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अपनी अम्मी को अपने जेठ से चुदवा दिया - Jeth ke lund se karvayi Ammy ki chut chudai
अपनी अम्मी को अपने जेठ से चुदवा दिया - Jeth ke lund se karvayi Ammy ki chut chudai , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मैंने बड़े प्यार से कहा आज बहुत बढ़िया मौक़ा है मेरी बुर चोदी अम्मी जान। आज मेरा जेठ भी आया हुआ है और तेरा भी जेठ भी आया हुआ है। आज तो हम क्यों न चोदा चोदी का जश्न मनायें ? तुम मेरे आगे मेरे जेठ का लण्ड पियो और मैंने तेरे आगे तेरे जेठ का लण्ड पियूं। मैंने सुना है की तेरे जेठ का लण्ड बहुत जबरदस्त है। उसका लण्ड चोद चोद कर चूत के छक्के झुड़ा देता है।
अम्मी ने कहा हां बेटी तूने सही सुना है। मेरा जेठ जब भी तेरी माँ की बुर चोदता तो उसके छक्के छुड़ा देता है। और हां मैंने भी सुना है की तेरे जेठ का लण्ड सबकी बुर में चीथड़े उड़ाता है, मेरी भोसड़ी की बिटिया रानी। । मैंने कहा हां अम्मी जान तुमने सही सुना है , आज वह मेरी माँ की चूत में चीथड़े उड़ायेगा।
अम्मी ने कहा - भोसड़ी की रेशमा, तेरी माँ की चूत बेटी, लगता है आज तू अपनी माँ का भोसड़ा फड़वाएगी।
मैंने भी कहा - तेरी बिटिया की बुर, बुर चोदी शबाना आज तो तेरा भी मूड है अपनी बेटी चुदवाने का ? ऐसा मुझे दिखाई पड़। तू भी अपनी बिटिया की बुर फड़वायेगी। इतने में पीछे से आवाज़ आयी - अरी रेशमा ले तू मेरी बेटी के शौहर का लण्ड पी ले। मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वह मेरी फूफी जान थीं। मेरी फूफी जान मेरे ही मकान में ऊपर रहतीं हैं। वह एकदम नंगी नंगी एक लड़के का लण्ड पकड़े हुए खड़ीं थीं। मेरी निगाह लण्ड पर पड़ी तो मैं तो बहुत ही खुश हो गयी। मैंने कहा अरे फूफी जान तूने पिया है अपनी बेटी के मियां का लण्ड की नहीं ?
वह बोली - मैंने तो कल रात में इसका लण्ड तीन बार पिया। सवेरे उठ कर एक बार फिर लण्ड पिया। हर बार मुझे अपने दामाद से चुदवाने में बड़ा मज़ा आया। मैं चाहती थी की इसका लण्ड अपनी भाभी यानी तेरी अम्मी को भी पिलाऊँ इसलिए मैं लण्ड पकड़े हुए नंगी नंगी ही आ गयी। अब तू भी यहाँ लण्ड पीने का प्लान बना रही है तो तू भी पे ले इसका लण्ड। बड़ा मज़ा आएगा रेशमा।
मैंने कहा फूफी जान यह बता की जब तू अपनी बेटी के मियां से चुदवा रही थी तो तेरी बेटी क्या अपनी झांटें उखाड़ रही थी ? तुझे अपनी ही बेटी के मियां से चुदवाने में शर्म नहीं आई ? फूफी ने कहा शर्म तो उसे भी नहीं आती बहन चोद। वह भी मेरे आगे मेरे देवर से, मेरे नंदोई से और मेरे भाई जान से चुदवाया करती है। वह भोसड़ी की अपने नंदोई से चुदवा रही थी ? मेरी बेटी बहुत बड़ी हरामजादी है बुर चोदी, जाने कितने लोगों से चुदवाया करती है। मैंने कहा तू क्या कम हरामजादी है फूफी जान तू भी तो सैकड़ों लोगों से चुदवाती है। वह बोली बेटी रेशमा इस चूत के आगे किसी का बस नहीं है। मेरी चूत को हर रोज़ २/३ लण्ड चाहिए। ये बिना पराये मर्दों से चुदवाये रह ही नहीं सकती। मैंने फूफी के हाथ से लण्ड छीन लिया और उसका सुपाड़ा चाटने लगी। फूफी तो चली चली गई और उसके दामाद का लण्ड मेरे हाथ में ही रह गया।
रात का समय था। मेरी चूत ससुरी लण्ड खाने के लिए बेताब हो रही थी। अम्मी जान भी मेरी तरह अपनी चूत में लण्ड पेलवाने के लिए ब्याकुल हो रहीं थीं। तभी मैंने कहा की तू मेरे जेठ का लण्ड पी ले अम्मी जान तो उसने भी पलट कर कहा की तू मेरे जेठ का लण्ड का लण्ड पी ले बेटी रानी । हम दोनों इस बात पर राज़ी भी हो गयीं तभी फूफी ने मुझे दामाद लण्ड पकड़ा दिया और मैं उसका लण्ड मजे से चाटने लगी। इतने में मेरा जेठ शाहिर कमरे में आ गया। उसने मुझे लण्ड चाटते हुए देख लिया तो मुस्करा पड़ा। मैंने कहा जेठ जी अब भी तुम अपना लण्ड निकाल कर आ जाओ मेरे बगल में। शर्माना कैसा ? अपने भाई जान की बीवी चोदो। उसकी माँ चोदो और जवानी का मज़ा लूटो। ये बुर चोदो जवानी वरना है किस काम की ? ऐसा बोल करा मैंने लुंगी खेंच ली तो वह पूरा नंगा हो गया। उसका लौड़ा धीरे धीरे खड़ा होने लगा और मैं लण्ड सहलाने लगी। मैं अपने कपड़े खोल कर बड़ी बेशर्मी से अम्मी के सामने ही दोनों लण्ड बारी बारी से चूसने लगी।
इतने में अचानक अम्मी का जेठ अकमल भी कमरे में आ गया।
वह मेरी अम्मी से बोला - शबाना ये क्या हो रहा है ?
