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मैं तेरी घरवाली हूँ लेकिन आज कोई और मुझे चोदेगा - Biwi ne kisi dusre aadmi se chut chudai
मैं तेरी घरवाली हूँ लेकिन आज कोई और मुझे चोदेगा - Biwi ne kisi dusre aadmi se chut chudai , पत्नी ने लंड बदल कर चूत चुदवाई गांड मरवाई , पत्नी दुसरे से चुद गई , पत्नी को पराए आदमी ने चोद दिया , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मैंने तो सुहागरात में ही अपने हसबैंड से कह दिया था की मैं बीवी तेरी हूँ पर मुझे चोदेगा वो जो बाहर बैठा है। मैं इसमें कोई और समझौता नहीं कर सकती। मैं तो तेरे सामने ही उस लड़के को नंगा करके उसका लण्ड पकड़ूँगी और ख़ुशी ख़ुशी तेरे सामने ही उससे चुदवाऊंगी ? पहले एक लड़के से चुदवाऊंगी फिर दूसरे लड़के से और फिर कई लड़कों से। आज सुहागरात है आज तुम पहले मुझे चोद लो। उसके बाद जो लड़का बाहर बैठा है उसे मैं अंदर बुलाऊंगी और तेरे सामने ही उससे चुदवाऊंगी।
मेरा हसबैंड बड़े प्रेम से मेरी बात सुनता रहा कुछ नहीं बोला। लेकिन थोड़ी देर में उसने भी अपना मुंह खोला। वह बोला आज हमारी सुहागरात है। तुम मेरी बीवी हो पर मैं चोदूंगा उसे जो बाहर बैठी है। मैं इसमें कोई और समझौता नहीं कर सकता। मैं तो तेरे सामने ही उस बीवी को नंगी करके उसकी चूँचियाँ पकडूँगा और ख़ुशी ख़ुशी तेरे सामने ही उसकी चूत में लौड़ा पेल के उसे चोदूंगा ? पहले एक बीवी चोदूंगा फिर दूसरी बीवी और फिर कई बीवियां चोदूंगा । आज सुहागरात है आज तुम पहले मुझसे चुदवा लो। उसके बाद जो बीवी बाहर बैठी है उसे मैं अंदर बुलाऊंगा और तेरे सामने ही उसे चोदूंगा।
मैं उसकी बात सुनकर दंग रह गई। मुझे इस तरह के जबाब की बिलकुल उम्मीद थी। मैंने सोंचा था की आज सुहागरात में ही मैं अगर पराये मरद से चुदवा लूंगी तो आगे भी बिना रुके मैं गैर मर्दों से चुदवाती रहूंगी। सच्चाई यह है की मैं ज़िन्दगी भर एक ही लण्ड के सहारे नहीं रह सकती। मगर ये तो बहन चोद मुझसे भी आगे निकल गया। ये तो परायी बीवी चोदने का इंतज़ाम करके बैठा हुआ है। अब मैं अगर इसके सामने किसी और से चुदवाती हूँ तो ये भी मेरे सामने किसी और की बीवी चोदेगा। मैं सोंचने लगी की मैं क्या करूँ ? अब मुझे कैसे सुहागरात मनानी चाहिए ?
मेरा नाम गौरी है दोस्तों मैं २५ साल की हूँ, बेहद खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ और जबरदस्त हॉट हूँ। मेरी दो दिन पहले मेरी शादी हुई है। मैं यहाँ गोवा में अपनी सुहागरात मनाने आयी हूँ। सच यह है की मैं अपने कॉलेज के दिनों में लड़कों के लण्ड पकड़ा करती थी। लण्ड मुंह में लेकर चूसा करती थी। लण्ड का सड़का मारा करती थी और झड़ता हुआ लण्ड पीती थी। मुझे लण्ड पीने की आदत हो गयी है और एक ही लण्ड नहीं कई लण्ड पीने की आदत हो गयी है। मैं मादर चोद बहुत बदचलन लड़की हूँ। मुझे हर दिन किसी न किसी का लण्ड चाहिए। शादी के बाद भी मुझे कोई और चोदा करे यह मैं चाहती हूँ। मेरी इच्छा है की मैं पराये मर्दों से चुदवाती रहूं। उनके लण्ड का मज़ा लेती रहूं। इसलिए आज अपनी सुहागरात में मैंने अपनी इच्छा ज़ाहिर कर दी। सच्ची बात यह है की बाहर कोई लड़का वड़का नहीं बैठा है। मैंने तो अपने पति से झूंठ बोला यह जानने के लिए की ऐसे में वह कैसे रियेक्ट करेगा ? लेकिन वह तो भोसड़ी का मेरा बाप निकला। वह किसी और की बीवी आज ही चोदने के चक्कर में हैं. अब मैं उससे कुछ कह भी नहीं सकती।
मेरे पति का नाम है गणेश। वह २८ साल का एक हट्टा कट्टा, गोरा चिट्टा मरद है। यह बात उसने मुझे बाद में बताई की मैं कॉलेज के दिनों में लड़कियों को लण्ड पकड़ाया करता था। लड़कियां मेरा लण्ड बड़े मजे से पीती थीं और कभी कभी चुदवा भी लेती थी। यह सिलसिला तब शुरू हुआ जब लड़कियां खुद मुझे सिनेमा दिखाने ले जाया करती थीं। वो मुझे सबसे पीछे वाली सीट पर बैठाती थी और फिल्म शुरू होने पर जब अँधेरा हो जाता था तो वो मेरा लण्ड पकड़ लेतीं थीं। इसलिए मैं पैंट के नीचे कभी चड्ढी नहीं पहनता था। पैंट की जिप खोलते ही वो सीधे लण्ड पकड़ लेतीं थी। इस तरह मुझे कई लड़कियों ने मुझे फंसा रखा था। मेरा लण्ड बड़ा भी है और मोटा भी इसलिए लड़कियों का मेरे पास आना स्वाभाविक था। एक के बाद एक कई लड़कियां मेरा लण्ड पकड़ने लगी और मस्ती से पीने लगीं। शादी के बाद यह सब छूट गया। मैं सोंचने लगा की अब कैसे काम चलेगा ? एक ही बीवी एक ही चूत से काम कैसे चलेगा ?
