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काम वाली ने खुद चुदकर सिखाया चोदना Kaam vali ne khud chudkar sikhaya chodna
कामवाली की चूत की चुदाई , काम वाली ने खुद चुदकर सिखाया चोदना Kaam vali ne khud chudkar sikhaya chodna , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मै एक अमीर घर का इकलौता वारिस हूँ. मेरे घर पर मेरे पापा और मम्मी के अलावा और कोई नहीं रहता. मेरे पापा एक बिज़नेसमैन हैं. मम्मी घर पर ही रहती हैं. घर काफी बड़ा होने के कारण घर के काम काज करने घर में एक नौकरानी भी रख ली गयी है. नौकरानी की उम्र ३५-३६ साल की होगी. देखने में काफी खुबसूरत भी थी. मेरा ध्यान उस पर नही जाता था. मै अपने कालेज से आ कर सीधे अपने कमरे में चला जाता और अपना काम करता.
मै एक अमीर घर का इकलौता वारिस हूँ. मेरे घर पर मेरे पापा और मम्मी के अलावा और कोई नहीं रहता. मेरे पापा एक बिज़नेसमैन हैं. मम्मी घर पर ही रहती हैं. घर काफी बड़ा होने के कारण घर के काम काज करने घर में एक नौकरानी भी रख ली गयी है. नौकरानी की उम्र ३५-३६ साल की होगी. देखने में काफी खुबसूरत भी थी. मेरा ध्यान उस पर नही जाता था. मै अपने कालेज से आ कर सीधे अपने कमरे में चला जाता और अपना काम करता.
मोहिनी सुबह के छः बजे ही आ जाती थी जब सभी सोये रहते थे. वो आ कर सबसे पहले सभी कमरों की सफाई करती थी. एक रात मै अपने कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देख रहा था. उस दिन घर में पापा और मम्मी नहीं थे . वो दोनों मेरे मामा के यहाँ गए थे. मै आराम से नंगा हो कर पूरी रात फिल्म देखता रहा. फिल्म देखने के दौरान मैंने 3 बार मुठ मार लिया. मै कब नंगे ही निढाल हो कर बिस्तर पर सो गया की मुझे पता भी नहीं चला. सुबह के छः बजे मोहिनी मेरे घर आई. उसके पास भी मेरे घर की एक चाभी रहती थी. इसलिए मुझे पता भी नही चला की मोहिनी आई है. और मै नंगा ही सोया हुआ था. मोहिनी मेरे कमरे में अचानक आ गयी और मेरे कमरे की सफाई करने लगी. सफाई कर के वो वापस दुसरे कमरे में चली गयी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
उसकी ड्यूटी सुबह छः बजे से शाम 6 बजे तक की थी. आज मम्मी पापा थे नहीं इसलिए उसे नाश्ता भी बनाना था. मै सुबह के नौ बजे उठा. मैंने अपने आप को नंगा पाया तो सोचा चलो कोई बात नहीं किसने मुझे देखा है? अचानक कमरे में नजर दौड़ायी तो देखा हर सामान करीने से रखा हुआ है. तो क्या मोहिनी मेरे कमरे में आयी थी? क्या उसने मुझे नंगा देख लिया? मै सोच कर शर्मा गया. मैंने सोचा क्या सोचती होगी वो. मेरी तो सारी इज्ज़त मिटटी में मिल गयी. खैर मैंने कपडे पहने और अपने कमरे से बाहर आया. देखा मोहिनी किचन में काम कर रही थी.
थोड़ी देर के बाद जब मै फ्रेश हो गया तो मैंने मोहिनी से नाश्ता मांगा. उसने मुझे पराठा और सब्जी ला कर दी. मै चुप चाप खाता रहा. मैंने धीरे से पूछ लिया - मेरे कमरे की सफाई कर दी?
मोहिनी ने कहा- हाँ.
मैंने कहा - कब?
मोहिनी ने कहा - जब आप सोये हुए थे.
मेरा गाल शर्म से लाल हो गया. मैंने थोड़े गुस्से में कहा- मुझे जगा कर मेरे कमरे में आना चाहिए था?
मोहिनी ने लापरवाही से कहा- क्यों? पहले तो कभी जगा कर कमरे में नही जाती थी. आप कितनी बार सोये रहते और मै आपके कमरे की सफाई कर देती हूँ. फिर आज मै क्यों आपको जगा कर आपके कमरे में जाती?
