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गोली खाकर शिला को चोदा - Goli khakar Shila ko choda
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मैं कौन हूँ, ये जानने के लिए पूरी रात पड़ी है, पहले बता कि मुझे चोदेगा या नहीं. —- ये लाइन जब मैंने सुनी तब मैं निंद से झटके में जागा था. और मेरा सर जोर- जोर से घूम रहा था. अंधेरे में मुझे इतना ही समझ आ रहा था कि वो एक लड़की है, जिसकी आवाज थोड़ी सी मिठास भरी है, उसने अपना मुंह ढका है और बाल खुलें छोड़ रखे है. वो गर्मियों की रात थी. लाइट थी सब लोग नीचे सो रहे थे, पर मुझे ऊपर सोने की आदत थी. अकेले, छत पर मैं एक मोटा गद्देदार बिस्तर बिछाकर सोता था.
मैं कौन हूँ, ये कहने से पहले भी उसने बहुत कुछ कहा या शायद मैंने भी एक दो शब्द कहें होंगे. वो याद नहीं. मैं उसकी आवाज से उसे पहचाने की कोशिश कर ही रहा था कि उसने मेरी चड्ढी खिंचकर मेरा लंड पकड़ लिया अपना ढका चेहरे से कपड़ा हटाया और मेरे लंड पर ढेर सारा थूक गिराया. मैंने अब जाकर उसका चेहरा देखा ये तो शिलू है.
हम दोनों का घरों की छत सटी हुई है, हम दोनों एक दूसरे को पसंद के साथ-साथ प्यार भी करते है, पर अभी तक एक दूसरे के का हाथ के सिवा कुछ भी नहीं पकड़ा. “क्या हो गया तुझे”, मैंने पूछा. उसने बताया – ‘मैंने गलती से सिर दर्द की गोली के बजाए सेक्स पावर बढ़ाने वाली गोली खाली है’. तब तो तू मुझे आज मार डालेगी.
उसने बस इतना ही कहा कि बकवास बंद कर और लंड मुंह में घुसाने लगी. हालाँकि मैंने उसे कई बार किस करने को कहा कई बार सेक्स को भी पर उसने हर बार मना कर दिया था.
मैंने भी पीछे से उसके शूट की चेन खोल उसे ऊपर से आधा नंगा कर दिया. उसके चुचे बिलकुल भी लटके नहीं थे. 33C तो होंगे ही. मैंने उसे उसका घाघरा उतारने को कहा और अपनी चड्ढी उतार पूरा नंगा हो गया. मेरा लंड अब पूरा खड़ा हो चुका था. इतना सुनते ही उसने मुझे दोनों हाथों से धक्का दिया और मेरे मुंह पर कूद पड़ी. अब उसकी चुद मेरे मुंह में रगड़ खा रही थी. उसने अंदर से कोई चड्ढी नहीं पहन रखी थी, न ही बालों को शेव किया था. हाँ कोई तेज गुलाब की महक वाला परफ्यूम जरूर छिड़क रखा था. बूर से जरा – जरा स्वाद सा पानी टाइप का बिना किसी स्वाद की बूँद बाहर रीस रही थी. मैं जैसे – जैसे चाटता जा रहा था वैसे – वैसे उसकी बूर वैसे- वैसे और खुलती जा रही थी, और थोड़ी – थोड़ी उठती भी. अब तो शिलू कुछ-कुछ सिसकने भी लगी. थी उसने अपने घाघरे का बटन खोला फिर कहा, — मैं अब पागल हुई जा रही हूं, चोदना कब शुरू करेगा.
