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नए लण्ड पकड़ने लगी और मस्त होने लगी - Naye land pakadne lagi aur mast hone lagi
नए लण्ड पकड़ने लगी और मस्त होने लगी - Naye land pakadne lagi aur mast hone lagi , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
उस समय मैं १९ साल की थी और अपने कमरे में बैठी हुई "sex" की कहानियां पढ़ रही थी। कहानियां बहन चोद इतनी गरम थीं की मेरे कपड़े अस्त व्यस्त हो गए थे। मेरी चूँचियाँ खुली हुई थीं और मेरी चूत भी नंगी हो चुकी थी। इतने में कमरे में अम्मी आ गयीं। उसने मुझे इस हाल में देखा तो समझ गयी की मैं "sex" की कहानियां पढ़ रही हूँ क्योंकि उसका पेज खुला हुआ था और कहानी थी - "अम्मी, तेरी बेटी की माँ की चूत "
उस समय मैं १९ साल की थी और अपने कमरे में बैठी हुई "sex" की कहानियां पढ़ रही थी। कहानियां बहन चोद इतनी गरम थीं की मेरे कपड़े अस्त व्यस्त हो गए थे। मेरी चूँचियाँ खुली हुई थीं और मेरी चूत भी नंगी हो चुकी थी। इतने में कमरे में अम्मी आ गयीं। उसने मुझे इस हाल में देखा तो समझ गयी की मैं "sex" की कहानियां पढ़ रही हूँ क्योंकि उसका पेज खुला हुआ था और कहानी थी - "अम्मी, तेरी बेटी की माँ की चूत "
वह मुझे देखते ही बोली - बेटी, मैं तेरी माँ हूँ, तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी मैं ?
मैंने भी उसी लहज़े में जबाब दिया - अम्मी, मैं तेरी बेटी हूँ तेरी बेटी की बुर चोदूँगी मैं ?
फिर हम दोनों खूब खिलखिलाकर हंस पड़ीं।
अम्मी ने कहा - बेटी एक बात और सुन लो बहुत बड़ा हरामजादा है तेरी माँ का भोसड़ा बहन चोद ? जाने कितने लोग तेरी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेला करते हैं। फिर भी तेरी माँ के भोसड़ा का पेट नहीं भरता ? वह भी अपना मुंह खोले हुए सबके लण्ड अपने अंदर घुसेड़ लेता है। लोग तो तेरी माँ की चूत सूंघ सूंघ कर चले आते हैं भोसड़ी वाले और नंगे हो के अपना लौड़ा हिलाते रहतें हैं। उन्हें तेरी माँ का भोसड़ा चाटने में बड़ा मज़ा आता है। कुछ तो साले उसकी चूँचियों में ही लण्ड घुसा देते हैं और कुछ गांड में भी लौड़ा पेल देतें हैं। वैसे तो मैं खुद सबके लण्ड अपने मुंह में ले लेती हूँ। मुझे तरह तरह के लण्ड मुंह में लेने का बड़ा जबरदस्त शौक है, बेटी। अब तू १९ साल की हो गयी है. मैं तुमसे कोई बात छुपाना नहीं चाहती इसलिए सब खुल कर बता रही हूँ। तेरी माँ का भोसड़ा भी कोई चीज है बेटी जिसके दीवाने कई लोग हैं क्योंकि मैं अभी 42 साल की मस्त जवान हूँ और मज़ा ले भी सकती हूँ और मज़ा दे भी सकती हूँ।
मैंने कहा - तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर भी कुछ कम नहीं है, अम्मी जान ? लड़के तो मादर चोद तेरी बिटिया की बड़ी बड़ी चूँचियाँ देख कर उसके आगे पीछे घूमने लगतें हैं। उसकी मटकती हुई गांड देखते रहतें हैं। हर लड़का बहन चोद तेरी बेटी को अपना लण्ड पकड़ाने की फिराक में रहता है। और जब तेरी बेटी गालियां अपने मुंह से निकालती है तो लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो जाती है उसकी गालियां सुनने के लिए । ख़ास तौर से जब वह लण्ड की गालियां देती हूँ और बार बार लण्ड लण्ड मुंह से निकालती हूँ तो लड़के तालियां बजाते हैं शोर मचाते हैं. बहुतों के तो लण्ड खड़े हो जातें हैं ? उन्ही में से तेरी बेटी कुछ स्मार्ट और हैंडसम लड़के चुन लेती है और उनके लण्ड पीना शुरू कर देती है। फिर मौक़ा पाकर उन्हीं से अपनी बुर चुदवाना शुरू कर देती है। मैं सब कुछ एक ही झींक में बोल गयी क्योंकि मेरे दिमाग में कहानी की बातें भरी हुई थीं।
अम्मी ने कहा - हां बेटी मैं भी "sex" की कहानियां पढ़कर तेरे कमरे में घुस आयी थी तो तुमसे खुल कर बातें करने लगीं।चलो इसी बहन अब हम तुम एक दूसरे से खुल गयीं हैं। अब तो तू अपने माँ चुदाना शुरू कर दे और मैं अपनी बेटी चुदाना ?
