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ओह तो इसलिए मैडम को इतनी गर्मी लग रही थी Oh to isliye maidam ko itni garmi lag rahi thi
मैडम की चूत चुदाई , ओह तो इसलिए मैडम को इतनी गर्मी लग रही थी Oh to isliye maidam ko itni garmi lag rahi thi , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मैडम (गहरी सांस लेते हुए): क--- क--- कुछ नहीं, बस थोड़ी गर्मी लग रही है।
मैं: अरे याार मौसम इतना अच्छा हो रखा है, पंखा चल रहा है, तो भी गर्मी लग रही है। मुझे तो नहीं लग रही है।
मैडम (थोड़ा गुस्सा होते हुए) तो इसमें भी मेरी गलती है, अब मुझे लग रही है तो लग रही है।
मैं: अब गलती तो तुम्हारी ही है। (मेरी बात सुनकर वो कुछ चौंक सी गई)
मैडम: म---- मेरी क्-- क्या गलती है।
मैं: अब अंदर की गर्मी नहीं निकलेगी तो गर्मी तो लगेगी ही। (मैंने चाय बनने के लिए गैस पर रख दी।)
मैडम: क-- कैसी गर्मी? क्या कहना चाहते हो?
मैडम (गहरी सांस लेते हुए): क--- क--- कुछ नहीं, बस थोड़ी गर्मी लग रही है।
मैं: अरे याार मौसम इतना अच्छा हो रखा है, पंखा चल रहा है, तो भी गर्मी लग रही है। मुझे तो नहीं लग रही है।
मैडम (थोड़ा गुस्सा होते हुए) तो इसमें भी मेरी गलती है, अब मुझे लग रही है तो लग रही है।
मैं: अब गलती तो तुम्हारी ही है। (मेरी बात सुनकर वो कुछ चौंक सी गई)
मैडम: म---- मेरी क्-- क्या गलती है।
मैं: अब अंदर की गर्मी नहीं निकलेगी तो गर्मी तो लगेगी ही। (मैंने चाय बनने के लिए गैस पर रख दी।)
मैडम: क-- कैसी गर्मी? क्या कहना चाहते हो?
मैं: अरे अब कोई बॉयफ्रेंड वगैरह होता तो तुम्हारी गर्मी भी निकल जाती, और बेचारे उसकी भी।
मैडम (एकदम से चिल्लाते हुए): ज्यादा बकवास करने की जरूरत नहीं है। समझ गए ना। समझते क्या हो अपने आप को। तुम्हारे रूम में बैठी हूं तो इसका मतलब ये नहीं है कि कुछ भी बकते रहोगे। और उठकर जाने लगी। (उसके ऐसे चिल्लाने से मैं थोड़ा घबरा-सा गया कि कुछ ज्यादा ही कह दिया मैंने)
मैं: अरे सॉरी यार, तुम तो ऐसे गुस्सा हो रही हो, जैसे मैं तुम्हारा रेप करने की कोशिश कर रहा हों।
मैडम (वैसे ही चिल्लाते हुए): अपनी हद में रहो। नहीं तो अभी के अभी रूम खाली करवा दूंगी। ये इतनी गंदी गंदी फिल्में रखते हो लैप्पी में, इन्हें देखकर ही इतना दिमाग खराब हो रखा है तेरा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
उसकी ये बात सुनकर मैंने अपने लेपटॉप की तरफ देखा, वो बेड पर ही रखा था और लगता रहा था जैसे वैसे ही उसको फोल्ड किया हुआ था, शटडाउन नहीं था, क्योंकि लाइटें जल रही थी। (मैं समझ गया कि इसने मेरे लैप्पी में पोर्न देखी हैं, वैसे तो मैं ज्यादा पोर्न नहीं देखता, पर ये एक दोस्त ने ई-मेल की थी , कि बिल्कुल नई आईटम है, कॉलेज की, देखके मजा आ जायेगा। तो वो मैंने डाउनलोड करके डेस्कटॉप पर ही डाल रखी थी, क्योंकि नॉर्मली मेरे लैप्पी को मैं ही यूज करता हूं और कोई नहीं। मेरे लैप्पी में बस वही एक ही पोर्न पड़ी थी, और लगता है, वहीं इसने देखी है)
मैं: ओह! तो इसलिए मैडम को इतनी गर्मी लग रही थी।
मैडम: मैं बता देती हूं, मुझसे पंगा नहीं लेना, नहीं तो अंजाम बहुत बुरा होगा।
मैं: ओके मैडम जी! सॉरी, कान पकड़ता हूं। गलती हो गई, आगे से कुछ नहीं कहूंगा (और अपने मुंह पर उंगली रख ली)।
उसकी इतनी तेज आवाज सुनकर आंटी भी उपर आ गई और पूछने लगी कि क्या हुआ। मैंने अपनी आंखों के इशारे से कहा कि इसी से पूछ लो। मैडम को चुपचाप खड़े देखकर मैंने कहा।
मैं (मैडम से): अब बताओ आंटी को चुप क्यों खड़ी हो। (मुझे बाकी किसी चीज की टेंशन नहीं थी) बस इसी बात का डर था कि कहीं ये पोर्न वाली बात ना बता दे, क्योंकि वो पोर्न एक कॉलेज की लड़की की थी, जो चुपके से लड़की की नॉलेज के बिना क्लास में बनाई गई थी। नॉर्मल पॉर्न होती तो कोई दिक्कत वाली बात नहीं थी, क्योंकि आजकल तो पार्लियामेंट में भी पोर्न देखी जाती है, फिर मैं तो अपने घर पर ही देखता हूं।)
आंटी (मैडम से): क्या हुआ बेटा! ऐसे क्यों चिल्ला चिल्ला कर बातें कर रही थी।
मैडम: कुछ नहीं मॉम! वो बस मजाक कर रहे थे।
आंटी: अरे तो मजाक में ऐसे चिल्लाते हैं क्या।
मैडम: मॉम!
