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मैं किसी भी लण्ड से परहेज नहीं करती हूँ - Mujhe sabhi lund pasand aate hai
मैं किसी भी लण्ड से परहेज नहीं करती हूँ - Mujhe sabhi lund pasand aate hai , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
हां अंकल, जब भी कोई लण्ड मेरे हाथ में आता है तो मेरा मुंह पहले ही खुल जाता है। मैं लण्ड पहले मुंह में लेती हूँ बाद में बुर में ? कोई भी लण्ड बिना मेरे मुंह में घुसे मेरी बुर में नहीं घुस सकता। कभी कभी तो लण्ड मेरे मुंह में ही झड़ जाता है तब उसे मैं बड़े प्यार से पी जाती हूँ। मुझे लण्ड पीने में उतना ही मज़ा आता है जितना की बुर चुदवाने में ?
मैं बहन चोद बड़ी बेशरम हरामजादी और बिंदास लड़की हूँ। मेरा नाम समन हैं मैं २२ साल की बड़ी चुलबुली, खूबसूरत और हॉट लड़की हूँ। कॉलेज में पढ़ती हूँ, खूब गालियां बकती हूँ, शराब पीती हूँ लण्ड पीती हूँ और ब्लू फिल्मे देखती हूँ। मैं अपने आगे किसी भोसड़ी वाले की नहीं सुनती हूँ ? न माँ की, न बाप की और न दुनियां वालों की।
अंकल ने कहा - तो क्या यह सब तुझे तेरी माँ ने सिखाया ?
मैंने कहा - माँ का भोसड़ा बहन चोद ? मेरी माँ बुर चोदी बहुत हरामजादी थी। वह ग़ैर मर्दों से खूब चुदवाती थी। मैंने उसे कई बार दूसरे लोगों से चुदवाते हुए देखा और उनके लण्ड पीते हुए देखा। उसे तरह तरह के लण्ड पीने का और चुदवाने का बड़ा शौक था। एक दिन विदेशी लण्ड के चक्कर में वह मेरे बाप को तलाक देकर भाग गयी भोसड़ी वाली। मेरे अब्बू ने उसके बाद शादी नहीं की। कुछ दिन बाद मेरी अम्मी वापस आ गयी और फिर हलाला करके मेरी अब्बू की बीवी बन कर रहने लगी। मैं तब तक पूरी तरह जवान हो चुकी थी।
मैंने एक दिन पूंछा - अम्मी जान तुम विदेशी मरद के साथ क्यों भाग गयीं थीं।
वह बोली - अरी मेरी समन, मुझे उसका लण्ड पसंद आ गया तो मैं चुदवाने के लिए उसके साथ भाग गयी। लेकिन जब मुझे लगा की उसके लण्ड की चाहने वाली कई बीवियां हैं तो मैं खूब मस्ती से चुदवाकर एक दिन भाग निकली और वापस आ गयी।
मैंने कहा - तो फिर हलाला किससे करवाया।
वह बोली - एक मौलाना है मैं उसे जानती हूँ। उसका लौड़ा बड़ा भी है और मोटा भी ? मैंने उससे हलाला करवाया। एक बार नहीं रात में तीन बार हलाला करते हुए चुदवाया। अब मैं वापस आ गयी हूँ।
मैंने कहा - तू तो भोसड़ी वाली बहुत बड़ी चुदक्कड़ है अम्मी जान ?
वह बोली - अरे मेरी समन तुम कुछ भी कहो पर मैं बिना कई लोगों से चुदवाये रह नहीं सकती ? तेरी माँ का भोसड़ा साला बहुत आवारा हो गया है बेटी ? तेरी माँ की चूत बिना कई लोगों से चुदे रह नहीं सकती ?
मैंने कहा - तेरी बिटिया की बुर भी बिना कई लोगों से चुदे रह नहीं सकती अम्मी जान ? तेरी बुर, तेरी बिटिया की बुर दोनों एक ही जैसी हैं अम्मी जान ?
वह बोली - तो फिर तू चुदा अपनी माँ का भोसड़ा मैं चुदाऊँगी अपनी बिटिया की बुर ?
