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ससुर को मुठ्ठ मारते हुए पकड़ा और चुद गई - Sasur aur bahu ki chut chudai story
बहु ने ससुर से चूत चुदाई , ससुर ने बहु को चोद दिया , ससुर को मुठ्ठ मारते हुए पकड़ा और चुद गई - Sasur aur bahu ki chut chudai story , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
एक दिन मैंने खिड़की से देखा की मेरा ससुर भोसड़ी का नंगा नंगा लेटा हुआ अपने मोटे तगड़े लण्ड का सड़का मार रहा है। मेरी निगाहें उसके लण्ड पर बड़ी देर तक टिकी रहीं। तभी मैंने ठान लिया की मैं ये लण्ड किसी दिन अपनी बुर में पेलूँगी जरूर। मैं कुछ ऐसा करूंगी की मेरा ससुर दौड़ कर मेरी बुर लेगा और तब मैं ख़ुशी ख़ुशी अपनी बुर उसे दे दूँगी. मैं जब शादी के बाद ससुराल गयी तो मेरी नन्द ने मेरी सुहागरात में बहुत हेल्प की। अगर उसने हेल्प न की होती तो मैं अपनी सुहागरात में ही चुदासी रह जाती ? मैं उस रात दुल्हन बनी बैठी थी और अपने हसबैंड का इंतज़ार कर रही थी। मैं मन ही मन सोंच रही थी की वह आएगा तो आहिस्ते से मेरा ढूँढट खोलेगा। मेरा चेहरा देखेगा फिर मेरी तारीफ करेगा। मेरी चूँचियों पर निगाह डालेगा और फिर मेरे पूरे बदन पर हाथ लगा कर प्यार एक्सप्रेस करेगा। फिर वह मुझे अपनी तरफ खींच कर मुझे चिपका लेगा। मेरे कपड़े एक एक करके उतारेगा और मुझे एकदम नंगी कर देगा। फिर मैं उसके कपडे उतारूंगी और उसे नंगा कर दूँगी। मैं उसका लन्ड पकड़ूँगी और वह मेरी चूंचियां पकड़ेगा।मेरी चूत सहलायेगा और मैं उसका लन्ड हिला हिला कर मस्त कर दूँगी। वह मेरी बुर चाटेगा और मैं उसका लन्ड चाटूँगी। थोड़ी देर बाद वह लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ देगा और मैं न न कहते हुए मजे से चुदवाने लगूंगी। बट आई एम् सॉरी की ऐसा कुछ नहीं हुआ। वह आया और मेरे बगल में बैठ गया। उसके मुंह से शराब की महक आ रही थी। मैं समझ गयी की इसने कुछ ज्यादा ही शराब पी ली है. हालांकि मैं भी शराब पीती हूँ पर लिमिट के अंदर सिर्फ मजे के लिए ही।
उसने मेरा घूंघट खोला तो खोला और मेरा चेहरा देख कर मुस्कराया भी पर तारीफ नहीं की। उसने मुझे अपनी तरफ घसीटा भी लेकिन मेरी चूँचियों पर हाथ नहीं लगाया। मैं भी उसकी तरफ बढ़ी पर मैंने भी लन्ड पर हाथ नहीं लगाया। फिर वह खुद ही अपने कपड़े खोलने लगा। थोड़ी देर में वह एकदम नंगा हो गया और मुझे कपड़े उतारने के लिए इशारा किया। मैं भी एक आज्ञाकारी दुल्हन की तरह उसके सामने अपने कपड़े खोलने लगी। मैं भी उसकी तरह एकदम नंगी हो गयी। उसने मुझे लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गया। मेरा हाथ उसके लन्ड पर चला गया। लन्ड तो औसतन ठीक ही था। तन कर खड़ा भी हो गया। लेकिन उसने मुझे लन्ड से खेलने का मौक़ा नहीं दिया। बस दो मिनट में ही लन्ड उसने मेरी चूत में घुसा दिया और चोदने लगा। अफ़सोस की बात यह रही की मैं पूरी तरह गरम भी नहीं हो पायी थी की वह झड़ गया और उसका लन्ड ठंढा पड़ गया। वह बाथ रूम गया और फिर कपड़े पहन कर कमरे के बाहर चला गया। मैं चुदासी ही रह गयी। इस कारनामे में मेरी बहन चोद झांटें सुलग गयीं।
इतने में मेरी नन्द मेरे कमरे में आ गयी। वह बोली मैं तुम्हारी हालत समझ सकती हूँ भाभी। ऐसा करो की तुम अभी अभी मेरे हसबैंड से चुदवा लो। वह तुम्हे चोदने के लिए बेताब हो रहा है। मुझसे कई बार कह चुका है की मुझे भी अपनी भाभी की बुर दिलवाओ। एक बात बताऊँ भाभी। मेरे हसबैंड का लन्ड मेरे भाई के लन्ड से बड़ा भी है और मोटा भी। वो तुम्हे बड़ी देर तक चोदेगा। मैंने कहा ओ माय गॉड तो फिर तू क्या करेगी ? वह बोली अरे भाभी मैं अपने मौसा से चुदवाने जा रही हूँ। बहुत दिन हो गए उससे चुदवाये हुए। मुझे उसके लन्ड की याद आ रही है। मैंने कहा अरे यार तो फिर मौसी बहन चोद क्या करेगी ? वह बोली मेरी मौसी भोसड़ी की मेरे डैड से चुदवा रही है। मैं अभी अभी देख कर आ रही हूँ। और मेरी मॉम बुर चोदी मेरे फादर इन लॉ का लन्ड चूस रही है। इतना ही नहीं भाभी, मेरा डैड मेरी नन्द की बुर ले रहा है। यहाँ आज सब एक दूसरे की बीवी चोद रहें हैं। मेरा हसबैंड अगर अपने भाई की बीवी चोदे तो इसमें कोई हर्ज़ नहीं है।
ऐसा बोल कर वह बाहर गयी और अपने हसबैंड को नंगा करके उसका लन्ड पकड़े हुए फिर मेरे पास आ गयी। मेरी नन्द ने मुझे अपने हसबैंड का लन्ड पकड़ा दिया और खुद अपने मौसा से चुदवाने चली गयी। मैंने जैसे ही उसका लन्ड पकड़ा तो मैं ख़ुशी से झूमने लगी। लन्ड वाकई बड़ा लंबा और मोटा था। उसका सुपाड़ा तो बड़ा खूबसूरत था। मेरी नज़रें बड़ी देर तक वहीँ टिकीं रहीं। मैं लन्ड तो चारों तरफ से घुमा घुमा कर देखने लगी। उसके मस्त चिकने पेल्हड़ मुझे बहुत अच्छे लगे। झांटें एकदम साफ थी। झांटें मेरी भी साफ़ थी। उसने मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया। मैं उसे अपने हसबैंड की तरह प्यार करने लगी। मेरी चूत की आग धधकने लगी। मेरी चूंचियां तन कर खड़ीं हो गयीं। मैंने सोंचने लगी की चलो अच्छा हुआ की एक लन्ड गया तो उससे अच्छा लन्ड आ गया।
