल किया और फिर हम तीनो के बीच खूब खुल कर बातें होने लगीं। वह भी खूब खुल कर बोलने लगी। उसके मुंह से लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा की बातें निकलीं और मेरे मुंह से भी। माहौल गरम हो चुका था तो फिर मैंने ही तुम्हारा हाथ पकड़ कर उसकी चूँचियों पर रख दिया था। फिर उसने खुद तेरा लण्ड खोल कर पकड़ लिया था। मैं नशे में थी मुझे मज़ा आ रहा था। मैंने उसकी बीवी के सारे कपड़े उतार दिया था, उसी पूरी नंगी कर दिया था और तब उसने तेरा लण्ड बड़े प्यार से अपनी चूत में घुसेड़ लिया था। फिर तुमने मेरे सामने ही उसे हचक हचक कर चोदा था।
आज मैंने तेरे एक और दोस्त सुनील का लण्ड पकड़ कर अपनी चूत में घुसेड़ लिया है और मजे से चुदवा रही हूँ। इसकी बीवी अपने माईके गयी हुई है। आज यह तुम्हारे सामने मुझे हचक हचक के चोदेगा। कल जब इसकी बीवी आ जाये तो तुम मेरे सामने उसे हचक हचक के चोदना। और सुनो जब तेरा पहले वाला दोस्त वापस आएगा तो मैं उससे चुदवाने जाउंगी। तुम भी साथ चलना। मैं तुम्हार सामने ही उससे हचक हचक के चुदवाऊंगी। तुमको अगर अपने दोस्तों की बीवियां चोदना अच्छा लगता है तो मुझे भी तेरे दोस्तों से चुदवाना अच्छा लगता है। यह कह कर मैं अपने हसबैंड के आगे अपनी गांड उचका उचका कर उससे धकाधक चुदवाने लगी।
मेरा नाम अलका है दोस्तों, मैं २७ साल की हूँ, सुन्दर हूँ, गोरी चिट्टी हूँ और हॉट हूँ। मैं जब कॉलेज के थी तो लड़के मेरे आगे पीछे घूमते थे। इसके दो कारन थे एक तो मैं खूबसूरत थी और दूसरे यह की मैं गालियां खूब देती थी, नॉन वेज चुटकुले सुनाती थी और गन्दी गन्दी बातें खुल कर करती थीं। लड़के मेरी गालियां खूब एन्जॉय करते थे और ताली बजाते थे। मैंने जब खुले आम 'लण्ड' की गालियां देना शुरू किया तो लड़कों की भीड़ लग जाती थी। सबको 'लण्ड' की गालियां बहुत अच्छी लगती थी और मेरे मुंह से 'लण्ड' सुनना सबको अच्छा लगता था। बाद में मुझे मालूम हुआ की मैं जब 'लण्ड' बोलती हूँ तो लड़कों के 'लण्ड' सच में खड़े हो जातें हैं। धीरे धीरे मैं लड़को को फंसाने लगी और उनके 'लण्ड' पकड़ कर मुंह में लेने लगी। पैसा लड़कों का, लण्ड लड़कों के, मज़ा मैं करती थी।
फिर मैंने चुदवाना भी शुरू कर दिया। मेरी जब शादी हुई तो मैं सोंचने लगी की अब मेरा काम एक लण्ड से कैसे चलेगा ? मैं तो कई लड़कों से चुदवाती थी और यहाँ तो बस अपने हसबैंड से ही चुदवाना है तो मैंने एक तरकीब निकाली। मैंने सोंचा की अगर मैं अपनी पति से किसी और की बीवी चुदवा लूँ तो फिर मुझे भी उसके मियां से चुदवाने का बहाना मिल जायेगा। मैं बस इसी जुगाड़ में थी। मैं किसी की बीवी की बुर में अपने पति का लौड़ा घुसेड़ना चाहती थी. मुझे एक दिन ऐसा मौक़ा मिल भी गया। उस दिन जब वरुण की बीवी माला मेरे घर आयी और उसने बताया की मेरा हसबैंड टूर पर गया है तो मैंने ठान लिया की आज मैं अपने पति का लण्ड माला की बूर में जरूर घुसेड़ दूँगी। हुआ भी यही ? मैंने उसे पहले शराब पिलाई और फिर उसे गन्दी गन्दी बातें करने के लिए उकसाया। तो वह गन्दी बातें भी करने लगी और गालियां भी सुनाने लगी। उसके मुंह से जब लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा निकला तो मैं समझ गयी की अब माला मेरे पति से चुदवा लेगी। मैंने मौके का फायदा उठाया औरअपने पति का लण्ड माला की चूत में पेल दिया।
मैंने जब अपने पति को वरुण की बीवी माला की बुर लेते हुए देखा तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था। मैंने सोंच लिया की जब वरुण आएगा तो मैं उससे अपने पति के आगे ही चुदवाऊंगी। आज इत्तिफाक से मेरे पति का एक और दोस्त सुनील आ गया। मैं घर में अकेली थी। मैं उससे बातें करने लगी। बात करते करते मैंने उसे लण्ड पर हाथ रख दिया। वह बोला अरे भाभी जी यह क्या कर रही हैं आप ? मैंने कहा मैं तुम्हारा लण्ड पकड़ रही हूँ और क्या ? क्या मैं तेरा लण्ड देख नहीं सकती ? तुम्हे लण्ड दिखाने में कोई आपत्ति है क्या ? क्या तेरा लण्ड छोटा है ? क्या तेरा लण्ड खड़ा नहीं होता ? क्या तेरा लण्ड बुर चोदने के काबिल नहीं है ? क्या तेरा लण्ड जल्दी झड़ जाता है। मैंने कई सवाल लण्ड पर खड़े कर दिए। उसे कई बार अपने मुंह से लण्ड लण्ड कह कर सुनाया। उसे ललकारा, उकसाया और उत्तेजित किया। उसने कहा नहीं भाभी ऐसी कोई बात नहीं है ? मैंने कहा तो फिर मुझे लण्ड पकड़ने से रोकते क्यों हो ?