मैंने कहा - हां अम्मी जान अब हम दोनों के बीच कोई शरम नहीं है ? तो फिर मिलकर मज़ा क्यों न लिया जाए ? मेरा नाम है गौहर खान मैं अभी १९ साल की हूँ। मैं खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ और गज़ब की हॉट हूँ। मुझे इसी उम्र में लण्ड की लत लग गयी है। मैं अब बिना लण्ड के रह नहीं सकती। मेरी अम्मी का हाल तो आप जान ही चुके हैं। वह भोसड़ी की मुझसे ज्यादा खूबसूरत है और हॉट है। गज़ब की है वो और उसका भोसड़ा ? आज की हमारी इस बात चीत ने हम दोनों के बदन में आग लगा दी है। जब तक मैं बुर चोदी अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड नहीं पेल लेती तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा। मैं यह भी सोंचने लगी की किस लड़के का लण्ड पेलूं अपनी माँ की चूत में ? मैं ये सब अपने मन में धीरे धीरे बड़बड़ा रही थी तभी अम्मी बोल पड़ी हां बेटी गौहर जब तक मैं बहन चोद तेरी चूत में लण्ड घुसा नहीं देती तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा।
मैंने आखिर कार पीटर नाम का एक लड़का चुन ही लिया। अगले दिन संडे था तो मैंने उसे बुला लिया। मैंने उसका लण्ड पकड़ा जरूर है पर चुदवाया कभी नहीं। सुबह करीब ११ बजे वह आ गया। मैंने उसे बैठाया और अम्मी से मिलवाया। मैंने कहा ये मेरी माँ हैं कश्मीरा बेगम। वह बड़ी देर तक उसे देखता रहा और बोला यार गौहर तेरी माँ तो बड़ी स्मार्ट और हॉट हैं। मैंने कहा भोसड़ी के मेरी माँ पर बुरी नज़र रखता है तू। वह बोला नहीं यार मैं हकीकत बयान कर रहा हूँ। मैंने दारू सेट लगा दिया और हम तीनो दारू पीने लगे। इतने में अम्मी का फोन बज उठा। वह बोली अरे कासिम तुम ? वह बोला भाभी जान मैं बाहर खड़ा हूँ। दरवाजा खोलो न प्लीज। अम्मी उठी और दरवाजा खोल कर उसे अंदर ले आईं। अम्मी ने कहा ये है मेरा मुंह बोला देवर। मैं जहाँ पहले रहती थी यह वहीं पड़ोस में रहता था। वह भी दारू में शामिल हो गया। दारू पीना शुरू हुआ तो नशा भी चढ़ने लगा। मज़ा आने लगा। नशे में कुछ भी कहना चलता है। लोग अक्सर अपने दिल की बात कह देतें हैं। उसको कोई बुरा नहीं मानता।
अम्मी बोली - देखो गौहर मैं तुमसे क्यों खुल गई ? मैं बहुत बड़ी चुदक्कड़ औरत हूँ बेटी। मुझे ग़ैर मर्दों से चुदवाने का बड़ा शौक हैं। मैं बिना २/३ से चुदवाये रह नहीं सकती। मुझे लण्ड से कुछ ज्यादा ही मोहब्बत है। अब तुम घर में हो तो कब तक तुमसे छुप छुप कर चुदवाती रहूंगी तो मैंने सोंचा की क्यों की तुमसे खुल जाऊं ? तुम्हे भी लण्ड की जरुरत है और मुझे भी। तुम्हारी उम्र की मेरी कई दोस्त है जो मेरी बुर में लौड़ा पेलती हैं तो फिर तुम क्यों नहीं ? इसलिए मैंने तुम्हे अपना दोस्त बना लिया है मेरी बुर चोदी गौहर ?