बस मैं कुतिया की तरह लन्ड चाटने लगी। तब तक वह भी घूम गया और मेरी चूत कुत्ते की तरह चाटने लगा। हम दोनों 69 बन चुके थे। तब मुझे लगा की वाकई आज मेरी सुहागरात है।
मेरा नाम है दोस्तों एलिगा । मैं २५ साल की हूँ , मेरी खास बात यह है की मैं लन्ड की बहुत बड़ी शौक़ीन हूँ। मैं लन्ड पकड़ने में बड़ी बेशर्म हूँ और चुदवाने में तो उससे ज्यादा। मैं चोदा चोदी में कोई रिस्ता नहीं मानती। यह मैंने अपनी मॉम से सीखा है। इस समय मैं अपने नंदोई मार्क का लन्ड चूस रही हूँ और मुझको मलाल नहीं है बल्कि ख़ुशी है। मैंने नंदोई के ऊपर लेटी हूँ। मेरी गांड की तरफ उसका मुंह है और उसकी गांड की तरफ मेरा मुंह। मैं लन्ड के टोपा पर बार बार थूक कर चाट रही हूँ। मुझे ऐसा करने में घिन नहीं आती बल्कि मज़ा आता है। मुझे लन्ड की लार चाटने में बड़ा मज़ा आता है। तब तक वह बोला एलिगा भाभी तेरी चूत बड़ी स्वादिस्ट है। बिलकुल मेरी बड़ी भाभी की चूत की तरह। मैंने कहा अरे वाह तो क्या तुम अपनी भाभी की बुर लेते हो ? वह बोला हां बिलकुल लेता हूँ। उसकी चूत मुझे बहुत अच्छी लगती है और उसे मेरा लन्ड। मैं आज से तेरी चूत का भी गुलाम हो गया हूँ। मैंने कहा मैं तेरे लन्ड की गुलाम हो गयी हूँ। अब इसे पेल दो मेरी चूत में।
फिर उसने लन्ड मेरी चूत पर टिका दिया और गच्च से अंदर घुसा दिया। मैं बोली उइ माँ फट गयी मेरी चूत ? इतना मोटा लन्ड तूने घुसेड़ दिया ? तुझे बहन चोद रहम नहीं आया मेरी चूत पर मेरे मादर चोद नंदोई। मैंने ऐसा कह कर उसे चिपका लिया और अपनी गांड उचका उचका कर चुदवाने लगी। मैंने फिर कहा हाय मेरे राजा तुम बहुत अच्छी तरह बुर चोदते हो। और चोदो। पूरा घुसा दो लन्ड। मुझे अपनी बीवी समझो और चोदो। मैं तेरी रखैल हूँ मुझे खूब चोदो। मैं तेरी रंडी हूँ भोसड़ी के मार्क मुझे उसी तरह चोदो। हाय तेरा लन्ड बड़ा मज़ा दे रहा है। यार रोज़ आया करो मुझे चोदने। चाहो तो मेरी माँ चोद लो। मेरी बहन चोद लो लेकिन मुझे जरूर चोदो। थोड़ी देर में मैं उसके लन्ड पर चढ़ बैठी और चोदने लगी लन्ड। मैं बोली हाय मार्क मेरे चोदू राजा तेरी बहन का लन्ड। तेरी माँ की चूत । देख मैं चुदवाते समय गाली देती हूँ। मैं जिसको गाली देती हूँ उसको बुर भी देती हूँ। जैसे मैं तुझे बुर दे रही हूँ। मैं मन ही मन अपनी नन्द का थैंक्स दे रही थी और उसके हसबैंड के लन्ड का मज़ा भी ले रही थी।
तब तक सवेरा हो चुका था। नंदोई मुझे चोद कर निकल चुका था। उसके थोड़ी देर बाद नन्द फिर आयी और बोली कैसा लगा तुम्हे मेरे हसबैंड का लन्ड ? मैंने कहा यार ऐसा मस्ताना लन्ड मैंने पहली बार देखा है। उसने तो तो मेरी चूत फाड़ दी। मुझे पहले खलास कर दिया फिर बाद में खुद खलास हुआ। तू ऐसा हसबैंड पाकर बड़ी लकी है मेरी नन्द रानी। वह बोली अरे भाभी मैं इसीलिए मैं सबकी चूत की सेवा करती हूँ। मैंने तो अपनी माँ की चूत में भी उसका लन्ड पेलती हूँ। यह सुनकर मैं बहुत रोमांचित हो गयी। वह फिर बोली भाभी अब तुम मेरे देवर से भी चुदवा लो। वो बिचाराअपना लन्ड खड़ा किये हुए बड़ी देर से बैठा है। उसका देवर तुरंत नंगा नंगा मेरे कमरे में आ गया। मैं उसका लन्ड देख कर मुस्करा पड़ी और पकड़ कर हिलाने लगी लन्ड। फिर मैंने बड़ी मस्ती से उससे भी चुदवाया।
इस तरह मैंने अपनी सुहागरात में ही तीन तीन लन्ड से चुदवा लिया। मैं बहुत बेशरम और बोल्ड बन गयी। मुझे अपनी ससुराल का हाल मालूम हो गया की यहाँ कोई भी किसी की भी बुर चोद लेता है। कोई रोक टोक नहीं है ? मैं इसी बात का फायदा उठाने लगी और मजे से इधर उधर के लोगों से चुदवाने लगी।
ससुर जी को मुठ्ठ मारते हुए पकड़ा
एक दिन रात में १२ बजे मैं उठी तो देखा की मेरे फादर इन लॉ के कमरे की लाइट धीमी धीमी जल रही है। मैं झाँक कर देखने लगी। मैंने जो देखा उसे देख कर दंग रह गयी। मैंने देखा की वह बिस्तर पर एकदम नंगा लेटा है और अपना खड़ा लन्ड हिला रहा है। लन्ड मुठ्ठी में लेकर ऊपर नीचे कर रहा है। अपने लन्ड का सड़का मार रहा है। मुठ्ठ मार रहा है बहन चोद अपने लन्ड का। मुंह से कुछ बुदबुदा भी रहा है। लन्ड देख कर तो मैं पागल हो गयी। साला इतना बड़ा और मोटा लन्ड तो मेरे नंदोई का भी नहीं है। मेरी चूत गीली हो गयी और मेरे मुंह से लार टपकने लगी। मैं बेशरम तो हो ही चुकी थी। मैंने सोंचा की जब मेरी सास अपने दामाद से चुदवाती है तो मैं अपने ससुर से क्यों नहीं चुदवा सकती ? जब मेरी नन्द अपने ससुर का लन्ड हिलाती है तो फिर मैं क्यों नहीं अपने ससुर का लन्ड हिला सकती ?