मैंने उसकी पैंट खोल ही डाली और लौड़ा बाहर निकाल लिया। मैं लण्ड हिलाने लगी तो वह फनफनाकर खड़ा हो गया। मैंने कहा बाप रे बाप तेरा लौड़ा तो भोसड़ी का बड़ा मोटा है यार ? ये तो मादर चोद मेरी चूत में छक्के छुड़ा देगा। मेरी माँ का भोसड़ा भी चोद डालेगा तेरा लण्ड ? बड़ा प्यारा और मस्त है तेरा लण्ड। ऐसा कह कर मैंने लण्ड की कई चुम्मी लीं पेल्हड़ चाटे और जबान उसके सुपाड़े पर कई बार छुआया। वह भी मस्ती से झूम गया और तब मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया। मैं भी कपड़े खोल कर उसके सामने नंगी हो गयी। वह मुझे नंगी देख कर और उत्तेजित हो गया। मैंने पहले तो लण्ड मुंह में लेकर खूब चूसा फर लण्ड से बड़ी देर तक खेलती रही और बाद में उसे अपनी चूत में घुसेड़ लिया। इतने में मेरा पति शेखर आ गया।
मैंने उससे कहा आज तुम बैठ कर देखो की तेरी बीवी कैसे तेरे दोस्त से चुदवाती है। आज तुम मस्ती से अपनी बीवी अपने दोस्त से चुदवाओ और एन्जॉय करो। आजकल लोग अपनी बीवी चोदते कम हैं चुदवाते ज्यादा हैं। उस दिन तुमने मेरे सामने किसी और की बीवी चोदी थी। आज मैं तेरे सामने किसी और के पति से चुदवा रही हूँ। इस तरह मेरा हसबैंड बैठे बैठे मेरी चुदाई देखता रहा और मैं ज्यादा मस्ती से सुनील से चुदवाती रही।
एक दिन वरुण जब वापस आ गया तो उसकी बीवी ने मुझे बता दिया। बस मैंने उसे अगले दिन अपने घर में डिनर पर बुला लिया। शाम को माला अपने पति वरुण के साथ आ गयी। माला मेरे सामने मेरे पति से चुदवा चुकी थी आज मेरी बारी थी की मैं वरुण से चुदवा लूं। मैंने ड्रिंक्स शुरू कर दी। हम चारों लोग शराब पीने लगे। मैं वरुण को एकटक देख रही थी और उसके लण्ड के बारे में अनुमान लगा रही थी।
वरुण बोला - यार शेखर तेरी बीवी अलका भाभी तो बहुत ही खूबसूरत हैं। अगर मेरी शादी अलका भाभी से होती तो कितना अच्छा होता ?
मेरा पति बोला - वाओ, मेरी भी शादी अगर तेरी बीवी माला भाभी से होती तो कितना अच्छा होता ?
मैं यह जानती थी की मेरे पति ने वरुण की बीवी चोदी है, यह बात वरुण को मालूम नहीं है। इसलिए मैं थोड़ा संभल संभल कर बोल रही थी और माला मुस्करा रही थी।
अचानक वरुण बोला - यार शेखर तुम्हे मेरी बीवी चोदने में कैसी लगी ? मज़ा आया की नहीं ?
यह सुनकर मैं तो दंग रह गयी। मेरा पति भी हैरान हो गया की वरुण को कैसे मालूम की मैं उसकी बीवी चोद चुका हूँ। न मैं कुछ बोली और न मेरा पति ? माहौल में एकदम सन्नाटा छा गया।
तब वरुण ने मेरे पति शेखर के कंधे पर हाथ रख कर कहा - यार शेखर घबराने की कोई बात नहीं। मैंने ही अपनी बीवी को तुम्हारे घर तुमसे चुदवाने के लिए भेजा था। असली बात यह है की मुझे तुम्हारी बीवी अलका भाभी बहुत अच्छी लगतीं हैं। मैं उसे दिल दे बैठा हूँ, मैं उसे अपना लण्ड पकड़ाना चाहता था, उसे चोदना चाहता था, उसकी बुर लेना चाहता था। तब मैंने सोंचा की अगर मुझे शेखर की बीवी अलका भाभी की बुर लेनी है तो मुझे अपनी बीवी की बुर उसे देनी पड़ेगी। इसलिए मैंने अपनी बीवी से फोन करके कहा की आज तुम शेखर के घर जाओ, उसके साथ बैठ कर दारू पियो फिर उसका लण्ड पियो और मस्ती से चुदवाओ। जब वह तुम्हे अच्छी तरह चोद ले तो मुझे फोन करना। जब उसने तुमसे मस्ती से चुदवाया तो घर जाकर उसने मुझे फोन सब बातें बताई। तो मेरे दोस्त तुमने कुछ भी गलत नहीं किया। यह सब मेरा प्लान था। जो कुछ भी हुआ वह सब मेरे ही कहने पर हुआ।
मेरा पति शेखर यह सब सुनकर मुस्कराया और बोला - यार वरुण अब तुम मेरे सामने मेरी बीवी की बुर एक बार नहीं कई बार लो। मेरे सामने चोदो मेरी बीवी। पेल दो अपना लण्ड उसके मुंह में और उसकी बुर में ? चोद डालो मेरी बीवी की चूत।
फिर क्या मैं उठी और वरुण का लण्ड उसकी पैंट खोल कर पकड़ लिया। इतने में अचानक सुनील और उसकी बीवी बाला भी आ गयी। हमने उन्हें भी अपने खेल में शामिल कर लिया।