ख़ैर सुहागरात शुरू हुई। उसने मेरा घूँघट उठाया मेरी खूबसूरती की तरफ की, प्यार भरी अच्छी अच्छी बातें की और फिर मेरे दोनों कंधे पर हाथ रखा। फिर उसने मेरे गाल चूमे मेरा माथा चूमा और होंठ चूमे तब तक उसका हाथ मेरी चूँचियों तक पहुँच गया था। मैं भी उसके बदन पर हाथ फिराने लगी। उसका लण्ड ऊपर से टटोलने लगी। फिर उसने मेरे कपड़े उतारना शुरू किया और मैं भी उसके कपड़े खोलने लगी। सबसे पहले मेरी चूँचियाँ खुलीं फिर मैं ऊपर से बिल्कुल नंगी हो गयी। मैं केवल पेटीकोट में आ गयी। वह बहन चोद चड्ढी में आ गया। उसने जैसे ही मेरा पेटीकोट उतारा वैसे ही मेरी छोटी छोटी झांटों वाली चूत उसके सामने नंगी हो गयी। मेरी गांड पूरी खुल गई। फिर मैंने भी उसकी चड्ढी उतार कर फेंक दी। लण्ड साला मेरे सामने तन कर खड़ा हो गया। उसे देख कर मुझे तसल्ली हुई क्योंकि लौड़ा भोसड़ी का बड़ा मोटा और लंबा था।
मैं लण्ड चूसने लगी और वह मेरी चूत और चूँचियाँ सहलाने लगा। मेरे मन में आया की अभी यही लण्ड किसी और की बीवी चोदेगा। शायद मैं उसे बर्दास्त नहीं कर पाऊंगी। लेकिन करूं क्या अब तो मैं मजाक मजाक में जाने क्या क्या कह गयी। अब बात वापस तो नहीं हो सकती। फिर भी मैं लण्ड चाटती रही बड़ी देर तक मुझे मज़ा भी आ रहा था और मन में ऊंट पटांग बातें भी आ रहीं थीं। मेरा पति मुझे मज़ा देने के लिए अपना लण्ड खड़ा किये हुए था। उसके मन में क्या हो रहा था यह मैं समझ तो सकती हूँ। वह भी सोंच रहा होगा की अभी मेरी बीवी इसी तरह नंगी नंगी किसी पराये मरद का लण्ड चूसेगी फिर उसे अपनी चूत में पेल कर भकाभक चुदवायेगी। मैं बैठे बैठे अपनी बीवी को किसी और से चुदते हुए देखता रहूंगा।
यही सब मन में हो रहा था तभी उसने लण्ड मेरी चूत में घुसा ही दिया। वह मजे से चोदने लगा और मैं मजे से चुदवाने लगी। मैं फिर सोंचने लगी की अब यही लण्ड इसी तरह उस बुर चोदी बीवी को चोदेगा जो अभी बाहर बैठी हुई है। उसकी माँ का भोसड़ा ? उसकी बहन की बुर ? उसकी तो उखाड़ लूंगी झांटें ? वह भोसड़ी की भाग क्यों नहीं जाती यहाँ से। मैं मन ही मन उसे गालियां दे रही थी और चुदवाये भी चली जा रही थी , उसने फिर मुझे पीछे से चोदा और खूब चोदा। मैने कहा मुझे और चोदो मेरे राजा। पूरा लौड़ा घुसेड़ दो मेरी इस हरामजादी बुर में ? चोद डालो मेरी चूत। फाड़ डालो मेरी चूत। बड़ा मज़ा आ रहा है यार मुझे। इतना बढ़िया लौड़ा तो मुझे कभी मिला ही नहीं ? वह बोला क्या मतलब गौरी ? तुम क्या पहले भी लोगों से चुदवा चुकी हो ? मैंने कहा नहीं यार ऐसी बात नहीं है। मैंने कई पोर्न फिल्म में चुदाई देखी है तो वही बातें मुंह से निकल पड़ीं।
चुदाई ख़तम होने के बाद हम दोनों बाथ रूम गए और वहां से तैयार होकर आ गए। थोड़ी देर तक न मैं कुछ बोला और न वो। वहां कुछ खाने को रखा था बस उसी को हम लोगोंने उठा कर खा लिया।
फिर वह बोला - अच्छा गौरी अब मैं चलता हूँ। तुम अपने उसी लड़के को बुला लो जो बाहर बैठे बैठे तुम्हारा इंतज़ार कर रह है।
मैंने फिर मजाक करते हुए कहा - तुम जा कहाँ सकते हो ? वो तो मुझे तुम्हारे सामने ही चोदेगा और तुम अपनी बीवी चुदवाओगे ? लेकिन वह आएगा बाद में पहले तुम उस बीवी को बुलाओ जिसे तुम मेरे सामने चोदना चाहते हो ? मैं देखना चाहती हूँ की तुम किसी और की बीवी कैसे चोदते हो ?