मैंने कहा - वाओ, अम्मी अब मेरी भी बात सुनो। मैं जब १८ साल की हुई तो मुझमे एक समझ आयी की मैं अब जवान हो गयी हूँ। अब मुझे किसी के कण्ट्रोल में नहीं रहना। मैं आज़ाद हूँ। अगर आज़ाद हूँ तो फिर मैं सबके लण्ड क्यों न पकड़ूँ ? लण्ड क्यों न अपनी चूत में पेलूं ? पर घर में अम्मी हैं। उसके सामने मैं कैसे यह सब करूंगी। फिर मैं छुप छुप कर "sex" की कहानियां पढ़ने लगी। ब्लू फिल्म लैपटॉप पर देखने लगी और कॉलेज में सबके सामने गालियां बकने लगी। तबं मेरे मन में आया की अगर मेरी अम्मी मेरी दोस्त बन जाएँ तो मैं लण्ड घर में भी खुले आम मुंह में ले सकती हूँ, बुर में ले सकती हूँ। अम्मी जवान है उसे भी लण्ड की उतनी ही जरुरत है जितनी की मुझे। इसलिए मैं अब सब कुछ अम्मी को बता दूँगी। अगर वह मेरी दोस्त बन गई तो फिर कहना ही क्या ? बस मैंने हिम्मत की और उस दिन तुम्हे गाली से जबाब दिया। इसलिए मैं तुम्हारे नजदीक आ गयी मेरी भोसड़ी की कश्मीरा अम्मी जान ?
हमारी चार लोगों की महफ़िल जमी हुई थी। अचानक पड़ोस की साबिया आ गयी। वह बोली हाय गौहर आजकल तू अपनी माँ चुदवा चुदवा कर बड़ा मज़ा लूट रही है तू ? इतनी छोटी उम्र में इतने बड़े बड़े लण्ड का मज़ा ले रही है तू।
एक बात सच है की माँ का भोसड़ा और बिटिया की बुर साथ साथ चुदाने का मज़ा ही कुछ और होता है।
तब तक पीछे एक मस्त आदमी आ गया।
सबिया बोली - लो इससे मिलो ये है मेरा शौहर आरिफ मियां।
मैंने कहा - अच्छा तो यह बात है मज़ा तो तू भी लूट रही है भोसड़ी वाली सबिया।
सबिया ने कहा - जानती हो गौहर मेरा मियां अपनी बीवी नहीं चोदता, चुदवाता है। मेरा मियां अपनी बीवी अपने लण्ड नहीं बैठाता बल्कि अपने दोस्तों के लण्ड पर बैठा देता है। कुछ लोगों को अपनी बीवी दूसरों से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है। मेरा मियां उन्ही में से एक है। अब तुम बैठो मेरे मियां के लण्ड पे, अपनी माँ को भी बैठाओ मेरे मियां के लण्ड पे। तब देखो कितना मज़ा आता है।
अम्मी ने कहा - अच्छा तब तू क्या हमारी चुदाई के धक्के गिनेगी ? अपनी झांटें उखाड़ेगी तू बैठी बैठी सबिया। वह बोली - नहीं आंटी जी, मैं न धक्के गिनूँगी और न झांटें उखाडूँगी, मैं तो तेरे देवर के लण्ड पे बैठूंगी।
उसकी बात सुनकर मुझे बड़ा अच्छा लगा। अब हम दो नहीं बल्कि तीन तीन मिलकर चुदाई का मज़ा लूटेंगीं।ऐसा बोल कर सबिया ने कासिम के लण्ड की तरफ हाथ बढ़ाया। तब तक अम्मी बोल पड़ी अरी सबिया लण्ड पीने से पहले थोड़ा दारू तो पी ले। सबिया बोली अरे आंटी जी, शराब से ज्यादा नशा पराये मरद के लण्ड में होता है। मैं तो शराब के साथ साथ लण्ड पियूँगी इसलिए मैं लण्ड शराब के गिलास के साथ ही पकड़ना चाहती हूँ। उसने कासिम का लण्ड बाहर निकाल ही लिया और उसे हिला हिला कर सबके आमने खड़ा कर दिया। अम्मी ने पीटर का लौड़ा बाहर निकाल लिया और फिर मैं भी आरिफ को नंगा करके उसका लौड़ा बाहर निकाल कर सहलाने लगी। तीनो लण्ड हमारी आँखों के सामने खड़े होकर फुफकार मारने लगे। उधर अम्मी का भोसड़ा, मेरी चूत और सबिया की चूत चूँचियाँ गांड सब बाहर आ गयीं। अब किसी पे पास कुछ भी छुपाने को नहीं था। चोदा चोदी के खेल में ऐसा ही सब होता है।
मैं तो बड़े प्यार से सबिया के मियां का लण्ड चाटने चूसने लगी, सबिया भी बड़े मन से कासिम अंकल के लण्ड का मज़ा लेने लगी। उसने तो अपनी चूत अंकल के मुंह में रख दी। अंकल उसकी बुर चाट चाट कर मस्ती मारने लगा। अम्मी जान पीटर के लण्ड का सुपाड़ा चाटने चूसने में जुट गयी। उसका सुपाड़ा बी लाल लाल टमाटर जैसा था। पीटर का लण्ड समूचा था और समूचा लण्ड अगर अच्छी तरह खुला हो तो ज्यादा मज़ा देता है। हम तीनो अपने अपने लण्ड चाट तो रहीं थीं पर नज़र सबके लण्ड पर थी। मैं सोंचने लगी की आरिफ का लौड़ा बड़ा भी है और मोटा भी फिर भी सबिया को पराये मर्दों के ही लण्ड पसंद आतें हैं ऐसा क्यों ? तब तक सबिया