अम्मी ने जबाब दिया - कुछ नहीं जेठ जी, मेरी बेटी अपनी फूफी के दामाद का लण्ड पी रही है और दूसरे हाथ से अपने जेठ का लण्ड चाट रही है। अब जब मेरी बेटी अपने जेठ का लण्ड पी रही है तो मैं भी अपने जेठ का लण्ड पियूँगी। ऐसा कह कर अम्मी ने उसके पैजामे में हाथ घुसेड़ दिया। पैजामे का नाड़ा खोल डाला तो वह एकदम नंगा हो गया और उसका हाथ भर का लण्ड साला टन टनाने लगा। मेरी नज़र जेठ के लण्ड पर पड़ी तो मेरी चूत बुर चोदी बुरी चुदासी हो गयी। मेरे जेठ का लण्ड उतना मोटा नहीं था जितना मोटा अम्मी के जेठ के लण्ड था। अम्मी भी भोसड़ी की तब तक बिलकुल नंगी हो चुकी थी। मैं अम्मी के जेठ का जेठ का लण्ड अपने मुंह में लेना चाहती थी तो मैंने सोंचा की अगर मैं अपने जेठ का लण्ड अम्मी के मुंह में डाल दूँ तो वह भी अपने जेठ लण्ड मेरे मुंह में घुसेड़ देगी। इस तरह मेरी इच्छा पूरी हो जाएगी। उधर मेरे ऊपर वासना बुरी तरह सवार हो गयी।
इससे पहले आपको यह बताना चाहती हूँ की मैं अम्मी से कैसे गालियों से बातें करने अलगी। अम्मी मुझे बुर चोदी भोसड़ी वाली कहती हैं और मैं भी उसे बुर चोदी भोसड़ी वाली कहती हूँ। सच यह है की मेरी शादी के पहले मैं अम्मी को गालियां देते हुए सुनती थी और एन्जॉय करती थीं। इसी तरह जब मैं किसी और को गालियां देती थी तो अम्मी जान एन्जॉय करती थीं। मेरी शादी के बाद यह दशा बदल गयी। हम मुसलमानो में शादियां बहुत ही नजदीक रिश्ते दारों में हो जाती हैं। इसलिए शादी के बाद रिश्ते भी कई नये पैदा हो जातें हैं। जैसे की मेरी शादी के बाद मेरी अम्मी जान मेरी जेठानी बन गयी और मैं उसकी देवरानी। अब हम दोनों में तकरार भी होगी, गाली गलौज भी होगी और चोदा चोदी भी होगी। एक और रिश्ते में अम्मी मेरी नन्द बन गयी तब तो और मज़ा आ गया। अब नन्द अपनी भाभी की बुर चोदेगी और भाभी अपनी नन्द की बुर ? दोनों ही रिश्ते में हम माँ बेटीऔर ज्यादा खुल गईं।
एक दिन रात में मैं अपने कमरे में पोर्न फिल्म देख रही थी। मैं आधी से अधिक नंगी थी। इतने में अम्मी मेरे कमरे में आयीं और बोली - रेशमा, बेटी तेरी माँ का भोसड़ा ? इतनी रात गए क्या तू अपनी माँ चुदा रही है भोसड़ी वाली ? मैंने कहा - माँ तो अपनी ये फिल्म की हीरोइन चुदा रही है, अम्मी जान । देखो न कैसे लौड़ा अपनी माँ के भोसड़ा में पेल रही है। अम्मी बोली - हाय दईया कितना मोटा लण्ड है हरामजादा ? तबं तक पीछे एक नंगा आदमी आ गया। अम्मी ने उसका लण्ड मुझे दिखाते कहा रेशमा मैं यही लौड़ा तेरी चूत में पेलने आयी हूँ। आज मैं अपनी देवरानी की बुर चोदने आयी हूँ।अम्मी के इस बदलाव से मैं भी उत्तेजित हो गयी। असली खड़ा लण्ड देखा तो मैंने पोर्न फिल्म से नज़रें हटा कर लण्ड पे टिका और लण्ड हाथ में ले लिया। अम्मी ने इतने में मेरे बाकी कपड़े भी उतार दिया। मैं लण्ड मुंह में लेकर पीने लगी तो अम्मी उसके पेल्हड़ सहलाने लगीं। अम्मी ने थोड़ी देर बाद लण्ड मेरी चूत में पेल दिया। मेरे मुंह से निकला तेरी बिटिया की बुर भोसड़ी की शबाना। तू बहन चोद बहुत ज्यादा ही हरामजादी है। थोड़ी देर तक चुदाने के बाद मैंने कहा अम्मी जान, अब मैं इसी लण्ड से अपनी जेठानी की बुर चोदूँगी। मैंने लण्ड अम्मी की चूत में घुसेड़ दिया।
