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ये सब ग़ैर मर्दों के लण्ड की दीवानी औरतें हैं - Ye sab gair mardon ke lund ki diwani aurten hai
ये सब ग़ैर मर्दों के लण्ड की दीवानी औरतें हैं - Ye sab gair mardon ke lund ki diwani aurten hai , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
एक दिन मेरी अम्मी जान, मेरी खाला मेरी फूफी जान तीनो बैठी हुई बातें कर रहीं थीं। उच्च घराने की माँ बेटियां हैं जहाँ न तो पैसों की कमी है और न ही लण्ड की। ये सब ग़ैर मर्दों के लण्ड की दीवानी औरतें हैं और खुल्लम खुल्ला सबके लण्ड पीतीं हैं। बातें कुछ गरमागरम हो रहीं थीं इसलिए मैं छुप कर सुनने लगी। मुझे सबकी बातें बिलकुल साफ़ साफ़ सुनाई पड़ रहीं थीं।
एक दिन मेरी अम्मी जान, मेरी खाला मेरी फूफी जान तीनो बैठी हुई बातें कर रहीं थीं। उच्च घराने की माँ बेटियां हैं जहाँ न तो पैसों की कमी है और न ही लण्ड की। ये सब ग़ैर मर्दों के लण्ड की दीवानी औरतें हैं और खुल्लम खुल्ला सबके लण्ड पीतीं हैं। बातें कुछ गरमागरम हो रहीं थीं इसलिए मैं छुप कर सुनने लगी। मुझे सबकी बातें बिलकुल साफ़ साफ़ सुनाई पड़ रहीं थीं।
- खाला ने एक घूंट शराब का लिया और मस्ती से बोली - अरे यार, मैं तो अब इन तकियानूसी बातों पर बिलकुल यकीन नहीं करती। बिना बुर्के के बाहर निकलती हूँ, बुरका इस्तेमाल करना मेरे बस ने नहीं है। कोई अगर मुझे देखता है तो देख ले। हां लोग मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ देखतें हैं, मेरी गांड देखते हैं तो देखें, मुझे कोई फरक नहीं पड़ता।
- फूफी ने कहा - फरक तो मुझे भी नहीं पड़ता। मैं आज की औरत हूँ. आज की माँ हूँ, आज की महिला हूँ। मैं तो उसी हिसाब से चलूँगी जैसे आज का ज़माना चलता है। बाकी दुनिया की माँ की चूत।
- अम्मी जान ने कहा - हां हां मैं भी यही करती हूँ। मैं जवानी का पूरा पूरा लुत्फ़ उठाने के पक्ष में हूँ, जवानी का पूरा फायदा उठाने के पक्ष में हूँ। मेरी बेटियां भी यही करती हैं। अब तो हमारी बेटियां भी हमारा कहना नहीं मानती ? वो भी अपनी मन मानी करती हैं।
- खाला ने कहा - इन बुर चोदी बेटियों की माँ का भोसड़ा, दीदी। मेरी भी बेटियां जवान हो गयीं हैं। एक की शादी हो गयी है और दूसरी की होने वाली है। वह भी २२ साल की है पूरी तरह जवान हैं और अपना भला बुरा सब जानती है।
- फूफी ने कहा - अरे यार, आजकल की बेटियां तो अपनी माँ चुदाने में भी नहीं शर्माती। मेरी बेटियों ने तो अपनी माँ चुदाना शुरू कर दिया है।
- अम्मी ने कहा - हां यार आजकल की भोसड़ी वाली बेटियां ऐसी ही हैं। मेरी सहलियों ने भी बताया की उनकी बेटियां भी माँ चुदाने में कोई शर्म नहीं करती ? माँ बेटियां सहलियों की तरह रहतीं हैं न की माँ बेटियों की तरह।
- खाला - अब देखो ने जब मेरी बेटियों की शादी हो गयी तो वो भी अपनी अपनी सुहागरात मना मना कर आयीं हैं। तो फिर उन्हें शर्माने की क्या जरुरत है ?
- फूफी - अरे यार मेरी बेटियों ने तो अपनी सुहागरात की सारी बातें बताई। यहाँ तक की अपने शौहर के लण्ड के बारे में भी बताया, लण्ड की फोटो भी दिखाई। उसका लण्ड चोदने में कैसा है वह भी बताया।
- अम्मी जान - हाय दईया मेरी नन्द रानी. तब तो तेरी चूत बुर चोदी गन गना उठी होगी ? चुदासी हो गई होगी तेरी चूत नन्द रानी ?