बात भी सही थी. मैंने कहा- मम्मी को नहीं बता देना आज सुबह के बारे में.
मोहिनी ने कहा- चिंता नहीं करें. नहीं बताऊँगी. अरे आप जवान है. ये सब तो चलता रहता है.
मै अब कुछ निश्चिंत हो गया. उसने मुझे जवान होने के कारण कुछ छुट दे दी .
मै खाना खा रहा था.
मोहिनी ने कहा- एक बात कहूं बाबु? बुरा तो नहीं मानोगे?
मैंने कहा - नहीं. बोलो क्या बात है?
मोहिनी ने कहा- आपका हथियार छोटा है. इसे बड़ा कीजिये. नहीं तो आपकी बीबी क्या कहेगी.
कह के वो मुस्कुराने लगी. ये सुन के मेरा दिमाग सन्न रह गया. तो इसने मेरे लंड का साइज़ भी देख लिया. हाँ ये बात
सच थी की मेरे लंड का साइज़ छोटा था और मै इस से काफी चिंतित भी रहा करता था. लेकिन मेरे लंड पर टिप्पणी करने का अधिकार मोहिनी को किसने दे दिया. मै अचानक उठा और अपने कमरे में आ कर लेट गया. मुझे मोहिनी पर काफी गुस्सा आ रहा था.
थोड़ी देर के बाद मेरा गुस्सा कुछ कम हुआ. मै सोचने लगा - सचमुच मेरे लंड का साइज़ छोटा है. जब मेरी शादी होगी तो मेरी पत्नी क्या सोचेगी.? ये सोच कर मै परेशान हो गया. अचानक दिल में ख़याल आया की हो सकता है की मोहिनी को इसे इलाज़ के बारे में कुछ देशी नुस्खा पता हो. मैंने वहीँ से मोहिनी को आवाज लगाई. मोहिनी मेरे कमरे में आई.
मैंने मोहिनी से कहा- मोहिनी अगर मै तुमसे एक सवाल पुछू तो तुम बुरा तो नहीं मानोगी?
मोहिनी ने कहा - पहले पूछिए तो सही.
मैंने कहा - मोहिनी, तुमने जो कहा की हथियार यानी लिंग को बड़ा कीजिये . तो क्या कोई उपाय है क्या लिंग को बड़ा करने का?
मोहिनी ने हँसते हुए तपाक से कहा- अरे बाबु , मै तो मज़ाक कर रही थी, लंड के छोटे बड़े होने से बीबी को थोड़े ही कोई फर्क पड़ता है?
मोहिनी के मुह से लंड शब्द सुन कर मेरे मन में कुछ होने लगा. मेरी नजर कामुक होने लगी. मुझे लग गया कि ये बहूत ही खुली हुई है और इस से कुछ गरम बातें की जा सकती है. वैसे भी घर पर कोई और है नहीं.
मैंने कहाँ- लेकिन बीबी को तो बड़ा लंड चाहिए ना?
मोहिनी ने कहा- मर्द का लंड कितना भी छोटा क्यों ना हो वो बीबी को चोद ही डालता है. बीबी की चुदाई हर लंड से की जा सकती है.
मोहिनी के इतना खुल के बोलने पर मै पूरी तरह से आज़ाद हो गया.
मैंने कहा - अगर बीबी की गांड मारनी हो तो?
मोहिनी ने कहा - वो भी होती है. चूत और गांड सभी आराम से मार सकते हो.
अब मुझे अन्दर से काफी यकीन हो गया की इस से कुछ और भी काम करवाया जा सकता है. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने मोहिनी से कहा- मोहिनी , अगर तुम बुरा नहीं मानो तो क्या तुम मेरे लंड को देख कर बता सकती हो की मेरा लंड कितने पानी में है?
मोहिनी ने कहा- ठीक है. आप पैंट उतारो . मै देखती हूँ आपके लंड को .
मैंने अपनी कमरे की खिड़की को बंद किया और मैंने पैंट उतार दिया. अब मै अंडरवियर में था. मेरा लिंग थोडा थोडा कड़ा हो गया हा. मैंने कहा- बताओ.