ये सुनते ही मैंने उसे पीठ से पकड़ा और उलटा बिस्तर पर पटक दिया, मुझे उम्मीद थी कि वो हल्का सा चीखेगी पर उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया. वो मुझे बस एक टक देख, एक हाथ से अपना चूचें मसलती दूसरे हाथ से बूर रगड़ती. ये देख मेरा दिमाग पूरा घूम गया. मैंने उसके दोनों हाथों को कसकर पकड़ा, एक चूचें को अपने मुंह में भर लिया, उसने अपनी दोनों टाँगें उठा ली. मैं धीरे से उसकी चुद में घुसने की कोशिश की, पर नई बूर ऐसे कहाँ मानती है. शिलू बोली — रुक मैं लंड पकड़ती हूँ तू डाल.
उसने मेरा लंड दो उंगलियों से पकड़ा और दूसरे हाथ से अपनी चुद जरा सा खोल उससे सटा दिया. मैं घुसाने की कोशिश करने लगा. दवा की वजह से उसकी सिल तोड़ने में कोई खास परेशानी नहीं हुई. और मेरा लंड धाड़ से अंदर घुस गया. अंदर से उसकी चुद बहुत नम और गिली थी. मुझे इतना मजा कभी नहीं आया था. उसने कहा – कि उसे बूर में बहुत तेज दर्द हो रहा है. मैंने उसके मुंह में अपना मुंह डाला. ये थी मेरी पहली किस.. हम दोनों ने मदमस्त होकर एक दूसरे को कसकर जकड़ लिया. उसने अपनी टाँगें मेरी टाँगो में फँसा ली. मेरे बदन में बिजली सी दौड़ गई और मैं धीरे- धीरे चोदने की बजाए अब जल्दी- जल्दी चोदने लगा. जैसे-जैसे मेरे चोदने की गति बढ़ती जा रही थी. वैसे-वैसे मजा भी बढ़ता जा रहा था. उसकी चुद से बहाव होता ही जा रहा था. मैंने उसे बताया कि मेरा अब किसी भी वक्त निकल सकता है. ऐसा मत कर, अभी मेरा आधा भी नहीं हुआ—उसने कहा, . मैंने समझाया कि मैं थोड़ी देर और संभाल सकता हूँ. मैंने अपने चोदने की गति धीमी कर दी पर कोई फायदा नहीं और मैं उसके बूर में भी फट पड़ा. फट पड़ने के कुछ देर बाद भी मैं उसे ठोकता रहा पर हर बार जब मैं अंदर बाहर करता मेरा लंड पहले से और तेजी से दर्द करने लगता. अंत में मुझसे नहीं रहा गया. और मैं उसे हटा कुछ देर लेट गया. वो मेरे ऊपर कूद पड़ी—बोली कुछ कर अभी मेरी आधा भी नहीं हुआ, मेरे समझाने का उसपर कोई असर नहीं हुआ.
शीलू ने चूत में दो बार ले लिया
वो अगले 5 मिनट तक यूं ही मुझे चूमती और चाटती रही. अब फिर से मेरा लंड धीरे- धीरे खड़ा होने लगा. अब की जब वो मुझे चाटते- चूमते मेरे लंड तक गई तो मुझे अब दर्द नहीं हो रहा था बल्कि फिर से मजा आने लगा था. मैंने उसे जाँघ से पकड़ा और अपनी और खिंचा. अब हम 69 पोजिशन में थे. वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी बूर में घुसा हुआ था. पहली बार जब मैं थोड़ी देर पहले उसकी चुद चाट रही था तब मेरी जीभ भी ठीक से अंदर नहीं घुस पा रही थी. अब की तो मैंने अपने मुंह के साथ – साथ 2 उंगलियाँ भी डाल दी. वो सिसक उठी. पहली बार मैंने उसे गाली दी – रंडी चूस …. रंडी रुक क्यों गई. वो उलटा घूमी. और मेरे लंड के ऊपर टौरिड-टिडवल-वेव सेक्स पोजिशन में बैठ गई उसने मेरा लंड पकड़ा और भक्क से अपनी बूर में घूसा लिया. और मेरे उपर गिर मेरा गला चाटने लगी. मैंने उसकी कमर पकड़ उसे जरा सा उठाया और अपनी कमर के नीचे तकिया रखा इससे मुझे उसे उसमें अंदर बाहर लंड करने के लिए ज्यादा जगह मिल गई और अब हमने नॉन – स्टाप चलने वाली चोदम – चोद शुरू कर दी. कभी वो मेरे ऊपर कुदती कभी मैं उसके हाथ पैर पकड़ उसे तेजी- तेजी ठोकता. वो हर वक्त अब आह. आह … कराहती और एक ही लाइन बार-बार कहती.. फाड़ दें. आज मेरी चुद फाड़.. रुक मत डालता जा.