- फूफी - हां भाभी जान, सच तो यही है। जिस दिन वह मेरे घर आएगा मैं उसी दिन उससे चुदवाऊंगी।
- खाला - हाय मेरी नन्द रानी, मेरी भी बुर में पेल देना उसका लण्ड ? तेरी बात सुनकर मेरी चूत तो ससुरी गीली हो गयी, यार ।
- अम्मी जान - मेरे मुंह में पानी आ गया नन्द रानी। वह लौड़ा मेरे भी मुंह में घुसेड़ देना।
- फूफी - पानी तो मेरे मुंह में भी आ गया है भाभी जान, जब से मैंने सुना है तेरी बेटी के ससुर का लण्ड बहन चोद घोड़े के लण्ड की तरह है, तब से मेरी चूत बिचारी चुदासी इधर उधर उसके लण्ड के चक्कर में घूम रही है।
- खाला - तब तो तेरी बेट ने अपने ससुर का आलूदा जरूर पकड़ा होगा ? हो सकता है की उसने अपने ससुर से चुदवाया भी हो ? फूफी - हां यार उसकी ने अपने ससुर के लण्ड के बारे में बताया। वह अपने ससुर का लण्ड पी कर आयी हैं। उससे चुदवा कर आयी है यार।
- अम्मी - अरे अभी उसकी शादी के ३ महीने ही हुए हैं। वह ३ महीने में ही अपने ससुर का लण्ड पीने लगी।बड़ी हरामजादी है तेरी बेटी नन्द रानी ?
- फूफी - हरामजादी तो उसकी चूत है भाभी जान ? उसकी चूत किसी का भी लण्ड देख कर फुदकने लगती है। एक दिन उसने बाथ रूम में एक लड़के का लण्ड देख लिया था । फिर क्या ? बिना उसका लण्ड पिए उसे घर से जाने नहीं दिया। खाला -
- देखो नन्द रानी, अगर तुम्हे अपनी बेटियों के मियां से चुदवाना है तो पहले उनकी बुर किसी दमदार लण्ड वाले आदमी से चुदवाओ।
- फूफी में कहा - ओ के मैं उसी का इंतज़ाम करने जा रही हूँ।
खूब गरमागरम बातें हो रहीं थीं। इतने में मैंने देखा की फूफी जान मेरे सामने दो मर्दों के साथ खड़ी हुई हैं। फूफी में कहा - लो देखो ये हैं हमारी बेटियां। ये सारा मेरी बड़ी भाभी की बेटी, ये सबा है मेरी भाभी की बहन की बेटी सबा और ये है मेरी बेटी हुमा खान।
उनमे से एक बोला - तो ये सब आप लोगों की बेटियां ही हैं न ? बीवियां तो नहीं हैं ?
फूफी ने कहा - अब ये बेटियां बुर चोदी हो गईं हैं बीवियां, इन्हें चोदो। चाहे सारा की बुर में लौड़ा पेलो, चाहे सबा की बुर में। चाहे मेरी बिटिया हुमा की बुर में लौड़ा पेलो चाहे उसके मुंह में घुसेड़ दो लण्ड ? खूब जम कर चोदो और लगातार चोदो। पहले इन्हें चोदो फिर इनकी माँ चोदो बहन चोद ? फूफी की बातों ने हमारी चूत की आग बुरी तरह भड़का दी।
फूफी रुकी नहीं और बोलती गयी - अब तो इन्हें चुदवाने का लाइसेंस मिल गया है। इन्हें तो अपनी अपनी चूत में लण्ड पेलवाने की इज़ाज़त मिल गयी है। किसी का भी लण्ड पीने की छूट मिल गयी है इन भोसड़ी वालियों को, बहन चोद। अब तो इन्हें पटक पटक के चोदो। पूरा लण्ड घुसेड़ कर हचक हचक के चोदो ? सबके सामने चोदो, खुल्लम खुल्ला चोदो। मुझे पूरा यकीन है की ये सब की सब बड़ी बेशर्मी से चुदवायेगीं।
मैंने पूंछा - फूफी जान ये लोग कौन हैं ?