बोली गौहर तेरी माँ की चूत, यार ? जवान जवान लड़कियों की चूत भी इतनी टाइट नहीं होती है बहन चोद जितना टाइट तेरी माँ का भोसड़ा है। मैंने कहा पहले तू बता तेरे मियां का लौड़ा इतना बड़ा और मोटा है फिर तू ग़ैर मरद का लौड़ा पसंद करती है क्यों ? वह बोली इसका जबाब तुझे तब मिलेगा जब तेरी शादी हो जाएगी। फिर अचानक आरिफ ने लौड़ा मेरी चूत में घुसा दिया। मैं बोली हाय दईया बड़ा मोटा है तेरा लण्ड यार ? अपनी बीवी की बुर तो तुम लेते नहीं और मेरी बुर में पूरा लौड़ा पेल दिया। वह बोला मेरी बीवी की बुर तेरा अंकल ले रहा है। उधर अंकल ने सच में अपना लण्ड सबिया की बुर में घुसेड़ रखा था। अम्मी तो बड़े मजे से मेरे दोस्त का लण्ड घुसेड़े हुए चुदवा रही थी। उसे यही यही तो करना था। वह चाहती है की मेरे सभी बॉय फ्रेंड मेरी माँ का भोसड़ा चोदा करें। थोड़ी देर तक ये तीनो गचागच चोदते रहे और हम तीनो अपनी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाती रहीं। कासिम भोसड़ी का मेरी चूत पर नज़र गड़ाए हुए थे। मौक़ा पाते ही उसने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। आरिफ ने मेरी बुर से लौड़ा निकाल कर मेरी माँ की चूत में पेल दिया। वह मेरी माँ चोदने लगा। उधर पीटर ने लण्ड अम्मी की चूत से निकाल कर सबिया की बुर में घुसा दिया। वह बड़े प्रेम से सबिया की बुर लेने लगा। इस तरह तीनो ने अपनी अपनी बुर बदल ली। आइए में हम तीनो के लण्ड भी बदल गए तो मज़ा दूना हो गया।
मैं जब २३ साल की हुई तो मेरी शादी फ़राज़ नाम के लड़के हो गयी। फ़राज़ २५ साल का नौजवान लड़का था बड़ा स्मार्ट और हैंडसम था। मैं भी खुश थी पर कहीं से भी उसके लण्ड के बार में कुछ पता नहीं चल रहा था। में अम्मी से कहा अम्मी जान मेरे शौहर का लण्ड कैसा होगा ? मैं यही सोंच सोंच कर परेशान हूँ। वह बोली ऐसी कोई परेशानी की बात नहीं खुदा सब ठीक करेगा। तू चिंता न कर। वैसे भी तू शादी के बाद ग़ैर मर्दों से चुदवाती रहेगी तू ? फिर क्या लण्ड कैसा भी हो चलेगा ? तेरे पास लण्ड की कमी तो है नहीं। ,तेरी ससुराल में तो कई लण्ड हैं। एक एक करके सबके लण्ड का मज़ा लेना। मैं इतना जानती हूँ की तेरे ससुर का लौड़ा 8" से 9" का है क्योंकि मैं अपनी शादी के पहले उसका लौड़ा अपने मुंह में ले चुकी हूँ और बुर में भी। अब तक तो और मोटा हो गया होगा उसका लौड़ा ? शादी के बाद मैं खुदा का नाम लेकर सुहागरात मनाने लगी और जब लौड़ा मेरे हाथ में आया तो मैं खुदा का शुक्रिया अदा किया। लण्ड सच में बड़ा मोटा था और लम्बा भी। मैंने अम्मी को फोन पर मैसेज किया तो अम्मी का तुरंत जबाब आया - लण्ड मुबारक हो बेटी गौहर।
सुहागरात के बाद मैं और भो लोगों के लण्ड तक पहुँचने की कोशिश करने लगी। मुझे कामयाबी मिली और मैं दिन पर दिन नए नए लण्ड पकड़ने लगी और मस्त होने लगी। मेरी सेहत भी ठीक हो गयी. मेरी चूँचियाँ बहन चोद दूनी हो गयीं और मेरे चूतड़ भी बड़े बड़े हो गए। मेरी चूत एकदम चबूतरा बन गयी और मेरी गांड भी बड़ी सेक्सी निकल आयी। मरद भी भोसड़ी वाल सब मेरी तरफ खिंचने लगे। एक दिन मेरा शौहर मेरी मायके चला गया। वहां मेरी अम्मी और भाभी थीं। मैं यहीं ससुराल में थी। रात का समय था। घर में चोदा चोदी का माहौल था। मैं समझ गयी की मेरा मियां मेरी अम्मी के पास गया है अब अम्मी तो बिना इसका लण्ड पकड़े मानेगी नहीं। मैं भी इधर लण्ड का इंतज़ाम कर चुकी थी। मैंने अम्मी को फोन लगा दिया।
मैंने पूंछा - अम्मी जान, क्या कर रही हो।
वह बोली - तेरे मियां के लण्ड पे बैठी हूँ, बेटी ?