अब हम तीन कपल हो गए। मैं अलका और मेरा पति शेखर, वरुण और उसकी बीवी माला. सुनील और उसकी बीवी बाला। मेरा पति वरुण की बीवी चोद चुका था। मैं सुनील से चुदवा चुकी थी। मेरा पति सुनील की बीवी चोदने में चक्कर में था और मैं वरुण से चुदवाने में चक्कर में थी। बाला एक ऐसी बीवी थी जिसने न मेरे पति चुदवाया और न माला के पति से। उसका मन दोनों के लण्ड पर टिका हुआ था। हम सब शराब के नशे में यही सब सोंच रहीं थीं।
मैंने पहल की और वरुण के गले में अपनी बाहें डाल दीं, उसकी बीवी माला सुनील से लिपट गयी और मेरा पति शेखर उठा और सुनील की बीवी बाला को अपनी तरफ खींच कर उसे अपनी छाती से चिपका लिया। परायी बीवी जब किसी पराये पुरुष से लिपट जाती है तो उस पुरुष को बड़ा मज़ा आता है। यही यहाँ हो रहा था। तीनो मरद बहन चोद दूसरे की बीवी चिपका का मज़ा लेने लगे। इसी तरह कोई बीवी जब पराये मरद के गोद में बैठ जाती है तो फिर उससे बिना चुदवाये मानती नहीं। मैंने वरुण की पैंट खोल दी और उसकी चड्ढी के अंदर हाथ डाल कर लण्ड तक पहुँच गयी। उसकी बीवी माला तो अपनी नंगी चूँचियाँ सुनील से मसलवाने लगी। और मेरा हसबैंड शेखर सुनील की बीवी को बिलकुल नंगी करके उसके पूरे नंगे बदन पर हाथ फेरने लगा। देखते ही देखती हम तीनो बीवियां मादर चोद भी एकदम नंगी हो गयीं। बीवियों को पराये मर्दों के आगे नंगी होने में ज्यादा मज़ा आता है।
मैं माला के हसबैंड का लण्ड हिला हिला कर चूमने लगी, माला बाला के हसबैंड का लण्ड बड़ी मस्ती से चाटने लगी और बाला मेरे हसबैंड का लण्ड मुंह में लेकर पीने लगी। तीनो बीवियां एक दूसरे के हसबैंड का लण्ड चूसने चाटने में जुटी गयी और एक दूसरे हो देखने भी लगीं। तीनो बीवियां यह भी द्देख रहीं थीं की मेरे हसबैंड का लण्ड किसी दूसरे की बीवी कैसे पीती है ?
माला ने कहा - यार बाला तेरे मरद का लौड़ा तो बड़ा जबरदस्त है यार . मुझे तो इसे चूसने में ही बड़ा मज़ा आ रहा है तो चुदवाने में तो ज्यादा मज़ा आएगा।
बाला ने कहा - हां यार मुझे भी अलका के मियां शेखर का लण्ड चूसने में बड़ा अच्छा लग रहा है। ऐसा लौड़ा अगर रोज़ मिले तो कितना मज़ा आये ?
मैंने कहा - मिल तो सकता है ? बड़े मजे से मिल सकता यही बस इसके लिए हमने थोड़ा प्रयास करना पडेगा।आजकल लोग अपनी बीवी चुदवाकर दूसरों की बीवियां खूब चोदते हैं। "wife swapping" और "husband swapping" बहन चोद हर घर में होता है। चोरी छिपे बीवियां अपने देवरों से अपने नंदोईयों से उनके दोस्तों से खूब चुदवा रहीं हैं। आजकल लोग अपनी अपनी भाभियों की बुर सब चोदते हैं। सालियों की बुर खूब लेते हैं। उधर कोई भी बुर चोदी साली अपने जीजा से बिना चुदवाये रह नहीं सकती। हर भाभी बहन चोद अपने देवर का लण्ड अपनी चूत में पेल लेती है। जब ये सब होता है तो फिर खुल्लम खुल्ला क्यों नहीं होता ? अगर खुल्लम खुल्ला तो ज्यादा मज़ा आये और सबको मज़ा आये जैसा की अभी हम सबको मज़ा आ रहा है।
ये सब बातें हो ही रहीं थीं की मेरे पति शेखर ने सुनील की बीवी की बुर में लौड़ा घुसा दिया। वह बड़ी मस्ती से चोदने लगा सुनील की बीवी बाला की बुर। सुनील वरुण की बीवी चोदने लगा। उसे माला भाभी की बुर पसंद आ गयी और इधर वरुण ने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। मैं भी रंडी की तरह चुदवाने लगी।
सच में मुझे वरुण का लौड़ा बड़ा मज़ा दे रहा था और मैं मस्ती से चुदवा भी रही थी। एक बात और सच है की मैंने इतनी मस्ती से कभी अपने पति से नहीं चुदवाया। आज सबके साथ चुदाई का एक नया ही एहसास हो रहा था। तब तक मेरे मुंह से निकला वरुण हाय दईया पूरा लौड़ा घुसा दो मेरी बहन चोद बुर में यार। मुझे खूब धकाधक चोदो। मेरी फाड़ डालो बुर चोदी बुर। इतना मज़ा तो मुझे किसी और से चुदवाने में नहीं आया। उधर बाला बोल रही थी की यार शेखर तेरा बहन चोद हाथ भर का लण्ड मेरी चूत के चीथड़े उड़ा रहा है। ऐसा चुदाई तो मैंने पहले कभी किसी से करवाई नहीं है। क्या गज़ब का लौड़ा है तेरा मादर चोद ? देखों कितनी मस्ती से चोद रहा है मुझे । माला ने कहा वाओ सुनील यार मेरी चूत भोसड़ी की बड़ी घमंड में थी मुझे कोई लौड़ा साला खलास नहीं कर सकता पर आज तेरा लौड़ा मेरी चूत में छक्के छुड़ा रहा है। आज मेरी चूत का घमंड चूर चूर हो जायेगा।