मोहिनी ने कहा - अरे बाबा , पूरा दिखाओ ना. ये अंडरवियर उतारो ना.
मेरा दिल जोर से धड़क रहा था. मैंने आज तक किसी मर्द के सामने अपने लंड को नहीं दिखाया ये तो औरत है. लेकिन फिर भी मन में एक अजीब सा आनंद था की कोई औरत स्वयं ही मेरे लंड को देखना चाहती है. इसलिए मैंने थोडा हिचकते हुए अपने अंडरवियर को अपने लंड से थोडा नीचे कर दिया. मेरा लंड सामने आ गया.
मोहिनी ज़मीं पर बैठ गयी और अपना मुह मेरे लंड के सीध में किए हुए मेरे लंड को वो गौर से देख रही थी. उसने मेरे अंडरवियर को पकड़ा और ज़मीं तक लेते आई. अब मै कमर के नीचे बिलकूल नंगा था. अचानक मोहिनी ने मेरे लंड को पकड़ा और उसे सहलाने लगी. मेरा लंड तनतना गया.
मैंने कहा- ये क्यों कर रही हो?
मोहिनी ने कहा- देख रही हूँ कि कितना बड़ा होता है.
मुझे काफी आनंद आ रहा था. मेरे सामने रात वाली ब्लू फिल्म का सीन दौड़ने लगा. मैंने कहा- मोहिनी, आज तक मैंने किसी औरत का बुर नहीं देखा है तू अपनी बुर मुझे दिखा ना. मै सिर्फ देखूँगा. कुछ करूंगा नहीं.
मोहिनी ने कहा- ठीक है. इसमें कौन सी बड़ी बात है. कह कर वो खड़ी हुई और एक झटके में अपनी साडी उठा दी. उसने पेंटी पहन रखी थी. उसने खुद ही अपनी पेंटी खोल दी. मै उसके बुर को एकटक निहार रहा था. चिकना बुर था उसका चौड़ा और फुला हुआ.
मैंने कहा- ये साड़ी पूरा खोल ना.
उसने अपनी साड़ी पूरी तरह से खोल दी. अब वो सिर्फ ब्लाउज में थी. इधर मेरा लंड तनतना रहा था.
मैंने झट से कहा- मोहिनी मै तेरे बुर को छूना चाहता हूँ.
वो बोली - छुओ ना.
मै उसके बुर को छूने लगा. बिलकूल ही कोमल पत्ते कि तरह बुर था . उसने भी मेरा लंड पकड़ लिया. अब मै कुछ भी करने के लिए आज़ाद था. मैंने एक हाथ उसके बड़े चूची पर रखा और सहलाने लगा. थोड़ी ही देर में उसके चूची को भी नंगा कर दिया. अब वो मेरे सामने बिलकूल नंगी खड़ी थी और मेरा लंड सहला रही थी. मैंने अपना शर्ट भी उतार दिया.
मेरा लिंग इनता बड़ा हो गया था कि मैंने कभी कल्पना भी नही की थी कि मेरा लंड इतना बड़ा हो सकता है. मैंने मोहिनी को अपने बिस्तर पर लिटा दिया और उसके बुर को चाटने लगा. मोहिनी 2 बच्चों की माँ हो कर भी किसी कुवारी लड़की से कम नहीं थी. उसका बुर और चूची में काफी कड़ापन था. धीरे धीरे मै ऊपर कि तरफ बढ़ा और उसकी चूची को मुह में ले कर चूसने लगा. मेरा लंड तनतना रहा था. मोहिनी ने मेरे लंड को पकड़ कर सहला रही थी. वो बोली- अब मेरे बुर कि चुदाई कीजिये.
मैंने कहा - मुझे नही आता है चुदाई करना.
वो बोली - मेरे बुर में अपने लंड को डालिए ना.
मैंने अपने लंड को एक हाथ से पकड़ा और मोहिनी के बुर में घुसा दिया. जब मेरा लंड मोहिनी के बुर में अन्दर जा रहा था तो मुझे काफी मज़ा आया. मैंने काफी अनादर तक अपना लंड घुसा दिया. मै उसके बुर को चोदना शुरू कर दिया. उसके बुर में जा कर मेरा लंड और भी बड़ा और मोटा हो गया. मोहिनी के मुह से आह आह की आवाज निकलने लगी.