जब उसका चिल्लाना और आह ऊंह कुछ ज्यादा हो गई तो मैंने एक हाथ से उसका मुंह बंद कर दिया और दूसरे से उसे कसकर पकड़ उसका गला मुंह चुचे चाटने लगा . उसके बदन में कोई ऐसी जगह नहीं छोड़ी जहाँ मैंने अपना थूक न लगा दिया हो. थोड़ी देर जब मैंने हाथ हटाया तो बोली कि लगता है कि अब मैं फटने वाली हूँ. मैंने कहा.. अब तू फट चाहें जुड़ , जब तक मेरा नहीं हो जाएगा तब तक मैं तुझे नहीं छोड़ने वाला. उसने मुझे पीठ से पकड़ कर बोली – तुझे जो करना है आज कर लें.
उसके इतना कहते ही मैंने उसे किस करना चोदना और उसके चूचे अपने दोनों हाथों में लेकर मसलना तब तक नहीं रोका जब तक उसका पूरा झड़ नहीं गया
मेरा उससे कुछ सेकेण्ड बाद ही झड़ा. हम दोनों नंगे बिस्तर पर लेटे उसके काफी देर बाद तक लेटे रहे.
भोर में अपनी छत पर वापस जाते हुए उसने बताया कि उसने दवा जानबूझकर खाई थी.
मैं कौन हूँ, ये जानने के लिए पूरी रात पड़ी है, पहले बता कि मुझे चोदेगा या नहीं. —- ये लाइन जब मैंने सुनी तब मैं निंद से झटके में जागा था. और मेरा सर जोर- जोर से घूम रहा था. अंधेरे में मुझे इतना ही समझ आ रहा था कि वो एक लड़की है, जिसकी आवाज थोड़ी सी मिठास भरी है, उसने अपना मुंह ढका है और बाल खुलें छोड़ रखे है. वो गर्मियों की रात थी. लाइट थी सब लोग नीचे सो रहे थे, पर मुझे ऊपर सोने की आदत थी. अकेले, छत पर मैं एक मोटा गद्देदार बिस्तर बिछाकर सोता था.
मैं कौन हूँ, ये कहने से पहले भी उसने बहुत कुछ कहा या शायद मैंने भी एक दो शब्द कहें होंगे. वो याद नहीं. मैं उसकी आवाज से उसे पहचाने की कोशिश कर ही रहा था कि उसने मेरी चड्ढी खिंचकर मेरा लंड पकड़ लिया अपना ढका चेहरे से कपड़ा हटाया और मेरे लंड पर ढेर सारा थूक गिराया. मैंने अब जाकर उसका चेहरा देखा ये तो शिलू है.
हम दोनों का घरों की छत सटी हुई है, हम दोनों एक दूसरे को पसंद के साथ-साथ प्यार भी करते है, पर अभी तक एक दूसरे के का हाथ के सिवा कुछ भी नहीं पकड़ा. “क्या हो गया तुझे”, मैंने पूछा. उसने बताया – ‘मैंने गलती से सिर दर्द की गोली के बजाए सेक्स पावर बढ़ाने वाली गोली खाली है’. तब तो तू मुझे आज मार डालेगी.