मैंने पूंछा - भाभी जान क्या कर रही हैं ?
वह बोली - वह बुर चोदी अपने बहनोई के लण्ड पे बैठी है। तू बता तू क्या कर रही है, भोसड़ी की गौहर ?
मैंने कहा - मैं अपने नंदोई के लण्ड पर बैठी हूँ।
अम्मी ने फिर पूंछा - तेरी सास और नन्द क्या कर रही हैं बेटी।
मैंने जबाब दिया - मेरी नन्द अपने ससुर के लण्ड पे बैठी है और मेरी सास अपने जीजा से अपनी बुर फड़वा रही है। अभी थोड़ी देर में नन्द अपनी माँ के जीजू से चुदवायेगी और सास अपनी बेटी के ससुर से चुदवायेगी।
अम्मी बोली - हाय दईया तो वहां भी इसी तरह की चुदाई हो रही है जैसी यहाँ चुदाई हो रही है।
मैंने कहा - अरी मेरी बुर चोदी अम्मी जान, रात में तो सबके घर में चोदा चोदी होती है।
अम्मी ने कहा - बेटी एक बात और सुन लो बहुत बड़ा हरामजादा है तेरी माँ का भोसड़ा बहन चोद ? जाने कितने लोग तेरी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेला करते हैं। फिर भी तेरी माँ के भोसड़ा का पेट नहीं भरता ? वह भी अपना मुंह खोले हुए सबके लण्ड अपने अंदर घुसेड़ लेता है। लोग तो तेरी माँ की चूत सूंघ सूंघ कर चले आते हैं भोसड़ी वाले और नंगे हो के अपना लौड़ा हिलाते रहतें हैं। उन्हें तेरी माँ का भोसड़ा चाटने में बड़ा मज़ा आता है। कुछ तो साले उसकी चूँचियों में ही लण्ड घुसा देते हैं और कुछ गांड में भी लौड़ा पेल देतें हैं। वैसे तो मैं खुद सबके लण्ड अपने मुंह में ले लेती हूँ। मुझे तरह तरह के लण्ड मुंह में लेने का बड़ा जबरदस्त शौक है, बेटी। अब तू १९ साल की हो गयी है. मैं तुमसे कोई बात छुपाना नहीं चाहती इसलिए सब खुल कर बता रही हूँ। तेरी माँ का भोसड़ा भी कोई चीज है बेटी जिसके दीवाने कई लोग हैं क्योंकि मैं अभी 42 साल की मस्त जवान हूँ और मज़ा ले भी सकती हूँ और मज़ा दे भी सकती हूँ।
मैंने कहा - तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर भी कुछ कम नहीं है, अम्मी जान ? लड़के तो मादर चोद तेरी बिटिया की बड़ी बड़ी चूँचियाँ देख कर उसके आगे पीछे घूमने लगतें हैं। उसकी मटकती हुई गांड देखते रहतें हैं। हर लड़का बहन चोद तेरी बेटी को अपना लण्ड पकड़ाने की फिराक में रहता है। और जब तेरी बेटी गालियां अपने मुंह से निकालती है तो लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो जाती है उसकी गालियां सुनने के लिए । ख़ास तौर से जब वह लण्ड की गालियां देती हूँ और बार बार लण्ड लण्ड मुंह से निकालती हूँ तो लड़के तालियां बजाते हैं शोर मचाते हैं. बहुतों के तो लण्ड खड़े हो जातें हैं ? उन्ही में से तेरी बेटी कुछ स्मार्ट और हैंडसम लड़के चुन लेती है और उनके लण्ड पीना शुरू कर देती है। फिर मौक़ा पाकर उन्हीं से अपनी बुर चुदवाना शुरू कर देती है। मैं सब कुछ एक ही झींक में बोल गयी क्योंकि मेरे दिमाग में कहानी की बातें भरी हुई थीं।
अम्मी ने कहा - हां बेटी मैं भी "sex" की कहानियां पढ़कर तेरे कमरे में घुस आयी थी तो तुमसे खुल कर बातें करने लगीं।चलो इसी बहन अब हम तुम एक दूसरे से खुल गयीं हैं। अब तो तू अपने माँ चुदाना शुरू कर दे और मैं अपनी बेटी चुदाना ?
