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सासू जी आज मैं तेरी बिटिया की बुर चोदूँगी - Saasu Ji Aaj Main Teri Bitiyan chodungi
सासू जी आज मैं तेरी बिटिया की बुर चोदूँगी - Saasu Ji Aaj Main Teri Bitiyan chodungi , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरी जब शादी हो रही थी तो मैं सोंच रही थी की मेरी सास कैसी होगी ? मेरी नन्द कैसी होगी ? मेरी उन दोनों से पटरी खायेगी की नहीं। मैं उनके साथ गुज़र बसर कर पाऊँगी की नहीं ? मुझे तो दो चीजों न बड़ा शौक है। एक तो गालियां देने का और दूसरे कई लोगों से चुदवाने का। मैं तो एक ही लण्ड के सहारे कभी रह ही नहीं सकती ? इस काम में मेरी बुर चोदी सास और नन्द मेरा साथ देंगीं की नहीं ? मैं कभी सास का भोसड़ा चोद पाऊँगी की नहीं ? कभी नन्द की बुर में लौड़ा घुसा पाऊँगी की नहीं ? मेरा मन है की मैं दोनों की चूत में अपने हाथ से लण्ड पेलूं ? मैं जब उनकी बुर में लण्ड पेलूँगी तो वे भी मेरी बुर में लण्ड पेलेंगी। एक बार यह सिलसिला चालू हो जाए तो ज़िन्दगी का मज़ा आ जाये ? मैं इस ताक में थी की कभी इन दोनों से खुल कर बात करने का मौक़ा मिले तो बात आगे बढे।
एक दिन अचानक मैंने देखा की दोनों आपसे में बातें कर रहीं हैं। मैं चुपचाप सुनने लगी।
सास बोल रही थी - बेटी सारा तू तो उसकी नन्द है बुर चोदी ? तू तो खुल कर बात कर सकती है अपनी भाभी जान से। तो फिर उससे पूंछो न की उसे किस तरह का लण्ड पसंद है ? दिन में कितने लण्ड लेती है। अपने माईके से किस किस से चुदवाकर कर आयी है ? कुछ गाली वगैरह देती है की नहीं ? उसकी चूत में आग है की नहीं और अगर है तो कितनी आग है ?
नन्द ने जबाब दिया - अरे अम्मी जान मैं सब पता लगा लूंगी। मैं भी उसे जान परख रही हूँ। मैं चाहती हूँ की वह कुछ खुल कर बोले ? एक बात है अम्मी जान की उसकी चूँचियाँ बहुत बड़ी बड़ी हैं इसका मतलब यह है की उसने अपनी चूचियां खूब मसलवाईं हैं। लण्ड तो वह जरूर पेलेगी अपनी सास के भोसड़ा में अम्मी जान और अपनी नन्द की बुर भी चोदेगी।
याद है न अम्मी, एक दिन हम दोनों इस मामले में बहुत दूर थीं। लेकिन जब मैं २१ साल की हुई तो तुमने मुझसे एक दिन कहा था भोसड़ी की सारा ले बुर चोदी पकड़ मेरे दोस्त का लण्ड और ठोंक दे अपनी माँ की चूत में ? तेरी बात सुनकर मैं भी जोश में आ गयी थी। मेरी चूत की आग बुरी तरह से भड़क उठी थी और तभी मैंने अंकल का लण्ड पकड़ा और ठोंक दिया था तेरी चूत में। तभी से हम दोनों एक दूसरे से खुल गयी और भकाभक चुदवाने लगीं। यही मैं भाभी के साथ करना चाहती हूँ। मैं किसी दिन किसी का लौड़ा उसे पकड़ा दूँगी और चोद डालूंगी उसकी बुर ? उसके बाद तो वह मेरी भी बुर चोदेगी और तेरा भी चोदेगी भोसड़ा, अम्मी जान ? मैं उन दोनों की बातें सुनकर गद गद हो गई।
मेरी नन्द बोली - भाभी, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा
मेरे भी मुंह से गालियां निकला पड़ी।
मैंने कहा - तेरी भाभी की सास का भोसड़ा, नन्द रानी।
वह जोर से हंसी और बोली - तेरी सास की बिटिया की बुर , भाभी जान।
मैंने भी उसी तरह उत्तर दिया - तेरी माँ की बहू बुर, नन्द रानी।
इतने में मेरी सास कमरे में आ गईं बोली - बहू, तेरी सास की बेटी की बुर बहू की चूत ? तेरी नन्द की माँ की चूत, बाप का लण्ड ? तेरी माँ का भोसड़ा बहन का लण्ड बहू रानी।
ऐसा कह कर सास ने मुझे गले लगा लिया और बोली हाय मेरी बहू रानी तू तो बिलकुल वैसी ही है जैसी तेरी भोसड़ी की सास है, तेरी बुर चोदी नन्द है ? मैंने कहा हां सासू जी, तेरी बहू की माँ का भोसड़ा ? तेरी बहू बड़ी हरामजादी है मादर चोद ? वहां अपनी माँ बहन चुदवाती है और यहाँ अपनी सास और नन्द चुदवाने के चक्कर में आयी है भोसड़ी वाली। वह बोली अरे बहू रानी मुझे ऐसी ही बहू चाहिए थी जो अपनी सास का भोसड़ा चुदवाये और नन्द की बुर ?