बोली - धीरे धीरे कीजिये ना. दर्द होता है.
मुझे महसूस हुआ कि जिस लंड को मै हमेशा छोटा मानता आया हूँ वो किसी महिला के भी बुर में दर्द पैदा करने के लिए काफी है. 5 मिनट की चुदाई के बाद उसके बुर ने पानी छोड़ दिया. 10 मिनट तक चुदाई करने के बाद मेरा माल निकलने वाला था. उसे अनुभव हो गया था कि मेरा माल निकलने वाला है. वो बोली - माल अन्दर में मत गिरा दीजिएगा. ज्यों ही मेरा शरीर अकड़ने लगा त्यों ही उसने अपने कमर को नीचे कर के मेरे लंड से अपने बुर को निकाल ली और झट से नीचे आ कर मेरे लंड को अपने मुह में ले ली. 3-4 सेकेंड में ही मेरा लंड महाराज से वीर्य निकलना शुरू हो गया. कुछ वीर्य उसने पी लिया और कुछ उसके मुह से बाहर निकल आया.
थोड़ी देर के बाद उसने कहा- देखा बाबु, लंड छोटा या बड़ा नही होता. सभी लंड चुदाई के लिए अव्वल होते हैं.
थोड़ी देर के बाद मैंने अपने लंड की साइज़ कि सत्यता जांचने के लिए मोहिनी कि गांड की भी चुदाई कि. उस में भी मै सफल हो गया. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मोहिनी ने आज मुझे विश्वास दिला दिया कि मर्द कभी भी नामर्द नहीं हो सकता. उस के बाद जब भी मौक़ा मिलता मै मोहिनी को अवश्य ही चोदता. इसके लिए मैं मोहिनी को अलग से सभी से छुपा कर पैसे भी देता.
थोड़ी देर के बाद जब मै फ्रेश हो गया तो मैंने मोहिनी से नाश्ता मांगा. उसने मुझे पराठा और सब्जी ला कर दी. मै चुप चाप खाता रहा. मैंने धीरे से पूछ लिया - मेरे कमरे की सफाई कर दी?
मोहिनी ने कहा- हाँ.
मैंने कहा - कब?
मोहिनी ने कहा - जब आप सोये हुए थे.
मेरा गाल शर्म से लाल हो गया. मैंने थोड़े गुस्से में कहा- मुझे जगा कर मेरे कमरे में आना चाहिए था?
मोहिनी ने लापरवाही से कहा- क्यों? पहले तो कभी जगा कर कमरे में नही जाती थी. आप कितनी बार सोये रहते और मै आपके कमरे की सफाई कर देती हूँ. फिर आज मै क्यों आपको जगा कर आपके कमरे में जाती?
बात भी सही थी. मैंने कहा- मम्मी को नहीं बता देना आज सुबह के बारे में.
मोहिनी ने कहा- चिंता नहीं करें. नहीं बताऊँगी. अरे आप जवान है. ये सब तो चलता रहता है.
मै अब कुछ निश्चिंत हो गया. उसने मुझे जवान होने के कारण कुछ छुट दे दी .
मै खाना खा रहा था.
मोहिनी ने कहा- एक बात कहूं बाबु? बुरा तो नहीं मानोगे?
मैंने कहा - नहीं. बोलो क्या बात है?
मोहिनी ने कहा- आपका हथियार छोटा है. इसे बड़ा कीजिये. नहीं तो आपकी बीबी क्या कहेगी.
कह के वो मुस्कुराने लगी. ये सुन के मेरा दिमाग सन्न रह गया. तो इसने मेरे लंड का साइज़ भी देख लिया. हाँ ये बात
सच थी की मेरे लंड का साइज़ छोटा था और मै इस से काफी चिंतित भी रहा करता था. लेकिन मेरे लंड पर टिप्पणी करने का अधिकार मोहिनी को किसने दे दिया. मै अचानक उठा और अपने कमरे में आ कर लेट गया. मुझे मोहिनी पर काफी गुस्सा आ रहा था.
थोड़ी देर के बाद मेरा गुस्सा कुछ कम हुआ. मै सोचने लगा - सचमुच मेरे लंड का साइज़ छोटा है. जब मेरी शादी होगी तो मेरी पत्नी क्या सोचेगी.? ये सोच कर मै परेशान हो गया. अचानक दिल में ख़याल आया की हो सकता है की मोहिनी को इसे इलाज़ के बारे में कुछ देशी नुस्खा पता हो. मैंने वहीँ से मोहिनी को आवाज लगाई. मोहिनी मेरे कमरे में आई.