सुनील अचानक घूम गया और माला को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। पीछे से भी डॉगी स्टाइल में भी चुदवाना बड़ा मजेदार होता है। सुनील को देख कर सभी लोग पीछे से चोदने लगे। सबकी चूँचियाँ नीचे से हिलने लगी। सभी अपनी गांड आगे पीछे करती हुई चुदवाने लगीं। पूरे कमरे का माहौल रंगीन हो चुका था और उत्तेजित भी। सब लोग एक दूसरे की बीवी की बुर को पहले खलास करने में लगे हुए थे। लेकिन अचानक वरुण बोला अलका भाभी मैं खलास होने वाला हूँ। मैं तब तक खलास हो चुकी थी। मैंने घूम कर लौड़ा हाथ में लिया और सड़का मारने लगी। वरुण सिसियाने लगा। मैं जान गयी की अब वह निकलने वाला है। मैंने मुँह खोला तो उसने सारा वीर्य मेरे मुंह में गिरा दिया और मैं मस्त हो गयी। इसी तरह माला और बाला भी मस्त हो गयीं और झड़ता हुआ लण्ड मजे से चाटने लगीं। एक दिन मेरी मौसी की बेटी निशा अपने पति के साथ आ गयी। उसकी शादी अभी एक साल पहले हुई थी। मैंने उसे पति सनी को देख कर बड़ी खुश हो गयी। वह भी मस्त जवान, गोरा चिट्टा, अच्छी कद काठी वाला लड़का था। मेरा दिल उस पर आ गया। बस मैं उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगी। उसके सामने नंगी होने के सपंने सोंचने लगी। उसे नंगा देखना माँ मन होने लगा। काहिर हम सबकी बातें होने लगीं। मेरा पति शेलहार भी निशा से मिलकर खुश हुआ। घर में बड़ी चहल पहल हो गयी। फिर हम लोग घूमने फिरने चले गये। लंच हम सबने बहार ही िया और हम को लौट कर घर आ गए। फिर ये दोनों बाहर चले गए और हम दोनों बातें करने लगीं।
थोड़ा नशा चढ़ा तो मैंने निशा का हाथ पकड़ पर शेखर के लण्ड पर रख दिया और कहा लो पकड़ो अपने जीजा का लण्ड निशा। फिर अपने पति का हाथ पकड़ कर निशा की चूँचियों पर रख दिया और कहा लो तुम पकड़ो अपनी साली की चूँचियाँ। मैंने चूँचियाँ उसे पकड़ाई और अपना हाथ सीधे सनी के लण्ड पर रख कर दबा दिया। मैंने कहा अब तुम निकालो सनी अपना ये भोसड़ी का लण्ड ? में फ़ौरन उसका लण्ड निकाल भी लिया। मैंने पहले तो लण्ड की कई चुम्मियाँ लीं और फिर जबान निकाल कर लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। इधर मैं भी अपने कपडे खोलने लगी और निशा भी।
देखते देखते ही हम चारों लोग नंगे हो गए। मैं उसके पति से चिपक गयी और वह मेरे पति से चिपक गयी। सनी ने मुझे लिटा दिया और मेरे पति ने निशा को। सनी ने लण्ड मेरे मुंह में पेल दिया और मेरे पति ने लण्ड निशा के मुंह में। मैंने कहा निशा तेरा जीजा तेरे मुंह में कल ही लण्ड पेलना चाहता था। वह बोली तो फिर क्यों नहीं पेला ? क्या जीजा की गांड फट रही थी। मैं हंसने लगी। थोड़ी देर तक हम दोनों एक दूसरे के पति का लण्ड चूसती रही और फिर सनी मेरी बुर लेने लगा और मेरा पति निशा की बुर। हम दोनो लोग मस्ती अगल बगल लेटी हुई चुदवाने लगीं।
उस दिन की चुदाई का मज़ा आज भी मुझे याद है। जाते जाते मैंने कहा निशा तुमने मोबाईल पर ाजै का लण्ड दिखाया था। अब यह बताओ की सच मच में उसका लण्ड कब दिखा रही हो तुम मुझे ? मैंने उसका लौड़ा मुंह में लेना चाहती हूँ और बुर में भी। वह बोली अरे दीदी उसका लौड़ा वास्तव में मुंह में लेना वाला है। बड़ा खूबसूरत है बहन चोद उसका लौड़ा। वह जब चोदता है तो ज़न्नत का मज़ा आता है। मैं अगले हफ्ते फिर आऊंगी और तब मैं उसका लौड़ा तुम्हे जरूर पकड़ा दूँगी, दीदी ।
उस दिन तुमने मेरे आगे अपने दोस्त की बीवी चोदी थी। तेरा दोस्त कहीं टूर पर गया था। उसकी बीवी हमारे घर आयी थी। हमने पहले उसे ड्रिंक्स में शामिल किया और फिर हम तीनो के बीच खूब खुल कर बातें होने लगीं। वह भी खूब खुल कर बोलने लगी। उसके मुंह से लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा की बातें निकलीं और मेरे मुंह से भी। माहौल गरम हो चुका था तो फिर मैंने ही तुम्हारा हाथ पकड़ कर उसकी चूँचियों पर रख दिया था। फिर उसने खुद तेरा लण्ड खोल कर पकड़ लिया था। मैं नशे में थी मुझे मज़ा आ रहा था। मैंने उसकी बीवी के सारे कपड़े उतार दिया था, उसी पूरी नंगी कर दिया था और तब उसने तेरा लण्ड बड़े प्यार से अपनी चूत में घुसेड़ लिया था। फिर तुमने मेरे सामने ही उसे हचक हचक कर चोदा था।