बस मैं धड्डले से अंदर घुस गयी। मैंने कहा वाओ, इतना बड़ा लन्ड ! इतना मोटा लन्ड ! वह मुझे देख कर थोड़ा सकपका गया और अपना लन्ड अपने दोनों हाथों से ढक लिया। मैंने कहा ससुर जी तुम इसे अपने हाथ से हिला रहे हो ? मैं किसलिए हूँ ? मैं पकड़ूँगी तेरा लन्ड। मैं हिलाऊंगी तेरा लन्ड ? मैं मारूंगी तेरे लन्ड का सड़का ? मुझे लन्ड का मुठ्ठ मारना आता है ससुर जी। तब उसकी शर्म ख़तम हो गयी। मैंने हाथ बढाकर लन्ड पकड़ लिया। मेरे पकड़ते ही लन्ड साला और कड़क हो गया। वह बोला एलिगा बहू देखो न तेरे हाथ में जाकर कितना बड़ा हो गया साला। मैंने कहा भोसड़ी के ससुर जी लन्ड मर्दों के हाथ में नहीं औरतों के हाथ में अच्छा लगता है। मर्दों के हाथ में तो चूंचियां अच्छी लगती है। लो पकड़ो मेरी चूंचियां। मैंने जैसे ही उसे चूंचियां खोल कर दिखाई तो उसके तो होश उड़ गए। उसने गचगचाकार पकड़ ली मेरी चूंचियां और मसलने लगा। मैंने फिर कहा ससुर जी अब आज से तुम मुझसे ही सड़का मरवाना। मैं सड़का मार कर लन्ड पीती हूँ।
तब तक मैं भी पूरी नंगी हो चुकी थी। मैंने लन्ड की कई चुम्मियां ली और सुपाड़ा जबान निकाल कर चाटा। पेल्हड़ चाटे और पूरे लन्ड परअपनी जबान फिराया। वह मस्त होने लगा और मैं भी ८" + का लन्ड पाकर मस्त हो गयी। ससुर भी मेरे रंग में रंग गया। वह मेरी चूत चाटने लगा और मेरी गांड पर हाथ फेरने लगा। मैंने कहा वाओ, क्या तुम गांड भी मारते हो ? वह बोला हां बहू मुझे अगर किसी गांड अच्छी लगती है तो जरूर मारता हूँ। मैं अपनी साली की गांड मारता हूँ और साली बेटी की भी गांड मारता हूँ। जो मरवाना चाहती है उसी की गांड मारता हूँ बाकी सबकी चूत चोदता हूँ। मुझे अपनी बड़ी बहू की बुर चोदने में बड़ा मज़ा आता है। माँ की लौड़ी बड़ी मस्त होकर चुदवाती है मुझसे। मैंने कहा अरे वाह तुम भोसड़ी के इतने हरामी होंगे मुझे नहीं मालूम था। इसका मतलब तुम तो हर रोज़ मेरी बुर चोदोगे ? उसने कहा अरे एलिगा लन्ड का काम ही यही है। लन्ड जब खड़ा हो जाता है मैं उसे किसी की भी बुर में घुसेड़ देता है। चाहे वो बेटी की बुर हो, चाहे माँ की बुर हो, बहू की बुर हो, साली की बुर हो, भाभी की बुर हो, बहन की बुर हो, मैं इसकी कतई परवाह नहीं करता। मैंने कहा ओ माय गॉड, तेरी बहन का लन्ड, तेरी बिटिया की बुर, तेरी साली की गांड, तेरी बहू की चूत, तू माँ का लौड़ा बहुत बड़ा ऐय्याश आदमी है।
मेरी गालियां सुनकर उसके लन्ड में दूना जोश भर गया और फिर उसने मुझे पटक कर लन्ड मेरी चूत में पेल दिया। वह मुझे धकाधक चोदने लगा और मैं भी रंडी की तरह चुदवाने लगी। लेकिन मेरा मन अभी लन्ड से खेलने का था। मैं कुछ बोली नहीं और अपने ससुर को मन मानी करने दिया। मैंने सोंच लिया की ये जिस तरह से चाहे उस तरह से मुझे चोदे। मैं मना नहीं करूंगी लेकिन मैं चुदाई में सहयोग करूंगी। इसलिए मैं भी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। मुझे भी इतने मोटे और मस्त मलंग लन्ड से चुदवाने में मज़ा आने लगा था। मैंने सोंचा की ये मरदाना लन्ड आज पहली बार मेरी चूत में घुसा है तो मैं उसका पूरा आनंद लूंगी। थोड़ी देर में वह बोला बहू अब मैं तुम्हे पीछे से चोदूंगा। मैंने कहा चोद लो ससुर जी मेरी ये बुर चोदी चूत तेरे लिए ही है। वह मुझे कुत्ते की तरह चोदने लगी और मैं भी मादर चोद कुतिया बन गयी।
उसका लन्ड पूरे ताव पर था। कमरा धच्च धच्च, भच्च भच्च, गच्च गच्च की आवाजों से गूंजने लगा। चुदाई की आवाज़ मुझे बहुत प्यारी लगती है। मैं चुदाई की आवाज़ खूब एन्जॉय करती हूँ। फिर वह बोला बहू अब तुम मेरे लन्ड पर बैठ जाओ। मैं लन्ड पर बैठ गयी। मैंने अपना मुंह उसके मुंह की तरफ रखा और थोड़ा झुक गयी। लन्ड तो पूरा मेरी चूत में घुसा था। मैं झुककर अपनी गांड उठा उठा के लन्ड पर पटकने लगी। मैं वास्तव में चोदने लगी लन्ड। मैंने कहा भोसड़ी के ससुर अब तुम चुपचाप लेटे रहो, मैं चोदूंगी तेरा लन्ड। अब मैं तेरे लन्ड की माँ बहन चोदूंगी।मैंने स्पीड बढ़ा दी तो वह बोला अरे वाह तुम तो सही में लन्ड चोद रही हो बहू। मेरे लन्ड को आजतक इस तरह से किसी ने नहीं चोदा। मेरी बेटी को भी सिखा दो लन्ड चोदना बहू। वो भी सबके लन्ड इसी तरह चोदेगी तो सबको खूब मज़ा आएगा।