फूफी में जबाब दिया - ये है मेरे गाँव वाला देवर ताहिर और ये है ये है ताहिर का दोस्त अनवर। ये दोनों मादर चोद एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। आज मैंने इनको अपनी बेटियां चुदवाने के लिए बुलवाया है। सुनकर दंग रह गयी और उत्तेजित भी हो गयी। मैंने कहा तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा फूफी जान ? आज क्यों खास बात है क्या ? वह मुस्कराकर बोली आज तेरी माँ की बिटिया की बुर चुदवाने का दिन है सारा। मैंने कहा बुर चुदवाने का दिन तो हर रोज़ होता है फूफी जान ? केवल बेटियों की ही बुर क्यों ? अम्मियों की भी बुर चुदवाने का दिन है फूफी जान। तब तक हुमा ने ताहिर अंकल का लण्ड उसके पैजामे के अंदर हाथ डाल कर हिलाने लगी। उधर सबा भी अनवर अंकल के लण्ड के साइज का अंदाज़ा उसकी लुंगी के अंदर हाथ घुसेड़ कर लेने लगी। वह मुझे देख कर मुस्करायी तो मैं समझ गयी की लण्ड सच में बड़ा मोटा तगड़ा है।
फूफी जान अपनी बड़ी बड़ी चूँचियाँ हिलाती हुई चली गयी। मैं ताहिर अंकल और अनवर अंकल के बीच खड़ी थी और उनके लण्ड देखने का इंतज़ार कर रही टी। तभी ताहिर अंकल ने मेरी एक चूँची दबा दी और दूसरी चूँची अनवर अंकल ने दबा दी। मैं जान गयी की दोनों मादर चोद हम तीनो की बुर चोदने को तैयार हैं। थोड़ी देर में मैं बिलकुल नंगी हो गई। सबा और हुमा ने भी अपने अपने कपड़े उतार कर फेंक दिया। इसके बाद हमने ताहिर और अनवर अंकल को भी नंगा कर दिया। उन दोनों के छोटी छोटी झांटों वाले लण्ड हमारे सामने टन टना कर खड़े हो गए। दोनों के पेल्हड़ बिलकुल चिकने थे। मैं तो दोनों के पेल्हड़ ही पकड़ कर सहलाने लगी। सबा अनवर अंकल का लण्ड चूमने लगी और हुमा ताहिर का लण्ड चाटने लगी। हम तीनों की बुर पर भी छोटी छोटी झांटें थीं जो बहुत ही खूबसूरत और हॉट लग रही थीं। ताहिर बोला तेरी तो चूत अनवर के बेटी की चूत से भी ज्यादा खूबसूरत है हुमा ? हुमा ने कहा हाय दईया तो क्या तुम अपने दोस्त की बेटी की बुर भी लेते हो। वह बोला जब मेरा दोस्त मेरी बेटी की बुर लेता है तो मैं भी उसकी बेटी की बुर लेता हूँ। मैंने कहा अंकल तुम्हे शर्म नहीं आती एक दूसरे की बेटी चोदने में ?
वह बोला देखो सारा हम दोनों एक दूसरे की बीवी चोदते हैं और आमने सामने चोदते हैं। हमारी बेटियां जब बड़ी हुई और उनकी शादियां हो गयी तो वे अपने आप हमारे ग्रुप में शामिल हो गयीं। एक दिन मैं अनवर की बीवी चोद रहा था। अचानक कमरे में उसकी बेटी आ गयी। उसने अपनी माँ को मुझसे चुदते हुए देख लिया। उसकी नज़र मेरे लण्ड पर पड़ी तो वह भी उत्तेजित हो गयी और हाथ बढाकर मेरा लण्ड पकड़ लिया बोली अंकल तेरा तो लण्ड बहन चोद मेरे ससुर के लण्ड से भी मोटा है। उसने लण्ड का सुपाड़ा अपने मुंह में रख लिया और चूसने लगी . मैं समझ गया की ये जब अपंने ससुर से चुदवा सकती है तो मुझसे भी चुदवा सकती है। उसने खुल कर कहा अंकल तुमने मेरी माँ का भोसड़ा चोदा अब उसकी बेटी की बुर चोदो। उसने मेरा लौड़ा अपनी चूत पर टिका दिया। फिर क्या मैंने एक धक्का मारा और लौड़ा अंदर। उसने यह बात मेरी बेटी को बता दी तो मेरी बेटी ने भी एक दिन अनवर का लण्ड पकड़ लिया। तब से हम लोग एक दूसरे की बीवी के साथ साथ एक दूसरे की बेटी भी चोदने लगे।
