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लण्ड मारेंगें सबके मुंह में अपने अपने वीर्य की पिचकारी - Hindi Sex Stories Chudai Kahani
लण्ड मारेंगें सबके मुंह में अपने अपने वीर्य की पिचकारी - Hindi Sex Stories Chudai Kahani , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
गर्मी का मौसम था। उस दिन सवेरे सवेरे मैं अपने कमरे में ए सी चलाकर बड़ी देर तक लैपटॉप पर पहले तो पोर्न देखती रही, पोर्न में बड़े बड़े लण्ड देखती रही और फिर"sex" की कहानियां पढ़ती रही। कहानियां इतनी गरम गरम थीं की मेरे सारे कपड़े अस्त व्यस्त हो गये थे। मेरी चूँचियाँ खुलीं हुई थीं, मेरी चूत की झांटें दिखाई पड़ रहीं थीं और गांड भी आधी से अधिक खुली हुई थी. तभी मेरी सास मेरे कमरे में आई लेकिन मैं उसे देख नहीं पाई वह मुझे देखती रहीं। वह भी बड़े मूड में थीं। तभी तो उसके मुंह से निकला हाय दईया तू यहाँ बैठी बैठी क्या अपनी झांटें गईं रही है ? फिर उसकी नज़र मेरे लैपटॉप पर गयी वह बोली हाय अल्ला, इतने इतने बड़े बड़े लण्ड ? इतने मोटे मोटे लण्ड ? क्या करेगी तू इन मोटे मोटे लण्ड बहू रानी। वह बोली अरी भोसड़ी की बहू रानी तू भी "sex" की कहानियां पढ़ रही हैं। इसकी कहानियों ने ही मुझे बहुत बड़ी चुदक्कड़ बना दिया है। भी मैं भी बड़े मूड में थी और जबाब दिया बुर चोदूँगी मैं आज किसी की इन्ही बड़े बड़े लौंड़ों से सासू जी। वह भी उसी अंदाज़ में बोली - बुर नहीं आज मैं तेरी गांड चोदूँगी बहू रानी। तेरी नन्द की बुर में लौड़ा घुसा दूँगी और तेरी नन्द की माँ का चोद डालूंगी भोसड़ा ? उसकी भी गांड में ठोंक दूँगी लण्ड। आज तो न तेरी जेठानी की गांड बचेगी और न तेरी देवरानी की गांड। बुर चोदने के साथ साथ दोनों की गांड भी चोदूँगी मैं। जानती हो क्यों बहू रानी ? मैं ये सब सास के मुंह से सुनकर इतना तोजान गयी की अपना भोसड़ा चुदवाने के मूड में हैं, अपनी बिटिया की बुर चुदवाने के मूड में हैं अपनी बहू की चूत में लण्ड पेलने के मूड में हैं. अपनी दोनों और बहू की गांड मारने के मूड में हैं। इतनी मस्त जवान सास और इतनी सारी चुदाई का प्लान किसी मस्त हरामजादी औरत के दिमाग में ही होगा ? मैं समझ गयी की मेरी सास बहुत ही चुदक्कड़ औरत है। इसे गधे और घोड़े के जैसे लण्ड की जरुरत है।
मैंने बड़े आहिस्ते से जबाब दिया - नहीं सासू जी, मैं तो नहीं जानती ?
वह बोली - आज सबकी एक साथ बुर चोदने की और गांड चोदने का त्यौहार है।
मैंने कहा - तो फिर तुम्हारी भी बुर चोदी जाएगी और गांड भी चोदी जाएगी, सासू जी ?
वह बोली - बात तो सही है पर किस बुर चोदी की गांड में दम है मेरी गांड चोदने की और मेरी बुर चोदने की। मैं उसी को ढूंढ रही हूँ। तेरी बुर चोदी नन्द की माँ की चूत ?
मेरी सास मेरी नन्द को खूब गरिया रहीं हैं। मेरी नन्द बुर चोदी उसकी बेटी है और वह अपनी ही बेटी की बुर चुदाने के लिए बेताब हो रही है।
ये सब बोल कर मेरी सासू जी मेरी चूत और गांड दोनों में आग लगा कर चली गयीं। थोड़ी देर में मेरी नन्द आ गयी।
वह बोली - अरे सुनो भाभी जान मुझे अभी अभी मालूम हुआ है की आज बुर चोदने की और गांड चोदने का त्यौहार है। आज तो सबकी बुर चोदी जाएगी और चोदी जाएगी सबकी गांड ? मजे की बात यह है की आज सारे मरद सबकी बुर चोदेंगें और सबकी गांड भी चोदेंगें। सबकी बुर में घुसेगें सबके लण्ड और फिर वही लण्ड सबकी गांड में भी घुसेंगें। यह सब कुछ खुल्लम खुल्ला होगा। न कोई शर्म न कोई लिहाज़। त्यौहार तो इतनी धूम धाम से मनाया जायेगा जो वर्षों तक याद रहे। गालियों की होगी बौछार और लण्ड मारेंगें सबके मुंह में अपने अपने वीर्य की पिचकारी। सबकी चाटी जाएगी बुर और सबके चाटे जायेंगें लण्ड। तुम्हे ठीक से समझ में आ गया मेरी बुर चोदी भाभी। तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? तेरी सास की बिटिया की बुर ?