उसकी मस्ती बढ़ी तो वह बोला अरे यार अब मैं खलास होने वाला हूँ। तभी मैं लन्ड से उतरी और लन्ड मुठ्ठी में ले लिया। मैं मजे से लन्ड का मुठ्ठ मारने लगी। मैंने कहा ससुर जी अब मुझे तेरे लन्ड का मुठ्ठ मारने में ज्यादा मज़ा आ रहा है। लन्ड का टोपा फूल चुका था। लन्ड का रस बस निकलने ही वाला था। मैं अपना मुंह लन्ड के सामने ही खोले हुए थी। उसने कहा ओ, हो, उइ, हां, हे हो, आ ये, उइ, हां लो मैं निकल गया और उसकी पिचकारी छूट कर सीधे मेरे मुंह में गिरी। मैं सारा सीमेन गटक गयी और मस्ती से चाटने लगी लन्ड का सुपाड़ा। फिर हम दोनों बाथ रूम गए। मैंने उसका लन्ड धोया और उसे खूब अच्छी तरह नहलाया। उसने मेरी चूत और चूंची पर साबुन लगा कर मुझे नहलाया। फिर हम दोनों नंगे नंगे सोफा पर आकर बैठ गए। दरवाजा इत्तिफाक से खुला ही रह
गया।
अचानक उसी कमरे में मेरी नन्द आ गयी। वह भी एकदम नंगी थी और उसके हाथ में था एक नंगा लन्ड। वह
बोली हाय भाभी देखो ये है मेरा ससुर। तुमने अपने फादर इन लॉ का लन्ड चोदा। अबकी बार तुम मेरे फादर इन लॉ का लन्ड चोदो। मैं अपने ससुर के साथ बाहर से तेरी चुदाई बड़ी देर से देख रहीं थी। चुदाई ख़तम होने के बाद हम लोग तेरे पास आये हैं। वास्तव में मैं अपने कमरे से अपने बॉय फ्रेंड से चुदवा रही थी। तभी मेरे ससुर वहां आ गया। मुझे इसने चुदवाते हुए देख लिया। तो मैंने कहा मादर चोद जब तूने मुझे चुदवाते हुए देख ही लिया है तो तुम भी मुझे चोदो। खोलो अपना लन्ड और पेल दो मेरी चूत में। ये भी जोश में आ गया और फिर दोनों मिलकर मुझे चोदने लगे। मेरा बॉय फ्रेंड मुझे चोदने के बाद चला गया। तब मैंने अपने ससुर से कहा चलो आज तुम मेरी नयी भाभी की बुर चोदो। तेरा लन्ड उसे पसंद आ जायेगा। ऐसा कह कर उसने लन्ड मेरे हाथ में रख दिया और खुद अपने डैड का लन्ड हिलाने लगी। एक दिन मैं अपनी दोस्त फ़िरोज़ा के घर चली गयी। शाम का समय था। उसने मुझे बैठाया और कहा कोई खास बात तो नहीं एलिगा ? मैंने कहा नहीं कोई ख़ास बात नहीं है। मैं बोर हो रही तो तेरे पास आ गयी। उसने मुझे एक गिलास नीट शराब पिला दी और कहा अब तुम मेरे साथ अंदर कमरे में चलो। मैं थोड़ा नशे में आ गयी और उसके साथ अंदर चली गयी। वहां मैंने देखा की उसकी अम्मी एकदम नंगी नंगी किसी अंकल का लौड़ा चाट रही हैं। मुझे देख कर उसकी अम्मी बोली हाय एलिगा। तुम बहुत मौके पर आयी हो लो फ़िरोज़ा के ससुर का लन्ड पियो। तू तो बुर चोदी अपने ससुर का लन्ड पीती ही है आज अपनी दोस्त के ससुर का लन्ड पियो। मैं तो चाहती यही थी। मैंने हाथ बढ़ाया और लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी। तब तक उसकी अम्मी एक और लौड़ा पकड़े पकड़े मेरे पास गयी और बोली एलिगा अब इसमें से एक लन्ड तू अपनी दोस्त की माँ के भोसड़ा में पेल दे ? वैसे तो फ़िरोज़ा मेरा भोसड़ा चोदने वाली थी लेकिन अब तू आ गई तो तू चोद ले मेरा भोसड़ा। आंटी की इतनी गन्दी गन्दी और अश्लील बातें सुनकर मेरी चूत और गरमा उठी। मैंने पहले वाला ही लन्ड आंटी के भोसड़ा में घुसा दिया और दूसरा लन्ड अपने मुंह में भर कर चूसने लगी। इतने में मैंने देखा की फ़िरोज़ा अपने ही अब्बा का लण्ड पकड़े हुए कमरे में आ गयीं।
मैंने कहा O' MY GOD ! YOU ARE HOLDING YOUR OWN FATHER'S LUND. YOU WANT TO FUCK YOUR FATHER'S LUND ? तुम अपने ही बाप का लन्ड पकड़े हुए हो फ़िरोज़ा ? क्या तुम अपने बाप का लन्ड चोदोगी ? वह मेरी बात सुनकर बोली नहीं यार एलीगा, मेरी शादी के पहले ये मेरा बाप था। शादी के बाद रिश्ते बदल गए और अब ये भोसड़ी का मेरा नंदोई बन गया है। इसकी बिटिया की बुर बहन का भोसड़ा ? अब मैं बनाऊंगी इसके लन्ड की चटनी। भकाभक सबके सामने चोदूँगी इसका लन्ड। मैं अपनी शादी के दिन से ही दनादन चोदती हूँ अपने नंदोई का लन्ड। मेरी अम्मी भी बुर चोदी बन गयी मेरी नन्द ? मैं अम्मी की भी चूत में पेलती हूँ लन्ड ?