मुझे यह भी मालूम हुआ की मेरा अब्बू भी साला बड़ा चोदू आदमी है। उसे लोगों की बीवियां और उनकी बेटियां चोदने का बड़ा शौक है। वह लोगों की बीवियां और उनकी बड़ी बड़ी जवान और शादी शुदा बेटियां चोदने लगा। उसे दूसरे की बीवियां और उनकी बहू बेटियां चोदने का चस्का लग गया। एक दिन मैंने भी उसका खड़ा और हिनहिनाता हुआ लण्ड देख लिया। मेरी भी नियत उसके लण्ड पर ख़राब हो गयी और फिर मैंने भी उसका लण्ड बड़ी बेशर्मी से पकड़ लिया। रात का समय था। लण्ड मुझे इतना पसंद आया कि वह बहन चोद सीधे मेरे मुंह में चला गया। मेरे मुंह से गाली फूट पड़ी।
मैंने कहा - अब्बू तेरा बहन चोद लौड़ा तो बहुत ही मस्त है। आज मुझे मालूम हुआ की ये बीवियां तुमसे चुदवाने क्यों। बेटियां भी तुमसे चुदवाने क्यों आती है। मैंने तुमसे कई बेटियों को अपनी माँ चुदवाते हुए देखा है अब्बू जान। वह बोला हां बेटी देखा होगा। अरे कई लड़कियों मुझे अपने घर बुला बुला कर अपनी माँ चुदवाती हैं और कई माँ अपने घर मुझे बुला बुला कर अपनी बहू बेटियां चुदवाती हैं। सुआ की सीढ़ी बात यह है की हर औरत को बड़े और मोटे मोटे लण्ड पसंद हैं। मैंने कहा हां अब्बू कान यह बात तो सही है। तेरा लण्ड साला मोटा भी है बादभी है और सख्त भी। इसलिए सभी तेरे लण्ड की दीवानी हैं। मैं भी इसी चक्कर में तेरा लण्ड पकड़ लिया। तब तक मेरी खाला आ गयी तो बोली समन अच्छा किया तुमने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ लिया जब घर में इतना बढ़िया माल है तो उसका मज़ा क्यों न लिया जाए। वैसे भी जवानी लड़की को पूरी छूट होती है की वह किसी का भी लण्ड पकड़ सकती है चाहे वह लण्ड अब्बा का ही क्यों न हो। इसलिए तुम खूब मस्ती से अब्बू के लण्ड का मज़ा लूटो।
उस दिन सच में मुझे मज़ा खूब आया। मैंने जब आखिर में झड़ता हुआ लण्ड चाटा और उस्जक वीर्य पिया तो वह मुझे बहुत स्वादिस्ट लगा। खाला जान मुझे पूरे समय मस्ती से चुदवाते हुए और लण्ड पीते हुए देखती रहीं। वह मेरे गाल थपथपा कर बोली समन अब तू बुर चोदी एक मस्त जवान लड़की हो गयी है और तेरी चूत बड़े बड़े लण्ड खाने वाली हो गयी है। मुझे भी तेरे अब्बू का लण्ड बहुत पसंद है और मेरी बेटी को भी। उसने तो तेरे अब्बू के लण्ड की फोटो भी अपने मोबाईल में सेव कर रखी है। मैं यह जानकार और उत्तेजित हो गयी। मुझे सच में अब्बू के लण्ड पर फक्र होने लगा।
एक दिन मैंने अपनी सहेली मैंडी के घर गयी। वह एक क्रिश्चिएन लड़की है। मैं उसकी माँ से मिली। वह दोनों बैठी हुई शराब पी रही थीं। मैं भी उनके साथ शराब पीने लगी। उसकी माँ का नाम लूबिया है। वह ४४ साल की है और उसकी बेटी २२ साल की। थोड़ी देर मैंडी ने एक सिगरेट जलाई और अपनी माँ को पकड़ा दी, एक मुझे और एक उसने अपने मुँह में लगा ली।
हां अंकल, जब भी कोई लण्ड मेरे हाथ में आता है तो मेरा मुंह पहले ही खुल जाता है। मैं लण्ड पहले मुंह में लेती हूँ बाद में बुर में ? कोई भी लण्ड बिना मेरे मुंह में घुसे मेरी बुर में नहीं घुस सकता। कभी कभी तो लण्ड मेरे मुंह में ही झड़ जाता है तब उसे मैं बड़े प्यार से पी जाती हूँ। मुझे लण्ड पीने में उतना ही मज़ा आता है जितना की बुर चुदवाने में ?
मैं बहन चोद बड़ी बेशरम हरामजादी और बिंदास लड़की हूँ। मेरा नाम समन हैं मैं २२ साल की बड़ी चुलबुली, खूबसूरत और हॉट लड़की हूँ। कॉलेज में पढ़ती हूँ, खूब गालियां बकती हूँ, शराब पीती हूँ लण्ड पीती हूँ और ब्लू फिल्मे देखती हूँ। मैं अपने आगे किसी भोसड़ी वाले की नहीं सुनती हूँ ? न माँ की, न बाप की और न दुनियां वालों की।
अंकल ने कहा - तो क्या यह सब तुझे तेरी माँ ने सिखाया ?