आंटीः मॉम की बच्ची! तू नहीं सुधरेगी, मैं तो पता नहीं कि क्या हो गया जो इतनी चिल्ला कर बातें कर रही हैं।
कहकर आंटी अंदर आई। चाय बन गई थी, बनाई तो दो कप ही थी, पर तीन कप में डालकर मैंने एक कप आंटी को दिया और दूसरा मैडम को और एक खुद लेकर पीने लगा।
आंटी अंदर आकर बैड पर बैठ गई। मैडम पास में रखी चेयर पर बैठ गई और मैं आंटी के साथ बैड पर ही बैठ गया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
आंटी (चाय पीते हुए): बेटी तू इस लड़के को ज्यादा परेशान मत किया कर।
मैडम: मॉम! कभी कभी तो हम मिलते हैं।, तब भी परेशान ना करूं तो फिर मिलने का क्या फायदा।
आंटी: तो क्या परेशान करने के लिए ही मिला जाता है किसी से।
मैडम: कहीं नहीं इनको काट लिया मैंने कहीं से, बस मजाक ही तो कर रही थी।
आंटी (चाय खत्म करते हुए): ओके बेटा! मैं चलती हूं, सब्जी बननी रख रखी है, कहीं जल ना जाये। और ये कहकर आंटी चली गई।
मैंने भी चाय खत्म की और मेरे और आंटी के कप को रसोई में रख दिया। मैडम अभी भी चाय को हाथ में पकड़े बैठी थी और मेरी तरफ घूर रही थी।
मैं: अब क्या कच्चा खाने का मन है, कैसे घूर रही है। जंगली बिलाई।
मैडम: नहीं सोच रही हूं पका कर खा लूं। और हंसने लगी।
मैडम ने भी चाय खत्म की और कप को रसोई में रख कर मेरे पास खड़ी होकर मुझे घूरने लगी। मैं बैड पर बैठा था।
मैं: क्या हुआ! मैंने सॉरी बोला ना यार। अब बच्चे की जान लोगी क्या।
मैडम: चेहरे से तो बड़े सीधे-साधे, भोले-भाले दिखते हो, पर हो नहीं।
मैं: चेहरे से तो तू भी एकदम गुंडी टाइप की दिखती है। पर सच्चाई क्या है पता नहीं।
मैडम: अच्छा मैं तेरे को गुंडी दिखती हूं।
मैं: अरे मैंने कब कहा कि गुंडी दिखती हो, मैंने कहा कि चेहरे से दिखती हो।
मैडम: हां मतलब तो वही हुआ ना, अब मैं दिखाती हूं तेरे को मैं कितनी बड़ी गुंडी हूं।
मैं: जरूरत ही नहीं है। चेहरे से दिख रहा है।
मैडम (थोड़ी गुस्से वाली और रोनी सूरत बनाते हुए): मैं है ना आपकी बढ़िया वाली धुलाई कर दूंगी, नहीं तो बाज आ जाओ अपनी हरकतो से।
मैं: ओके सॉरी बाबा! अब कुछ नहीं।
मैडम: अच्छे बच्चे की तरह कान पकड़ो।
मैं: ओके लो पकड़ लिए। अब खुश।
मैडम: हां खुश।
मैं: चलो, मैंने तो सोचा था कि मैं तो गया आज। पता नहीं ऐसा क्या कह दिया मैंने जो इतनी भड़क गई।
मैडम: बकवास ना करो। वो तो बस मैं आपको अच्छा आदमी मानती हूं, इसलिए मॉम से कुछ नहीं कहा, नहीं तो और कोई होता तो अब तक तो सामान के साथ घर से फाहर फेंक देती।
मैं: हां जी
मैडम: सॉरी!