मैंने मन में कहा यार मेरे ही घर में नहीं बल्कि हर घर में बहन चोदा चोदी खुलकर होती है। न कोई बाप न कोई माँ ? चुदाई में सब की सब बुर चोदी रंडी हो जातीं हैं। मैंने फिर उन दोनों से खूब जम कर चुदवाया।
तो इस तरह दोस्तों, मैं सबके साथ जवानी का मज़ा लूटती रही और आज भी लूट रही हूँ।
एक दिन मैंने खिड़की से देखा की मेरा ससुर भोसड़ी का नंगा नंगा लेटा हुआ अपने मोटे तगड़े लण्ड का सड़का मार रहा है। मेरी निगाहें उसके लण्ड पर बड़ी देर तक टिकी रहीं। तभी मैंने ठान लिया की मैं ये लण्ड किसी दिन अपनी बुर में पेलूँगी जरूर। मैं कुछ ऐसा करूंगी की मेरा ससुर दौड़ कर मेरी बुर लेगा और तब मैं ख़ुशी ख़ुशी अपनी बुर उसे दे दूँगी. मैं जब शादी के बाद ससुराल गयी तो मेरी नन्द ने मेरी सुहागरात में बहुत हेल्प की। अगर उसने हेल्प न की होती तो मैं अपनी सुहागरात में ही चुदासी रह जाती ? मैं उस रात दुल्हन बनी बैठी थी और अपने हसबैंड का इंतज़ार कर रही थी। मैं मन ही मन सोंच रही थी की वह आएगा तो आहिस्ते से मेरा ढूँढट खोलेगा। मेरा चेहरा देखेगा फिर मेरी तारीफ करेगा। मेरी चूँचियों पर निगाह डालेगा और फिर मेरे पूरे बदन पर हाथ लगा कर प्यार एक्सप्रेस करेगा। फिर वह मुझे अपनी तरफ खींच कर मुझे चिपका लेगा। मेरे कपड़े एक एक करके उतारेगा और मुझे एकदम नंगी कर देगा। फिर मैं उसके कपडे उतारूंगी और उसे नंगा कर दूँगी। मैं उसका लन्ड पकड़ूँगी और वह मेरी चूंचियां पकड़ेगा।मेरी चूत सहलायेगा और मैं उसका लन्ड हिला हिला कर मस्त कर दूँगी। वह मेरी बुर चाटेगा और मैं उसका लन्ड चाटूँगी। थोड़ी देर बाद वह लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ देगा और मैं न न कहते हुए मजे से चुदवाने लगूंगी। बट आई एम् सॉरी की ऐसा कुछ नहीं हुआ। वह आया और मेरे बगल में बैठ गया। उसके मुंह से शराब की महक आ रही थी। मैं समझ गयी की इसने कुछ ज्यादा ही शराब पी ली है. हालांकि मैं भी शराब पीती हूँ पर लिमिट के अंदर सिर्फ मजे के लिए ही।
उसने मेरा घूंघट खोला तो खोला और मेरा चेहरा देख कर मुस्कराया भी पर तारीफ नहीं की। उसने मुझे अपनी तरफ घसीटा भी लेकिन मेरी चूँचियों पर हाथ नहीं लगाया। मैं भी उसकी तरफ बढ़ी पर मैंने भी लन्ड पर हाथ नहीं लगाया। फिर वह खुद ही अपने कपड़े खोलने लगा। थोड़ी देर में वह एकदम नंगा हो गया और मुझे कपड़े उतारने के लिए इशारा किया। मैं भी एक आज्ञाकारी दुल्हन की तरह उसके सामने अपने कपड़े खोलने लगी। मैं भी उसकी तरह एकदम नंगी हो गयी। उसने मुझे लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गया। मेरा हाथ उसके लन्ड पर चला गया। लन्ड तो औसतन ठीक ही था। तन कर खड़ा भी हो गया। लेकिन उसने मुझे लन्ड से खेलने का मौक़ा नहीं दिया। बस दो मिनट में ही लन्ड उसने मेरी चूत में घुसा दिया और चोदने लगा। अफ़सोस की बात यह रही की मैं पूरी तरह गरम भी नहीं हो पायी थी की वह झड़ गया और उसका लन्ड ठंढा पड़ गया। वह बाथ रूम गया और फिर कपड़े पहन कर कमरे के बाहर चला गया। मैं चुदासी ही रह गयी। इस कारनामे में मेरी बहन चोद झांटें सुलग गयीं।
इतने में मेरी नन्द मेरे कमरे में आ गयी। वह बोली मैं तुम्हारी हालत समझ सकती हूँ भाभी। ऐसा करो की तुम अभी अभी मेरे हसबैंड से चुदवा लो। वह तुम्हे चोदने के लिए बेताब हो रहा है। मुझसे कई बार कह चुका है की मुझे भी अपनी भाभी की बुर दिलवाओ। एक बात बताऊँ भाभी। मेरे हसबैंड का लन्ड मेरे भाई के लन्ड से बड़ा भी है और मोटा भी। वो तुम्हे बड़ी देर तक चोदेगा। मैंने कहा ओ माय गॉड तो फिर तू क्या करेगी ? वह बोली अरे भाभी मैं अपने मौसा से चुदवाने जा रही हूँ। बहुत दिन हो गए उससे चुदवाये हुए। मुझे उसके लन्ड की याद आ रही है। मैंने कहा अरे यार तो फिर मौसी बहन चोद क्या करेगी ? वह बोली मेरी मौसी भोसड़ी की मेरे डैड से चुदवा रही है। मैं अभी अभी देख कर आ रही हूँ। और मेरी मॉम बुर चोदी मेरे फादर इन लॉ का लन्ड चूस रही है। इतना ही नहीं भाभी, मेरा डैड मेरी नन्द की बुर ले रहा है। यहाँ आज सब एक दूसरे की बीवी चोद रहें हैं। मेरा हसबैंड अगर अपने भाई की बीवी चोदे तो इसमें कोई हर्ज़ नहीं है।
ऐसा बोल कर वह बाहर गयी और अपने हसबैंड को नंगा करके उसका लन्ड पकड़े हुए फिर मेरे पास आ गयी। मेरी नन्द ने मुझे अपने हसबैंड का लन्ड पकड़ा दिया और खुद अपने मौसा से चुदवाने चली गयी। मैंने जैसे ही उसका लन्ड पकड़ा तो मैं ख़ुशी से झूमने लगी। लन्ड वाकई बड़ा लंबा और मोटा था। उसका सुपाड़ा तो बड़ा खूबसूरत था। मेरी नज़रें बड़ी देर तक वहीँ टिकीं रहीं। मैं लन्ड तो चारों तरफ से घुमा घुमा कर देखने लगी। उसके मस्त चिकने पेल्हड़ मुझे बहुत अच्छे लगे। झांटें एकदम साफ थी। झांटें मेरी भी साफ़ थी। उसने मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया। मैं उसे अपने हसबैंड की तरह प्यार करने लगी। मेरी चूत की आग धधकने लगी। मेरी चूंचियां तन कर खड़ीं हो गयीं। मैंने सोंचने लगी की चलो अच्छा हुआ की एक लन्ड गया तो उससे अच्छा लन्ड आ गया।