वह हंस कर बोला - अरे यार सच बात यह है की यहाँ बाहर कोई बीवी वीवी नहीं बैठी है। मैंने तो बस तुमसे मजाक में सब कुछ कह दिया था। जब मुझे लगा की मेरी बीवी बुर चोदी पराये मरद से चुदवायेगी तो मैंने भी एक मन गढंत कहानी बना ली और फौरन कह दिया। मैं यह जानना चाहता था की ऐसे में मेरी बीवी का क्या हाल होगा ?
मैंने भी हंस कर कहा - अरे यार सच्ची बात यह है की बाहर कोई लड़का वड़का नहीं बैठा है। मैंने तो तुमसे झूंठ बोला यह जानने के लिए की ऐसे में तुम कैसे रियेक्ट करोगे ?
हम दोनों इसी बात पर बड़ी जोर से हँसे और एक दूसरे को गले लगा लिया। फिर हम दोनों ने डिनर किया और खूब एन्जॉय किया। कुछ देर बाद उसका लण्ड फिर खड़ा हो गया और मैं भी उत्तेजित हो गयी। फिर क्या होने लगी भकाभक चुदाई। इस बार चुदाई में जो मज़ा आया वह पहली चुदाई में नहीं आया। रात में ही मेरे पति ने कहा यह तो बात मजाक की हो गयी पर अब मैं चाहता हूँ की मेरे सामने किसी से चुदवाओ। किसी का लण्ड पकड़ो उसे चूमो चाटो और अपनी चूत में पेलो। मैंने भी कहा की मैं चाहती हूँ की तुम मेरे सामने किसी की बीवी चोदो। उसे अपना लण्ड पकड़ाओ, उसकी बुर चोदो और उसे अपना झड़ता हुआ लण्ड पिलाओ। फिर हमने प्लान बनाया की क्यों न हम यहाँ आये हुए सभी कपल पर ध्यान रखें और जो पसंद हो उनसे बात करें ? हो सकता है की काम बन जाए ?
दूसरे दिन सवेरे जान हम लोग ब्रेकफास्ट के लिए हॉल में गए तो मेरी नज़र सारे कपल पर पड़ी। आखिर में मुझे एक कपल पसंद आ गया और मैंने अपने पति से इशारा किया की क्यों न इससे बात की जाये। बस मैं उसकी बीवी की तरफ जाने लगी और वह उसके मियां के पास। मैंने आहिस्ते से उससे बात करनी चाही तो मालूम हुआ की उसका नाम है मिसेज रेनू। मैंने अपना भी परिचय दिया। हम लोग इत्तिफाक स एक शहर के निकले। वह भी मेरी बातों में रूचि लेने लगी। फिर उसने मुझे पति के साथ शाम को अपने कमरे में invite भी कर लिया। उधर मेरा पति गणेश भी उससे बातें करने में बिजी हो गया। एक दूसरे का परिचय किया। उसका नाम था राहुल। उसने गणेश को अपनी बीवी रेनू से मिलवाया। मामला अच्छा होता जा रहा था। नतीजा यह हुआ की मैं अपने पति के साथ उसके कमरे में पहुँच गयी। मैंने देखा की वहां पहले से ही एक और कपल मौजूद है। उसका नाम था रफ़ी और उसकी बीवी का रुबिया। राहुल ने बताया की इन दोनों से यहीं गोवा में ही मुलाक़ात हुई और दोस्ती हो गयी। राहुक ने ड्रिंक्स शुरू कर दी।
कहते हैं की गोवा में अगर ड्रिंक्स नहीं लिया तो कुछ नहीं किया। मैं तो शराब पीती थी पर रुबिया ने कहा की मैंने अभी दो दिन पहले ही गोवा में आकर शराब पीनी शुरू की है। हम तीनो कपल मस्त होने लगे और एक दूसरे के हसबैंड को, एक दूसरे की बीवी को अच्छी तरह ताकने भी लगे।
बीवियों का ग़ैर मर्दों के आगे नंगी होने का भी अपना एक अलग मज़ा है। मर्दों को भी पराई बीवियों के आगे नंगे होने में बड़ा मज़ा आता है। दूसरों की बीवियों को लण्ड दिखाने में और लण्ड पकड़ाने में इन मर्दों को स्वर्ग का मज़ा आता है।
मैं रेनू के मियां का लण्ड चूसने लगी, रेनू रुबिया के मियां का लण्ड चूसने लगी और रुबिया मेरे मियां का लण्ड चूसने लगी। लण्ड के साथ साथ पेल्हड़ भी चूमने और चूसने जाने लगे। मरद भी एक दूसरे की बीवी की चूँचियाँ मसलने लगे और उनकी चूत सहलाने लगे उनकी गांड पर हाथ फिराने लगे। मस्ती बढ़ने लगी और बेशर्मी अपनी चरम सीमा पर थी। थोड़ी देर बाद रफ़ी ने पेल दिया अपना कटा लण्ड रेनू की चूत में और चोदने लगा। रेनू ने बताया की पहली बार उसकी चूत में कोई मुस्लिम्म लण्ड घुसा है । लण्ड चूँकि मोटा था इसलिए वह
चारों तरफ से चिपक कर घुस रहा था। सच में मुझे बहुत मज़ा आया और मैं भी अपनी गांड उठा उठा चुदवाने लगी। तब तक मैं भी राहुल से चुदवाने लगी थी। मैंने कहा यार राहुल तुम मुझे अपनी बीवी समझकर चोदो। वह बड़े जोर शोर से धक्के मारने लगा और मुझे मस्ती चोदने लगी।
राहुल बोला - देखो यार गणेश मैं कितने मजे से तेरी बीवी चोद रहा हूँ। मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है।
गणेश बोला - हां यार मैं भी रफ़ी की बीवी चोद चोद कर मज़ा ले रहा हूँ.