बस उसी दिन से मैं अम्मी के साथ बुरी तरह खुल गयी और एक दूसरे की बुर चोदने लगी, गाली देने लगी और लण्ड पीने लगी।
आईये फिर वही चलें जहाँ मैं अपने जेठ का लण्ड पी रही हूँ और अम्मी अपने जेठ का लण्ड। मैंने अम्मी से बड़े प्यार से अपने जेठ का लण्ड दिखाते हुए कहा - लो मेरे जेठ का लण्ड पी लो,अम्मी जान। मज़ा आ जायेगा तुझे इसका लण्ड पीन में ? वह लण्ड दिखती हुई बोली - रेशमा बेटी, ले तू भी पी ले मेरे जेठ का लण्ड ? तुझे भी मज़ा आएगा और तेरी चूत को भी। फिर हम दोनों खिलखिलाकर हंसने लगी। हमारे लण्ड बदल गए। मैं अम्मी के जेठ का लण्ड पीने लगी और अम्मी मेरे जेठ का लण्ड। मुझे उसके जेठ के लण्ड का सुपाड़ा बड़ा प्यारा और खूबसूरत लग रहा था। मैं तो सुपाड़े में ही खो गयी। तब तक अम्मी ने मेरे हाथ से फूफी के दामाद का लण्ड भी ले लिया। अम्मी के जेठ अजमल का लण्ड ८१/२" का था और उसका गोल गोल गोरा चिट्टा सुपाड़ा पूरा मेरे मुंह में घुस गया। मुझे बिना झांट वाला गोरा लण्ड बहुत ही पसंद है। हालांकि मेरे जेठ का लण्ड भी बिना झांट का और गोरा चिट्टा है।
लण्ड पीते पीते मैंने चूत में घुसेड़ लिया और चुदवाने लगी। थोड़ी देर में मैंने देखा की मेरा जेठ भी मेरी माँ का भोसड़ा चोदने लगा। बोली रेशमा ले देख बुर चोदी तेरी जेठानी का भोसड़ा कितनी मस्ती से चुद रहा है। मैंने भी कहा अरे हां तुम भी देख ले शबाना की तेरी देवरनी की बुर कितने मज़े से चोदी जा रही है। हम दोनों आज पहली बार इतनी नजदीकियां से अपनी अपनी बुर चुदवा रही थी की चुदाई की आवाज़ सीधे हमारे कानो ने गूंज रहीं थीं। मेरी गांड अम्मी के मुंह की तरह थी और उसका मुंह मेरी गांड की तरफ . मैं अम्मी की चूत में लण्ड आते जाते देख रही थी और वह मेरी चूत में। अम्मी का जेठ तो मेरे अब्बू का बड़ा भाई जान है। मैं उसी का लण्ड चूत में पेले हुए चुदवा रही हूँ। इसी तरह अम्मी भी मेरे शौहर के बड़े भाई जान से चुदवा रहीं हैं। फिर हम दोनों पीछे से चुदवाने लगीं जी हां बिलकुल कुतिया की तरह ? सच पूंछा जाए तो हम सब कुतिया ही हैं जिसे जो भी कुत्ता चाहे, चोद ले।
थोड़ी देर में मुझे लगा की अजमल अब झड़ने वाला तो मैंने घूम कर उसका लण्ड मुठ्ठी में ले लिया। मैं लण्ड के सड़का मारने लगी। तभी अम्मी भी मेरे जेठ के लण्ड का सड़का मारने लगीं। मैं उसके जेठ का झड़ता हुआ लण्ड पीने लगी और वह मेरे जेठ का झड़ता हुआ लण्ड ?