आज मैंने तेरे एक और दोस्त सुनील का लण्ड पकड़ कर अपनी चूत में घुसेड़ लिया है और मजे से चुदवा रही हूँ। इसकी बीवी अपने माईके गयी हुई है। आज यह तुम्हारे सामने मुझे हचक हचक के चोदेगा। कल जब इसकी बीवी आ जाये तो तुम मेरे सामने उसे हचक हचक के चोदना। और सुनो जब तेरा पहले वाला दोस्त वापस आएगा तो मैं उससे चुदवाने जाउंगी। तुम भी साथ चलना। मैं तुम्हार सामने ही उससे हचक हचक के चुदवाऊंगी। तुमको अगर अपने दोस्तों की बीवियां चोदना अच्छा लगता है तो मुझे भी तेरे दोस्तों से चुदवाना अच्छा लगता है। यह कह कर मैं अपने हसबैंड के आगे अपनी गांड उचका उचका कर उससे धकाधक चुदवाने लगी।
मेरा नाम अलका है दोस्तों, मैं २७ साल की हूँ, सुन्दर हूँ, गोरी चिट्टी हूँ और हॉट हूँ। मैं जब कॉलेज के थी तो लड़के मेरे आगे पीछे घूमते थे। इसके दो कारन थे एक तो मैं खूबसूरत थी और दूसरे यह की मैं गालियां खूब देती थी, नॉन वेज चुटकुले सुनाती थी और गन्दी गन्दी बातें खुल कर करती थीं। लड़के मेरी गालियां खूब एन्जॉय करते थे और ताली बजाते थे। मैंने जब खुले आम 'लण्ड' की गालियां देना शुरू किया तो लड़कों की भीड़ लग जाती थी। सबको 'लण्ड' की गालियां बहुत अच्छी लगती थी और मेरे मुंह से 'लण्ड' सुनना सबको अच्छा लगता था। बाद में मुझे मालूम हुआ की मैं जब 'लण्ड' बोलती हूँ तो लड़कों के 'लण्ड' सच में खड़े हो जातें हैं। धीरे धीरे मैं लड़को को फंसाने लगी और उनके 'लण्ड' पकड़ कर मुंह में लेने लगी। पैसा लड़कों का, लण्ड लड़कों के, मज़ा मैं करती थी।
फिर मैंने चुदवाना भी शुरू कर दिया। मेरी जब शादी हुई तो मैं सोंचने लगी की अब मेरा काम एक लण्ड से कैसे चलेगा ? मैं तो कई लड़कों से चुदवाती थी और यहाँ तो बस अपने हसबैंड से ही चुदवाना है तो मैंने एक तरकीब निकाली। मैंने सोंचा की अगर मैं अपनी पति से किसी और की बीवी चुदवा लूँ तो फिर मुझे भी उसके मियां से चुदवाने का बहाना मिल जायेगा। मैं बस इसी जुगाड़ में थी। मैं किसी की बीवी की बुर में अपने पति का लौड़ा घुसेड़ना चाहती थी. मुझे एक दिन ऐसा मौक़ा मिल भी गया। उस दिन जब वरुण की बीवी माला मेरे घर आयी और उसने बताया की मेरा हसबैंड टूर पर गया है तो मैंने ठान लिया की आज मैं अपने पति का लण्ड माला की बूर में जरूर घुसेड़ दूँगी। हुआ भी यही ? मैंने उसे पहले शराब पिलाई और फिर उसे गन्दी गन्दी बातें करने के लिए उकसाया। तो वह गन्दी बातें भी करने लगी और गालियां भी सुनाने लगी। उसके मुंह से जब लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा निकला तो मैं समझ गयी की अब माला मेरे पति से चुदवा लेगी। मैंने मौके का फायदा उठाया औरअपने पति का लण्ड माला की चूत में पेल दिया।
मैंने जब अपने पति को वरुण की बीवी माला की बुर लेते हुए देखा तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था। मैंने सोंच लिया की जब वरुण आएगा तो मैं उससे अपने पति के आगे ही चुदवाऊंगी। आज इत्तिफाक से मेरे पति का एक और दोस्त सुनील आ गया। मैं घर में अकेली थी। मैं उससे बातें करने लगी। बात करते करते मैंने उसे लण्ड पर हाथ रख दिया। वह बोला अरे भाभी जी यह क्या कर रही हैं आप ? मैंने कहा मैं तुम्हारा लण्ड पकड़ रही हूँ और क्या ? क्या मैं तेरा लण्ड देख नहीं सकती ? तुम्हे लण्ड दिखाने में कोई आपत्ति है क्या ? क्या तेरा लण्ड छोटा है ? क्या तेरा लण्ड खड़ा नहीं होता ? क्या तेरा लण्ड बुर चोदने के काबिल नहीं है ? क्या तेरा लण्ड जल्दी झड़ जाता है। मैंने कई सवाल लण्ड पर खड़े कर दिए। उसे कई बार अपने मुंह से लण्ड लण्ड कह कर सुनाया। उसे ललकारा, उकसाया और उत्तेजित किया। उसने कहा नहीं भाभी ऐसी कोई बात नहीं है ? मैंने कहा तो फिर मुझे लण्ड पकड़ने से रोकते क्यों हो ?