मैं जान गयी की आज तो सच में कोई बहुत बड़ा हंगामा होगा।
मैंने भी कहा - तेरी भाभी की सास का भोसड़ा नन्द रानी और तेरी माँ की बहू की बुर ? मैंने भी अपनी ही बुर को गाली दे दी।
अब हम सब एक ही कमरे में बैठ गयी। मैं, इस घर की बहू, मेरी नन्द मेरी जेठानी और देवरानी साथ में मेरी मस्तानी सास। ५ चूत एक साथ बैठी हुई हैं। अब आओ लण्ड का हिसाब कर लें। लेकिन हिसाब कैसे हो ? लण्ड की संख्या तो सास ही बतायेगी। सास ने बताया की देखो घर में तो तेरा ससुर है बहू रानी, तेरा खाला ससुर, तेरा नंदोई, तेरा बहनोई आ रहा है बहू रानी, मेरा नंदोई , मेरा देवर और तेरी जेठानी का जीजा भी है भोसड़ी वाला। अब बताओ कितने लण्ड ? मैंने कहा ७ लण्ड हैं सासू जी। वह बोली अभी और भी आ सकतें हैं लण्ड बहू रानी तुम सबकी गांड मारने ।
मेरा नाम है अबीरा। मेरी सास हैं रुखसाना, मेरी नन्द फरीन, मेरी जेठानी लारा और देवरानी सबा हैं। मर्दों में मेरा ससुर बसीर है, फुफिया ससुर नावेद है, जेठानी का जीजा ज़मीर, मेरा जीजू मुनीर, खाला ससुर हसन, मेरा नंदोई समी और चचिया ससुर रफत है।
सब के सब आकर बैठ गए मस्ती से बातें करने लगे। चुदाई और गांड मराई की बातें भी होने लगीं। आज तो सच में इसी का दिन हैं इसलिए कहीं भी शर्माने या फिर झिझकने की कोई जरुरत ही नहीं थी।
तब तक सास बोली - लो अब सब लोग आ गए न। तो फिर तुम लोग चूत वालियों जिस जिस से चुदवाना चाहती हो और गांड मराना चाहती ही उसके लण्ड पर हाथ रख कर बताओ। और हां यहाँ शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। जो बुर चोदी शर्माएगी उसकी गांड मैं सबसे पहले मारूंगी।
उसकी बात सुनते ही मैंने सबसे पहले अपने ससुर के लण्ड पर हाथ रख दिया। मुझे देख कर मेरी नन्द बोली हाय दईया भाभी जान तू सबसे पहले मेरे ही अब्बू का लण्ड पेलेगी अपनी बुर में ? फिर मैंने दूसरा हाथ जेठानी के जीजू के लण्ड पर रख दिया।
मेरी सास बोली - हाय अल्ला, मेरी बहू तो बुर चोदी बड़ी बेशरम निकली। मैं यही चाहती थी।
मैंने कहा - सासू जी मैं एक दिन अपने अब्बू का लण्ड तेरी बिटिया की बुर में पेलूँगी और फिर उसी लण्ड से मारूंगी तेरी गांड।
यह सुनते ही सब लोग मेरी तरफ देखने लगे और माहौल बुरी तरह गरम हो गया। तब तक मेरी नन्द ने अपने ही फूफा का लण्ड पकड़ कर पैजामे से बाहर निकाल लिया। वह मुस्कराते हुए लण्ड हिला हिला कर सबको दिखाने लगी।
इतने में मेरी सास उठी और अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगी नंगी मेरे जीजू मुनीर का लण्ड लुंगी से बाहर खींच लिया। उसे देख कर मेरी जेठानी भी भोसड़ी वाली उठी और नंगी हो गयी। उसने हाथ बढ़ाकर खाला ससुर हसन का लण्ड पकड़ कर सहलाने लगी। लण्ड टन टना कर खड़ा हो गया। मेरी देवरानी ने नंगी नंगी मेरे नंदोई समी का लण्ड पकड़ा और दूसरे हाथ से मेरे चचिया ससुर का लण्ड भी पकड़ लिया। वह भी मेरी तरह दोनों लण्ड हिलाते हुए बारी बारी से उनके सुपाड़े चाटने लगी। बस ५ मिनट में ही सारे मरद नंगे हो गए और सारी बीवियां भी नंगी हो गयीं। मैं, मेरी नन्द, मेरी जेठानी, देवरानी और सास सबकी सब बुर चोदी बीवियां ही हैं न। बीवियों को चाहिए क्या ? पराये मर्दों के लण्ड ? मर्दों को चाहिए क्या ? परायी बीवियों की बुर ? यही खेल यहाँ हो रहा है। मैंने देखा की मेरे ससुर का लण्ड मेरे हाथ में आते ही बढ़ता जा रहा है। वह भोसड़ी का अपनी ही बेटी के सामने नंगा बैठा हुआ मुझे अपना लण्ड मस्ती से पकड़ा रहा है। मुझे यह समझने के देर नहीं लगी की मेरा ससुर अपनी बेटी की बुर भी मजे से लेता होगा और अपनी बीवी दूसरों से चुदवाता होगा। इतने में उसकी बेटी यानी मेरी नन्द बोली - अब्बू जान आज तेरा लण्ड भोसड़ी का मेरी भाभी की बुर पहली बार लेने जा रहा है। तेरा लण्ड बहन चोद देखो कैसे मेरी भाभी के हाथ में हिनहिना रहा है।