उसने बस इतना ही कहा कि बकवास बंद कर और लंड मुंह में घुसाने लगी. हालाँकि मैंने उसे कई बार किस करने को कहा कई बार सेक्स को भी पर उसने हर बार मना कर दिया था.
मैंने भी पीछे से उसके शूट की चेन खोल उसे ऊपर से आधा नंगा कर दिया. उसके चुचे बिलकुल भी लटके नहीं थे. 33C तो होंगे ही. मैंने उसे उसका घाघरा उतारने को कहा और अपनी चड्ढी उतार पूरा नंगा हो गया. मेरा लंड अब पूरा खड़ा हो चुका था. इतना सुनते ही उसने मुझे दोनों हाथों से धक्का दिया और मेरे मुंह पर कूद पड़ी. अब उसकी चुद मेरे मुंह में रगड़ खा रही थी. उसने अंदर से कोई चड्ढी नहीं पहन रखी थी, न ही बालों को शेव किया था. हाँ कोई तेज गुलाब की महक वाला परफ्यूम जरूर छिड़क रखा था. बूर से जरा – जरा स्वाद सा पानी टाइप का बिना किसी स्वाद की बूँद बाहर रीस रही थी. मैं जैसे – जैसे चाटता जा रहा था वैसे – वैसे उसकी बूर वैसे- वैसे और खुलती जा रही थी, और थोड़ी – थोड़ी उठती भी. अब तो शिलू कुछ-कुछ सिसकने भी लगी. थी उसने अपने घाघरे का बटन खोला फिर कहा, — मैं अब पागल हुई जा रही हूं, चोदना कब शुरू करेगा.
ये सुनते ही मैंने उसे पीठ से पकड़ा और उलटा बिस्तर पर पटक दिया, मुझे उम्मीद थी कि वो हल्का सा चीखेगी पर उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया. वो मुझे बस एक टक देख, एक हाथ से अपना चूचें मसलती दूसरे हाथ से बूर रगड़ती. ये देख मेरा दिमाग पूरा घूम गया. मैंने उसके दोनों हाथों को कसकर पकड़ा, एक चूचें को अपने मुंह में भर लिया, उसने अपनी दोनों टाँगें उठा ली. मैं धीरे से उसकी चुद में घुसने की कोशिश की, पर नई बूर ऐसे कहाँ मानती है. शिलू बोली — रुक मैं लंड पकड़ती हूँ तू डाल.
उसने मेरा लंड दो उंगलियों से पकड़ा और दूसरे हाथ से अपनी चुद जरा सा खोल उससे सटा दिया. मैं घुसाने की कोशिश करने लगा. दवा की वजह से उसकी सिल तोड़ने में कोई खास परेशानी नहीं हुई. और मेरा लंड धाड़ से अंदर घुस गया. अंदर से उसकी चुद बहुत नम और गिली थी. मुझे इतना मजा कभी नहीं आया था. उसने कहा – कि उसे बूर में बहुत तेज दर्द हो रहा है. मैंने उसके मुंह में अपना मुंह डाला. ये थी मेरी पहली किस.. हम दोनों ने मदमस्त होकर एक दूसरे को कसकर जकड़ लिया. उसने अपनी टाँगें मेरी टाँगो में फँसा ली. मेरे बदन में बिजली सी दौड़ गई और मैं धीरे- धीरे चोदने की बजाए अब जल्दी- जल्दी चोदने लगा. जैसे-जैसे मेरे चोदने की गति बढ़ती जा रही थी. वैसे-वैसे मजा भी बढ़ता जा रहा था. उसकी चुद से बहाव होता ही जा रहा था. मैंने उसे बताया कि मेरा अब किसी भी वक्त निकल सकता है. ऐसा मत कर, अभी मेरा आधा भी नहीं हुआ—उसने कहा, . मैंने समझाया कि मैं थोड़ी देर और संभाल सकता हूँ. मैंने अपने चोदने की गति धीमी कर दी पर कोई फायदा नहीं और मैं उसके बूर में भी फट पड़ा. फट पड़ने के कुछ देर बाद भी मैं उसे ठोकता रहा पर हर बार जब मैं अंदर बाहर करता मेरा लंड पहले से और तेजी से दर्द करने लगता. अंत में मुझसे नहीं रहा गया. और मैं उसे हटा कुछ देर लेट गया. वो मेरे ऊपर कूद पड़ी—बोली कुछ कर अभी मेरी आधा भी नहीं हुआ, मेरे समझाने का उसपर कोई असर नहीं हुआ.