बस मैं कुतिया की तरह लन्ड चाटने लगी। तब तक वह भी घूम गया और मेरी चूत कुत्ते की तरह चाटने लगा। हम दोनों 69 बन चुके थे। तब मुझे लगा की वाकई आज मेरी सुहागरात है।
मेरा नाम है दोस्तों एलिगा । मैं २५ साल की हूँ , मेरी खास बात यह है की मैं लन्ड की बहुत बड़ी शौक़ीन हूँ। मैं लन्ड पकड़ने में बड़ी बेशर्म हूँ और चुदवाने में तो उससे ज्यादा। मैं चोदा चोदी में कोई रिस्ता नहीं मानती। यह मैंने अपनी मॉम से सीखा है। इस समय मैं अपने नंदोई मार्क का लन्ड चूस रही हूँ और मुझको मलाल नहीं है बल्कि ख़ुशी है। मैंने नंदोई के ऊपर लेटी हूँ। मेरी गांड की तरफ उसका मुंह है और उसकी गांड की तरफ मेरा मुंह। मैं लन्ड के टोपा पर बार बार थूक कर चाट रही हूँ। मुझे ऐसा करने में घिन नहीं आती बल्कि मज़ा आता है। मुझे लन्ड की लार चाटने में बड़ा मज़ा आता है। तब तक वह बोला एलिगा भाभी तेरी चूत बड़ी स्वादिस्ट है। बिलकुल मेरी बड़ी भाभी की चूत की तरह। मैंने कहा अरे वाह तो क्या तुम अपनी भाभी की बुर लेते हो ? वह बोला हां बिलकुल लेता हूँ। उसकी चूत मुझे बहुत अच्छी लगती है और उसे मेरा लन्ड। मैं आज से तेरी चूत का भी गुलाम हो गया हूँ। मैंने कहा मैं तेरे लन्ड की गुलाम हो गयी हूँ। अब इसे पेल दो मेरी चूत में।
फिर उसने लन्ड मेरी चूत पर टिका दिया और गच्च से अंदर घुसा दिया। मैं बोली उइ माँ फट गयी मेरी चूत ? इतना मोटा लन्ड तूने घुसेड़ दिया ? तुझे बहन चोद रहम नहीं आया मेरी चूत पर मेरे मादर चोद नंदोई। मैंने ऐसा कह कर उसे चिपका लिया और अपनी गांड उचका उचका कर चुदवाने लगी। मैंने फिर कहा हाय मेरे राजा तुम बहुत अच्छी तरह बुर चोदते हो। और चोदो। पूरा घुसा दो लन्ड। मुझे अपनी बीवी समझो और चोदो। मैं तेरी रखैल हूँ मुझे खूब चोदो। मैं तेरी रंडी हूँ भोसड़ी के मार्क मुझे उसी तरह चोदो। हाय तेरा लन्ड बड़ा मज़ा दे रहा है। यार रोज़ आया करो मुझे चोदने। चाहो तो मेरी माँ चोद लो। मेरी बहन चोद लो लेकिन मुझे जरूर चोदो। थोड़ी देर में मैं उसके लन्ड पर चढ़ बैठी और चोदने लगी लन्ड। मैं बोली हाय मार्क मेरे चोदू राजा तेरी बहन का लन्ड। तेरी माँ की चूत । देख मैं चुदवाते समय गाली देती हूँ। मैं जिसको गाली देती हूँ उसको बुर भी देती हूँ। जैसे मैं तुझे बुर दे रही हूँ। मैं मन ही मन अपनी नन्द का थैंक्स दे रही थी और उसके हसबैंड के लन्ड का मज़ा भी ले रही थी।
तब तक सवेरा हो चुका था। नंदोई मुझे चोद कर निकल चुका था। उसके थोड़ी देर बाद नन्द फिर आयी और बोली कैसा लगा तुम्हे मेरे हसबैंड का लन्ड ? मैंने कहा यार ऐसा मस्ताना लन्ड मैंने पहली बार देखा है। उसने तो तो मेरी चूत फाड़ दी। मुझे पहले खलास कर दिया फिर बाद में खुद खलास हुआ। तू ऐसा हसबैंड पाकर बड़ी लकी है मेरी नन्द रानी। वह बोली अरे भाभी मैं इसीलिए मैं सबकी चूत की सेवा करती हूँ। मैंने तो अपनी माँ की चूत में भी उसका लन्ड पेलती हूँ। यह सुनकर मैं बहुत रोमांचित हो गयी। वह फिर बोली भाभी अब तुम मेरे देवर से भी चुदवा लो। वो बिचाराअपना लन्ड खड़ा किये हुए बड़ी देर से बैठा है। उसका देवर तुरंत नंगा नंगा मेरे कमरे में आ गया। मैं उसका लन्ड देख कर मुस्करा पड़ी और पकड़ कर हिलाने लगी लन्ड। फिर मैंने बड़ी मस्ती से उससे भी चुदवाया।
इस तरह मैंने अपनी सुहागरात में ही तीन तीन लन्ड से चुदवा लिया। मैं बहुत बेशरम और बोल्ड बन गयी। मुझे अपनी ससुराल का हाल मालूम हो गया की यहाँ कोई भी किसी की भी बुर चोद लेता है। कोई रोक टोक नहीं है ? मैं इसी बात का फायदा उठाने लगी और मजे से इधर उधर के लोगों से चुदवाने लगी।
ससुर जी को मुठ्ठ मारते हुए पकड़ा
एक दिन रात में १२ बजे मैं उठी तो देखा की मेरे फादर इन लॉ के कमरे की लाइट धीमी धीमी जल रही है। मैं झाँक कर देखने लगी। मैंने जो देखा उसे देख कर दंग रह गयी। मैंने देखा की वह बिस्तर पर एकदम नंगा लेटा है और अपना खड़ा लन्ड हिला रहा है। लन्ड मुठ्ठी में लेकर ऊपर नीचे कर रहा है। अपने लन्ड का सड़का मार रहा है। मुठ्ठ मार रहा है बहन चोद अपने लन्ड का। मुंह से कुछ बुदबुदा भी रहा है। लन्ड देख कर तो मैं पागल हो गयी। साला इतना बड़ा और मोटा लन्ड तो मेरे नंदोई का भी नहीं है। मेरी चूत गीली हो गयी और मेरे मुंह से लार टपकने लगी। मैं बेशरम तो हो ही चुकी थी। मैंने सोंचा की जब मेरी सास अपने दामाद से चुदवाती है तो मैं अपने ससुर से क्यों नहीं चुदवा सकती ? जब मेरी नन्द अपने ससुर का लन्ड हिलाती है तो फिर मैं क्यों नहीं अपने ससुर का लन्ड हिला सकती ?