रफ़ी बोला - और मैं राहुल की बीवी चोद कर मज़ा लूट रहा हूँ। मेरा मन करता है की मैं इसकी बीवी हर रोज़ चोदा करूं।
फिर इन तीनो ने हमें पीछे से भी चोदा और अपने अपने लण्ड पर बैठा कर भी चोदा। सबने एक ही स्वर में कहा की यार हमारी सुहागरात बहुत अच्छी हो रही है। भगवान् करे हम लोग जब तक यहाँ है तब तक इसी तरह की सुहागरात होती रहे। मजे की बात यह की इस प्लान में बीवियों ने बड़ा साथ दिया। ये बीवियां भोसड़ी वाली कुछ ज्यादा ही उत्साहित थी पराये मर्दों से चुदवाने के लिए।
एक मेरी बुआ की लड़की निशा एप पति के साथ आ गयी। पहले तो हम सब लोग पूरा शहर घूमते रहे और फर रात में कब मेरा पति और निशा का पति नज़र चले गए तो नियषा मेरे साथ बैठ कर बात करती रही। अचानक उसने मेरा फोन उठा िया और मैं जब बाथ रूम उसने मेरे फोन पर कुछ फोटो देख लीं। फिर उसने एक वीडियो भी देख लिया जिसने मैं किसी और का लण्ड रही हूँ। यह देख कर उसके बदन में आग लग गयी। मैं जब वापस आयी तो वह बोली दीदी ये लण्ड तो बड़ा जबरदस्त है। मैं तेरी जगह होती तो मैं भी चूसने लगती। पर ये है किसका लण्ड ? मैंने कहा ला मुझे मोबाइल दे। मैंने उसमे दूसरा वीडियो निकाल कर उसे दिखाते हुए कहा ले अब तू ये भी देख ले। उसमे किसी की बीवी मेरे पति गणेश का लण्ड चूस रही थी। वह बोली हाय दईया जीजा का लण्ड तो उसके लण्ड से भी बड़ा है दीदी। अब तो मैं बिना जीजा का लण्ड पकड़े यहाँ से जाऊंगी नहीं। मैंने कहा बिलकुल मत जाना। मैं भी तेरे मियां का लण्ड पकड़ूँगी। वह मेरे गले लग गयी और बोली पकड़ लेना भोसड़ी वाले का लण्ड मुझे क्या ?
रात को मैं छत पर बैठी हुई निशा से बातें करने लगी।
मेरा पराये मर्दों से चुदवाना यूं ही चलता रहा और आज भी चलता है।
मैंने तो सुहागरात में ही अपने हसबैंड से कह दिया था की मैं बीवी तेरी हूँ पर मुझे चोदेगा वो जो बाहर बैठा है। मैं इसमें कोई और समझौता नहीं कर सकती। मैं तो तेरे सामने ही उस लड़के को नंगा करके उसका लण्ड पकड़ूँगी और ख़ुशी ख़ुशी तेरे सामने ही उससे चुदवाऊंगी ? पहले एक लड़के से चुदवाऊंगी फिर दूसरे लड़के से और फिर कई लड़कों से। आज सुहागरात है आज तुम पहले मुझे चोद लो। उसके बाद जो लड़का बाहर बैठा है उसे मैं अंदर बुलाऊंगी और तेरे सामने ही उससे चुदवाऊंगी।
मेरा हसबैंड बड़े प्रेम से मेरी बात सुनता रहा कुछ नहीं बोला। लेकिन थोड़ी देर में उसने भी अपना मुंह खोला। वह बोला आज हमारी सुहागरात है। तुम मेरी बीवी हो पर मैं चोदूंगा उसे जो बाहर बैठी है। मैं इसमें कोई और समझौता नहीं कर सकता। मैं तो तेरे सामने ही उस बीवी को नंगी करके उसकी चूँचियाँ पकडूँगा और ख़ुशी ख़ुशी तेरे सामने ही उसकी चूत में लौड़ा पेल के उसे चोदूंगा ? पहले एक बीवी चोदूंगा फिर दूसरी बीवी और फिर कई बीवियां चोदूंगा । आज सुहागरात है आज तुम पहले मुझसे चुदवा लो। उसके बाद जो बीवी बाहर बैठी है उसे मैं अंदर बुलाऊंगा और तेरे सामने ही उसे चोदूंगा।
मैं उसकी बात सुनकर दंग रह गई। मुझे इस तरह के जबाब की बिलकुल उम्मीद थी। मैंने सोंचा था की आज सुहागरात में ही मैं अगर पराये मरद से चुदवा लूंगी तो आगे भी बिना रुके मैं गैर मर्दों से चुदवाती रहूंगी। सच्चाई यह है की मैं ज़िन्दगी भर एक ही लण्ड के सहारे नहीं रह सकती। मगर ये तो बहन चोद मुझसे भी आगे निकल गया। ये तो परायी बीवी चोदने का इंतज़ाम करके बैठा हुआ है। अब मैं अगर इसके सामने किसी और से चुदवाती हूँ तो ये भी मेरे सामने किसी और की बीवी चोदेगा। मैं सोंचने लगी की मैं क्या करूँ ? अब मुझे कैसे सुहागरात मनानी चाहिए ?