मैंने कहा - माँ का भोसड़ा बहन चोद ? मेरी माँ बुर चोदी बहुत हरामजादी थी। वह ग़ैर मर्दों से खूब चुदवाती थी। मैंने उसे कई बार दूसरे लोगों से चुदवाते हुए देखा और उनके लण्ड पीते हुए देखा। उसे तरह तरह के लण्ड पीने का और चुदवाने का बड़ा शौक था। एक दिन विदेशी लण्ड के चक्कर में वह मेरे बाप को तलाक देकर भाग गयी भोसड़ी वाली। मेरे अब्बू ने उसके बाद शादी नहीं की। कुछ दिन बाद मेरी अम्मी वापस आ गयी और फिर हलाला करके मेरी अब्बू की बीवी बन कर रहने लगी। मैं तब तक पूरी तरह जवान हो चुकी थी।
मैंने एक दिन पूंछा - अम्मी जान तुम विदेशी मरद के साथ क्यों भाग गयीं थीं।
वह बोली - अरी मेरी समन, मुझे उसका लण्ड पसंद आ गया तो मैं चुदवाने के लिए उसके साथ भाग गयी। लेकिन जब मुझे लगा की उसके लण्ड की चाहने वाली कई बीवियां हैं तो मैं खूब मस्ती से चुदवाकर एक दिन भाग निकली और वापस आ गयी।
मैंने कहा - तो फिर हलाला किससे करवाया।
वह बोली - एक मौलाना है मैं उसे जानती हूँ। उसका लौड़ा बड़ा भी है और मोटा भी ? मैंने उससे हलाला करवाया। एक बार नहीं रात में तीन बार हलाला करते हुए चुदवाया। अब मैं वापस आ गयी हूँ।
मैंने कहा - तू तो भोसड़ी वाली बहुत बड़ी चुदक्कड़ है अम्मी जान ?
वह बोली - अरे मेरी समन तुम कुछ भी कहो पर मैं बिना कई लोगों से चुदवाये रह नहीं सकती ? तेरी माँ का भोसड़ा साला बहुत आवारा हो गया है बेटी ? तेरी माँ की चूत बिना कई लोगों से चुदे रह नहीं सकती ?
मैंने कहा - तेरी बिटिया की बुर भी बिना कई लोगों से चुदे रह नहीं सकती अम्मी जान ? तेरी बुर, तेरी बिटिया की बुर दोनों एक ही जैसी हैं अम्मी जान ?
वह बोली - तो फिर तू चुदा अपनी माँ का भोसड़ा मैं चुदाऊँगी अपनी बिटिया की बुर ?
मुझे यह भी मालूम हुआ की मेरा अब्बू भी साला बड़ा चोदू आदमी है। उसे लोगों की बीवियां और उनकी बेटियां चोदने का बड़ा शौक है। वह लोगों की बीवियां और उनकी बड़ी बड़ी जवान और शादी शुदा बेटियां चोदने लगा। उसे दूसरे की बीवियां और उनकी बहू बेटियां चोदने का चस्का लग गया। एक दिन मैंने भी उसका खड़ा और हिनहिनाता हुआ लण्ड देख लिया। मेरी भी नियत उसके लण्ड पर ख़राब हो गयी और फिर मैंने भी उसका लण्ड बड़ी बेशर्मी से पकड़ लिया। रात का समय था। लण्ड मुझे इतना पसंद आया कि वह बहन चोद सीधे मेरे मुंह में चला गया। मेरे मुंह से गाली फूट पड़ी।
मैंने कहा - अब्बू तेरा बहन चोद लौड़ा तो बहुत ही मस्त है। आज मुझे मालूम हुआ की ये बीवियां तुमसे चुदवाने क्यों। बेटियां भी तुमसे चुदवाने क्यों आती है। मैंने तुमसे कई बेटियों को अपनी माँ चुदवाते हुए देखा है अब्बू जान। वह बोला हां बेटी देखा होगा। अरे कई लड़कियों मुझे अपने घर बुला बुला कर अपनी माँ चुदवाती हैं और कई माँ अपने घर मुझे बुला बुला कर अपनी बहू बेटियां चुदवाती हैं। सुआ की सीढ़ी बात यह है की हर औरत को बड़े और मोटे मोटे लण्ड पसंद हैं। मैंने कहा हां अब्बू कान यह बात तो सही है। तेरा लण्ड साला मोटा भी है बादभी है और सख्त भी। इसलिए सभी तेरे लण्ड की दीवानी हैं। मैं भी इसी चक्कर में तेरा लण्ड पकड़ लिया। तब तक मेरी खाला आ गयी तो बोली समन अच्छा किया तुमने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ लिया जब घर में इतना बढ़िया माल है तो उसका मज़ा क्यों न लिया जाए। वैसे भी जवानी लड़की को पूरी छूट होती है की वह किसी का भी लण्ड पकड़ सकती है चाहे वह लण्ड अब्बा का ही क्यों न हो। इसलिए तुम खूब मस्ती से अब्बू के लण्ड का मज़ा लूटो।