ऐसा बोल कर ताहिर हुमा की बुर चोदने लगा और अनवर सबा की बुर. मैं बीच में लेटी हुई कभी अनवर का लण्ड सबा की बुर से निकाल कर चाट लेती और कभी ताहिर का लण्ड हुमा की बुर से निकाल कर । ताहिर अंकल थोड़ी देर तक हुमा की बुर चोदने के बाद मेरी चूत में लण्ड पेल दिया। वह मुझे पागलों की तरह चोदने लगा बोला सारा तेरी बुर तो बहुत टाइट है बेटी , मुझे ऐसी ही बुर चोदने में ज्यादा मज़ा आता है। मैं भी मस्त होकर चुदवाने लगी और कहने लगी अंकल मुझे अपनी बीवी समझ कर चोदो। पूरा लौड़ा पेल दो मेरी बुर चोदी बुर में ? बड़ा अच्छा लग रहा है मुझे। ऐसी चुदाई सब लोग नहीं कर पाते। हाय अंकल तेरे लण्ड की बहन की बुर, तेरी बहन की बिटिया की बुर, हाय रे तेरा लौड़ा तो लाखों में एक है ? मेरी चूत के नसीब खुल गए आज ? आज तो मुझे किसी असली मरद का लण्ड मिला है। मुझे खूब हचक हचक के चोदो। उधर सबा बोल रही थी हाय अनवर अंकल मस्ती से मेरी बुर ले लो, चोद लो मुझे, गांड भी मार लो मेरी, चूँचियों में भी लौड़ा घुसा दो बहन चोद। पेल्हड़ भी ठोंक दो मेरी चूत में।
रात में २ बज चुके थे। मैं चुदवाने के बाद सीधे फूफी के कमरे में चली गयी। मैंने सोंचा की चलो देखू की फूफी भोसड़ी वाली क्या कर रही है ? मैंने वहां जो देखा उससे मेरी चूत की आग और भड़कने लगी। मैंने देखा की मेरी फूफी मेरे चचा जान का लौड़ा नंगी नंगी बैठी हुई पी रहीं हैं। मेरी अम्मी खालू का लौड़ा अपनी चूत में पेले हुए चुदवा रहीं हैं और मेरा फूफा मस्ती से मेरी खाला की बुर चोद रहा है। मुझे देखते ही फूफी बोली - सारा, तेरी माँ की नन्द का भोसड़ा ? फूफी ने मस्ती से अपने ही भोसड़ा को गाली दे डाली। तब फिर मैंने भी कहा - फूफी जान तेरी भाभी की बिटिया की चूत ? तब तक खाला बोली - सारा तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? अम्मी से भी न रहा गया। वह भी बोली बेटी सारा तेरी खाला की बहन की बुर ? इस तरह की प्यार भरी गालियों से माहौल और गरमा गया और ऐसी गर्माहट में लण्ड साले और तेज रफ़्तार से चोदने लगे।
एक दिन मैं अपनी छोटी खाला के घर चली गयी। मेरी छोटी खाला जान का नाम है ज़ाहिरा। वह बहुत ही मजाकियां किस्म की औरत हैं। सबसे खुल कर बातें करतीं हैं और बहुत गहरी गहरी मजाक भी करतीं हैं। उनके मुंह से लण्ड, बुर, चूत, गांड, भोसड़ा, झांट सब अक्सर निकलता ही रहता है। वह इन शब्दों के साथ खूब एन्जॉय करतीं हैं। इसका असर उनके बेटे और बेटियों पर भी पड़ा। वो भी गंदी गंदी बातें करना और खूब हंसी मजाक करना सीख गयीं हैं। मेरी छोटी खाला की दो बेटियां है और एक लड़का है। दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है और लड़के की शादी होने वाली है। मैं जब पहुंची तो खाला ने कहा आ गई तू माँ की लौड़ी सारा ? अपनी माँ चुदा के आयी है की नहीं ? मैंने भी मजाक में कहा नहीं, मैं तो यहीं तेरी बेटी की माँ चुदाऊंगी, खाला जान। वह तपाक से बोली तेरी खाला की बिटिया की बुर सारा ? पहले यह बता की तेरे शौहर का लौड़ा कैसा है ? तू अपने ससुर के लण्ड तक पहुंची की अभी देवरों से ही गांड मरा रही है तू भोसड़ी की ? खाला जान की प्यार भरी गालियों ने मेरे पूरे बदन में गुद गुदी मचा दी।
खाला की बड़ी बेटी नूर है और छोटी बेटी नैना है. मैं नूर से छोटी हूँ पर नैना से बड़ी हूँ। हम चारो बैठ कर शराब पीने लगीं। शाम का समय था।
खाला बोली - हां तो सारा तुमने बताया नहीं की तेरे मियां का लौड़ा कैसा है ? कितना बड़ा है ?
मैंने कहा - अरे खाला जान, वैसे तो लौड़ा उसका जबरदस्त है पर मैं चाहती हूँ की एक दिन उसे तेरी चूत में घुसा दूँ तो तुझे उसके लण्ड के साइज का पता हल जायेगा।
खाला बोली - पहले अपने मियां का लण्ड मेरी बेटियों की बुर में पेलो सारा फिर मेरी चूत में घुसाना।
नैना ने कहा - हां सारा दीदी मैं भी तेरे मियां का लण्ड का बड़ी बेकरारी से इंतज़ार कर रही हूँ। मैं तो पहले उसका सड़का मारूंगी और लण्ड पियूँगी।
मैंने कहा - मुझे भी तेरे मियां के लण्ड का इंतज़ार है, नैना ? अब तू यह बता तूने अभी तक अपनी ससुराल से कितने लण्ड चोदें हैं ?