मेरा नाम गौरी है दोस्तों मैं २५ साल की हूँ, बेहद खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ और जबरदस्त हॉट हूँ। मेरी दो दिन पहले मेरी शादी हुई है। मैं यहाँ गोवा में अपनी सुहागरात मनाने आयी हूँ। सच यह है की मैं अपने कॉलेज के दिनों में लड़कों के लण्ड पकड़ा करती थी। लण्ड मुंह में लेकर चूसा करती थी। लण्ड का सड़का मारा करती थी और झड़ता हुआ लण्ड पीती थी। मुझे लण्ड पीने की आदत हो गयी है और एक ही लण्ड नहीं कई लण्ड पीने की आदत हो गयी है। मैं मादर चोद बहुत बदचलन लड़की हूँ। मुझे हर दिन किसी न किसी का लण्ड चाहिए। शादी के बाद भी मुझे कोई और चोदा करे यह मैं चाहती हूँ। मेरी इच्छा है की मैं पराये मर्दों से चुदवाती रहूं। उनके लण्ड का मज़ा लेती रहूं। इसलिए आज अपनी सुहागरात में मैंने अपनी इच्छा ज़ाहिर कर दी। सच्ची बात यह है की बाहर कोई लड़का वड़का नहीं बैठा है। मैंने तो अपने पति से झूंठ बोला यह जानने के लिए की ऐसे में वह कैसे रियेक्ट करेगा ? लेकिन वह तो भोसड़ी का मेरा बाप निकला। वह किसी और की बीवी आज ही चोदने के चक्कर में हैं. अब मैं उससे कुछ कह भी नहीं सकती।
मेरे पति का नाम है गणेश। वह २८ साल का एक हट्टा कट्टा, गोरा चिट्टा मरद है। यह बात उसने मुझे बाद में बताई की मैं कॉलेज के दिनों में लड़कियों को लण्ड पकड़ाया करता था। लड़कियां मेरा लण्ड बड़े मजे से पीती थीं और कभी कभी चुदवा भी लेती थी। यह सिलसिला तब शुरू हुआ जब लड़कियां खुद मुझे सिनेमा दिखाने ले जाया करती थीं। वो मुझे सबसे पीछे वाली सीट पर बैठाती थी और फिल्म शुरू होने पर जब अँधेरा हो जाता था तो वो मेरा लण्ड पकड़ लेतीं थीं। इसलिए मैं पैंट के नीचे कभी चड्ढी नहीं पहनता था। पैंट की जिप खोलते ही वो सीधे लण्ड पकड़ लेतीं थी। इस तरह मुझे कई लड़कियों ने मुझे फंसा रखा था। मेरा लण्ड बड़ा भी है और मोटा भी इसलिए लड़कियों का मेरे पास आना स्वाभाविक था। एक के बाद एक कई लड़कियां मेरा लण्ड पकड़ने लगी और मस्ती से पीने लगीं। शादी के बाद यह सब छूट गया। मैं सोंचने लगा की अब कैसे काम चलेगा ? एक ही बीवी एक ही चूत से काम कैसे चलेगा ?