फिर हम तीनो एक दूसरे के गले मिलकर खूब एन्जॉय किया।
मेरा नाम लारा है और मैं इस घर की बहू बन कर आयो हूँ। मेरी शादी अभी एक महीने पहले ही हुई है। मैं २४ साल की हूँ, खूबसूरत हूँ, हॉट हूँ और बहुत बड़ी बुर चोदी हूँ मैं। मुझे १५ साल की उम्र में ही लण्ड पकड़ने की आदत पड़ गयी थी। मैं लण्ड पकड़ कर खूब सहलाती थी, हिलाती थी और फिर उसे मुंह में लेकर चाटती चूसती थी। धीरे धीरे लोगों ने मुझे मुठ्ठ मारना भी सिखा दिया। तभी मुझे मालून हुआ की मुठ्ठ मारना और सड़का मारना एक ही बात है। बस इसका नाम अलग अलग है। कोई लण्ड का सड़का मारना कहता है तो कोई मुठ्ठ मारना।मैं फिर मुठ्ठ मार कर लण्ड पीने लगी। पहले तो मुझे लण्ड का वीर्य बड़ा ख़राब लगता था लेकिन धीरे धीरे मुझे इसका स्वाद लग गया। मैं १६/१७ साल की उम्र में धकाधक सड़का मार मार कर लण्ड पीने लगी। १८ साल की उम्र पार करते ही लण्ड मेरी चूत में घुसने लगे। लोग मुझे चोदने लगे और मैं दनादन चुदवाने लगी।
पहले एक लण्ड घुसा फिर दूसरा लण्ड और फिर तीसरा चौथा घुसता ही रहा। शादी से पहले मैं दर्जनों लण्ड से चुदवा चुकी थी। मुझे चोदने वाले सब लड़के ही नहीं थे कुछ बड़े लोग भी थे। जैसे मेरे खालू ने मुझे चोदा, मामू जान ने अपना लण्ड मेरी चूत में पेला, उसके दो दोस्त मेरी बुर लेने लगे। मेरा फूफा भी भोसड़ी का मुझे चोदने लगा और एक दिन पड़ोस के अंकल ने भी लौड़ा मेरी चूत में घुसेड़ दिया। मैं सबसे बिंदास चुदवाने लगी। यह बात मेरी अम्मी तक पहुँच गयी। एक दिन मैं अपने कॉलेज के एक लड़के का लण्ड नंगी नंगी चूस रही थी। मैं समझी की घर में मैं अकेली हूँ और अम्मी बाहर गयी हैं। पर मैं गलत थी. अचानक अम्मी मेरे कमरे में आ गयी और मुझे लण्ड पीते हुए देख लिया। मैं वैसे ही रुक गयी। मेरा दोस्त भी रुक गया। उसका लण्ड सिकुड़ गया। अम्मी थोड़ी देर तक हम दोनों को देखती रहीं पर कुछ बोली नहीं। मैं डर गयी थी। थोड़ी देर में अम्मी मुस्कराई तो मेरी जान में जान आई। फिर उसनेआगे बढ़कर लण्ड पकड़ लिया। अम्मी प्यार से लण्ड सहलाने लगी। लण्ड के सुपाड़े की चुम्मी ली।
लण्ड फिर से तन कर खड़ा हो गया तो अम्मी बोली - तेरी माँ का भोसड़ा बेटी लारा ? तेरी माँ की चूत ? मुझे नहीं मालूम था की तू बुर चोदी इतनी अच्छी तरह लण्ड चूस लेती है। लण्ड तो इसका जबरदस्त है। इसे अपनी माँ की चूत में भी पेल देना, बेटी लारा । लो अब तुम लण्ड का सुपाड़ा चाटो मैं इसके पेल्हड़ चाटती हूँ। मैं अम्मी के मुंह से प्यार भरी गालियां सुनकर खुश हुई और मेरी शर्म गायब हो गयी। डर तो पहले ही निकल चुका था। मैं लण्ड दूनी मस्ती से चूसने लगी। उस दिन मैंने बड़ी बेशर्मी से अम्मी की चूत में अपने बॉय फ्रेंड का लण्ड पेल ही दिया। फिर अम्मी ने वही लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। हम दोनों माँ बेटी न होकर अब दोस्त बन चुकी थी और ज़िन्दगी का एक नया मज़ा लूटने लगीं।
अब मेरी शादी हो गयी है और मैं फिर से एक नयी ज़िन्दगी शुरू कर रही हूँ। मुझे डर था की मेरी सास जाने किस तरह की होंगी मेरी नन्द पता नहीं किस तरह की निकलेगी ? लेकिन आज मुझे ख़ुशी है की मेरी सास और नन्द दोनों ही मेरे स्वाभाव की हैं और अब मुझे न लण्ड की कमी होगी और न चोदने वालों की। मेरी सास नन्द दोनों बहन चोद बहुत बड़ी चुदक्कड़ हैं। मैं इन्ही के साथ नए नए लण्ड का मज़ा लेती रहूंगी। मैं ये सब सोंच सोंच कर मन ही मन मुस्करा रही थी।
तभी मेरी सास आ गयी और बोली - आज मैं तेरी नन्द की बुर में लौड़ा पेलूँगी बहू रानी।
इतने में मेरी नन्द आ गयी।
उसने देखा की मेरी सास खड़ी है तो वह अपनी माँ से बोली - आज मैं तेरी बहू की बुर में लौड़ा घुसेड़ दूँगी। आज मेरा मन तेरी बहू की बुर चोदने का है अम्मी जान ?