एक दिन मेरे अम्मी के जेठ की बेटी नज़मा मेरे पास आयी।
लिया और मुस्कराकर कहा वाओ, लौड़ा तो भोसड़ी का बड़ा जबरदस्त है तेरे मियां का नज़मा ? ये तो मेरी माँ का भोसड़ा भी फाड़ डालेगा ? तब तक उसके दोस्त रफीक का लौड़ा भी बाहर आ गया। मैंने कहा हाय दईया उसका भी लण्ड बड़ा मोटा तगड़ा है। वह बोली हां दीदी मेरे मियां को मालूम है की मुझे मोटा लण्ड पसंद है इसलिए वह ऐसे ही दोस्त को मेरे पास लाता है जिसका लण्ड मोटा हो ? पिछली बार जिसका लण्ड मेरी चूत में पेला था उसका भी लण्ड इसी तरह मोटा था। वह रफीक का लण्ड मुंह में लेकर चाटने लगी और मैं उसके मियां रफत का लण्ड। फिर मैं भी नंगी हो गयी और नज़मा भी।
नज़मा बोली - दीदी मेरे मियां को अपने दोस्तों से अपनी बीवी चुदवाने का बड़ा शौक है। मैं उसके शौक को हर हाल में पूरा करती हूँ। अब मुझे भी उसका लण्ड किसी और की बीवी की बुर में घुसाने का शौक पैदा हो गया है। इसलिए मैं तुम्हे यहाँ लेकर आ गयी दीदी। अब तुम मजे से मेरे मियां का लण्ड पियो और मैं उसके दोस्त का लण्ड पीती हूँ।
मैं मस्ती से नंगी नंगी रफत का लण्ड पीने लगी और वह रफीक का लण्ड। हम दोनों एकदम अगल बगल थीं और एक दूसरे को लण्ड पीते हुए देख रहीं थीं। मैंने कहा नज़मा तेरे मियां का लौड़ा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। ऐसा कह कर मैंने लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ लिया ा. लण्ड जैसे ही अंदर घुसा वैसे ही मैं चिल्ला पड़ी - उई माँ फाड़ डाला इस मादर चोद ने मेरी बुर ? बड़ा मोटा है इसका लण्ड ? मेरी तो जान निकली जा रही है। साला लौड़ा तो मेरी माँ का भोसड़ा भी फाड़ डालेगा। नज़मा तो बड़ी नसीबवाली है जिसके मरद का लण्ड इतना मोटा है। मैं इसे अपनी सास की बुर में पेलूँगी और अपनी नन्द की चूत में भी। मैं मस्ती से धकाधक चुदवाने लगी. मुझे देख कर नज़मा अपने मियां से के चुदवाने लगी। वह अपनी गांड उठा था क मज़ा लेना लगी और बोली दीदी तेरे जेठ का लण्ड भी बड़ा मोटा है। .
मैंने पूंछा तुम्हे कैसे मालूम तूने तो अभी मेरे जेठ का लण्ड देखा ही नहीं। वह बोली अरे दीदी मैं यहाँ तेरे सामने चुदवा रही हूँ उधर मेरी अम्मी मेरी चची जान के सामने तेरे जेठ का लण्ड पी रही हैं। माइए पूंछा तो फिर तेरी चची जान क्या कर रहीं हैं ? वह बोली मेरी चच्ची जान अपने देवर का लण्ड पीए रही है। वो दोनों एक साथ एक ही कमरे में चुदवा रहीं है जैसे हम दोनों यहाँ एक ही कमरे में चुदवा रहीं हैं।
मैंने कहा - नज़मा तेरी माँ की चूत बहन चोद तेरा कुनबा साला पराये मर्दों के लण्ड ही पीता रहता है ?
वह बोली - ज़िन्दगी में ग़ैर मर्दों के लण्ड पीने से बेहतर और है ही क्या मेरी बुर चोदी दीदी ? तेरी बुर, तेरी माँ का भोसड़ा ? कल मैं तेरे सामने तेरे अब्बू का लण्ड पियूँगी और मेरी अम्मी तेरे मियां का लण्ड पियेगी।
फिर हम दोनों ने रात भर लण्ड अदल बदल कर खूब चुदवाया।
मैंने बड़े प्यार से कहा आज बहुत बढ़िया मौक़ा है मेरी बुर चोदी अम्मी जान। आज मेरा जेठ भी आया हुआ है और तेरा भी जेठ भी आया हुआ है। आज तो हम क्यों न चोदा चोदी का जश्न मनायें ? तुम मेरे आगे मेरे जेठ का लण्ड पियो और मैंने तेरे आगे तेरे जेठ का लण्ड पियूं। मैंने सुना है की तेरे जेठ का लण्ड बहुत जबरदस्त है। उसका लण्ड चोद चोद कर चूत के छक्के झुड़ा देता है।
अम्मी ने कहा हां बेटी तूने सही सुना है। मेरा जेठ जब भी तेरी माँ की बुर चोदता तो उसके छक्के छुड़ा देता है। और हां मैंने भी सुना है की तेरे जेठ का लण्ड सबकी बुर में चीथड़े उड़ाता है, मेरी भोसड़ी की बिटिया रानी। । मैंने कहा हां अम्मी जान तुमने सही सुना है , आज वह मेरी माँ की चूत में चीथड़े उड़ायेगा।
अम्मी ने कहा - भोसड़ी की रेशमा, तेरी माँ की चूत बेटी, लगता है आज तू अपनी माँ का भोसड़ा फड़वाएगी।
मैंने भी कहा - तेरी बिटिया की बुर, बुर चोदी शबाना आज तो तेरा भी मूड है अपनी बेटी चुदवाने का ? ऐसा मुझे दिखाई पड़। तू भी अपनी बिटिया की बुर फड़वायेगी। इतने में पीछे से आवाज़ आयी - अरी रेशमा ले तू मेरी बेटी के शौहर का लण्ड पी ले। मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वह मेरी फूफी जान थीं। मेरी फूफी जान मेरे ही मकान में ऊपर रहतीं हैं। वह एकदम नंगी नंगी एक लड़के का लण्ड पकड़े हुए खड़ीं थीं। मेरी निगाह लण्ड पर पड़ी तो मैं तो बहुत ही खुश हो गयी। मैंने कहा अरे फूफी जान तूने पिया है अपनी बेटी के मियां का लण्ड की नहीं ?