सच है कि सामूहिक चुदाई में जब तक बेशर्मी न हो तब तक पूरा मज़ा नहीं आता। दूसरे की चूत की चुदाई देखने में भी उतना ही मज़ा आता है जितनी अपनी चूत की चुदाई में. मैं तो हमेशा सामूहिक चुदाई ही एन्जॉय करती हूँ। मैं ससुर के लण्ड मुंह में भर कर मस्ती से चूसने लगी। मेरी सास बोली तू मादर चोद मेरे मियां का ही लौड़ा पी रही है। मैंने कहा अरे सासू जी लौड़ा तो सिर्फ लौड़ा है। उसे पीने का हक़ मुझे है वो फिर बहन चोद लण्ड चाहे जिसका हो ? मैं उसकी परवाह नहीं करती। वह बोली तू भी बुर चोदी बहू, बिलकुल अपनी सास और नन्द की ही तरह है। वो देखो तेरी नन्द की बुर चोदी कितनी मस्ती से अपने फूफा का लण्ड पी रही है।इतनी मस्ती के कभी अपने मियां का लौड़ा नहीं पिया होगा। मेरी नन्द ने यह बात सुनते ही कहा मेरे मियां का लण्ड तो तुम भी पीती हो अम्मी जान। फिर अपने भोसड़ा में पेलती हो मेरे मियां है लण्ड। लेकिन आज तो देखो न, मेरी छोटी भाभी कैसे मजे से मेरे मियां का लण्ड पी रही हैं।
मेरा ससुर मेरी चूत चाटने लगा और मैं उसका लण्ड। मेरी सास मेरे जीजू का लण्ड पीने लगी और जीजू उसकी चूँचियाँ ,चाटने लगा, मेरी जेटहनि खाला ससुर का लौड़ा मुंह में भर कर चूसने लगी तो वह जेठानी की चूँचियाँ मसलने लगा और उसकी गांड पर हाथ फिराने लगा, मेरी देवरानी तो एक हाथ में नंदोई का लण्ड और दूसरे हाथ में अपने चचिया ससुर का लण्ड बारी बारी से चाटने लगी। मैंने भी जेठानी के जीजा का लण्ड बार बार मुंह में लेकर उसी तरह चूसने लगी जैसे मैं अपने ससुर का लण्ड चूस रही थी। हम पांचो पराये मर्दों के लण्ड का मज़ा बाखूबी ले रही थी और लण्ड भी भोसड़ी वाले सब तन कर खड़े हुए थे क्योंकि उन्हें भी खूब मज़ा आ रहा था। परायी बीवी के मुंह में लण्ड पेलना किसको नहीं अच्छा लगता ?
मैं अचानक ससुर के लण्ड पर चढ़ बैठी। लण्ड पूरा मेरी चूत में घुस गया और मैं उस पर कूद कूद कर लण्ड चोदने लगी। मेरे मुंह में जेठानी के जीजा लण्ड था ही। मैं एक लण्ड मुंह से चोदने लगी और दूसरा लण्ड बुर से। ऐसा मेरी देवरानी भी करने लगी. वह भी अपने चचिया ससुर के लण्ड पर बैठी थी और मेरे नंदोई का चूस रही थी. उसे भी मेरी तरह लण्ड चोदने शौक है। मेरी नन्द बुर चोदी धकाधक अपने फूफा से चुदवाने लगी और मेरी सास मेरे जीजू से। जेठानी की बुर खुलेआम खाला ससुर लेने लगा और जेठानी मेरे ससुर पेल्हड़ सहलाने लगी। सबकी चूत पराये मर्दों से चुदने लगी। सब की सब भोसड़ी वाली रंडी की तरह भकाभक चुदवाने लगीं। अपनी गांड उठा उठा के लण्ड पेलवाने लगीं। किसी को भी किंचित मात्र भी शर्म नहीं थी।
उसके एक एक करके सब बाथ रूम गए और फ्रेश होकर नंगे नंगे ही बैठ गए। थोड़ी देर तक गप्प सप्प हुई और फिर मेरी सास ने अपने नन्दोई का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लण्ड बहन चोद खड़ा होने लगा और उसका सुपाड़ा फूलने लगा। तभी उसने लण्ड मेरी गांड पर छुआ दिया और बोली नावेद यार तुम मेरी मझली बहू अबीरा की सबके सामने गांड चोदो। उसने मुझे कुतिया बना दिया और लण्ड मेरी गांड में घुसाने लगा। मेरी चुदने लगी गांड। तब तक मेरे जीजू मुनीर ने अपना लण्ड मेरी नंद की गांड में पेल दिया। नन्द भी भोसड़ी की मस्ती से अपनी गांड मरवाने लगी। उधर से मेरा खाला ससुर उठा और अपना टन टनाता हुआ लण्ड मेरी सास की गांड में ठोंक दिया। मेरा नंदोई मेरी जेठानी की गांड चोदने लगा और मेरा ससुर ने अपनी सबसे छोटी बहू की गांड में लण्ड पेल दिया। मैं यह देख रही थी की मेरे ससुर को बहू की न बुर चोदने में कोई हिचक है और न गांड चोदने में ? भोसड़ी का बहुत बड़ा चोदू आदमी है मेरा ससुर।
उधर जेठानी का जीजा आगे बढ़ा और मेरी नन्द के मुंह में अपना लण्ड घुसेड़ दिया। नन्द उसका लण्ड चूसने लगी। मेरी जेठानी ने मेरे चचिया ससुर का लण्ड पकड़ लिया। वह अपनी गांड चुदवाते हुए चचिया ससुर का लण्ड पीने लगी।
इस तरह से आज गांड चोदने और चुदाने का त्यौहार मानाया जाने लगा।
मैं अगले दिन अपने माईके आ गयी और उसके दूसरे दिन अपनी फूफी के घर चली गयी। मैंने जैसे ही घुसी तो वहां देखा की कुछ लोगों के बीच गरमागरम बातें हो रही है। मैं चुप चाप खड़ी होकर उनकी गरमागरम बातें सुनने लगी।