बस मैं धड्डले से अंदर घुस गयी। मैंने कहा वाओ, इतना बड़ा लन्ड ! इतना मोटा लन्ड ! वह मुझे देख कर थोड़ा सकपका गया और अपना लन्ड अपने दोनों हाथों से ढक लिया। मैंने कहा ससुर जी तुम इसे अपने हाथ से हिला रहे हो ? मैं किसलिए हूँ ? मैं पकड़ूँगी तेरा लन्ड। मैं हिलाऊंगी तेरा लन्ड ? मैं मारूंगी तेरे लन्ड का सड़का ? मुझे लन्ड का मुठ्ठ मारना आता है ससुर जी। तब उसकी शर्म ख़तम हो गयी। मैंने हाथ बढाकर लन्ड पकड़ लिया। मेरे पकड़ते ही लन्ड साला और कड़क हो गया। वह बोला एलिगा बहू देखो न तेरे हाथ में जाकर कितना बड़ा हो गया साला। मैंने कहा भोसड़ी के ससुर जी लन्ड मर्दों के हाथ में नहीं औरतों के हाथ में अच्छा लगता है। मर्दों के हाथ में तो चूंचियां अच्छी लगती है। लो पकड़ो मेरी चूंचियां। मैंने जैसे ही उसे चूंचियां खोल कर दिखाई तो उसके तो होश उड़ गए। उसने गचगचाकार पकड़ ली मेरी चूंचियां और मसलने लगा। मैंने फिर कहा ससुर जी अब आज से तुम मुझसे ही सड़का मरवाना। मैं सड़का मार कर लन्ड पीती हूँ।
तब तक मैं भी पूरी नंगी हो चुकी थी। मैंने लन्ड की कई चुम्मियां ली और सुपाड़ा जबान निकाल कर चाटा। पेल्हड़ चाटे और पूरे लन्ड परअपनी जबान फिराया। वह मस्त होने लगा और मैं भी ८" + का लन्ड पाकर मस्त हो गयी। ससुर भी मेरे रंग में रंग गया। वह मेरी चूत चाटने लगा और मेरी गांड पर हाथ फेरने लगा। मैंने कहा वाओ, क्या तुम गांड भी मारते हो ? वह बोला हां बहू मुझे अगर किसी गांड अच्छी लगती है तो जरूर मारता हूँ। मैं अपनी साली की गांड मारता हूँ और साली बेटी की भी गांड मारता हूँ। जो मरवाना चाहती है उसी की गांड मारता हूँ बाकी सबकी चूत चोदता हूँ। मुझे अपनी बड़ी बहू की बुर चोदने में बड़ा मज़ा आता है। माँ की लौड़ी बड़ी मस्त होकर चुदवाती है मुझसे। मैंने कहा अरे वाह तुम भोसड़ी के इतने हरामी होंगे मुझे नहीं मालूम था। इसका मतलब तुम तो हर रोज़ मेरी बुर चोदोगे ? उसने कहा अरे एलिगा लन्ड का काम ही यही है। लन्ड जब खड़ा हो जाता है मैं उसे किसी की भी बुर में घुसेड़ देता है। चाहे वो बेटी की बुर हो, चाहे माँ की बुर हो, बहू की बुर हो, साली की बुर हो, भाभी की बुर हो, बहन की बुर हो, मैं इसकी कतई परवाह नहीं करता। मैंने कहा ओ माय गॉड, तेरी बहन का लन्ड, तेरी बिटिया की बुर, तेरी साली की गांड, तेरी बहू की चूत, तू माँ का लौड़ा बहुत बड़ा ऐय्याश आदमी है।
मेरी गालियां सुनकर उसके लन्ड में दूना जोश भर गया और फिर उसने मुझे पटक कर लन्ड मेरी चूत में पेल दिया। वह मुझे धकाधक चोदने लगा और मैं भी रंडी की तरह चुदवाने लगी। लेकिन मेरा मन अभी लन्ड से खेलने का था। मैं कुछ बोली नहीं और अपने ससुर को मन मानी करने दिया। मैंने सोंच लिया की ये जिस तरह से चाहे उस तरह से मुझे चोदे। मैं मना नहीं करूंगी लेकिन मैं चुदाई में सहयोग करूंगी। इसलिए मैं भी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। मुझे भी इतने मोटे और मस्त मलंग लन्ड से चुदवाने में मज़ा आने लगा था। मैंने सोंचा की ये मरदाना लन्ड आज पहली बार मेरी चूत में घुसा है तो मैं उसका पूरा आनंद लूंगी। थोड़ी देर में वह बोला बहू अब मैं तुम्हे पीछे से चोदूंगा। मैंने कहा चोद लो ससुर जी मेरी ये बुर चोदी चूत तेरे लिए ही है। वह मुझे कुत्ते की तरह चोदने लगी और मैं भी मादर चोद कुतिया बन गयी।
उसका लन्ड पूरे ताव पर था। कमरा धच्च धच्च, भच्च भच्च, गच्च गच्च की आवाजों से गूंजने लगा। चुदाई की आवाज़ मुझे बहुत प्यारी लगती है। मैं चुदाई की आवाज़ खूब एन्जॉय करती हूँ। फिर वह बोला बहू अब तुम मेरे लन्ड पर बैठ जाओ। मैं लन्ड पर बैठ गयी। मैंने अपना मुंह उसके मुंह की तरफ रखा और थोड़ा झुक गयी। लन्ड तो पूरा मेरी चूत में घुसा था। मैं झुककर अपनी गांड उठा उठा के लन्ड पर पटकने लगी। मैं वास्तव में चोदने लगी लन्ड। मैंने कहा भोसड़ी के ससुर अब तुम चुपचाप लेटे रहो, मैं चोदूंगी तेरा लन्ड। अब मैं तेरे लन्ड की माँ बहन चोदूंगी।मैंने स्पीड बढ़ा दी तो वह बोला अरे वाह तुम तो सही में लन्ड चोद रही हो बहू। मेरे लन्ड को आजतक इस तरह से किसी ने नहीं चोदा। मेरी बेटी को भी सिखा दो लन्ड चोदना बहू। वो भी सबके लन्ड इसी तरह चोदेगी तो सबको खूब मज़ा आएगा।