मैंने उसकी पैंट खोल ही डाली और लौड़ा बाहर निकाल लिया। मैं लण्ड हिलाने लगी तो वह फनफनाकर खड़ा हो गया। मैंने कहा बाप रे बाप तेरा लौड़ा तो भोसड़ी का बड़ा मोटा है यार ? ये तो मादर चोद मेरी चूत में छक्के छुड़ा देगा। मेरी माँ का भोसड़ा भी चोद डालेगा तेरा लण्ड ? बड़ा प्यारा और मस्त है तेरा लण्ड। ऐसा कह कर मैंने लण्ड की कई चुम्मी लीं पेल्हड़ चाटे और जबान उसके सुपाड़े पर कई बार छुआया। वह भी मस्ती से झूम गया और तब मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया। मैं भी कपड़े खोल कर उसके सामने नंगी हो गयी। वह मुझे नंगी देख कर और उत्तेजित हो गया। मैंने पहले तो लण्ड मुंह में लेकर खूब चूसा फर लण्ड से बड़ी देर तक खेलती रही और बाद में उसे अपनी चूत में घुसेड़ लिया। इतने में मेरा पति शेखर आ गया।
मैंने उससे कहा आज तुम बैठ कर देखो की तेरी बीवी कैसे तेरे दोस्त से चुदवाती है। आज तुम मस्ती से अपनी बीवी अपने दोस्त से चुदवाओ और एन्जॉय करो। आजकल लोग अपनी बीवी चोदते कम हैं चुदवाते ज्यादा हैं। उस दिन तुमने मेरे सामने किसी और की बीवी चोदी थी। आज मैं तेरे सामने किसी और के पति से चुदवा रही हूँ। इस तरह मेरा हसबैंड बैठे बैठे मेरी चुदाई देखता रहा और मैं ज्यादा मस्ती से सुनील से चुदवाती रही।
एक दिन वरुण जब वापस आ गया तो उसकी बीवी ने मुझे बता दिया। बस मैंने उसे अगले दिन अपने घर में डिनर पर बुला लिया। शाम को माला अपने पति वरुण के साथ आ गयी। माला मेरे सामने मेरे पति से चुदवा चुकी थी आज मेरी बारी थी की मैं वरुण से चुदवा लूं। मैंने ड्रिंक्स शुरू कर दी। हम चारों लोग शराब पीने लगे। मैं वरुण को एकटक देख रही थी और उसके लण्ड के बारे में अनुमान लगा रही थी।
वरुण बोला - यार शेखर तेरी बीवी अलका भाभी तो बहुत ही खूबसूरत हैं। अगर मेरी शादी अलका भाभी से होती तो कितना अच्छा होता ?
मेरा पति बोला - वाओ, मेरी भी शादी अगर तेरी बीवी माला भाभी से होती तो कितना अच्छा होता ?
मैं यह जानती थी की मेरे पति ने वरुण की बीवी चोदी है, यह बात वरुण को मालूम नहीं है। इसलिए मैं थोड़ा संभल संभल कर बोल रही थी और माला मुस्करा रही थी।
अचानक वरुण बोला - यार शेखर तुम्हे मेरी बीवी चोदने में कैसी लगी ? मज़ा आया की नहीं ?
यह सुनकर मैं तो दंग रह गयी। मेरा पति भी हैरान हो गया की वरुण को कैसे मालूम की मैं उसकी बीवी चोद चुका हूँ। न मैं कुछ बोली और न मेरा पति ? माहौल में एकदम सन्नाटा छा गया।
तब वरुण ने मेरे पति शेखर के कंधे पर हाथ रख कर कहा - यार शेखर घबराने की कोई बात नहीं। मैंने ही अपनी बीवी को तुम्हारे घर तुमसे चुदवाने के लिए भेजा था। असली बात यह है की मुझे तुम्हारी बीवी अलका भाभी बहुत अच्छी लगतीं हैं। मैं उसे दिल दे बैठा हूँ, मैं उसे अपना लण्ड पकड़ाना चाहता था, उसे चोदना चाहता था, उसकी बुर लेना चाहता था। तब मैंने सोंचा की अगर मुझे शेखर की बीवी अलका भाभी की बुर लेनी है तो मुझे अपनी बीवी की बुर उसे देनी पड़ेगी। इसलिए मैंने अपनी बीवी से फोन करके कहा की आज तुम शेखर के घर जाओ, उसके साथ बैठ कर दारू पियो फिर उसका लण्ड पियो और मस्ती से चुदवाओ। जब वह तुम्हे अच्छी तरह चोद ले तो मुझे फोन करना। जब उसने तुमसे मस्ती से चुदवाया तो घर जाकर उसने मुझे फोन सब बातें बताई। तो मेरे दोस्त तुमने कुछ भी गलत नहीं किया। यह सब मेरा प्लान था। जो कुछ भी हुआ वह सब मेरे ही कहने पर हुआ।
मेरा पति शेखर यह सब सुनकर मुस्कराया और बोला - यार वरुण अब तुम मेरे सामने मेरी बीवी की बुर एक बार नहीं कई बार लो। मेरे सामने चोदो मेरी बीवी। पेल दो अपना लण्ड उसके मुंह में और उसकी बुर में ? चोद डालो मेरी बीवी की चूत।
फिर क्या मैं उठी और वरुण का लण्ड उसकी पैंट खोल कर पकड़ लिया। इतने में अचानक सुनील और उसकी बीवी बाला भी आ गयी। हमने उन्हें भी अपने खेल में शामिल कर लिया।
अब हम तीन कपल हो गए। मैं अलका और मेरा पति शेखर, वरुण और उसकी बीवी माला. सुनील और उसकी बीवी बाला। मेरा पति वरुण की बीवी चोद चुका था। मैं सुनील से चुदवा चुकी थी। मेरा पति सुनील की बीवी चोदने में चक्कर में था और मैं वरुण से चुदवाने में चक्कर में थी। बाला एक ऐसी बीवी थी जिसने न मेरे पति चुदवाया और न माला के पति से। उसका मन दोनों के लण्ड पर टिका हुआ था। हम सब शराब के नशे में यही सब सोंच रहीं थीं।
मैंने पहल की और वरुण के गले में अपनी बाहें डाल दीं, उसकी बीवी माला सुनील से लिपट गयी और मेरा पति शेखर उठा और सुनील की बीवी बाला को अपनी तरफ खींच कर उसे अपनी छाती से चिपका लिया। परायी बीवी जब किसी पराये पुरुष से लिपट जाती है तो उस पुरुष को बड़ा मज़ा आता है। यही यहाँ हो रहा था। तीनो मरद बहन चोद दूसरे की बीवी चिपका का मज़ा लेने लगे। इसी तरह कोई बीवी जब पराये मरद के गोद में बैठ जाती है तो फिर उससे बिना चुदवाये मानती नहीं। मैंने वरुण की पैंट खोल दी और उसकी चड्ढी के अंदर हाथ डाल कर लण्ड तक पहुँच गयी। उसकी बीवी माला तो अपनी नंगी चूँचियाँ सुनील से मसलवाने लगी। और मेरा हसबैंड शेखर सुनील की बीवी को बिलकुल नंगी करके उसके पूरे नंगे बदन पर हाथ फेरने लगा। देखते ही देखती हम तीनो बीवियां मादर चोद भी एकदम नंगी हो गयीं। बीवियों को पराये मर्दों के आगे नंगी होने में ज्यादा मज़ा आता है।
मैं माला के हसबैंड का लण्ड हिला हिला कर चूमने लगी, माला बाला के हसबैंड का लण्ड बड़ी मस्ती से चाटने लगी और बाला मेरे हसबैंड का लण्ड मुंह में लेकर पीने लगी। तीनो बीवियां एक दूसरे के हसबैंड का लण्ड चूसने चाटने में जुटी गयी और एक दूसरे हो देखने भी लगीं। तीनो बीवियां यह भी द्देख रहीं थीं की मेरे हसबैंड का लण्ड किसी दूसरे की बीवी कैसे पीती है ?