मैंने मोहिनी से कहा- मोहिनी अगर मै तुमसे एक सवाल पुछू तो तुम बुरा तो नहीं मानोगी?
मोहिनी ने कहा - पहले पूछिए तो सही.
मैंने कहा - मोहिनी, तुमने जो कहा की हथियार यानी लिंग को बड़ा कीजिये . तो क्या कोई उपाय है क्या लिंग को बड़ा करने का?
मोहिनी ने हँसते हुए तपाक से कहा- अरे बाबु , मै तो मज़ाक कर रही थी, लंड के छोटे बड़े होने से बीबी को थोड़े ही कोई फर्क पड़ता है?
मोहिनी के मुह से लंड शब्द सुन कर मेरे मन में कुछ होने लगा. मेरी नजर कामुक होने लगी. मुझे लग गया कि ये बहूत ही खुली हुई है और इस से कुछ गरम बातें की जा सकती है. वैसे भी घर पर कोई और है नहीं.
मैंने कहाँ- लेकिन बीबी को तो बड़ा लंड चाहिए ना?
मोहिनी ने कहा- मर्द का लंड कितना भी छोटा क्यों ना हो वो बीबी को चोद ही डालता है. बीबी की चुदाई हर लंड से की जा सकती है.
मोहिनी के इतना खुल के बोलने पर मै पूरी तरह से आज़ाद हो गया.
मैंने कहा - अगर बीबी की गांड मारनी हो तो?
मोहिनी ने कहा - वो भी होती है. चूत और गांड सभी आराम से मार सकते हो.
अब मुझे अन्दर से काफी यकीन हो गया की इस से कुछ और भी काम करवाया जा सकता है. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने मोहिनी से कहा- मोहिनी , अगर तुम बुरा नहीं मानो तो क्या तुम मेरे लंड को देख कर बता सकती हो की मेरा लंड कितने पानी में है?
मोहिनी ने कहा- ठीक है. आप पैंट उतारो . मै देखती हूँ आपके लंड को .
मैंने अपनी कमरे की खिड़की को बंद किया और मैंने पैंट उतार दिया. अब मै अंडरवियर में था. मेरा लिंग थोडा थोडा कड़ा हो गया हा. मैंने कहा- बताओ.
मोहिनी ने कहा - अरे बाबा , पूरा दिखाओ ना. ये अंडरवियर उतारो ना.
मेरा दिल जोर से धड़क रहा था. मैंने आज तक किसी मर्द के सामने अपने लंड को नहीं दिखाया ये तो औरत है. लेकिन फिर भी मन में एक अजीब सा आनंद था की कोई औरत स्वयं ही मेरे लंड को देखना चाहती है. इसलिए मैंने थोडा हिचकते हुए अपने अंडरवियर को अपने लंड से थोडा नीचे कर दिया. मेरा लंड सामने आ गया.
मोहिनी ज़मीं पर बैठ गयी और अपना मुह मेरे लंड के सीध में किए हुए मेरे लंड को वो गौर से देख रही थी. उसने मेरे अंडरवियर को पकड़ा और ज़मीं तक लेते आई. अब मै कमर के नीचे बिलकूल नंगा था. अचानक मोहिनी ने मेरे लंड को पकड़ा और उसे सहलाने लगी. मेरा लंड तनतना गया.
मैंने कहा- ये क्यों कर रही हो?
मोहिनी ने कहा- देख रही हूँ कि कितना बड़ा होता है.
मुझे काफी आनंद आ रहा था. मेरे सामने रात वाली ब्लू फिल्म का सीन दौड़ने लगा. मैंने कहा- मोहिनी, आज तक मैंने किसी औरत का बुर नहीं देखा है तू अपनी बुर मुझे दिखा ना. मै सिर्फ देखूँगा. कुछ करूंगा नहीं.
मोहिनी ने कहा- ठीक है. इसमें कौन सी बड़ी बात है. कह कर वो खड़ी हुई और एक झटके में अपनी साडी उठा दी. उसने पेंटी पहन रखी थी. उसने खुद ही अपनी पेंटी खोल दी. मै उसके बुर को एकटक निहार रहा था. चिकना बुर था उसका चौड़ा और फुला हुआ.