उसकी मस्ती बढ़ी तो वह बोला अरे यार अब मैं खलास होने वाला हूँ। तभी मैं लन्ड से उतरी और लन्ड मुठ्ठी में ले लिया। मैं मजे से लन्ड का मुठ्ठ मारने लगी। मैंने कहा ससुर जी अब मुझे तेरे लन्ड का मुठ्ठ मारने में ज्यादा मज़ा आ रहा है। लन्ड का टोपा फूल चुका था। लन्ड का रस बस निकलने ही वाला था। मैं अपना मुंह लन्ड के सामने ही खोले हुए थी। उसने कहा ओ, हो, उइ, हां, हे हो, आ ये, उइ, हां लो मैं निकल गया और उसकी पिचकारी छूट कर सीधे मेरे मुंह में गिरी। मैं सारा सीमेन गटक गयी और मस्ती से चाटने लगी लन्ड का सुपाड़ा। फिर हम दोनों बाथ रूम गए। मैंने उसका लन्ड धोया और उसे खूब अच्छी तरह नहलाया। उसने मेरी चूत और चूंची पर साबुन लगा कर मुझे नहलाया। फिर हम दोनों नंगे नंगे सोफा पर आकर बैठ गए। दरवाजा इत्तिफाक से खुला ही रह
गया।
अचानक उसी कमरे में मेरी नन्द आ गयी। वह भी एकदम नंगी थी और उसके हाथ में था एक नंगा लन्ड। वह
बोली हाय भाभी देखो ये है मेरा ससुर। तुमने अपने फादर इन लॉ का लन्ड चोदा। अबकी बार तुम मेरे फादर इन लॉ का लन्ड चोदो। मैं अपने ससुर के साथ बाहर से तेरी चुदाई बड़ी देर से देख रहीं थी। चुदाई ख़तम होने के बाद हम लोग तेरे पास आये हैं। वास्तव में मैं अपने कमरे से अपने बॉय फ्रेंड से चुदवा रही थी। तभी मेरे ससुर वहां आ गया। मुझे इसने चुदवाते हुए देख लिया। तो मैंने कहा मादर चोद जब तूने मुझे चुदवाते हुए देख ही लिया है तो तुम भी मुझे चोदो। खोलो अपना लन्ड और पेल दो मेरी चूत में। ये भी जोश में आ गया और फिर दोनों मिलकर मुझे चोदने लगे। मेरा बॉय फ्रेंड मुझे चोदने के बाद चला गया। तब मैंने अपने ससुर से कहा चलो आज तुम मेरी नयी भाभी की बुर चोदो। तेरा लन्ड उसे पसंद आ जायेगा। ऐसा कह कर उसने लन्ड मेरे हाथ में रख दिया और खुद अपने डैड का लन्ड हिलाने लगी। एक दिन मैं अपनी दोस्त फ़िरोज़ा के घर चली गयी। शाम का समय था। उसने मुझे बैठाया और कहा कोई खास बात तो नहीं एलिगा ? मैंने कहा नहीं कोई ख़ास बात नहीं है। मैं बोर हो रही तो तेरे पास आ गयी। उसने मुझे एक गिलास नीट शराब पिला दी और कहा अब तुम मेरे साथ अंदर कमरे में चलो। मैं थोड़ा नशे में आ गयी और उसके साथ अंदर चली गयी। वहां मैंने देखा की उसकी अम्मी एकदम नंगी नंगी किसी अंकल का लौड़ा चाट रही हैं। मुझे देख कर उसकी अम्मी बोली हाय एलिगा। तुम बहुत मौके पर आयी हो लो फ़िरोज़ा के ससुर का लन्ड पियो। तू तो बुर चोदी अपने ससुर का लन्ड पीती ही है आज अपनी दोस्त के ससुर का लन्ड पियो। मैं तो चाहती यही थी। मैंने हाथ बढ़ाया और लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी। तब तक उसकी अम्मी एक और लौड़ा पकड़े पकड़े मेरे पास गयी और बोली एलिगा अब इसमें से एक लन्ड तू अपनी दोस्त की माँ के भोसड़ा में पेल दे ? वैसे तो फ़िरोज़ा मेरा भोसड़ा चोदने वाली थी लेकिन अब तू आ गई तो तू चोद ले मेरा भोसड़ा। आंटी की इतनी गन्दी गन्दी और अश्लील बातें सुनकर मेरी चूत और गरमा उठी। मैंने पहले वाला ही लन्ड आंटी के भोसड़ा में घुसा दिया और दूसरा लन्ड अपने मुंह में भर कर चूसने लगी। इतने में मैंने देखा की फ़िरोज़ा अपने ही अब्बा का लण्ड पकड़े हुए कमरे में आ गयीं।
मैंने कहा O' MY GOD ! YOU ARE HOLDING YOUR OWN FATHER'S LUND. YOU WANT TO FUCK YOUR FATHER'S LUND ? तुम अपने ही बाप का लन्ड पकड़े हुए हो फ़िरोज़ा ? क्या तुम अपने बाप का लन्ड चोदोगी ? वह मेरी बात सुनकर बोली नहीं यार एलीगा, मेरी शादी के पहले ये मेरा बाप था। शादी के बाद रिश्ते बदल गए और अब ये भोसड़ी का मेरा नंदोई बन गया है। इसकी बिटिया की बुर बहन का भोसड़ा ? अब मैं बनाऊंगी इसके लन्ड की चटनी। भकाभक सबके सामने चोदूँगी इसका लन्ड। मैं अपनी शादी के दिन से ही दनादन चोदती हूँ अपने नंदोई का लन्ड। मेरी अम्मी भी बुर चोदी बन गयी मेरी नन्द ? मैं अम्मी की भी चूत में पेलती हूँ लन्ड ?
मैंने मन में कहा यार मेरे ही घर में नहीं बल्कि हर घर में बहन चोदा चोदी खुलकर होती है। न कोई बाप न कोई माँ ? चुदाई में सब की सब बुर चोदी रंडी हो जातीं हैं। मैंने फिर उन दोनों से खूब जम कर चुदवाया।
तो इस तरह दोस्तों, मैं सबके साथ जवानी का मज़ा लूटती रही और आज भी लूट रही हूँ।
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