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ट्रेन में हुई मुलाकात और मिला 4 बार चोदने का मौका Train me hui mulakat aur mila 4 baar chodne ka mauka
ट्रेन में हुई मुलाकात और मिला 4 बार चोदने का मौका Train me hui mulakat aur mila 4 baar chodne ka mauka, रेल में मिली लड़की से दोस्ती करके चुदाई की, लड़की को गर्लफ्रेंड बनाकर चोद दिया, पहली मुलाकात में दोस्ती हुई और फिर चुदाई, हिंदी सेक्स कहानी लड़की को दबाकर चोदा, लंड की भूखी लड़की, चूत की भूख से व्याकुल हो रहा लंड.
काफी दिन हो गए थे मैं मम्मी पापा से मिला नहीं था और मिलने का बहुत मन कर रहा था तो मैंने सोचा की अभी दिसंबर का महिना है, ठंडी मोसम में मम्मी पापा से मिलकर आ जाऊ अगर छुट्टी मिल जाये. तो मैंने अपने बॉस से छुट्टी माँगी, तो मुझे छुट्टी मिल गयी और मैं खुश हो कर घर पर मम्मी के पास कॉल करके बोला की मैं आ रहा हूँ. मुझे 10 दिन में लौटना था, मेरी सीट एसी 3rd टियर में थी. मैं ठीक समय से स्टेशन पहुँच गया था और ट्रेन के आने का इंतज़ार करने लगा. थोड़ी देर बाद ट्रेन आकर अपने लाइन में लग गयी और काफी भीड़ थी लोगो की, ट्रेन में चढ़ने की. मैं बिंदास अपनी सीट की तरफ चला जा रहा था.
काफी दिन हो गए थे मैं मम्मी पापा से मिला नहीं था और मिलने का बहुत मन कर रहा था तो मैंने सोचा की अभी दिसंबर का महिना है, ठंडी मोसम में मम्मी पापा से मिलकर आ जाऊ अगर छुट्टी मिल जाये. तो मैंने अपने बॉस से छुट्टी माँगी, तो मुझे छुट्टी मिल गयी और मैं खुश हो कर घर पर मम्मी के पास कॉल करके बोला की मैं आ रहा हूँ. मुझे 10 दिन में लौटना था, मेरी सीट एसी 3rd टियर में थी. मैं ठीक समय से स्टेशन पहुँच गया था और ट्रेन के आने का इंतज़ार करने लगा. थोड़ी देर बाद ट्रेन आकर अपने लाइन में लग गयी और काफी भीड़ थी लोगो की, ट्रेन में चढ़ने की. मैं बिंदास अपनी सीट की तरफ चला जा रहा था.
तभी मैंने देखा की एक महिला (जो पीले रंग के सलवार सूट पहने थी, उसका रंग बिलकुल दूध के जैसा) और उसके साथ दो बच्चे जो एक उस महिला के गोद में था और एक का हाथ पकडे हुए भागते हुए चली जा रही थी.
उसके हाथ में एक सामान का सूटकेस भी था जो शायद भारी था और वो औरत उसे भी संभाल कर परेशान हो रही थी शायद वो सूटकेस भारी था और उसी हाथ से अपने लड़के को भी पकड़ रखा था इस वजह से शायद वो औरत काफी परेशान दिख रही थी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने उस भीड़ में ध्यान से देखा तो उस महिला की कमर काफी बड़ी थी और जब वो भागी जा रही थी ट्रेन की सीट की और चढ़ने के लिए तो उसकी गांड पूरी तरह से ऊपर नीचे हो रही थी जैसे पूरा एक गांड का हिस्सा नीचे आता तो एक गांड का हिस्सा ऊपर की और चला जाता. मैंने जब ये देखा तो मेरा लंड बिलकुल खड़ा हो गया और मैंने उसकी परेशानी को भी देखा तो अजीब लग रहा था.