नैना बोली - अरे दीदी मैं तो अपनी सुहागरात मना कर आयी थी। दूसरे दिन मुझे मालूम हुआ की मेरा शौहर अपनी भाभी की बुर ले रहा है। उसी समय मेरा देवर मेरे कमरे में आ गया। मैं अपने आपको रोक नहीं सकी और उसका लण्ड हाथ बढाकर पकड़ लिया। उसे नंगा किया तो लण्ड टन्न से खड़ा हो गया। फिर मैंने धकाधक उससे चुदवाया। दूसरे दिन मेरी नन्द अपने मियां को लेकर मेरे कमरे में आ गयी और बोली भाभी आज तुम मेरे मियां से चुदवा लो मैं इससे दोस्त से चुदवाने का रही हूँ। मैं तो आने के पहले अपने ससुर के लण्ड पर बैठने वाली थी पर किसी ने उसे फोन करके बुला लिया।
इतने में खाला ने किसी से फोन पर बात की और देखते ही देखते कमरे में तीन आदमी आ गये। खाला बोली ये हैं रफ़ी, सफी और असरफ।
खाला बोली - असरफ मेरी नंद का देवर है और सफी रफ़ी उसके दो दोस्त।
असरफ हमें शराब पीते हुए देख कर बोला - ज़ाहिरा भाभी ये तो तुम्हारी बेटियां हैं।
खाला ने जबाब दिया - अरे अब ये बेटियां नहीं हैं। अब तो बेटियां बुर चोदी हो गयीं हैं बीवियां। इन्हें चोदो। ये तीनो मस्त मस्त चुदवाने वाली बीवियां हैं। पराये मर्दों के लण्ड पीने वाली बीवियां है, पराये मर्दों के लण्ड चोदने वाली बीवियां हैं।
खाला ने मजाक मजाक में असरफ के पैजामे में हाथ डाल कर उसका लण्ड बाहर खींच लिया। वह लण्ड हमें दिखाती हुई बोली अब ये लौड़ा चोदेगा इन तीनो बेटियों की बुर। तब तक पीछे से आवाज़ आयी और ये लौड़ा चोदेगा तेरी बेटियों की माँ का भोसड़ा, भाभी जान ? उसने अपनी लुंगी उठा कर टन टनाता हुआ लण्ड दिखा दिया।
मैंने मुड़ कर देखा तो वह नैना का ससुर था भोसड़ी वाला। नैना का ससुर खाला जान के रिश्ते में नंदोई लगता है। मैं तो उसका लण्ड देख कर गन गना उठी। मैं समझ गयी की आज ये साला अपनी बहू की भी बुर लेगा। खाला आगे बढ़ी और उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगीं। वह बोली हाय अल्ला, तेरा तो लण्ड पहले से ज्यादा मोटा हो गया है, नदीम । लगता है की तेरा लण्ड बहन चोद आजकल बड़ी अच्छी अच्छी बुर चोद रहा
है। बड़ा नसीब वाला है तेरा ये बेटी चोद लण्ड नदीम। खाला उसका लण्ड बैठ कर चाटने लगी।मैंने असरफ का लौड़ा बाहर निकाल कर हिलाएं लगी, नैना सफी का लण्ड चूमने लगी और नूर रफ़ी के लण्ड को अपनी नंगी चूँचियों पर फिराने लगीं। धीरे धीरे सबके कपड़े उतरने लगे। सब नंगी होने लगीं उधर चारो मरद भी नंगे होने लगे। बस दो मिनट में ही किसी के बदन पर एक भी कपड़ा नहीं बचा। हम सब सबके खड़े लण्ड देख देख कर मस्त होने लगी। मरद भी साले हम सबकी चूँचियाँ चूत और गांड देख देख कर मज़ा लेने लगे। मैं तो असरफ का लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगीं, नैना सफी का लण्ड चाटने लगी और उसकी चूँचियाँ सफी मसलने लगा। नूर भी नंगी नंगी रफ़ी का लण्ड सुपाड़े से और पेल्हड़ से सुपाड़े तक चाटने चूसने लगी। उधर खाला जान तो नैना के ससुर के लण्ड को अपनी दोनों चूँचियों के बीच घुसेड़ लिया। नदीम अपनी बहू की माँ चोदने का प्लान बना चुका था।
मैं और नूर आमने सामने लेट गयीं। मेरा मुंह उसकी गांड की तरफ थी और उसका मुंह मेरी गांड की तरफ। मुझे असरफ चोदने लगा और रफ़ी नूर की बुर चोदने लगा। मैं रफ़ी का लण्ड बीच बीच में नूर की बुर से निकाल कर चाटने लगी और नूर बीच बीच में मेरी चूत से असरफ का लण्ड निकाल चाटने लगी। उधर नैना और खाला आमने सामने लेटी थीं। सफी का लौड़ा नैना की बुर में घुस गया और खाला की चूत में नदीम का लौड़ा । दोनों माँ बेटी की चूत चुदने लगी। खाला नैना की बुर से लण्ड निकाल कर चाट लेती और नैना अपनी माँ की बुर से लण्ड निकाल कर चाट लेती। रात भर इस तरफ इन चारों में हम चारों की बुर खूब धकाधक चोदा। ये चुदाई मुझे आज भी याद है।
फूफी ने कहा - अब ये बेटियां बुर चोदी हो गईं हैं बीवियां, इन्हें चोदो। चाहे सारा की बुर में लौड़ा पेलो, चाहे सबा की बुर में। चाहे मेरी बिटिया हुमा की बुर में लौड़ा पेलो चाहे उसके मुंह में घुसेड़ दो लण्ड ? खूब जम कर चोदो और लगातार चोदो। पहले इन्हें चोदो फिर इनकी माँ चोदो बहन चोद ? फूफी की बातों ने हमारी चूत की आग बुरी तरह भड़का दी।
फूफी रुकी नहीं और बोलती गयी - अब तो इन्हें चुदवाने का लाइसेंस मिल गया है। इन्हें तो अपनी अपनी चूत में लण्ड पेलवाने की इज़ाज़त मिल गयी है। किसी का भी लण्ड पीने की छूट मिल गयी है इन भोसड़ी वालियों को, बहन चोद। अब तो इन्हें पटक पटक के चोदो। पूरा लण्ड घुसेड़ कर हचक हचक के चोदो ? सबके सामने चोदो, खुल्लम खुल्ला चोदो। मुझे पूरा यकीन है की ये सब की सब बड़ी बेशर्मी से चुदवायेगीं।
मैंने पूंछा - फूफी जान ये लोग कौन हैं ?