उस दिन सच में मुझे मज़ा खूब आया। मैंने जब आखिर में झड़ता हुआ लण्ड चाटा और उस्जक वीर्य पिया तो वह मुझे बहुत स्वादिस्ट लगा। खाला जान मुझे पूरे समय मस्ती से चुदवाते हुए और लण्ड पीते हुए देखती रहीं। वह मेरे गाल थपथपा कर बोली समन अब तू बुर चोदी एक मस्त जवान लड़की हो गयी है और तेरी चूत बड़े बड़े लण्ड खाने वाली हो गयी है। मुझे भी तेरे अब्बू का लण्ड बहुत पसंद है और मेरी बेटी को भी। उसने तो तेरे अब्बू के लण्ड की फोटो भी अपने मोबाईल में सेव कर रखी है। मैं यह जानकार और उत्तेजित हो गयी। मुझे सच में अब्बू के लण्ड पर फक्र होने लगा।
एक दिन मैंने अपनी सहेली मैंडी के घर गयी। वह एक क्रिश्चिएन लड़की है। मैं उसकी माँ से मिली। वह दोनों बैठी हुई शराब पी रही थीं। मैं भी उनके साथ शराब पीने लगी। उसकी माँ का नाम लूबिया है। वह ४४ साल की है और उसकी बेटी २२ साल की। थोड़ी देर मैंडी ने एक सिगरेट जलाई और अपनी माँ को पकड़ा दी, एक मुझे और एक उसने अपने मुँह में लगा ली।
- उसने सबकी सिगरेट जलाई और अपनी माँ से बोली - कल वह लण्ड किसका था जो तुम चाट रही थीं मॉम ? जिसका सुपाड़ा एकदम लाल लाल टमाटर जैसा था।
- उसकी मॉम मुंह से धुंआ निकालती हुए बोली - बेटी, वह लण्ड मिस्टर अकरम का था ? वह मुस्लिम लण्ड था मैंडी। और मुस्लिम लण्ड के सुपाड़े बाहर ही निकले हुए होते हैं बेटी ? इनके लण्ड में सुपाड़े के ऊपर खाल नहीं पहुँचती। खाल बचपन में ही काट दी जाती है। इन्हे कटे लण्ड भी कहतें हैं।
- वह बोली - कुछ भी हो मॉम ? मुझे तो वह लण्ड बहुत पसंद आया और मैंने जब उससे चुदवाया तो पहले से ज्यादा मज़ा आया, मॉम।
- मैंने कहा - क्या तुम्हे मुस्लिम लण्ड ज्यादा पसंद हैं मैंडी ?
- वह बोली - नहीं यार, ऐसा नहीं है. लण्ड कैसा भी हो पर उसका सुपाड़ा खुल कर बाहर निकला हुआ होना चाहिए। मुझे वो लण्ड बिलकुल नहीं पसंद है जिनके सुपाड़े खुलते ही नहीं ?
- मैंने कहा - वाओ, तू इतनी छोटी उम्र में लण्ड के बारे में बहुत कुछ जान गई।
- वह बोली - ये मेरी मादर चोद मॉम हैं न ? इसमें मुझे सब तभी सिखा दिया था जब मैं १८ + की हो गयी थी।
- तब तक उसकी मॉम बोली - अरी बेटी समन, यह तो बुर चोदी १९ साल की उम्र में ही अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाने लगी थी। क्लब से सबके लण्ड पेलती थी ये अपनी माँ की चूत में ?
- वह बोली - और मेरी मॉम भी भोसड़ी वाली सबके लण्ड अपनी बिटिया की बुर में घुसाया करती थी। अब तो यह न मेरी मॉम है और न मैं इसकी बेटी। ये है मेरी बुर चोदी लूबिया और मैं हूँ इसकी बुर चोदी मैंडी। हम दोनों आपस में बेस्ट फ्रेंड है। तुम क्या करती हो समन ?
- मैंने कहा - मैं भी माँ चुदवाती हूँ अपनी।
- अच्छा यह बताओ तूने कभी अपने अब्बू का लण्ड पकड़ा है ? मेरी जितनी मुस्लिम फ्रेंड्स हैं वो सब अपने अब्बू का लण्ड पकड़ती है और अब्बू का लण्ड पीती हैं।
- मैंने जबाब दिया - मैं भी अब्बू का लण्ड पकड़ती हूँ, लण्ड पीती भी हूँ उसका। बड़ा मज़ा आता है।
- कभी अपने अब्बू का लण्ड मुझे भी पकड़ाओ समन ? मेरी भी बुर चुदवाओ उससे। मेरी माँ के भोसड़ा में पेलो अपने अब्बू का लण्ड ? मैं भी अपने दोस्तों के लण्ड पेलूँगी तेरी चूत में ?
- तो फिर आने वाले शनिवार को एक लण्ड पार्टी रख लो अपने घर में मैंडी ?
- हां ठीक है अगले शनिवार को तुम अपने अब्बू को लेकर मेरे घर आ जाना।
ऐसे ही एक दिन मैंने अपने एक और दोस्त पूजा बात्रा को फोन कर दिया।
- मैंने पूंछा - पूजा क्या कर रही तुम ?
- वह बोली - माँ चुदवा रही हूँ अपनी।
- यार इतना झूंठ मत बोलो। मुझे चूतिया मत बनाओ।
- नहीं यार मैं झूंठ नहीं बोल रही हूँ। सच बोल रही हूँ।
- अच्छा, क्या मैं आकर देखूं तुम्हे अपनी माँ चुदवाते हुए ?