मैंने कहा - हां अम्मी जान अब हम दोनों के बीच कोई शरम नहीं है ? तो फिर मिलकर मज़ा क्यों न लिया जाए ? मेरा नाम है गौहर खान मैं अभी १९ साल की हूँ। मैं खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ और गज़ब की हॉट हूँ। मुझे इसी उम्र में लण्ड की लत लग गयी है। मैं अब बिना लण्ड के रह नहीं सकती। मेरी अम्मी का हाल तो आप जान ही चुके हैं। वह भोसड़ी की मुझसे ज्यादा खूबसूरत है और हॉट है। गज़ब की है वो और उसका भोसड़ा ? आज की हमारी इस बात चीत ने हम दोनों के बदन में आग लगा दी है। जब तक मैं बुर चोदी अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड नहीं पेल लेती तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा। मैं यह भी सोंचने लगी की किस लड़के का लण्ड पेलूं अपनी माँ की चूत में ? मैं ये सब अपने मन में धीरे धीरे बड़बड़ा रही थी तभी अम्मी बोल पड़ी हां बेटी गौहर जब तक मैं बहन चोद तेरी चूत में लण्ड घुसा नहीं देती तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा।
मैंने आखिर कार पीटर नाम का एक लड़का चुन ही लिया। अगले दिन संडे था तो मैंने उसे बुला लिया। मैंने उसका लण्ड पकड़ा जरूर है पर चुदवाया कभी नहीं। सुबह करीब ११ बजे वह आ गया। मैंने उसे बैठाया और अम्मी से मिलवाया। मैंने कहा ये मेरी माँ हैं कश्मीरा बेगम। वह बड़ी देर तक उसे देखता रहा और बोला यार गौहर तेरी माँ तो बड़ी स्मार्ट और हॉट हैं। मैंने कहा भोसड़ी के मेरी माँ पर बुरी नज़र रखता है तू। वह बोला नहीं यार मैं हकीकत बयान कर रहा हूँ। मैंने दारू सेट लगा दिया और हम तीनो दारू पीने लगे। इतने में अम्मी का फोन बज उठा। वह बोली अरे कासिम तुम ? वह बोला भाभी जान मैं बाहर खड़ा हूँ। दरवाजा खोलो न प्लीज। अम्मी उठी और दरवाजा खोल कर उसे अंदर ले आईं। अम्मी ने कहा ये है मेरा मुंह बोला देवर। मैं जहाँ पहले रहती थी यह वहीं पड़ोस में रहता था। वह भी दारू में शामिल हो गया। दारू पीना शुरू हुआ तो नशा भी चढ़ने लगा। मज़ा आने लगा। नशे में कुछ भी कहना चलता है। लोग अक्सर अपने दिल की बात कह देतें हैं। उसको कोई बुरा नहीं मानता।
अम्मी बोली - देखो गौहर मैं तुमसे क्यों खुल गई ? मैं बहुत बड़ी चुदक्कड़ औरत हूँ बेटी। मुझे ग़ैर मर्दों से चुदवाने का बड़ा शौक हैं। मैं बिना २/३ से चुदवाये रह नहीं सकती। मुझे लण्ड से कुछ ज्यादा ही मोहब्बत है। अब तुम घर में हो तो कब तक तुमसे छुप छुप कर चुदवाती रहूंगी तो मैंने सोंचा की क्यों की तुमसे खुल जाऊं ? तुम्हे भी लण्ड की जरुरत है और मुझे भी। तुम्हारी उम्र की मेरी कई दोस्त है जो मेरी बुर में लौड़ा पेलती हैं तो फिर तुम क्यों नहीं ? इसलिए मैंने तुम्हे अपना दोस्त बना लिया है मेरी बुर चोदी गौहर ?