शीलू ने चूत में दो बार ले लिया
वो अगले 5 मिनट तक यूं ही मुझे चूमती और चाटती रही. अब फिर से मेरा लंड धीरे- धीरे खड़ा होने लगा. अब की जब वो मुझे चाटते- चूमते मेरे लंड तक गई तो मुझे अब दर्द नहीं हो रहा था बल्कि फिर से मजा आने लगा था. मैंने उसे जाँघ से पकड़ा और अपनी और खिंचा. अब हम 69 पोजिशन में थे. वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी बूर में घुसा हुआ था. पहली बार जब मैं थोड़ी देर पहले उसकी चुद चाट रही था तब मेरी जीभ भी ठीक से अंदर नहीं घुस पा रही थी. अब की तो मैंने अपने मुंह के साथ – साथ 2 उंगलियाँ भी डाल दी. वो सिसक उठी. पहली बार मैंने उसे गाली दी – रंडी चूस …. रंडी रुक क्यों गई. वो उलटा घूमी. और मेरे लंड के ऊपर टौरिड-टिडवल-वेव सेक्स पोजिशन में बैठ गई उसने मेरा लंड पकड़ा और भक्क से अपनी बूर में घूसा लिया. और मेरे उपर गिर मेरा गला चाटने लगी. मैंने उसकी कमर पकड़ उसे जरा सा उठाया और अपनी कमर के नीचे तकिया रखा इससे मुझे उसे उसमें अंदर बाहर लंड करने के लिए ज्यादा जगह मिल गई और अब हमने नॉन – स्टाप चलने वाली चोदम – चोद शुरू कर दी. कभी वो मेरे ऊपर कुदती कभी मैं उसके हाथ पैर पकड़ उसे तेजी- तेजी ठोकता. वो हर वक्त अब आह. आह … कराहती और एक ही लाइन बार-बार कहती.. फाड़ दें. आज मेरी चुद फाड़.. रुक मत डालता जा.
जब उसका चिल्लाना और आह ऊंह कुछ ज्यादा हो गई तो मैंने एक हाथ से उसका मुंह बंद कर दिया और दूसरे से उसे कसकर पकड़ उसका गला मुंह चुचे चाटने लगा . उसके बदन में कोई ऐसी जगह नहीं छोड़ी जहाँ मैंने अपना थूक न लगा दिया हो. थोड़ी देर जब मैंने हाथ हटाया तो बोली कि लगता है कि अब मैं फटने वाली हूँ. मैंने कहा.. अब तू फट चाहें जुड़ , जब तक मेरा नहीं हो जाएगा तब तक मैं तुझे नहीं छोड़ने वाला. उसने मुझे पीठ से पकड़ कर बोली – तुझे जो करना है आज कर लें.
उसके इतना कहते ही मैंने उसे किस करना चोदना और उसके चूचे अपने दोनों हाथों में लेकर मसलना तब तक नहीं रोका जब तक उसका पूरा झड़ नहीं गया
मेरा उससे कुछ सेकेण्ड बाद ही झड़ा. हम दोनों नंगे बिस्तर पर लेटे उसके काफी देर बाद तक लेटे रहे.
भोर में अपनी छत पर वापस जाते हुए उसने बताया कि उसने दवा जानबूझकर खाई थी.
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