फूफी में जबाब दिया - ये है मेरे गाँव वाला देवर ताहिर और ये है ये है ताहिर का दोस्त अनवर। ये दोनों मादर चोद एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। आज मैंने इनको अपनी बेटियां चुदवाने के लिए बुलवाया है। सुनकर दंग रह गयी और उत्तेजित भी हो गयी। मैंने कहा तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा फूफी जान ? आज क्यों खास बात है क्या ? वह मुस्कराकर बोली आज तेरी माँ की बिटिया की बुर चुदवाने का दिन है सारा। मैंने कहा बुर चुदवाने का दिन तो हर रोज़ होता है फूफी जान ? केवल बेटियों की ही बुर क्यों ? अम्मियों की भी बुर चुदवाने का दिन है फूफी जान। तब तक हुमा ने ताहिर अंकल का लण्ड उसके पैजामे के अंदर हाथ डाल कर हिलाने लगी। उधर सबा भी अनवर अंकल के लण्ड के साइज का अंदाज़ा उसकी लुंगी के अंदर हाथ घुसेड़ कर लेने लगी। वह मुझे देख कर मुस्करायी तो मैं समझ गयी की लण्ड सच में बड़ा मोटा तगड़ा है।
फूफी जान अपनी बड़ी बड़ी चूँचियाँ हिलाती हुई चली गयी। मैं ताहिर अंकल और अनवर अंकल के बीच खड़ी थी और उनके लण्ड देखने का इंतज़ार कर रही टी। तभी ताहिर अंकल ने मेरी एक चूँची दबा दी और दूसरी चूँची अनवर अंकल ने दबा दी। मैं जान गयी की दोनों मादर चोद हम तीनो की बुर चोदने को तैयार हैं। थोड़ी देर में मैं बिलकुल नंगी हो गई। सबा और हुमा ने भी अपने अपने कपड़े उतार कर फेंक दिया। इसके बाद हमने ताहिर और अनवर अंकल को भी नंगा कर दिया। उन दोनों के छोटी छोटी झांटों वाले लण्ड हमारे सामने टन टना कर खड़े हो गए। दोनों के पेल्हड़ बिलकुल चिकने थे। मैं तो दोनों के पेल्हड़ ही पकड़ कर सहलाने लगी। सबा अनवर अंकल का लण्ड चूमने लगी और हुमा ताहिर का लण्ड चाटने लगी। हम तीनों की बुर पर भी छोटी छोटी झांटें थीं जो बहुत ही खूबसूरत और हॉट लग रही थीं। ताहिर बोला तेरी तो चूत अनवर के बेटी की चूत से भी ज्यादा खूबसूरत है हुमा ? हुमा ने कहा हाय दईया तो क्या तुम अपने दोस्त की बेटी की बुर भी लेते हो। वह बोला जब मेरा दोस्त मेरी बेटी की बुर लेता है तो मैं भी उसकी बेटी की बुर लेता हूँ। मैंने कहा अंकल तुम्हे शर्म नहीं आती एक दूसरे की बेटी चोदने में ?