वह बोली - मैंने तो कल रात में इसका लण्ड तीन बार पिया। सवेरे उठ कर एक बार फिर लण्ड पिया। हर बार मुझे अपने दामाद से चुदवाने में बड़ा मज़ा आया। मैं चाहती थी की इसका लण्ड अपनी भाभी यानी तेरी अम्मी को भी पिलाऊँ इसलिए मैं लण्ड पकड़े हुए नंगी नंगी ही आ गयी। अब तू भी यहाँ लण्ड पीने का प्लान बना रही है तो तू भी पे ले इसका लण्ड। बड़ा मज़ा आएगा रेशमा।
मैंने कहा फूफी जान यह बता की जब तू अपनी बेटी के मियां से चुदवा रही थी तो तेरी बेटी क्या अपनी झांटें उखाड़ रही थी ? तुझे अपनी ही बेटी के मियां से चुदवाने में शर्म नहीं आई ? फूफी ने कहा शर्म तो उसे भी नहीं आती बहन चोद। वह भी मेरे आगे मेरे देवर से, मेरे नंदोई से और मेरे भाई जान से चुदवाया करती है। वह भोसड़ी की अपने नंदोई से चुदवा रही थी ? मेरी बेटी बहुत बड़ी हरामजादी है बुर चोदी, जाने कितने लोगों से चुदवाया करती है। मैंने कहा तू क्या कम हरामजादी है फूफी जान तू भी तो सैकड़ों लोगों से चुदवाती है। वह बोली बेटी रेशमा इस चूत के आगे किसी का बस नहीं है। मेरी चूत को हर रोज़ २/३ लण्ड चाहिए। ये बिना पराये मर्दों से चुदवाये रह ही नहीं सकती। मैंने फूफी के हाथ से लण्ड छीन लिया और उसका सुपाड़ा चाटने लगी। फूफी तो चली चली गई और उसके दामाद का लण्ड मेरे हाथ में ही रह गया।
रात का समय था। मेरी चूत ससुरी लण्ड खाने के लिए बेताब हो रही थी। अम्मी जान भी मेरी तरह अपनी चूत में लण्ड पेलवाने के लिए ब्याकुल हो रहीं थीं। तभी मैंने कहा की तू मेरे जेठ का लण्ड पी ले अम्मी जान तो उसने भी पलट कर कहा की तू मेरे जेठ का लण्ड का लण्ड पी ले बेटी रानी । हम दोनों इस बात पर राज़ी भी हो गयीं तभी फूफी ने मुझे दामाद लण्ड पकड़ा दिया और मैं उसका लण्ड मजे से चाटने लगी। इतने में मेरा जेठ शाहिर कमरे में आ गया। उसने मुझे लण्ड चाटते हुए देख लिया तो मुस्करा पड़ा। मैंने कहा जेठ जी अब भी तुम अपना लण्ड निकाल कर आ जाओ मेरे बगल में। शर्माना कैसा ? अपने भाई जान की बीवी चोदो। उसकी माँ चोदो और जवानी का मज़ा लूटो। ये बुर चोदो जवानी वरना है किस काम की ? ऐसा बोल करा मैंने लुंगी खेंच ली तो वह पूरा नंगा हो गया। उसका लौड़ा धीरे धीरे खड़ा होने लगा और मैं लण्ड सहलाने लगी। मैं अपने कपड़े खोल कर बड़ी बेशर्मी से अम्मी के सामने ही दोनों लण्ड बारी बारी से चूसने लगी।
इतने में अचानक अम्मी का जेठ अकमल भी कमरे में आ गया।
वह मेरी अम्मी से बोला - शबाना ये क्या हो रहा है ?