माला ने कहा - यार बाला तेरे मरद का लौड़ा तो बड़ा जबरदस्त है यार . मुझे तो इसे चूसने में ही बड़ा मज़ा आ रहा है तो चुदवाने में तो ज्यादा मज़ा आएगा।
बाला ने कहा - हां यार मुझे भी अलका के मियां शेखर का लण्ड चूसने में बड़ा अच्छा लग रहा है। ऐसा लौड़ा अगर रोज़ मिले तो कितना मज़ा आये ?
मैंने कहा - मिल तो सकता है ? बड़े मजे से मिल सकता यही बस इसके लिए हमने थोड़ा प्रयास करना पडेगा।आजकल लोग अपनी बीवी चुदवाकर दूसरों की बीवियां खूब चोदते हैं। "wife swapping" और "husband swapping" बहन चोद हर घर में होता है। चोरी छिपे बीवियां अपने देवरों से अपने नंदोईयों से उनके दोस्तों से खूब चुदवा रहीं हैं। आजकल लोग अपनी अपनी भाभियों की बुर सब चोदते हैं। सालियों की बुर खूब लेते हैं। उधर कोई भी बुर चोदी साली अपने जीजा से बिना चुदवाये रह नहीं सकती। हर भाभी बहन चोद अपने देवर का लण्ड अपनी चूत में पेल लेती है। जब ये सब होता है तो फिर खुल्लम खुल्ला क्यों नहीं होता ? अगर खुल्लम खुल्ला तो ज्यादा मज़ा आये और सबको मज़ा आये जैसा की अभी हम सबको मज़ा आ रहा है।
ये सब बातें हो ही रहीं थीं की मेरे पति शेखर ने सुनील की बीवी की बुर में लौड़ा घुसा दिया। वह बड़ी मस्ती से चोदने लगा सुनील की बीवी बाला की बुर। सुनील वरुण की बीवी चोदने लगा। उसे माला भाभी की बुर पसंद आ गयी और इधर वरुण ने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। मैं भी रंडी की तरह चुदवाने लगी।
सच में मुझे वरुण का लौड़ा बड़ा मज़ा दे रहा था और मैं मस्ती से चुदवा भी रही थी। एक बात और सच है की मैंने इतनी मस्ती से कभी अपने पति से नहीं चुदवाया। आज सबके साथ चुदाई का एक नया ही एहसास हो रहा था। तब तक मेरे मुंह से निकला वरुण हाय दईया पूरा लौड़ा घुसा दो मेरी बहन चोद बुर में यार। मुझे खूब धकाधक चोदो। मेरी फाड़ डालो बुर चोदी बुर। इतना मज़ा तो मुझे किसी और से चुदवाने में नहीं आया। उधर बाला बोल रही थी की यार शेखर तेरा बहन चोद हाथ भर का लण्ड मेरी चूत के चीथड़े उड़ा रहा है। ऐसा चुदाई तो मैंने पहले कभी किसी से करवाई नहीं है। क्या गज़ब का लौड़ा है तेरा मादर चोद ? देखों कितनी मस्ती से चोद रहा है मुझे । माला ने कहा वाओ सुनील यार मेरी चूत भोसड़ी की बड़ी घमंड में थी मुझे कोई लौड़ा साला खलास नहीं कर सकता पर आज तेरा लौड़ा मेरी चूत में छक्के छुड़ा रहा है। आज मेरी चूत का घमंड चूर चूर हो जायेगा।
सुनील अचानक घूम गया और माला को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। पीछे से भी डॉगी स्टाइल में भी चुदवाना बड़ा मजेदार होता है। सुनील को देख कर सभी लोग पीछे से चोदने लगे। सबकी चूँचियाँ नीचे से हिलने लगी। सभी अपनी गांड आगे पीछे करती हुई चुदवाने लगीं। पूरे कमरे का माहौल रंगीन हो चुका था और उत्तेजित भी। सब लोग एक दूसरे की बीवी की बुर को पहले खलास करने में लगे हुए थे। लेकिन अचानक वरुण बोला अलका भाभी मैं खलास होने वाला हूँ। मैं तब तक खलास हो चुकी थी। मैंने घूम कर लौड़ा हाथ में लिया और सड़का मारने लगी। वरुण सिसियाने लगा। मैं जान गयी की अब वह निकलने वाला है। मैंने मुँह खोला तो उसने सारा वीर्य मेरे मुंह में गिरा दिया और मैं मस्त हो गयी। इसी तरह माला और बाला भी मस्त हो गयीं और झड़ता हुआ लण्ड मजे से चाटने लगीं। एक दिन मेरी मौसी की बेटी निशा अपने पति के साथ आ गयी। उसकी शादी अभी एक साल पहले हुई थी। मैंने उसे पति सनी को देख कर बड़ी खुश हो गयी। वह भी मस्त जवान, गोरा चिट्टा, अच्छी कद काठी वाला लड़का था। मेरा दिल उस पर आ गया। बस मैं उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगी। उसके सामने नंगी होने के सपंने सोंचने लगी। उसे नंगा देखना माँ मन होने लगा। काहिर हम सबकी बातें होने लगीं। मेरा पति शेलहार भी निशा से मिलकर खुश हुआ। घर में बड़ी चहल पहल हो गयी। फिर हम लोग घूमने फिरने चले गये। लंच हम सबने बहार ही िया और हम को लौट कर घर आ गए। फिर ये दोनों बाहर चले गए और हम दोनों बातें करने लगीं।
- मैंने कहा निशा कैसी रही तेरी सुहागरात ?