वह बोला देखो सारा हम दोनों एक दूसरे की बीवी चोदते हैं और आमने सामने चोदते हैं। हमारी बेटियां जब बड़ी हुई और उनकी शादियां हो गयी तो वे अपने आप हमारे ग्रुप में शामिल हो गयीं। एक दिन मैं अनवर की बीवी चोद रहा था। अचानक कमरे में उसकी बेटी आ गयी। उसने अपनी माँ को मुझसे चुदते हुए देख लिया। उसकी नज़र मेरे लण्ड पर पड़ी तो वह भी उत्तेजित हो गयी और हाथ बढाकर मेरा लण्ड पकड़ लिया बोली अंकल तेरा तो लण्ड बहन चोद मेरे ससुर के लण्ड से भी मोटा है। उसने लण्ड का सुपाड़ा अपने मुंह में रख लिया और चूसने लगी . मैं समझ गया की ये जब अपंने ससुर से चुदवा सकती है तो मुझसे भी चुदवा सकती है। उसने खुल कर कहा अंकल तुमने मेरी माँ का भोसड़ा चोदा अब उसकी बेटी की बुर चोदो। उसने मेरा लौड़ा अपनी चूत पर टिका दिया। फिर क्या मैंने एक धक्का मारा और लौड़ा अंदर। उसने यह बात मेरी बेटी को बता दी तो मेरी बेटी ने भी एक दिन अनवर का लण्ड पकड़ लिया। तब से हम लोग एक दूसरे की बीवी के साथ साथ एक दूसरे की बेटी भी चोदने लगे।
ऐसा बोल कर ताहिर हुमा की बुर चोदने लगा और अनवर सबा की बुर. मैं बीच में लेटी हुई कभी अनवर का लण्ड सबा की बुर से निकाल कर चाट लेती और कभी ताहिर का लण्ड हुमा की बुर से निकाल कर । ताहिर अंकल थोड़ी देर तक हुमा की बुर चोदने के बाद मेरी चूत में लण्ड पेल दिया। वह मुझे पागलों की तरह चोदने लगा बोला सारा तेरी बुर तो बहुत टाइट है बेटी , मुझे ऐसी ही बुर चोदने में ज्यादा मज़ा आता है। मैं भी मस्त होकर चुदवाने लगी और कहने लगी अंकल मुझे अपनी बीवी समझ कर चोदो। पूरा लौड़ा पेल दो मेरी बुर चोदी बुर में ? बड़ा अच्छा लग रहा है मुझे। ऐसी चुदाई सब लोग नहीं कर पाते। हाय अंकल तेरे लण्ड की बहन की बुर, तेरी बहन की बिटिया की बुर, हाय रे तेरा लौड़ा तो लाखों में एक है ? मेरी चूत के नसीब खुल गए आज ? आज तो मुझे किसी असली मरद का लण्ड मिला है। मुझे खूब हचक हचक के चोदो। उधर सबा बोल रही थी हाय अनवर अंकल मस्ती से मेरी बुर ले लो, चोद लो मुझे, गांड भी मार लो मेरी, चूँचियों में भी लौड़ा घुसा दो बहन चोद। पेल्हड़ भी ठोंक दो मेरी चूत में।
रात में २ बज चुके थे। मैं चुदवाने के बाद सीधे फूफी के कमरे में चली गयी। मैंने सोंचा की चलो देखू की फूफी भोसड़ी वाली क्या कर रही है ? मैंने वहां जो देखा उससे मेरी चूत की आग और भड़कने लगी। मैंने देखा की मेरी फूफी मेरे चचा जान का लौड़ा नंगी नंगी बैठी हुई पी रहीं हैं। मेरी अम्मी खालू का लौड़ा अपनी चूत में पेले हुए चुदवा रहीं हैं और मेरा फूफा मस्ती से मेरी खाला की बुर चोद रहा है। मुझे देखते ही फूफी बोली - सारा, तेरी माँ की नन्द का भोसड़ा ? फूफी ने मस्ती से अपने ही भोसड़ा को गाली दे डाली। तब फिर मैंने भी कहा - फूफी जान तेरी भाभी की बिटिया की चूत ? तब तक खाला बोली - सारा तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? अम्मी से भी न रहा गया। वह भी बोली बेटी सारा तेरी खाला की बहन की बुर ? इस तरह की प्यार भरी गालियों से माहौल और गरमा गया और ऐसी गर्माहट में लण्ड साले और तेज रफ़्तार से चोदने लगे।
एक दिन मैं अपनी छोटी खाला के घर चली गयी। मेरी छोटी खाला जान का नाम है ज़ाहिरा। वह बहुत ही मजाकियां किस्म की औरत हैं। सबसे खुल कर बातें करतीं हैं और बहुत गहरी गहरी मजाक भी करतीं हैं। उनके मुंह से लण्ड, बुर, चूत, गांड, भोसड़ा, झांट सब अक्सर निकलता ही रहता है। वह इन शब्दों के साथ खूब एन्जॉय करतीं हैं। इसका असर उनके बेटे और बेटियों पर भी पड़ा। वो भी गंदी गंदी बातें करना और खूब हंसी मजाक करना सीख गयीं हैं। मेरी छोटी खाला की दो बेटियां है और एक लड़का है। दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है और लड़के की शादी होने वाली है। मैं जब पहुंची तो खाला ने कहा आ गई तू माँ की लौड़ी सारा ? अपनी माँ चुदा के आयी है की नहीं ? मैंने भी मजाक में कहा नहीं, मैं तो यहीं तेरी बेटी की माँ चुदाऊंगी, खाला जान। वह तपाक से बोली तेरी खाला की बिटिया की बुर सारा ? पहले यह बता की तेरे शौहर का लौड़ा कैसा है ? तू अपने ससुर के लण्ड तक पहुंची की अभी देवरों से ही गांड मरा रही है तू भोसड़ी की ? खाला जान की प्यार भरी गालियों ने मेरे पूरे बदन में गुद गुदी मचा दी।
खाला की बड़ी बेटी नूर है और छोटी बेटी नैना है. मैं नूर से छोटी हूँ पर नैना से बड़ी हूँ। हम चारो बैठ कर शराब पीने लगीं। शाम का समय था।
खाला बोली - हां तो सारा तुमने बताया नहीं की तेरे मियां का लौड़ा कैसा है ? कितना बड़ा है ?