तभी मैं उसकी और गया और उसकी सूटकेस अपने हाथ में लेते हुए बोला कि इसे आप मुझे दे दीजिये, मैं इसे संभालता हूँ और तभी (मैंने गोर किया की उसकी चूची भी काफी बड़ी - बड़ी थी जिसे म,मम्मे भी बोलते है) उसने मेरी और देखा और कहा की ठीक है. फिर मैंने उससे उसका सीट का नंबर पूछा तो उसने बताया और इत्तेफाक से उसी सीट के बगल में मेरा सीट भी था. भीड़ काफी ज्यादा थी गेट के पास और मैं उसके पीछे खड़ा था अन्दर जाने को, और मेरी आँख जब जब उसकी गांड की तरफ पहुँच रही थी तब तब मेरा लंड खड़ा हो जाता था.
इस बीच जब काफी लोग अन्दर चले गए और गेट के पास थोडा खाली हुआ तो वो औरत और उसके बच्चे जो अपनी माँ का हाथ पकडे थे अन्दर जाने लगे. मैंने भी जैसे ही अपना पैर बढाया आगे की तरफ तो मेरा खड़ा लंड उसकी गांड की फाक में जो ऊपर और नीचे हो रहा था उसके ठीक बीच में चला गया. इसलिए वो जल्दी से आगे की और बढ़ गयी और उसके मुह से अह्ह्ह की आवाज निकल पड़ी और तभी उसने पलट कर मेरी और देखा और फिर उसने नीचे मेरे लंड की तरफ देखो और गुस्से से फिर मुझे देख कर आगे जाकर सीट पर बैठ गई. जब मैंने नीचे देखा, अपनी लंड की तरफ तो देखता ही रह गया, मेरा लंड बिलकुल खड़ा हो गया था और ऐसे कॉटन की पेंट की वजह से पूरा दिख रहा था.
मैंने फिर उस औरत को उनका सामान दे दिया और सॉरी बोला. उसने मेरे तरफ बिना देखे ही थैंक्स बोला (शायद वो मुझसे बहुत नाराज थी इसलिए) और अपना सामान लेकर सीट के अन्दर रखने लगी. मेरी सीट बिलकुल उसके करीब थी. इस वजह से हमारे और उस औरत के बीच ज्यादा दुरी नहीं थी, मैं उस औरत की और देखे जा रहा था और उसके मम्मो को देख कर मेरा लंड बिलकुल शांत नहीं हो रहा था मैं चाह कर भी अपनी नजर उससे नहीं हटा पा रहा था. वो इस वजह से शायद मेरी ओर नहीं देख रही थी. मेरे मन में सिर्फ एक बात चल रही थी की मैं बाथरूम जाकर उसके गांड जो ऊपर नीचे हो रही थी और चूची का अनुभव करके मुट्ठ मार लूँ. लेकिन मेरा दिमाग कुछ और बोल रहा था.
मैं ये सोचने लगा और उसकी और देखे जा रहा था, तभी मैंने देखा की उसने हलकी - सी तिरछी नजर से मेरी पेंट की तरफ देखा और जल्दी से अपनी नजरे हटा ली. मैं कुछ समझा नहीं कि उसने ठीक से मेरी और क्यों नहीं देखा और जल्दी ये सोच कर मैं उससे बात करने की कोशिश करने लगा.
मैंने सोचा की वो औरत अभी मुझसे नाराज है मैं उसके एक बच्चा जो उस औरत के साथ था उससे उसका नाम पूछने लगा और फिर उससे बाते करने लगा तब मेरा ध्यान उस औरत की तरफ से थोडा हटा और लंड ठीक सो गया.
तब मैंने फिर उस लड़के से उसके पापा का नाम पूछा तो वो नहीं बता पा रहा था, अपने पापा का नाम. तब उस औरत ने उसके पापा यानि अपने पति का नाम बताया और फिर मैं चुप नहीं हुआ उस औरत से बाते करना चालू कर दिया, इसी समय का तो मुझे इंतज़ार था.