मैंने कहा- ये साड़ी पूरा खोल ना.
उसने अपनी साड़ी पूरी तरह से खोल दी. अब वो सिर्फ ब्लाउज में थी. इधर मेरा लंड तनतना रहा था.
मैंने झट से कहा- मोहिनी मै तेरे बुर को छूना चाहता हूँ.
वो बोली - छुओ ना.
मै उसके बुर को छूने लगा. बिलकूल ही कोमल पत्ते कि तरह बुर था . उसने भी मेरा लंड पकड़ लिया. अब मै कुछ भी करने के लिए आज़ाद था. मैंने एक हाथ उसके बड़े चूची पर रखा और सहलाने लगा. थोड़ी ही देर में उसके चूची को भी नंगा कर दिया. अब वो मेरे सामने बिलकूल नंगी खड़ी थी और मेरा लंड सहला रही थी. मैंने अपना शर्ट भी उतार दिया.
मेरा लिंग इनता बड़ा हो गया था कि मैंने कभी कल्पना भी नही की थी कि मेरा लंड इतना बड़ा हो सकता है. मैंने मोहिनी को अपने बिस्तर पर लिटा दिया और उसके बुर को चाटने लगा. मोहिनी 2 बच्चों की माँ हो कर भी किसी कुवारी लड़की से कम नहीं थी. उसका बुर और चूची में काफी कड़ापन था. धीरे धीरे मै ऊपर कि तरफ बढ़ा और उसकी चूची को मुह में ले कर चूसने लगा. मेरा लंड तनतना रहा था. मोहिनी ने मेरे लंड को पकड़ कर सहला रही थी. वो बोली- अब मेरे बुर कि चुदाई कीजिये.
मैंने कहा - मुझे नही आता है चुदाई करना.
वो बोली - मेरे बुर में अपने लंड को डालिए ना.
मैंने अपने लंड को एक हाथ से पकड़ा और मोहिनी के बुर में घुसा दिया. जब मेरा लंड मोहिनी के बुर में अन्दर जा रहा था तो मुझे काफी मज़ा आया. मैंने काफी अनादर तक अपना लंड घुसा दिया. मै उसके बुर को चोदना शुरू कर दिया. उसके बुर में जा कर मेरा लंड और भी बड़ा और मोटा हो गया. मोहिनी के मुह से आह आह की आवाज निकलने लगी.
बोली - धीरे धीरे कीजिये ना. दर्द होता है.
मुझे महसूस हुआ कि जिस लंड को मै हमेशा छोटा मानता आया हूँ वो किसी महिला के भी बुर में दर्द पैदा करने के लिए काफी है. 5 मिनट की चुदाई के बाद उसके बुर ने पानी छोड़ दिया. 10 मिनट तक चुदाई करने के बाद मेरा माल निकलने वाला था. उसे अनुभव हो गया था कि मेरा माल निकलने वाला है. वो बोली - माल अन्दर में मत गिरा दीजिएगा. ज्यों ही मेरा शरीर अकड़ने लगा त्यों ही उसने अपने कमर को नीचे कर के मेरे लंड से अपने बुर को निकाल ली और झट से नीचे आ कर मेरे लंड को अपने मुह में ले ली. 3-4 सेकेंड में ही मेरा लंड महाराज से वीर्य निकलना शुरू हो गया. कुछ वीर्य उसने पी लिया और कुछ उसके मुह से बाहर निकल आया.
थोड़ी देर के बाद उसने कहा- देखा बाबु, लंड छोटा या बड़ा नही होता. सभी लंड चुदाई के लिए अव्वल होते हैं.
थोड़ी देर के बाद मैंने अपने लंड की साइज़ कि सत्यता जांचने के लिए मोहिनी कि गांड की भी चुदाई कि. उस में भी मै सफल हो गया. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मोहिनी ने आज मुझे विश्वास दिला दिया कि मर्द कभी भी नामर्द नहीं हो सकता. उस के बाद जब भी मौक़ा मिलता मै मोहिनी को अवश्य ही चोदता. इसके लिए मैं मोहिनी को अलग से सभी से छुपा कर पैसे भी देता.
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