यह सब सुनकर मेरा भी मन बोल उठा।
मैंने कहा - सासू जी आज मैं तेरी बिटिया की बुर चोदूँगी और तेरे भोसड़ा में भी लौड़ा ठोंक दूँगी सासू जी।
सासू जी ने हँसते हुए कहा - मेरी गांड में तो नहीं ठोंकेगी लण्ड बहू रानी ? भोसड़ा में ठोंक देना तो चलेगा।
शाम को मेरी नन्द एक लड़के को लेकर मेरे पास आयी और बोली भाभी लो इससे मिलो ये है मेरा देवर नदीम। लेकिन इसे लोग प्यार से नंदू कहते हैं। मैंने उसे देखा तो मेरी चूत एकदम से गनगना उठी। मुझे लगा जी इसका लण्ड तो बिलकुल तरोताज़ा होगा। मुझे इसका लण्ड पीने में बड़ा मज़ा आएगा। मैं मन ही मन बड़ी खुश हो रही थी। मैंने उसे बैठा लिया और बातें करने लगी। नन्द बाहर किसी काम से चली गयी। तभी मेरी सास आ गयी। उसके साथ भी एक आदमी था। वह बोली बहू रानी इससे मिलो ये है मेरी सहेली का हसबैंड पीटर। इसकी बीवी जब बाहर चली जाती है तो यह मुझे चोदने मेरे घर चला आता है। मैंने उसे नंदू से भी मिलवा दिया। फिर हम सब एक ड्रिंक पार्टी में बैठ गए। पहला पैग शुरू की हुआ था की किसी ने दरवाजा खटखटा दिया। नन्द ने दरवाजा खोला तो वह बोला मैं लारा से मिलने आया हूँ। नन्द ने मुझे बुला लिया तो मैंने उसे देख कर कहा वाओ, जैकी तुम यहाँ ? वह बोला हां यार लारा मैं आज ही यहाँ आया हूँ तो मन हुआ की मैं तुमसे मिल लूँ। इसलिए मैं चला आया। मैंने उसे अपनी सास, नन्द और उन सबसे मिलवाया जो वहां बैठे थे। वह भी ड्रिंक्स में शामिल हो गया। हम सब एक दूसरे से खुल कर बातें करने लगे।
थोड़ा नशा चढ़ा तो मस्ती भी चढ़ गयी।
सास बोली - देखो भई मैंने तो बता दिया की पीटर मुझे चोदने आता है जब उसकी बीवी कहीं बाहर चली जाती है। मैं लण्ड को अच्छी तरह पहचानती हूँ। अँधेरे में भी कोई मुझे इसका लण्ड पकड़ा दे तो मैं बता दूँगी की यह पीटर का लण्ड है। और हां पीटर आज मैंने तुम्हे मुझे चोदने के लिए नहीं बुलाया है। आज तुम मेरी बेटी की चूत और बहू की बुर चोदोगे।
नन्द बोली - ये मेरा देवर नंदू है न ? मैंने उस दिन रात भर सुहागरात मनाई तो सवेरे सवेरे नंदू आ गया और बोला भाभी जी, अब तो भाई जान बाहर चले गएँ हैं अब तो मेरा लण्ड पकड़ लो प्लीज ? मैंने अपनी बड़ी भाभी को भी सवेरे सवेरे अपना लण्ड पकड़ा दिया था। उसने बड़े प्यार से पकड़ा था मेरा लण्ड तो तुम भी पकड़ लो न मेरा लण्ड प्लीज भाभी जान ? इसने इतने प्यार से कहा तो मैं मना न कर सकी और हाथ बढाकर पकड़ लिया इसका लण्ड। बस ये तो नंगा होकर मेरे ऊपर ही चढ़ बैठा और बोला भाभी अब तो मैं भी तेरी बुर लूंगा। फिर इसने मुझे बड़े प्यार से चोदा। आज ये मेरी माँ का भोसड़ा चोदेगा और मेरी भाभी की बुर ?
नंदू अपनी तारीफ सुनकर मुस्कराने लगा।
मैंने कहा - माईके में जैकी मेरा पड़ोसी है। एक दिन मैं छत पर गयी थी। चांदनी रात थी। यह भी अपनी छत पर था। उस समय मुझे लण्ड की बड़ी जरुरत थी तो मैंने इसे इशारा करके बुला लिया। यह मेरे पास आया तो मैंने इसके लण्ड पर हाथ मार कर कहा - तेरा लण्ड बहन चोद सो रहा है क्या ? वह मेरे मुंह से 'लण्ड' सुनकर जाग गया। मैंने उसके पैजामे में अपना हाथ घुसेड़ दिया। मेरा हाथ लण्ड से टकरा गया। मुझे यह भी मालूम हुआ की इसकी झांटें नहीं हैं। मैंने पूंछा क्या तूने अपनी झांटें आज ही बनाईं हैं। वह बोला नहीं मैंने नहीं बनाई मेरी भाभी ने बना दी हैं। मैंने कहा अच्छा तो तुम अपनी भाभी की बुर चोदते हो ? वह बोला हां यह बात तो सही है। मैंने कहा तो फिर मेरी भी बुर चोदो न प्लीज। मैंने उसका पैजामा खोल दिया तो वह बिलकुल नंगा हो गया। मैं लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। तब तक इसने मुझे भी नंगी कर दिया। मैं इसका लण्ड चाटने लगी और यह मेरी बुर ? फिर इसने मुझे रात में दो बार चोदा। आज ये मेरे सामने मेरी सास का भोसड़ा चोदेगा और मेरी नन्द की बुर में अपना लौड़ा घुसेड़ेगा।
इन सब बातों से लोग उत्तेजित हो गए। सबसे पहले मैंने जैकी का लौड़ा बाहर निकाला और उसे खड़ा किया। सबने बड़े प्यार से उसका लौड़ा देखा। मैंने लण्ड हिलाते हुए कहा यार जैकी आज तेरा कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा है /. वह बोला हां लारा आज मुझे तेरी नन्द की बुर लेनी है न ? मेरा लण्ड यही सोंच सोंच कर उछाल मार रहा है। फिर मैंने उसका लण्ड अपनी नन्द को पकड़ा दिया। वह बड़ी मस्ती से लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। उसने अपने देवर का लण्ड खोल कर निकाल लिया। उसे अपनी अम्मी के हाथ में पकड़ा दिया। उसकी अम्मी एकदम जाया ताज़ा लण्ड पाकर मस्त हो गयीं। उसने अपनी सहेली के हसबैंड पीटर का लण्ड मुझे पकड़ा दिया और कहा लो पीटर आज तुम मेरे सामने ही मेरी बहू की बुर चोदो। मैं पीटर का लण्ड पाकर ताबड़तोड़ उसकी कई चुम्मियाँ ले लीं। सबके हाथ में नया नया लण्ड आ गया और तब हमारे कपडे भी उतर गए। हम सब भोसड़ी वाली एकदम सबके सामने नंगी हो गयीं। इस तरह मेरी नन्द जैकी का लण्ड चाटने लगी, मैं पीटर का लण्ड चाटने लगी और मेरी सास नंदू का लण्ड।
सबसे पहले नंदू ने लण्ड सास की बुर में घुसा दिया और चोदने लगा। उसे देख कर जैकी मेरी नन्द की बुर चोदने लगा और पीटर ने लौड़ा मेरी चूत पेल दिया। वह भी सबकी तरह मुझे चोदने लगा। मैं बहन चोद बिंदास अपनी नन्द और सास के सामने धकाधक चुदवाने लगी।
सास को मस्ती सूझी तो वह बोली - अरी मेरी बुर चोदी बहू तुझे अपनी सास और नन्द के सामने खुल्लम खुल्ला चुदवाने में शर्म नहीं आ रही है ? तुझसे ज्यादा बेशर्म तो तेरी बुर है बहू जो दनादन लौड़ा खाती जा रही है।
मैंने कहा - अरे सासू जी इसमें शर्म की क्या बात है ? बुर बिचारी लौड़ा नहीं खायेगी तो क्या घास खायेगी ? बुर और शेरनी में कोई ख़ास फरक नहीं है सासू जी. शेरनी किसी का भी मांस खाती है लेकिन बुर केवल लण्ड का ही मांस खाती है। मेरी बुर भूंखी हैं सासू जी तो लण्ड जहाँ मिलेगा ये वहीँ खाने लगेगी।
सास बोली - तेरी माँ का भोसड़ा बहू रानी ? तू तो मुझसे भी ज्यादा चुदक्कड़ है मादर चोद ?