वो औरत वह सब बाते भूल कर जो ट्रेन के गेट पर हुआ था मुझसे बाते करने लगी. उसकी बातो से ये मालूम हुआ के वो अपनी भाई की शादी में अपने माँ के घर जा रही थी.. जो काफी दूर था. उसका बच्चा जो की गोद में है वो 8 महीने का था और जो साथ हाथ में पकडे था वो 3 साल का था.
ये सब बाते करते करते पता नहीं कब रात हो गयी और उसके बच्चे सोने के लिए रोने लगे तब उस औरत ने अपने बड़े बच्चे को खाने का सामान दिया और छोटे बच्चे को अपना दूध पिलाने लगी दूध पिलाते वक़्त उसने अपनी पीठ को मेरी तरफ घुमा लिया. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
खैर ठीक थोड़ी देर बाद बच्चे खाकर - पीकर सो गए और मैं भी खाना खा कर कम्पलीट हो गया और अपनी सीट पर लेट कर उस औरत की तरफ देखने लगा उस औरत की एक लोअर बर्थ थी और उसमे दोनों बच्चो को सुला कर उसकी सोने की जगह नहीं हो रही थी और न उसके पास कोई और चादर था के वो नीचे सो पाए..
मैं ये सब देख रहा था, ठण्ड तो काफी थी और मैंने बिना कुछ सोचे समझे उसे कहा की यहां आ जाओ मेरी सीट में आकर सो जाओ.. मेरी बड़ी चादर है, जो हम दोनों के लिए काफी है. वो औरत मेरी तरफ इस तरह से देख रही थी जिससे मैं डर गया और फिर मैंने दोबारा उसे नरम से कहा की देखिये ठण्ड बहुत है और सोने की भी जगह नहीं है, आपको ठण्ड लग जाएगी. तो फिर वो थोड़ी देर कुछ सोचने के बाद मेरी सीट में सोने के लिए आ गयी, मैं पीछे की तरफ चला गया और अपनी चादर को थोडा आगे की ओर कर दिया जिससे वो आराम से चादर को ओढ़ सके. वो चादर ओढ़ के सो गई.
करीब ठीक 11 बजे मैंने करवट लिया और करवट लेते ही मैंने महसूस किया की उसकी गांड में मेरा लंड घुस रहा था, कपडे के ऊपर से ही मैंने उस पल का फायदा उठाया और उसे उसी तरह रहने दिया थोड़ी ही देर में मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया जिसकी साइज़ 8.5 इंच की है और फिर मैं अपने लंड को थोडा अन्दर की ओर करने लगा.
मेरा पूरा लंड खड़ा था जैसे ही मैंने पुश किया गांड में मेरा लंड घुसा जा रहा था और शायद अब तक उसे भी पता चल गया था के मैं क्या कर रहा हूँ.
मेरा पूरा लंड खड़ा था जैसे ही मैंने पुश किया गांड में मेरा लंड घुसा जा रहा था और शायद अब तक उसे भी पता चल गया था के मैं क्या कर रहा हूँ.
लेकिन उसने कुछ नहीं कहा और मैंने इस बात का फायदा उठाया और अपने लंड को कपडे के ऊपर से अन्दर और बाहर करने लगा. थोड़ी देर बाद जब उसने मुझे कुछ नहीं कहा तो मैंने अपना हाथ उसकी गांड की तरफ बढाया और उसे मसलने लगा, उसकी गांड काफी टाइट थी लेकिन मस्त बड़ी थी, मुझे बहुत मजा आ रहा था.