मैंने कहा - वाओ, अम्मी अब मेरी भी बात सुनो। मैं जब १८ साल की हुई तो मुझमे एक समझ आयी की मैं अब जवान हो गयी हूँ। अब मुझे किसी के कण्ट्रोल में नहीं रहना। मैं आज़ाद हूँ। अगर आज़ाद हूँ तो फिर मैं सबके लण्ड क्यों न पकड़ूँ ? लण्ड क्यों न अपनी चूत में पेलूं ? पर घर में अम्मी हैं। उसके सामने मैं कैसे यह सब करूंगी। फिर मैं छुप छुप कर "sex" की कहानियां पढ़ने लगी। ब्लू फिल्म लैपटॉप पर देखने लगी और कॉलेज में सबके सामने गालियां बकने लगी। तबं मेरे मन में आया की अगर मेरी अम्मी मेरी दोस्त बन जाएँ तो मैं लण्ड घर में भी खुले आम मुंह में ले सकती हूँ, बुर में ले सकती हूँ। अम्मी जवान है उसे भी लण्ड की उतनी ही जरुरत है जितनी की मुझे। इसलिए मैं अब सब कुछ अम्मी को बता दूँगी। अगर वह मेरी दोस्त बन गई तो फिर कहना ही क्या ? बस मैंने हिम्मत की और उस दिन तुम्हे गाली से जबाब दिया। इसलिए मैं तुम्हारे नजदीक आ गयी मेरी भोसड़ी की कश्मीरा अम्मी जान ?
हमारी चार लोगों की महफ़िल जमी हुई थी। अचानक पड़ोस की साबिया आ गयी। वह बोली हाय गौहर आजकल तू अपनी माँ चुदवा चुदवा कर बड़ा मज़ा लूट रही है तू ? इतनी छोटी उम्र में इतने बड़े बड़े लण्ड का मज़ा ले रही है तू।
एक बात सच है की माँ का भोसड़ा और बिटिया की बुर साथ साथ चुदाने का मज़ा ही कुछ और होता है।
तब तक पीछे एक मस्त आदमी आ गया।
सबिया बोली - लो इससे मिलो ये है मेरा शौहर आरिफ मियां।
मैंने कहा - अच्छा तो यह बात है मज़ा तो तू भी लूट रही है भोसड़ी वाली सबिया।
सबिया ने कहा - जानती हो गौहर मेरा मियां अपनी बीवी नहीं चोदता, चुदवाता है। मेरा मियां अपनी बीवी अपने लण्ड नहीं बैठाता बल्कि अपने दोस्तों के लण्ड पर बैठा देता है। कुछ लोगों को अपनी बीवी दूसरों से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है। मेरा मियां उन्ही में से एक है। अब तुम बैठो मेरे मियां के लण्ड पे, अपनी माँ को भी बैठाओ मेरे मियां के लण्ड पे। तब देखो कितना मज़ा आता है।
अम्मी ने कहा - अच्छा तब तू क्या हमारी चुदाई के धक्के गिनेगी ? अपनी झांटें उखाड़ेगी तू बैठी बैठी सबिया। वह बोली - नहीं आंटी जी, मैं न धक्के गिनूँगी और न झांटें उखाडूँगी, मैं तो तेरे देवर के लण्ड पे बैठूंगी।
उसकी बात सुनकर मुझे बड़ा अच्छा लगा। अब हम दो नहीं बल्कि तीन तीन मिलकर चुदाई का मज़ा लूटेंगीं।ऐसा बोल कर सबिया ने कासिम के लण्ड की तरफ हाथ बढ़ाया। तब तक अम्मी बोल पड़ी अरी सबिया लण्ड पीने से पहले थोड़ा दारू तो पी ले। सबिया बोली अरे आंटी जी, शराब से ज्यादा नशा पराये मरद के लण्ड में होता है। मैं तो शराब के साथ साथ लण्ड पियूँगी इसलिए मैं लण्ड शराब के गिलास के साथ ही पकड़ना चाहती हूँ। उसने कासिम का लण्ड बाहर निकाल ही लिया और उसे हिला हिला कर सबके आमने खड़ा कर दिया। अम्मी ने पीटर का लौड़ा बाहर निकाल लिया और फिर मैं भी आरिफ को नंगा करके उसका लौड़ा बाहर निकाल कर सहलाने लगी। तीनो लण्ड हमारी आँखों के सामने खड़े होकर फुफकार मारने लगे। उधर अम्मी का भोसड़ा, मेरी चूत और सबिया की चूत चूँचियाँ गांड सब बाहर आ गयीं। अब किसी पे पास कुछ भी छुपाने को नहीं था। चोदा चोदी के खेल में ऐसा ही सब होता है।