- हां हां जरूर आकर देख लो अगर तुम्हे मुझ पर यकीन नहीं है तो ? मैं बाहर का दरवाजा खुला देती हूँ तुम सीधे मेरे बेड रूम में आ जाना।
वह बोली - यार आजकल हर दूसरी लड़की अपनी माँ चुदवाती है। मेरी सभी सहेलियां भोसड़ी की अपनी माँ चुदवाती हैं। रोज़ ही बहन चोद कोई न कोई लण्ड पेलती हैं अपनी माँ ाकि चूतमे। माँ भी बुर चोदी कम नहीं हैं। वे भी अपने दोस्तों के लण्ड अपनी बेटियों की बुर में घुसा देतीं हैं। अब ज़माना बदल गया है। अब तो मिल जुल कर चुदाई करने का ज़माना है। सामूहिक चुदाई का चलन है आजकल ? माँ चोदो चाहे बेटी, सास चोदो चाहे बहू, नन्द चोदो चाहे भौजाई लेकिन सब साथ मिल कर चोदो। मैं जहाँ जाती वही देखती की लोग सामूहिक चोदा चोदी कर रहें हैं। एक दिन मैं खाला के घर भी चली गयी। वह मुझसे मिली तो बहुत खुश हो गयी और मुझे अंदर कमरे में गईं। वहां मैंने देखा की उसकी बेटी नंगी नंगी किसी का लौड़ा पी रही है। खाला बोली ये अपने नंदोई का लण्ड पी रही है, समन।
तब तक एक आदमी बाथ रूम से निकला। वह भोसड़ा का एकदम नंगा था और उसका लण्ड खड़ा था। खाला उसका लण्ड पकड़ कर बोली ये है मेरी बेटी के ससुर का लण्ड। ये मुझे चोद रहा था। लेकिन अब ये तुम्हे चोदेगा समन। तुम बहुत अच्छे मौके पर आयी हो। इससे चुदवाकर तुम्हे बहुत मज़ा आएगा। उसका लण्ड साला घोड़े के लण्ड की तरह उछल रहा था। मेरा दिल उस पर आ गया। फिर मैंने हाथ बढ़कर लण्ड पकड़ ही लिया। उधर खाला ने मेरे कपड़े उतार कर मुझे बिलकुल नंगी कर दिया। उसका लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया। उस मादर चोद में एक ही धक्के में पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। पर मैं हंसती हुई भकाभक चुदवाने लगी। खाला बोली समन ये साला भोसड़ी का अपनी बहू की बुर चोदता है और आज देखो बहू की बहन की बुर चोद रहा है। मैं जान गयी की इसी तरह हर घर में चोदा चोदी है।
कुछ दिन बाद मेरी शादी हो गयी और मैं अपनी ससुराल चली गयी। जब मेरी सुहागरात थी तो मैं सोंच रही थी की पता नहीं की मेरे मियां का लौड़ा कैसा होगा ? उसका साइज क्या होगा और किस तरह चोदता होगा ? लेकिन जब उसने मुझे नंगी किया और मैंने उसे तो मैंने फटाक से उसका लण्ड पकड़ लिया। मेरे पकड़ते ही लण्ड बढ़ने लगा। वह साला ८" + हो गया तो मेरी जान में जान आयी। लौड़ा मेरे मन का निकला और उसने मुझे रात में दो बार चोदा ? उसके बाद वह चला गया। एक घंटे के बाद मेरी नन्द आयी और बोली भाभी जान मेरे भाई जान का लौड़ा पसंद आया ? मैंने कहा हां बहुत पसंद आया। तब वह बोली एक बात समझ लो भाभी जान तेरे शौहर का लण्ड सिर्फ तेरा ही नहीं है। वह कई बीवियों का, कई बहुओं का, कई बेटियों का, और कई अम्मियों का लण्ड है। सबको तेरे मियां का लण्ड पसंद है। मैंने कहा तो फिर सबके मियों का लण्ड, सबके बेटों के लण्ड, सबके दामादों के लण्ड और सबके अब्बू के लण्ड भी मेरे लण्ड हैं। मुझे भी सबके लण्ड पसंद हैं नन्द रानी ? वह समझ गयी की मैं ग़ैर मर्दों से भकाभक चुदवाने वाली बीवी हूँ।
उसने कहा भाभी जान तो फिर आज मैं अपने ससुर का लण्ड तेरी बुर में पेलूँगी। उसे मालूम था की उसका ससुर आज आने वाला है। शाम को जब वह आया तो उसने मुझे अपने ससुर से मिलवाया। ससुर ने मुझे हसरत भरी निगाहों से देखा तो मैं समझ गयी की यह भी भोसड़ी वाला चूत का दीवाना लगता है। इसने मेरी नन्द की बुर जरूर चोदी होगी। आज मैं इसका लौड़ा चोदूँगी। उसी समय नन्द का खालू भी आ गया। उसने मुझे अपने खालू से भी मिलवाया। वह भी मुझे बड़ा जवान और हैंडसम लगा। मैं मन ही मन उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगी। मेरी नन्द ने मेरे कमरे में ही इंतजाम कर रखा था। उसने उन दोनों को बुलाकर ड्रिंक चालू कर दी। तब मुझे मालूम हुआ की मेरी नन्द भी शराब खूब पीती है। मैं तो पीती ही हूँ और वो दोनों भी शराब पाकर मस्त होने लगे। नन्द अपने ससुर से बोली - भोसड़ी के ससुर जी मुझे सच सच बताओ की कल रात को तुमने किसकी बुर चोदी थी ? वह बोला कल रात को मैंने तेरी सास की बहन का भोसड़ा चोदा था। नन्द बोली हाय दईया तूने