मैं: किसलिए।
मैडम: सॉरी! आजतक किसी ने मुझसे ऐसी बाते नहीं की थी तो मैं एकदम गुस्सा हो गई और इतना भल्ला-बुरा कह दिया। वो आपके लैप्पी में वो विडियो देखकर पहले ही दिमाग खराब हो गया था और फिर आपने ऐसी बाते कहीं तो, एक दम बहुत गुस्सा आ गया।
मैं: ओके! सॉरी तो मैं बोलता हूं जो तुम्हें गुस्सा दिलाया।
मैडम: ओके! सेक हैंड।
मैं: ओके (और मैंने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया मैडम ने भी अपना हाथ आगे बढ़ाया और हमने हाथ मिलाया)।
मैडम के हाथ को टच करते ही मेरे शरीर में गुदगुदी सी हुई। उसका हाथ एकदम फूल की तरह कोमल था। हाथ मिलाते हुए मैडम थोड़ा आगे आ गई और फिर वैसे ही हाथ मिलाते हुए मेरे गले लग गई। गले लगने से मेरा हाथ जो उससे मिलाया हुआ था, उसके नाभि के नीचे स्पर्श होने लगा। मैडम ने अपना दूसरा हाथ मेरी पीठ पर रख दिया और मुझे पूरी तरह से सटकर गले लग गई। उसके एकदम गले लगने से मैं हैरान रह गया। कहां तो अभी छोटी सी बात पर इतना गुस्सा हो रही थी, और कहां अब गले लग गई है। परन्तु उससे गले लगकर मुझे मजा बहुत आ रहा था। उसका बायां बूबस मेरे दायें हाथ से दबा हुआ था।
मैंने उसका हाथ छोड़ दिया और उसने भी मेरा हाथ छोड़कर दूसरे हाथ को भी मेरी गर्दन में लपेट दिया। मेरे शरीर में हलकी हलकी चिंटिंया रेंग रही थी। सच में बहुत मजा आ रहा था। मैंने अपना दायां हाथ जो अभी भी उसके मेरे बीच में था को धीरे-धीरे उपर किया और उसके बूब्स को टच करते हुए बाहर निकालकर उसके कंधे को पकड़ा। मैडम अभी भी ऐसे ही मुझसे लिपटी हुई थी। उसकी सांसे काफी तेजी से चल रही थी। मैंने अपने दोनों हाथों को उसके कंधे पर रख दिया। मैं उसे अपनी बांहों में लेने में थोड़ा घबरा रहा था कि कहीं फिर से गुस्सा ना हो जाए।
जब काफी देर तक भी मैडम मेरे गले लगी रही तो मैंने अपने हाथों को उसकी कमर में डाल दिया और उसे थोड़ा टाइट पकड़ कर अपने साथ चिपका कर उसकी बॉडी को फिल करने लगा। मैडम ने मेरे कंधे पर अपने चेहरे को थोड़ा रगड़ा और वापिस कंधे पर सिर रख दिया। मैंने अपने हाथों से धीरे धीरे मैडम की कमर को सहलाना चालू कर दिया। मैं अपने हाथ उसकी कमर में बहुत ही धीरे से चला रहा था, ताकि अगर उसके मन में ऐसा कुछ ना हो तो वो ये ना समझे कि मैं उसके साथ मजे कर रहा हूं।
धीरे धीरे मैडम का शरीर गरम होने लगा। मुझे मेरे कंधे पर उसका गरम चेहरा महसूस हो रहा था। मैडम को गरम होते देख मेरे पप्पू ने भी शॉर्ट के अंदर हलचल मचानी शुरू कर दी। और कुछ ही सेकंड में एकदम तन कर खड़ा हो गया। मैडम की जांघें और मेरी जांधे एकदम एक दूसरे से सटी हुई थी, तो शायद मेरे पप्पू के हलचल करने से उसे वो अपनी जांघों पर महसूस हो रहा होगा। मैडम ने अपने हाथों को थोड़ा ढीला किया और अपना चेहरा मेरे सामने करते हुए मेरी आंखों में देखने लगी। मैंने भी अपने हाथों को वापिस उसके कंधे पर रख दिया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
कुछ देर तक ऐसा करने के बाद मैंने उसे नंगा किया और उसने मेरे कपडे उतार दिए। मैंने उसे बैड पर लेटा दिया और अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया। उसने अपनी आँखें बंद कर ली। मैंने एक झटके के साथ पूरा लंड उसकी चूत में ठोक दिया। उसके मुंह से आआअह्ह्ह की आवाज निकली। उस दिन मैंने लगातार 30 मिनट तक उसकी चुदाई की। अब भी जब भी मन करता है हम एक दुसरे की इच्छा पूरी कर लेते है।
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