तब तक मेरी नन्द बोली - तेरी सास की बिटिया की बुर भाभी जान ? तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? चोदा चोदी में शर्म किस बात की ? जब मेरी माँ सबसे चुदवाती है बुर चोदी ? जब मेरी भाभी खुलेआम चुदवा रही है तो फिर मैं क्यों न चुदवाऊँ ?
मैंने कहा - तेरी बहन का लण्ड सासू जी, तेरी बिटिया की माँ का भोसड़ा ? आज मैं अपनी ही चूत नहीं बल्कि
सबकी चूत चोदूँगी। सबकी बुर में लण्ड पेलूँगी मैं। इन्हीं बातों से चुदाई में दूना मज़ा आने लगा। लोगों के लण्ड और जोश में आते गए। सबको चुदाई का मज़ा मिलने लगा। सब एक दूसरे को देख देख कर चोद भी रहे थे और सब चुदवा भी रहीं थीं।
एक दिन मैं अपनी खाला के घर चली गयी। मौसी ने कहा था की लारा तुम सीधे मेरे बेड रूम में ही आ जाना। दरवाजा बाहर का खुला रख दिया है। मैं अंदर घुस गयी। वहां का सीन जो मैंने देखा उसे देख कर हैरान हो गई। मैंने देखा की की रूम में चुदाई का बाज़ार लगा हुआ है। कई लोग कई लोगों की बहू बेटियां और बीवियां चोद रहे थे। कमरा बड़ा था। गर्मी के दिन थे लेकिन कमरे में दो दो ए सी लगा हुआ था। माहौल एकदम गरमागरम था। मैंने पहुँचते ही खाला जान की बात सुनी वह कह रही थी :-
मेरी बेटी बुर चोदी तेरी नन्द है बहू ? तूने अभी तक अपनी नन्द की बुर चोदी की नहीं ? लण्ड अपनी नन्द की बुर में पेला की नहीं ?
अब मैं यह जानना चाहती की यहाँ कौन कौन चुदवा रही है और कौन कौन चोद रहा है। मजे की बात यह थी की खाला भी नंगी नंगी एक लण्ड बड़ी मस्ती से आहिस्ते आहिस्ते सहला रहीं थी। एक बात समझ में आ गयी की वह अपने बहू से अपनी बेटी की बुर चुदवाना चाहती थीं। तब तक मेरे सामने ही उसकी बहू ने एक लण्ड अपनी नंद की चूत में पेल ही दिया। खाला की बेटी की बुर चुदने लगी। वह मस्त होने लगी तो उसने भी एक डायलॉग मार दिया।
वह बोली - मेरी सास बुर चोदी तेरी माँ है नन्द रानी ? तूने अभी तक अपनी माँ का भोसड़ा चोदा की नहीं ? लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेला की नहीं ?
यह सुनकर मेरी चूत की आग भड़क उठी। तब खाला जान ने बताया की लारा तू भी नंगी हो जा और चोद ले किसी भोसड़ी वाले का लण्ड ? आज मैं तुम्हे लण्ड चोदते हुए देखना चाहती हूँ। बहुत दिन हो गए मैंने तुझे चुदवाते हुए नहीं देखा।
तब तक खाला की बेटी बोली - मेरी भाभी बुर चोदी तेरी बहू है अम्मी जान ? तूने अभी तक अपनी बहू की बुर चोदी की नहीं ? लण्ड अपनी बहू की बुर में पेला की नहीं ?