ख़ैर सुहागरात शुरू हुई। उसने मेरा घूँघट उठाया मेरी खूबसूरती की तरफ की, प्यार भरी अच्छी अच्छी बातें की और फिर मेरे दोनों कंधे पर हाथ रखा। फिर उसने मेरे गाल चूमे मेरा माथा चूमा और होंठ चूमे तब तक उसका हाथ मेरी चूँचियों तक पहुँच गया था। मैं भी उसके बदन पर हाथ फिराने लगी। उसका लण्ड ऊपर से टटोलने लगी। फिर उसने मेरे कपड़े उतारना शुरू किया और मैं भी उसके कपड़े खोलने लगी। सबसे पहले मेरी चूँचियाँ खुलीं फिर मैं ऊपर से बिल्कुल नंगी हो गयी। मैं केवल पेटीकोट में आ गयी। वह बहन चोद चड्ढी में आ गया। उसने जैसे ही मेरा पेटीकोट उतारा वैसे ही मेरी छोटी छोटी झांटों वाली चूत उसके सामने नंगी हो गयी। मेरी गांड पूरी खुल गई। फिर मैंने भी उसकी चड्ढी उतार कर फेंक दी। लण्ड साला मेरे सामने तन कर खड़ा हो गया। उसे देख कर मुझे तसल्ली हुई क्योंकि लौड़ा भोसड़ी का बड़ा मोटा और लंबा था।
मैं लण्ड चूसने लगी और वह मेरी चूत और चूँचियाँ सहलाने लगा। मेरे मन में आया की अभी यही लण्ड किसी और की बीवी चोदेगा। शायद मैं उसे बर्दास्त नहीं कर पाऊंगी। लेकिन करूं क्या अब तो मैं मजाक मजाक में जाने क्या क्या कह गयी। अब बात वापस तो नहीं हो सकती। फिर भी मैं लण्ड चाटती रही बड़ी देर तक मुझे मज़ा भी आ रहा था और मन में ऊंट पटांग बातें भी आ रहीं थीं। मेरा पति मुझे मज़ा देने के लिए अपना लण्ड खड़ा किये हुए था। उसके मन में क्या हो रहा था यह मैं समझ तो सकती हूँ। वह भी सोंच रहा होगा की अभी मेरी बीवी इसी तरह नंगी नंगी किसी पराये मरद का लण्ड चूसेगी फिर उसे अपनी चूत में पेल कर भकाभक चुदवायेगी। मैं बैठे बैठे अपनी बीवी को किसी और से चुदते हुए देखता रहूंगा।
यही सब मन में हो रहा था तभी उसने लण्ड मेरी चूत में घुसा ही दिया। वह मजे से चोदने लगा और मैं मजे से चुदवाने लगी। मैं फिर सोंचने लगी की अब यही लण्ड इसी तरह उस बुर चोदी बीवी को चोदेगा जो अभी बाहर बैठी हुई है। उसकी माँ का भोसड़ा ? उसकी बहन की बुर ? उसकी तो उखाड़ लूंगी झांटें ? वह भोसड़ी की भाग क्यों नहीं जाती यहाँ से। मैं मन ही मन उसे गालियां दे रही थी और चुदवाये भी चली जा रही थी , उसने फिर मुझे पीछे से चोदा और खूब चोदा। मैने कहा मुझे और चोदो मेरे राजा। पूरा लौड़ा घुसेड़ दो मेरी इस हरामजादी बुर में ? चोद डालो मेरी चूत। फाड़ डालो मेरी चूत। बड़ा मज़ा आ रहा है यार मुझे। इतना बढ़िया लौड़ा तो मुझे कभी मिला ही नहीं ? वह बोला क्या मतलब गौरी ? तुम क्या पहले भी लोगों से चुदवा चुकी हो ? मैंने कहा नहीं यार ऐसी बात नहीं है। मैंने कई पोर्न फिल्म में चुदाई देखी है तो वही बातें मुंह से निकल पड़ीं।
चुदाई ख़तम होने के बाद हम दोनों बाथ रूम गए और वहां से तैयार होकर आ गए। थोड़ी देर तक न मैं कुछ बोला और न वो। वहां कुछ खाने को रखा था बस उसी को हम लोगोंने उठा कर खा लिया।
फिर वह बोला - अच्छा गौरी अब मैं चलता हूँ। तुम अपने उसी लड़के को बुला लो जो बाहर बैठे बैठे तुम्हारा इंतज़ार कर रह है।
मैंने फिर मजाक करते हुए कहा - तुम जा कहाँ सकते हो ? वो तो मुझे तुम्हारे सामने ही चोदेगा और तुम अपनी बीवी चुदवाओगे ? लेकिन वह आएगा बाद में पहले तुम उस बीवी को बुलाओ जिसे तुम मेरे सामने चोदना चाहते हो ? मैं देखना चाहती हूँ की तुम किसी और की बीवी कैसे चोदते हो ?
वह हंस कर बोला - अरे यार सच बात यह है की यहाँ बाहर कोई बीवी वीवी नहीं बैठी है। मैंने तो बस तुमसे मजाक में सब कुछ कह दिया था। जब मुझे लगा की मेरी बीवी बुर चोदी पराये मरद से चुदवायेगी तो मैंने भी एक मन गढंत कहानी बना ली और फौरन कह दिया। मैं यह जानना चाहता था की ऐसे में मेरी बीवी का क्या हाल होगा ?
मैंने भी हंस कर कहा - अरे यार सच्ची बात यह है की बाहर कोई लड़का वड़का नहीं बैठा है। मैंने तो तुमसे झूंठ बोला यह जानने के लिए की ऐसे में तुम कैसे रियेक्ट करोगे ?