अम्मी ने जबाब दिया - कुछ नहीं जेठ जी, मेरी बेटी अपनी फूफी के दामाद का लण्ड पी रही है और दूसरे हाथ से अपने जेठ का लण्ड चाट रही है। अब जब मेरी बेटी अपने जेठ का लण्ड पी रही है तो मैं भी अपने जेठ का लण्ड पियूँगी। ऐसा कह कर अम्मी ने उसके पैजामे में हाथ घुसेड़ दिया। पैजामे का नाड़ा खोल डाला तो वह एकदम नंगा हो गया और उसका हाथ भर का लण्ड साला टन टनाने लगा। मेरी नज़र जेठ के लण्ड पर पड़ी तो मेरी चूत बुर चोदी बुरी चुदासी हो गयी। मेरे जेठ का लण्ड उतना मोटा नहीं था जितना मोटा अम्मी के जेठ के लण्ड था। अम्मी भी भोसड़ी की तब तक बिलकुल नंगी हो चुकी थी। मैं अम्मी के जेठ का जेठ का लण्ड अपने मुंह में लेना चाहती थी तो मैंने सोंचा की अगर मैं अपने जेठ का लण्ड अम्मी के मुंह में डाल दूँ तो वह भी अपने जेठ लण्ड मेरे मुंह में घुसेड़ देगी। इस तरह मेरी इच्छा पूरी हो जाएगी। उधर मेरे ऊपर वासना बुरी तरह सवार हो गयी।
इससे पहले आपको यह बताना चाहती हूँ की मैं अम्मी से कैसे गालियों से बातें करने अलगी। अम्मी मुझे बुर चोदी भोसड़ी वाली कहती हैं और मैं भी उसे बुर चोदी भोसड़ी वाली कहती हूँ। सच यह है की मेरी शादी के पहले मैं अम्मी को गालियां देते हुए सुनती थी और एन्जॉय करती थीं। इसी तरह जब मैं किसी और को गालियां देती थी तो अम्मी जान एन्जॉय करती थीं। मेरी शादी के बाद यह दशा बदल गयी। हम मुसलमानो में शादियां बहुत ही नजदीक रिश्ते दारों में हो जाती हैं। इसलिए शादी के बाद रिश्ते भी कई नये पैदा हो जातें हैं। जैसे की मेरी शादी के बाद मेरी अम्मी जान मेरी जेठानी बन गयी और मैं उसकी देवरानी। अब हम दोनों में तकरार भी होगी, गाली गलौज भी होगी और चोदा चोदी भी होगी। एक और रिश्ते में अम्मी मेरी नन्द बन गयी तब तो और मज़ा आ गया। अब नन्द अपनी भाभी की बुर चोदेगी और भाभी अपनी नन्द की बुर ? दोनों ही रिश्ते में हम माँ बेटीऔर ज्यादा खुल गईं।
एक दिन रात में मैं अपने कमरे में पोर्न फिल्म देख रही थी। मैं आधी से अधिक नंगी थी। इतने में अम्मी मेरे कमरे में आयीं और बोली - रेशमा, बेटी तेरी माँ का भोसड़ा ? इतनी रात गए क्या तू अपनी माँ चुदा रही है भोसड़ी वाली ? मैंने कहा - माँ तो अपनी ये फिल्म की हीरोइन चुदा रही है, अम्मी जान । देखो न कैसे लौड़ा अपनी माँ के भोसड़ा में पेल रही है। अम्मी बोली - हाय दईया कितना मोटा लण्ड है हरामजादा ? तबं तक पीछे एक नंगा आदमी आ गया। अम्मी ने उसका लण्ड मुझे दिखाते कहा रेशमा मैं यही लौड़ा तेरी चूत में पेलने आयी हूँ। आज मैं अपनी देवरानी की बुर चोदने आयी हूँ।अम्मी के इस बदलाव से मैं भी उत्तेजित हो गयी। असली खड़ा लण्ड देखा तो मैंने पोर्न फिल्म से नज़रें हटा कर लण्ड पे टिका और लण्ड हाथ में ले लिया। अम्मी ने इतने में मेरे बाकी कपड़े भी उतार दिया। मैं लण्ड मुंह में लेकर पीने लगी तो अम्मी उसके पेल्हड़ सहलाने लगीं। अम्मी ने थोड़ी देर बाद लण्ड मेरी चूत में पेल दिया। मेरे मुंह से निकला तेरी बिटिया की बुर भोसड़ी की शबाना। तू बहन चोद बहुत ज्यादा ही हरामजादी है। थोड़ी देर तक चुदाने के बाद मैंने कहा अम्मी जान, अब मैं इसी लण्ड से अपनी जेठानी की बुर चोदूँगी। मैंने लण्ड अम्मी की चूत में घुसेड़ दिया।