चुदाई में मस्ती मैं आज पहली बार देख रही थी। खाला ने उठ कर एक लण्ड अपनी बहू की बुर में घुसा दिया। फिर वह घूमी और एक लण्ड मेरी भी चूत में पेल दिया।
मैं भी एक मंजी हुई रंडी की तरह चुदवाने लगी।
मेरी जब शादी हो रही थी तो मैं सोंच रही थी की मेरी सास कैसी होगी ? मेरी नन्द कैसी होगी ? मेरी उन दोनों से पटरी खायेगी की नहीं। मैं उनके साथ गुज़र बसर कर पाऊँगी की नहीं ? मुझे तो दो चीजों न बड़ा शौक है। एक तो गालियां देने का और दूसरे कई लोगों से चुदवाने का। मैं तो एक ही लण्ड के सहारे कभी रह ही नहीं सकती ? इस काम में मेरी बुर चोदी सास और नन्द मेरा साथ देंगीं की नहीं ? मैं कभी सास का भोसड़ा चोद पाऊँगी की नहीं ? कभी नन्द की बुर में लौड़ा घुसा पाऊँगी की नहीं ? मेरा मन है की मैं दोनों की चूत में अपने हाथ से लण्ड पेलूं ? मैं जब उनकी बुर में लण्ड पेलूँगी तो वे भी मेरी बुर में लण्ड पेलेंगी। एक बार यह सिलसिला चालू हो जाए तो ज़िन्दगी का मज़ा आ जाये ? मैं इस ताक में थी की कभी इन दोनों से खुल कर बात करने का मौक़ा मिले तो बात आगे बढे।
एक दिन अचानक मैंने देखा की दोनों आपसे में बातें कर रहीं हैं। मैं चुपचाप सुनने लगी।
सास बोल रही थी - बेटी सारा तू तो उसकी नन्द है बुर चोदी ? तू तो खुल कर बात कर सकती है अपनी भाभी जान से। तो फिर उससे पूंछो न की उसे किस तरह का लण्ड पसंद है ? दिन में कितने लण्ड लेती है। अपने माईके से किस किस से चुदवाकर कर आयी है ? कुछ गाली वगैरह देती है की नहीं ? उसकी चूत में आग है की नहीं और अगर है तो कितनी आग है ?
नन्द ने जबाब दिया - अरे अम्मी जान मैं सब पता लगा लूंगी। मैं भी उसे जान परख रही हूँ। मैं चाहती हूँ की वह कुछ खुल कर बोले ? एक बात है अम्मी जान की उसकी चूँचियाँ बहुत बड़ी बड़ी हैं इसका मतलब यह है की उसने अपनी चूचियां खूब मसलवाईं हैं। लण्ड तो वह जरूर पेलेगी अपनी सास के भोसड़ा में अम्मी जान और अपनी नन्द की बुर भी चोदेगी।
याद है न अम्मी, एक दिन हम दोनों इस मामले में बहुत दूर थीं। लेकिन जब मैं २१ साल की हुई तो तुमने मुझसे एक दिन कहा था भोसड़ी की सारा ले बुर चोदी पकड़ मेरे दोस्त का लण्ड और ठोंक दे अपनी माँ की चूत में ? तेरी बात सुनकर मैं भी जोश में आ गयी थी। मेरी चूत की आग बुरी तरह से भड़क उठी थी और तभी मैंने अंकल का लण्ड पकड़ा और ठोंक दिया था तेरी चूत में। तभी से हम दोनों एक दूसरे से खुल गयी और भकाभक चुदवाने लगीं। यही मैं भाभी के साथ करना चाहती हूँ। मैं किसी दिन किसी का लौड़ा उसे पकड़ा दूँगी और चोद डालूंगी उसकी बुर ? उसके बाद तो वह मेरी भी बुर चोदेगी और तेरा भी चोदेगी भोसड़ा, अम्मी जान ? मैं उन दोनों की बातें सुनकर गद गद हो गई।
- दूसरे दिन मेरी नन्द सवेरे सवेरे ही मेरे बिस्तर पर आ गयी और बोली - भाभी कैसा लग रहा है तुम्हे अपनी ससुराल में ?
- मैंने कहा - अभी तो अच्छा लग रहा है आगे अल्ला मालिक है ?
- अच्छा भाभी एक बात बताओ, तुम इतनी खूबसूरत हो की तेरे पर तो लड़के बहुत मरते होगें ?
- लड़कों का तो पता नहीं पर हां मरद बहुत मरते थे। भोसड़ी वाले अपनी लुंगी उठा उठा मुझे अपना लण्ड दिखाने की कोशिश किया करते थे।
- हाय दईया तुम गालियां दे लेती हो भाभी ?
- हां हां क्यों नहीं ? जो लड़की अपनी बुर देगी तो गालियां भी देगी और लण्ड भी पकड़ेगी।
- तो फिर किसी का लण्ड पकड़ा तुमने भाभी जान ?
- हां पकड़ा क्यों नहीं ? एक जवान लड़की के आगे लण्ड खड़ा हो और वह पकड़े नहीं ऐसा कैसे हो सकता है ?
- तो कितने लण्ड पकड़ कर आयी हो, भाभी जान ?
- गिना तो नहीं पर अब यहाँ और ज्यादा लण्ड पकड़ना चाहती हूँ अगर तुम थोड़ा सा साथ दो मेरा तो ?
- हां हां भाभी जान, बोलो मैं क्या साथ दूँ ?
- मुझे अपनी सास से थोड़ा डर लगता है नन्द रानी।
- उस बुर चोदी से क्या डरना भाभी जान ? तेरी सास की बिटिया की बुर ? उससे डरने की कोई जरुरत नहीं है यार। उसके भोसड़ा में तो लण्ड मैं पेलूँगी, भाभी।
मेरी नन्द बोली - भाभी, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा
मेरे भी मुंह से गालियां निकला पड़ी।
मैंने कहा - तेरी भाभी की सास का भोसड़ा, नन्द रानी।
वह जोर से हंसी और बोली - तेरी सास की बिटिया की बुर , भाभी जान।
मैंने भी उसी तरह उत्तर दिया - तेरी माँ की बहू बुर, नन्द रानी।
इतने में मेरी सास कमरे में आ गईं बोली - बहू, तेरी सास की बेटी की बुर बहू की चूत ? तेरी नन्द की माँ की चूत, बाप का लण्ड ? तेरी माँ का भोसड़ा बहन का लण्ड बहू रानी।
ऐसा कह कर सास ने मुझे गले लगा लिया और बोली हाय मेरी बहू रानी तू तो बिलकुल वैसी ही है जैसी तेरी भोसड़ी की सास है, तेरी बुर चोदी नन्द है ? मैंने कहा हां सासू जी, तेरी बहू की माँ का भोसड़ा ? तेरी बहू बड़ी हरामजादी है मादर चोद ? वहां अपनी माँ बहन चुदवाती है और यहाँ अपनी सास और नन्द चुदवाने के चक्कर में आयी है भोसड़ी वाली। वह बोली अरे बहू रानी मुझे ऐसी ही बहू चाहिए थी जो अपनी सास का भोसड़ा चुदवाये और नन्द की बुर ?