मैं तो बड़े प्यार से सबिया के मियां का लण्ड चाटने चूसने लगी, सबिया भी बड़े मन से कासिम अंकल के लण्ड का मज़ा लेने लगी। उसने तो अपनी चूत अंकल के मुंह में रख दी। अंकल उसकी बुर चाट चाट कर मस्ती मारने लगा। अम्मी जान पीटर के लण्ड का सुपाड़ा चाटने चूसने में जुट गयी। उसका सुपाड़ा बी लाल लाल टमाटर जैसा था। पीटर का लण्ड समूचा था और समूचा लण्ड अगर अच्छी तरह खुला हो तो ज्यादा मज़ा देता है। हम तीनो अपने अपने लण्ड चाट तो रहीं थीं पर नज़र सबके लण्ड पर थी। मैं सोंचने लगी की आरिफ का लौड़ा बड़ा भी है और मोटा भी फिर भी सबिया को पराये मर्दों के ही लण्ड पसंद आतें हैं ऐसा क्यों ? तब तक सबिया
मैं जब २३ साल की हुई तो मेरी शादी फ़राज़ नाम के लड़के हो गयी। फ़राज़ २५ साल का नौजवान लड़का था बड़ा स्मार्ट और हैंडसम था। मैं भी खुश थी पर कहीं से भी उसके लण्ड के बार में कुछ पता नहीं चल रहा था। में अम्मी से कहा अम्मी जान मेरे शौहर का लण्ड कैसा होगा ? मैं यही सोंच सोंच कर परेशान हूँ। वह बोली ऐसी कोई परेशानी की बात नहीं खुदा सब ठीक करेगा। तू चिंता न कर। वैसे भी तू शादी के बाद ग़ैर मर्दों से चुदवाती रहेगी तू ? फिर क्या लण्ड कैसा भी हो चलेगा ? तेरे पास लण्ड की कमी तो है नहीं। ,तेरी ससुराल में तो कई लण्ड हैं। एक एक करके सबके लण्ड का मज़ा लेना। मैं इतना जानती हूँ की तेरे ससुर का लौड़ा 8" से 9" का है क्योंकि मैं अपनी शादी के पहले उसका लौड़ा अपने मुंह में ले चुकी हूँ और बुर में भी। अब तक तो और मोटा हो गया होगा उसका लौड़ा ? शादी के बाद मैं खुदा का नाम लेकर सुहागरात मनाने लगी और जब लौड़ा मेरे हाथ में आया तो मैं खुदा का शुक्रिया अदा किया। लण्ड सच में बड़ा मोटा था और लम्बा भी। मैंने अम्मी को फोन पर मैसेज किया तो अम्मी का तुरंत जबाब आया - लण्ड मुबारक हो बेटी गौहर।
सुहागरात के बाद मैं और भो लोगों के लण्ड तक पहुँचने की कोशिश करने लगी। मुझे कामयाबी मिली और मैं दिन पर दिन नए नए लण्ड पकड़ने लगी और मस्त होने लगी। मेरी सेहत भी ठीक हो गयी. मेरी चूँचियाँ बहन चोद दूनी हो गयीं और मेरे चूतड़ भी बड़े बड़े हो गए। मेरी चूत एकदम चबूतरा बन गयी और मेरी गांड भी बड़ी सेक्सी निकल आयी। मरद भी भोसड़ी वाल सब मेरी तरफ खिंचने लगे। एक दिन मेरा शौहर मेरी मायके चला गया। वहां मेरी अम्मी और भाभी थीं। मैं यहीं ससुराल में थी। रात का समय था। घर में चोदा चोदी का माहौल था। मैं समझ गयी की मेरा मियां मेरी अम्मी के पास गया है अब अम्मी तो बिना इसका लण्ड पकड़े मानेगी नहीं। मैं भी इधर लण्ड का इंतज़ाम कर चुकी थी। मैंने अम्मी को फोन लगा दिया।
मैंने पूंछा - अम्मी जान, क्या कर रही हो।
वह बोली - तेरे मियां के लण्ड पे बैठी हूँ, बेटी ?
मैंने पूंछा - भाभी जान क्या कर रही हैं ?
वह बोली - वह बुर चोदी अपने बहनोई के लण्ड पे बैठी है। तू बता तू क्या कर रही है, भोसड़ी की गौहर ?
मैंने कहा - मैं अपने नंदोई के लण्ड पर बैठी हूँ।
अम्मी ने फिर पूंछा - तेरी सास और नन्द क्या कर रही हैं बेटी।
मैंने जबाब दिया - मेरी नन्द अपने ससुर के लण्ड पे बैठी है और मेरी सास अपने जीजा से अपनी बुर फड़वा रही है। अभी थोड़ी देर में नन्द अपनी माँ के जीजू से चुदवायेगी और सास अपनी बेटी के ससुर से चुदवायेगी।
अम्मी बोली - हाय दईया तो वहां भी इसी तरह की चुदाई हो रही है जैसी यहाँ चुदाई हो रही है।
मैंने कहा - अरी मेरी बुर चोदी अम्मी जान, रात में तो सबके घर में चोदा चोदी होती है।
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