हम दोनों इसी बात पर बड़ी जोर से हँसे और एक दूसरे को गले लगा लिया। फिर हम दोनों ने डिनर किया और खूब एन्जॉय किया। कुछ देर बाद उसका लण्ड फिर खड़ा हो गया और मैं भी उत्तेजित हो गयी। फिर क्या होने लगी भकाभक चुदाई। इस बार चुदाई में जो मज़ा आया वह पहली चुदाई में नहीं आया। रात में ही मेरे पति ने कहा यह तो बात मजाक की हो गयी पर अब मैं चाहता हूँ की मेरे सामने किसी से चुदवाओ। किसी का लण्ड पकड़ो उसे चूमो चाटो और अपनी चूत में पेलो। मैंने भी कहा की मैं चाहती हूँ की तुम मेरे सामने किसी की बीवी चोदो। उसे अपना लण्ड पकड़ाओ, उसकी बुर चोदो और उसे अपना झड़ता हुआ लण्ड पिलाओ। फिर हमने प्लान बनाया की क्यों न हम यहाँ आये हुए सभी कपल पर ध्यान रखें और जो पसंद हो उनसे बात करें ? हो सकता है की काम बन जाए ?
दूसरे दिन सवेरे जान हम लोग ब्रेकफास्ट के लिए हॉल में गए तो मेरी नज़र सारे कपल पर पड़ी। आखिर में मुझे एक कपल पसंद आ गया और मैंने अपने पति से इशारा किया की क्यों न इससे बात की जाये। बस मैं उसकी बीवी की तरफ जाने लगी और वह उसके मियां के पास। मैंने आहिस्ते से उससे बात करनी चाही तो मालूम हुआ की उसका नाम है मिसेज रेनू। मैंने अपना भी परिचय दिया। हम लोग इत्तिफाक स एक शहर के निकले। वह भी मेरी बातों में रूचि लेने लगी। फिर उसने मुझे पति के साथ शाम को अपने कमरे में invite भी कर लिया। उधर मेरा पति गणेश भी उससे बातें करने में बिजी हो गया। एक दूसरे का परिचय किया। उसका नाम था राहुल। उसने गणेश को अपनी बीवी रेनू से मिलवाया। मामला अच्छा होता जा रहा था। नतीजा यह हुआ की मैं अपने पति के साथ उसके कमरे में पहुँच गयी। मैंने देखा की वहां पहले से ही एक और कपल मौजूद है। उसका नाम था रफ़ी और उसकी बीवी का रुबिया। राहुल ने बताया की इन दोनों से यहीं गोवा में ही मुलाक़ात हुई और दोस्ती हो गयी। राहुक ने ड्रिंक्स शुरू कर दी।
कहते हैं की गोवा में अगर ड्रिंक्स नहीं लिया तो कुछ नहीं किया। मैं तो शराब पीती थी पर रुबिया ने कहा की मैंने अभी दो दिन पहले ही गोवा में आकर शराब पीनी शुरू की है। हम तीनो कपल मस्त होने लगे और एक दूसरे के हसबैंड को, एक दूसरे की बीवी को अच्छी तरह ताकने भी लगे।
- रुबिया बोली - अरे गोवा ने आकर कुछ और भी करना चाहिए जो हमेशा याद रहे। मैं तो यही करने आयी हूँ वरना सुहागरात तो अपने घर में ही मना लेती ?
- रफ़ी ने कहा - हां यार मेरी बीवी सच कह रही है। हम लोगों को थोड़ा सोंचना चाहिए।
- राहुल - खुल कर बोलो यार। गोल गोल बातों को क्यों घुमा रहे हो।
- फिर रफ़ी तो कुछ नहीं बोला लेकिन उसकी बीवी रुबिया बोल पड़ी - देखो भई बीवियां सुहागरात तो अपने अपने शौहर के साथ मनाती ही हैं। हम तो यहाँ अपने शौहर के साथ नहीं दूसरों के शौहरों के साथ सुहागरात मनाने आयीं हैं। उसकी बात सुन कर सब एक दूसरे को देखने लगे। उसने फिर काह अरे तुम लोग मुझे शक की नज़र से क्यों देख रहे हो ,ओम सच कह रही हूँ। मैंने तो कल रात किसी और मरद के साथ सुहागरात मनाई और मेरे मरद से उसकी बीवी के साथ ? बड़ा मज़ा आया।
- राहुल - यार रुबिया भ्भी की बात में दम है।
- मैंने कहा - दम है तो फिर देर किस बात की ? हम लोग भी ऐसा कर सकतें हैं।
- मेरा पति बोला - हम तो तैयार हैं।
- रेनू भाभी ने कहा - तुम लोगों ने मेरे मन की बात कह दी। तो फिर क्यों न आज यहीं इसी कमरे में हो जाये एक दूसरे के मियां के साथ सुहागरात ?