बस उसी दिन से मैं अम्मी के साथ बुरी तरह खुल गयी और एक दूसरे की बुर चोदने लगी, गाली देने लगी और लण्ड पीने लगी।
आईये फिर वही चलें जहाँ मैं अपने जेठ का लण्ड पी रही हूँ और अम्मी अपने जेठ का लण्ड। मैंने अम्मी से बड़े प्यार से अपने जेठ का लण्ड दिखाते हुए कहा - लो मेरे जेठ का लण्ड पी लो,अम्मी जान। मज़ा आ जायेगा तुझे इसका लण्ड पीन में ? वह लण्ड दिखती हुई बोली - रेशमा बेटी, ले तू भी पी ले मेरे जेठ का लण्ड ? तुझे भी मज़ा आएगा और तेरी चूत को भी। फिर हम दोनों खिलखिलाकर हंसने लगी। हमारे लण्ड बदल गए। मैं अम्मी के जेठ का लण्ड पीने लगी और अम्मी मेरे जेठ का लण्ड। मुझे उसके जेठ के लण्ड का सुपाड़ा बड़ा प्यारा और खूबसूरत लग रहा था। मैं तो सुपाड़े में ही खो गयी। तब तक अम्मी ने मेरे हाथ से फूफी के दामाद का लण्ड भी ले लिया। अम्मी के जेठ अजमल का लण्ड ८१/२" का था और उसका गोल गोल गोरा चिट्टा सुपाड़ा पूरा मेरे मुंह में घुस गया। मुझे बिना झांट वाला गोरा लण्ड बहुत ही पसंद है। हालांकि मेरे जेठ का लण्ड भी बिना झांट का और गोरा चिट्टा है।
लण्ड पीते पीते मैंने चूत में घुसेड़ लिया और चुदवाने लगी। थोड़ी देर में मैंने देखा की मेरा जेठ भी मेरी माँ का भोसड़ा चोदने लगा। बोली रेशमा ले देख बुर चोदी तेरी जेठानी का भोसड़ा कितनी मस्ती से चुद रहा है। मैंने भी कहा अरे हां तुम भी देख ले शबाना की तेरी देवरनी की बुर कितने मज़े से चोदी जा रही है। हम दोनों आज पहली बार इतनी नजदीकियां से अपनी अपनी बुर चुदवा रही थी की चुदाई की आवाज़ सीधे हमारे कानो ने गूंज रहीं थीं। मेरी गांड अम्मी के मुंह की तरह थी और उसका मुंह मेरी गांड की तरफ . मैं अम्मी की चूत में लण्ड आते जाते देख रही थी और वह मेरी चूत में। अम्मी का जेठ तो मेरे अब्बू का बड़ा भाई जान है। मैं उसी का लण्ड चूत में पेले हुए चुदवा रही हूँ। इसी तरह अम्मी भी मेरे शौहर के बड़े भाई जान से चुदवा रहीं हैं। फिर हम दोनों पीछे से चुदवाने लगीं जी हां बिलकुल कुतिया की तरह ? सच पूंछा जाए तो हम सब कुतिया ही हैं जिसे जो भी कुत्ता चाहे, चोद ले।
थोड़ी देर में मुझे लगा की अजमल अब झड़ने वाला तो मैंने घूम कर उसका लण्ड मुठ्ठी में ले लिया। मैं लण्ड के सड़का मारने लगी। तभी अम्मी भी मेरे जेठ के लण्ड का सड़का मारने लगीं। मैं उसके जेठ का झड़ता हुआ लण्ड पीने लगी और वह मेरे जेठ का झड़ता हुआ लण्ड ?
एक दिन मेरे अम्मी के जेठ की बेटी नज़मा मेरे पास आयी।
- वह बोली - हाय रेशमा दीदी, तूने मेरे अब्बू का पिया ? उसका लण्ड अपनी चूत में पेला उससे धकाधक चुदवाया। अब तुम बताओ की मेरे अब्बू का लण्ड तुम्हे कैसा लगा ?
- मैंने कहा - हां यार नज़मा तेरे अब्बू का लण्ड मुझे बहुत ही पसंद है। मैं तो उससे मोहब्बत करने लगी हूँ। यार तेरे अब्बू के लण्ड ने मेरी चूत के छक्के छुड़ा दिया। बहन चोद उसका लण्ड तो घोड़े के लण्ड की तरह है। मैं अभी और उससे चुदवाऊंगी।
- हाय दईया, तुम्हे मालूम है दीदी की तेरा अब्बू मुझे चोदता है। मेरी माँ चोदता है और मुझे भी खूब मज़ा आता है और मेरी अम्मी को भी।
- वाओ, तू भी भोसड़ी की बहुत बड़ी चुदक्कड़ है नज़मा ?