ऊपर उसकी चूँचियाँ एकदम नंगी थीं। वह सब लण्ड फूफी की बेटी को दिखाती हुई बोली ले इस लण्ड का सड़का मार के निचोड़ दे अपनी माँ के मुंह में ? मैंने रात में दो बार इसका लण्ड पिया है। मुझसे रहा न गया। मैं भी बोल पड़ी। मैंने कहा - अरे फूफी जी तेरी बेटी बिलकुल सही कह रही है। लण्ड का वीर्य एक टॉनिक है उसे हर लड़की को लेना चाहिए। इसी तरह लड़की की बुर चाटने से पेट के सब रोग ठीक हो जातें हैं। इसीलिए आजकल लड़के लड़कियों की बुर ज्यादा चाटने लगे हैं। ऐसा बोल कर मैं वापस जाने लगी तो फूफी की बेटी बोली हाय दईया, तुमने तो बहुत अच्छी बात बताई। अब मेरे मियां को अपनी बुर तो चटवाती जाओ अबीरा दीदी। उसने मेरा हाथ अपने मियां के पैजामे में घुसेड़ दिया और कहा की तुम मेरे मियां का लण्ड सबके सामने मुठ्ठ मार कर पी लो दीदी। मुझे भी जोश आ गया तो मैंने लण्ड खींच कर बाहर निकाल लिया। मेरे हिलाते ही लण्ड खड़ा हो गया तो मैंने झुक कर उसे चूमा।
तब तक फूफी की बेटी ने मुझे नंगी कर दिया। मैं नंगी नंगी लण्ड चूसने लगी। जब मैंने आँख उठा कर थोड़ी देर बाद देखा तो मालूम हां की सबकी सब बुर चोदी लण्ड पी रही है। फूफी अपने बहनोई का लण्ड पी रही हैं. फूफी की बेटी अपने ससुर का लण्ड पी रही है, फूफी की बहू अपने नंदोई का लण्ड रही है और फूफी खुद अपने देवर का लण्ड पी रही है। सब भोसड़ी वाली नंगी नंगी लण्ड का सड़का मारने में जुट गयीं। लण्ड एक एक करके झड़ने लगे तो सबने उनका वीर्य पिया। सबको बहुत ही अच्छा लगा और तब फूफी ने अपनी बेटी से कहा - तूने बुर चोदी मुझे पहले क्यों नहीं बताया की लण्ड पीना इतना अच्छा होता है। तेरी माँ की चूत, बेटी ? अब आगे से मुझे हर बात बताती रहना नहीं तो में तेरी माँ चोद दूँगी। फिर मैंने सब लोगों से चुदवाया, सबके लण्ड अपनी चूत में पेला और सबके लण्ड मुठ्ठ मार कर पिया।
उस दिन की चुदाई मुझे आज भी याद है।
गर्मी का मौसम था। उस दिन सवेरे सवेरे मैं अपने कमरे में ए सी चलाकर बड़ी देर तक लैपटॉप पर पहले तो पोर्न देखती रही, पोर्न में बड़े बड़े लण्ड देखती रही और फिर"sex" की कहानियां पढ़ती रही। कहानियां इतनी गरम गरम थीं की मेरे सारे कपड़े अस्त व्यस्त हो गये थे। मेरी चूँचियाँ खुलीं हुई थीं, मेरी चूत की झांटें दिखाई पड़ रहीं थीं और गांड भी आधी से अधिक खुली हुई थी. तभी मेरी सास मेरे कमरे में आई लेकिन मैं उसे देख नहीं पाई वह मुझे देखती रहीं। वह भी बड़े मूड में थीं। तभी तो उसके मुंह से निकला हाय दईया तू यहाँ बैठी बैठी क्या अपनी झांटें गईं रही है ? फिर उसकी नज़र मेरे लैपटॉप पर गयी वह बोली हाय अल्ला, इतने इतने बड़े बड़े लण्ड ? इतने मोटे मोटे लण्ड ? क्या करेगी तू इन मोटे मोटे लण्ड बहू रानी। वह बोली अरी भोसड़ी की बहू रानी तू भी "sex" की कहानियां पढ़ रही हैं। इसकी कहानियों ने ही मुझे बहुत बड़ी चुदक्कड़ बना दिया है। भी मैं भी बड़े मूड में थी और जबाब दिया बुर चोदूँगी मैं आज किसी की इन्ही बड़े बड़े लौंड़ों से सासू जी। वह भी उसी अंदाज़ में बोली - बुर नहीं आज मैं तेरी गांड चोदूँगी बहू रानी। तेरी नन्द की बुर में लौड़ा घुसा दूँगी और तेरी नन्द की माँ का चोद डालूंगी भोसड़ा ? उसकी भी गांड में ठोंक दूँगी लण्ड। आज तो न तेरी जेठानी की गांड बचेगी और न तेरी देवरानी की गांड। बुर चोदने के साथ साथ दोनों की गांड भी चोदूँगी मैं। जानती हो क्यों बहू रानी ? मैं ये सब सास के मुंह से सुनकर इतना तोजान गयी की अपना भोसड़ा चुदवाने के मूड में हैं, अपनी बिटिया की बुर चुदवाने के मूड में हैं अपनी बहू की चूत में लण्ड पेलने के मूड में हैं. अपनी दोनों और बहू की गांड मारने के मूड में हैं। इतनी मस्त जवान सास और इतनी सारी चुदाई का प्लान किसी मस्त हरामजादी औरत के दिमाग में ही होगा ? मैं समझ गयी की मेरी सास बहुत ही चुदक्कड़ औरत है। इसे गधे और घोड़े के जैसे लण्ड की जरुरत है।
मैंने बड़े आहिस्ते से जबाब दिया - नहीं सासू जी, मैं तो नहीं जानती ?