अपनी साली की बुर ले ली। अपनी बहू की बुर तो चोदते हो और आज तेरी नज़र अपनी बहू की भाभी की बुर पर है ? वह बोला बहू रानी, मैं क्या करूँ ? मैं जब कोई नई नेवेली दुल्हन देखता हूँ तो मेरा लण्ड साला काबू के बाहर हो जाता है।
वह अपने ससुर के लण्ड पर हाथ रख कर कहा तो फिर दिखा दे न अपनी नई नवेली दुल्हन को अपना हरामजादा लण्ड ? नन्द ने उसके पैजामे का नाड़ा खोल डाला और उसमे अपना हाथ घुसेड़ दिया। वह लण्ड अंदर ही अंदर सहलाने लगी। लण्ड साला तन कर खड़ा हो गया तो नन्द ने पैजामा उतार कर फेंक दिया। वह नंगा हो गया और उसने लण्ड मेरे हाथ में रख दिया। नन्द मुझे लण्ड पकड़ाते हुए बोली लो भाभी संभालो अपनी नन्द के ससुर का लण्ड और पेलो इसे अपनी चूत में। मैं लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। तब नन्द ने खालू को नंगा कर दिया और बोली मादर चोद खालू तू भी भोसड़ी का मेरी भाभी की बुर लेने के इंतज़ार में बैठे हो। लेकिन तुम पहले मेरी बुर चाटो, मैं तेरा लण्ड चाटूँगी। अब क्जंरे में मैं नंगी मेरी नन्द नंगी, नन्द का ससुर नंगा और उसका खालू नंगा। मुझे तो दोनों के लण्ड देख देख कर ही मज़ा आने लगा। थोड़ी देर में उसका ससुर मुझे चोदने लगा और नन्द भी अपनी चूत फैलाकर अपने खालू से चुदवाने लगी। पहली बार हम दोनों एक दूसरे के सामने ही चुदवाने लगीं। मैंने मन में कहा मेरी नन्द बुर चोदी बड़ी बेशरम भी है और चुदक्कड़ भी।
फिर उन दोनों ने हमें पीछे से भी चोदा और लण्ड पे बैठा के भी चोदा। मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था। चुदाई एक बाद मैंने कहा नन्द रानी मेरी सास अगर देख लेतीं तो ,,,,,,,,,,,,,? वह बोली तेरी सास की बिटिया की बुर भाभी जान ? वह बुर चोदी तेरा क्या उखाड़ लेगी ? वह खुद ही इतने लण्ड पीती है जिसका कोई जबाब नहीं ? चल ज़रा मेरे साथ। वह मेरा हाथ पकड़ कर बगल के कमरे में ले गयी। वहां मैंने देखा कि मेरी सास नंगी नंगी दो लड़कों के लण्ड बारी बारी से चूस रही है। नन्द बोली एक तो मेरे जीजू का लण्ड है और दूसरा उसके दोस्त का लण्ड ? यानी मेरी अम्मी जान अपनी ही बेटी के मियां का लण्ड पीती है और उसके दोस्त का लण्ड भी पीती हैं। मैं आखिर तक अपनी सास की चुदाई बिना पलक झपकाये देखती रही।
एक दिन मैं अपने मियां के साथ अपने माईके आ गयी। उसी दिन मेरी खाला की बेटी अपने मियां के साथ आ गयी। हम सबने खूब एन्जॉय किया और बातें की। रात को मैंने उन दोनों को अपने कमरे में सुला लिया। रात के करीब २ बज चुके थे। मैं करवट बदल रही थी। वह भी करवट बदल रही थी। तभी मैंने अपने मियां का लण्ड बाहर निकाल लिया। उसने भी अपने मियां का लण्ड बाहर निकाल लिया। मैंने उसके मियां का लण्ड देखा उसने मेरे मियां का लण्ड देखा। मैं कपड़े उआतर कर नंगी हो गयी तो वह भी नंगी हो गयी। फिर मैंने हाथ बढाकर उसके मियां का लण्ड पकड़ लिया, उसने मेरे मियां का लण्ड पकड़ लिया। फिर मेरे मियां ने उसकी बुर चोदी और उसके मियां ने मेरी बुर चोदी। लण्ड की इस अदला बदली से बड़ा मज़ा आया। मेरी अम्मी ने रात भर क्या किया यह मुझे नहीं मालूम।
दूसरे दिन वह चली गयी और मैं खाला जान के घर चली गयी।
मैंने रात को अम्मी को फोन किया और पूंछा - इतनी रात गए तुम क्या कर रही तो तुम अम्मी जान ?
वह बोली - तेरे मियां का लण्ड पी रही हूँ, बेटी समन। पर तू क्या कर रही है भोसड़ी की ?