- हां दीदी मुझे लण्ड पकड़ना और लण्ड पीना मेरी चची जान ने ही सिखाया है दीदी। यानी तेरी अम्मी ने ही मुझे सबसे पहले लण्ड पकड़ाया था. लण्ड कैसे चूत में पेला जाता है और फिर कैसे झड़ता हुआ लण्ड पिया जाता है ये सब तेरी अम्मी ने ही मुझे सिखाया। मैं उसका शुक्रिया अदा करती हूँ।
- तूने कभी मेरी माँ की चूत में लण्ड पेला नज़मा ?
- हां पेला खूब पेला, खूब मज़ा आया।
- अच्छा तो तूने भोसड़ी की नज़मा मेरी माँ चोदी है, तो मैं भी तेरी माँ चोदूँगी।
- चोद लेना मुझे बहुत लगेगा ? अच्छा यह बता रेशमा दीदी, क्या तुम मेरे मियां का लण्ड पियोगी ?
- अच्छा अभी मैंने तेरे बाप का लण्ड पिया अब तू मुझे अपने मियां का लण्ड पिलायेगी। तू क्या मुझे अपने घर के सभी लण्ड पिलाएगी ?
- एक बार पी कर के तो देखो मेरे मियां का लण्ड दीदी ?
- अच्छा चल यह बता की मैं अगर तेरे मियां का लण्ड पियूँगी तो तू किसका लण्ड पियेगी ?
- मैं उसके सामने ही उसके दोस्त का लण्ड पियूँगी दीदी। मेरा दिन उस पर आ गया है। मैंने अपने मियां के सामने ही उसके दोस्त से चुदवाऊंगी। वह खुद मेरी चूत में अपने दोस्त का लण्ड पेलना चाहता है और मैं चाहती हूँ की वह अपना लण्ड तुम्हारी चूत में पेले। इससे हम सबको मज़ा आएगा।
- अच्छा ठीक है मैं तेरे मियां का लण्ड पियूँगी।
नज़मा बोली - दीदी मेरे मियां को अपने दोस्तों से अपनी बीवी चुदवाने का बड़ा शौक है। मैं उसके शौक को हर हाल में पूरा करती हूँ। अब मुझे भी उसका लण्ड किसी और की बीवी की बुर में घुसाने का शौक पैदा हो गया है। इसलिए मैं तुम्हे यहाँ लेकर आ गयी दीदी। अब तुम मजे से मेरे मियां का लण्ड पियो और मैं उसके दोस्त का लण्ड पीती हूँ।
मैं मस्ती से नंगी नंगी रफत का लण्ड पीने लगी और वह रफीक का लण्ड। हम दोनों एकदम अगल बगल थीं और एक दूसरे को लण्ड पीते हुए देख रहीं थीं। मैंने कहा नज़मा तेरे मियां का लौड़ा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। ऐसा कह कर मैंने लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ लिया ा. लण्ड जैसे ही अंदर घुसा वैसे ही मैं चिल्ला पड़ी - उई माँ फाड़ डाला इस मादर चोद ने मेरी बुर ? बड़ा मोटा है इसका लण्ड ? मेरी तो जान निकली जा रही है। साला लौड़ा तो मेरी माँ का भोसड़ा भी फाड़ डालेगा। नज़मा तो बड़ी नसीबवाली है जिसके मरद का लण्ड इतना मोटा है। मैं इसे अपनी सास की बुर में पेलूँगी और अपनी नन्द की चूत में भी। मैं मस्ती से धकाधक चुदवाने लगी. मुझे देख कर नज़मा अपने मियां से के चुदवाने लगी। वह अपनी गांड उठा था क मज़ा लेना लगी और बोली दीदी तेरे जेठ का लण्ड भी बड़ा मोटा है। .
मैंने पूंछा तुम्हे कैसे मालूम तूने तो अभी मेरे जेठ का लण्ड देखा ही नहीं। वह बोली अरे दीदी मैं यहाँ तेरे सामने चुदवा रही हूँ उधर मेरी अम्मी मेरी चची जान के सामने तेरे जेठ का लण्ड पी रही हैं। माइए पूंछा तो फिर तेरी चची जान क्या कर रहीं हैं ? वह बोली मेरी चच्ची जान अपने देवर का लण्ड पीए रही है। वो दोनों एक साथ एक ही कमरे में चुदवा रहीं है जैसे हम दोनों यहाँ एक ही कमरे में चुदवा रहीं हैं।
मैंने कहा - नज़मा तेरी माँ की चूत बहन चोद तेरा कुनबा साला पराये मर्दों के लण्ड ही पीता रहता है ?
वह बोली - ज़िन्दगी में ग़ैर मर्दों के लण्ड पीने से बेहतर और है ही क्या मेरी बुर चोदी दीदी ? तेरी बुर, तेरी माँ का भोसड़ा ? कल मैं तेरे सामने तेरे अब्बू का लण्ड पियूँगी और मेरी अम्मी तेरे मियां का लण्ड पियेगी।
फिर हम दोनों ने रात भर लण्ड अदल बदल कर खूब चुदवाया।
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