फिर भी उसने मुझे कुछ नहीं कहा तब मैं समझ गया की इसे आज मुझसे चुदने का मन है और फिर मैंने चादर के अन्दर ही उसके बूब्स चूची की तरफ अपना हाथ किया और उसे भी मसलने लगा, उसकी चूची मसलते वक़्त उसके मुह से हलकी हलकी आवाज आ रही थी. अह्ह्ह्ह… अह्ह्ह्ह,….
मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने अपना हाथ नीचे उसकी चूत की तरफ लेकर गया और उसकी सलवार को खोलने लगा सलवार खोलते वक़्त मैंने देखा की वो भी अपने होठो से अपने बूब्स को दबा रही है. फिर मैंने जब सलवार हलके से नीचे हटाया चादर के अन्दर ही तो वो अपनी गांड कमर को उठा कर अपनी सलवार को हटाने में मदद की. जब मैंने उसकी सलवार को नीचे कर दिया और उसकी पेंटी को भी खोल दिया, तब मैंने अपने हाथो से अनुभव किया की उसकी गांड मेरे सोच से भी ज्यादा हॉट है.
मैंने चादर के अन्दर ही अपने हाथो से उसकी गांड की फाक किया और अपना 8.5 इंच का लंड उसकी चूत में डालने लगा, मैं जैसे ही अपना लंड उसकी चूत की तरफ लेकर गया. वो थोड़ी सी हिली और पहले वाली स्थिति में आ गई. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के ऊपर रखा और एक जोरदार झटका दिया जिससे वो उफ्फ्फ्फ़.. आह्ह्ह्हह्ह.. हम्म्म्म… अह्ह्ह्ह…की आवाज करने लगी. मैं थोड़ी देर उसकी चूत में ऐसे ही लंड को डाले रहा और उसकी चूची को दबाने लगा. थोड़ी देर बाद मैं अपने लंड को झटके पे झटके मारने लगा.
मेरा लंड जब अन्दर जाता तो वो अपना गांड यानी चूत को आगे की और कर लेती इससे मुझे पता चला की उसका पति का लंड बहुत छोटा होगा. फिर करीब 15 मिनट तक मैंने अपने लंड से उसकी चूत में जोरदार धक्के के साथ चुदाई की और उसके बूब्स को मसला. तभी उसके बच्चे की रोने की आवाज आई. वो अपनी गांड को आगे की तरफ हटाकर चूत से मेरा लंड निकालने की कोशिश करने लगी. मैंने अपना लंड बाहर निकल दिया जैसे ही मैंने अपना लंड बाहर निकाला उसके चूत से ढेर सारा पानी निकल कर मेरी चादर में गिर गया.
वो उठी और अपना सलवार को उठाकर अपने बच्चे के पास पहुंची और उसे अपना दूध पिलाने लगी, जब वो उसे दूध पिला रही थी तो वो बार बार मेरी तरफ देखे जा रही थी. थोड़ी देर बाद वो बच्चे को सुलाकर मेरी तरफ आ गयी और फिर से लेट गयी लेकिन इस बार चादर नहीं ओढ़ी, फिर मैं उठा और उसको पूरा नंगा कर दिया और उसके दूध को चूसने लगा और उसका पैर उठाया और उसकी चूत में अपना लंड डाल कर खूब जोर जोर से चोदने लगा. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
वो मस्त हो गयी थी और उछल उछल कर मुझसे चुदवा रही थी और अह्ह्ह… अह्ह्ह्ह… अम्म्म… उफ्फ्फ…. अह्ह्ह्ह… की आवाज कर रही थी. मैंने उसे जोर जोर से चोदे जा रहा था करीब 30 मिनट बाद मैंने अपना पानी उसकी चूत में निकाल दिया और जब मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो उसकी चूत से ढेर सारा रस निकला, जिससे नीचे बिछी सीट पूरी भीग गयी. इससे मुझे पता चला की वो 20 से ज्यादा बार रस छोड़ चुकी थी.. उस रात मैंने उसके साथ 3 बार सेक्स किया और एक बार उसकी गांड भी मारी..!
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