मैंने कहा - मैं तेरी बहन के मियां का लण्ड पी रही हूँ, अम्मी जान।
वह बोली - अच्छा तू मेरी बहन के मियां का भी लण्ड पीती है और उसकी बेटी के मियां का भी लण्ड पीती है। कल मैंने तुम दोनों की चुदाई रात भर देखती रही। लण्ड मुझे दोनों पसंद आ गए। तेरी खाला की बेटी के मियां का लण्ड तो चला गया इसलिए मैं तेरे मियां का लण्ड पीने लगी, बेटी । वह होता तो मैं उसका भी लण्ड पी लेती। तेरी माँ की चूत बेटी समन मैं किसी भी लण्ड से परहेज नहीं करती ? मैंने कहा तेरी बेटी की बुर अम्मी जान, मैं भी किसी लण्ड से परहेज नहीं करती...
तब तक एक आदमी बाथ रूम से निकला। वह भोसड़ा का एकदम नंगा था और उसका लण्ड खड़ा था। खाला उसका लण्ड पकड़ कर बोली ये है मेरी बेटी के ससुर का लण्ड। ये मुझे चोद रहा था। लेकिन अब ये तुम्हे चोदेगा समन। तुम बहुत अच्छे मौके पर आयी हो। इससे चुदवाकर तुम्हे बहुत मज़ा आएगा। उसका लण्ड साला घोड़े के लण्ड की तरह उछल रहा था। मेरा दिल उस पर आ गया। फिर मैंने हाथ बढ़कर लण्ड पकड़ ही लिया। उधर खाला ने मेरे कपड़े उतार कर मुझे बिलकुल नंगी कर दिया। उसका लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया। उस मादर चोद में एक ही धक्के में पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। पर मैं हंसती हुई भकाभक चुदवाने लगी। खाला बोली समन ये साला भोसड़ी का अपनी बहू की बुर चोदता है और आज देखो बहू की बहन की बुर चोद रहा है। मैं जान गयी की इसी तरह हर घर में चोदा चोदी है।
कुछ दिन बाद मेरी शादी हो गयी और मैं अपनी ससुराल चली गयी। जब मेरी सुहागरात थी तो मैं सोंच रही थी की पता नहीं की मेरे मियां का लौड़ा कैसा होगा ? उसका साइज क्या होगा और किस तरह चोदता होगा ? लेकिन जब उसने मुझे नंगी किया और मैंने उसे तो मैंने फटाक से उसका लण्ड पकड़ लिया। मेरे पकड़ते ही लण्ड बढ़ने लगा। वह साला ८" + हो गया तो मेरी जान में जान आयी। लौड़ा मेरे मन का निकला और उसने मुझे रात में दो बार चोदा ? उसके बाद वह चला गया। एक घंटे के बाद मेरी नन्द आयी और बोली भाभी जान मेरे भाई जान का लौड़ा पसंद आया ? मैंने कहा हां बहुत पसंद आया। तब वह बोली एक बात समझ लो भाभी जान तेरे शौहर का लण्ड सिर्फ तेरा ही नहीं है। वह कई बीवियों का, कई बहुओं का, कई बेटियों का, और कई अम्मियों का लण्ड है। सबको तेरे मियां का लण्ड पसंद है। मैंने कहा तो फिर सबके मियों का लण्ड, सबके बेटों के लण्ड, सबके दामादों के लण्ड और सबके अब्बू के लण्ड भी मेरे लण्ड हैं। मुझे भी सबके लण्ड पसंद हैं नन्द रानी ? वह समझ गयी की मैं ग़ैर मर्दों से भकाभक चुदवाने वाली बीवी हूँ।
उसने कहा भाभी जान तो फिर आज मैं अपने ससुर का लण्ड तेरी बुर में पेलूँगी। उसे मालूम था की उसका ससुर आज आने वाला है। शाम को जब वह आया तो उसने मुझे अपने ससुर से मिलवाया। ससुर ने मुझे हसरत भरी निगाहों से देखा तो मैं समझ गयी की यह भी भोसड़ी वाला चूत का दीवाना लगता है। इसने मेरी नन्द की बुर जरूर चोदी होगी। आज मैं इसका लौड़ा चोदूँगी। उसी समय नन्द का खालू भी आ गया। उसने मुझे अपने खालू से भी मिलवाया। वह भी मुझे बड़ा जवान और हैंडसम लगा। मैं मन ही मन उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगी। मेरी नन्द ने मेरे कमरे में ही इंतजाम कर रखा था। उसने उन दोनों को बुलाकर ड्रिंक चालू कर दी। तब मुझे मालूम हुआ की मेरी नन्द भी शराब खूब पीती है। मैं तो पीती ही हूँ और वो दोनों भी शराब पाकर मस्त होने लगे। नन्द अपने ससुर से बोली - भोसड़ी के ससुर जी मुझे सच सच बताओ की कल रात को तुमने किसकी बुर चोदी थी ? वह बोला कल रात को मैंने तेरी सास की बहन का भोसड़ा चोदा था। नन्द बोली हाय दईया तूने