- वह बोली बहुत अच्छी रही दीदी मेरी सुहागरात। बड़ा मज़ा आया खूब घूमे फायर और मस्ती की। किस तरह की मस्ती की तुमने में मुसकराकर पूंछा।
- हर तरह की मस्ती की दीदी। दिन में भी की और रात में भी की।
- रात को कौन सी मस्ती की तुम लोगों ने ? ज़रा मुझे भी बताओ।
- तब तक वह उठकर बाथ रूम चली गयी। मैं उसका मोबाईल उठाकर देखने लगी। एकदम से उसमें टच करते ही एक लण्ड की फोटो आ गयी। जब निशा लौट कर आयी तो मैंने उसे लण्ड की फोटो दिखाते हुए कहा अच्छा तो यह है तेरे पति का लण्ड निशा ?
- नहीं दीदी यह मेरे पति के लण्ड की फोटो नहीं है। मेरे पति के लण्ड की फोटो मेरी सहेली नेहा के पास है। ये तो उसके पति अजय के लण्ड की फोटो है।
- वाओ, तेरे पास उसके पति के लण्ड की फोटो और उसके पास तेरे पति के लण्ड की फोटो ? क्या माज़रा है तुम दोनों के बीच ? क्या चल रहा है निशा तुम दोनों के बीच निशा ?
- अरे दीदी बात बिलकुल सीधी है। मैं उसके पति का लण्ड पीती हूँ और वह मेरे पति का लण्ड पीती है।
- लण्ड ही पीती हो की कुछ और भी ? लण्ड पीने में तो सब कुछ शामिल है दीदी। लण्ड तो तब पिया जाता है जब लण्ड झड़ता है और लण्ड तब झड़ता है जब सारा खेल ख़तम हो जाता है।
- अच्छा तो तुम "husband swapping" का खेल खेलती हो निशा।
- हां दीदी बिलकुल तुमने सही समझा। और आज मैं यही खेल तुम्हारे साथ खेलने आयी हूँ। आज मैं जीजा
थोड़ा नशा चढ़ा तो मैंने निशा का हाथ पकड़ पर शेखर के लण्ड पर रख दिया और कहा लो पकड़ो अपने जीजा का लण्ड निशा। फिर अपने पति का हाथ पकड़ कर निशा की चूँचियों पर रख दिया और कहा लो तुम पकड़ो अपनी साली की चूँचियाँ। मैंने चूँचियाँ उसे पकड़ाई और अपना हाथ सीधे सनी के लण्ड पर रख कर दबा दिया। मैंने कहा अब तुम निकालो सनी अपना ये भोसड़ी का लण्ड ? में फ़ौरन उसका लण्ड निकाल भी लिया। मैंने पहले तो लण्ड की कई चुम्मियाँ लीं और फिर जबान निकाल कर लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। इधर मैं भी अपने कपडे खोलने लगी और निशा भी।
देखते देखते ही हम चारों लोग नंगे हो गए। मैं उसके पति से चिपक गयी और वह मेरे पति से चिपक गयी। सनी ने मुझे लिटा दिया और मेरे पति ने निशा को। सनी ने लण्ड मेरे मुंह में पेल दिया और मेरे पति ने लण्ड निशा के मुंह में। मैंने कहा निशा तेरा जीजा तेरे मुंह में कल ही लण्ड पेलना चाहता था। वह बोली तो फिर क्यों नहीं पेला ? क्या जीजा की गांड फट रही थी। मैं हंसने लगी। थोड़ी देर तक हम दोनों एक दूसरे के पति का लण्ड चूसती रही और फिर सनी मेरी बुर लेने लगा और मेरा पति निशा की बुर। हम दोनो लोग मस्ती अगल बगल लेटी हुई चुदवाने लगीं।
उस दिन की चुदाई का मज़ा आज भी मुझे याद है। जाते जाते मैंने कहा निशा तुमने मोबाईल पर ाजै का लण्ड दिखाया था। अब यह बताओ की सच मच में उसका लण्ड कब दिखा रही हो तुम मुझे ? मैंने उसका लौड़ा मुंह में लेना चाहती हूँ और बुर में भी। वह बोली अरे दीदी उसका लौड़ा वास्तव में मुंह में लेना वाला है। बड़ा खूबसूरत है बहन चोद उसका लौड़ा। वह जब चोदता है तो ज़न्नत का मज़ा आता है। मैं अगले हफ्ते फिर आऊंगी और तब मैं उसका लौड़ा तुम्हे जरूर पकड़ा दूँगी, दीदी ।
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