- मैंने सबसे पहले राहुल के गले में हाथ डाल दिया और कहा आज मैं राहुल के साथ अपनी सुहागरात मनाऊंगी।
- राहुल की बीवी रेनू रफ़ी से चिपक कर बैठ गयी और बोली तो मैं रफ़ी के साथ अपनी सुहागरात मनाऊंगी।
- इतने में रुबिया मेरे पति की गोद में बैठ गयी और बोली आज की रात गणेश ही मेरा शौहर होगा। पहले गणेश ही मुझे चोदेगा और फिर राहुल मुझे चोदेगा।
बीवियों का ग़ैर मर्दों के आगे नंगी होने का भी अपना एक अलग मज़ा है। मर्दों को भी पराई बीवियों के आगे नंगे होने में बड़ा मज़ा आता है। दूसरों की बीवियों को लण्ड दिखाने में और लण्ड पकड़ाने में इन मर्दों को स्वर्ग का मज़ा आता है।
मैं रेनू के मियां का लण्ड चूसने लगी, रेनू रुबिया के मियां का लण्ड चूसने लगी और रुबिया मेरे मियां का लण्ड चूसने लगी। लण्ड के साथ साथ पेल्हड़ भी चूमने और चूसने जाने लगे। मरद भी एक दूसरे की बीवी की चूँचियाँ मसलने लगे और उनकी चूत सहलाने लगे उनकी गांड पर हाथ फिराने लगे। मस्ती बढ़ने लगी और बेशर्मी अपनी चरम सीमा पर थी। थोड़ी देर बाद रफ़ी ने पेल दिया अपना कटा लण्ड रेनू की चूत में और चोदने लगा। रेनू ने बताया की पहली बार उसकी चूत में कोई मुस्लिम्म लण्ड घुसा है । लण्ड चूँकि मोटा था इसलिए वह
राहुल बोला - देखो यार गणेश मैं कितने मजे से तेरी बीवी चोद रहा हूँ। मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है।
गणेश बोला - हां यार मैं भी रफ़ी की बीवी चोद चोद कर मज़ा ले रहा हूँ.
रफ़ी बोला - और मैं राहुल की बीवी चोद कर मज़ा लूट रहा हूँ। मेरा मन करता है की मैं इसकी बीवी हर रोज़ चोदा करूं।
फिर इन तीनो ने हमें पीछे से भी चोदा और अपने अपने लण्ड पर बैठा कर भी चोदा। सबने एक ही स्वर में कहा की यार हमारी सुहागरात बहुत अच्छी हो रही है। भगवान् करे हम लोग जब तक यहाँ है तब तक इसी तरह की सुहागरात होती रहे। मजे की बात यह की इस प्लान में बीवियों ने बड़ा साथ दिया। ये बीवियां भोसड़ी वाली कुछ ज्यादा ही उत्साहित थी पराये मर्दों से चुदवाने के लिए।
एक मेरी बुआ की लड़की निशा एप पति के साथ आ गयी। पहले तो हम सब लोग पूरा शहर घूमते रहे और फर रात में कब मेरा पति और निशा का पति नज़र चले गए तो नियषा मेरे साथ बैठ कर बात करती रही। अचानक उसने मेरा फोन उठा िया और मैं जब बाथ रूम उसने मेरे फोन पर कुछ फोटो देख लीं। फिर उसने एक वीडियो भी देख लिया जिसने मैं किसी और का लण्ड रही हूँ। यह देख कर उसके बदन में आग लग गयी। मैं जब वापस आयी तो वह बोली दीदी ये लण्ड तो बड़ा जबरदस्त है। मैं तेरी जगह होती तो मैं भी चूसने लगती। पर ये है किसका लण्ड ? मैंने कहा ला मुझे मोबाइल दे। मैंने उसमे दूसरा वीडियो निकाल कर उसे दिखाते हुए कहा ले अब तू ये भी देख ले। उसमे किसी की बीवी मेरे पति गणेश का लण्ड चूस रही थी। वह बोली हाय दईया जीजा का लण्ड तो उसके लण्ड से भी बड़ा है दीदी। अब तो मैं बिना जीजा का लण्ड पकड़े यहाँ से जाऊंगी नहीं। मैंने कहा बिलकुल मत जाना। मैं भी तेरे मियां का लण्ड पकड़ूँगी। वह मेरे गले लग गयी और बोली पकड़ लेना भोसड़ी वाले का लण्ड मुझे क्या ?
रात को मैं छत पर बैठी हुई निशा से बातें करने लगी।
- मैंने कहा - निशा एक बार सोंच लो। क्या तुम सच में मेरे पति से चुदवाना चाहती हो ?
- वह बोली - हां दीदी चुदवाना चाहती हूँ इसमें कोई शक नहीं है।
- तो क्या तुम अकेले कमरे में उससे चुदवाओगी ?
- नहीं दीदी, मैं तेरे सामने ही उससे चुदवाऊंगी और अपने पति के सामने भी।
- तेरा पति यह बर्दास्त कर पायेगा ?
- क्यों नहीं बतदस्त कर पायेगा। वह भी तो मेरी दीदी की बुर लेगा।
- तुमने पहले कभी अपने पति के आगे किसी और से चुदवाया है ?
- हां दीदी चुदवाया है। एक दिन मैंने अपने पति के दोस्त से उसके सामने ही चुदवाया है और उसने भी मेरे सामने उसकी बीवी चोदी।
- अच्छा तो ठीक है अब आज रात को मेरा मियां का लण्ड तेरा हो गया और तेरे मियां का लण्ड मेरा ?
- हां बिलकुल ठीक है अब आएगा मज़ा।
- अच्छा सुनो मेरी झांटें छोटी छोटी हैं. तेरे मियां को पसंद हों तो ठीक है नहीं तो मैं वो भी साफ़ कर दूँ।
- नहीं दीदी बिलकुल साफ मत करो। उसे छोटी छोटी झांटों वाली चूत बहुत पसद है।
मेरा पराये मर्दों से चुदवाना यूं ही चलता रहा और आज भी चलता है।
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