वह अपने ससुर के लण्ड पर हाथ रख कर कहा तो फिर दिखा दे न अपनी नई नवेली दुल्हन को अपना हरामजादा लण्ड ? नन्द ने उसके पैजामे का नाड़ा खोल डाला और उसमे अपना हाथ घुसेड़ दिया। वह लण्ड अंदर ही अंदर सहलाने लगी। लण्ड साला तन कर खड़ा हो गया तो नन्द ने पैजामा उतार कर फेंक दिया। वह नंगा हो गया और उसने लण्ड मेरे हाथ में रख दिया। नन्द मुझे लण्ड पकड़ाते हुए बोली लो भाभी संभालो अपनी नन्द के ससुर का लण्ड और पेलो इसे अपनी चूत में। मैं लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। तब नन्द ने खालू को नंगा कर दिया और बोली मादर चोद खालू तू भी भोसड़ी का मेरी भाभी की बुर लेने के इंतज़ार में बैठे हो। लेकिन तुम पहले मेरी बुर चाटो, मैं तेरा लण्ड चाटूँगी। अब क्जंरे में मैं नंगी मेरी नन्द नंगी, नन्द का ससुर नंगा और उसका खालू नंगा। मुझे तो दोनों के लण्ड देख देख कर ही मज़ा आने लगा। थोड़ी देर में उसका ससुर मुझे चोदने लगा और नन्द भी अपनी चूत फैलाकर अपने खालू से चुदवाने लगी। पहली बार हम दोनों एक दूसरे के सामने ही चुदवाने लगीं। मैंने मन में कहा मेरी नन्द बुर चोदी बड़ी बेशरम भी है और चुदक्कड़ भी।
फिर उन दोनों ने हमें पीछे से भी चोदा और लण्ड पे बैठा के भी चोदा। मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था। चुदाई एक बाद मैंने कहा नन्द रानी मेरी सास अगर देख लेतीं तो ,,,,,,,,,,,,,? वह बोली तेरी सास की बिटिया की बुर भाभी जान ? वह बुर चोदी तेरा क्या उखाड़ लेगी ? वह खुद ही इतने लण्ड पीती है जिसका कोई जबाब नहीं ? चल ज़रा मेरे साथ। वह मेरा हाथ पकड़ कर बगल के कमरे में ले गयी। वहां मैंने देखा कि मेरी सास नंगी नंगी दो लड़कों के लण्ड बारी बारी से चूस रही है। नन्द बोली एक तो मेरे जीजू का लण्ड है और दूसरा उसके दोस्त का लण्ड ? यानी मेरी अम्मी जान अपनी ही बेटी के मियां का लण्ड पीती है और उसके दोस्त का लण्ड भी पीती हैं। मैं आखिर तक अपनी सास की चुदाई बिना पलक झपकाये देखती रही।
एक दिन मैं अपने मियां के साथ अपने माईके आ गयी। उसी दिन मेरी खाला की बेटी अपने मियां के साथ आ गयी। हम सबने खूब एन्जॉय किया और बातें की। रात को मैंने उन दोनों को अपने कमरे में सुला लिया। रात के करीब २ बज चुके थे। मैं करवट बदल रही थी। वह भी करवट बदल रही थी। तभी मैंने अपने मियां का लण्ड बाहर निकाल लिया। उसने भी अपने मियां का लण्ड बाहर निकाल लिया। मैंने उसके मियां का लण्ड देखा उसने मेरे मियां का लण्ड देखा। मैं कपड़े उआतर कर नंगी हो गयी तो वह भी नंगी हो गयी। फिर मैंने हाथ बढाकर उसके मियां का लण्ड पकड़ लिया, उसने मेरे मियां का लण्ड पकड़ लिया। फिर मेरे मियां ने उसकी बुर चोदी और उसके मियां ने मेरी बुर चोदी। लण्ड की इस अदला बदली से बड़ा मज़ा आया। मेरी अम्मी ने रात भर क्या किया यह मुझे नहीं मालूम।
दूसरे दिन वह चली गयी और मैं खाला जान के घर चली गयी।
मैंने रात को अम्मी को फोन किया और पूंछा - इतनी रात गए तुम क्या कर रही तो तुम अम्मी जान ?
वह बोली - तेरे मियां का लण्ड पी रही हूँ, बेटी समन। पर तू क्या कर रही है भोसड़ी की ?
मैंने कहा - मैं तेरी बहन के मियां का लण्ड पी रही हूँ, अम्मी जान।
वह बोली - अच्छा तू मेरी बहन के मियां का भी लण्ड पीती है और उसकी बेटी के मियां का भी लण्ड पीती है। कल मैंने तुम दोनों की चुदाई रात भर देखती रही। लण्ड मुझे दोनों पसंद आ गए। तेरी खाला की बेटी के मियां का लण्ड तो चला गया इसलिए मैं तेरे मियां का लण्ड पीने लगी, बेटी । वह होता तो मैं उसका भी लण्ड पी लेती। तेरी माँ की चूत बेटी समन मैं किसी भी लण्ड से परहेज नहीं करती ? मैंने कहा तेरी बेटी की बुर अम्मी जान, मैं भी किसी लण्ड से परहेज नहीं करती...
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