वह बोली - आज सबकी एक साथ बुर चोदने की और गांड चोदने का त्यौहार है।
मैंने कहा - तो फिर तुम्हारी भी बुर चोदी जाएगी और गांड भी चोदी जाएगी, सासू जी ?
वह बोली - बात तो सही है पर किस बुर चोदी की गांड में दम है मेरी गांड चोदने की और मेरी बुर चोदने की। मैं उसी को ढूंढ रही हूँ। तेरी बुर चोदी नन्द की माँ की चूत ?
मेरी सास मेरी नन्द को खूब गरिया रहीं हैं। मेरी नन्द बुर चोदी उसकी बेटी है और वह अपनी ही बेटी की बुर चुदाने के लिए बेताब हो रही है।
ये सब बोल कर मेरी सासू जी मेरी चूत और गांड दोनों में आग लगा कर चली गयीं। थोड़ी देर में मेरी नन्द आ गयी।
वह बोली - अरे सुनो भाभी जान मुझे अभी अभी मालूम हुआ है की आज बुर चोदने की और गांड चोदने का त्यौहार है। आज तो सबकी बुर चोदी जाएगी और चोदी जाएगी सबकी गांड ? मजे की बात यह है की आज सारे मरद सबकी बुर चोदेंगें और सबकी गांड भी चोदेंगें। सबकी बुर में घुसेगें सबके लण्ड और फिर वही लण्ड सबकी गांड में भी घुसेंगें। यह सब कुछ खुल्लम खुल्ला होगा। न कोई शर्म न कोई लिहाज़। त्यौहार तो इतनी धूम धाम से मनाया जायेगा जो वर्षों तक याद रहे। गालियों की होगी बौछार और लण्ड मारेंगें सबके मुंह में अपने अपने वीर्य की पिचकारी। सबकी चाटी जाएगी बुर और सबके चाटे जायेंगें लण्ड। तुम्हे ठीक से समझ में आ गया मेरी बुर चोदी भाभी। तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? तेरी सास की बिटिया की बुर ?
मैं जान गयी की आज तो सच में कोई बहुत बड़ा हंगामा होगा।
मैंने भी कहा - तेरी भाभी की सास का भोसड़ा नन्द रानी और तेरी माँ की बहू की बुर ? मैंने भी अपनी ही बुर को गाली दे दी।
अब हम सब एक ही कमरे में बैठ गयी। मैं, इस घर की बहू, मेरी नन्द मेरी जेठानी और देवरानी साथ में मेरी मस्तानी सास। ५ चूत एक साथ बैठी हुई हैं। अब आओ लण्ड का हिसाब कर लें। लेकिन हिसाब कैसे हो ? लण्ड की संख्या तो सास ही बतायेगी। सास ने बताया की देखो घर में तो तेरा ससुर है बहू रानी, तेरा खाला ससुर, तेरा नंदोई, तेरा बहनोई आ रहा है बहू रानी, मेरा नंदोई , मेरा देवर और तेरी जेठानी का जीजा भी है भोसड़ी वाला। अब बताओ कितने लण्ड ? मैंने कहा ७ लण्ड हैं सासू जी। वह बोली अभी और भी आ सकतें हैं लण्ड बहू रानी तुम सबकी गांड मारने ।
मेरा नाम है अबीरा। मेरी सास हैं रुखसाना, मेरी नन्द फरीन, मेरी जेठानी लारा और देवरानी सबा हैं। मर्दों में मेरा ससुर बसीर है, फुफिया ससुर नावेद है, जेठानी का जीजा ज़मीर, मेरा जीजू मुनीर, खाला ससुर हसन, मेरा नंदोई समी और चचिया ससुर रफत है।
सब के सब आकर बैठ गए मस्ती से बातें करने लगे। चुदाई और गांड मराई की बातें भी होने लगीं। आज तो सच में इसी का दिन हैं इसलिए कहीं भी शर्माने या फिर झिझकने की कोई जरुरत ही नहीं थी।
तब तक सास बोली - लो अब सब लोग आ गए न। तो फिर तुम लोग चूत वालियों जिस जिस से चुदवाना चाहती हो और गांड मराना चाहती ही उसके लण्ड पर हाथ रख कर बताओ। और हां यहाँ शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। जो बुर चोदी शर्माएगी उसकी गांड मैं सबसे पहले मारूंगी।
उसकी बात सुनते ही मैंने सबसे पहले अपने ससुर के लण्ड पर हाथ रख दिया। मुझे देख कर मेरी नन्द बोली हाय दईया भाभी जान तू सबसे पहले मेरे ही अब्बू का लण्ड पेलेगी अपनी बुर में ? फिर मैंने दूसरा हाथ जेठानी के जीजू के लण्ड पर रख दिया।
मेरी सास बोली - हाय अल्ला, मेरी बहू तो बुर चोदी बड़ी बेशरम निकली। मैं यही चाहती थी।