फिर हम तीनो एक दूसरे के गले मिलकर खूब एन्जॉय किया।
मेरा नाम लारा है और मैं इस घर की बहू बन कर आयो हूँ। मेरी शादी अभी एक महीने पहले ही हुई है। मैं २४ साल की हूँ, खूबसूरत हूँ, हॉट हूँ और बहुत बड़ी बुर चोदी हूँ मैं। मुझे १५ साल की उम्र में ही लण्ड पकड़ने की आदत पड़ गयी थी। मैं लण्ड पकड़ कर खूब सहलाती थी, हिलाती थी और फिर उसे मुंह में लेकर चाटती चूसती थी। धीरे धीरे लोगों ने मुझे मुठ्ठ मारना भी सिखा दिया। तभी मुझे मालून हुआ की मुठ्ठ मारना और सड़का मारना एक ही बात है। बस इसका नाम अलग अलग है। कोई लण्ड का सड़का मारना कहता है तो कोई मुठ्ठ मारना।मैं फिर मुठ्ठ मार कर लण्ड पीने लगी। पहले तो मुझे लण्ड का वीर्य बड़ा ख़राब लगता था लेकिन धीरे धीरे मुझे इसका स्वाद लग गया। मैं १६/१७ साल की उम्र में धकाधक सड़का मार मार कर लण्ड पीने लगी। १८ साल की उम्र पार करते ही लण्ड मेरी चूत में घुसने लगे। लोग मुझे चोदने लगे और मैं दनादन चुदवाने लगी।
पहले एक लण्ड घुसा फिर दूसरा लण्ड और फिर तीसरा चौथा घुसता ही रहा। शादी से पहले मैं दर्जनों लण्ड से चुदवा चुकी थी। मुझे चोदने वाले सब लड़के ही नहीं थे कुछ बड़े लोग भी थे। जैसे मेरे खालू ने मुझे चोदा, मामू जान ने अपना लण्ड मेरी चूत में पेला, उसके दो दोस्त मेरी बुर लेने लगे। मेरा फूफा भी भोसड़ी का मुझे चोदने लगा और एक दिन पड़ोस के अंकल ने भी लौड़ा मेरी चूत में घुसेड़ दिया। मैं सबसे बिंदास चुदवाने लगी। यह बात मेरी अम्मी तक पहुँच गयी। एक दिन मैं अपने कॉलेज के एक लड़के का लण्ड नंगी नंगी चूस रही थी। मैं समझी की घर में मैं अकेली हूँ और अम्मी बाहर गयी हैं। पर मैं गलत थी. अचानक अम्मी मेरे कमरे में आ गयी और मुझे लण्ड पीते हुए देख लिया। मैं वैसे ही रुक गयी। मेरा दोस्त भी रुक गया। उसका लण्ड सिकुड़ गया। अम्मी थोड़ी देर तक हम दोनों को देखती रहीं पर कुछ बोली नहीं। मैं डर गयी थी। थोड़ी देर में अम्मी मुस्कराई तो मेरी जान में जान आई। फिर उसनेआगे बढ़कर लण्ड पकड़ लिया। अम्मी प्यार से लण्ड सहलाने लगी। लण्ड के सुपाड़े की चुम्मी ली।
लण्ड फिर से तन कर खड़ा हो गया तो अम्मी बोली - तेरी माँ का भोसड़ा बेटी लारा ? तेरी माँ की चूत ? मुझे नहीं मालूम था की तू बुर चोदी इतनी अच्छी तरह लण्ड चूस लेती है। लण्ड तो इसका जबरदस्त है। इसे अपनी माँ की चूत में भी पेल देना, बेटी लारा । लो अब तुम लण्ड का सुपाड़ा चाटो मैं इसके पेल्हड़ चाटती हूँ। मैं अम्मी के मुंह से प्यार भरी गालियां सुनकर खुश हुई और मेरी शर्म गायब हो गयी। डर तो पहले ही निकल चुका था। मैं लण्ड दूनी मस्ती से चूसने लगी। उस दिन मैंने बड़ी बेशर्मी से अम्मी की चूत में अपने बॉय फ्रेंड का लण्ड पेल ही दिया। फिर अम्मी ने वही लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। हम दोनों माँ बेटी न होकर अब दोस्त बन चुकी थी और ज़िन्दगी का एक नया मज़ा लूटने लगीं।
अब मेरी शादी हो गयी है और मैं फिर से एक नयी ज़िन्दगी शुरू कर रही हूँ। मुझे डर था की मेरी सास जाने किस तरह की होंगी मेरी नन्द पता नहीं किस तरह की निकलेगी ? लेकिन आज मुझे ख़ुशी है की मेरी सास और नन्द दोनों ही मेरे स्वाभाव की हैं और अब मुझे न लण्ड की कमी होगी और न चोदने वालों की। मेरी सास नन्द दोनों बहन चोद बहुत बड़ी चुदक्कड़ हैं। मैं इन्ही के साथ नए नए लण्ड का मज़ा लेती रहूंगी। मैं ये सब सोंच सोंच कर मन ही मन मुस्करा रही थी।
तभी मेरी सास आ गयी और बोली - आज मैं तेरी नन्द की बुर में लौड़ा पेलूँगी बहू रानी।
इतने में मेरी नन्द आ गयी।
उसने देखा की मेरी सास खड़ी है तो वह अपनी माँ से बोली - आज मैं तेरी बहू की बुर में लौड़ा घुसेड़ दूँगी। आज मेरा मन तेरी बहू की बुर चोदने का है अम्मी जान ?