मैंने कहा - अरे खाला जान, वैसे तो लौड़ा उसका जबरदस्त है पर मैं चाहती हूँ की एक दिन उसे तेरी चूत में घुसा दूँ तो तुझे उसके लण्ड के साइज का पता हल जायेगा।
खाला बोली - पहले अपने मियां का लण्ड मेरी बेटियों की बुर में पेलो सारा फिर मेरी चूत में घुसाना।
नैना ने कहा - हां सारा दीदी मैं भी तेरे मियां का लण्ड का बड़ी बेकरारी से इंतज़ार कर रही हूँ। मैं तो पहले उसका सड़का मारूंगी और लण्ड पियूँगी।
मैंने कहा - मुझे भी तेरे मियां के लण्ड का इंतज़ार है, नैना ? अब तू यह बता तूने अभी तक अपनी ससुराल से कितने लण्ड चोदें हैं ?
नैना बोली - अरे दीदी मैं तो अपनी सुहागरात मना कर आयी थी। दूसरे दिन मुझे मालूम हुआ की मेरा शौहर अपनी भाभी की बुर ले रहा है। उसी समय मेरा देवर मेरे कमरे में आ गया। मैं अपने आपको रोक नहीं सकी और उसका लण्ड हाथ बढाकर पकड़ लिया। उसे नंगा किया तो लण्ड टन्न से खड़ा हो गया। फिर मैंने धकाधक उससे चुदवाया। दूसरे दिन मेरी नन्द अपने मियां को लेकर मेरे कमरे में आ गयी और बोली भाभी आज तुम मेरे मियां से चुदवा लो मैं इससे दोस्त से चुदवाने का रही हूँ। मैं तो आने के पहले अपने ससुर के लण्ड पर बैठने वाली थी पर किसी ने उसे फोन करके बुला लिया।
इतने में खाला ने किसी से फोन पर बात की और देखते ही देखते कमरे में तीन आदमी आ गये। खाला बोली ये हैं रफ़ी, सफी और असरफ।
खाला बोली - असरफ मेरी नंद का देवर है और सफी रफ़ी उसके दो दोस्त।
असरफ हमें शराब पीते हुए देख कर बोला - ज़ाहिरा भाभी ये तो तुम्हारी बेटियां हैं।
खाला ने जबाब दिया - अरे अब ये बेटियां नहीं हैं। अब तो बेटियां बुर चोदी हो गयीं हैं बीवियां। इन्हें चोदो। ये तीनो मस्त मस्त चुदवाने वाली बीवियां हैं। पराये मर्दों के लण्ड पीने वाली बीवियां है, पराये मर्दों के लण्ड चोदने वाली बीवियां हैं।
खाला ने मजाक मजाक में असरफ के पैजामे में हाथ डाल कर उसका लण्ड बाहर खींच लिया। वह लण्ड हमें दिखाती हुई बोली अब ये लौड़ा चोदेगा इन तीनो बेटियों की बुर। तब तक पीछे से आवाज़ आयी और ये लौड़ा चोदेगा तेरी बेटियों की माँ का भोसड़ा, भाभी जान ? उसने अपनी लुंगी उठा कर टन टनाता हुआ लण्ड दिखा दिया।
मैंने मुड़ कर देखा तो वह नैना का ससुर था भोसड़ी वाला। नैना का ससुर खाला जान के रिश्ते में नंदोई लगता है। मैं तो उसका लण्ड देख कर गन गना उठी। मैं समझ गयी की आज ये साला अपनी बहू की भी बुर लेगा। खाला आगे बढ़ी और उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगीं। वह बोली हाय अल्ला, तेरा तो लण्ड पहले से ज्यादा मोटा हो गया है, नदीम । लगता है की तेरा लण्ड बहन चोद आजकल बड़ी अच्छी अच्छी बुर चोद रहा
मैं और नूर आमने सामने लेट गयीं। मेरा मुंह उसकी गांड की तरफ थी और उसका मुंह मेरी गांड की तरफ। मुझे असरफ चोदने लगा और रफ़ी नूर की बुर चोदने लगा। मैं रफ़ी का लण्ड बीच बीच में नूर की बुर से निकाल कर चाटने लगी और नूर बीच बीच में मेरी चूत से असरफ का लण्ड निकाल चाटने लगी। उधर नैना और खाला आमने सामने लेटी थीं। सफी का लौड़ा नैना की बुर में घुस गया और खाला की चूत में नदीम का लौड़ा । दोनों माँ बेटी की चूत चुदने लगी। खाला नैना की बुर से लण्ड निकाल कर चाट लेती और नैना अपनी माँ की बुर से लण्ड निकाल कर चाट लेती। रात भर इस तरफ इन चारों में हम चारों की बुर खूब धकाधक चोदा। ये चुदाई मुझे आज भी याद है।
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