मैंने कहा - सासू जी मैं एक दिन अपने अब्बू का लण्ड तेरी बिटिया की बुर में पेलूँगी और फिर उसी लण्ड से मारूंगी तेरी गांड।
यह सुनते ही सब लोग मेरी तरफ देखने लगे और माहौल बुरी तरह गरम हो गया। तब तक मेरी नन्द ने अपने ही फूफा का लण्ड पकड़ कर पैजामे से बाहर निकाल लिया। वह मुस्कराते हुए लण्ड हिला हिला कर सबको दिखाने लगी।
इतने में मेरी सास उठी और अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगी नंगी मेरे जीजू मुनीर का लण्ड लुंगी से बाहर खींच लिया। उसे देख कर मेरी जेठानी भी भोसड़ी वाली उठी और नंगी हो गयी। उसने हाथ बढ़ाकर खाला ससुर हसन का लण्ड पकड़ कर सहलाने लगी। लण्ड टन टना कर खड़ा हो गया। मेरी देवरानी ने नंगी नंगी मेरे नंदोई समी का लण्ड पकड़ा और दूसरे हाथ से मेरे चचिया ससुर का लण्ड भी पकड़ लिया। वह भी मेरी तरह दोनों लण्ड हिलाते हुए बारी बारी से उनके सुपाड़े चाटने लगी। बस ५ मिनट में ही सारे मरद नंगे हो गए और सारी बीवियां भी नंगी हो गयीं। मैं, मेरी नन्द, मेरी जेठानी, देवरानी और सास सबकी सब बुर चोदी बीवियां ही हैं न। बीवियों को चाहिए क्या ? पराये मर्दों के लण्ड ? मर्दों को चाहिए क्या ? परायी बीवियों की बुर ? यही खेल यहाँ हो रहा है। मैंने देखा की मेरे ससुर का लण्ड मेरे हाथ में आते ही बढ़ता जा रहा है। वह भोसड़ी का अपनी ही बेटी के सामने नंगा बैठा हुआ मुझे अपना लण्ड मस्ती से पकड़ा रहा है। मुझे यह समझने के देर नहीं लगी की मेरा ससुर अपनी बेटी की बुर भी मजे से लेता होगा और अपनी बीवी दूसरों से चुदवाता होगा। इतने में उसकी बेटी यानी मेरी नन्द बोली - अब्बू जान आज तेरा लण्ड भोसड़ी का मेरी भाभी की बुर पहली बार लेने जा रहा है। तेरा लण्ड बहन चोद देखो कैसे मेरी भाभी के हाथ में हिनहिना रहा है।
सच है कि सामूहिक चुदाई में जब तक बेशर्मी न हो तब तक पूरा मज़ा नहीं आता। दूसरे की चूत की चुदाई देखने में भी उतना ही मज़ा आता है जितनी अपनी चूत की चुदाई में. मैं तो हमेशा सामूहिक चुदाई ही एन्जॉय करती हूँ। मैं ससुर के लण्ड मुंह में भर कर मस्ती से चूसने लगी। मेरी सास बोली तू मादर चोद मेरे मियां का ही लौड़ा पी रही है। मैंने कहा अरे सासू जी लौड़ा तो सिर्फ लौड़ा है। उसे पीने का हक़ मुझे है वो फिर बहन चोद लण्ड चाहे जिसका हो ? मैं उसकी परवाह नहीं करती। वह बोली तू भी बुर चोदी बहू, बिलकुल अपनी सास और नन्द की ही तरह है। वो देखो तेरी नन्द की बुर चोदी कितनी मस्ती से अपने फूफा का लण्ड पी रही है।इतनी मस्ती के कभी अपने मियां का लौड़ा नहीं पिया होगा। मेरी नन्द ने यह बात सुनते ही कहा मेरे मियां का लण्ड तो तुम भी पीती हो अम्मी जान। फिर अपने भोसड़ा में पेलती हो मेरे मियां है लण्ड। लेकिन आज तो देखो न, मेरी छोटी भाभी कैसे मजे से मेरे मियां का लण्ड पी रही हैं।
मेरा ससुर मेरी चूत चाटने लगा और मैं उसका लण्ड। मेरी सास मेरे जीजू का लण्ड पीने लगी और जीजू उसकी चूँचियाँ ,चाटने लगा, मेरी जेटहनि खाला ससुर का लौड़ा मुंह में भर कर चूसने लगी तो वह जेठानी की चूँचियाँ मसलने लगा और उसकी गांड पर हाथ फिराने लगा, मेरी देवरानी तो एक हाथ में नंदोई का लण्ड और दूसरे हाथ में अपने चचिया ससुर का लण्ड बारी बारी से चाटने लगी। मैंने भी जेठानी के जीजा का लण्ड बार बार मुंह में लेकर उसी तरह चूसने लगी जैसे मैं अपने ससुर का लण्ड चूस रही थी। हम पांचो पराये मर्दों के लण्ड का मज़ा बाखूबी ले रही थी और लण्ड भी भोसड़ी वाले सब तन कर खड़े हुए थे क्योंकि उन्हें भी खूब मज़ा आ रहा था। परायी बीवी के मुंह में लण्ड पेलना किसको नहीं अच्छा लगता ?