यह सब सुनकर मेरा भी मन बोल उठा।
मैंने कहा - सासू जी आज मैं तेरी बिटिया की बुर चोदूँगी और तेरे भोसड़ा में भी लौड़ा ठोंक दूँगी सासू जी।
सासू जी ने हँसते हुए कहा - मेरी गांड में तो नहीं ठोंकेगी लण्ड बहू रानी ? भोसड़ा में ठोंक देना तो चलेगा।
शाम को मेरी नन्द एक लड़के को लेकर मेरे पास आयी और बोली भाभी लो इससे मिलो ये है मेरा देवर नदीम। लेकिन इसे लोग प्यार से नंदू कहते हैं। मैंने उसे देखा तो मेरी चूत एकदम से गनगना उठी। मुझे लगा जी इसका लण्ड तो बिलकुल तरोताज़ा होगा। मुझे इसका लण्ड पीने में बड़ा मज़ा आएगा। मैं मन ही मन बड़ी खुश हो रही थी। मैंने उसे बैठा लिया और बातें करने लगी। नन्द बाहर किसी काम से चली गयी। तभी मेरी सास आ गयी। उसके साथ भी एक आदमी था। वह बोली बहू रानी इससे मिलो ये है मेरी सहेली का हसबैंड पीटर। इसकी बीवी जब बाहर चली जाती है तो यह मुझे चोदने मेरे घर चला आता है। मैंने उसे नंदू से भी मिलवा दिया। फिर हम सब एक ड्रिंक पार्टी में बैठ गए। पहला पैग शुरू की हुआ था की किसी ने दरवाजा खटखटा दिया। नन्द ने दरवाजा खोला तो वह बोला मैं लारा से मिलने आया हूँ। नन्द ने मुझे बुला लिया तो मैंने उसे देख कर कहा वाओ, जैकी तुम यहाँ ? वह बोला हां यार लारा मैं आज ही यहाँ आया हूँ तो मन हुआ की मैं तुमसे मिल लूँ। इसलिए मैं चला आया। मैंने उसे अपनी सास, नन्द और उन सबसे मिलवाया जो वहां बैठे थे। वह भी ड्रिंक्स में शामिल हो गया। हम सब एक दूसरे से खुल कर बातें करने लगे।
थोड़ा नशा चढ़ा तो मस्ती भी चढ़ गयी।
सास बोली - देखो भई मैंने तो बता दिया की पीटर मुझे चोदने आता है जब उसकी बीवी कहीं बाहर चली जाती है। मैं लण्ड को अच्छी तरह पहचानती हूँ। अँधेरे में भी कोई मुझे इसका लण्ड पकड़ा दे तो मैं बता दूँगी की यह पीटर का लण्ड है। और हां पीटर आज मैंने तुम्हे मुझे चोदने के लिए नहीं बुलाया है। आज तुम मेरी बेटी की चूत और बहू की बुर चोदोगे।
नन्द बोली - ये मेरा देवर नंदू है न ? मैंने उस दिन रात भर सुहागरात मनाई तो सवेरे सवेरे नंदू आ गया और बोला भाभी जी, अब तो भाई जान बाहर चले गएँ हैं अब तो मेरा लण्ड पकड़ लो प्लीज ? मैंने अपनी बड़ी भाभी को भी सवेरे सवेरे अपना लण्ड पकड़ा दिया था। उसने बड़े प्यार से पकड़ा था मेरा लण्ड तो तुम भी पकड़ लो न मेरा लण्ड प्लीज भाभी जान ? इसने इतने प्यार से कहा तो मैं मना न कर सकी और हाथ बढाकर पकड़ लिया इसका लण्ड। बस ये तो नंगा होकर मेरे ऊपर ही चढ़ बैठा और बोला भाभी अब तो मैं भी तेरी बुर लूंगा। फिर इसने मुझे बड़े प्यार से चोदा। आज ये मेरी माँ का भोसड़ा चोदेगा और मेरी भाभी की बुर ?
नंदू अपनी तारीफ सुनकर मुस्कराने लगा।
मैंने कहा - माईके में जैकी मेरा पड़ोसी है। एक दिन मैं छत पर गयी थी। चांदनी रात थी। यह भी अपनी छत पर था। उस समय मुझे लण्ड की बड़ी जरुरत थी तो मैंने इसे इशारा करके बुला लिया। यह मेरे पास आया तो मैंने इसके लण्ड पर हाथ मार कर कहा - तेरा लण्ड बहन चोद सो रहा है क्या ? वह मेरे मुंह से 'लण्ड' सुनकर जाग गया। मैंने उसके पैजामे में अपना हाथ घुसेड़ दिया। मेरा हाथ लण्ड से टकरा गया। मुझे यह भी मालूम हुआ की इसकी झांटें नहीं हैं। मैंने पूंछा क्या तूने अपनी झांटें आज ही बनाईं हैं। वह बोला नहीं मैंने नहीं बनाई मेरी भाभी ने बना दी हैं। मैंने कहा अच्छा तो तुम अपनी भाभी की बुर चोदते हो ? वह बोला हां यह बात तो सही है। मैंने कहा तो फिर मेरी भी बुर चोदो न प्लीज। मैंने उसका पैजामा खोल दिया तो वह बिलकुल नंगा हो गया। मैं लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। तब तक इसने मुझे भी नंगी कर दिया। मैं इसका लण्ड चाटने लगी और यह मेरी बुर ? फिर इसने मुझे रात में दो बार चोदा। आज ये मेरे सामने मेरी सास का भोसड़ा चोदेगा और मेरी नन्द की बुर में अपना लौड़ा घुसेड़ेगा।