मैं अचानक ससुर के लण्ड पर चढ़ बैठी। लण्ड पूरा मेरी चूत में घुस गया और मैं उस पर कूद कूद कर लण्ड चोदने लगी। मेरे मुंह में जेठानी के जीजा लण्ड था ही। मैं एक लण्ड मुंह से चोदने लगी और दूसरा लण्ड बुर से। ऐसा मेरी देवरानी भी करने लगी. वह भी अपने चचिया ससुर के लण्ड पर बैठी थी और मेरे नंदोई का चूस रही थी. उसे भी मेरी तरह लण्ड चोदने शौक है। मेरी नन्द बुर चोदी धकाधक अपने फूफा से चुदवाने लगी और मेरी सास मेरे जीजू से। जेठानी की बुर खुलेआम खाला ससुर लेने लगा और जेठानी मेरे ससुर पेल्हड़ सहलाने लगी। सबकी चूत पराये मर्दों से चुदने लगी। सब की सब भोसड़ी वाली रंडी की तरह भकाभक चुदवाने लगीं। अपनी गांड उठा उठा के लण्ड पेलवाने लगीं। किसी को भी किंचित मात्र भी शर्म नहीं थी।
- अचानक मेरे मुंह से निकला - भोसड़ी के ससुर क्या तुम अपनी बिटिया की बुर भी इसी तरह लेते हो जिस तरह तुम मेरी बुर ले रहे हो ?
- वह बोला - हां बिलकुल इसी तरह लेता हूँ। रात में लण्ड साला पागल हो जाता है। वह बेटी बहू, नन्द भैजाई माँ बेटी जेठानी देवरानी कुछ नहीं देखता। उसे तो सिर्फ चूत दिखाई पड़ती है। जिसकी चूत सामने खुली मिल जाती है वह उसी में घुस जाता है। तेरी बेटी देखो तेरे सामने तेरे बहनोई से चुदवा रही है। न उसे कोई शर्म है न तुझे ?
- इसमें शर्म की क्या बात है। मेरी बेटी जवान है। उसकी भी चूत है चूत में आग है। उसे भी लण्ड की जरुरत है जैसे तुझे लण्ड की जरुरत है।
- तब तक जेठानी बोली अबीरा तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? तेरी सास की बिटिया की बुर ? चुदाई में कोई किसी का सगा नहीं होता ? तेरी जेठानी की माँ की चूत ? मुझे तो सबके सामने सबसे चुदवाने में मज़ा आता है और मैं ये मज़ा हर हाल में लूटती हूँ।
- उधर से मेरी देवरानी बोली - मज़ा तो मुझे भी आता है सबसे साथ सबसे चुदवाने में ? मैं तो सबकी चूत में लण्ड पेलने का मज़ा भी लेती हूँ।
- इतने में सास बोली - आज मैं तुम सब बहुओं की गांड चोदूँगी। मैं पहले बहू के जीजू का लण्ड मुठ्ठ मार के पी लूं फिर सबकी गांड में घुसाऊँगी लण्ड ?
उसके एक एक करके सब बाथ रूम गए और फ्रेश होकर नंगे नंगे ही बैठ गए। थोड़ी देर तक गप्प सप्प हुई और फिर मेरी सास ने अपने नन्दोई का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लण्ड बहन चोद खड़ा होने लगा और उसका सुपाड़ा फूलने लगा। तभी उसने लण्ड मेरी गांड पर छुआ दिया और बोली नावेद यार तुम मेरी मझली बहू अबीरा की सबके सामने गांड चोदो। उसने मुझे कुतिया बना दिया और लण्ड मेरी गांड में घुसाने लगा। मेरी चुदने लगी गांड। तब तक मेरे जीजू मुनीर ने अपना लण्ड मेरी नंद की गांड में पेल दिया। नन्द भी भोसड़ी की मस्ती से अपनी गांड मरवाने लगी। उधर से मेरा खाला ससुर उठा और अपना टन टनाता हुआ लण्ड मेरी सास की गांड में ठोंक दिया। मेरा नंदोई मेरी जेठानी की गांड चोदने लगा और मेरा ससुर ने अपनी सबसे छोटी बहू की गांड में लण्ड पेल दिया। मैं यह देख रही थी की मेरे ससुर को बहू की न बुर चोदने में कोई हिचक है और न गांड चोदने में ? भोसड़ी का बहुत बड़ा चोदू आदमी है मेरा ससुर।
उधर जेठानी का जीजा आगे बढ़ा और मेरी नन्द के मुंह में अपना लण्ड घुसेड़ दिया। नन्द उसका लण्ड चूसने लगी। मेरी जेठानी ने मेरे चचिया ससुर का लण्ड पकड़ लिया। वह अपनी गांड चुदवाते हुए चचिया ससुर का लण्ड पीने लगी।
इस तरह से आज गांड चोदने और चुदाने का त्यौहार मानाया जाने लगा।
मैं अगले दिन अपने माईके आ गयी और उसके दूसरे दिन अपनी फूफी के घर चली गयी। मैंने जैसे ही घुसी तो वहां देखा की कुछ लोगों के बीच गरमागरम बातें हो रही है। मैं चुप चाप खड़ी होकर उनकी गरमागरम बातें सुनने लगी।
- फूफी की बेटी बोल रही थी - अम्मी जान अब ज़माना बदल गया है। तुम्हे मालूम है की आजकल लड़कियां लण्ड ज्यादा क्यों पीने लगीं हैं ? लण्ड का वीर्य टॉनिक का काम करता है अम्मी जान ? उसके पीने से लड़कियों की सेहत ठीक रहती है।
- फूफी - हाय दईया अब आजकल लड़कियां लण्ड भले ही पीती हों लेकिन हमारे समय में ;लण्ड पीने का कोई चलन ही नहीं था। तू माँ की लौड़ी मुझे चूतिया रही है ? ऐसी कोई बात नहीं है। लण्ड चूत के लिए है मुंह के लिए नहीं ? तेरी माँ का भोसड़ा बेटी मैं तेरे बहकावे नहीं आ सकती ?
- फूफी की बेटी - मैं तो कहती हूँ की तुम भी किसी दिन लण्ड पीकर देखो अम्मी जान। बड़ा स्वादिस्ट होता है लण्ड ? हर लण्ड का अपना नया स्वाद होता है इसलिए लड़कियां आजकल कई लण्ड पीती हैं।
- फूफी - लड़कियों की माँ का भोसड़ा। सब तुमको चूतिया बना रहीं हैं और तू बनती जा रही है। लण्ड चाटना चूमना चूसना मैं मान सकती हूँ पर लण्ड का वीर्य पीना तो मुझे बिल्कु पसंद नहीं ?
- फूफी की बेटी - तू बुर चोदी कभी मेरी बात सुनती ही नहीं। मेरे मियां का लण्ड चपर चपर चाटती है तू पर उसका वीर्य नहीं पीती। तेरी बहन की बिटिया की बुर अम्मी जान ? किसी दिन अपनी बहन की बिटिया से पूंछो। वह तुम्हे सब सच सच बताएगी।
- तब तक फूफी की बहू - अरे हां सासू जी अबीरा ठीक कह रही है। लण्ड पीने से सेहत अच्छी रहती है। मेरी अम्मी ने मुझे बचपन में तो दूध पिलाया लेकिन मैं जब जवान हुई तो वह मुझे लण्ड पिलाने लगीं। अब मैं भी लण्ड पीती हूँ। इसलिए मेरी नन्द जो कह रही है वह एकदम सच है सासू जी।
- फूफी - अच्छा तो अब तू भी अपनी नन्द की तरफदारी कर रही है। तेरी नन्द की माँ की चूत ? तेरी सास की बिटिया की बुर ? मैं इतनी भोली नहीं हूँ जो तू मुझे समझा लेगी।
- फूफी की बहू - तेरी बेटी की भाभी की बुर ? तेरी बहू की नन्द की चूत ? मैं तो सच बात कह रही हूँ बस। मानो चाहे अपनी गांड में जाओ ?
- फूफी की बेटी - अब तो मैं लण्ड तेरे मुंह में निचोड़ दूँगी तब तू मानेगी। तेरी बिटिया की माँ का भोसड़ा ? तेरी बहू की बुर चोदी बुर ? ज़माने के साथ बदलना बहुत जरुरी है अम्मी जान ?
तब तक फूफी की बेटी ने मुझे नंगी कर दिया। मैं नंगी नंगी लण्ड चूसने लगी। जब मैंने आँख उठा कर थोड़ी देर बाद देखा तो मालूम हां की सबकी सब बुर चोदी लण्ड पी रही है। फूफी अपने बहनोई का लण्ड पी रही हैं. फूफी की बेटी अपने ससुर का लण्ड पी रही है, फूफी की बहू अपने नंदोई का लण्ड रही है और फूफी खुद अपने देवर का लण्ड पी रही है। सब भोसड़ी वाली नंगी नंगी लण्ड का सड़का मारने में जुट गयीं। लण्ड एक एक करके झड़ने लगे तो सबने उनका वीर्य पिया। सबको बहुत ही अच्छा लगा और तब फूफी ने अपनी बेटी से कहा - तूने बुर चोदी मुझे पहले क्यों नहीं बताया की लण्ड पीना इतना अच्छा होता है। तेरी माँ की चूत, बेटी ? अब आगे से मुझे हर बात बताती रहना नहीं तो में तेरी माँ चोद दूँगी। फिर मैंने सब लोगों से चुदवाया, सबके लण्ड अपनी चूत में पेला और सबके लण्ड मुठ्ठ मार कर पिया।
उस दिन की चुदाई मुझे आज भी याद है।
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