इन सब बातों से लोग उत्तेजित हो गए। सबसे पहले मैंने जैकी का लौड़ा बाहर निकाला और उसे खड़ा किया। सबने बड़े प्यार से उसका लौड़ा देखा। मैंने लण्ड हिलाते हुए कहा यार जैकी आज तेरा कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा है /. वह बोला हां लारा आज मुझे तेरी नन्द की बुर लेनी है न ? मेरा लण्ड यही सोंच सोंच कर उछाल मार रहा है। फिर मैंने उसका लण्ड अपनी नन्द को पकड़ा दिया। वह बड़ी मस्ती से लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। उसने अपने देवर का लण्ड खोल कर निकाल लिया। उसे अपनी अम्मी के हाथ में पकड़ा दिया। उसकी अम्मी एकदम जाया ताज़ा लण्ड पाकर मस्त हो गयीं। उसने अपनी सहेली के हसबैंड पीटर का लण्ड मुझे पकड़ा दिया और कहा लो पीटर आज तुम मेरे सामने ही मेरी बहू की बुर चोदो। मैं पीटर का लण्ड पाकर ताबड़तोड़ उसकी कई चुम्मियाँ ले लीं। सबके हाथ में नया नया लण्ड आ गया और तब हमारे कपडे भी उतर गए। हम सब भोसड़ी वाली एकदम सबके सामने नंगी हो गयीं। इस तरह मेरी नन्द जैकी का लण्ड चाटने लगी, मैं पीटर का लण्ड चाटने लगी और मेरी सास नंदू का लण्ड।
सबसे पहले नंदू ने लण्ड सास की बुर में घुसा दिया और चोदने लगा। उसे देख कर जैकी मेरी नन्द की बुर चोदने लगा और पीटर ने लौड़ा मेरी चूत पेल दिया। वह भी सबकी तरह मुझे चोदने लगा। मैं बहन चोद बिंदास अपनी नन्द और सास के सामने धकाधक चुदवाने लगी।
सास को मस्ती सूझी तो वह बोली - अरी मेरी बुर चोदी बहू तुझे अपनी सास और नन्द के सामने खुल्लम खुल्ला चुदवाने में शर्म नहीं आ रही है ? तुझसे ज्यादा बेशर्म तो तेरी बुर है बहू जो दनादन लौड़ा खाती जा रही है।
मैंने कहा - अरे सासू जी इसमें शर्म की क्या बात है ? बुर बिचारी लौड़ा नहीं खायेगी तो क्या घास खायेगी ? बुर और शेरनी में कोई ख़ास फरक नहीं है सासू जी. शेरनी किसी का भी मांस खाती है लेकिन बुर केवल लण्ड का ही मांस खाती है। मेरी बुर भूंखी हैं सासू जी तो लण्ड जहाँ मिलेगा ये वहीँ खाने लगेगी।
सास बोली - तेरी माँ का भोसड़ा बहू रानी ? तू तो मुझसे भी ज्यादा चुदक्कड़ है मादर चोद ?
तब तक मेरी नन्द बोली - तेरी सास की बिटिया की बुर भाभी जान ? तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? चोदा चोदी में शर्म किस बात की ? जब मेरी माँ सबसे चुदवाती है बुर चोदी ? जब मेरी भाभी खुलेआम चुदवा रही है तो फिर मैं क्यों न चुदवाऊँ ?
मैंने कहा - तेरी बहन का लण्ड सासू जी, तेरी बिटिया की माँ का भोसड़ा ? आज मैं अपनी ही चूत नहीं बल्कि
एक दिन मैं अपनी खाला के घर चली गयी। मौसी ने कहा था की लारा तुम सीधे मेरे बेड रूम में ही आ जाना। दरवाजा बाहर का खुला रख दिया है। मैं अंदर घुस गयी। वहां का सीन जो मैंने देखा उसे देख कर हैरान हो गई। मैंने देखा की की रूम में चुदाई का बाज़ार लगा हुआ है। कई लोग कई लोगों की बहू बेटियां और बीवियां चोद रहे थे। कमरा बड़ा था। गर्मी के दिन थे लेकिन कमरे में दो दो ए सी लगा हुआ था। माहौल एकदम गरमागरम था। मैंने पहुँचते ही खाला जान की बात सुनी वह कह रही थी :-
मेरी बेटी बुर चोदी तेरी नन्द है बहू ? तूने अभी तक अपनी नन्द की बुर चोदी की नहीं ? लण्ड अपनी नन्द की बुर में पेला की नहीं ?
अब मैं यह जानना चाहती की यहाँ कौन कौन चुदवा रही है और कौन कौन चोद रहा है। मजे की बात यह थी की खाला भी नंगी नंगी एक लण्ड बड़ी मस्ती से आहिस्ते आहिस्ते सहला रहीं थी। एक बात समझ में आ गयी की वह अपने बहू से अपनी बेटी की बुर चुदवाना चाहती थीं। तब तक मेरे सामने ही उसकी बहू ने एक लण्ड अपनी नंद की चूत में पेल ही दिया। खाला की बेटी की बुर चुदने लगी। वह मस्त होने लगी तो उसने भी एक डायलॉग मार दिया।
वह बोली - मेरी सास बुर चोदी तेरी माँ है नन्द रानी ? तूने अभी तक अपनी माँ का भोसड़ा चोदा की नहीं ? लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेला की नहीं ?
यह सुनकर मेरी चूत की आग भड़क उठी। तब खाला जान ने बताया की लारा तू भी नंगी हो जा और चोद ले किसी भोसड़ी वाले का लण्ड ? आज मैं तुम्हे लण्ड चोदते हुए देखना चाहती हूँ। बहुत दिन हो गए मैंने तुझे चुदवाते हुए नहीं देखा।
तब तक खाला की बेटी बोली - मेरी भाभी बुर चोदी तेरी बहू है अम्मी जान ? तूने अभी तक अपनी बहू की बुर चोदी की नहीं ? लण्ड अपनी बहू की बुर में पेला की नहीं ?
चुदाई में मस्ती मैं आज पहली बार देख रही थी। खाला ने उठ कर एक लण्ड अपनी बहू की बुर में घुसा दिया। फिर वह घूमी और एक लण्ड मेरी भी चूत में पेल दिया।
मैं भी एक मंजी हुई रंडी की तरह चुदवाने लगी।
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